जहानाबाद सदर अस्पताल में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन
जहानाबाद सदर अस्पताल में मिशन परिवार विकास अभियान के तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करना और पुरुषों की समान भागीदारी सुनिश्चित करना है।

अस्पताल को मिले लक्ष्य के अनुसार कुल 50 महिला बंध्याकरण और 15 पुरुष नसबंदी कराई जानी है। अभियान की प्रगति के अनुसार 22 नवंबर 2025 से 8 दिसंबर 2025 के बीच 21 महिलाओं का बंध्याकरण सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।
स्वास्थ्य मेला में आए मरीजों एवं उनके परिजनों को नसबंदी, गर्भनिरोधक साधन, टीकाकरण तथा परिवार नियोजन की अन्य सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। विशेषकर महिलाओं को नसबंदी के लाभ, गर्भधारण में अंतर रखने की आवश्यकता और मां व बच्चे के स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जागरूक किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि स्वस्थ और खुशहाल परिवार के लिए माता-पिता दोनों की जिम्मेदारी अहम होती है। बच्चों के बीच कम से कम तीन वर्ष का अंतर रखने से दोनों बच्चों और मां का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।
सदर अस्पताल के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया—
“हमारा लक्ष्य 50 नसबंदी का है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। पुरुष नसबंदी के 15 लक्ष्य को भी तेजी से पूरा करने की दिशा में काम किया जा रहा है।”

वहीं परिवार नियोजन अधिकारी मंजुला सहाय ने कहा—
“पखवाड़े के दौरान महिलाओं को खुलकर जानकारी दी जाती है। कई महिलाएं अपने पति से बात करने में संकोच करती हैं, ऐसे में वे सीधे हमारे पास आती हैं और हम पूरी गोपनीयता के साथ उनका मार्गदर्शन करते हैं। सरकार की इस योजना में नसबंदी कराने वाले पुरुषों और महिलाओं को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।”

अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि इस अभियान का लक्ष्य अधिक से अधिक दंपतियों को सुरक्षित और जागरूक परिवार नियोजन अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सदर अस्पताल की मैनेजर रितिका कुमारी की भूमिका भी सराहनीय रही। उन्होंने पूरे आयोजन का सुचारू प्रबंधन किया और मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई।
*सुल्तानपुर सांसद की ‘खोज अभियान’ चला रहे युवा,राहगीरों से ली जानकारी*
सुल्तानपुर,जनपद के युवाओं ने अपने सांसद की गैर-मौजूदगी को लेकर अनोखा अभियान चलाया। सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में युवाओं ने दुकानदारों व राहगीरों से सांसद के बारे में जानकारी जुटाई। इस अभियान का नेतृत्व सौरभ मिश्र विनम्र ने किया। सौरभ मिश्र ने बताया कि चुनाव के बाद से सांसद जनपद में दिखाई नहीं दे रहे हैं। शहर में जाम की समस्या सहित कई मुद्दों पर लोग परेशान हैं, लेकिन सांसद तक उनकी समस्याएँ पहुँच ही नहीं पा रही हैं। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने बताया कि चुनाव के बाद उन्होंने सांसद को देखा ही नहीं। अभियान में शामिल बृजेन्द्र मिश्र ने कहा कि उनका किसी जनप्रतिनिधि से व्यक्तिगत विरोध नहीं है, लेकिन जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि का प्राथमिक कर्तव्य क्षेत्र में रहकर जनता की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि शहर का दुर्भाग्य है कि सांसद का जनपद में आना-जाना बहुत कम हो गया है,जबकि जनता समस्याएँ लेकर उनके पास पहुँचना चाहती है। अभियान में अभिषेक शुक्ला (एडवोकेट), दीपक तिवारी, देवेश कुमार (एडवोकेट) सहित अन्य युवा भी शामिल रहे, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों से जानकारी एकत्र की।
झारखंड विधानसभा: प्रश्नकाल सुचारू; मेडिकल काउंसलिंग धांधली और स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल


बाबूलाल मरांडी ने NPA पोर्टल लिंक करने की उठाई मांग; मंत्री ने माना- कैलिपर्स खरीद में हुई थी गुमराह करने की कोशिश

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (मंगलवार) प्रश्नकाल की कार्यवाही सुचारू रूप से चली। इस दौरान विपक्ष ने स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी, मेडिकल काउंसलिंग में धांधली और शैक्षणिक संस्थानों में व्यवस्था न होने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरा।

प्रमुख मुद्दे और मंत्रियों का जवाब

1. मेडिकल काउंसलिंग में धांधली

प्रश्न: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मेडिकल काउंसलिंग में हो रही घपलेबाजी का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के पोर्टल को NPA के पोर्टल के साथ लिंक नहीं किया गया है, जिसकी वजह से काउंसलिंग में धांधली हो रही है।

मांग: उन्होंने सदन से मेडिकल काउंसिल के गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने और दोनों पोर्टल को लिंक करने की मांग की।

2. वृद्धों के लिए कैलिपर्स खरीद में गड़बड़ी

प्रश्न: भाजपा विधायक राज सिन्हा ने वृद्धों के लिए सपोर्टिंग डिवाइस ऑर्थोपेडिक कैलीपर्स की जगह मापने वाला वर्नियर कैलिपर्स खरीदने का गंभीर मामला उठाया।

मंत्री का जवाब: मंत्री इरफान ने स्वीकार किया कि लालदेव रजक नामक शख्स ने विभाग को गुमराह किया था। उन्होंने कहा, "जांच चल रही है, रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।" हालांकि, उन्होंने इसे 'घोटाला' कहने से इनकार करते हुए कहा कि यह महज ₹2 लाख 48 हजार 500 का सामान था।

3. राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर का संचालन

प्रश्न: झामुमो विधायक मो. ताजुद्दीन ने राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर का संचालन नहीं होने से दुर्घटना के समय नागरिकों को आकस्मिक सुविधा न मिलने का मामला उठाया, जिससे लोगों को जान गंवानी पड़ रही है।

मंत्री का जवाब: मंत्री इरफान ने माना कि डॉक्टर की कमी की वजह से संचालन सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि वह खुद स्पॉट पर जाकर मामले का निरीक्षण करेंगे।

4. हजारीबाग के बरकट्ठा डिग्री कॉलेज में व्यवस्था का अभाव

प्रश्न: भाजपा विधायक अमित कुमार यादव ने हजारीबाग के बरकट्ठा स्थित डिग्री कॉलेज में शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के नहीं रहने का मामला उठाया। उन्होंने सवाल किया कि बिना कोई व्यवस्था किए बच्चों का दाखिला क्यों लिया गया और उनके भविष्य से खिलवाड़ के लिए जिम्मेदार कौन है।

मंत्री का जवाब: मंत्री सुदिव्य ने स्वीकार किया कि छात्रों को दिक्कत जरूर हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रभारी प्राचार्य को नियुक्त कर दिया गया है, लेकिन बहाली की प्रक्रिया में समय लगता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बहाली प्रक्रिया शुरू होते ही मामला CBI जाँच और कोर्ट पहुँच जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अभिभावक चाहेंगे तो बच्चों को दूसरी जगह एडजस्ट किया जाएगा।

5. SNMCH में किडनी रोगियों का इलाज

प्रश्न: भाजपा विधायक रागिनी सिंह ने SNMCH (धनबाद) और आस-पास के जिलों के किडनी रोगियों को मुकम्मल इलाज नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने अस्पताल में गंदगी, मशीनों के खराब होने और डायलिसिस न हो पाने की शिकायत की।

मंत्री का जवाब: मंत्री इरफान ने कहा कि अस्पताल को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाना है और सरकार इसको लेकर गंभीर है। उन्होंने विधायक को बहुत जल्द उनके साथ अस्पताल का निरीक्षण करने और व्यवस्था सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया।

सड़क हादसे की जांच के कमेटी गठित,जिलाधिकारी अध्यक्ष

*कमेटी में डीएम के साथ सीओ यातायात,एक्सईएन पीडब्ल्यूडी व प्राविधिक निरीक्षक करेंगे जांच

गोंडा।जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के अनभुला गांव के पास हुए सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है जो पूरे मामले की पड़ताल करेगी।इस तीन सदस्यीय जांच कमेटी में सिओ यातायात राजेश कुमार सिंह, प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार त्रिपाठी व संभागीय प्राविधिक निरीक्षक बृजेश कुमार शामिल हैं।यह कमेटी हादसे के कारणों,तरीके और परिस्थितियों सहित सभी बिंदुओं पर गहन जांच कर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन को रिपोर्ट सौंपेगी।शुरुआती जांच में सामने आया है कि उत्तराखंड डिपो की रोडवेज बस अपनी साइड से आ रही थी जबकि दूसरी साइड से आकर एक कार ने उसे टक्कर मार दिया।जांच के दौरान यह भी पता चला है कि कार के केवल दो एयर बैग ही खुले थे,जिसके कारण इतना गंभीर हादसा हुआ और तीन लोगों की जान गई।जांच रिपोर्ट के आधार पर ही जिलाधिकारी आगे का निर्णय लेंगी।सीओ यातायात राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गयी है।उन्होंने कहा कि तीन सदस्यीय जांच कमेटी सभी बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है और आज से टीम द्वारा जांच की जाएगी।कल देर शाम ही जांच के आदेश प्राप्त हुए हैं।जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा।

ट्रैक्टर ने तीन वाहनों को मारी टक्कर, चालक की हालत गंभीर

स्कार्पियो से टकराकर बाइक को रौंदा,वैगनआर से टक्कर, पहिया निकला बाहर

गोंडा।जिले के परसपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गौरीगंज चचरी मार्ग पर बदरहा चौराहे के समीप देर रात एक अनियंत्रित ट्रैक्टर ने तीन वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया।इस हादसे में ट्रैक्टर चालक गंभीर रूप से घायल हो गया,जबकि अन्य वाहनों के सवार सुरक्षित बताए जा रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार 27 वर्षीय पुत्तीलाल छत ढलाई का काम खत्म कर मशीन के साथ ट्रैक्टर से लौट रहा था कि तभी सामने से आ रही स्कार्पियो कार के दाहिने हिस्से से टक्कर हो गई।

टक्कर इतनी भीषण था कि ट्रैक्टर का दाहिना पहिया उखड़ कर बाहर निकल गया जिससे ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया।अनियंत्रित ट्रैक्टर ने पहले सामने से आ रही वैगनआर कार को टक्कर मारी उसके बाद एक मोटरसाइकिल को रौंदते हुए सड़क किनारे खाई में पलट गया।इस हादसे में ट्रैक्टर चालक पुत्तीलाल के सिर में गंभीर चोटें आई हैं।घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे शाहपुर चौकी प्रभारी ने छानबीन शुरू कर दिया।घायल ट्रैक्टर चालक को एक निजी अस्पताल में कराया गया जहाँ से उसके गंभीर हालत को देखते हुए गोंडा मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया गया।परसपुर थाना अध्यक्ष अनुज त्रिपाठी ने बताया कि हादसे में किसी की मौत नहीं हुई है परन्तु कई वाहनों का नुकसान हुआ है।पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

निलंबित बीएसए मामले में हाईकोर्ट का सरकार को अंतिम अवसर

सरकार से कई सवालों का कोर्ट ने मांगा जवाब,बुधवार को सुनाया जाएगा फैसला

गोंडा।रिश्वतखोरी के आरोप में 11 नवंबर को निलंबित किए गये बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने अपने निलंबन को रद्द कर बहाली की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर किया था।इस मामले में 28 नवंबर से लगातार सुनवाई चल रही है जिसमें 2,4 व 8 दिसंबर को भी सुनवाई हुई थी परन्तु अभी तक निलंबित बीएसए को उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिला है।8 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सरकार के रवैए पर कड़ी नाराजगी व्यक्त किया था।न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुधवार तक मामले में पुरा ब्योरा दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है।न्यायालय ने टिप्पणी किया कि बार बार ब्योरा मांगे जाने के बावजूद अधूरा विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि बुधवार तक सही और पूर्ण ब्योरा नहीं दाखिल किया जाता है तो उसे मजबूरन उसी दिन मामले में निर्णय लेना होगा।यह निर्देश सरकार की तरफ से बार बार ब्योरा देने में देरी और अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने के बाद आया है।इस मामले में 38 नवंबर को जस्टिस मनीष माथुर की खंडपीठ ने ही उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग को इस मामले में विस्तृत ब्योरा दाखिल करने का निर्देश दिया था।हालांकि सरकार ने शुरुआती दो सुनवाई में ब्योरा दाखिल नहीं किया और 8 दिसंबर को सुनवाई के दौरान अपना विवरण प्रस्तुत किया और न्यायालय ने सरकार द्वारा दाखिल किये गए ब्योरै को अस्पष्ट पाया जिसके कारण यह नाराजगी व्यक्त की गयी और बुधवार तक स्पष्ट ब्योरा मांगा गया।यह मामला शिकायतकर्ता मनोज कुमार पाण्डेय द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है।पांडेय ने आरोप लगाया है कि अतुल कुमार तिवारी ने स्कूलों में फर्नीचर आपूर्ति के टेंडर प्रक्रिया के नाम पर उनसे 22 लाख रुपये की रिश्वत लिया था और रिश्वत लेने के बावजूद उन्हें काम नहीं दिया और उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया।इसके बाद तिवारी ने गलत आरोप लगाकर उनके खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया।जिसको लेकर अतुल कुमार तिवारी सहित 3 लोगों पर नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज है।इसी मामले में शासन ने उन्हें 11 नवंबर को निलंबित करते हुए विभागीय जांच भी प्रारम्भ करने का निर्देश दिया था।इसी निलंबन को वापस लिये जाने की मांग को लेकर अतुल कुमार तिवारी हाईकोर्ट गए हैं।

रामराज में बिना मान्यता चल रहे प्राइवेट स्कूल, आठवीं–दसवीं की मान्यता पर पढ़ा रहे इंटर तक — अभिभावकों में गहरा रोष, चेताया आंदोलन

बहसुमा। मेरठ।रामराज क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। क्षेत्र में कई प्राइवेट स्कूल ऐसे चल रहे हैं जिनकी मान्यता केवल आठवीं या दसवीं तक है, लेकिन वे नियमों को नजरअंदाज करते हुए बच्चों को इंटर तक की कक्षाएँ पढ़ा रहे हैं। बिना मान्यता के चल रहे इन प्राइवेट स्कूलों पर न तो कोई निगरानी है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है।

अभिभावकों का कहना है कि इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को यह तक जानकारी नहीं होती कि उन्होंने इंटर किस बोर्ड या किस मान्यता प्राप्त संस्थान से पास किया है। जब बच्चों से पूछा जाता है कि उन्होंने इंटर पास कहां से की है, तो वे स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाते। यह स्थिति इन संस्थानों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती है और बच्चों के भविष्य को संकट में डालती है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मुद्दे की शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। इसके चलते अभिभावकों में भारी नाराज़गी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही बिना मान्यता के चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई नहीं की, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

अभिभावकों का कहना है इंद्रपाल सिंह अवनीश कुमार रोहित कुमार अरुण को तोमर नेकहां बच्चों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हिस्ट्री आफ म्यूजिक कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई 4000 वर्षों की संगीत यात्रा

मुंबई । भारतीय विद्या भवन में रविवार को समन्वय इवेंट द्वारा हिस्ट्री

ऑफ म्यूजिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 4,000 वर्ष पुराने सामवेद गायन से लेकर ध्रुपद और आज के बॉलीवुड संगीत तक की अनोखी प्रस्तुति दी गई। दरभंगा घराने के पंडित सुखदेव चतुर्वेदी व उनके शिष्यों ने सभी संगीत विधाओं को प्रभावशाली ढंग से पेश किया।उद्घाटन महामंडलेश्वर स्वामी विद्यानंद सरस्वती ने किया।

कार्यक्रम में डॉ. मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा, सुंदरचंदजी ठाकुर, एडवोकेट आभा सिंह, उद्योगपति प्रेमलता मोहता, लालू भाई शाह, रूपा बाबरी, डॉ. वत्सल पारेख, निखिल रुंगटा, देवेश चतुर्वेदी, सुनील चतुर्वेदी, मीना बाफना उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम हिंदुस्तान पेट्रोलियम, बैंक ऑफ बडोदा, लोढ़ा फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया। संचालन जानवी जोशी और मीता अग्रवाल ने किया। आयोजक गगन और अधिष्ठा ने आभार व्यक्त किया।

सोनिया गांधी को कोर्ट ने जारी किया नोटिस, दिल्ली पुलिस से भी मांगा जवाब, जानें क्या है मामला

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दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। अदालत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कथित रूप से बिना भारतीय नागरिकता लिए वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सोनिया गांधी के अलावा दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है।

राउज़ एवेन्यू सेशंस कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया है। दिल्ली के राउज़ एवेन्यू सेशंस कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को खारिज कर दिया गया था। आरोप है कि सोनिया गांधी ने वर्ष 1980 में कथित रूप से अपने नाम को मतदाता सूची में शामिल कराया था। यह याचिका अधिवक्ता विकस त्रिपाठी ने दायर की है।

नागरिकता मिलने से पहले मतदाता सूची में नाम!

वकील विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर कर आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी को 30 अप्रैल 1983 को भारत की नागरिकता मिली, लेकिन इसके तीन साल पहले यानी 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम पहले से मौजूद था। याचिकाकर्ता का कहना है कि मतदाता सूची में नाम केवल उन्हीं का शामिल हो सकता है, जिनके पास भारतीय नागरिकता हो, इसलिए 1980 की लिस्ट में एंट्री अपने आप में संदेह पैदा करती है।

फर्जी कागज के इस्तेमाल का अंदेशा

सवाल उठाया गया है कि जब वह भारतीय नागरिक नहीं थीं, तब 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे जोड़ा गया। याचिकाकर्ता ने पूछा है कि 1980 में उनका नाम जोड़ने के लिए कौन से दस्तावेज दिए गए थे और क्या कोई गलत या फर्जी कागज इस्तेमाल किए गए थे।

सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग

दरअसल पिछले दिनों SIR को लेकर जारी विवाद के बीच ऐसे दावा किया गया कि सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से पहले कथित रूप से मतदाता सूची यानी इलेक्टोरल रोल में दर्ज था। याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की है कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराई जाए और अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

कानून नियम जरूरी, लेकिन किसी को परेशानी न हो...इंडिगो संकट के बीच पीएम मोदी का बड़ा बयान

#pmnarendramodibigstatementonindigo_crisis

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को यात्रियों को पिछले कुछ समय से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। करीब एक हफ्ते में इसकी 4,500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिगो संकट पर बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने कहा है कि नियम-कानून बनाने का मकसद सिस्टम को बेहतर करना होना चाहिए, न कि आम नागरिकों को परेशान करना।

पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों की बैठक के दौरान इंडिगो संकट पर ये बात कही।संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज संसद परिसर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल दलों के सांसदों की बैठक हुई।

सांसदों से सभी क्षेत्रों में सुधार का आह्वान

एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, आज की बैठक में बिहार चुनावों में एनडीए की जीत के लिए सभी एनडीए नेताओं ने पीएम मोदी को बधाई दी। पीएम मोदी ने सभी एनडीए सांसदों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए काम करने का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने जनता के जीवन को आसान बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी क्षेत्रों में सुधार करने पर जोर दिया कि उन्हें कोई समस्या न हो।

कानून लोगों पर बोझ नहीं बने

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत साफ शब्दों में कहा है कि कोई भी ऐसा कानून, नियम नहीं होना चाहिए, जो बिना मतलब नागरिकों को परेशान करें। कानून लोगों पर बोझ नहीं बल्कि उनकी सुविधा के लिए होना चाहिए। पीएम ने कहा कि कानूनों से लोगों की मदद होनी चाहिए। उन्होंने सांसदों से युवाओं से जुड़ने का आह्वान किया।

बड़े एयरपोर्ट्स का जायजा लेंगे बड़े अधिकारी

इधर, इंडिगो एयरलाइन की वजह से हवाई अड्डों पर यात्रियों को हो रही भारी दिक्कतों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और ज्वाइंट सेक्रेटरी जैसे बड़े अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे जल्द ही देश के बड़े हवाई अड्डों पर जाकर जमीनी हकीकत का जायजा लें। ये अधिकारी मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम जैसे हवाई अड्डों का दौरा करेंगे। इसका मकसद यह समझना है कि यात्रियों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जहानाबाद सदर अस्पताल में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन
जहानाबाद सदर अस्पताल में मिशन परिवार विकास अभियान के तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करना और पुरुषों की समान भागीदारी सुनिश्चित करना है।

अस्पताल को मिले लक्ष्य के अनुसार कुल 50 महिला बंध्याकरण और 15 पुरुष नसबंदी कराई जानी है। अभियान की प्रगति के अनुसार 22 नवंबर 2025 से 8 दिसंबर 2025 के बीच 21 महिलाओं का बंध्याकरण सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।
स्वास्थ्य मेला में आए मरीजों एवं उनके परिजनों को नसबंदी, गर्भनिरोधक साधन, टीकाकरण तथा परिवार नियोजन की अन्य सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। विशेषकर महिलाओं को नसबंदी के लाभ, गर्भधारण में अंतर रखने की आवश्यकता और मां व बच्चे के स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जागरूक किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि स्वस्थ और खुशहाल परिवार के लिए माता-पिता दोनों की जिम्मेदारी अहम होती है। बच्चों के बीच कम से कम तीन वर्ष का अंतर रखने से दोनों बच्चों और मां का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।
सदर अस्पताल के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया—
“हमारा लक्ष्य 50 नसबंदी का है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। पुरुष नसबंदी के 15 लक्ष्य को भी तेजी से पूरा करने की दिशा में काम किया जा रहा है।”

वहीं परिवार नियोजन अधिकारी मंजुला सहाय ने कहा—
“पखवाड़े के दौरान महिलाओं को खुलकर जानकारी दी जाती है। कई महिलाएं अपने पति से बात करने में संकोच करती हैं, ऐसे में वे सीधे हमारे पास आती हैं और हम पूरी गोपनीयता के साथ उनका मार्गदर्शन करते हैं। सरकार की इस योजना में नसबंदी कराने वाले पुरुषों और महिलाओं को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।”

अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि इस अभियान का लक्ष्य अधिक से अधिक दंपतियों को सुरक्षित और जागरूक परिवार नियोजन अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सदर अस्पताल की मैनेजर रितिका कुमारी की भूमिका भी सराहनीय रही। उन्होंने पूरे आयोजन का सुचारू प्रबंधन किया और मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई।
*सुल्तानपुर सांसद की ‘खोज अभियान’ चला रहे युवा,राहगीरों से ली जानकारी*
सुल्तानपुर,जनपद के युवाओं ने अपने सांसद की गैर-मौजूदगी को लेकर अनोखा अभियान चलाया। सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में युवाओं ने दुकानदारों व राहगीरों से सांसद के बारे में जानकारी जुटाई। इस अभियान का नेतृत्व सौरभ मिश्र विनम्र ने किया। सौरभ मिश्र ने बताया कि चुनाव के बाद से सांसद जनपद में दिखाई नहीं दे रहे हैं। शहर में जाम की समस्या सहित कई मुद्दों पर लोग परेशान हैं, लेकिन सांसद तक उनकी समस्याएँ पहुँच ही नहीं पा रही हैं। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने बताया कि चुनाव के बाद उन्होंने सांसद को देखा ही नहीं। अभियान में शामिल बृजेन्द्र मिश्र ने कहा कि उनका किसी जनप्रतिनिधि से व्यक्तिगत विरोध नहीं है, लेकिन जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि का प्राथमिक कर्तव्य क्षेत्र में रहकर जनता की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि शहर का दुर्भाग्य है कि सांसद का जनपद में आना-जाना बहुत कम हो गया है,जबकि जनता समस्याएँ लेकर उनके पास पहुँचना चाहती है। अभियान में अभिषेक शुक्ला (एडवोकेट), दीपक तिवारी, देवेश कुमार (एडवोकेट) सहित अन्य युवा भी शामिल रहे, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों से जानकारी एकत्र की।
झारखंड विधानसभा: प्रश्नकाल सुचारू; मेडिकल काउंसलिंग धांधली और स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल


बाबूलाल मरांडी ने NPA पोर्टल लिंक करने की उठाई मांग; मंत्री ने माना- कैलिपर्स खरीद में हुई थी गुमराह करने की कोशिश

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (मंगलवार) प्रश्नकाल की कार्यवाही सुचारू रूप से चली। इस दौरान विपक्ष ने स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी, मेडिकल काउंसलिंग में धांधली और शैक्षणिक संस्थानों में व्यवस्था न होने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरा।

प्रमुख मुद्दे और मंत्रियों का जवाब

1. मेडिकल काउंसलिंग में धांधली

प्रश्न: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मेडिकल काउंसलिंग में हो रही घपलेबाजी का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के पोर्टल को NPA के पोर्टल के साथ लिंक नहीं किया गया है, जिसकी वजह से काउंसलिंग में धांधली हो रही है।

मांग: उन्होंने सदन से मेडिकल काउंसिल के गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने और दोनों पोर्टल को लिंक करने की मांग की।

2. वृद्धों के लिए कैलिपर्स खरीद में गड़बड़ी

प्रश्न: भाजपा विधायक राज सिन्हा ने वृद्धों के लिए सपोर्टिंग डिवाइस ऑर्थोपेडिक कैलीपर्स की जगह मापने वाला वर्नियर कैलिपर्स खरीदने का गंभीर मामला उठाया।

मंत्री का जवाब: मंत्री इरफान ने स्वीकार किया कि लालदेव रजक नामक शख्स ने विभाग को गुमराह किया था। उन्होंने कहा, "जांच चल रही है, रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।" हालांकि, उन्होंने इसे 'घोटाला' कहने से इनकार करते हुए कहा कि यह महज ₹2 लाख 48 हजार 500 का सामान था।

3. राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर का संचालन

प्रश्न: झामुमो विधायक मो. ताजुद्दीन ने राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर का संचालन नहीं होने से दुर्घटना के समय नागरिकों को आकस्मिक सुविधा न मिलने का मामला उठाया, जिससे लोगों को जान गंवानी पड़ रही है।

मंत्री का जवाब: मंत्री इरफान ने माना कि डॉक्टर की कमी की वजह से संचालन सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि वह खुद स्पॉट पर जाकर मामले का निरीक्षण करेंगे।

4. हजारीबाग के बरकट्ठा डिग्री कॉलेज में व्यवस्था का अभाव

प्रश्न: भाजपा विधायक अमित कुमार यादव ने हजारीबाग के बरकट्ठा स्थित डिग्री कॉलेज में शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के नहीं रहने का मामला उठाया। उन्होंने सवाल किया कि बिना कोई व्यवस्था किए बच्चों का दाखिला क्यों लिया गया और उनके भविष्य से खिलवाड़ के लिए जिम्मेदार कौन है।

मंत्री का जवाब: मंत्री सुदिव्य ने स्वीकार किया कि छात्रों को दिक्कत जरूर हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रभारी प्राचार्य को नियुक्त कर दिया गया है, लेकिन बहाली की प्रक्रिया में समय लगता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बहाली प्रक्रिया शुरू होते ही मामला CBI जाँच और कोर्ट पहुँच जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अभिभावक चाहेंगे तो बच्चों को दूसरी जगह एडजस्ट किया जाएगा।

5. SNMCH में किडनी रोगियों का इलाज

प्रश्न: भाजपा विधायक रागिनी सिंह ने SNMCH (धनबाद) और आस-पास के जिलों के किडनी रोगियों को मुकम्मल इलाज नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने अस्पताल में गंदगी, मशीनों के खराब होने और डायलिसिस न हो पाने की शिकायत की।

मंत्री का जवाब: मंत्री इरफान ने कहा कि अस्पताल को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाना है और सरकार इसको लेकर गंभीर है। उन्होंने विधायक को बहुत जल्द उनके साथ अस्पताल का निरीक्षण करने और व्यवस्था सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया।

सड़क हादसे की जांच के कमेटी गठित,जिलाधिकारी अध्यक्ष

*कमेटी में डीएम के साथ सीओ यातायात,एक्सईएन पीडब्ल्यूडी व प्राविधिक निरीक्षक करेंगे जांच

गोंडा।जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के अनभुला गांव के पास हुए सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है जो पूरे मामले की पड़ताल करेगी।इस तीन सदस्यीय जांच कमेटी में सिओ यातायात राजेश कुमार सिंह, प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार त्रिपाठी व संभागीय प्राविधिक निरीक्षक बृजेश कुमार शामिल हैं।यह कमेटी हादसे के कारणों,तरीके और परिस्थितियों सहित सभी बिंदुओं पर गहन जांच कर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन को रिपोर्ट सौंपेगी।शुरुआती जांच में सामने आया है कि उत्तराखंड डिपो की रोडवेज बस अपनी साइड से आ रही थी जबकि दूसरी साइड से आकर एक कार ने उसे टक्कर मार दिया।जांच के दौरान यह भी पता चला है कि कार के केवल दो एयर बैग ही खुले थे,जिसके कारण इतना गंभीर हादसा हुआ और तीन लोगों की जान गई।जांच रिपोर्ट के आधार पर ही जिलाधिकारी आगे का निर्णय लेंगी।सीओ यातायात राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गयी है।उन्होंने कहा कि तीन सदस्यीय जांच कमेटी सभी बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है और आज से टीम द्वारा जांच की जाएगी।कल देर शाम ही जांच के आदेश प्राप्त हुए हैं।जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा।

ट्रैक्टर ने तीन वाहनों को मारी टक्कर, चालक की हालत गंभीर

स्कार्पियो से टकराकर बाइक को रौंदा,वैगनआर से टक्कर, पहिया निकला बाहर

गोंडा।जिले के परसपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गौरीगंज चचरी मार्ग पर बदरहा चौराहे के समीप देर रात एक अनियंत्रित ट्रैक्टर ने तीन वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया।इस हादसे में ट्रैक्टर चालक गंभीर रूप से घायल हो गया,जबकि अन्य वाहनों के सवार सुरक्षित बताए जा रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार 27 वर्षीय पुत्तीलाल छत ढलाई का काम खत्म कर मशीन के साथ ट्रैक्टर से लौट रहा था कि तभी सामने से आ रही स्कार्पियो कार के दाहिने हिस्से से टक्कर हो गई।

टक्कर इतनी भीषण था कि ट्रैक्टर का दाहिना पहिया उखड़ कर बाहर निकल गया जिससे ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया।अनियंत्रित ट्रैक्टर ने पहले सामने से आ रही वैगनआर कार को टक्कर मारी उसके बाद एक मोटरसाइकिल को रौंदते हुए सड़क किनारे खाई में पलट गया।इस हादसे में ट्रैक्टर चालक पुत्तीलाल के सिर में गंभीर चोटें आई हैं।घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे शाहपुर चौकी प्रभारी ने छानबीन शुरू कर दिया।घायल ट्रैक्टर चालक को एक निजी अस्पताल में कराया गया जहाँ से उसके गंभीर हालत को देखते हुए गोंडा मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया गया।परसपुर थाना अध्यक्ष अनुज त्रिपाठी ने बताया कि हादसे में किसी की मौत नहीं हुई है परन्तु कई वाहनों का नुकसान हुआ है।पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

निलंबित बीएसए मामले में हाईकोर्ट का सरकार को अंतिम अवसर

सरकार से कई सवालों का कोर्ट ने मांगा जवाब,बुधवार को सुनाया जाएगा फैसला

गोंडा।रिश्वतखोरी के आरोप में 11 नवंबर को निलंबित किए गये बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने अपने निलंबन को रद्द कर बहाली की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर किया था।इस मामले में 28 नवंबर से लगातार सुनवाई चल रही है जिसमें 2,4 व 8 दिसंबर को भी सुनवाई हुई थी परन्तु अभी तक निलंबित बीएसए को उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिला है।8 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सरकार के रवैए पर कड़ी नाराजगी व्यक्त किया था।न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुधवार तक मामले में पुरा ब्योरा दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है।न्यायालय ने टिप्पणी किया कि बार बार ब्योरा मांगे जाने के बावजूद अधूरा विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि बुधवार तक सही और पूर्ण ब्योरा नहीं दाखिल किया जाता है तो उसे मजबूरन उसी दिन मामले में निर्णय लेना होगा।यह निर्देश सरकार की तरफ से बार बार ब्योरा देने में देरी और अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने के बाद आया है।इस मामले में 38 नवंबर को जस्टिस मनीष माथुर की खंडपीठ ने ही उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग को इस मामले में विस्तृत ब्योरा दाखिल करने का निर्देश दिया था।हालांकि सरकार ने शुरुआती दो सुनवाई में ब्योरा दाखिल नहीं किया और 8 दिसंबर को सुनवाई के दौरान अपना विवरण प्रस्तुत किया और न्यायालय ने सरकार द्वारा दाखिल किये गए ब्योरै को अस्पष्ट पाया जिसके कारण यह नाराजगी व्यक्त की गयी और बुधवार तक स्पष्ट ब्योरा मांगा गया।यह मामला शिकायतकर्ता मनोज कुमार पाण्डेय द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है।पांडेय ने आरोप लगाया है कि अतुल कुमार तिवारी ने स्कूलों में फर्नीचर आपूर्ति के टेंडर प्रक्रिया के नाम पर उनसे 22 लाख रुपये की रिश्वत लिया था और रिश्वत लेने के बावजूद उन्हें काम नहीं दिया और उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया।इसके बाद तिवारी ने गलत आरोप लगाकर उनके खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया।जिसको लेकर अतुल कुमार तिवारी सहित 3 लोगों पर नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज है।इसी मामले में शासन ने उन्हें 11 नवंबर को निलंबित करते हुए विभागीय जांच भी प्रारम्भ करने का निर्देश दिया था।इसी निलंबन को वापस लिये जाने की मांग को लेकर अतुल कुमार तिवारी हाईकोर्ट गए हैं।

रामराज में बिना मान्यता चल रहे प्राइवेट स्कूल, आठवीं–दसवीं की मान्यता पर पढ़ा रहे इंटर तक — अभिभावकों में गहरा रोष, चेताया आंदोलन

बहसुमा। मेरठ।रामराज क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। क्षेत्र में कई प्राइवेट स्कूल ऐसे चल रहे हैं जिनकी मान्यता केवल आठवीं या दसवीं तक है, लेकिन वे नियमों को नजरअंदाज करते हुए बच्चों को इंटर तक की कक्षाएँ पढ़ा रहे हैं। बिना मान्यता के चल रहे इन प्राइवेट स्कूलों पर न तो कोई निगरानी है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है।

अभिभावकों का कहना है कि इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को यह तक जानकारी नहीं होती कि उन्होंने इंटर किस बोर्ड या किस मान्यता प्राप्त संस्थान से पास किया है। जब बच्चों से पूछा जाता है कि उन्होंने इंटर पास कहां से की है, तो वे स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाते। यह स्थिति इन संस्थानों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती है और बच्चों के भविष्य को संकट में डालती है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मुद्दे की शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। इसके चलते अभिभावकों में भारी नाराज़गी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही बिना मान्यता के चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई नहीं की, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

अभिभावकों का कहना है इंद्रपाल सिंह अवनीश कुमार रोहित कुमार अरुण को तोमर नेकहां बच्चों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हिस्ट्री आफ म्यूजिक कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई 4000 वर्षों की संगीत यात्रा

मुंबई । भारतीय विद्या भवन में रविवार को समन्वय इवेंट द्वारा हिस्ट्री

ऑफ म्यूजिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 4,000 वर्ष पुराने सामवेद गायन से लेकर ध्रुपद और आज के बॉलीवुड संगीत तक की अनोखी प्रस्तुति दी गई। दरभंगा घराने के पंडित सुखदेव चतुर्वेदी व उनके शिष्यों ने सभी संगीत विधाओं को प्रभावशाली ढंग से पेश किया।उद्घाटन महामंडलेश्वर स्वामी विद्यानंद सरस्वती ने किया।

कार्यक्रम में डॉ. मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा, सुंदरचंदजी ठाकुर, एडवोकेट आभा सिंह, उद्योगपति प्रेमलता मोहता, लालू भाई शाह, रूपा बाबरी, डॉ. वत्सल पारेख, निखिल रुंगटा, देवेश चतुर्वेदी, सुनील चतुर्वेदी, मीना बाफना उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम हिंदुस्तान पेट्रोलियम, बैंक ऑफ बडोदा, लोढ़ा फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया। संचालन जानवी जोशी और मीता अग्रवाल ने किया। आयोजक गगन और अधिष्ठा ने आभार व्यक्त किया।

सोनिया गांधी को कोर्ट ने जारी किया नोटिस, दिल्ली पुलिस से भी मांगा जवाब, जानें क्या है मामला

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दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। अदालत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कथित रूप से बिना भारतीय नागरिकता लिए वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सोनिया गांधी के अलावा दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है।

राउज़ एवेन्यू सेशंस कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया है। दिल्ली के राउज़ एवेन्यू सेशंस कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को खारिज कर दिया गया था। आरोप है कि सोनिया गांधी ने वर्ष 1980 में कथित रूप से अपने नाम को मतदाता सूची में शामिल कराया था। यह याचिका अधिवक्ता विकस त्रिपाठी ने दायर की है।

नागरिकता मिलने से पहले मतदाता सूची में नाम!

वकील विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर कर आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी को 30 अप्रैल 1983 को भारत की नागरिकता मिली, लेकिन इसके तीन साल पहले यानी 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम पहले से मौजूद था। याचिकाकर्ता का कहना है कि मतदाता सूची में नाम केवल उन्हीं का शामिल हो सकता है, जिनके पास भारतीय नागरिकता हो, इसलिए 1980 की लिस्ट में एंट्री अपने आप में संदेह पैदा करती है।

फर्जी कागज के इस्तेमाल का अंदेशा

सवाल उठाया गया है कि जब वह भारतीय नागरिक नहीं थीं, तब 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे जोड़ा गया। याचिकाकर्ता ने पूछा है कि 1980 में उनका नाम जोड़ने के लिए कौन से दस्तावेज दिए गए थे और क्या कोई गलत या फर्जी कागज इस्तेमाल किए गए थे।

सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग

दरअसल पिछले दिनों SIR को लेकर जारी विवाद के बीच ऐसे दावा किया गया कि सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से पहले कथित रूप से मतदाता सूची यानी इलेक्टोरल रोल में दर्ज था। याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की है कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराई जाए और अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो सोनिया गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

कानून नियम जरूरी, लेकिन किसी को परेशानी न हो...इंडिगो संकट के बीच पीएम मोदी का बड़ा बयान

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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को यात्रियों को पिछले कुछ समय से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। करीब एक हफ्ते में इसकी 4,500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिगो संकट पर बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने कहा है कि नियम-कानून बनाने का मकसद सिस्टम को बेहतर करना होना चाहिए, न कि आम नागरिकों को परेशान करना।

पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों की बैठक के दौरान इंडिगो संकट पर ये बात कही।संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज संसद परिसर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल दलों के सांसदों की बैठक हुई।

सांसदों से सभी क्षेत्रों में सुधार का आह्वान

एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, आज की बैठक में बिहार चुनावों में एनडीए की जीत के लिए सभी एनडीए नेताओं ने पीएम मोदी को बधाई दी। पीएम मोदी ने सभी एनडीए सांसदों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए काम करने का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने जनता के जीवन को आसान बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी क्षेत्रों में सुधार करने पर जोर दिया कि उन्हें कोई समस्या न हो।

कानून लोगों पर बोझ नहीं बने

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत साफ शब्दों में कहा है कि कोई भी ऐसा कानून, नियम नहीं होना चाहिए, जो बिना मतलब नागरिकों को परेशान करें। कानून लोगों पर बोझ नहीं बल्कि उनकी सुविधा के लिए होना चाहिए। पीएम ने कहा कि कानूनों से लोगों की मदद होनी चाहिए। उन्होंने सांसदों से युवाओं से जुड़ने का आह्वान किया।

बड़े एयरपोर्ट्स का जायजा लेंगे बड़े अधिकारी

इधर, इंडिगो एयरलाइन की वजह से हवाई अड्डों पर यात्रियों को हो रही भारी दिक्कतों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और ज्वाइंट सेक्रेटरी जैसे बड़े अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे जल्द ही देश के बड़े हवाई अड्डों पर जाकर जमीनी हकीकत का जायजा लें। ये अधिकारी मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम जैसे हवाई अड्डों का दौरा करेंगे। इसका मकसद यह समझना है कि यात्रियों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।