बीजेपी में भी सीएम पद को लेकर रार! अब अनिल विज ने ठोका दावा, कहा- मैं हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा

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हरियाणा में विधानसभा चुनाव के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने बड़ा दावा छोका है। रविवार को अनिल विज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोका।अनिल विज ने कहा कि वो मुख्यमंत्री पद का दावा करेंगे। उन्होंने कहा, मैं अपनी वरिष्ठता के दम पर मुख्यमंत्री पद का दावा करूंगा, बनाना या न बनाना यह हाई कमान का काम है।

अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अनिल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, मैं हरियाणा में भाजपा का सबसे वरिष्ठ विधायक हूं। मैंने 6 बार चुनाव लड़ा है। मैं छह बार चुनाव लड़ चुका हूं और जीत चुका हूं। अब सातवीं बार मैं चुनाव लड़ रहा हूं। लोगों की मांग पर मैं इस बार अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीएम पद के लिए दावेदारी करूंगा। हालांकि, यह हाईकमान के हाथ में है कि वे मुझे सीएम बनाते हैं या नहीं। अगर वे मुझे सीएम बनाते हैं तो मैं हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा।

बता दें कि पूर्व में गृहमंत्री रहने के दौरान कई बार विज को सीएम बनाने को लेकर अफवाहें चलीं थी मगर हर बार विज यही कहते रहे कि उन्होंने कभी नेतृत्व से सीएम पद नहीं मांगा। इस बार जब विज सातवीं बार चुनावी मैदान में जा रहे हैं तो यह कार्ड चलकर उन्होंने संगठन को भी साफ संदेश देने का काम किया है।

अनिल विज ने 1996 में हरियाणा से पहली बार अंबाला कैंट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस जीत के बाद लगातार उन्होंने जीत का सहरा पहना।2009, 2014, 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीनों बार जीत हासिल की। साथ ही 2014 और 2019 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में उन्होंने कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। हालांकि, वो नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने से नाराज नजर आ रहे थे, जिसके चलते जब 2024 में नायब सैनी को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया तो उसके बाद अनिल विज मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए। इससे पहले साल 2014 में भी अनिल विज सीएम पद के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया था।

स्वच्छ वायु सर्वे में अब 12 वें स्थान पर पहुंचा अपना रायपुर
रायपुर-   राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस पर केंद्र शासन ने देश के 130 शहरों के स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की घोषणा 7 सितंबर को राजस्थान के जयपुर में हुए कार्यक्रम में की. इनमें 10 लाख से अधिक आबादी वाले 47 शहरों में रायपुर 12वें नंबर पर आ गया. पिछले साल इसी सर्वेक्षण में रायपुर 16वें नंबर पर था. इस बार अपनी रैंकिंग सुधारकर रायपुर ने 177.5 अंक हासिल कर लिया. बता दें कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की लगातार बढ़ रही मांग ने भी प्रदूषण घटा है.
फैक्ट्रियां की वजह से बढ़ा प्रदूषण का स्तर 

नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक राजधानी में प्रदूषण उरला-सिलतरा की फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुओं के कारण अधिक हो रहा है, अगर इस पर नियंत्रण हो जाए तो शहर की रैंकिंग सुधर जाएगी. इसके लिए नागरिकों को भी जागरूक होना पड़ेगा.

पैरामीटर इस प्रकार तय किये गये 

अप्रैल 2023 से मार्च 2024 को एक साल सर्वे का आधार बनाया गया है. इस स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जो पैरामीटर सर्वे हेतु रखा गया, उसमें बायोमास एंड म्युनिसिपल वेस्ट बर्निंग, रोड डस्ट, सीएंडडी वेस्ट की डस्ट, वाहन प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, अन्य प्रदूषण, आईईसी गतिविधियां, जनजागरूकता, इम्प्रूवमेंट इन पीएम 10 कंसन्ट्रेशन शामिल थे.

दिल्ली के बाद है रायपुर का नंबर 

स्वच्छ वायु सर्वे में दिल्ली के 185 अंक के बाद 12वें स्थान पर रायपुर के अंक 177.5 अंक हैं. पहले नंबर पर सूरत के 194, जबलपुर के 193, आगरा के 190, लखनऊ के 189, कानपुर के 183.8, वडोदरा के 182, इंदौर के 182, भोपाल के 182, विजयवाड़ा के 182 तथा दसवें नंबर पर अहमदाबाद के 181 अंक हैं.
 
 
India won the T20 World Cup for the second time
*Sports*
#Sports# India_ won _the T20 World _Cup for the second time#Street buzz News

SB News Bureau: 17 years long wait is over. India won the T20 World Cup for the second time. Rohit also won for the second time. India won the inaugural T20 World Cup in 2007. A young member of that team was Rohit Sharma. The second trophy in the T20 format came under the leadership of Rohit Sharma. Senior teams from age-based tournaments. Rohit Sharma and Virat Kohli have been playing together for a long time in international cricket. They are not just teammates.Ro-Co pair on the field, friends too. And Rohit Sharma chose the path of a friend. Like Virat, he bid farewell to T20 Internationals.

In the press conference after the match, Rohit said, “This was my last T20 match for India. After this I will not play T20 for the country again. There could not be a better time to make this decision. It was in this format that I made my debut in the Indian team." Despite retiring from T20, Rohit said that he will play one day and Test cricket.

Rohit knew this was his last chance. Because of that, he was so desperate to win the trophy.The captain said, "From the day I played T20, I enjoyed it. I was desperate to win the World Cup. Happy to finally win."

*Pic Courtesy by: X*
জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে

#Travel, #Online _registration _for Chardham _Yatra starts today এসবি নিউজ ব্যুরো: চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে। পর্যটন দফতর সূত্রে খবর, সারা দেশ ও বিশ্ব থেকে আগত ভক্তরা আজ থেকে চারধাম যাত্রার জন্য নিবন্ধন করতে পারবেন। সকাল ৭টা থেকে রেজিস্ট্রেশনের জন্য ওয়েবসাইট খুলবে। এছাড়াও মোবাইল অ্যাপ, হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর এবং টোল ফ্রি নম্বরের রেজিস্ট্রেশন সুবিধা রয়েছে। কেদারনাথ, বদ্রীনাথ, গঙ্গোত্রী এবং যমুনোত্রী ধামে আসা ভক্তদের জন্য নিবন্ধন বাধ্যতামূলক হবে। চারধামের দরজা খোলার তারিখ ঠিক হওয়ার পর রেজিস্ট্রেশনের প্রস্তুতি সম্পন্ন করেছে পর্যটন বিভাগ। এ বার চারধাম যাত্রা শুরুর ২৫ দিন আগে তীর্থযাত্রীদের রেজিস্ট্রেশনের সুবিধা দেওয়া হচ্ছে, যাতে রাজ্যের বাইরে থেকে আগত তীর্থযাত্রীরা তাদের ভ্রমণের পরিকল্পনা করতে এবং সহজেই নিবন্ধন করতে পারেন। এছাড়াও এবারও দেশের যে কোন প্রান্ত থেকে হজযাত্রীরা ৪টি মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারবেন। নিবন্ধনের জন্য নাম, মোবাইল নম্বর এবং থাকার জায়গার ঠিকানা সহ ভ্রমণকারী সদস্যদের বিশদ বিবরণের জন্য আইডি প্রদান করতে হবে। এভাবে নিবন্ধন করুন পর্যটন বিভাগের ওয়েবসাইট, registrationandtouristcare.uk.gov.in-এ লগইন করে নিবন্ধন করা যেতে পারে। এছাড়াও, আপনি হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর-8394833833-এ যাত্রা (ভ্রমণ) লিখে একটি বার্তা পাঠিয়েও নিবন্ধন করতে পারেন। যে সমস্ত ভ্রমণকারীরা ওয়েবসাইটে নিবন্ধন করতে অক্ষম, তাদের জন্য পর্যটন বিভাগ টোল ফ্রি প্রদান করেছে0135-1364 নম্বরে কল করে রেজিস্ট্রেশন সুবিধা প্রদান করা হয়েছে ।এছাড়াও, আপনি স্মার্ট ফোনে ট্যুরিস্টকারেরতারখন্ড মোবাইল অ্যাপের মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারেন। গত বছর ৭৪ লাখ তীর্থযাত্রী নিবন্ধন করেছিলেন।এর মধ্যে পুরো যাত্রা সময়কালে ৫৬ লাখ তীর্থযাত্রী ৪ধাম দর্শন করেছিলেন।
*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।
চৈত্র সংক্রান্তি,গ্রাম বাংলার চরক উৎসব
#Chaitra_ Sankranti, _the charak _festival of _village Bengal

এসবি নিউজ ব্যুরো: আজ বাংলা বছরের শেষ দিন অর্থাৎ চৈত্র মাসের শেষ দিনকে বলা হয় চৈত্র সংক্রান্তি। হিন্দুশাস্ত্র ও লোকাচার অনুসারে এই দিনে স্নান, দান, ব্রত, উপবাস প্রভৃতি ক্রিয়াকর্মকে পুণ্যময় বলে মনে করা হয়। এক সময় এঅঞ্চলে সবচেয়ে বেশি উৎসব হতো চৈত্র সংক্রান্তিতে। সংক্রান্তির দিন শিবের গাজন বা চড়ক পূজা, আর তার আগের দিন নীল পূজা। সেও শিবেরই পূজা। সমুদ্রমন্থনকালে উত্থিত বিষ কণ্ঠে ধারণ করে শিব নীলকণ্ঠ, তাই নীল পূজা। মায়েরা নীলের উপোস করে সন্তানের মঙ্গল কামনায়—আমার বাছার কল্যাণ করো হে নীলকণ্ঠ, সব বিষ কণ্ঠে নিয়ে তাকে অমৃত দাও! শিব নীলকণ্ঠ—জগতের সব বিষ পান করেও সত্য সুন্দর মঙ্গলময়। সেই কোন কাল থেকে বাংলা জুড়ে চলে প্রবহমান লোক উৎসব। বাংলার গ্রামে গ্রামে এই উৎসব নিয়ে আসে নতুন বছরের আগমন বার্তা।

চৈত্র সংক্রান্তির প্রধান উৎসব চড়ক। চড়ক গাজন উৎসবের একটি প্রধান অঙ্গ। চড়কের পেছনে একটি জোরালো কারণের কথা বলেন কোনো লেখক। বৌদ্ধধর্মের প্রভাব যখন ম্লান হয়ে এসেছে তখন বৌদ্ধ সন্ন্যাসীরা নিজেদের অস্তিত্ব রক্ষার জন্য বিভিন্ন অঞ্চলে ছড়িয়ে পড়েন। তেমনই কয়েক জন বৌদ্ধ সন্ন্যাসী আশ্রয় নিয়েছিলেন বাংলায় এবং পরে তাঁরা হিন্দুত্ব গ্রহণ করেন। ফলে হিন্দু ধর্মে মিশে যায় কিছু বৌদ্ধ তন্ত্রমন্ত্রের সাধন। এই তান্ত্রিক ক্রিয়া থেকেই পরবর্তী কালে উদ্ভব চড়ক পূজার। চড়ক পূজায় যোগদানকারী সন্ন্যাসীরা তান্ত্রিক সাধনা অভ্যাসের ফলে নিজেদের শারীরিক কষ্টবোধের ঊর্ধ্বে যান, তার ফলে চড়কের মেলায় নানা রকম শারীরিক কষ্ট স্বীকারে তারাই অগ্রণী হয়ে ওঠেন। যেমন—তিরিশ চল্লিশ ফুট উঁচু চড়ক গাছ থেকে পিঠে বঁড়শি গেঁথে দড়ি দিয়ে ঝুলিয়ে দেওয়া, জিভে বা শরীরের কোনো জায়গায় লোহার শিক গেঁথে দেওয়া বা ভাঙা কাচের টুকরোর ওপর দিয়ে হেঁটে যাওয়া, আগুনের খেলা দেখানো ইত্যাদি। তবে বর্তমানে এই সব বিপজ্জনক কসরত অনেক ক্ষেত্রেই নিষিদ্ধ করে দেওয়া হয়েছে।
চড়ক পূজা মূলত ধর্মের গাজন বা ধর্মঠাকুরের পূজা, পরবর্তীকালে যা রূপান্তরিত হয় শিবের গাজনে। এই ধর্মঠাকুরের উদ্ভব বৌদ্ধ দেবতা ধর্মরাজ থেকে। বাউরি, বাগদি, হাঁড়ি, ডোম প্রভৃতি গ্রামীণ মানুষেরা এই ধর্মঠাকুরের পূজা করেন। যদিও ধর্মঠাকুরের সেই অর্থে মূর্তি দেখা যায় না, পাথরের খণ্ডকেই পূজা করা হয়, কিছু গ্রামে বুদ্ধমূর্তিকেই পূজা করা হয়। কোনো কোনো গ্রামে ধর্মঠাকুর আর শিব দুজনেই গাজনে পূজিত হন। শিবের পূজা হয় বলে চড়ক পূজাকে শিবের গাজনও বলা হয়ে থাকে।

‘আমরা দুটি ভাই/ শিবের গাজন গাই’ ছড়াটির কথা আমরা অনেকেই জানি। ছড়াটির মধ্যে দেশ গাঁয়ের অভাবের রূপটিই ফুটে ওঠে। শিবের গাজন-গ্রাম থেকে ‘গা’ আর ‘জন’ মানে জনগণ দেশ গাঁয়ের আপামর খেটে খাওয়া মানুষ। গাজন বা চড়কপূজা সাধারণ মানুষের চাওয়া পাওয়ারই এক প্রতিফলন বলে কেউ কেউ অনুমান করেন।

ইতিহাসবিদের মতে, চৈত্র সংক্রান্তি মানুষের শরীর ও প্রকৃতির মধ্যে একটি যোগসূত্র ঘটাবার জন্য জন্য পালন করা হয়। প্রকৃতি থেকে কুড়িয়ে আনা শাক, চৈতালি মৌসুমের সবজি, পাতা, মুড়া ইত্যাদি খেয়ে চৈত্র সংক্রান্তি পালন করার রীতি এখনো কোন কোন এলাকায় লক্ষ করা যায়। লোকপ্রথা অনুযায়ী, চৈত্র সংক্রান্তিতে বিশেষ খাবার ছাতু, চিড়া, দই, মুড়ি, খই, তিল ও নারিকেলের নাড়ু ইত্যাদি খেতে হবে। তার সঙ্গে দুপুর বেলার খাবারে সবচেয়ে গুরুত্বপূর্ণ হচ্ছে ‘চৌদ্দ’ রকমের শাক খাওয়া। এর মধ্যে অন্তত একটি তিতা স্বাদের হতে হবে। যেমন গিমা শাক। চৈত্র মাসে গিমা শাক খেতেই হবে। গিমা শাক পাওয়া না গেলে বুঝতে হবে এখানে প্রকৃতি থেকে জরুরি কিছু হারিয়ে গেছে। একটু টক কিছু থাকাও দরকার। কাঁচা আম তো আছে। অসুবিধা নেই। মাছ–মাংস খাওয়া চলবে না।
বর্ষশেষের চৈত্র সংক্রান্তির উৎসব পালনেই বাঙালি অভ্যস্ত ছিল দীর্ঘ কাল। গ্রন্থকার দীনেন্দ্রকুমার রায় সংগত কারণেই বলেছেন যে, বসন্ত আর গ্রীষ্মের সন্ধিস্থলে চৈত্র মাসে পল্লিজীবনে ‘নব আনন্দের হিল্লোল বহে’। গম, ছোলা, যব, অড়হর প্রভৃতি রবিশস্য পেকে উঠেছে, সুতরাং দীর্ঘ কালের ‘অনাহারে শীর্ণদেহ, ক্ষুধাতুর কৃষক পরিবারে যে হর্ষের উচ্ছ্বাস দেখিতে পাওয়া যায়, তাহা সুদীর্ঘ হিমযামিনীর অবসানে বসন্তের মলয়ানিলের মতই সুখাবহ।’

দক্ষিণারঞ্জন বসুর ‘ছেড়ে আসা গ্রাম’-এ বিশ শতকের শুরু থেকে চল্লিশ-পঞ্চাশের দশক পর্যন্ত পূর্ববঙ্গে পল্লি সংস্কৃতির বহু নমুনা রয়েছে। বরিশালের নল চিড়াতে চৈত্র সংক্রান্তির দিন থেকে সপ্তাহখানেক ধরে বিভিন্ন জায়গায় মেলা বসার কথা পাই। বছরের পয়লা সেখানে নাকি এক ‘বার্ষিক কর্ম’ ছিল। বছরের মসলাপাতি কেনা হতো ও দিন। গানের বৈঠকও বসত। চট্টগ্রামের সারোয়াতলিতেও চৈত্র সংক্রান্তির দিন ‘লাওন’ (এক ধরনের নাড়ু) খাওয়ার উৎসবের মধ্য দিয়েই হতো বর্ষবিদায় এবং হিন্দু-মুসলমানের নববর্ষ বরণের আন্তরিক শুভ কামনার বিনিময়।
এখানে যে বর্ষবরণের আভাস আছে, তার বয়স খুব বেশি নয়। চৈত্র সংক্রান্তিই ছিল প্রধান। সেই সময় চৈত্র সংক্রান্তিতে মেলা বসত। মেলায় বাঁশ, বেত, প্লাস্টিক, মাটি ও ধাতুর তৈরি বিভিন্ন ধরনের তৈজসপত্র ও খেলনা, ফল-ফলাদি ও মিষ্টি কেনা-বেচা হতো। অঞ্চলভেদে তিন থেকে চার দিনব্যাপী চলা এই মেলায় গম্ভীরা, বায়োস্কোপ, সার্কাস, পুতুলনাচ, ঘুড়ি ওড়ানো ইত্যাদি চিত্তবিনোদনের ব্যবস্থাও থাকত। কালের বিবর্তনে চৈত্রসংক্রান্তির এই উৎসব হারিয়ে গিয়ে বর্ষবরণ উৎসব ক্রমেই জনপ্রিয় হয়ে উঠছে।

এক সময় কেবল সনাতন ধর্মাবলম্বীরা চৈত্র সংক্রান্তিতে বিভিন্ন আচার পালন করত। কালক্রমে তা বিভিন্ন ধর্মীয় জনগোষ্ঠীর সামাজিক অনুষ্ঠানে পরিণত হয়। চৈত্র থেকে বর্ষার আরম্ভ পর্যন্ত সূর্যের যখন প্রচণ্ড উত্তাপ থাকে তখন সূর্যের তেজ প্রশমন ও বৃষ্টি লাভের আশায় কৃষিজীবী সমাজ বহু অতীতে চৈত্র সংক্রান্তির উদ্ভাবন করেছিলেন বলে জানা যায়। গ্রীষ্মের প্রচণ্ড দাবদাহে উদ্বিগ্ন কৃষককুল নিজেদের বাঁচার তাগিদে বর্ষার আগমন দ্রুত হোক, এই প্রণতি জানাতেই পুরো চৈত্র মাসজুড়ে উৎসবের মধ্যে সূর্যের কৃপা প্রার্থনা করে।

একটু ভালো থাকার জন্য কত আরাধনা, কত কামনা মানুষের! চৈত্র ফুরিয়ে আসছে, বৈশাখ শুরু হলো বলে। হে ঠাকুর, হে ঈশ্বর, এই তপ্ত দিনগুলো ভালোয় ভালোয় পার করে আষাঢ়ে আকাশ ভরা মেঘ দিও আর দিও জল যাতে ঘরে সোনার বরণ ধান ওঠে। ছেলেমেয়ের মুখে দুটো নতুন চালের ভাত দিতে পারি আর ঘরখানার চালে কয়েক আঁটি খড়!
মালদহের দক্ষিণ কেন্দ্রের আসনের জন্য প্রচার বিজেপি প্রার্থীর

# BJP_ candidate  _campaigning _for _Malda South _Central _seat এসবি নিউজ ব্যুরো: গত বিধানসভা নির্বাচনে ইংরেজবাজার আসনে তৃণমূল কংগ্রেসের দাপুটে নেতা তথা প্রাক্তণ মন্ত্রী কৃষ্ণেন্দু নারায়ণ চৌধুরীকে পরাজিত করে চমক দিয়েছিলেন বিজেপি প্রার্থী শ্রীরুপা মিত্র চৌধুরী।তাই মোদী-শাহ জুটি  আসন্ন লোকসভা নির্বাচনে সেই  শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর উপর ভরসা করেছেন। মালদা দক্ষিণ কেন্দ্রের বিজেপির প্রার্থীও করেছেন শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীকে।

উত্তরবঙ্গের বিজেপির  একমাত্র মহিলা প্রার্থী তিনি।প্রায় প্রতিদিনই ভোটারদের কাছে পৌঁছাতে  নির্বাচনী প্রচারেও  চমক দিচ্ছেন তিনি। সকাল থেকেই তাকে জনসংযোগে ব্যস্ত থাকতে দেখা যাচ্ছে  বিজেপি প্রার্থীকে। কখনো টোটো চালিয়ে প্রচার। আবার কখনো জেলার একমাত্র বড়  পাইকারি রথবাড়ি বাজারের ক্রেতা  বিক্রেতার কাছে গিয়ে জনসংযোগ করতে।

বিজেপির মালদা দক্ষিণ লোকসভা কেন্দ্রের প্রার্থী শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর দাবি হাটে বাজারে তিনি রয়েছেন। শুধু ভোটের সময় নয় , সারা বছরই এলাকার মানুষের পাশে থাকেন তিনি। তার অভিযোগ, ১৫৩ বছরের পৌরসভায় এখনও অনেক পিছিয়ে। এলাকাবাসীও সেই অভিযোগ তুলছেন। প্রচারে ব্যপক সাড়া  পাচ্ছেন জানান তিনি।

बीजेपी में भी सीएम पद को लेकर रार! अब अनिल विज ने ठोका दावा, कहा- मैं हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा

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हरियाणा में विधानसभा चुनाव के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने बड़ा दावा छोका है। रविवार को अनिल विज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोका।अनिल विज ने कहा कि वो मुख्यमंत्री पद का दावा करेंगे। उन्होंने कहा, मैं अपनी वरिष्ठता के दम पर मुख्यमंत्री पद का दावा करूंगा, बनाना या न बनाना यह हाई कमान का काम है।

अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अनिल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, मैं हरियाणा में भाजपा का सबसे वरिष्ठ विधायक हूं। मैंने 6 बार चुनाव लड़ा है। मैं छह बार चुनाव लड़ चुका हूं और जीत चुका हूं। अब सातवीं बार मैं चुनाव लड़ रहा हूं। लोगों की मांग पर मैं इस बार अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीएम पद के लिए दावेदारी करूंगा। हालांकि, यह हाईकमान के हाथ में है कि वे मुझे सीएम बनाते हैं या नहीं। अगर वे मुझे सीएम बनाते हैं तो मैं हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा।

बता दें कि पूर्व में गृहमंत्री रहने के दौरान कई बार विज को सीएम बनाने को लेकर अफवाहें चलीं थी मगर हर बार विज यही कहते रहे कि उन्होंने कभी नेतृत्व से सीएम पद नहीं मांगा। इस बार जब विज सातवीं बार चुनावी मैदान में जा रहे हैं तो यह कार्ड चलकर उन्होंने संगठन को भी साफ संदेश देने का काम किया है।

अनिल विज ने 1996 में हरियाणा से पहली बार अंबाला कैंट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस जीत के बाद लगातार उन्होंने जीत का सहरा पहना।2009, 2014, 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीनों बार जीत हासिल की। साथ ही 2014 और 2019 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में उन्होंने कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। हालांकि, वो नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने से नाराज नजर आ रहे थे, जिसके चलते जब 2024 में नायब सैनी को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया तो उसके बाद अनिल विज मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए। इससे पहले साल 2014 में भी अनिल विज सीएम पद के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया था।

स्वच्छ वायु सर्वे में अब 12 वें स्थान पर पहुंचा अपना रायपुर
रायपुर-   राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस पर केंद्र शासन ने देश के 130 शहरों के स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की घोषणा 7 सितंबर को राजस्थान के जयपुर में हुए कार्यक्रम में की. इनमें 10 लाख से अधिक आबादी वाले 47 शहरों में रायपुर 12वें नंबर पर आ गया. पिछले साल इसी सर्वेक्षण में रायपुर 16वें नंबर पर था. इस बार अपनी रैंकिंग सुधारकर रायपुर ने 177.5 अंक हासिल कर लिया. बता दें कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की लगातार बढ़ रही मांग ने भी प्रदूषण घटा है.
फैक्ट्रियां की वजह से बढ़ा प्रदूषण का स्तर 

नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक राजधानी में प्रदूषण उरला-सिलतरा की फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुओं के कारण अधिक हो रहा है, अगर इस पर नियंत्रण हो जाए तो शहर की रैंकिंग सुधर जाएगी. इसके लिए नागरिकों को भी जागरूक होना पड़ेगा.

पैरामीटर इस प्रकार तय किये गये 

अप्रैल 2023 से मार्च 2024 को एक साल सर्वे का आधार बनाया गया है. इस स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जो पैरामीटर सर्वे हेतु रखा गया, उसमें बायोमास एंड म्युनिसिपल वेस्ट बर्निंग, रोड डस्ट, सीएंडडी वेस्ट की डस्ट, वाहन प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, अन्य प्रदूषण, आईईसी गतिविधियां, जनजागरूकता, इम्प्रूवमेंट इन पीएम 10 कंसन्ट्रेशन शामिल थे.

दिल्ली के बाद है रायपुर का नंबर 

स्वच्छ वायु सर्वे में दिल्ली के 185 अंक के बाद 12वें स्थान पर रायपुर के अंक 177.5 अंक हैं. पहले नंबर पर सूरत के 194, जबलपुर के 193, आगरा के 190, लखनऊ के 189, कानपुर के 183.8, वडोदरा के 182, इंदौर के 182, भोपाल के 182, विजयवाड़ा के 182 तथा दसवें नंबर पर अहमदाबाद के 181 अंक हैं.
 
 
India won the T20 World Cup for the second time
*Sports*
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SB News Bureau: 17 years long wait is over. India won the T20 World Cup for the second time. Rohit also won for the second time. India won the inaugural T20 World Cup in 2007. A young member of that team was Rohit Sharma. The second trophy in the T20 format came under the leadership of Rohit Sharma. Senior teams from age-based tournaments. Rohit Sharma and Virat Kohli have been playing together for a long time in international cricket. They are not just teammates.Ro-Co pair on the field, friends too. And Rohit Sharma chose the path of a friend. Like Virat, he bid farewell to T20 Internationals.

In the press conference after the match, Rohit said, “This was my last T20 match for India. After this I will not play T20 for the country again. There could not be a better time to make this decision. It was in this format that I made my debut in the Indian team." Despite retiring from T20, Rohit said that he will play one day and Test cricket.

Rohit knew this was his last chance. Because of that, he was so desperate to win the trophy.The captain said, "From the day I played T20, I enjoyed it. I was desperate to win the World Cup. Happy to finally win."

*Pic Courtesy by: X*
জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।