सरोजनी नायडू मार्ग के परम्परागत फुटपाथ दुकानदारो ने मण्डलायुक को सौपा ज्ञापन।

जिलाधिकारी कार्यालय पर किया प्रदर्शन एडीएम सिटी ने लिया ज्ञापन।

टाऊन वेंडिग कमेटी से पारित वेंडिंग जोन स्थल पर अर्बन बाजार का पीएम स्वनिधि लाभार्थियो ने किया विरोध प्रदर्शन।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।मण्डलायुक्त कार्यालय व जिलाधिकारी कार्यालय पर आजाद स्ट्रीट वेंडर यूनियन हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी सरोजनी नायडू मार्ग पथ विक्रेता संघ ने प्रदेश महामंत्री रवि शंकर द्विवेदी संरक्षक दिवाका त्रिपाठी पूर्व पार्षद मुकुद तिवारी अधिवक्ता प्रमोद भारतीय के नेतृत्व में सभी नगर निगम में पंजिकृत फुटपाथ दुकानदारो ने प्रधानमंत्री का बोर्ड लिए सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट पथ विक्रेता कानून 2014 को लागू करने अर्बन बाजार के टेंडर को निरस्त करने की मांग करते हुये प्रदर्शन किया।मण्डलायुक्त व एडीएम सिटी को दिया मांग पत्र दोनो अधिकारियो ने जांच कराने के साथ ऩ्याय का दिया आश्वासन।

मण्डलायुक्त ने पांच प्रतिनिधियो को कार्यालय में बुलाकर वार्ता की, रवि शंकर द्विवेदी ने पथ विक्रेता कानून (आजीविका का संरक्षण पथ विक्रम का विनियमन)कानून 2014 की धारा 22 के अंतर्गत टाऊन वेंडिन कमेटी ही वेंडिंग जोन नो वेंडिंग जोन निधारित करती है दिनांक 3-10-2020 की बैठक में 28 वेंडिंग जोन का प्रस्ताव पारित किया 10 मुख्य भीड वाली संडको को नो वेंडिंग जोन का भी प्रस्ताव पारित किया गया।चिंहृत वेंडिंग जोन की डीपीआर(डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी बना कर शासन को भेज दी शासन द्वारा दिनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजिविका मिशन NULM ने 9 सितम्बर 2022 को 83 लाख रुपये वेंडिंग जोन निर्माण को भेज दिया गया।

आखिर किसके इशारे पर अधिकारियो ने शासन व सरकार की मंशा के विपरीत संवैधानिक अधिकार प्राप्त गरीब कमजोर फुटपाथ दुकानदारो को व्यवस्थित रूप से वेंडिग जोन में बसाने की योजना को बदल दिया उक्त भूमी स्थल को पूंजीपतियो को सौपने का टेंडर भी निकाल दिया इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए मण्डलायुक्त ने जांच कमेटी बना दी सम्बंधित अधिकारी जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर संवैधानिक कार्यवाही का भरोसा दिया।

प्रदर्शन में अधिवक्ता प्रमोद भारतीय माकेट लीडर रितेश श्रीवास्तव शहजादे मुकेश सोनकर रंजीत दास अविनाश त्रिपाठी अनिल मिश्रा शेख अनस अरविंद मिश्रा रवि गुप्ता शीतल पांडे संतोष सनी यादव दीपक सोनकर अनूप सोनकर पिंटू गौतम सुनील केसरवानी पवन संदीप गुप्ता सत्य नारायण केसरवानी हिमांशु सोनकर विनोद कुमार चौरसिया जय सिंह यादव मोहम्मद समीर सलीम जगदीश कुमार कैलाश चंदअमित कुमार हरेंद्र चौरसिया नवनीत लाल राकेश कुमार गुप्ता अशरफ अली राम बाबू गिरजा शंकर शर्मा एजाज सहित सैकड़ो फुटपाथ दुकानदार मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश बना सौर ऊर्जा में देश का अग्रणी राज्य

* 5157 मेगावाट की क्षमता वृद्धि, जल्द पहुँचेगा 10,000 मेगावाट के लक्ष्य पर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जुलाई 2025 में 27,771 रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन के साथ देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश की कुल सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 2017 में मात्र 389 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 5157 मेगावाट हो चुकी है। शीघ्र ही यह क्षमता 10,000 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।

यह जानकारी प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने लखनऊ के सेट्रम होटल में आयोजित "नेट जीरो समिट" में दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और राज्य सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 का प्रतिफल है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने समय से अपनी सौर व जैव ऊर्जा नीतियां लागू कर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।

श्री शर्मा ने कहा कि सोलर एनर्जी के लिए प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। छतों, कम उपयोगी भूमि और राजमार्गों के किनारे सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी तथा बैंक ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। सौर ऊर्जा न सिर्फ पर्यावरण हितैषी है, बल्कि यह आम जनता के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी भी है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अयोध्या को प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किया गया है, जहां की स्ट्रीट लाइट, घरों की बिजली आपूर्ति और यहां तक कि मोटर बोट भी सोलर ऊर्जा से संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में पनकी, ओबरा, जवाहरपुर, घाटमपुर और खुर्जा में 4700 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजनाएं शुरू की गई हैं और 6000 मेगावाट की योजनाएं प्रस्तावित हैं।

फिलहाल प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 21,000 मेगावाट है, जो 2017 की तुलना में लगभग दोगुनी हो चुकी है। इसमें थर्मल, सोलर और हाइड्रोपावर शामिल हैं। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि बिजली वितरण में सुधार करते हुए पीएलएफ दर 60 से 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है और लाइन लॉस को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हरित ऊर्जा भविष्य की जरूरत है और सरकार पर्यावरण संतुलन के साथ ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है।
उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर में निवेश को लेकर राज्य सरकार की बड़ी पहल

* प्रदेश प्रतिवर्ष 387 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन के साथ देश में अव्वल, डेयरी उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की योजना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को दुग्ध उत्पादन में देश का अग्रणी बनाए रखने के साथ-साथ डेयरी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ स्थित होटल ताज में "उत्तर प्रदेश डेयरी उद्योग विकास एवं संभावनाएं" विषयक निवेशक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 60 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया।

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों के साथ निरंतर संवाद स्थापित कर रही है और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रतिवर्ष 387 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन के साथ देश में पहले स्थान पर है, जो राष्ट्रीय उत्पादन का लगभग 16% है। यहां प्रतिदिन 1062 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की नई दुग्ध क्षेत्र विकास एवं प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत निवेश को आकर्षित करने हेतु कई प्रावधान किए गए हैं। नई परियोजनाओं पर 35% तक (अधिकतम 5 करोड़ रु.) अनुदान और पशु हाउसिंग पर 2 करोड़ रु. तक की सहायता दी जा रही है। अब तक इस नीति के अंतर्गत 355 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हो चुका है।

वर्तमान में प्रदेश में 531 लाख लीटर दूध का संग्रहण और 98 लाख लीटर का प्रसंस्करण हो रहा है। सरकार का लक्ष्य 2027-28 तक दुग्ध प्रसंस्करण स्तर को 25% तक ले जाना है, जिससे रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि होगी।

कार्यशाला में जीएसटी दरों में की गई कटौती पर भी चर्चा हुई। अब यूएचटी मिल्क, पैक्ड पनीर व छेना टैक्स फ्री हैं, जबकि घी, मक्खन, चीज पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया गया है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि निवेशकों के लिए भी यह लाभकारी साबित होगा।

प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने बताया कि विजन 2047 के अंतर्गत प्रदेश को दुग्ध उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य है। कार्यशाला में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, अमूल, आनन्दा डेयरी, ज्ञान डेयरी, मधुसूदन डेयरी सहित कई प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की।
झारखंड सहित पूरे भारत में दिखेगा 'ब्लड मून', 3 साल बाद लगा सबसे लंबा चंद्र ग्रहण

रांची: भादो पूर्णिमा के अवसर पर आज, रविवार रात को साल का सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। गणना के अनुसार, यह खगोलीय घटना रात 9:56 बजे शुरू होगी और 1:28 बजे तक रहेगी। ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:19 बजे से ही आरंभ हो चुका है।

खगोलविदों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि यह 2022 के बाद भारत में दिखने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण है। इस दौरान, जब ग्रहण अपने चरम पर होगा, तब चंद्रमा 'लाल चांद' (ब्लड मून) की रहस्यमयी आभा में जगमगाएगा। यह नजारा देश के हर हिस्से से दिखाई देगा।

कब और कहां दिखेगा 'लाल चांद'?

यह खगोलीय घटना झारखंड के सभी जिलों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। अगर आप इस खास नजारे को देखना चाहते हैं, तो आपको ग्रहण के चरम पर पहुंचने का इंतजार करना होगा।

भारतीय समयानुसार, ग्रहण अपने चरम पर रात 11 बजकर 42 मिनट पर होगा।

इस समय चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा, और आसमान में 'लाल चांद' का अद्भुत दृश्य दिखेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद इतना लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने के लिए लोगों को 31 दिसंबर, 2028 तक इंतजार करना होगा।

*श्रम विभाग: दो श्रम प्रवर्तन अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति, 1072 में शामिल फर्जी आवेदकों से होगी वसूली*

मिर्जापुर। सचिव भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश पूजा यादव ने दो श्रम प्रवर्तन अधिकारियों निमेष पाण्डेय व कौशलेंद्र कुमार सिंह को जनपद में नियुक्ति के दौरान अपात्रों को योजना का हितलाभ देने के मामले में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की है।

इस आदेश से महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।

कार्यालय में नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटर अरुण दुबे भी इस कार्रवाई की जद में है, जिसको जांच अधिकारी द्वारा आरोपित अधिकारियों ने अपने-अपने बयान में दोषी ठहराया है। यह सम्पूर्ण मामला 2021 का है, 2023 में मजदूर नेता व कलमकार मंगल तिवारी ने मजदूरों के हक के लिए आवाज़ उठाई थी। शिकायत पत्र में उल्लेखित है कि उक्त श्रम प्रवर्तन अधिकारियों ने बोर्ड के नियमों को ताक पर रख कर सिंडिकेट की मदद से अपात्रों के आवेदन को पास किया। प्रमुख सचिव श्रम, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के निर्देश पर नामित जांच अधिकारी ने रिपोर्ट सौंपी। 9 सदस्यीय जांच टीम में वाराणसी, भदोही और जौनपुर के अधिकारी शामिल रहे जिसका नेतृत्व वाराणसी के उप श्रमायुक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह ने की थी‌ जिसके बाद विभागीय कार्रवाई अपनायी जा रही है। विभागीय सूत्रों की माने तो धांधली बड़े पैमाने पर हुई है, यदि सारे आवेदनों की जांच हुई तो यह प्रदेश के बड़े भ्रष्टाचार में से एक होगा, लेकिन शिकायत मात्र 1072 सूची से संबंधित है। सन् 2019-20 से लेकर अब तक विभागीय लोगों द्वारा योजनाओं में लगातार गड़बड़ी की जा रही है। बताते चलें कि श्रम विभाग मिर्जापुर में सन् 2021 का दौर ऐसा था जब शिशु एवं बालिका मदद योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, मृत्यु एवं विकलांगता सहायता योजना में हो रही गड़बड़ियों की चर्चा विभागीय कर्मचारियों के बंटवारे को लेकर अनबन के कारण बाहर आयी। शिकायत कर्ता ने जब श्रमिकहित में जानकारी की तो पता चला कि लगभग 1426 में 1072 ऐसे शिशु हितलाभ योजना आवेदनों की जानकारी मिली जिसे लेबर अफसरों ने पास किया था। इस सूची में कुछ को छोड़कर सारे आवेदक या आवेदन बोर्ड के नियमों का पालन नही कर रहे थे, साफ जाहिर है कि योजना में जमकर लूट हो रही है।

विभागीय सूत्र बताते हैं कि शिशु हितलाभ के लिए 2022, 23 में किए गए संदिग्ध आवेदनों पर अब जाकर 2025 में, चुन चुन कर भुगतान किए जाने जा रहे हैं। विभागीय लेबर अफसरों ने हद तब कर दी जब 2025 में आवेदन किए गए फर्जी निर्माण श्रमिकों के खाते में भी मई माह में भुगतान करा दिया। इस पूरी गड़बड़ी में सबसे बड़ा कार्यकाल तत्कालीन सहायक श्रमायुक्त सुविज्ञ सिंह का है जिन्होंने शिकायतों पर अपनी आंखे मूंदे रखी, यहां यह बताना आवश्यक है कि शिशु हितलाभ योजना में भुगतान की कार्यवाही सहायक श्रमायुक्त द्वारा की जाती है।

मीडिया ने 1072 की जांच टीम को जांच के दौरान कटघरे में खड़ा कर दिया था। मीडिया के पूछे गए सवालों ( जिला प्रशासन को खबर किए बिना जांच, जांच के बिंदु, श्रम कार्यालय आए बगैर गेस्ट हाउस में बैठकर जांच, शिकायतकर्ता को सूचना आदि ) का जवाब न तो नामित जांच अधिकारी धर्मेंद्र सिंह के पास था न ही वर्तमान उप श्रमायुक्त मिर्जापुर क्षेत्र पिपरी, सोनभद्र अरुण कुमार सिंह के पास।

आश्चर्य की बात यह थी कि इस जांच की जानकारी तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका निरंजन को भी तब हुई जब सोशल मीडिया में यह मामला वायरल हुआ और डीएम ने सीडीओ से इस बाबत जानकारी मांगी और श्रम विभाग को औंधे मुंह प्रस्तुत होना पड़ा। आरोप लगना लाज़मी था कि जांच पूर्णतया निष्पक्ष नहीं था और न है। जांच अधिकारी व विभाग मुख्यालय के उच्चाधिकारी अज्ञात कारणों से अपने विभागीय अधिकारियों को बचाने का प्रयास करने के चलते जांच में खानापूर्ति हो रही है, चूंकि मामला बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का है जिसे जांच टीम भी नहीं पचा पायी।

योजना का लाभ पात्र श्रमिकों के चयन के बजाय निजीहित को देखते हुए अपात्रों को दिया गया

मिर्ज़ापुर जिले में श्रमिकों के साथ अन्याय हो रहा है, योजना का लाभ पात्र श्रमिकों के चयन के बजाय निजी हित को देखते हुए अपात्रों को दिया जा रहा है‌ जिले में सक्रीय माकू यूनियन के शिकायती पत्र पर जांच अधिकारी वसूली कर रहे हैं, जिससे कर्मकारों को न्याय नही मिल पा रहा है। अब देखना यह है कि इस विभागीय कार्रवाई में क्या कार्रवाई सुनिश्चित हो पाती है।

गोंडा आर.ओ.एच. डिपो: रेलवे वैगनों की विश्वसनीयता और सुरक्षा का प्रतीक


लखनऊ।03 सितंबर 2025: मंडल रेल प्रबंधक श्री गौरव अग्रवाल के मार्गदर्शन और वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर /ईएनएचएम, फ्रेट व डीएम श्री महेंद्र सिंह के नेतृत्व में पूर्वोत्तर रेलवे का गोंडा आर.ओ.एच. (रूटीन ओवरहालिंग) डिपो रेलवे वैगनों की विश्वसनीयता और परिचालन सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। यह डिपो न केवल वैगनों के अनुरक्षण और मरम्मत का केंद्र है, बल्कि प्रीमियम रेक परीक्षण और आर.ओ.एच. के लिए पूर्वोत्तर रेलवे का एकमात्र प्रमुख डिपो भी है।

यहाँ उपलब्ध अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएँ और तकनीकी विशेषज्ञता इसे रेलवे परिचालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं।वैगनों की जीवनरेखा

रूटीन ओवरहालिंग (आर.ओ.एच.) एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रत्येक पी.ओ.एच. (पीरियॉडिक ओवरहालिंग) या निर्माण के दो वर्ष बाद वैगनों के अनुरक्षण के लिए की जाती है। इसके अंतर्गत वैगनों के अंडर गियर और बॉडी के महत्वपूर्ण हिस्सों जैसे व्हील और एक्सल, सी.टी.आर.बी., एयर ब्रेक सिस्टम और कप्लर की गहन मरम्मत और परीक्षण किया जाता है।

यह प्रक्रिया वैगनों की विश्वसनीयता को बढ़ाने के साथ-साथ परिचालन के दौरान होने वाली विफलताओं को कम करती है, जिससे रेलवे परिचालन की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होती है। गोंडा आर.ओ.एच. डिपो में बी.सी.एन., बी.आर.एन., और बी.वी.सी.एम. प्रकार के वैगनों का अनुरक्षण किया जाता है।

गौरवशाली उपलब्धियाँ

गोंडा आर.ओ.एच. डिपो ने अपने स्थापना काल से लेकर अब तक कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं:

1984: पहली बार रेक परीक्षण की शुरुआत।

मई 2006: प्रीमियम रेक परीक्षण की शुरुआत।

फरवरी 2019: 10 वैगनों प्रति माह के लक्ष्य के साथ आर.ओ.एच. डिपो का शुभारंभ।

मार्च 2019: पहले वैगन का आर.ओ.एच. कार्य पूर्ण।

मार्च 2021: 47 वैगनों का आर.ओ.एच. पूरा।

मार्च 2022: 103 वैगनों का आर.ओ.एच. कार्य संपन्न।

मार्च 2025: 154 वैगनों का आर.ओ.एच. पूर्ण।

अगस्त 2025: अब तक का सर्वाधिक 169 वैगनों का आर.ओ.एच., जो डिपो की कार्यक्षमता और समर्पण का प्रतीक है।

प्रीमियम रेक परीक्षण में अग्रणी

गोंडा डिपो पूर्वोत्तर रेलवे का एकमात्र ऐसा डिपो है जो प्रीमियम रेक परीक्षण और आर.ओ.एच. दोनों में विशेषज्ञता रखता है। यहाँ उपलब्ध सभी बुनियादी और मूलभूत सुविधाएँ वैगनों की गुणवत्ता और परिचालन दक्षता को सुनिश्चित करती हैं। डिपो की समर्पित टीम और आधुनिक तकनीक ने इसे रेलवे के अनुरक्षण क्षेत्र में एक मिसाल बनाया है।

भविष्य की योजनाएँ

गोंडा आर.ओ.एच. डिपो न केवल अपनी वर्तमान उपलब्धियों पर गर्व करता है, बल्कि भविष्य में और अधिक वैगनों के अनुरक्षण और प्रीमियम रेक परीक्षण की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह डिपो रेलवे के परिचालन को और अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और कुशल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

नौकरी दिलाने के नाम पर नौ लाख रुपए ऐंठने वाले युवक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

ड्रमंडगंज, मीरजापुर।ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के सेमरा कलां गांव निवासी दिनेश कुमार ने नौकरी दिलाने के नाम नौ लाख रुपए ऐंठने वाले युवक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।दी गई तहरीर में पीड़ित ने आरोप लगाया कि दस मई वर्ष 2022 को रतेह चौराहा पर दोस्तों के साथ नौकरी को लेकर बात कर रहा था।

वहां मौजूद अश्वनी कुमार निवासी महेवा, हरिहरपुर बेदौली थाना पड़री हम लोगों की बातें सुन रहा था। अश्वनी कुमार ने मुझे नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया और झांसा देकर कई बार में नगद और आनलाइन कुल नौ लाख रुपए मुझसे लिया। लेकिन नौकरी नही दिला सका। नौकरी के नाम पर लिए गए नौ लाख रूपए मांगने पर टालमटोल करने लगा और इधर उधर की बातें कर गुमराह करने लगा और रूपए देने से इंकार कर दिया। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस नौकरी के नाम पर नौ लाख रुपए की ठगी करने वाले युवक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है। थानाध्यक्ष ब्रह्मदीन पांडेय ने बताया कि नौकरी का झांसा देकर युवक से नौ लाख रुपए की ठगी करने वाले सदर तहसील निवासी आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

ब्राह्मण मुनाफाखोरी कर रहे हैं’, रूसी तेल खरीद को ट्रंप के सलाहकार ने जाति से जोड़ा

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। पीटर नवारो ने ब रूस-भारत तेल खरीद पर नया बयान दिया है। पीटर नवारो ने टैरिफ और रूसी तेल खरीद के मुद्दे को भारत की जातीय राजनीति से जोड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत में कुछ वर्ग इस रूसी तेल से मुनाफाखोरी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।

फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि भारतीय रिफाइनर रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहे हैं। उसे प्रोसेस करने के बाद महंगे दामों पर निर्यात कर रहे हैं। खासतौर से भारत के ब्राह्मण अपने देश के लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। वहीं रूस इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में कर रहा है। ऐसे में हमें इसे रोकना होगा। नवारो ने आगे कहा कि मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि समझिए यहां क्या हो रहा है। कुछ ब्राह्मण अपने फायदे के लिए आम लोगों का नुकसान कर रहे हैं, और इसे बंद होना चाहिए।

मोदी-पुतिन और जिनपिंग की तिकड़ी से लगी मिर्ची

नवारो में साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों पर सवाल उठाते हुए कहा, मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा कि वह पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों खड़े हैं, जबकि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं। नवारो ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग वैश्विक स्थिरता को कमजोर कर रहे हैं। नवारो का बयान पीएम मोदी के एससीओ समिट के लिए चीन पहुंचने के बाद आया है। इसे एससीओ समिट पर अमेरिका की बौखलाहट की तरह देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने चीन मे प्रेसिडेंट शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात की है।

रूस-यूक्रेन जंग को बढ़ावा दने का आरोप

नवारो ने दावा किया कि फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भारत की रूस से तेल खरीद बहुत ही कम थी, लेकिन इसके बाद भारत ने आयात कई गुना बढ़ा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूसी कच्चे तेल को खरीदकर रिफाइन करता है और फिर उसे अफ्रीका, यूरोप और एशिया के देशों को ऊंचे दाम पर बेचता है, जिससे सीधे तौर पर ‘रूस की युद्ध मशीन’ को ताकत मिल रही है।

टैरिफ के नाम पर दे रहे धमकी

ट्रंप के सलाहकार ने आगे कहा कि अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है, जबकि चीन पर भी इतना ही शुल्क लगाया गया है। उन्होंने कहा, अब सवाल यह है कि इसे और कितना ऊपर ले जाना है। लेकिन भारत की बात करें तो हमें केवल यह याद रखना होगा कि फरवरी 2022 से पहले भारत बहुत ही कम मात्रा में रूसी तेल खरीदता था।

झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना के तीन साल बाद भी नहीं मिला स्थायी परिसर|

24-01-2025 | Ranchi : झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी 24 जनवरी 2025 को दूसरा स्थापना दिवस मना रहा है. हालांकि इस विवि की स्थापना वर्ष 2021 में हुई है, लेकिन विवि में 2022 में कुलपति की नियुक्ति के बाद से यह विवि सक्रिय हुआ. स्थिति यह है कि तीन साल बाद भी विवि को अब तक अपना स्थायी परिसर नहीं मिला है. अब भी बिरसा कृषि विवि अंतर्गत फॉरेस्ट्री संकाय से उधार में लिये गये भवन में कामकाज चल रहा है.



रूस-यूक्रेन वॉर से भारत का कनेक्शन जोड़ने की कोशिश, ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो का बेतुका बयान

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भारत और अमेरिका के बीच इन दिनों रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार भारत और पीएम मोदी को लेकर तरह-तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भी अमेरिका की खीज कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब अमेरिकी टैरिफ को लेकर व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो का बयान सामने आया है। ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर बेतुका बयान दिया है। अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध को भारत से जोड़ दिया है। ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने कहा है कि यूक्रेन में शांति का रास्ता दिल्ली से होकर गुजरता है।

“रूसी तेल खरीदने से मॉस्को की आक्रामकता बढ़ी”

नवारो ने दावा किया कि भारत के रियायती दरों पर रूसी तेल खरीदने से मॉस्को की यूक्रेन में आक्रामकता बढ़ी है और इससे अमेरिकी करदाताओं का बोझ बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे तो उसे अमेरिकी टैरिफ में 25% की छूट मिल सकती है। नवारो की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर लगाया गया 25% टैरिफ 27 अगस्त बुधवार (स्थानीय समयानुसार) प्रभावी हो गया है।

यूक्रेन संघर्ष पर बताया भारत का प्रभाव

ब्लूमबर्ग टीवी के साथ एक इंटरव्यू में वॉइट हाउस के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो यूक्रेन संघर्ष पर भारत का प्रभाव बताया और कहा कि शांति का रास्ता कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर गुजरता है। इंटरव्यू में पीटर नवार्रो ने कहा, भारत जो कर रहा है उससे हर अमेरिकी को नुकसान हो रहा है। उपभोक्ता, व्यवसायी, श्रमिक सबको नुकसान हो रहा है।भारत के कारण नौकरियों, कारखानों, आय और मजदूरी का नुकसान हो रहा है। करदाताओं पर बोझ बढ़ा है, क्योंकि हमें मोदी के युद्ध के लिए फंड करना पड़ रहा है।

भारतीयों को बताया अहंकारी

ट्रंप के सलाहकार ने यह भी कहा, मैं हैरान हूं, क्योंकि मोदी एक महान नेता हैं। यह एक परिपक्व लोकतंत्र है और इसे परिपक्व लोग चला रहे हैं। नवारो ने टैरिफ पर भारत के रुख पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, मुझे जो बात परेशान करती है, वह यह है कि भारतीय इस बारे में बहुत अहंकारी हैं। वे कहते हैं, अरे, हमारे पास ज़्यादा टैरिफ नहीं हैं। अरे, यह हमारी संप्रभुता है। हम जिसे चाहें तेल खरीद सकते हैं।

पहले भी भारत पर साध चुके हैं निशाना

यह पहली बार नहीं है जब पीटर नवार्रो ने भारत पर निशाना साधा है। उन्होंने पहले भारत को महाराजा ऑफ टैरिफ्स कहा था और

दावा किया था कि 2022 में यूक्रेन आक्रमण से पहले भारत का रूस से तेल व्यापार लगभग शून्य था। अब भारत रूस से 35-40 फीसदी तेल आयात करता है जो प्रतिदिन 1.5-2 मिलियन बैरल है।

सरोजनी नायडू मार्ग के परम्परागत फुटपाथ दुकानदारो ने मण्डलायुक को सौपा ज्ञापन।

जिलाधिकारी कार्यालय पर किया प्रदर्शन एडीएम सिटी ने लिया ज्ञापन।

टाऊन वेंडिग कमेटी से पारित वेंडिंग जोन स्थल पर अर्बन बाजार का पीएम स्वनिधि लाभार्थियो ने किया विरोध प्रदर्शन।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।मण्डलायुक्त कार्यालय व जिलाधिकारी कार्यालय पर आजाद स्ट्रीट वेंडर यूनियन हाकर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी सरोजनी नायडू मार्ग पथ विक्रेता संघ ने प्रदेश महामंत्री रवि शंकर द्विवेदी संरक्षक दिवाका त्रिपाठी पूर्व पार्षद मुकुद तिवारी अधिवक्ता प्रमोद भारतीय के नेतृत्व में सभी नगर निगम में पंजिकृत फुटपाथ दुकानदारो ने प्रधानमंत्री का बोर्ड लिए सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट पथ विक्रेता कानून 2014 को लागू करने अर्बन बाजार के टेंडर को निरस्त करने की मांग करते हुये प्रदर्शन किया।मण्डलायुक्त व एडीएम सिटी को दिया मांग पत्र दोनो अधिकारियो ने जांच कराने के साथ ऩ्याय का दिया आश्वासन।

मण्डलायुक्त ने पांच प्रतिनिधियो को कार्यालय में बुलाकर वार्ता की, रवि शंकर द्विवेदी ने पथ विक्रेता कानून (आजीविका का संरक्षण पथ विक्रम का विनियमन)कानून 2014 की धारा 22 के अंतर्गत टाऊन वेंडिन कमेटी ही वेंडिंग जोन नो वेंडिंग जोन निधारित करती है दिनांक 3-10-2020 की बैठक में 28 वेंडिंग जोन का प्रस्ताव पारित किया 10 मुख्य भीड वाली संडको को नो वेंडिंग जोन का भी प्रस्ताव पारित किया गया।चिंहृत वेंडिंग जोन की डीपीआर(डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी बना कर शासन को भेज दी शासन द्वारा दिनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजिविका मिशन NULM ने 9 सितम्बर 2022 को 83 लाख रुपये वेंडिंग जोन निर्माण को भेज दिया गया।

आखिर किसके इशारे पर अधिकारियो ने शासन व सरकार की मंशा के विपरीत संवैधानिक अधिकार प्राप्त गरीब कमजोर फुटपाथ दुकानदारो को व्यवस्थित रूप से वेंडिग जोन में बसाने की योजना को बदल दिया उक्त भूमी स्थल को पूंजीपतियो को सौपने का टेंडर भी निकाल दिया इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए मण्डलायुक्त ने जांच कमेटी बना दी सम्बंधित अधिकारी जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर संवैधानिक कार्यवाही का भरोसा दिया।

प्रदर्शन में अधिवक्ता प्रमोद भारतीय माकेट लीडर रितेश श्रीवास्तव शहजादे मुकेश सोनकर रंजीत दास अविनाश त्रिपाठी अनिल मिश्रा शेख अनस अरविंद मिश्रा रवि गुप्ता शीतल पांडे संतोष सनी यादव दीपक सोनकर अनूप सोनकर पिंटू गौतम सुनील केसरवानी पवन संदीप गुप्ता सत्य नारायण केसरवानी हिमांशु सोनकर विनोद कुमार चौरसिया जय सिंह यादव मोहम्मद समीर सलीम जगदीश कुमार कैलाश चंदअमित कुमार हरेंद्र चौरसिया नवनीत लाल राकेश कुमार गुप्ता अशरफ अली राम बाबू गिरजा शंकर शर्मा एजाज सहित सैकड़ो फुटपाथ दुकानदार मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश बना सौर ऊर्जा में देश का अग्रणी राज्य

* 5157 मेगावाट की क्षमता वृद्धि, जल्द पहुँचेगा 10,000 मेगावाट के लक्ष्य पर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जुलाई 2025 में 27,771 रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन के साथ देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश की कुल सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 2017 में मात्र 389 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 5157 मेगावाट हो चुकी है। शीघ्र ही यह क्षमता 10,000 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।

यह जानकारी प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने लखनऊ के सेट्रम होटल में आयोजित "नेट जीरो समिट" में दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और राज्य सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 का प्रतिफल है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने समय से अपनी सौर व जैव ऊर्जा नीतियां लागू कर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।

श्री शर्मा ने कहा कि सोलर एनर्जी के लिए प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। छतों, कम उपयोगी भूमि और राजमार्गों के किनारे सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी तथा बैंक ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। सौर ऊर्जा न सिर्फ पर्यावरण हितैषी है, बल्कि यह आम जनता के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी भी है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अयोध्या को प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किया गया है, जहां की स्ट्रीट लाइट, घरों की बिजली आपूर्ति और यहां तक कि मोटर बोट भी सोलर ऊर्जा से संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में पनकी, ओबरा, जवाहरपुर, घाटमपुर और खुर्जा में 4700 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजनाएं शुरू की गई हैं और 6000 मेगावाट की योजनाएं प्रस्तावित हैं।

फिलहाल प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 21,000 मेगावाट है, जो 2017 की तुलना में लगभग दोगुनी हो चुकी है। इसमें थर्मल, सोलर और हाइड्रोपावर शामिल हैं। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि बिजली वितरण में सुधार करते हुए पीएलएफ दर 60 से 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है और लाइन लॉस को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हरित ऊर्जा भविष्य की जरूरत है और सरकार पर्यावरण संतुलन के साथ ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है।
उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर में निवेश को लेकर राज्य सरकार की बड़ी पहल

* प्रदेश प्रतिवर्ष 387 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन के साथ देश में अव्वल, डेयरी उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की योजना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को दुग्ध उत्पादन में देश का अग्रणी बनाए रखने के साथ-साथ डेयरी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ स्थित होटल ताज में "उत्तर प्रदेश डेयरी उद्योग विकास एवं संभावनाएं" विषयक निवेशक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 60 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया।

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों के साथ निरंतर संवाद स्थापित कर रही है और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रतिवर्ष 387 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन के साथ देश में पहले स्थान पर है, जो राष्ट्रीय उत्पादन का लगभग 16% है। यहां प्रतिदिन 1062 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की नई दुग्ध क्षेत्र विकास एवं प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत निवेश को आकर्षित करने हेतु कई प्रावधान किए गए हैं। नई परियोजनाओं पर 35% तक (अधिकतम 5 करोड़ रु.) अनुदान और पशु हाउसिंग पर 2 करोड़ रु. तक की सहायता दी जा रही है। अब तक इस नीति के अंतर्गत 355 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हो चुका है।

वर्तमान में प्रदेश में 531 लाख लीटर दूध का संग्रहण और 98 लाख लीटर का प्रसंस्करण हो रहा है। सरकार का लक्ष्य 2027-28 तक दुग्ध प्रसंस्करण स्तर को 25% तक ले जाना है, जिससे रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि होगी।

कार्यशाला में जीएसटी दरों में की गई कटौती पर भी चर्चा हुई। अब यूएचटी मिल्क, पैक्ड पनीर व छेना टैक्स फ्री हैं, जबकि घी, मक्खन, चीज पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया गया है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि निवेशकों के लिए भी यह लाभकारी साबित होगा।

प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने बताया कि विजन 2047 के अंतर्गत प्रदेश को दुग्ध उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य है। कार्यशाला में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, अमूल, आनन्दा डेयरी, ज्ञान डेयरी, मधुसूदन डेयरी सहित कई प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की।
झारखंड सहित पूरे भारत में दिखेगा 'ब्लड मून', 3 साल बाद लगा सबसे लंबा चंद्र ग्रहण

रांची: भादो पूर्णिमा के अवसर पर आज, रविवार रात को साल का सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। गणना के अनुसार, यह खगोलीय घटना रात 9:56 बजे शुरू होगी और 1:28 बजे तक रहेगी। ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:19 बजे से ही आरंभ हो चुका है।

खगोलविदों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि यह 2022 के बाद भारत में दिखने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण है। इस दौरान, जब ग्रहण अपने चरम पर होगा, तब चंद्रमा 'लाल चांद' (ब्लड मून) की रहस्यमयी आभा में जगमगाएगा। यह नजारा देश के हर हिस्से से दिखाई देगा।

कब और कहां दिखेगा 'लाल चांद'?

यह खगोलीय घटना झारखंड के सभी जिलों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। अगर आप इस खास नजारे को देखना चाहते हैं, तो आपको ग्रहण के चरम पर पहुंचने का इंतजार करना होगा।

भारतीय समयानुसार, ग्रहण अपने चरम पर रात 11 बजकर 42 मिनट पर होगा।

इस समय चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा, और आसमान में 'लाल चांद' का अद्भुत दृश्य दिखेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद इतना लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने के लिए लोगों को 31 दिसंबर, 2028 तक इंतजार करना होगा।

*श्रम विभाग: दो श्रम प्रवर्तन अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति, 1072 में शामिल फर्जी आवेदकों से होगी वसूली*

मिर्जापुर। सचिव भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश पूजा यादव ने दो श्रम प्रवर्तन अधिकारियों निमेष पाण्डेय व कौशलेंद्र कुमार सिंह को जनपद में नियुक्ति के दौरान अपात्रों को योजना का हितलाभ देने के मामले में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की है।

इस आदेश से महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।

कार्यालय में नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटर अरुण दुबे भी इस कार्रवाई की जद में है, जिसको जांच अधिकारी द्वारा आरोपित अधिकारियों ने अपने-अपने बयान में दोषी ठहराया है। यह सम्पूर्ण मामला 2021 का है, 2023 में मजदूर नेता व कलमकार मंगल तिवारी ने मजदूरों के हक के लिए आवाज़ उठाई थी। शिकायत पत्र में उल्लेखित है कि उक्त श्रम प्रवर्तन अधिकारियों ने बोर्ड के नियमों को ताक पर रख कर सिंडिकेट की मदद से अपात्रों के आवेदन को पास किया। प्रमुख सचिव श्रम, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के निर्देश पर नामित जांच अधिकारी ने रिपोर्ट सौंपी। 9 सदस्यीय जांच टीम में वाराणसी, भदोही और जौनपुर के अधिकारी शामिल रहे जिसका नेतृत्व वाराणसी के उप श्रमायुक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह ने की थी‌ जिसके बाद विभागीय कार्रवाई अपनायी जा रही है। विभागीय सूत्रों की माने तो धांधली बड़े पैमाने पर हुई है, यदि सारे आवेदनों की जांच हुई तो यह प्रदेश के बड़े भ्रष्टाचार में से एक होगा, लेकिन शिकायत मात्र 1072 सूची से संबंधित है। सन् 2019-20 से लेकर अब तक विभागीय लोगों द्वारा योजनाओं में लगातार गड़बड़ी की जा रही है। बताते चलें कि श्रम विभाग मिर्जापुर में सन् 2021 का दौर ऐसा था जब शिशु एवं बालिका मदद योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, मृत्यु एवं विकलांगता सहायता योजना में हो रही गड़बड़ियों की चर्चा विभागीय कर्मचारियों के बंटवारे को लेकर अनबन के कारण बाहर आयी। शिकायत कर्ता ने जब श्रमिकहित में जानकारी की तो पता चला कि लगभग 1426 में 1072 ऐसे शिशु हितलाभ योजना आवेदनों की जानकारी मिली जिसे लेबर अफसरों ने पास किया था। इस सूची में कुछ को छोड़कर सारे आवेदक या आवेदन बोर्ड के नियमों का पालन नही कर रहे थे, साफ जाहिर है कि योजना में जमकर लूट हो रही है।

विभागीय सूत्र बताते हैं कि शिशु हितलाभ के लिए 2022, 23 में किए गए संदिग्ध आवेदनों पर अब जाकर 2025 में, चुन चुन कर भुगतान किए जाने जा रहे हैं। विभागीय लेबर अफसरों ने हद तब कर दी जब 2025 में आवेदन किए गए फर्जी निर्माण श्रमिकों के खाते में भी मई माह में भुगतान करा दिया। इस पूरी गड़बड़ी में सबसे बड़ा कार्यकाल तत्कालीन सहायक श्रमायुक्त सुविज्ञ सिंह का है जिन्होंने शिकायतों पर अपनी आंखे मूंदे रखी, यहां यह बताना आवश्यक है कि शिशु हितलाभ योजना में भुगतान की कार्यवाही सहायक श्रमायुक्त द्वारा की जाती है।

मीडिया ने 1072 की जांच टीम को जांच के दौरान कटघरे में खड़ा कर दिया था। मीडिया के पूछे गए सवालों ( जिला प्रशासन को खबर किए बिना जांच, जांच के बिंदु, श्रम कार्यालय आए बगैर गेस्ट हाउस में बैठकर जांच, शिकायतकर्ता को सूचना आदि ) का जवाब न तो नामित जांच अधिकारी धर्मेंद्र सिंह के पास था न ही वर्तमान उप श्रमायुक्त मिर्जापुर क्षेत्र पिपरी, सोनभद्र अरुण कुमार सिंह के पास।

आश्चर्य की बात यह थी कि इस जांच की जानकारी तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका निरंजन को भी तब हुई जब सोशल मीडिया में यह मामला वायरल हुआ और डीएम ने सीडीओ से इस बाबत जानकारी मांगी और श्रम विभाग को औंधे मुंह प्रस्तुत होना पड़ा। आरोप लगना लाज़मी था कि जांच पूर्णतया निष्पक्ष नहीं था और न है। जांच अधिकारी व विभाग मुख्यालय के उच्चाधिकारी अज्ञात कारणों से अपने विभागीय अधिकारियों को बचाने का प्रयास करने के चलते जांच में खानापूर्ति हो रही है, चूंकि मामला बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का है जिसे जांच टीम भी नहीं पचा पायी।

योजना का लाभ पात्र श्रमिकों के चयन के बजाय निजीहित को देखते हुए अपात्रों को दिया गया

मिर्ज़ापुर जिले में श्रमिकों के साथ अन्याय हो रहा है, योजना का लाभ पात्र श्रमिकों के चयन के बजाय निजी हित को देखते हुए अपात्रों को दिया जा रहा है‌ जिले में सक्रीय माकू यूनियन के शिकायती पत्र पर जांच अधिकारी वसूली कर रहे हैं, जिससे कर्मकारों को न्याय नही मिल पा रहा है। अब देखना यह है कि इस विभागीय कार्रवाई में क्या कार्रवाई सुनिश्चित हो पाती है।

गोंडा आर.ओ.एच. डिपो: रेलवे वैगनों की विश्वसनीयता और सुरक्षा का प्रतीक


लखनऊ।03 सितंबर 2025: मंडल रेल प्रबंधक श्री गौरव अग्रवाल के मार्गदर्शन और वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर /ईएनएचएम, फ्रेट व डीएम श्री महेंद्र सिंह के नेतृत्व में पूर्वोत्तर रेलवे का गोंडा आर.ओ.एच. (रूटीन ओवरहालिंग) डिपो रेलवे वैगनों की विश्वसनीयता और परिचालन सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। यह डिपो न केवल वैगनों के अनुरक्षण और मरम्मत का केंद्र है, बल्कि प्रीमियम रेक परीक्षण और आर.ओ.एच. के लिए पूर्वोत्तर रेलवे का एकमात्र प्रमुख डिपो भी है।

यहाँ उपलब्ध अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएँ और तकनीकी विशेषज्ञता इसे रेलवे परिचालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं।वैगनों की जीवनरेखा

रूटीन ओवरहालिंग (आर.ओ.एच.) एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रत्येक पी.ओ.एच. (पीरियॉडिक ओवरहालिंग) या निर्माण के दो वर्ष बाद वैगनों के अनुरक्षण के लिए की जाती है। इसके अंतर्गत वैगनों के अंडर गियर और बॉडी के महत्वपूर्ण हिस्सों जैसे व्हील और एक्सल, सी.टी.आर.बी., एयर ब्रेक सिस्टम और कप्लर की गहन मरम्मत और परीक्षण किया जाता है।

यह प्रक्रिया वैगनों की विश्वसनीयता को बढ़ाने के साथ-साथ परिचालन के दौरान होने वाली विफलताओं को कम करती है, जिससे रेलवे परिचालन की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होती है। गोंडा आर.ओ.एच. डिपो में बी.सी.एन., बी.आर.एन., और बी.वी.सी.एम. प्रकार के वैगनों का अनुरक्षण किया जाता है।

गौरवशाली उपलब्धियाँ

गोंडा आर.ओ.एच. डिपो ने अपने स्थापना काल से लेकर अब तक कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं:

1984: पहली बार रेक परीक्षण की शुरुआत।

मई 2006: प्रीमियम रेक परीक्षण की शुरुआत।

फरवरी 2019: 10 वैगनों प्रति माह के लक्ष्य के साथ आर.ओ.एच. डिपो का शुभारंभ।

मार्च 2019: पहले वैगन का आर.ओ.एच. कार्य पूर्ण।

मार्च 2021: 47 वैगनों का आर.ओ.एच. पूरा।

मार्च 2022: 103 वैगनों का आर.ओ.एच. कार्य संपन्न।

मार्च 2025: 154 वैगनों का आर.ओ.एच. पूर्ण।

अगस्त 2025: अब तक का सर्वाधिक 169 वैगनों का आर.ओ.एच., जो डिपो की कार्यक्षमता और समर्पण का प्रतीक है।

प्रीमियम रेक परीक्षण में अग्रणी

गोंडा डिपो पूर्वोत्तर रेलवे का एकमात्र ऐसा डिपो है जो प्रीमियम रेक परीक्षण और आर.ओ.एच. दोनों में विशेषज्ञता रखता है। यहाँ उपलब्ध सभी बुनियादी और मूलभूत सुविधाएँ वैगनों की गुणवत्ता और परिचालन दक्षता को सुनिश्चित करती हैं। डिपो की समर्पित टीम और आधुनिक तकनीक ने इसे रेलवे के अनुरक्षण क्षेत्र में एक मिसाल बनाया है।

भविष्य की योजनाएँ

गोंडा आर.ओ.एच. डिपो न केवल अपनी वर्तमान उपलब्धियों पर गर्व करता है, बल्कि भविष्य में और अधिक वैगनों के अनुरक्षण और प्रीमियम रेक परीक्षण की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह डिपो रेलवे के परिचालन को और अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और कुशल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

नौकरी दिलाने के नाम पर नौ लाख रुपए ऐंठने वाले युवक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

ड्रमंडगंज, मीरजापुर।ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के सेमरा कलां गांव निवासी दिनेश कुमार ने नौकरी दिलाने के नाम नौ लाख रुपए ऐंठने वाले युवक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।दी गई तहरीर में पीड़ित ने आरोप लगाया कि दस मई वर्ष 2022 को रतेह चौराहा पर दोस्तों के साथ नौकरी को लेकर बात कर रहा था।

वहां मौजूद अश्वनी कुमार निवासी महेवा, हरिहरपुर बेदौली थाना पड़री हम लोगों की बातें सुन रहा था। अश्वनी कुमार ने मुझे नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया और झांसा देकर कई बार में नगद और आनलाइन कुल नौ लाख रुपए मुझसे लिया। लेकिन नौकरी नही दिला सका। नौकरी के नाम पर लिए गए नौ लाख रूपए मांगने पर टालमटोल करने लगा और इधर उधर की बातें कर गुमराह करने लगा और रूपए देने से इंकार कर दिया। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस नौकरी के नाम पर नौ लाख रुपए की ठगी करने वाले युवक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है। थानाध्यक्ष ब्रह्मदीन पांडेय ने बताया कि नौकरी का झांसा देकर युवक से नौ लाख रुपए की ठगी करने वाले सदर तहसील निवासी आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

ब्राह्मण मुनाफाखोरी कर रहे हैं’, रूसी तेल खरीद को ट्रंप के सलाहकार ने जाति से जोड़ा

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। पीटर नवारो ने ब रूस-भारत तेल खरीद पर नया बयान दिया है। पीटर नवारो ने टैरिफ और रूसी तेल खरीद के मुद्दे को भारत की जातीय राजनीति से जोड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत में कुछ वर्ग इस रूसी तेल से मुनाफाखोरी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।

फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि भारतीय रिफाइनर रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहे हैं। उसे प्रोसेस करने के बाद महंगे दामों पर निर्यात कर रहे हैं। खासतौर से भारत के ब्राह्मण अपने देश के लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। वहीं रूस इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में कर रहा है। ऐसे में हमें इसे रोकना होगा। नवारो ने आगे कहा कि मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि समझिए यहां क्या हो रहा है। कुछ ब्राह्मण अपने फायदे के लिए आम लोगों का नुकसान कर रहे हैं, और इसे बंद होना चाहिए।

मोदी-पुतिन और जिनपिंग की तिकड़ी से लगी मिर्ची

नवारो में साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों पर सवाल उठाते हुए कहा, मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा कि वह पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों खड़े हैं, जबकि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं। नवारो ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग वैश्विक स्थिरता को कमजोर कर रहे हैं। नवारो का बयान पीएम मोदी के एससीओ समिट के लिए चीन पहुंचने के बाद आया है। इसे एससीओ समिट पर अमेरिका की बौखलाहट की तरह देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने चीन मे प्रेसिडेंट शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात की है।

रूस-यूक्रेन जंग को बढ़ावा दने का आरोप

नवारो ने दावा किया कि फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भारत की रूस से तेल खरीद बहुत ही कम थी, लेकिन इसके बाद भारत ने आयात कई गुना बढ़ा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूसी कच्चे तेल को खरीदकर रिफाइन करता है और फिर उसे अफ्रीका, यूरोप और एशिया के देशों को ऊंचे दाम पर बेचता है, जिससे सीधे तौर पर ‘रूस की युद्ध मशीन’ को ताकत मिल रही है।

टैरिफ के नाम पर दे रहे धमकी

ट्रंप के सलाहकार ने आगे कहा कि अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है, जबकि चीन पर भी इतना ही शुल्क लगाया गया है। उन्होंने कहा, अब सवाल यह है कि इसे और कितना ऊपर ले जाना है। लेकिन भारत की बात करें तो हमें केवल यह याद रखना होगा कि फरवरी 2022 से पहले भारत बहुत ही कम मात्रा में रूसी तेल खरीदता था।

झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना के तीन साल बाद भी नहीं मिला स्थायी परिसर|

24-01-2025 | Ranchi : झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी 24 जनवरी 2025 को दूसरा स्थापना दिवस मना रहा है. हालांकि इस विवि की स्थापना वर्ष 2021 में हुई है, लेकिन विवि में 2022 में कुलपति की नियुक्ति के बाद से यह विवि सक्रिय हुआ. स्थिति यह है कि तीन साल बाद भी विवि को अब तक अपना स्थायी परिसर नहीं मिला है. अब भी बिरसा कृषि विवि अंतर्गत फॉरेस्ट्री संकाय से उधार में लिये गये भवन में कामकाज चल रहा है.



रूस-यूक्रेन वॉर से भारत का कनेक्शन जोड़ने की कोशिश, ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो का बेतुका बयान

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भारत और अमेरिका के बीच इन दिनों रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार भारत और पीएम मोदी को लेकर तरह-तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भी अमेरिका की खीज कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब अमेरिकी टैरिफ को लेकर व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो का बयान सामने आया है। ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर बेतुका बयान दिया है। अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध को भारत से जोड़ दिया है। ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने कहा है कि यूक्रेन में शांति का रास्ता दिल्ली से होकर गुजरता है।

“रूसी तेल खरीदने से मॉस्को की आक्रामकता बढ़ी”

नवारो ने दावा किया कि भारत के रियायती दरों पर रूसी तेल खरीदने से मॉस्को की यूक्रेन में आक्रामकता बढ़ी है और इससे अमेरिकी करदाताओं का बोझ बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे तो उसे अमेरिकी टैरिफ में 25% की छूट मिल सकती है। नवारो की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर लगाया गया 25% टैरिफ 27 अगस्त बुधवार (स्थानीय समयानुसार) प्रभावी हो गया है।

यूक्रेन संघर्ष पर बताया भारत का प्रभाव

ब्लूमबर्ग टीवी के साथ एक इंटरव्यू में वॉइट हाउस के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो यूक्रेन संघर्ष पर भारत का प्रभाव बताया और कहा कि शांति का रास्ता कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर गुजरता है। इंटरव्यू में पीटर नवार्रो ने कहा, भारत जो कर रहा है उससे हर अमेरिकी को नुकसान हो रहा है। उपभोक्ता, व्यवसायी, श्रमिक सबको नुकसान हो रहा है।भारत के कारण नौकरियों, कारखानों, आय और मजदूरी का नुकसान हो रहा है। करदाताओं पर बोझ बढ़ा है, क्योंकि हमें मोदी के युद्ध के लिए फंड करना पड़ रहा है।

भारतीयों को बताया अहंकारी

ट्रंप के सलाहकार ने यह भी कहा, मैं हैरान हूं, क्योंकि मोदी एक महान नेता हैं। यह एक परिपक्व लोकतंत्र है और इसे परिपक्व लोग चला रहे हैं। नवारो ने टैरिफ पर भारत के रुख पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, मुझे जो बात परेशान करती है, वह यह है कि भारतीय इस बारे में बहुत अहंकारी हैं। वे कहते हैं, अरे, हमारे पास ज़्यादा टैरिफ नहीं हैं। अरे, यह हमारी संप्रभुता है। हम जिसे चाहें तेल खरीद सकते हैं।

पहले भी भारत पर साध चुके हैं निशाना

यह पहली बार नहीं है जब पीटर नवार्रो ने भारत पर निशाना साधा है। उन्होंने पहले भारत को महाराजा ऑफ टैरिफ्स कहा था और

दावा किया था कि 2022 में यूक्रेन आक्रमण से पहले भारत का रूस से तेल व्यापार लगभग शून्य था। अब भारत रूस से 35-40 फीसदी तेल आयात करता है जो प्रतिदिन 1.5-2 मिलियन बैरल है।