अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने राहुल गांधी को लगाई फटकार, पीएम मोदी की बुराई पर हुईं नाराज

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस के तेल खरीद पर बड़ा बयान दिया। ट्रंप के इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत सरकार पर निशाना साधा, जिसे लेकर मशहूर अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन उनके ऊपर भड़क उठीं। अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को फटकारते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से नहीं डरते हैं।

मोदी दूरदर्शी, ट्रंप से नहीं डरते-मैरी

अमेरिकी सिंगर मिलबेन ने 'एक्स' पर राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि आप गलत हैं। पीएम मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं डरते। पीएम मोदी दूरगामी सोच को समझते हैं। अमेरिका के साथ उनकी कूटनीति रणनीतिक है। जिस तरह राष्ट्रपति हमेशा अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखेंगे, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी भी वही करेंगे जो भारत के लिए सबसे अच्छा होगा। और मैं इसकी सराहना करती हूं। राष्ट्राध्यक्ष यही करते हैं। वे वही करते और कहते हैं जो उनके देश के लिए सबसे अच्छा होता है।

राहुल गांधी को जमकर सुनाई खरी-खोटी

मैरी यहीं नहीं रूकी, उन्होंने आगे कहा कि मैं आपसे इस तरह के नेतृत्व को समझने की उम्मीद नहीं करती, न हीं आपको भारत का प्रधानमंत्री बनने के योग्य मानती हूं। बेहतर होगा कि आप अपने "मुझे भारत से नफरत है" वाले दौरे पर वापस लौट जाएं, जिसके दर्शक सिर्फ आप ही हैं।

क्या बोले थे राहुल?

दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल में ही पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डरते हैं, इसी कारण वह बार-बार उन्हें बधाई देते हैं। अब राहुल के इस बयान पर अमेरिकी पॉप सिंगर मैरी मिलबेन ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई है।

भारत में काफी लोकप्रिय अमेरिकी सिंगर

बता दें कि अमेरिकी पॉप सिंगर मैरी मिलबेन भारत में भी काफी लोकप्रिय हैं। वो पहली बार चर्चा में तब आईं जब उन्होंने 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय राष्ट्रगान गाया था। इसके साथ ही उन्होंने दिवाली के उत्सव के लिए 'ओम जय जगदीश हरे' गाकर भारतीय लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ दी थी। वहीं साल 2022 में मिलबेन को स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रस्तुति के लिए भारत आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा जून 2023 में मैरी मिलबेन ने अमेरिका और भारत में तब सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने अमेरिका के दौरे पर गए पीएम मोदी के सामने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया था।

उत्तर प्रदेश बना वित्तीय अनुशासन का मॉडल राज्य

*पूंजीगत व्यय, निवेश में यूपी शीर्ष पर - CAG रिपोर्ट*

*CM के मार्गदर्शन में राज्य की वित्तीय सेहत मजबूत*

*UP ने निवेश और पूंजीगत खर्च में रचा नया इतिहास*

लखनऊ। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रकाशित राज्य के वित्त लेखे 2022-2023 के अनुसार, उत्तर प्रदेश वित्तीय अनुशासन और निवेश के मामले में देश के सभी 28 राज्यों में अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 1,03,237 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय किया, जो देश में सबसे अधिक है। यह राशि राज्य की शुद्ध लोक ऋण प्राप्तियों का 210.68% है, जो यह दर्शाता है कि सरकार ने लिया गया ऋण केवल विकास और पूंजी निर्माण के कार्यों पर खर्च किया है। यह एक आदर्श वित्तीय स्थिति मानी जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने न केवल राजस्व व्यय पर नियंत्रण रखा, बल्कि निवेश और पूंजीगत खर्च में नया इतिहास रचा है। वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और विकास उन्मुख व्यय ने यूपी को देश का “फाइनेंशियल रोल मॉडल स्टेट” बना दिया है।
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां उसके राजस्व व्यय से अधिक रही हैं, अर्थात राज्य राजस्व बचत की स्थिति में है। राज्य का स्वयं का राजस्व (कर एवं करेतर) राजस्व प्राप्तियों का 45% रहा, जबकि हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे औद्योगिक राज्यों में यह 70-80% के बीच रहा। प्रदेश ने कुल व्यय का 9.39% निवेश पर खर्च किया, जो महाराष्ट्र (3.81%), गुजरात (3.64%) और बिहार (1.65%) से कहीं अधिक है। इसके साथ ही, 2013-14 से 2022-23 में केंद्रीय करों में सर्वाधिक राशि उत्तर प्रदेश को ही प्राप्त हुई है।
उत्तर प्रदेश ने प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान) पर कुल राजस्व व्यय का 42.57% खर्च किया, जो हरियाणा (55.27%) और तमिलनाडु (50.97%) से कम है। प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 12.43% वेतन पर खर्च किया, जबकि 16 राज्यों ने 20% से अधिक खर्च किया। वहीं, पेंशन पर व्यय कुल व्यय का 12.15% रहा, जो कई राज्यों (जैसे हिमाचल प्रदेश 15%+) से कम है। इसी तरह, ब्याज भुगतान कुल व्यय का 8.90% रहा, जबकि 10 राज्यों ने इस मद में 10% से अधिक खर्च किया। सब्सिडी पर व्यय मात्र 4.40% रहा, जबकि पंजाब ने अपने व्यय का 17% सब्सिडी पर व्यय किया।
राज्य ने वृहद निर्माण कार्यों पर कुल व्यय का 11.89% खर्च किया, जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सहायता अनुदान (सामान्य एवं वेतन) पर 22.85% व्यय किया, जो अन्य बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से कम है। इसी तरह, सहायता अनुदान (पूंजी सृजन) पर 2.27% व्यय किया, जबकि असम, झारखंड और त्रिपुरा में यह 5% से अधिक रहा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश ने एफ.आर.बी.एम. एक्ट के सभी मानकों का पालन किया। राज्य की कुल देयता जीएसडीपी का 29.32% रही, जबकि कुल प्रत्याभूतियां मात्र 7.56% रहीं। यह सरकार के वित्तीय अनुशासन और स्थिरता का प्रमाण है।
बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार को बड़ा झटका, आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार केस में चलेगा केस

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बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। यानी, अब इन लोगों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलेगा।

कोर्ट ने माना- लालू की जानकारी में घोटाले की साजिश

दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ आईआरसीटीसी केस में आरोप तय करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने माना कि लालू यादव की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई। कोर्ट ने कहा इस मामले में आरोपी व्यापक साजिश में शामिल थे। लालू फैमिली को इस मामले में फायदा पहुंचा। कॉन्ट्रेक्ट देने के बदले राबड़ी और तेजस्वी को बेहद कम कीमत पर जमीन मिली।

अलग-अलग धाराओं में आरोप तय

दिल्ली की कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका के आधार पर अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए थे। जिन धाराओं के तहत आरोप तय किए है, उनमें IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) शामिल हैं। बता दें कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगी है। कोर्ट ने लालू यादव से पूछा क्या आप अपना अपराध मानते हैं तो लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। वहीं राबड़ी यादव ने कहा कि ये गलत केस है।

क्या है जॉब फॉर लैंड केस?

लालू यादव जब साल 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, सीबीआई का आरोप है कि उस समय रेलवे की ग्रुप डी नौकरियों के बदले कैंडिडेट्स से उनकी जमीन या संपत्ति को कम कीमतों पर लालू फैमिली के नाम पर करवा दिया गया था। इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लालू की बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। जांच एजेंसी ने दावा किया कि पटना में कई जमीनें लालू फैमिली के सदस्यों और उनके करीबियों के नाम पर ट्रांसफर की गई थी।

झारखंड में प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री और विभागीय लापरवाही पर उच्च स्तरीय जाँच की मांग

रांची। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर झारखंड में प्रतिबंधित और नशीली कफ सिरप की अवैध बिक्री तथा इसमें अधिकारियों की कथित मिलीभगत की उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की है।

यह पत्र राज्य के औषधि नियंत्रण तंत्र में व्याप्त गहरी अनियमितताओं और प्रशासनिक शिथिलता को उजागर करता है।

नशीली सिरप के अवैध कारोबार और सीआईडी की शिथिलता

मरांडी ने गत वर्ष धनबाद के बरवाअड्डा क्षेत्र में गुजरात पुलिस की सूचना पर जब्त किए गए प्रतिबंधित कफ सिरप 'फेन्सिडिल (Phensedyl)' के बड़े भंडारण का मामला उठाया। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नशे के रूप में इस्तेमाल होने वाले इस सिरप की खुलेआम बिक्री जारी रही।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को सीआईडी को सौंपे जाने के बावजूद, चौदह महीने बीत जाने के बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने इसे प्रशासनिक शिथिलता बताया, जो नशे के फैलते जाल को मौन स्वीकृति देती प्रतीत होती है।

सरकारी मिलीभगत और दबी हुई जाँच रिपोर्ट

पत्र में झारखंड उच्च न्यायालय में लंबित जनहित याचिका (अरुण कुमार दुबे बनाम राज्य सरकार) का भी हवाला दिया गया, जिसमें सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से राज्य में नकली, नशीली और हानिकारक दवाओं की सप्लाई का गंभीर आरोप लगाया गया है।

उन्होंने विशेष रूप से 11 फरवरी 2022 की तीन-सदस्यीय जाँच समिति की रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें स्पष्ट रूप से दर्ज है कि बड़ी मात्रा में नशीली दवाएँ खुले बाजार में बेची गईं और संबंधित अधिकारियों ने जानबूझकर मामला दबाया। इस रिपोर्ट में तत्कालीन संयुक्त निदेशक सुरेंद्र प्रसाद, ड्रग कंट्रोलर श्रीमती ऋतु सहाय, और विशेष सचिव श्री चंद्र किशोर उराँव जैसे अधिकारियों के नाम भी उल्लिखित हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि M/s Vishwanath Pharmaceuticals पर छापे के दौरान अवरोध पैदा किया गया, जिसके कारण लगभग 1.5 करोड़ रुपये के नकली कोडीन आधारित सिरप में से 1 करोड़ रुपये की दवा लखनऊ और वाराणसी के बाजारों में बेची जा चुकी थी। मरांडी ने सवाल उठाया कि यह रिपोर्ट पिछले तीन वर्षों से विभागीय अभिलेखों में क्यों दबाई गई है और इस पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

जाँच लंबित होने पर प्रोन्नति पर सवाल

मरांडी ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि जिन अधिकारियों पर मिलीभगत का संदेह है या जिनका नाम संभावित दोषियों की सूची में है, उनमें से एक को हाल ही में प्रोन्नति दी गई है। उन्होंने इसे प्रशासनिक शुचिता के विपरीत और आम जनता के विश्वास को चोट पहुँचाने वाला कदम बताया।

केंद्रीय एजेंसियों से जाँच की मांग

बाबूलाल मरांडी ने अंत में प्रधान सचिव से आग्रह किया कि यह मामला जनस्वास्थ्य, युवाओं के भविष्य और शासन की पारदर्शिता से जुड़ा है, इसलिए इस पर तत्काल कदम उठाए जाएँ।

उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. 11.02.2022 की जाँच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर उसकी अनुशंसाओं पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
  2. पूरे प्रकरण की जाँच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) जैसी केंद्रीय एजेंसियों से करवाई जाए, ताकि इसके अन्तर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की सघन जाँच हो सके।
  3. ड्रग कंट्रोलर कार्यालय की कार्यप्रणाली का स्वतंत्र ऑडिट किया जाए।
  4. जिन अधिकारियों के विरुद्ध संदेह है, उन्हें जाँच पूरी होने तक प्रशासनिक जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए।
  5. बरवाअड्डा प्रतिबंधित कफ सिरप मामले में सीआईडी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और आरोपी की गिरफ्तारी न होने का कारण स्पष्ट किया जाए।

उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस प्रकरण को ईमानदारी और पारदर्शिता से देखेगी, ताकि झारखंड का स्वास्थ्य तंत्र फिर से लोगों के विश्वास के योग्य बन सके।

हेमंत सरकारों पार्ट 2 में भी भ्रष्टाचार और टेंडर घोटाला जारी,स्वास्थ्य विभाग में मैनपॉवर सप्लाई में 50 करोड़ के घोटाले की तैयारी - प्रतुल


भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हेमंत सरकार पार्ट 2 में भी लगातार टेंडर घोटाले और भ्रष्टाचार के जारी रहने का आरोप लगाया। प्रतुल ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निकाले गए टेंडर पर बड़ा प्रश्न चिन्ह करते हुए इसे 50 करोड़ का घोटाला करार दिया।

प्रतुल ने कहा कि सिविल सर्जन सह सीएमओ रांची के कार्यालय के द्वारा नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं अन्य तकनीकी स्टाफ के लिए ई टेंडर संख्या 4374, दिनांक 20 सितंबर, 2025 को निकाला गया। इस टेंडर में ऐसी शर्तों को डाला गया जिससे झारखंड की कोई स्थानीय कंपनी हिस्सा ही नहीं ले पाएगी।प्रतुल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी आदिवासी मूलवासी और झारखंडियत की बात करते हैं। लेकिन इस टेंडर के जरिए बिहार की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को काम देने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

प्रतुल ने कहा कि इस से पूर्व जब इसी सिविल सर्जन के कार्यालय ने 2022 में जब टेंडर निकला था तो उस समय की अर्हता और अभी की अर्हता में लगभग 5 गुण का इजाफा कर दिया गया है। यह सिर्फ बिहार की एक विशेष ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।प्रतुल ने कहा कि इसी टेंडर में 2022 में सिक्योरिटी मनी (ईएमडी) चार लाख रुपए रखा गया था। इस वर्ष उसे 15 लाख कर दिया गया। 2022 में टेंडर की अर्हता में सिंगल वर्क आर्डर का वैल्यू 3 करोड़ था। 3 वर्षों में इस बार इसे 15 करोड़ कर दिया गया है। ईसीआर की कॉपी 300 लोगों की आवश्यकता थी। इस वर्ष इसे 1500 कर दिया गया है। 2022 में निकाले गए टेंडर में पिछले तीन वित्तीय वर्ष का कंपनी का एवरेज टर्नओवर 5 करोड़ होने की आवश्यकता थी। इस बार इसे 5 गुना बढ़कर 25 करोड़ कर दिया गया है। जिस कंपनी को ये टेंडर देने की कोशिश की जा रही है ,उसे झारखंड के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने डिबार किया है। लेकिन टेंडर में ब्लैकलिस्टेड कॉलम में सिर्फ यह लिखकर डाल दिया गया है कि जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है वह एक अंडरटेकिंग देगी।

प्रतुल ने कहा कि इन सारी चीजों से स्पष्ट है कि टेंडर को इस रूप में बनाया गया है कि झारखंड की किसी स्थानीय कंपनी को कोई लाभ न हो।लाभ होना तो दूर की बात है, झारखंड की कोई कंपनी इसमें हिस्सा भी नहीं ले पाएगी। बिहार की एक विवादास्पद ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर देने के लिए अर्हता को बदल गया है क्योंकि यही इन सारी अहर्ताओं को पूरा करती है। अब वह कंपनी मनमाने रेट पर टेंडर डालेगी और कमीशन ऊपर से नीचे तक सब जगह बटेगा। प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मुद्दे को सरकार और एसीबी के सामने भी ले जाएगी।

Corruption and Tender Scams Continue in Hemant Government Part 2

₹50 Crore Scam Planned in Health Department’s Manpower Supply Tender – Pratul Shah Deo

BJP State Spokesperson Pratul Shah Deo today addressed a press conference at the party’s state headquarters, alleging that large-scale tender scams and corruption continue unabated in the Hemant Soren Government Part 2. Pratul raised serious questions over a recent tender issued by the Health Department, calling it a ₹50 crore scam in the making.

Pratul said that the Office of the Civil Surgeon -cum- Chief Medical Officer, Ranchi, issued an e-tender (No. 4374 dated September 20, 2025) for the supply of nursing, paramedical, and other technical staff. Pratul alleged that the tender conditions have been deliberately framed in such a way that no local company from Jharkhand can participate.

Pratul remarked, “The Chief Minister and Health Minister often talk about Adivasi, Moolvasi, and 'Jharkhandiyat', but through this tender, a conspiracy is being hatched to award the work to a blacklisted company from Bihar.”

He pointed out that in 2022, when a similar tender was issued by the same office, the eligibility criteria were much more reasonable. However, in the 2025 tender, the qualifications have been raised nearly fivefold, seemingly to benefit a specific blacklisted Bihar-based company.

He detailed the differences:

In 2022, the security deposit (EMD) was ₹4 lakh; this time, it has been raised to ₹15 lakh.

The minimum value of a single work order required earlier was ₹3 crore; now, it has been increased to ₹15 crore.

The ECR copy requirement for 300 personnel has now been raised to 1,500.

The average annual turnover required over the past three financial years was ₹5 crore; this year, it has been increased 500% to ₹25 crore.

Pratul further revealed that the company being favoured has been debarred by a reputed university in Jharkhand, yet the tender document conveniently allows blacklisted firms to participate if they merely provide an undertaking.

He added, “It is now absolutely clear that this tender has been structured to exclude local Jharkhand-based companies and favour one specific Bihar-based blacklisted company. Once awarded, this company will quote arbitrary rates, and the commission will flow from top to bottom.”

Pratul Shah Deo said that the Bharatiya Janata Party will take up this issue not only with the state government but also before the Anti-Corruption Bureau (ACB) for a full investigation.

आजमगढ़: तारा गुप्ता ने यूजीसी नेट परीक्षा में किया शानदार प्रदर्शन

राम प्रसाद मिश्र
लालगंज आजमगढ़। देवगांव कोतवाली क्षेत्र के चेवार पश्चिम की प्रतिभाशाली छात्रा तारा गुप्ता ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा 2025 में 92 से अधिक पर्सेंटाइल अंक प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। तारा गुप्ता की प्रारंभिक शिक्षा डीपीएस इंग्लिश स्कूल चेवार से हुई। इसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा श्री गिरिजा शरण इंटर कॉलेज मोरखा डोभी जौनपुर से उत्तीर्ण की। तारा ने बीए और एमए दोनों की पढ़ाई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी से वर्ष 2017 से 2022 के बीच पूरी की। इसके अतिरिक्त उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से बीएड की डिग्री प्राप्त की। यूजीसी नेट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अब तारा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्र हो गई हैं। बता दे कि यह परीक्षा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनने तथा पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है। तारा की इस सफलता से उनके परिवार और क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि उनके पिता सरोज गुप्ता और माता माधुरी गुप्ता की प्रेरणा ने उन्हें निरंतर आगे बढ़ने की शक्ति दी। वह अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और मित्रों को देती हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि क्षेत्र की अन्य छात्राओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। इस खुशी में डिजिटल लाइब्रेरी के संस्थापक भानु प्रताप सिंह ने मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया।
Klusttar Travels: From a Two-Lakh Setback to a ₹1.5 Crore Success Story.

 

Klusttar Travels  was a ray of hope in the world when numerous businesses floundered trying to make ends meet in the face of a pandemic, which turned out to be a success story. The story of how the company came to be started is inspirational, with Shubham Sampada Santosh Patange, a young Maharashtrian dreamer, realizing his dream of starting his own business in the small town of Maharashtra and developing it into a multi-crore company.

 

Shubham was born in the small village of Rasayani in Maharashtra and grew up in the small town of Roha in the Raigad district, which is full of courage, focus, and ambition. He graduated in 2017 with a degree from Dr. Babasaheb Ambedkar Government College of Engineering, Raigad, and worked as an Education Counsellor in Home Revise Educations Pvt. Ltd. His hard work saw him promoted to Team Manager (2018) and to the position of Branch Manager in the next two years (2019). He worked as the Branch Manager in Toppr Technologies in mid-2019 and acquired experience in the managerial field that equipped him to be an entrepreneur.

 

In March 2020, Shubham established Klusttar Travels Pvt. Ltd. with his partner Ketan More with an aim of transforming the manner of travelling. Unluckily, a few months down the road, the COVID-19 pandemic struck and led to the stagnation of the travel and tourism sector. The company had few resources and a turnover of only ₹2,00,000, and this proved to be the greatest challenge. When Ketan sold the business at the beginning of the year 2021, Shubham was left to face the storm on his own, yet he refused to give up but rather saw a chance to rise stronger.

 

Adamant about his dream, Shubham started selling tailor-made travel itineraries at only ₹200 per case and generated ₹1,00,000 in May 2021 alone. His persistence became improvement with a ₹5,00,000 turnover at the end of FY 2021–22. The actual breakthrough was in 2022, when Klusttar Travels started working with residential buildings to provide community tours. The company completed tours valued at ₹10,00,000 after three months, and at the close of FY 2022–23, the turnover increased to ₹50,00,000, which was also a significant comeback.

 

In 2023, Klusttar Travels ventured into other markets and offered its services to Maharashtra Police, Mumbai Police, and subsequently to the Pune Health Department. Their professionalism, reliability, and client-first attitude won them trust and recognition in Maharashtra. The company surpassed the ₹1 crore turnover mark by FY 2023–24. They partnered with influencers and celebrities of the Marathi film industry in 2024, as well as with corporate giants such as Infosys, Persistent, and HDFC. This resulted in a record-breaking ₹1.5 crore turnover by the end of FY 2024–25, making Klusttar Travels a dominant brand in the travel and tourism industry.

 

The inaugural journey of the company, a backpackers’ tour to Hampi with a group of 18, was an indescribable success and a precursor to how the brand would look in the future. Under the guidance of its tagline, “One Trip, Many Memories,” Klusttar Travels has to date served more than 2,000 satisfied families and keeps motivating travellers within India. Having a diverse workforce of 60+ committed employees, the company provides both domestic and international offers, visa/passport services, flight, train, cab, and hotel reservation services, all customized and designed to suit the special needs of its customers.

 

Klusttar Travels has a powerful Vision, the desire to become the most customer-centric travel agency in the world, whereas the company has a clear direction and acts according to the set goal. Its Mission is also quite inspiring: To inspire and empower people to discover the world confidently and easily through exceptional travel services and customized experiences. Our vision is to make our clients have lifelong memories and develop an interest in traveling and exploring. These brand statements beautifully capture the brand promise of quality, care, and customer satisfaction.

 

Klusttar Travels promotes sustainable tourism and the empowerment of the community in addition to profit and growth. The company advances indigenous and rural experiences that assist travelers in associating with local cultures, as well as helping local economies. All trips that Klusttar Travels designs are adventurous and authentic at the same time so that travelers do not come back home with only souvenirs but stories.

 

With Klusttar Travels still on the road in 2025 and in the future, a giant among buildings and a testament to perseverance, strategic vision, and the strength of dreams, the company will stand tall. The story of selling ₹200 itineraries to creating a ₹1.5 crore travel brand, Shubham Patange demonstrates that passion and persistence are not goals but journeys with the motto, “One Trip, Many Memories.”

 

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Website: www.klusttartravels.com 

Instagram: https://www.instagram.com/klusttar_trravels?igsh=MTJsa3Ezdms3Z3FzNw== 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा — जल संरक्षण को जनांदोलन बनाएं, चेकडैम और तालाब ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर! लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति (लघु सिंचाई) विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि चेकडैम, तालाब और ब्लास्टकूप केवल पानी रोकने की व्यवस्था नहीं, बल्कि किफायती समेकित जल प्रबंधन के प्रभावी साधन हैं। उन्होंने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की तरह जल संरक्षण को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 6,448 चेकडैम बन चुके हैं, जिनसे 1,28,960 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता और 10 हजार हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल रिचार्ज संभव हुआ है। वर्ष 2022-23 से अब तक 1,002 चेकडैमों की मरम्मत, 1,343 तालाबों का जीर्णोद्धार और 6,192 ब्लास्टकूपों से 18,576 हेक्टेयर सिंचन क्षमता विकसित की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि कुम्हारों को 1 अप्रैल से 15 जून तक तालाबों से निःशुल्क मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाए, ताकि बरसात से पहले उनकी क्षमता बढ़ाई जा सके। बरसात के बाद इन तालाबों का मत्स्य पालन और सिंघाड़ा उत्पादन में उपयोग कर रोजगार सृजित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया जाए। साथ ही प्रत्येक जनपद में चेकडैम, तालाब और ब्लास्टकूपों का फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन हो और जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सतत प्रयासों से प्रदेश में अतिदोहित क्षेत्रों की संख्या 82 से घटकर 50 और क्रिटिकल क्षेत्र 47 से घटकर 45 रह गए हैं। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से जल संरक्षण न केवल जल संकट से मुक्ति दिलाएगा, बल्कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।
भाजपा नेत्री और समाजसेविका किरण सिंह का रसड़ा 358 विधानसभा में सक्रिय योगदान, 2027 में संभावित प्रत्याशी के रूप में चर्चा
संजीव सिंह बलिया!रसड़ा विधानसभा क्षेत्र की प्रसिद्द समाजसेविका और भाजपा नेत्री किरण सिंह ने वर्षों से शिक्षा, पर्यावरण और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में अपार योगदान दिया है। खरुआंव गांव मूल निवासी किरण सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के साथ ही अनेक विश्वविद्यालयों से मास्टर डिग्री हासिल की है। वे एक प्रतिभाशाली छात्रा रही हैं और छात्र जीवन से ही समाज सेवा की गहरी भावना रखती हैं।किरण सिंह के ससुर स्व. विश्वनाथ सिंह संस्कृत आचार्य थे, जबकि उनके पति आईपीएस राजेश सिंह, जो उत्तर प्रदेश कैडर के तेज तर्रार अधिकारी हैं, अनेक जिलों में पुलिस अधीक्षक एवं डीआईजी पदों पर रहे और वर्तमान में अपर कमिश्नर बनारस में तैनात हैं।किरण सिंह पिछले दस वर्षों से निरंतर गंगा सफाई अभियान चला रही हैं और क्षेत्र के सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। वे अपने ससुराल के प्राथमिक विद्यालय को गोद लेकर उसमें बच्चों के लिए बेंच टेबल, गोदरेज की मजबूत अलमारियां, लाइब्रेरी सामग्री उपलब्ध करवाती हैं और महीने में कई बार वहां जाकर बच्चों का अभाव मिटाने तथा उनकी पढ़ाई, पोषण व स्वास्थ्य का ध्यान रखती हैं। असहाय बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद भी करती हैं।पर्यावरण संरक्षण में भी किरण सिंह प्रमुख भूमिका निभाती हैं। वे गांव के धार्मिक स्थल, शैक्षिक संस्थानों और आसपास वृक्षारोपण कर लोगों को जागरूक करती हैं। विशेषकर जून माह में सैकड़ों युवा साथियों के साथ मिली-जुली वृक्षारोपण मुहिम चलाकर पर्यावरण संवर्धन को बढ़ावा दिया। साथ ही वे अपने वाहन में पौधे लेकर चलती हैं और दूसरों को पौधा भेंट स्वरूप देती रहती हैं।भारतीय जनता पार्टी में किरण सिंह की सक्रियता लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में साफ झलकती है। वे पार्टी की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और चुनाव प्रचार में पूर्ण निष्ठा और समर्पण से कार्य करती हैं। 2022 के चुनाव में रसड़ा समेत अन्य विधानसभाओं में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के लिए प्रचार-प्रसार में अग्रणी रहीं।समाज सेवा के दौरान दिखावे से बचने पर जोर देते हुए किरण सिंह कहती हैं कि सेवा तभी सार्थक होती है जब वह निःस्वार्थ होती है, इसलिए वे हमेशा सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रहती हैं। उनके जीवन का केन्द्र बच्चों के प्रति स्नेह है; वे प्रतिदिन विद्यालय जाकर बच्चों के साथ समय बिताती हैं, हाथों से भोजन कराती हैं और पढ़ाई के प्रति प्रेरित करती हैं।कुछ दिनों से किरण सिंह अधिकतर समय अपने गांव में समाजसेवा के कार्यों में लगी हैं। रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से 2027 के चुनाव में उनकी प्रत्याशिता की खबरें भी चर्चा में हैं। इस पर उन्होंने कहा है कि वे भाजपा की सेवा में सदैव तत्पर हैं और पार्टी के निर्देशानुसार अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करेंगी।
झारखंड में कार्यकर्ता से बने भाजपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आदित्य साहू, बधाई देने का लगा तांता

रांची : भाजपा ने झारखंड प्रदेश की नए कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है। रवींद्र कुमार राय की जगह राज्यसभा सांसद आदित्य साहू को भाजपा झारखंड प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष के लिए नियुक्त किया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर यह नियुक्ति की गई है।

नियुक्ति होने के बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय में पहुंचे आदित्य साहू का कार्यकर्ताओं में फूल माला देकर स्वागत किया। राजनीति करने वाले आदित्य साहू भाजपा के लिए हमेशा समर्पित कार्यकर्ता के रूप में बने रहे। और आज कार्यकारी अध्यक्ष तक का सफर तय किए। 2019 तक रामटहल चौधरी कॉलेज में प्रोफेसर रहने के बाद 2022 में राज्यसभा सदस्य के रूप में चयनित हुए थे। प्रदेश महामंत्री के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे आदित्य साहू की छवि साफ सुथरी रही है। आगे भी अपने कार्यों को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने की बात उन्होंने कहा।

अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने राहुल गांधी को लगाई फटकार, पीएम मोदी की बुराई पर हुईं नाराज

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस के तेल खरीद पर बड़ा बयान दिया। ट्रंप के इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत सरकार पर निशाना साधा, जिसे लेकर मशहूर अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन उनके ऊपर भड़क उठीं। अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को फटकारते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से नहीं डरते हैं।

मोदी दूरदर्शी, ट्रंप से नहीं डरते-मैरी

अमेरिकी सिंगर मिलबेन ने 'एक्स' पर राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि आप गलत हैं। पीएम मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं डरते। पीएम मोदी दूरगामी सोच को समझते हैं। अमेरिका के साथ उनकी कूटनीति रणनीतिक है। जिस तरह राष्ट्रपति हमेशा अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखेंगे, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी भी वही करेंगे जो भारत के लिए सबसे अच्छा होगा। और मैं इसकी सराहना करती हूं। राष्ट्राध्यक्ष यही करते हैं। वे वही करते और कहते हैं जो उनके देश के लिए सबसे अच्छा होता है।

राहुल गांधी को जमकर सुनाई खरी-खोटी

मैरी यहीं नहीं रूकी, उन्होंने आगे कहा कि मैं आपसे इस तरह के नेतृत्व को समझने की उम्मीद नहीं करती, न हीं आपको भारत का प्रधानमंत्री बनने के योग्य मानती हूं। बेहतर होगा कि आप अपने "मुझे भारत से नफरत है" वाले दौरे पर वापस लौट जाएं, जिसके दर्शक सिर्फ आप ही हैं।

क्या बोले थे राहुल?

दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल में ही पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डरते हैं, इसी कारण वह बार-बार उन्हें बधाई देते हैं। अब राहुल के इस बयान पर अमेरिकी पॉप सिंगर मैरी मिलबेन ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई है।

भारत में काफी लोकप्रिय अमेरिकी सिंगर

बता दें कि अमेरिकी पॉप सिंगर मैरी मिलबेन भारत में भी काफी लोकप्रिय हैं। वो पहली बार चर्चा में तब आईं जब उन्होंने 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय राष्ट्रगान गाया था। इसके साथ ही उन्होंने दिवाली के उत्सव के लिए 'ओम जय जगदीश हरे' गाकर भारतीय लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ दी थी। वहीं साल 2022 में मिलबेन को स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रस्तुति के लिए भारत आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा जून 2023 में मैरी मिलबेन ने अमेरिका और भारत में तब सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने अमेरिका के दौरे पर गए पीएम मोदी के सामने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया था।

उत्तर प्रदेश बना वित्तीय अनुशासन का मॉडल राज्य

*पूंजीगत व्यय, निवेश में यूपी शीर्ष पर - CAG रिपोर्ट*

*CM के मार्गदर्शन में राज्य की वित्तीय सेहत मजबूत*

*UP ने निवेश और पूंजीगत खर्च में रचा नया इतिहास*

लखनऊ। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रकाशित राज्य के वित्त लेखे 2022-2023 के अनुसार, उत्तर प्रदेश वित्तीय अनुशासन और निवेश के मामले में देश के सभी 28 राज्यों में अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 1,03,237 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय किया, जो देश में सबसे अधिक है। यह राशि राज्य की शुद्ध लोक ऋण प्राप्तियों का 210.68% है, जो यह दर्शाता है कि सरकार ने लिया गया ऋण केवल विकास और पूंजी निर्माण के कार्यों पर खर्च किया है। यह एक आदर्श वित्तीय स्थिति मानी जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने न केवल राजस्व व्यय पर नियंत्रण रखा, बल्कि निवेश और पूंजीगत खर्च में नया इतिहास रचा है। वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और विकास उन्मुख व्यय ने यूपी को देश का “फाइनेंशियल रोल मॉडल स्टेट” बना दिया है।
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां उसके राजस्व व्यय से अधिक रही हैं, अर्थात राज्य राजस्व बचत की स्थिति में है। राज्य का स्वयं का राजस्व (कर एवं करेतर) राजस्व प्राप्तियों का 45% रहा, जबकि हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे औद्योगिक राज्यों में यह 70-80% के बीच रहा। प्रदेश ने कुल व्यय का 9.39% निवेश पर खर्च किया, जो महाराष्ट्र (3.81%), गुजरात (3.64%) और बिहार (1.65%) से कहीं अधिक है। इसके साथ ही, 2013-14 से 2022-23 में केंद्रीय करों में सर्वाधिक राशि उत्तर प्रदेश को ही प्राप्त हुई है।
उत्तर प्रदेश ने प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान) पर कुल राजस्व व्यय का 42.57% खर्च किया, जो हरियाणा (55.27%) और तमिलनाडु (50.97%) से कम है। प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 12.43% वेतन पर खर्च किया, जबकि 16 राज्यों ने 20% से अधिक खर्च किया। वहीं, पेंशन पर व्यय कुल व्यय का 12.15% रहा, जो कई राज्यों (जैसे हिमाचल प्रदेश 15%+) से कम है। इसी तरह, ब्याज भुगतान कुल व्यय का 8.90% रहा, जबकि 10 राज्यों ने इस मद में 10% से अधिक खर्च किया। सब्सिडी पर व्यय मात्र 4.40% रहा, जबकि पंजाब ने अपने व्यय का 17% सब्सिडी पर व्यय किया।
राज्य ने वृहद निर्माण कार्यों पर कुल व्यय का 11.89% खर्च किया, जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सहायता अनुदान (सामान्य एवं वेतन) पर 22.85% व्यय किया, जो अन्य बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से कम है। इसी तरह, सहायता अनुदान (पूंजी सृजन) पर 2.27% व्यय किया, जबकि असम, झारखंड और त्रिपुरा में यह 5% से अधिक रहा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश ने एफ.आर.बी.एम. एक्ट के सभी मानकों का पालन किया। राज्य की कुल देयता जीएसडीपी का 29.32% रही, जबकि कुल प्रत्याभूतियां मात्र 7.56% रहीं। यह सरकार के वित्तीय अनुशासन और स्थिरता का प्रमाण है।
बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार को बड़ा झटका, आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार केस में चलेगा केस

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बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। यानी, अब इन लोगों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलेगा।

कोर्ट ने माना- लालू की जानकारी में घोटाले की साजिश

दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ आईआरसीटीसी केस में आरोप तय करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने माना कि लालू यादव की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई। कोर्ट ने कहा इस मामले में आरोपी व्यापक साजिश में शामिल थे। लालू फैमिली को इस मामले में फायदा पहुंचा। कॉन्ट्रेक्ट देने के बदले राबड़ी और तेजस्वी को बेहद कम कीमत पर जमीन मिली।

अलग-अलग धाराओं में आरोप तय

दिल्ली की कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका के आधार पर अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए थे। जिन धाराओं के तहत आरोप तय किए है, उनमें IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) शामिल हैं। बता दें कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगी है। कोर्ट ने लालू यादव से पूछा क्या आप अपना अपराध मानते हैं तो लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। वहीं राबड़ी यादव ने कहा कि ये गलत केस है।

क्या है जॉब फॉर लैंड केस?

लालू यादव जब साल 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, सीबीआई का आरोप है कि उस समय रेलवे की ग्रुप डी नौकरियों के बदले कैंडिडेट्स से उनकी जमीन या संपत्ति को कम कीमतों पर लालू फैमिली के नाम पर करवा दिया गया था। इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लालू की बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। जांच एजेंसी ने दावा किया कि पटना में कई जमीनें लालू फैमिली के सदस्यों और उनके करीबियों के नाम पर ट्रांसफर की गई थी।

झारखंड में प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री और विभागीय लापरवाही पर उच्च स्तरीय जाँच की मांग

रांची। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर झारखंड में प्रतिबंधित और नशीली कफ सिरप की अवैध बिक्री तथा इसमें अधिकारियों की कथित मिलीभगत की उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की है।

यह पत्र राज्य के औषधि नियंत्रण तंत्र में व्याप्त गहरी अनियमितताओं और प्रशासनिक शिथिलता को उजागर करता है।

नशीली सिरप के अवैध कारोबार और सीआईडी की शिथिलता

मरांडी ने गत वर्ष धनबाद के बरवाअड्डा क्षेत्र में गुजरात पुलिस की सूचना पर जब्त किए गए प्रतिबंधित कफ सिरप 'फेन्सिडिल (Phensedyl)' के बड़े भंडारण का मामला उठाया। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नशे के रूप में इस्तेमाल होने वाले इस सिरप की खुलेआम बिक्री जारी रही।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को सीआईडी को सौंपे जाने के बावजूद, चौदह महीने बीत जाने के बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने इसे प्रशासनिक शिथिलता बताया, जो नशे के फैलते जाल को मौन स्वीकृति देती प्रतीत होती है।

सरकारी मिलीभगत और दबी हुई जाँच रिपोर्ट

पत्र में झारखंड उच्च न्यायालय में लंबित जनहित याचिका (अरुण कुमार दुबे बनाम राज्य सरकार) का भी हवाला दिया गया, जिसमें सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से राज्य में नकली, नशीली और हानिकारक दवाओं की सप्लाई का गंभीर आरोप लगाया गया है।

उन्होंने विशेष रूप से 11 फरवरी 2022 की तीन-सदस्यीय जाँच समिति की रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें स्पष्ट रूप से दर्ज है कि बड़ी मात्रा में नशीली दवाएँ खुले बाजार में बेची गईं और संबंधित अधिकारियों ने जानबूझकर मामला दबाया। इस रिपोर्ट में तत्कालीन संयुक्त निदेशक सुरेंद्र प्रसाद, ड्रग कंट्रोलर श्रीमती ऋतु सहाय, और विशेष सचिव श्री चंद्र किशोर उराँव जैसे अधिकारियों के नाम भी उल्लिखित हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि M/s Vishwanath Pharmaceuticals पर छापे के दौरान अवरोध पैदा किया गया, जिसके कारण लगभग 1.5 करोड़ रुपये के नकली कोडीन आधारित सिरप में से 1 करोड़ रुपये की दवा लखनऊ और वाराणसी के बाजारों में बेची जा चुकी थी। मरांडी ने सवाल उठाया कि यह रिपोर्ट पिछले तीन वर्षों से विभागीय अभिलेखों में क्यों दबाई गई है और इस पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

जाँच लंबित होने पर प्रोन्नति पर सवाल

मरांडी ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि जिन अधिकारियों पर मिलीभगत का संदेह है या जिनका नाम संभावित दोषियों की सूची में है, उनमें से एक को हाल ही में प्रोन्नति दी गई है। उन्होंने इसे प्रशासनिक शुचिता के विपरीत और आम जनता के विश्वास को चोट पहुँचाने वाला कदम बताया।

केंद्रीय एजेंसियों से जाँच की मांग

बाबूलाल मरांडी ने अंत में प्रधान सचिव से आग्रह किया कि यह मामला जनस्वास्थ्य, युवाओं के भविष्य और शासन की पारदर्शिता से जुड़ा है, इसलिए इस पर तत्काल कदम उठाए जाएँ।

उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. 11.02.2022 की जाँच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर उसकी अनुशंसाओं पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
  2. पूरे प्रकरण की जाँच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) जैसी केंद्रीय एजेंसियों से करवाई जाए, ताकि इसके अन्तर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की सघन जाँच हो सके।
  3. ड्रग कंट्रोलर कार्यालय की कार्यप्रणाली का स्वतंत्र ऑडिट किया जाए।
  4. जिन अधिकारियों के विरुद्ध संदेह है, उन्हें जाँच पूरी होने तक प्रशासनिक जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए।
  5. बरवाअड्डा प्रतिबंधित कफ सिरप मामले में सीआईडी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और आरोपी की गिरफ्तारी न होने का कारण स्पष्ट किया जाए।

उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस प्रकरण को ईमानदारी और पारदर्शिता से देखेगी, ताकि झारखंड का स्वास्थ्य तंत्र फिर से लोगों के विश्वास के योग्य बन सके।

हेमंत सरकारों पार्ट 2 में भी भ्रष्टाचार और टेंडर घोटाला जारी,स्वास्थ्य विभाग में मैनपॉवर सप्लाई में 50 करोड़ के घोटाले की तैयारी - प्रतुल


भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हेमंत सरकार पार्ट 2 में भी लगातार टेंडर घोटाले और भ्रष्टाचार के जारी रहने का आरोप लगाया। प्रतुल ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निकाले गए टेंडर पर बड़ा प्रश्न चिन्ह करते हुए इसे 50 करोड़ का घोटाला करार दिया।

प्रतुल ने कहा कि सिविल सर्जन सह सीएमओ रांची के कार्यालय के द्वारा नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं अन्य तकनीकी स्टाफ के लिए ई टेंडर संख्या 4374, दिनांक 20 सितंबर, 2025 को निकाला गया। इस टेंडर में ऐसी शर्तों को डाला गया जिससे झारखंड की कोई स्थानीय कंपनी हिस्सा ही नहीं ले पाएगी।प्रतुल ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी आदिवासी मूलवासी और झारखंडियत की बात करते हैं। लेकिन इस टेंडर के जरिए बिहार की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को काम देने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

प्रतुल ने कहा कि इस से पूर्व जब इसी सिविल सर्जन के कार्यालय ने 2022 में जब टेंडर निकला था तो उस समय की अर्हता और अभी की अर्हता में लगभग 5 गुण का इजाफा कर दिया गया है। यह सिर्फ बिहार की एक विशेष ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।प्रतुल ने कहा कि इसी टेंडर में 2022 में सिक्योरिटी मनी (ईएमडी) चार लाख रुपए रखा गया था। इस वर्ष उसे 15 लाख कर दिया गया। 2022 में टेंडर की अर्हता में सिंगल वर्क आर्डर का वैल्यू 3 करोड़ था। 3 वर्षों में इस बार इसे 15 करोड़ कर दिया गया है। ईसीआर की कॉपी 300 लोगों की आवश्यकता थी। इस वर्ष इसे 1500 कर दिया गया है। 2022 में निकाले गए टेंडर में पिछले तीन वित्तीय वर्ष का कंपनी का एवरेज टर्नओवर 5 करोड़ होने की आवश्यकता थी। इस बार इसे 5 गुना बढ़कर 25 करोड़ कर दिया गया है। जिस कंपनी को ये टेंडर देने की कोशिश की जा रही है ,उसे झारखंड के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने डिबार किया है। लेकिन टेंडर में ब्लैकलिस्टेड कॉलम में सिर्फ यह लिखकर डाल दिया गया है कि जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है वह एक अंडरटेकिंग देगी।

प्रतुल ने कहा कि इन सारी चीजों से स्पष्ट है कि टेंडर को इस रूप में बनाया गया है कि झारखंड की किसी स्थानीय कंपनी को कोई लाभ न हो।लाभ होना तो दूर की बात है, झारखंड की कोई कंपनी इसमें हिस्सा भी नहीं ले पाएगी। बिहार की एक विवादास्पद ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर देने के लिए अर्हता को बदल गया है क्योंकि यही इन सारी अहर्ताओं को पूरा करती है। अब वह कंपनी मनमाने रेट पर टेंडर डालेगी और कमीशन ऊपर से नीचे तक सब जगह बटेगा। प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मुद्दे को सरकार और एसीबी के सामने भी ले जाएगी।

Corruption and Tender Scams Continue in Hemant Government Part 2

₹50 Crore Scam Planned in Health Department’s Manpower Supply Tender – Pratul Shah Deo

BJP State Spokesperson Pratul Shah Deo today addressed a press conference at the party’s state headquarters, alleging that large-scale tender scams and corruption continue unabated in the Hemant Soren Government Part 2. Pratul raised serious questions over a recent tender issued by the Health Department, calling it a ₹50 crore scam in the making.

Pratul said that the Office of the Civil Surgeon -cum- Chief Medical Officer, Ranchi, issued an e-tender (No. 4374 dated September 20, 2025) for the supply of nursing, paramedical, and other technical staff. Pratul alleged that the tender conditions have been deliberately framed in such a way that no local company from Jharkhand can participate.

Pratul remarked, “The Chief Minister and Health Minister often talk about Adivasi, Moolvasi, and 'Jharkhandiyat', but through this tender, a conspiracy is being hatched to award the work to a blacklisted company from Bihar.”

He pointed out that in 2022, when a similar tender was issued by the same office, the eligibility criteria were much more reasonable. However, in the 2025 tender, the qualifications have been raised nearly fivefold, seemingly to benefit a specific blacklisted Bihar-based company.

He detailed the differences:

In 2022, the security deposit (EMD) was ₹4 lakh; this time, it has been raised to ₹15 lakh.

The minimum value of a single work order required earlier was ₹3 crore; now, it has been increased to ₹15 crore.

The ECR copy requirement for 300 personnel has now been raised to 1,500.

The average annual turnover required over the past three financial years was ₹5 crore; this year, it has been increased 500% to ₹25 crore.

Pratul further revealed that the company being favoured has been debarred by a reputed university in Jharkhand, yet the tender document conveniently allows blacklisted firms to participate if they merely provide an undertaking.

He added, “It is now absolutely clear that this tender has been structured to exclude local Jharkhand-based companies and favour one specific Bihar-based blacklisted company. Once awarded, this company will quote arbitrary rates, and the commission will flow from top to bottom.”

Pratul Shah Deo said that the Bharatiya Janata Party will take up this issue not only with the state government but also before the Anti-Corruption Bureau (ACB) for a full investigation.

आजमगढ़: तारा गुप्ता ने यूजीसी नेट परीक्षा में किया शानदार प्रदर्शन

राम प्रसाद मिश्र
लालगंज आजमगढ़। देवगांव कोतवाली क्षेत्र के चेवार पश्चिम की प्रतिभाशाली छात्रा तारा गुप्ता ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा 2025 में 92 से अधिक पर्सेंटाइल अंक प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। तारा गुप्ता की प्रारंभिक शिक्षा डीपीएस इंग्लिश स्कूल चेवार से हुई। इसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा श्री गिरिजा शरण इंटर कॉलेज मोरखा डोभी जौनपुर से उत्तीर्ण की। तारा ने बीए और एमए दोनों की पढ़ाई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी से वर्ष 2017 से 2022 के बीच पूरी की। इसके अतिरिक्त उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से बीएड की डिग्री प्राप्त की। यूजीसी नेट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अब तारा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्र हो गई हैं। बता दे कि यह परीक्षा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनने तथा पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है। तारा की इस सफलता से उनके परिवार और क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि उनके पिता सरोज गुप्ता और माता माधुरी गुप्ता की प्रेरणा ने उन्हें निरंतर आगे बढ़ने की शक्ति दी। वह अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और मित्रों को देती हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि क्षेत्र की अन्य छात्राओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। इस खुशी में डिजिटल लाइब्रेरी के संस्थापक भानु प्रताप सिंह ने मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया।
Klusttar Travels: From a Two-Lakh Setback to a ₹1.5 Crore Success Story.

 

Klusttar Travels  was a ray of hope in the world when numerous businesses floundered trying to make ends meet in the face of a pandemic, which turned out to be a success story. The story of how the company came to be started is inspirational, with Shubham Sampada Santosh Patange, a young Maharashtrian dreamer, realizing his dream of starting his own business in the small town of Maharashtra and developing it into a multi-crore company.

 

Shubham was born in the small village of Rasayani in Maharashtra and grew up in the small town of Roha in the Raigad district, which is full of courage, focus, and ambition. He graduated in 2017 with a degree from Dr. Babasaheb Ambedkar Government College of Engineering, Raigad, and worked as an Education Counsellor in Home Revise Educations Pvt. Ltd. His hard work saw him promoted to Team Manager (2018) and to the position of Branch Manager in the next two years (2019). He worked as the Branch Manager in Toppr Technologies in mid-2019 and acquired experience in the managerial field that equipped him to be an entrepreneur.

 

In March 2020, Shubham established Klusttar Travels Pvt. Ltd. with his partner Ketan More with an aim of transforming the manner of travelling. Unluckily, a few months down the road, the COVID-19 pandemic struck and led to the stagnation of the travel and tourism sector. The company had few resources and a turnover of only ₹2,00,000, and this proved to be the greatest challenge. When Ketan sold the business at the beginning of the year 2021, Shubham was left to face the storm on his own, yet he refused to give up but rather saw a chance to rise stronger.

 

Adamant about his dream, Shubham started selling tailor-made travel itineraries at only ₹200 per case and generated ₹1,00,000 in May 2021 alone. His persistence became improvement with a ₹5,00,000 turnover at the end of FY 2021–22. The actual breakthrough was in 2022, when Klusttar Travels started working with residential buildings to provide community tours. The company completed tours valued at ₹10,00,000 after three months, and at the close of FY 2022–23, the turnover increased to ₹50,00,000, which was also a significant comeback.

 

In 2023, Klusttar Travels ventured into other markets and offered its services to Maharashtra Police, Mumbai Police, and subsequently to the Pune Health Department. Their professionalism, reliability, and client-first attitude won them trust and recognition in Maharashtra. The company surpassed the ₹1 crore turnover mark by FY 2023–24. They partnered with influencers and celebrities of the Marathi film industry in 2024, as well as with corporate giants such as Infosys, Persistent, and HDFC. This resulted in a record-breaking ₹1.5 crore turnover by the end of FY 2024–25, making Klusttar Travels a dominant brand in the travel and tourism industry.

 

The inaugural journey of the company, a backpackers’ tour to Hampi with a group of 18, was an indescribable success and a precursor to how the brand would look in the future. Under the guidance of its tagline, “One Trip, Many Memories,” Klusttar Travels has to date served more than 2,000 satisfied families and keeps motivating travellers within India. Having a diverse workforce of 60+ committed employees, the company provides both domestic and international offers, visa/passport services, flight, train, cab, and hotel reservation services, all customized and designed to suit the special needs of its customers.

 

Klusttar Travels has a powerful Vision, the desire to become the most customer-centric travel agency in the world, whereas the company has a clear direction and acts according to the set goal. Its Mission is also quite inspiring: To inspire and empower people to discover the world confidently and easily through exceptional travel services and customized experiences. Our vision is to make our clients have lifelong memories and develop an interest in traveling and exploring. These brand statements beautifully capture the brand promise of quality, care, and customer satisfaction.

 

Klusttar Travels promotes sustainable tourism and the empowerment of the community in addition to profit and growth. The company advances indigenous and rural experiences that assist travelers in associating with local cultures, as well as helping local economies. All trips that Klusttar Travels designs are adventurous and authentic at the same time so that travelers do not come back home with only souvenirs but stories.

 

With Klusttar Travels still on the road in 2025 and in the future, a giant among buildings and a testament to perseverance, strategic vision, and the strength of dreams, the company will stand tall. The story of selling ₹200 itineraries to creating a ₹1.5 crore travel brand, Shubham Patange demonstrates that passion and persistence are not goals but journeys with the motto, “One Trip, Many Memories.”

 

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Website: www.klusttartravels.com 

Instagram: https://www.instagram.com/klusttar_trravels?igsh=MTJsa3Ezdms3Z3FzNw== 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा — जल संरक्षण को जनांदोलन बनाएं, चेकडैम और तालाब ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर! लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति (लघु सिंचाई) विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि चेकडैम, तालाब और ब्लास्टकूप केवल पानी रोकने की व्यवस्था नहीं, बल्कि किफायती समेकित जल प्रबंधन के प्रभावी साधन हैं। उन्होंने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की तरह जल संरक्षण को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 6,448 चेकडैम बन चुके हैं, जिनसे 1,28,960 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता और 10 हजार हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल रिचार्ज संभव हुआ है। वर्ष 2022-23 से अब तक 1,002 चेकडैमों की मरम्मत, 1,343 तालाबों का जीर्णोद्धार और 6,192 ब्लास्टकूपों से 18,576 हेक्टेयर सिंचन क्षमता विकसित की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि कुम्हारों को 1 अप्रैल से 15 जून तक तालाबों से निःशुल्क मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाए, ताकि बरसात से पहले उनकी क्षमता बढ़ाई जा सके। बरसात के बाद इन तालाबों का मत्स्य पालन और सिंघाड़ा उत्पादन में उपयोग कर रोजगार सृजित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया जाए। साथ ही प्रत्येक जनपद में चेकडैम, तालाब और ब्लास्टकूपों का फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन हो और जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सतत प्रयासों से प्रदेश में अतिदोहित क्षेत्रों की संख्या 82 से घटकर 50 और क्रिटिकल क्षेत्र 47 से घटकर 45 रह गए हैं। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से जल संरक्षण न केवल जल संकट से मुक्ति दिलाएगा, बल्कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।
भाजपा नेत्री और समाजसेविका किरण सिंह का रसड़ा 358 विधानसभा में सक्रिय योगदान, 2027 में संभावित प्रत्याशी के रूप में चर्चा
संजीव सिंह बलिया!रसड़ा विधानसभा क्षेत्र की प्रसिद्द समाजसेविका और भाजपा नेत्री किरण सिंह ने वर्षों से शिक्षा, पर्यावरण और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में अपार योगदान दिया है। खरुआंव गांव मूल निवासी किरण सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के साथ ही अनेक विश्वविद्यालयों से मास्टर डिग्री हासिल की है। वे एक प्रतिभाशाली छात्रा रही हैं और छात्र जीवन से ही समाज सेवा की गहरी भावना रखती हैं।किरण सिंह के ससुर स्व. विश्वनाथ सिंह संस्कृत आचार्य थे, जबकि उनके पति आईपीएस राजेश सिंह, जो उत्तर प्रदेश कैडर के तेज तर्रार अधिकारी हैं, अनेक जिलों में पुलिस अधीक्षक एवं डीआईजी पदों पर रहे और वर्तमान में अपर कमिश्नर बनारस में तैनात हैं।किरण सिंह पिछले दस वर्षों से निरंतर गंगा सफाई अभियान चला रही हैं और क्षेत्र के सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। वे अपने ससुराल के प्राथमिक विद्यालय को गोद लेकर उसमें बच्चों के लिए बेंच टेबल, गोदरेज की मजबूत अलमारियां, लाइब्रेरी सामग्री उपलब्ध करवाती हैं और महीने में कई बार वहां जाकर बच्चों का अभाव मिटाने तथा उनकी पढ़ाई, पोषण व स्वास्थ्य का ध्यान रखती हैं। असहाय बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद भी करती हैं।पर्यावरण संरक्षण में भी किरण सिंह प्रमुख भूमिका निभाती हैं। वे गांव के धार्मिक स्थल, शैक्षिक संस्थानों और आसपास वृक्षारोपण कर लोगों को जागरूक करती हैं। विशेषकर जून माह में सैकड़ों युवा साथियों के साथ मिली-जुली वृक्षारोपण मुहिम चलाकर पर्यावरण संवर्धन को बढ़ावा दिया। साथ ही वे अपने वाहन में पौधे लेकर चलती हैं और दूसरों को पौधा भेंट स्वरूप देती रहती हैं।भारतीय जनता पार्टी में किरण सिंह की सक्रियता लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में साफ झलकती है। वे पार्टी की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और चुनाव प्रचार में पूर्ण निष्ठा और समर्पण से कार्य करती हैं। 2022 के चुनाव में रसड़ा समेत अन्य विधानसभाओं में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के लिए प्रचार-प्रसार में अग्रणी रहीं।समाज सेवा के दौरान दिखावे से बचने पर जोर देते हुए किरण सिंह कहती हैं कि सेवा तभी सार्थक होती है जब वह निःस्वार्थ होती है, इसलिए वे हमेशा सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रहती हैं। उनके जीवन का केन्द्र बच्चों के प्रति स्नेह है; वे प्रतिदिन विद्यालय जाकर बच्चों के साथ समय बिताती हैं, हाथों से भोजन कराती हैं और पढ़ाई के प्रति प्रेरित करती हैं।कुछ दिनों से किरण सिंह अधिकतर समय अपने गांव में समाजसेवा के कार्यों में लगी हैं। रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से 2027 के चुनाव में उनकी प्रत्याशिता की खबरें भी चर्चा में हैं। इस पर उन्होंने कहा है कि वे भाजपा की सेवा में सदैव तत्पर हैं और पार्टी के निर्देशानुसार अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करेंगी।
झारखंड में कार्यकर्ता से बने भाजपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आदित्य साहू, बधाई देने का लगा तांता

रांची : भाजपा ने झारखंड प्रदेश की नए कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है। रवींद्र कुमार राय की जगह राज्यसभा सांसद आदित्य साहू को भाजपा झारखंड प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष के लिए नियुक्त किया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर यह नियुक्ति की गई है।

नियुक्ति होने के बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय में पहुंचे आदित्य साहू का कार्यकर्ताओं में फूल माला देकर स्वागत किया। राजनीति करने वाले आदित्य साहू भाजपा के लिए हमेशा समर्पित कार्यकर्ता के रूप में बने रहे। और आज कार्यकारी अध्यक्ष तक का सफर तय किए। 2019 तक रामटहल चौधरी कॉलेज में प्रोफेसर रहने के बाद 2022 में राज्यसभा सदस्य के रूप में चयनित हुए थे। प्रदेश महामंत्री के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे आदित्य साहू की छवि साफ सुथरी रही है। आगे भी अपने कार्यों को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने की बात उन्होंने कहा।