काकोरी ट्रेन एक्शन नायकों की स्मृति में ‘शहादत से शहादत तक’ तीन दिवसीय आयोजन
गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।
मीरा भायंदर बीजेपी जिला उपाध्यक्ष बनाए गए सुरेश सिंह

भायंदर। भाजपा जिलाध्यक्ष दिलीप जैन ने उत्तर भारतीय मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष तथा लोकप्रिय उत्तर भारतीय नेता सुरेश सिंह को जिला उपाध्यक्ष नियुक्त किया है।विधायक नरेंद्र मेहता व जिला अध्यक्ष दिलीप जैन के हाथों उन्हें नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी रत्नाकर मिश्रा, रमेश चंद्र मिश्रा, पूर्व नगरसेवक मनोज रामनारायण दुबे, उत्तर भारतीय मोर्चा के जिला अध्यक्ष संतोष दिक्षित, भाजपा नेता राजेश मिश्रा, मोर्चा के महामंत्री कमलेश दुबे, प्रदेश प्रवक्ता शैलेश पांडे, ओम प्रकाश सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। सुरेश सिंह भाजपा के कर्मठ, ऊर्जावान,सर्वप्रिय तथा विनम्र चेहरा के रूप में जाने जाते हैं। उत्तर भारतीय संघ, मीरारोड शाखा के अध्यक्ष रहे सुरेश सिंह को 2016 में तत्कालीन विधायक नरेंद्र मेहता ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी। तभी से वे पार्टी के लिए लगातार सक्रियता से काम कर रहे हैं। सुरेश सिंह इस शहर के नामचीन भवन निर्माता के साथ साथ लोकप्रिय समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं। कोविड संकट काल के समय उनके द्वारा की गई मानवीय सहायता को लोग आज भी याद करते हैं। पार्टी द्वारा 2022 में सुरेश सिंह को उत्तर भारतीय मोर्चा का जिला अध्यक्ष बनाया गया। उनके नेतृत्व में शहर के अनेक उत्तर भारतीय भाजपा से जुड़े।उन्हें दूसरा कार्यकाल भी मिला । 2024 विधानसभा चुनाव में पार्टी के निर्णायक विजय को सुनिश्चित करने में वे सबसे आगे रहे। महानगरपालिका चुनाव को देखते हुए अब सुरेश सिंह को जिला उपाध्यक्ष नियुक्ति के साथ साथ प्रभाग 18 का प्रभारी बनाकर पार्टी के सभी उम्मीदवारों जिताने की विशेष जवाबदारी दी गई है। सुरेश सिंह को जिला उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं एवं उत्तर भारतीय समाज में खुशी की लहर फैल गई। बधाइयों का ताता लगा हुआ है। वरिष्ठ अधिवक्ता एड डी के पांडेय, धर्मेंद्र चतुर्वेदी, विजय राय, पूर्व नगरसेविका स्नेहा पांडे, महिला जिला अध्यक्ष वैशाली भोईर, रेनू मल्लाह, काजल सक्सेना ,अनीता राय, पूजा विश्वकर्मा, पूर्व जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष चंद्रावती त्रिपाठी, महेंद्र पांडेय, युवा मोर्चा महामंत्री विवेक उपाध्याय, अजीत उपाध्याय, सुरेन्द्र तिवारी, एड पीआर शुक्ला, एड मनीष तिवारी समेत अनेक लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई दी है।
झारखंड बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका! जेबीवीएनएल ने 2026-27 के लिए टैरिफ में 59% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया

रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिजली की दरों (टैरिफ) में 59 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) के समक्ष प्रस्तुत किया है।

बढ़ोतरी का कारण और वित्तीय आवश्यकता

राजस्व अंतर (Revenue Gap): निगम को वर्ष 2023-24 तक ₹4991.67 करोड़ का ट्रू-अप रेवेन्यू गैप दर्ज किया गया था।

आवश्यकता: वित्तीय लेखा-जोखा के अनुसार, जेबीवीएनएल को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹15584.46 करोड़ के राजस्व की आवश्यकता है।

वर्तमान वसूली: वर्तमान दरों के अनुसार, निगम की राजस्व वसूली केवल ₹9794.76 करोड़ होगी।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: निगम ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि अगस्त 2025 में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें यह रेवेन्यू गैप तीन वर्षों में समाप्त करना है। इसीलिए 2025-26 में ₹15584.46 करोड़ की राजस्व वसूली के लिए 59% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा गया है।

अन्य राज्यों से तुलना

जेबीवीएनएल ने अपने टैरिफ पिटीशन में विभिन्न राज्यों से तुलना की है:

श्रेणी झारखंड की दरें तुलनात्मक स्थिति

घरेलू दर (200 यूनिट से अधिक) 201 से 400 यूनिट तक सरकार देती है अनुदान। राजस्थान और बिहार में दरें झारखंड से अधिक हैं। उत्तर प्रदेश में दरें बराबर हैं।

फिक्स्ड चार्ज प्रति कनेक्शन के आधार पर लिया जाता है। अधिकांश राज्य (बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली) प्रति किलोवॉट के आधार पर निर्धारित करते हैं।

पिछले पांच वर्षों में दर वृद्धि

जेबीवीएनएल के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में झारखंड में बिजली की दरें तीन बार बढ़ी हैं:

वित्तीय वर्ष दर वृद्धि

2025-26 6.34%

2024-25 कोई बढ़ोतरी नहीं

2023-24 7.66%

2022-23 कोई बढ़ोतरी नहीं

2021-22 6.50%

प्री-पेड मीटर कनेक्शन नियम

प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए यह नियम है कि बकाया या बैलेंस नहीं रहने पर कनेक्शन स्वतः कट जाता है और भुगतान/रिचार्ज करने पर खुद जुड़ जाता है। तकनीकी त्रुटि होने पर उपभोक्ता जांच और सुधार के लिए संबंधित कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

अनुदान पर सोलर पंप प्राप्त करने के लिए 15 दिसंबर तक करें आवेदन

* पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत अन्नदाताओं को अनुदान पर 40521 सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे

* किसानों की समृद्धि में सहायक केंद्रांश व राज्यांश का बड़ा अनुदान


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाभियान' (पीएम कुसुम) के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में प्रदेश के अन्नदाता किसानों को अनुदान पर 40521 सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 15 दिसंबर 2025 तक कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। केवल उन्हीं किसानों को अनुदान पर सोलर पंप प्राप्त होगा जो इस वेबसाइट पर पहले से पंजीकृत हैं। किसानों का चयन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए 20227.50 लाख (दो अरब दो करोड़ सत्ताइस लाख पचास हजार) रुपये की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है, जो किसानों की समृद्धि में सहायक होगी।
किसानों को 9 प्रकार के सोलर पंपों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की ओर से अनुदान के रूप में बड़ी छूट दी जा रही है। 2 एचपी डीसी/एसी सरफेस पंप पर कुल ₹98,593-₹98,593 का अनुदान दिया जाएगा। 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,00,215, और 2 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹99,947 का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,33,621 और 3 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,32,314 का अनुदान मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार का अंश ₹77,618 और केंद्र सरकार का अंश ₹54,696 होगा। 5 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,88,038 का अनुदान किसानों को प्राप्त होगा। 7.5 एचपी एसी और 10 एचपी एसी सबमर्सिबल पंपों पर सर्वाधिक ₹2,54,983 का अनुदान मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार द्वारा ₹1,40,780 और केंद्र सरकार द्वारा ₹1,14,203 का अनुदान शामिल है।
किसानों को अनुदान पर सोलर पंप की ऑनलाइन बुकिंग www.agriculture.up.gov.in पर जाकर 'अनुदान हेतु सोलर पंप की बुकिंग करें' लिंक के माध्यम से करनी होगी। ऑनलाइन बुकिंग कन्फर्म होने पर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सूचना मिलेगी, जिसके बाद किसानों को अनुदान के बाद बची हुई अवशेष धनराशि ऑनलाइन जमा करनी होगी। टोकन मनी के रूप में किसानों को केवल ₹5,000 की राशि जमा करनी होगी। कृषि विभाग के अनुसार, 2 एचपी के लिए 4 इंच, 3 व 5 एचपी के लिए 6 इंच, और 7.5 एचपी व 10 एचपी के लिए 8 इंच की बोरिंग अनिवार्य है, जो स्वयं किसान की होनी चाहिए। सत्यापन के समय बोरिंग न पाए जाने पर टोकन मनी जब्त कर ली जाएगी और आवेदन निरस्त माना जा सकता है।
कोडिनयुक्त कफ सिरप पर यूपी में अब तक का सबसे बड़ा एक्शन: 31 जिलों में 133 फर्मों पर FIR, कई गिरफ्तार

* सीएम योगी के जीरो–टॉलरेंस आदेश पर चला एफएसडीए का मेगा क्रैकडाउन, पहली बार एनडीपीएस व बीएनएस धाराओं में मुकदमेलखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अवैध नशे के खिलाफ छेड़ी गई जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। वर्ष 2022 में गठित एएनटीएफ और एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप एवं एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार और डायवर्जन पर अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है। दो महीने से जारी इस कार्रवाई से प्रदेश भर में नशे के सौदागरों की कमर टूट गई है।एफएसडीए ने गहन अंदरुनी जांच और झारखंड, हरियाणा, हिमाचल समेत कई राज्यों में विवेचना के बाद दो माह पहले बड़े स्तर पर क्रैकडाउन शुरू किया। अब तक 31 जिलों में 133 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है, जिनमें आधा दर्जन से अधिक संचालक जेल भेजे जा चुके हैं।एफएसडीए सचिव एवं आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश था कि कार्रवाई केवल लाइसेंस रद्द करने तक सीमित न रहे, बल्कि ऐसा एक्शन हो जो देश में नजीर बने। इसी के तहत पहली बार कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए भी पत्र भेजा गया है।प्रदेश के 52 जिलों में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कई प्रतिष्ठान कागजों में ही मौजूद थे और केवल बिलिंग प्वॉइंट के रूप में चल रहे थे। कई दुकानों में भंडारण व्यवस्था और रिकॉर्ड भी नहीं मिले। जांच के दौरान 133 प्रतिष्ठान संगठित रूप से कफ सिरप का गैर-चिकित्सीय उपयोग हेतु अवैध डायवर्जन करते पाए गए। इनका नेटवर्क लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर, बहराइच के जरिए नेपाल तथा वाराणसी, गाजियाबाद से बांग्लादेश तक फैला हुआ था।* इन जिलों में तस्करी के केस सामने आए:वाराणसी, जौनपुर, कानपुर नगर, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, भदोही, अमेठी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली, मीरजापुर, बांदा, कौशांबी।
दो करोड़ से होगा ढेमवाघाट पर बनेगा पीपे का पुल,64.96 लाख रुपये की पहली किस्त जारी

बाढ़ में बह गया था पुल का एक हिस्सा

गोंडा।जिले के नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत ढेमवाघाट पुल पर अस्थाई पीपे के पुल का निर्माण होने जा रहा है।इससे नवाबगंज, गोंडा व अयोध्या के लाखों लोगों को आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी।इस पुल के निर्माण में 2 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत आएगी।कैसरगंज से भाजपा सांसद करण भूषण सिंह व तरबगंज से भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय के प्रयासों से यह परियोजना स्वीकृत हुई है।शासन ने पुल निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपा है।पुल निर्माण के लिए प्रथम किस्त के रूप में 64.96 लाख रूपए शासन द्वारा आवंटित किया गया है।जिसमें अनुदान संख्या 57 से 51.18 लाख रुपए और अनुदान संख्या 83 से 13.78 लाख रुपए शामिल है।वर्ष 2021 में आई भीषण बाढ़ के कारण ढेमवाघाट पुल का एक हिस्सा घाघरा नदी में बह गया था।इसके बाद गोंडा और अयोध्या के बीच आवागमन बाधित था,जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।पुल टूटने के बाद बीते चार सालों से जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करने को मजबूर थे।इस दौरान कई वाहन फंसे,जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया।हाल ही में आई बाढ़ में एक बुल्डोजर भी फंस गया था,जिसे क्रैन से बाहर निकाला गया।इस बड़ी सौगात के लिए सांसद करण भूषण सिंह और विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है।जनप्रतिनिधियों द्वारा स्थाई पुल निर्माण की मांग की जा रही थी,फिलहाल अस्थाई पीपे पुल का निर्माण किया जाएगा।बाढ़ इतनी भीषण थी कि कैसरगंज के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह के घर तक पानी पहुंच था ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह को ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से आना जाना पड़ रहा था और उसी दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने पहली बार तंज भी कसा था।पुल के निर्माण को लेकर के वर्ष 2022 में बृजभूषण शरण सिंह ने मौके पर पहुंचकर के प्रेस वार्ता कर मांग की थी और कई बार उनके सांसद बेटे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।जिसका नतीजा है कि ढेमवाघाट पर अस्थाई पीपे के पुल का निर्माण होने जा रहा है।कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह व विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने बताया कि जल्द ही पुल का निर्माण कार्य भी शुरू हो जायेगा।23 अगस्त को ही लोक निर्माण विभाग देवीपाटन मंडल के मुख्य अभियंता अखिलेश कुमार दिवाकर द्वारा इसको लेकर स्वीकृत प्रदान करने के लिए शासन को पत्र भी भेजा गया था।

देवघर- उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा के द्वारा सभी योजनाओं की पंचायत वार गहन समीक्षा की गई।
देवघर: उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा द्वारा 09 दिसंबर 2024 को प्रखंड कार्यालय देवीपुर के सभागार मे पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता आदि के साथ पंचायतवार प्रधानमंत्री आवास योजना, अबुआ आवास योजना ,मनरेगा के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 के पूर्व की लंबित विभिन्न योजनाओं जैसे बिरसा सिंचाई संबर्धन कूप मिशन योजना, पोटो हो खेल योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, डोभा,टी.सी.बी आदि योजनाओं की पंचायतवार गहन समीक्षा की गयी एवं विभागीय निर्देश के आलोक में प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा विगत 5 साल कि सभी योजनाओं में अनिवार्य रूप से सूचनापट्ट लगाने का निर्देश दिया गया। साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी, देवीपुर को निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर सभी योजनाओं में सूचनापट्ट लगवाना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त सभी पंचायत सेवक एवं रोजगार सेवक को पंचायत में संचिकाओं को उचित तरीके से संधारित करने एवं मनरेगा की सातअनिवार्य पंजीयों को एक सप्ताह में अद्यतन करने का निर्देश दिया गया। साथ ही समीक्षा के क्रम मे लंबित आवास योजनाओं को एक सप्ताह में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। लाभुकों को स समय भुगतान करने एवम् आवास योजना का लगातार पर्यवेक्षण एवम् अनुश्रवण करने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकार, देवीपुर को दिया गया। इस समीक्षा बैठक मे प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, प्रखंड समन्वयक, प्रखंड विकास पदाधिकारी, देवीपुर के साथ साथ डी आर डी ए,देवघर की निदेशक सागरी बराल, परियोजना पदाधिकारी प्रीति कुमारी, आदि उपस्थित थे।
विधान परिषद संसदीय अध्ययन समिति ने की विभागवार समीक्षा

M N पाण्डेय,देवरिया।06 दिसंबर।उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति ने विकास भवन के गांधी सभागार में जनपद के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर विभिन्न विभागीय योजनाओं, प्रगति एवं आवेदनों के निस्तारण की विस्तृत समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता समिति के सभापति किरण पाल कश्यप ने की।

बैठक की शुरुआत अधिकारियों से परिचय के साथ हुई। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने सभापति श्री कश्यप का पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।बैठक में सरकार के गठन से अब तक जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित पत्रों पर विभागवार की गई कार्रवाई की गहन समीक्षा की गई। पुलिस, राजस्व, चिकित्सा, पंचायती राज, सिंचाई, बेसिक शिक्षा, विद्युत, कृषि, पूर्ति, पशुपालन, चकबंदी सहित विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त आवेदनों के निस्तारण की स्थिति पर विस्तृत चर्चा हुई।

सभापति कश्यप ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि आवेदनों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करें तथा इसकी जानकारी माननीय सदस्यों को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि अगली बैठक में सभी विभाग वर्ष 2022 से 2025 की अवधि में प्राप्त जनप्रतिनिधियों के पत्रों की संख्या, उनके निस्तारण की प्रगति तथा सदस्यों को अवगत कराने की स्थिति—इन सभी बिंदुओं पर पूर्ण तैयारी के साथ उपस्थित हों।

इस अवसर पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने समिति को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाएगा।बैठक में समिति सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन, मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय, अनु सचिव एवं समिति अधिकारी विनोद कुमार यादव, समीक्षा अधिकारी सौरभ दीक्षित, प्रतिवेदन अधिकारी राम प्रकाश पाल, अपर निजी सचिव अमितेश पाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

उप्र कैबिनेट- : अयोध्या में अब 52 एकड़ में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय, टाटा ग्रुप करेगा निर्माण और संचालन

लखनऊ ।योगी सरकार ने अयोध्या को विश्व स्तर का एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट ने टाटा सन्स के सहयोग से अयोध्या में प्रस्तावित विश्वस्तरीय ‘मंदिर संग्रहालय’ का दायरा और बड़ा कर दिया है।

कैबिनेट के निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि टाटा सन्स ने अपने सीएसआर फंड से एक अत्याधुनिक मंदिर संग्रहालय विकसित करने और उसका संचालन करने की इच्छा व्यक्त की है। परियोजना के लिए भूमि आवंटन के लिए केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और टाटा सन्स के बीच त्रिपक्षीय एम्ओयू बीते 3 सितंबर 2024 को ही हस्ताक्षरित हो चुका है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पूर्व में प्रदेश सरकार ने अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में 25 एकड़ नजूल भूमि टाटा सन्स को 90 वर्षों के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी लेकिन टाटा संस ने संग्रहालय की भव्यता के दृष्टिगत अधिक भूमि की अपेक्षा की थी। ऐसे में अब इस भूमि के अतिरिक्त 27.102 एकड़ और मिलाकर कुल 52.102 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग के पक्ष में किया जाएगा, ताकि परियोजना का दायरा और बड़ा किया जा सके।

उन्हाेंने बताया कि वर्ल्ड-क्लास मंदिर संग्रहालय तैयार होने के बाद अयोध्या को न सिर्फ एक नया सांस्कृतिक पहचान चिन्ह मिलेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे। साथ ही, पर्यटन से सरकार को राजस्व में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी भी होगी। युवा पीढ़ी, विदेशी सैलानियों और भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वाले आगंतुकों को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में सांस्कृतिक आकर्षणों को बढाने की दिशा में यह संग्रहालय महत्वपूर्ण होगा।

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाले यूपी के नियुक्त खिलाड़ियों को बड़ी राहतउत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को बड़ी राहत देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, ट्रेनिंग कैंपों और संबंधित गतिविधियों में शामिल होने की पूरी अवधि, आवागमन के समय सहित उनकी ‘ड्यूटी’ मानी जाएगी। मंत्री खन्ना ने बताया कि योगी कैबिनेट के इस फैसले से खिलाड़ियों को अनुमति लेने में होने वाली मुश्किलें खत्म होंगी। अब तक ‘अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022’ में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। सेवा नियमावली में अवकाश संबंधी प्रावधान न होने के कारण खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के लिए अनुमति प्रक्रिया में दिक्कतें आती थीं।

उन्होंने कहा कि अब सरकार नई प्रणाली में व्यवस्था होगी कि नियुक्त खिलाड़ी जब भी किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, कैंप या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लें, वह अवधि सेवा अवधि (ड्यूटी) मानी जाएगी। इसमें आने-जाने का पूरा समय भी शामिल होगा। इससे न केवल खिलाड़ियों को अपने खेल कॅरियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, बल्कि राज्य का प्रतिनिधित्व भी और मजबूत होगा, क्योंकि अब उन्हें अनुमति लेने में कोई बाधा नहीं आएगी।

वाराणसी के सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का संचालन अब साई कोयोगी कैबिनेट ने वाराणसी में निर्माणाधीन डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा के संचालन, प्रबंधन और रखरखाव तथा राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए ‘भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ हुए एमओयू को मंजूरी दे दी है। यह वही स्टेडियम है, जहां ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है। एमओयू के तहत स्टेडियम परिसर में मौजूद खेल सुविधाओं; जैसे, भवन, ढांचे, मैदान और अन्य अवसंरचनाओं को साई को सौंपा जाएगा, ताकि यहां नेशनल सेंटर ऑfफ एक्सीलेंस की स्थापना और संचालन सुचारु रूप से हो सके।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र बनने के बाद प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों को बड़ा मंच मिलेगा। विभिन्न आयु वर्गों और खेल विधाओं के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान की जाएगी और उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न सिर्फ उत्तर प्रदेश की खेल प्रतिभा को मजबूत प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व भी और सशक्त होगा। सरकार का मानना है कि इस पहल से खिलाड़ियों के सामने भविष्य में रोजगार और खेल करियर दोनों की संभावनाएं बढ़ेंगी, साथ ही वाराणसी देश के प्रमुख खेल केंद्रों में से एक के रूप में उभरकर सामने आएगा।
पूर्व सैनिक की बेटी ने किया गाँव का नाम रौशन

सैनिक कॉलोनी के भारतीय थल सेना के पूर्व सूबेदार कारगिल युद्ध विजेता बी के पाण्डेय(निराला जी)की बेटी ने रचा इतिहास—ABV-IIITM ग्वालियर की एकमात्र AR (Legal)पद पर निहारिका का चयन

संजय द्विवेदी प्रयागराज।भारतीय थल सेना के पूर्व सुबेदार कारगिल युद्ध विजेता बी के पाण्डेय(निराला जी)की बेटी निहारिका का हुआ चयन। निहारिका ने एक छोटे गाँव बुधुआं के साधारण परिवार मे पली-बढ़ी निहारिका ने संघर्ष मेहनत और निरंतर प्रयास के दम पर वह उपलब्धि हासिल की है जो कई युवाओ का सपना होती है।उनका चयन देश के प्रतिष्ठित अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबन्धन संस्थान ग्वालियर(ABV-IIITM Gwalior)में असिस्टेंट रजिस्ट्रार (लीगल) पद पर हुआ है। उल्लेखनीय है कि

इस पद के लिए पूरे भारत में केवल एक ही रिक्ति थी!

निहारिका की शिक्षा यात्रा हमेशा उत्कृष्ट रही है।उन्होने Dr. Ram Manohar Lohiya National Law University (RMLNLU), Lucknow से BA LLB (Hons.)वर्ष 2020 में पूरा किया।इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ते हुए वर्ष 2021में देश के प्रतिष्ठित Tata Institute of Social Sciences (TISS), Mumbai से LL.M की डिग्री प्राप्त की।उच्च शिक्षा के बाद निहारिका को राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी शैक्षणिक प्रतिभा के लिए सम्मान मिला।उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार (MHRD, GoI) की ओर से Merit Certificate प्रदान किया गया।साथ ही निहारिका गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं, जो उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों का प्रमाण है।फरवरी 2022 से निहारिका Delhi Skill and Entrepreneurship University (DSEU),Delhi Government University में Training and Placement Officer (Grade A)के रूप में कार्यरत है।इस भूमिका में उन्होंने विद्यार्थियो के लिए इंडस्ट्री कनेक्ट प्लेसमेंट के अवसर प्री-प्लेसमेंट ट्रेनिंग और कौशल विकास कार्यक्रमो में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।प्रशासनिक जिम्मेदारियो और चुनौतियो के बावजूद निहारिका ने अपनी तैयारी और लक्ष्य को कभी नही छोड़ा।उनकी मेहनत ने अंततः उन्हें राष्ट्रीय महत्व के संस्थान ABV-IIITM में Assistant Registrar (Legal) के सम्मानित पद तक पहुँचाया। निहारिका का कहना है“मेरी यह यात्रा आसान नही थी लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी।मैं चाहती हूँ कि छोटे शहरों और सीमित संसाधनो से आने वाली लड़कियाँ जाने कि मेहनत और लगातार प्रयास से कोई भी मंज़िल पाई जा सकती है।उनकी उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे बुधुआँ गाँव एवम क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।निहारिका की कहानी उन सभी युवाओ के लिए प्रेरणा स्रोत है जो कठिन परिस्थितियो में भी बड़े सपने देखते है।निहारिका बुधुआँ गाँव के स्व० पंडित रामस्वरूप पाण्डेय की परपोती स्व0बबन पाण्डेय उर्फ जनता बाबा की पोती है!इनकी इस उपलब्धि पर उनके दादा ददन पाण्डेय बहुत खुश है।इनके पिता भारतीय थल सेना के पूर्व सूबेदार(कारगिल युद्ध विजेता)बी के पाण्डेय(निराला जी)इसे अपने गाँव के लिये सम्मान की बात मानते हैं! निहारिका का कहना है कि वे अपने गाँव के सभी लड़कियो को निशुल्क भाव से उनके उज्जवल भविष्य के लिये सहयोग करती रहेगी ताकि गाँव की और भी लड़कियो को सरकारी या गैर सरकारी विभाग मे अपनी सेवा प्रदान करने का अवसर मिलता रहे निहारिका के छोटे भाई ने भी सेना मे अधिकारी बन कर पहले ही अपने गाँव का नाम रौशन किया है!पद पर चयन के बाद गाँव के बधाई देने मे प्रमुख लोग शामिल रहे.पंडित ददन पाण्डेय आशुतोष तिवारी उर्फ छोटन बाबा राम अवध राम संजय सिंह यादव लोकगायक देवलाल अवधेश साह अजीत कुमार महतो एवम समस्त बुधुआँ गाँववासी इस बात को अपने गाँव के लिए गर्व की बात मानते है।वही लोगो ने निहारिका को शुभकामनाएं एवं बधाई दी।

काकोरी ट्रेन एक्शन नायकों की स्मृति में ‘शहादत से शहादत तक’ तीन दिवसीय आयोजन
गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।
मीरा भायंदर बीजेपी जिला उपाध्यक्ष बनाए गए सुरेश सिंह

भायंदर। भाजपा जिलाध्यक्ष दिलीप जैन ने उत्तर भारतीय मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष तथा लोकप्रिय उत्तर भारतीय नेता सुरेश सिंह को जिला उपाध्यक्ष नियुक्त किया है।विधायक नरेंद्र मेहता व जिला अध्यक्ष दिलीप जैन के हाथों उन्हें नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी रत्नाकर मिश्रा, रमेश चंद्र मिश्रा, पूर्व नगरसेवक मनोज रामनारायण दुबे, उत्तर भारतीय मोर्चा के जिला अध्यक्ष संतोष दिक्षित, भाजपा नेता राजेश मिश्रा, मोर्चा के महामंत्री कमलेश दुबे, प्रदेश प्रवक्ता शैलेश पांडे, ओम प्रकाश सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। सुरेश सिंह भाजपा के कर्मठ, ऊर्जावान,सर्वप्रिय तथा विनम्र चेहरा के रूप में जाने जाते हैं। उत्तर भारतीय संघ, मीरारोड शाखा के अध्यक्ष रहे सुरेश सिंह को 2016 में तत्कालीन विधायक नरेंद्र मेहता ने भाजपा की सदस्यता दिलाई थी। तभी से वे पार्टी के लिए लगातार सक्रियता से काम कर रहे हैं। सुरेश सिंह इस शहर के नामचीन भवन निर्माता के साथ साथ लोकप्रिय समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं। कोविड संकट काल के समय उनके द्वारा की गई मानवीय सहायता को लोग आज भी याद करते हैं। पार्टी द्वारा 2022 में सुरेश सिंह को उत्तर भारतीय मोर्चा का जिला अध्यक्ष बनाया गया। उनके नेतृत्व में शहर के अनेक उत्तर भारतीय भाजपा से जुड़े।उन्हें दूसरा कार्यकाल भी मिला । 2024 विधानसभा चुनाव में पार्टी के निर्णायक विजय को सुनिश्चित करने में वे सबसे आगे रहे। महानगरपालिका चुनाव को देखते हुए अब सुरेश सिंह को जिला उपाध्यक्ष नियुक्ति के साथ साथ प्रभाग 18 का प्रभारी बनाकर पार्टी के सभी उम्मीदवारों जिताने की विशेष जवाबदारी दी गई है। सुरेश सिंह को जिला उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं एवं उत्तर भारतीय समाज में खुशी की लहर फैल गई। बधाइयों का ताता लगा हुआ है। वरिष्ठ अधिवक्ता एड डी के पांडेय, धर्मेंद्र चतुर्वेदी, विजय राय, पूर्व नगरसेविका स्नेहा पांडे, महिला जिला अध्यक्ष वैशाली भोईर, रेनू मल्लाह, काजल सक्सेना ,अनीता राय, पूजा विश्वकर्मा, पूर्व जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष चंद्रावती त्रिपाठी, महेंद्र पांडेय, युवा मोर्चा महामंत्री विवेक उपाध्याय, अजीत उपाध्याय, सुरेन्द्र तिवारी, एड पीआर शुक्ला, एड मनीष तिवारी समेत अनेक लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई दी है।
झारखंड बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका! जेबीवीएनएल ने 2026-27 के लिए टैरिफ में 59% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया

रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिजली की दरों (टैरिफ) में 59 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) के समक्ष प्रस्तुत किया है।

बढ़ोतरी का कारण और वित्तीय आवश्यकता

राजस्व अंतर (Revenue Gap): निगम को वर्ष 2023-24 तक ₹4991.67 करोड़ का ट्रू-अप रेवेन्यू गैप दर्ज किया गया था।

आवश्यकता: वित्तीय लेखा-जोखा के अनुसार, जेबीवीएनएल को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹15584.46 करोड़ के राजस्व की आवश्यकता है।

वर्तमान वसूली: वर्तमान दरों के अनुसार, निगम की राजस्व वसूली केवल ₹9794.76 करोड़ होगी।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: निगम ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि अगस्त 2025 में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें यह रेवेन्यू गैप तीन वर्षों में समाप्त करना है। इसीलिए 2025-26 में ₹15584.46 करोड़ की राजस्व वसूली के लिए 59% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा गया है।

अन्य राज्यों से तुलना

जेबीवीएनएल ने अपने टैरिफ पिटीशन में विभिन्न राज्यों से तुलना की है:

श्रेणी झारखंड की दरें तुलनात्मक स्थिति

घरेलू दर (200 यूनिट से अधिक) 201 से 400 यूनिट तक सरकार देती है अनुदान। राजस्थान और बिहार में दरें झारखंड से अधिक हैं। उत्तर प्रदेश में दरें बराबर हैं।

फिक्स्ड चार्ज प्रति कनेक्शन के आधार पर लिया जाता है। अधिकांश राज्य (बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली) प्रति किलोवॉट के आधार पर निर्धारित करते हैं।

पिछले पांच वर्षों में दर वृद्धि

जेबीवीएनएल के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में झारखंड में बिजली की दरें तीन बार बढ़ी हैं:

वित्तीय वर्ष दर वृद्धि

2025-26 6.34%

2024-25 कोई बढ़ोतरी नहीं

2023-24 7.66%

2022-23 कोई बढ़ोतरी नहीं

2021-22 6.50%

प्री-पेड मीटर कनेक्शन नियम

प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए यह नियम है कि बकाया या बैलेंस नहीं रहने पर कनेक्शन स्वतः कट जाता है और भुगतान/रिचार्ज करने पर खुद जुड़ जाता है। तकनीकी त्रुटि होने पर उपभोक्ता जांच और सुधार के लिए संबंधित कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

अनुदान पर सोलर पंप प्राप्त करने के लिए 15 दिसंबर तक करें आवेदन

* पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत अन्नदाताओं को अनुदान पर 40521 सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे

* किसानों की समृद्धि में सहायक केंद्रांश व राज्यांश का बड़ा अनुदान


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाभियान' (पीएम कुसुम) के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में प्रदेश के अन्नदाता किसानों को अनुदान पर 40521 सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 15 दिसंबर 2025 तक कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। केवल उन्हीं किसानों को अनुदान पर सोलर पंप प्राप्त होगा जो इस वेबसाइट पर पहले से पंजीकृत हैं। किसानों का चयन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए 20227.50 लाख (दो अरब दो करोड़ सत्ताइस लाख पचास हजार) रुपये की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है, जो किसानों की समृद्धि में सहायक होगी।
किसानों को 9 प्रकार के सोलर पंपों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की ओर से अनुदान के रूप में बड़ी छूट दी जा रही है। 2 एचपी डीसी/एसी सरफेस पंप पर कुल ₹98,593-₹98,593 का अनुदान दिया जाएगा। 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,00,215, और 2 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹99,947 का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,33,621 और 3 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,32,314 का अनुदान मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार का अंश ₹77,618 और केंद्र सरकार का अंश ₹54,696 होगा। 5 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,88,038 का अनुदान किसानों को प्राप्त होगा। 7.5 एचपी एसी और 10 एचपी एसी सबमर्सिबल पंपों पर सर्वाधिक ₹2,54,983 का अनुदान मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार द्वारा ₹1,40,780 और केंद्र सरकार द्वारा ₹1,14,203 का अनुदान शामिल है।
किसानों को अनुदान पर सोलर पंप की ऑनलाइन बुकिंग www.agriculture.up.gov.in पर जाकर 'अनुदान हेतु सोलर पंप की बुकिंग करें' लिंक के माध्यम से करनी होगी। ऑनलाइन बुकिंग कन्फर्म होने पर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सूचना मिलेगी, जिसके बाद किसानों को अनुदान के बाद बची हुई अवशेष धनराशि ऑनलाइन जमा करनी होगी। टोकन मनी के रूप में किसानों को केवल ₹5,000 की राशि जमा करनी होगी। कृषि विभाग के अनुसार, 2 एचपी के लिए 4 इंच, 3 व 5 एचपी के लिए 6 इंच, और 7.5 एचपी व 10 एचपी के लिए 8 इंच की बोरिंग अनिवार्य है, जो स्वयं किसान की होनी चाहिए। सत्यापन के समय बोरिंग न पाए जाने पर टोकन मनी जब्त कर ली जाएगी और आवेदन निरस्त माना जा सकता है।
कोडिनयुक्त कफ सिरप पर यूपी में अब तक का सबसे बड़ा एक्शन: 31 जिलों में 133 फर्मों पर FIR, कई गिरफ्तार

* सीएम योगी के जीरो–टॉलरेंस आदेश पर चला एफएसडीए का मेगा क्रैकडाउन, पहली बार एनडीपीएस व बीएनएस धाराओं में मुकदमेलखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अवैध नशे के खिलाफ छेड़ी गई जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। वर्ष 2022 में गठित एएनटीएफ और एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप एवं एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार और डायवर्जन पर अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है। दो महीने से जारी इस कार्रवाई से प्रदेश भर में नशे के सौदागरों की कमर टूट गई है।एफएसडीए ने गहन अंदरुनी जांच और झारखंड, हरियाणा, हिमाचल समेत कई राज्यों में विवेचना के बाद दो माह पहले बड़े स्तर पर क्रैकडाउन शुरू किया। अब तक 31 जिलों में 133 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है, जिनमें आधा दर्जन से अधिक संचालक जेल भेजे जा चुके हैं।एफएसडीए सचिव एवं आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश था कि कार्रवाई केवल लाइसेंस रद्द करने तक सीमित न रहे, बल्कि ऐसा एक्शन हो जो देश में नजीर बने। इसी के तहत पहली बार कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए भी पत्र भेजा गया है।प्रदेश के 52 जिलों में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कई प्रतिष्ठान कागजों में ही मौजूद थे और केवल बिलिंग प्वॉइंट के रूप में चल रहे थे। कई दुकानों में भंडारण व्यवस्था और रिकॉर्ड भी नहीं मिले। जांच के दौरान 133 प्रतिष्ठान संगठित रूप से कफ सिरप का गैर-चिकित्सीय उपयोग हेतु अवैध डायवर्जन करते पाए गए। इनका नेटवर्क लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर, बहराइच के जरिए नेपाल तथा वाराणसी, गाजियाबाद से बांग्लादेश तक फैला हुआ था।* इन जिलों में तस्करी के केस सामने आए:वाराणसी, जौनपुर, कानपुर नगर, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, भदोही, अमेठी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली, मीरजापुर, बांदा, कौशांबी।
दो करोड़ से होगा ढेमवाघाट पर बनेगा पीपे का पुल,64.96 लाख रुपये की पहली किस्त जारी

बाढ़ में बह गया था पुल का एक हिस्सा

गोंडा।जिले के नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत ढेमवाघाट पुल पर अस्थाई पीपे के पुल का निर्माण होने जा रहा है।इससे नवाबगंज, गोंडा व अयोध्या के लाखों लोगों को आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी।इस पुल के निर्माण में 2 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत आएगी।कैसरगंज से भाजपा सांसद करण भूषण सिंह व तरबगंज से भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय के प्रयासों से यह परियोजना स्वीकृत हुई है।शासन ने पुल निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपा है।पुल निर्माण के लिए प्रथम किस्त के रूप में 64.96 लाख रूपए शासन द्वारा आवंटित किया गया है।जिसमें अनुदान संख्या 57 से 51.18 लाख रुपए और अनुदान संख्या 83 से 13.78 लाख रुपए शामिल है।वर्ष 2021 में आई भीषण बाढ़ के कारण ढेमवाघाट पुल का एक हिस्सा घाघरा नदी में बह गया था।इसके बाद गोंडा और अयोध्या के बीच आवागमन बाधित था,जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।पुल टूटने के बाद बीते चार सालों से जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करने को मजबूर थे।इस दौरान कई वाहन फंसे,जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया।हाल ही में आई बाढ़ में एक बुल्डोजर भी फंस गया था,जिसे क्रैन से बाहर निकाला गया।इस बड़ी सौगात के लिए सांसद करण भूषण सिंह और विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है।जनप्रतिनिधियों द्वारा स्थाई पुल निर्माण की मांग की जा रही थी,फिलहाल अस्थाई पीपे पुल का निर्माण किया जाएगा।बाढ़ इतनी भीषण थी कि कैसरगंज के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह के घर तक पानी पहुंच था ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह को ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से आना जाना पड़ रहा था और उसी दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने पहली बार तंज भी कसा था।पुल के निर्माण को लेकर के वर्ष 2022 में बृजभूषण शरण सिंह ने मौके पर पहुंचकर के प्रेस वार्ता कर मांग की थी और कई बार उनके सांसद बेटे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।जिसका नतीजा है कि ढेमवाघाट पर अस्थाई पीपे के पुल का निर्माण होने जा रहा है।कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह व विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने बताया कि जल्द ही पुल का निर्माण कार्य भी शुरू हो जायेगा।23 अगस्त को ही लोक निर्माण विभाग देवीपाटन मंडल के मुख्य अभियंता अखिलेश कुमार दिवाकर द्वारा इसको लेकर स्वीकृत प्रदान करने के लिए शासन को पत्र भी भेजा गया था।

देवघर- उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा के द्वारा सभी योजनाओं की पंचायत वार गहन समीक्षा की गई।
देवघर: उप विकास आयुक्त पीयूष सिन्हा द्वारा 09 दिसंबर 2024 को प्रखंड कार्यालय देवीपुर के सभागार मे पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता आदि के साथ पंचायतवार प्रधानमंत्री आवास योजना, अबुआ आवास योजना ,मनरेगा के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 के पूर्व की लंबित विभिन्न योजनाओं जैसे बिरसा सिंचाई संबर्धन कूप मिशन योजना, पोटो हो खेल योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, डोभा,टी.सी.बी आदि योजनाओं की पंचायतवार गहन समीक्षा की गयी एवं विभागीय निर्देश के आलोक में प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा विगत 5 साल कि सभी योजनाओं में अनिवार्य रूप से सूचनापट्ट लगाने का निर्देश दिया गया। साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी, देवीपुर को निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर सभी योजनाओं में सूचनापट्ट लगवाना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त सभी पंचायत सेवक एवं रोजगार सेवक को पंचायत में संचिकाओं को उचित तरीके से संधारित करने एवं मनरेगा की सातअनिवार्य पंजीयों को एक सप्ताह में अद्यतन करने का निर्देश दिया गया। साथ ही समीक्षा के क्रम मे लंबित आवास योजनाओं को एक सप्ताह में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। लाभुकों को स समय भुगतान करने एवम् आवास योजना का लगातार पर्यवेक्षण एवम् अनुश्रवण करने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकार, देवीपुर को दिया गया। इस समीक्षा बैठक मे प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, प्रखंड समन्वयक, प्रखंड विकास पदाधिकारी, देवीपुर के साथ साथ डी आर डी ए,देवघर की निदेशक सागरी बराल, परियोजना पदाधिकारी प्रीति कुमारी, आदि उपस्थित थे।
विधान परिषद संसदीय अध्ययन समिति ने की विभागवार समीक्षा

M N पाण्डेय,देवरिया।06 दिसंबर।उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति ने विकास भवन के गांधी सभागार में जनपद के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर विभिन्न विभागीय योजनाओं, प्रगति एवं आवेदनों के निस्तारण की विस्तृत समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता समिति के सभापति किरण पाल कश्यप ने की।

बैठक की शुरुआत अधिकारियों से परिचय के साथ हुई। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने सभापति श्री कश्यप का पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।बैठक में सरकार के गठन से अब तक जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित पत्रों पर विभागवार की गई कार्रवाई की गहन समीक्षा की गई। पुलिस, राजस्व, चिकित्सा, पंचायती राज, सिंचाई, बेसिक शिक्षा, विद्युत, कृषि, पूर्ति, पशुपालन, चकबंदी सहित विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त आवेदनों के निस्तारण की स्थिति पर विस्तृत चर्चा हुई।

सभापति कश्यप ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि आवेदनों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करें तथा इसकी जानकारी माननीय सदस्यों को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि अगली बैठक में सभी विभाग वर्ष 2022 से 2025 की अवधि में प्राप्त जनप्रतिनिधियों के पत्रों की संख्या, उनके निस्तारण की प्रगति तथा सदस्यों को अवगत कराने की स्थिति—इन सभी बिंदुओं पर पूर्ण तैयारी के साथ उपस्थित हों।

इस अवसर पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने समिति को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाएगा।बैठक में समिति सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन, मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय, अनु सचिव एवं समिति अधिकारी विनोद कुमार यादव, समीक्षा अधिकारी सौरभ दीक्षित, प्रतिवेदन अधिकारी राम प्रकाश पाल, अपर निजी सचिव अमितेश पाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

उप्र कैबिनेट- : अयोध्या में अब 52 एकड़ में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय, टाटा ग्रुप करेगा निर्माण और संचालन

लखनऊ ।योगी सरकार ने अयोध्या को विश्व स्तर का एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट ने टाटा सन्स के सहयोग से अयोध्या में प्रस्तावित विश्वस्तरीय ‘मंदिर संग्रहालय’ का दायरा और बड़ा कर दिया है।

कैबिनेट के निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि टाटा सन्स ने अपने सीएसआर फंड से एक अत्याधुनिक मंदिर संग्रहालय विकसित करने और उसका संचालन करने की इच्छा व्यक्त की है। परियोजना के लिए भूमि आवंटन के लिए केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और टाटा सन्स के बीच त्रिपक्षीय एम्ओयू बीते 3 सितंबर 2024 को ही हस्ताक्षरित हो चुका है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पूर्व में प्रदेश सरकार ने अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में 25 एकड़ नजूल भूमि टाटा सन्स को 90 वर्षों के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी लेकिन टाटा संस ने संग्रहालय की भव्यता के दृष्टिगत अधिक भूमि की अपेक्षा की थी। ऐसे में अब इस भूमि के अतिरिक्त 27.102 एकड़ और मिलाकर कुल 52.102 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग के पक्ष में किया जाएगा, ताकि परियोजना का दायरा और बड़ा किया जा सके।

उन्हाेंने बताया कि वर्ल्ड-क्लास मंदिर संग्रहालय तैयार होने के बाद अयोध्या को न सिर्फ एक नया सांस्कृतिक पहचान चिन्ह मिलेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे। साथ ही, पर्यटन से सरकार को राजस्व में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी भी होगी। युवा पीढ़ी, विदेशी सैलानियों और भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वाले आगंतुकों को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में सांस्कृतिक आकर्षणों को बढाने की दिशा में यह संग्रहालय महत्वपूर्ण होगा।

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाले यूपी के नियुक्त खिलाड़ियों को बड़ी राहतउत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को बड़ी राहत देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, ट्रेनिंग कैंपों और संबंधित गतिविधियों में शामिल होने की पूरी अवधि, आवागमन के समय सहित उनकी ‘ड्यूटी’ मानी जाएगी। मंत्री खन्ना ने बताया कि योगी कैबिनेट के इस फैसले से खिलाड़ियों को अनुमति लेने में होने वाली मुश्किलें खत्म होंगी। अब तक ‘अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022’ में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। सेवा नियमावली में अवकाश संबंधी प्रावधान न होने के कारण खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के लिए अनुमति प्रक्रिया में दिक्कतें आती थीं।

उन्होंने कहा कि अब सरकार नई प्रणाली में व्यवस्था होगी कि नियुक्त खिलाड़ी जब भी किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, कैंप या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लें, वह अवधि सेवा अवधि (ड्यूटी) मानी जाएगी। इसमें आने-जाने का पूरा समय भी शामिल होगा। इससे न केवल खिलाड़ियों को अपने खेल कॅरियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, बल्कि राज्य का प्रतिनिधित्व भी और मजबूत होगा, क्योंकि अब उन्हें अनुमति लेने में कोई बाधा नहीं आएगी।

वाराणसी के सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का संचालन अब साई कोयोगी कैबिनेट ने वाराणसी में निर्माणाधीन डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा के संचालन, प्रबंधन और रखरखाव तथा राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए ‘भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ हुए एमओयू को मंजूरी दे दी है। यह वही स्टेडियम है, जहां ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है। एमओयू के तहत स्टेडियम परिसर में मौजूद खेल सुविधाओं; जैसे, भवन, ढांचे, मैदान और अन्य अवसंरचनाओं को साई को सौंपा जाएगा, ताकि यहां नेशनल सेंटर ऑfफ एक्सीलेंस की स्थापना और संचालन सुचारु रूप से हो सके।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र बनने के बाद प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों को बड़ा मंच मिलेगा। विभिन्न आयु वर्गों और खेल विधाओं के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान की जाएगी और उन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न सिर्फ उत्तर प्रदेश की खेल प्रतिभा को मजबूत प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व भी और सशक्त होगा। सरकार का मानना है कि इस पहल से खिलाड़ियों के सामने भविष्य में रोजगार और खेल करियर दोनों की संभावनाएं बढ़ेंगी, साथ ही वाराणसी देश के प्रमुख खेल केंद्रों में से एक के रूप में उभरकर सामने आएगा।
पूर्व सैनिक की बेटी ने किया गाँव का नाम रौशन

सैनिक कॉलोनी के भारतीय थल सेना के पूर्व सूबेदार कारगिल युद्ध विजेता बी के पाण्डेय(निराला जी)की बेटी ने रचा इतिहास—ABV-IIITM ग्वालियर की एकमात्र AR (Legal)पद पर निहारिका का चयन

संजय द्विवेदी प्रयागराज।भारतीय थल सेना के पूर्व सुबेदार कारगिल युद्ध विजेता बी के पाण्डेय(निराला जी)की बेटी निहारिका का हुआ चयन। निहारिका ने एक छोटे गाँव बुधुआं के साधारण परिवार मे पली-बढ़ी निहारिका ने संघर्ष मेहनत और निरंतर प्रयास के दम पर वह उपलब्धि हासिल की है जो कई युवाओ का सपना होती है।उनका चयन देश के प्रतिष्ठित अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबन्धन संस्थान ग्वालियर(ABV-IIITM Gwalior)में असिस्टेंट रजिस्ट्रार (लीगल) पद पर हुआ है। उल्लेखनीय है कि

इस पद के लिए पूरे भारत में केवल एक ही रिक्ति थी!

निहारिका की शिक्षा यात्रा हमेशा उत्कृष्ट रही है।उन्होने Dr. Ram Manohar Lohiya National Law University (RMLNLU), Lucknow से BA LLB (Hons.)वर्ष 2020 में पूरा किया।इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ते हुए वर्ष 2021में देश के प्रतिष्ठित Tata Institute of Social Sciences (TISS), Mumbai से LL.M की डिग्री प्राप्त की।उच्च शिक्षा के बाद निहारिका को राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी शैक्षणिक प्रतिभा के लिए सम्मान मिला।उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार (MHRD, GoI) की ओर से Merit Certificate प्रदान किया गया।साथ ही निहारिका गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं, जो उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों का प्रमाण है।फरवरी 2022 से निहारिका Delhi Skill and Entrepreneurship University (DSEU),Delhi Government University में Training and Placement Officer (Grade A)के रूप में कार्यरत है।इस भूमिका में उन्होंने विद्यार्थियो के लिए इंडस्ट्री कनेक्ट प्लेसमेंट के अवसर प्री-प्लेसमेंट ट्रेनिंग और कौशल विकास कार्यक्रमो में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।प्रशासनिक जिम्मेदारियो और चुनौतियो के बावजूद निहारिका ने अपनी तैयारी और लक्ष्य को कभी नही छोड़ा।उनकी मेहनत ने अंततः उन्हें राष्ट्रीय महत्व के संस्थान ABV-IIITM में Assistant Registrar (Legal) के सम्मानित पद तक पहुँचाया। निहारिका का कहना है“मेरी यह यात्रा आसान नही थी लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी।मैं चाहती हूँ कि छोटे शहरों और सीमित संसाधनो से आने वाली लड़कियाँ जाने कि मेहनत और लगातार प्रयास से कोई भी मंज़िल पाई जा सकती है।उनकी उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे बुधुआँ गाँव एवम क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।निहारिका की कहानी उन सभी युवाओ के लिए प्रेरणा स्रोत है जो कठिन परिस्थितियो में भी बड़े सपने देखते है।निहारिका बुधुआँ गाँव के स्व० पंडित रामस्वरूप पाण्डेय की परपोती स्व0बबन पाण्डेय उर्फ जनता बाबा की पोती है!इनकी इस उपलब्धि पर उनके दादा ददन पाण्डेय बहुत खुश है।इनके पिता भारतीय थल सेना के पूर्व सूबेदार(कारगिल युद्ध विजेता)बी के पाण्डेय(निराला जी)इसे अपने गाँव के लिये सम्मान की बात मानते हैं! निहारिका का कहना है कि वे अपने गाँव के सभी लड़कियो को निशुल्क भाव से उनके उज्जवल भविष्य के लिये सहयोग करती रहेगी ताकि गाँव की और भी लड़कियो को सरकारी या गैर सरकारी विभाग मे अपनी सेवा प्रदान करने का अवसर मिलता रहे निहारिका के छोटे भाई ने भी सेना मे अधिकारी बन कर पहले ही अपने गाँव का नाम रौशन किया है!पद पर चयन के बाद गाँव के बधाई देने मे प्रमुख लोग शामिल रहे.पंडित ददन पाण्डेय आशुतोष तिवारी उर्फ छोटन बाबा राम अवध राम संजय सिंह यादव लोकगायक देवलाल अवधेश साह अजीत कुमार महतो एवम समस्त बुधुआँ गाँववासी इस बात को अपने गाँव के लिए गर्व की बात मानते है।वही लोगो ने निहारिका को शुभकामनाएं एवं बधाई दी।