भारत-चीन भूल रहे आपसी मतभेद, क्या यह अमेरिका के लिए चुनौती है?

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लंबे समय बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को हल करने की सहमति बनी है और इसके साथ ही दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने की उम्मीद भी बढ़ गई है। इसकी एक झलक रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भी दिखी, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वार्ता हुई। बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 भारतीय सैनिकों के साथ कई चीनी सैनिक मारे गए थे।तबसे ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। अब इतने सालों के बाद दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आते दिख रहे हैं।

अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत-चीन संबंधों में नरमी अमेरिका के लिए नई चुनौती पेश कर सकती है? दरअसल, यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और अपने यहां आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों में भारत को घेरने की लगातार कोशिशें की हैं। अमेरिका ने न केवल निज्जर की हत्या मामले में कनाडा के कंधे पर हाथ रखकर भारत की तरफ आंखें तरेर रहा है बल्कि पन्नू मामले में भारत पर लगातार दबाव बनाना चाह रहा है।

हालांकि, अमेरिका भारत पर भरोसा करता है कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को रोके रखने का सबसे बड़ा जरिया है। भारत-चीन सीमा गतिरोध के समाधान की संभावना के प्रति अमेरिकी संदेह भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में चीन की भूमिका से उपजा है। चूंकि अमेरिका को लगता है कि भारत को इंडो-पैसिफिक में चीनी प्रभाव को रोकने के साथ-साथ चीन द्वारा ताइवान पर संभावित आक्रमण की स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, इसलिए उसने भारत के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाई है जिसमें महत्वपूर्ण तकनीक साझा करना और विनिर्माण के लिए चीन के विकल्प के रूप में भारत का समर्थन करना शामिल है। हाल ही में, भारत और अमेरिका ने अमेरिकी सशस्त्र बलों और सहयोगी सेनाओं के साथ-साथ भारतीय रक्षा बलों को उन्नत चिप्स की आपूर्ति करने के लिए भारत में एक संयुक्त सेमीकंडक्टर फ़ैब की योजना बनाई है। स्पष्ट चीन कोण के साथ, भारत और अमेरिका ने हाल ही में 31 प्रीडेटर ड्रोन के अधिग्रहण के लिए 32,000 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं, जिन्हें भारतीय सेना , नौसेना और वायु सेना के बीच वितरित किया जाएगा। यह अधिग्रहण हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ चीन अपनी नौसैनिक उपस्थिति का तेज़ी से विस्तार कर रहा है और टर्नअराउंड सुविधाएँ स्थापित कर रहा है।

हालांकि, ये कहना जल्दबादजी होगी कि भारत और चीन के बीच सीमा पर मतभेद पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। भारत और चीन के बीच इतना अधिक अविश्वास और अतीत का बोझ है कि वे किसी भी तरह के घनिष्ठ सहयोग की अनुमति नहीं दे सकते जो अमेरिका या पश्चिम के लिए चुनौती बन जाए।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान, भारत-चीन साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया। जिसमें अहमदाबाद, वुहान और महाबलीपुरम में तीन बार शी और मोदी की मुलाकात शामिल थी। बावजूद इसके सीमा पर चीन की आक्रामकता दिखी पहले डोकलाम और फिर गलवान में।

मार्केट खुलने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग तो कर रहे, पर कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रहा, जानें ताजा अपडे

शेयर बाजार बीते कई दिनों से निवेशकों को चौंका रहा है. मार्केट ओपन होने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जहां जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग कर रहे हैं, तो वहीं कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रही है और अंत में दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूटकर बंद हो रहे हैं. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex शुरुआत में 135 अंक उछला, तो कुछ ही मिनटों में ये 227 अंक फिसल गया.

80000 के नीचे आया Sensex

सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी शेयर बाजार हैरान करता नजर आ रहा है. सुस्त ग्लोबल संकेतों के बीच भी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ग्रीन जोन में ओपन हुए थे. BSE Sensex ने हरे निशान पर कारोबार की शुरुआत की और 135 अकं उछलकर 80,215 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया. लेकिन अचानक से ये शुरुआती तेजी पीछे छूट गई और सेंसेक्स रेड जोन में आ गया. खबर लिखे जाने तक सुबह 9.35 बजे पर Sensex 227.82 अंक फिसलकर 79,854.16 के लेवल पर कारोबार कर रहा था.

Nifty भी शुरुआती तेजी से फिसला

सेंसेक्स ही नहीं, निफ्टी भी इसके कदम से कदम मिलाकर चलता हुआ नजर आया और देखते ही देखते करीब 90 अंक की गिरावट के साथ फिसलकर 24,341.20 के लेवल पर आ गया. इससे पहले बुधवार को निफ्टी 37 अंक टूटकर 24,435 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्‍स 138 अंक टूटकर 80,081 पर क्‍लोज हुआ था. बैंक निफ्टी समेत स्‍मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्‍स में भी गिरावट देखी गई थी.

खुलते ही बिखरे ये 10 शेयर

गुरुवार को मार्केट में अचानक आई गिरावट के बीच सबसे ज्यादा बिखरने वाले 10 शेयरों के बारे में तो बता दें कि BSE लार्जकैप कैटेगरी में शामिल 20 में से 16 शेयर खबर लिखे जाने तक लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. इनमें शामिल HUL Share 5.29% की गिरावट के साथ 2515.10 रुपये पर, जबकि Nestle India Share 1.70% गिरकर 2287.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था. इसके अलावा Bharti Airtel Share भी 1.50% तक टूटा और 1661 रुपये पर ट्रेड कर रहा था

मिड और स्मालकैप शेयरों का हाल

मिडकैप कैटेगरी में शामिल KPI Tech Share 7.62% फिसलकर 1507.80 रुपये पर, Escorts Share 7.36% की गिरावट लेकर 3430.25 रुपये, PEL Share 2.81% टूटकर 1015.55 रुपये पर था. वहीं दूसरी ओर स्मालकैप कैटेगरी की कंपनियों में शामिल JCHAC Share 10.03%, Haritage Food Share 5%, KICL Share 5%, Reltd Share 4.99% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.

इंडिया गठबंधन दल में शामिल आरजेडी ने भी 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा, कोडरमा से सुभाष यादव को भी मिला टिकट

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर पिछले चार दिनों से INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चल रहे विवाद का मंगलवार को समाधान हो गया। आरजेडी ने गठबंधन के तहत ही अपने छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारे को लेकर शुरुआत में जो खींचतान थी अब सहमति बन गई है।

राजद ने जिन उम्मीदवारों के नामो को शामिल किया इस प्रकार है :

आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव ने मंगलवार की देर शाम को यह जानकारी दी। देवघर, हुसैनाबाद और गोड्डा में फिर पुराने नेताओं को मौका मिला है।

1. देवघर से सुरेश पासवान

2. गोड्डा से संजय प्रसाद

3. कोडरमा से सुभाष यादव 

4. चतरा से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मी प्रकाश को टिकट मिला है।

5. विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह

6. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी से टिकट मिला है।

बता दें, कोडरमा से प्रत्याशी सुभाष यादव फिलहाल जेल में हैं। वो जेल से ही चुनाव लड़ेंगे। बता दे झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव चार दिनों से रांची में कैंप कर रहे थे। इस दौरान तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कई दौर की बातचीत हुई। वहीं तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के आला नेताओं से भी बातचीत की।

राष्ट्रीय जनता दल ने भी 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामो की घोषणा, जेल से ही चुनाव लड़ेंगे सुभाष यादव चुनाव


झारखंड विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर पिछले चार दिनों से INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चल रहे विवाद का मंगलवार को समाधान हो गया। आरजेडी ने गठबंधन के तहत ही अपने छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारे को लेकर शुरुआत में जो खींचतान थी अब सहमति बन गई है।


राजद ने जिन उम्मीदवारों के नामो को शामिल किया इस प्रकार है :

आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव ने मंगलवार की देर शाम को यह जानकारी दी।

1. देवघर से सुरेश पासवान
2. गोड्डा से संजय प्रसाद
3. कोडरमा से सुभाष यादव
4. चतरा से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मी प्रकाश को टिकट मिला है।
5. विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह
6. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी  से टिकट मिला है।

Easwaran, Abishek, Mukesh named in India A squad for Australia tour
*Sports News*



*Khabar kolkata News Desk:*  Bengal star opener Abhimanyu Easwaran, wicket-keeper batsman Abishek Porel and fast bowler Mukesh kumar has been named in the India A squad for the forthcoming Australia tour, it was announced by BCCI on Monday.

All eyes will be on in-form Easwaran, who has been rewarded for his consistent run, ahead of India’s Test series against Australia.

Easwaran, who is the vice-captain of India A, has been in superb form in the domestic circuit for the last couple of seasons. In this season, he scored two hundreds in the Duleep Trophy, another ton in the Irani Cup, and began the Ranji Trophy season with a century for Bengal.

On the other hand, it is an incredible opportunity for the young and talented Abishek to gather immense experience from the overseas tour. Mukesh will also aim to do well and make an impact in Australia.

India A are scheduled to take on Australia A in two first-class matches.  They then play against India squad in a warm-up match.

India A team,Ruturaj Gaikwad (C), Abhimanyu Easwaran (VC), Sai Sudharsan, Nitish Kumar Reddy, Devdutt Padikkal, Ricky Bhui, Baba Indrajith, Ishan Kishan (WK), Abishek Porel (WK), Mukesh Kumar, Khaleel Ahmed, Yash Dayal, Navdeep Saini, Manav Suthar, Tanush Kotian.

*Pic Courtesy by:CAB*
Uniting Bharat: The Grannus Organization Revolutionizes Volunteering Across India

 

Imagine a world where every woman feels protected, every child is safe, the hungry are fed, and citizens unite in times of natural disasters or emergencies to support local authorities. People in India have long desired to contribute to the greater good through volunteering, but a major challenge has been how to unite these efforts on a large scale. Across the country, small social groups form to take on local tasks, but scaling these groups to a national level has been difficult—until now.

A groundbreaking solution has emerged from Ahmedabad, where the Grannus organization, a technology-driven organisation, has designed the Grannus PHPN App to bring people across Bharat together for a common purpose: helping others in need. PHPN, or "People Helping People Network," is exactly what the name suggests—a platform connecting citizens from all parts of India through cutting-edge technology. This app, powered by Grannus’ unique DGBSI SRPP/RTPP model, is particularly effective in mobilizing volunteers during emergencies.

Leadership and Vision

The Grannus PHPN project operates under the guidance of a highly respected figure in Gujarat, Geetha Johri, the former Director General of Police (DGP) of Gujarat, who now serves as the President of Grannus Organization. Alongside her, Mayank Shah, a social entrepreneur and the CEO of Grannus Organization, envisioned this platform as a means to unite people through social-interest-based integration through his unique idea of making DGBSI SRPP/RTPP model for emergency management. The brilliant coding to make this technology live was done by Chirag Patel.

“We are leveraging digitalization to tackle India's most pressing social issues,” says Mayank Shah. “Grannus connects citizens who are committed to societal betterment by organizing them based on their location and social interests. Our app facilitates everything from ensuring women’s safety, locating missing persons, and managing medical emergencies, to responding to national crises and natural disasters. We also support food donation drives and environmental initiatives. Users can register for free, select their areas of interest, and receive real-time alerts when their assistance is needed. Together, we can create a safer, more connected community.”

 A Rising Success in Gujarat

Since its launch, the Grannus PHPN app has gained viral popularity in Gujarat, even trending at number one on the Google Play Store for several days. It is now the highest-rated Indian app focused on social issues. The app has drawn praise from prominent figures, including Gujarat’s Chief Minister, Bhupendra Bhai Patel, and various IAS and IPS officers, who have commended Grannus for its successful projects, particularly during the COVID-19 pandemic.

How It Works

Joining the movement is simple. Volunteers can download the Grannus PHPN app from the Google Play Store, select their social interests—ranging from women's safety and disaster response to environmental work—and receive notifications when their help is needed. Users can choose one or more interests, and the app connects them with nearby volunteering opportunities, whether with local NGOs or during emergencies in their vicinity.

A Vision for National Impact

“Our population, often seen as a challenge, can become our greatest asset,” explains Shah. “The government is working tirelessly to address social issues, but by connecting people and empowering them with volunteering opportunities, we can solve many of our country's problems together.”

Under the administrative leadership of Geetha Johri, the project is poised to expand beyond Gujarat and make a significant impact across the nation. The Grannus PHPN app has the potential to transform India’s social landscape, bringing together communities and creating a brighter, safer future for all.


बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

#rsschiefmohanbhagwatwarnedindiabygivingexampleofbangladesh

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

#rsschiefmohanbhagwatwarnedindiabygivingexampleofbangladesh

“बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

CAB felicitates Easwaran on 100th First-Class match achievement
*Sports News*



*Desk:* CAB on Friday felicitated Bengal star opener Abhimanyu Easwaran, commemorating his achievement of playing in 100th First-Class match.

CAB Hony Secretary Naresh Ojha, CAB Vice-President Amalendu Biswas, CAB Hony Treasurer Prabir Chakrabarty and CAB Hony Joint Secretary Debabrata Das felicitated Easwaran at the Bengal Cricket Academy in Kalyani.

Mr Ojha presented Easwaran with a silver plaque and congratulated the batsman for this incredible achievement. Mr Chakrabarty presented Easwaran with a shawl.

"We congratulate Abhimanyu for this incredible achievement. He has been in top form recently. We wish him best for the forthcoming matches. We hope he plays and brings success for India for a long time," Mr Ojha said.

Easwaran was thrilled on being felicitated by CAB. He said, "I thank CAB for honouring me on my 100th First-Class match. I will aim to keep performing for my team."

Srimanta Mallick, Chairman CAB Observer Committee, conducted the felicitation perfectly. Mr Mallick heaped praise on Easwaran for achieving the feat.

Bengal head coach Laxmi Ratan Shukla also congratulated Easwaran. The entire Bengal and Bihar team were present for the felicitation. All the players, support staff present applauded Easwaran's achievement. *Pic Courtesy by:CAB*
दिल्ली में सर्दियों का केहर: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के 13 हॉटस्पॉट की पहचान की, हुआ पैनल का गठन
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India Gate in winters (Tripoto)दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता को लेकर चिंताएं बढ़ने के बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने दिल्ली में 13 स्थानों पर प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया है, जहां वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” स्तर पर पहुंच गई है।मंत्री ने उल्लेख किया कि जबकि पूरी दिल्ली में वायु गुणवत्ता “खराब” है, लेकिन इन 13 हॉटस्पॉट पर यह विशेष रूप से “बहुत खराब” है, क्योंकि इन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से अधिक हो गया है। सर्दी आ रही है और वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। मंत्री ने कहा, "दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है।"  गोपाल राय के अनुसार, 13 हॉटस्पॉट पहचाने गए क्षेत्र नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर के पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका सेक्टर-8 हैं। राय ने कहा, "दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है, लेकिन 13 हॉटस्पॉट में प्रदूषण बढ़ रहा है। इन 13 हॉटस्पॉट के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया है, वहां के स्रोतों की पहचान की गई है और एमसीडी डीसी को इसका प्रभारी बनाया गया है।"  प्रदूषण समन्वय समिति क्या करेगी?दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि समिति का नेतृत्व दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त करेंगे और डीपीसीसी इंजीनियरों को सभी हॉटस्पॉट पर 'प्रदूषण वार रूम' को दैनिक रिपोर्ट प्रदान करने के लिए नियुक्त किया गया है। "कल वे जमीन का दौरा करेंगे। मंत्री ने कहा, "लोक निर्माण विभाग द्वारा मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात की जाएंगी, ताकि वहां धूल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।" उन्होंने यह भी बताया कि इन 13 हॉटस्पॉट पर 300 से अधिक AQI में योगदान देने वाले प्रमुख कारक के रूप में धूल की पहचान की गई है, और बताया कि इन क्षेत्रों में धूल के स्तर को कम करने के लिए 80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात की गई हैं।
ताइवान ने मुंबई में खोला कॉन्सुलेट तो चीन को लग गई मिर्ची, जानें क्या कहा?

#chinafumesoverindiaastaiwanopensconsulatein_mumbai

भारत और चीन आपसी रिश्तों को संभालने की लाख कोशिश कर लेकिन जो सच्चाई है वो किसी से छुपी नहीं है। अपने पड़ोसियों के मामलों में अपनी नाक अड़ाने वाले चीन ने ताइवान को लेकर भारत को नसीहत दी है।चीन ने भारत से ताइवान के मामलों को "विवेकपूर्ण तरीके से" संभालने की सलाह दी है। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि नई दिल्ली को ऐसी कार्रवाइयों से बचना चाहिए जो चीन-भारत संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं। दरअसल, ड्रैगन को ये तिममिलाहट मुंबई में ताइवान के ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (टीईसीसी) के नए कार्यालय को लेकर हुई हैं।

ताइवान ने भारत की धरती पर एक नया वााणिज्‍य दूतावास खोला है। यह बात चीन को नागवार गुजरी है। ताइवन के भारत में वाणिज्‍य दूतावास पहले से ही दिल्‍ली और चेन्‍नई में मौजूद हैं। भारत और ताइवान की बढ़ती नजदीकियों से चीन ने कड़वाहट “उगली” है। अब भारत के इस मित्र देश ने अपना नया दूतावास देश की आर्थिक राजधानी यानी मुंबई में खोला है। इसके बाद चीन की तरफ से कहा गया कि ताइवान के मामलों को भारत विवेकपूर्ण तरीके से डील करे।

चीन के प्रवक्‍ता ने क्‍या कहा?

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चीन बीजिंग के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों द्वारा ताइवान के साथ किसी भी तरह के आधिकारिक संपर्क का विरोध करता है। “चीन ने भारतीय पक्ष के समक्ष गंभीर प्रतिनिधित्व दर्ज कराया है। वन चाइना पॉलिसी भारतीय पक्ष द्वारा की गई एक गंभीर राजनीतिक प्रतिबद्धता और चीन-भारत संबंधों की राजनीतिक नींव है। चीन भारत से आग्रह करता है कि वह अपनी प्रतिबद्धताओं का सख्ती से पालन करे, ताइवान से संबंधित मुद्दों को विवेकपूर्ण और उचित तरीके से संभाले और ताइवान के साथ किसी भी प्रकार का आधिकारिक आदान-प्रदान करने से परहेज करे।”

ताइवान को चीन अपना क्षेत्र मानता है

बता दें कि ताइवान को चीन अपना क्षेत्र मानता है। हाल ही में ड्रैगन ने इस द्वीप के आसपास युद्धाभ्‍यास करके दबदबा जाहिर किया। वह बात अलग है कि ताइवान ड्रैगन के दावों को सिरे से नकारता है। उसकी संप्रभुता और अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिनिधित्व को भारत, अमेरिका समेत कई देश मान्यता देते हैं। चीन ऐसे देशों से खार खाता है।

भारत-चीन भूल रहे आपसी मतभेद, क्या यह अमेरिका के लिए चुनौती है?

#india_china_are_burying_hatchet_a_challenge_for_us

लंबे समय बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को हल करने की सहमति बनी है और इसके साथ ही दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने की उम्मीद भी बढ़ गई है। इसकी एक झलक रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भी दिखी, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वार्ता हुई। बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 भारतीय सैनिकों के साथ कई चीनी सैनिक मारे गए थे।तबसे ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। अब इतने सालों के बाद दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आते दिख रहे हैं।

अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत-चीन संबंधों में नरमी अमेरिका के लिए नई चुनौती पेश कर सकती है? दरअसल, यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और अपने यहां आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों में भारत को घेरने की लगातार कोशिशें की हैं। अमेरिका ने न केवल निज्जर की हत्या मामले में कनाडा के कंधे पर हाथ रखकर भारत की तरफ आंखें तरेर रहा है बल्कि पन्नू मामले में भारत पर लगातार दबाव बनाना चाह रहा है।

हालांकि, अमेरिका भारत पर भरोसा करता है कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को रोके रखने का सबसे बड़ा जरिया है। भारत-चीन सीमा गतिरोध के समाधान की संभावना के प्रति अमेरिकी संदेह भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में चीन की भूमिका से उपजा है। चूंकि अमेरिका को लगता है कि भारत को इंडो-पैसिफिक में चीनी प्रभाव को रोकने के साथ-साथ चीन द्वारा ताइवान पर संभावित आक्रमण की स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, इसलिए उसने भारत के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाई है जिसमें महत्वपूर्ण तकनीक साझा करना और विनिर्माण के लिए चीन के विकल्प के रूप में भारत का समर्थन करना शामिल है। हाल ही में, भारत और अमेरिका ने अमेरिकी सशस्त्र बलों और सहयोगी सेनाओं के साथ-साथ भारतीय रक्षा बलों को उन्नत चिप्स की आपूर्ति करने के लिए भारत में एक संयुक्त सेमीकंडक्टर फ़ैब की योजना बनाई है। स्पष्ट चीन कोण के साथ, भारत और अमेरिका ने हाल ही में 31 प्रीडेटर ड्रोन के अधिग्रहण के लिए 32,000 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं, जिन्हें भारतीय सेना , नौसेना और वायु सेना के बीच वितरित किया जाएगा। यह अधिग्रहण हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ चीन अपनी नौसैनिक उपस्थिति का तेज़ी से विस्तार कर रहा है और टर्नअराउंड सुविधाएँ स्थापित कर रहा है।

हालांकि, ये कहना जल्दबादजी होगी कि भारत और चीन के बीच सीमा पर मतभेद पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। भारत और चीन के बीच इतना अधिक अविश्वास और अतीत का बोझ है कि वे किसी भी तरह के घनिष्ठ सहयोग की अनुमति नहीं दे सकते जो अमेरिका या पश्चिम के लिए चुनौती बन जाए।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान, भारत-चीन साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया। जिसमें अहमदाबाद, वुहान और महाबलीपुरम में तीन बार शी और मोदी की मुलाकात शामिल थी। बावजूद इसके सीमा पर चीन की आक्रामकता दिखी पहले डोकलाम और फिर गलवान में।

मार्केट खुलने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग तो कर रहे, पर कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रहा, जानें ताजा अपडे

शेयर बाजार बीते कई दिनों से निवेशकों को चौंका रहा है. मार्केट ओपन होने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जहां जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग कर रहे हैं, तो वहीं कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रही है और अंत में दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूटकर बंद हो रहे हैं. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex शुरुआत में 135 अंक उछला, तो कुछ ही मिनटों में ये 227 अंक फिसल गया.

80000 के नीचे आया Sensex

सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी शेयर बाजार हैरान करता नजर आ रहा है. सुस्त ग्लोबल संकेतों के बीच भी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ग्रीन जोन में ओपन हुए थे. BSE Sensex ने हरे निशान पर कारोबार की शुरुआत की और 135 अकं उछलकर 80,215 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया. लेकिन अचानक से ये शुरुआती तेजी पीछे छूट गई और सेंसेक्स रेड जोन में आ गया. खबर लिखे जाने तक सुबह 9.35 बजे पर Sensex 227.82 अंक फिसलकर 79,854.16 के लेवल पर कारोबार कर रहा था.

Nifty भी शुरुआती तेजी से फिसला

सेंसेक्स ही नहीं, निफ्टी भी इसके कदम से कदम मिलाकर चलता हुआ नजर आया और देखते ही देखते करीब 90 अंक की गिरावट के साथ फिसलकर 24,341.20 के लेवल पर आ गया. इससे पहले बुधवार को निफ्टी 37 अंक टूटकर 24,435 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्‍स 138 अंक टूटकर 80,081 पर क्‍लोज हुआ था. बैंक निफ्टी समेत स्‍मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्‍स में भी गिरावट देखी गई थी.

खुलते ही बिखरे ये 10 शेयर

गुरुवार को मार्केट में अचानक आई गिरावट के बीच सबसे ज्यादा बिखरने वाले 10 शेयरों के बारे में तो बता दें कि BSE लार्जकैप कैटेगरी में शामिल 20 में से 16 शेयर खबर लिखे जाने तक लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. इनमें शामिल HUL Share 5.29% की गिरावट के साथ 2515.10 रुपये पर, जबकि Nestle India Share 1.70% गिरकर 2287.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था. इसके अलावा Bharti Airtel Share भी 1.50% तक टूटा और 1661 रुपये पर ट्रेड कर रहा था

मिड और स्मालकैप शेयरों का हाल

मिडकैप कैटेगरी में शामिल KPI Tech Share 7.62% फिसलकर 1507.80 रुपये पर, Escorts Share 7.36% की गिरावट लेकर 3430.25 रुपये, PEL Share 2.81% टूटकर 1015.55 रुपये पर था. वहीं दूसरी ओर स्मालकैप कैटेगरी की कंपनियों में शामिल JCHAC Share 10.03%, Haritage Food Share 5%, KICL Share 5%, Reltd Share 4.99% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.

इंडिया गठबंधन दल में शामिल आरजेडी ने भी 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा, कोडरमा से सुभाष यादव को भी मिला टिकट

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर पिछले चार दिनों से INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चल रहे विवाद का मंगलवार को समाधान हो गया। आरजेडी ने गठबंधन के तहत ही अपने छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारे को लेकर शुरुआत में जो खींचतान थी अब सहमति बन गई है।

राजद ने जिन उम्मीदवारों के नामो को शामिल किया इस प्रकार है :

आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव ने मंगलवार की देर शाम को यह जानकारी दी। देवघर, हुसैनाबाद और गोड्डा में फिर पुराने नेताओं को मौका मिला है।

1. देवघर से सुरेश पासवान

2. गोड्डा से संजय प्रसाद

3. कोडरमा से सुभाष यादव 

4. चतरा से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मी प्रकाश को टिकट मिला है।

5. विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह

6. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी से टिकट मिला है।

बता दें, कोडरमा से प्रत्याशी सुभाष यादव फिलहाल जेल में हैं। वो जेल से ही चुनाव लड़ेंगे। बता दे झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव चार दिनों से रांची में कैंप कर रहे थे। इस दौरान तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कई दौर की बातचीत हुई। वहीं तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के आला नेताओं से भी बातचीत की।

राष्ट्रीय जनता दल ने भी 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामो की घोषणा, जेल से ही चुनाव लड़ेंगे सुभाष यादव चुनाव


झारखंड विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर पिछले चार दिनों से INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चल रहे विवाद का मंगलवार को समाधान हो गया। आरजेडी ने गठबंधन के तहत ही अपने छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारे को लेकर शुरुआत में जो खींचतान थी अब सहमति बन गई है।


राजद ने जिन उम्मीदवारों के नामो को शामिल किया इस प्रकार है :

आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव ने मंगलवार की देर शाम को यह जानकारी दी।

1. देवघर से सुरेश पासवान
2. गोड्डा से संजय प्रसाद
3. कोडरमा से सुभाष यादव
4. चतरा से मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मी प्रकाश को टिकट मिला है।
5. विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह
6. हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी  से टिकट मिला है।

Easwaran, Abishek, Mukesh named in India A squad for Australia tour
*Sports News*



*Khabar kolkata News Desk:*  Bengal star opener Abhimanyu Easwaran, wicket-keeper batsman Abishek Porel and fast bowler Mukesh kumar has been named in the India A squad for the forthcoming Australia tour, it was announced by BCCI on Monday.

All eyes will be on in-form Easwaran, who has been rewarded for his consistent run, ahead of India’s Test series against Australia.

Easwaran, who is the vice-captain of India A, has been in superb form in the domestic circuit for the last couple of seasons. In this season, he scored two hundreds in the Duleep Trophy, another ton in the Irani Cup, and began the Ranji Trophy season with a century for Bengal.

On the other hand, it is an incredible opportunity for the young and talented Abishek to gather immense experience from the overseas tour. Mukesh will also aim to do well and make an impact in Australia.

India A are scheduled to take on Australia A in two first-class matches.  They then play against India squad in a warm-up match.

India A team,Ruturaj Gaikwad (C), Abhimanyu Easwaran (VC), Sai Sudharsan, Nitish Kumar Reddy, Devdutt Padikkal, Ricky Bhui, Baba Indrajith, Ishan Kishan (WK), Abishek Porel (WK), Mukesh Kumar, Khaleel Ahmed, Yash Dayal, Navdeep Saini, Manav Suthar, Tanush Kotian.

*Pic Courtesy by:CAB*
Uniting Bharat: The Grannus Organization Revolutionizes Volunteering Across India

 

Imagine a world where every woman feels protected, every child is safe, the hungry are fed, and citizens unite in times of natural disasters or emergencies to support local authorities. People in India have long desired to contribute to the greater good through volunteering, but a major challenge has been how to unite these efforts on a large scale. Across the country, small social groups form to take on local tasks, but scaling these groups to a national level has been difficult—until now.

A groundbreaking solution has emerged from Ahmedabad, where the Grannus organization, a technology-driven organisation, has designed the Grannus PHPN App to bring people across Bharat together for a common purpose: helping others in need. PHPN, or "People Helping People Network," is exactly what the name suggests—a platform connecting citizens from all parts of India through cutting-edge technology. This app, powered by Grannus’ unique DGBSI SRPP/RTPP model, is particularly effective in mobilizing volunteers during emergencies.

Leadership and Vision

The Grannus PHPN project operates under the guidance of a highly respected figure in Gujarat, Geetha Johri, the former Director General of Police (DGP) of Gujarat, who now serves as the President of Grannus Organization. Alongside her, Mayank Shah, a social entrepreneur and the CEO of Grannus Organization, envisioned this platform as a means to unite people through social-interest-based integration through his unique idea of making DGBSI SRPP/RTPP model for emergency management. The brilliant coding to make this technology live was done by Chirag Patel.

“We are leveraging digitalization to tackle India's most pressing social issues,” says Mayank Shah. “Grannus connects citizens who are committed to societal betterment by organizing them based on their location and social interests. Our app facilitates everything from ensuring women’s safety, locating missing persons, and managing medical emergencies, to responding to national crises and natural disasters. We also support food donation drives and environmental initiatives. Users can register for free, select their areas of interest, and receive real-time alerts when their assistance is needed. Together, we can create a safer, more connected community.”

 A Rising Success in Gujarat

Since its launch, the Grannus PHPN app has gained viral popularity in Gujarat, even trending at number one on the Google Play Store for several days. It is now the highest-rated Indian app focused on social issues. The app has drawn praise from prominent figures, including Gujarat’s Chief Minister, Bhupendra Bhai Patel, and various IAS and IPS officers, who have commended Grannus for its successful projects, particularly during the COVID-19 pandemic.

How It Works

Joining the movement is simple. Volunteers can download the Grannus PHPN app from the Google Play Store, select their social interests—ranging from women's safety and disaster response to environmental work—and receive notifications when their help is needed. Users can choose one or more interests, and the app connects them with nearby volunteering opportunities, whether with local NGOs or during emergencies in their vicinity.

A Vision for National Impact

“Our population, often seen as a challenge, can become our greatest asset,” explains Shah. “The government is working tirelessly to address social issues, but by connecting people and empowering them with volunteering opportunities, we can solve many of our country's problems together.”

Under the administrative leadership of Geetha Johri, the project is poised to expand beyond Gujarat and make a significant impact across the nation. The Grannus PHPN app has the potential to transform India’s social landscape, bringing together communities and creating a brighter, safer future for all.


बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

#rsschiefmohanbhagwatwarnedindiabygivingexampleofbangladesh

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

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“बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

CAB felicitates Easwaran on 100th First-Class match achievement
*Sports News*



*Desk:* CAB on Friday felicitated Bengal star opener Abhimanyu Easwaran, commemorating his achievement of playing in 100th First-Class match.

CAB Hony Secretary Naresh Ojha, CAB Vice-President Amalendu Biswas, CAB Hony Treasurer Prabir Chakrabarty and CAB Hony Joint Secretary Debabrata Das felicitated Easwaran at the Bengal Cricket Academy in Kalyani.

Mr Ojha presented Easwaran with a silver plaque and congratulated the batsman for this incredible achievement. Mr Chakrabarty presented Easwaran with a shawl.

"We congratulate Abhimanyu for this incredible achievement. He has been in top form recently. We wish him best for the forthcoming matches. We hope he plays and brings success for India for a long time," Mr Ojha said.

Easwaran was thrilled on being felicitated by CAB. He said, "I thank CAB for honouring me on my 100th First-Class match. I will aim to keep performing for my team."

Srimanta Mallick, Chairman CAB Observer Committee, conducted the felicitation perfectly. Mr Mallick heaped praise on Easwaran for achieving the feat.

Bengal head coach Laxmi Ratan Shukla also congratulated Easwaran. The entire Bengal and Bihar team were present for the felicitation. All the players, support staff present applauded Easwaran's achievement. *Pic Courtesy by:CAB*
दिल्ली में सर्दियों का केहर: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के 13 हॉटस्पॉट की पहचान की, हुआ पैनल का गठन
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India Gate in winters (Tripoto)दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता को लेकर चिंताएं बढ़ने के बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने दिल्ली में 13 स्थानों पर प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया है, जहां वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” स्तर पर पहुंच गई है।मंत्री ने उल्लेख किया कि जबकि पूरी दिल्ली में वायु गुणवत्ता “खराब” है, लेकिन इन 13 हॉटस्पॉट पर यह विशेष रूप से “बहुत खराब” है, क्योंकि इन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से अधिक हो गया है। सर्दी आ रही है और वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। मंत्री ने कहा, "दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है।"  गोपाल राय के अनुसार, 13 हॉटस्पॉट पहचाने गए क्षेत्र नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर के पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका सेक्टर-8 हैं। राय ने कहा, "दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है, लेकिन 13 हॉटस्पॉट में प्रदूषण बढ़ रहा है। इन 13 हॉटस्पॉट के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया है, वहां के स्रोतों की पहचान की गई है और एमसीडी डीसी को इसका प्रभारी बनाया गया है।"  प्रदूषण समन्वय समिति क्या करेगी?दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि समिति का नेतृत्व दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त करेंगे और डीपीसीसी इंजीनियरों को सभी हॉटस्पॉट पर 'प्रदूषण वार रूम' को दैनिक रिपोर्ट प्रदान करने के लिए नियुक्त किया गया है। "कल वे जमीन का दौरा करेंगे। मंत्री ने कहा, "लोक निर्माण विभाग द्वारा मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात की जाएंगी, ताकि वहां धूल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।" उन्होंने यह भी बताया कि इन 13 हॉटस्पॉट पर 300 से अधिक AQI में योगदान देने वाले प्रमुख कारक के रूप में धूल की पहचान की गई है, और बताया कि इन क्षेत्रों में धूल के स्तर को कम करने के लिए 80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात की गई हैं।
ताइवान ने मुंबई में खोला कॉन्सुलेट तो चीन को लग गई मिर्ची, जानें क्या कहा?

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भारत और चीन आपसी रिश्तों को संभालने की लाख कोशिश कर लेकिन जो सच्चाई है वो किसी से छुपी नहीं है। अपने पड़ोसियों के मामलों में अपनी नाक अड़ाने वाले चीन ने ताइवान को लेकर भारत को नसीहत दी है।चीन ने भारत से ताइवान के मामलों को "विवेकपूर्ण तरीके से" संभालने की सलाह दी है। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि नई दिल्ली को ऐसी कार्रवाइयों से बचना चाहिए जो चीन-भारत संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं। दरअसल, ड्रैगन को ये तिममिलाहट मुंबई में ताइवान के ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (टीईसीसी) के नए कार्यालय को लेकर हुई हैं।

ताइवान ने भारत की धरती पर एक नया वााणिज्‍य दूतावास खोला है। यह बात चीन को नागवार गुजरी है। ताइवन के भारत में वाणिज्‍य दूतावास पहले से ही दिल्‍ली और चेन्‍नई में मौजूद हैं। भारत और ताइवान की बढ़ती नजदीकियों से चीन ने कड़वाहट “उगली” है। अब भारत के इस मित्र देश ने अपना नया दूतावास देश की आर्थिक राजधानी यानी मुंबई में खोला है। इसके बाद चीन की तरफ से कहा गया कि ताइवान के मामलों को भारत विवेकपूर्ण तरीके से डील करे।

चीन के प्रवक्‍ता ने क्‍या कहा?

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चीन बीजिंग के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों द्वारा ताइवान के साथ किसी भी तरह के आधिकारिक संपर्क का विरोध करता है। “चीन ने भारतीय पक्ष के समक्ष गंभीर प्रतिनिधित्व दर्ज कराया है। वन चाइना पॉलिसी भारतीय पक्ष द्वारा की गई एक गंभीर राजनीतिक प्रतिबद्धता और चीन-भारत संबंधों की राजनीतिक नींव है। चीन भारत से आग्रह करता है कि वह अपनी प्रतिबद्धताओं का सख्ती से पालन करे, ताइवान से संबंधित मुद्दों को विवेकपूर्ण और उचित तरीके से संभाले और ताइवान के साथ किसी भी प्रकार का आधिकारिक आदान-प्रदान करने से परहेज करे।”

ताइवान को चीन अपना क्षेत्र मानता है

बता दें कि ताइवान को चीन अपना क्षेत्र मानता है। हाल ही में ड्रैगन ने इस द्वीप के आसपास युद्धाभ्‍यास करके दबदबा जाहिर किया। वह बात अलग है कि ताइवान ड्रैगन के दावों को सिरे से नकारता है। उसकी संप्रभुता और अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिनिधित्व को भारत, अमेरिका समेत कई देश मान्यता देते हैं। चीन ऐसे देशों से खार खाता है।