माननीय उच्च न्यायालय , पटना के आदेश के अनुपालन में मोरहर नदी में गाद की उडाही एवं तटबंध की मरम्मति शीघ्र हो-डॉ.कश्यप
जहानाबाद लोक जनशक्ति पाटी (राम विलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ इंदु  कश्यप ने जिला पदाधिकारी जहानाबाद से मिलकर हाईकोर्ट  पटना के आदेश के आलोक में जहानाबाद जिलांतर्गत35.  किलोमीटर में  वहने वाली- मोरहर नदी की गाद की उडाही एवं तटवंध की मरम्मति करने की मांग की  है।इस संबंध में डा० इन्दु  कश्यप ने कहा कि मेरे द्वारा मोरहर नदी पर बने घोषी वियर के नौ-गेट तथा सम्मत विगह में बने बांध में सुलिसगेट खोलने हेतु तथा जहानाबाद जिला में बहने वाली 35. किलोमीटर में मोरहर नदी के गाद की उडाही एवं तटबंध की मरम्मति हेतु माननीय उच्च न्यायालय पटना में मेरे द्वारा लोकहित याचिका   सी. डब्लू जे. सी न०-16604/2022 इन्दु कश्यप वनाम बिहार सरकार एवं अन्य दाखिल किया था।जिसमे माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा दिनांक- 2.12.2022 को अपने आदेश में तीन माह में त्वरित कार्रवाई का आदेश जिला पदाधिकारी जहानाबाद को दिया था, इसके आलोक में घोषी वियर में नौ बंद गेट तथा सम्मत विगहा में 2 गेट खोल दिया गया। जिससे जहानाबाद एवं रतनी के  लगभग 20 गांव के धान की खेती डुवने से बच गयी इसके लिए मैं सरकार/ जिला प्रशासन को धन्यवाद देती हूं । ज्ञातब्य है, कि घोषी बियर के 11 सुलिस गेट में नौ गेट बंद था तथा सम्मत विगहा में मोरहर नदी में  पक्का बांध बना दिये जाने के कारण जहानाबाद प्रखंड एवं रतनी प्रखंड के कई गांवो में नदी का पानी फैलने से विगत पांच वर्षों से धान की खेती बंद थी। इस संबंध में  जिला पदाधिकारी अलंकृता पांडेय  ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश से शीघ्र गाद की उडाही एवं  तटबंध की मरम्मति हेतु डी. पी. आर तैयार करा कर सिंचाई विभाग को भेजी जाएगी।
कौन है दिल्ली में कोकीन का कारोबार का “किंग”, 5 हजार करोड़ का ड्रग्स जब्त होने के बाद भाजपा हमलावर

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दिल्ली में नशे की सबसे बड़ी खेप बरामद हुई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मादक पदार्थों की अपने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी खेप बरामद की है। इसकी कीमत 5 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। नशे का ये कारोबार राजधानी में दबे पैर चल रहा था।पुलिस को इसकी भनक तो पहले से ही थी, वह तो बस मौके का इंतजार कर रही थी कि सिर्फ खेप ही नहीं इसके तस्कर भी पकड़े जाएं। पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया और मौका लगते ही इस गैंग पर छापा मार ड्रग्स की खेप के साथ तस्करों को भी धर दबोचा।

दिल्ली पुलिस ने एक अंतरर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर चार मादक पदार्थ तस्कर तुषार गोयल, भरत कुमार जैन, औरंगजेब सिद्दीकी और हिमांशु कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस को दिल्ली में एक्टिव संदिग्ध ड्रग कार्टल के खुफिया मैसेज को रिकॉर्ड करने के दौरान इंटरनेशनल ड्रग रैकेट की भनक लगी थी। पता चला कि विदेश से कोकीन की बड़ी खेप लाई जा रही है, इसको दिल्ली के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचाया जाना था।

ड्रग की ये खेप पनामा पोर्ट से दुबई होते हुए गोवा पहुंची थी। सीक्रेट बातचीत के मुताबिक, इसको यूपी के हापुड़ और गाजियाबाद और फिर दिल्ली के महिपालपुर में पहंचना था। बस फिर क्या था, पुलिस ने जाल बिछाया और इसे पकड़ लिया।पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से पहले 15 किलो कोकिन बरामद किया है बाद में इनकी निशानदेही पर महिपालपुर के गोदाम में छापा मारकर बाकी का ड्रग्स बरामद किया। पुलिस टीम के मुताबिक ये ड्रग्स 23 कार्टून और 8 यूएस पोलो शर्ट के कवर के अंदर छिपाकर रखी गई थी। इस रैकेट को मिडिल ईस्ट का हैंडलर ऑपरेट कर रहा था, दिल्ली में ये ड्रग्स अलग-अलग शहरों से पहुंची थी।

भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि तुषार दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में आरटीआई सेल का हेड रहा है। भाजपा प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने देश को बर्बाद करने में शामिल ड्रग डीलरों के साथ कथित संबंधों के लिए कांग्रेस की आलोचना की और मुख्य विपक्षी दल से स्पष्टीकरण मांगा।

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'कल दिल्ली में 5,600 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। यह मात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीए सरकार (2006-2013) के दौरान पूरे भारत में केवल 768 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई थी। 2014-2022 तक भाजपा सरकार ने 22,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है। ड्रग सिंडिकेट का मुख्य आरोपी और किंगपिन तुषार गोयल भारतीय युवा कांग्रेस आरटीआई सेल का प्रमुख रहा है। कांग्रेस पार्टी का उसके (तुषार गोयल) साथ क्या संबंध है? क्या यह पैसा कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनावों में इस्तेमाल किया जा रहा था? क्या कांग्रेस के कुछ नेताओं का ड्रग तस्करों से कोई समझौता है? कांग्रेस खासकर हुड्डा परिवार को जवाब देना चाहिए कि आपका तुषार गोयल से क्या संबंध है?'

पटनासिटी में आईटीआई संस्थान का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन/छात्रों को मिलेगा औद्योगिक प्रशिक्षण
पटनासिटी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटनासिटी में बने आईटीआई का उद्घाटन कर दिया है।पटनासिटी कि गायघाट के पास बने इस आईटीआई का निर्माण 2022 में शुरू हुआ था।इस आईटीआई के निर्माण में करीब 17 करोड़ का खर्च आया है जिसका मुख्य भवन तीन मंजिला का होगा। इसमे प्राचार्य और उप प्राचार्य के लिए क्वार्टर भी होगा,साथ ही कैंटीन,स्टाफ होस्टल और 100 छात्रों के लिए छात्रावास भी होगा।इस संस्था की खास बात यह है कि यह पूरी तरह भूकम्परोधी होगा और अब यह बन जाने के बाद देखने मे बेहद ही आकर्षक दिखता है।आपको बताये की इस संस्था के उद्घाटन हो जाने से यह क्षेत्र अब पूरी तरह से शिक्षा हब बन चुका है। आपको बताये की यहाँ के छात्रों को आईटीआई प्रशिक्षण के लिए दीघा और ऐसे ही क़ई अन्य जगह जाना पड़ता था लेकिन इसके शुरू हो जाने के बाद छात्रों को यह सुविधा यही मिलना शुरू हो जाएगा।अगर इस क्षेत्र के शिक्षा हब की बात करे तो राजकीय पॉलिटेक्निक गुलजारबाग,गायघाट में पहले से मौजूद भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधीन नौवहन प्रशिक्षण संस्थान,न्यायिक प्रशिक्षण केंद्र,एवम राजकीय महिला महाविद्यालय गुलजारबाग है ,तो एक तरह से यह माना जा सकता है कि पटनासिटी का गायघाट का क्षेत्र अब शिक्षा का हब बनने जा रहा है।इसलिए सरकार को अब चाहिए कि पटनासिटी में विकास की गति को और तेज करे।
सिंगापुर में पूर्व मंत्री को 12 महीने की जेल, भ्रष्टाचार के आरोप में ठहराए गए थे दोषी, जानें भारत से क्या कनेक्शन?

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सिंगापुर में भारतीय मूल के पूर्व परिवहन मंत्री एस. ईश्वरन को 12 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। उन्हें लोक सेवक के तौर पर अपने दो व्यापारी मित्रों से सात साल में 403,300 सिंगापुर डॉलर मूल्य के उपहार लेने के आरोप में दोषी पाया गया था। 24 सितंबर को उपहार लेने और न्याय को अवरुद्ध करने के चार मामलों में 62 वर्षीय ईश्वरन को दोषी दोषी ठहराया गया था।

सजा सुनाने के दौरान जज विंसेंट हूंग ने कहा कि उन्होंने अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों की ओर से सजा पर विचार किया, लेकिन वे दोनों स्थितियों पर सहमत होने में असमर्थ रहे।जज ने बताया कि पूर्व मंत्री ने उपहार लेकर अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि ईश्वरन ने सार्वजनिक बयान देकर इन आरोपों को झूठा बताया था। जज ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री को भेजी गई चिट्ठी में ईश्वरन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए इसे झूठ बताया।

ईश्वरन के वकील दविंदर सिंह ने आठ महीने से अधिक की सजा न देने की दलीली दी थी। डिप्टी अटर्नी जनरल ताई वी शियोंग ने छह से सात महीने की सजा की मांग की। ईश्वरन के वकीलों ने सजा को सात अक्तूबर तक के लिए टालने और उन्हें उसी दिन शाम चार बजे अदालत में आत्मसमर्पण करने की मांग की।

ईश्वरन पर थिएटर शो, फुटबॉल मैच और सिंगापुर एफ1 ग्रैंड प्रिक्स, व्हिस्की, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और होटल में ठहरने समेत कीमती सामानों से संबंधित आरोप हैं। इसमें शामिल राशि SGD 400,000 (USD 300,000 से अधिक) से अधिक है। उसके पास से व्हिस्की और वाइन की बोतलें, गोल्फ क्लब और एक ब्रॉम्पटन साइकिल भी जब्त की गई। ईश्वरन के आरोप प्रॉपर्टी टाइकून ओंग बेंग सेंग और कंस्ट्रक्शन फर्म के मालिक लुम कोक सेंग के साथ उसके संबंधों से संबंधित हैं। हालांकि दोनों व्यवसायियों पर आरोप नहीं लगाए गए हैं।

संशोधित किए गए दो आरोपों में ओंग शामिल हैं, जो उस समय सिंगापुर जीपी के बहुसंख्यक शेयरधारक थे।संशोधित आरोपों में यह भी कहा गया है कि ईश्वरन को पता था कि सिंगापुर जीपी के माध्यम से ओंग सुविधा के प्रदर्शन से संबंधित था। सिंगापुर एफ1 ग्रैंड प्रिक्स 2022 से 2028 के लिए सिंगापुर जीपी और सिंगापुर पर्यटन बोर्ड (एसटीबी) के बीच समझौता, और यह ईश्वरन के मंत्री और एफ1 संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में आधिकारिक कार्यों से जुड़ा था। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मूल आरोपों में कहा गया था कि ईश्वरन ने भ्रष्ट तरीके से ओंग से ये उपहार प्राप्त किए, और ऐसा ओंग के व्यावसायिक हितों को आगे बढ़ाने के बदले में किया।

बांग्लादेश सरकार का बड़ा फैसला, भारत सहित इन 5 देशों से वापस बुलाए अपने राजदूत, जानें क्या है वजह

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बांग्लादेश में शेख हसीने के तख्तापलट के बाद भारत के साथ संबंध काफी प्रभावित हुए हैं। इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने क और बड़ा फैसला लिया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत सहित पांच देशों से अपने राजदूत वापस बुला लिए हैं। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश के राजदूत वापस बुलाए गए हैं।

जिन्हें बुलाया गया है उनमे भारत में उच्चायुक्त मुस्तफ़िज़ुर रहमान के अलावा न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में राजदूत शामिल हैं। रहमान सहित वापस बुलाए गए कुछ राजनयिक आने वाले महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले थे।राजनयिक रहमान को जुलाई 2022 में भारत में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश के स्थायी प्रतिनिधि और स्विट्जरलैंड और सिंगापुर में दूत के रूप में काम कर चुके थे। उन्होंने विकास सहयोग को आगे बढ़ाने और दोनों पक्षों के बीच बेहतर संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रशासनिक प्रभाग के आदेश देश की विदेश नीति को लेकर अच्छे नहीं रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि भारत में उच्चायुक्त सहित जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं।

बता दें कि बांग्लादेश में छात्र संगठनों के नेतृत्व में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए। इसके कारण अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली। इस घटना के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंध खराब स्थिति में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कार्यभार संभाल लिया।

गया में 16 दिवसीय चल रहे पितृपक्ष मेला आज हो गया समापन: इस वर्ष गयाजी में आये 22 लाख तीर्थ यात्री, 1 लाख से ऊपर पैकेजिंग कराकर दिया गया गंगाजल

गया। बिहार के गया में 17 सितंबर से चल रहे 16 दिवसीय पितृपक्ष मेला का आज समापन हो गया। इस वर्ष का पितृपक्ष मेला काफी ऐतिहासिक मेला साबित हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से लगभग 3 महीना पहले से ही पितृपक्ष मेला के सफल आयोजन के लिए हर स्तर पर तैयारी की गई थी, जिसका परिणाम रहा कि पितृपक्ष मेला में 22 लाख से अधिक संख्या में आए तीर्थ यात्री ने सरकार एवं प्रशासन को प्रशंसा की और धन्यवाद दिया है। जिला प्रशासन द्वारा हर जगह पर तीर्थ यात्रियों को पूरी मदद, सेवा भाव एवं समर्पण के साथ उनका सहयोग देने का कार्य किया है।

पितृपक्ष मेला को सफल बनाने में तमाम पदाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, सफाई कर्मियों, स्वयं सेवी संस्थानों, समाजसेवियों, NCC, NSS के बच्चे, स्काउट गाइड के बच्चे, नेहरू युवा केन्द्र के वोलेंटियर, विभिन्न मीडिया हाउस के प्रतिनिधियों सहित अन्य सभी लोगो के साथ साथ गया जिला वासियों को इस वर्ष पितृपक्ष मेला को ऐतिहासिक बनाने, स्मरणीय बनाने तथा यादगार बनाने के साथ साथ सफल बनाने में जो भी योगदान किया है, जिन्हें मैं धन्यवाद देता हूं। इस वर्ष का मेला सालो साल इतिहास के रूप में याद किया जाएगा। देश विदेश से आए पिंडदानी गया जिला के साथ-साथ बिहार का अच्छा छवि लेकर घर वापस लौटे। सभी यात्रियों ने इस वर्ष के मेले की व्यवस्थाओं से काफी खुश दिखे और इस आयोजन के माध्यम से बिहार एवं गयाजी के छवी और बेहतर होगी ऐसा मेरा भरोसा है. पितृपक्ष मेला के अवसर पर 22 लाख से अधिक तीर्थयात्री गया जी आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किया है साथ ही लगभग 25 से अधिक विदेशी पिंडदानी जो रसिया, फ्रांस, जर्मनी, साउथ अफ्रीका सहित अन्य देशों से आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किए हैं। विदेशी पिंडदानी ने भी कहा कि जिस फल्गु नदी में पानी नहीं होती थी, वहां अब लबालब पानी देखने को मिल रहा है। गया जी डैम बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र बना है। पहले पिंडदानी गड्डा खोदकर पानी निकालकर तर्पण करते थे। अभी लबालब पानी मे यात्री तर्पण कर काफी संतुष्ट हो रहे हैं।

पितृपक्ष मेला 2024 समापन संबंधित सारांश

◆ इस वर्ष गयाजी आये कुल तीर्थ यात्रियों की संख्या- 22 लाख 

◆ वर्ष 2023 में गयाजी आए तीर्थ यात्रियों की संख्या- 15 लाख

◆ वर्ष 2022 में गयाजी आए तीर्थ यात्रियों की संख्या- 13 लाख

◆ इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर निशुल्क अवसान प्रदान किए गए इसमें लगभग डेढ़ लाख (1.5 लाख) तीर्थयात्री अवसान किए हैं।

◆ विभिन्न स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से 82 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने स्वास्थ्य लाभ लिया है।

◆ निशुल्क ई रिक्शा का लाभ 3 लाख 20 हजार तीर्थयात्रियों ने लिया है।

◆ गयाजी आये तीर्थ यात्रियों को गंगाजल का पाउच पैकेजिंग कराकर 1 लाख से ऊपर यात्रियों के बीच वितरित करवाया गया है।

◆ बुजुर्ग एवं दिव्यांग तीर्थ यात्रियों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा रखी गई थी, व्हीलचेयर लगभग 2000 तीर्थयात्रियों ने प्रयोग किया है।

◆ घाटों पर तीर्थयात्री अपने परिजन से बिछड़ जाते हैं इसे लेकर खोया पाया सेल बनाया गया था, इस सेल के माध्यम से 470 तीर्थ यात्रियों को उनके परिजन से मिलने का कार्य किया गया है।

◆ आईवीआरएस सिस्टम /शिकायत नियंत्रण कक्ष के माध्यम से 940 से ऊपर समस्याओं को निदान करवाया गया है।

◆ पिंडदान मोबाइल एप लगभग 2700 से अधिक तीर्थ यात्रियों ने इसका भरपूर मदद उठाया है।

◆ विभिन्न सहायता केंद्र द्वारा सहयोग लेने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 3400 है।

    

इसके अलावा इस वर्ष लोकार्पित विष्णुपथ भी यात्रियों के लिये काफी मददगार साबित हुई है। अब विष्णुपद एरिया पूरी तरह कॉरिडोर के रूप में विकसित हुआ है। सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुरूप पितृपक्ष मेला को हर वर्ष नए नए ऊँचे आयाम तक पहुंचाया जा रहा है। इस वर्ष मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में गयाजी आये तीर्थयात्रियों के लिये गंगाजल को पाउच में पैकिंग करवाकर उपहार स्वरूप उन सभी के बीच वितरित करवाने का कार्य किया गया है। गंगाजल आस्था का प्रतीक है इसके लिए सभी तीर्थ यात्रियों ने राज्य सरकार को कोटि-कोटि धन्यवाद भी दिया है।

    

इसके अलावा इस वर्ष टेंट सिटी में रहने वाले तीर्थ यात्रियों को पीने के लिए गंगा जल भी उपलब्ध कराया गया है साथ ही विष्णु पद मंदिर के समीप प्याऊ तथा देवघाट एवं सीता कुंड में प्याऊ के माध्यम से आए हुए सभी तीर्थ यात्रियों को गंगाजल पिलाने का कार्य' बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा किया गया था, साथ ही गया बोधगया एव सभी पिंड वेदियों तक गंगाजल पहुँचाया गया है। इस व्यवस्था को लेकर देश-विदेश से आए सभी तीर्थ यात्रियों ने काफी सराहा है। जिला प्रशासन एव पंडा समाज द्वारा पितृपक्ष मेला के अवसर पर 01 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के बीच गंगाजल का वितरण किया गया है। पितृपक्ष मेला के अवसर पर गांधी मैदान में बनाए गए टेंट सिटी में तीर्थ यात्रियों को निशुल्क सभी व्यवस्था उपलब्ध करवाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुई है। यहां जो भी पिंडदानी रहने आए उन सभी ने सरकार एवं प्रशासन का सराहना किया है। टेंट सिटी में जीविका दीदियों द्वारा लगाए गए स्टॉल, सुधा के काउंटर भी लगाए गए थे। 'टेंट सिटी में लगभग 15000 से ऊपर तीर्थ यात्रियों ने आवासन किया है।

विगत 3-4 वर्षों से मेला का स्वरूप में बड़ी बदलाव हुई है। तीर्थ यात्रियों को जगह-जगह पर निशुल्क ई-रिक्शा की व्यवस्था रखकर उन्हें यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई। विशेष रूप से विष्णुपद मंदिर से चांद चौराहा एवं विष्णुपद मंदिर से बंगाली आश्रम तक नो व्हीकल जोन बनाकर यात्रियों के लिए पर्याप्त संख्या में ई रिक्शा की व्यवस्था रखी गई। इस व्यवस्था को लेकर सभी तीर्थ यात्रियों ने काफी सराहा है एवं भरपूर ई रिक्शा का प्रयोग किया है। लगभग 3 लाख 20 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने निःशुल्क ई रिक्शा का लाभ लिया है। मंदिर परिसर में यात्री अच्छे तरीके से भगवान का दर्शन करें इसके लिए क्यू सिस्टम बनाकर यात्रियों को कतारबद्ध रूप से गर्वगृह में प्रवेश करवाया गया, जिससे भगदड़ जैसी कोई भी स्थिति उत्पन्न नही हुई। अब शतप्रतिशत तीर्थयात्री भगवान का दर्शन कर पा रहे हैं। क्यू सिस्टम बनने से कोई भी श्रद्धालु भगवान के दर्शन से वंचित नहीं रह पाये।

मेला क्षेत्र के विभिन्न संकीर्ण गलियों एवं मंदिर परिसर के चिन्हित बिंदुओं पर वॉकी-टॉकी के साथ पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया था ताकि अत्यधिक भीड़ बढ़ने पर अलग-अलग स्पॉट पर भीड़ की कैसी स्थिति है इसका पूरा निगरानी हो सके। और भीड़ नियंत्रण कर सके। दूर दराज से आए सभी पिंड दानियों को स्वास्थ्य सुविधा की पूरी मुकम्मल व्यवस्था इस बार रखी गई। सिविल सर्जन एवं उनके स्तर पर निरंतर इसकी जांच एवं समीक्षा की गई। कहीं भी कोई भी छोटी से छोटी स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा क्विक रिस्पांस दिया गया। पूरे 17 दिनों में 67 स्वास्थ्य शिविर में 82540 से अधिक तीर्थयात्री चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा 255 तीर्थ यात्रियों को कैंप में रखकर जरूरी उपचार यथा स्लाइन पानी चढ़ाना, बैंडेज इत्यादि का इलाज किया गया। इसके अलावा 198 तीर्थ यात्रियों को स्वास्थ्य शिविर से बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल, जयप्रकाश नारायण अस्पताल सहित अन्य डेडीकेटेड बनाए गए अस्पतालों में रेफर किया गया। इसके अलावा बीटीएमसी बोधगया द्वारा भी महाबोधि मंदिर के समीप निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए गए थे जिसमें 15 प्रकार की दवाइयां रखी गयी थी और 3 हजार से ऊपर की संख्या में उपचार किये गए थे।

फूड इंस्पेक्टर की टीम बनाकर निरंतर मेला क्षेत्र के विभिन्न दुकानों प्रतिष्ठानों में दूषित खाना का जांच करवाया गया, जिसमें 344 दुकानों में छापेमारी की गई उसमें 362 फूड सैंपल संग्रह किये गए तथा जांच हेतु सैंपल को लैब में भेजा गया, जांच रिपोर्ट के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। तीर्थयात्री के छोटी-छोटी सुविधाओं पर विशेष ध्यान इस वर्ष रखा गया है। तीर्थयात्री जब भगवान के दर्शन करने जाने पर अपने जूते चप्पल को एक जगह सुरक्षित रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 3 अलग-अलग स्थान पर चप्पल जूता स्टैंड बनवाया गया, जहां विभिन्न स्वयंसेवी संस्था द्वारा इसका संचालन किया गया। अनेकों तीर्थ यात्री इसका भरपूर लाभ उठाएं। विष्णुपद मंदिर दर्शन करने आने वाले अति बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को विशेष रूप से व्हीलचेयर की सुविधा इस वर्ष उपलब्ध कराई गई। पूरे मेला अवधि में लगभग 2 हजार तीर्थ यात्रियों को व्हीलचेयर की सुविधा मुहैया कराई गई।

देवघाट पर बनाए गए नियंत्रण कक्ष में लगभग 470 तीर्थ यात्रियों को खोया पाया काउंटर के माध्यम से उनके परिजन से मिलाने का कार्य किया गया है। इसके अलावा संवास सदन नियंत्रण कक्ष में बनाए गए आईवीआरएस सिस्टम के तहत 940 से अधिक कॉल्स तीर्थ यात्रियों का सीधे पदाधिकारी से संपर्क स्थापित कराकर उनके आवश्यक सुविधा के बारे में जानकारी ली। विभिन्न तालाबों एवं सरोवर में एसडीआरएफ एवं गोताखोर के टीम द्वारा लगभग 20 से ऊपर रेस्क्यू ऑपरेशन कर तीर्थ यात्रियों को सहायता प्रदान किया है। इस पितृपक्ष मेला के दौरान नदी तालाबो में बढ़े हुए जलस्तर को लेकर एसडीआरएफ एव गोताखोरों की संख्या को बढ़ाया गया था, साथ ही हर नदी तालाब में नाव सहित टीम को रखा गया था, जिसके कारण से डूबने जैसी कोई समस्या नहीं हुई।

इस वर्ष पितृपक्ष मेला में पहली बार निर्बाध बिजली आपूर्ति के साथ-साथ मेला क्षेत्र में कहीं भी लो वोल्टेज की समस्या नहीं आने के उद्देश्य से मेला क्षेत्र के अलग-अलग स्थान पर जरूरत के अनुसार अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगवाए गए थे। साफ सफाई के क्षेत्र में भी काफी उत्कृष्ट कार्य नगर निगम द्वारा किए गए हैं। नदी के पानी को स्वच्छ रखने के लिए पर्याप्त सफाई कर्मी द्वारा जाल के साथ पानी से यत्र तत्र पूजन सामग्री को लगातार साफ करने का कार्य किए हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र, टेंट सिटी एवं सभी आवासन स्थल में डेंगू से बचाव हेतु विशेष रूप से फोगिंग की व्यवस्था रखी गई थी। नगर निगम द्वारा पूरे मेला क्षेत्र को 5 जोन अन्यर्गत 61 सेक्टर में बाटते हुए सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराई है। सफाई व्यवस्था में 1200 सफाई कर्मी तीन पालियों में लगाए गए थे, इसके अलावा सफाई की निगरानी हेतु 30 पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी, 80 की संख्या में सीएनजी वाहन के माध्यम से पिंड सामग्रियों को डिस्पोज में लगाई गई थी।

विष्णुपद मंदिर गर्वगृह में यात्रियों को कोई फिसलन ना हो इसे ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रांगण एवं मंदिर परिसर में लगातार साफ सफाई की व्यवस्था करवाई गई है। इस वर्ष किसी भी तीर्थ यात्रियों को फिसलन जैसी कोई समस्या नहीं हुई। पितृपक्ष मेला प्रारंभ होने के पहले से प्रशासन का एक प्रमुख चौलेंज था, यातायात को सुगम रखना। पितृपक्ष मेला के पहले विभिन्न मुख्य सड़कों को युद्ध स्तर पर मरम्मत करवाए गए थे एव नए सिरे से कुछ सड़कों का निर्माण भी करवाए थे, जिसमें मुख्य रूप से चांद चौरा से विष्णुपद मंदिर तक, पिता महेश्वर की मुख्य सड़क, रामशिला प्रेतशिला की मुख्य सड़क तथा घुगड़ी ताड़ बाईपास सड़क को नए सिरे से पितृपक्ष मेला के पहले बनवाने का कार्य पूर्ण किया गया था, ताकि देश विदेश से आने वाले लाखों लाख तीर्थ यात्रियों को आवागमन में कोई समस्या नहीं हो।

उन्होंने कहां की पितृपक्ष मेला में हर एक तिथि के अनुसार सभी अपने-अपने पिंड वेदी स्थल का धार्मिक आस्था की दृष्टिकोण से एक अलग महत्व है। इन सभी चीजों को देखकर उक्त तिथियों पर अतिरिक्त पदाधिकारी का डेप्लॉयमेंट, पुलिस की डेप्लॉयमेंट एवं सफाई व्यवस्था रखी जाती थी ताकि तीर्थ यात्रियों को कहीं कोई समस्या नहीं हो। संपूर्ण मेला क्षेत्र को 43 जोन में विभक्त कर कुल 324 सेक्टर में बाँटते हुए प्रशासनिक दृष्टिकोण से सभी व्यवस्थाएं मुकम्मल कराई गई थी।

भविष्य के लिए गयाजी के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गयाजी धर्मशाला का निर्माण तुरन्त ही शुरू होनेवाला है। इसमें निशुल्क आवासन की क्षमता बढ़ेगी। विष्णुपद मंदिर एवं विष्णुपथ एवं सीतापथ में जानेवाले यात्रियों के लिए पार्किंग स्थल का निर्माण घुघरीटाँड़ के दोनो तरफ निर्माण कार्य शुरू होगा। मनसरवा नाला के उपर सड़क का निर्माण, वैकल्पिक मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण इसी साल प्रारम्भ हो जायेगा। ऐसा उम्मीद है इन कार्यों से 2025 का पितृपक्ष मेला और बेहतर रूप प्रदान करेगा।

अंबेडकर नगर:मौत के 16 दिन बाद इराक से गांव पहुंचा रामसिंह का शव, परिजन बदहवास
अम्बेडकरनगर।
जहांगीरगंज थाना क्षेत्र के बारीडीह सिकंदरपुर गांव निवासी राम सिंह पुत्र राम ललित यादव की इराक के सुलेमानिया शहर में बीते 15 सितंबर को हुई मौत के बाद काफी जद्दोजहद के उपरांत आज मंगलवार को मृतक रामसिंह का शव गांव पहुंचा।
शव के गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। रोजगार के सिलसिले में वर्ष 2022 में इराक शहर में गए अविवाहित युवक रामसिंह की मौत से परिजन गमजदा हैं।पिता राम ललित व माता तथा भाई-बहन का रो-रो कर बुरा हाल है।
रामसिंह की मौत के बाद शव को इराक से स्वदेश लानें में लिखा-पढ़ी के उपरांत 16 दिन व्यतीत हुआ। सपा नेता प्रदुम्न, प्रधान संघ अध्यक्ष घनश्याम यादव, राहुल उपाध्याय समेत कई अन्य लोगों ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाया। सैकड़ों नम आंखों के बीच चहोंड़ा स्थित श्मशान घाट पर मृतक रामसिंह का अंतिम संस्कार किया गया।
पीके का जन सुराज आज से हो जायेगा राजनीतिक दल, पटना होगा एलान

डेस्क : आज 2 अक्टूबर बुधवार को बिहार में एक और नए राजनीतिक दल का सूत्रपात होने जा रहा है। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर का पिछले 2 मई 2022 से बिहार में चल रहा जन सुराज अभियान आज बुधवार को एक राजनीतिक दल के तौर पर परिवर्तित होने जा रहा है।

इस अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर की उपस्थिति में बिहार की सभी पंचायतों, प्रखंडों और जिलों से जनसुराज से जुड़े लोग वेटनरी कॉलेज मैदान पटना आ रहे हैं और जन सुराज अभियान को दल बनने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। जन सुराज अभियान के दल बनने के मौके पर इसके नेता, नेतृत्व परिषद और संविधान की घोषणा भी की जाएगी।

गौरतलब है कि 2 अक्टूबर 2022 से जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर पूरे बिहार की पदयात्रा पर हैं। उनकी पदयात्रा अबतक 17 जिले में हो चुकी है। दो साल के दौरान प्रशांत किशोर ने लगभग 5 हजार किमी की पदयात्रा की है और 5500 से अधिक गांवों में पैदल चलकर गए हैं। जन सुराज को बिहार के एक करोड़ लोग मिलकर एक राजनीतिक दल बनाने जा रहे हैं। प्रशांत किशोर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वो दल के नेतृत्व करने वाले लोगों में शामिल नहीं होंगे।

ब्रिक्स में क्यों शामिल होना चाहता है तुर्की? भारत, चीन और रूस वाले आर्थिक गुट में आने की ये है वजह*
#why_turkey_wants_to_join_brics
तुर्की ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है, जानकारी के मुताबिक अंकारा ने ब्रिक्स मे शामिल होने के लिए आवेदन दिया है। हालांकि तुर्की की ओर से आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया गया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोयन की पार्टी के प्रवक्ता उमर सेलिक ने भी हाल ही में ये कहा था कि तुर्की के ब्रिक्स में शामिल होने का प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं, कुछ दिनों पहले रूस के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जानकारी दी थी कि तुर्की ने ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा जताई है। ब्लूमबर्ग एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की ने कई महीने पहले ही ब्रिक्स में शामिल होने की अर्ज़ी दे दी है। अब सवाल ये कि आखिर तुर्की क्यों संगठन में आना चाहता है? जानकारों की मानें तो तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन एक ओर मुस्लिम देशों के बीच वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं तो वहीं दूसरी ओर अपना वैश्विक प्रभाव बढ़ाने पर भी उनका ज़ोर है। आने वाले समय में ब्रिक्स को डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन), आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसे पश्चिमी देशों के वर्चस्व वाले संगठन के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि तुर्की आर्थिक विकास के लिए अधिक अवसर और वित्तीय सहायता हासिल करने के लिए ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है। दरअसल ज्यादातर देश पश्चिमी देशों के कड़े प्रतिबंधों से परेशान हैं और वह ब्रिक्स के न्यू डेवलपमेंट बैंक की मदद चाहते हैं। आर्थिक संकट से निकलने की कोशिश दरअसल, तुर्की को विदेशी निवेश की ज़रूरत है क्योंकि देश एक गंभीर आर्थिक संकट से गुज़र रहा है। अगर तुर्की की अर्थव्यवस्था धराशाई होती है तो ये यूरोपीय बैंकों के लिए भी ख़तरनाक होगा क्योंकि तुर्की की अर्थव्यवस्था उन्हीं पर निर्भर है। तुर्की का आधा कारोबार यूरोपीय संघ के देशों के साथ है।काउंसिल ऑफ़ यूरोपियन यूनियन के मुताबिक तुर्की 31.8% हिस्से के साथ यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। साल 2022 में यूरोपीय संघ और तुर्की के बीच कुल 200 बिलियन यूरो का ट्रेड हुआ था। ब्रिक्स के जरिए अपने कई हितों को साधने की तैयारी में तुर्की यूरोप से बाहर नये आर्थिक प्लेटफॉर्म की तलाश में है। उसका अपना कहना है कि ब्रिक्स के साथ जुड़कर,तुर्की का लक्ष्य पूर्व और पश्चिम के बीच एक सेतु के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करना है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मामलों में इसका रणनीतिक महत्व बढ़ेगा। तुर्की नाटो देशों का सदस्य है लेकिन रूस का करीबी दोस्त होने की वजह से पश्चिमी देशों के साथ उसके संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। इसके अलावा बताया जाता है कि तुर्की चीन के प्रभाव वाले संगठन एससीओ में भी शामिल होना चाहता है, लिहाज़ा रूस और चीन के प्रभाव वाले ब्रिक्स के जरिए वह अपने कई हितों को साध सकता है। माना जा रहा है कि ब्रिक्स में शामिल होने के बावजूद तुर्की नाटो से अपने संबंध तोड़ने वाला नहीं है, बल्कि वह पश्चिमी देशों से इतर नए गुटों के साथ जुड़कर अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल तुर्की अपनी विदेश नीति में बदलाव लाना चाहता है, जिससे उसकी इस इमेज में बदलाव भी आए कि वो मुस्लिम देशों का अगुवा बनना चाहता है। ब्रिक्स क्या है? शुरू में ये समूह ब्रिक कहलाता था। ये विकासशील देशों का एक समूह है जिसका गठन वर्ष 2006 में हुआ था। इसमें ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन शामिल थे। साल 2010 में इस समूह में दक्षिण अफ़्रीका भी शामिल हो गया और तब इसका नाम ब्रिक से बदल ब्रिक्स कर दिया गया। ब्रिक्स का गठन उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के अमीर देशों की राजनीतिक और आर्थिक शक्ति को चुनौती देने के लिए, दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण विकासशील देशों को एकजुट करने के मकसद से हुआ था। इस आर्थिक अलायंस में हाल के वर्षों में कई विस्तार हुए हैं। अब इसमें ईरान, मिस्र, इथीयोपिया और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हो चुके हैं। सऊदी अरब ने भी इस समूह में शामिल होने की इच्छा ज़ाहिर की है और अज़रबैजान ने तो सदस्यता के लिए औपचारिक अर्ज़ी भी दे दी है।
तेज रफ्तार वाहन ने व्यक्ति को मारी टक्कर, गंभीर हालत में पटना पीएमसीएच रेफर
जहानाबाद: जहानाबाद जिले में तेज रफ्तार और अनियंत्रित वाहन के चलते हो रही दुर्घटनाओं का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन हिट एंड रन, तेज रफ्तार वाहन और अनियंत्रित वाहन के चलते कोई न कोई दुर्घटना जरूर होती है। ताजा मामला परसबिगहा थाना क्षेत्र के ग्राम सिकरीया का हैं। जहां एक अज्ञात वाहन ने एक व्यक्ति को टक्कर मार वहां से फरार हो गया। व्यक्ति की पहचान सिकरिया निवासी महेश शर्मा के रूप में हुई है। मिली जानकारी के अनुसार महेश शर्मा अपने किसी निजी काम से गये थे, और जब वह अपने घर लौट रहे थे तभी किसी वाहन के चपेट में आ गये। दुर्घटना के बाद अज्ञात वाहन सवार उन्हें सड़क पर छोड़ फरार हो गया। जब स्थानीय लोगों की नजर सड़क पर बेहोशी की हालत में पड़े व्यक्ति पर गयी तब उन्होंने तुरंत इसकी सूचना उनके परिजनों को दी और उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल जहानाबाद लाया गया जहां डॉक्टरों द्वारा प्रार्थमिक उपचार के उपरांत उनकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए पटना पीएमसी एच रेफर कर दिया। वहीं ग्रामीण च॑दन कुमार ने बताया कि हमलोगो को किसी ने मोबाइल से सूचना दी कि महेश शर्मा बेहोशी की हालत में सड़क पर गिरे हुए हैं। हम सभी जल्दी से वहां पहुंचे और तत्काल उन्हें जहानाबाद सदर अस्पताल ले कर आये जहां डॉक्टरों ने पी एम सी एच रेफर कर दिया। यहां आपको बता दें कि बिहार में होने वाले सड़क हादसे में 78 फीसदी मौत निश्चित मानी जाती है। जिसका मतलब अगर साधारण भाषा मे समझा जाये तो बिहार में अगर 100 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं उसमें से 78 लोगों की मौत हो जाती है। सड़क दुर्घटना में हो रही मौत के मामले में बिहार देश में दूसरे नंबर पर है। पहले स्थान पर मिजोरम है जहां सड़क हादसों में 80% हादसों में मौत होती है। भारत सरकार के द्वारा जारी किए गए 2022 के आंकड़ों को देखें तो बिहार में हर तीसरे मिनट सड़क हादसा में एक व्यक्ति अपनी जान गवाता है। वहीं 2022 के आंकड़ों की बात करें तो उस वर्ष सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या 8900 थी।

जहानाबाद से वरुण कुमार
माननीय उच्च न्यायालय , पटना के आदेश के अनुपालन में मोरहर नदी में गाद की उडाही एवं तटबंध की मरम्मति शीघ्र हो-डॉ.कश्यप
जहानाबाद लोक जनशक्ति पाटी (राम विलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ इंदु  कश्यप ने जिला पदाधिकारी जहानाबाद से मिलकर हाईकोर्ट  पटना के आदेश के आलोक में जहानाबाद जिलांतर्गत35.  किलोमीटर में  वहने वाली- मोरहर नदी की गाद की उडाही एवं तटवंध की मरम्मति करने की मांग की  है।इस संबंध में डा० इन्दु  कश्यप ने कहा कि मेरे द्वारा मोरहर नदी पर बने घोषी वियर के नौ-गेट तथा सम्मत विगह में बने बांध में सुलिसगेट खोलने हेतु तथा जहानाबाद जिला में बहने वाली 35. किलोमीटर में मोरहर नदी के गाद की उडाही एवं तटबंध की मरम्मति हेतु माननीय उच्च न्यायालय पटना में मेरे द्वारा लोकहित याचिका   सी. डब्लू जे. सी न०-16604/2022 इन्दु कश्यप वनाम बिहार सरकार एवं अन्य दाखिल किया था।जिसमे माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा दिनांक- 2.12.2022 को अपने आदेश में तीन माह में त्वरित कार्रवाई का आदेश जिला पदाधिकारी जहानाबाद को दिया था, इसके आलोक में घोषी वियर में नौ बंद गेट तथा सम्मत विगहा में 2 गेट खोल दिया गया। जिससे जहानाबाद एवं रतनी के  लगभग 20 गांव के धान की खेती डुवने से बच गयी इसके लिए मैं सरकार/ जिला प्रशासन को धन्यवाद देती हूं । ज्ञातब्य है, कि घोषी बियर के 11 सुलिस गेट में नौ गेट बंद था तथा सम्मत विगहा में मोरहर नदी में  पक्का बांध बना दिये जाने के कारण जहानाबाद प्रखंड एवं रतनी प्रखंड के कई गांवो में नदी का पानी फैलने से विगत पांच वर्षों से धान की खेती बंद थी। इस संबंध में  जिला पदाधिकारी अलंकृता पांडेय  ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश से शीघ्र गाद की उडाही एवं  तटबंध की मरम्मति हेतु डी. पी. आर तैयार करा कर सिंचाई विभाग को भेजी जाएगी।