प्रेम विवाह करने पर युवक काे पेड़ से बांधकर पीटा, जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर किया अपमान, वीडियो वायरल, दाे आराेपित गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में फफूंद थाना क्षेत्र में प्रेम विवाह करने पर एक युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटने और जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर उसका सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इटावा जिले के भरथना क्षेत्र निवासी उपेंद्र बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। उसने 29 नवंबर को पड़ाेसी जनपद औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र में रहनेवाली कल्पना नाम की युवती से प्रेम विवाह किया था। आरोप है कि 7 दिसंबर को उपेंद्र अपनी पत्नी को लेकर उसके मायके क्षेत्र पहुंचा था। इसी दौरान रामपुर कुंवर गांव के कुछ युवकों ने उसे पकड़ लिया। पीड़ित उपेंद्र के अनुसार, दीपू और भूरे नाम के युवकों ने उसे पकड़कर पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आलोक और राजाराम ने बांस से उसकी जमकर पिटाई की। मारपीट यहीं नहीं रुकी, आरोपिताें ने उसे जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर अपमानित किया और पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया। पीड़ित का आरोप है कि बाद में आरोपिताें ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना के बाद डर और दबाव के चलते वह सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। हाल ही में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, जो किसी तरह पीड़ित के पिता हरिश्चंद्र तक पहुंच गया। वीडियो देखकर परिजनों के होश उड़ गए। वायरल वीडियाे और बेटे के साथ अमानवीय घटना की जानकारी पर पीड़ित के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरैया से इस मामले की शिकायत की।पुलिस अधीक्षक अभिषेक भारती ने गुरुवार काे बताया कि उक्त मामले में तहरीर और वायरल वीडियो के आधार पर फफूंद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब तक दो आरोपिताें को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। वीडियो की जांच कर सभी आराेपिताें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम पर 5 घंटे चर्चा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम पर 5 घंटे की चर्चा की जाएगी। 19 दिसंबर को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से एक दिन पूर्व आज गुरुवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ ही सत्ताधारी समेत अन्य पार्टियों के सदस्य शामिल हुए। 19 से 24 दिसंबर तक विधानसभा चलेगी बैठक से बाहर निकले समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता विधायक रविदास मेहरोत्रा बताया कि 19 से 24 दिसंबर तक विधानसभा चलेगी। पहले दिन सदन में निधन पर शोक के बाद कार्यवाही स्थगित हो जाएगी। शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। सोमवार यानी 22 दिसंबर को सदन की कार्यवाही फिर से चलेगी। इसी दिन वंदे मातरम पर चर्चा होगी। विपक्ष ने सत्र के दिन बढ़ाने की मांग की विपक्षी विधायक सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने पत्रकारों से बताया कि सरकार ने वंदे मातरम पर चर्चा के लिए चार घंटे का प्रस्ताव रखा था। विपक्ष ने 8 घंटे चर्चा की मांग की। इस पर पांच घंटे चर्चा पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने सत्र के दिन बढ़ाने की मांग की। साथ ही यह भी मांग की गई कि शनिवार और रविवार को भी अवकाश स्थगित कर सदन की कार्यवाही संचालित की जाए। इस पर सरकार की तरफ से विचार करने की बात कही गई है। विधान सभा की कार्यवाही का 24 दिसंबर तक चलने का प्रस्तावित कार्यक्रम है।
घने कोहरे में आगरा-जयपुर हाईवे पर भीषण टक्कर, छह वाहन भिड़े, कई घायल
लखनऊ /आगरा। आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार देर रात घने कोहरे के कारण एक भीषण सड़क हादसा हो गया। रात करीब 12 बजे से 1 बजे के बीच किरावली कस्बे के अभुआपुरा बिजली घर के सामने कोहरे में दृश्यता बेहद कम होने के चलते छह वाहन आपस में टकरा गए। हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कोहरे की वजह से वाहन चालकों को सामने चल रहे वाहनों का अंदाजा नहीं लग सका, जिससे दो ट्रक, दो स्लीपर बसें और दो कारें एक के बाद एक टकरा गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सभी वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही किरावली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस टीम ने क्षतिग्रस्त वाहनों में फंसे घायलों को बाहर निकालकर एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भिजवाया।पुलिस के अनुसार, हादसे में एक स्लीपर बस चालक के पैर कट जाने की सूचना है, जिसे गंभीर अवस्था में इलाज के लिए रेफर किया गया है। अन्य घायलों का भी उपचार जारी है। हादसे के कारण हाईवे पर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क किनारे हटवाया और अन्य वाहनों की सुरक्षित आवाजाही के लिए संकेतक लगवाए। कई घंटों की मशक्कत के बाद यातायात को सामान्य कराया जा सका। थाना प्रभारी नीरज कुमार ने वाहन चालकों से अपील की है कि घने कोहरे और खराब मौसम के दौरान वाहन धीमी गति से चलाएं और आपसी दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि यदि दृश्यता बेहद कम हो जाए तो वाहन को सुरक्षित स्थान पर रोक दें और अनावश्यक रूप से हाईवे पर यात्रा करने से बचें।पुलिस का कहना है कि कोहरे के चलते सड़क हादसों की आशंका बढ़ जाती है, ऐसे में थोड़ी सी सावधानी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।
जीके मेमोरियल विद्यालय में ऐनुअल स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन विधायक ने किया शुभारंभ, अनुशासित परेड ने सभी का मन जीता**

मोतिहारी जिले के सुगौली प्रखंड के छपरा बहास स्थित जीके मेमोरियल विद्यालय में तीन दिवसीय ऐनुअल स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय विधायक राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता तथा विधालय के मुख्य ट्रस्टी रामगोपाल खंडेलवाल ने



दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन समारोह में विद्यालय परिसर में छात्रों की लंबी कतारों में सजी अनुशासित परेड ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। विद्यालय के निदेशक अमरेन्द्र पांडे के नेतृत्व में आयोजित परेड के दौरान छात्रों ने मुख्य अतिथि को आकर्षक प्रदर्शन करते हुए सलामी दी। विधायक ने भी परेड का अभिवादन सलामी देकर किया और बच्चों के हौसले को बढ़ाते हुए कहा कि विद्यालय के छात्र अनुशासन और शिक्षा—दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।




विधायक बबलू गुप्ता ने अपने संबोधन में विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीके मेमोरियल विद्यालय सीबीएसई मानकों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है और जिले में सीबीएसई पाठ्यक्रम की दिशा में एक मजबूत उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षणिक संस्थान न सिर्फ शिक्षा बल्कि खेल के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कार्यक्रम में विद्यालय संस्थापक रामगोपाल खंडेलवाल, कुलदीप खंडेलवाल, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सर्राफ, संजय संजू विद्यालय के शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक मौजूद रहे। कार्यक्रम स्थल उत्साह, ऊर्जा और खेल भावना से भरपूर दिखाई दिया।


खेलकूद के इस महोत्सव में विभिन्न वर्गों के छात्रों द्वारा भाग लिए जाने वाले दौड़, कबड्डी, खो-खो, लंबी कूद, रिले रेस सहित कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। पहले दिन से ही छात्रों में जीत के प्रति जोश और खेल मैदान में बेहतर प्रदर्शन की उत्सुकता देखने को मिली। अंत में विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा और छात्रों को आगे भी खेल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
नहीं रहे दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के डिजाइनर, मूर्तिकार राम सुतार का निधन

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प्रसिद्ध मूर्तिकार और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम वनजी सुतार का बुधवार देर रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। राम सुतार 100 साल के थे। वह काफी समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे। उनके बेटे अनिल सुतार ने ये जानकारी दी।

बेटे अनिल सुतार ने बयान में कहा कि गहन दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पिता राम वंजी सुतार का 17 दिसंबर की मध्यरात्रि को हमारे निवास पर निधन हो गया। राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंदुर गांव में हुआ था। बचपन से ही मूर्तिकला की ओर आकर्षित सुतार ने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से गोल्ड मेडल हासिल किया।

राम मंदिर में 300 फीट ऊंची जटायु मूर्ति को दिया आकार

राम सुतार की मूर्तिकला की दुनिया महापुरुषों से भरी रही। महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, दीन दयाल उपाध्याय, छत्रपति शिवाजी महाराज उनकी कृतियों में इतिहास, विचार और राष्ट्र की आत्मा एक साथ सांस लेते नजर आते हैं। अयोध्या के राम मंदिर में कांसे से बनी 300 फीट ऊंची जटायु की कुबेर टीला पर स्थापित की गई है मूर्ति है, सुतार ने ही बनाई। संसद परिसर में स्थापित गांधी की ध्यानमग्न प्रतिमा हो या घोड़े पर सवार शिवाजी महाराज की भव्य आकृति, हर रचना में उन्होंने व्यक्तित्व से पहले विचार को उकेरा।

93 वर्ष की उम्र में बनाई ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’

राम सुतार की सबसे बड़ी उपलब्धि दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति- गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (182 मीटर ऊंची) को डिजाइन करना है। यह मूर्ति भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल को समर्पित है। सुतार ने इस मूर्ति को आकार देकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई। करीब 93 वर्ष की उम्र में सुतार ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा किया था, जो उनके अथक परिश्रम का प्रतीक है।

घने कोहरे और सर्द हवाओं ने राजधानी को जकड़ा, तापमान में तेज गिरावट, स्कूलों का बदला समय
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में बुधवार को इस सर्दी के मौसम का अब तक का सबसे घना कोहरा देखने को मिला। सुबह के समय दृश्यता इतनी कम रही कि सूरज के दर्शन तक नहीं हो सके। दिन चढ़ने के बावजूद कोहरे की चादर छाई रही, जिससे धूप की तपिश भी बेअसर नजर आई। ठंडी पछुआ हवाओं के कारण लोगों को पूरे दिन कड़ाके की ठंड और गलन का सामना करना पड़ा। आज दोपहर हल्की धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस पिछले 48 घंटों में राजधानी के अधिकतम तापमान में करीब 7.6 डिग्री सेल्सियस की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को भी हालात कुछ ऐसे ही बने रहे। सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा, हालांकि दोपहर के समय हल्की धूप निकलने से लोगों को कुछ देर के लिए राहत मिली। दिन में भी अलाव और हीटर का सहारा बुधवार को सर्द हवाओं का असर इतना तेज रहा कि लोगों को दिन के समय भी अलाव, हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करना पड़ा। शाम ढलते ही ठंड और बढ़ गई और रात के समय ठिठुरन और अधिक महसूस की गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को भी ठंडी हवाओं का प्रकोप बना रहेगा। 20 दिसंबर तक बने रह सकते हैं ऐसे हालात आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, पश्चिमी और मध्य भारत के ऊपर बने प्रति-चक्रवातीय सिस्टम और ऊपरी वायुमंडलीय प्रभावों के कारण लखनऊ में घना कोहरा छाया हुआ है। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर तक कोहरे और सर्द हवाओं का असर जारी रहने की संभावना है। तापमान सामान्य से काफी नीचे बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 6 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं। हवा की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा घने कोहरे और ठंड के बीच सोशल मीडिया पर राजधानी की हवा को लेकर भी चर्चाएं तेज रहीं। कई पोस्ट में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 400 के आसपास पहुंचने के दावे किए गए, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को लखनऊ का औसत AQI 174 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि शहर में कहीं भी 400 AQI दर्ज नहीं हुआ। ठंड के चलते बदला स्कूलों का समय ठंड और कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजधानी के स्कूलों के समय में बदलाव किया है। जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, लखनऊ में अब कक्षा 1 से 12 तक सभी विद्यालयों में पढ़ाई सुबह 9 बजे से शुरू होगी। यह आदेश बेसिक शिक्षा, यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य सभी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा। सुबह 9 बजे से पहले कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
महिला गरिमा से जुड़ी कथित घटना पर सियासी घमासान, राष्ट्रपति व CJI से कार्रवाई की मांग


संभल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी एक सार्वजनिक सभा की कथित घटना को लेकर देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ने इसे महिला गरिमा और संविधान की प्रस्तावना से जुड़ा गंभीर विषय बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के मुख्य न्यायाधीश को औपचारिक ज्ञापन भेजकर संवैधानिक कार्रवाई की मांग की है। मोहम्मद फ़िरोज़ खान ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि भरी सार्वजनिक सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आचरण संवैधानिक मर्यादाओं और महिला सम्मान के विपरीत प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल संविधान की प्रस्तावना में निहित समानता, गरिमा और स्वतंत्रता के मूल्यों को आघात पहुंचाती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की छवि को प्रभावित करती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस कथित घटना के बाद कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का समर्थन किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद द्वारा दिए गए समर्थन संबंधी वक्तव्यों को उन्होंने संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध बताया। मोहम्मद फ़िरोज़ खान का कहना है कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक जीवन में महिला गरिमा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह विषय केवल राजनीतिक नहीं रह जाता, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ जाता है। ज्ञापन में उन्होंने राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का आचरण संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और महिला सम्मान की रक्षा के उद्देश्य से की गई है। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच बहस तेज होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल इस पूरे मामले पर बिहार सरकार या मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
प्रेम विवाह करने पर युवक काे पेड़ से बांधकर पीटा, जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर किया अपमान, वीडियो वायरल, दाे आराेपित गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में फफूंद थाना क्षेत्र में प्रेम विवाह करने पर एक युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटने और जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर उसका सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इटावा जिले के भरथना क्षेत्र निवासी उपेंद्र बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। उसने 29 नवंबर को पड़ाेसी जनपद औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र में रहनेवाली कल्पना नाम की युवती से प्रेम विवाह किया था। आरोप है कि 7 दिसंबर को उपेंद्र अपनी पत्नी को लेकर उसके मायके क्षेत्र पहुंचा था। इसी दौरान रामपुर कुंवर गांव के कुछ युवकों ने उसे पकड़ लिया। पीड़ित उपेंद्र के अनुसार, दीपू और भूरे नाम के युवकों ने उसे पकड़कर पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आलोक और राजाराम ने बांस से उसकी जमकर पिटाई की। मारपीट यहीं नहीं रुकी, आरोपिताें ने उसे जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर अपमानित किया और पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया। पीड़ित का आरोप है कि बाद में आरोपिताें ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना के बाद डर और दबाव के चलते वह सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। हाल ही में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, जो किसी तरह पीड़ित के पिता हरिश्चंद्र तक पहुंच गया। वीडियो देखकर परिजनों के होश उड़ गए। वायरल वीडियाे और बेटे के साथ अमानवीय घटना की जानकारी पर पीड़ित के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरैया से इस मामले की शिकायत की।पुलिस अधीक्षक अभिषेक भारती ने गुरुवार काे बताया कि उक्त मामले में तहरीर और वायरल वीडियो के आधार पर फफूंद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब तक दो आरोपिताें को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। वीडियो की जांच कर सभी आराेपिताें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम पर 5 घंटे चर्चा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम पर 5 घंटे की चर्चा की जाएगी। 19 दिसंबर को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से एक दिन पूर्व आज गुरुवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ ही सत्ताधारी समेत अन्य पार्टियों के सदस्य शामिल हुए। 19 से 24 दिसंबर तक विधानसभा चलेगी बैठक से बाहर निकले समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता विधायक रविदास मेहरोत्रा बताया कि 19 से 24 दिसंबर तक विधानसभा चलेगी। पहले दिन सदन में निधन पर शोक के बाद कार्यवाही स्थगित हो जाएगी। शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। सोमवार यानी 22 दिसंबर को सदन की कार्यवाही फिर से चलेगी। इसी दिन वंदे मातरम पर चर्चा होगी। विपक्ष ने सत्र के दिन बढ़ाने की मांग की विपक्षी विधायक सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने पत्रकारों से बताया कि सरकार ने वंदे मातरम पर चर्चा के लिए चार घंटे का प्रस्ताव रखा था। विपक्ष ने 8 घंटे चर्चा की मांग की। इस पर पांच घंटे चर्चा पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने सत्र के दिन बढ़ाने की मांग की। साथ ही यह भी मांग की गई कि शनिवार और रविवार को भी अवकाश स्थगित कर सदन की कार्यवाही संचालित की जाए। इस पर सरकार की तरफ से विचार करने की बात कही गई है। विधान सभा की कार्यवाही का 24 दिसंबर तक चलने का प्रस्तावित कार्यक्रम है।
घने कोहरे में आगरा-जयपुर हाईवे पर भीषण टक्कर, छह वाहन भिड़े, कई घायल
लखनऊ /आगरा। आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार देर रात घने कोहरे के कारण एक भीषण सड़क हादसा हो गया। रात करीब 12 बजे से 1 बजे के बीच किरावली कस्बे के अभुआपुरा बिजली घर के सामने कोहरे में दृश्यता बेहद कम होने के चलते छह वाहन आपस में टकरा गए। हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कोहरे की वजह से वाहन चालकों को सामने चल रहे वाहनों का अंदाजा नहीं लग सका, जिससे दो ट्रक, दो स्लीपर बसें और दो कारें एक के बाद एक टकरा गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सभी वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही किरावली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस टीम ने क्षतिग्रस्त वाहनों में फंसे घायलों को बाहर निकालकर एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भिजवाया।पुलिस के अनुसार, हादसे में एक स्लीपर बस चालक के पैर कट जाने की सूचना है, जिसे गंभीर अवस्था में इलाज के लिए रेफर किया गया है। अन्य घायलों का भी उपचार जारी है। हादसे के कारण हाईवे पर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क किनारे हटवाया और अन्य वाहनों की सुरक्षित आवाजाही के लिए संकेतक लगवाए। कई घंटों की मशक्कत के बाद यातायात को सामान्य कराया जा सका। थाना प्रभारी नीरज कुमार ने वाहन चालकों से अपील की है कि घने कोहरे और खराब मौसम के दौरान वाहन धीमी गति से चलाएं और आपसी दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि यदि दृश्यता बेहद कम हो जाए तो वाहन को सुरक्षित स्थान पर रोक दें और अनावश्यक रूप से हाईवे पर यात्रा करने से बचें।पुलिस का कहना है कि कोहरे के चलते सड़क हादसों की आशंका बढ़ जाती है, ऐसे में थोड़ी सी सावधानी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।
जीके मेमोरियल विद्यालय में ऐनुअल स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन विधायक ने किया शुभारंभ, अनुशासित परेड ने सभी का मन जीता**

मोतिहारी जिले के सुगौली प्रखंड के छपरा बहास स्थित जीके मेमोरियल विद्यालय में तीन दिवसीय ऐनुअल स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय विधायक राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता तथा विधालय के मुख्य ट्रस्टी रामगोपाल खंडेलवाल ने



दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन समारोह में विद्यालय परिसर में छात्रों की लंबी कतारों में सजी अनुशासित परेड ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। विद्यालय के निदेशक अमरेन्द्र पांडे के नेतृत्व में आयोजित परेड के दौरान छात्रों ने मुख्य अतिथि को आकर्षक प्रदर्शन करते हुए सलामी दी। विधायक ने भी परेड का अभिवादन सलामी देकर किया और बच्चों के हौसले को बढ़ाते हुए कहा कि विद्यालय के छात्र अनुशासन और शिक्षा—दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।




विधायक बबलू गुप्ता ने अपने संबोधन में विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीके मेमोरियल विद्यालय सीबीएसई मानकों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है और जिले में सीबीएसई पाठ्यक्रम की दिशा में एक मजबूत उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षणिक संस्थान न सिर्फ शिक्षा बल्कि खेल के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कार्यक्रम में विद्यालय संस्थापक रामगोपाल खंडेलवाल, कुलदीप खंडेलवाल, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सर्राफ, संजय संजू विद्यालय के शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक मौजूद रहे। कार्यक्रम स्थल उत्साह, ऊर्जा और खेल भावना से भरपूर दिखाई दिया।


खेलकूद के इस महोत्सव में विभिन्न वर्गों के छात्रों द्वारा भाग लिए जाने वाले दौड़, कबड्डी, खो-खो, लंबी कूद, रिले रेस सहित कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। पहले दिन से ही छात्रों में जीत के प्रति जोश और खेल मैदान में बेहतर प्रदर्शन की उत्सुकता देखने को मिली। अंत में विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा और छात्रों को आगे भी खेल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
नहीं रहे दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के डिजाइनर, मूर्तिकार राम सुतार का निधन

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प्रसिद्ध मूर्तिकार और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम वनजी सुतार का बुधवार देर रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। राम सुतार 100 साल के थे। वह काफी समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे। उनके बेटे अनिल सुतार ने ये जानकारी दी।

बेटे अनिल सुतार ने बयान में कहा कि गहन दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पिता राम वंजी सुतार का 17 दिसंबर की मध्यरात्रि को हमारे निवास पर निधन हो गया। राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंदुर गांव में हुआ था। बचपन से ही मूर्तिकला की ओर आकर्षित सुतार ने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से गोल्ड मेडल हासिल किया।

राम मंदिर में 300 फीट ऊंची जटायु मूर्ति को दिया आकार

राम सुतार की मूर्तिकला की दुनिया महापुरुषों से भरी रही। महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, दीन दयाल उपाध्याय, छत्रपति शिवाजी महाराज उनकी कृतियों में इतिहास, विचार और राष्ट्र की आत्मा एक साथ सांस लेते नजर आते हैं। अयोध्या के राम मंदिर में कांसे से बनी 300 फीट ऊंची जटायु की कुबेर टीला पर स्थापित की गई है मूर्ति है, सुतार ने ही बनाई। संसद परिसर में स्थापित गांधी की ध्यानमग्न प्रतिमा हो या घोड़े पर सवार शिवाजी महाराज की भव्य आकृति, हर रचना में उन्होंने व्यक्तित्व से पहले विचार को उकेरा।

93 वर्ष की उम्र में बनाई ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’

राम सुतार की सबसे बड़ी उपलब्धि दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति- गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (182 मीटर ऊंची) को डिजाइन करना है। यह मूर्ति भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल को समर्पित है। सुतार ने इस मूर्ति को आकार देकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई। करीब 93 वर्ष की उम्र में सुतार ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा किया था, जो उनके अथक परिश्रम का प्रतीक है।

घने कोहरे और सर्द हवाओं ने राजधानी को जकड़ा, तापमान में तेज गिरावट, स्कूलों का बदला समय
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में बुधवार को इस सर्दी के मौसम का अब तक का सबसे घना कोहरा देखने को मिला। सुबह के समय दृश्यता इतनी कम रही कि सूरज के दर्शन तक नहीं हो सके। दिन चढ़ने के बावजूद कोहरे की चादर छाई रही, जिससे धूप की तपिश भी बेअसर नजर आई। ठंडी पछुआ हवाओं के कारण लोगों को पूरे दिन कड़ाके की ठंड और गलन का सामना करना पड़ा। आज दोपहर हल्की धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस पिछले 48 घंटों में राजधानी के अधिकतम तापमान में करीब 7.6 डिग्री सेल्सियस की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को भी हालात कुछ ऐसे ही बने रहे। सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा, हालांकि दोपहर के समय हल्की धूप निकलने से लोगों को कुछ देर के लिए राहत मिली। दिन में भी अलाव और हीटर का सहारा बुधवार को सर्द हवाओं का असर इतना तेज रहा कि लोगों को दिन के समय भी अलाव, हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करना पड़ा। शाम ढलते ही ठंड और बढ़ गई और रात के समय ठिठुरन और अधिक महसूस की गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को भी ठंडी हवाओं का प्रकोप बना रहेगा। 20 दिसंबर तक बने रह सकते हैं ऐसे हालात आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, पश्चिमी और मध्य भारत के ऊपर बने प्रति-चक्रवातीय सिस्टम और ऊपरी वायुमंडलीय प्रभावों के कारण लखनऊ में घना कोहरा छाया हुआ है। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर तक कोहरे और सर्द हवाओं का असर जारी रहने की संभावना है। तापमान सामान्य से काफी नीचे बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 6 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं। हवा की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा घने कोहरे और ठंड के बीच सोशल मीडिया पर राजधानी की हवा को लेकर भी चर्चाएं तेज रहीं। कई पोस्ट में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 400 के आसपास पहुंचने के दावे किए गए, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को लखनऊ का औसत AQI 174 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि शहर में कहीं भी 400 AQI दर्ज नहीं हुआ। ठंड के चलते बदला स्कूलों का समय ठंड और कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजधानी के स्कूलों के समय में बदलाव किया है। जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, लखनऊ में अब कक्षा 1 से 12 तक सभी विद्यालयों में पढ़ाई सुबह 9 बजे से शुरू होगी। यह आदेश बेसिक शिक्षा, यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य सभी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा। सुबह 9 बजे से पहले कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
महिला गरिमा से जुड़ी कथित घटना पर सियासी घमासान, राष्ट्रपति व CJI से कार्रवाई की मांग


संभल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी एक सार्वजनिक सभा की कथित घटना को लेकर देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ने इसे महिला गरिमा और संविधान की प्रस्तावना से जुड़ा गंभीर विषय बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के मुख्य न्यायाधीश को औपचारिक ज्ञापन भेजकर संवैधानिक कार्रवाई की मांग की है। मोहम्मद फ़िरोज़ खान ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि भरी सार्वजनिक सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आचरण संवैधानिक मर्यादाओं और महिला सम्मान के विपरीत प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल संविधान की प्रस्तावना में निहित समानता, गरिमा और स्वतंत्रता के मूल्यों को आघात पहुंचाती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की छवि को प्रभावित करती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस कथित घटना के बाद कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का समर्थन किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद द्वारा दिए गए समर्थन संबंधी वक्तव्यों को उन्होंने संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध बताया। मोहम्मद फ़िरोज़ खान का कहना है कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक जीवन में महिला गरिमा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह विषय केवल राजनीतिक नहीं रह जाता, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ जाता है। ज्ञापन में उन्होंने राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का आचरण संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और महिला सम्मान की रक्षा के उद्देश्य से की गई है। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच बहस तेज होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल इस पूरे मामले पर बिहार सरकार या मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।