भदोही में 3 शिक्षकों को सेवा समाप्त का नोटिस लंबे समय से है गायब, 25 दिसंबर तक मांगा गया स्पष्टीकरण
*रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव*

भदोही- लंबे समय से विद्यालय से गायब चल रहे परिषदीय स्कूलों के तीन शिक्षकों पर सेवा समाप्त होगी। गायब रहने व भेजी जा रही नोटिस का जवाब भी न देने पर अंतत: उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। हालांकि उन्हें 25 दिसंबर के पूर्व अनुपस्थित रहने के संबंध में स्पष्टीकरण देने का समय दिया गया है।

बेसिक शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित प्राथमिक विद्यालय पट्टी अचल सिंह ब्लाक सुरियावां में तैनात प्रधानाध्यापक नितिन सिंह सोलंकी निवासी 149-सी टीचर्स कालोनी, हुसैन बाद, जौनपुर, प्राथमिक विद्यालय कूड़ी ब्लाक डीघ में तैनात सहायक अध्यापक नवरत्नमणि त्रिपाठी ग्राम हरदी, बेलहसा बखीरा, संत कबीरनगर व ज्ञानपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय संसारापुर में तैनात सहायक अध्यापक विवेकानंद मिश्र निवासी चकबसुही , अजयपुर भदोही कई माह से बगैर किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे हैं।

बार-बार भेजी जा रही नोटिस का जवाब भी नहीं दे रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि नितिन सिंह 15 मई 2023 से, नव रत्नमणि त्रिपाठी एक जुलाई 2022 से और विवेकानंद मिश्र तीन जलाई 2024 से गायब चल रहे हैं। तीनों शिक्षकों को अंतिम अवसर देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर 25 दिसंबर के पूर्व स्पष्टीकरण साक्ष्य सहित उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। तय तिथि तक स्पष्टीकरण न मिलने पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई तय कर दी जाएगी।
पीएचसी प्री परीक्षा: केंद्रों पर चार घंटे पहले पहुंचेगा प्रश्नपत्र

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से राज्य - प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारंभिक ( पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा) 22 दिसंबर को दो पालियों में आयोजित होगी। परीक्षा को पारदर्शी एवं सकुशल संपन्न कराने की तैयारी में जिला प्रशासन पूरे जोर - शोर से जुटा है। केंद्रों पर भेजे जाने वाले प्रश्न पत्र सेक्टर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में केंद्र व्यवस्थापक और सह केंद्र व्यवस्थापकों को दी जाएगी।

परीक्षा शुरू होने से चार घंटे पहले कैमरे की निगरानी में उपलब्ध कराई जाएगी। 22 दिसंबर को पहली पाली में सुबह पांच बजे और दूसरी पाली के लिए सुबह 10.30 बजे से कोषागार कार्यालय जिला मुख्यालय ज्ञानपुर से प्रश्न पत्र के शील्ड बंडल एवं चाबियों के पैकेट को प्राप्त कर पुलिस सुरक्षा के बीच केंद्र पर पहुंचकर प्रश्न पत्र उपलब्ध कराएंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि पीसीएस प्री परीक्षा के लिए जिले में नौ विद्यालयों में केंद्र बनाया गया है। सभी केंद्रों पर दो पालियों में परीक्षा होगी। प्रथम पाली में सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक एवं दूसरी पाली में 2.30 से 4.30 बजे तक परीक्षा आयोजित होगी।

परीक्षा के पश्चात प्रश्न पत्रों के आने वाले शील्ड बंडलों को कोषागार में डबल लाॅक आलमारी में रखवाया जाएगा। बताया कि सभी केंद्रों पर सेक्टर व स्टेटिक मजिस्ट्रेट की हुई तैनाती के अलावा अतिरिक्त रिजर्व सेक्टर व स्टेटिक मजिस्ट्रेट रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों और कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा शुरू होने के 45 मिनट पूर्ण तक की केंद्रों पर प्रवेश दिया जाएगा। प्रथम पाली में सुबह आठ से 8.45 बजे तक प्रवेश मिलेगा जबकि दूसरी पाली में एक बजे से 1.45 बजे तक ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश पा सकेंगे।

इसके बाद किसी को परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसे देखते हुए सभी अभ्यर्थियों को समय से केंद्रों पर पहुंचने का निर्देश दिया गया। परीक्षा केंद्र के 200 मीटर गज की पारिधि में किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र प्रतिबंधित रहेगा। फोटो स्टेट की दुकानें पूर्णतया बंद रहेगी। परीक्षा केंद्र के अंदर किसी भी परीक्षार्थी को मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक घड़ी, ब्लू टूथ व अन्य कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाना पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा।
रूस-युक्रेन युद्ध खत्म होने की उम्मीद, पुतिन ने ट्रंप से समझौते की दिखाई इच्छा


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध पर वह निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से समझौता करने को तैयार हैं। वह इस मसले पर ट्रंप से वार्ता कर सकते हैं। पुतिन ने कहा, 'युद्ध खत्म करने के लिए दोनों ही पक्षों (रूस और यूक्रेन) को समझौता करना होगा। उनकी ओर से इस वार्ता के लिए कोई शर्त नहीं है।'

पुतिन का यह महत्वपूर्ण बयान यूक्रेन युद्ध के लगभग 34 महीने बाद उनके वार्षिक प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में आया है। इस कार्यक्रम में वह सरकारी टेलीविजन पर मीडिया और आमजनों के सवालों के जवाब दे रहे थे। पुतिन ने इस बात से इन्कार किया कि रूस इस समय कमजोर स्थिति में है।

यूक्रेन में लड़ाई जटिल: पुतिन

उन्होंने कहा, 'रूस इस समय 2022 से ज्यादा मजबूत स्थिति में है, जब यूक्रेन पर कार्रवाई शुरू की गई थी।' उन्होंने कहा, 'यूक्रेन में रूसी सेना आगे बढ़ रही है, इसके बावजूद वह वार्ता और समझौते के लिए तैयार हैं।' इस दौरान पुतिन ने स्वीकार किया कि यूक्रेन में लड़ाई जटिल है।

सीरिया में रूसी सैन्य अड्डों के विषय में पुतिन ने कहा कि इस बारे में सीरिया के नए शासकों को प्रस्ताव दिया गया है। वैसे रूस के ज्यादातर लोग चाहते हैं कि सीरिया में दोनों सैन्य अड्डे बने रहें। एक प्रश्न के उत्तर में पुतिन ने कहा, 'सीरिया में 2012 में अपहृत हुए अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस के विषय में वह सीरिया के नए शासकों और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद से बात करेंगे।' टाइस के परिवार ने पत्र लिखकर पुतिन से इस बारे में मदद मांगी है।

ओर्शेनिक मिसाइल का एक और परीक्षण होगा: पुतिन

रूस द्वारा विकसित ओर्शेनिक हाइपरसोनिक मिसाइल की अजेयता पर पुतिन ने कहा, 'यूक्रेन के सैन्य कारखाने पर हमला कर इस मिसाइल का परीक्षण किया गया। सभी डिफेंस सिस्टमों को विफल करते हुए मिसाइल सटीक निशाने पर लगी। इस मिसाइल का जल्द ही यूक्रेन में एक और परीक्षण किया जाएगा और देखा जाएगा कि पश्चिमी देशों के मिसाइल सिस्टम क्या उसे रोक पाते हैं।'

राहुल गांधी पर बीजेपी सांसदों के साथ धक्का-मुक्की का आरोप, संसद परिसर में हंगामे को लेकर केस दर्ज, जानें राहुल गांधी पर कब कितने मुकदमे?

आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी के बाद संसद परिसर में हंगामे को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. राहुल पर बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत के साथ धक्का-मुक्की का आरोप है. राहुल पर मुकदमा दर्ज होने के बाद कांग्रेस पार्टी हमलावर हो गई है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक यह केस मुद्दे को डायवर्ट करने के लिए किया गया है.

वेणुगोपाल के मुताबिक राहुल पर बीजेपी की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाना कोई नई बात नहीं है. 2014 से अब तक राहुल पर 20 से ज्यादा मुकदमा दर्ज हो चुके हैं. साल 2019 में राहुल पर सबसे ज्यादा 5 मुकदमे दर्ज किए गए थे. 2024 में 4 और 2021 में राहुल गांधी के खिलाफ 3 मुकदमे दर्ज हुए थे.

राहुल 2019 में दर्ज एक केस में दोषी भी पाए जा चुके हैं. वहीं कई मुकदमों का ट्रायल कोर्ट में जारी है. राहुल के दो मुकदमे की सुनवाई हाई कोर्ट में हो रही है.

राहुल गांधी पर कब कितने मुकदमे?

साल 2014 में राहुल गांधी पर पहला कोर्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. यह केस महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित जॉइंट सिविल जज की अदालत में दर्ज किया गया था. राहुल पर यह केस गांधी की हत्या में आरएसएस की भूमिका बताने को लेकर किया गया था. यह केस क्रिमिनल और सिविल मानहानि से जुड़ा है.

2016 में राहुल गांधी पर असम की राजधानी गुवाहाटी में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था. यह केस चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में दर्ज किया गया था. राहुल पर यह मुकदमा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर की गई एक टिप्पणी को लेकर की गई थी. राहुल ने हत्या से जुड़े एक मामले में संघ पर विवादित टिप्पणी की थी.

साल 2018 में राहुल गांधी पर 3 मुकदमे दर्ज किए गए. पहला मुकदमा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और दूसरा मुकदमा सुल्तानपुर में दर्ज किया गया. तीसरा मुकदमा झारखंड के रांची में दर्ज किया गया था. राहुल गांधी पर दोनों मुकदमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर विवादित टिप्पणी को लेकर किया गया था. यह मुकदमा भी मानहानि से जुड़ा हुआ है.

2019 में राहुल गांधी पर सबसे ज्यादा 5 मुकदमे दर्ज किए गए. यह केस देश के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज किया गया. मामला मोदी सरनेम से जुड़ा था. राहुल ने एक रैली में सवाल उठाते हुए कहा था कि सारे मोदी सरनेम के लोग ही चोर क्यों हैं?

राहुल पर मोद सरनेम मामले में सूरत, पटना, रांची, अहमदाबाद और नई दिल्ली में केस किया गया था. सूरत केस में उन्हें दोषी भी ठहराया जा चुका है. बाकी मामलों की सुनवाई चल रही है. सूरत केस की वजह से ही 2023 में राहुल गांधी की सदस्यता गई थी.

2021 में राहुल गांधी पर 3 मुकदमे दर्ज हुए. पहला मुकदमा झारखंड के चाईबासा, दूसरा मुकदमा दिल्ली और तीसरा मुकदमा मुंबई में दर्ज किया गया. दिल्ली वाला मुकदमा रेप विक्टिम को लेकर किए गए दावों की वजह से किया गया था. इसमें राहुल पर पोक्सो की धारा भी लगाई गई है. मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही है. यह गंभीर मामला है और राहुल गांधी अगर इसमें दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें दो साल या उससे ज्यादा की सजा मिल सकती है.

वहीं चाईबासा और मुंबई का मामला मानहानि से जुड़ा है. दोनों केस में मोदी और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर राहुल ने टिप्पणी की थी.

2022 में राहुल गांधी पर दो मुकदमे दर्ज किए गए. पहला मुकदमा बेंगलुरु में दर्ज किया गया. यह केस कॉपीराइट उल्लंघन से जुड़ा है. राहुल पर आरोप है कि उन्होंने बिना परमिशन अपनी यात्रा का थीम सॉन्ग तैयार करने के लिए कॉपीराइट का उल्लंघन किया. राहुल पर दूसरा मामला लखनऊ में दर्ज है. राहुल पर इस केस में वीर सावरकर पर विवादित टिप्पणी का आरोप है.

2023 में राहुल गांधी पर सूरत में एक मुकदमा फिर से दर्ज किया गया. यह मुकदमा सूरत के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज के पास दर्ज किया गया. राहुल पर मोदी समाज को अपमानित का आरोप था.

2024 में अब तक राहुल गांधी पर 4 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. जनवरी 2024 में असम में राहुल पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. इसी महीने राहुल पर कर्नाटक के बेंगलुरु में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को लेकर विवादित टिप्पणी के आरोप में केस दर्ज किया गया.

सितंबर महीने में राहुल गांधी ने अमेरिका में सिख समुदाय और आरक्षण को लेकर टिप्पणी की थी. इस केस में राजधानी दिल्ली में राहुल के खिलाफ 3 जगहों पर केस दर्ज किया गया था. अब राहुल पर संसद में मारपीट के आरोप में केस दर्ज हुआ है.

जितनी संपत्ति नहीं उससे ज्यादा का जुर्माना, कैसे भरेंगे संभल के सांसद?

बिजली चोरी के मामले में संभल एमपी जियाउर रहमान बर्क पर बिजली विभाग ने बड़ा ऐक्शन लिया है. सपा सांसद पर उनकी संपत्ति से ज्यादा जुर्माना लगाया है. जियाउर्रहमान बर्क को 1 करोड़ 91 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा. उनकी कुल संपत्ति 1 करोड़ 89 लाख 67 हजार 476 रुपए है, जिसमें उनकी पत्नी के गहने, जमीन, कैश आदि की रकम भी शामिल है. 19 दिसंबर को बिजली विभाग की टीमें भारी सुरक्षा बलों के साथ एमपी जियाउर रहमान बर्क के घर पर पहुंचीं थी.

उनके घर लगे बिजली के मीटर में जीरो रीडिंग पाई गई. घर में डेली जरूरतों के हिसाब से सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मौजूद थे. एसी, पंखे, इंडक्शन, फ्रीज आदि सभी सामान होने के बावजूद जीरो रीडिंग आना मीटर से छेड़छाड़ वाले पहलू सामने लाया. बिजली विभाग ने मौजूदा तथ्यों के हिसाब से बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया है. इसके बाद उनके खिलाफ ये बड़ी कार्रवाई की गई. हालांकि, जुर्माने की राशि इतनी तय की गई, जितनी उनकी संपत्ति नहीं है. बिजली विभाग ने कार्रवाई करते हुए उनकी घर के लाइट कनेक्शन को भी काट दिया है. भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में बिजली विभाग ने कनेक्शन काटने की कार्रवाई की है.

कितनी है इनकम?

सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क के ओर से दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक, 2023 -24 में कुल सालाना आय 4 लाख 230 रुपए हैं. 2022-23 में 4 लाख 88 हजार 790 रुपए, 2021-22 में 4 लाख 74 हजार 70 रुपए, 2020-21 में 4 लाख 90 हजार, 2019-20 में 3 लाख 18 हजार 960 रुपए सालाना आय रही है. यानी पिछले 5 सालों में मिली कुल आय से ज्यादा उनपर जुर्माना लगाया गया.

एफिडेविट के मुताबिक, उनकी कुल रियल स्टेट की संपत्ति 12 लाख 44 हजार 5 सौ रुपए और पत्नी की 27 लाख 33 हजार रुपए है. क्रय के पश्चात उनकी स्थावर संपत्ति का विकास 60 हजार और पत्नी का 19 हजार रुपए है. उनकी पत्नी के आय का जरिया ट्यूशन पढ़ाना है. उनके पास कैश के रूप में 70 हजार रुपए हैं.

बिजली चेकिंग के दौरान उनके पिता पर भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बिजली कर्मचारियों को धमकाया है. उनके इस काम की वजह से सरकारी काम में बाधा पहुंचा है. इस कारण से उनके पिता के खिलाफ भी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले के सामने आने के बाद हर कोई हैरान है कि सपा सांसद के बड़े और आलीशान मकान के बिजली का बिल जीरो आया है. सरकार की तरफ से उनसे एक करोड़ से ज्यादा का वसूला जाएगा.

विपक्ष को बड़ा झटका, राज्यसभा सभापति के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव खारिज

#no_confidence_motion_against_chairman_jagdeep_dhankhar_rejected

राज्यसभा के सभापति और उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को उप-सभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया है।इस तरह अब इसे सदन में पेश नहीं किया जा सकेगा। अनुच्छेद 67(बी) का इस्तेमाल करते हुए उपराष्ट्रपति को हटाने पर विचार करने वाले किसी भी प्रस्ताव के लिए अनिवार्य रूप से कम से कम 14 दिन पूर्व नोटिस देना अनिवार्य होता है, जिसका पालन नहीं किया गया। इस वजह से तकनीकी आधार पर विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज किया गया।

उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ नैरेटिव बनाने के उद्देश्य से लाया गया था। उन्होंने बताया कि उस प्रस्ताव में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का नाम भी ठीक से नहीं लिखा गया था। बताया जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव में दस्तावेज और वीडियो को जिक्र नहीं किया गया। उपसभापति ने कहा, संसद और उसके सदस्यों की प्रतिष्ठा के लिए चिंताजनक बात ये है कि यह नोटिस मौजूदा उपराष्ट्रपति को बदनाम करने के दावों से भरा हुआ है, जिसमें अगस्त 2022 में उनके पदभार ग्रहण करने के समय की घटनाओं का जिक्र किया गया है। नोटिस में प्रामाणिकता की कमी और बाद में सामने आई घटनाओं से पता चला कि यह राजनीतिक प्रचार को चमकाने का एक प्रयास था।

संसद के शाीतकालीन सत्र के 10वें दिन (10 दिसंबर) विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी पीसी मोदी को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। पीसी मोदी ने ही आज उप-सभापति का जवाब सदन में रखा।

राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर INDIA ब्लॉक ने 11 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- सभापति राज्यसभा में स्कूल के हेडमास्टर की तरह व्यवहार करते हैं। विपक्ष का सांसद 5 मिनट भाषण दे तो वे उस पर 10 मिनट तक टिप्पणी करते हैं। सभापति सदन के अंदर प्रतिपक्ष के नेताओं को अपने विरोधी के तौर पर देखते हैं। सीनियर-जूनियर कोई भी हो, विपक्षी नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर अपमानित करते हैं। उनके व्यवहार के कारण हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हुए हैं।

नये वर्ष में पटनावासियों को मिलेगी बड़ी सौगात, अशोक राजपथ के डबल डेकर पुल पर इस माह से दौड़ेंगी गाड़िया

डेस्क : नये वर्ष में राजधानी पटनावासियों को बड़ी सौगात मिलने वाली है। पटना गांधी मैदान से सांयस कॉलेज तक अशोक राजपथ पर बन रहे डबल डेकर पुल पर फरवरी से गाड़ियां दौड़ेंगी। निर्माणाधीन डबल डेकर पुल फरवरी में बनकर तैयार हो जाएगा। निर्माण कार्य में तीन जगहों पर आ रही बाधा को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मेट्रो और पुल निर्माण निगम के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर दूर कराया। इस पहल के बाद बचे हुए काम को तेजी से पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। डीएम बुधवार को निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे।

डीएम ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक की मौजूदगी में गांधी मैदान से कारगिल चौक होते हुए मेट्रो और डबल डेकर पुल के निर्माण कार्य का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से करगिल चौक-गांधी मैदान से पीएमसीएच होते हुए पटना सायंस कॉलेज तक अशोक राजपथ पर 2.2 किलोमीटर की लंबाई में डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। स्थल निरीक्षण में देखा गया कि कार्य में अच्छी प्रगति है।

अशोक राजपथ में डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य 15 जनवरी 2022 में शुरू हुआ था और फरवरी 2025 तक पूरा होना है। अंजुमन इस्लामिया हॉल के पास डबल-डेकर फ्लाईओवर के स्पैन नंबर 26 से 32 तक पुल निर्माण निगम लिमिटेड के आरओडब्ल्यू (राइट ऑफ वे) में मेट्रो की ओर से बैरिकेडिंग किये जाने के कारण डबल-डेकर फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में समस्या आ रही है। डीएम ने मेट्रो के अधिकारियों को रोड के किनारे बाउंड्री वॉल की तरफ बैरिकेडिंग बोर्ड चार मीटर पीछे करते हुए डबल डेकर निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा ताकि पुल निर्माण निगम को भी कार्य करने में कोई समस्या न हो।

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : अस्पतालों में फायर सेफ्टी का उठा मुद्दा

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदस्यों ने अस्पतालों में फायर सेफ्टी का मुद्दा उठाया. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि वर्तमान में फ़ायरसेफ्टी सिस्टम का ऑडिट चल रही है. सरकार ने हर जिले में जांच के लिए कमेटी का भी गठन किया है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल का आज एक साल पूरा होने पर सदस्यों ने उन्हें बधाई दी है. इसके बाद भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल किया कि प्रदेश में कितने सरकारी और प्राइवेट अस्पताल है. इन अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम के क्या प्रावधान है. फायर सेफ्टी सिस्टम का आडिट कब-कब हुआ. जिन अस्पतालों में फायर सिस्टम अपडेट नहीं है, या सिस्टम नहीं है, उन पर क्या कार्रवाई हुई?

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम विहारी जैसवाल ने सदन को बताया कि प्रदेश में 1129 प्राइवेट अस्पताल हैं. सरकारी अस्पतालों के पंजीकरण का कोई प्रावधान नहीं है. छत्तीसगढ़ सरकार की 29 नवंबर 2022 की अधिसूचना के अनुसार, 30 से अधिक बिस्तर वाले और क्रिटिकल केयर यूनिट वाले अस्पतालों को फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है. जिन अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं है, उनके लायसेंस सस्पेंड और निरस्तीकरण के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है.

राजेश मूणत ने अधूरे पड़े हमर क्लिनिक का मामला उठाया. इस पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया कि स्वास्थ्य विस्तार के लिए ‘हमर अस्पताल, हमर क्लिनिक’ योजना चलाई गई. 15वें वित्त आयोग ने 38 करोड़ से ज्यादा विभाग को भेजा है. वित्त विभाग ने विलंब किया, जिसके बाद राशि नहीं भेजी गई. इस पर जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं पटाने तक अगली राशि नहीं मिलेगी.

मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस बार बजट में यह राशि रखी गयी है, दूसरी-तीसरी किस्त इसके बाद आ जाएगी. वहीं मूणत की हमर क्लिनिक में राज्य सरकार की क्या भूमिका है, कितने ड्रा होने चाहिए वाले सवाल पर मंत्री ने बताया कि हमर क्लिनिक में पांच मानव संसाधन होते हैं, जहां पूरा सेटअप होता है, वहां संचालित हो रहा है.

बीएड प्रशिक्षुओं को सेमेस्टर चार में देनी होगी पीओटी की परीक्षा,बीएड प्रशिक्षुओं को सेमेस्टर चार में देनी होगी पीओटी की परीक्षा

झा.डेस्क

धनबाद: बीबीएमकेयू ने बीएड कोर्स के रेगुलेशन में बदलाव का निर्णय लिया है. बुधवार को कुलपति प्रो रामकुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रैक्टिस ऑफ टीचिंग (पीओटी) की परीक्षा सेमेस्टर फोर में लेने का निर्णय लिया गया है. यह बदलाव बीएड सेमेस्टर सत्र 2023-25 से लागू होगा. 

इस बदलाव के लिए डीन एजुकेशन से प्रस्ताव मांगा गया है. अभी तक पीओटी की परीक्षा सेमेस्टर तीन में होती रही है. पीओटी में बीएड प्रशिक्षुओं को 16 सप्ताह का स्कूलों में इंटर्नशिप करना होता. उन्हें स्कूल आवंटन शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है. इस प्रक्रिया में विलंब होने से बीएड सेमेस्टर तीन की परीक्षा भी विलंब से होती थी. इसे देखते हुए पीओटी की परीक्षा सेमेस्टर फोर में कराने का निर्णय लिया गया है. 

हालांकि प्रशिक्षुओं की पीओटी सेमेस्टर तीन में ही शुरू हो जायेगी. इस संबंध में विवि परीक्षा नियंत्रक डॉ सुमन कुमार वर्णवाल ने बताया कि एनसीटीइ के नियमानुसार पीओटी सेकेंड इयर में होता है. इसलिए इसकी परीक्षा सेकेंड इयर की समाप्ति पर सेमेस्टर चार की परीक्षा के साथ होगी.

पीओटी की परीक्षा का स्वरूप भी बदलेगा


अभी तक पीओटी की परीक्षा वाइवा से ली जाती रही है. लेकिन अब परीक्षा विभाग इसके स्वरूप में बदलाव पर विचार कर रहा है. परीक्षा बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा हुई है. इसमें वाइवा का वेटेज 30 प्रतिशत करने पर बल दिया गया है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय से पहले डीन एजुकेशन से इस पर प्रस्ताव देने को कहा गया है.

यूजी सेमेस्टर फोर में 68 प्रतिशत उत्तीर्ण


परीक्षा बोर्ड ने यूजी सेमेस्टर फोर सत्र 2022-26 का रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया है. यूजी सेमेस्टर फोर की परीक्षा में 68 प्रतिशत परीक्षार्थी सभी विषयों में उत्तीर्ण हुए हैं. वहीं 95 प्रतिशत विद्यार्थी चार सीजीपीए से अधिक ग्रेड प्वाइंट लाकर प्रमोट हुए हैं. परीक्षा बोर्ड की बैठक में डीएसडब्ल्यू डॉ पुष्पा कुमारी, प्रॉक्टर डॉ अजीत कुमार, डीन एजुकेशन डॉ शर्मिला रानी, रजिस्ट्रार डॉ डीके सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ सुमन कुमार वर्णवाल के साथ अन्य सभी संकायों के डीन मौजूद थे.

उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड, सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा ऐलान

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता अगले साल 2025 से लागू हो जाएगी। यह जानकारी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दी। उन्होंने कहा है कि जनवरी 2025 से उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बनने वाला है।

यह जानकारी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी है। सीएम धामी ने कहा बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में होमवर्क पूरा कर चुकी है।

सीएम धामी ने कहा कि मार्च 2022 में प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति, गठित करने का निर्णय लिया गया था। इस क्रम में सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।

समिति की रिपोर्ट के आधार पर 07 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा से समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पारित किया गया। इस विधेयक पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च, 2024 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसी क्रम में अब समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम की नियमावली भी तैयार कर ली है।उत्तराखंड जनवरी से यूसीसी को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वादा किया था कि उत्तराखंड में सरकार बनी तो यूसीसी को लागू करेंगे। उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा।

भदोही में 3 शिक्षकों को सेवा समाप्त का नोटिस लंबे समय से है गायब, 25 दिसंबर तक मांगा गया स्पष्टीकरण
*रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव*

भदोही- लंबे समय से विद्यालय से गायब चल रहे परिषदीय स्कूलों के तीन शिक्षकों पर सेवा समाप्त होगी। गायब रहने व भेजी जा रही नोटिस का जवाब भी न देने पर अंतत: उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। हालांकि उन्हें 25 दिसंबर के पूर्व अनुपस्थित रहने के संबंध में स्पष्टीकरण देने का समय दिया गया है।

बेसिक शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित प्राथमिक विद्यालय पट्टी अचल सिंह ब्लाक सुरियावां में तैनात प्रधानाध्यापक नितिन सिंह सोलंकी निवासी 149-सी टीचर्स कालोनी, हुसैन बाद, जौनपुर, प्राथमिक विद्यालय कूड़ी ब्लाक डीघ में तैनात सहायक अध्यापक नवरत्नमणि त्रिपाठी ग्राम हरदी, बेलहसा बखीरा, संत कबीरनगर व ज्ञानपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय संसारापुर में तैनात सहायक अध्यापक विवेकानंद मिश्र निवासी चकबसुही , अजयपुर भदोही कई माह से बगैर किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे हैं।

बार-बार भेजी जा रही नोटिस का जवाब भी नहीं दे रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि नितिन सिंह 15 मई 2023 से, नव रत्नमणि त्रिपाठी एक जुलाई 2022 से और विवेकानंद मिश्र तीन जलाई 2024 से गायब चल रहे हैं। तीनों शिक्षकों को अंतिम अवसर देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर 25 दिसंबर के पूर्व स्पष्टीकरण साक्ष्य सहित उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। तय तिथि तक स्पष्टीकरण न मिलने पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई तय कर दी जाएगी।
पीएचसी प्री परीक्षा: केंद्रों पर चार घंटे पहले पहुंचेगा प्रश्नपत्र

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से राज्य - प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारंभिक ( पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा) 22 दिसंबर को दो पालियों में आयोजित होगी। परीक्षा को पारदर्शी एवं सकुशल संपन्न कराने की तैयारी में जिला प्रशासन पूरे जोर - शोर से जुटा है। केंद्रों पर भेजे जाने वाले प्रश्न पत्र सेक्टर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में केंद्र व्यवस्थापक और सह केंद्र व्यवस्थापकों को दी जाएगी।

परीक्षा शुरू होने से चार घंटे पहले कैमरे की निगरानी में उपलब्ध कराई जाएगी। 22 दिसंबर को पहली पाली में सुबह पांच बजे और दूसरी पाली के लिए सुबह 10.30 बजे से कोषागार कार्यालय जिला मुख्यालय ज्ञानपुर से प्रश्न पत्र के शील्ड बंडल एवं चाबियों के पैकेट को प्राप्त कर पुलिस सुरक्षा के बीच केंद्र पर पहुंचकर प्रश्न पत्र उपलब्ध कराएंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि पीसीएस प्री परीक्षा के लिए जिले में नौ विद्यालयों में केंद्र बनाया गया है। सभी केंद्रों पर दो पालियों में परीक्षा होगी। प्रथम पाली में सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक एवं दूसरी पाली में 2.30 से 4.30 बजे तक परीक्षा आयोजित होगी।

परीक्षा के पश्चात प्रश्न पत्रों के आने वाले शील्ड बंडलों को कोषागार में डबल लाॅक आलमारी में रखवाया जाएगा। बताया कि सभी केंद्रों पर सेक्टर व स्टेटिक मजिस्ट्रेट की हुई तैनाती के अलावा अतिरिक्त रिजर्व सेक्टर व स्टेटिक मजिस्ट्रेट रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों और कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा शुरू होने के 45 मिनट पूर्ण तक की केंद्रों पर प्रवेश दिया जाएगा। प्रथम पाली में सुबह आठ से 8.45 बजे तक प्रवेश मिलेगा जबकि दूसरी पाली में एक बजे से 1.45 बजे तक ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश पा सकेंगे।

इसके बाद किसी को परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसे देखते हुए सभी अभ्यर्थियों को समय से केंद्रों पर पहुंचने का निर्देश दिया गया। परीक्षा केंद्र के 200 मीटर गज की पारिधि में किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र प्रतिबंधित रहेगा। फोटो स्टेट की दुकानें पूर्णतया बंद रहेगी। परीक्षा केंद्र के अंदर किसी भी परीक्षार्थी को मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक घड़ी, ब्लू टूथ व अन्य कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाना पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा।
रूस-युक्रेन युद्ध खत्म होने की उम्मीद, पुतिन ने ट्रंप से समझौते की दिखाई इच्छा


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध पर वह निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से समझौता करने को तैयार हैं। वह इस मसले पर ट्रंप से वार्ता कर सकते हैं। पुतिन ने कहा, 'युद्ध खत्म करने के लिए दोनों ही पक्षों (रूस और यूक्रेन) को समझौता करना होगा। उनकी ओर से इस वार्ता के लिए कोई शर्त नहीं है।'

पुतिन का यह महत्वपूर्ण बयान यूक्रेन युद्ध के लगभग 34 महीने बाद उनके वार्षिक प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में आया है। इस कार्यक्रम में वह सरकारी टेलीविजन पर मीडिया और आमजनों के सवालों के जवाब दे रहे थे। पुतिन ने इस बात से इन्कार किया कि रूस इस समय कमजोर स्थिति में है।

यूक्रेन में लड़ाई जटिल: पुतिन

उन्होंने कहा, 'रूस इस समय 2022 से ज्यादा मजबूत स्थिति में है, जब यूक्रेन पर कार्रवाई शुरू की गई थी।' उन्होंने कहा, 'यूक्रेन में रूसी सेना आगे बढ़ रही है, इसके बावजूद वह वार्ता और समझौते के लिए तैयार हैं।' इस दौरान पुतिन ने स्वीकार किया कि यूक्रेन में लड़ाई जटिल है।

सीरिया में रूसी सैन्य अड्डों के विषय में पुतिन ने कहा कि इस बारे में सीरिया के नए शासकों को प्रस्ताव दिया गया है। वैसे रूस के ज्यादातर लोग चाहते हैं कि सीरिया में दोनों सैन्य अड्डे बने रहें। एक प्रश्न के उत्तर में पुतिन ने कहा, 'सीरिया में 2012 में अपहृत हुए अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस के विषय में वह सीरिया के नए शासकों और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद से बात करेंगे।' टाइस के परिवार ने पत्र लिखकर पुतिन से इस बारे में मदद मांगी है।

ओर्शेनिक मिसाइल का एक और परीक्षण होगा: पुतिन

रूस द्वारा विकसित ओर्शेनिक हाइपरसोनिक मिसाइल की अजेयता पर पुतिन ने कहा, 'यूक्रेन के सैन्य कारखाने पर हमला कर इस मिसाइल का परीक्षण किया गया। सभी डिफेंस सिस्टमों को विफल करते हुए मिसाइल सटीक निशाने पर लगी। इस मिसाइल का जल्द ही यूक्रेन में एक और परीक्षण किया जाएगा और देखा जाएगा कि पश्चिमी देशों के मिसाइल सिस्टम क्या उसे रोक पाते हैं।'

राहुल गांधी पर बीजेपी सांसदों के साथ धक्का-मुक्की का आरोप, संसद परिसर में हंगामे को लेकर केस दर्ज, जानें राहुल गांधी पर कब कितने मुकदमे?

आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी के बाद संसद परिसर में हंगामे को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. राहुल पर बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत के साथ धक्का-मुक्की का आरोप है. राहुल पर मुकदमा दर्ज होने के बाद कांग्रेस पार्टी हमलावर हो गई है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक यह केस मुद्दे को डायवर्ट करने के लिए किया गया है.

वेणुगोपाल के मुताबिक राहुल पर बीजेपी की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाना कोई नई बात नहीं है. 2014 से अब तक राहुल पर 20 से ज्यादा मुकदमा दर्ज हो चुके हैं. साल 2019 में राहुल पर सबसे ज्यादा 5 मुकदमे दर्ज किए गए थे. 2024 में 4 और 2021 में राहुल गांधी के खिलाफ 3 मुकदमे दर्ज हुए थे.

राहुल 2019 में दर्ज एक केस में दोषी भी पाए जा चुके हैं. वहीं कई मुकदमों का ट्रायल कोर्ट में जारी है. राहुल के दो मुकदमे की सुनवाई हाई कोर्ट में हो रही है.

राहुल गांधी पर कब कितने मुकदमे?

साल 2014 में राहुल गांधी पर पहला कोर्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. यह केस महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित जॉइंट सिविल जज की अदालत में दर्ज किया गया था. राहुल पर यह केस गांधी की हत्या में आरएसएस की भूमिका बताने को लेकर किया गया था. यह केस क्रिमिनल और सिविल मानहानि से जुड़ा है.

2016 में राहुल गांधी पर असम की राजधानी गुवाहाटी में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था. यह केस चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में दर्ज किया गया था. राहुल पर यह मुकदमा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर की गई एक टिप्पणी को लेकर की गई थी. राहुल ने हत्या से जुड़े एक मामले में संघ पर विवादित टिप्पणी की थी.

साल 2018 में राहुल गांधी पर 3 मुकदमे दर्ज किए गए. पहला मुकदमा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और दूसरा मुकदमा सुल्तानपुर में दर्ज किया गया. तीसरा मुकदमा झारखंड के रांची में दर्ज किया गया था. राहुल गांधी पर दोनों मुकदमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर विवादित टिप्पणी को लेकर किया गया था. यह मुकदमा भी मानहानि से जुड़ा हुआ है.

2019 में राहुल गांधी पर सबसे ज्यादा 5 मुकदमे दर्ज किए गए. यह केस देश के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज किया गया. मामला मोदी सरनेम से जुड़ा था. राहुल ने एक रैली में सवाल उठाते हुए कहा था कि सारे मोदी सरनेम के लोग ही चोर क्यों हैं?

राहुल पर मोद सरनेम मामले में सूरत, पटना, रांची, अहमदाबाद और नई दिल्ली में केस किया गया था. सूरत केस में उन्हें दोषी भी ठहराया जा चुका है. बाकी मामलों की सुनवाई चल रही है. सूरत केस की वजह से ही 2023 में राहुल गांधी की सदस्यता गई थी.

2021 में राहुल गांधी पर 3 मुकदमे दर्ज हुए. पहला मुकदमा झारखंड के चाईबासा, दूसरा मुकदमा दिल्ली और तीसरा मुकदमा मुंबई में दर्ज किया गया. दिल्ली वाला मुकदमा रेप विक्टिम को लेकर किए गए दावों की वजह से किया गया था. इसमें राहुल पर पोक्सो की धारा भी लगाई गई है. मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही है. यह गंभीर मामला है और राहुल गांधी अगर इसमें दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें दो साल या उससे ज्यादा की सजा मिल सकती है.

वहीं चाईबासा और मुंबई का मामला मानहानि से जुड़ा है. दोनों केस में मोदी और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर राहुल ने टिप्पणी की थी.

2022 में राहुल गांधी पर दो मुकदमे दर्ज किए गए. पहला मुकदमा बेंगलुरु में दर्ज किया गया. यह केस कॉपीराइट उल्लंघन से जुड़ा है. राहुल पर आरोप है कि उन्होंने बिना परमिशन अपनी यात्रा का थीम सॉन्ग तैयार करने के लिए कॉपीराइट का उल्लंघन किया. राहुल पर दूसरा मामला लखनऊ में दर्ज है. राहुल पर इस केस में वीर सावरकर पर विवादित टिप्पणी का आरोप है.

2023 में राहुल गांधी पर सूरत में एक मुकदमा फिर से दर्ज किया गया. यह मुकदमा सूरत के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज के पास दर्ज किया गया. राहुल पर मोदी समाज को अपमानित का आरोप था.

2024 में अब तक राहुल गांधी पर 4 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. जनवरी 2024 में असम में राहुल पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. इसी महीने राहुल पर कर्नाटक के बेंगलुरु में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को लेकर विवादित टिप्पणी के आरोप में केस दर्ज किया गया.

सितंबर महीने में राहुल गांधी ने अमेरिका में सिख समुदाय और आरक्षण को लेकर टिप्पणी की थी. इस केस में राजधानी दिल्ली में राहुल के खिलाफ 3 जगहों पर केस दर्ज किया गया था. अब राहुल पर संसद में मारपीट के आरोप में केस दर्ज हुआ है.

जितनी संपत्ति नहीं उससे ज्यादा का जुर्माना, कैसे भरेंगे संभल के सांसद?

बिजली चोरी के मामले में संभल एमपी जियाउर रहमान बर्क पर बिजली विभाग ने बड़ा ऐक्शन लिया है. सपा सांसद पर उनकी संपत्ति से ज्यादा जुर्माना लगाया है. जियाउर्रहमान बर्क को 1 करोड़ 91 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा. उनकी कुल संपत्ति 1 करोड़ 89 लाख 67 हजार 476 रुपए है, जिसमें उनकी पत्नी के गहने, जमीन, कैश आदि की रकम भी शामिल है. 19 दिसंबर को बिजली विभाग की टीमें भारी सुरक्षा बलों के साथ एमपी जियाउर रहमान बर्क के घर पर पहुंचीं थी.

उनके घर लगे बिजली के मीटर में जीरो रीडिंग पाई गई. घर में डेली जरूरतों के हिसाब से सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मौजूद थे. एसी, पंखे, इंडक्शन, फ्रीज आदि सभी सामान होने के बावजूद जीरो रीडिंग आना मीटर से छेड़छाड़ वाले पहलू सामने लाया. बिजली विभाग ने मौजूदा तथ्यों के हिसाब से बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया है. इसके बाद उनके खिलाफ ये बड़ी कार्रवाई की गई. हालांकि, जुर्माने की राशि इतनी तय की गई, जितनी उनकी संपत्ति नहीं है. बिजली विभाग ने कार्रवाई करते हुए उनकी घर के लाइट कनेक्शन को भी काट दिया है. भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में बिजली विभाग ने कनेक्शन काटने की कार्रवाई की है.

कितनी है इनकम?

सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क के ओर से दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक, 2023 -24 में कुल सालाना आय 4 लाख 230 रुपए हैं. 2022-23 में 4 लाख 88 हजार 790 रुपए, 2021-22 में 4 लाख 74 हजार 70 रुपए, 2020-21 में 4 लाख 90 हजार, 2019-20 में 3 लाख 18 हजार 960 रुपए सालाना आय रही है. यानी पिछले 5 सालों में मिली कुल आय से ज्यादा उनपर जुर्माना लगाया गया.

एफिडेविट के मुताबिक, उनकी कुल रियल स्टेट की संपत्ति 12 लाख 44 हजार 5 सौ रुपए और पत्नी की 27 लाख 33 हजार रुपए है. क्रय के पश्चात उनकी स्थावर संपत्ति का विकास 60 हजार और पत्नी का 19 हजार रुपए है. उनकी पत्नी के आय का जरिया ट्यूशन पढ़ाना है. उनके पास कैश के रूप में 70 हजार रुपए हैं.

बिजली चेकिंग के दौरान उनके पिता पर भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बिजली कर्मचारियों को धमकाया है. उनके इस काम की वजह से सरकारी काम में बाधा पहुंचा है. इस कारण से उनके पिता के खिलाफ भी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले के सामने आने के बाद हर कोई हैरान है कि सपा सांसद के बड़े और आलीशान मकान के बिजली का बिल जीरो आया है. सरकार की तरफ से उनसे एक करोड़ से ज्यादा का वसूला जाएगा.

विपक्ष को बड़ा झटका, राज्यसभा सभापति के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव खारिज

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राज्यसभा के सभापति और उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को उप-सभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया है।इस तरह अब इसे सदन में पेश नहीं किया जा सकेगा। अनुच्छेद 67(बी) का इस्तेमाल करते हुए उपराष्ट्रपति को हटाने पर विचार करने वाले किसी भी प्रस्ताव के लिए अनिवार्य रूप से कम से कम 14 दिन पूर्व नोटिस देना अनिवार्य होता है, जिसका पालन नहीं किया गया। इस वजह से तकनीकी आधार पर विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज किया गया।

उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ नैरेटिव बनाने के उद्देश्य से लाया गया था। उन्होंने बताया कि उस प्रस्ताव में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का नाम भी ठीक से नहीं लिखा गया था। बताया जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव में दस्तावेज और वीडियो को जिक्र नहीं किया गया। उपसभापति ने कहा, संसद और उसके सदस्यों की प्रतिष्ठा के लिए चिंताजनक बात ये है कि यह नोटिस मौजूदा उपराष्ट्रपति को बदनाम करने के दावों से भरा हुआ है, जिसमें अगस्त 2022 में उनके पदभार ग्रहण करने के समय की घटनाओं का जिक्र किया गया है। नोटिस में प्रामाणिकता की कमी और बाद में सामने आई घटनाओं से पता चला कि यह राजनीतिक प्रचार को चमकाने का एक प्रयास था।

संसद के शाीतकालीन सत्र के 10वें दिन (10 दिसंबर) विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी पीसी मोदी को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। पीसी मोदी ने ही आज उप-सभापति का जवाब सदन में रखा।

राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर INDIA ब्लॉक ने 11 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- सभापति राज्यसभा में स्कूल के हेडमास्टर की तरह व्यवहार करते हैं। विपक्ष का सांसद 5 मिनट भाषण दे तो वे उस पर 10 मिनट तक टिप्पणी करते हैं। सभापति सदन के अंदर प्रतिपक्ष के नेताओं को अपने विरोधी के तौर पर देखते हैं। सीनियर-जूनियर कोई भी हो, विपक्षी नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर अपमानित करते हैं। उनके व्यवहार के कारण हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हुए हैं।

नये वर्ष में पटनावासियों को मिलेगी बड़ी सौगात, अशोक राजपथ के डबल डेकर पुल पर इस माह से दौड़ेंगी गाड़िया

डेस्क : नये वर्ष में राजधानी पटनावासियों को बड़ी सौगात मिलने वाली है। पटना गांधी मैदान से सांयस कॉलेज तक अशोक राजपथ पर बन रहे डबल डेकर पुल पर फरवरी से गाड़ियां दौड़ेंगी। निर्माणाधीन डबल डेकर पुल फरवरी में बनकर तैयार हो जाएगा। निर्माण कार्य में तीन जगहों पर आ रही बाधा को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मेट्रो और पुल निर्माण निगम के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर दूर कराया। इस पहल के बाद बचे हुए काम को तेजी से पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। डीएम बुधवार को निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे।

डीएम ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक की मौजूदगी में गांधी मैदान से कारगिल चौक होते हुए मेट्रो और डबल डेकर पुल के निर्माण कार्य का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से करगिल चौक-गांधी मैदान से पीएमसीएच होते हुए पटना सायंस कॉलेज तक अशोक राजपथ पर 2.2 किलोमीटर की लंबाई में डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। स्थल निरीक्षण में देखा गया कि कार्य में अच्छी प्रगति है।

अशोक राजपथ में डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य 15 जनवरी 2022 में शुरू हुआ था और फरवरी 2025 तक पूरा होना है। अंजुमन इस्लामिया हॉल के पास डबल-डेकर फ्लाईओवर के स्पैन नंबर 26 से 32 तक पुल निर्माण निगम लिमिटेड के आरओडब्ल्यू (राइट ऑफ वे) में मेट्रो की ओर से बैरिकेडिंग किये जाने के कारण डबल-डेकर फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में समस्या आ रही है। डीएम ने मेट्रो के अधिकारियों को रोड के किनारे बाउंड्री वॉल की तरफ बैरिकेडिंग बोर्ड चार मीटर पीछे करते हुए डबल डेकर निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा ताकि पुल निर्माण निगम को भी कार्य करने में कोई समस्या न हो।

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : अस्पतालों में फायर सेफ्टी का उठा मुद्दा

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदस्यों ने अस्पतालों में फायर सेफ्टी का मुद्दा उठाया. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि वर्तमान में फ़ायरसेफ्टी सिस्टम का ऑडिट चल रही है. सरकार ने हर जिले में जांच के लिए कमेटी का भी गठन किया है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल का आज एक साल पूरा होने पर सदस्यों ने उन्हें बधाई दी है. इसके बाद भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल किया कि प्रदेश में कितने सरकारी और प्राइवेट अस्पताल है. इन अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम के क्या प्रावधान है. फायर सेफ्टी सिस्टम का आडिट कब-कब हुआ. जिन अस्पतालों में फायर सिस्टम अपडेट नहीं है, या सिस्टम नहीं है, उन पर क्या कार्रवाई हुई?

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम विहारी जैसवाल ने सदन को बताया कि प्रदेश में 1129 प्राइवेट अस्पताल हैं. सरकारी अस्पतालों के पंजीकरण का कोई प्रावधान नहीं है. छत्तीसगढ़ सरकार की 29 नवंबर 2022 की अधिसूचना के अनुसार, 30 से अधिक बिस्तर वाले और क्रिटिकल केयर यूनिट वाले अस्पतालों को फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है. जिन अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं है, उनके लायसेंस सस्पेंड और निरस्तीकरण के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है.

राजेश मूणत ने अधूरे पड़े हमर क्लिनिक का मामला उठाया. इस पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया कि स्वास्थ्य विस्तार के लिए ‘हमर अस्पताल, हमर क्लिनिक’ योजना चलाई गई. 15वें वित्त आयोग ने 38 करोड़ से ज्यादा विभाग को भेजा है. वित्त विभाग ने विलंब किया, जिसके बाद राशि नहीं भेजी गई. इस पर जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं पटाने तक अगली राशि नहीं मिलेगी.

मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस बार बजट में यह राशि रखी गयी है, दूसरी-तीसरी किस्त इसके बाद आ जाएगी. वहीं मूणत की हमर क्लिनिक में राज्य सरकार की क्या भूमिका है, कितने ड्रा होने चाहिए वाले सवाल पर मंत्री ने बताया कि हमर क्लिनिक में पांच मानव संसाधन होते हैं, जहां पूरा सेटअप होता है, वहां संचालित हो रहा है.

बीएड प्रशिक्षुओं को सेमेस्टर चार में देनी होगी पीओटी की परीक्षा,बीएड प्रशिक्षुओं को सेमेस्टर चार में देनी होगी पीओटी की परीक्षा

झा.डेस्क

धनबाद: बीबीएमकेयू ने बीएड कोर्स के रेगुलेशन में बदलाव का निर्णय लिया है. बुधवार को कुलपति प्रो रामकुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रैक्टिस ऑफ टीचिंग (पीओटी) की परीक्षा सेमेस्टर फोर में लेने का निर्णय लिया गया है. यह बदलाव बीएड सेमेस्टर सत्र 2023-25 से लागू होगा. 

इस बदलाव के लिए डीन एजुकेशन से प्रस्ताव मांगा गया है. अभी तक पीओटी की परीक्षा सेमेस्टर तीन में होती रही है. पीओटी में बीएड प्रशिक्षुओं को 16 सप्ताह का स्कूलों में इंटर्नशिप करना होता. उन्हें स्कूल आवंटन शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है. इस प्रक्रिया में विलंब होने से बीएड सेमेस्टर तीन की परीक्षा भी विलंब से होती थी. इसे देखते हुए पीओटी की परीक्षा सेमेस्टर फोर में कराने का निर्णय लिया गया है. 

हालांकि प्रशिक्षुओं की पीओटी सेमेस्टर तीन में ही शुरू हो जायेगी. इस संबंध में विवि परीक्षा नियंत्रक डॉ सुमन कुमार वर्णवाल ने बताया कि एनसीटीइ के नियमानुसार पीओटी सेकेंड इयर में होता है. इसलिए इसकी परीक्षा सेकेंड इयर की समाप्ति पर सेमेस्टर चार की परीक्षा के साथ होगी.

पीओटी की परीक्षा का स्वरूप भी बदलेगा


अभी तक पीओटी की परीक्षा वाइवा से ली जाती रही है. लेकिन अब परीक्षा विभाग इसके स्वरूप में बदलाव पर विचार कर रहा है. परीक्षा बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा हुई है. इसमें वाइवा का वेटेज 30 प्रतिशत करने पर बल दिया गया है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय से पहले डीन एजुकेशन से इस पर प्रस्ताव देने को कहा गया है.

यूजी सेमेस्टर फोर में 68 प्रतिशत उत्तीर्ण


परीक्षा बोर्ड ने यूजी सेमेस्टर फोर सत्र 2022-26 का रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया है. यूजी सेमेस्टर फोर की परीक्षा में 68 प्रतिशत परीक्षार्थी सभी विषयों में उत्तीर्ण हुए हैं. वहीं 95 प्रतिशत विद्यार्थी चार सीजीपीए से अधिक ग्रेड प्वाइंट लाकर प्रमोट हुए हैं. परीक्षा बोर्ड की बैठक में डीएसडब्ल्यू डॉ पुष्पा कुमारी, प्रॉक्टर डॉ अजीत कुमार, डीन एजुकेशन डॉ शर्मिला रानी, रजिस्ट्रार डॉ डीके सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ सुमन कुमार वर्णवाल के साथ अन्य सभी संकायों के डीन मौजूद थे.

उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड, सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा ऐलान

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता अगले साल 2025 से लागू हो जाएगी। यह जानकारी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दी। उन्होंने कहा है कि जनवरी 2025 से उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बनने वाला है।

यह जानकारी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी है। सीएम धामी ने कहा बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में होमवर्क पूरा कर चुकी है।

सीएम धामी ने कहा कि मार्च 2022 में प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति, गठित करने का निर्णय लिया गया था। इस क्रम में सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।

समिति की रिपोर्ट के आधार पर 07 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा से समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पारित किया गया। इस विधेयक पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च, 2024 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसी क्रम में अब समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम की नियमावली भी तैयार कर ली है।उत्तराखंड जनवरी से यूसीसी को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वादा किया था कि उत्तराखंड में सरकार बनी तो यूसीसी को लागू करेंगे। उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा।