রাজ্যে প্রাথমিকের ৩২ হাজার শিক্ষকদের চাকরি বহাল রাখল হাইকোর্ট

*নিজস্ব প্রতিনিধি:* রাজ্যের প্রাথমিকের ৩২ হাজার শিক্ষকদের চাকরির বাতিল সংক্রান্ত কলকাতা হাইকোর্টের প্রাক্তন বিচারপতি অভিজিৎ গঙ্গোপাধ্যায়ের রায় খারিজ করল কলকাতা হাইকোর্টের ডিভিশন বেঞ্চ। চাকরি বাতিলের নির্দেশকে চ্যালেঞ্জ করে দায়ের করা মামলার নিষ্পত্তি করে এই নির্দেশ দিয়েছে বিচারপতি তপোব্রত চক্রবর্তী ও বিচারপতি ঋতব্রত কুমার মিত্রের ডিভিশন বেঞ্চ। তবে ডিভিশন বেঞ্চ জানিয়েছে, এই নিয়োগে দুর্নীতি হয়েছে। এর তদন্ত যেভাবে চলছে তা চলবে।কয়েকজন অভিযুক্ত ও অসফল প্রার্থীদের জন্য পুরো প্রক্রিয়াকে বাতিল করা যায় না বলে মত ডিভিশন বেঞ্চের। রায় নিয়ে ডিভিশন বেঞ্চের পর্যবেক্ষণ, এত দিন চাকরি করেছেন ৩২ হাজার শিক্ষক। তাঁদের পরিবারের কথা ভেবে আদালত চাকরি বাতিল করা হচ্ছে না। তবে দুর্নীতি হয়েছে, বলে জানাল হাইকোর্ট। দুর্নীতি হয়েছে। কিন্তু এতগুলো পরিবারের দিকে তাকিয়ে চাকরি বাতিলের জন্যে বিচারপতি অভিজিৎ গঙ্গোপাধ্যায়ের সিদ্ধান্ত খারিজ করা হল। বুধবার রায়ে জানানো হল, ৩২ হাজার চাকরিপ্রার্থীর কাজ থাকছে। টানা ছ'মাস ধরে শুনানি শেষে গত ১২ নভেম্বর রায়দান স্থগিত রাখে হাইকোর্টের বিচারপতি তপোব্রত চক্রবর্তী ও ঋতব্রত কুমার মিত্রর ডিভিশন বেঞ্চ। স্কুল সার্ভিস কমিশনের ২৬ হাজার চাকরি বাতিলের পর প্রাথমিকের ৩২ হাজার কর্মরত শিক্ষকরাও উদ্বিগ্ন ছিল সকলে। হাইকোর্টের প্রাক্তন বিচারপতি অভিজিৎ গঙ্গোপাধ্যায় চাকরি বাতিলের নির্দেশ দেওয়ার পর ডিভিশন বেঞ্চের দ্বারস্থ হয়েছিল প্রাথমিক শিক্ষা পর্ষদ ও কর্মরত শিক্ষকরা।তৎকালীন বিচারপতি সুব্রত তালুকদার ও বিচারপতি সুপ্রতীম ভট্টাচার্যের ডিভিশন বেঞ্চ, সিঙ্গল বেঞ্চের চাকরি বাতিলের নির্দেশ স্থগিতাদেশ দেয়। তবে প্রাথমিক শিক্ষা পর্ষদকে প্রার্থীদের চাকরি বজায় রেখেই নতুন করে ইন্টারভিউ নেওয়ার নির্দেশ দিয়েছিল। তিন মাসের মধ্যে সেই প্রক্রিয়া সম্পন্ন করতেও নির্দেশ দেওয়া হয়। পরে সেই মামলা সুপ্রিম কোর্ট ঘুরে ফের হাইকোর্টে আসে। গত ২৮ এপ্রিল থেকে বিচারপতি তপোব্রত চক্রবর্তীর ডিভিশন বেঞ্চে মামলার শুনানি শুরু হয়েছিল।এই রায় নিয়ে রাজ্যের আইনজীবী কল্যাণ ব্যানার্জীর প্রাথমিক প্রতিক্রিয়া, "সত্যের জয় হল"। পাল্টা ম্যামলাকারীদের আইনজীবী বিকাশ রঞ্জন ভট্টাচার্য বলেন," প্রাতিষ্ঠানিক দুর্নীতিটাই প্রতিষ্ঠিত হয়ে গেল"।
आरोग्यम अस्पताल की ओर से निःशुल्क हृदय जांच शिविर का आयोजन 5 दिसंबर को

हजारीबाग -जिले के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में से एक आरोग्यम अस्पताल द्वारा आगामी 5 दिसंबर, शुक्रवार को निःशुल्क हृदय जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आरोग्यम अस्पताल परिसर में आयोजित होने वाले इस शिविर में हृदय संबंधी सभी महत्वपूर्ण जांचें ईसीजी,ब्लड शुगर,बीपी एवं एवं पल्स की जांच पूर्णतः निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा शिविर में हृदय से संबंधित रोगों का इलाज निशुल्क किया जाएगा। शिविर का समय सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक निर्धारित है। शिविर का संचालन अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमन सिन्हा और डॉ. रवि रंजन के मार्गदर्शन में किया जाएगा, जिससे मरीजों को सटीक जांच और उचित परामर्श प्राप्त हो सके। अस्पताल का उद्देश्य है कि हजारीबाग क्षेत्र के लोग समय रहते अपने हृदय स्वास्थ्य की जांच कर सकें और संभावित जोखिमों से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। अस्पताल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा कि हृदय रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में समय पर जांच और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 40 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों सहित सभी लोगों से इस शिविर का लाभ उठाने की अपील की। अस्पताल के प्रशासक जय सिंह ने बताया कि आरोग्यम अस्पताल लगातार जनहित से जुड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है। निःशुल्क हृदय जांच शिविर का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान करना और हृदय से संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूक बनाना है। अस्पताल प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे स्वयं शिविर में शामिल हों और अपने परिजनों, पड़ोसियों व परिचितों को भी इस निःशुल्क जांच शिविर का लाभ उठाने हेतु प्रेरित करें, ताकि हजारीबाग जिले में स्वस्थ हृदय और स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।

ललितपुर का कारीपहाड़ी बना स्वच्छ ऊर्जा का मॉडल गाँव, गोवर्धन परियोजना ने बदली ग्रामीण तस्वीर
* ग्रामीण विकास में अभिनव प्रयोग-बायोगैस प्लांट से बिजली, चक्की संचालन और जैविक खाद उत्पादन


* बायोगैस संयंत्र से ग्राम पंचायत को 3 लाख से अधिक आय: ओम प्रकाश राजभर

लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पंचायतीराज विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के अंतर्गत गोवर्धन परियोजना को नई गति प्रदान की है। अपशिष्ट को संपदा में बदलने के उद्देश्य से जनपद ललितपुर की ग्राम पंचायत कारीपहाड़ी में 85 घनमीटर क्षमता का बायोगैस संयंत्र स्थापित कर पूर्ण रूप से संचालित किया जा रहा है, जिसने ग्रामीण आजीविका और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिणाम दिए हैं। यह संयंत्र प्रदेश में सफल एवं प्रेरक मॉडल के रूप में उभर रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

बायोगैस संयंत्र से उत्पादित गैस 12 परिवारों को पाइपलाइन के माध्यम से प्रतिदिन सुबह और शाम उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उन्हें स्वच्छ, सस्ती और सुरक्षित ऊर्जा प्राप्त हो रही है। साथ ही संयंत्र से उत्पन्न गैस के उपयोग से 15 केवीए क्षमता के जेनरेटर के माध्यम से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है, जिसका उपयोग दो निर्मित कक्षों में स्थापित आटा चक्की के संचालन हेतु किया जा रहा है। कम लागत पर उपलब्ध पिसा  ई सुविधा के कारण आसपास के गांवों के लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं।

संयंत्र से लाभान्वित परिवारों से ₹250 प्रतिमाह गैस शुल्क, तथा आटा पिसाई पर ₹1 प्रति किलो शुल्क निर्धारित किया गया है। संयंत्र से प्राप्त जैविक खाद (स्लरी) को क्षेत्र के कृषि किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे फसलों की उत्पादकता में सुधार के साथ ग्रामीणों को जैविक उर्वरक का विकल्प मिल रहा है।
संयंत्र से प्राप्त आय लगभग ₹3,05,990 ग्राम पंचायत के OSR खाते में जमा की जा चुकी है, जिससे पंचायत को वित्तीय स्वावलंबन प्राप्त हो रहा है। संयंत्र संचालन हेतु एक स्थानीय किसान को केयर-टेकर के रूप में नियुक्त किया गया है, जिन्हें ₹5000 मासिक मानदेय प्रदान किया जा रहा है। इस मॉडल से प्रेरित होकर अन्य ग्राम पंचायतों में भी समान परियोजनाएं स्थापित करने की दिशा में रुचि बढ़ी है।

मंत्री, पंचायतीराज विभाग ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि गोवर्धन परियोजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, स्वच्छता को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण माध्यम है। ग्राम पंचायत कारीपहाड़ी का यह सफल मॉडल पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा स्रोत है, और इसे अधिकाधिक ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा।
निदेशक पंचायतीराज श्री अमित कुमार सिंह ने कहा कि यह परियोजना यह सिद्ध करती है कि सही प्रबंधन से अपशिष्ट को ऊर्जा, आजीविका और आय के अत्यंत उपयोगी स्रोत में बदला जा सकता है। पंचायतीराज विभाग ऐसी सफल पहलों को प्रदेश भर में विस्तार देने के लिए तत्पर है।
झारखंड विधानसभा सत्र: 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू जुलूस, रैली और धरना पर रोक; 5 से 11 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी

झारखंड विधानसभा के षष्ठम झारखंड विधानसभा के चतुर्थ (शीतकालीन) सत्र को देखते हुए, रांची जिला प्रशासन ने विधानसभा परिसर के 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा (धारा 163) लागू कर दी है। यह सत्र 05 दिसंबर 2025 से 11 दिसंबर 2025 तक आहूत किया गया है।

निषेधाज्ञा की मुख्य बातें

अनुमंडल दंडाधिकारी, सदर, रांची द्वारा सुरक्षा की दृष्टिकोण से यह निषेधाज्ञा जारी की गई है।

प्रतिबंध अपवाद

पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी, सरकारी कार्यक्रम एवं शवयात्रा।

किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र (बंदूक, रिवाल्वर, बम आदि) लेकर चलना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

लाठी-डंडा, तीर-धनुष, भाला आदि जैसे हरवे-हथियार लेकर चलना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

धरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आम सभा का आयोजन करना। कोई नहीं।

ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

प्रभावी अवधि: यह निषेधाज्ञा दिनांक 05.12.2025 के प्रातः 08:00 बजे से दिनांक 11.12.2025 के रात्रि 10:00 बजे तक प्रभावी रहेगी।

छूट प्राप्त क्षेत्र: माननीय उच्च न्यायालय झारखंड, रांची को इस निषेधाज्ञा के दायरे से बाहर रखा गया है।

यह आदेश उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची एवं अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था, रांची के संयुक्त आदेश के आलोक में जारी किया गया है।

क्या आप झारखंड विधानसभा के इस शीतकालीन सत्र के संभावित एजेंडा या मुद्दों के बारे में जानकारी चाहते हैं?

बुढ़नपुर तहसील में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन, अधिवक्ता पर हमले के विरोध में एसडीएम न्यायालय का घेराव
बुढ़नपुर, आज़मगढ़। बुढ़नपुर तहसील के अधिवक्ताओं ने अपने साथी अधिवक्ता पर हुए हमले के विरोध में शनिवार को एसडीएम न्यायालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और हमलावर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के बजाय केवल शांति भंग में चालान कर दिया, जिससे अधिवक्ताओं में गहरा आक्रोश है।अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश लाल श्रीवास्तव ने बताया कि उनके साथी अधिवक्ता सामान खरीदने बाज़ार गए थे, तभी एक दुकानदार ने अचानक उन पर हमला कर दिया। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने मामले को हल्के में लेते हुए मात्र शांति भंग की धारा में कार्रवाई की।अधिवक्ताओं ने एसडीएम से मांग की कि हमलावर को किसी भी कीमत पर जमानत नहीं मिलनी चाहिए और उस पर सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।इस दौरान अधिवक्ता जगत नारायण तिवारी, राजकुमार सिंह, ब्रजनाथ पाठक, सुभाष पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में वकील मौजूद रहे और उन्होंने न्यायालय परिसर में विरोध जताते हुए न्याय की मांग की अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और व्यापक रूप में किया जाएगा।
नसबंदी ऑपरेशन के बाद लापरवाही का आरोप, टांका टूटा तो भड़के परिजन – कोयलसा CHC पर जमकर हंगामा
कोयलसा, आज़मगढ़। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोयलसा में नसबंदी के ऑपरेशन के बाद गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद मरीज का टांका टूट गया, लेकिन डॉक्टर समय पर देखने नहीं पहुंचे, जिसके बाद नाराज़ परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। मिली जानकारी के अनुसार अंजना सिंह पत्नी रमेश सिंह की नसबंदी का ऑपरेशन हाल ही में कोयलसा सीएचसी में किया गया था। परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के कुछ समय बाद ही टांका टूट गया, जिसके चलते मरीज को काफी परेशानी होने लगी। परिजन तत्काल डॉक्टरों को दिखाने अस्पताल पहुंचे, लेकिन सुबह 10:30 बजे तक कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था, जिस पर भारी आक्रोश जताते हुए लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस घटना की जानकारी जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) तक पहुँची तो उन्होंने मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। परिजनों ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में ऐसी लापरवाही मरीजों की जान जोखिम में डाल सकती है और जिम्मेदारों पर सख्त कार्यवाही जरूरी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और लापरवाही अक्सर देखने को मिलती है, लेकिन प्रशासन चुप रहता है। घटना के बाद अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। परिजनों ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
भारत आ रहे व्लादिमीर पुतिन, जानें 30 घंटे के दौरान कैसी होगी रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिनों के नई दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए बहुत खास है। साथ ही यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है।

व्लादिमीर पुतिन भारत में दो दिनों के दौरे पर होंगे लेकिन उनके यहां रुकने की अवधि करीब 30 घंटे होने वाली है। रूसी राष्ट्रपति 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां पीएम मोदी उनकी मेजबानी करेंगे। चलिए देखते हैं उनका पूरा शेड्यूल क्या होगाः-

4 दिसंबर

• पुतिन शाम को करीब 6 बजे भारत पहुंचेंगे।

• आगमन के बाद उनकी कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स होंगी, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं।

5 दिसंबर

• सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत समारोह।

• इसके बाद राजघाट जाकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।

• सीमित दायरे की वार्ता, फिर हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत।

• प्रतिनिधिमंडलों के साथ लंच, इसमें कुछ प्रमुख उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं।

• हैदराबाद हाउस में समझौतों की घोषणा।

• हैदराबाद हाउस में प्रेस स्टेटमेंट।

• भारत-रूस बिजनेस फोरम, जिसमें दोनों नेता शामिल हो सकते हैं।

• राष्ट्रपति की ओर से शाम को राज्य भोज।

• भोज के बाद भारत से प्रस्थान।

कई घेरों की सुरक्षा

पुतिन के दिल्ली आगमन से पहले सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रमों के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त की तैयारी में जुटे हैं। 4-5 दिसंबर जब रूसी राष्ट्रपति भारत में होंगे तो दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। जिसमें दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम शामिल होगी। स्वाट टीम, आतंकवाद-रोधी दस्तों और त्वरित प्रतिक्रिया टीम सहित विशेष इकाइयां राजधानी भर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात रहेंगी। ड्रोन, सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी और तकनीकी खुफिया प्रणालियां भी तैनात की जाएंगी।

दौरे से पहले सुरक्षा जांच

व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं, इसलिए जब भी वह अपने किसी राजकीय दौरे या अन्य देशों में किसी मीटिंग या सम्मेलनों में भाग लेने जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा भी चाक-चौबंद होती है। जब भी पुतिन किसी दौरे या सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसी दूसरे देश में जाते हैं तो लगभग 100 रूसी फ़ेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के सुरक्षा कर्मी हमेशा पुतिन के साथ होते हैं। इनमें से करीब 50 सुरक्षा कर्मी पुतिन के दौरे से पहले उस देश में जाते हैं जहां पुतिन का दौरा होता है, और यह सुरक्षाकर्मी उन सभी जगहों की जांच और गहन छानबीन करते हैं जहां पुतिन जाएंगे। इसके अलावा, उनके भोजन की जांच रूस से लाई गई एक पोर्टेबल लैब में की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की ज़हर देने की साजिश से बचा जा सके। उनके व्यक्तिगत कचरे (मल-मूत्र) को भी परीक्षण के लिए वापस मॉस्को भेजा जाता है।

अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट'...जानें किस कारण सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

#soniagandhiaravalliminingmodigovernmentenvironment_policy

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट' जैसा कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों में खनन की छूट से अरावली पर्वतमाला को भारी नुकसान होगा। सोनिया गांधी ने अंग्रेजी दैनिक अखबार 'द हिंदू' के लिए लिखे एक लेख में इस बात का जिक्र किया कि अरावली के 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले किसी भी क्षेत्र में खनन को छूट दे दी गई है।

‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर जैसा

सोनिया गांधी ने कहा, गुजरात से लेकर राजस्थान और हरियाणा तक फैली अरावली पर्वतमाला ने लंबे समय से भारतीय भूगोल और इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार ने अवैध खनन से पहले ही बर्बाद हो चुकी इन पहाड़ियों के लिए अब लगभग ‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

ये फैसला अवैध खननकर्ताओं-माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण-सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा, सरकार ने घोषणा की है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के अधीन नहीं है। यह फैसला अवैध खननकर्ताओं और माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण है कि वे इस श्रृंखला के उस 90 प्रतिशत हिस्से का भी सफाया कर दें, जो सरकार द्वारा निर्धारित ऊंचाई सीमा से नीचे आता है।

सरकारी नीति में पर्यावरण की गहरी उपेक्षा- सोनिया

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकारी नीति निर्धारण में पर्यावरण के प्रति गहरी और निरंतर उपेक्षा व्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया गया है, लेकिन अब उसके गौरवपूर्ण स्थान को बहाल किया जाना चाहिए और सरकारी नीति और दबाव से स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

साथ काम करने की आवश्यकता पर बल

सोनिया गांधी ने कहा, हमें पर्यावरणीय मामलों पर अधिक अंतर-सरकारी समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है। एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट के लिए भूजल यूरेनियम संदूषण मुद्दे की तरह ही एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की पर्यावरण नीतियों को कानून के शासन के प्रति सम्मान, स्थानीय समुदायों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके साथ काम करने की प्रतिबद्धता और पर्यावरण व मानव विकास के बीच अटूट संबंध की समझ द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, केवल ऐसे दृष्टिकोण के साथ ही हम स्वस्थ और सुरक्षित भारत निर्माण कर सकते हैं।

यूपीएसआईएफएस में क्राइम सीन मैनेजमेन्ट कोर्स का शुभारम्भ


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश तथा डीजीपी राजीव कृष्ण के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज़ (यूपीएसआईएफएस) लखनऊ में सोमवार को क्राइम सीन मैनेजमेंट कोर्स का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी तथा अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं नवीन अरोरा (आईपीएस) ने किया। क्राइम सीन मैनेजमेन्ट कोर्स में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आरक्षी मुख्य आरक्षी तथा उप निरीक्षक स्तर के 100 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया।

फोरेंसिक एक्सपर्ट विवेचना का नीवः डॉ. जी.के. गोस्वामी,निदेशक

इस अवसर पर एडीजी नवीन अरोरा को निदेशक यूपीएसआईएफएस सहित अपर निदेशक  राजीव मलहोत्रा, अपर पुलिस अधीधक जितेन्द्र श्रीवास्तव तथा अतुल यादव ने सैपलिन तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।संस्थापक निदेशक डॉ जी.के. गोस्वामी ने बताया कि यह कोर्स 45 दिवस तक चलेगा जिसे नये कानून के दृष्टिगत पुलिस की आज की आवश्यकताओं के दृष्टिगत डिजायन किया गया है। उन्होंने  कहा कि इस कोर्स को संस्थान के विषय विशेषज्ञों द्वारा पढाया जायेगा।


सैम्पल सही उठा, तो निर्दोष को नहीं होगी सजा: नवीन अरोरा, (एडीजी,टीएस)


डॉ. गोस्वामी ने प्रशिक्षणार्थियों को नये कानून बीएनएसएस की धारा 176(3) के संदर्भ में  संबोधित करते हुए कहा कि सात साल या सात साल से अधिक की सजा वाले अपराध की घटना स्थल का निरीक्षण प्रत्येक दशा में फोरेंसिक टीम के सदस्य द्वारा की जायेगी इस दशा में आप का काम अति महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि आप विवेचना की पहली धूरी होंगे। आप नीव है जहां विवेचना की बिल्डिंग खड़ी होगी । उन्होंने निठारी काण्ड में अभियुक्तों को छूटने में आयी खामियों पर भी प्रकाश  डाला।

घटना स्थल से यदि सैम्पल सही तरीके से उठायें

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवायें, नवीन अरोरा ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि घटना स्थल से यदि सैम्पल सही तरीके से उठायें जाय तो कोइ निर्दोष कभी भी अपराध में नहीं फंस पायेगा न सजा पायेगा और निर्दोष को बचाना एक पूण्य काम है। उन्होंने  घटना स्थल से विभिन्न प्रकार के सैंपल को अलग-अलग तरीकों से किस तरह से उठाया जाय उसके विधि पर प्रकाश  डाला। उन्होंने कहा कि सैंपल उठाने से लेकर उसके चेन कस्टडी में अगर कहीं भी चूक हुई तो उसका लाभ अपराधी को मिल सकता है।

क्राइम सीन मैनेजमेन्ट का यह पहला कोर्स

उन्होंने संस्थान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि  क्राइम सीन मैनेजमेन्ट का यह पहला कोर्स है और आप सभी संकल्प के साथ सर्वश्रेष्ठता का उदाहरण बनें।कार्यक्रम के अंत में अपर निदेशक/डीआईजी  राजीव मल्होत्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र श्रीवास्तव, अतुल यादव, उप निदेशक अतुल त्रिपाठी, वैज्ञानिक अधिकारी  विवेक कुमार, उदय प्रताप सिंह जनसंपर्क अधिकारी  संतोष तिवारी, आरआई वृजेष सिंह, फेकल्टी डा निताश, डॉ. पोरवी सिंह, डॉ स्वनिल, डॉ. पलक अनेजा, डॉ मनीष राय,  गिरिजेश राय तथा कार्तिकेय सहित अन्य उपस्थित रहे।
आजमगढ़ : डॉ नंदलाल चौरसिया बने शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव
सिद्धेश्वर पाण्डेय
  व्यूरो चीफ
आजमगढ़  । गया प्रसाद स्मारक राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय अंबारी के संस्कृत प्रवक्ता डॉ नंदलाल चौरसिया को शासन द्वारा उत्तर प्रदेश सेवा चयन आयोग में उप सचिव बनाया गया है। डॉ नंदलाल चौरसिया के उप सचिव बनने पर महाविद्यालय परिवार ने उन्हें शुभकामनाएं दी है। उत्तर प्रदेश शासन उच्च शिक्षा अनुभाग-5 द्वारा पत्र जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग नियमावली 2023 में निहित प्राविधान के तहत उन्हें 3 वर्ष के लिए यह जिम्मेदारी दी गयी है। उप सचिव बनाये जाने पर डॉ नंदलाल चौरसिया ने कहा कि शासन द्वारा जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसका पूरी जिम्मेदारी से निर्वाहन करूंगा। नई जिम्मेदारी के लिए काफी उत्सुक भी हूँ। 

রাজ্যে প্রাথমিকের ৩২ হাজার শিক্ষকদের চাকরি বহাল রাখল হাইকোর্ট

*নিজস্ব প্রতিনিধি:* রাজ্যের প্রাথমিকের ৩২ হাজার শিক্ষকদের চাকরির বাতিল সংক্রান্ত কলকাতা হাইকোর্টের প্রাক্তন বিচারপতি অভিজিৎ গঙ্গোপাধ্যায়ের রায় খারিজ করল কলকাতা হাইকোর্টের ডিভিশন বেঞ্চ। চাকরি বাতিলের নির্দেশকে চ্যালেঞ্জ করে দায়ের করা মামলার নিষ্পত্তি করে এই নির্দেশ দিয়েছে বিচারপতি তপোব্রত চক্রবর্তী ও বিচারপতি ঋতব্রত কুমার মিত্রের ডিভিশন বেঞ্চ। তবে ডিভিশন বেঞ্চ জানিয়েছে, এই নিয়োগে দুর্নীতি হয়েছে। এর তদন্ত যেভাবে চলছে তা চলবে।কয়েকজন অভিযুক্ত ও অসফল প্রার্থীদের জন্য পুরো প্রক্রিয়াকে বাতিল করা যায় না বলে মত ডিভিশন বেঞ্চের। রায় নিয়ে ডিভিশন বেঞ্চের পর্যবেক্ষণ, এত দিন চাকরি করেছেন ৩২ হাজার শিক্ষক। তাঁদের পরিবারের কথা ভেবে আদালত চাকরি বাতিল করা হচ্ছে না। তবে দুর্নীতি হয়েছে, বলে জানাল হাইকোর্ট। দুর্নীতি হয়েছে। কিন্তু এতগুলো পরিবারের দিকে তাকিয়ে চাকরি বাতিলের জন্যে বিচারপতি অভিজিৎ গঙ্গোপাধ্যায়ের সিদ্ধান্ত খারিজ করা হল। বুধবার রায়ে জানানো হল, ৩২ হাজার চাকরিপ্রার্থীর কাজ থাকছে। টানা ছ'মাস ধরে শুনানি শেষে গত ১২ নভেম্বর রায়দান স্থগিত রাখে হাইকোর্টের বিচারপতি তপোব্রত চক্রবর্তী ও ঋতব্রত কুমার মিত্রর ডিভিশন বেঞ্চ। স্কুল সার্ভিস কমিশনের ২৬ হাজার চাকরি বাতিলের পর প্রাথমিকের ৩২ হাজার কর্মরত শিক্ষকরাও উদ্বিগ্ন ছিল সকলে। হাইকোর্টের প্রাক্তন বিচারপতি অভিজিৎ গঙ্গোপাধ্যায় চাকরি বাতিলের নির্দেশ দেওয়ার পর ডিভিশন বেঞ্চের দ্বারস্থ হয়েছিল প্রাথমিক শিক্ষা পর্ষদ ও কর্মরত শিক্ষকরা।তৎকালীন বিচারপতি সুব্রত তালুকদার ও বিচারপতি সুপ্রতীম ভট্টাচার্যের ডিভিশন বেঞ্চ, সিঙ্গল বেঞ্চের চাকরি বাতিলের নির্দেশ স্থগিতাদেশ দেয়। তবে প্রাথমিক শিক্ষা পর্ষদকে প্রার্থীদের চাকরি বজায় রেখেই নতুন করে ইন্টারভিউ নেওয়ার নির্দেশ দিয়েছিল। তিন মাসের মধ্যে সেই প্রক্রিয়া সম্পন্ন করতেও নির্দেশ দেওয়া হয়। পরে সেই মামলা সুপ্রিম কোর্ট ঘুরে ফের হাইকোর্টে আসে। গত ২৮ এপ্রিল থেকে বিচারপতি তপোব্রত চক্রবর্তীর ডিভিশন বেঞ্চে মামলার শুনানি শুরু হয়েছিল।এই রায় নিয়ে রাজ্যের আইনজীবী কল্যাণ ব্যানার্জীর প্রাথমিক প্রতিক্রিয়া, "সত্যের জয় হল"। পাল্টা ম্যামলাকারীদের আইনজীবী বিকাশ রঞ্জন ভট্টাচার্য বলেন," প্রাতিষ্ঠানিক দুর্নীতিটাই প্রতিষ্ঠিত হয়ে গেল"।
आरोग्यम अस्पताल की ओर से निःशुल्क हृदय जांच शिविर का आयोजन 5 दिसंबर को

हजारीबाग -जिले के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में से एक आरोग्यम अस्पताल द्वारा आगामी 5 दिसंबर, शुक्रवार को निःशुल्क हृदय जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आरोग्यम अस्पताल परिसर में आयोजित होने वाले इस शिविर में हृदय संबंधी सभी महत्वपूर्ण जांचें ईसीजी,ब्लड शुगर,बीपी एवं एवं पल्स की जांच पूर्णतः निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा शिविर में हृदय से संबंधित रोगों का इलाज निशुल्क किया जाएगा। शिविर का समय सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक निर्धारित है। शिविर का संचालन अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमन सिन्हा और डॉ. रवि रंजन के मार्गदर्शन में किया जाएगा, जिससे मरीजों को सटीक जांच और उचित परामर्श प्राप्त हो सके। अस्पताल का उद्देश्य है कि हजारीबाग क्षेत्र के लोग समय रहते अपने हृदय स्वास्थ्य की जांच कर सकें और संभावित जोखिमों से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। अस्पताल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा कि हृदय रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में समय पर जांच और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 40 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों सहित सभी लोगों से इस शिविर का लाभ उठाने की अपील की। अस्पताल के प्रशासक जय सिंह ने बताया कि आरोग्यम अस्पताल लगातार जनहित से जुड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है। निःशुल्क हृदय जांच शिविर का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान करना और हृदय से संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूक बनाना है। अस्पताल प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे स्वयं शिविर में शामिल हों और अपने परिजनों, पड़ोसियों व परिचितों को भी इस निःशुल्क जांच शिविर का लाभ उठाने हेतु प्रेरित करें, ताकि हजारीबाग जिले में स्वस्थ हृदय और स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।

ललितपुर का कारीपहाड़ी बना स्वच्छ ऊर्जा का मॉडल गाँव, गोवर्धन परियोजना ने बदली ग्रामीण तस्वीर
* ग्रामीण विकास में अभिनव प्रयोग-बायोगैस प्लांट से बिजली, चक्की संचालन और जैविक खाद उत्पादन


* बायोगैस संयंत्र से ग्राम पंचायत को 3 लाख से अधिक आय: ओम प्रकाश राजभर

लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पंचायतीराज विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के अंतर्गत गोवर्धन परियोजना को नई गति प्रदान की है। अपशिष्ट को संपदा में बदलने के उद्देश्य से जनपद ललितपुर की ग्राम पंचायत कारीपहाड़ी में 85 घनमीटर क्षमता का बायोगैस संयंत्र स्थापित कर पूर्ण रूप से संचालित किया जा रहा है, जिसने ग्रामीण आजीविका और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिणाम दिए हैं। यह संयंत्र प्रदेश में सफल एवं प्रेरक मॉडल के रूप में उभर रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

बायोगैस संयंत्र से उत्पादित गैस 12 परिवारों को पाइपलाइन के माध्यम से प्रतिदिन सुबह और शाम उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उन्हें स्वच्छ, सस्ती और सुरक्षित ऊर्जा प्राप्त हो रही है। साथ ही संयंत्र से उत्पन्न गैस के उपयोग से 15 केवीए क्षमता के जेनरेटर के माध्यम से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है, जिसका उपयोग दो निर्मित कक्षों में स्थापित आटा चक्की के संचालन हेतु किया जा रहा है। कम लागत पर उपलब्ध पिसा  ई सुविधा के कारण आसपास के गांवों के लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं।

संयंत्र से लाभान्वित परिवारों से ₹250 प्रतिमाह गैस शुल्क, तथा आटा पिसाई पर ₹1 प्रति किलो शुल्क निर्धारित किया गया है। संयंत्र से प्राप्त जैविक खाद (स्लरी) को क्षेत्र के कृषि किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे फसलों की उत्पादकता में सुधार के साथ ग्रामीणों को जैविक उर्वरक का विकल्प मिल रहा है।
संयंत्र से प्राप्त आय लगभग ₹3,05,990 ग्राम पंचायत के OSR खाते में जमा की जा चुकी है, जिससे पंचायत को वित्तीय स्वावलंबन प्राप्त हो रहा है। संयंत्र संचालन हेतु एक स्थानीय किसान को केयर-टेकर के रूप में नियुक्त किया गया है, जिन्हें ₹5000 मासिक मानदेय प्रदान किया जा रहा है। इस मॉडल से प्रेरित होकर अन्य ग्राम पंचायतों में भी समान परियोजनाएं स्थापित करने की दिशा में रुचि बढ़ी है।

मंत्री, पंचायतीराज विभाग ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि गोवर्धन परियोजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, स्वच्छता को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण माध्यम है। ग्राम पंचायत कारीपहाड़ी का यह सफल मॉडल पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा स्रोत है, और इसे अधिकाधिक ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा।
निदेशक पंचायतीराज श्री अमित कुमार सिंह ने कहा कि यह परियोजना यह सिद्ध करती है कि सही प्रबंधन से अपशिष्ट को ऊर्जा, आजीविका और आय के अत्यंत उपयोगी स्रोत में बदला जा सकता है। पंचायतीराज विभाग ऐसी सफल पहलों को प्रदेश भर में विस्तार देने के लिए तत्पर है।
झारखंड विधानसभा सत्र: 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू जुलूस, रैली और धरना पर रोक; 5 से 11 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी

झारखंड विधानसभा के षष्ठम झारखंड विधानसभा के चतुर्थ (शीतकालीन) सत्र को देखते हुए, रांची जिला प्रशासन ने विधानसभा परिसर के 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा (धारा 163) लागू कर दी है। यह सत्र 05 दिसंबर 2025 से 11 दिसंबर 2025 तक आहूत किया गया है।

निषेधाज्ञा की मुख्य बातें

अनुमंडल दंडाधिकारी, सदर, रांची द्वारा सुरक्षा की दृष्टिकोण से यह निषेधाज्ञा जारी की गई है।

प्रतिबंध अपवाद

पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी, सरकारी कार्यक्रम एवं शवयात्रा।

किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र (बंदूक, रिवाल्वर, बम आदि) लेकर चलना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

लाठी-डंडा, तीर-धनुष, भाला आदि जैसे हरवे-हथियार लेकर चलना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

धरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आम सभा का आयोजन करना। कोई नहीं।

ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करना। सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी।

प्रभावी अवधि: यह निषेधाज्ञा दिनांक 05.12.2025 के प्रातः 08:00 बजे से दिनांक 11.12.2025 के रात्रि 10:00 बजे तक प्रभावी रहेगी।

छूट प्राप्त क्षेत्र: माननीय उच्च न्यायालय झारखंड, रांची को इस निषेधाज्ञा के दायरे से बाहर रखा गया है।

यह आदेश उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, रांची एवं अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था, रांची के संयुक्त आदेश के आलोक में जारी किया गया है।

क्या आप झारखंड विधानसभा के इस शीतकालीन सत्र के संभावित एजेंडा या मुद्दों के बारे में जानकारी चाहते हैं?

बुढ़नपुर तहसील में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन, अधिवक्ता पर हमले के विरोध में एसडीएम न्यायालय का घेराव
बुढ़नपुर, आज़मगढ़। बुढ़नपुर तहसील के अधिवक्ताओं ने अपने साथी अधिवक्ता पर हुए हमले के विरोध में शनिवार को एसडीएम न्यायालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और हमलावर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के बजाय केवल शांति भंग में चालान कर दिया, जिससे अधिवक्ताओं में गहरा आक्रोश है।अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश लाल श्रीवास्तव ने बताया कि उनके साथी अधिवक्ता सामान खरीदने बाज़ार गए थे, तभी एक दुकानदार ने अचानक उन पर हमला कर दिया। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने मामले को हल्के में लेते हुए मात्र शांति भंग की धारा में कार्रवाई की।अधिवक्ताओं ने एसडीएम से मांग की कि हमलावर को किसी भी कीमत पर जमानत नहीं मिलनी चाहिए और उस पर सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।इस दौरान अधिवक्ता जगत नारायण तिवारी, राजकुमार सिंह, ब्रजनाथ पाठक, सुभाष पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में वकील मौजूद रहे और उन्होंने न्यायालय परिसर में विरोध जताते हुए न्याय की मांग की अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और व्यापक रूप में किया जाएगा।
नसबंदी ऑपरेशन के बाद लापरवाही का आरोप, टांका टूटा तो भड़के परिजन – कोयलसा CHC पर जमकर हंगामा
कोयलसा, आज़मगढ़। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोयलसा में नसबंदी के ऑपरेशन के बाद गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद मरीज का टांका टूट गया, लेकिन डॉक्टर समय पर देखने नहीं पहुंचे, जिसके बाद नाराज़ परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। मिली जानकारी के अनुसार अंजना सिंह पत्नी रमेश सिंह की नसबंदी का ऑपरेशन हाल ही में कोयलसा सीएचसी में किया गया था। परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के कुछ समय बाद ही टांका टूट गया, जिसके चलते मरीज को काफी परेशानी होने लगी। परिजन तत्काल डॉक्टरों को दिखाने अस्पताल पहुंचे, लेकिन सुबह 10:30 बजे तक कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था, जिस पर भारी आक्रोश जताते हुए लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस घटना की जानकारी जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) तक पहुँची तो उन्होंने मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। परिजनों ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में ऐसी लापरवाही मरीजों की जान जोखिम में डाल सकती है और जिम्मेदारों पर सख्त कार्यवाही जरूरी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और लापरवाही अक्सर देखने को मिलती है, लेकिन प्रशासन चुप रहता है। घटना के बाद अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। परिजनों ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
भारत आ रहे व्लादिमीर पुतिन, जानें 30 घंटे के दौरान कैसी होगी रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था

#russiapresidentvladimirputinindiavisitwhich_security

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिनों के नई दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए बहुत खास है। साथ ही यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है।

व्लादिमीर पुतिन भारत में दो दिनों के दौरे पर होंगे लेकिन उनके यहां रुकने की अवधि करीब 30 घंटे होने वाली है। रूसी राष्ट्रपति 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां पीएम मोदी उनकी मेजबानी करेंगे। चलिए देखते हैं उनका पूरा शेड्यूल क्या होगाः-

4 दिसंबर

• पुतिन शाम को करीब 6 बजे भारत पहुंचेंगे।

• आगमन के बाद उनकी कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स होंगी, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं।

5 दिसंबर

• सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत समारोह।

• इसके बाद राजघाट जाकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।

• सीमित दायरे की वार्ता, फिर हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत।

• प्रतिनिधिमंडलों के साथ लंच, इसमें कुछ प्रमुख उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं।

• हैदराबाद हाउस में समझौतों की घोषणा।

• हैदराबाद हाउस में प्रेस स्टेटमेंट।

• भारत-रूस बिजनेस फोरम, जिसमें दोनों नेता शामिल हो सकते हैं।

• राष्ट्रपति की ओर से शाम को राज्य भोज।

• भोज के बाद भारत से प्रस्थान।

कई घेरों की सुरक्षा

पुतिन के दिल्ली आगमन से पहले सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रमों के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त की तैयारी में जुटे हैं। 4-5 दिसंबर जब रूसी राष्ट्रपति भारत में होंगे तो दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। जिसमें दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम शामिल होगी। स्वाट टीम, आतंकवाद-रोधी दस्तों और त्वरित प्रतिक्रिया टीम सहित विशेष इकाइयां राजधानी भर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात रहेंगी। ड्रोन, सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी और तकनीकी खुफिया प्रणालियां भी तैनात की जाएंगी।

दौरे से पहले सुरक्षा जांच

व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं, इसलिए जब भी वह अपने किसी राजकीय दौरे या अन्य देशों में किसी मीटिंग या सम्मेलनों में भाग लेने जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा भी चाक-चौबंद होती है। जब भी पुतिन किसी दौरे या सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसी दूसरे देश में जाते हैं तो लगभग 100 रूसी फ़ेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के सुरक्षा कर्मी हमेशा पुतिन के साथ होते हैं। इनमें से करीब 50 सुरक्षा कर्मी पुतिन के दौरे से पहले उस देश में जाते हैं जहां पुतिन का दौरा होता है, और यह सुरक्षाकर्मी उन सभी जगहों की जांच और गहन छानबीन करते हैं जहां पुतिन जाएंगे। इसके अलावा, उनके भोजन की जांच रूस से लाई गई एक पोर्टेबल लैब में की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की ज़हर देने की साजिश से बचा जा सके। उनके व्यक्तिगत कचरे (मल-मूत्र) को भी परीक्षण के लिए वापस मॉस्को भेजा जाता है।

अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट'...जानें किस कारण सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

#soniagandhiaravalliminingmodigovernmentenvironment_policy

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अरावली पहाड़ियों के लिए 'डेथ वारंट' जैसा कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों में खनन की छूट से अरावली पर्वतमाला को भारी नुकसान होगा। सोनिया गांधी ने अंग्रेजी दैनिक अखबार 'द हिंदू' के लिए लिखे एक लेख में इस बात का जिक्र किया कि अरावली के 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले किसी भी क्षेत्र में खनन को छूट दे दी गई है।

‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर जैसा

सोनिया गांधी ने कहा, गुजरात से लेकर राजस्थान और हरियाणा तक फैली अरावली पर्वतमाला ने लंबे समय से भारतीय भूगोल और इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार ने अवैध खनन से पहले ही बर्बाद हो चुकी इन पहाड़ियों के लिए अब लगभग ‘डेथ वारंट' पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

ये फैसला अवैध खननकर्ताओं-माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण-सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा, सरकार ने घोषणा की है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के अधीन नहीं है। यह फैसला अवैध खननकर्ताओं और माफियाओं के लिए खुला निमंत्रण है कि वे इस श्रृंखला के उस 90 प्रतिशत हिस्से का भी सफाया कर दें, जो सरकार द्वारा निर्धारित ऊंचाई सीमा से नीचे आता है।

सरकारी नीति में पर्यावरण की गहरी उपेक्षा- सोनिया

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकारी नीति निर्धारण में पर्यावरण के प्रति गहरी और निरंतर उपेक्षा व्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया गया है, लेकिन अब उसके गौरवपूर्ण स्थान को बहाल किया जाना चाहिए और सरकारी नीति और दबाव से स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

साथ काम करने की आवश्यकता पर बल

सोनिया गांधी ने कहा, हमें पर्यावरणीय मामलों पर अधिक अंतर-सरकारी समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है। एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट के लिए भूजल यूरेनियम संदूषण मुद्दे की तरह ही एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की पर्यावरण नीतियों को कानून के शासन के प्रति सम्मान, स्थानीय समुदायों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके साथ काम करने की प्रतिबद्धता और पर्यावरण व मानव विकास के बीच अटूट संबंध की समझ द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, केवल ऐसे दृष्टिकोण के साथ ही हम स्वस्थ और सुरक्षित भारत निर्माण कर सकते हैं।

यूपीएसआईएफएस में क्राइम सीन मैनेजमेन्ट कोर्स का शुभारम्भ


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश तथा डीजीपी राजीव कृष्ण के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज़ (यूपीएसआईएफएस) लखनऊ में सोमवार को क्राइम सीन मैनेजमेंट कोर्स का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी तथा अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं नवीन अरोरा (आईपीएस) ने किया। क्राइम सीन मैनेजमेन्ट कोर्स में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आरक्षी मुख्य आरक्षी तथा उप निरीक्षक स्तर के 100 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया।

फोरेंसिक एक्सपर्ट विवेचना का नीवः डॉ. जी.के. गोस्वामी,निदेशक

इस अवसर पर एडीजी नवीन अरोरा को निदेशक यूपीएसआईएफएस सहित अपर निदेशक  राजीव मलहोत्रा, अपर पुलिस अधीधक जितेन्द्र श्रीवास्तव तथा अतुल यादव ने सैपलिन तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।संस्थापक निदेशक डॉ जी.के. गोस्वामी ने बताया कि यह कोर्स 45 दिवस तक चलेगा जिसे नये कानून के दृष्टिगत पुलिस की आज की आवश्यकताओं के दृष्टिगत डिजायन किया गया है। उन्होंने  कहा कि इस कोर्स को संस्थान के विषय विशेषज्ञों द्वारा पढाया जायेगा।


सैम्पल सही उठा, तो निर्दोष को नहीं होगी सजा: नवीन अरोरा, (एडीजी,टीएस)


डॉ. गोस्वामी ने प्रशिक्षणार्थियों को नये कानून बीएनएसएस की धारा 176(3) के संदर्भ में  संबोधित करते हुए कहा कि सात साल या सात साल से अधिक की सजा वाले अपराध की घटना स्थल का निरीक्षण प्रत्येक दशा में फोरेंसिक टीम के सदस्य द्वारा की जायेगी इस दशा में आप का काम अति महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि आप विवेचना की पहली धूरी होंगे। आप नीव है जहां विवेचना की बिल्डिंग खड़ी होगी । उन्होंने निठारी काण्ड में अभियुक्तों को छूटने में आयी खामियों पर भी प्रकाश  डाला।

घटना स्थल से यदि सैम्पल सही तरीके से उठायें

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवायें, नवीन अरोरा ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि घटना स्थल से यदि सैम्पल सही तरीके से उठायें जाय तो कोइ निर्दोष कभी भी अपराध में नहीं फंस पायेगा न सजा पायेगा और निर्दोष को बचाना एक पूण्य काम है। उन्होंने  घटना स्थल से विभिन्न प्रकार के सैंपल को अलग-अलग तरीकों से किस तरह से उठाया जाय उसके विधि पर प्रकाश  डाला। उन्होंने कहा कि सैंपल उठाने से लेकर उसके चेन कस्टडी में अगर कहीं भी चूक हुई तो उसका लाभ अपराधी को मिल सकता है।

क्राइम सीन मैनेजमेन्ट का यह पहला कोर्स

उन्होंने संस्थान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि  क्राइम सीन मैनेजमेन्ट का यह पहला कोर्स है और आप सभी संकल्प के साथ सर्वश्रेष्ठता का उदाहरण बनें।कार्यक्रम के अंत में अपर निदेशक/डीआईजी  राजीव मल्होत्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र श्रीवास्तव, अतुल यादव, उप निदेशक अतुल त्रिपाठी, वैज्ञानिक अधिकारी  विवेक कुमार, उदय प्रताप सिंह जनसंपर्क अधिकारी  संतोष तिवारी, आरआई वृजेष सिंह, फेकल्टी डा निताश, डॉ. पोरवी सिंह, डॉ स्वनिल, डॉ. पलक अनेजा, डॉ मनीष राय,  गिरिजेश राय तथा कार्तिकेय सहित अन्य उपस्थित रहे।
आजमगढ़ : डॉ नंदलाल चौरसिया बने शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव
सिद्धेश्वर पाण्डेय
  व्यूरो चीफ
आजमगढ़  । गया प्रसाद स्मारक राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय अंबारी के संस्कृत प्रवक्ता डॉ नंदलाल चौरसिया को शासन द्वारा उत्तर प्रदेश सेवा चयन आयोग में उप सचिव बनाया गया है। डॉ नंदलाल चौरसिया के उप सचिव बनने पर महाविद्यालय परिवार ने उन्हें शुभकामनाएं दी है। उत्तर प्रदेश शासन उच्च शिक्षा अनुभाग-5 द्वारा पत्र जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग नियमावली 2023 में निहित प्राविधान के तहत उन्हें 3 वर्ष के लिए यह जिम्मेदारी दी गयी है। उप सचिव बनाये जाने पर डॉ नंदलाल चौरसिया ने कहा कि शासन द्वारा जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसका पूरी जिम्मेदारी से निर्वाहन करूंगा। नई जिम्मेदारी के लिए काफी उत्सुक भी हूँ।