*तहसील समाधान दिवस में पहुंचे 61 फरियादी, 7 मामले मौके पर निस्तारित हुए*

खजनी तहसील में आयोजित जुलाई महीने के पहले समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे एसडीएम राजेश प्रताप सिंह के समक्ष कुल 61 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए, जिनमें 32 मामले भूमि विवादों के तथा 15 मामले पुलिस विभाग से संबंधित पाए गए शेष 7 मामले अन्य विभागों से संबंधित पाए गए, मौके पर 7 मामलों का समाधान करा दिया गया।

इस दौरान छितौनी बुजुर्ग गांव के निवासी रामधारी ने एसडीएम को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि लेखपाल और कानूनगो ने उन्हें मृतक दर्शा कर उनकी 20 डिसमिल जमीन को एक महिला के नाम पर वरासत कर दिया है, जबकि वह जीवित हैं, एसडीएम ने बताया ऐसा कंप्यूटर ने नाम दर्ज करते हुए गलती से हो गया है, स्थगन आदेश दे दिया गया है जमीन पुनः उन्हीं के नाम पर हो जाएगी। गहना गांव के निवासी श्रीकांत यादव ने बताया कि धारा 24 में उनकी जमीन के पत्थर नस्ब का आदेश वर्ष 2022 में हुआ, किंतु अब तक पत्थर नस्ब नहीं हुआ, लेखपाल कानूनगो ने उनके विरोधी पक्ष को उनके हिस्से से लगभग 6 कट्ठे जमीन अधिक नाप कर दे दी है। उनकी शिकायत पर तहसील प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। डोहरियां गांव के निवासी दीनानाथ मोदनवाल ने गांव की पोखरी और खलिहान की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत की, एसडीएम ने सभी मामलों में मौके पर पहुंच कर जांच और समाधान कराने का आदेश दिया।

समाधान दिवस में दिवस प्रभारी तहसीलदार ध्रुवेश कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह नायब तहसीलदार राकेश शुक्ला समेत अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

*सैफई महोत्सव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री का निजी सपा कार्यकर्त्ता डाटा आपरेटर को करंट लगने से हालत हुई थी ख़राब,पीड़ित को अभी तक नहीं मिला न्याय*
सुल्तानपुर के रहने वाले एक सपा कार्यकर्ता ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते सैफई महोत्सव के दौरान होर्डिंग लगाते समय करंट को चपेट में आया युवक को मुवाबजे के रूप में फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। 2004 से लेकर अब तक वो कभी मुख्यमंत्री कार्यालय तो कभी सपा कार्यालय के चक्कर लगा रहा है, लेकिन आज तक मिला तो केवल आश्वासन। कहानी पूरी बताएंगे और इत्मीनान से बताएंगे और दिखाएंगे कि जो अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं के हर सुख दुख में साथ खड़े रहने का वायदा करते हैं,आखिर सुल्तानपुर का ये सपा कार्यकर्ता क्यों उन्हीं पर आरोप लगा रहा है। दरअसल सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थानाक्षेत्र के सुरौली गांव का रहने वाला मोहम्मद अली 90 के ही दशक में किशोरावस्था में लखनऊ चला गया था। वहां मोटर मैकेनिक का कार्य करने के साथ साथ गाना भी गाया करता था। इसी दरम्यान सपा के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा की निगाह मोहम्मद अली पर पड़ी और उन्होंने इसे तत्कालीन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह से मिलवा दिया। मुलायम सिंह ने अली को अपने आवास पर रखवा लिया और छोटा मोटा कार्य करवाने लगे। वहीं 2003 में तीसरी बार मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मोहम्मद अली को 2004 में सचिवालय में अस्थाई रूप से इंट्री ऑपरेटर की नौकरी दिलवा दी। तब से वहां वो कार्य करने लगा। उसी के कुछ दिनों बाद दिसंबर माह में सैफई महोत्सव का आयोजन होना था, लिहाजा अधिकारियों ने सभी अस्थाई नौकरी करने वालों की मौखिक रूप से ड्यूटी सैफई में लगा दी गई। मोहम्मद अली की माने तो तैयारियों के दौरान वो और उसके साथी होर्डिंग लगा रहे थे, इसी दौरान इनकी होर्डिंग का लोहा ऊपर जा रहे बिजली की तार की चपेट में आ गया,जिसमें दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि इसे गंभीरावस्था में इलाज के लिए लखनऊ लाया गया। यहां भी तबियत बिगड़ी तो दिल्ली एम्स भेजा गया और वहां के बाद इसे बेहतर इलाज के लिए मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी बड़े नेता का फर्ज निभाते हुए तत्काल मुख्यमंत्री राहत कोष से मोहम्मद अली के खाते में 15 लाख 5 हजार रूपये इलाज के लिए भेजे, लेकिन मौके पर न मिलने पर चेक वापस कर दिया गया और आज तक वो पैसा मोहम्मद अली के खाते में नहीं पहुंचा। बीच बीच में कुछ सपा के वरिष्ठ ने नेता मिलने आते तो सपा सुप्रीमो से मदद के लिए सहानभूति पत्र जरूर थमा देते। वहीं इलाज के लिए हिंदुजा हॉस्पिटल में अली करीब एक दशक तक वेंटिलेटर पर ही रहा, जिसके बाद इनकी पत्नी ने अपने गहने और पिता ने इलाज के लिए अपनी जमीन तक बेच डाली। सन 2016 में जब मोहम्मद अली हिंदुजा हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ तो उसकी माली हालत बेहद खराब हो चुकी थी, लिहाजा वो पुनः मुलायम सिंह के पास पहुंचा,उस समय सूबे के अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। मुलायम सिंह यादव ने तत्काल अखिलेश को निर्देशित किया और इलाज में लगे 15 लाख 5 हजार रूपये देने को कहा। अखिलेश ने आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से आए अखिलेश यादव के पत्रानुसार 19 मई 2016 को निदेशक लखनऊ को प्रेषित भी की गई लेकिन उसके बाद भी उसे पैसे नहीं मिले। अली ने इसको लेकर कई बार अखिलेश यादव से मुलाकात भी की लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक कोई धनराशि नहीं मिली। लगातार अली पार्टी कार्यालय जाता और तमाम नेताओं और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात भी करता लेकिन कुछ हासिल न हुआ। पैसे देने के बजाय 2021 में मोहम्मद अली को सुल्तानपुर कार्यकारिणी में जिला सचिव का पद दे दिया गया। वहीं 16 जनवरी 2022 को अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली को आश्वासन भी दिया कि 2022 के विधानसभा चुनाव उपरांत पार्टी फंड से देने का आश्वासन दिया था। लेकिन चुनाव हारने के बाद अखिलेश अपना वायदा भूल गए। *20 वर्षों से केवल मिलता रहा मो अली को आश्वासन* इधर अली के माता पिता भी गुजर गए। करंट लगने के चलते वो कुछ काम भी नहीं कर पाता,तीन बेटियों में से एक का निकाह हो गया है जबकि दो बेटियों की इसपर जिम्मेदारी भी है। पत्नी ही इधर उधर कुछ काम करके किसी तरह जीवन यापन कर रही है। वही पीड़ित मो अली को अब केवल बाबा से उम्मीदें है!
*याद किए गए पूर्व केन्द्रीय मंत्री बाबू केएन सिंह*
26वीं पुण्यतिथि पर कमला नेहरू संस्थान परिसर में आयोजित हुआ कार्यक्रम सुलतानपुर।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कमला नेहरू संस्थान के संस्थापक बाबू केएन सिंह की 26वीं पुण्यतिथि पर संस्थान परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। वैदिक रीति रिवाज से हवन-पूजन परिजनों की ओर से किया गया। उनकी समाधि पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्चन कर लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। जिले में उत्कृष्ट शिक्षा की नींव रखने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री केदार नाथ सिंह काँग्रेस के जमाने में बड़ी हस्ती हुआ करते थे।

उन्होंने कमला नेहरू संस्थान की स्थापना वर्ष 1972 में की थी, जो आज वट वृक्ष बन चुका है। मंगलवार को कमला नेहरू संस्थान परिसर में स्थित उनकी समाधि स्थल पर पुष्पार्चन किया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री के ज्येष्ठ पुत्र अरविन्द सिंह, शहर विधायक विनोद सिंह, पूर्व एमएलसी अशोक सिंह, डॉ अखंड प्रताप सिंह, ओम प्रकाश सिंह, पुलकित सिंह ने सपत्नीक हवन पूजन किया। केएनआई के प्रबन्धक विनोद सिंह ने कहा कि बाबू जी ने जिस उम्मीद के साथ शिक्षा की नीट रखी थी वह आज फलीभूत हो रहा है। देश की समृद्धि में शिक्षा का योगदान अहम है। समाज के कमजोर एवं निर्बल वर्ग तक शिक्षा पहुंचे यह हम सभी का प्रयास है।

प्राचार्य प्रो आलोक कुमार सिंह ने कहा कि बाबू केदारनाथ सिंह बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे उन्होंने राजनीति के साथ ही समाज के उत्थान के लिए हुए सार्थक प्रयास किया। कमला नेहरू संस्थान उनकी ऊँची सोच की परिणाम है। इस मौके पर प्रो. राधेश्याम सिंह, प्रो. सुशील कुमार सिंह, प्रो महेश प्रसाद, प्रो डीएस पुंडीर , डॉ एनडी सिंह, मृदुल कुमार सिंह, जेबी सिह, राणा प्रताप पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो डीके त्रिपाठी, संत तुलसीदास पी जी कालेज के प्राचार्य प्रो रामनयन सिंह, एएनडीटीटी कॉलेज सीतापुर के प्राचार्य प्रो० एसपी सिंह, सल्तनत बहादुर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो एसपी सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो प्रवीण कुमार सिंह समेत राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि, संस्थान के समस्त प्राध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण मौजूद रहे।
यूपीएसी एवं यूपी पीएससी मेंस पास करने वाले पूर्व प्रशिक्षुओं को मेंटर बनने का मौका
छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान ने मांगे आवेदन

समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रशिक्षण संस्थान में आईएएस/पीसीएस की करवाई जाती है कोचिंग

लखनऊ। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, भागीदारी भवन, गोमती नगर, लखनऊ में मेंटरशिप कार्यक्रम के अंतर्गत एक खास पहल की गई है। इस बार उन युवाओं को मेंटर बनने का अवसर दिया जा रहा है, जिन्होंने पूर्व के वर्षों (2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24) में संस्थान से कोचिंग ली है और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अथवा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की है। संस्थान द्वारा ऐसे पूर्व में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जो वर्तमान बैच के छात्रों को मार्गदर्शन और प्रेरणा देने के इच्छुक हैं। आवेदन की अंतिम तारीख 11 जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है। इच्छुक अभ्यर्थी संस्थान की वेबसाइट www-bhagidaribhawan-in   पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी पवन कुमार यादव ने बताया कि 5 युवाओं का चयन किया जाएगा, जिन्हें प्रत्येक कक्षा के लिए 500 रुपये का मानदेय दिया जाएगा। संस्थान के अनुसार चयनित प्रेरकों को अनिवार्य रूप से तय समयावधि के लिए मेंटरिंग गतिविधियों में सहभागिता करनी होगी। यह पहल पूर्व के उम्मीदवारों के अनुभव का लाभ वर्तमान अभ्यर्थियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के युवा उम्मीदवारों को आईएएस/पीसीएस व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी करवाई जाती है।
तेंदूपत्ता बोनस में करोड़ों का घोटाला: EOW-ACB ने 11 अधिकारी-कर्मचारियों को हिरासत में लिया

रायपुर- तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी करीब 7 करोड़ रुपये के गबन से जुड़े मामले में की गई है, जिसमें संग्राहकों को दिए जाने वाले बोनस की राशि का बड़ा हिस्सा हड़प लिया गया था. EOW ने आज सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 30 जून तक पुलिस रिमांड में ले लिया है. इस दौरान पुलिस सभी आरोपियों से मामले में पूछताछ करेगी।

पद के दुरुपयोग और षड्यंत्र का मामला

जांच में सामने आया है कि तत्कालीन वनमंडलाधिकारी अशोक कुमार पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वन विभाग के अन्य अधिकारियों और प्राथमिक लघुवनोपज समितियों के प्रबंधकों व पोषक अधिकारियों के साथ मिलकर वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक में संग्राहकों को दी जाने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा गबन कर कुछ हिस्सा निजी लोगों के साथ बंदरबांट किया था.

EOW ने इस मामले में भादवि की धारा 409 (विश्वासघात) और 120बी (षड्यंत्र) के तहत अपराध क्रमांक 26/2025 दर्ज किया था.

गिरफ्तार किए गए आरोपी

EOW ने सबूतों के आधार पर जिन 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें शामिल हैं:

वन विभाग के 4 अधिकारी/कर्मी:

  1. चैतूराम बघेल (उप वनक्षेत्रपाल)
  2. देवनाथ भारद्वाज (उप वनक्षेत्रपाल)
  3. पोड़ियामी इड़िमा उर्फ हिडमा (उप वनक्षेत्रपाल)
  4. मनीष कुमार बारसे (वनरक्षक)

7 लघुवनोपज समिति के प्रबंधक/सहयोगी:

  1. पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु
  2. मोहम्मद शरीफ
  3. सी.एच. रमना (चिटूरी)
  4. सुनील नुप्पो
  5. रवि कुमार गुप्ता
  6. आयतू कोरसा
  7. मनोज कवासी

सभी आरोपियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

पहले ही हो चुकी है DFO की गिरफ्तारी

उल्लेखनीय है कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी और तत्कालीन वनमंडलाधिकारी अशोक कुमार पटेल को पहले ही 17 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया जा चुका है. EOW अधिकारियों के अनुसार, प्रकरण की जांच अभी जारी है, और जल्द ही इस गबन से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी कार्रवाई की जाएगी.

नागरिक आपूर्ति निगम की संचालक मंडल की बैठक सम्पन्न: अनुकम्पा नियुक्ति को मिली स्वीकृति, कर्मचारियों के हित में महंगाई भत्ते में हुई वृद्धि

रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड (नागरिक आपूर्ति निगम) के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में निगम मुख्यालय, नवा रायपुर में संचालक मंडल की 95वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में निगम कर्मचारियों के हित में कई निर्णय लिए गए। वर्षों से लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के विषय पर संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य करते हुए निगम के पांच दिवंगत सेवायुक्तों के आश्रित परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय संबंधित परिवारों के लिए न केवल राहत का माध्यम बनेगा, बल्कि उनके जीवन को स्थायित्व देने वाला भी सिद्ध होगा।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लेखों का अंतिमीकरण कर वित्तीय पत्रकों को अनुमोदित किया गया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के बजट का संचालक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया। बैठक में मार्च 2025 से शासन द्वारा घोषित महंगाई भत्ते में वृद्धि को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इससे निगम के समस्त कर्मचारियों में हर्ष का वातावरण बना और उन्होंने इस निर्णय हेतु अध्यक्ष एवं संचालक मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची द्वारा WPS No-1265/2023 में पारित न्यायादेश दिनांक-03.04.2024 के अनुपालन में स्व० अमित कुमार, तदेन उच्च वर्गीय लिपिक, प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान, दुमका के सेवा नियमित एवं सम्पुष्ट करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, राँची के सुचारू संचालन, प्रबंधन एवं प्रशासन के लिए राशि रू० 3,00,00,000/- (तीन करोड़) मात्र का सहायता अनुदान का प्रतिवर्ष भुगतान झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, रांची को करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या- W.P. (S) No. 2715/2020, कुन्दन प्रसाद बनाम् झारखण्ड सरकार एवं अन्य तथा उक्त से उद्भूत अवमाननावाद संख्या Cont. (C) No. 24/2025 में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में श्री कुन्दन प्रसाद की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

डॉ० गुरूचरण सिंह सलूजा, चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल, नगर उँटारी, गढ़वा को "सेवा से बर्खास्तगी" के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य चिकित्सा परिषद् (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

राज्य के प्रमण्डलीय मुख्यालयों यथा-दुमका एवं पलामू में डिप्लोमा स्तरीय राजकीय फार्मेसी संस्थान की स्थापना हेतु 56 (28+28) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के निदेश के आलोक में झारखण्ड राज्य में Legislative Forum on HIV/AIDS (LFA) का गठन किए जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखंड राज्य आवास बोर्ड (आवासीय भू-सम्पदा का प्रबंधन एवं निस्तार) (संशोधन) विनियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

लातेहार अन्तर्गत "बरवाडीह-मंडल-भंडरिया पथ (पार्ट-1, चैनेज 0.00 कि०मी० से चैनेज 25.00 कि०मी०) (कुल लम्बाई-25.00 कि०मी०) के चौड़ीकरण एव मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 114,99,62,100/- (एक सौ चौदह करोड़ निन्यानबे लाख बासठ हजार एक सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पे-मैट्रिक्स लेवल-9 से न्यून राज्यपत्रित पदाधिकारियों को मोबाइल फोन एवं रिचार्ज की अनुमान्यता की स्वीकृति दी गई।

LPA No. 74/2022 योगेश्वर राम बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दि०-15.09.2022 (arising out of order dated 07-10-2021 passed in W.P.(S) No. 4933/2014) को पारित न्यायादेश तथा मा० सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में SLP Diary No. 13339/2024 State of Jharkhand & Ors. Versus Yogeshwar Ram में दिनांक-17.01.2025 को पारित न्यायादेश के अनुपालन में श्री योगेश्वर राम, सेवानिवृत उप निबंधक, सहयोग समितियाँ (सहकारिता सेवा) को दि०-09.08.1999 के प्रभाव से वेतनमान 12000-16500 में प्रथम सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (1st ACP) एवं दिनांक-11.08.2002 के प्रभाव से वेतनमान 14300-18300 में द्वितीय सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (2nd ACP) योजना का लाभ अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई।

पुलिस पदाधिकारियों / कर्मचारियों को झारखण्ड स्थापना दिवस (15 नवम्बर) के अवसर पर पुलिस पदक से सम्मानित करने की प्रक्रियाओं में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड भवन, नई दिल्ली के पदाधिकारियों/कर्मचारियों की झारखण्ड सरकार से प्राप्त निदेश के आलोक में विशेष परिस्थिति में नई दिल्ली-रांची-नई दिल्ली की यात्रा की घटनोत्तर स्वीकृति एवं उक्त यात्रा में हुए व्यय की राशि रू० 1,19,711/- (एक लाख उन्नीस हजार सात सौ ग्यारह) मात्र की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग, राँची द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के सफल आयोजन हेतु झारखण्ड आकस्मिकता निधि (JCF) से कुल रू० 31,50,00,000/- (एकतीस करोड़ पचास लाख) अतिरिक्त राशि की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के अंशकालीन पदाधिकारियों तथा कैडेटो के शिविरों में आने-जाने के दौरान दैनिक भत्ता में वृद्धि तथा एन.सी.सी. कैडेटों को AC Tier-3 में यात्रा की स्वीकृति दी गई।

राज्य के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों / कार्यालयों के लिये सरकारी वाहनों की अनुमान्यता में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित ताज होटल के निर्माण हेतु Maximum Ground Coverage 25% से बढ़ाकर 40% एवं Maximum Building Height 26 metre से बढ़ाकर 27 metre तक करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा (स्नातक स्तर) संचालन नियमावली, 2015 (समय-समय पर यथा संशोधित) में आवश्यक संशोधन की स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, राँची अन्तर्गत "अरगोड़ा (पुराना अरगोड़ा चौक) (MDR-018 पर) से नया सराय (रिंग रोड) (MDR-013 पर) भाया पुन्दाग पथ (कुल लम्बाई-6.175 कि०मी०) के चार लेन में निर्माण कार्य (पुल निर्माण, भू-अर्जन, Utility Shifting. Plantation एवं Resettlement & Rehabilitation सहित)" हेतु रू0 141,06,06,000/- (एक सौ एकतालीस करोड़ छः लाख छः हजार रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमंडल, सिमडेगा अन्तर्गत "सिमडेगा-सेवई-किंकेल-कुरडेग- कुटमाकछार-छत्तीसगढ़ सीमा तक पथ (MDR-044) (कुल लं0-63.20 कि0मी0) का राईडिंग क्वालिटी में सुधार (IRQP) कार्य" हेतु रू0 38,00,34,800 /- (अड़तीस करोड़ चौंतीस हजार आठ सौ रू०) मात्र का प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, मनोहरपुर अन्तर्गत "उधन बारंगा धानापल्ली पथ के चैनेज 11वें कि०मी० में कोयल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य (पहुँच पथ निर्माण एवं भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 37,88,72,600/- (सैंतीस करोड़ अट्ठासी लाख बहत्तर हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य राजमार्ग प्राधिकार के माध्यम से "Widening & Strengthening/New Construction to Six Lane Divided Carriageway with service road, Cycle Track and footpath of Vivekanand School More to Ring Road via Jharkhand High Court & Jharkhand Vidhan Sabha Road (Length-6.089 km) & Widening & Strengthening to Two Lane with Paved Shoulder of Link Road from Naya Sarai ROB to Ring Road (Length-2.12km) (Total Length-8.209 km) (पुल निर्माण, भू-अर्जन, R&R एवं Utility shifting (Electrical+OFC+Gas Pipes) सहित)" हेतु रू0 301,12,48,600/- (तीन सौ एक करोड़ बारह लाख अड़तालीस हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

आजमगढ़:-लिंक एक्सप्रेसवे का सीएम योगी ने किया लोकार्पण, सपा पर साधा निशाना, बोले- वे विकास नहीं डी कंपनी चलाते थे
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  रोड कनेक्टिविटी की सौगात गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण फुलपुर तहसील के  सलारपुर टोलप्लाजा के पास चकिया में किया। लोकार्पण के बाद सीएम ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान सीएम ने आज़मगढ़ में सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को गिनाया तो वही समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला।
जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आजमगढ़ की अंबेडकर नगर और संत कबीर नगर को वर्ल्ड क्लास कनेक्टिविटी का उपहार आज आपको प्राप्त हो रहा है।  इसके लिए सीएम ने सभी  को बधाई देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों के सामने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर जो लक्ष्य तय किया था और उसे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कीवर्ष  2047 में भारत एक विकसित भारत होगा।  उसे विकसित भारत के लिए विकसित और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में डबल इंजन की भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा किए गए प्रयासों से आज  उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे प्रदेश के रूप में अपनी पहचान बना रहा है ।
आज आजमगढ़  अदम्य साहस का गढ़ बन चुका है
  सीएम ने कहा कि  आज से 8 वर्ष पहले पहचान का संकट होता था।  लोग आजमगढ़ का नाम लेने से घबराते थे । उत्तर प्रदेश का नाम लेने से घबराते थे।  आज़मगढ़ ने एक नहीं दो-दो मुख्यमंत्री दिए और इस आज़मगढ़ को पहचान का मोहताज होना पड़ा था।   लेकिन आज 8 वर्ष के अंदर प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में आजमगढ़ पहचान का मोहताज नहीं है। आज आजमगढ़ से अदम्य साहस का गढ़ बन चुका है।  अब यह विकास की मुख्य धारा के साथ जुड़ चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि याद करिए कितने विकास की योजनाएं पिछले 8 वर्ष में आजमगढ़ में आई। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास भी जुलाई  2018  में प्रधानमंत्री जी ने किया था और उद्घाटन भी  2021 में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन भी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।  अब मैं देखता हूं आजमगढ, मऊ, गाजीपुर, बलिया  के लोग सुबह जाते हैं लखनऊ और दोपहर में अपना कार्य निपटा करके वापस अपने गांव , अपने शहर में वापस आ जाते हैं । यह होती है गति और यही होती है प्रगति।
2017 में डेढ़ एक्सप्रेस वे , 2025 में 6 एक्सप्रेस वे
  जब हम लोग 2017 में आए थे हमारे पास डेढ एक्सप्रेसवे थे।  यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे का काम  आधा हुआ था । आज मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि आधे काम को तो हमने पूरा किया ही, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की यात्रा का साक्षी आप बन रहे हैं।  2021 से लगातार बना रहे हैं।  2022 में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चालू हो गया है।  300 किलोमीटर का है,  पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 340 किलोमीटर का बनकर   पहले तैयार हो चुका है।  अब इसकी कनेक्टिविटी सीधे पटना तक के लिए पूरी  पूरी होने जा रही है ।  पटना से लेकर के लखनऊ तक और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की पूरी कनेक्टिविटी कितनी आसान हो जाएगी।
पटना से लेकर के दिल्ली तक की कनेक्टिविटी
।  1857 के प्रथम स्वतंत्र समर के नायक वीर कुंवर सिंह ने जब अंग्रेजों को पछाड़ने  के लिए आजमगढ़ तक अंग्रेजों का मुकाबला किया था , तब कनेक्टिविटी नहीं थी । अगर उस समय यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होता तो आजमगढ़ के लोग वीर कुंवर सिंह के साथ मिलकर के अंग्रेजों को मार-मार करकेखदेड़े  होते और फिर यह देश 1857 में ही स्वाधीन हो गया होता ।  लेकिन आज पटना से लेकर के दिल्ली तक की कनेक्टिविटी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे देने जा रही है । बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे दिल्ली से आगरा होते हुए, हम इसको सीधे चित्रकूट तक जोड़ रहे हैं । 300 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे बन चुका है । यातायात फर्राटा भर रहा है । और आज 91 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे  आजमगढ़ से गोरखपुर की कनेक्टिविटी को पूरा करने जा रहा है। बीच में अंबेडकर नगर जनपद और संत कबीर नगर जनपद में इसका लाभ प्राप्त करेगा । दिल्ली से मेरठ के बीच में एक्सप्रेसवे का निर्माण 12 लेन का एक्सप्रेस वे पहले ही प्रारंभ हो चुका है । एक्सप्रेसवे बनने के पहले दिल्ली से मेरठ की दूरी को तय करने में लगते थे 3 घंटे और आज एक्सप्रेस वे हो गया है तो मात्र 40 से 45 मिनट में दूरी को तय किया जा सकता है ।  गंगा एक्सप्रेसवे लगभग 600 किलोमीटर लंबा बन रहा है।  मेरठ से लेकर के प्रयागराज तक इसकी बेहतरीन कनेक्टिविटी हो रही है।  इस वर्ष के अंत तक हम उसको भी  प्रधानमंत्री जी के कर कमलों  से लोकार्पित करने वाले हैं । लखनऊ से कानपुर के बीच का एक्सप्रेस वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस वे और इस प्रकार के लगभग 6 एक्सप्रेस वे निर्माणाधीन  है । शेष पर कार्य होने जा रहा है।  यानी इंफ्रास्ट्रक्चर को इतना मजबूत कर देंगे , इतना मजबूत कर देंगे कि  उत्तर प्रदेश को समृद्ध होने से कोई रोक नहीं सकता है, कोई वंचित नहीं कर सकता है । और यही तो इस नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की पहचान है ।
2017 से पहले सड़क में गड्ढे या गड्ढे में सड़क
वर्ष  2017 के पहले पता ही नहीं लगता था, गड्ढे में सड़क है कि सड़क में गड्ढे।लेकिन आज गड्ढा मुक्त सड़के है। इंटर इस्टेट कनेक्टविट  फोरलेन के साथ है,हर जनपद मुख्यालय फोरलेन कनेक्टिविटी के साथ,  तहसील और ब्लॉक मुख्यालय टू लाइन की कनेक्टिविटी के साथ है। 
आज 16 एयरपोर्ट क्रियाशील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि  याद करिए वर्ष 2017 के पहले दो एयरपोर्ट थे आज उत्तर प्रदेश के अंदर 16 एयरपोर्ट क्रियाशील है । उसमें से चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट है,  अयोध्या का इंटरनेशनल एयरपोर्ट महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है और   सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। उद्योग यही लगेंगे, यहीं पर इसका लाभ मिलेगा पहचान का मोहताज नहीं होना पड़ेगा।  हमारे यहां के नौजवानों को उसी के गांव उसी के क्षेत्र में  रोजगार भी मिलेगा ।  प्रधानमंत्री मोदी जी के संकल्प के अनुसार विकसित भारत के सपने को साकार करने का जो लक्ष्य उन्होंने हमें दिया है उसे लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश अपनी भूमिका का निर्माण करेगा।  आज इंफ्रास्ट्रक्चर इसी को लेकर के आपको समर्पित किया जा रहा है।  
सत्ता में आने पर परिवार की बात करते
सीएम ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि  विकास का कोई विकल्प नहीं हो सकता।  जो लोग जाति के नाम पर बांटने वाले लोग हैं यह वही लोग हैं जिनको सत्ता मिली थी। जाति के नाम पर तो बांधते थे लेकिन जब सत्ता में आते थे तो सत्ता में आने पर तब यह लोग अपने परिवार की बात करते थे।  अभी आप मुझे बताइए 60244 पुलिस भर्ती हुई है ना । आजमगढ़ के लोग भर्ती हुए हैं कि नहीं हुए हैं, मुझे बताओ आप मुझे बताओ किसी से कोई पैसा मांगा है क्या।  कोई सिफारिश करवानी पड़ी है क्या।  अरे हर जाति हर संप्रदाय से जुड़े हुए लोग भर्ती हुए हैं ,और इसमें भी 12045 केवल बेटियां भर्ती हुई है । उनकी ट्रेनिंग भी होने जा रही है।   उत्तर प्रदेश का नौजवान एक साथ 60244 एक साथ भर्ती हो गया, कोई सिफारिश नहीं । वर्ष 2017 के पहले हुआ होता तो चाचा और भतीजा झोला लेकर के वसूली के लिए निकल गए होते। यानी वहा पर भी भेद होता था।  पैसा लेकर के किसी की भर्ती नहीं होती थी उसके बगैर तो होती नहीं थी।  लेकिन अब कोई भेदभाव नहीं ।अब तो सबकी अवसर मिल रहा है । सबका साथ और सबके विकास का यही भाव है।  जिसमें सब की भागीदारी होगी कोई भेदभाव नहीं होगा अब तो आजमगढ़ का नौजवान कहीं जाएगा देश के अंदर और दुनिया के अंदर केवल उत्तर प्रदेश से हूं तो लोग बड़े सम्मान के साथ देखेंगे।  उत्तर प्रदेश जिसने विरासत विकास का एक अद्भुत संबंध में स्थापित किया है, महाकुंभ प्रयागराज  अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भगवान राम लाल के भव्य मंदिर का निर्माण होना, काशी में काशी विश्वनाथ धाम का होना, मां विंध्यवासिनी धाम का विकसित होना, चित्रकूट धाम का विकसित होना यह सभी आज एक नई पहचान दिला  रहे हैं और अब तो मथुरा वृंदावन की तरफ हम भिड़ चुके हैं।  मथुरा वृंदावन में भी हमारा कार्य प्रारंभ हो चुका है।  
सीएम योगी ने कहा कि  एक्सप्रेस वे और हाईवे, रेलवे की कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी ,महाराज सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़ में आज विश्वविद्यालय बन गया है।  यहां के मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज का भी निर्माण हो चुका है। 
निरहुआ और नीलम के जीतने पर द्रुत गति से हुआ था विकास
सीएम ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा  कि इन्होंने अपने परिवार की चिंता की, अपनी जाति की भी चिंता नहीं कि केवल परिवार की चिंता की। किसी गैर सफाई वासी को यहां से सांसद बनाकर के भेजने का काम किया था, तो भारतीय जनता पार्टी ने ही किया था । निरहुआ, नीलम सोनकर सांसद बानी तो आज़मगढ़ में विकास द्रुत गति से आगे बढ़ा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के नाम पर बनाया था बेवकूफ
सीएम ने कहा कि आपने मुख्यमंत्री को जीतकर भेजा वे भी विश्विद्यालय, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे  नहीं दे पाए थे। कितना बेवकूफ बनाया था पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के नाम पर । 340 किलोमीटर का लंबा एक्सप्रेस शिलान्यास कर दिया, एलाइनमेंट भी नहीं पता और जमीन एक भी इंच नहीं खरीदी।  जब 6 महीने के बाद 20 17 में में आया मैंने कहा कि क्या हुआ क्या प्रोग्रेस है तो पता चला जीरो तो  बनेगा कहां पर , मैंने कहा फिर यह टेंडर कैसे हो गए टेंडर कर दिए गए थे।  15200 करोड़ के एक्सप्रेसवे की चौड़ाई थी मात्र 110 मीटर।  हमने चौड़ाई को  110 नहीं 120 मीटर चौड़ा किया। जिससे की  बाई चांस हमें एक्सप्रेसवे के साथ  जब हम हाई स्पीड सेमी हाई स्पीड ट्रेन का संचालन भी करेंगे, उसके लिए हमें जमीन चाहिए होगी ।  हम उसके साथ एक्सप्रेसवे के साथ उसको भी दौड़ा सके । हमने जमीन खरीदे, पुराने टेंडर को कैंसिल किया  और फिर इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए  वही एक्सप्रेस में 11800 करोड रुपए में बना करके हमने समर्पित कर दिया। ये  3000- 4000 करोड रुपए की डकैती डालने वाले कौन लोग थे । यह वही लोग हैं जो आज आपको गुमराह करने के लिए फिर से ईमानदारी का चेहरा दिखाने के लिए आपके पास आएंगे। 
विकास नहीं दाऊद को पालते व पार्टनरशिप करते थे
सीएम ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा किवे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे नहीं बनवाये,  महाराज सुहेलदेव के नाम पर विश्वविद्यालय नहीं बनाये। वे  विकास नहीं करते थे,  वे  तो मुंबई की डी कंपनी को पालते थे।  दाऊद गिरोह को पालते थे, पार्टनरशिप करते थे । उनके साथ मिलकर बंदरबांट  करते थे,  सुरक्षा में सेंध लगते थे, कोई आतंकी वारदात होती थी बदनाम आजमगढ़ होता था। पहचान का संकट मेरे नौजवानों के सामने आता था । आज तो ऐसा नहीं है।  देश की सुरक्षा में सेंध कोई लगाएगा तो आज़मगढ़ की पहचान पर संकट नहीं आएगा बल्कि संकट पैदा करने वालो   को पहले से ही जहन्नुम का टिकट दे दिया जाएगा ।  
यह नया भारत है
देश की सुरक्षा पर कोई खिलवाड़ नहीं यह नया भारत है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से देश के दुश्मनों को स्पष्ट संदेश भी दे दिया है, कि  कोई भारत की सुरक्षा में सेंध  लगाएगा, आतंकवाद को भड़काएगा,  प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा तो घुस करके मारेंगे चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक हो या ऑपरेशन सिंदूर हो।  भारत के बहादुर जवान दुश्मन की मांद में घुसकर के निकाल बाहर  करेंगे और देश के सुरक्षा वालों का काम तमाम करेंगे। 
गौरतलब है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़े गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.35 किमी है। यह गोरखपुर के एनएच-27 पर जैतपुर के पास शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलता है।
चार जिलों गोरखपुर,संतकबीरनगर, आंबेडकरनगर और आजमगढ़ से होकर गुजरने वाला यह एक्सप्रेस-वे भविष्य में छह लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण सहित 7283.28 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसका निर्माण दो भाग में गोरखपुर के जैतपुर से अंबेडकरनगर के फुलवरिया तक (48.317 किमी) और फुलवरिया से आजमगढ़ के सलारपुर तक (43.035 किमी) किया गया है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले जाने पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, आदेश के उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट परिसर में अब मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर जाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, न्यायालय कक्ष में उपस्थित रहने वाले पक्षकारों और वादियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे मोबाइल या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (भले ही स्विच ऑफ मोड में हो) अंदर न ले जाएं।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोर्ट की कार्यवाही के किसी भी भाग की रिकॉर्डिंग सख्त रूप से प्रतिबंधित है। यदि कोई व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (न्यायालय कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग) नियम, 2022 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।

देखें आदेश

यह प्रतिबंध अधिवक्ताओं और उनके क्लर्कों पर भी समान रूप से लागू होगा। रजिस्ट्रार जनरल ने अधिवक्ताओं और उनके सहायकों से इन निर्देशों का गंभीरता से पालन करने की अपील की है।

गौरतलब है कि पहले से ही कोर्ट रूम में मोबाइल को साइलेंट मोड पर रखने की हिदायत थी, ताकि कोर्ट की कार्यवाही बाधित न हो। लेकिन हाल के दिनों में कुछ मामलों में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके चलते यह सख्त निर्णय लिया गया है। बताया गया है कि यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर जारी किया गया है।

अब हाई कोर्ट की कार्यवाही में कोई भी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेकर जाने पर पूरी तरह से रोक रहेगी, और नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई तय मानी जाएगी।

बिना अनुमति के नसबंदी: केजीएमयू के पूर्व कुलपति समेत चार डॉक्टरों पर FIR

लखनऊ। केजीएमयू और क्वीन मैरी अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां बिना अनुमति के नसबंदी करने के मामले में केजीएमयू के तत्कालीन कुलपति समेत चार डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद की गई है।

हरदोई निवासी हेमवती नंदन द्वारा चौक कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, 4 अक्टूबर 2022 को उनकी पत्नी को प्रसव के लिए लखनऊ के क्वीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बिना परिवार की अनुमति के महिला की नसबंदी कर दी। एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि परिवार ने नसबंदी से लिखित रूप में मना किया था। इस दौरान नवजात की मृत्यु भी हो गई थी।

घटना के बाद पीड़ित परिवार ने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर लखनऊ पुलिस ने केजीएमयू के तत्कालीन कुलपति सहित क्वीन मैरी की डॉक्टर अमिता पांडे, मोनिका अग्रवाल, निदा खान और डॉक्टर शिवानी के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया है। सभी पर बिना सहमति के चिकित्सा प्रक्रिया अपनाने और लापरवाही से मौत का कारण बनने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।

इस मामले ने चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों की सहमति और अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है, वहीं पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है। अस्पताल प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

*तहसील समाधान दिवस में पहुंचे 61 फरियादी, 7 मामले मौके पर निस्तारित हुए*

खजनी तहसील में आयोजित जुलाई महीने के पहले समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे एसडीएम राजेश प्रताप सिंह के समक्ष कुल 61 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए, जिनमें 32 मामले भूमि विवादों के तथा 15 मामले पुलिस विभाग से संबंधित पाए गए शेष 7 मामले अन्य विभागों से संबंधित पाए गए, मौके पर 7 मामलों का समाधान करा दिया गया।

इस दौरान छितौनी बुजुर्ग गांव के निवासी रामधारी ने एसडीएम को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि लेखपाल और कानूनगो ने उन्हें मृतक दर्शा कर उनकी 20 डिसमिल जमीन को एक महिला के नाम पर वरासत कर दिया है, जबकि वह जीवित हैं, एसडीएम ने बताया ऐसा कंप्यूटर ने नाम दर्ज करते हुए गलती से हो गया है, स्थगन आदेश दे दिया गया है जमीन पुनः उन्हीं के नाम पर हो जाएगी। गहना गांव के निवासी श्रीकांत यादव ने बताया कि धारा 24 में उनकी जमीन के पत्थर नस्ब का आदेश वर्ष 2022 में हुआ, किंतु अब तक पत्थर नस्ब नहीं हुआ, लेखपाल कानूनगो ने उनके विरोधी पक्ष को उनके हिस्से से लगभग 6 कट्ठे जमीन अधिक नाप कर दे दी है। उनकी शिकायत पर तहसील प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। डोहरियां गांव के निवासी दीनानाथ मोदनवाल ने गांव की पोखरी और खलिहान की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत की, एसडीएम ने सभी मामलों में मौके पर पहुंच कर जांच और समाधान कराने का आदेश दिया।

समाधान दिवस में दिवस प्रभारी तहसीलदार ध्रुवेश कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह नायब तहसीलदार राकेश शुक्ला समेत अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

*सैफई महोत्सव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री का निजी सपा कार्यकर्त्ता डाटा आपरेटर को करंट लगने से हालत हुई थी ख़राब,पीड़ित को अभी तक नहीं मिला न्याय*
सुल्तानपुर के रहने वाले एक सपा कार्यकर्ता ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते सैफई महोत्सव के दौरान होर्डिंग लगाते समय करंट को चपेट में आया युवक को मुवाबजे के रूप में फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। 2004 से लेकर अब तक वो कभी मुख्यमंत्री कार्यालय तो कभी सपा कार्यालय के चक्कर लगा रहा है, लेकिन आज तक मिला तो केवल आश्वासन। कहानी पूरी बताएंगे और इत्मीनान से बताएंगे और दिखाएंगे कि जो अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं के हर सुख दुख में साथ खड़े रहने का वायदा करते हैं,आखिर सुल्तानपुर का ये सपा कार्यकर्ता क्यों उन्हीं पर आरोप लगा रहा है। दरअसल सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थानाक्षेत्र के सुरौली गांव का रहने वाला मोहम्मद अली 90 के ही दशक में किशोरावस्था में लखनऊ चला गया था। वहां मोटर मैकेनिक का कार्य करने के साथ साथ गाना भी गाया करता था। इसी दरम्यान सपा के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा की निगाह मोहम्मद अली पर पड़ी और उन्होंने इसे तत्कालीन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह से मिलवा दिया। मुलायम सिंह ने अली को अपने आवास पर रखवा लिया और छोटा मोटा कार्य करवाने लगे। वहीं 2003 में तीसरी बार मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मोहम्मद अली को 2004 में सचिवालय में अस्थाई रूप से इंट्री ऑपरेटर की नौकरी दिलवा दी। तब से वहां वो कार्य करने लगा। उसी के कुछ दिनों बाद दिसंबर माह में सैफई महोत्सव का आयोजन होना था, लिहाजा अधिकारियों ने सभी अस्थाई नौकरी करने वालों की मौखिक रूप से ड्यूटी सैफई में लगा दी गई। मोहम्मद अली की माने तो तैयारियों के दौरान वो और उसके साथी होर्डिंग लगा रहे थे, इसी दौरान इनकी होर्डिंग का लोहा ऊपर जा रहे बिजली की तार की चपेट में आ गया,जिसमें दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि इसे गंभीरावस्था में इलाज के लिए लखनऊ लाया गया। यहां भी तबियत बिगड़ी तो दिल्ली एम्स भेजा गया और वहां के बाद इसे बेहतर इलाज के लिए मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी बड़े नेता का फर्ज निभाते हुए तत्काल मुख्यमंत्री राहत कोष से मोहम्मद अली के खाते में 15 लाख 5 हजार रूपये इलाज के लिए भेजे, लेकिन मौके पर न मिलने पर चेक वापस कर दिया गया और आज तक वो पैसा मोहम्मद अली के खाते में नहीं पहुंचा। बीच बीच में कुछ सपा के वरिष्ठ ने नेता मिलने आते तो सपा सुप्रीमो से मदद के लिए सहानभूति पत्र जरूर थमा देते। वहीं इलाज के लिए हिंदुजा हॉस्पिटल में अली करीब एक दशक तक वेंटिलेटर पर ही रहा, जिसके बाद इनकी पत्नी ने अपने गहने और पिता ने इलाज के लिए अपनी जमीन तक बेच डाली। सन 2016 में जब मोहम्मद अली हिंदुजा हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ तो उसकी माली हालत बेहद खराब हो चुकी थी, लिहाजा वो पुनः मुलायम सिंह के पास पहुंचा,उस समय सूबे के अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। मुलायम सिंह यादव ने तत्काल अखिलेश को निर्देशित किया और इलाज में लगे 15 लाख 5 हजार रूपये देने को कहा। अखिलेश ने आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से आए अखिलेश यादव के पत्रानुसार 19 मई 2016 को निदेशक लखनऊ को प्रेषित भी की गई लेकिन उसके बाद भी उसे पैसे नहीं मिले। अली ने इसको लेकर कई बार अखिलेश यादव से मुलाकात भी की लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक कोई धनराशि नहीं मिली। लगातार अली पार्टी कार्यालय जाता और तमाम नेताओं और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात भी करता लेकिन कुछ हासिल न हुआ। पैसे देने के बजाय 2021 में मोहम्मद अली को सुल्तानपुर कार्यकारिणी में जिला सचिव का पद दे दिया गया। वहीं 16 जनवरी 2022 को अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली को आश्वासन भी दिया कि 2022 के विधानसभा चुनाव उपरांत पार्टी फंड से देने का आश्वासन दिया था। लेकिन चुनाव हारने के बाद अखिलेश अपना वायदा भूल गए। *20 वर्षों से केवल मिलता रहा मो अली को आश्वासन* इधर अली के माता पिता भी गुजर गए। करंट लगने के चलते वो कुछ काम भी नहीं कर पाता,तीन बेटियों में से एक का निकाह हो गया है जबकि दो बेटियों की इसपर जिम्मेदारी भी है। पत्नी ही इधर उधर कुछ काम करके किसी तरह जीवन यापन कर रही है। वही पीड़ित मो अली को अब केवल बाबा से उम्मीदें है!
*याद किए गए पूर्व केन्द्रीय मंत्री बाबू केएन सिंह*
26वीं पुण्यतिथि पर कमला नेहरू संस्थान परिसर में आयोजित हुआ कार्यक्रम सुलतानपुर।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कमला नेहरू संस्थान के संस्थापक बाबू केएन सिंह की 26वीं पुण्यतिथि पर संस्थान परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। वैदिक रीति रिवाज से हवन-पूजन परिजनों की ओर से किया गया। उनकी समाधि पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्चन कर लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। जिले में उत्कृष्ट शिक्षा की नींव रखने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री केदार नाथ सिंह काँग्रेस के जमाने में बड़ी हस्ती हुआ करते थे।

उन्होंने कमला नेहरू संस्थान की स्थापना वर्ष 1972 में की थी, जो आज वट वृक्ष बन चुका है। मंगलवार को कमला नेहरू संस्थान परिसर में स्थित उनकी समाधि स्थल पर पुष्पार्चन किया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री के ज्येष्ठ पुत्र अरविन्द सिंह, शहर विधायक विनोद सिंह, पूर्व एमएलसी अशोक सिंह, डॉ अखंड प्रताप सिंह, ओम प्रकाश सिंह, पुलकित सिंह ने सपत्नीक हवन पूजन किया। केएनआई के प्रबन्धक विनोद सिंह ने कहा कि बाबू जी ने जिस उम्मीद के साथ शिक्षा की नीट रखी थी वह आज फलीभूत हो रहा है। देश की समृद्धि में शिक्षा का योगदान अहम है। समाज के कमजोर एवं निर्बल वर्ग तक शिक्षा पहुंचे यह हम सभी का प्रयास है।

प्राचार्य प्रो आलोक कुमार सिंह ने कहा कि बाबू केदारनाथ सिंह बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे उन्होंने राजनीति के साथ ही समाज के उत्थान के लिए हुए सार्थक प्रयास किया। कमला नेहरू संस्थान उनकी ऊँची सोच की परिणाम है। इस मौके पर प्रो. राधेश्याम सिंह, प्रो. सुशील कुमार सिंह, प्रो महेश प्रसाद, प्रो डीएस पुंडीर , डॉ एनडी सिंह, मृदुल कुमार सिंह, जेबी सिह, राणा प्रताप पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो डीके त्रिपाठी, संत तुलसीदास पी जी कालेज के प्राचार्य प्रो रामनयन सिंह, एएनडीटीटी कॉलेज सीतापुर के प्राचार्य प्रो० एसपी सिंह, सल्तनत बहादुर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो एसपी सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो प्रवीण कुमार सिंह समेत राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि, संस्थान के समस्त प्राध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण मौजूद रहे।
यूपीएसी एवं यूपी पीएससी मेंस पास करने वाले पूर्व प्रशिक्षुओं को मेंटर बनने का मौका
छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान ने मांगे आवेदन

समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रशिक्षण संस्थान में आईएएस/पीसीएस की करवाई जाती है कोचिंग

लखनऊ। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, भागीदारी भवन, गोमती नगर, लखनऊ में मेंटरशिप कार्यक्रम के अंतर्गत एक खास पहल की गई है। इस बार उन युवाओं को मेंटर बनने का अवसर दिया जा रहा है, जिन्होंने पूर्व के वर्षों (2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24) में संस्थान से कोचिंग ली है और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अथवा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की है। संस्थान द्वारा ऐसे पूर्व में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जो वर्तमान बैच के छात्रों को मार्गदर्शन और प्रेरणा देने के इच्छुक हैं। आवेदन की अंतिम तारीख 11 जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है। इच्छुक अभ्यर्थी संस्थान की वेबसाइट www-bhagidaribhawan-in   पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी पवन कुमार यादव ने बताया कि 5 युवाओं का चयन किया जाएगा, जिन्हें प्रत्येक कक्षा के लिए 500 रुपये का मानदेय दिया जाएगा। संस्थान के अनुसार चयनित प्रेरकों को अनिवार्य रूप से तय समयावधि के लिए मेंटरिंग गतिविधियों में सहभागिता करनी होगी। यह पहल पूर्व के उम्मीदवारों के अनुभव का लाभ वर्तमान अभ्यर्थियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के युवा उम्मीदवारों को आईएएस/पीसीएस व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी करवाई जाती है।
तेंदूपत्ता बोनस में करोड़ों का घोटाला: EOW-ACB ने 11 अधिकारी-कर्मचारियों को हिरासत में लिया

रायपुर- तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी करीब 7 करोड़ रुपये के गबन से जुड़े मामले में की गई है, जिसमें संग्राहकों को दिए जाने वाले बोनस की राशि का बड़ा हिस्सा हड़प लिया गया था. EOW ने आज सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 30 जून तक पुलिस रिमांड में ले लिया है. इस दौरान पुलिस सभी आरोपियों से मामले में पूछताछ करेगी।

पद के दुरुपयोग और षड्यंत्र का मामला

जांच में सामने आया है कि तत्कालीन वनमंडलाधिकारी अशोक कुमार पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वन विभाग के अन्य अधिकारियों और प्राथमिक लघुवनोपज समितियों के प्रबंधकों व पोषक अधिकारियों के साथ मिलकर वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक में संग्राहकों को दी जाने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा गबन कर कुछ हिस्सा निजी लोगों के साथ बंदरबांट किया था.

EOW ने इस मामले में भादवि की धारा 409 (विश्वासघात) और 120बी (षड्यंत्र) के तहत अपराध क्रमांक 26/2025 दर्ज किया था.

गिरफ्तार किए गए आरोपी

EOW ने सबूतों के आधार पर जिन 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें शामिल हैं:

वन विभाग के 4 अधिकारी/कर्मी:

  1. चैतूराम बघेल (उप वनक्षेत्रपाल)
  2. देवनाथ भारद्वाज (उप वनक्षेत्रपाल)
  3. पोड़ियामी इड़िमा उर्फ हिडमा (उप वनक्षेत्रपाल)
  4. मनीष कुमार बारसे (वनरक्षक)

7 लघुवनोपज समिति के प्रबंधक/सहयोगी:

  1. पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु
  2. मोहम्मद शरीफ
  3. सी.एच. रमना (चिटूरी)
  4. सुनील नुप्पो
  5. रवि कुमार गुप्ता
  6. आयतू कोरसा
  7. मनोज कवासी

सभी आरोपियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

पहले ही हो चुकी है DFO की गिरफ्तारी

उल्लेखनीय है कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी और तत्कालीन वनमंडलाधिकारी अशोक कुमार पटेल को पहले ही 17 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया जा चुका है. EOW अधिकारियों के अनुसार, प्रकरण की जांच अभी जारी है, और जल्द ही इस गबन से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी कार्रवाई की जाएगी.

नागरिक आपूर्ति निगम की संचालक मंडल की बैठक सम्पन्न: अनुकम्पा नियुक्ति को मिली स्वीकृति, कर्मचारियों के हित में महंगाई भत्ते में हुई वृद्धि

रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड (नागरिक आपूर्ति निगम) के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में निगम मुख्यालय, नवा रायपुर में संचालक मंडल की 95वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में निगम कर्मचारियों के हित में कई निर्णय लिए गए। वर्षों से लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के विषय पर संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य करते हुए निगम के पांच दिवंगत सेवायुक्तों के आश्रित परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय संबंधित परिवारों के लिए न केवल राहत का माध्यम बनेगा, बल्कि उनके जीवन को स्थायित्व देने वाला भी सिद्ध होगा।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लेखों का अंतिमीकरण कर वित्तीय पत्रकों को अनुमोदित किया गया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के बजट का संचालक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया। बैठक में मार्च 2025 से शासन द्वारा घोषित महंगाई भत्ते में वृद्धि को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इससे निगम के समस्त कर्मचारियों में हर्ष का वातावरण बना और उन्होंने इस निर्णय हेतु अध्यक्ष एवं संचालक मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची द्वारा WPS No-1265/2023 में पारित न्यायादेश दिनांक-03.04.2024 के अनुपालन में स्व० अमित कुमार, तदेन उच्च वर्गीय लिपिक, प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान, दुमका के सेवा नियमित एवं सम्पुष्ट करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, राँची के सुचारू संचालन, प्रबंधन एवं प्रशासन के लिए राशि रू० 3,00,00,000/- (तीन करोड़) मात्र का सहायता अनुदान का प्रतिवर्ष भुगतान झारखण्ड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, रांची को करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय अन्तर्गत दायर वाद संख्या- W.P. (S) No. 2715/2020, कुन्दन प्रसाद बनाम् झारखण्ड सरकार एवं अन्य तथा उक्त से उद्भूत अवमाननावाद संख्या Cont. (C) No. 24/2025 में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में श्री कुन्दन प्रसाद की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

डॉ० गुरूचरण सिंह सलूजा, चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल, नगर उँटारी, गढ़वा को "सेवा से बर्खास्तगी" के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य चिकित्सा परिषद् (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

राज्य के प्रमण्डलीय मुख्यालयों यथा-दुमका एवं पलामू में डिप्लोमा स्तरीय राजकीय फार्मेसी संस्थान की स्थापना हेतु 56 (28+28) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के निदेश के आलोक में झारखण्ड राज्य में Legislative Forum on HIV/AIDS (LFA) का गठन किए जाने की स्वीकृति दी गई।

झारखंड राज्य आवास बोर्ड (आवासीय भू-सम्पदा का प्रबंधन एवं निस्तार) (संशोधन) विनियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।

लातेहार अन्तर्गत "बरवाडीह-मंडल-भंडरिया पथ (पार्ट-1, चैनेज 0.00 कि०मी० से चैनेज 25.00 कि०मी०) (कुल लम्बाई-25.00 कि०मी०) के चौड़ीकरण एव मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण कार्य (भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 114,99,62,100/- (एक सौ चौदह करोड़ निन्यानबे लाख बासठ हजार एक सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पे-मैट्रिक्स लेवल-9 से न्यून राज्यपत्रित पदाधिकारियों को मोबाइल फोन एवं रिचार्ज की अनुमान्यता की स्वीकृति दी गई।

LPA No. 74/2022 योगेश्वर राम बनाम झारखण्ड राज्य एवं अन्य में दि०-15.09.2022 (arising out of order dated 07-10-2021 passed in W.P.(S) No. 4933/2014) को पारित न्यायादेश तथा मा० सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में SLP Diary No. 13339/2024 State of Jharkhand & Ors. Versus Yogeshwar Ram में दिनांक-17.01.2025 को पारित न्यायादेश के अनुपालन में श्री योगेश्वर राम, सेवानिवृत उप निबंधक, सहयोग समितियाँ (सहकारिता सेवा) को दि०-09.08.1999 के प्रभाव से वेतनमान 12000-16500 में प्रथम सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (1st ACP) एवं दिनांक-11.08.2002 के प्रभाव से वेतनमान 14300-18300 में द्वितीय सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन (2nd ACP) योजना का लाभ अनुमान्य करने की स्वीकृति दी गई।

पुलिस पदाधिकारियों / कर्मचारियों को झारखण्ड स्थापना दिवस (15 नवम्बर) के अवसर पर पुलिस पदक से सम्मानित करने की प्रक्रियाओं में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड भवन, नई दिल्ली के पदाधिकारियों/कर्मचारियों की झारखण्ड सरकार से प्राप्त निदेश के आलोक में विशेष परिस्थिति में नई दिल्ली-रांची-नई दिल्ली की यात्रा की घटनोत्तर स्वीकृति एवं उक्त यात्रा में हुए व्यय की राशि रू० 1,19,711/- (एक लाख उन्नीस हजार सात सौ ग्यारह) मात्र की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग, राँची द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के सफल आयोजन हेतु झारखण्ड आकस्मिकता निधि (JCF) से कुल रू० 31,50,00,000/- (एकतीस करोड़ पचास लाख) अतिरिक्त राशि की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के अंशकालीन पदाधिकारियों तथा कैडेटो के शिविरों में आने-जाने के दौरान दैनिक भत्ता में वृद्धि तथा एन.सी.सी. कैडेटों को AC Tier-3 में यात्रा की स्वीकृति दी गई।

राज्य के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों / कार्यालयों के लिये सरकारी वाहनों की अनुमान्यता में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित ताज होटल के निर्माण हेतु Maximum Ground Coverage 25% से बढ़ाकर 40% एवं Maximum Building Height 26 metre से बढ़ाकर 27 metre तक करने की स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा (स्नातक स्तर) संचालन नियमावली, 2015 (समय-समय पर यथा संशोधित) में आवश्यक संशोधन की स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, राँची अन्तर्गत "अरगोड़ा (पुराना अरगोड़ा चौक) (MDR-018 पर) से नया सराय (रिंग रोड) (MDR-013 पर) भाया पुन्दाग पथ (कुल लम्बाई-6.175 कि०मी०) के चार लेन में निर्माण कार्य (पुल निर्माण, भू-अर्जन, Utility Shifting. Plantation एवं Resettlement & Rehabilitation सहित)" हेतु रू0 141,06,06,000/- (एक सौ एकतालीस करोड़ छः लाख छः हजार रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमंडल, सिमडेगा अन्तर्गत "सिमडेगा-सेवई-किंकेल-कुरडेग- कुटमाकछार-छत्तीसगढ़ सीमा तक पथ (MDR-044) (कुल लं0-63.20 कि0मी0) का राईडिंग क्वालिटी में सुधार (IRQP) कार्य" हेतु रू0 38,00,34,800 /- (अड़तीस करोड़ चौंतीस हजार आठ सौ रू०) मात्र का प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

पथ प्रमण्डल, मनोहरपुर अन्तर्गत "उधन बारंगा धानापल्ली पथ के चैनेज 11वें कि०मी० में कोयल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य (पहुँच पथ निर्माण एवं भू-अर्जन सहित)" हेतु रू० 37,88,72,600/- (सैंतीस करोड़ अट्ठासी लाख बहत्तर हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

झारखण्ड राज्य राजमार्ग प्राधिकार के माध्यम से "Widening & Strengthening/New Construction to Six Lane Divided Carriageway with service road, Cycle Track and footpath of Vivekanand School More to Ring Road via Jharkhand High Court & Jharkhand Vidhan Sabha Road (Length-6.089 km) & Widening & Strengthening to Two Lane with Paved Shoulder of Link Road from Naya Sarai ROB to Ring Road (Length-2.12km) (Total Length-8.209 km) (पुल निर्माण, भू-अर्जन, R&R एवं Utility shifting (Electrical+OFC+Gas Pipes) सहित)" हेतु रू0 301,12,48,600/- (तीन सौ एक करोड़ बारह लाख अड़तालीस हजार छः सौ रू०) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

आजमगढ़:-लिंक एक्सप्रेसवे का सीएम योगी ने किया लोकार्पण, सपा पर साधा निशाना, बोले- वे विकास नहीं डी कंपनी चलाते थे
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  रोड कनेक्टिविटी की सौगात गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण फुलपुर तहसील के  सलारपुर टोलप्लाजा के पास चकिया में किया। लोकार्पण के बाद सीएम ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान सीएम ने आज़मगढ़ में सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को गिनाया तो वही समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला।
जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आजमगढ़ की अंबेडकर नगर और संत कबीर नगर को वर्ल्ड क्लास कनेक्टिविटी का उपहार आज आपको प्राप्त हो रहा है।  इसके लिए सीएम ने सभी  को बधाई देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों के सामने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर जो लक्ष्य तय किया था और उसे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कीवर्ष  2047 में भारत एक विकसित भारत होगा।  उसे विकसित भारत के लिए विकसित और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में डबल इंजन की भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा किए गए प्रयासों से आज  उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे प्रदेश के रूप में अपनी पहचान बना रहा है ।
आज आजमगढ़  अदम्य साहस का गढ़ बन चुका है
  सीएम ने कहा कि  आज से 8 वर्ष पहले पहचान का संकट होता था।  लोग आजमगढ़ का नाम लेने से घबराते थे । उत्तर प्रदेश का नाम लेने से घबराते थे।  आज़मगढ़ ने एक नहीं दो-दो मुख्यमंत्री दिए और इस आज़मगढ़ को पहचान का मोहताज होना पड़ा था।   लेकिन आज 8 वर्ष के अंदर प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में आजमगढ़ पहचान का मोहताज नहीं है। आज आजमगढ़ से अदम्य साहस का गढ़ बन चुका है।  अब यह विकास की मुख्य धारा के साथ जुड़ चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि याद करिए कितने विकास की योजनाएं पिछले 8 वर्ष में आजमगढ़ में आई। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास भी जुलाई  2018  में प्रधानमंत्री जी ने किया था और उद्घाटन भी  2021 में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन भी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।  अब मैं देखता हूं आजमगढ, मऊ, गाजीपुर, बलिया  के लोग सुबह जाते हैं लखनऊ और दोपहर में अपना कार्य निपटा करके वापस अपने गांव , अपने शहर में वापस आ जाते हैं । यह होती है गति और यही होती है प्रगति।
2017 में डेढ़ एक्सप्रेस वे , 2025 में 6 एक्सप्रेस वे
  जब हम लोग 2017 में आए थे हमारे पास डेढ एक्सप्रेसवे थे।  यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे का काम  आधा हुआ था । आज मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि आधे काम को तो हमने पूरा किया ही, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की यात्रा का साक्षी आप बन रहे हैं।  2021 से लगातार बना रहे हैं।  2022 में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चालू हो गया है।  300 किलोमीटर का है,  पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 340 किलोमीटर का बनकर   पहले तैयार हो चुका है।  अब इसकी कनेक्टिविटी सीधे पटना तक के लिए पूरी  पूरी होने जा रही है ।  पटना से लेकर के लखनऊ तक और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की पूरी कनेक्टिविटी कितनी आसान हो जाएगी।
पटना से लेकर के दिल्ली तक की कनेक्टिविटी
।  1857 के प्रथम स्वतंत्र समर के नायक वीर कुंवर सिंह ने जब अंग्रेजों को पछाड़ने  के लिए आजमगढ़ तक अंग्रेजों का मुकाबला किया था , तब कनेक्टिविटी नहीं थी । अगर उस समय यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होता तो आजमगढ़ के लोग वीर कुंवर सिंह के साथ मिलकर के अंग्रेजों को मार-मार करकेखदेड़े  होते और फिर यह देश 1857 में ही स्वाधीन हो गया होता ।  लेकिन आज पटना से लेकर के दिल्ली तक की कनेक्टिविटी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे देने जा रही है । बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे दिल्ली से आगरा होते हुए, हम इसको सीधे चित्रकूट तक जोड़ रहे हैं । 300 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे बन चुका है । यातायात फर्राटा भर रहा है । और आज 91 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे  आजमगढ़ से गोरखपुर की कनेक्टिविटी को पूरा करने जा रहा है। बीच में अंबेडकर नगर जनपद और संत कबीर नगर जनपद में इसका लाभ प्राप्त करेगा । दिल्ली से मेरठ के बीच में एक्सप्रेसवे का निर्माण 12 लेन का एक्सप्रेस वे पहले ही प्रारंभ हो चुका है । एक्सप्रेसवे बनने के पहले दिल्ली से मेरठ की दूरी को तय करने में लगते थे 3 घंटे और आज एक्सप्रेस वे हो गया है तो मात्र 40 से 45 मिनट में दूरी को तय किया जा सकता है ।  गंगा एक्सप्रेसवे लगभग 600 किलोमीटर लंबा बन रहा है।  मेरठ से लेकर के प्रयागराज तक इसकी बेहतरीन कनेक्टिविटी हो रही है।  इस वर्ष के अंत तक हम उसको भी  प्रधानमंत्री जी के कर कमलों  से लोकार्पित करने वाले हैं । लखनऊ से कानपुर के बीच का एक्सप्रेस वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस वे और इस प्रकार के लगभग 6 एक्सप्रेस वे निर्माणाधीन  है । शेष पर कार्य होने जा रहा है।  यानी इंफ्रास्ट्रक्चर को इतना मजबूत कर देंगे , इतना मजबूत कर देंगे कि  उत्तर प्रदेश को समृद्ध होने से कोई रोक नहीं सकता है, कोई वंचित नहीं कर सकता है । और यही तो इस नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की पहचान है ।
2017 से पहले सड़क में गड्ढे या गड्ढे में सड़क
वर्ष  2017 के पहले पता ही नहीं लगता था, गड्ढे में सड़क है कि सड़क में गड्ढे।लेकिन आज गड्ढा मुक्त सड़के है। इंटर इस्टेट कनेक्टविट  फोरलेन के साथ है,हर जनपद मुख्यालय फोरलेन कनेक्टिविटी के साथ,  तहसील और ब्लॉक मुख्यालय टू लाइन की कनेक्टिविटी के साथ है। 
आज 16 एयरपोर्ट क्रियाशील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि  याद करिए वर्ष 2017 के पहले दो एयरपोर्ट थे आज उत्तर प्रदेश के अंदर 16 एयरपोर्ट क्रियाशील है । उसमें से चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट है,  अयोध्या का इंटरनेशनल एयरपोर्ट महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है और   सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। उद्योग यही लगेंगे, यहीं पर इसका लाभ मिलेगा पहचान का मोहताज नहीं होना पड़ेगा।  हमारे यहां के नौजवानों को उसी के गांव उसी के क्षेत्र में  रोजगार भी मिलेगा ।  प्रधानमंत्री मोदी जी के संकल्प के अनुसार विकसित भारत के सपने को साकार करने का जो लक्ष्य उन्होंने हमें दिया है उसे लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश अपनी भूमिका का निर्माण करेगा।  आज इंफ्रास्ट्रक्चर इसी को लेकर के आपको समर्पित किया जा रहा है।  
सत्ता में आने पर परिवार की बात करते
सीएम ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि  विकास का कोई विकल्प नहीं हो सकता।  जो लोग जाति के नाम पर बांटने वाले लोग हैं यह वही लोग हैं जिनको सत्ता मिली थी। जाति के नाम पर तो बांधते थे लेकिन जब सत्ता में आते थे तो सत्ता में आने पर तब यह लोग अपने परिवार की बात करते थे।  अभी आप मुझे बताइए 60244 पुलिस भर्ती हुई है ना । आजमगढ़ के लोग भर्ती हुए हैं कि नहीं हुए हैं, मुझे बताओ आप मुझे बताओ किसी से कोई पैसा मांगा है क्या।  कोई सिफारिश करवानी पड़ी है क्या।  अरे हर जाति हर संप्रदाय से जुड़े हुए लोग भर्ती हुए हैं ,और इसमें भी 12045 केवल बेटियां भर्ती हुई है । उनकी ट्रेनिंग भी होने जा रही है।   उत्तर प्रदेश का नौजवान एक साथ 60244 एक साथ भर्ती हो गया, कोई सिफारिश नहीं । वर्ष 2017 के पहले हुआ होता तो चाचा और भतीजा झोला लेकर के वसूली के लिए निकल गए होते। यानी वहा पर भी भेद होता था।  पैसा लेकर के किसी की भर्ती नहीं होती थी उसके बगैर तो होती नहीं थी।  लेकिन अब कोई भेदभाव नहीं ।अब तो सबकी अवसर मिल रहा है । सबका साथ और सबके विकास का यही भाव है।  जिसमें सब की भागीदारी होगी कोई भेदभाव नहीं होगा अब तो आजमगढ़ का नौजवान कहीं जाएगा देश के अंदर और दुनिया के अंदर केवल उत्तर प्रदेश से हूं तो लोग बड़े सम्मान के साथ देखेंगे।  उत्तर प्रदेश जिसने विरासत विकास का एक अद्भुत संबंध में स्थापित किया है, महाकुंभ प्रयागराज  अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भगवान राम लाल के भव्य मंदिर का निर्माण होना, काशी में काशी विश्वनाथ धाम का होना, मां विंध्यवासिनी धाम का विकसित होना, चित्रकूट धाम का विकसित होना यह सभी आज एक नई पहचान दिला  रहे हैं और अब तो मथुरा वृंदावन की तरफ हम भिड़ चुके हैं।  मथुरा वृंदावन में भी हमारा कार्य प्रारंभ हो चुका है।  
सीएम योगी ने कहा कि  एक्सप्रेस वे और हाईवे, रेलवे की कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी ,महाराज सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़ में आज विश्वविद्यालय बन गया है।  यहां के मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज का भी निर्माण हो चुका है। 
निरहुआ और नीलम के जीतने पर द्रुत गति से हुआ था विकास
सीएम ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा  कि इन्होंने अपने परिवार की चिंता की, अपनी जाति की भी चिंता नहीं कि केवल परिवार की चिंता की। किसी गैर सफाई वासी को यहां से सांसद बनाकर के भेजने का काम किया था, तो भारतीय जनता पार्टी ने ही किया था । निरहुआ, नीलम सोनकर सांसद बानी तो आज़मगढ़ में विकास द्रुत गति से आगे बढ़ा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के नाम पर बनाया था बेवकूफ
सीएम ने कहा कि आपने मुख्यमंत्री को जीतकर भेजा वे भी विश्विद्यालय, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे  नहीं दे पाए थे। कितना बेवकूफ बनाया था पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के नाम पर । 340 किलोमीटर का लंबा एक्सप्रेस शिलान्यास कर दिया, एलाइनमेंट भी नहीं पता और जमीन एक भी इंच नहीं खरीदी।  जब 6 महीने के बाद 20 17 में में आया मैंने कहा कि क्या हुआ क्या प्रोग्रेस है तो पता चला जीरो तो  बनेगा कहां पर , मैंने कहा फिर यह टेंडर कैसे हो गए टेंडर कर दिए गए थे।  15200 करोड़ के एक्सप्रेसवे की चौड़ाई थी मात्र 110 मीटर।  हमने चौड़ाई को  110 नहीं 120 मीटर चौड़ा किया। जिससे की  बाई चांस हमें एक्सप्रेसवे के साथ  जब हम हाई स्पीड सेमी हाई स्पीड ट्रेन का संचालन भी करेंगे, उसके लिए हमें जमीन चाहिए होगी ।  हम उसके साथ एक्सप्रेसवे के साथ उसको भी दौड़ा सके । हमने जमीन खरीदे, पुराने टेंडर को कैंसिल किया  और फिर इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए  वही एक्सप्रेस में 11800 करोड रुपए में बना करके हमने समर्पित कर दिया। ये  3000- 4000 करोड रुपए की डकैती डालने वाले कौन लोग थे । यह वही लोग हैं जो आज आपको गुमराह करने के लिए फिर से ईमानदारी का चेहरा दिखाने के लिए आपके पास आएंगे। 
विकास नहीं दाऊद को पालते व पार्टनरशिप करते थे
सीएम ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा किवे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे नहीं बनवाये,  महाराज सुहेलदेव के नाम पर विश्वविद्यालय नहीं बनाये। वे  विकास नहीं करते थे,  वे  तो मुंबई की डी कंपनी को पालते थे।  दाऊद गिरोह को पालते थे, पार्टनरशिप करते थे । उनके साथ मिलकर बंदरबांट  करते थे,  सुरक्षा में सेंध लगते थे, कोई आतंकी वारदात होती थी बदनाम आजमगढ़ होता था। पहचान का संकट मेरे नौजवानों के सामने आता था । आज तो ऐसा नहीं है।  देश की सुरक्षा में सेंध कोई लगाएगा तो आज़मगढ़ की पहचान पर संकट नहीं आएगा बल्कि संकट पैदा करने वालो   को पहले से ही जहन्नुम का टिकट दे दिया जाएगा ।  
यह नया भारत है
देश की सुरक्षा पर कोई खिलवाड़ नहीं यह नया भारत है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से देश के दुश्मनों को स्पष्ट संदेश भी दे दिया है, कि  कोई भारत की सुरक्षा में सेंध  लगाएगा, आतंकवाद को भड़काएगा,  प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा तो घुस करके मारेंगे चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक हो या ऑपरेशन सिंदूर हो।  भारत के बहादुर जवान दुश्मन की मांद में घुसकर के निकाल बाहर  करेंगे और देश के सुरक्षा वालों का काम तमाम करेंगे। 
गौरतलब है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़े गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.35 किमी है। यह गोरखपुर के एनएच-27 पर जैतपुर के पास शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलता है।
चार जिलों गोरखपुर,संतकबीरनगर, आंबेडकरनगर और आजमगढ़ से होकर गुजरने वाला यह एक्सप्रेस-वे भविष्य में छह लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण सहित 7283.28 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसका निर्माण दो भाग में गोरखपुर के जैतपुर से अंबेडकरनगर के फुलवरिया तक (48.317 किमी) और फुलवरिया से आजमगढ़ के सलारपुर तक (43.035 किमी) किया गया है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले जाने पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, आदेश के उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट परिसर में अब मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर जाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, न्यायालय कक्ष में उपस्थित रहने वाले पक्षकारों और वादियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे मोबाइल या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (भले ही स्विच ऑफ मोड में हो) अंदर न ले जाएं।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोर्ट की कार्यवाही के किसी भी भाग की रिकॉर्डिंग सख्त रूप से प्रतिबंधित है। यदि कोई व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (न्यायालय कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग) नियम, 2022 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।

देखें आदेश

यह प्रतिबंध अधिवक्ताओं और उनके क्लर्कों पर भी समान रूप से लागू होगा। रजिस्ट्रार जनरल ने अधिवक्ताओं और उनके सहायकों से इन निर्देशों का गंभीरता से पालन करने की अपील की है।

गौरतलब है कि पहले से ही कोर्ट रूम में मोबाइल को साइलेंट मोड पर रखने की हिदायत थी, ताकि कोर्ट की कार्यवाही बाधित न हो। लेकिन हाल के दिनों में कुछ मामलों में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके चलते यह सख्त निर्णय लिया गया है। बताया गया है कि यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर जारी किया गया है।

अब हाई कोर्ट की कार्यवाही में कोई भी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेकर जाने पर पूरी तरह से रोक रहेगी, और नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई तय मानी जाएगी।

बिना अनुमति के नसबंदी: केजीएमयू के पूर्व कुलपति समेत चार डॉक्टरों पर FIR

लखनऊ। केजीएमयू और क्वीन मैरी अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां बिना अनुमति के नसबंदी करने के मामले में केजीएमयू के तत्कालीन कुलपति समेत चार डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद की गई है।

हरदोई निवासी हेमवती नंदन द्वारा चौक कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, 4 अक्टूबर 2022 को उनकी पत्नी को प्रसव के लिए लखनऊ के क्वीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बिना परिवार की अनुमति के महिला की नसबंदी कर दी। एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि परिवार ने नसबंदी से लिखित रूप में मना किया था। इस दौरान नवजात की मृत्यु भी हो गई थी।

घटना के बाद पीड़ित परिवार ने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर लखनऊ पुलिस ने केजीएमयू के तत्कालीन कुलपति सहित क्वीन मैरी की डॉक्टर अमिता पांडे, मोनिका अग्रवाल, निदा खान और डॉक्टर शिवानी के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया है। सभी पर बिना सहमति के चिकित्सा प्रक्रिया अपनाने और लापरवाही से मौत का कारण बनने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।

इस मामले ने चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों की सहमति और अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है, वहीं पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है। अस्पताल प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।