1989 के दंगों से बर्बाद हुआ बिहार का यह गांव अब बनेगा राज्य का पहला स्मार्ट गांव

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बिहार के बांका जिले का बाबरचक गांव 1989 की सांप्रदायिक हिंसा में तबाह हो गया था और इसकी पूरी आबादी कहीं और चली गई थी। किस्मत ने पलटी मारते हुए यह गांव राज्य का पहला स्मार्ट गांव बनने जा रहा है, जिसमें 15 जनवरी 2025 तक ग्रामीणों के लिए कई आधुनिक सुविधाएं तैयार हो जाएंगी। यह गांव बांका जिले के रजौन ब्लॉक में आता है। कुल मिलाकर, जिला प्रशासन 130 परिवारों को बसाने की योजना बना रहा है, जिनमें से 65 को 15 जनवरी को घर आवंटित किए जाएंगे और 65 को बाद में आवास मिलेंगे। ये घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे हैं।

राज्य सरकार की स्मार्ट विलेज योजना के तहत, गांव में अपना खुद का मॉडल स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान, सोलर स्ट्रीट लाइट, वाटर टावर, पार्क, आंगनवाड़ी केंद्र, सामुदायिक केंद्र, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, ग्रामीण हाट के अलावा सभी बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित घर होंगे, जैसे कि शहरी नागरिकों को कस्बों और शहरों में मिलते हैं। गांव 11 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है और इसमें 130 परिवारों को बसाया जाएगा, जिसमें पहले चरण में 65 परिवार और दूसरे चरण में बाकी 65 परिवारों को बसाया जाएगा। लाभार्थी अपने लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार 3 डेसीमल माप की सरकारी जमीन पर अपने घर बनवा रहे हैं।

भविष्य में गांव का क्षेत्रफल बढ़ाया जाएगा।

स्मार्ट गांव का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर जीवन-यापन की स्थिति प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। इसमें युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा और महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों में शामिल होने में भी मदद मिलेगी। इससे गांवों को विकास केंद्र बनने में मदद मिलेगी और लोगों को आजीविका के लिए दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। लाभार्थी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर का निर्माण कर रहे हैं। स्मार्ट गांव के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नवादा खरौनी पंचायत की मुखिया आरती देवी ने कहा, "हम बिहार में पहला स्मार्ट गांव बनने के लिए वास्तव में भाग्यशाली हैं और हमें उम्मीद है कि यह दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने में सक्षम होगा।"

1989 के दंगों में तबाह होने के बाद गांव को बहुत अभाव का सामना करना पड़ा था क्योंकि इसकी सड़क और बिजली कनेक्शन पूरी तरह से खत्म हो गए थे। यह वास्तव में अन्य गांवों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है।"

नवादा :- पैक्सों के चयन हेतु 17 जनवरी 2025 तक कर सकते हैं आवेदन, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया जायेगा धान का क्रय
जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री संतोष कुमार द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री आदर्श पैक्स प्रोत्साहन योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में आदर्श पैक्स के रूप में पैक्सों के चयन हेतु पूर्व में आवेदन आमंत्रित किये गए थे।


उक्त आवेदन की अवधि पुनः विस्तारित कर दी गयी है, जिसकी अंतिम तिथि 17 जनवरी 2025 है। राज्य के सभी पैक्स ’’ई-सहकारी पोर्टल’’ के माध्यम से इस योजना हेतु आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री आदर्श पैक्स प्रोत्साहन योजना के जिलान्तर्गत तीन पैक्सों एवं राज्य स्तर पर तीन पैक्सों को राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार-05 लाख रूपया, द्वितीय पुरस्कार-03 लाख रूपया एवं तृतीय पुरस्कार-02 लाख रूपया दी जायेगी। राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार 15 लाख रूपया, द्वितीय पुरस्कार 10 लाख रूपया एवं तृतीय पुरस्कार 07 लाख रूपया दी जायेगी। जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि खरीफ विपणन मौसम 2024-25 अन्तर्गत पंचायत स्तर पर पैक्स एवं प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल के माध्यम से किसानों का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय की जा रही है। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य-साधारण 02 हजार 300 रूपये प्रति क्विंटल, ग्रेड-ए-02 हजार 320 रूपये प्रति क्विंटल है। धान की बिक्री के लिए बेवसाईट-dbtagriculture.bihar.gov.in पर देख सकते हैं। धान अधिप्राप्ति की अवधि नवम्बर 2024 से फरवरी 2025 तक निर्धारित है। निबंधन/अधिप्राप्ति कार्य में असुविधा/कठिनाई होने पर प्रखंडों में पदस्थापित प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के कार्यालय/जिला सहकारिता पदाधिकारी के कार्यालय/संयुक्त निबंधक के कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। कार्यक्रम से संबंधित जानकारी के लिए- 18001800110 पर कॉल कर सकते हैं।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, इतने लाख अभ्यर्थी हुए पास

डेस्क : बिहार केन्द्रीय चयन पर्षद ने सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। परीक्षा में इस बार 1 लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी पास हुए हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा 7, 11, 18, 21, 25 और 28 अगस्त, 2024 को सीएसबीसी के द्वारा आयोजित की गई थी। परीक्षा का आयोजन बिहार पुलिस कांस्टेबल के 21 हजार 391 रिक्त पदों को भरने के लिए किया गया था। परीक्षा के लिए 17 लाख 87 हजार 720 उम्मीदवारों ने आवेदन दिया था। जबिक परीक्षा में 12 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिनमें से 1 लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी पास हुए हैं।

जानकारी अनुसार केन्द्रीय चयन पर्षद ने अपनी वेबसाइट को बदल दिया गया है। इसे लेकर आयोग की ओर से नोटिस जारी कर सूचित किया था। आयोग ने नोटिस जारी करते हुए लिखा था कि पहले ये वेबसाइट https://csbc.bih.nic.in जारी होता था, लेकिन अब इसे बदलकर https://csbc.bihar.gov.in कर दिया गया है। आयोग से जुड़ी सभी सूचनाओं और भर्ती को लेकर के विज्ञापन अब इसी वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।

बता दें बिहार में आज 38 जिलों में 545 सेंटर्स पर पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा ली गई थी। सिपाही भर्ती परीक्षा 1 अक्टूबर 2023 को हुआ था। इसका पेपर लीक हुआ था। इसके बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद दूबारा 7 से 28 अगस्त कर परीक्षा का आयोजन किया गया था।

बिहार महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 के लिए जापान की टीम राजगीर पहुंचने के बाद की कुछ तस्वीर
बिहार महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 के लिए जापान की टीम राजगीर पहुंचने के बाद की कुछ तस्वीर
Team Japan arrives for the Bihar Women's Asian Champions Trophy 2024 in Rajgir
स्वास्थ्य विभाग में इस पदों पर होगी बंपर बहाली, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क :- बिहार में 4500 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की बहाली होगी। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने विज्ञापन जारी कर दिया है। योग्य अभ्यर्थियों से एक नवंबर से आवेदन मांगा गया है। यह आवेदन 21 नवंबर तक भरा जा सकता है।

सभी 4500 पदों में से अनारक्षित वर्ग के लिए 979, ईडब्ल्यूएस के लिए 245, एससी 1243 एसटी 55 इबीसी 1170 और पिछड़ा वर्ग 640 पिछड़े वर्ग की महिला 168, इसमें महिलाओं के आरक्षित सीटों की संख्या 731 पद हैं। इसके लिए योग्यता बीएससी नर्सिंग रखी गई है। आवेदन संबंधी जानकारी shs.bihar.gov.in पर ली जा सकती है। इसके पहले दो बार वेकेंसी जारी हुई थी। लेकिन अलग-अलग कारण से रद्द कर दी गई थी। पहली बार मार्च में वेकेंसी जारी हुई थी। फिर 21 जुलाई तक दूसरी बार आवेदन मांगा गया था।

उम्र सीमा

ईडब्ल्यूएस और अनारक्षित वर्ग के पुरुषों के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष और महिलाओं के लिए 45 वर्ष है। एससी और एसटी वर्ग के पुरुष और महिलाओं के लिए अधिकतम आयुसीमा 47 वर्ष है। पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के पुरुष और महिला आवेदकों के लिए आयुसीमा 45 वर्ष है।

आवेदन शुल्क

अनारक्षित, इडब्ल्यूएस, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के पुरुषों के लिए 500 रुपये, महिलाओं के लिए 250 रुपये लगेंगे। एससी और एसटी के पुरुषों और महिलाओं के लिए 250 रुपये आवेदन शुल्क रखा गया है। दिव्यांग पुरुष और महिला आवेदकों के लिए आवेदन शुल्क 250 रुपये रखा गया है।

CAB felicitates Easwaran on 100th First-Class match achievement
*Sports News*



*Desk:* CAB on Friday felicitated Bengal star opener Abhimanyu Easwaran, commemorating his achievement of playing in 100th First-Class match.

CAB Hony Secretary Naresh Ojha, CAB Vice-President Amalendu Biswas, CAB Hony Treasurer Prabir Chakrabarty and CAB Hony Joint Secretary Debabrata Das felicitated Easwaran at the Bengal Cricket Academy in Kalyani.

Mr Ojha presented Easwaran with a silver plaque and congratulated the batsman for this incredible achievement. Mr Chakrabarty presented Easwaran with a shawl.

"We congratulate Abhimanyu for this incredible achievement. He has been in top form recently. We wish him best for the forthcoming matches. We hope he plays and brings success for India for a long time," Mr Ojha said.

Easwaran was thrilled on being felicitated by CAB. He said, "I thank CAB for honouring me on my 100th First-Class match. I will aim to keep performing for my team."

Srimanta Mallick, Chairman CAB Observer Committee, conducted the felicitation perfectly. Mr Mallick heaped praise on Easwaran for achieving the feat.

Bengal head coach Laxmi Ratan Shukla also congratulated Easwaran. The entire Bengal and Bihar team were present for the felicitation. All the players, support staff present applauded Easwaran's achievement. *Pic Courtesy by:CAB*
गुमनाम पर्यटन स्थलों की विशेषता बताकर पा सकते हैं पुरस्कार
              पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन करा रहा प्रतियोगिता

हाजीपुर

       पर्यटन विभाग, बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन, वैशाली के संयुक्त तत्वावधान में मेरा प्रखंड, मेरा गौरव विषय पर प्रतियोगिता करायी जायेगी।प्रतियोगिता का उद्देश्य वैसे पर्यटन स्थल, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं, उन्हें लोगों के माध्यम से प्रकाश में लाना है. यह प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की जायेगी और चयनित सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा.

        प्रतिभागी को चयनित पर्यटन स्थल की तीन फोटो 10 एमबी, 30 सेकंड का अच्छी गुणवत्ता वाला वीडियी जो प्रतियोगिता के लिए निर्धारित समय में खींचा गया हो, संबंधित विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना है. साथ ही संबंधित स्थल की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को 200 शब्दों में दर्शाना है। प्रतियोगिता के लिए आवेदन की प्रविष्टि एक नवंबर तक होगी।

  ऐसे स्थान का चयन प्रतिभागी प्रतियोगिता के लिए कर सकेंगे।  जैसे लालगंज में गुरुद्वारा, नेपाली छावनी मंदिर, गांधी आश्रम, शारदा सदन पुस्तकालय, वैशाली गढ़, वैशाली चौमुखी महादेव मंदिर, अभिषेक पुष्पकरणी, पातालेश्वरनाथ मंदिर,
कोनहारा घाट,चेचरघाट, बरैला झील, गंगा, सोन गंडकका संगम, गज ग्राह की रणभूमि, रामभद्र का रामचौरा मंदिर, चेचर ग्राम समूह आदि के साथ प्रखंड में अवस्थित ऐसे स्थान जिन्हें हम नहीं जान पा रहे हैं, लेकिन वह ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

   प्रतियोगिता का उद्देश्य वैसे पर्यटन स्थल, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं, उन्हें लोगों के माध्यम से प्रकाश में लाना है. चयनित प्रतिभागी को ज्यूरी अवॉर्ड के तहत प्रथम पुरस्कार 50 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 45 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार में 35 हजार रुपये और पीपुल्स च्वाइस अवार्ड के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार 50 हजार, द्वितीय पुरस्कार 45 हजार व तृतीय पुरस्कार में 35 हजार रुपये दिये जायेंगे साथ ही 10 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 20 हजार रूपये तथा 518 प्रतिभागियों को 10 हजार रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया जायेगा.

प्रत्येक प्रखंड से एक स्थल का होगा चयन

बताया गया कि प्रत्येक प्रखंड से एक स्थान चयन किया जाना है, जो पर्यटक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है. उसका चयन कर विभाग को अग्रसारित किया जायेगा, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले इच्छुक प्रतिभागी विभागीय वेबसाइट https-www.tourism.bihar.gov.in पर अपना registration कर सकते है. अधिक जानकारी के लिए पर्यटन प्रभारी सह जिला कला व संस्कृति पदाधिकारी वैशाली से संपर्क स्थापित किया जा सकता है.

      
नवादा :- मेरा प्रखंड मेरा गौरव’’ प्रतियोगिता का होगा आयोजन, इच्छुक अभ्यर्थी मौके का उठा सकते हैं लाभ
जिला पदाधिकारी, नवादा श्री आशुतोष कुमार वर्मा द्वारा बताया गया कि बिहार राज्य में प्राकृतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों की एक समृद्ध विरासत है। इन स्थलों में कई ऐसे स्थल भी हैं, जो अन्य पर्यटन स्थलों की तरह प्रकाश में नहीं आ पाये हैं।

पर्यटन के दृष्टिकोण से इनकी महत्ता है, किन्तु ये स्थल प्रसिद्ध नहीं हो पाये हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य ऐसे ही पर्यटन स्थलों को स्थानीय लोगों की मदद से प्रकाश में लाना है। उन्होंने कहा कि आम भागीदारी से स्थानीय लोगों में अपने प्रखण्ड के पर्यटन स्थलों के प्रति अपनेपन का भाव जागृत होगा तथा लोग जिम्मेदार पर्यटन की तरफ उन्मुख होंगे। इसका मुख्य विषय है बिहार राज्य के छुपे हुए उन स्थलों की पहचान करना, जो पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य राज्य के विभिन्न प्रखण्डों में स्थित उन अनदेखे या कम ज्ञात स्थलों की पहचान करना है, जो ऐतिहासिक, धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इन स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर लाकर राज्य के पर्यटन को और अधिक समृद्ध बनाया जा सकता है। यह प्रतियोगिता आम जनता को अपने क्षेत्र के धरोहरों और महत्वपूर्ण स्थलों के प्रति जागरूक करने और उन्हें संरक्षित करने की दिशा में भी प्रेरित करेगी। उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। प्रत्येक प्रखण्ड से एक प्रतिभागी अपने प्रखण्ड के अंदर किसी ऐसे स्थल की पहचान करेगा जो अब तक अनदेखा रहा है, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है। प्रतिभागी को निम्नलिखित जानकारी अपनी प्रविष्टि में शामिल करनी होगी। स्थान का नाम और पता - जिस स्थान को प्रतियोगिता के लिए चुना गया है, उसका स्पष्ट रूप से नाम, पूरा पता। स्थल का ऐतिहासिक/धार्मिक महत्व का विवरण (लगभग 200 शब्दों में) जिसमें उस स्थान का ऐतिहासिक या धार्मिक महत्व, उससे जुड़ी कहानियों, किंवदंतियाँ, या ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख किया जाना चाहिए। स्थल की 03 तस्वीर (अधिकतम साईज 10 एमबी), स्पष्ट और उच्च गुणवत्ता वाली, जो उसकी प्रमुख विशेषताओं को दर्शाती हो। स्थल का एक छोटा वीडियो क्लिप 30 सेकंड का वीडियो (अधिकतम साईज 100 एमबी). जिसमें उस स्थल की प्रमुखता को दिखाया गया हो और उसे समझाने की कोशिश की गई हो। चयन के मापदंड:-प्रतियोगिता में प्रविष्टियों का चयन निम्नलिखित मापदंडों के आधार पर किया जाएगा - ऐतिहासिक महत्व स्थल का इतिहास, उससे जुड़ी घटनाएँ या कहानियाँ। धार्मिक महत्व स्थल का धार्मिक महत्व, वहाँ होने वाले पूजा पाठ या धार्मिक आयोजनों का विवरण। अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व स्थल का स्थानीय सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में योगदान, वहाँ होने वाले मेले या उत्सवों का महत्व। फोटो और वीडियो की गुणवत्ता स्थल की फोटो और वीडियो की स्पष्टता, प्रस्तुति और उसकी महत्वपूर्ण विशेषताओं को प्रदर्शित करने की क्षमता। प्रतियोगिता के नियम:-प्रत्येक प्रतिभागी केवल अपने प्रखण्ड के अंदर अवस्थित स्थल के लिए ही प्रविष्टि भेज सकते हैं। एक प्रतिभागी केवल एक ही स्थल के लिये प्रविष्टि कर सकते हैं। बिहार में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जो काफी प्रसिद्ध है। चूंकि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छुपे हुये पर्यटन स्थलों की खोज करना है। इसलिये निम्नांकित पर्यटन स्थलों को छोड़कर हीं प्रतिभागी अपनी प्रविष्टि भेज सकते हैं:- 1. सूर्य मंदिर देव, औरंगाबाद 2. मंदार पर्वत रोपवे, बांका 3. विक्रमशीला विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, भागलपुर 4. केसरिया स्तूप, पूर्वी चंपारण 5. महाबोधि मंदिर, बोधगया, गया 6. विष्णुपद मंदिर, गया 7. द ग्रेट बुद्धा स्टेच्यू, बोधगया 8. डुंगेश्वरी मंदिर, प्रागबोधि, गया 9. माँ दुर्गा थावे मंदिर, गोपालगंज 10. लघुआर जैन मंदिर, जमुई 11. नागार्जुन गुफा एवं बराबर गुफा, जहानाबाद 12. मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर 13. माँ चंडिका शक्ति पीठ, मुंगेर 14. विश्वशांति स्तूप, राजगीर, नालंदा 15. घोड़ा कटोरा, राजगीर, नालंदा 16. नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, नालंदा 17. जैन मंदिर, कुण्डलपुर, नालंदा 18. जल मंदिर, पावापुरी, नालंदा 19. गोलघर, पटना 20. तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, पटना 21. मनेर शरीफ, मनेर, पटना 22. शेरशाह सूरी का मकबरा, रोहतास (सासाराम) 23. रोहतासगढ किला, रोहतास (सासाराम) 24. बाबा हरिहरनाथ मंदिर, सोनपुर सारण 25. पुनौराधाम, सीतामढ़ी 26. विश्वशांति स्तूप, वैशाली 27. अशोका पिलर वैशाली आदि।


फोटो और वीडियो क्लिप की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए ताकि स्थल की विशेषताएँ स्पष्ट रूप से दिख सकें। सभी फोटो एवं वीडियो जीयो टैग्ड होना चाहिये। सभी फोटो एवं वीडियो प्रतियोगिता अवधि में सूट किये होने चाहिये। प्रविष्टि में दी गई जानकारी की सत्यता की जिम्मेवारी प्रतिभागी की होगी। प्रतिभागियों को समय सीमा के भीतर अपनी प्रविष्टि ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।

सभी जिलों में प्रखण्डवार प्राप्त प्रविष्टियों की जाँच जिला पदाधिकारी के द्वारा, जिला स्तर पर गठित निर्णायकमंडल द्वारा किया जायेगा। समय सीमा:- राज्य स्तर पर उद्घाटन के पश्चात् प्रतियोगिता प्रारंभ मानी जायेगी। प्रतियोगिता एक माह तक जारी रहेगी। समय सीमा के बाद प्राप्त प्रविष्टियों को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा। प्रारंभ एवं समापन की तिथि कालान्तर में सूचित किया जायेगा।


पुरस्कार:- चयनित प्रतिभागियों को निम्नलिखित पुरस्कार दिए जाएंगे - ज्यूरी अवॉर्ड - प्रथम पुरस्कार - रुपये 50,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र, द्वितीय पुरस्कार रुपये 45,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र, तृतीय पुरस्कार- रुपये 35,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र पिपुल्स च्वाईस अवॉर्ड -प्रथम पुरस्कार- रुपये 50,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र, द्वितीय पुरस्कार रुपये 45,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र, तृतीय पुरस्कार रुपये 35,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र सांत्वना पुरस्कार -शेष बचे 10 चयनित प्रतिभागियों के लिये, प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र प्लस मोमेन्टो प्लस बिहार पर्यटन के सोशल मीडिया पर नाम अंकित किया जायेगा प्लस रू0 20,000/- अन्य पुरस्कार -प्रखण्ड स्तर पर चयनित शेष 518 (534-16) प्रतिभागियों के लिए, प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र प्लस रू0 10,000/- प्रतियोगिता में भाग लेने की प्रक्रिया:-प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए इच्छुक प्रतिभागी निम्नलिखित चरणों का पालन करेंगे- विभागीय वेबसाईट http://www.tourism.bihar.gov.in/ पर जायेंगे।

वेब पेज पर जाकर प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण करें। पंजीकरण के बाद अपनी प्रविष्टि, स्थान का विवरण, फोटो और वीडियो अपलोड करें। एक बार प्रविष्टि अंकित करने के पश्चात् संशोधन नहीं होगा। प्रविष्टि अपलोड करने के बाद आपको एक पुष्टि संदेश प्राप्त होगा।


जिलाधिकारी ने बताया कि नवादा जिलेवासियों के वैसे अभ्यर्थियों के लिए यह सुनहरा मौका है जो विभिन्न पर्यटन स्थलों को प्रकाश में लाना चाहते हैं। स्टूडेंट्स/प्रतिभागी जिले के लिए आशा, नवाचार और परिवर्तन को दर्शाने वाली पर्यटन/धार्मिक स्थलों के बारे में प्रकाशित कर सकते हैं। कहानियों के जरिए बिहार के सांस्कृतिक विरासत को उद्घाटित करने में योगदान दे सकते हैं और पुरस्कार के भागी बन सकते हैं।


नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
Demand for Bharat Ratna to Dr. Sachchidanand Sinha by Sunny Sinha, Patron of Samanta Sangram Samiti

Sunny Sinha, the patron of the Samanta Sangram Samiti, recently demanded that Dr. Sachchidanand Sinha, the first president of the Constituent Assembly of India, be honored with the Bharat Ratna. His proposal highlights the significance of Dr. Sinha’s contributions to the creation of the Indian Constitution. Sunny Sinha stated that Dr. Sachchidanand Sinha was not only the first president of the Constituent Assembly but also played an invaluable role in Indian politics, social justice, and constitutional reforms.

Dr. Sachchidanand Sinha: An Introduction

Dr. Sachchidanand Sinha was born on November 10, 1871, in Patna, Bihar. Before becoming the president of the Constituent Assembly, he was a renowned lawyer and academician. Even before India’s independence, he emphasized constitutional reforms and worked to bring together various sections of Indian society. Recognizing his contributions, he was elected as the first president of the Constituent Assembly, where he helped lay the foundation for the country’s future.

Demand for Bharat Ratna

Sunny Sinha believes that Dr. Sachchidanand Sinha’s pivotal role in the formation of the Constituent Assembly and in shaping the direction of the Constitution makes him deserving of the Bharat Ratna. He noted that the Bharat Ratna is the highest civilian honor in India and is awarded to individuals who have made extraordinary contributions to the nation. Dr. Sinha’s life and work reflect his deep commitment to the country, making him a worthy recipient of this prestigious award.

Impact on Society

The initiative by the Samanta Sangram Samiti not only seeks to recognize the contributions of Dr. Sachchidanand Sinha but also ensures that all the great leaders involved in the making of the Constituent Assembly receive due respect. This demand also aims to strengthen the values and ideals for which Dr. Sinha fought throughout his life. Sunny Sinha’s effort can serve as a meaningful step in passing on the importance of the Indian Constitution and its history to future generations.

Conclusion

Dr. Sachchidanand Sinha’s name is etched in golden letters in the history of the Indian Constitution. His leadership and vision provided a strong foundation for Indian democracy. Therefore, the demand to honor him with the Bharat Ratna is not only appropriate but also a fitting way to acknowledge his service to Indian society and democracy.

खतियान की प्रतिलिपि के लिए विशेष काउंटर बना
हाजीपुर। ।   जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा के निर्देश पर समाहरणालय परिसर में खतियान की सच्ची प्रतिलिपि के आवेदनों के निष्पादन हेतु एक सुदृढ़ व्यवस्था की गई है। समाहरणालय परिसर में जिला राजस्व अभिलेखागार कार्यालय द्वारा एक विशेष शिविर का संचालन विगत एक महीने से किया जा रहा है, जिसमे आवेदक अपना खतियान निकलवाने हेतु आवेदन राजस्व टिकट के साथ जमा करा सकते हैं। तैयार किए गए खतियान की सच्ची प्रतिलिपि के हर पन्ने पर राजस्व टिकट आवेदक द्वारा देय है जिसके उपरांत ही अभिलेख की प्रतिलिपि को तैयार करके आवेदक को वितरित किया जाता है। इसी शिविर में आवेदक द्वारा राजस्व टिकट जमा करा देने के उपरांत तैयार हुए अभिलेख को वितरण करने की व्यवस्था की गई है। जिला राजस्व अभिलेखागार प्रभारी ह पदाधिकारी श्री प्रशांत रमानिया द्वारा इस बाबत आवेदकों से अनुरोध किया गया है कि पूर्ण विवरणी के साथ ही आवेदन करें। विभाग के रमानिया द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि आवेदकों को घर बैठे ही खतियान की प्रतिलिपि पाने की सुविधा प्रदान करने हेतु ऑनलाइन पोर्टल- bhuabhilekh.bihar.gov.in की भी व्यवस्था की गई है जिस पर आवेदक जन्म/जाति प्रमाण पत्र की ही भांति अपने खतियान की स्कैन की हुई अभिलेख का अवलोकन कर उसकी डिजिटल प्रमाण पत्र निर्धारित शुल्क ऑनलाइन भुगतान करके डाउनलोड कर सकते हैं जिससे सुदूर आवासित रैयतों को कार्यालय आने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
1989 के दंगों से बर्बाद हुआ बिहार का यह गांव अब बनेगा राज्य का पहला स्मार्ट गांव

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बिहार के बांका जिले का बाबरचक गांव 1989 की सांप्रदायिक हिंसा में तबाह हो गया था और इसकी पूरी आबादी कहीं और चली गई थी। किस्मत ने पलटी मारते हुए यह गांव राज्य का पहला स्मार्ट गांव बनने जा रहा है, जिसमें 15 जनवरी 2025 तक ग्रामीणों के लिए कई आधुनिक सुविधाएं तैयार हो जाएंगी। यह गांव बांका जिले के रजौन ब्लॉक में आता है। कुल मिलाकर, जिला प्रशासन 130 परिवारों को बसाने की योजना बना रहा है, जिनमें से 65 को 15 जनवरी को घर आवंटित किए जाएंगे और 65 को बाद में आवास मिलेंगे। ये घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे हैं।

राज्य सरकार की स्मार्ट विलेज योजना के तहत, गांव में अपना खुद का मॉडल स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान, सोलर स्ट्रीट लाइट, वाटर टावर, पार्क, आंगनवाड़ी केंद्र, सामुदायिक केंद्र, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, ग्रामीण हाट के अलावा सभी बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित घर होंगे, जैसे कि शहरी नागरिकों को कस्बों और शहरों में मिलते हैं। गांव 11 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है और इसमें 130 परिवारों को बसाया जाएगा, जिसमें पहले चरण में 65 परिवार और दूसरे चरण में बाकी 65 परिवारों को बसाया जाएगा। लाभार्थी अपने लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार 3 डेसीमल माप की सरकारी जमीन पर अपने घर बनवा रहे हैं।

भविष्य में गांव का क्षेत्रफल बढ़ाया जाएगा।

स्मार्ट गांव का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर जीवन-यापन की स्थिति प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। इसमें युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा और महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों में शामिल होने में भी मदद मिलेगी। इससे गांवों को विकास केंद्र बनने में मदद मिलेगी और लोगों को आजीविका के लिए दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। लाभार्थी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर का निर्माण कर रहे हैं। स्मार्ट गांव के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नवादा खरौनी पंचायत की मुखिया आरती देवी ने कहा, "हम बिहार में पहला स्मार्ट गांव बनने के लिए वास्तव में भाग्यशाली हैं और हमें उम्मीद है कि यह दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने में सक्षम होगा।"

1989 के दंगों में तबाह होने के बाद गांव को बहुत अभाव का सामना करना पड़ा था क्योंकि इसकी सड़क और बिजली कनेक्शन पूरी तरह से खत्म हो गए थे। यह वास्तव में अन्य गांवों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है।"

नवादा :- पैक्सों के चयन हेतु 17 जनवरी 2025 तक कर सकते हैं आवेदन, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया जायेगा धान का क्रय
जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री संतोष कुमार द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री आदर्श पैक्स प्रोत्साहन योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में आदर्श पैक्स के रूप में पैक्सों के चयन हेतु पूर्व में आवेदन आमंत्रित किये गए थे।


उक्त आवेदन की अवधि पुनः विस्तारित कर दी गयी है, जिसकी अंतिम तिथि 17 जनवरी 2025 है। राज्य के सभी पैक्स ’’ई-सहकारी पोर्टल’’ के माध्यम से इस योजना हेतु आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री आदर्श पैक्स प्रोत्साहन योजना के जिलान्तर्गत तीन पैक्सों एवं राज्य स्तर पर तीन पैक्सों को राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार-05 लाख रूपया, द्वितीय पुरस्कार-03 लाख रूपया एवं तृतीय पुरस्कार-02 लाख रूपया दी जायेगी। राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार 15 लाख रूपया, द्वितीय पुरस्कार 10 लाख रूपया एवं तृतीय पुरस्कार 07 लाख रूपया दी जायेगी। जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि खरीफ विपणन मौसम 2024-25 अन्तर्गत पंचायत स्तर पर पैक्स एवं प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल के माध्यम से किसानों का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय की जा रही है। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य-साधारण 02 हजार 300 रूपये प्रति क्विंटल, ग्रेड-ए-02 हजार 320 रूपये प्रति क्विंटल है। धान की बिक्री के लिए बेवसाईट-dbtagriculture.bihar.gov.in पर देख सकते हैं। धान अधिप्राप्ति की अवधि नवम्बर 2024 से फरवरी 2025 तक निर्धारित है। निबंधन/अधिप्राप्ति कार्य में असुविधा/कठिनाई होने पर प्रखंडों में पदस्थापित प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के कार्यालय/जिला सहकारिता पदाधिकारी के कार्यालय/संयुक्त निबंधक के कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। कार्यक्रम से संबंधित जानकारी के लिए- 18001800110 पर कॉल कर सकते हैं।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, इतने लाख अभ्यर्थी हुए पास

डेस्क : बिहार केन्द्रीय चयन पर्षद ने सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। परीक्षा में इस बार 1 लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी पास हुए हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा 7, 11, 18, 21, 25 और 28 अगस्त, 2024 को सीएसबीसी के द्वारा आयोजित की गई थी। परीक्षा का आयोजन बिहार पुलिस कांस्टेबल के 21 हजार 391 रिक्त पदों को भरने के लिए किया गया था। परीक्षा के लिए 17 लाख 87 हजार 720 उम्मीदवारों ने आवेदन दिया था। जबिक परीक्षा में 12 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिनमें से 1 लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी पास हुए हैं।

जानकारी अनुसार केन्द्रीय चयन पर्षद ने अपनी वेबसाइट को बदल दिया गया है। इसे लेकर आयोग की ओर से नोटिस जारी कर सूचित किया था। आयोग ने नोटिस जारी करते हुए लिखा था कि पहले ये वेबसाइट https://csbc.bih.nic.in जारी होता था, लेकिन अब इसे बदलकर https://csbc.bihar.gov.in कर दिया गया है। आयोग से जुड़ी सभी सूचनाओं और भर्ती को लेकर के विज्ञापन अब इसी वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।

बता दें बिहार में आज 38 जिलों में 545 सेंटर्स पर पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा ली गई थी। सिपाही भर्ती परीक्षा 1 अक्टूबर 2023 को हुआ था। इसका पेपर लीक हुआ था। इसके बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद दूबारा 7 से 28 अगस्त कर परीक्षा का आयोजन किया गया था।

बिहार महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 के लिए जापान की टीम राजगीर पहुंचने के बाद की कुछ तस्वीर
बिहार महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 के लिए जापान की टीम राजगीर पहुंचने के बाद की कुछ तस्वीर
Team Japan arrives for the Bihar Women's Asian Champions Trophy 2024 in Rajgir
स्वास्थ्य विभाग में इस पदों पर होगी बंपर बहाली, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क :- बिहार में 4500 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की बहाली होगी। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने विज्ञापन जारी कर दिया है। योग्य अभ्यर्थियों से एक नवंबर से आवेदन मांगा गया है। यह आवेदन 21 नवंबर तक भरा जा सकता है।

सभी 4500 पदों में से अनारक्षित वर्ग के लिए 979, ईडब्ल्यूएस के लिए 245, एससी 1243 एसटी 55 इबीसी 1170 और पिछड़ा वर्ग 640 पिछड़े वर्ग की महिला 168, इसमें महिलाओं के आरक्षित सीटों की संख्या 731 पद हैं। इसके लिए योग्यता बीएससी नर्सिंग रखी गई है। आवेदन संबंधी जानकारी shs.bihar.gov.in पर ली जा सकती है। इसके पहले दो बार वेकेंसी जारी हुई थी। लेकिन अलग-अलग कारण से रद्द कर दी गई थी। पहली बार मार्च में वेकेंसी जारी हुई थी। फिर 21 जुलाई तक दूसरी बार आवेदन मांगा गया था।

उम्र सीमा

ईडब्ल्यूएस और अनारक्षित वर्ग के पुरुषों के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष और महिलाओं के लिए 45 वर्ष है। एससी और एसटी वर्ग के पुरुष और महिलाओं के लिए अधिकतम आयुसीमा 47 वर्ष है। पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के पुरुष और महिला आवेदकों के लिए आयुसीमा 45 वर्ष है।

आवेदन शुल्क

अनारक्षित, इडब्ल्यूएस, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के पुरुषों के लिए 500 रुपये, महिलाओं के लिए 250 रुपये लगेंगे। एससी और एसटी के पुरुषों और महिलाओं के लिए 250 रुपये आवेदन शुल्क रखा गया है। दिव्यांग पुरुष और महिला आवेदकों के लिए आवेदन शुल्क 250 रुपये रखा गया है।

CAB felicitates Easwaran on 100th First-Class match achievement
*Sports News*



*Desk:* CAB on Friday felicitated Bengal star opener Abhimanyu Easwaran, commemorating his achievement of playing in 100th First-Class match.

CAB Hony Secretary Naresh Ojha, CAB Vice-President Amalendu Biswas, CAB Hony Treasurer Prabir Chakrabarty and CAB Hony Joint Secretary Debabrata Das felicitated Easwaran at the Bengal Cricket Academy in Kalyani.

Mr Ojha presented Easwaran with a silver plaque and congratulated the batsman for this incredible achievement. Mr Chakrabarty presented Easwaran with a shawl.

"We congratulate Abhimanyu for this incredible achievement. He has been in top form recently. We wish him best for the forthcoming matches. We hope he plays and brings success for India for a long time," Mr Ojha said.

Easwaran was thrilled on being felicitated by CAB. He said, "I thank CAB for honouring me on my 100th First-Class match. I will aim to keep performing for my team."

Srimanta Mallick, Chairman CAB Observer Committee, conducted the felicitation perfectly. Mr Mallick heaped praise on Easwaran for achieving the feat.

Bengal head coach Laxmi Ratan Shukla also congratulated Easwaran. The entire Bengal and Bihar team were present for the felicitation. All the players, support staff present applauded Easwaran's achievement. *Pic Courtesy by:CAB*
गुमनाम पर्यटन स्थलों की विशेषता बताकर पा सकते हैं पुरस्कार
              पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन करा रहा प्रतियोगिता

हाजीपुर

       पर्यटन विभाग, बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन, वैशाली के संयुक्त तत्वावधान में मेरा प्रखंड, मेरा गौरव विषय पर प्रतियोगिता करायी जायेगी।प्रतियोगिता का उद्देश्य वैसे पर्यटन स्थल, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं, उन्हें लोगों के माध्यम से प्रकाश में लाना है. यह प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की जायेगी और चयनित सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा.

        प्रतिभागी को चयनित पर्यटन स्थल की तीन फोटो 10 एमबी, 30 सेकंड का अच्छी गुणवत्ता वाला वीडियी जो प्रतियोगिता के लिए निर्धारित समय में खींचा गया हो, संबंधित विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना है. साथ ही संबंधित स्थल की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को 200 शब्दों में दर्शाना है। प्रतियोगिता के लिए आवेदन की प्रविष्टि एक नवंबर तक होगी।

  ऐसे स्थान का चयन प्रतिभागी प्रतियोगिता के लिए कर सकेंगे।  जैसे लालगंज में गुरुद्वारा, नेपाली छावनी मंदिर, गांधी आश्रम, शारदा सदन पुस्तकालय, वैशाली गढ़, वैशाली चौमुखी महादेव मंदिर, अभिषेक पुष्पकरणी, पातालेश्वरनाथ मंदिर,
कोनहारा घाट,चेचरघाट, बरैला झील, गंगा, सोन गंडकका संगम, गज ग्राह की रणभूमि, रामभद्र का रामचौरा मंदिर, चेचर ग्राम समूह आदि के साथ प्रखंड में अवस्थित ऐसे स्थान जिन्हें हम नहीं जान पा रहे हैं, लेकिन वह ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

   प्रतियोगिता का उद्देश्य वैसे पर्यटन स्थल, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं, उन्हें लोगों के माध्यम से प्रकाश में लाना है. चयनित प्रतिभागी को ज्यूरी अवॉर्ड के तहत प्रथम पुरस्कार 50 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 45 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार में 35 हजार रुपये और पीपुल्स च्वाइस अवार्ड के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार 50 हजार, द्वितीय पुरस्कार 45 हजार व तृतीय पुरस्कार में 35 हजार रुपये दिये जायेंगे साथ ही 10 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 20 हजार रूपये तथा 518 प्रतिभागियों को 10 हजार रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया जायेगा.

प्रत्येक प्रखंड से एक स्थल का होगा चयन

बताया गया कि प्रत्येक प्रखंड से एक स्थान चयन किया जाना है, जो पर्यटक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है. उसका चयन कर विभाग को अग्रसारित किया जायेगा, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले इच्छुक प्रतिभागी विभागीय वेबसाइट https-www.tourism.bihar.gov.in पर अपना registration कर सकते है. अधिक जानकारी के लिए पर्यटन प्रभारी सह जिला कला व संस्कृति पदाधिकारी वैशाली से संपर्क स्थापित किया जा सकता है.

      
नवादा :- मेरा प्रखंड मेरा गौरव’’ प्रतियोगिता का होगा आयोजन, इच्छुक अभ्यर्थी मौके का उठा सकते हैं लाभ
जिला पदाधिकारी, नवादा श्री आशुतोष कुमार वर्मा द्वारा बताया गया कि बिहार राज्य में प्राकृतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों की एक समृद्ध विरासत है। इन स्थलों में कई ऐसे स्थल भी हैं, जो अन्य पर्यटन स्थलों की तरह प्रकाश में नहीं आ पाये हैं।

पर्यटन के दृष्टिकोण से इनकी महत्ता है, किन्तु ये स्थल प्रसिद्ध नहीं हो पाये हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य ऐसे ही पर्यटन स्थलों को स्थानीय लोगों की मदद से प्रकाश में लाना है। उन्होंने कहा कि आम भागीदारी से स्थानीय लोगों में अपने प्रखण्ड के पर्यटन स्थलों के प्रति अपनेपन का भाव जागृत होगा तथा लोग जिम्मेदार पर्यटन की तरफ उन्मुख होंगे। इसका मुख्य विषय है बिहार राज्य के छुपे हुए उन स्थलों की पहचान करना, जो पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य राज्य के विभिन्न प्रखण्डों में स्थित उन अनदेखे या कम ज्ञात स्थलों की पहचान करना है, जो ऐतिहासिक, धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इन स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर लाकर राज्य के पर्यटन को और अधिक समृद्ध बनाया जा सकता है। यह प्रतियोगिता आम जनता को अपने क्षेत्र के धरोहरों और महत्वपूर्ण स्थलों के प्रति जागरूक करने और उन्हें संरक्षित करने की दिशा में भी प्रेरित करेगी। उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। प्रत्येक प्रखण्ड से एक प्रतिभागी अपने प्रखण्ड के अंदर किसी ऐसे स्थल की पहचान करेगा जो अब तक अनदेखा रहा है, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है। प्रतिभागी को निम्नलिखित जानकारी अपनी प्रविष्टि में शामिल करनी होगी। स्थान का नाम और पता - जिस स्थान को प्रतियोगिता के लिए चुना गया है, उसका स्पष्ट रूप से नाम, पूरा पता। स्थल का ऐतिहासिक/धार्मिक महत्व का विवरण (लगभग 200 शब्दों में) जिसमें उस स्थान का ऐतिहासिक या धार्मिक महत्व, उससे जुड़ी कहानियों, किंवदंतियाँ, या ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख किया जाना चाहिए। स्थल की 03 तस्वीर (अधिकतम साईज 10 एमबी), स्पष्ट और उच्च गुणवत्ता वाली, जो उसकी प्रमुख विशेषताओं को दर्शाती हो। स्थल का एक छोटा वीडियो क्लिप 30 सेकंड का वीडियो (अधिकतम साईज 100 एमबी). जिसमें उस स्थल की प्रमुखता को दिखाया गया हो और उसे समझाने की कोशिश की गई हो। चयन के मापदंड:-प्रतियोगिता में प्रविष्टियों का चयन निम्नलिखित मापदंडों के आधार पर किया जाएगा - ऐतिहासिक महत्व स्थल का इतिहास, उससे जुड़ी घटनाएँ या कहानियाँ। धार्मिक महत्व स्थल का धार्मिक महत्व, वहाँ होने वाले पूजा पाठ या धार्मिक आयोजनों का विवरण। अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व स्थल का स्थानीय सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में योगदान, वहाँ होने वाले मेले या उत्सवों का महत्व। फोटो और वीडियो की गुणवत्ता स्थल की फोटो और वीडियो की स्पष्टता, प्रस्तुति और उसकी महत्वपूर्ण विशेषताओं को प्रदर्शित करने की क्षमता। प्रतियोगिता के नियम:-प्रत्येक प्रतिभागी केवल अपने प्रखण्ड के अंदर अवस्थित स्थल के लिए ही प्रविष्टि भेज सकते हैं। एक प्रतिभागी केवल एक ही स्थल के लिये प्रविष्टि कर सकते हैं। बिहार में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जो काफी प्रसिद्ध है। चूंकि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छुपे हुये पर्यटन स्थलों की खोज करना है। इसलिये निम्नांकित पर्यटन स्थलों को छोड़कर हीं प्रतिभागी अपनी प्रविष्टि भेज सकते हैं:- 1. सूर्य मंदिर देव, औरंगाबाद 2. मंदार पर्वत रोपवे, बांका 3. विक्रमशीला विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, भागलपुर 4. केसरिया स्तूप, पूर्वी चंपारण 5. महाबोधि मंदिर, बोधगया, गया 6. विष्णुपद मंदिर, गया 7. द ग्रेट बुद्धा स्टेच्यू, बोधगया 8. डुंगेश्वरी मंदिर, प्रागबोधि, गया 9. माँ दुर्गा थावे मंदिर, गोपालगंज 10. लघुआर जैन मंदिर, जमुई 11. नागार्जुन गुफा एवं बराबर गुफा, जहानाबाद 12. मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर 13. माँ चंडिका शक्ति पीठ, मुंगेर 14. विश्वशांति स्तूप, राजगीर, नालंदा 15. घोड़ा कटोरा, राजगीर, नालंदा 16. नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, नालंदा 17. जैन मंदिर, कुण्डलपुर, नालंदा 18. जल मंदिर, पावापुरी, नालंदा 19. गोलघर, पटना 20. तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, पटना 21. मनेर शरीफ, मनेर, पटना 22. शेरशाह सूरी का मकबरा, रोहतास (सासाराम) 23. रोहतासगढ किला, रोहतास (सासाराम) 24. बाबा हरिहरनाथ मंदिर, सोनपुर सारण 25. पुनौराधाम, सीतामढ़ी 26. विश्वशांति स्तूप, वैशाली 27. अशोका पिलर वैशाली आदि।


फोटो और वीडियो क्लिप की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए ताकि स्थल की विशेषताएँ स्पष्ट रूप से दिख सकें। सभी फोटो एवं वीडियो जीयो टैग्ड होना चाहिये। सभी फोटो एवं वीडियो प्रतियोगिता अवधि में सूट किये होने चाहिये। प्रविष्टि में दी गई जानकारी की सत्यता की जिम्मेवारी प्रतिभागी की होगी। प्रतिभागियों को समय सीमा के भीतर अपनी प्रविष्टि ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।

सभी जिलों में प्रखण्डवार प्राप्त प्रविष्टियों की जाँच जिला पदाधिकारी के द्वारा, जिला स्तर पर गठित निर्णायकमंडल द्वारा किया जायेगा। समय सीमा:- राज्य स्तर पर उद्घाटन के पश्चात् प्रतियोगिता प्रारंभ मानी जायेगी। प्रतियोगिता एक माह तक जारी रहेगी। समय सीमा के बाद प्राप्त प्रविष्टियों को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा। प्रारंभ एवं समापन की तिथि कालान्तर में सूचित किया जायेगा।


पुरस्कार:- चयनित प्रतिभागियों को निम्नलिखित पुरस्कार दिए जाएंगे - ज्यूरी अवॉर्ड - प्रथम पुरस्कार - रुपये 50,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र, द्वितीय पुरस्कार रुपये 45,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र, तृतीय पुरस्कार- रुपये 35,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र पिपुल्स च्वाईस अवॉर्ड -प्रथम पुरस्कार- रुपये 50,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र, द्वितीय पुरस्कार रुपये 45,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र, तृतीय पुरस्कार रुपये 35,000/-प्लस प्रशस्ति पत्र सांत्वना पुरस्कार -शेष बचे 10 चयनित प्रतिभागियों के लिये, प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र प्लस मोमेन्टो प्लस बिहार पर्यटन के सोशल मीडिया पर नाम अंकित किया जायेगा प्लस रू0 20,000/- अन्य पुरस्कार -प्रखण्ड स्तर पर चयनित शेष 518 (534-16) प्रतिभागियों के लिए, प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र प्लस रू0 10,000/- प्रतियोगिता में भाग लेने की प्रक्रिया:-प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए इच्छुक प्रतिभागी निम्नलिखित चरणों का पालन करेंगे- विभागीय वेबसाईट http://www.tourism.bihar.gov.in/ पर जायेंगे।

वेब पेज पर जाकर प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण करें। पंजीकरण के बाद अपनी प्रविष्टि, स्थान का विवरण, फोटो और वीडियो अपलोड करें। एक बार प्रविष्टि अंकित करने के पश्चात् संशोधन नहीं होगा। प्रविष्टि अपलोड करने के बाद आपको एक पुष्टि संदेश प्राप्त होगा।


जिलाधिकारी ने बताया कि नवादा जिलेवासियों के वैसे अभ्यर्थियों के लिए यह सुनहरा मौका है जो विभिन्न पर्यटन स्थलों को प्रकाश में लाना चाहते हैं। स्टूडेंट्स/प्रतिभागी जिले के लिए आशा, नवाचार और परिवर्तन को दर्शाने वाली पर्यटन/धार्मिक स्थलों के बारे में प्रकाशित कर सकते हैं। कहानियों के जरिए बिहार के सांस्कृतिक विरासत को उद्घाटित करने में योगदान दे सकते हैं और पुरस्कार के भागी बन सकते हैं।


नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
Demand for Bharat Ratna to Dr. Sachchidanand Sinha by Sunny Sinha, Patron of Samanta Sangram Samiti

Sunny Sinha, the patron of the Samanta Sangram Samiti, recently demanded that Dr. Sachchidanand Sinha, the first president of the Constituent Assembly of India, be honored with the Bharat Ratna. His proposal highlights the significance of Dr. Sinha’s contributions to the creation of the Indian Constitution. Sunny Sinha stated that Dr. Sachchidanand Sinha was not only the first president of the Constituent Assembly but also played an invaluable role in Indian politics, social justice, and constitutional reforms.

Dr. Sachchidanand Sinha: An Introduction

Dr. Sachchidanand Sinha was born on November 10, 1871, in Patna, Bihar. Before becoming the president of the Constituent Assembly, he was a renowned lawyer and academician. Even before India’s independence, he emphasized constitutional reforms and worked to bring together various sections of Indian society. Recognizing his contributions, he was elected as the first president of the Constituent Assembly, where he helped lay the foundation for the country’s future.

Demand for Bharat Ratna

Sunny Sinha believes that Dr. Sachchidanand Sinha’s pivotal role in the formation of the Constituent Assembly and in shaping the direction of the Constitution makes him deserving of the Bharat Ratna. He noted that the Bharat Ratna is the highest civilian honor in India and is awarded to individuals who have made extraordinary contributions to the nation. Dr. Sinha’s life and work reflect his deep commitment to the country, making him a worthy recipient of this prestigious award.

Impact on Society

The initiative by the Samanta Sangram Samiti not only seeks to recognize the contributions of Dr. Sachchidanand Sinha but also ensures that all the great leaders involved in the making of the Constituent Assembly receive due respect. This demand also aims to strengthen the values and ideals for which Dr. Sinha fought throughout his life. Sunny Sinha’s effort can serve as a meaningful step in passing on the importance of the Indian Constitution and its history to future generations.

Conclusion

Dr. Sachchidanand Sinha’s name is etched in golden letters in the history of the Indian Constitution. His leadership and vision provided a strong foundation for Indian democracy. Therefore, the demand to honor him with the Bharat Ratna is not only appropriate but also a fitting way to acknowledge his service to Indian society and democracy.

खतियान की प्रतिलिपि के लिए विशेष काउंटर बना
हाजीपुर। ।   जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा के निर्देश पर समाहरणालय परिसर में खतियान की सच्ची प्रतिलिपि के आवेदनों के निष्पादन हेतु एक सुदृढ़ व्यवस्था की गई है। समाहरणालय परिसर में जिला राजस्व अभिलेखागार कार्यालय द्वारा एक विशेष शिविर का संचालन विगत एक महीने से किया जा रहा है, जिसमे आवेदक अपना खतियान निकलवाने हेतु आवेदन राजस्व टिकट के साथ जमा करा सकते हैं। तैयार किए गए खतियान की सच्ची प्रतिलिपि के हर पन्ने पर राजस्व टिकट आवेदक द्वारा देय है जिसके उपरांत ही अभिलेख की प्रतिलिपि को तैयार करके आवेदक को वितरित किया जाता है। इसी शिविर में आवेदक द्वारा राजस्व टिकट जमा करा देने के उपरांत तैयार हुए अभिलेख को वितरण करने की व्यवस्था की गई है। जिला राजस्व अभिलेखागार प्रभारी ह पदाधिकारी श्री प्रशांत रमानिया द्वारा इस बाबत आवेदकों से अनुरोध किया गया है कि पूर्ण विवरणी के साथ ही आवेदन करें। विभाग के रमानिया द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि आवेदकों को घर बैठे ही खतियान की प्रतिलिपि पाने की सुविधा प्रदान करने हेतु ऑनलाइन पोर्टल- bhuabhilekh.bihar.gov.in की भी व्यवस्था की गई है जिस पर आवेदक जन्म/जाति प्रमाण पत्र की ही भांति अपने खतियान की स्कैन की हुई अभिलेख का अवलोकन कर उसकी डिजिटल प्रमाण पत्र निर्धारित शुल्क ऑनलाइन भुगतान करके डाउनलोड कर सकते हैं जिससे सुदूर आवासित रैयतों को कार्यालय आने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।