प्रशासनिक शिथिलता का शिकार झारखंड सरकार: सरयू राय ने धालभूम SDM पद रिक्त होने पर उठाया सवाल

जमशेदपुर। जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के विधायक और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता सरयू राय ने झारखंड सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग पर गंभीर शिथिलता बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस शिथिलता का प्रतिकूल प्रभाव मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक की प्रशासनिक दक्षता पर पड़ रहा है, जिसका सर्वाधिक शिकार पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन है।
पूर्वी सिंहभूम में रिक्त महत्वपूर्ण पद
विधायक सरयू राय ने धालभूम अनुमंडल के महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद की स्थिति को उजागर किया:
SDO धालभूम का पद: यह महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद कई महीनों से खाली है और प्रभार (Additional Charge) पर चल रहा है।
परिणाम: इस कारण जनहित के अति आवश्यक निर्णय लंबित हैं और पूर्व में लिए गए निर्णयों को लागू करने में भी शिथिलता बरती जा रही है।
डीडीसी का पद: उन्होंने बताया कि पूर्वी सिंहभूम में उप विकास आयुक्त (DDC) जैसा अति आवश्यक प्रशासनिक पद भी 9 महीने से अधिक समय तक प्रभार में चलता रहा था।
विधायक ने मुख्यमंत्री से धालभूम अनुमंडल में पूर्णकालिक सिविल एसडीओ की शीघ्र पदस्थापना की मांग की है।
पदस्थापन में विलंब और प्रोन्नति का मुद्दा
सरयू राय ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त व्यापक विसंगतियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया:
रिक्त पदों की भरमार: राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों में बड़ी संख्या में अति आवश्यक पद रिक्त हैं, जबकि दूसरी ओर एक अधिकारी एक से अधिक विभागों के प्रभार में काम कर रहा है।
अधिकारियों का इंतजार: लगभग 80 से अधिक उप समाहर्ता स्तर के अनुभवी पदाधिकारी स्थानांतरण के बाद काफी दिनों से पदस्थापन की प्रतीक्षा में हैं। यही स्थिति नव प्रोन्नत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के युवा अधिकारियों की भी है।
अस्थायी कार्य पद्धति पर सवाल: राय ने कहा कि डीडीसी, एसडीओ जैसे पदों पर योग्य पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति के बजाय अस्थायी अतिरिक्त प्रभार देकर 'जुगाड़ू कार्य पद्धति' से काम चलाया जा रहा है, जिससे जिले की प्रशासनिक क्षमता घटती है और विकास कार्यों के अतिरिक्त सामान्य जन के निजी कार्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
प्रोन्नति का गतिरोध
सरयू राय ने बताया कि प्रशासन और पुलिस तथा राज्य सेवाओं के अन्य राजपत्रित पदों पर पदस्थापित पदाधिकारियों की प्रोन्नतियां भी रुकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि यही स्थिति अभियांत्रिकी, स्वास्थ्य, कृषि एवं अन्य विभागों के विशेषज्ञ पदों पर कार्यरत राज्य सेवा के अधिकारियों और कर्मियों की भी है, जबकि बिहार में उनके समकक्ष अधिकारी प्रोन्नत होकर उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
10 min ago
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