Brightpath Education Solution Unveils Comprehensive Platform to Transform Education Management in India, with Arvind Mishra at the Helm

 

Ghaziabad, Uttar Pradesh – June 28, 2025 – Brightpath Education Solution Private Limited, under the leadership of Arvind Mishra, has launched a robust platform that serves as a one-stop shop for the diverse needs of the educational community, aimed at streamlining and enhancing the educational experience across India. This innovative solution is set to benefit preschools, K–12 schools, residential and hostel schools, colleges, coaching centres, as well as students, parents, and educators.

Arvind Mishra, a key figure in the company’s vision, has emphasized the importance of simplifying and unifying the often fragmented processes that define the educational landscape. The platform’s holistic approach addresses everything from admissions and recruitment to the provision of essential learning materials. By offering a seamless digital ecosystem, Education Solution aims to empower institutions and individuals alike, making education management more accessible and efficient than ever before.

At the heart of this initiative, Arvind Mishra and his team are committed to supporting every stakeholder in the educational journey. For institutions, the platform offers a streamlined admissions process, reducing administrative burdens and enabling schools and colleges to focus more on quality education. The recruitment of teachers and professors, often a time-consuming and challenging task, is made easier through a dedicated career service that connects qualified professionals with the right opportunities. This not only benefits educational institutions but also opens new doors for educators seeking to advance their careers.

Education Solution, guided by Arvind Mishra’s leadership, also recognizes the importance of providing students and parents with reliable support. The platform assists families in navigating the admissions process for schools, colleges, and coaching centres, ensuring that students find the best fit for their academic and personal growth. Additionally, by offering access to uniforms, stationery, and interactive learning panels, Education Solution ensures that students have everything they need to succeed in the classroom from day one.

One of the standout features of the platform is its user-friendly mobile app, which allows for easy registration and profile building. This mobile-first approach ensures that users can access services and information anytime and anywhere, making the educational process more flexible and convenient. The app is designed to cater to the needs of a tech-savvy generation, while also remaining accessible to those less familiar with digital tools.

The platform’s commitment to continuous improvement is evident in its ongoing updates and enhancements. By actively seeking feedback from users and responding to their evolving needs, Arvind Mishra and the Education Solution team ensure that their services remain relevant, intuitive, and effective. This dedication to user experience is central to the company’s mission of creating a collaborative network that brings together students, parents, teachers, and institutions.

Brightpath Education Solution Private Limited is headquartered in Ghaziabad, Uttar Pradesh, and is poised to make a lasting impact on the Indian education sector. By bridging gaps and fostering connections, the company, under the guidance of Arvind Mishra, is helping to create a more integrated and supportive educational ecosystem.

With its comprehensive suite of services and focus on innovation, Education Solution is well-positioned to become a trusted partner for educational institutions and families across India. As the platform continues to grow and evolve, it promises to deliver on its commitment to making education management simpler, more effective, and more inclusive for all.

For more information about the platform and its offerings, interested parties are encouraged to visit www.educationsolution.in or reach out via email at

अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया भी हारे, दिल्ली में आप का “बंटाधार”

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती जारी है। इस बीच आप के लिए बहुत बुरी खबर है। दिल्ली चुनाव के नतीजों में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की मिट्टी पलीद हो गई है। पार्टी संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक अपनी सीट नहीं बचा सके। वहीं, जंगपुरा विधानसभा सीट से भी आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया भी हार गए हैं।

केजरीवाल को 3182 वोटों से मिली हार

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर भाजपा के प्रवेश वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हरा दिया है। केजरीवाल को 3182 वोटों से हार मिली है। कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित तीसरे स्थान पर रहे।

जंगपुरा से मनीष सिसोदिया चुनाव हारे

जंगपुरा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया को बीजेपी उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने हराया। जंगपुरा सीट पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी। आखिरकार बाजी बीजेपी के हाथ बाजी लगी।

मालवीय नगर से आप के सोमनाथ भारती हारे

मालवीय नगर सीट पर आम आदमी पार्टी को झटका लगा है। इस सीट से पार्टी उम्मीदवार सोमनाथ भारती चुनाव हार गए हैं। भारती को यहां से बीजेपी उम्मीदवार सतीश उपाध्याय ने हराया। कांग्रेस उम्मीदवार जीतेंद्र कोचर तीसरे नंबर पर रहे।

जहरीली यमुना” पर थम नहीं रही तकरार, आज जवाब दाखिल करने चुनाव आयोग जाएंगे केजरीवाल

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दिल्ली चुनावी रण में चुनाव प्रचार का आखिरी चरण चल रहा है। 5 जनवरी को दि्ल्ली विधानसभा चुनाव होने वाला है। 8 को इसके नतीजे आएंगे। इससे पहले केजरीवाल के “जहरीली युमना” वाले बयान ने सियासी पारे को और बढ़ा दिया है। चुनाव ने केजरीवाल के इस बयान पर जवाब तलब किया है। चुनाव आयोग ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन आरोपों का सबूत सौंपने को कहा है, जो उन्होंने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर लगाए हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में ज़हर मिलाने का आरोप लगाया है। अरविंद केजरीवाल आज जहरीली यमुना वाले बयान पर जवाब देने चुनाव आयोग जाएंगे। बताया जा रहा है केजरीवाल सुबह 11 बजे चुनाव आयोग जाएंगे। इस दौरान उनके साथ दिल्ली की सीएम आतिशी और पंजाब सीएम भगवंत मान भी होंगे।

केजरीवाल ने शाह, राहुल, सचदेवा और सैनी के घर भेजा यमुना का पानी

इधर, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अमोनिया युक्त पानी की बोतलें गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के घर भेजने का दावा किया। उन्होंने कहा कि चारों नेता सार्वजनिक तौर पर ये पानी पीकर दिखाएं। भाजपा यमुना के पानी में मिलावट कर जहर बना रही है। सैनी पल्ला जाकर एक घूंट पानी तक नहीं पी सके और दिल्ली के लोगों को यही पानी पिलाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने कई बार उन्हें फोन कर जहरीले पानी को नहीं भेजने को कहा, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया।

तीनों चुनाव आयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर इस पानी को पीकर दिखाएं- केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग को 7 पीपीएम अमोनिया वाले पानी की बोतलें भेज देंगे। तीनों चुनाव आयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर इस पानी को पीकर दिखा दें, तो हम मान जाएंगे कि हमने गलती की है। मुझे यह भी पता है कि ये लोग मुझे दो दिन में जेल में डालेंगे, डाल दें।

केजरीवाल के आरोपों को बीजेपी ने बनाया “हथियार”

बता दें कि दिल्ली में चल रहे चुनाव प्रचार के बीच अरविंद केजरीवाल के आरोपों ने एक तरह का सियासी भूचाल ला दिया है। इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक केजरीवाल की शिकायत करने चुनाव आयोग पहुंच गए। आम बजट की तैयारियों के बीच निर्मला सीतारमण का चुनाव आयोग पहुंचना बताता है कि बीजेपी ने इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लिया है। केजरीवाल के बयान के ख़िलाफ मिली शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने चिंता जताई है कि 'केजरीवाल के आरोपों से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इनमें क्षेत्रीय समूहों के बीच दुश्मनी, पड़ोसी राज्यों के निवासियों के बीच तनाव और पानी की कमी के कारण कानून-व्यवस्था की समस्याएं शामिल हैं।

स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के घर के बाहर क्यों फेंका कचरा? पुलिस ने हिरासत में लिया

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दिल्ली चुनाव के बीच यमुना के पानी पर मची सियासत के बाद कचरे को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। आप सांसद स्वाति मालीवाल ने गुरुवार अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर कूड़ा फेंक दिया। मालीवाल दिल्ली में सफाई के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर कूड़ा फेंका। तीन गाड़ियों में कूड़ा भरकर मालीवाल अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध जताने पहुंचीं थीं। जिसके बाद पुलिस ने स्वाति मालीवाल को हिरासत में ले लिया। इससे पहले स्वाति मालीवाल स्थानीय निवासियों के साथ विकासपुरी के उस इलाके में पहुंचीं जहां कचरे का ढेर लगा हुआ था।

पहले मालीवाल लोडिंग ऑटो लेकर विकासपुरी पहुंची। यहां उन्होंने लोगों के साथ सड़क से कचरा उठाया और ऑटो में भरकर केजरीवाल के घर गईं। यहां उन्होंने सारा कचरा सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान दिल्ली पुलिस उन्हें बार-बार चेतावनी देती रही कि आप सड़क पर कचरा नहीं फेंके, वरना कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मालीवाल नहीं मानीं, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

पूरा शहर कूड़ेदान में बदल गया- मालीवाल

मालीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में स्वच्छता और बुनियादी ढांचे की स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने विकासपुरी की महिलाओं की शिकायतों का हवाला दिया, जिन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक को कई शिकायतों के बावजूद उनकी सड़क पर कचरे का ढेर लग गया है। मालीवाल ने कहा कि दिल्ली का हर कोना-कोना गंदगी से भरा हुआ है, सड़कें टूटी हुई हैं, और नालियां बह रही हैं।

सुधर जाओ, नहीं तो जनता सुधार देगी-मालीवाल

मालीवाल ने यह भी कहा कि केजरीवाल शहर की समस्याओं से पूरी तरह कट चुके हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है। आज दिल्ली की हालत बहुत खराब है। मैं केजरीवाल से बात करने आई हूं। मैं उनसे कहूंगी सुधर जाओ, नहीं तो जनता सुधार देगी। मैं न तो उनके गुंडों से डरती हूं और न ही उनकी पुलिस से।

केजरीवाल की केंद्र के सामने उठाया मिडिल क्लास का मुद्दा, रखी ये 7 मांगें

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दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है। आप ने इस चुनाव में जीत पक्की करने के ले हर एक वर्ग को साधने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं से लेकर बुजुर्गों और युवाओं तक पर दांव खेला है। अब केजरीवाल की नजर मिडिल क्लास पर है। इस बीच बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और देश के मिडिल क्लास को लेकर कई जरूरी मुद्दों पर बात की। इसके साथ ही केंद्र सरकार से 7 मांगें भी की हैं।

मिडिल क्लास केवल एटीएम बनकर रह गया-केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई वादे धर्म और जाति के नाम पर किए जाते हैं। कई वादे समाज के निचले तबके के लिए किए जाते हैं। कई वादे उद्योगपतियों के लिए किए जाते है। कुछ लोग इनके वोट बैंक हैं। एक वर्ग इनके बीच में है जो पिसकर रह गया है। 75 सालों में एक के बाद एक दूसरी पार्टी सत्ता में आई। हर सरकार ने मिडिल क्लास को दबाकर रखा है। ये मिडिल क्लास के लिए करते कुछ नहीं है लेकिन टैक्स का हथियार चला देती है। मिडिल क्लास सरकार का एटीएम बनकर रह गया है।

मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी आप-केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ सबसे ज्यादा है। मिडिल क्लास को हमारे देश में सबसे ज्यादा परेशान किया जाता है। मिडिल क्लास वालों की 50 प्रतिशत से ज्यादा आमदनी टैक्स देने में चली जाती है। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी। आने वाले बजट में आम आदमी पार्टी के सांसद मिडिल क्लास के मुद्दों को ही संसद में उठाएंगे।

मिडिल क्लास के लिए केजरीवाल की 7 मांगे

• शिक्षा का बजट 2 परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए।

• पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई जाए, उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी दी जाए।

• स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट भी बढ़ाया जाए और हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स भी कम किया जाए।

• इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए।

• आवश्यक वस्तुओं के ऊपर से जीएसटी खत्म की जाए।

• सीनियर सिटिजन्स के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान और पेंशन योजना बनाई जाए। इसके साथ ही देशभर में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त और अच्छा इलाज दिया जाए।

• बुजुर्गों को पहले रेलवे में किराए पर 50 प्रतिशत छूट मिलती थी, जो अब खत्म कर दी गई है, उसे दोबारा शुरू किया जाए।

जाटों को क्यों रिझानें की कोशिश में अरविंद केजरीवाल? जानें दिल्ली के लिए ये कितने जरूरी

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पिछले कई माह से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारी भी कर रही थीं। अब चुनावी रण में उतरने का समय आ गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इस बीच मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए सभी दलों ने कसरत तेज कर दी गयी है। बीजेपी और आप दोनों ही इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए कोशिश कर रही हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रेस को संबोधित करते हुए न्द्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। यही नहीं, आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर जाट वोटर्स की उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने पिछले 10 साल से बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है। इस लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है उसमें दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। केजरीवाल का कहना है कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में न होने की वजह से दिल्ली के जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग न तो पुलिस की नौकरी में आरक्षण ले पा रहे हैं और न ही दिल्ली विश्वविद्यालय के नामांकन में।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समाज के लोग जब केंद्र की किसी योजना का लाभ लेने जाते है तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। 4 बार पीएम मोदी ने जाट समाज के लोगों को कहा था कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज को शामिल किया जाएगा लेकिन नहीं किया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री झूठ बोल कर अपने वादे पुरे नहीं करते हैं। चुनाव के समय उन्हें केवल जाटों की याद आती है लेकिन कभी उनका काम नहीं करते हैं। अगर वे ऐसे झूठ बोलेंगे तो देश में कुछ बचेगा ही नहीं। दिल्ली के अंदर दिल्लीवालों को आरक्षण नहीं मिलता है, बाहर वालों को मिलता है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनको उनके वादे याद दिलाए हैं। उन्होंने कहा कि जाट समाज के साथ 5 और जातियां हैं जिन्हें ओबीसी की लिस्ट में शामिल किया जाए।

दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल का यह कदम सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। केजरीवाल की ओर से उठाए गए इस कदम को जाट समुदाय और अन्य जातियों को रिझाने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में जानते हैं ओबीसी वोट बैंक दिल्ली में क्यों महत्वपूर्ण हैः-

दिल्ली में लगभग 10 प्रतिशत जाट वोटर्स

दिल्ली में जाट वोटर्स की संख्या लगभग 10 प्रतिशत मानी जाती है। दिल्ली की कई ग्रामीण सीटों पर जाट वोटर्स निर्णायक माने जाते हैं। दिल्ली की 8 ऐसी सीटें हैं जो जाट बहुल है। इन सीटों पर हार और जीत जाट मतों से तय होता रहा है।

जाट सीटों का क्या रहा है गणित

जाट बहुल 8 सीटों में से 5 पर अभी आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा है। वहीं तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी जाट वोटर्स को साधने के लिए लगातार कदम उठा रही है। दिल्ली के चुनावों में बीजेपी को जाट वोटर्स का साथ भी मिलता रहा है।

जाट समुदाय की दिल्ली की राजनीति पर अच्छी पकड़

दिल्ली के जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण की अपनी सियासी अहमियत है। धार्मिक आधार पर देखें तो कुल 81 फीसदी हिंदू समुदाय के वोटर हैं। हालांकि हिंदू समुदाय के वोट में कई जाति समूहों का अलग-अलग चंक रहा है। हिंदू वोटर्स में सबसे बड़ा प्रभाव जाट समुदाय का देखने को मिलता है।

संगठित वोट बैंक

जाट समुदाय आमतौर पर एक संगठित वोट बैंक के रूप में कार्य करता है। यह समुदाय आमतौर पर अपनी राजनीतिक ताकत को समझता है और एकजुट होकर मतदान करता है, जिससे उसकी सामूहिक शक्ति बढ़ जाती है। जब जाट समुदाय किसी पार्टी के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करता है, तो यह चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

दिल्ली के गांवों में जाट वोटर्स का दबदबा

दिल्ली के लगभग 60 प्रतिशत गांव पर जाट वोटर्स का दबदबा देखने को मिलता है। दिल्‍ली के ग्रामीण इलाकों की सीटों पर जाट वोटर ही हार-जीत जाट वोटर्स तय करते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नई दिल्ली सीट पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री रहे स्व.साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रवेश साहेब सिंह वर्मा के मार्फत बीजेपी जाट वोटर्स को साधना चाहती है।

केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, जाट समाज को लेकर लगाए गंभीर आरोप

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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी पार्टियां पूरे दम ख़म के साथ मैदान में उतर चुकी है। खासकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। आप का इरादा जहां सत्ता में वापसी पर है तो भाजपा किसी भी कीमत पर दिल्ली की गद्दी हासिल करना चाहती है। इन सबके बीच आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल करने को लेकर चिट्ठी लिखी है। साथ ही केजरीवाल ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जाट समाज को धोखा देने का आरोप लगाया है।

बीजेपी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

केजरीवाल ने पत्र में लिखा, एक महत्वपूर्ण विषय पर 10 साल पहले आपका किया वादा आपको याद दिलाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। दिल्ली के जाट समाज के कई प्रतिनिधियों से पिछले कुछ दिनों में मुलाकात हुई। इन सभी ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज की अनदेखी किये जाने पर चिंता जाहिर की। जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि आपने 26 मार्च 2015 को दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर ये वादा किया था कि जाट समाज, जो दिल्ली की ओबीसी लिस्ट में है, उसे केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें दिल्ली में मौजूद केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।

केजरीवाल ने लिखा है, फिर 8 फरवरी 2017 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की मीटिंग बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ।

ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां-केजरीवाल

केजरीवाल ने लिखा, ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां हैं जिनकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। जैसे कि मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है। ये तो दिल्ली के जाट समाज के साथ धोखा है। और भाजपा की केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से लगातार ये धोखा कर रही है। सिर्फ जाट समाज ही नहीं रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड, इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।

ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय-केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व सीएम ने आगे लिखा, दिल्ली में केंद्र सरकार की सात यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के दर्जनों कॉलेज हैं। दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के कई संस्थानों में नौकरियां हैं जिनमें केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की इस वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। दिल्ली में जाट समाज व ओबीसी की 5 अन्य जातियों के साथ केंद्र सरकार का ये पक्षपातपूर्ण रवैया इन जातियों के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के उचित अवसर हासिल नहीं होने दे रहा है। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत केंद्रीय ओबीसी सूची की विसंगतियों में सुधार कर दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्र सरकार के संस्थानों में भी आरक्षण का लाभ देना चाहिये।

महिलाओं और बुजुर्गों के बाद केजरीवाल का बच्चों को तोहफा, दलित छात्रों के लिए स्कॉलरशिप का ऐलान

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी जनता को अपने पाले में करने के लिए हर दांव आजमा रही है। पहले महिलाएं फिर बुजुर्ग और अब बच्चों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपना पिटारा खोला है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दलित समाज के लिए बड़ी घोषणा की है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दलित छात्रों के लिए डॉ. आंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप योजना का एलान किया है।

अंबेडकर विवाद के जवाब में केजरीवाल का दांव

अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली में दलित छात्रों के लिए डॉ आंबेडकर स्कॉलरशिप का ऐलान किया है। इस दौरान केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर का मजाक उड़ाया। केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहेब जब जिंदा थे तब भी पूरे जीवन में उनका मजाक उड़ाया करते थे। संसद बाबा साहेब की वजह से है और उस संसद से मजाक उड़ाया जाएगा किसी सोचा नहीं होगा। उसकी हम निंदा करते हैं लेकिन उसके जवाब में मैं बाबा साहेब के सम्मान में एक बड़ी घोषणा कर रहा हूं। आज मैं चाहत हूं कि कोई भी दलित समाज का बच्चा पैसे की कमी की वजह से उच्च शिक्षा से वंचित ना रह जाए।

विदेशी यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई का खर्ज उठाएगी आप सरकार

केजरीवाल ने कहा कि आज मैं डॉक्टर आंबेडकर स्कॉलरशिप का ऐलान करता हूं, जिसके तहत दलित समाज का कोई भी बच्चा दुनिया की किसी भी टॉप की यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहेगा तो वो बच्चा उस यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले। बस उसका सारा पढ़ाई लिखाई का खर्चा दिल्ली सरकार वहन करेगी।

आप ने दिया कांग्रेस को जोर का झटका, केजरीवाल ने कांग्रेस संग गठबंधन की अटकलों पर लगाया विराम

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों को अरविंद केजरीवाल ने खारिज किया है। केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी दिल्ली अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है।

दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात अंतिम चरण में है। गठबंधन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलावा इंडिया गठबंधन के कुछ अन्य दलों को भी शामिल करने की बात सामने आई। कहा जा रहा था कि कांग्रेस को 15 सीटें और अन्य इंडिया गठबंधन सदस्यों को 1 या 2 सीटें मिल सकती हैं। बाकी सीटों पर आम आदमी पार्टी खुद चुनाव लड़ेगी।

एएनआई के दावे पर अरविंद केजरीवाल ने खंडन किया है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एनआई के पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा, 'आम आदमी पार्टी दिल्ली में इस चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन को कोई संभावना नहीं है।'

आप-कांग्रेस गठबंधन की लग रहीं थी अटकलें

बता दें कि मंगलवार को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई थी कि दिल्ली कांग्रेस के नेता आप के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। इसके बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के नेता पहुंचे शरद पवार के घर पहुंचे। जिसके बाद ये कयास लगने और तेज हो गए कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है।

कांग्रेस के पास अकेले लड़ने की “ताकत” नहीं

इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर चुके हैं।आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनों से लगातार इनकार कर रही है, लेकिन कांग्रेस अपने सियासी ताकत को समझ रही हैं। कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि अकेले चुनाव लड़ने पर कोई लाभ नहीं होने वाला है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि मुस्लिम और दलित दोनों ही कांग्रेस से छिटक गया है और अपने-अपने कारणों से आम आदमी पार्टी के पास जा चुका है। कांग्रेस के कमजोर होने का सबसे बड़ी वजह यही रही और अब इसके चलते ही कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान से मान रहे हैं कि बिना गठबंधन के कोई हल नहीं निकलने वाला, क्योंकि दिल्ली की चुनावी लड़ाई अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच केंद्रित हो गई है।

केजरीवाल के लिए आसान नहीं दिल्ली चुनाव

वैसे इस बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए काफी मुश्किल भरा माना जा रहा है। ऐसे में चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रेस में पार्टी को इस बार कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पांच सालों में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, उन्हें जेल भी जाना पड़ा और केजरीवाल को सीएम पद से इस्तीफा देकर अतिशी को कमान सौंपनी पड़ी। ऐसे में आम आदमी पार्टी एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को नजरअंदाज नहीं कर रही है।

Graceful Hands Trust E-1432 Hosts Heartwarming International Yoga Day for Balgram Orphanage

Panvel, June 21st, 2024: Graceful Hands Trust orchestrated a day filled with joy and camaraderie for the children of Balgram Orphanage in Khanda Colony, Panvel. The event, held at the Balgram Activity Hall, was a delightful blend of sportsmanship, celebration, and inclusivity.

The yoga day, organised under the guidance of Ms. Payal Madhok and supported by the guest's Mr Arvind More & Dr. Nilima More & Yoga Group Ms Jaya Trivedi , Ms Manisha Mane & Ms Sneha Gupta (certified by Patanjali Yog Samiti trainers ) & their team, Graceful Team members,  volunteers, and the dedicated staff of Balgram orphanage.

Kicking off with a warm welcome speech by Ms. Suma Lalit, a member of GHT, and a motivational address by Ms. Payal Madhok, the day commenced with invigorating warm-up exercises before the children enthusiastically delved into yoga and meditation sessions. 

A heartwarming highlight was the involvement of kids, who joyfully participated in yoga sessions. 

As a testament to their commitment to the children's happiness, the celebrations concluded with a vote of thanks by Ms. Latha Kurian , Treasurer in GHT.

Orphanage staff received essential groceries and vegetables for the upcoming month, provided by Graceful Hands Trust.

The day culminated in a delightful dinner arranged by the GHT team, with promises to reunite for more engaging and exciting activities in the future.

 

Brightpath Education Solution Unveils Comprehensive Platform to Transform Education Management in India, with Arvind Mishra at the Helm

 

Ghaziabad, Uttar Pradesh – June 28, 2025 – Brightpath Education Solution Private Limited, under the leadership of Arvind Mishra, has launched a robust platform that serves as a one-stop shop for the diverse needs of the educational community, aimed at streamlining and enhancing the educational experience across India. This innovative solution is set to benefit preschools, K–12 schools, residential and hostel schools, colleges, coaching centres, as well as students, parents, and educators.

Arvind Mishra, a key figure in the company’s vision, has emphasized the importance of simplifying and unifying the often fragmented processes that define the educational landscape. The platform’s holistic approach addresses everything from admissions and recruitment to the provision of essential learning materials. By offering a seamless digital ecosystem, Education Solution aims to empower institutions and individuals alike, making education management more accessible and efficient than ever before.

At the heart of this initiative, Arvind Mishra and his team are committed to supporting every stakeholder in the educational journey. For institutions, the platform offers a streamlined admissions process, reducing administrative burdens and enabling schools and colleges to focus more on quality education. The recruitment of teachers and professors, often a time-consuming and challenging task, is made easier through a dedicated career service that connects qualified professionals with the right opportunities. This not only benefits educational institutions but also opens new doors for educators seeking to advance their careers.

Education Solution, guided by Arvind Mishra’s leadership, also recognizes the importance of providing students and parents with reliable support. The platform assists families in navigating the admissions process for schools, colleges, and coaching centres, ensuring that students find the best fit for their academic and personal growth. Additionally, by offering access to uniforms, stationery, and interactive learning panels, Education Solution ensures that students have everything they need to succeed in the classroom from day one.

One of the standout features of the platform is its user-friendly mobile app, which allows for easy registration and profile building. This mobile-first approach ensures that users can access services and information anytime and anywhere, making the educational process more flexible and convenient. The app is designed to cater to the needs of a tech-savvy generation, while also remaining accessible to those less familiar with digital tools.

The platform’s commitment to continuous improvement is evident in its ongoing updates and enhancements. By actively seeking feedback from users and responding to their evolving needs, Arvind Mishra and the Education Solution team ensure that their services remain relevant, intuitive, and effective. This dedication to user experience is central to the company’s mission of creating a collaborative network that brings together students, parents, teachers, and institutions.

Brightpath Education Solution Private Limited is headquartered in Ghaziabad, Uttar Pradesh, and is poised to make a lasting impact on the Indian education sector. By bridging gaps and fostering connections, the company, under the guidance of Arvind Mishra, is helping to create a more integrated and supportive educational ecosystem.

With its comprehensive suite of services and focus on innovation, Education Solution is well-positioned to become a trusted partner for educational institutions and families across India. As the platform continues to grow and evolve, it promises to deliver on its commitment to making education management simpler, more effective, and more inclusive for all.

For more information about the platform and its offerings, interested parties are encouraged to visit www.educationsolution.in or reach out via email at

अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया भी हारे, दिल्ली में आप का “बंटाधार”

#arvindkejriwalloose_election

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती जारी है। इस बीच आप के लिए बहुत बुरी खबर है। दिल्ली चुनाव के नतीजों में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की मिट्टी पलीद हो गई है। पार्टी संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक अपनी सीट नहीं बचा सके। वहीं, जंगपुरा विधानसभा सीट से भी आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया भी हार गए हैं।

केजरीवाल को 3182 वोटों से मिली हार

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर भाजपा के प्रवेश वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हरा दिया है। केजरीवाल को 3182 वोटों से हार मिली है। कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित तीसरे स्थान पर रहे।

जंगपुरा से मनीष सिसोदिया चुनाव हारे

जंगपुरा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया को बीजेपी उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने हराया। जंगपुरा सीट पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी। आखिरकार बाजी बीजेपी के हाथ बाजी लगी।

मालवीय नगर से आप के सोमनाथ भारती हारे

मालवीय नगर सीट पर आम आदमी पार्टी को झटका लगा है। इस सीट से पार्टी उम्मीदवार सोमनाथ भारती चुनाव हार गए हैं। भारती को यहां से बीजेपी उम्मीदवार सतीश उपाध्याय ने हराया। कांग्रेस उम्मीदवार जीतेंद्र कोचर तीसरे नंबर पर रहे।

जहरीली यमुना” पर थम नहीं रही तकरार, आज जवाब दाखिल करने चुनाव आयोग जाएंगे केजरीवाल

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दिल्ली चुनावी रण में चुनाव प्रचार का आखिरी चरण चल रहा है। 5 जनवरी को दि्ल्ली विधानसभा चुनाव होने वाला है। 8 को इसके नतीजे आएंगे। इससे पहले केजरीवाल के “जहरीली युमना” वाले बयान ने सियासी पारे को और बढ़ा दिया है। चुनाव ने केजरीवाल के इस बयान पर जवाब तलब किया है। चुनाव आयोग ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन आरोपों का सबूत सौंपने को कहा है, जो उन्होंने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर लगाए हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में ज़हर मिलाने का आरोप लगाया है। अरविंद केजरीवाल आज जहरीली यमुना वाले बयान पर जवाब देने चुनाव आयोग जाएंगे। बताया जा रहा है केजरीवाल सुबह 11 बजे चुनाव आयोग जाएंगे। इस दौरान उनके साथ दिल्ली की सीएम आतिशी और पंजाब सीएम भगवंत मान भी होंगे।

केजरीवाल ने शाह, राहुल, सचदेवा और सैनी के घर भेजा यमुना का पानी

इधर, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अमोनिया युक्त पानी की बोतलें गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के घर भेजने का दावा किया। उन्होंने कहा कि चारों नेता सार्वजनिक तौर पर ये पानी पीकर दिखाएं। भाजपा यमुना के पानी में मिलावट कर जहर बना रही है। सैनी पल्ला जाकर एक घूंट पानी तक नहीं पी सके और दिल्ली के लोगों को यही पानी पिलाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने कई बार उन्हें फोन कर जहरीले पानी को नहीं भेजने को कहा, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया।

तीनों चुनाव आयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर इस पानी को पीकर दिखाएं- केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग को 7 पीपीएम अमोनिया वाले पानी की बोतलें भेज देंगे। तीनों चुनाव आयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर इस पानी को पीकर दिखा दें, तो हम मान जाएंगे कि हमने गलती की है। मुझे यह भी पता है कि ये लोग मुझे दो दिन में जेल में डालेंगे, डाल दें।

केजरीवाल के आरोपों को बीजेपी ने बनाया “हथियार”

बता दें कि दिल्ली में चल रहे चुनाव प्रचार के बीच अरविंद केजरीवाल के आरोपों ने एक तरह का सियासी भूचाल ला दिया है। इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक केजरीवाल की शिकायत करने चुनाव आयोग पहुंच गए। आम बजट की तैयारियों के बीच निर्मला सीतारमण का चुनाव आयोग पहुंचना बताता है कि बीजेपी ने इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लिया है। केजरीवाल के बयान के ख़िलाफ मिली शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने चिंता जताई है कि 'केजरीवाल के आरोपों से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इनमें क्षेत्रीय समूहों के बीच दुश्मनी, पड़ोसी राज्यों के निवासियों के बीच तनाव और पानी की कमी के कारण कानून-व्यवस्था की समस्याएं शामिल हैं।

स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के घर के बाहर क्यों फेंका कचरा? पुलिस ने हिरासत में लिया

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दिल्ली चुनाव के बीच यमुना के पानी पर मची सियासत के बाद कचरे को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। आप सांसद स्वाति मालीवाल ने गुरुवार अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर कूड़ा फेंक दिया। मालीवाल दिल्ली में सफाई के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर कूड़ा फेंका। तीन गाड़ियों में कूड़ा भरकर मालीवाल अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध जताने पहुंचीं थीं। जिसके बाद पुलिस ने स्वाति मालीवाल को हिरासत में ले लिया। इससे पहले स्वाति मालीवाल स्थानीय निवासियों के साथ विकासपुरी के उस इलाके में पहुंचीं जहां कचरे का ढेर लगा हुआ था।

पहले मालीवाल लोडिंग ऑटो लेकर विकासपुरी पहुंची। यहां उन्होंने लोगों के साथ सड़क से कचरा उठाया और ऑटो में भरकर केजरीवाल के घर गईं। यहां उन्होंने सारा कचरा सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान दिल्ली पुलिस उन्हें बार-बार चेतावनी देती रही कि आप सड़क पर कचरा नहीं फेंके, वरना कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मालीवाल नहीं मानीं, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

पूरा शहर कूड़ेदान में बदल गया- मालीवाल

मालीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में स्वच्छता और बुनियादी ढांचे की स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने विकासपुरी की महिलाओं की शिकायतों का हवाला दिया, जिन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक को कई शिकायतों के बावजूद उनकी सड़क पर कचरे का ढेर लग गया है। मालीवाल ने कहा कि दिल्ली का हर कोना-कोना गंदगी से भरा हुआ है, सड़कें टूटी हुई हैं, और नालियां बह रही हैं।

सुधर जाओ, नहीं तो जनता सुधार देगी-मालीवाल

मालीवाल ने यह भी कहा कि केजरीवाल शहर की समस्याओं से पूरी तरह कट चुके हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है। आज दिल्ली की हालत बहुत खराब है। मैं केजरीवाल से बात करने आई हूं। मैं उनसे कहूंगी सुधर जाओ, नहीं तो जनता सुधार देगी। मैं न तो उनके गुंडों से डरती हूं और न ही उनकी पुलिस से।

केजरीवाल की केंद्र के सामने उठाया मिडिल क्लास का मुद्दा, रखी ये 7 मांगें

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दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है। आप ने इस चुनाव में जीत पक्की करने के ले हर एक वर्ग को साधने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं से लेकर बुजुर्गों और युवाओं तक पर दांव खेला है। अब केजरीवाल की नजर मिडिल क्लास पर है। इस बीच बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और देश के मिडिल क्लास को लेकर कई जरूरी मुद्दों पर बात की। इसके साथ ही केंद्र सरकार से 7 मांगें भी की हैं।

मिडिल क्लास केवल एटीएम बनकर रह गया-केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई वादे धर्म और जाति के नाम पर किए जाते हैं। कई वादे समाज के निचले तबके के लिए किए जाते हैं। कई वादे उद्योगपतियों के लिए किए जाते है। कुछ लोग इनके वोट बैंक हैं। एक वर्ग इनके बीच में है जो पिसकर रह गया है। 75 सालों में एक के बाद एक दूसरी पार्टी सत्ता में आई। हर सरकार ने मिडिल क्लास को दबाकर रखा है। ये मिडिल क्लास के लिए करते कुछ नहीं है लेकिन टैक्स का हथियार चला देती है। मिडिल क्लास सरकार का एटीएम बनकर रह गया है।

मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी आप-केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ सबसे ज्यादा है। मिडिल क्लास को हमारे देश में सबसे ज्यादा परेशान किया जाता है। मिडिल क्लास वालों की 50 प्रतिशत से ज्यादा आमदनी टैक्स देने में चली जाती है। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी। आने वाले बजट में आम आदमी पार्टी के सांसद मिडिल क्लास के मुद्दों को ही संसद में उठाएंगे।

मिडिल क्लास के लिए केजरीवाल की 7 मांगे

• शिक्षा का बजट 2 परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए।

• पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई जाए, उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी दी जाए।

• स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट भी बढ़ाया जाए और हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स भी कम किया जाए।

• इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए।

• आवश्यक वस्तुओं के ऊपर से जीएसटी खत्म की जाए।

• सीनियर सिटिजन्स के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान और पेंशन योजना बनाई जाए। इसके साथ ही देशभर में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त और अच्छा इलाज दिया जाए।

• बुजुर्गों को पहले रेलवे में किराए पर 50 प्रतिशत छूट मिलती थी, जो अब खत्म कर दी गई है, उसे दोबारा शुरू किया जाए।

जाटों को क्यों रिझानें की कोशिश में अरविंद केजरीवाल? जानें दिल्ली के लिए ये कितने जरूरी

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पिछले कई माह से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारी भी कर रही थीं। अब चुनावी रण में उतरने का समय आ गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इस बीच मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए सभी दलों ने कसरत तेज कर दी गयी है। बीजेपी और आप दोनों ही इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए कोशिश कर रही हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रेस को संबोधित करते हुए न्द्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। यही नहीं, आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर जाट वोटर्स की उपेक्षा का आरोप लगाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने पिछले 10 साल से बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है। इस लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है उसमें दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। केजरीवाल का कहना है कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में न होने की वजह से दिल्ली के जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोग न तो पुलिस की नौकरी में आरक्षण ले पा रहे हैं और न ही दिल्ली विश्वविद्यालय के नामांकन में।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समाज के लोग जब केंद्र की किसी योजना का लाभ लेने जाते है तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। 4 बार पीएम मोदी ने जाट समाज के लोगों को कहा था कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज को शामिल किया जाएगा लेकिन नहीं किया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री झूठ बोल कर अपने वादे पुरे नहीं करते हैं। चुनाव के समय उन्हें केवल जाटों की याद आती है लेकिन कभी उनका काम नहीं करते हैं। अगर वे ऐसे झूठ बोलेंगे तो देश में कुछ बचेगा ही नहीं। दिल्ली के अंदर दिल्लीवालों को आरक्षण नहीं मिलता है, बाहर वालों को मिलता है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनको उनके वादे याद दिलाए हैं। उन्होंने कहा कि जाट समाज के साथ 5 और जातियां हैं जिन्हें ओबीसी की लिस्ट में शामिल किया जाए।

दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल का यह कदम सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। केजरीवाल की ओर से उठाए गए इस कदम को जाट समुदाय और अन्य जातियों को रिझाने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में जानते हैं ओबीसी वोट बैंक दिल्ली में क्यों महत्वपूर्ण हैः-

दिल्ली में लगभग 10 प्रतिशत जाट वोटर्स

दिल्ली में जाट वोटर्स की संख्या लगभग 10 प्रतिशत मानी जाती है। दिल्ली की कई ग्रामीण सीटों पर जाट वोटर्स निर्णायक माने जाते हैं। दिल्ली की 8 ऐसी सीटें हैं जो जाट बहुल है। इन सीटों पर हार और जीत जाट मतों से तय होता रहा है।

जाट सीटों का क्या रहा है गणित

जाट बहुल 8 सीटों में से 5 पर अभी आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा है। वहीं तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी जाट वोटर्स को साधने के लिए लगातार कदम उठा रही है। दिल्ली के चुनावों में बीजेपी को जाट वोटर्स का साथ भी मिलता रहा है।

जाट समुदाय की दिल्ली की राजनीति पर अच्छी पकड़

दिल्ली के जातीय समीकरण और धार्मिक समीकरण की अपनी सियासी अहमियत है। धार्मिक आधार पर देखें तो कुल 81 फीसदी हिंदू समुदाय के वोटर हैं। हालांकि हिंदू समुदाय के वोट में कई जाति समूहों का अलग-अलग चंक रहा है। हिंदू वोटर्स में सबसे बड़ा प्रभाव जाट समुदाय का देखने को मिलता है।

संगठित वोट बैंक

जाट समुदाय आमतौर पर एक संगठित वोट बैंक के रूप में कार्य करता है। यह समुदाय आमतौर पर अपनी राजनीतिक ताकत को समझता है और एकजुट होकर मतदान करता है, जिससे उसकी सामूहिक शक्ति बढ़ जाती है। जब जाट समुदाय किसी पार्टी के पक्ष में एकजुट होकर मतदान करता है, तो यह चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

दिल्ली के गांवों में जाट वोटर्स का दबदबा

दिल्ली के लगभग 60 प्रतिशत गांव पर जाट वोटर्स का दबदबा देखने को मिलता है। दिल्‍ली के ग्रामीण इलाकों की सीटों पर जाट वोटर ही हार-जीत जाट वोटर्स तय करते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नई दिल्ली सीट पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री रहे स्व.साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रवेश साहेब सिंह वर्मा के मार्फत बीजेपी जाट वोटर्स को साधना चाहती है।

केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, जाट समाज को लेकर लगाए गंभीर आरोप

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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी पार्टियां पूरे दम ख़म के साथ मैदान में उतर चुकी है। खासकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। आप का इरादा जहां सत्ता में वापसी पर है तो भाजपा किसी भी कीमत पर दिल्ली की गद्दी हासिल करना चाहती है। इन सबके बीच आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल करने को लेकर चिट्ठी लिखी है। साथ ही केजरीवाल ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जाट समाज को धोखा देने का आरोप लगाया है।

बीजेपी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

केजरीवाल ने पत्र में लिखा, एक महत्वपूर्ण विषय पर 10 साल पहले आपका किया वादा आपको याद दिलाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। दिल्ली के जाट समाज के कई प्रतिनिधियों से पिछले कुछ दिनों में मुलाकात हुई। इन सभी ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज की अनदेखी किये जाने पर चिंता जाहिर की। जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि आपने 26 मार्च 2015 को दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर ये वादा किया था कि जाट समाज, जो दिल्ली की ओबीसी लिस्ट में है, उसे केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें दिल्ली में मौजूद केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।

केजरीवाल ने लिखा है, फिर 8 फरवरी 2017 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की मीटिंग बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ।

ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां-केजरीवाल

केजरीवाल ने लिखा, ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां हैं जिनकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। जैसे कि मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है। ये तो दिल्ली के जाट समाज के साथ धोखा है। और भाजपा की केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से लगातार ये धोखा कर रही है। सिर्फ जाट समाज ही नहीं रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड, इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।

ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय-केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व सीएम ने आगे लिखा, दिल्ली में केंद्र सरकार की सात यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के दर्जनों कॉलेज हैं। दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के कई संस्थानों में नौकरियां हैं जिनमें केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की इस वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। दिल्ली में जाट समाज व ओबीसी की 5 अन्य जातियों के साथ केंद्र सरकार का ये पक्षपातपूर्ण रवैया इन जातियों के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के उचित अवसर हासिल नहीं होने दे रहा है। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत केंद्रीय ओबीसी सूची की विसंगतियों में सुधार कर दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्र सरकार के संस्थानों में भी आरक्षण का लाभ देना चाहिये।

महिलाओं और बुजुर्गों के बाद केजरीवाल का बच्चों को तोहफा, दलित छात्रों के लिए स्कॉलरशिप का ऐलान

#arvindkejriwalannouncesambedkarscholarshipforchildren

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी जनता को अपने पाले में करने के लिए हर दांव आजमा रही है। पहले महिलाएं फिर बुजुर्ग और अब बच्चों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपना पिटारा खोला है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दलित समाज के लिए बड़ी घोषणा की है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दलित छात्रों के लिए डॉ. आंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप योजना का एलान किया है।

अंबेडकर विवाद के जवाब में केजरीवाल का दांव

अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली में दलित छात्रों के लिए डॉ आंबेडकर स्कॉलरशिप का ऐलान किया है। इस दौरान केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर का मजाक उड़ाया। केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहेब जब जिंदा थे तब भी पूरे जीवन में उनका मजाक उड़ाया करते थे। संसद बाबा साहेब की वजह से है और उस संसद से मजाक उड़ाया जाएगा किसी सोचा नहीं होगा। उसकी हम निंदा करते हैं लेकिन उसके जवाब में मैं बाबा साहेब के सम्मान में एक बड़ी घोषणा कर रहा हूं। आज मैं चाहत हूं कि कोई भी दलित समाज का बच्चा पैसे की कमी की वजह से उच्च शिक्षा से वंचित ना रह जाए।

विदेशी यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई का खर्ज उठाएगी आप सरकार

केजरीवाल ने कहा कि आज मैं डॉक्टर आंबेडकर स्कॉलरशिप का ऐलान करता हूं, जिसके तहत दलित समाज का कोई भी बच्चा दुनिया की किसी भी टॉप की यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहेगा तो वो बच्चा उस यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले। बस उसका सारा पढ़ाई लिखाई का खर्चा दिल्ली सरकार वहन करेगी।

आप ने दिया कांग्रेस को जोर का झटका, केजरीवाल ने कांग्रेस संग गठबंधन की अटकलों पर लगाया विराम

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों को अरविंद केजरीवाल ने खारिज किया है। केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी दिल्ली अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है।

दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात अंतिम चरण में है। गठबंधन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलावा इंडिया गठबंधन के कुछ अन्य दलों को भी शामिल करने की बात सामने आई। कहा जा रहा था कि कांग्रेस को 15 सीटें और अन्य इंडिया गठबंधन सदस्यों को 1 या 2 सीटें मिल सकती हैं। बाकी सीटों पर आम आदमी पार्टी खुद चुनाव लड़ेगी।

एएनआई के दावे पर अरविंद केजरीवाल ने खंडन किया है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एनआई के पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा, 'आम आदमी पार्टी दिल्ली में इस चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन को कोई संभावना नहीं है।'

आप-कांग्रेस गठबंधन की लग रहीं थी अटकलें

बता दें कि मंगलवार को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई थी कि दिल्ली कांग्रेस के नेता आप के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। इसके बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के नेता पहुंचे शरद पवार के घर पहुंचे। जिसके बाद ये कयास लगने और तेज हो गए कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है।

कांग्रेस के पास अकेले लड़ने की “ताकत” नहीं

इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर चुके हैं।आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनों से लगातार इनकार कर रही है, लेकिन कांग्रेस अपने सियासी ताकत को समझ रही हैं। कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि अकेले चुनाव लड़ने पर कोई लाभ नहीं होने वाला है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि मुस्लिम और दलित दोनों ही कांग्रेस से छिटक गया है और अपने-अपने कारणों से आम आदमी पार्टी के पास जा चुका है। कांग्रेस के कमजोर होने का सबसे बड़ी वजह यही रही और अब इसके चलते ही कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान से मान रहे हैं कि बिना गठबंधन के कोई हल नहीं निकलने वाला, क्योंकि दिल्ली की चुनावी लड़ाई अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच केंद्रित हो गई है।

केजरीवाल के लिए आसान नहीं दिल्ली चुनाव

वैसे इस बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए काफी मुश्किल भरा माना जा रहा है। ऐसे में चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रेस में पार्टी को इस बार कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पांच सालों में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, उन्हें जेल भी जाना पड़ा और केजरीवाल को सीएम पद से इस्तीफा देकर अतिशी को कमान सौंपनी पड़ी। ऐसे में आम आदमी पार्टी एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को नजरअंदाज नहीं कर रही है।

Graceful Hands Trust E-1432 Hosts Heartwarming International Yoga Day for Balgram Orphanage

Panvel, June 21st, 2024: Graceful Hands Trust orchestrated a day filled with joy and camaraderie for the children of Balgram Orphanage in Khanda Colony, Panvel. The event, held at the Balgram Activity Hall, was a delightful blend of sportsmanship, celebration, and inclusivity.

The yoga day, organised under the guidance of Ms. Payal Madhok and supported by the guest's Mr Arvind More & Dr. Nilima More & Yoga Group Ms Jaya Trivedi , Ms Manisha Mane & Ms Sneha Gupta (certified by Patanjali Yog Samiti trainers ) & their team, Graceful Team members,  volunteers, and the dedicated staff of Balgram orphanage.

Kicking off with a warm welcome speech by Ms. Suma Lalit, a member of GHT, and a motivational address by Ms. Payal Madhok, the day commenced with invigorating warm-up exercises before the children enthusiastically delved into yoga and meditation sessions. 

A heartwarming highlight was the involvement of kids, who joyfully participated in yoga sessions. 

As a testament to their commitment to the children's happiness, the celebrations concluded with a vote of thanks by Ms. Latha Kurian , Treasurer in GHT.

Orphanage staff received essential groceries and vegetables for the upcoming month, provided by Graceful Hands Trust.

The day culminated in a delightful dinner arranged by the GHT team, with promises to reunite for more engaging and exciting activities in the future.