सर्प संरक्षणकर्मी शिव खनाल सम्मानित

PoK खुद कहेगा मैं भारत हूं...', मोरक्को की धरती से राजनाथ सिंह का 'ऑपरेशन सिंदूर' पर कड़ा संदेश

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को भरोसा जताया कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को बिना किसी आक्रामक कदम के वापस हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि अब वहां के लोग खुद ही मौजूदा शासन से आजादी की मांग कर रहे हैं। राजनाथ सिंह मोरक्को में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान को करारा मैसेज दिया है। मोरक्को में भारतीय सुमदाय से बात करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को दोहराते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को फिर से शुरू किया जा सकता है।

राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर मोरक्को पहुंचे हैं। यहां उन्होंने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के नए व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) 8x8 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन किया। यह अफ्रीका में किसी भारतीय रक्षा कंपनी का पहला संयंत्र है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया।

पीओके अपने आप भारत का होगा- राजनाथ सिंह

मोरक्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- पीओके अपने आप हमारा होगा। पीओके में मांगें उठने लगी हैं, आपने नारे सुने होंगे। मैं 5 साल पहले कश्मीर घाटी में एक कार्यक्रम में भारतीय सेना को संबोधित कर रहा था, तब मैंने कहा था कि हमें पीओके पर हमला करके कब्जा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वह वैसे भी हमारा है; पीओके खुद कहेगा, 'मैं भी भारत हूं'। वह दिन आएगा।

हमने धर्म देखकर नहीं, उनका कर्म देख कर मारा-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- जिन्ह मोहि मारा, तिन्ह मोहि मारे...इस बार भी यही हुआ। हमने उन्हीं लोगों को मारा जिन्होंने हमारे लोगों को मारा। हमने किसी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया। केवल भारत ही ऐसा चरित्र रख सकता है। अगर हम चाहते तो किसी भी सैन्य या नागरिक प्रतिष्ठान पर हमला कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हमें भारत के इस चरित्र को कायम रखना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा-आतंकवादी यहां आए और हमारे नागरिकों का धर्म पूछकर उन्हें मार डाला। हमने किसी का धर्म देख नहीं, उनका कर्म देख कर मारा है।

ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 या पार्ट- 3 पर क्या बोले?

भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान ऑपरेशन सिंदूर के दूसरे और तीसरे चरण की संभावना पर अपना रुख स्पष्ट किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को दोहराते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को फिर से शुरू किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी कि यह कब और कैसे होगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 या पार्ट- 3 करना है या नहीं, यह कहना मुश्किल है। यह पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करता है। अगर वे आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, तो उन्हें जवाब मिलेगा।

*Three unknown facts about Ramayana*

Desk: Ramayana is not just about the story of the war between Ram and Ravana. This story contains various pictures of the life of the people of that era. Naturally, many anecdotes have been created - most of which are unknown to us. Three such facts are -

1) Bali of the Ramayana is the hunter named Jara of the Mahabharata who was responsible for the killing of Krishna during the Dwapara Yuga.

2) According to many Ramayanas other than Valmiki, Surpanakha was married and instigated Ravana to abduct Sita in revenge for Rama killing her husband, the 'evil-minded demon'.

3) In the last war between Rama and Ravana, Bali's son Angad played a huge role in Rama's victory. Ravana was performing a yagna before going to war. Angad and some of the monkey army arrived there to spoil the yagna, but Ravana's attention could not be diverted by anything. Finally, Angad started pulling on Queen Mandodari's braid. Even then, Ravana remained steadfast. But Mandodari taunted Ravana and said that Rama was doing so much for his wife and Ravana was unable to protect his wife from this monkey clan. After hearing this, Ravana broke the yagna and chased away Angad and his army, and needless to say, he was defeated in the war.

Courtesy by: www.machinnamasta.in

नेपाल में अंतरिम पीएम के नाम पर फिर यूटर्न, देर रात खत्म हुआ सस्पेंस, सुशीला कार्की के नाम पर लगी मुहर

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नेपाल में राजनीतिक उथल पुथल के बीच आज नई सरकार को लेकर सहमति बन सकती है। देर रात राष्ट्रपति आवास पर हुई बैठक के दौरान नई सरकार को लेकर सहमति बन गई है। नई सरकार की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की होंगी। नेपाल के सेना प्रमुख और राष्ट्रपति ने उनके नाम पर सहमति जता दी है।

नेपाल अब भी सुलग रहा है। इस बीच देश की कमान आर्मी ने संभाल ली है। मगर सत्ता का संकट अब भी बरकरार है। नेपाल में आर्मी चीफ और राष्ट्रपति अंतरिम सरकार गठन करने की कवायद में जुटे हैं। केपी ओली के इस्तीफे के 60 घंटे बाद भी नेपाल पीएम के रूप में सुशीला कार्की का नाम सामने आया है। गुरुवार की आधी रात को आर्मी चीफ, राष्ट्रपति और अन्य लोगों की एक खास मीटिंग हुई। उसमें सुशीला कार्की पर सभी सहमत हुए। हालांकि अभी भी पेच फंसा हुआ है।

इस बीच नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत और सीपीएन (माओवादी सेंटर) नेताओं के बीच शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के भी इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि नेपाल पीएम पर आज आम सहमति बन जाएगी।

दरअसल, जेन जी के नेतृत्व वाले युवा प्रदर्शनकारियों ने पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए अपना समर्थन दिया है। मगर एक धड़ा अब भी इसे लेकर सहमत नहीं है। जेन जी प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया अटक गई है। देश में कर्फ्यू लगा हुआ है। आर्मी कानून-व्यवस्था संभाल रही है। इस बीच नेपाल के अंतरिम पीएम के चयन पर ही सस्पेंस छाया है।

देश में जारी राजनीतिक संकट के बीच 'We Nepali' ग्रुप के अध्यक्ष और जेन ज़ी आंदोलन के नेता सुदन गुरुंग ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया है। गुरुंग ने साफ कहा है कि संसद का विघटन उनकी मूल मांग है और तभी एक नई अंतरिम कैबिनेट का गठन होना चाहिए। गुरुंग ने कहा, "हम पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।" हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि जेन-जी पीढ़ी इस कैबिनेट की निगरानी करेगी, ताकि जनता की अपेक्षाओं के मुताबिक काम हो सके।

जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को किया ढेर

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जम्मू और कश्मीर में सेना के एंटी-टेरर अभियान जारी है। इसी क्रम में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। जम्मू और कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में नौशेरा नार्द के पास एलओसी पर सेना ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संभावित घुसपैठ की कोशिश के बारे में दी गई खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरेज सेक्टर में एक संयुक्त अभियान शुरू किया। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और उन्हें चुनौती दी, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया।

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर के तुरिना इलाके में रविवार को सुरक्षाबलों और संदिग्ध आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों को इलाके में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। इसी दौरान थोड़ी देर के लिए दोनों ओर से फायरिंग हुई, जिसके बाद आतंकी घने जंगल की ओर भाग निकले थे। फायरिंग के बाद सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया था। इसमें ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से जंगल और आसपास के इलाकों में तलाशी भी ली गई थी।

अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया, मुनीर के यूएम दौरे के बीच एलान

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अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) व उसकी विंग मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) घोषित कर दिया। यह घोषणा पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के दौरान की गई है। ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान सरकार के साथ करीबी बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बता दें कि बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की नाक में दम किया हुआ है। उसने पाकिस्तानी सेना के अलावा अर्धसैनिक बलों और चीनी नागरिकों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ली है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी जानकारी दी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, आज विदेश विभाग बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसके उपनाम मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में नामित कर रहा है। मजीद ब्रिगेड को बीएलए के पिछले विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के साथ एक सहयोगी के रूप में जोड़ रहा है।

क्यों लगा प्रतिबंध?

विदेश विभाग ने कहा कि 2024 में बीएलए ने कराची हवाई अड्डे और ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर के पास हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। 2025 में मार्च में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण के पीछे भी उसका हाथ था। बीएल ने 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। उस घटना में 31 नागरिकों व सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। 2019 में हुए कई हमलों के बाद बीएलए को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित किया गया था। इस साल मार्च में इस अलगाववादी समूह ने क्वेटा से पेशावर जा रही एक ट्रेन को हाईजैक करने की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें दर्जनों यात्री और सैनिक मारे गए थे।

आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता का जिक्र

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, विदेश विभाग द्वारा आज की गई कार्रवाई आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आतंकवादियों को नामित करना इस अभिशाप के विरुद्ध हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। आज की कार्रवाई संशोधित आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार की गई है। संघीय रजिस्टर में प्रकाशन के बाद एफटीओ प्रभावी हो जाते हैं।

रांची में 22 अगस्त से अग्निवीर भर्ती रैली, 8वीं पास युवाओं को सेना में सुनहरा अवसर

रांची, 03 अगस्त 2025: झारखंड के युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने का एक सुनहरा अवसर आ रहा है। सेना भर्ती कार्यालय, रांची द्वारा आयोजित अग्निवीर भर्ती रैली 2025-26 का आयोजन 22 अगस्त 2025 से 04 सितंबर 2025 तक रांची के खेलगांव स्टेडियम में किया जाएगा। यह भर्ती रैली झारखंड के मूल निवासी युवाओं के लिए खुली है, जो न्यूनतम 8वीं पास हैं और देश सेवा का जुनून रखते हैं।

भर्ती के लिए उपलब्ध पद:

इस रैली के माध्यम से निम्नलिखित अग्निवीर पदों के लिए चयन किया जाएगा:

अग्निवीर (सामान्य ड्यूटी)

अग्निवीर (तकनीकी)

अग्निवीर (क्लर्क/स्टोर कीपर तकनीकी)

अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं पास)

अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं पास)

एडमिट कार्ड और डाउनलोड प्रक्रिया:

जिन अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सीईई) सफलतापूर्वक पास कर लिया है, उनके एडमिट कार्ड उनके पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेज दिए गए हैं। अभ्यर्थी अपने एडमिट कार्ड को भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in से अपने पंजीकृत खाते के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण निर्देश:

रैली में प्रवेश के लिए ऑनलाइन जनरेटेड रंगीन एडमिट कार्ड अनिवार्य है। इसके बिना किसी भी अभ्यर्थी को रैली में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड में उल्लिखित तिथि और समय पर ही रैली स्थल पर पहुंचना होगा।

सभी अभ्यर्थियों को अपने साथ ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक मूल दस्तावेज लाने होंगे।

रैली में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए एंड्रॉयड फोन लाना अनिवार्य है।

एडमिट कार्ड डाउनलोड में समस्या होने पर:

यदि किसी अभ्यर्थी को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में किसी प्रकार की समस्या आ रही है, तो वे तत्काल सेना भर्ती कार्यालय, रांची में संपर्क कर सकते हैं। कार्यालय का पता सेना भर्ती कार्यालय, मेन रोड (ओवर ब्रिज), रांची, झारखंड है। अभ्यर्थी अपनी समस्या के समाधान के लिए कार्यालय में सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।

पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया पर जोर:

सेना भर्ती के निदेशक, कर्नल विकास भोला ने स्पष्ट किया है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। उन्होंने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी भी दलाल या फर्जी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। कर्नल भोला ने जोर देकर कहा कि केवल योग्यता और क्षमता के आधार पर ही अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा और किसी भी प्रकार की दलाली या भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं होगी।

रैली स्थल पर सुविधाएं:

भर्ती रैली के दौरान अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं, जिनमें मेडिकल कवर और एंबुलेंस सुविधा, ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था, विश्राम क्षेत्र और अन्य मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं। ये सभी आवश्यक सुविधाएं सुबह 4:00 बजे से सक्रिय रहेंगी।

उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी रांची, श्री मंजुनाथ भजन्त्री ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे भर्ती प्रक्रिया में पूरी तैयारी और आत्मविश्वास के साथ भाग लें। उन्होंने कहा, "यह झारखंड के युवाओं के लिए अपनी प्रतिभा और देशभक्ति को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर है। सभी अभ्यर्थी दलालों से सावधान रहें और केवल अपनी मेहनत और योग्यता पर भरोसा करें।"

अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर जा सकते हैं या सेना भर्ती कार्यालय, रांची से संपर्क कर सकते हैं।

अमेरिका के बाद बीजिंग पहुंचे असीम मुनीर, क्या भारत के लिए है टेंशन वाली बात?

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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर इन दिनों चीन दौरे पर हैं। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार चीन पहुंचे हैं। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को हर तरह की मदद देने का वादा किया। लेकिन साथ ही यह भी मांग की है कि पाकिस्तानी सेना चीन के नागरिकों, प्रोजेक्ट्स और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर न छोड़े।

चीन ने पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' बताया

चीन के विदेश मंत्री ने असीम मुनीर के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' और 'सदाबहार रणनीतिक साझेदार' बताया है। इसके अलावा वांग यी ने जोर देकर कहा है कि पाकिस्तान, चीन के लिए एक कूटनीतिक प्राथमिकता वाला देश बना हुआ है। इसके अलावा दोनों देशों की नेतृत्व के बीच बनी रणनीतिक सहमति को क्रियान्वित करने के लिए चीन पूरी तरह तैयार है। उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

मुनीर ने चीन से क्या कहा?

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में जनरल असीम मुनीर ने चीन के दीर्घकालिक समर्थन के लिए आभार जताया है। असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान, चीनी नागरिकों और चीनी निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मुनीर ने आश्वस्त किया कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र में चीन के नागरिकों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती रहेगी और दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को सक्रिय रूप से मजबूत करने के लिए तैयार है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने की थी मदद

आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सैन्य मदद दी थी। हालांकि, पाकिस्तान और चीनी हथियार भारत के सामने फ्लॉप साबित हुए थे। भारतीय सेना ने कहा है कि संघर्ष के दौरान चीन लगातार पाकिस्तान को सैटेलाइट सर्विलांस मदद दे रहा था। चीन की वजह से पाकिस्तान की सेना को लगातार भारत के बारे में जानकारी मिल रही थी।

सीक्रेट रखा गया मुनीर का चीन दौरा

असीम मुनीर ने इसस पहले अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, ईरान और अजरबैजान की यात्राएं की हैं। पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य सूत्रों का कहना है कि असीम मुनीर के ये दौरे नियमित कूटनीति नहीं हैं, बल्कि दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने, रक्षा सौदों को सुरक्षित करने और बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में पाकिस्तान को समान विचारधारा वाले देशों के साथ जोड़ने के मकसद से हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साथ डिफेंस और इंडो-पैसिफिक को लेकर क्या बातचीत की गई है, इसे संवेदनशील होने की वजह से सीक्रेट रखा गया है।

मैं पाकिस्तानी सेना का एजेंट था और 26/11 मुंबई अटैक के वक्त...” तहव्वुर राणा का बड़ा कबूलनामा

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26/11 मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने 2008 में हुए आतंकी हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। राणा ने माना है कि हमले का पूरा प्लान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की निगरानी में बना था। उसने बताया कि वह हमले के समय मुंबई में ही था। सूत्रों के अनुसार, उसने यह भी कहा कि वह पाकिस्तानी सेना का एक भरोसेमंद एजेंट था। तहव्वुर अभी एनआईए की कस्टडी में है और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

हेडली के साथ लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग सेशन में लिया हिस्सा

दिल्ली के तिहाड़ जेल में एनआईए की हिरासत में रहते हुए राणा ने मुंबई क्राइम ब्रांच को पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक राणा ने बताया कि उसने और उसके दोस्त डेविड कोलमैन हेडली ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के साथ कई ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लिया था। राणा ने बताया कि उसने हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे मेन टारगेट को पहचानने में मदद की थी।

खुद को बताया पाकिस्तानी सेना का सबसे भरोसेमंद एजेंट

तहव्वुर ने दावा करते हुए कहा कि वह पाकिस्तानी सेना का सबसे भरोसेमंद एजेंट था। राणा के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा मुख्य रूप से एक जासूसी नेटवर्क के रूप में काम करता था। राणा ने यह भी स्वीकार किया कि मुंबई में अपनी फर्म का इमिग्रेशन सेंटर खोलने का विचार उसी का था और इसके वित्तीय लेनदेन को व्यापार खर्चों के रूप में दर्शाया गया था।

पाकिस्तान ने सऊदी अरब भेजा था

तहव्वुर हुसैन राणा ने माना कि वह 26/11 के हमलों के दौरान मुंबई में था और यह आतंकवादियों की योजना का हिस्सा था। तहव्वुर हुसैन राणा ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे स्थानों पर रेकी की थी। उसका मानना है कि 26/11 के हमले पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के सहयोग से किए गए थे। 64 वर्षीय राणा ने यह भी बताया कि उसे खाड़ी युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा सऊदी अरब भेजा गया था।

अमेरिका जा रहे पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, आर्मी डे में शामिल होने का मिला निमंत्रण

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पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर इस हफ्ते अमेरिका दौरे पर पहुंचेंगे। वे शनिवार यानी 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के जश्न में शामिल होंगे। इस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है। इस मौके पर राजधानी वॉशिंगटन में एक परेड का आयोजन होगा।

अमेरिका ने 14 जून को मनाए जाने वाले यूएस आर्मी डे के जश्‍न में शामिल हाने के लिए पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को न्‍योता भेजा है। जनरल मुनीर जल्‍द ही अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने जा रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्‍तानी दूतावास का कहना है कि 12 जून को फील्‍ड मार्शल मुनीर अमेरिका पहुंच सकते हैं। इस दौरान अमेरिका के शीर्ष सैन्‍य नेतृत्‍व के साथ जनरल मुनीर की बैठक होने जा रही है।

मुनीर की ट्रंप के साथ भी हो सकती है मुलाकात

अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रहे जल्‍मे खलिलजाद ने खुलासा किया है कि पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की अमेरिकी नेतृत्‍व के साथ मुलाकात के दौरान आतंकवाद और भारत तथा पाकिस्‍तान में शांति का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। वहीं जनरल मुनीर अमेरिका को दो बड़े ऑफर देने जा रहे हैं। पहला- अमेरिकी राष्‍ट्रपति निक्‍शन के कार्यकाल के दौरान जिस तरह से पाकिस्‍तान ने चीन के साथ अमेरिका की दोस्‍ती कराई थी, ठीक उसी तरह से अब एक बार फिर से किया जा सकता है। दूसरा- जनरल मुनीर ट्रंप प्रशासन के साथ दोस्‍ती को मजबूत करने के लिए पाकिस्‍तान की धरती में मौजूद खनिजों के खजाने को सौंप सकते हैं।

अमेरिकी ने पाकिस्तान को बताया मजबूत सहयोगी

मुनीर के दौरे से पहले पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला का कहना है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्ते बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना इस्लामी स्टेट खुरासान के खतरे से निपटने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह बयान मंगलवार को हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी की सुनवाई के दौरान दिया।

जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मजबूत सहयोगी बताया। उन्होंने कहा- अमेरिका को पाकिस्तान और भारत दोनों से रिश्ते रखने होंगे। ये बाइनरी स्विच नहीं है कि एक से रिश्ता रखेंगे तो दूसरे से नहीं रख सकते। हमे रिश्तों के फायदों को देखना चाहिए

2023 में यूएस दौरे पर गए थे मुनीर

मुनीर का पहला अमेरिकी दौरा 2023 में हुआ था, तब उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, तत्कालीन विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की थी। उस वक्त भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद का समर्थन और क्रॉस-बॉर्डर हमलों को लेकर हमारी चिंताएं जगजाहिर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से कदम उठाएंगे

सर्प संरक्षणकर्मी शिव खनाल सम्मानित

PoK खुद कहेगा मैं भारत हूं...', मोरक्को की धरती से राजनाथ सिंह का 'ऑपरेशन सिंदूर' पर कड़ा संदेश

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को भरोसा जताया कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को बिना किसी आक्रामक कदम के वापस हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि अब वहां के लोग खुद ही मौजूदा शासन से आजादी की मांग कर रहे हैं। राजनाथ सिंह मोरक्को में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान को करारा मैसेज दिया है। मोरक्को में भारतीय सुमदाय से बात करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को दोहराते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को फिर से शुरू किया जा सकता है।

राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर मोरक्को पहुंचे हैं। यहां उन्होंने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के नए व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) 8x8 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन किया। यह अफ्रीका में किसी भारतीय रक्षा कंपनी का पहला संयंत्र है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया।

पीओके अपने आप भारत का होगा- राजनाथ सिंह

मोरक्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- पीओके अपने आप हमारा होगा। पीओके में मांगें उठने लगी हैं, आपने नारे सुने होंगे। मैं 5 साल पहले कश्मीर घाटी में एक कार्यक्रम में भारतीय सेना को संबोधित कर रहा था, तब मैंने कहा था कि हमें पीओके पर हमला करके कब्जा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वह वैसे भी हमारा है; पीओके खुद कहेगा, 'मैं भी भारत हूं'। वह दिन आएगा।

हमने धर्म देखकर नहीं, उनका कर्म देख कर मारा-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- जिन्ह मोहि मारा, तिन्ह मोहि मारे...इस बार भी यही हुआ। हमने उन्हीं लोगों को मारा जिन्होंने हमारे लोगों को मारा। हमने किसी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया। केवल भारत ही ऐसा चरित्र रख सकता है। अगर हम चाहते तो किसी भी सैन्य या नागरिक प्रतिष्ठान पर हमला कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हमें भारत के इस चरित्र को कायम रखना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा-आतंकवादी यहां आए और हमारे नागरिकों का धर्म पूछकर उन्हें मार डाला। हमने किसी का धर्म देख नहीं, उनका कर्म देख कर मारा है।

ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 या पार्ट- 3 पर क्या बोले?

भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान ऑपरेशन सिंदूर के दूसरे और तीसरे चरण की संभावना पर अपना रुख स्पष्ट किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को दोहराते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को फिर से शुरू किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी कि यह कब और कैसे होगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 या पार्ट- 3 करना है या नहीं, यह कहना मुश्किल है। यह पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करता है। अगर वे आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, तो उन्हें जवाब मिलेगा।

*Three unknown facts about Ramayana*

Desk: Ramayana is not just about the story of the war between Ram and Ravana. This story contains various pictures of the life of the people of that era. Naturally, many anecdotes have been created - most of which are unknown to us. Three such facts are -

1) Bali of the Ramayana is the hunter named Jara of the Mahabharata who was responsible for the killing of Krishna during the Dwapara Yuga.

2) According to many Ramayanas other than Valmiki, Surpanakha was married and instigated Ravana to abduct Sita in revenge for Rama killing her husband, the 'evil-minded demon'.

3) In the last war between Rama and Ravana, Bali's son Angad played a huge role in Rama's victory. Ravana was performing a yagna before going to war. Angad and some of the monkey army arrived there to spoil the yagna, but Ravana's attention could not be diverted by anything. Finally, Angad started pulling on Queen Mandodari's braid. Even then, Ravana remained steadfast. But Mandodari taunted Ravana and said that Rama was doing so much for his wife and Ravana was unable to protect his wife from this monkey clan. After hearing this, Ravana broke the yagna and chased away Angad and his army, and needless to say, he was defeated in the war.

Courtesy by: www.machinnamasta.in

नेपाल में अंतरिम पीएम के नाम पर फिर यूटर्न, देर रात खत्म हुआ सस्पेंस, सुशीला कार्की के नाम पर लगी मुहर

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नेपाल में राजनीतिक उथल पुथल के बीच आज नई सरकार को लेकर सहमति बन सकती है। देर रात राष्ट्रपति आवास पर हुई बैठक के दौरान नई सरकार को लेकर सहमति बन गई है। नई सरकार की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की होंगी। नेपाल के सेना प्रमुख और राष्ट्रपति ने उनके नाम पर सहमति जता दी है।

नेपाल अब भी सुलग रहा है। इस बीच देश की कमान आर्मी ने संभाल ली है। मगर सत्ता का संकट अब भी बरकरार है। नेपाल में आर्मी चीफ और राष्ट्रपति अंतरिम सरकार गठन करने की कवायद में जुटे हैं। केपी ओली के इस्तीफे के 60 घंटे बाद भी नेपाल पीएम के रूप में सुशीला कार्की का नाम सामने आया है। गुरुवार की आधी रात को आर्मी चीफ, राष्ट्रपति और अन्य लोगों की एक खास मीटिंग हुई। उसमें सुशीला कार्की पर सभी सहमत हुए। हालांकि अभी भी पेच फंसा हुआ है।

इस बीच नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत और सीपीएन (माओवादी सेंटर) नेताओं के बीच शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के भी इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि नेपाल पीएम पर आज आम सहमति बन जाएगी।

दरअसल, जेन जी के नेतृत्व वाले युवा प्रदर्शनकारियों ने पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए अपना समर्थन दिया है। मगर एक धड़ा अब भी इसे लेकर सहमत नहीं है। जेन जी प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया अटक गई है। देश में कर्फ्यू लगा हुआ है। आर्मी कानून-व्यवस्था संभाल रही है। इस बीच नेपाल के अंतरिम पीएम के चयन पर ही सस्पेंस छाया है।

देश में जारी राजनीतिक संकट के बीच 'We Nepali' ग्रुप के अध्यक्ष और जेन ज़ी आंदोलन के नेता सुदन गुरुंग ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया है। गुरुंग ने साफ कहा है कि संसद का विघटन उनकी मूल मांग है और तभी एक नई अंतरिम कैबिनेट का गठन होना चाहिए। गुरुंग ने कहा, "हम पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।" हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि जेन-जी पीढ़ी इस कैबिनेट की निगरानी करेगी, ताकि जनता की अपेक्षाओं के मुताबिक काम हो सके।

जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को किया ढेर

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जम्मू और कश्मीर में सेना के एंटी-टेरर अभियान जारी है। इसी क्रम में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। जम्मू और कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में नौशेरा नार्द के पास एलओसी पर सेना ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संभावित घुसपैठ की कोशिश के बारे में दी गई खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरेज सेक्टर में एक संयुक्त अभियान शुरू किया। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और उन्हें चुनौती दी, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया।

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर के तुरिना इलाके में रविवार को सुरक्षाबलों और संदिग्ध आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों को इलाके में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। इसी दौरान थोड़ी देर के लिए दोनों ओर से फायरिंग हुई, जिसके बाद आतंकी घने जंगल की ओर भाग निकले थे। फायरिंग के बाद सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया था। इसमें ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से जंगल और आसपास के इलाकों में तलाशी भी ली गई थी।

अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया, मुनीर के यूएम दौरे के बीच एलान

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अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) व उसकी विंग मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) घोषित कर दिया। यह घोषणा पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के दौरान की गई है। ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान सरकार के साथ करीबी बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बता दें कि बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की नाक में दम किया हुआ है। उसने पाकिस्तानी सेना के अलावा अर्धसैनिक बलों और चीनी नागरिकों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ली है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी जानकारी दी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, आज विदेश विभाग बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसके उपनाम मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में नामित कर रहा है। मजीद ब्रिगेड को बीएलए के पिछले विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के साथ एक सहयोगी के रूप में जोड़ रहा है।

क्यों लगा प्रतिबंध?

विदेश विभाग ने कहा कि 2024 में बीएलए ने कराची हवाई अड्डे और ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर के पास हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। 2025 में मार्च में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण के पीछे भी उसका हाथ था। बीएल ने 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। उस घटना में 31 नागरिकों व सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। 2019 में हुए कई हमलों के बाद बीएलए को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित किया गया था। इस साल मार्च में इस अलगाववादी समूह ने क्वेटा से पेशावर जा रही एक ट्रेन को हाईजैक करने की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें दर्जनों यात्री और सैनिक मारे गए थे।

आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता का जिक्र

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, विदेश विभाग द्वारा आज की गई कार्रवाई आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आतंकवादियों को नामित करना इस अभिशाप के विरुद्ध हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। आज की कार्रवाई संशोधित आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और संशोधित कार्यकारी आदेश 13224 के अनुसार की गई है। संघीय रजिस्टर में प्रकाशन के बाद एफटीओ प्रभावी हो जाते हैं।

रांची में 22 अगस्त से अग्निवीर भर्ती रैली, 8वीं पास युवाओं को सेना में सुनहरा अवसर

रांची, 03 अगस्त 2025: झारखंड के युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने का एक सुनहरा अवसर आ रहा है। सेना भर्ती कार्यालय, रांची द्वारा आयोजित अग्निवीर भर्ती रैली 2025-26 का आयोजन 22 अगस्त 2025 से 04 सितंबर 2025 तक रांची के खेलगांव स्टेडियम में किया जाएगा। यह भर्ती रैली झारखंड के मूल निवासी युवाओं के लिए खुली है, जो न्यूनतम 8वीं पास हैं और देश सेवा का जुनून रखते हैं।

भर्ती के लिए उपलब्ध पद:

इस रैली के माध्यम से निम्नलिखित अग्निवीर पदों के लिए चयन किया जाएगा:

अग्निवीर (सामान्य ड्यूटी)

अग्निवीर (तकनीकी)

अग्निवीर (क्लर्क/स्टोर कीपर तकनीकी)

अग्निवीर ट्रेड्समैन (10वीं पास)

अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं पास)

एडमिट कार्ड और डाउनलोड प्रक्रिया:

जिन अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सीईई) सफलतापूर्वक पास कर लिया है, उनके एडमिट कार्ड उनके पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेज दिए गए हैं। अभ्यर्थी अपने एडमिट कार्ड को भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in से अपने पंजीकृत खाते के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण निर्देश:

रैली में प्रवेश के लिए ऑनलाइन जनरेटेड रंगीन एडमिट कार्ड अनिवार्य है। इसके बिना किसी भी अभ्यर्थी को रैली में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड में उल्लिखित तिथि और समय पर ही रैली स्थल पर पहुंचना होगा।

सभी अभ्यर्थियों को अपने साथ ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक मूल दस्तावेज लाने होंगे।

रैली में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए एंड्रॉयड फोन लाना अनिवार्य है।

एडमिट कार्ड डाउनलोड में समस्या होने पर:

यदि किसी अभ्यर्थी को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में किसी प्रकार की समस्या आ रही है, तो वे तत्काल सेना भर्ती कार्यालय, रांची में संपर्क कर सकते हैं। कार्यालय का पता सेना भर्ती कार्यालय, मेन रोड (ओवर ब्रिज), रांची, झारखंड है। अभ्यर्थी अपनी समस्या के समाधान के लिए कार्यालय में सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।

पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया पर जोर:

सेना भर्ती के निदेशक, कर्नल विकास भोला ने स्पष्ट किया है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। उन्होंने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी भी दलाल या फर्जी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। कर्नल भोला ने जोर देकर कहा कि केवल योग्यता और क्षमता के आधार पर ही अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा और किसी भी प्रकार की दलाली या भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं होगी।

रैली स्थल पर सुविधाएं:

भर्ती रैली के दौरान अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं, जिनमें मेडिकल कवर और एंबुलेंस सुविधा, ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था, विश्राम क्षेत्र और अन्य मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं। ये सभी आवश्यक सुविधाएं सुबह 4:00 बजे से सक्रिय रहेंगी।

उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी रांची, श्री मंजुनाथ भजन्त्री ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे भर्ती प्रक्रिया में पूरी तैयारी और आत्मविश्वास के साथ भाग लें। उन्होंने कहा, "यह झारखंड के युवाओं के लिए अपनी प्रतिभा और देशभक्ति को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर है। सभी अभ्यर्थी दलालों से सावधान रहें और केवल अपनी मेहनत और योग्यता पर भरोसा करें।"

अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर जा सकते हैं या सेना भर्ती कार्यालय, रांची से संपर्क कर सकते हैं।

अमेरिका के बाद बीजिंग पहुंचे असीम मुनीर, क्या भारत के लिए है टेंशन वाली बात?

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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर इन दिनों चीन दौरे पर हैं। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार चीन पहुंचे हैं। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को हर तरह की मदद देने का वादा किया। लेकिन साथ ही यह भी मांग की है कि पाकिस्तानी सेना चीन के नागरिकों, प्रोजेक्ट्स और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर न छोड़े।

चीन ने पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' बताया

चीन के विदेश मंत्री ने असीम मुनीर के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' और 'सदाबहार रणनीतिक साझेदार' बताया है। इसके अलावा वांग यी ने जोर देकर कहा है कि पाकिस्तान, चीन के लिए एक कूटनीतिक प्राथमिकता वाला देश बना हुआ है। इसके अलावा दोनों देशों की नेतृत्व के बीच बनी रणनीतिक सहमति को क्रियान्वित करने के लिए चीन पूरी तरह तैयार है। उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

मुनीर ने चीन से क्या कहा?

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में जनरल असीम मुनीर ने चीन के दीर्घकालिक समर्थन के लिए आभार जताया है। असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान, चीनी नागरिकों और चीनी निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मुनीर ने आश्वस्त किया कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र में चीन के नागरिकों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती रहेगी और दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को सक्रिय रूप से मजबूत करने के लिए तैयार है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने की थी मदद

आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सैन्य मदद दी थी। हालांकि, पाकिस्तान और चीनी हथियार भारत के सामने फ्लॉप साबित हुए थे। भारतीय सेना ने कहा है कि संघर्ष के दौरान चीन लगातार पाकिस्तान को सैटेलाइट सर्विलांस मदद दे रहा था। चीन की वजह से पाकिस्तान की सेना को लगातार भारत के बारे में जानकारी मिल रही थी।

सीक्रेट रखा गया मुनीर का चीन दौरा

असीम मुनीर ने इसस पहले अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, ईरान और अजरबैजान की यात्राएं की हैं। पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य सूत्रों का कहना है कि असीम मुनीर के ये दौरे नियमित कूटनीति नहीं हैं, बल्कि दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने, रक्षा सौदों को सुरक्षित करने और बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में पाकिस्तान को समान विचारधारा वाले देशों के साथ जोड़ने के मकसद से हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साथ डिफेंस और इंडो-पैसिफिक को लेकर क्या बातचीत की गई है, इसे संवेदनशील होने की वजह से सीक्रेट रखा गया है।

मैं पाकिस्तानी सेना का एजेंट था और 26/11 मुंबई अटैक के वक्त...” तहव्वुर राणा का बड़ा कबूलनामा

#tahawwur_rana_pakistan_army_agent

26/11 मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने 2008 में हुए आतंकी हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। राणा ने माना है कि हमले का पूरा प्लान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की निगरानी में बना था। उसने बताया कि वह हमले के समय मुंबई में ही था। सूत्रों के अनुसार, उसने यह भी कहा कि वह पाकिस्तानी सेना का एक भरोसेमंद एजेंट था। तहव्वुर अभी एनआईए की कस्टडी में है और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

हेडली के साथ लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग सेशन में लिया हिस्सा

दिल्ली के तिहाड़ जेल में एनआईए की हिरासत में रहते हुए राणा ने मुंबई क्राइम ब्रांच को पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक राणा ने बताया कि उसने और उसके दोस्त डेविड कोलमैन हेडली ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के साथ कई ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लिया था। राणा ने बताया कि उसने हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे मेन टारगेट को पहचानने में मदद की थी।

खुद को बताया पाकिस्तानी सेना का सबसे भरोसेमंद एजेंट

तहव्वुर ने दावा करते हुए कहा कि वह पाकिस्तानी सेना का सबसे भरोसेमंद एजेंट था। राणा के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा मुख्य रूप से एक जासूसी नेटवर्क के रूप में काम करता था। राणा ने यह भी स्वीकार किया कि मुंबई में अपनी फर्म का इमिग्रेशन सेंटर खोलने का विचार उसी का था और इसके वित्तीय लेनदेन को व्यापार खर्चों के रूप में दर्शाया गया था।

पाकिस्तान ने सऊदी अरब भेजा था

तहव्वुर हुसैन राणा ने माना कि वह 26/11 के हमलों के दौरान मुंबई में था और यह आतंकवादियों की योजना का हिस्सा था। तहव्वुर हुसैन राणा ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे स्थानों पर रेकी की थी। उसका मानना है कि 26/11 के हमले पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के सहयोग से किए गए थे। 64 वर्षीय राणा ने यह भी बताया कि उसे खाड़ी युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा सऊदी अरब भेजा गया था।

अमेरिका जा रहे पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, आर्मी डे में शामिल होने का मिला निमंत्रण

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पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर इस हफ्ते अमेरिका दौरे पर पहुंचेंगे। वे शनिवार यानी 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के जश्न में शामिल होंगे। इस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है। इस मौके पर राजधानी वॉशिंगटन में एक परेड का आयोजन होगा।

अमेरिका ने 14 जून को मनाए जाने वाले यूएस आर्मी डे के जश्‍न में शामिल हाने के लिए पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को न्‍योता भेजा है। जनरल मुनीर जल्‍द ही अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने जा रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्‍तानी दूतावास का कहना है कि 12 जून को फील्‍ड मार्शल मुनीर अमेरिका पहुंच सकते हैं। इस दौरान अमेरिका के शीर्ष सैन्‍य नेतृत्‍व के साथ जनरल मुनीर की बैठक होने जा रही है।

मुनीर की ट्रंप के साथ भी हो सकती है मुलाकात

अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रहे जल्‍मे खलिलजाद ने खुलासा किया है कि पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की अमेरिकी नेतृत्‍व के साथ मुलाकात के दौरान आतंकवाद और भारत तथा पाकिस्‍तान में शांति का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। वहीं जनरल मुनीर अमेरिका को दो बड़े ऑफर देने जा रहे हैं। पहला- अमेरिकी राष्‍ट्रपति निक्‍शन के कार्यकाल के दौरान जिस तरह से पाकिस्‍तान ने चीन के साथ अमेरिका की दोस्‍ती कराई थी, ठीक उसी तरह से अब एक बार फिर से किया जा सकता है। दूसरा- जनरल मुनीर ट्रंप प्रशासन के साथ दोस्‍ती को मजबूत करने के लिए पाकिस्‍तान की धरती में मौजूद खनिजों के खजाने को सौंप सकते हैं।

अमेरिकी ने पाकिस्तान को बताया मजबूत सहयोगी

मुनीर के दौरे से पहले पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला का कहना है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्ते बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना इस्लामी स्टेट खुरासान के खतरे से निपटने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह बयान मंगलवार को हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी की सुनवाई के दौरान दिया।

जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मजबूत सहयोगी बताया। उन्होंने कहा- अमेरिका को पाकिस्तान और भारत दोनों से रिश्ते रखने होंगे। ये बाइनरी स्विच नहीं है कि एक से रिश्ता रखेंगे तो दूसरे से नहीं रख सकते। हमे रिश्तों के फायदों को देखना चाहिए

2023 में यूएस दौरे पर गए थे मुनीर

मुनीर का पहला अमेरिकी दौरा 2023 में हुआ था, तब उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, तत्कालीन विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की थी। उस वक्त भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद का समर्थन और क्रॉस-बॉर्डर हमलों को लेकर हमारी चिंताएं जगजाहिर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से कदम उठाएंगे