*राणा प्रताप पीजी कालेज के चार विद्यार्थियों का अग्निवीर में चयन - एनसीसी ट्रेनिंग रही फायदेमंद*
सुलतानपुर,राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के चार विद्यार्थियों का चयन अग्निवीर सामान्य ड्यूटी में हुआ है। यह जानकारी देते हुए एनसीसी समन्वयक डॉ आलोक कुमार ने बताया कि महाविद्यालय के एन सी कैडेट अजय पाल,अमित सरोज , अविनाश कुमार रजक और अखिल मौर्य का चयन अग्निवीर के आर्मी ड्यूटी में हुआ है। अजय,अमित और अविनाश बीए तृतीय सेमेस्टर के छात्र हैं तो अखिलेश मौर्य इसी वर्ष उत्तीर्ण हो चुके हैं। इनके चयन में एनसीसी ट्रेनिंग की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। अविनाश कुमार रजक प्रतापगढ़ जिले की पट्टी तहसील के बैजलपुर और अमित सरोज उसी तहसील के भीकमपुर गोकुला गांव निवासी हैं। दोनों ने एनसीसी ट्रेनिंग के लिए ही सुलतानपुर जनपद के राणा प्रताप पीजी कालेज में प्रवेश लिया था। अजय पाल धम्मौर के भाटी गांव निवासी हरीराम पाल के पुत्र और अखिल मौर्य दूबेपुर ब्लाक के रामपुर गांव निवासी राकेश कुमार मौर्य के पुत्र हैं। महाविद्यालय एनसीसी कैडेट्स के अग्निवीर में चयन पर क्षत्रिय शिक्षा समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय सिंह,प्रबंधक एडवोकेट बालचंद्र सिंह,प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी व असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि समेत महाविद्यालय परिवार ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
*परीक्षा में वर्णात्मक एवं विश्लेषणात्मक मूल्यांकन की संतुलित व्यवस्था भी आवश्यक है -डॉ शिल्पी सिंह*
शिक्षाशास्त्र विभाग में वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित।
सुलतानपुर,राणा प्रताप पी. जी. कॉलेज के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा स्नातक सम सेमेस्टर परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पद्धति की उपयोगिता एवं सीमाओं पर केंद्रित वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में आलोचनात्मक चिंतन, तार्किक प्रस्तुति तथा शैक्षिक मूल्यांकन के प्रति जागरूकता विकसित करना रहा। इस प्रतियोगिता में बी.ए. पंचम सेमेस्टर से सृष्टि सिंह, सुप्रिया भारती, शबनम बानो, अंतिम तथा देवेंद्र तिवारी, बी.ए. तृतीय सेमेस्टर से काजल यादव, सेजल शर्मा, एवं बी.ए. प्रथम सेमेस्टर से राज सिंह, माधुरी एवं साक्षी सिंह ने बहुविकल्पीय प्रश्न प्रणाली के पक्ष एवं विपक्ष में अपने विचार प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किए। पक्ष में प्रस्तुत मुख्य विचार में बहुविकल्पीय प्रश्नों से व्यापक पाठ्यक्रम का तीव्र एवं वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन संभव होता है,यह प्रणाली मूल्यांकन में पारदर्शिता और त्रुटिरहित परिणाम प्रदान करती है,प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यह पद्धति विद्यार्थियों को अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। विपक्ष में रखे गए प्रमुख तर्क बहुविकल्पीय प्रश्न विद्यार्थियों की रचनात्मकता,विश्लेषणात्मक सोच और अभिव्यक्ति कौशल को कमज़ोर कर देते हैं,अनुमान आधारित उत्तर देने की प्रवृत्ति वास्तविक ज्ञान का सही मूल्यांकन नहीं कर पाती,यह पद्धति विषय की गहराई में जाने की प्रेरणा को सीमित करती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पी सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्नातक स्तर पर बहुविकल्पीय प्रश्न प्रणाली तेजी से बदलते शैक्षिक परिदृश्य की मांग है, परंतु इसके साथ वर्णात्मक एवं विश्लेषणात्मक मूल्यांकन की संतुलित व्यवस्था भी आवश्यक है। शिक्षण की गुणवत्ता तभी बढ़ती है जब मूल्यांकन समग्रता लिए हो। उन्होंने विद्यार्थियों को ऐसे आयोजनों के माध्यम से अपनी विचार-शक्ति तथा तर्क क्षमता को विकसित करने हेतु प्रेरित किया।इस अवसर पर बी.ए. शिक्षाशास्त्र के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सृष्टि सिंह ने किया।
*आज की युवा पीढ़ी का परीक्षा के प्रति दृष्टिकोण तेजी से बदल रहा है- डॉ अखिलेश सिंह*
युवा पीढ़ी में परीक्षा के प्रति बदलते दृष्टिकोण” विषय पर व्याख्यान आयोजित।
सुल्तानपुर,राणा प्रताप पी. जी. कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग द्वारा आज परास्नातक प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए “युवा पीढ़ी में परीक्षा के प्रति बदलते दृष्टिकोण” विषय पर एक विचारोत्तेजक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कॉलेज के ही समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अखिलेश सिंह रहे, जिन्होंने अपने रोचक, शोधपरक एवं समकालीन विश्लेषण से उपस्थित छात्र-छात्राओं को गहराई से अवगत कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष श्री बृजेश कुमार सिंह ने की। संचालन डॉ. बृजेश सिंह द्वारा किया गया तथा अंत में श्री विरेन्द्र कुमार गुप्ता ने सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्य वक्ता डॉ. अखिलेश सिंह ने अपने विस्तृत व्याख्यान में कहा कि आज की युवा पीढ़ी का परीक्षा के प्रति दृष्टिकोण तेजी से बदल रहा है। डिजिटल माध्यमों, सोशल मीडिया, कोचिंग कल्चर और प्रतियोगी माहौल ने परीक्षाओं की प्रकृति तथा विद्यार्थियों के मनोवैिज्ञान दोनों को प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि पहले परीक्षा को ज्ञान का मूल्यांकन माना जाता था, जबकि आज यह अधिकतर कैरियर निर्माण, प्रतिस्पर्धा और सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। इस कारण छात्रों में परीक्षा को लेकर तनाव, दबाव और अति-अपेक्षा बढ़ी है, जबकि दूसरी ओर कई छात्र परीक्षा को केवल एक औपचारिकता मानकर तैयारी में सतहीपन अपनाने लगे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि परीक्षा को लेकर युवा पीढ़ी का बदलता दृष्टिकोण केवल चुनौती ही नहीं, बल्कि अवसर भी है। डिजिटल शिक्षण संसाधनों ने सीखने को अधिक सरल, सुलभ और रोचक बनाया है। आज का विद्यार्थी सूचना-समृद्ध है और स्वयं सीखने की क्षमता विकसित कर रहा है। उन्होंने इस परिवर्तन को सकारात्मक दिशा देने पर जोर देते हुए कहा कि परीक्षा का उद्देश्य केवल अंक प्राप्ति नहीं, बल्कि सोचने-समझने की क्षमता और विश्लेषणात्मक दृष्टि का विकास होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि परीक्षा को भय या बोझ की तरह न लें। इसे आत्ममूल्यांकन और आत्म-विकास का मौका समझें। आत्मअनुशासन, समय-प्रबंधन, डिजिटल संसाधनों का संतुलित उपयोग और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल—ये सभी तत्व एक संतुलित दृष्टिकोण विकसित करने के लिए आवश्यक हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह ने कहा कि समाजशास्त्रीय दृष्टि से परीक्षा केवल एक शैक्षणिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सामाजिक संरचना है जो व्यक्ति के भविष्य को आकार देती है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने भीतर आत्मविश्वास विकसित करें और बदलती परिस्थितियों के अनुरूप अपने आप को ढालने की क्षमता बढ़ाएँ।संचालनकर्ता डॉ. बृजेश सिंह ने कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक कार्यक्रम विद्यार्थियों में सकारात्मक शैक्षिक संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। अंत में आभार व्यक्त करते हुए श्री विरेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि समाजशास्त्र विभाग हमेशा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है और भविष्य में भी इस प्रकार के उपयोगी कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। व्याख्यान के दौरान विद्यार्थियों ने विषय पर विभिन्न प्रश्न पूछे जिनका समाधान मुख्य वक्ता द्वारा सरल व सहज भाषा में किया गया।
*राणा प्रताप पीजी कॉलेज में हुआ द वॉयस ऑफ़ अवध प्रतियोगिता का आयोजन - सत्यधाम आश्रम द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में गायक नंदन चंदन थे निर्णायक*
सुलतानपुर,द वॉयस ऑफ अवध इस क्षेत्र में लोक गायन की छिपी प्रतिभाओं को पहचानने का महत्वपूर्ण अवसर है। अवधी और भोजपुरी गीतों पर केंद्रित इस आयोजन में हम गांव की मिट्टी की महक महसूस कर सकते हैं। यह बातें राणा प्रताप पीजी कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहीं। वह सत्यधाम आश्रम और राणा प्रताप पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अवधी और भोजपुरी लोकगीतों की प्रतियोगिता द वायस आफ अवध को बतौर विशिष्ट अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्रबंधक एडवोकेट बालचंद सिंह ने पुस्तकालय कक्ष में दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। संयोजक देवेंद्र कविराज देव ने बताया कि प्रतियोगिता में अवध क्षेत्र के बीस जनपदों के कुल निन्यानबे बच्चों ने भाग लिया जिसमें तीस प्रतिभागी सेमीफाइनल के लिए चयनित हुए। अगला ऑडिशन जल्द ही होगा। सेमीफाइनल के लिए कुल साठ लोगों का चयन करना है।अंतिम रूप से चयनित तीन प्रतिभागियों को आकर्षक पुरस्कार देकर द वायस आफ अवध के खिताब से नवाजा जाएगा। महाविद्यालय आई क्यू ए सी निदेशक प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार ने कहा कि अच्छी गायकी के लिए अच्छा स्वर, सधा सुर , संगीत की समझ, सातत्य, समर्पण, साधना और संवेदनशीलता का सामंजस्य जरूरी है। प्रतियोगिता के निर्णायक भोजपुरी के चर्चित गायक नंदन और चंदन ने अपने गीतों से प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के अंत में जादूगर संजय घायल ने अपना जादू प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संगीत निर्देशक विनय पांडेय , कवि लोकेश श्रीवास्तव, संघ के जिला प्रचारक आशीष , डॉ अखिलेश सिंह, डॉ संतोष सिंह अंश, विनय कुमार सिंह, दिलीप कुमार सिंह, पंकज चौरसिया, अन्नू यादव, चंद्रमणि मौर्य, विपिन कुमार, देव राजन, शुभम ,धर्मराज, राजीव मौर्या,अंतिमा तिवारी,आदर्श पांडे, अर्पित सिंह, अशोक आदि उपस्थित रहे।
भारत के 53वें सीजेआई बने जस्टिस सूर्यकांत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

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जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।

राष्ट्रपति ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) से दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। जस्टिस गवई ने रविवार को 65 साल की उम्र में सीजेआई का पद छोड़ दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को अपना उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा को बनाए रखा।

9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

हरियाणा के गांव से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ 'फर्स्ट क्लास फर्स्ट' से पास किया। वह 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए और इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।

महत्वपूर्ण मामले

1. चुनाव आयोग को बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।

2. उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

3. ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) को संविधानिक रूप से वैध माना और भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसरों का समर्थन किया।

4. जस्टिस कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने असम से संबंधित नागरिकता के मुद्दों पर धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखा था।

5. जस्टिस कांत दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया था।

अदाणी कॉन्क्लेव में राम और कृष्ण ने बताया- समय बदला है आदर्श नहीं

अदाणी कॉर्पोरेट हाउस में आयोजित ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में दुनिया भर से आए विद्वान इंडोलॉजी, भारतीय दर्शन और सांस्कृतिक अध्ययन पर अपने शोध और अनुभव साझा कर रहे हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक अकादमिक जगत में भारतीय ज्ञान परंपरा को नई ऊर्जा देना है। राम की शांति और कृष्ण की बुद्धि ने अदाणी कॉन्क्लेव को खास बना दिया। अदाणी ने शिक्षा मंत्रालय के इंडियन नॉलेज सिस्टम के साथ मिलकर आयोजित तीन दिवसीय ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में भारतीय सभ्यता, भाषा, दर्शन और सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित खास चर्चा की। एक विशेष सत्र में टीवी धारावाहिकों में राम और कृष्ण की भूमिका निभाने वाले प्रमुख कलाकार अरुण गोविल और नीतीश भारद्धाज ने समकालीन जीवन में इन दोनों पात्रों की प्रासंगिकता पर विस्तार से विचार रखे।

अदाणी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव के समारोह में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भारत नॉलेज ग्राफ निर्माण के लिए एक ऐतिहासिक प्रतिबद्धता की घोषणा की, उन्होनें कहा, “एक शुरुआत के तौर पर मैं भारत नॉलेज ग्राफ के निर्माण और इस इंडोलॉजी मिशन में योगदान देने वाले विद्वानों और तकनीकी विशेषज्ञों के समर्थन के लिए 100 करोड़ रुपये के संस्थापक योगदान की घोषणा करते हुए विनम्र महसूस कर रहा हूँ। यह एक सभ्यतागत ऋण की अदायगी है।”

इस सत्र में भाग लेते हुए मेरठ से सांसद और रामायण में ‘राम’ की भूमिका निभा चुके अरुण गोविल ने कहा कि राम केवल एक धार्मिक पात्र नहीं बल्कि “मूर्तिमंत्र” हैं एक ऐसा आदर्श जो व्यक्ति और समाज दोनों को मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि रामायण केवल धर्मग्रंथ नहीं बल्कि पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों का विस्तृत तानाबाना है, जो हर युग में प्रासंगिक रहता है। गोविल ने बताया कि राम का जीवन इसलिए प्रेरक है क्योंकि उन्होंने पुत्रधर्म और राजधर्म दोनों को समान संतुलन के साथ निभाया। उनके अनुसार, राम नैतिकता, मानवीय मूल्यों और सकारात्मकता के प्रतीक हैं और उनकी जीवन यात्रा अपने-आप में एक शिक्षावली सूत्र है।

महाभारत में ‘कृष्ण’ का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्धाज ने कहा कि कृष्ण ने त्रेता युग में स्थापित राम के आदर्शों को द्वापर युग में आगे बढ़ाया और उन्हें व्यावहारिक धरातल पर लागू किया। उन्होंने कहा, “सनातन हिंदू सभ्यता को विकसित करना ही धर्म है। कृष्ण ने परिवार, समाज और राष्ट्र के हित में निर्णय लेकर धर्म के व्यावहारिक स्वरूप को स्थापित किया।” भारद्धाज ने स्पष्ट किया कि राम और कृष्ण का चरित्र केवल पौराणिक संदर्भों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और परिवार के कल्याण के लिए समयानुसार उचित निर्णय लेने की प्रेरणा देता है।

आजमगढ़:- बिजली बिल राहत योजना के प्रचार प्रसार के लिए गाजे बाजे के साथ नगर से लेकर गांव तक पहुँच रही टीम

वी कुमार यदुवंशी

आजमगढ़।  बिजली बिल राहत योजना के प्रचार प्रसार के लिए विभागीय अधिकारी और कर्मचारी नगर से लेकर गांव तक पहुँचकर उपभोक्ताओं से संपर्क करने में लगे हैं। विद्युत अभियन्ता सुदनीपुर देवेंन्द्र सिह ने बताया कि उपभोक्ताओं को एक मुश्त भुगतान पर सरचार्ज में 100 फीसदी छूट के साथ ही विद्युत चोरी के प्रकरणों में राजस्व में 50 प्रतिशत छूट के साथ ही मुकदमें से छुटकारा भी मिलेगा। यह योजना तीन चरणों में चलेगी, लेकिन उपभोक्ताओं को सबसे अधिक लाभ प्रथम चरण में मिलेगा। इस योजना का लाभ घरेलू 2 किलोवाट और वाणिज्यिक एक किलोवाट तक के नेवर पेड और लांग अनपेड उपभोक्ता ले सकते हैं। प्रथम चरण की शुरुआत 1 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर तक चलेगी। दूसरा चरण 1 जनवरी से 31 जनवरी और तीसरा चरण 1 फरवरी से 28 फरवरी तक चलेगा। योजना में शामिल होने के लिए पंजीकरण के समय 2000 रुपया जमा करना होगा। एक मुश्त भुगतान करने पर ब्याज में 100 प्रतिशत छूट के साथ ही मूलधन में भी 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। पिछला बकाया 750/500 की आसान किश्त में भी जमा किया जा सकता है। सामान्य से अधिक बिल पर औसत भुगतान का भी विकल्प दिया गया है। विद्युत चोरी के प्रकरणों में पंजीकरण कराने पर राजस्व निर्धारण में 50 प्रतिशत की छूट में साथ ही मुकदमें से छुटकारा मिलेगा। एकमुश्त भुगतान करने पर प्रथम चरण में 25 प्रतिशत, द्वितीय चरण में 20 प्रतिशत एवं तृतीय चरण में 15 प्रतिशत की मूलधन में छूट मिलेगी। वहीं 750 रुपये की मासिक भुगतान पर तीनों चरणों में 10 प्रतिशत की छूट और 500 रुपये के मासिक भुगतान पर तीनों चरणों में 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसी क्रम में तहसील मुख्यालय के नाम से सुदनीपुर विद्युत सब स्टेशन के अवर अभियन्ता देवेंन्द्र सिह अपने अधिनस्त कर्मियों के साथ नगर पंचायत शहीत सम्बंधित दर्जनों।गाव में डुग्गी के रूप में ढोल तासा के साथ भृमण कर।बिद्युत उपभोक्ताबो को जागरूक।किया सर्वाजनिक स्थलों पर छूट सम्बन्धी पोस्टर लगवाए उच्चाधिकारियों के आदेश के क्रम में सभी तहसील क्षेत्र के सभी बिद्युत स्टेशनों से उपभोक्ता जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है ।कि बिद्युत बकाया राजस्व अधिक से अधिक प्राप्त हो और।विद्युत उपभोक्ता सरकार द्वारा दी जा रही छूट।का लाभ ले सके ।
धरतीपुत्र दिवस समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेता की मनाई गई जयन्ती।

शून्य से शिखर तक का सफर तय किया.पद्म भूषण सम्मानित मुलायम सिंह यादव।

संजय द्विवेदी प्रयागराज। यमुनानगर अन्तर्गत नगर पंचायत कोरांव में स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय सहित अन्य विभिन्न प्रतिष्ठानो पर देश के पूर्व रक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के निवर्तमान मुख्यमंत्री पद्म विभूषण से सम्मानित नेता मुलायम सिंह यादव की जयन्ती समाजवादी पार्टी के विधान सभा अध्यक्ष सोमदत्त सिंह पटेल के नेतृत्व में कई प्रतिष्ठानो पर मनाई गई।22 नवम्बर 1939 को इटावा के सैफई गांव में नेता का जन्म हुआ था 10 अक्टूबर 2022 को आकस्मिक निधन होने के बाद नेता भारतीय राजनीति में नही रहे।लेकिन देश की राजनीति में नेता के द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसला आज भी देश की राजनीति में स्वर्णिम पन्नो में अंकित है उनके द्वारा लिए गए कई ऐतिहासिक फैसला उन्हे शून्य से शिखर तक का सफर समय समय पर तय कराते रहे।उनकी जयंती पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी के द्वारा कई सार्वजनिक स्थलो सहित चिकित्सालयो में फल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।प्रमुख रूप से सुमन कोल रेखा वर्मा रंजना जैसल रविन्द जैसल रामानुज यादव शहादत अली दीपक पटेल पुष्कर यादव शरद यादव सहित आदि लोग मौजूद रहे।

*খেলা* চন্দ্রহাসের অপরাজিত ২০০, কোচবিহার ট্রফিতে চণ্ডীগড়ের বিরুদ্ধে রানের পাহাড়ে বাংলা

Sports Desk: কোচবিহার ট্রফির এলিট পর্বের ম্যাচে চণ্ডীগড়ের বিরুদ্ধে রানের পাহাড়ে বাংলা। কল্যাণীর বেঙ্গল ক্রিকেট গ্রাউন্ডে এই ম্যাচের প্রথম দিনের শেষে বাংলার স্কোর ৮৬ ওভারে ৩ উইকেটে ৩৭৮ রান। টস জিতে ফিল্ডিং নিয়েছিল চণ্ডীগড়।৩৭ রানে প্রথম, ৮১ রানে দ্বিতীয় ও ১০৮ রানে তৃতীয় উইকেট হারিয়েছিল বাংলা। এরপর অধিনায়ক চন্দ্রহাস দাশ ও সায়ন পাল অবিচ্ছেদ্য চতুর্থ উইকেট জুটিতে ইতিমধ্যেই ২৭০ রান যোগ করেছেন। চন্দ্রহাস ৩৪টি চার ও চারটি ছয়ের সাহায্যে ২১৯ বলে ২০৫ রানে অপরাজিত আছেন। সায়ন পাল ১৪১ বলে ১০৪ রানে অপরাজিত আছেন। তাঁর ইনিংসে রয়েছে ১৪টি চার ও তিনটি ছয়। রাজদীপ পাসোয়ান ৪২ বলে ১৩, আদিত্য রায় ৮৩ বলে ৪০ ও বিরাট চৌহান ৩৪ বলে ৪ রান করে আউট হন। একটি করে উইকেট নিয়েছেন পার্থ, সমীর কুলারিয়া ও ঈশান।

ছবি সৌজন্যে: সিএবি

IITF 2025 में 'रांची स्मार्ट सिटी' मॉडल ने खींचा ध्यान: झारखंड सरकार रांची को पूर्वोत्तर राज्यों का 'नॉलेज हब' बनाने की तैयारी में

नई दिल्ली: भारत मंडपम में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में इस वर्ष झारखंड पवेलियन का रांची स्मार्ट सिटी मॉडल दर्शकों और मीडिया का विशेष आकर्षण बना। नवीनतम तकनीक, भविष्योन्मुखी शहरी नियोजन और नागरिक-केंद्रित विकास की दृष्टि के साथ यह मॉडल झारखंड सरकार की प्रगतिशील शहरी नीतियों का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है।

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नॉलेज हब बनाने की मजबूत पहल

रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के जन संपर्क पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि रांची को शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक उभरते हुए ज्ञान-केन्द्र (नॉलेज हब) के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा:

"रांची को ज्ञान-आधारित उद्योगों और आधुनिक शिक्षण संरचना के माध्यम से इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि अगले 5–10 वर्षों में झारखंड पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी प्रमुख शैक्षणिक एवं कौशल विकास केंद्र बन सके।"

अत्याधुनिक और सतत शहरी प्रबंधन

रांची स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अत्याधुनिक आधारभूत संरचना का निर्माण तेज़ी से किया जा रहा है। यह ग्रीनफील्ड टाउनशिप (656 एकड़ में) प्रस्तावित राजधानी परिसर, एयरपोर्ट और हटिया रेलवे स्टेशन के निकट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर विकसित की जा रही है।

पर्यावरण अनुकूलन: रांची को फ्यूचर-रेडी स्मार्ट सिटी बनाने के उद्देश्य से 37% भूमि को ओपन और ग्रीन स्पेस के रूप में सुरक्षित किया गया है।

जल संरक्षण: जल आपूर्ति नेटवर्क के साथ ही, 16 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के माध्यम से उपचारित जल के 40% हिस्से को गैर-पीने योग्य उपयोगों के लिए प्रस्तावित किया गया है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

अन्य सुविधाएँ: अंडरग्राउंड वायरिंग मॉडल, रोडसाइड यूटिलिटी डक्ट सिस्टम और 24×7 गैस-इंसुलेटेड पावर स्टेशन जैसी अत्याधुनिक शहरी सेवाएँ शहर को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-संतुलित बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

उन्नत सुविधाओं और वैश्विक स्तर के टाउन प्लानिंग मॉडल के साथ, रांची स्मार्ट सिटी IITF 2025 में झारखंड की नई शहरी पहचान को प्रभावी रूप से प्रस्तुत कर रही है।

*राणा प्रताप पीजी कालेज के चार विद्यार्थियों का अग्निवीर में चयन - एनसीसी ट्रेनिंग रही फायदेमंद*
सुलतानपुर,राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के चार विद्यार्थियों का चयन अग्निवीर सामान्य ड्यूटी में हुआ है। यह जानकारी देते हुए एनसीसी समन्वयक डॉ आलोक कुमार ने बताया कि महाविद्यालय के एन सी कैडेट अजय पाल,अमित सरोज , अविनाश कुमार रजक और अखिल मौर्य का चयन अग्निवीर के आर्मी ड्यूटी में हुआ है। अजय,अमित और अविनाश बीए तृतीय सेमेस्टर के छात्र हैं तो अखिलेश मौर्य इसी वर्ष उत्तीर्ण हो चुके हैं। इनके चयन में एनसीसी ट्रेनिंग की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। अविनाश कुमार रजक प्रतापगढ़ जिले की पट्टी तहसील के बैजलपुर और अमित सरोज उसी तहसील के भीकमपुर गोकुला गांव निवासी हैं। दोनों ने एनसीसी ट्रेनिंग के लिए ही सुलतानपुर जनपद के राणा प्रताप पीजी कालेज में प्रवेश लिया था। अजय पाल धम्मौर के भाटी गांव निवासी हरीराम पाल के पुत्र और अखिल मौर्य दूबेपुर ब्लाक के रामपुर गांव निवासी राकेश कुमार मौर्य के पुत्र हैं। महाविद्यालय एनसीसी कैडेट्स के अग्निवीर में चयन पर क्षत्रिय शिक्षा समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संजय सिंह,प्रबंधक एडवोकेट बालचंद्र सिंह,प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी व असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि समेत महाविद्यालय परिवार ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
*परीक्षा में वर्णात्मक एवं विश्लेषणात्मक मूल्यांकन की संतुलित व्यवस्था भी आवश्यक है -डॉ शिल्पी सिंह*
शिक्षाशास्त्र विभाग में वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित।
सुलतानपुर,राणा प्रताप पी. जी. कॉलेज के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा स्नातक सम सेमेस्टर परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पद्धति की उपयोगिता एवं सीमाओं पर केंद्रित वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में आलोचनात्मक चिंतन, तार्किक प्रस्तुति तथा शैक्षिक मूल्यांकन के प्रति जागरूकता विकसित करना रहा। इस प्रतियोगिता में बी.ए. पंचम सेमेस्टर से सृष्टि सिंह, सुप्रिया भारती, शबनम बानो, अंतिम तथा देवेंद्र तिवारी, बी.ए. तृतीय सेमेस्टर से काजल यादव, सेजल शर्मा, एवं बी.ए. प्रथम सेमेस्टर से राज सिंह, माधुरी एवं साक्षी सिंह ने बहुविकल्पीय प्रश्न प्रणाली के पक्ष एवं विपक्ष में अपने विचार प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किए। पक्ष में प्रस्तुत मुख्य विचार में बहुविकल्पीय प्रश्नों से व्यापक पाठ्यक्रम का तीव्र एवं वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन संभव होता है,यह प्रणाली मूल्यांकन में पारदर्शिता और त्रुटिरहित परिणाम प्रदान करती है,प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यह पद्धति विद्यार्थियों को अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। विपक्ष में रखे गए प्रमुख तर्क बहुविकल्पीय प्रश्न विद्यार्थियों की रचनात्मकता,विश्लेषणात्मक सोच और अभिव्यक्ति कौशल को कमज़ोर कर देते हैं,अनुमान आधारित उत्तर देने की प्रवृत्ति वास्तविक ज्ञान का सही मूल्यांकन नहीं कर पाती,यह पद्धति विषय की गहराई में जाने की प्रेरणा को सीमित करती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पी सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्नातक स्तर पर बहुविकल्पीय प्रश्न प्रणाली तेजी से बदलते शैक्षिक परिदृश्य की मांग है, परंतु इसके साथ वर्णात्मक एवं विश्लेषणात्मक मूल्यांकन की संतुलित व्यवस्था भी आवश्यक है। शिक्षण की गुणवत्ता तभी बढ़ती है जब मूल्यांकन समग्रता लिए हो। उन्होंने विद्यार्थियों को ऐसे आयोजनों के माध्यम से अपनी विचार-शक्ति तथा तर्क क्षमता को विकसित करने हेतु प्रेरित किया।इस अवसर पर बी.ए. शिक्षाशास्त्र के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सृष्टि सिंह ने किया।
*आज की युवा पीढ़ी का परीक्षा के प्रति दृष्टिकोण तेजी से बदल रहा है- डॉ अखिलेश सिंह*
युवा पीढ़ी में परीक्षा के प्रति बदलते दृष्टिकोण” विषय पर व्याख्यान आयोजित।
सुल्तानपुर,राणा प्रताप पी. जी. कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग द्वारा आज परास्नातक प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए “युवा पीढ़ी में परीक्षा के प्रति बदलते दृष्टिकोण” विषय पर एक विचारोत्तेजक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कॉलेज के ही समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अखिलेश सिंह रहे, जिन्होंने अपने रोचक, शोधपरक एवं समकालीन विश्लेषण से उपस्थित छात्र-छात्राओं को गहराई से अवगत कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष श्री बृजेश कुमार सिंह ने की। संचालन डॉ. बृजेश सिंह द्वारा किया गया तथा अंत में श्री विरेन्द्र कुमार गुप्ता ने सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्य वक्ता डॉ. अखिलेश सिंह ने अपने विस्तृत व्याख्यान में कहा कि आज की युवा पीढ़ी का परीक्षा के प्रति दृष्टिकोण तेजी से बदल रहा है। डिजिटल माध्यमों, सोशल मीडिया, कोचिंग कल्चर और प्रतियोगी माहौल ने परीक्षाओं की प्रकृति तथा विद्यार्थियों के मनोवैिज्ञान दोनों को प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि पहले परीक्षा को ज्ञान का मूल्यांकन माना जाता था, जबकि आज यह अधिकतर कैरियर निर्माण, प्रतिस्पर्धा और सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। इस कारण छात्रों में परीक्षा को लेकर तनाव, दबाव और अति-अपेक्षा बढ़ी है, जबकि दूसरी ओर कई छात्र परीक्षा को केवल एक औपचारिकता मानकर तैयारी में सतहीपन अपनाने लगे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि परीक्षा को लेकर युवा पीढ़ी का बदलता दृष्टिकोण केवल चुनौती ही नहीं, बल्कि अवसर भी है। डिजिटल शिक्षण संसाधनों ने सीखने को अधिक सरल, सुलभ और रोचक बनाया है। आज का विद्यार्थी सूचना-समृद्ध है और स्वयं सीखने की क्षमता विकसित कर रहा है। उन्होंने इस परिवर्तन को सकारात्मक दिशा देने पर जोर देते हुए कहा कि परीक्षा का उद्देश्य केवल अंक प्राप्ति नहीं, बल्कि सोचने-समझने की क्षमता और विश्लेषणात्मक दृष्टि का विकास होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि परीक्षा को भय या बोझ की तरह न लें। इसे आत्ममूल्यांकन और आत्म-विकास का मौका समझें। आत्मअनुशासन, समय-प्रबंधन, डिजिटल संसाधनों का संतुलित उपयोग और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल—ये सभी तत्व एक संतुलित दृष्टिकोण विकसित करने के लिए आवश्यक हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह ने कहा कि समाजशास्त्रीय दृष्टि से परीक्षा केवल एक शैक्षणिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सामाजिक संरचना है जो व्यक्ति के भविष्य को आकार देती है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने भीतर आत्मविश्वास विकसित करें और बदलती परिस्थितियों के अनुरूप अपने आप को ढालने की क्षमता बढ़ाएँ।संचालनकर्ता डॉ. बृजेश सिंह ने कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक कार्यक्रम विद्यार्थियों में सकारात्मक शैक्षिक संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। अंत में आभार व्यक्त करते हुए श्री विरेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि समाजशास्त्र विभाग हमेशा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है और भविष्य में भी इस प्रकार के उपयोगी कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। व्याख्यान के दौरान विद्यार्थियों ने विषय पर विभिन्न प्रश्न पूछे जिनका समाधान मुख्य वक्ता द्वारा सरल व सहज भाषा में किया गया।
*राणा प्रताप पीजी कॉलेज में हुआ द वॉयस ऑफ़ अवध प्रतियोगिता का आयोजन - सत्यधाम आश्रम द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में गायक नंदन चंदन थे निर्णायक*
सुलतानपुर,द वॉयस ऑफ अवध इस क्षेत्र में लोक गायन की छिपी प्रतिभाओं को पहचानने का महत्वपूर्ण अवसर है। अवधी और भोजपुरी गीतों पर केंद्रित इस आयोजन में हम गांव की मिट्टी की महक महसूस कर सकते हैं। यह बातें राणा प्रताप पीजी कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहीं। वह सत्यधाम आश्रम और राणा प्रताप पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अवधी और भोजपुरी लोकगीतों की प्रतियोगिता द वायस आफ अवध को बतौर विशिष्ट अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्रबंधक एडवोकेट बालचंद सिंह ने पुस्तकालय कक्ष में दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। संयोजक देवेंद्र कविराज देव ने बताया कि प्रतियोगिता में अवध क्षेत्र के बीस जनपदों के कुल निन्यानबे बच्चों ने भाग लिया जिसमें तीस प्रतिभागी सेमीफाइनल के लिए चयनित हुए। अगला ऑडिशन जल्द ही होगा। सेमीफाइनल के लिए कुल साठ लोगों का चयन करना है।अंतिम रूप से चयनित तीन प्रतिभागियों को आकर्षक पुरस्कार देकर द वायस आफ अवध के खिताब से नवाजा जाएगा। महाविद्यालय आई क्यू ए सी निदेशक प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार ने कहा कि अच्छी गायकी के लिए अच्छा स्वर, सधा सुर , संगीत की समझ, सातत्य, समर्पण, साधना और संवेदनशीलता का सामंजस्य जरूरी है। प्रतियोगिता के निर्णायक भोजपुरी के चर्चित गायक नंदन और चंदन ने अपने गीतों से प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के अंत में जादूगर संजय घायल ने अपना जादू प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संगीत निर्देशक विनय पांडेय , कवि लोकेश श्रीवास्तव, संघ के जिला प्रचारक आशीष , डॉ अखिलेश सिंह, डॉ संतोष सिंह अंश, विनय कुमार सिंह, दिलीप कुमार सिंह, पंकज चौरसिया, अन्नू यादव, चंद्रमणि मौर्य, विपिन कुमार, देव राजन, शुभम ,धर्मराज, राजीव मौर्या,अंतिमा तिवारी,आदर्श पांडे, अर्पित सिंह, अशोक आदि उपस्थित रहे।
भारत के 53वें सीजेआई बने जस्टिस सूर्यकांत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

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जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।

राष्ट्रपति ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) से दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। जस्टिस गवई ने रविवार को 65 साल की उम्र में सीजेआई का पद छोड़ दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को अपना उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा को बनाए रखा।

9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

हरियाणा के गांव से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ 'फर्स्ट क्लास फर्स्ट' से पास किया। वह 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए और इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।

महत्वपूर्ण मामले

1. चुनाव आयोग को बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।

2. उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

3. ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) को संविधानिक रूप से वैध माना और भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसरों का समर्थन किया।

4. जस्टिस कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने असम से संबंधित नागरिकता के मुद्दों पर धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखा था।

5. जस्टिस कांत दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया था।

अदाणी कॉन्क्लेव में राम और कृष्ण ने बताया- समय बदला है आदर्श नहीं

अदाणी कॉर्पोरेट हाउस में आयोजित ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में दुनिया भर से आए विद्वान इंडोलॉजी, भारतीय दर्शन और सांस्कृतिक अध्ययन पर अपने शोध और अनुभव साझा कर रहे हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक अकादमिक जगत में भारतीय ज्ञान परंपरा को नई ऊर्जा देना है। राम की शांति और कृष्ण की बुद्धि ने अदाणी कॉन्क्लेव को खास बना दिया। अदाणी ने शिक्षा मंत्रालय के इंडियन नॉलेज सिस्टम के साथ मिलकर आयोजित तीन दिवसीय ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में भारतीय सभ्यता, भाषा, दर्शन और सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित खास चर्चा की। एक विशेष सत्र में टीवी धारावाहिकों में राम और कृष्ण की भूमिका निभाने वाले प्रमुख कलाकार अरुण गोविल और नीतीश भारद्धाज ने समकालीन जीवन में इन दोनों पात्रों की प्रासंगिकता पर विस्तार से विचार रखे।

अदाणी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव के समारोह में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भारत नॉलेज ग्राफ निर्माण के लिए एक ऐतिहासिक प्रतिबद्धता की घोषणा की, उन्होनें कहा, “एक शुरुआत के तौर पर मैं भारत नॉलेज ग्राफ के निर्माण और इस इंडोलॉजी मिशन में योगदान देने वाले विद्वानों और तकनीकी विशेषज्ञों के समर्थन के लिए 100 करोड़ रुपये के संस्थापक योगदान की घोषणा करते हुए विनम्र महसूस कर रहा हूँ। यह एक सभ्यतागत ऋण की अदायगी है।”

इस सत्र में भाग लेते हुए मेरठ से सांसद और रामायण में ‘राम’ की भूमिका निभा चुके अरुण गोविल ने कहा कि राम केवल एक धार्मिक पात्र नहीं बल्कि “मूर्तिमंत्र” हैं एक ऐसा आदर्श जो व्यक्ति और समाज दोनों को मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि रामायण केवल धर्मग्रंथ नहीं बल्कि पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों का विस्तृत तानाबाना है, जो हर युग में प्रासंगिक रहता है। गोविल ने बताया कि राम का जीवन इसलिए प्रेरक है क्योंकि उन्होंने पुत्रधर्म और राजधर्म दोनों को समान संतुलन के साथ निभाया। उनके अनुसार, राम नैतिकता, मानवीय मूल्यों और सकारात्मकता के प्रतीक हैं और उनकी जीवन यात्रा अपने-आप में एक शिक्षावली सूत्र है।

महाभारत में ‘कृष्ण’ का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्धाज ने कहा कि कृष्ण ने त्रेता युग में स्थापित राम के आदर्शों को द्वापर युग में आगे बढ़ाया और उन्हें व्यावहारिक धरातल पर लागू किया। उन्होंने कहा, “सनातन हिंदू सभ्यता को विकसित करना ही धर्म है। कृष्ण ने परिवार, समाज और राष्ट्र के हित में निर्णय लेकर धर्म के व्यावहारिक स्वरूप को स्थापित किया।” भारद्धाज ने स्पष्ट किया कि राम और कृष्ण का चरित्र केवल पौराणिक संदर्भों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और परिवार के कल्याण के लिए समयानुसार उचित निर्णय लेने की प्रेरणा देता है।

आजमगढ़:- बिजली बिल राहत योजना के प्रचार प्रसार के लिए गाजे बाजे के साथ नगर से लेकर गांव तक पहुँच रही टीम

वी कुमार यदुवंशी

आजमगढ़।  बिजली बिल राहत योजना के प्रचार प्रसार के लिए विभागीय अधिकारी और कर्मचारी नगर से लेकर गांव तक पहुँचकर उपभोक्ताओं से संपर्क करने में लगे हैं। विद्युत अभियन्ता सुदनीपुर देवेंन्द्र सिह ने बताया कि उपभोक्ताओं को एक मुश्त भुगतान पर सरचार्ज में 100 फीसदी छूट के साथ ही विद्युत चोरी के प्रकरणों में राजस्व में 50 प्रतिशत छूट के साथ ही मुकदमें से छुटकारा भी मिलेगा। यह योजना तीन चरणों में चलेगी, लेकिन उपभोक्ताओं को सबसे अधिक लाभ प्रथम चरण में मिलेगा। इस योजना का लाभ घरेलू 2 किलोवाट और वाणिज्यिक एक किलोवाट तक के नेवर पेड और लांग अनपेड उपभोक्ता ले सकते हैं। प्रथम चरण की शुरुआत 1 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर तक चलेगी। दूसरा चरण 1 जनवरी से 31 जनवरी और तीसरा चरण 1 फरवरी से 28 फरवरी तक चलेगा। योजना में शामिल होने के लिए पंजीकरण के समय 2000 रुपया जमा करना होगा। एक मुश्त भुगतान करने पर ब्याज में 100 प्रतिशत छूट के साथ ही मूलधन में भी 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। पिछला बकाया 750/500 की आसान किश्त में भी जमा किया जा सकता है। सामान्य से अधिक बिल पर औसत भुगतान का भी विकल्प दिया गया है। विद्युत चोरी के प्रकरणों में पंजीकरण कराने पर राजस्व निर्धारण में 50 प्रतिशत की छूट में साथ ही मुकदमें से छुटकारा मिलेगा। एकमुश्त भुगतान करने पर प्रथम चरण में 25 प्रतिशत, द्वितीय चरण में 20 प्रतिशत एवं तृतीय चरण में 15 प्रतिशत की मूलधन में छूट मिलेगी। वहीं 750 रुपये की मासिक भुगतान पर तीनों चरणों में 10 प्रतिशत की छूट और 500 रुपये के मासिक भुगतान पर तीनों चरणों में 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसी क्रम में तहसील मुख्यालय के नाम से सुदनीपुर विद्युत सब स्टेशन के अवर अभियन्ता देवेंन्द्र सिह अपने अधिनस्त कर्मियों के साथ नगर पंचायत शहीत सम्बंधित दर्जनों।गाव में डुग्गी के रूप में ढोल तासा के साथ भृमण कर।बिद्युत उपभोक्ताबो को जागरूक।किया सर्वाजनिक स्थलों पर छूट सम्बन्धी पोस्टर लगवाए उच्चाधिकारियों के आदेश के क्रम में सभी तहसील क्षेत्र के सभी बिद्युत स्टेशनों से उपभोक्ता जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है ।कि बिद्युत बकाया राजस्व अधिक से अधिक प्राप्त हो और।विद्युत उपभोक्ता सरकार द्वारा दी जा रही छूट।का लाभ ले सके ।
धरतीपुत्र दिवस समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेता की मनाई गई जयन्ती।

शून्य से शिखर तक का सफर तय किया.पद्म भूषण सम्मानित मुलायम सिंह यादव।

संजय द्विवेदी प्रयागराज। यमुनानगर अन्तर्गत नगर पंचायत कोरांव में स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय सहित अन्य विभिन्न प्रतिष्ठानो पर देश के पूर्व रक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के निवर्तमान मुख्यमंत्री पद्म विभूषण से सम्मानित नेता मुलायम सिंह यादव की जयन्ती समाजवादी पार्टी के विधान सभा अध्यक्ष सोमदत्त सिंह पटेल के नेतृत्व में कई प्रतिष्ठानो पर मनाई गई।22 नवम्बर 1939 को इटावा के सैफई गांव में नेता का जन्म हुआ था 10 अक्टूबर 2022 को आकस्मिक निधन होने के बाद नेता भारतीय राजनीति में नही रहे।लेकिन देश की राजनीति में नेता के द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसला आज भी देश की राजनीति में स्वर्णिम पन्नो में अंकित है उनके द्वारा लिए गए कई ऐतिहासिक फैसला उन्हे शून्य से शिखर तक का सफर समय समय पर तय कराते रहे।उनकी जयंती पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी के द्वारा कई सार्वजनिक स्थलो सहित चिकित्सालयो में फल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।प्रमुख रूप से सुमन कोल रेखा वर्मा रंजना जैसल रविन्द जैसल रामानुज यादव शहादत अली दीपक पटेल पुष्कर यादव शरद यादव सहित आदि लोग मौजूद रहे।

*খেলা* চন্দ্রহাসের অপরাজিত ২০০, কোচবিহার ট্রফিতে চণ্ডীগড়ের বিরুদ্ধে রানের পাহাড়ে বাংলা

Sports Desk: কোচবিহার ট্রফির এলিট পর্বের ম্যাচে চণ্ডীগড়ের বিরুদ্ধে রানের পাহাড়ে বাংলা। কল্যাণীর বেঙ্গল ক্রিকেট গ্রাউন্ডে এই ম্যাচের প্রথম দিনের শেষে বাংলার স্কোর ৮৬ ওভারে ৩ উইকেটে ৩৭৮ রান। টস জিতে ফিল্ডিং নিয়েছিল চণ্ডীগড়।৩৭ রানে প্রথম, ৮১ রানে দ্বিতীয় ও ১০৮ রানে তৃতীয় উইকেট হারিয়েছিল বাংলা। এরপর অধিনায়ক চন্দ্রহাস দাশ ও সায়ন পাল অবিচ্ছেদ্য চতুর্থ উইকেট জুটিতে ইতিমধ্যেই ২৭০ রান যোগ করেছেন। চন্দ্রহাস ৩৪টি চার ও চারটি ছয়ের সাহায্যে ২১৯ বলে ২০৫ রানে অপরাজিত আছেন। সায়ন পাল ১৪১ বলে ১০৪ রানে অপরাজিত আছেন। তাঁর ইনিংসে রয়েছে ১৪টি চার ও তিনটি ছয়। রাজদীপ পাসোয়ান ৪২ বলে ১৩, আদিত্য রায় ৮৩ বলে ৪০ ও বিরাট চৌহান ৩৪ বলে ৪ রান করে আউট হন। একটি করে উইকেট নিয়েছেন পার্থ, সমীর কুলারিয়া ও ঈশান।

ছবি সৌজন্যে: সিএবি

IITF 2025 में 'रांची स्मार्ट सिटी' मॉडल ने खींचा ध्यान: झारखंड सरकार रांची को पूर्वोत्तर राज्यों का 'नॉलेज हब' बनाने की तैयारी में

नई दिल्ली: भारत मंडपम में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में इस वर्ष झारखंड पवेलियन का रांची स्मार्ट सिटी मॉडल दर्शकों और मीडिया का विशेष आकर्षण बना। नवीनतम तकनीक, भविष्योन्मुखी शहरी नियोजन और नागरिक-केंद्रित विकास की दृष्टि के साथ यह मॉडल झारखंड सरकार की प्रगतिशील शहरी नीतियों का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है।

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नॉलेज हब बनाने की मजबूत पहल

रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के जन संपर्क पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि रांची को शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक उभरते हुए ज्ञान-केन्द्र (नॉलेज हब) के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा:

"रांची को ज्ञान-आधारित उद्योगों और आधुनिक शिक्षण संरचना के माध्यम से इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि अगले 5–10 वर्षों में झारखंड पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी प्रमुख शैक्षणिक एवं कौशल विकास केंद्र बन सके।"

अत्याधुनिक और सतत शहरी प्रबंधन

रांची स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अत्याधुनिक आधारभूत संरचना का निर्माण तेज़ी से किया जा रहा है। यह ग्रीनफील्ड टाउनशिप (656 एकड़ में) प्रस्तावित राजधानी परिसर, एयरपोर्ट और हटिया रेलवे स्टेशन के निकट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर विकसित की जा रही है।

पर्यावरण अनुकूलन: रांची को फ्यूचर-रेडी स्मार्ट सिटी बनाने के उद्देश्य से 37% भूमि को ओपन और ग्रीन स्पेस के रूप में सुरक्षित किया गया है।

जल संरक्षण: जल आपूर्ति नेटवर्क के साथ ही, 16 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के माध्यम से उपचारित जल के 40% हिस्से को गैर-पीने योग्य उपयोगों के लिए प्रस्तावित किया गया है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

अन्य सुविधाएँ: अंडरग्राउंड वायरिंग मॉडल, रोडसाइड यूटिलिटी डक्ट सिस्टम और 24×7 गैस-इंसुलेटेड पावर स्टेशन जैसी अत्याधुनिक शहरी सेवाएँ शहर को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-संतुलित बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

उन्नत सुविधाओं और वैश्विक स्तर के टाउन प्लानिंग मॉडल के साथ, रांची स्मार्ट सिटी IITF 2025 में झारखंड की नई शहरी पहचान को प्रभावी रूप से प्रस्तुत कर रही है।