India

Sep 28 2023, 20:00

भारत में तेज गति से बढ़ रही है बुजुर्गों की आबादी, अगले तीन दशकों में कुल जनसंख्या के 20 फीसदी से ज्यादा होंगे बूढ़े

#indiaelderlypopulationexpandingatunprecedentedrate

भारत की आबादी तेजी से बुजुर्ग हो रही है।इस सदी के मध्य तक यह बच्चों की आबादी को पार कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दशकों में युवा भारत तेजी से बूढ़े होते समाज में बदल जाएगा।इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अगले तीन दशकों में भारत का समाज पूरी तरह बदल जाएगा। दरअसल 2050 तक हर 5 में से एक शख्स भारत में बुजुर्ग होगा। यानी सीधे तौर पर कहें तो अगले 3 दशकों में भारत की 20 फीसदी आबादी बुजुर्ग हो जाएगी जो वर्तमान में 10.1 फीसदी है।

2050 तक भारत में 34.7 करोड़ बुजुर्ग होंगे

भारत दुनिया में किशोरों और युवाओं की सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर बुजुर्गों (60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों) की आबादी का हिस्सा 2021 में 10.1 प्रतिशत था जो बढ़कर 2036 में 15 प्रतिशत और 2050 में 20.8 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। यानी 2050 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 34.7 करोड़ होने का अनुमान है। सदी के अंत तक देश की कुल आबादी में बुजुर्गों की संख्या 36 प्रतिशत से अधिक होगी।

भारत ही नहीं दुनियाभर की आबादी बूढ़ी हो रही

इस रिपोर्ट के मुताबिक केवल भारत में ही बुढ़ापे की समस्या नहीं है, बल्कि दुनियाभर की आबादी बूढ़ी हो रही है। वैश्विक स्तर पर साल 2022 में दुनिया की कुल आबादी (7.9 अरब) में से 1.1 अरब लोग 60 वर्ष से अधिक की आयु के थे। यह कुल आबादी का 13.9 फीसदी हिस्सा है। वहीं साल 2050 तक वैश्विक स्तर पर बुजुर्गों की संख्या बढ़कर करीब 2.2 अरब यानी लगभग 22 फीसदी तक पहुंच जाएगी। 

क्यों बढ़ रही बुजुर्गों की संख्या?

भारत में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के मुख्य तीन कारण बताए जा रहे हैं। इनमें घटती प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर में कमी और उत्तरजीविता में वृद्धि शामिल है। बीते एक दशक में देश में प्रजनन क्षमता में 20 फीसदी की गिरावट आई है। 2008-10 के दौरान देश की सकल प्रजनन दर 86.1 थी, जो 2018 से 2020 के दौरान घटकर 68.7 रह गई है।

बिहार देश का सबसे युवा राज्य

कुल आबादी में बुजुर्गों के राष्ट्रीय औसत से कम संख्या वाले 11 राज्य हैं। इनमें 7.7% बुजुर्ग आबादी के साथ बिहार देश का सबसे युवा राज्य है। 8.1% बुजुर्ग आबादी के साथ उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे युवा राज्य है। शीर्ष पांच राज्यों में असम (8.2%) तीसरे, झारखंड (8.4%) चौथे और राजस्थान व मध्य प्रदेश (8.5%) पांचवें स्थान पर हैं।

केरल सबसे बुजुर्ग राज्य

60 पार उम्र की 16.5% आबादी के साथ केरल सबसे बुजुर्ग राज्य है। वहां बुजुर्गों की उत्तरजीविता में वृद्धि व प्रजनन दर में तीव्र गिरावट हुई है। सबसे बुजुर्ग पांच राज्यों में तमिलनाडु, केरल व आंध्र प्रदेश दक्षिण से हैं, हिमाचल व पंजाब उत्तर से हैं। आंध्र (12.3%) पांचवां, पंजाब (12.6%) चौथा, हिमाचल (13.1%) तीसरा और तमिलनाडु (13.7%) दूसरा सबसे बुजुर्ग राज्य है।

संपत्ति के मामले में भारत में 40 प्रतिशत बुजुर्ग गरीब

रिपोर्ट के अनुसार भारत में 40 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग संपत्ति के मामले में गरीब हैं और लगभग 18.7 प्रतिशत बुजुर्गों के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। बुजुर्गों में गरीबी का यह स्तर उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। कुल मिलाकर भारत में हर 5 में से 2 बुजुर्ग संपत्ति के लिहाज से गरीब श्रेणी में हैं। यह जम्मू-कश्मीर में 4.2 प्रतिशत और पंजाब में 5 प्रतिशत है जबकि लक्षद्वीप में 40.2 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 47 प्रतिशत है।

Delhincr

Sep 28 2023, 16:45

#Ministry Of Civil Aviation: नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने विभिन्न प्राधिकरणों में कार्यबल बढ़ाने के लिये शुरू किया पहल

नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने बुधवार को कहा कि विभिन्न प्राधिकरणों में कार्यबल बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं, जिसमें नव निर्मित 416 में से 114 पद पहले ही भरे जा चुके हैं, जबकि शेष को चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा.

कार्यबल के इस विस्तार को इंडिगो, एयर इंडिया और अन्य जैसी भारतीय एयरलाइनों के बढ़ते बेड़े के जवाब में देखा जा रहा है.बता दें कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अलावा, हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (AERA) और भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (AAI) में कार्यबल बढ़ाने की पहल की गई है.इसी कड़ी में देश में हवाई अड्डों के आर्थिक विनियमन की देखरेख करने वाली एक स्वतंत्र नियामक संस्था एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (AERA) के द्वारा कार्यों के शीघ्र निर्वहन के लिए नागर विमानन मंत्रालय की पहल पर कुल 10 नए पद सृजित किए गए हैं.

इन 10 में से पांच पद भरे जा चुके हैं, शेष पद भी जल्द भरे जाएंगे. इसके अलावा मौजूदा पदों पर 27 रिक्तियां थीं, जिनमें से 24 भरे जा चुके हैं और शेष तीन प्रक्रियाधीन हैं.

वहीं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने हवाई यात्रा सुरक्षा और दक्षता के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (एटीसीओ) के आवश्यक संख्या में पदों का सृजन, उनकी भर्ती और प्रशिक्षण शामिल हैं.

इसी क्रम में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दो चरणों में एटीसीओ के 796 अतिरिक्त पद सृजित किए गए हैं. इनमें मई 2022 में 340 पद और अप्रैल 2023 में 456 पदों को भरने के लिए कार्रवाई की गई.

India

Sep 28 2023, 15:19

जनवरी-जून में फास्टैग के जरिये ट्रांजेक्शन 25% बढ़ा, डेढ़ साल में फास्टैग की संख्या 56.5% बढ़ी

इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) ने देश की सड़कों पर टोल के भुगतान का तरीका पहले कि तुलना में अब काफी बदल गया है। अब अन्य इस्तेमाल के साथ पार्किंग प्लाजा पर भी इस माध्यम से भुगतान बढ़ रहा है। इस साल जनवरी से जून के बीच ईटीसी ट्रांजेक्शन 30,340 करोड़ रुपए का रहा। ये 2022 की पहली छमाही में ट्रांजेक्शन के मुकाबले 25.3% ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि उस दौरान 24,220 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था।

ताजा जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन नाकों की संख्या बढ़ने के साथ ही फास्टैग की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पेमेंट एंड ट्रांजेक्शनल सर्विस वर्ल्डलाइन की इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के ताजा संस्करण के मुताबिक, देश में जारी होने वाले फास्टैग की संख्या जनवरी 2022 के 4.60 करोड़ से बढ़कर जून 2023 में 7.20 करोड़ हो गई है, जो 56.5% की वृद्धि है।

पहली छमाही में कुल 185 करोड़ ट्रांजेक्शन

 इस साल की पहली छमाही यानी जनवरी से जून के बीच फास्टैग से 185 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए जो बीते साल की समान अवधि से 17.6% ज्यादा है। 2022 की पहली छमाही में 157 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह देखते हुए कि ईटीसी टैग एक अनिवार्य आदेश है, यह संख्या लगातार बढ़ती रहेगी।

Mankibaat

Sep 28 2023, 07:56

76 सालों से इंसाफ के इंतजार में बिहार के सिख शरणार्थी , अपना सबकुछ छोड़कर आ गए लेकिन यहाँ 2 गज जमीन तक नही मिल पाई।
पटना: शहीद भगत सिंह जी की जयंती की पूर्व संध्या पर पद यात्रा में सिख शरणार्थीयों का छलका दर्द | देश विभाजन के दौरान पश्चिमी पाकिस्तान में सबकुछ लूटा सुखद भविष्य की चाह लेकर प्रदेश में आये शरणार्थियों का हाल कुछ यूँ हैं कि 75 वर्षों के पश्चात भी उन्हें सरकारी स्तर पर इंशाफ़ नहीं मिल सका है और आज भी उनमें वर्ष 1947 की मर्मभेदी पीड़ा व्याप्त है और उसकी टीस से अपनों के बीच ही पंजाबी शरणार्थी पराया महसूस कर रहे हैं।

दरअसल तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद का आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने अब तक चितकोहरा स्थिति सैकड़ों पंजाबी शरणार्थियों को अर्जित जमीन उपलब्ध नहीं करा सकी है भू -माफियाओं के अवैध कब्जे से निजात पाने के लिए अर्जित जमीन के दावेदार शरणार्थियों ने राज्य सरकार से किसी तरह की मदद मिलने की उम्मीद छोड़ दी है क्यूंकि कि विगत सात दशकों से राष्ट्रपति, मानवाधिकार आयोग और राज्यपाल के तमाम आदेश सचिवालय तथा जिला समाहरणालय में कागजी घोड़ा बनकर रह गया हैं | भू-राजस्व विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक के अधिकारी एक ही सिक्के, के दो पहलू हैं। राष्ट्रपति से लेकर राज्यपाल और मानवाधिकार आयोग ने चितकोहरा शरणार्थी शिविर की अर्जित भूमि पर किये गये अतिक्रमण को मुक्त कराने और दखल दिलाने का आदेश राज्य सरकार को दिया लेकिन अब तक आदेश के आलोक में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद के आदेश पर पश्चिमी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरवाला समेत अन्य जगहों से आये तीन सौ शरणार्थी परिवारों के लिए राज्य सरकार ने चौदह बीघा और चौदह कट्ठा से अधिक जमीन चितकोहरा में वहां के जमींदार अजीजउद्दीन अशरफ एवं अन्य भूपतियों से अर्जित की थी, जो बिहार सरकार के गजट (21 सितम्बर, 1949) में बतौर रिकार्ड दर्ज है। इसमें दावेदार, पंजाबी शरणार्थियों के लिए 4.86 एकड़ जमीन भी गजट में शामिल है।

दावेदार शरणार्थी वे परिवार है जिनका सबकुछ पाकिस्तान में रह गया और वे केवल अपनी जान बचाते हुए खाली हाथ भारत लौटे थे लेकिन हैरानी की बात यह है कि पटना जिला प्रशासन के दस्तावेज में मात्र 4.47 एकड़ जमीन ही दर्ज है। जिसके तहत शरणार्थियों के लिए 2.47 एकड़ जमीन पर 139 क्वार्टर निर्मित कराया गया और एक सौ परिवारों को बसाया गया। शेष बची दो एकड़ जमीन पर जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया। उक्त अवैध कब्जे में पड़ी जमीन पर पंजाबी शर्णार्थियो को आज तक नसीब नहीं हो सका।

चितकोहरा के उस अतिक्रमित जमीन पर भूपतियों ने अपने गुंडों के बलबूते बाजार भी लगा रहे हैं और पैसा उगाही कर रहे है | इस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रपति सचिवालय में 8 जून, 2003 को पटना के जिलाधिकारी को आदेश दिया और उस जमीन पर शरणार्थियों का दखल कराने का दिशा-निर्देश भी दिया। फिर भी जिला प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इससे पूर्व वर्ष 1979 में पंजाबी शरणार्थियों के लिए अर्जित जमीन पर अतिक्रमण का मामला बिहार विधान मंडल में आया और फिर दोनों सदनों ने चितकोहरा स्थित पंजाबी शरणार्थी कालोनी की अर्जित जमीन पर से अतिक्रमण हटाने और उस पर दखल दिलाने को आदेश राज्य सरकार को दिया लेकिन उस आदेश को भी | ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

वर्ष 1984-85 में सहाय्य एवं पूर्नवास विभाग के आयुक्त बी. के. सिंह ने भी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और उस पर शारणार्थियों को दखल दिलाने का जिलाधिकारी को दिया। इस आदेश पर जिला प्रशासन के भू-अर्जन अधिकारी ने सहाय्य एवं पूर्नवास विभाग के अधिकारियों के साथ एक बार फिर चितकोहरा में शरणार्थी पंजाबी कालोनी के जमीन का सीमांकन किया और अतिक्रमित जमीन पर पक्का का स्तंभ गाड़ निशान लगाया लेकिन दूसरे दिन ही अतिक्रमणकारियों ने सारे स्तंभ को उखाड़ फेका। इस मामले में 21 जून, 2000 को मानवाधिकार आयोग ने अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने और उस पर शरणार्थियों को दखल दिलाने का आदेश मुख्य सचिव, बिहार सरकार को दिया । फिर भी जिला प्रशासन ने अतिक्रमण से जमीन को मुक्त कराने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की। अभी हाल ही में भी डी. एम. साहेब द्वारा हमारी पंजाबी कॉलोनी की जमीन का नापी का आदेश ज्ञापांक 3640 दिनांक 29.09.2021 दिया गया पर नापी नही हो सका फिर दोबारा ज्ञापांक 5885 दिनांक 24.09.2022 नापी का आदेश हुआ पर नापी पूर्ण नही हो सका उपरांत ज्ञापांक 9407 दिनांक 16.11.2022 को हमलोग से पंजाबी कॉलोनी का असली नक्शा का मांग किया गया जोकी हमलोग पूर्व में भी कह चुके हैं की पंजाबी शरणार्थी की जमीन के कागज़ किसी डिपार्टमेंट में नही है जबकी हाईकोर्ट का आदेश भी है की पंजाबी कॉलोनी का कागज खोज कर शरणार्थीयों की जमीन उन्हें दी जाय

पर पता नहीं हम लोगो को लगता है प्रशासन हमारी कोई मदद नहीं करना चाहता क्योंकि हम महा अल्पसंख्यक है इसका एक नमूना है की 9441 दिंनाक 08.04.2023 द्वारा हम लोगो की सुनवाई के लिए 17.04.2023 को बुलाया गया पर 17.04.2023 को वहां जा कर पता चला की आपकी सुनवाई कैंसल कर दिया गया है उसके बाद एक तरफा फैसला सुना कर कब्रिस्तान की बाउंड्री का आदेश दे दिया गया एक तरफ़ा फैसला कहाँ का इन्शाफ़ है | एक तरफा फैसला होने के कारण पंजाबी कॉलोनी में तनाव का माहौल बना हुआ रहता है, हमें भी इंशाफ चाहिए इसलिय सरकार से आग्रह पूर्वक कहना है की कब्रिस्तान की बाउंड्री रोक कर हमारी जमीन भी नापी कराई जाए ताकि हमें भी पत्ता चल सके की हमारी कौन सी जमीन है |

अतः हमारी जमीन से अतिक्रमण हटा कर हमें हमारी जमीन हमें कब्जे में दिलाई जाय ताकि सिख शरणार्थीयों का विकाश हो सके | भवदीय -सरदार हीरा सिंह बग्गा (उपाध्यक्ष) गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा गोबिन्द नगर, चितकोहरा,पटना| मो०- 7903714569

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తప్పు చేస్తే దొరకక తప్పదు

Sep 27 2023, 19:46

ముగిసిన సుదీర్ఘ అంతరిక్ష యాత్ర.. క్షేమంగా భూమికి తిరిగొచ్చిన వ్యోమగాములు!

నాసా (Nasa) వ్యోమగామి ఫ్రాంక్‌ రూబియో, రష్యా వ్యోమగాములు సెర్గే ప్రొకోపీవ్‌, దిమిత్రి పెటెలిన్‌లు తమ అంతరిక్ష యాత్రను విజయవంతంగా ముగించుకొని భూమిని చేరారు..

అంతర్జాతీయ అంతరిక్ష కేంద్రం (International Space Station) నుంచి సోయుజ్‌ ఎంఎస్‌-23 (Soyuz MS-23) స్పేస్‌ క్రాఫ్ట్‌లో బయలుదేరిన వీరు కజక్‌స్థాన్‌లో సురక్షితంగా ల్యాండ్‌ అయ్యారు.

ఈ ప్రయాణం 157.4 మిలియన్‌ మైళ్లు. వాస్తవానికి ఈ మిషన్‌ ఆరు నెలల్లోనే పూర్తి కావాల్సి ఉంది. అయితే, 2022 డిసెంబరులో రష్యన్‌ స్పేస్‌ క్రాఫ్ట్‌లో ఊహించని లీక్‌ చోటు చేసుకోవడంతో గడువు పొడిగించారు. దాంతో వ్యోమగాములు అంతరిక్షంలో 371 రోజులు గడపాల్సి వచ్చింది..

అంతకముందు నాసా వ్యోమగామి మార్క్ వాన్ డే హే 355 రోజులు గడిపి రికార్డు సృష్టించారు. రూబియో సెప్టెంబరు 2022 సెప్టెంబరు 21న అంతరిక్షంలోకి వెళ్లారు. 2023 సెప్టెంబరు 11న ఆయన మార్క్‌ అంతరిక్షయాన రికార్డును బద్ధలుగొట్టారు. ఇక అంతరిక్ష కేంద్రంలో గడిపిన సమయంలో రూబియో అనేక శాస్త్రీయ పరిశోధనలకు సహకరించారు.

భవిష్యత్తులో అనేక మిషన్లను చేపట్టడానికి నాసా సిద్ధమవుతున్న నేపథ్యంలో ఆయన పరిశోధనల సమాచారం ఎంతో విలువైనదిగా మారింది.

నిర్దేశించిన సమయం కన్నా ఎక్కువ రోజులు అంతరిక్షంలో గడపాలనే విషయం తెలిసినా రూబియో, ప్రొకోపీవ్‌, దిమిత్రిలు వెనక్కి తగ్గలేదు. సవాళ్లను ఎదుర్కొంటూనే తమ విధులు నిర్వహించారు. వారి అంకితభావం అంతరిక్షంలో మానవ జీవితంపై అవగాహనను మెరుగుపరచడమే కాకుండా.. భవిష్యత్‌ వ్యోమగాములకు ఓ మార్గదర్శకంగా నిలిచిందని ఖగోళ శాస్త్రవేత్తలు ఆశిస్తున్నారు..

India

Sep 27 2023, 19:11

गुजरात में बोले पीएम मोदी- मेरे नाम पर कोई घर नहीं है, क्या आप जानतें है प्रधानमंत्री में पास कितनी है संपत्ति

#pmmodiingujaratthereisnohouseinmyname

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज छोटा उदयपुर पहुंचे। छोटा उदयपुर के बोडेली में प्रधानमंत्री ने लोगों के लिए 5,206 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्‍यास किया। पीएम ने इस दौरान लोगों को संबोधित भी किया।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, मैंने लंबा समय आपके साथ बिताया है इसलिए मुझे गरीबों की दिक्कतों के बारे में पता है और मैंने हमेशा उन मुद्दों को हल करने की कोशिश की है। मैं आज संतुष्ट हूं कि मेरी सरकार ने देश भर में चार करोड़ घर बनाए। पिछली सरकारों की तरह घर हमारे लिए महज एक संख्या नहीं है। हम घर बनाकर गरीबों को सम्मान दिलाने के लिए काम करते हैं।

मेरे नाम पर कोई घर नहीं

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, हम गरीबों की जरूरतों के अनुसार घर बना रहे हैं, वह भी बिना किसी बिचौलिये के। लाखों घर बनाए गए और हमारी महिलाओं के नाम पर पंजीकृत किए गए। हालांकि मेरे नाम पर घर नहीं है, लेकिन मेरी सरकार ने लाखों बेटियों को घर का मालिक बना दिया।

पीएम मोदी के पास सिर्फ 2.23 करोड़ की संपत्ति

प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनके पास कोई घर नहीं है। ऐसे में बहुत से लोग ये सोच रहे हैं कि देश का पीएम होते हुए उनके पास घर नहीं होया क्या? तो जानते है हमारे देश के पीएम के पास कितनी संपत्ति है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सिर्फ 2.23 करोड़ की संपत्ति है। उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है क्योंकि उन्होंने गांधीनगर में जमीन के एक टुकड़े को दान कर दिया था। 31 मार्च, 2022 को पीएम मोदी के पास नकदी 35 हजार 250 रुपये थी और डाकघर में उनके राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र की कीमत 9,05,105 रुपये थी और उनकी जीवन बीमा पॉलिसियां 1,89,305 रुपये की थीं।

पीएम मोदी के पास नहीं है कोई भी वाहन

मोदी की चल संपत्ति एक साल पहले की तुलना में 26.13 लाख रुपये बढ़ गई। किसी भी बांड, शेयर या म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं है, न ही उनके पास कोई संपत्ति है। कोई भी वाहन नहीं है लेकिन उनके पास चार सोने की अंगूठियां हैं जिनकी कीमत 1.73 लाख रुपये है।

North24Paragana1

Sep 27 2023, 17:58

*মহিলাকে ব্ল্যাকমেল করে যৌন হেনস্থার অভিযোগ এক পুলিশ এসআইয়ের বিরুদ্ধে*


উত্তর ২৪ পরগনা: ২০২২ সালের অক্টোবর মাসে ১০ লক্ষ টাকা আর্থিক প্রতারনার শিকার হন শ্যামনগর বাসুদেবপুর থানার বিবেকনগরের বাসিন্দা এক মহিলা। প্রতারকের বিরুদ্ধে থানায় অভিযোগ জানাতে গিয়ে পরিচয় স্থানীয় থানার এক এসআইয়ের সঙ্গে। তিনি ১০ লক্ষ টাকা পাইয়ে দেওয়ার আশ্বাস দেন ওই মহিলাকে।

অভিযোগ, ওই মহিলাকে যৌন হেনস্থার পাশাপাশি নগদ এক লক্ষ টাকা-সহ মোটা অংকের সোনার গহনা হাতিয়ে নেয় ওই পুলিশ কর্মী। শুধু তাই নয়, বলপূর্বক যৌন নিগ্রহের পাশাপাশি সহবাসের ভিডিও সোশ্যাল মাধ্যমে ছড়িয়ে দেওয়ার হুমকি দিতেন ওই পুলিশ কর্মী। তাঁর বিরুদ্ধে শারীরিক নির্যাতন করার অভিযোগ করেছেন ওই নির্যাতিতা মহিলা।

চলতি বছরের ২২ সেপ্টেম্বর নির্যাতিতা বাসুদেবপুর থানায় ওই পুলিশ কর্মীর বিরুদ্ধে এফআইআর দায়ের করেন। পরদিন ২৩ সেপ্টেম্বর ১৪৬ ধারায় নির্যাতিতার গোপন বয়ান রেকর্ড করা হয়। অভিযোগের ভিত্তিতে পুলিশ ৩৭৬, ৪১৭, ৪২০ ও ৫০৬ ধারায় মামলা রুজু করে ঘটনার তদন্ত শুরু করেছে।

Patna

Sep 27 2023, 15:23

76 सालों से इंसाफ के इंतजार में सिख शरणार्थी, शहीद भगत सिंह जी की जयंती की पूर्व संध्या पर पद यात्रा में छलका दर्द इनका

पटना : देश विभाजन के दौरान पश्चिमी पाकिस्तान में सबकुछ लूटा सुखद भविष्य की चाह लेकर प्रदेश में आये शरणार्थियों का हाल कुछ यूँ हैं कि 75 वर्षों के पश्चात भी उन्हें सरकारी स्तर पर इंशाफ़ नहीं मिल सका है और आज भी उनमें वर्ष 1947 की मर्मभेदी पीड़ा व्याप्त है और उसकी टीस से अपनों के बीच ही पंजाबी शरणार्थी पराया महसूस कर रहे हैं। 

दरअसल तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद का आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने अब तक चितकोहरा स्थिति सैकड़ों पंजाबी शरणार्थियों को अर्जित जमीन उपलब्ध नहीं करा सकी है भू -माफियाओं के अवैध कब्जे से निजात पाने के लिए अर्जित जमीन के दावेदार शरणार्थियों ने राज्य सरकार से किसी तरह की मदद मिलने की उम्मीद छोड़ दी है क्यूंकि कि विगत सात दशकों से राष्ट्रपति, मानवाधिकार आयोग और राज्यपाल के तमाम आदेश सचिवालय तथा जिला समाहरणालय में कागजी घोड़ा बनकर रह गया हैं |

भू-राजस्व विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक के अधिकारी एक ही सिक्के, के दो पहलू हैं। राष्ट्रपति से लेकर राज्यपाल और मानवाधिकार आयोग ने चितकोहरा शरणार्थी शिविर की अर्जित भूमि पर किये गये अतिक्रमण को मुक्त कराने और दखल दिलाने का आदेश राज्य सरकार को दिया लेकिन अब तक आदेश के आलोक में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

 

तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद के आदेश पर पश्चिमी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरवाला समेत अन्य जगहों से आये तीन सौ शरणार्थी परिवारों के लिए राज्य सरकार ने चौदह बीघा और चौदह कट्ठा से अधिक जमीन चितकोहरा में वहां के जमींदार अजीजउद्दीन अशरफ एवं अन्य भूपतियों से अर्जित की थी, जो बिहार सरकार के गजट (21 सितम्बर, 1949) में बतौर रिकार्ड दर्ज है। इसमें दावेदार, पंजाबी शरणार्थियों के लिए 4.86 एकड़ जमीन भी गजट में शामिल है। दावेदार शरणार्थी वे परिवार है जिनका सबकुछ पाकिस्तान में रह गया और वे केवल अपनी जान बचाते हुए खाली हाथ भारत लौटे थे लेकिन हैरानी की बात यह है कि पटना जिला प्रशासन के दस्तावेज में मात्र 4.47 एकड़ जमीन ही दर्ज है। जिसके तहत शरणार्थियों के लिए 2.47 एकड़ जमीन पर 139 क्वार्टर निर्मित कराया गया और एक सौ परिवारों को बसाया गया। शेष बची दो एकड़ जमीन पर जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया। उक्त अवैध कब्जे में पड़ी जमीन पर पंजाबी शर्णार्थियो को आज तक नसीब नहीं हो सका। 

चितकोहरा के उस अतिक्रमित जमीन पर भूपतियों ने अपने गुंडों के बलबूते बाजार भी लगा रहे हैं और पैसा उगाही कर रहे है | इस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रपति सचिवालय में 8 जून, 2003 को पटना के जिलाधिकारी को आदेश दिया और उस जमीन पर शरणार्थियों का दखल कराने का दिशा-निर्देश भी दिया। फिर भी जिला प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। 

इससे पूर्व वर्ष 1979 में पंजाबी शरणार्थियों के लिए अर्जित जमीन पर अतिक्रमण का मामला बिहार विधान मंडल में आया और फिर दोनों सदनों ने चितकोहरा स्थित पंजाबी शरणार्थी कालोनी की अर्जित जमीन पर से अतिक्रमण हटाने और उस पर दखल दिलाने को आदेश राज्य सरकार को दिया लेकिन उस आदेश को भी | ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वर्ष 1984-85 में सहाय्य एवं पूर्नवास विभाग के आयुक्त बी. के. सिंह ने भी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और उस पर शारणार्थियों को दखल दिलाने का जिलाधिकारी को दिया।

 

इस आदेश पर जिला प्रशासन के भू-अर्जन अधिकारी ने सहाय्य एवं पूर्नवास विभाग के अधिकारियों के साथ एक बार फिर चितकोहरा में शरणार्थी पंजाबी कालोनी के जमीन का सीमांकन किया और अतिक्रमित जमीन पर पक्का का स्तंभ गाड़ निशान लगाया लेकिन दूसरे दिन ही अतिक्रमणकारियों ने सारे स्तंभ को उखाड़ फेका। इस मामले में 21 जून, 2000 को मानवाधिकार आयोग ने अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने और उस पर शरणार्थियों को दखल दिलाने का आदेश मुख्य सचिव, बिहार सरकार को दिया । फिर भी जिला प्रशासन ने अतिक्रमण से जमीन को मुक्त कराने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की। 

अभी हाल ही में भी डी. एम. साहेब द्वारा हमारी पंजाबी कॉलोनी की जमीन का नापी का आदेश ज्ञापांक 3640 दिनांक 29.09.2021 दिया गया पर नापी नही हो सका फिर दोबारा ज्ञापांक 5885 दिनांक 24.09.2022 नापी का आदेश हुआ पर नापी पूर्ण नही हो सका उपरांत ज्ञापांक 9407 दिनांक 16.11.2022 को हमलोग से पंजाबी कॉलोनी का असली नक्शा का मांग किया गया जोकी हमलोग पूर्व में भी कह चुके हैं की पंजाबी शरणार्थी की जमीन के कागज़ किसी डिपार्टमेंट में नही है जबकी हाईकोर्ट का आदेश भी है की पंजाबी कॉलोनी का कागज खोज कर शरणार्थीयों की जमीन उन्हें दी जाय पर पता नहीं हम लोगो को लगता है प्रशासन हमारी कोई मदद नहीं करना चाहता क्योंकि हम महा अल्पसंख्यक है इसका एक नमूना है की 9441 दिंनाक 08.04.2023 द्वारा हम लोगो की सुनवाई के लिए 17.04.2023 को बुलाया गया पर 17.04.2023 को वहां जा कर पता चला की आपकी सुनवाई कैंसल कर दिया गया है उसके बाद एक तरफा फैसला सुना कर कब्रिस्तान की बाउंड्री का आदेश दे दिया गया एक तरफ़ा फैसला कहाँ का इन्शाफ़ है | एक तरफा फैसला होने के कारण पंजाबी कॉलोनी में तनाव का माहौल बना हुआ रहता है, हमें भी इंशाफ चाहिए इसलिय सरकार से आग्रह पूर्वक कहना है की कब्रिस्तान की बाउंड्री रोक कर हमारी जमीन भी नापी कराई जाए ताकि हमें भी पत्ता चल सके की हमारी कौन सी जमीन है |

       

अतः हमारी जमीन से अतिक्रमण हटा कर हमें हमारी जमीन हमें कब्जे में दिलाई जाय ताकि सिख शरणार्थीयों का विकाश हो सके|

India

Sep 28 2023, 20:00

भारत में तेज गति से बढ़ रही है बुजुर्गों की आबादी, अगले तीन दशकों में कुल जनसंख्या के 20 फीसदी से ज्यादा होंगे बूढ़े

#indiaelderlypopulationexpandingatunprecedentedrate

भारत की आबादी तेजी से बुजुर्ग हो रही है।इस सदी के मध्य तक यह बच्चों की आबादी को पार कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दशकों में युवा भारत तेजी से बूढ़े होते समाज में बदल जाएगा।इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अगले तीन दशकों में भारत का समाज पूरी तरह बदल जाएगा। दरअसल 2050 तक हर 5 में से एक शख्स भारत में बुजुर्ग होगा। यानी सीधे तौर पर कहें तो अगले 3 दशकों में भारत की 20 फीसदी आबादी बुजुर्ग हो जाएगी जो वर्तमान में 10.1 फीसदी है।

2050 तक भारत में 34.7 करोड़ बुजुर्ग होंगे

भारत दुनिया में किशोरों और युवाओं की सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर बुजुर्गों (60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों) की आबादी का हिस्सा 2021 में 10.1 प्रतिशत था जो बढ़कर 2036 में 15 प्रतिशत और 2050 में 20.8 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। यानी 2050 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 34.7 करोड़ होने का अनुमान है। सदी के अंत तक देश की कुल आबादी में बुजुर्गों की संख्या 36 प्रतिशत से अधिक होगी।

भारत ही नहीं दुनियाभर की आबादी बूढ़ी हो रही

इस रिपोर्ट के मुताबिक केवल भारत में ही बुढ़ापे की समस्या नहीं है, बल्कि दुनियाभर की आबादी बूढ़ी हो रही है। वैश्विक स्तर पर साल 2022 में दुनिया की कुल आबादी (7.9 अरब) में से 1.1 अरब लोग 60 वर्ष से अधिक की आयु के थे। यह कुल आबादी का 13.9 फीसदी हिस्सा है। वहीं साल 2050 तक वैश्विक स्तर पर बुजुर्गों की संख्या बढ़कर करीब 2.2 अरब यानी लगभग 22 फीसदी तक पहुंच जाएगी। 

क्यों बढ़ रही बुजुर्गों की संख्या?

भारत में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के मुख्य तीन कारण बताए जा रहे हैं। इनमें घटती प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर में कमी और उत्तरजीविता में वृद्धि शामिल है। बीते एक दशक में देश में प्रजनन क्षमता में 20 फीसदी की गिरावट आई है। 2008-10 के दौरान देश की सकल प्रजनन दर 86.1 थी, जो 2018 से 2020 के दौरान घटकर 68.7 रह गई है।

बिहार देश का सबसे युवा राज्य

कुल आबादी में बुजुर्गों के राष्ट्रीय औसत से कम संख्या वाले 11 राज्य हैं। इनमें 7.7% बुजुर्ग आबादी के साथ बिहार देश का सबसे युवा राज्य है। 8.1% बुजुर्ग आबादी के साथ उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे युवा राज्य है। शीर्ष पांच राज्यों में असम (8.2%) तीसरे, झारखंड (8.4%) चौथे और राजस्थान व मध्य प्रदेश (8.5%) पांचवें स्थान पर हैं।

केरल सबसे बुजुर्ग राज्य

60 पार उम्र की 16.5% आबादी के साथ केरल सबसे बुजुर्ग राज्य है। वहां बुजुर्गों की उत्तरजीविता में वृद्धि व प्रजनन दर में तीव्र गिरावट हुई है। सबसे बुजुर्ग पांच राज्यों में तमिलनाडु, केरल व आंध्र प्रदेश दक्षिण से हैं, हिमाचल व पंजाब उत्तर से हैं। आंध्र (12.3%) पांचवां, पंजाब (12.6%) चौथा, हिमाचल (13.1%) तीसरा और तमिलनाडु (13.7%) दूसरा सबसे बुजुर्ग राज्य है।

संपत्ति के मामले में भारत में 40 प्रतिशत बुजुर्ग गरीब

रिपोर्ट के अनुसार भारत में 40 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग संपत्ति के मामले में गरीब हैं और लगभग 18.7 प्रतिशत बुजुर्गों के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। बुजुर्गों में गरीबी का यह स्तर उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। कुल मिलाकर भारत में हर 5 में से 2 बुजुर्ग संपत्ति के लिहाज से गरीब श्रेणी में हैं। यह जम्मू-कश्मीर में 4.2 प्रतिशत और पंजाब में 5 प्रतिशत है जबकि लक्षद्वीप में 40.2 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 47 प्रतिशत है।

Delhincr

Sep 28 2023, 16:45

#Ministry Of Civil Aviation: नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने विभिन्न प्राधिकरणों में कार्यबल बढ़ाने के लिये शुरू किया पहल

नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने बुधवार को कहा कि विभिन्न प्राधिकरणों में कार्यबल बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं, जिसमें नव निर्मित 416 में से 114 पद पहले ही भरे जा चुके हैं, जबकि शेष को चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा.

कार्यबल के इस विस्तार को इंडिगो, एयर इंडिया और अन्य जैसी भारतीय एयरलाइनों के बढ़ते बेड़े के जवाब में देखा जा रहा है.बता दें कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अलावा, हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (AERA) और भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (AAI) में कार्यबल बढ़ाने की पहल की गई है.इसी कड़ी में देश में हवाई अड्डों के आर्थिक विनियमन की देखरेख करने वाली एक स्वतंत्र नियामक संस्था एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (AERA) के द्वारा कार्यों के शीघ्र निर्वहन के लिए नागर विमानन मंत्रालय की पहल पर कुल 10 नए पद सृजित किए गए हैं.

इन 10 में से पांच पद भरे जा चुके हैं, शेष पद भी जल्द भरे जाएंगे. इसके अलावा मौजूदा पदों पर 27 रिक्तियां थीं, जिनमें से 24 भरे जा चुके हैं और शेष तीन प्रक्रियाधीन हैं.

वहीं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने हवाई यात्रा सुरक्षा और दक्षता के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (एटीसीओ) के आवश्यक संख्या में पदों का सृजन, उनकी भर्ती और प्रशिक्षण शामिल हैं.

इसी क्रम में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दो चरणों में एटीसीओ के 796 अतिरिक्त पद सृजित किए गए हैं. इनमें मई 2022 में 340 पद और अप्रैल 2023 में 456 पदों को भरने के लिए कार्रवाई की गई.

India

Sep 28 2023, 15:19

जनवरी-जून में फास्टैग के जरिये ट्रांजेक्शन 25% बढ़ा, डेढ़ साल में फास्टैग की संख्या 56.5% बढ़ी

इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) ने देश की सड़कों पर टोल के भुगतान का तरीका पहले कि तुलना में अब काफी बदल गया है। अब अन्य इस्तेमाल के साथ पार्किंग प्लाजा पर भी इस माध्यम से भुगतान बढ़ रहा है। इस साल जनवरी से जून के बीच ईटीसी ट्रांजेक्शन 30,340 करोड़ रुपए का रहा। ये 2022 की पहली छमाही में ट्रांजेक्शन के मुकाबले 25.3% ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि उस दौरान 24,220 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था।

ताजा जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन नाकों की संख्या बढ़ने के साथ ही फास्टैग की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पेमेंट एंड ट्रांजेक्शनल सर्विस वर्ल्डलाइन की इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के ताजा संस्करण के मुताबिक, देश में जारी होने वाले फास्टैग की संख्या जनवरी 2022 के 4.60 करोड़ से बढ़कर जून 2023 में 7.20 करोड़ हो गई है, जो 56.5% की वृद्धि है।

पहली छमाही में कुल 185 करोड़ ट्रांजेक्शन

 इस साल की पहली छमाही यानी जनवरी से जून के बीच फास्टैग से 185 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए जो बीते साल की समान अवधि से 17.6% ज्यादा है। 2022 की पहली छमाही में 157 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह देखते हुए कि ईटीसी टैग एक अनिवार्य आदेश है, यह संख्या लगातार बढ़ती रहेगी।

Mankibaat

Sep 28 2023, 07:56

76 सालों से इंसाफ के इंतजार में बिहार के सिख शरणार्थी , अपना सबकुछ छोड़कर आ गए लेकिन यहाँ 2 गज जमीन तक नही मिल पाई।
पटना: शहीद भगत सिंह जी की जयंती की पूर्व संध्या पर पद यात्रा में सिख शरणार्थीयों का छलका दर्द | देश विभाजन के दौरान पश्चिमी पाकिस्तान में सबकुछ लूटा सुखद भविष्य की चाह लेकर प्रदेश में आये शरणार्थियों का हाल कुछ यूँ हैं कि 75 वर्षों के पश्चात भी उन्हें सरकारी स्तर पर इंशाफ़ नहीं मिल सका है और आज भी उनमें वर्ष 1947 की मर्मभेदी पीड़ा व्याप्त है और उसकी टीस से अपनों के बीच ही पंजाबी शरणार्थी पराया महसूस कर रहे हैं।

दरअसल तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद का आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने अब तक चितकोहरा स्थिति सैकड़ों पंजाबी शरणार्थियों को अर्जित जमीन उपलब्ध नहीं करा सकी है भू -माफियाओं के अवैध कब्जे से निजात पाने के लिए अर्जित जमीन के दावेदार शरणार्थियों ने राज्य सरकार से किसी तरह की मदद मिलने की उम्मीद छोड़ दी है क्यूंकि कि विगत सात दशकों से राष्ट्रपति, मानवाधिकार आयोग और राज्यपाल के तमाम आदेश सचिवालय तथा जिला समाहरणालय में कागजी घोड़ा बनकर रह गया हैं | भू-राजस्व विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक के अधिकारी एक ही सिक्के, के दो पहलू हैं। राष्ट्रपति से लेकर राज्यपाल और मानवाधिकार आयोग ने चितकोहरा शरणार्थी शिविर की अर्जित भूमि पर किये गये अतिक्रमण को मुक्त कराने और दखल दिलाने का आदेश राज्य सरकार को दिया लेकिन अब तक आदेश के आलोक में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद के आदेश पर पश्चिमी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरवाला समेत अन्य जगहों से आये तीन सौ शरणार्थी परिवारों के लिए राज्य सरकार ने चौदह बीघा और चौदह कट्ठा से अधिक जमीन चितकोहरा में वहां के जमींदार अजीजउद्दीन अशरफ एवं अन्य भूपतियों से अर्जित की थी, जो बिहार सरकार के गजट (21 सितम्बर, 1949) में बतौर रिकार्ड दर्ज है। इसमें दावेदार, पंजाबी शरणार्थियों के लिए 4.86 एकड़ जमीन भी गजट में शामिल है।

दावेदार शरणार्थी वे परिवार है जिनका सबकुछ पाकिस्तान में रह गया और वे केवल अपनी जान बचाते हुए खाली हाथ भारत लौटे थे लेकिन हैरानी की बात यह है कि पटना जिला प्रशासन के दस्तावेज में मात्र 4.47 एकड़ जमीन ही दर्ज है। जिसके तहत शरणार्थियों के लिए 2.47 एकड़ जमीन पर 139 क्वार्टर निर्मित कराया गया और एक सौ परिवारों को बसाया गया। शेष बची दो एकड़ जमीन पर जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया। उक्त अवैध कब्जे में पड़ी जमीन पर पंजाबी शर्णार्थियो को आज तक नसीब नहीं हो सका।

चितकोहरा के उस अतिक्रमित जमीन पर भूपतियों ने अपने गुंडों के बलबूते बाजार भी लगा रहे हैं और पैसा उगाही कर रहे है | इस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रपति सचिवालय में 8 जून, 2003 को पटना के जिलाधिकारी को आदेश दिया और उस जमीन पर शरणार्थियों का दखल कराने का दिशा-निर्देश भी दिया। फिर भी जिला प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इससे पूर्व वर्ष 1979 में पंजाबी शरणार्थियों के लिए अर्जित जमीन पर अतिक्रमण का मामला बिहार विधान मंडल में आया और फिर दोनों सदनों ने चितकोहरा स्थित पंजाबी शरणार्थी कालोनी की अर्जित जमीन पर से अतिक्रमण हटाने और उस पर दखल दिलाने को आदेश राज्य सरकार को दिया लेकिन उस आदेश को भी | ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

वर्ष 1984-85 में सहाय्य एवं पूर्नवास विभाग के आयुक्त बी. के. सिंह ने भी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और उस पर शारणार्थियों को दखल दिलाने का जिलाधिकारी को दिया। इस आदेश पर जिला प्रशासन के भू-अर्जन अधिकारी ने सहाय्य एवं पूर्नवास विभाग के अधिकारियों के साथ एक बार फिर चितकोहरा में शरणार्थी पंजाबी कालोनी के जमीन का सीमांकन किया और अतिक्रमित जमीन पर पक्का का स्तंभ गाड़ निशान लगाया लेकिन दूसरे दिन ही अतिक्रमणकारियों ने सारे स्तंभ को उखाड़ फेका। इस मामले में 21 जून, 2000 को मानवाधिकार आयोग ने अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने और उस पर शरणार्थियों को दखल दिलाने का आदेश मुख्य सचिव, बिहार सरकार को दिया । फिर भी जिला प्रशासन ने अतिक्रमण से जमीन को मुक्त कराने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की। अभी हाल ही में भी डी. एम. साहेब द्वारा हमारी पंजाबी कॉलोनी की जमीन का नापी का आदेश ज्ञापांक 3640 दिनांक 29.09.2021 दिया गया पर नापी नही हो सका फिर दोबारा ज्ञापांक 5885 दिनांक 24.09.2022 नापी का आदेश हुआ पर नापी पूर्ण नही हो सका उपरांत ज्ञापांक 9407 दिनांक 16.11.2022 को हमलोग से पंजाबी कॉलोनी का असली नक्शा का मांग किया गया जोकी हमलोग पूर्व में भी कह चुके हैं की पंजाबी शरणार्थी की जमीन के कागज़ किसी डिपार्टमेंट में नही है जबकी हाईकोर्ट का आदेश भी है की पंजाबी कॉलोनी का कागज खोज कर शरणार्थीयों की जमीन उन्हें दी जाय

पर पता नहीं हम लोगो को लगता है प्रशासन हमारी कोई मदद नहीं करना चाहता क्योंकि हम महा अल्पसंख्यक है इसका एक नमूना है की 9441 दिंनाक 08.04.2023 द्वारा हम लोगो की सुनवाई के लिए 17.04.2023 को बुलाया गया पर 17.04.2023 को वहां जा कर पता चला की आपकी सुनवाई कैंसल कर दिया गया है उसके बाद एक तरफा फैसला सुना कर कब्रिस्तान की बाउंड्री का आदेश दे दिया गया एक तरफ़ा फैसला कहाँ का इन्शाफ़ है | एक तरफा फैसला होने के कारण पंजाबी कॉलोनी में तनाव का माहौल बना हुआ रहता है, हमें भी इंशाफ चाहिए इसलिय सरकार से आग्रह पूर्वक कहना है की कब्रिस्तान की बाउंड्री रोक कर हमारी जमीन भी नापी कराई जाए ताकि हमें भी पत्ता चल सके की हमारी कौन सी जमीन है |

अतः हमारी जमीन से अतिक्रमण हटा कर हमें हमारी जमीन हमें कब्जे में दिलाई जाय ताकि सिख शरणार्थीयों का विकाश हो सके | भवदीय -सरदार हीरा सिंह बग्गा (उपाध्यक्ष) गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा गोबिन्द नगर, चितकोहरा,पटना| मो०- 7903714569

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Sep 28 2023, 00:48

JSSC (Jharkhand) JGGLCCE 2023 : New Exam Date Announced

Advt No. : 10 & 11/2023

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