India

Sep 03 2024, 13:44

हिमाचल में कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी ना ही पेंशन, जानें क्यों गहराया आर्थिक संकट?

#himachalpradesheconomic_crisis

कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश भारी आर्थिक संकट में फंस गया है। आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि 2 लाख कर्मचारी सितम्बर महीने में अपनी सैलरी का इंतजार कर रहे हैं। राज्य के पेंशनर भी अपनी पेंशन से वंचित हैं।राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब सरकारी कर्मचारियों का वेतन महीने की पहली तारीख को नहीं मिला। माना जा रहा है कि कर्मचारियों को वेतन के लिए 5 सितंबर तक का इंतजार करना होगा।केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान के 490 करोड़ रुपए मिलने के बाद ही वेतन और पेंशन का भुगतान होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनरों को अगस्त महीने की सैलरी सितम्बर माह के 3 दिन होने के बाद भी नहीं मिली है। सामान्यतः हर महीने की 1 तारीख को आने वाली सैलरी और पेंशन सितम्बर माह में नहीं आई। 1 तारीख को रविवार होने के कारण इसे बैंकिंग व्यवस्था में देरी मानी गई। कर्मचारियों और पेंशनरों को आश्चर्य तब हुआ जब उन्हें 2 तारीख को पैसा भी नहीं मिला, इस दिन सोमवार था और बैंक खुले थे। बताया गया है कि सैलरी और पेंशन में देरी सरकार की आर्थिक स्थिति के कारण हुई है।

आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है?

हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट की चर्चा इन दिनों पूरे देश भर में हो रही है। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल है कि राज्य में ऐसा आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है? इसके पीछे की वजह देखें, तो रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में टेपर फॉर्मूला की वजह से राज्य सरकार को नुकसान हो रहा है। इस फॉर्मूले के मुताबिक, केंद्र से मिलने वाली ग्रांट हर महीने कम होती है। इसके अलावा, लोन लिमिट में भी कटौती की गई है। साल 2024-25 में रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में 1 हजार 800 करोड़ रुपये की कटौती हुई। आने वाले समय में यह परेशानी और भी ज्यादा बढ़ेगी।

ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली भी बनी वजह

आर्थिक हालत खराब होने की एक और वजह ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली भी है। इसकी वजह से नई पेंशन स्कीम के राज्य के कंट्रीब्यूशन के कारण मिलने वाला 2 हजार करोड़ का लोन भी राज्य सरकार को अब नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह से भी राज्य के खजाने पर बोझ आ गया है।

कैसे बिगड़ा बैलेंस?

हिमाचल की बदहाल आर्थिक स्थिति इसके 2024-25 के बजट से समझी जा सकती है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹58,444 करोड़ का बजट सुक्खू सरकार ने पेश किया था। इस बजट में भी सरकार का राजकोषीय घाटा (सरकार की आय और खर्चे के बीच का अंतर, जिसे कर्ज लेकर पूरा किया जाता है) ₹10,784 करोड़ है।

इस बजट का बड़ा हिस्सा तो केवल पुराने कर्जा चुकाने और राज्य के कर्मचारियों की पेंशन और तनख्वाह देने में ही चला जाएगा। इस बजट में से ₹5479 करोड़ का खर्च पुराने कर्ज चुकाने, ₹6270 करोड़ का खर्च पुराने कर्ज का ब्याज देने में करेगी। यानी पुराने कर्जों के ही चक्कर बजट का लगभग 20% हिस्सा चला जाएगा।

इसके अलावा सुक्खू सरकार तनख्वाह और पेंशन पर ₹27,208 करोड़ खर्च करेगी। इस हिसाब से देखा जाए तो ₹38,957 का खर्च तो केवल कर्ज, ब्याज, तनख्वाह और पेंशन पर ही हो आएगा। यह कुल बजट का लगभग 66% है। अगर नए कर्ज को हटा दें तो यह हिमाचल के कुल बजट का 80% तक पहुँच जाता है। यानी राज्य को बाकी खर्चे करने की स्वतंत्रता ही नहीं है।

हिमाचल प्रदेश 2024-25 में लगभग ₹1200 करोड़ सब्सिडी पर भी खर्च करने वाला है। यह धनराशि सामान्य तौर पर छोटी लग सकती है, लेकिन आर्थिक संकट में फंसे हिमाचल के लिए यह भी भारी पड़ रही है। इस सब्सिडी में सबसे बड़ा खर्चा बिजली सब्सिडी का है।

अभी कम नहीं होने वाली है मुश्किलें

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को हर महीने वेतन देने के लिए राज्य सरकार को 1 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसी तरह पेंशन देने के लिए हर महीने 800 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होती है।कुल-मिलाकर यह खर्च 2 हजार करोड़ रुपये बनता है। वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के पास इस वित्त वर्ष में दिसंबर तक लोन लिमिट 6 घर 200 करोड़ रुपये है। इनमें से 3 हजार 900 करोड़ रुपये लोन लिया जा चुका है। अब सिर्फ 2 हजार 300 करोड़ की लिमिट बची है। इसी से राज्य सरकार को दिसंबर महीने तक का काम चलाना है।

दिसंबर से लेकर मार्च तक वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के लिए केंद्र से अलग लोन लिमिट सैंक्शन होगी। ऐसे में राज्य सरकार के समक्ष अब सितंबर के बाद अक्टूबर और नवंबर महीने का वेतन और पेंशन देने के लिए भी कठिनाई होगी।

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Sep 03 2024, 13:44

हिमाचल में कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी ना ही पेंशन, जानें क्यों गहराया आर्थिक संकट?*
#himachal_pradesh_economic_crisis
कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश भारी आर्थिक संकट में फंस गया है। आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि 2 लाख कर्मचारी सितम्बर महीने में अपनी सैलरी का इंतजार कर रहे हैं। राज्य के पेंशनर भी अपनी पेंशन से वंचित हैं।राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब सरकारी कर्मचारियों का वेतन महीने की पहली तारीख को नहीं मिला। माना जा रहा है कि कर्मचारियों को वेतन के लिए 5 सितंबर तक का इंतजार करना होगा।केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान के 490 करोड़ रुपए मिलने के बाद ही वेतन और पेंशन का भुगतान होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनरों को अगस्त महीने की सैलरी सितम्बर माह के 3 दिन होने के बाद भी नहीं मिली है। सामान्यतः हर महीने की 1 तारीख को आने वाली सैलरी और पेंशन सितम्बर माह में नहीं आई। 1 तारीख को रविवार होने के कारण इसे बैंकिंग व्यवस्था में देरी मानी गई। कर्मचारियों और पेंशनरों को आश्चर्य तब हुआ जब उन्हें 2 तारीख को पैसा भी नहीं मिला, इस दिन सोमवार था और बैंक खुले थे। बताया गया है कि सैलरी और पेंशन में देरी सरकार की आर्थिक स्थिति के कारण हुई है। *आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है?* हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट की चर्चा इन दिनों पूरे देश भर में हो रही है। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल है कि राज्य में ऐसा आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है? इसके पीछे की वजह देखें, तो रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में टेपर फॉर्मूला की वजह से राज्य सरकार को नुकसान हो रहा है। इस फॉर्मूले के मुताबिक, केंद्र से मिलने वाली ग्रांट हर महीने कम होती है। इसके अलावा, लोन लिमिट में भी कटौती की गई है। साल 2024-25 में रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में 1 हजार 800 करोड़ रुपये की कटौती हुई। आने वाले समय में यह परेशानी और भी ज्यादा बढ़ेगी। *ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली भी बनी वजह* आर्थिक हालत खराब होने की एक और वजह ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली भी है। इसकी वजह से नई पेंशन स्कीम के राज्य के कंट्रीब्यूशन के कारण मिलने वाला 2 हजार करोड़ का लोन भी राज्य सरकार को अब नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह से भी राज्य के खजाने पर बोझ आ गया है। *कैसे बिगड़ा बैलेंस?* हिमाचल की बदहाल आर्थिक स्थिति इसके 2024-25 के बजट से समझी जा सकती है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹58,444 करोड़ का बजट सुक्खू सरकार ने पेश किया था। इस बजट में भी सरकार का राजकोषीय घाटा (सरकार की आय और खर्चे के बीच का अंतर, जिसे कर्ज लेकर पूरा किया जाता है) ₹10,784 करोड़ है। इस बजट का बड़ा हिस्सा तो केवल पुराने कर्जा चुकाने और राज्य के कर्मचारियों की पेंशन और तनख्वाह देने में ही चला जाएगा। इस बजट में से ₹5479 करोड़ का खर्च पुराने कर्ज चुकाने, ₹6270 करोड़ का खर्च पुराने कर्ज का ब्याज देने में करेगी। यानी पुराने कर्जों के ही चक्कर बजट का लगभग 20% हिस्सा चला जाएगा। इसके अलावा सुक्खू सरकार तनख्वाह और पेंशन पर ₹27,208 करोड़ खर्च करेगी। इस हिसाब से देखा जाए तो ₹38,957 का खर्च तो केवल कर्ज, ब्याज, तनख्वाह और पेंशन पर ही हो आएगा। यह कुल बजट का लगभग 66% है। अगर नए कर्ज को हटा दें तो यह हिमाचल के कुल बजट का 80% तक पहुँच जाता है। यानी राज्य को बाकी खर्चे करने की स्वतंत्रता ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश 2024-25 में लगभग ₹1200 करोड़ सब्सिडी पर भी खर्च करने वाला है। यह धनराशि सामान्य तौर पर छोटी लग सकती है, लेकिन आर्थिक संकट में फंसे हिमाचल के लिए यह भी भारी पड़ रही है। इस सब्सिडी में सबसे बड़ा खर्चा बिजली सब्सिडी का है। *अभी कम नहीं होने वाली है मुश्किलें* बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को हर महीने वेतन देने के लिए राज्य सरकार को 1 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसी तरह पेंशन देने के लिए हर महीने 800 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होती है।कुल-मिलाकर यह खर्च 2 हजार करोड़ रुपये बनता है। वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के पास इस वित्त वर्ष में दिसंबर तक लोन लिमिट 6 घर 200 करोड़ रुपये है। इनमें से 3 हजार 900 करोड़ रुपये लोन लिया जा चुका है। अब सिर्फ 2 हजार 300 करोड़ की लिमिट बची है। इसी से राज्य सरकार को दिसंबर महीने तक का काम चलाना है। दिसंबर से लेकर मार्च तक वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के लिए केंद्र से अलग लोन लिमिट सैंक्शन होगी। ऐसे में राज्य सरकार के समक्ष अब सितंबर के बाद अक्टूबर और नवंबर महीने का वेतन और पेंशन देने के लिए भी कठिनाई होगी।

తప్పు చేస్తే దొరకక తప్పదు

Aug 10 2024, 09:29

IMD's orange flash flood warnings for Himachal Pradesh other states

The India Meteorological Department (IMD) has issued an ‘orange’ alert for Himachal Pradesh and other states as heavy rain continued northern India through the first two weeks of August. Earlier this week, the IMD predicted that heavy to extremely heavy rainfall would continue in parts of Himachal Pradesh till August 12

The weather agency issued the orange alert owing to heavy downpour in Himachal Pradesh, Uttarakhand, East Uttar Pradesh, East Madhya Pradesh, Meghalaya, Manipur, Mizoram, Nagaland and Tripura.

In its forecast, the IMD said heavy isolated rainfall will continue to lash Himachal Pradesh, Uttarakhand, and parts of Rajasthan till August 12, while moderate rainfall is expected to lash Jammu and Kashmir, Haryana, Punjab and Chandigarh on August 10The weather agency said heavy to extremely heavy rain will continue in Himachal Pradesh till Saturday, along with lightening and thunderstorms. An orange alert will remain in place in the state till August 12, and a yellow warning has been issued till August 15

The IMD also alerted of a low to moderate risk of flash floods in isolated areas of Mandi, Bilaspur, Solan, Sirmaur, Shimla, and Kullu districts through Saturday, news agency PTI reported.

The agency further sounded a warning of potential landslides in some regions, along with possible damage to plantations, crops, vulnerable structures, and kutcha houses due to waterlogging and strong winds in low lying areas in the state.

Earlier, on August 7, the IMD reported significant rainfall across the state, with Joginder Nagar in Mandi district experiencing the highest at 110 MM in 24 hours. The incessant downpour has affected daily life, making it challenging for residents and visitors alike. The cloudburst and flash floods that occurred on August 1 have affected the districts of Kullu, Mandi and Shimla.

Meanwhile, a yellow alert has been issued in Delhi for the next two days, with a forecast of moderate to heavy rainfall in the national capital till August 11. The weather office forecasted cloudy skies and moderate rains in Delhi NCR for Saturday, reported PTI

Heavy rainfall lashed parts of Delhi and NCR on Friday, leading to heavy waterlogging and traffic congestion in the evening. The Met office issued an 'orange' warning to "be prepared" after earlier putting the city in the 'green' zone for no warning or alert.

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Aug 01 2024, 10:01

बादल फटने से हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में भारी तबाही, 30 से ज्यादा लोग लापता, एक शव बरामद

#himachal_cloudburst

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कुल्लू के निरमंड ब्लॉक, कुल्लू के मलाणा और मंडी जिले में बादल फटे हैं। प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटे हैं और अब तक कुल 30 लोग लापता। लगातार हो रही बारिश से कई पुल ढह रहे हैं, पहाड़ दरक रहे हैं। कई हाईवे तक क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिस कारण कई शहरों के रूट आपस में कट भी गए हैं। कुल्लू के निरमंड में बादल फटने के बाद बागी पुल के आसपास गाड़ियां और मकान बह गए हैं। वहीं, मनाली में ब्यास नदी ने फिर अपना रास्ता बदला है और हाईवे पर आ गई है और यहां पर आलू ग्राउंड में पानी भर गया है। इसी तरह चंडीगढ़ मनाली हाईवे जगह-जगह लैंडस्लाइड के चलते बंद है। 

बाढ़ में 7 लोग लापता

कुल्लू जिले के निरमंड में बादल फटने से एक ही परिवार के पांच लोगों सहित कुल 7 लोग पानी में बह गए हैं। यहां पर बारिश के बाद निरमंड के बागीपुल में 31 जुलाई की रात करीब एक बजे कुर्पन नदी ने बाढ़ आ गई। बाढ़ में 7 लोग लापता हो गए और दर्जनों गाड़ियां भी बह गई हैं। बाढ़ इतनी भयंकर थी कि अपने साथ पांच से ज्यादा मकानों को भी बहा ले गई। स्थानीय निवासी गुलवंत ठाकुर ने बताया कि बारिश और बाढ़ में यहां पर भयंकर तबाही हुई है।

चार मंजिला इमारत महज 7 सेकंड में पार्वती नदी में समाई

वहीं, कुल्लू के मलाणा इलाके का एक वीडियो सामने आया है। यहां देर रात भारी बारिश से पार्वती नदी इतने ऊफान पर आ गई कि न जाने कितने ही घर और गाड़ियां इसमें समा गईं। वीडियो में दिख रहा है कैसे एक चार मंजिला इमारत महज 7 सेकंड के अंदर पार्वती नदी में समा गई। बिल्डिंग कहां गई पता ही नहीं चला। कुल्लू जिले की बात करें तो यहां ब्यास और पार्वती नदियां डेंजर मार्क से भी ऊपर हैं। मलाणा गांव में बना पॉवर प्रोजेक्ट का डैम भी ओवर फ्लो हुआ है।

मंडी में नौ लोग लापता

मंडी के थलटूखोड़ में आधी रात बादल फटने से तबाही मच गई। यहां मकान ढहने की सूचना है। सड़क कनेक्टिविटी भी ठप हो गई है। मौके के लिए एसडीआरएफ समेत अन्य टीमें रवाना हो गई हैं। थलटूखोड़ पंचायत प्रधान कली राम ने बताया कि तेरंग और राजबन गांव में बादल फटने की घटना हुई है। घटना में कई लोग लापता है। तीन घर बहने की सूचना है। जानकारी मिली है कि पधर उपमंडल के थलटूखोड़ में बादल फटने की घटना में नौ लोग लापता हैं, एक शव बरामद किया गया है। जबकि 35 सुरक्षित हैं। मंडी जिला प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स को अलर्ट किया है। मदद की जरूरत होने पर सेवाएं ली जाएंगी। एनडीआरएफ को भी मदद का निवेदन किया गया है।

जेपी नड्डा ने सीएम से की बात

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाक़ों में बादल फटने के कारण काफ़ी नुक़सान और जन जीवन अस्त व्यस्त होने के दुःखद समाचार पर जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखु से बात कर जानकारी ली और मोदी सरकार की तरफ़ से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। नड्डा जी ने पूर्व मुख्यमंत्री और एलओपी जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से बात की और सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में लगने का निर्देश दिया।

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Jul 25 2024, 13:39

क्या जाएगी कंगना रनौत की सांसदी? याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

#himachal_high_court_issues_notice_to_kangana_ranaut

बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। दरअसल, कंगना की सांसदी के खिलाफ हिमाचल हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसके बाद हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है।हाई कोर्ट ने कंगना से 21 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में किन्नौर के एक निवासी द्वारा याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है। याचिका में मंडी से सांसद कंगना के निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दलील दी गई है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए उसके नामांकन पत्र को कथित रूप से गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था। नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल ने रनौत को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने कंगना के खिलाफ याचिका दायर की है। इसमें उसने कोर्ट से कंगना के चुनाव को रद्द करने की मांग की है। नायक फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पूर्व कर्मचारी हैं। उन्होंने समय से पहले वीआरएस मिल गई थी। नेगी का कहना है कि वह चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन उसके नामांकन पत्र को मंडी के चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था। नेगी की दलील है कि अगर उनका नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाता तो वो जीत जाते। याचिका में लायक राम नेगी ने कोर्ट से अपील की है कि कंगना के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने मंडी सीट पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है।

कंगना ने लोकसभा चुनाव में हिमाचल के मंडी से जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 वोट से हराया था। तीसरे नंबर पर बहुजन समाजवादी पार्टी के डॉ प्रकाश चंद्र भारद्वाज रहे थे। भारद्वाज को 4393 वोट मिले थे।

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Jun 06 2024, 13:51

जल संकट पर दिल्लीवासियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार को दिया निर्देश

#delhi_water_crisis_supreme_court_direction_haryana_and_himachal_pradesh_govt

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में जल संकट से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत दी है।दिल्ली में पीने के पानी के बढ़ते संकट को लेकर अतिरिक्त पानी की मांग वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। इस दौरान दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की ओर से छोड़े गए अतिरिक्त जल के प्रवाह को हरियाणा सुगम बनाए। कोर्ट ने दिल्ली से कहा कि आप किसी भी तरह से पानी की बर्बादी नहीं होना चाहिए।

इस मालमे पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस के वी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ सुनवाई कर रही है।सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को 137 क्यूसेक पानी रिलीज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही साथ कहा है कि हरियाणा दिल्ली को पानी रिलीज करने की सुविधा देगा। हिमाचल सरकार शुक्रवार को पानी रिलीज करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को कल 137 क्यूसेक पानी हिमाचल को जारी करने का आदेश देते है।

कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार पानी के प्रवाह को जो हिमाचल से मिल रहा है उसे बिना किसी रोक टोक के दिल्ली के वजीराबाद तक आने दे, ताकि दिल्ली के लोगों को पीने का पानी मिल सके। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से यह भी कहा है कि वह अपने क्षेत्र में पड़ने वाली नहर से पानी दिल्ली तक पहुंचने में सहयोग करे। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। अदालत ने सभी पक्षों से स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है।

दरअसल, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार उनके हिस्से का पानी नहीं छोड़ रहा है। याचिका में मांग की गईृ है कि हरियाणा हिमाचल प्रदेश के उपलब्ध कराए गए पानी को छोड़े।हाल ही में जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर एक महीने के लिए दिल्ली को अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

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Apr 19 2024, 11:50

*पहली बार मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा देश के ये इलाका, पीएम मोदी ने ग्रामीणों से फोन पर की बात*
#himachal_telecom_connectivity_reaches_indias_first_village आज मोबाइल हमारी जिंदगी की अहम हिस्सा है। लोग बाहर निकलने से पहले कुछ भी भूल जाएं, पर अपना मोबाइल फोन नहीं भूल सकते। दरअसल, ये छोटा सा गैजेट आपके बड़े बड़े काम कर सकता है। आज तो लोगों के लिए मोबाइल ही पर्स से लेकर बैंक अकाउंट भी है। आप चाहे दस रूपये का सामना खरीदें या 10 हजार का इसी मोबाइल से पेमेंट हो रहा है। हालांकि, तकनीक के इस दौर में भी हमारे देश के कई इलाके ऐसे हैं जहां इसकी पहुंच नहीं है। हालांकि, धीरे-धीरे सरकार उन तक हर सुख सुविधा पहुंचा रही है। ऐसा ही एक गांव हिमाचल प्रदेश के स्पीति का ग्यू है। यह गांव पहली बार मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा है। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्यू गांव के के निवासियों से फोन पर बात की। केंद्र की मोदी सरकार ने देश की सीमा पर बसे आखिरी गांव में नेटवर्क कनेक्टिविटी स्थापित कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इंडो-चाइना बॉर्डर के पास बसे हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति के कौरिक और ग्यू गांव में मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है। अहम बात है कि यह गांव चीन की सीमा के पास है, जो समुद्र तल से 14,931 फीट ऊंचाई पर स्थित है। इतनी ऊंचाई पर बसे इन गांव में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी पहुंचने के बाद यहां के स्थानीय लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को खुद फोन पर संपर्क किया और उनसे बातचीत की। इसका वीडियो भी सामने आया है। पीएम मोदी ने ग्यू गांव के लोगों से लोगों के साथ फोन पर 13 मिनट से अधिक बातचीत की है। पीएम मोदी ने ग्यू गांव के लोगों से फोन पर बातचीत में दिवाली के दौरान सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा के बारे में बात की है। पीएम मोदी ने कहा, "मैं यहां दीवाली पर भी आया था। आज लाहौल-स्पीति के दूर-सुदूर ग्यू गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचा है। इस गांव की भौगोलिक परिस्थितियां इतनी कठिन रही है कि यहां पर मोबाइल नेटवर्क पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसका पता मुझे उस वक्त लगा था, जब मैं यहां आया था। तब, मैंने वहां के लोगों से कहा था कि मोबाइल नेटवर्क की कनेक्टिविटी के लिए जरूर कुछ ना कुछ करूंगा। वैसे वहां के कई लोग अपने परिवार वालों से दूर रहते हैं और उनको अपने परिवार से बात करने का मन करता होगा। उन्होंने कहा कि गांव को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ने से डिजिटल इंडिया अभियान को गति मिलेगी। पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि विद्युतीकरण के अभियान में सफलता मिलने के बाद अब सरकार सभी स्थानों को संचार प्रौद्योगिकी से जोड़ने पर प्राथमिकता से काम कर रही है। ग्यू गांव के मोबाइल नेटवर्क से जुड़ने के बाद ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पीएम मोदी से बात करते हुए एक ग्रामीण ने उन्हें बताया विश्वास नहीं था कि उनका क्षेत्र मोबाइल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि पहले उन्हें अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने के लिए करीब आठ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी।

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Mar 26 2024, 13:24

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 बागियों की लगी “लॉटरी”, भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए दिया टिकट

#himachal_assembly_by_election_bjp_released_list_of_candidates

भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषित कर दी है। भाजपा ने कांग्रेस के सभी बागियों को टिकट दिए हैं।

पिछले दिनों इन 6 विधायकों ने कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब बीजेपी ने इन 6 चेहरों को मैदान में उतार दिया है। बीजेपी ने धर्मशाला सुधीर शर्मा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर, सुजानपुर से राजिंदर राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविंदर कुमार भुट्टों को मैदान पर उतारा है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को चुनाव हुआ था। कांग्रेस के छह बागी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया था। जिसके बाद हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार (29 फरवरी) को बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की घोषणा करते, देश की 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराए जाने की भी घोषणा की थी। इनमें हिमाचल प्रदेश की 6 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इसके तहत बागी विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं।

हिमाचल में उपचुनाव का पूरा शेड्यूल

• अधिसूचना जारी करने की तारीख- 07-05-2024 (मंगलवार)

• नाम निर्देशन करने की आखिरी तारीख- 14-05-2024 (मंगलवार)

• नाम निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख- 15-05-2024 (बुधवार)

• अभ्यर्थिताएं वापस लेने की आखिरी तारीख- 17-05-2024 (शुक्रवार)

• मतदान की तारीख- 01-06-2024 (शनिवार)

• मतगणना की तारीख- 04-06-2024 (मंगलवार)

• निर्वाचन सम्पन्नता की तारीख- 06-06-2024 (वीरवार)

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Mar 01 2024, 16:14

प्रतिभा सिंह के बयान ने बढ़ायी हिमाचल की हलचल, बीजेपी को लेकर कही बड़ी बात, बागी विधायकों का भी किया समर्थन

#himachal_congress_chief_pratibha_singh_says_who_is_better_congress_or_bjp

हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल मची हुई है। यहां राज्यसभा चुनाव की एक सीट पर कांग्रेस को मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस का अंदरूनी कलह बाहर आ गया है। हालांकि, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि उनकी सरकार सुरक्षित है और पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।इस बीच पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बयान के बाद लग रहा है कि कांग्रेस सरकार पर छाए संकट के बादल अभी छटे नहीं हैं। दरअसल, प्रतिभा सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में अभी बहुत कुछ किया जना बाकी है। यह सच है कि भाजपा का कामकाज हमसे बेहतर है। वहीं उन्होंने बागी विधायकों का समर्थन करते हुए कहा कि वे स्पीकर के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रतिभा ने कहा, आप संगठन को मजबूत करेंगे तभी हम आने वाले चुनाव का सामना कर सकते हैं। हमें अभी पार्टी को संगठित करने की जरूरत है। आज हम चुनाव का सामना करेंगे, मैं यह कह सकती हूं कि यह कठिन समय है। लेकिन चुनाव तो चुनाव है, उसका सामना करना है।

संगठन के स्तर पर बीजेपी तैयार है या कांग्रेस? इस सवाल पर प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस में अभी हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है। सांसद होने के नाते अपने क्षेत्र का दौरा किया, लोगों से मिली और जानने का प्रयास किया। हमारे पास सांसद निधि आती है और हर हल्के में बंटवारा करना था। कभी भी एमसीसी लगेगा तो पैसा लैप्स हो जाएगा। मैंने इस पर सभी से बात की। बीजेपी की वर्किंग हमसे अच्छी है।

'क्या भाजपा उन्हें मंडी से चुनाव लड़ाना चाहती है' सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि हमने ऐसा कभी नहीं सोचा, हम भाजपा के संपर्क में भी नहीं हैं। भगवान जानें, आगे क्या स्थिति बनती है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व किसे टिकट देना चाहता है, इसपर भी अब विचार होगा। उनके आदेश के मुताबिक हम क्या कदम उठाएंगे उसपर हम आगे बढ़ेंगे। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि मेरा भाजपा में जाने का कोई विचार नहीं है मैं कांग्रेस की सिपाही हूं और पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रही हूं।

हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह बागी विधायकों का समर्थन करते हुए कहा कि विधायकों का नाराज होना स्वाभाविक है। प्रतिभा सिंह ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि हो भी क्यों नहीं, जब एक वर्ष से अधिक समय हो गया है और आपने कोई संज्ञान नहीं लिया या उनकी बात नहीं सुनी, तो उनका परेशान होना स्वाभाविक है। क्या आपने उन्हें बैठाया, उनसे बात की और कोई समाधान निकाला, यह स्थिति ऐसी ही नहीं हुई होगी।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि पार्टी के बागी विधायक कड़ी सुरक्षा में है, ऐसे में उनसे संपर्क कैसे किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने निष्कासन को बचाने के लिए विधायक जरूर कोर्ट जाएंगे। हर व्यक्ति अपने बचाव के लिए कुछ प्रयास करता है।

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Feb 29 2024, 11:51

हिमाचल में कांग्रेस के छह बागी विधायक अयोग्य घोषित, स्पीकर ने की बड़ी कार्रवाई, राज्यसभा चुनाव में की थी क्रॉस वोटिंग

#himachal_pradesh_congress_six_rebel_mlas_disqualified

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से सियासी घमासान मचा है।राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग के बाद सियासी संकट के हालात पैदा हो गए हैं। इस बीच इन 6 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अयोग्य घोषित कर दिया है। इनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है।

अपना फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हमने दोनों पक्षों को ध्यान से सुना। हमने पाया कि बागी विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित किया जाता है। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने वाले छह विधायकों ने दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसलिए इन विधायकों की सदस्यका तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है। स्पीकर ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी। मैंने अपने 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है। मैंने उन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है।

स्पीकर ने कहा कि सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, राजेन्द्र राणा, लखनपाल, रवि ठाकुर और देवेन्द्र बुट्टो की सदस्यता रद्द कर दी गई है। स्पीकर ने कहा कि आया राम गया राम की राजनीति नहीं होनी चाहिए। राज्यसभा चुनाव का व्हिप इस फैसले का पार्ट नहीं है। बजट सत्र के व्हिप के आधार पर फैसला लिया गया है। राज्यसभा चुनाव व्हिप के मुताबिक क्रॉस वोटिंग नहीं होनी चाहिए थी लेकिन वो व्हिप मेरे फैसले का पार्ट नहीं है। मैंने फैसले में उसे अनएथिकल करार दिया है लेकिन उस पर फैसला सुप्रीम कोर्ट ले सकता है।

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Sep 03 2024, 13:44

हिमाचल में कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी ना ही पेंशन, जानें क्यों गहराया आर्थिक संकट?

#himachalpradesheconomic_crisis

कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश भारी आर्थिक संकट में फंस गया है। आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि 2 लाख कर्मचारी सितम्बर महीने में अपनी सैलरी का इंतजार कर रहे हैं। राज्य के पेंशनर भी अपनी पेंशन से वंचित हैं।राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब सरकारी कर्मचारियों का वेतन महीने की पहली तारीख को नहीं मिला। माना जा रहा है कि कर्मचारियों को वेतन के लिए 5 सितंबर तक का इंतजार करना होगा।केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान के 490 करोड़ रुपए मिलने के बाद ही वेतन और पेंशन का भुगतान होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनरों को अगस्त महीने की सैलरी सितम्बर माह के 3 दिन होने के बाद भी नहीं मिली है। सामान्यतः हर महीने की 1 तारीख को आने वाली सैलरी और पेंशन सितम्बर माह में नहीं आई। 1 तारीख को रविवार होने के कारण इसे बैंकिंग व्यवस्था में देरी मानी गई। कर्मचारियों और पेंशनरों को आश्चर्य तब हुआ जब उन्हें 2 तारीख को पैसा भी नहीं मिला, इस दिन सोमवार था और बैंक खुले थे। बताया गया है कि सैलरी और पेंशन में देरी सरकार की आर्थिक स्थिति के कारण हुई है।

आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है?

हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट की चर्चा इन दिनों पूरे देश भर में हो रही है। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल है कि राज्य में ऐसा आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है? इसके पीछे की वजह देखें, तो रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में टेपर फॉर्मूला की वजह से राज्य सरकार को नुकसान हो रहा है। इस फॉर्मूले के मुताबिक, केंद्र से मिलने वाली ग्रांट हर महीने कम होती है। इसके अलावा, लोन लिमिट में भी कटौती की गई है। साल 2024-25 में रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में 1 हजार 800 करोड़ रुपये की कटौती हुई। आने वाले समय में यह परेशानी और भी ज्यादा बढ़ेगी।

ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली भी बनी वजह

आर्थिक हालत खराब होने की एक और वजह ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली भी है। इसकी वजह से नई पेंशन स्कीम के राज्य के कंट्रीब्यूशन के कारण मिलने वाला 2 हजार करोड़ का लोन भी राज्य सरकार को अब नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह से भी राज्य के खजाने पर बोझ आ गया है।

कैसे बिगड़ा बैलेंस?

हिमाचल की बदहाल आर्थिक स्थिति इसके 2024-25 के बजट से समझी जा सकती है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹58,444 करोड़ का बजट सुक्खू सरकार ने पेश किया था। इस बजट में भी सरकार का राजकोषीय घाटा (सरकार की आय और खर्चे के बीच का अंतर, जिसे कर्ज लेकर पूरा किया जाता है) ₹10,784 करोड़ है।

इस बजट का बड़ा हिस्सा तो केवल पुराने कर्जा चुकाने और राज्य के कर्मचारियों की पेंशन और तनख्वाह देने में ही चला जाएगा। इस बजट में से ₹5479 करोड़ का खर्च पुराने कर्ज चुकाने, ₹6270 करोड़ का खर्च पुराने कर्ज का ब्याज देने में करेगी। यानी पुराने कर्जों के ही चक्कर बजट का लगभग 20% हिस्सा चला जाएगा।

इसके अलावा सुक्खू सरकार तनख्वाह और पेंशन पर ₹27,208 करोड़ खर्च करेगी। इस हिसाब से देखा जाए तो ₹38,957 का खर्च तो केवल कर्ज, ब्याज, तनख्वाह और पेंशन पर ही हो आएगा। यह कुल बजट का लगभग 66% है। अगर नए कर्ज को हटा दें तो यह हिमाचल के कुल बजट का 80% तक पहुँच जाता है। यानी राज्य को बाकी खर्चे करने की स्वतंत्रता ही नहीं है।

हिमाचल प्रदेश 2024-25 में लगभग ₹1200 करोड़ सब्सिडी पर भी खर्च करने वाला है। यह धनराशि सामान्य तौर पर छोटी लग सकती है, लेकिन आर्थिक संकट में फंसे हिमाचल के लिए यह भी भारी पड़ रही है। इस सब्सिडी में सबसे बड़ा खर्चा बिजली सब्सिडी का है।

अभी कम नहीं होने वाली है मुश्किलें

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को हर महीने वेतन देने के लिए राज्य सरकार को 1 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसी तरह पेंशन देने के लिए हर महीने 800 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होती है।कुल-मिलाकर यह खर्च 2 हजार करोड़ रुपये बनता है। वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के पास इस वित्त वर्ष में दिसंबर तक लोन लिमिट 6 घर 200 करोड़ रुपये है। इनमें से 3 हजार 900 करोड़ रुपये लोन लिया जा चुका है। अब सिर्फ 2 हजार 300 करोड़ की लिमिट बची है। इसी से राज्य सरकार को दिसंबर महीने तक का काम चलाना है।

दिसंबर से लेकर मार्च तक वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के लिए केंद्र से अलग लोन लिमिट सैंक्शन होगी। ऐसे में राज्य सरकार के समक्ष अब सितंबर के बाद अक्टूबर और नवंबर महीने का वेतन और पेंशन देने के लिए भी कठिनाई होगी।

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Sep 03 2024, 13:44

हिमाचल में कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी ना ही पेंशन, जानें क्यों गहराया आर्थिक संकट?*
#himachal_pradesh_economic_crisis
कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश भारी आर्थिक संकट में फंस गया है। आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि 2 लाख कर्मचारी सितम्बर महीने में अपनी सैलरी का इंतजार कर रहे हैं। राज्य के पेंशनर भी अपनी पेंशन से वंचित हैं।राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब सरकारी कर्मचारियों का वेतन महीने की पहली तारीख को नहीं मिला। माना जा रहा है कि कर्मचारियों को वेतन के लिए 5 सितंबर तक का इंतजार करना होगा।केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान के 490 करोड़ रुपए मिलने के बाद ही वेतन और पेंशन का भुगतान होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनरों को अगस्त महीने की सैलरी सितम्बर माह के 3 दिन होने के बाद भी नहीं मिली है। सामान्यतः हर महीने की 1 तारीख को आने वाली सैलरी और पेंशन सितम्बर माह में नहीं आई। 1 तारीख को रविवार होने के कारण इसे बैंकिंग व्यवस्था में देरी मानी गई। कर्मचारियों और पेंशनरों को आश्चर्य तब हुआ जब उन्हें 2 तारीख को पैसा भी नहीं मिला, इस दिन सोमवार था और बैंक खुले थे। बताया गया है कि सैलरी और पेंशन में देरी सरकार की आर्थिक स्थिति के कारण हुई है। *आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है?* हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट की चर्चा इन दिनों पूरे देश भर में हो रही है। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल है कि राज्य में ऐसा आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है? इसके पीछे की वजह देखें, तो रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में टेपर फॉर्मूला की वजह से राज्य सरकार को नुकसान हो रहा है। इस फॉर्मूले के मुताबिक, केंद्र से मिलने वाली ग्रांट हर महीने कम होती है। इसके अलावा, लोन लिमिट में भी कटौती की गई है। साल 2024-25 में रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट में 1 हजार 800 करोड़ रुपये की कटौती हुई। आने वाले समय में यह परेशानी और भी ज्यादा बढ़ेगी। *ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली भी बनी वजह* आर्थिक हालत खराब होने की एक और वजह ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली भी है। इसकी वजह से नई पेंशन स्कीम के राज्य के कंट्रीब्यूशन के कारण मिलने वाला 2 हजार करोड़ का लोन भी राज्य सरकार को अब नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह से भी राज्य के खजाने पर बोझ आ गया है। *कैसे बिगड़ा बैलेंस?* हिमाचल की बदहाल आर्थिक स्थिति इसके 2024-25 के बजट से समझी जा सकती है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹58,444 करोड़ का बजट सुक्खू सरकार ने पेश किया था। इस बजट में भी सरकार का राजकोषीय घाटा (सरकार की आय और खर्चे के बीच का अंतर, जिसे कर्ज लेकर पूरा किया जाता है) ₹10,784 करोड़ है। इस बजट का बड़ा हिस्सा तो केवल पुराने कर्जा चुकाने और राज्य के कर्मचारियों की पेंशन और तनख्वाह देने में ही चला जाएगा। इस बजट में से ₹5479 करोड़ का खर्च पुराने कर्ज चुकाने, ₹6270 करोड़ का खर्च पुराने कर्ज का ब्याज देने में करेगी। यानी पुराने कर्जों के ही चक्कर बजट का लगभग 20% हिस्सा चला जाएगा। इसके अलावा सुक्खू सरकार तनख्वाह और पेंशन पर ₹27,208 करोड़ खर्च करेगी। इस हिसाब से देखा जाए तो ₹38,957 का खर्च तो केवल कर्ज, ब्याज, तनख्वाह और पेंशन पर ही हो आएगा। यह कुल बजट का लगभग 66% है। अगर नए कर्ज को हटा दें तो यह हिमाचल के कुल बजट का 80% तक पहुँच जाता है। यानी राज्य को बाकी खर्चे करने की स्वतंत्रता ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश 2024-25 में लगभग ₹1200 करोड़ सब्सिडी पर भी खर्च करने वाला है। यह धनराशि सामान्य तौर पर छोटी लग सकती है, लेकिन आर्थिक संकट में फंसे हिमाचल के लिए यह भी भारी पड़ रही है। इस सब्सिडी में सबसे बड़ा खर्चा बिजली सब्सिडी का है। *अभी कम नहीं होने वाली है मुश्किलें* बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को हर महीने वेतन देने के लिए राज्य सरकार को 1 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसी तरह पेंशन देने के लिए हर महीने 800 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होती है।कुल-मिलाकर यह खर्च 2 हजार करोड़ रुपये बनता है। वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के पास इस वित्त वर्ष में दिसंबर तक लोन लिमिट 6 घर 200 करोड़ रुपये है। इनमें से 3 हजार 900 करोड़ रुपये लोन लिया जा चुका है। अब सिर्फ 2 हजार 300 करोड़ की लिमिट बची है। इसी से राज्य सरकार को दिसंबर महीने तक का काम चलाना है। दिसंबर से लेकर मार्च तक वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के लिए केंद्र से अलग लोन लिमिट सैंक्शन होगी। ऐसे में राज्य सरकार के समक्ष अब सितंबर के बाद अक्टूबर और नवंबर महीने का वेतन और पेंशन देने के लिए भी कठिनाई होगी।

తప్పు చేస్తే దొరకక తప్పదు

Aug 10 2024, 09:29

IMD's orange flash flood warnings for Himachal Pradesh other states

The India Meteorological Department (IMD) has issued an ‘orange’ alert for Himachal Pradesh and other states as heavy rain continued northern India through the first two weeks of August. Earlier this week, the IMD predicted that heavy to extremely heavy rainfall would continue in parts of Himachal Pradesh till August 12

The weather agency issued the orange alert owing to heavy downpour in Himachal Pradesh, Uttarakhand, East Uttar Pradesh, East Madhya Pradesh, Meghalaya, Manipur, Mizoram, Nagaland and Tripura.

In its forecast, the IMD said heavy isolated rainfall will continue to lash Himachal Pradesh, Uttarakhand, and parts of Rajasthan till August 12, while moderate rainfall is expected to lash Jammu and Kashmir, Haryana, Punjab and Chandigarh on August 10The weather agency said heavy to extremely heavy rain will continue in Himachal Pradesh till Saturday, along with lightening and thunderstorms. An orange alert will remain in place in the state till August 12, and a yellow warning has been issued till August 15

The IMD also alerted of a low to moderate risk of flash floods in isolated areas of Mandi, Bilaspur, Solan, Sirmaur, Shimla, and Kullu districts through Saturday, news agency PTI reported.

The agency further sounded a warning of potential landslides in some regions, along with possible damage to plantations, crops, vulnerable structures, and kutcha houses due to waterlogging and strong winds in low lying areas in the state.

Earlier, on August 7, the IMD reported significant rainfall across the state, with Joginder Nagar in Mandi district experiencing the highest at 110 MM in 24 hours. The incessant downpour has affected daily life, making it challenging for residents and visitors alike. The cloudburst and flash floods that occurred on August 1 have affected the districts of Kullu, Mandi and Shimla.

Meanwhile, a yellow alert has been issued in Delhi for the next two days, with a forecast of moderate to heavy rainfall in the national capital till August 11. The weather office forecasted cloudy skies and moderate rains in Delhi NCR for Saturday, reported PTI

Heavy rainfall lashed parts of Delhi and NCR on Friday, leading to heavy waterlogging and traffic congestion in the evening. The Met office issued an 'orange' warning to "be prepared" after earlier putting the city in the 'green' zone for no warning or alert.

India

Aug 01 2024, 10:01

बादल फटने से हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में भारी तबाही, 30 से ज्यादा लोग लापता, एक शव बरामद

#himachal_cloudburst

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कुल्लू के निरमंड ब्लॉक, कुल्लू के मलाणा और मंडी जिले में बादल फटे हैं। प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटे हैं और अब तक कुल 30 लोग लापता। लगातार हो रही बारिश से कई पुल ढह रहे हैं, पहाड़ दरक रहे हैं। कई हाईवे तक क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिस कारण कई शहरों के रूट आपस में कट भी गए हैं। कुल्लू के निरमंड में बादल फटने के बाद बागी पुल के आसपास गाड़ियां और मकान बह गए हैं। वहीं, मनाली में ब्यास नदी ने फिर अपना रास्ता बदला है और हाईवे पर आ गई है और यहां पर आलू ग्राउंड में पानी भर गया है। इसी तरह चंडीगढ़ मनाली हाईवे जगह-जगह लैंडस्लाइड के चलते बंद है। 

बाढ़ में 7 लोग लापता

कुल्लू जिले के निरमंड में बादल फटने से एक ही परिवार के पांच लोगों सहित कुल 7 लोग पानी में बह गए हैं। यहां पर बारिश के बाद निरमंड के बागीपुल में 31 जुलाई की रात करीब एक बजे कुर्पन नदी ने बाढ़ आ गई। बाढ़ में 7 लोग लापता हो गए और दर्जनों गाड़ियां भी बह गई हैं। बाढ़ इतनी भयंकर थी कि अपने साथ पांच से ज्यादा मकानों को भी बहा ले गई। स्थानीय निवासी गुलवंत ठाकुर ने बताया कि बारिश और बाढ़ में यहां पर भयंकर तबाही हुई है।

चार मंजिला इमारत महज 7 सेकंड में पार्वती नदी में समाई

वहीं, कुल्लू के मलाणा इलाके का एक वीडियो सामने आया है। यहां देर रात भारी बारिश से पार्वती नदी इतने ऊफान पर आ गई कि न जाने कितने ही घर और गाड़ियां इसमें समा गईं। वीडियो में दिख रहा है कैसे एक चार मंजिला इमारत महज 7 सेकंड के अंदर पार्वती नदी में समा गई। बिल्डिंग कहां गई पता ही नहीं चला। कुल्लू जिले की बात करें तो यहां ब्यास और पार्वती नदियां डेंजर मार्क से भी ऊपर हैं। मलाणा गांव में बना पॉवर प्रोजेक्ट का डैम भी ओवर फ्लो हुआ है।

मंडी में नौ लोग लापता

मंडी के थलटूखोड़ में आधी रात बादल फटने से तबाही मच गई। यहां मकान ढहने की सूचना है। सड़क कनेक्टिविटी भी ठप हो गई है। मौके के लिए एसडीआरएफ समेत अन्य टीमें रवाना हो गई हैं। थलटूखोड़ पंचायत प्रधान कली राम ने बताया कि तेरंग और राजबन गांव में बादल फटने की घटना हुई है। घटना में कई लोग लापता है। तीन घर बहने की सूचना है। जानकारी मिली है कि पधर उपमंडल के थलटूखोड़ में बादल फटने की घटना में नौ लोग लापता हैं, एक शव बरामद किया गया है। जबकि 35 सुरक्षित हैं। मंडी जिला प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स को अलर्ट किया है। मदद की जरूरत होने पर सेवाएं ली जाएंगी। एनडीआरएफ को भी मदद का निवेदन किया गया है।

जेपी नड्डा ने सीएम से की बात

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाक़ों में बादल फटने के कारण काफ़ी नुक़सान और जन जीवन अस्त व्यस्त होने के दुःखद समाचार पर जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखु से बात कर जानकारी ली और मोदी सरकार की तरफ़ से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। नड्डा जी ने पूर्व मुख्यमंत्री और एलओपी जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से बात की और सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में लगने का निर्देश दिया।

India

Jul 25 2024, 13:39

क्या जाएगी कंगना रनौत की सांसदी? याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

#himachal_high_court_issues_notice_to_kangana_ranaut

बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। दरअसल, कंगना की सांसदी के खिलाफ हिमाचल हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसके बाद हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है।हाई कोर्ट ने कंगना से 21 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में किन्नौर के एक निवासी द्वारा याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत को नोटिस जारी किया है। याचिका में मंडी से सांसद कंगना के निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दलील दी गई है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए उसके नामांकन पत्र को कथित रूप से गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था। नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल ने रनौत को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने कंगना के खिलाफ याचिका दायर की है। इसमें उसने कोर्ट से कंगना के चुनाव को रद्द करने की मांग की है। नायक फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पूर्व कर्मचारी हैं। उन्होंने समय से पहले वीआरएस मिल गई थी। नेगी का कहना है कि वह चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन उसके नामांकन पत्र को मंडी के चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था। नेगी की दलील है कि अगर उनका नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाता तो वो जीत जाते। याचिका में लायक राम नेगी ने कोर्ट से अपील की है कि कंगना के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने मंडी सीट पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है।

कंगना ने लोकसभा चुनाव में हिमाचल के मंडी से जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 वोट से हराया था। तीसरे नंबर पर बहुजन समाजवादी पार्टी के डॉ प्रकाश चंद्र भारद्वाज रहे थे। भारद्वाज को 4393 वोट मिले थे।

India

Jun 06 2024, 13:51

जल संकट पर दिल्लीवासियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार को दिया निर्देश

#delhi_water_crisis_supreme_court_direction_haryana_and_himachal_pradesh_govt

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में जल संकट से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत दी है।दिल्ली में पीने के पानी के बढ़ते संकट को लेकर अतिरिक्त पानी की मांग वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। इस दौरान दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की ओर से छोड़े गए अतिरिक्त जल के प्रवाह को हरियाणा सुगम बनाए। कोर्ट ने दिल्ली से कहा कि आप किसी भी तरह से पानी की बर्बादी नहीं होना चाहिए।

इस मालमे पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस के वी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ सुनवाई कर रही है।सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को 137 क्यूसेक पानी रिलीज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही साथ कहा है कि हरियाणा दिल्ली को पानी रिलीज करने की सुविधा देगा। हिमाचल सरकार शुक्रवार को पानी रिलीज करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को कल 137 क्यूसेक पानी हिमाचल को जारी करने का आदेश देते है।

कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार पानी के प्रवाह को जो हिमाचल से मिल रहा है उसे बिना किसी रोक टोक के दिल्ली के वजीराबाद तक आने दे, ताकि दिल्ली के लोगों को पीने का पानी मिल सके। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से यह भी कहा है कि वह अपने क्षेत्र में पड़ने वाली नहर से पानी दिल्ली तक पहुंचने में सहयोग करे। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। अदालत ने सभी पक्षों से स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है।

दरअसल, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार उनके हिस्से का पानी नहीं छोड़ रहा है। याचिका में मांग की गईृ है कि हरियाणा हिमाचल प्रदेश के उपलब्ध कराए गए पानी को छोड़े।हाल ही में जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर एक महीने के लिए दिल्ली को अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

India

Apr 19 2024, 11:50

*पहली बार मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा देश के ये इलाका, पीएम मोदी ने ग्रामीणों से फोन पर की बात*
#himachal_telecom_connectivity_reaches_indias_first_village आज मोबाइल हमारी जिंदगी की अहम हिस्सा है। लोग बाहर निकलने से पहले कुछ भी भूल जाएं, पर अपना मोबाइल फोन नहीं भूल सकते। दरअसल, ये छोटा सा गैजेट आपके बड़े बड़े काम कर सकता है। आज तो लोगों के लिए मोबाइल ही पर्स से लेकर बैंक अकाउंट भी है। आप चाहे दस रूपये का सामना खरीदें या 10 हजार का इसी मोबाइल से पेमेंट हो रहा है। हालांकि, तकनीक के इस दौर में भी हमारे देश के कई इलाके ऐसे हैं जहां इसकी पहुंच नहीं है। हालांकि, धीरे-धीरे सरकार उन तक हर सुख सुविधा पहुंचा रही है। ऐसा ही एक गांव हिमाचल प्रदेश के स्पीति का ग्यू है। यह गांव पहली बार मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा है। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्यू गांव के के निवासियों से फोन पर बात की। केंद्र की मोदी सरकार ने देश की सीमा पर बसे आखिरी गांव में नेटवर्क कनेक्टिविटी स्थापित कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इंडो-चाइना बॉर्डर के पास बसे हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति के कौरिक और ग्यू गांव में मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है। अहम बात है कि यह गांव चीन की सीमा के पास है, जो समुद्र तल से 14,931 फीट ऊंचाई पर स्थित है। इतनी ऊंचाई पर बसे इन गांव में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी पहुंचने के बाद यहां के स्थानीय लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को खुद फोन पर संपर्क किया और उनसे बातचीत की। इसका वीडियो भी सामने आया है। पीएम मोदी ने ग्यू गांव के लोगों से लोगों के साथ फोन पर 13 मिनट से अधिक बातचीत की है। पीएम मोदी ने ग्यू गांव के लोगों से फोन पर बातचीत में दिवाली के दौरान सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा के बारे में बात की है। पीएम मोदी ने कहा, "मैं यहां दीवाली पर भी आया था। आज लाहौल-स्पीति के दूर-सुदूर ग्यू गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचा है। इस गांव की भौगोलिक परिस्थितियां इतनी कठिन रही है कि यहां पर मोबाइल नेटवर्क पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसका पता मुझे उस वक्त लगा था, जब मैं यहां आया था। तब, मैंने वहां के लोगों से कहा था कि मोबाइल नेटवर्क की कनेक्टिविटी के लिए जरूर कुछ ना कुछ करूंगा। वैसे वहां के कई लोग अपने परिवार वालों से दूर रहते हैं और उनको अपने परिवार से बात करने का मन करता होगा। उन्होंने कहा कि गांव को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ने से डिजिटल इंडिया अभियान को गति मिलेगी। पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि विद्युतीकरण के अभियान में सफलता मिलने के बाद अब सरकार सभी स्थानों को संचार प्रौद्योगिकी से जोड़ने पर प्राथमिकता से काम कर रही है। ग्यू गांव के मोबाइल नेटवर्क से जुड़ने के बाद ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पीएम मोदी से बात करते हुए एक ग्रामीण ने उन्हें बताया विश्वास नहीं था कि उनका क्षेत्र मोबाइल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि पहले उन्हें अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने के लिए करीब आठ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी।

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Mar 26 2024, 13:24

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 बागियों की लगी “लॉटरी”, भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए दिया टिकट

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भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषित कर दी है। भाजपा ने कांग्रेस के सभी बागियों को टिकट दिए हैं।

पिछले दिनों इन 6 विधायकों ने कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब बीजेपी ने इन 6 चेहरों को मैदान में उतार दिया है। बीजेपी ने धर्मशाला सुधीर शर्मा, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर, सुजानपुर से राजिंदर राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविंदर कुमार भुट्टों को मैदान पर उतारा है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को चुनाव हुआ था। कांग्रेस के छह बागी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया था। जिसके बाद हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार (29 फरवरी) को बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की घोषणा करते, देश की 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराए जाने की भी घोषणा की थी। इनमें हिमाचल प्रदेश की 6 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इसके तहत बागी विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं।

हिमाचल में उपचुनाव का पूरा शेड्यूल

• अधिसूचना जारी करने की तारीख- 07-05-2024 (मंगलवार)

• नाम निर्देशन करने की आखिरी तारीख- 14-05-2024 (मंगलवार)

• नाम निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख- 15-05-2024 (बुधवार)

• अभ्यर्थिताएं वापस लेने की आखिरी तारीख- 17-05-2024 (शुक्रवार)

• मतदान की तारीख- 01-06-2024 (शनिवार)

• मतगणना की तारीख- 04-06-2024 (मंगलवार)

• निर्वाचन सम्पन्नता की तारीख- 06-06-2024 (वीरवार)

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Mar 01 2024, 16:14

प्रतिभा सिंह के बयान ने बढ़ायी हिमाचल की हलचल, बीजेपी को लेकर कही बड़ी बात, बागी विधायकों का भी किया समर्थन

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हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल मची हुई है। यहां राज्यसभा चुनाव की एक सीट पर कांग्रेस को मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस का अंदरूनी कलह बाहर आ गया है। हालांकि, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि उनकी सरकार सुरक्षित है और पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।इस बीच पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बयान के बाद लग रहा है कि कांग्रेस सरकार पर छाए संकट के बादल अभी छटे नहीं हैं। दरअसल, प्रतिभा सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में अभी बहुत कुछ किया जना बाकी है। यह सच है कि भाजपा का कामकाज हमसे बेहतर है। वहीं उन्होंने बागी विधायकों का समर्थन करते हुए कहा कि वे स्पीकर के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रतिभा ने कहा, आप संगठन को मजबूत करेंगे तभी हम आने वाले चुनाव का सामना कर सकते हैं। हमें अभी पार्टी को संगठित करने की जरूरत है। आज हम चुनाव का सामना करेंगे, मैं यह कह सकती हूं कि यह कठिन समय है। लेकिन चुनाव तो चुनाव है, उसका सामना करना है।

संगठन के स्तर पर बीजेपी तैयार है या कांग्रेस? इस सवाल पर प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस में अभी हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है। सांसद होने के नाते अपने क्षेत्र का दौरा किया, लोगों से मिली और जानने का प्रयास किया। हमारे पास सांसद निधि आती है और हर हल्के में बंटवारा करना था। कभी भी एमसीसी लगेगा तो पैसा लैप्स हो जाएगा। मैंने इस पर सभी से बात की। बीजेपी की वर्किंग हमसे अच्छी है।

'क्या भाजपा उन्हें मंडी से चुनाव लड़ाना चाहती है' सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि हमने ऐसा कभी नहीं सोचा, हम भाजपा के संपर्क में भी नहीं हैं। भगवान जानें, आगे क्या स्थिति बनती है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व किसे टिकट देना चाहता है, इसपर भी अब विचार होगा। उनके आदेश के मुताबिक हम क्या कदम उठाएंगे उसपर हम आगे बढ़ेंगे। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि मेरा भाजपा में जाने का कोई विचार नहीं है मैं कांग्रेस की सिपाही हूं और पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रही हूं।

हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह बागी विधायकों का समर्थन करते हुए कहा कि विधायकों का नाराज होना स्वाभाविक है। प्रतिभा सिंह ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि हो भी क्यों नहीं, जब एक वर्ष से अधिक समय हो गया है और आपने कोई संज्ञान नहीं लिया या उनकी बात नहीं सुनी, तो उनका परेशान होना स्वाभाविक है। क्या आपने उन्हें बैठाया, उनसे बात की और कोई समाधान निकाला, यह स्थिति ऐसी ही नहीं हुई होगी।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि पार्टी के बागी विधायक कड़ी सुरक्षा में है, ऐसे में उनसे संपर्क कैसे किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने निष्कासन को बचाने के लिए विधायक जरूर कोर्ट जाएंगे। हर व्यक्ति अपने बचाव के लिए कुछ प्रयास करता है।

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Feb 29 2024, 11:51

हिमाचल में कांग्रेस के छह बागी विधायक अयोग्य घोषित, स्पीकर ने की बड़ी कार्रवाई, राज्यसभा चुनाव में की थी क्रॉस वोटिंग

#himachal_pradesh_congress_six_rebel_mlas_disqualified

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से सियासी घमासान मचा है।राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग के बाद सियासी संकट के हालात पैदा हो गए हैं। इस बीच इन 6 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अयोग्य घोषित कर दिया है। इनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है।

अपना फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हमने दोनों पक्षों को ध्यान से सुना। हमने पाया कि बागी विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित किया जाता है। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने वाले छह विधायकों ने दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसलिए इन विधायकों की सदस्यका तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है। स्पीकर ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी। मैंने अपने 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है। मैंने उन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है।

स्पीकर ने कहा कि सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, राजेन्द्र राणा, लखनपाल, रवि ठाकुर और देवेन्द्र बुट्टो की सदस्यता रद्द कर दी गई है। स्पीकर ने कहा कि आया राम गया राम की राजनीति नहीं होनी चाहिए। राज्यसभा चुनाव का व्हिप इस फैसले का पार्ट नहीं है। बजट सत्र के व्हिप के आधार पर फैसला लिया गया है। राज्यसभा चुनाव व्हिप के मुताबिक क्रॉस वोटिंग नहीं होनी चाहिए थी लेकिन वो व्हिप मेरे फैसले का पार्ट नहीं है। मैंने फैसले में उसे अनएथिकल करार दिया है लेकिन उस पर फैसला सुप्रीम कोर्ट ले सकता है।