बीजेपी सांसद का पूर्व पीएम राजीव गांधी पर बड़ा आरोप, बोले-राहुल गांधी के पिताजी स्वीडन की कंपनी के एजेंट थे

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस और राहुल गांधी पर बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। निशिंकात दुबे ने राहुल गांधी को उनके पिता और पूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम पर घेरा। बीजेपी सांसद ने दावा किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक स्वीडिश सैन्य कंपनी के एजेंट थे।

निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर राहुल गांधी पर उनके पिता का नाम लेकर जोरदार हमला बोला। दुबे ने सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज शेयर किया। इसमें दावा किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक स्वीडिश सैन्य कंपनी के एजेंट थे। उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब है कि वह 1970 के दशक में दलाली में शामिल थे।

फाइटर जेट सौदे में राजीव गांधी की भूमिका पर उठाया था सवाल

यह पहला मौका नहीं है, जब निशिकांत ने राजीव गांधी को लेकर कोई बयान दिया है। इससे पहले जुलाई में भी दुबे ने विकीलीक्स की एक पुरानी रिपोर्ट के हवाले से राजीव और इंदिरा गांधी पर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि 1970 के दशक में एक फाइटर जेट सौदे में राजीव गांधी ने ‘बिचौलिये’ की भूमिका निभाई थी।

इंदिरा गांधी पर रक्षा सौदों में ज़्यादा हस्तक्षेप का आरोप

भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने डिफेंस डील में 'हद से ज़्यादा दखलंदाज़ी' की थी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि 2013 में विकीलीक्स ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे। दुबे ने अपने पोस्ट में लिखा, "21 अक्टूबर 1975 को एक स्वीडिश डिप्लोमैट ने अमेरिकी सरकार को बताया कि साब-स्कैनिया कंपनी भारत को विगेन फाइटर जेट बेचना चाहती थी, और उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पायलट बेटे राजीव गांधी बिचौलिये की तरह काम कर रहे थे।" उन्होंने यह भी कहा कि इंदिरा गांधी रक्षा सौदों में ज़्यादा हस्तक्षेप करती थीं।

कमीशनखोरी छुपाने के लिए ललित नारायण मिश्रा की हत्या कराई गई”, बीजेपी सांसद का कांग्रेस पर गंभीर आरोप

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झारखंड के गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए निशिकांत दुबे ने पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की 1975 में हुई हत्या को कांग्रेस को घेरा। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में पूछा की क्या कांग्रेस ने अपना कमीशन घोटाला छिपाने के लिए मिश्रा की हत्या करवाई?

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि क्या कांग्रेस पार्टी ने अपनी कमीशन खोरी छुपाने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या करवाई?

निशिकात दुबे बोलेग-'घोर कलयुग' करार

गोड्डा सांसद ने घटनाक्रम को छह बिंदुओं में बयान करते हुए इसे 'घोर कलयुग' करार दिया।

• भारत सरकार ने 1972-73 में एक फ़र्ज़ी आयात निर्यात लाइसेंस जारी किया

• ललित नारायण मिश्र विदेश व्यापार मंत्री थे, पैसे का लेन-देन शुरू हुआ ।उस वक़्त 1 लाख 20 हज़ार महीना?

• संसद में हंगामा हुआ 1973 में जॉंच शुरू हुई,ललित बाबू का मंत्रालय बदलकर रेल मंत्री बनाया गया

• 1974 के सितंबर में CBI ने चार्जशीट दायर की,आरोप यानि फ़र्ज़ी कम्पनी बनाकर लेन देन हुआ,सिद्ध हुआ

• 9 दिसंबर 1974 को हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने ललित नारायण मिश्र की धज्जियाँ उड़ाई तथा पैसे के लेनदेन के सबूत दिए CBI चार्जशीट के आधार पर,विशेषाधिकार लाया गया

• 3 जनवरी 1975 को क्या इसी भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ललित बाबू बम विस्फोट से उड़ा दिए गए?

पहले भी कांग्रेस पर लगा चुके हैं गंभीर आरोप

निशिकांत दुबे अक्सर कांग्रेस पर आरोप लगाते रहे हैं। इससे पहले, दुबे कांग्रेस पर 8 लाख करोड़ की टैक्स छूट देकर गरीबों को लूटने और 'कॉरपोरेट दलाली' का आरोप लगा चुके हैं। निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 तक के कार्यकाल में बड़े व्यापारियों को 8 लाख करोड़ रुपए की टैक्स छूट देकर गरीबों से लूट की और अमीरों को मालामाल किया।

ललित मिश्रा की समस्तीपुर में बम विस्फोट में हुई थी मौत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री मिश्रा की वर्ष 1975 में बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर बम विस्फोट में मौत हो गई थी। तारीख थी 2 जनवरी और साल 1975। ललित नारायण मिश्र दिल्ली से समस्तीपुर पहुंचे थे। यहां उन्हें समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर जाने वाली रेलवे की बड़ी लाइन का उद्घाटन करना था। उद्घाटन के दौरान समस्तीपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-तीन पर ही एक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ, जहां कई बड़े नेता मौजूद थे। ललित नारायण मिश्र का इस दौरान मंच पर भाषण हुआ। भाषण पूरा करने के बाद जब एलएन मिश्र मंच से उतरने लगे, तभी वहां इकट्ठा हुई भीड़ में से किसी ने मिश्र की तरफ हैंड ग्रेनेड फेंक दिया। इसी हमले में एलएन मिश्र की मौत हो गई थी।

पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक आज, दिल्ली के बदले बिहार में मंथन के क्या है सियासी मायने?

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पटना में 24 सितंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होने वाली है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस इस बार बड़ी गंभीर है। राहुल गांधी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। ऐसे में आज बिहार की राजधानी पटना में होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। यही नहीं, आजादी के बाद बिहार में कांग्रेस कार्यसमिति की यह पहली बैठक है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा देशभर के करीब 170 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

देशभर के 170 से ज्यादा नेताओं का जुटान

सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल होने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, डीके शिवकुमार सहित ज्यादातर वरीय नेता पटना पहुंच गए हैं। वहीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज पटना पहुंचेंगे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया भी शिरकत करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, सीएलपी लीडर, सांसद और विधायक भी इस बैठक का हिस्सा बनेंगे। बैठक में देशभर के 170 से ज्यादा नेता, तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।

तेलंगाना की तर्ज पर बनेगी रणनीति

पार्टी का दावा है कि यह बैठक बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन का नया अध्याय लिख सकती है। पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक ऐतिहासिक मानी जा रही है। पार्टी का फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर है और तेलंगाना की तरह यहां भी रणनीति बनाने का दावा किया जा रहा है।

कांग्रेस ने कहा 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई'

बता दें कि इससे पहले 1940 में पटना कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर बिहार कांग्रेस के नेता 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई' बता रहे हैं। जिसके ज़रिए कांग्रेस आज़ादी की दूसरी लड़ाई का बिगुल फूंकना चाहती है। उसका कहना है कि बमुश्किल मिली आज़ादी, लोकतंत्र और संविधान को वोट चोरी के ज़रिए छीनने की बीजेपी को कोशिश से आज़ादी की लड़ाई की तर्ज पर ही लड़ा जाएगा। इस नारे के साथ कि तब लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

पाकिस्तान घर जैसा महूसस होता है... राहुल गांधी के करीबीसैम पित्रोदा का बयान, भाजपा भड़की

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने फिर विवादास्पद बयान दिया है है। शुक्रवार को एक न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में पित्रोदा ने कहा, मैं पाकिस्तान गया। मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। उन्होंने नेपाल से लेकर बांग्लादेश तक की तारीफ की है। साथ ही पित्रोदा ने केंद्र सरकार से पड़ोसी देशों के साथ बातचीत को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति की शुरुआत पाकिस्तान सहित पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने से होनी चाहिए।

सैम पित्रोदा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मेरे मुताबिक, हमारी विदेश नीति पर काम होना चाहिए, हमें सबसे पहले अपने पड़ोस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्या हम सचमुच अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों में सुधार ला सकते हैं? मैं पाकिस्तान गया हूं और आपको बता दूं कि मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। मैं बांग्लादेश गया हूं, मैं नेपाल भी गया हूं, और मुझे वहां भी घर जैसा महसूस हुआ। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं किसी विदेशी धरती पर हूं।

बीजेपी ने लगाया राष्ट्रीय हितों को कमजोर करने का आरोप

पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा ने कांग्रेस नेतृत्व पर भारत के राष्ट्रीय हितों को कमजोर करने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, राहुल गांधी के चहेते और कांग्रेस के विदेश प्रमुख सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में 'घर जैसा महसूस' हुआ। कोई आश्चर्य नहीं कि यूपीए ने 26/11 के बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तान का चहेता, कांग्रेस का चुना हुआ।

पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं पित्रोदा

ये पहली बार नहीं है, जब सैम पित्रोदा ने विवाद बढ़ाने वाला बयान दिया है। 2019 से लेकर अब तक 6 विवादित बयान दे चुके हैं। एक बार तो उन पर कांग्रेस ने कार्रवाई भी की थी, लेकिन पित्रोदा विवादित बयान देना नहीं छोड़ते हैं। 2019 के फरवरी में पित्रोदा ने बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाया था। इसी साल अप्रैल महीने में पित्रोदा ने सिख दंगे को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। पित्रोदा ने कहा था कि दंगा हुआ तो हुआ। मई 2024 में पित्रोदा ने नस्लभेदी टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी ने इस्तीफा देने के लिए कहा था। हालांकि, बाद में फिर से उन्हें पद पर बहाल कर दिया गया। पित्रोदा को कांग्रेस में गांधी परिवार का करीबी माना जाता है।

कांग्रेस की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर केस दर्ज, कोर्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

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झरिया की पूर्व कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के विरुद्ध अदालत की अवमानना का मुकदमा न्यायालय में दायर हुआ है। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी टिप्पणी के बाद पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कानूनी दांवपेच में फंसती दिख रही हैं। धनबाद में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

न्यायालय के फैसले की खुले मंच से आलोचना का आरोप

धनबाद कोर्ट के वकील वकार अहमद ने यह शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 अगस्त 25 को धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नीरज हत्याकांड में अपना फैसला सुनाया और आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। फैसले के विरुद्ध 1 सितंबर 25 को संध्या 6 बजे से 7:30 बजे तक रणधीर वर्मा चौक में मृतक नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह के नेतृत्व में जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक न्यायालय के फैसले के विरुद्ध कैंडल सह आक्रोश मार्च निकाला गया और उस स्थल पर पूर्णिमा नीरज सिंह ने फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश के विरुद्ध घोर अपमान सूचक व अपयशकारी शब्दों का खुलेआम प्रयोग किया।

वकील ने कहा- साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया

शिकायत करने वाले अधिवक्ता ने कहा कि न्यायालय सभी साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला देती है। नीरज सिंह हत्याकांड में भी कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया था। साक्ष्य के अभाव में सभी लोगों को बरी किया था, लेकिन नीरज सिंह हत्याकांड में न्यायालय के दिए गए फैसले पर पूर्व विधायक की ओर से सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की गई, जो सही नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि नीरज सिंह हत्याकांड में 27 अगस्त 2025 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी ने मामले में आरोपी पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत दूसरों को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ स्व. नीरज सिंह की पत्नी और पूर्व विधायक ने सड़क पर विरोध मार्च निकाला था। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में न्यायाधीश के खिलाफ अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल किया था। मीडिया को बयान देने के साथ ही पूर्व विधायक ने सोशल मीडिया पर अपने विवादित बयान को पोस्ट किया था।

क्या नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ गया था सोनिया गांधी का नाम? कोर्ट से एफआईआर की मांग

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है, जिसमें उनके भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 10 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की है।

नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल

वकील विकास त्रिपाठी ने यह शिकायत दर्ज कराई है। वकील विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली की मतदाता सूची में था। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में फिर से जोड़ा गया। त्रिपाठी के वकील ने कहा कि उनका भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी अप्रैल 1983 का है। 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल हुआ, जिसे फिर 1982 में हटाया गया और 1983 में फिर से दर्ज किया गया।

जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे। वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।

230 पेज की शिकायत, सुनवाई की तारीख तय

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 230 पेज की शिकायत देखने के बाद सुनवाई की तारीख तय की। शिकायत में सोनिया गांधी और आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी शामिल किया गया है। त्रिपाठी की तरफ से वकील ने दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह फिर से विचार किया जाएगा। हालांकि, गांधी या दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

मेरी मां का अपमान, देश की हर मां का अपमान', बिहार में अपशब्द कहे जाने पर दुखी हुए पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने 105 करोड़ रुपए की राशि को जीविका निधि में ट्रांसफर किया। इस दौरान पीएम मोदी ने दरभंगा में राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के मंच से अपनी मां के लिए कहे गए अपशब्द के लिए कांग्रेस-आरजेडी पर निशाना साधा।

मां ही हमारा संसार है...-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कुछ दिनों बाद नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है। पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, यानी मां के नौ रूपों की पूजा होगी। लेकिन, बिहार और पुरबिया इलाके में नवदुर्गा के साथ सतबहिनी पूजा की परंपरा भी पीढ़ियों से है। मां के रूप में सात बहनों की पूजा की परंपरा, मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास, ये बिहार की पहचान है। 'मां ही हमारा संसार है। मां ही हमारा स्वाभिमान है। इस परंपरा संपन्न बिहार में कुछ दिन पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।

मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर-पीएम मोदी

बिहार में राजद-कांग्रेस के मंच से मोरी को गाली दी गईं। ये गालियां सिर्फ़ मेरी मां का अपमान नहीं हैं। ये देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान हैं। वह राजनीति से जुड़ी नहीं थीं। मेरी मां ने मुझे मां भारती की सेवा करना सिखाया, उन्होंने मुझसे गरीबों की सेवा करने के लिए कहा था। मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर होता है।

मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, मुझे पता है कि आप सबको भी ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा है। मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है। इसलिए, आज जब इतनी बड़ी तादात में बिहार की लाखों माताओं-बहनों के दर्शन मैं कर रहा हूं, तो आज मेरा मन और मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं। ताकि आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।

जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, आज मंगलवार को एक बहुत ही शुभ कार्य का शुभारंभ हो रहा है। बिहार की माताओं और बहनों को आज एक नई सुविधा मिलने जा रही है। जीविका निधि साख सहकारी संघ है, इसके माध्यम से, गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों को अब और आसानी से पैसा मिल सकेगा। उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी। इससे उनके काम और उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग, याचिका में खरगे-राहुल गांधी पर गंभीर आरोप

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सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की दई है। चुनाव आयोग पर आरोप लगाने को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। याचिकाकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल ने चुनाव आयोग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने को लेकर कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल डाली है। याचिका में कांग्रेस का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई है।

संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप

सतीश कुमार अग्रवाल द्वारा दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग पर निराधार आरोप लगाकर एक संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता रद्द करने की मांग की है। याचिका में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट ऑफ मंडमस (परमादेश) जारी करने की अपील की गई है, जिसमें केंद्र सरकार (प्रतिवादी नंबर 1) को कांग्रेस का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

दुष्प्रचार की एसआईटी जांच की मांग

याचिकाकर्ता का आरोप है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के आरोप बेहद गंभीर और गैर जिम्मेदाराना हैं। इन दोनों ने एक संवैधानिक संस्था की साख को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है और ऐसे में न सिर्फ पार्टी की मान्यता रद्द हो बल्कि इनके दुष्प्रचार की जांच एसआईटी से कराई जाए।

संविधान के प्रति वफादारी की शपथ तोड़ने का आरोप

याचिका में कुछ नियमों का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि कांग्रेस ने अपनी स्थापना के समय भारत के संविधान के प्रति निष्ठा बनाए रखने की शपथ ली थी। हालांकि, ईसीआई के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान इस शपथ का उल्लंघन करता है और आयोग के कार्यों को गैरकानूनी तरीके से बाधित करने की कोशिश कर रहा है।

पीएम-सीएम को जेल भेजने वाले बिल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस-आरजेडी को घेरा, बोले-पाप करने वाले दूसरे से छुपाते हैं

#pmnarendramoditargetscongressrjdpartyaapon30daysjailremoval_law

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार दौरे पर राज्य को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं के शिलान्यास उद्धघाटन के बाद कई बड़ी बातें कहीं। पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पीएम-सीएम बिल पर राहुल-केजरीवाल-लालू- तेजस्वी को खूब सुनाया।

बिहार के गयाजी से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि क्लर्क से लेकर अफसर तक घूसखोरी करे तो उसकी जिंदगी तबाह हो जाती है। लेकिन पीएम-सीएम-मंत्री के साथ ऐसा नहीं होता। हमने कुछ दिन पहले देखा कि जेल से फाइलें निपटाई जा रही हैं। पीएम ने बगैर नाम लिए अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया। कहा, ऐसा होगा तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा। हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसीलिए एनडीए सरकार एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री भी है, इसके दायरे में सीएम और मंत्री भी हैं। अगर इनमें से कोई भी जेल जाता है तो उसे 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी, अगर जमानत नहीं ले पाया तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी होगी।

राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे-पीएम मोदी

प्रधामंत्री यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि ये राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं, कौन नहीं जानता कि इनको किस बात का डर है। जिन्होंने पाप किया है, उनको पता है कि भीतर से उन्होंने क्या-क्या खेल खेला है। ये राजद-कांग्रेस वाले, कोई बेल पर बाहर है, कोई रेल का खेल कर चुका है, वो आज इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इनको पता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसीलिए ये मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। इसीलिए बौखलाहट में ये जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं। बाबा साहेब अंबेडकर ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सत्ता के भूखे लोग इतना भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने पर भी कुर्सी के लिए भूखे रहेंगे। अब ये जेल भी जाएंगे और कुर्सी भी छोड़नी पड़ेगी।

आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और राजद पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने गयाजी में कहा कि कांग्रेस और राजद के भ्रष्टाचार की लिस्ट बहुत लंबी है। उन्होंने कहा, 2014 से अब तक हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक दाग नहीं लगा। जबकि कांग्रेस की भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है और आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है। इसके खात्मे के लिए कोई भी कार्यवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस में कई युवा नेता बहुत प्रतिभाशाली लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया जाता...पीएम मोदी का राहुल गांधी पर करारा हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष के कई नेता प्रतिभाशाली और अच्छे वक्ता हैं, लेकिन राहुल गांधी की वजह से उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता। संसद के मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन था लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो चुकी है। मॉनसून सत्र के समापन के मौके पर लोकसभा स्पीकर से लोकसभा के सभी सदस्यों के लिए टी मीटिंग रखी थी। लेकिन विपक्ष का कोई भी सदस्य इस मीटिंग में नहीं पहुंचा। विपक्ष ने स्पीकर की चाय पार्टी का बहिष्कार किया। इसे लेकर पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा।

युवा नेताके कारण घबराहट में राहुल-पीएम मोदी

संसद परिसर में आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ये सत्र बहुत अच्छा रहा क्योंकि कई महत्वपूर्ण बिल पारित हुए। यही वो मुद्दा है जिस पर ज्यादा चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष बड़े-बड़े विधेयकों पर चर्चा में शामिल हो सकता था, लेकिन वो सिर्फ व्यवधान डालने में लगे रहे। पीएम ने यह भी कहा कि विपक्ष में, खासकर कांग्रेस में, बहुत से युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन परिवार की असुरक्षा की वजह से इन युवाओं को बोलने का मौका नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि संभव है कि यही युवा नेता राहुल गांधी को असुरक्षित और घबराहट में डाल रहे हों।

स्पीकर की टी पार्टी में नहीं पहुंचे राहुल गांधी

लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकालीन समय के स्थगित होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने टी पार्टी दिया। टी पार्टी में पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों समेत एनडीए के नेता पहुंचे लेकिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष का एक भी सांसद इसमें शामिल नहीं हुआ।

हंगामेदार रहा मॉनसून सत्र

बीते एक महीने में संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा मचाया। खास तौर पर बिहार में SIR (वोटर लिस्ट रीविजन) का मुद्दा सदन के अंदर और बाहर छाया रहा। लगभग रोज ही विपक्ष ने इसको लेकर प्रदर्शन किया। इतने हंगामे के बीच भी इस सत्र में लोकसभा में 12 विधेयक पारित हुए। 419 प्रश्न शामिल किए गए। बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन अहम बिल पेश किए। इन बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष ने इसका विरोध किया। पीएम-सीएम को गंभीर अपराध करने पर पद से हटाए जाने को लेकर यह बिल पेश किए गएष

बीजेपी सांसद का पूर्व पीएम राजीव गांधी पर बड़ा आरोप, बोले-राहुल गांधी के पिताजी स्वीडन की कंपनी के एजेंट थे

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस और राहुल गांधी पर बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। निशिंकात दुबे ने राहुल गांधी को उनके पिता और पूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम पर घेरा। बीजेपी सांसद ने दावा किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक स्वीडिश सैन्य कंपनी के एजेंट थे।

निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर राहुल गांधी पर उनके पिता का नाम लेकर जोरदार हमला बोला। दुबे ने सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज शेयर किया। इसमें दावा किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक स्वीडिश सैन्य कंपनी के एजेंट थे। उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब है कि वह 1970 के दशक में दलाली में शामिल थे।

फाइटर जेट सौदे में राजीव गांधी की भूमिका पर उठाया था सवाल

यह पहला मौका नहीं है, जब निशिकांत ने राजीव गांधी को लेकर कोई बयान दिया है। इससे पहले जुलाई में भी दुबे ने विकीलीक्स की एक पुरानी रिपोर्ट के हवाले से राजीव और इंदिरा गांधी पर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि 1970 के दशक में एक फाइटर जेट सौदे में राजीव गांधी ने ‘बिचौलिये’ की भूमिका निभाई थी।

इंदिरा गांधी पर रक्षा सौदों में ज़्यादा हस्तक्षेप का आरोप

भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने डिफेंस डील में 'हद से ज़्यादा दखलंदाज़ी' की थी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि 2013 में विकीलीक्स ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे। दुबे ने अपने पोस्ट में लिखा, "21 अक्टूबर 1975 को एक स्वीडिश डिप्लोमैट ने अमेरिकी सरकार को बताया कि साब-स्कैनिया कंपनी भारत को विगेन फाइटर जेट बेचना चाहती थी, और उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पायलट बेटे राजीव गांधी बिचौलिये की तरह काम कर रहे थे।" उन्होंने यह भी कहा कि इंदिरा गांधी रक्षा सौदों में ज़्यादा हस्तक्षेप करती थीं।

कमीशनखोरी छुपाने के लिए ललित नारायण मिश्रा की हत्या कराई गई”, बीजेपी सांसद का कांग्रेस पर गंभीर आरोप

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झारखंड के गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए निशिकांत दुबे ने पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की 1975 में हुई हत्या को कांग्रेस को घेरा। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में पूछा की क्या कांग्रेस ने अपना कमीशन घोटाला छिपाने के लिए मिश्रा की हत्या करवाई?

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि क्या कांग्रेस पार्टी ने अपनी कमीशन खोरी छुपाने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या करवाई?

निशिकात दुबे बोलेग-'घोर कलयुग' करार

गोड्डा सांसद ने घटनाक्रम को छह बिंदुओं में बयान करते हुए इसे 'घोर कलयुग' करार दिया।

• भारत सरकार ने 1972-73 में एक फ़र्ज़ी आयात निर्यात लाइसेंस जारी किया

• ललित नारायण मिश्र विदेश व्यापार मंत्री थे, पैसे का लेन-देन शुरू हुआ ।उस वक़्त 1 लाख 20 हज़ार महीना?

• संसद में हंगामा हुआ 1973 में जॉंच शुरू हुई,ललित बाबू का मंत्रालय बदलकर रेल मंत्री बनाया गया

• 1974 के सितंबर में CBI ने चार्जशीट दायर की,आरोप यानि फ़र्ज़ी कम्पनी बनाकर लेन देन हुआ,सिद्ध हुआ

• 9 दिसंबर 1974 को हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने ललित नारायण मिश्र की धज्जियाँ उड़ाई तथा पैसे के लेनदेन के सबूत दिए CBI चार्जशीट के आधार पर,विशेषाधिकार लाया गया

• 3 जनवरी 1975 को क्या इसी भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ललित बाबू बम विस्फोट से उड़ा दिए गए?

पहले भी कांग्रेस पर लगा चुके हैं गंभीर आरोप

निशिकांत दुबे अक्सर कांग्रेस पर आरोप लगाते रहे हैं। इससे पहले, दुबे कांग्रेस पर 8 लाख करोड़ की टैक्स छूट देकर गरीबों को लूटने और 'कॉरपोरेट दलाली' का आरोप लगा चुके हैं। निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 तक के कार्यकाल में बड़े व्यापारियों को 8 लाख करोड़ रुपए की टैक्स छूट देकर गरीबों से लूट की और अमीरों को मालामाल किया।

ललित मिश्रा की समस्तीपुर में बम विस्फोट में हुई थी मौत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री मिश्रा की वर्ष 1975 में बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर बम विस्फोट में मौत हो गई थी। तारीख थी 2 जनवरी और साल 1975। ललित नारायण मिश्र दिल्ली से समस्तीपुर पहुंचे थे। यहां उन्हें समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर जाने वाली रेलवे की बड़ी लाइन का उद्घाटन करना था। उद्घाटन के दौरान समस्तीपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-तीन पर ही एक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ, जहां कई बड़े नेता मौजूद थे। ललित नारायण मिश्र का इस दौरान मंच पर भाषण हुआ। भाषण पूरा करने के बाद जब एलएन मिश्र मंच से उतरने लगे, तभी वहां इकट्ठा हुई भीड़ में से किसी ने मिश्र की तरफ हैंड ग्रेनेड फेंक दिया। इसी हमले में एलएन मिश्र की मौत हो गई थी।

पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक आज, दिल्ली के बदले बिहार में मंथन के क्या है सियासी मायने?

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पटना में 24 सितंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होने वाली है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस इस बार बड़ी गंभीर है। राहुल गांधी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। ऐसे में आज बिहार की राजधानी पटना में होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। यही नहीं, आजादी के बाद बिहार में कांग्रेस कार्यसमिति की यह पहली बैठक है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा देशभर के करीब 170 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

देशभर के 170 से ज्यादा नेताओं का जुटान

सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल होने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, डीके शिवकुमार सहित ज्यादातर वरीय नेता पटना पहुंच गए हैं। वहीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज पटना पहुंचेंगे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया भी शिरकत करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, सीएलपी लीडर, सांसद और विधायक भी इस बैठक का हिस्सा बनेंगे। बैठक में देशभर के 170 से ज्यादा नेता, तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।

तेलंगाना की तर्ज पर बनेगी रणनीति

पार्टी का दावा है कि यह बैठक बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन का नया अध्याय लिख सकती है। पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक ऐतिहासिक मानी जा रही है। पार्टी का फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर है और तेलंगाना की तरह यहां भी रणनीति बनाने का दावा किया जा रहा है।

कांग्रेस ने कहा 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई'

बता दें कि इससे पहले 1940 में पटना कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर बिहार कांग्रेस के नेता 'स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई' बता रहे हैं। जिसके ज़रिए कांग्रेस आज़ादी की दूसरी लड़ाई का बिगुल फूंकना चाहती है। उसका कहना है कि बमुश्किल मिली आज़ादी, लोकतंत्र और संविधान को वोट चोरी के ज़रिए छीनने की बीजेपी को कोशिश से आज़ादी की लड़ाई की तर्ज पर ही लड़ा जाएगा। इस नारे के साथ कि तब लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से। सीडब्ल्यूसी की बैठक को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

पाकिस्तान घर जैसा महूसस होता है... राहुल गांधी के करीबीसैम पित्रोदा का बयान, भाजपा भड़की

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने फिर विवादास्पद बयान दिया है है। शुक्रवार को एक न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में पित्रोदा ने कहा, मैं पाकिस्तान गया। मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। उन्होंने नेपाल से लेकर बांग्लादेश तक की तारीफ की है। साथ ही पित्रोदा ने केंद्र सरकार से पड़ोसी देशों के साथ बातचीत को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति की शुरुआत पाकिस्तान सहित पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने से होनी चाहिए।

सैम पित्रोदा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मेरे मुताबिक, हमारी विदेश नीति पर काम होना चाहिए, हमें सबसे पहले अपने पड़ोस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्या हम सचमुच अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों में सुधार ला सकते हैं? मैं पाकिस्तान गया हूं और आपको बता दूं कि मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। मैं बांग्लादेश गया हूं, मैं नेपाल भी गया हूं, और मुझे वहां भी घर जैसा महसूस हुआ। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं किसी विदेशी धरती पर हूं।

बीजेपी ने लगाया राष्ट्रीय हितों को कमजोर करने का आरोप

पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा ने कांग्रेस नेतृत्व पर भारत के राष्ट्रीय हितों को कमजोर करने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, राहुल गांधी के चहेते और कांग्रेस के विदेश प्रमुख सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में 'घर जैसा महसूस' हुआ। कोई आश्चर्य नहीं कि यूपीए ने 26/11 के बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तान का चहेता, कांग्रेस का चुना हुआ।

पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं पित्रोदा

ये पहली बार नहीं है, जब सैम पित्रोदा ने विवाद बढ़ाने वाला बयान दिया है। 2019 से लेकर अब तक 6 विवादित बयान दे चुके हैं। एक बार तो उन पर कांग्रेस ने कार्रवाई भी की थी, लेकिन पित्रोदा विवादित बयान देना नहीं छोड़ते हैं। 2019 के फरवरी में पित्रोदा ने बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाया था। इसी साल अप्रैल महीने में पित्रोदा ने सिख दंगे को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। पित्रोदा ने कहा था कि दंगा हुआ तो हुआ। मई 2024 में पित्रोदा ने नस्लभेदी टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी ने इस्तीफा देने के लिए कहा था। हालांकि, बाद में फिर से उन्हें पद पर बहाल कर दिया गया। पित्रोदा को कांग्रेस में गांधी परिवार का करीबी माना जाता है।

कांग्रेस की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर केस दर्ज, कोर्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

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झरिया की पूर्व कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के विरुद्ध अदालत की अवमानना का मुकदमा न्यायालय में दायर हुआ है। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी टिप्पणी के बाद पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कानूनी दांवपेच में फंसती दिख रही हैं। धनबाद में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

न्यायालय के फैसले की खुले मंच से आलोचना का आरोप

धनबाद कोर्ट के वकील वकार अहमद ने यह शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 अगस्त 25 को धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नीरज हत्याकांड में अपना फैसला सुनाया और आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। फैसले के विरुद्ध 1 सितंबर 25 को संध्या 6 बजे से 7:30 बजे तक रणधीर वर्मा चौक में मृतक नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह के नेतृत्व में जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक न्यायालय के फैसले के विरुद्ध कैंडल सह आक्रोश मार्च निकाला गया और उस स्थल पर पूर्णिमा नीरज सिंह ने फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश के विरुद्ध घोर अपमान सूचक व अपयशकारी शब्दों का खुलेआम प्रयोग किया।

वकील ने कहा- साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया

शिकायत करने वाले अधिवक्ता ने कहा कि न्यायालय सभी साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला देती है। नीरज सिंह हत्याकांड में भी कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया था। साक्ष्य के अभाव में सभी लोगों को बरी किया था, लेकिन नीरज सिंह हत्याकांड में न्यायालय के दिए गए फैसले पर पूर्व विधायक की ओर से सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की गई, जो सही नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि नीरज सिंह हत्याकांड में 27 अगस्त 2025 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी ने मामले में आरोपी पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत दूसरों को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ स्व. नीरज सिंह की पत्नी और पूर्व विधायक ने सड़क पर विरोध मार्च निकाला था। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में न्यायाधीश के खिलाफ अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल किया था। मीडिया को बयान देने के साथ ही पूर्व विधायक ने सोशल मीडिया पर अपने विवादित बयान को पोस्ट किया था।

क्या नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ गया था सोनिया गांधी का नाम? कोर्ट से एफआईआर की मांग

#wasformercongresspresidentsoniagandhivoterbeforeshewascitizen

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है, जिसमें उनके भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 10 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की है।

नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल

वकील विकास त्रिपाठी ने यह शिकायत दर्ज कराई है। वकील विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली की मतदाता सूची में था। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में फिर से जोड़ा गया। त्रिपाठी के वकील ने कहा कि उनका भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी अप्रैल 1983 का है। 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल हुआ, जिसे फिर 1982 में हटाया गया और 1983 में फिर से दर्ज किया गया।

जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे। वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।

230 पेज की शिकायत, सुनवाई की तारीख तय

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 230 पेज की शिकायत देखने के बाद सुनवाई की तारीख तय की। शिकायत में सोनिया गांधी और आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी शामिल किया गया है। त्रिपाठी की तरफ से वकील ने दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह फिर से विचार किया जाएगा। हालांकि, गांधी या दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

मेरी मां का अपमान, देश की हर मां का अपमान', बिहार में अपशब्द कहे जाने पर दुखी हुए पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने 105 करोड़ रुपए की राशि को जीविका निधि में ट्रांसफर किया। इस दौरान पीएम मोदी ने दरभंगा में राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के मंच से अपनी मां के लिए कहे गए अपशब्द के लिए कांग्रेस-आरजेडी पर निशाना साधा।

मां ही हमारा संसार है...-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कुछ दिनों बाद नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है। पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, यानी मां के नौ रूपों की पूजा होगी। लेकिन, बिहार और पुरबिया इलाके में नवदुर्गा के साथ सतबहिनी पूजा की परंपरा भी पीढ़ियों से है। मां के रूप में सात बहनों की पूजा की परंपरा, मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास, ये बिहार की पहचान है। 'मां ही हमारा संसार है। मां ही हमारा स्वाभिमान है। इस परंपरा संपन्न बिहार में कुछ दिन पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।

मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर-पीएम मोदी

बिहार में राजद-कांग्रेस के मंच से मोरी को गाली दी गईं। ये गालियां सिर्फ़ मेरी मां का अपमान नहीं हैं। ये देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान हैं। वह राजनीति से जुड़ी नहीं थीं। मेरी मां ने मुझे मां भारती की सेवा करना सिखाया, उन्होंने मुझसे गरीबों की सेवा करने के लिए कहा था। मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर होता है।

मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, मुझे पता है कि आप सबको भी ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा है। मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है। इसलिए, आज जब इतनी बड़ी तादात में बिहार की लाखों माताओं-बहनों के दर्शन मैं कर रहा हूं, तो आज मेरा मन और मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं। ताकि आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।

जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, आज मंगलवार को एक बहुत ही शुभ कार्य का शुभारंभ हो रहा है। बिहार की माताओं और बहनों को आज एक नई सुविधा मिलने जा रही है। जीविका निधि साख सहकारी संघ है, इसके माध्यम से, गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों को अब और आसानी से पैसा मिल सकेगा। उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी। इससे उनके काम और उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग, याचिका में खरगे-राहुल गांधी पर गंभीर आरोप

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सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की दई है। चुनाव आयोग पर आरोप लगाने को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। याचिकाकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल ने चुनाव आयोग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने को लेकर कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल डाली है। याचिका में कांग्रेस का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई है।

संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप

सतीश कुमार अग्रवाल द्वारा दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग पर निराधार आरोप लगाकर एक संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस की राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता रद्द करने की मांग की है। याचिका में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट ऑफ मंडमस (परमादेश) जारी करने की अपील की गई है, जिसमें केंद्र सरकार (प्रतिवादी नंबर 1) को कांग्रेस का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

दुष्प्रचार की एसआईटी जांच की मांग

याचिकाकर्ता का आरोप है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के आरोप बेहद गंभीर और गैर जिम्मेदाराना हैं। इन दोनों ने एक संवैधानिक संस्था की साख को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है और ऐसे में न सिर्फ पार्टी की मान्यता रद्द हो बल्कि इनके दुष्प्रचार की जांच एसआईटी से कराई जाए।

संविधान के प्रति वफादारी की शपथ तोड़ने का आरोप

याचिका में कुछ नियमों का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि कांग्रेस ने अपनी स्थापना के समय भारत के संविधान के प्रति निष्ठा बनाए रखने की शपथ ली थी। हालांकि, ईसीआई के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान इस शपथ का उल्लंघन करता है और आयोग के कार्यों को गैरकानूनी तरीके से बाधित करने की कोशिश कर रहा है।

पीएम-सीएम को जेल भेजने वाले बिल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस-आरजेडी को घेरा, बोले-पाप करने वाले दूसरे से छुपाते हैं

#pmnarendramoditargetscongressrjdpartyaapon30daysjailremoval_law

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार दौरे पर राज्य को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं के शिलान्यास उद्धघाटन के बाद कई बड़ी बातें कहीं। पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पीएम-सीएम बिल पर राहुल-केजरीवाल-लालू- तेजस्वी को खूब सुनाया।

बिहार के गयाजी से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि क्लर्क से लेकर अफसर तक घूसखोरी करे तो उसकी जिंदगी तबाह हो जाती है। लेकिन पीएम-सीएम-मंत्री के साथ ऐसा नहीं होता। हमने कुछ दिन पहले देखा कि जेल से फाइलें निपटाई जा रही हैं। पीएम ने बगैर नाम लिए अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया। कहा, ऐसा होगा तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा। हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसीलिए एनडीए सरकार एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में प्रधानमंत्री भी है, इसके दायरे में सीएम और मंत्री भी हैं। अगर इनमें से कोई भी जेल जाता है तो उसे 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी, अगर जमानत नहीं ले पाया तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी होगी।

राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे-पीएम मोदी

प्रधामंत्री यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि ये राजद, कांग्रेस, लेफ्ट वाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं, कौन नहीं जानता कि इनको किस बात का डर है। जिन्होंने पाप किया है, उनको पता है कि भीतर से उन्होंने क्या-क्या खेल खेला है। ये राजद-कांग्रेस वाले, कोई बेल पर बाहर है, कोई रेल का खेल कर चुका है, वो आज इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इनको पता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसीलिए ये मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं। इसीलिए बौखलाहट में ये जनहित के कानून का विरोध कर रहे हैं। बाबा साहेब अंबेडकर ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सत्ता के भूखे लोग इतना भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने पर भी कुर्सी के लिए भूखे रहेंगे। अब ये जेल भी जाएंगे और कुर्सी भी छोड़नी पड़ेगी।

आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और राजद पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने गयाजी में कहा कि कांग्रेस और राजद के भ्रष्टाचार की लिस्ट बहुत लंबी है। उन्होंने कहा, 2014 से अब तक हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक दाग नहीं लगा। जबकि कांग्रेस की भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है और आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो बिहार का बच्चा बच्चा जानता है। इसके खात्मे के लिए कोई भी कार्यवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस में कई युवा नेता बहुत प्रतिभाशाली लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया जाता...पीएम मोदी का राहुल गांधी पर करारा हमला

#pmmodisaidrahulgandhiisscaredoftheyoungleadersofcongress

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष के कई नेता प्रतिभाशाली और अच्छे वक्ता हैं, लेकिन राहुल गांधी की वजह से उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता। संसद के मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन था लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो चुकी है। मॉनसून सत्र के समापन के मौके पर लोकसभा स्पीकर से लोकसभा के सभी सदस्यों के लिए टी मीटिंग रखी थी। लेकिन विपक्ष का कोई भी सदस्य इस मीटिंग में नहीं पहुंचा। विपक्ष ने स्पीकर की चाय पार्टी का बहिष्कार किया। इसे लेकर पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा।

युवा नेताके कारण घबराहट में राहुल-पीएम मोदी

संसद परिसर में आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ये सत्र बहुत अच्छा रहा क्योंकि कई महत्वपूर्ण बिल पारित हुए। यही वो मुद्दा है जिस पर ज्यादा चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष बड़े-बड़े विधेयकों पर चर्चा में शामिल हो सकता था, लेकिन वो सिर्फ व्यवधान डालने में लगे रहे। पीएम ने यह भी कहा कि विपक्ष में, खासकर कांग्रेस में, बहुत से युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन परिवार की असुरक्षा की वजह से इन युवाओं को बोलने का मौका नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि संभव है कि यही युवा नेता राहुल गांधी को असुरक्षित और घबराहट में डाल रहे हों।

स्पीकर की टी पार्टी में नहीं पहुंचे राहुल गांधी

लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकालीन समय के स्थगित होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने टी पार्टी दिया। टी पार्टी में पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों समेत एनडीए के नेता पहुंचे लेकिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष का एक भी सांसद इसमें शामिल नहीं हुआ।

हंगामेदार रहा मॉनसून सत्र

बीते एक महीने में संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा मचाया। खास तौर पर बिहार में SIR (वोटर लिस्ट रीविजन) का मुद्दा सदन के अंदर और बाहर छाया रहा। लगभग रोज ही विपक्ष ने इसको लेकर प्रदर्शन किया। इतने हंगामे के बीच भी इस सत्र में लोकसभा में 12 विधेयक पारित हुए। 419 प्रश्न शामिल किए गए। बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन अहम बिल पेश किए। इन बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष ने इसका विरोध किया। पीएम-सीएम को गंभीर अपराध करने पर पद से हटाए जाने को लेकर यह बिल पेश किए गएष