हेमंत सरकार झारखंडी युवाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध : विनोद पांडेय

रांची। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा सिर्फ़ राजनीतिक लाभ के लिए भ्रामक बातें फैलाने में लगी है, जबकि हेमंत सोरेन सरकार राज्यहित में ठोस और संवेदनशील कदम उठा रही है।

विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा - भाजपा नेताओं को पहले यह बताना चाहिए कि 18 वर्षों के लंबे शासनकाल में उसने खतियान आधारित स्थानीय नीति पर क्या काम किया? जिन मुद्दों पर आज सवाल उठाए जा रहे हैं, उन्हीं पर भाजपा की सरकारें वर्षों तक चुप क्यों रहीं?

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने स्थानीय युवाओं के रोजगार, पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। नीति निर्माण एक संवैधानिक प्रक्रिया है। सरकार ने इसे जिम्मेदारी से आगे बढ़ाया है। यह जग जाहिर है कि भाजपा नेता झारखंड के विकास और यहां की अस्मिता से जुड़े हेमंत सरकार के फैसलों को अटकाने का काम करते हैं।

75% ठेका स्थानीय लोगों को देने के मुद्दे पर विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। “सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि स्थानीय ठेकेदारों और उद्यमियों को अधिक अवसर मिले। प्रक्रियाओं को सक्षम, पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने के लिए सुधार किए जा रहे हैं। भाजपा बिना तथ्यों की जांच किए दिग्भ्रमित करने के लिए सोच सोच समझ कर बयान दे रही है।

विनोद पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार झारखंडी युवाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है, और भाजपा सिर्फ़ राजनीति के लिए अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है। जनता सब देख रही है और झूठे आरोपों से गुमराह नहीं होगी।

आईआईटी-ISM धनबाद के 100वें स्थापना दिवस पर गौतम अडानी का संदेश: भारत को महाशक्ति बनाने के लिए युवाओं को दिया मंत्र

देश के प्राचीन और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी (ISM) धनबाद ने अपने 100वें स्थापना दिवस का भव्य समारोह आयोजित किया, जिसमें अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों, पूर्व छात्रों और शिक्षकों को करीब 40 मिनट का प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की महाशक्ति बनने की राह के बारे में महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

गौतम अडानी ने कहा कि भारत को अपनी तकदीर खुद लिखनी होगी और इसके लिए सबसे पहले उसे अपनी जमीन और संसाधनों को पूरी तरह समझना और नियंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि यदि भारत की जमीन और उसके नीचे मौजूद संसाधनों पर उसका पूरा अधिकार नहीं होगा तो वह कभी पूर्ण रूप से संप्रभु नहीं बन सकता। अडानी ने यह स्पष्ट किया कि जमीन पर कब्जा हो तो उसी की ऊर्जा पर भी कब्जा होता है, और ऊर्जा पर नियंत्रण ही संप्रभुता की कुंजी है।

अडानी ने आईआईटी-ISM धनबाद के 1926 में स्थापना के समय की दूरदर्शिता का महत्व बताते हुए कहा कि उस दौर में देश में स्वतंत्रता की आंधी के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेताओं ने भविष्य को देखते हुए खनन और भू-वैज्ञानिक इंजीनियरों की जरूरत को पहचाना था। उन्होंने कहा कि कोयला, लोहा, तांबा, बॉक्साइट जैसे संसाधन भारत की रीढ़ की हड्डी हैं, और आज ये संसाधन भारत को विश्व में महाशक्ति बनाने की आधारशिला होंगे।

विश्व व्यवस्था में हो रहे बदलावों पर अडानी ने कहा कि पुराना वैश्विक व्यापार और सहयोग ढांचा टूट रहा है। अमेरिका, चीन, यूरोप जैसे शक्तिशाली देश अब अपनी घरेलू सुरक्षा और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे सेमीकंडक्टर और दुर्लभ मिट्टी जैसे संसाधनों की महत्त्वपूर्ण लड़ाई छिड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत को इस नए परिवर्तन को समझकर अपनी ऊर्जा सुरक्षा और संसाधनों का पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करना होगा।

गौतम अडानी ने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि इतिहास को कभी कैनवास नहीं समझना चाहिए, जिस पर कोई और अपनी मर्जी से तस्वीर बनाए। इतिहास को आईना बनाना चाहिए, जिससे अपने अतीत को समझकर भविष्य खुद बनाया जा सके। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि वे अपनी धरती की ताकत को पहचानें और उस पर पूरा हक जमाएं।

अखिर में उन्होंने संस्थान के छात्रों को याद दिलाया कि वे उस धरती पर अध्ययन कर रहे हैं जहां देश के 70 प्रतिशत से अधिक कोयला खदानें, लौह अयस्क, यूरेनियम और दुर्लभ खनिज मौजूद हैं। वे सिर्फ इंजीनियर नहीं, बल्कि उस टीम के हिस्से हैं जो आने वाले 50 वर्षों तक भारत की ऊर्जा और संप्रभुता की नींव रखेगी। अडानी ने इस काम को केवल नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण का महान कार्य बताया।

इस प्रकार, गौतम अडानी ने आईआईटी-ISM के शताब्दी समारोह के माध्यम से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर देश के ऊर्जा और संसाधनों के प्रति जागरूकता बढ़ाई, जिससे भारत अपने महाशक्ति बनने के सपने को साकार कर सके।

बिहार में सताने लगी सर्दी, पछुआ हवा ने बढ़ाई परेशानी, तापमान में तेज गिरावट

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बिहार में ठंड और तेज होती जा रही है। पूरे राज्य में शीतलहर ने दस्तक दे दी है।बिहार में पछुआ हवा के कारण ठंड और बढ़ गई है। 20–25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा चल रही है। जिसके कारण राज्य भर में न्यूनतम तापमान लगातार नीचे जा रहा है, जिससे कड़ाके की ठंड लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, पिछले दो-तीन दिनों में राज्य के कई जिलों में रात का पारा काफी नीचे तक रिकॉर्ड किया गया है। पटना में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और गया में 10.6 डिग्री दर्ज हुआ। प्रशासन ने बच्चों, बुजुर्गों और यात्रियों को विशेष सावधानी बरतने की अपील की है, क्योंकि ये ठंड अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है।

घने कोहरे को लेकर अलर्ट

बिहार मौसम सेवा केंद्र ने 11 दिसंबर तक राज्य के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में घने कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, गोपालगंज, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज जैसे जिलों में घने कोहरे की चेतावनी है, जबकि औरंगाबाद, गया, रोहतास और कैमूर में भी कोहरे का असर दिख सकता है। सबसे कम तापमान सबौर में 8.4 डिग्री दर्ज किया गया है।

48 घंटे तक लगातार जारी रहेंगी पछुआ हवाएं

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 15-20 किमी/घंटा की रफ्तार वाली ठंडी पछुआ हवाएं अगले 48 घंटे तक लगातार जारी रहेंगी। हवाओं और तापमान में गिरावट के कारण सुबह के समय घना कोहरा दिख रहा है। जिससे विजिबिलिटी (दृश्यता) काफी कम हो जा रही है। विजिबिलिटी कई जिलों में 50 मीटर से भी नीचे जाने की आशंका है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित होने की संभावना है।

अगले 3–4 दिनों तक कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 3–4 दिनों में प्रदेश के मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही, अधिकतम तापमान में हल्की कमी आ सकती है, जबकि न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना नहीं जताई गई है। दक्षिण बिहार के कई जिले जैसे बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल और रोहतास में रात का तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। 15 दिसंबर तक पूरे राज्य में मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है और बारिश को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।

मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव को लेकर विवाद, मुस्लिम समाज के असली मुद्दों को लेकर उठे सवाल

संभल । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर को हमायूँ कबीर नामक राजनीतिक व्यक्ति द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने को लेकर विवाद गहरा गया है। हमायूँ कबीर पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। आरोप है कि उन्होंने इस कदम को राजनीतिक स्वार्थ और भावनात्मक मुद्दों को उभारकर मुस्लिम समाज में विभाजन पैदा करने के उद्देश्य से उठाया है।इस मामले पर मौहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ,सामाजिक कार्यकर्त्ता प्रबंधक-मदरसा मौलाना मौहम्मद अली जौहर,अध्यक्ष-गामा पहलवान महिला-पुरुष कुश्ती ग्रामीण खेलकूद प्रशिक्षण एकेडमी ने ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बाबर या किसी भी मुगल शासक को भारत के मुसलमानों द्वारा कभी भी अपना पूर्वज नहीं माना गया है और इस प्रकार के मुद्दों का न तो वर्तमान मुस्लिम समाज से संबंध है और न ही इससे समाज का कोई वास्तविक हित जुड़ा है।

भारत में मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी जरूरतें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास, सुरक्षा और न्याय से जुड़ी हैं। उन्होंने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट के 403 पन्नों में मुस्लिम समाज की आर्थिक व शैक्षिक स्थिति को बेहद खराब बताया गया था, लेकिन रिपोर्ट लगभग 19 वर्षों से लागू होने का इंतजार कर रही है।बाबरी मस्जिद के नाम पर फिर से आंदोलन या निर्माण की बात सामने आने को लेकर आशंका जताई जा रही है कि इससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। कुछ हिंदूवादी संगठनों ने विरोध भी शुरू कर दिया है और मस्जिद निर्माण न होने देने की चेतावनी दी है।इस स्थिति में सामाजिक संगठनों ने अपील की है कि मुस्लिम समुदाय को नफरत और भावनात्मक राजनीति से दूर रहकर अपने वास्तविक विकास से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही मुस्लिम नेतृत्व और जिम्मेदार व्यक्तियों से अपील की गई है कि वे ऐसे राजनीतिक प्रयासों का विरोध करें जो समाज में वैमनस्य फैलाने वाली साम्प्रदायिक ताकतों को बढ़ावा दें।संगठनों का कहना है कि वर्तमान समय में देश की एकता, सद्भाव और गंगा-जमुनी तहज़ीब को मजबूत बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए तथा किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई को सफल नहीं होने देना चाहिए।

महापौर ने 50 सदस्यो के दल तमिलनाडू से प्रयागराज पहुंचने पर उनका भव्य रूप से स्वागत किया

काशी तमिल संगमम् यात्रा ने भाषा संस्कृति और क्षेत्रीय भिन्नताओं के नाम पर फैलाए गए भ्रमों को दूर करने का काम किया-महापौर

काशी तमिल संगमम यात्रा हमारी एकता समरसता और सांस्कृतिक गौरव का जीवंत उदाहरण

संजय द्विवेदी प्रयागराज।काशी तमिल संगमम् यात्रा के 50 सदस्य जो सड़क मार्ग से तमिलनाडू से चलकर मंगलवार को प्रयागराज के होटल रवीसा पहुंचे उनका भव्य रूप से स्वागत एवं अभिनंदन महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी द्वारा किया। दल में सम्मिलित सदस्यो का तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया। काशी तमिल संगमम्’’यात्रा दल में सम्मिलित सदस्यो के साथ होटल रवीसा में आयोजित कार्यक्रम में हेल्थ अवेयरनेस कैम्प तमिल साहित्य और भाषा की समृद्धि के बारे में जागरूकता डिजिटल तरीकों से शिक्षा की पहुंच को बढ़ाना फाइनेंशियल लिटरेसी के बारे में जागरूकता फैलाना शारीरिक और आध्यात्मिक सेहत एवं रिपेयर और मेंटेनेंस सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गयी।इस अवसर पर महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा कि काशी तमिल संगमम् यात्रा माननीय प्रधानमंत्री की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसने भाषा संस्कृति और क्षेत्रीय भिन्नताओ के नाम पर फैलाए गए भ्रमो को दूर किया है।यह कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक एकता को जगाने वाला है।उन्होंने कहा कि काशी और तमिल संस्कृति के बीच प्राचीन काल से ही आध्यात्मिक और विद्यानिष्ठ सम्बंध रहे है।यह संगमम युवा पीढ़ी को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का उत्कृष्ट माध्यम है।उन्होंने कहा कि हमारी पुरातन संस्कृति में कभी भाषा का विवाद एवं जातीयता का उन्माद नहीं रहा। हमारी संस्कृति‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’के मंत्र को आत्मसात करते हुए पूरे विश्व के कल्याण की कामना करती है।उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम यात्रा हमारे एकता समरसता और सांस्कृतिक गौरव का जीवंत उदाहरण है।इस अवसर पर नगर मजिस्टेट विनोद कुमार सिंह ने कहा कि काशी तमिल संगमम यात्रा भारतीय संस्कृति की उस आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है,जो उत्तर से दक्षिण तक हमें जोड़ती है।हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि यह यात्रा यहां पहुंची और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सुअवसर प्रदान किया।काशी तमिल संगमम यात्रा में सम्मिलित सदस्यों ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास स्थापित तिरूवल्लुवर की भव्य प्रतिमा का दर्शन भी किया।इस अवसर पर काशी तमिल संगमम यात्रा में सम्मिलित सदस्यो सहित अन्य सम्बंधित लोग उपस्थित रहे।

विनय सोनकर के नेतृत्व में एस आई आर को लेकर गांव गांव जा रहे सपा कार्यकर्ता

एस आई आर का समय बढाये. चूनाव आयोग जिससे कोई भी मतदाता वंचित न रहे-राजेश पाण्डेय

संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत विधान सभा कोरांव क्षेत्र में एस आई आर को लेकर चूनाव आयोग द्वारा निर्धारित समय सीमा तक एस आई आर का फार्म भरवाए जाने का निर्देश दिया गया है। जिसको देखते हुए राजनैतिक दल भी सक्रिय भूमिका निभा कर मतदाताओ के घर घर जाकर बी एल ओ से मिलकर फार्म भरा रहे है इसी क्रम में जिला सचिव विनय सोनकर के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ ने कपासी. बैदवार.जादीपुर पथरताल सहित नगर पंचायत कोरांव मे चल रहे एस आई आर फार्म का जायजा लिया गया जहां पर ग्रामीणो द्वारा फार्म भराया गया।वही किसान नेता जिला उपाध्यक्ष समाजवादी पार्टी राजेश पाण्डेय ने कहा कि यह समय बहुत ही कम है जिसके कारण जल्दी जल्दी में मतदाताओ का मिलान नही हो पा रहा है।इसी समय धान की कटाई और गेहूं की बोआई का कार्य चल रहा है जिसके कारण मजदूर किसान बूथ पर नही पहुंच पा रहे है हर बूथ से चार पाच सौ मतदाताओ का फार्म नही भरा जा रहा है जिसके कारण मतदाताओ को नाम कटने का भय बना हुआ है इस लिए चुनाव आयोग को एस आई आर की समय सीमा बढाना चाहिए जिससे कोई मतदाता छूटने न पाये वही जिला उपाध्यक्ष ललन सिंह पटेल ने कहा कि समय कम होने के कारण बहुत से मतदाता छूट रहे है कही पर तो नेटवर्क खराब होने के कारण भारी दिक्कत हो रही है वही जिला सचिव दिनेश पटेल ने कहा कि यह जल्दी में लिया गया निर्णय इसकी समय सीमा बढाना चाहिए उन्होने कहा कि कम समय के कारण प्रदेश में बी एल ओ अपनी जान तक गवा रहे है सरकार तथा चूनाव आयोग के गलत नितियो के कारण बी एल ओ को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड रहा है लगभग एक माह का समय और बढाया जाए जिससे सभी विधान सभा में मतदाता एस आई आर का फार्म भरा सके।वही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ ने गांव-गांव जाकर मतदाताओ से अपील करते कहा कि बी एल ओ से मिलकर एस आई आर का फार्म भरवाए।आदि लोग मौजूद रहे।

शुचिता और पारदर्शिता से ही मजबूत होगा लोकतंत्र—ब्रजेश पाठक

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने यमुनापार जिले में SIR अभियान की समीक्षा

मतदाता पुनरीक्षण में बूथ स्तर पर सक्रियता बढ़ाने पर दिया जोर

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।यमुनानगर में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR)के तहत आयोजित समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल होना अत्यन्त आवश्यक है।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी सही मतदाता का नाम सूची से छूटे नहीं और किसी भी फर्जी या गैर-पात्र व्यक्ति का नाम सूची में बने नहीं रहना चाहिए।इसके लिए बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को पूरी गंभीरता व जिम्मेदारी के साथ जुटना होगा।उपमुख्यमंत्री ने कहा मतदाता सूची का व्यापक और पारदर्शी पुनरीक्षण ही मजबूत लोकतंत्र की पहचान है।यह अभियान केवल प्रशासनिक औपचारिकता नही बल्कि जनता के अधिकारों से जुड़ा महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।प्रत्येक बूथ पर जिम्मेदारी के साथ कार्य कर सुनिश्चित करें कि अधिकतम पात्र मतदाता शामिल हों।”आगे उन्होंने कहा कि“एक-एक मतदाता की पहचान कर संविधान की भावना के अनुरूप मतदाता जोड़ने का कार्य करे।बिहार के SIR अभियान में विपक्ष द्वारा जो 65 लाख फर्जी मृतक और नाबालिग मतदाता जोड़े गए थे वह उजागर हुआ।भाजपा कार्यकर्ताओं ने वहाँ पारदर्शिता से काम किया परिणाम यह हुआ कि आरजेडी के जंगलराज को जनता ने किनारे कर दिया। यही डर सपा-कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 2027 के चुनाव को लेकर दिखाई दे रहा है।शुचिता और पारदर्शिता से चुनाव हुआ तो परिणाम उत्तर प्रदेश में भी स्पष्ट दिखाई देंगे।

उन्होंने घुसपैठियो के मुद्दे पर कहा कि“विपक्ष द्वारा जो फर्जी नाम जोड़े गए है उन्हें चिन्हित कर हटाया जाए और पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाएं। SIR अभियान लोकतंत्र को मजबूत करने का बड़ा माध्यम है।भाजपा का कार्यकर्ता बड़े से बड़ा दायित्व निभा सकता है-यह केवल भाजपा में ही संभव है।बूथ स्तर पर पारदर्शिता और निष्ठा के साथ कार्य कर लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाया जा सकता है।पाठक ने कार्यकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा“सही पात्र नागरिक का नाम छूटे नहीं और घुसपैठिए का नाम जुड़ न पाए—इस पर प्रत्येक कार्यकर्ता सतर्क रहे। भाजपा में पीछे बैठा कार्यकर्ता भी जिलाध्यक्ष बन सकता है यही पार्टी की असली ताकत है।बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष यमुनापार राजेश शुक्ल ने की। उन्होंने कहा कि हर मंडल और शक्ति केंद्र पर टीमें सक्रिय कर अभियान को गति दी जाएगी और सभी सम्बंधित पदाधिकारी सतत समीक्षा करते रहेंगे।

इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य सुरेंद्र चौधरी जिला प्रभारी अमरनाथ यादव विधायक दीपक पटेल विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी जिला सह-प्रवासी कविता पटेल सुशील मिश्रा जिला महामंत्री पुष्पराज सिंह पटेल जिला संयोजक वीरेन्द्र शुक्ला जिला मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार चतुर्वेदी जिला मंत्री राजेश धनगर योगेश शुक्ला इंदु प्रकाश मिश्रा सहित अन्य गणमान्यजन पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

महामना मालवीय नगर में अवैध डेयरी पर निगम की कार्रवाई 30 हजार रुपये जुर्माना

संजय द्विवेदी प्रयागराज।नगर निगम के पशु कल्याण विभाग ने सोमवार को संभव दिवस के दौरान मिली शिकायत पर महामना मालवीय नगर क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित डेयरी पर सख्त कार्रवाई की।शिकायतकर्ता अनीता गुप्ता निवासी महामना मालवीय नगर के प्रार्थना-पत्र पर पशु कल्याण अधिकारी पशु अतिक्रमण दस्ता और प्रवर्तन दल (ETF)ने संयुक्त रूप से मौके पर पहुँचकर जांच की।जांच के दौरान पशुमालिकों द्वारा अवैध कब्जा कर डेयरी संचालन तथा नाली में गोबर बहाकर गन्दगी फैलाने की पुष्टि हुई।इस पर विभाग ने सम्बंधित पशुमालिको से ₹30,000 का जुर्माना वसूल किया।अधिकारियो ने पशुमालिको को कड़ी चेतावनी दी कि वे पशुओ को खुले में न छोड़े रोड- पटरी पर न बांधे तथा गोबर नालियो/सीवर में न बहाएं।निगम द्वारा की गई कार्रवाई के जीपीएस आधारित फोटो भी संलग्न किए गए है।

अजमेर में वॉटरशेड महोत्सव आयोजित: पिरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर दिया समुदाय आधारित जल संरक्षण पर जोर

अजमेर, राजस्थान: राजस्थान सरकार ने शनिवार को अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में वॉटरशेड महोत्सव का आयोजन किया। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के जरिए जिले में हुए प्रगति का जश्न मनाने पर आधारित रहा। महोत्सव का मूल विचार यही था कि जल सुरक्षा तभी मजबूत होती है, जब इसे समुदाय खुद आगे बढ़कर लागू करे।

पाँच जिलों की टीमों ने अपने अनुभव साझा किए। पंचायत राज संस्थाओं, स्थानीय नेतृत्व और समुदाय समूहों के प्रतिनिधियों ने बताया कि जमीनी स्तर पर क्या बदलाव आया है और वॉटरशेड कार्यों से लोगों की जिंदगी में कैसे सुधार हुआ। कार्यक्रम में माननीय सांसद श्री भागीरथ चौधरी जी और विधायक वासुदेव देवनानी जी के साथ-साथ अजमेर के अन्य महत्वपूर्ण जिला अधिकारी शामिल रहे।

वॉटरशेड और मृदा संरक्षण विभाग के साझेदार के रूप में पिरामल फाउंडेशन ने कार्यक्रम का संचालन करने में अहम् भूमिका निभाई। समुदाय की भागीदारी से जल स्रोतों को फिर से जीवित करने के प्रयासों पर खास फोकस रहा, ताकि जल सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।

कार्यक्रम में पिरामल फाउंडेशन और ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन (एटीईसीएफ) द्वारा साथ मिलकर बनाई गई एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। इस फिल्म में बताया गया कि यदि तालाबों से गाद निकाल दी जाए, तो कैसे उनमें पानी जमा होने की क्षमता साफ तौर पर बढ़ जाती है। और यह काम मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के तहत कैसे किया जा सकता है। साथ ही यह भी समझाया गया कि इसके लिए फिफ्टींथ फाइनेंस कमीशन (एफएफसी) की राशि का उपयोग किस तरह होता है। फिल्म के जरिए लोगों के सामने एक ऐसा आसान और कम खर्च वाला मॉडल पेश किया गया, जो जन भागीदारी पर आधारित है और जिसमें समुदाय सिर्फ हिस्सा ही नहीं बने, बल्कि उसकी जिम्मेदारी भी खुद ले।

पिछले तीन वर्षों में ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन और उसके सहयोगी संगठनों ने राजस्थान के 12 जिलों में करीब 1,200 जलाशयों को पुनर्जीवित करने में मदद की। हाल के चरण में यह काम वित्त आयोग (एफएफसी) की मदद से और पिरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर और आगे बढ़ाया गया। इस पूरे काम का करीब 14 प्रतिशत हिस्सा नीति आयोग के आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स में हुआ। इससे लगभग 1,200 करोड़ लीटर अतिरिक्त पानी जमा करने की क्षमता बनी, जो 12 लाख से ज्यादा पानी के टैंकर्स के बराबर है। इस पहल से लगभग 1,800 गाँवों के करीब 18 लाख लोगों को फायदा पहुँचा।

डब्ल्यूआरआईएस के आँकड़ों के मुताबिक राजस्थान में करीब 82 हजार जलाशय हैं, जिनमें से लगभग 49 हजार को पुनर्जीवित किया जा सकता है। यदि जल निकायों के पुनरुद्धार (आरडब्ल्यूबी) को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के साथ बड़े स्तर पर जोड़ा जाए, तो करीब 26 हजार गाँवों में जल सुरक्षा मजबूत हो सकती है। इससे करीब 33,210 करोड़ लीटर पानी जमा करने की क्षमता बन सकती है, भूजल रिचार्ज बेहतर होगा और पानी के टैंकरों पर होने वाले खर्च में लगभग 9,963 करोड़ रुपये की बचत संभव है।

इस अवसर पर पिरामल फाउंडेशन की स्कूल ऑफ क्लाइमेट एंड सस्टेनेबिलिटी की प्रमुख संगीता ममगैन ने कहा , "पिछले 17 वर्षों से पिरामल फाउंडेशन राजस्थान सरकार के साथ मिलकर स्कूल नेतृत्व, शिक्षकों की क्षमता और छात्रों की पढ़ाई के नतीजों को बेहतर बनाने पर काम करता रहा है। इसी अनुभव के आधार पर अब फाउंडेशन गांधी फेलोशिप मॉडल को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जोड़ रहा है। अजमेर में एमजेएसए के तहत वॉटरशेड विकास एवं मृदा संरक्षण निदेशालय के साथ मिलकर जल स्रोतों के मशीन आधारित पुनर्जीवन में सहयोग किया गया, ताकि राजस्थान को जलवायु के लिहाज से ज्यादा मजबूत बनाया जा सके।"

इस मौके पर ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन की सीओओ अमृता कस्तूरी रंगन ने कहा , "राजस्थान पानी की अहमियत को अच्छी तरह समझता है। जब विभाग और फाउंडेशन एक साथ आते हैं, तो काम का असर कई गुना बढ़ जाता है। पिछले कुछ सालों में यह साफ दिखा है कि जब लोग, संस्थान और सिस्टम मिलकर काम करते हैं, तो जल स्रोतों का पुनर्जीवन तेजी से होता है। वॉटरशेड महोत्सव उसी साझी मेहनत को सराहने का एक मौका है। ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन आगे भी ऐसे ही काम करता रहेगा, जिनमें लोगों को केंद्र में रखा जाए, पर्यावरण की रक्षा हो और आने वाले समय के लिए जल सुरक्षा मजबूत बने।"

वॉटरशेड विकास एवं मृदा संरक्षण विभाग, राजस्थान सरकार के निदेशक, आईएएस श्री मुहम्मद जुनैद पी. पी. ने कहा , "मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण में जमीन पर बेहतर नतीजे मिले हैं, लेकिन आगे का सफर अभी लंबा है। सामाजिक संगठनों और सीएसआर साझेदारों के साथ मिलकर हम सबसे असरदार उपाय और नए प्रयोग पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि अगला चरण सही दिशा में आगे बढ़ सके। उनके अनुसार, मिलकर एक साफ कार्ययोजना तय करने से लंबे समय तक जुड़ाव बना रहेगा और राजस्थान के गाँवों को स्थायी लाभ मिल सकेगा।"

वॉटरशेड महोत्सव का उद्देश्य समाज के लोगों, सरकारी टीमों और साझेदार संगठनों को एक साथ लाना रहा। यहाँ जमीनी स्तर पर हो रहे उत्कृष्ट कार्यों को पहचानने, उनसे सीखने और जल सुरक्षित राजस्थान की ओर और तेजी से बढ़ने पर जोर दिया गया।

“AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल

AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल - Parakh Khabar

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के राइट्स इश्यू, इन दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा में है। निवेशकों की दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि इसकी राइट्स एंटाइटलमेंट (आरई) की कीमत दो ही ट्रेडिंग सेशंस में 23% बढ़कर सबको हैरान कर चुकी है। 3 दिसंबर को यह ₹349.80 थी जो 5 दिसंबर को बढ़कर ₹430.65 तक पहुंच गई। नए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एईएल में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 72% है, जबकि संस्थागत निवेशकों की भागीदारी लगभग 20% और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 8% दर्ज की गई है।

इसके साथ ही एईएल के मुख्य शेयर में भी मजबूती देखी गई, जो ₹2,190 से बढ़कर ₹2,265 तक पहुंच गया। यानी निवेशकों की नजर सिर्फ आरई पर नहीं, पूरे स्टॉक पर है। इसका सबसे बड़ा कारण राइट्स इश्यू का ₹1,800 प्रति शेयर का आकर्षक प्राइस है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से काफी कम है। यही वजह है कि यह ऑफर आम निवेशकों को भी सस्ता और मजबूत मौका लगता है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राइट्स इश्यू शुरू होने के नौ दिनों में जितनी बिड्स आईं, उनमें से लगभग आधी सिर्फ दो दिनों में आ गईं। यह साफ दिखाता है कि बाजार में एईएल के शेयर को लेकर उत्साह एकदम चरम पर है। ₹25,000 करोड़ की यह इश्यू भारत की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक मानी जा रही है और इसे पार्टली-पेड मॉडल में लाया गया है, ताकि निवेशकों को पूरी रकम एक साथ न देनी पड़े। पहले थोड़ा, फिर धीरे-धीरे बाकी यह व्यवस्था आम निवेशकों के लिए आसान और आकर्षक बन गई है।

एईएल को लेकर यह उत्साह यूं ही नहीं है। कंपनी एयरपोर्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे उन सेक्टर्स में तेजी से विस्तार कर रही है, जिन्हें भारत की अगली दशक की ग्रोथ स्टोरी का इंजन माना जा रहा है। निवेशकों का मानना है कि एईएल आने वाले वर्षों में उन बड़े बदलावों के केंद्र में रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यही भरोसा इस राइट्स इश्यू को निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना रहा है। राइट्स एंटाइटलमेंट लेने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2025 है और जैसे-जैसे यह समय करीब आ रहा है बाजार में उत्साह और बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से आरई की कीमत उछली है और आवेदन की रफ्तार बढ़ी है, उससे एक ही बात साफ दिखाई देती है एईएल के इस ऑफर को लेकर निवेशकों का माहौल गरम है और उनका नारा भी जोर से गूंज रहा है, “मुझे भी चाहिए एईएल!”

हेमंत सरकार झारखंडी युवाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध : विनोद पांडेय

रांची। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा सिर्फ़ राजनीतिक लाभ के लिए भ्रामक बातें फैलाने में लगी है, जबकि हेमंत सोरेन सरकार राज्यहित में ठोस और संवेदनशील कदम उठा रही है।

विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा - भाजपा नेताओं को पहले यह बताना चाहिए कि 18 वर्षों के लंबे शासनकाल में उसने खतियान आधारित स्थानीय नीति पर क्या काम किया? जिन मुद्दों पर आज सवाल उठाए जा रहे हैं, उन्हीं पर भाजपा की सरकारें वर्षों तक चुप क्यों रहीं?

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने स्थानीय युवाओं के रोजगार, पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। नीति निर्माण एक संवैधानिक प्रक्रिया है। सरकार ने इसे जिम्मेदारी से आगे बढ़ाया है। यह जग जाहिर है कि भाजपा नेता झारखंड के विकास और यहां की अस्मिता से जुड़े हेमंत सरकार के फैसलों को अटकाने का काम करते हैं।

75% ठेका स्थानीय लोगों को देने के मुद्दे पर विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। “सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि स्थानीय ठेकेदारों और उद्यमियों को अधिक अवसर मिले। प्रक्रियाओं को सक्षम, पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने के लिए सुधार किए जा रहे हैं। भाजपा बिना तथ्यों की जांच किए दिग्भ्रमित करने के लिए सोच सोच समझ कर बयान दे रही है।

विनोद पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार झारखंडी युवाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है, और भाजपा सिर्फ़ राजनीति के लिए अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है। जनता सब देख रही है और झूठे आरोपों से गुमराह नहीं होगी।

आईआईटी-ISM धनबाद के 100वें स्थापना दिवस पर गौतम अडानी का संदेश: भारत को महाशक्ति बनाने के लिए युवाओं को दिया मंत्र

देश के प्राचीन और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी (ISM) धनबाद ने अपने 100वें स्थापना दिवस का भव्य समारोह आयोजित किया, जिसमें अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों, पूर्व छात्रों और शिक्षकों को करीब 40 मिनट का प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की महाशक्ति बनने की राह के बारे में महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

गौतम अडानी ने कहा कि भारत को अपनी तकदीर खुद लिखनी होगी और इसके लिए सबसे पहले उसे अपनी जमीन और संसाधनों को पूरी तरह समझना और नियंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि यदि भारत की जमीन और उसके नीचे मौजूद संसाधनों पर उसका पूरा अधिकार नहीं होगा तो वह कभी पूर्ण रूप से संप्रभु नहीं बन सकता। अडानी ने यह स्पष्ट किया कि जमीन पर कब्जा हो तो उसी की ऊर्जा पर भी कब्जा होता है, और ऊर्जा पर नियंत्रण ही संप्रभुता की कुंजी है।

अडानी ने आईआईटी-ISM धनबाद के 1926 में स्थापना के समय की दूरदर्शिता का महत्व बताते हुए कहा कि उस दौर में देश में स्वतंत्रता की आंधी के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेताओं ने भविष्य को देखते हुए खनन और भू-वैज्ञानिक इंजीनियरों की जरूरत को पहचाना था। उन्होंने कहा कि कोयला, लोहा, तांबा, बॉक्साइट जैसे संसाधन भारत की रीढ़ की हड्डी हैं, और आज ये संसाधन भारत को विश्व में महाशक्ति बनाने की आधारशिला होंगे।

विश्व व्यवस्था में हो रहे बदलावों पर अडानी ने कहा कि पुराना वैश्विक व्यापार और सहयोग ढांचा टूट रहा है। अमेरिका, चीन, यूरोप जैसे शक्तिशाली देश अब अपनी घरेलू सुरक्षा और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे सेमीकंडक्टर और दुर्लभ मिट्टी जैसे संसाधनों की महत्त्वपूर्ण लड़ाई छिड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत को इस नए परिवर्तन को समझकर अपनी ऊर्जा सुरक्षा और संसाधनों का पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करना होगा।

गौतम अडानी ने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि इतिहास को कभी कैनवास नहीं समझना चाहिए, जिस पर कोई और अपनी मर्जी से तस्वीर बनाए। इतिहास को आईना बनाना चाहिए, जिससे अपने अतीत को समझकर भविष्य खुद बनाया जा सके। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि वे अपनी धरती की ताकत को पहचानें और उस पर पूरा हक जमाएं।

अखिर में उन्होंने संस्थान के छात्रों को याद दिलाया कि वे उस धरती पर अध्ययन कर रहे हैं जहां देश के 70 प्रतिशत से अधिक कोयला खदानें, लौह अयस्क, यूरेनियम और दुर्लभ खनिज मौजूद हैं। वे सिर्फ इंजीनियर नहीं, बल्कि उस टीम के हिस्से हैं जो आने वाले 50 वर्षों तक भारत की ऊर्जा और संप्रभुता की नींव रखेगी। अडानी ने इस काम को केवल नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण का महान कार्य बताया।

इस प्रकार, गौतम अडानी ने आईआईटी-ISM के शताब्दी समारोह के माध्यम से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर देश के ऊर्जा और संसाधनों के प्रति जागरूकता बढ़ाई, जिससे भारत अपने महाशक्ति बनने के सपने को साकार कर सके।

बिहार में सताने लगी सर्दी, पछुआ हवा ने बढ़ाई परेशानी, तापमान में तेज गिरावट

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बिहार में ठंड और तेज होती जा रही है। पूरे राज्य में शीतलहर ने दस्तक दे दी है।बिहार में पछुआ हवा के कारण ठंड और बढ़ गई है। 20–25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा चल रही है। जिसके कारण राज्य भर में न्यूनतम तापमान लगातार नीचे जा रहा है, जिससे कड़ाके की ठंड लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, पिछले दो-तीन दिनों में राज्य के कई जिलों में रात का पारा काफी नीचे तक रिकॉर्ड किया गया है। पटना में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और गया में 10.6 डिग्री दर्ज हुआ। प्रशासन ने बच्चों, बुजुर्गों और यात्रियों को विशेष सावधानी बरतने की अपील की है, क्योंकि ये ठंड अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है।

घने कोहरे को लेकर अलर्ट

बिहार मौसम सेवा केंद्र ने 11 दिसंबर तक राज्य के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में घने कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, गोपालगंज, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज जैसे जिलों में घने कोहरे की चेतावनी है, जबकि औरंगाबाद, गया, रोहतास और कैमूर में भी कोहरे का असर दिख सकता है। सबसे कम तापमान सबौर में 8.4 डिग्री दर्ज किया गया है।

48 घंटे तक लगातार जारी रहेंगी पछुआ हवाएं

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 15-20 किमी/घंटा की रफ्तार वाली ठंडी पछुआ हवाएं अगले 48 घंटे तक लगातार जारी रहेंगी। हवाओं और तापमान में गिरावट के कारण सुबह के समय घना कोहरा दिख रहा है। जिससे विजिबिलिटी (दृश्यता) काफी कम हो जा रही है। विजिबिलिटी कई जिलों में 50 मीटर से भी नीचे जाने की आशंका है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित होने की संभावना है।

अगले 3–4 दिनों तक कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 3–4 दिनों में प्रदेश के मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही, अधिकतम तापमान में हल्की कमी आ सकती है, जबकि न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना नहीं जताई गई है। दक्षिण बिहार के कई जिले जैसे बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल और रोहतास में रात का तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। 15 दिसंबर तक पूरे राज्य में मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है और बारिश को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।

मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव को लेकर विवाद, मुस्लिम समाज के असली मुद्दों को लेकर उठे सवाल

संभल । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर को हमायूँ कबीर नामक राजनीतिक व्यक्ति द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने को लेकर विवाद गहरा गया है। हमायूँ कबीर पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। आरोप है कि उन्होंने इस कदम को राजनीतिक स्वार्थ और भावनात्मक मुद्दों को उभारकर मुस्लिम समाज में विभाजन पैदा करने के उद्देश्य से उठाया है।इस मामले पर मौहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ,सामाजिक कार्यकर्त्ता प्रबंधक-मदरसा मौलाना मौहम्मद अली जौहर,अध्यक्ष-गामा पहलवान महिला-पुरुष कुश्ती ग्रामीण खेलकूद प्रशिक्षण एकेडमी ने ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बाबर या किसी भी मुगल शासक को भारत के मुसलमानों द्वारा कभी भी अपना पूर्वज नहीं माना गया है और इस प्रकार के मुद्दों का न तो वर्तमान मुस्लिम समाज से संबंध है और न ही इससे समाज का कोई वास्तविक हित जुड़ा है।

भारत में मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी जरूरतें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास, सुरक्षा और न्याय से जुड़ी हैं। उन्होंने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट के 403 पन्नों में मुस्लिम समाज की आर्थिक व शैक्षिक स्थिति को बेहद खराब बताया गया था, लेकिन रिपोर्ट लगभग 19 वर्षों से लागू होने का इंतजार कर रही है।बाबरी मस्जिद के नाम पर फिर से आंदोलन या निर्माण की बात सामने आने को लेकर आशंका जताई जा रही है कि इससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। कुछ हिंदूवादी संगठनों ने विरोध भी शुरू कर दिया है और मस्जिद निर्माण न होने देने की चेतावनी दी है।इस स्थिति में सामाजिक संगठनों ने अपील की है कि मुस्लिम समुदाय को नफरत और भावनात्मक राजनीति से दूर रहकर अपने वास्तविक विकास से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही मुस्लिम नेतृत्व और जिम्मेदार व्यक्तियों से अपील की गई है कि वे ऐसे राजनीतिक प्रयासों का विरोध करें जो समाज में वैमनस्य फैलाने वाली साम्प्रदायिक ताकतों को बढ़ावा दें।संगठनों का कहना है कि वर्तमान समय में देश की एकता, सद्भाव और गंगा-जमुनी तहज़ीब को मजबूत बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए तथा किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई को सफल नहीं होने देना चाहिए।

महापौर ने 50 सदस्यो के दल तमिलनाडू से प्रयागराज पहुंचने पर उनका भव्य रूप से स्वागत किया

काशी तमिल संगमम् यात्रा ने भाषा संस्कृति और क्षेत्रीय भिन्नताओं के नाम पर फैलाए गए भ्रमों को दूर करने का काम किया-महापौर

काशी तमिल संगमम यात्रा हमारी एकता समरसता और सांस्कृतिक गौरव का जीवंत उदाहरण

संजय द्विवेदी प्रयागराज।काशी तमिल संगमम् यात्रा के 50 सदस्य जो सड़क मार्ग से तमिलनाडू से चलकर मंगलवार को प्रयागराज के होटल रवीसा पहुंचे उनका भव्य रूप से स्वागत एवं अभिनंदन महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी द्वारा किया। दल में सम्मिलित सदस्यो का तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया। काशी तमिल संगमम्’’यात्रा दल में सम्मिलित सदस्यो के साथ होटल रवीसा में आयोजित कार्यक्रम में हेल्थ अवेयरनेस कैम्प तमिल साहित्य और भाषा की समृद्धि के बारे में जागरूकता डिजिटल तरीकों से शिक्षा की पहुंच को बढ़ाना फाइनेंशियल लिटरेसी के बारे में जागरूकता फैलाना शारीरिक और आध्यात्मिक सेहत एवं रिपेयर और मेंटेनेंस सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गयी।इस अवसर पर महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा कि काशी तमिल संगमम् यात्रा माननीय प्रधानमंत्री की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसने भाषा संस्कृति और क्षेत्रीय भिन्नताओ के नाम पर फैलाए गए भ्रमो को दूर किया है।यह कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक एकता को जगाने वाला है।उन्होंने कहा कि काशी और तमिल संस्कृति के बीच प्राचीन काल से ही आध्यात्मिक और विद्यानिष्ठ सम्बंध रहे है।यह संगमम युवा पीढ़ी को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का उत्कृष्ट माध्यम है।उन्होंने कहा कि हमारी पुरातन संस्कृति में कभी भाषा का विवाद एवं जातीयता का उन्माद नहीं रहा। हमारी संस्कृति‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’के मंत्र को आत्मसात करते हुए पूरे विश्व के कल्याण की कामना करती है।उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम यात्रा हमारे एकता समरसता और सांस्कृतिक गौरव का जीवंत उदाहरण है।इस अवसर पर नगर मजिस्टेट विनोद कुमार सिंह ने कहा कि काशी तमिल संगमम यात्रा भारतीय संस्कृति की उस आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है,जो उत्तर से दक्षिण तक हमें जोड़ती है।हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि यह यात्रा यहां पहुंची और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सुअवसर प्रदान किया।काशी तमिल संगमम यात्रा में सम्मिलित सदस्यों ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास स्थापित तिरूवल्लुवर की भव्य प्रतिमा का दर्शन भी किया।इस अवसर पर काशी तमिल संगमम यात्रा में सम्मिलित सदस्यो सहित अन्य सम्बंधित लोग उपस्थित रहे।

विनय सोनकर के नेतृत्व में एस आई आर को लेकर गांव गांव जा रहे सपा कार्यकर्ता

एस आई आर का समय बढाये. चूनाव आयोग जिससे कोई भी मतदाता वंचित न रहे-राजेश पाण्डेय

संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत विधान सभा कोरांव क्षेत्र में एस आई आर को लेकर चूनाव आयोग द्वारा निर्धारित समय सीमा तक एस आई आर का फार्म भरवाए जाने का निर्देश दिया गया है। जिसको देखते हुए राजनैतिक दल भी सक्रिय भूमिका निभा कर मतदाताओ के घर घर जाकर बी एल ओ से मिलकर फार्म भरा रहे है इसी क्रम में जिला सचिव विनय सोनकर के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ ने कपासी. बैदवार.जादीपुर पथरताल सहित नगर पंचायत कोरांव मे चल रहे एस आई आर फार्म का जायजा लिया गया जहां पर ग्रामीणो द्वारा फार्म भराया गया।वही किसान नेता जिला उपाध्यक्ष समाजवादी पार्टी राजेश पाण्डेय ने कहा कि यह समय बहुत ही कम है जिसके कारण जल्दी जल्दी में मतदाताओ का मिलान नही हो पा रहा है।इसी समय धान की कटाई और गेहूं की बोआई का कार्य चल रहा है जिसके कारण मजदूर किसान बूथ पर नही पहुंच पा रहे है हर बूथ से चार पाच सौ मतदाताओ का फार्म नही भरा जा रहा है जिसके कारण मतदाताओ को नाम कटने का भय बना हुआ है इस लिए चुनाव आयोग को एस आई आर की समय सीमा बढाना चाहिए जिससे कोई मतदाता छूटने न पाये वही जिला उपाध्यक्ष ललन सिंह पटेल ने कहा कि समय कम होने के कारण बहुत से मतदाता छूट रहे है कही पर तो नेटवर्क खराब होने के कारण भारी दिक्कत हो रही है वही जिला सचिव दिनेश पटेल ने कहा कि यह जल्दी में लिया गया निर्णय इसकी समय सीमा बढाना चाहिए उन्होने कहा कि कम समय के कारण प्रदेश में बी एल ओ अपनी जान तक गवा रहे है सरकार तथा चूनाव आयोग के गलत नितियो के कारण बी एल ओ को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड रहा है लगभग एक माह का समय और बढाया जाए जिससे सभी विधान सभा में मतदाता एस आई आर का फार्म भरा सके।वही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ ने गांव-गांव जाकर मतदाताओ से अपील करते कहा कि बी एल ओ से मिलकर एस आई आर का फार्म भरवाए।आदि लोग मौजूद रहे।

शुचिता और पारदर्शिता से ही मजबूत होगा लोकतंत्र—ब्रजेश पाठक

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने यमुनापार जिले में SIR अभियान की समीक्षा

मतदाता पुनरीक्षण में बूथ स्तर पर सक्रियता बढ़ाने पर दिया जोर

संजय द्विवेदी।प्रयागराज।यमुनानगर में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR)के तहत आयोजित समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल होना अत्यन्त आवश्यक है।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी सही मतदाता का नाम सूची से छूटे नहीं और किसी भी फर्जी या गैर-पात्र व्यक्ति का नाम सूची में बने नहीं रहना चाहिए।इसके लिए बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को पूरी गंभीरता व जिम्मेदारी के साथ जुटना होगा।उपमुख्यमंत्री ने कहा मतदाता सूची का व्यापक और पारदर्शी पुनरीक्षण ही मजबूत लोकतंत्र की पहचान है।यह अभियान केवल प्रशासनिक औपचारिकता नही बल्कि जनता के अधिकारों से जुड़ा महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।प्रत्येक बूथ पर जिम्मेदारी के साथ कार्य कर सुनिश्चित करें कि अधिकतम पात्र मतदाता शामिल हों।”आगे उन्होंने कहा कि“एक-एक मतदाता की पहचान कर संविधान की भावना के अनुरूप मतदाता जोड़ने का कार्य करे।बिहार के SIR अभियान में विपक्ष द्वारा जो 65 लाख फर्जी मृतक और नाबालिग मतदाता जोड़े गए थे वह उजागर हुआ।भाजपा कार्यकर्ताओं ने वहाँ पारदर्शिता से काम किया परिणाम यह हुआ कि आरजेडी के जंगलराज को जनता ने किनारे कर दिया। यही डर सपा-कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 2027 के चुनाव को लेकर दिखाई दे रहा है।शुचिता और पारदर्शिता से चुनाव हुआ तो परिणाम उत्तर प्रदेश में भी स्पष्ट दिखाई देंगे।

उन्होंने घुसपैठियो के मुद्दे पर कहा कि“विपक्ष द्वारा जो फर्जी नाम जोड़े गए है उन्हें चिन्हित कर हटाया जाए और पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाएं। SIR अभियान लोकतंत्र को मजबूत करने का बड़ा माध्यम है।भाजपा का कार्यकर्ता बड़े से बड़ा दायित्व निभा सकता है-यह केवल भाजपा में ही संभव है।बूथ स्तर पर पारदर्शिता और निष्ठा के साथ कार्य कर लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाया जा सकता है।पाठक ने कार्यकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा“सही पात्र नागरिक का नाम छूटे नहीं और घुसपैठिए का नाम जुड़ न पाए—इस पर प्रत्येक कार्यकर्ता सतर्क रहे। भाजपा में पीछे बैठा कार्यकर्ता भी जिलाध्यक्ष बन सकता है यही पार्टी की असली ताकत है।बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष यमुनापार राजेश शुक्ल ने की। उन्होंने कहा कि हर मंडल और शक्ति केंद्र पर टीमें सक्रिय कर अभियान को गति दी जाएगी और सभी सम्बंधित पदाधिकारी सतत समीक्षा करते रहेंगे।

इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य सुरेंद्र चौधरी जिला प्रभारी अमरनाथ यादव विधायक दीपक पटेल विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी जिला सह-प्रवासी कविता पटेल सुशील मिश्रा जिला महामंत्री पुष्पराज सिंह पटेल जिला संयोजक वीरेन्द्र शुक्ला जिला मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार चतुर्वेदी जिला मंत्री राजेश धनगर योगेश शुक्ला इंदु प्रकाश मिश्रा सहित अन्य गणमान्यजन पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

महामना मालवीय नगर में अवैध डेयरी पर निगम की कार्रवाई 30 हजार रुपये जुर्माना

संजय द्विवेदी प्रयागराज।नगर निगम के पशु कल्याण विभाग ने सोमवार को संभव दिवस के दौरान मिली शिकायत पर महामना मालवीय नगर क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित डेयरी पर सख्त कार्रवाई की।शिकायतकर्ता अनीता गुप्ता निवासी महामना मालवीय नगर के प्रार्थना-पत्र पर पशु कल्याण अधिकारी पशु अतिक्रमण दस्ता और प्रवर्तन दल (ETF)ने संयुक्त रूप से मौके पर पहुँचकर जांच की।जांच के दौरान पशुमालिकों द्वारा अवैध कब्जा कर डेयरी संचालन तथा नाली में गोबर बहाकर गन्दगी फैलाने की पुष्टि हुई।इस पर विभाग ने सम्बंधित पशुमालिको से ₹30,000 का जुर्माना वसूल किया।अधिकारियो ने पशुमालिको को कड़ी चेतावनी दी कि वे पशुओ को खुले में न छोड़े रोड- पटरी पर न बांधे तथा गोबर नालियो/सीवर में न बहाएं।निगम द्वारा की गई कार्रवाई के जीपीएस आधारित फोटो भी संलग्न किए गए है।

अजमेर में वॉटरशेड महोत्सव आयोजित: पिरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर दिया समुदाय आधारित जल संरक्षण पर जोर

अजमेर, राजस्थान: राजस्थान सरकार ने शनिवार को अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में वॉटरशेड महोत्सव का आयोजन किया। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के जरिए जिले में हुए प्रगति का जश्न मनाने पर आधारित रहा। महोत्सव का मूल विचार यही था कि जल सुरक्षा तभी मजबूत होती है, जब इसे समुदाय खुद आगे बढ़कर लागू करे।

पाँच जिलों की टीमों ने अपने अनुभव साझा किए। पंचायत राज संस्थाओं, स्थानीय नेतृत्व और समुदाय समूहों के प्रतिनिधियों ने बताया कि जमीनी स्तर पर क्या बदलाव आया है और वॉटरशेड कार्यों से लोगों की जिंदगी में कैसे सुधार हुआ। कार्यक्रम में माननीय सांसद श्री भागीरथ चौधरी जी और विधायक वासुदेव देवनानी जी के साथ-साथ अजमेर के अन्य महत्वपूर्ण जिला अधिकारी शामिल रहे।

वॉटरशेड और मृदा संरक्षण विभाग के साझेदार के रूप में पिरामल फाउंडेशन ने कार्यक्रम का संचालन करने में अहम् भूमिका निभाई। समुदाय की भागीदारी से जल स्रोतों को फिर से जीवित करने के प्रयासों पर खास फोकस रहा, ताकि जल सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।

कार्यक्रम में पिरामल फाउंडेशन और ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन (एटीईसीएफ) द्वारा साथ मिलकर बनाई गई एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। इस फिल्म में बताया गया कि यदि तालाबों से गाद निकाल दी जाए, तो कैसे उनमें पानी जमा होने की क्षमता साफ तौर पर बढ़ जाती है। और यह काम मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के तहत कैसे किया जा सकता है। साथ ही यह भी समझाया गया कि इसके लिए फिफ्टींथ फाइनेंस कमीशन (एफएफसी) की राशि का उपयोग किस तरह होता है। फिल्म के जरिए लोगों के सामने एक ऐसा आसान और कम खर्च वाला मॉडल पेश किया गया, जो जन भागीदारी पर आधारित है और जिसमें समुदाय सिर्फ हिस्सा ही नहीं बने, बल्कि उसकी जिम्मेदारी भी खुद ले।

पिछले तीन वर्षों में ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन और उसके सहयोगी संगठनों ने राजस्थान के 12 जिलों में करीब 1,200 जलाशयों को पुनर्जीवित करने में मदद की। हाल के चरण में यह काम वित्त आयोग (एफएफसी) की मदद से और पिरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर और आगे बढ़ाया गया। इस पूरे काम का करीब 14 प्रतिशत हिस्सा नीति आयोग के आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स में हुआ। इससे लगभग 1,200 करोड़ लीटर अतिरिक्त पानी जमा करने की क्षमता बनी, जो 12 लाख से ज्यादा पानी के टैंकर्स के बराबर है। इस पहल से लगभग 1,800 गाँवों के करीब 18 लाख लोगों को फायदा पहुँचा।

डब्ल्यूआरआईएस के आँकड़ों के मुताबिक राजस्थान में करीब 82 हजार जलाशय हैं, जिनमें से लगभग 49 हजार को पुनर्जीवित किया जा सकता है। यदि जल निकायों के पुनरुद्धार (आरडब्ल्यूबी) को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के साथ बड़े स्तर पर जोड़ा जाए, तो करीब 26 हजार गाँवों में जल सुरक्षा मजबूत हो सकती है। इससे करीब 33,210 करोड़ लीटर पानी जमा करने की क्षमता बन सकती है, भूजल रिचार्ज बेहतर होगा और पानी के टैंकरों पर होने वाले खर्च में लगभग 9,963 करोड़ रुपये की बचत संभव है।

इस अवसर पर पिरामल फाउंडेशन की स्कूल ऑफ क्लाइमेट एंड सस्टेनेबिलिटी की प्रमुख संगीता ममगैन ने कहा , "पिछले 17 वर्षों से पिरामल फाउंडेशन राजस्थान सरकार के साथ मिलकर स्कूल नेतृत्व, शिक्षकों की क्षमता और छात्रों की पढ़ाई के नतीजों को बेहतर बनाने पर काम करता रहा है। इसी अनुभव के आधार पर अब फाउंडेशन गांधी फेलोशिप मॉडल को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जोड़ रहा है। अजमेर में एमजेएसए के तहत वॉटरशेड विकास एवं मृदा संरक्षण निदेशालय के साथ मिलकर जल स्रोतों के मशीन आधारित पुनर्जीवन में सहयोग किया गया, ताकि राजस्थान को जलवायु के लिहाज से ज्यादा मजबूत बनाया जा सके।"

इस मौके पर ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन की सीओओ अमृता कस्तूरी रंगन ने कहा , "राजस्थान पानी की अहमियत को अच्छी तरह समझता है। जब विभाग और फाउंडेशन एक साथ आते हैं, तो काम का असर कई गुना बढ़ जाता है। पिछले कुछ सालों में यह साफ दिखा है कि जब लोग, संस्थान और सिस्टम मिलकर काम करते हैं, तो जल स्रोतों का पुनर्जीवन तेजी से होता है। वॉटरशेड महोत्सव उसी साझी मेहनत को सराहने का एक मौका है। ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन आगे भी ऐसे ही काम करता रहेगा, जिनमें लोगों को केंद्र में रखा जाए, पर्यावरण की रक्षा हो और आने वाले समय के लिए जल सुरक्षा मजबूत बने।"

वॉटरशेड विकास एवं मृदा संरक्षण विभाग, राजस्थान सरकार के निदेशक, आईएएस श्री मुहम्मद जुनैद पी. पी. ने कहा , "मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण में जमीन पर बेहतर नतीजे मिले हैं, लेकिन आगे का सफर अभी लंबा है। सामाजिक संगठनों और सीएसआर साझेदारों के साथ मिलकर हम सबसे असरदार उपाय और नए प्रयोग पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि अगला चरण सही दिशा में आगे बढ़ सके। उनके अनुसार, मिलकर एक साफ कार्ययोजना तय करने से लंबे समय तक जुड़ाव बना रहेगा और राजस्थान के गाँवों को स्थायी लाभ मिल सकेगा।"

वॉटरशेड महोत्सव का उद्देश्य समाज के लोगों, सरकारी टीमों और साझेदार संगठनों को एक साथ लाना रहा। यहाँ जमीनी स्तर पर हो रहे उत्कृष्ट कार्यों को पहचानने, उनसे सीखने और जल सुरक्षित राजस्थान की ओर और तेजी से बढ़ने पर जोर दिया गया।

“AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल

AEL लिया क्या” अदाणी के राइट्स इश्यू पर बाजार में मचा धमाल - Parakh Khabar

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के राइट्स इश्यू, इन दिनों शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा में है। निवेशकों की दिलचस्पी इतनी ज्यादा है कि इसकी राइट्स एंटाइटलमेंट (आरई) की कीमत दो ही ट्रेडिंग सेशंस में 23% बढ़कर सबको हैरान कर चुकी है। 3 दिसंबर को यह ₹349.80 थी जो 5 दिसंबर को बढ़कर ₹430.65 तक पहुंच गई। नए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, एईएल में प्रमोटरों की हिस्सेदारी करीब 72% है, जबकि संस्थागत निवेशकों की भागीदारी लगभग 20% और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 8% दर्ज की गई है।

इसके साथ ही एईएल के मुख्य शेयर में भी मजबूती देखी गई, जो ₹2,190 से बढ़कर ₹2,265 तक पहुंच गया। यानी निवेशकों की नजर सिर्फ आरई पर नहीं, पूरे स्टॉक पर है। इसका सबसे बड़ा कारण राइट्स इश्यू का ₹1,800 प्रति शेयर का आकर्षक प्राइस है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से काफी कम है। यही वजह है कि यह ऑफर आम निवेशकों को भी सस्ता और मजबूत मौका लगता है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राइट्स इश्यू शुरू होने के नौ दिनों में जितनी बिड्स आईं, उनमें से लगभग आधी सिर्फ दो दिनों में आ गईं। यह साफ दिखाता है कि बाजार में एईएल के शेयर को लेकर उत्साह एकदम चरम पर है। ₹25,000 करोड़ की यह इश्यू भारत की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक मानी जा रही है और इसे पार्टली-पेड मॉडल में लाया गया है, ताकि निवेशकों को पूरी रकम एक साथ न देनी पड़े। पहले थोड़ा, फिर धीरे-धीरे बाकी यह व्यवस्था आम निवेशकों के लिए आसान और आकर्षक बन गई है।

एईएल को लेकर यह उत्साह यूं ही नहीं है। कंपनी एयरपोर्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, डेटा सेंटर और डिफेंस जैसे उन सेक्टर्स में तेजी से विस्तार कर रही है, जिन्हें भारत की अगली दशक की ग्रोथ स्टोरी का इंजन माना जा रहा है। निवेशकों का मानना है कि एईएल आने वाले वर्षों में उन बड़े बदलावों के केंद्र में रहेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यही भरोसा इस राइट्स इश्यू को निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना रहा है। राइट्स एंटाइटलमेंट लेने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2025 है और जैसे-जैसे यह समय करीब आ रहा है बाजार में उत्साह और बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से आरई की कीमत उछली है और आवेदन की रफ्तार बढ़ी है, उससे एक ही बात साफ दिखाई देती है एईएल के इस ऑफर को लेकर निवेशकों का माहौल गरम है और उनका नारा भी जोर से गूंज रहा है, “मुझे भी चाहिए एईएल!”