5 hours ago
वोट फ़ॉर डेमोक्रेसी
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वोटर आईडी लेकर वोटर लिस्ट से नाम का मिलान किये,बटन दबाए,सेल्फी लिए और हो गया मतदान। ऐसा नही होता। आज के दौर में वोट देना बहुत बड़ी जिम्मेवारी का काम है। इसके लिए आत्ममंथन की जरूरत है। चुनाव मैदान में सभी राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है। ऐसे में मतदाताओं को सावधानीपूर्वक सभी पार्टियों के दावों की खुद से समीक्षा करने के बाद ही अपने वोट का इस्तेमाल करना होता है। जो एक बहुत ही कठिन कार्य है।
इस बार वोट देने से पहले महंगाई,भ्रस्टाचार,हर साल दो करोड़ नौकरी,शिक्षा,स्वास्थ्य आदि पर सरकार से नही तो खुद से सवाल जरूर पूछियेगा। इन मुद्दों पर आत्ममंथन जरूर कीजियेगा। तभी EVM का बटन दबाईयेगा। अगर इस बार भी आपलोग जाति-धर्म के आधार पर वोट देंगे तो,आनेवाला समय इस दस साल से भी ज्यादा बद्तर हो जाएगा। भाजपा 2024 का चुनाव अपने किये हुए कार्यो या जन मुद्दों पर नही,बल्कि जाति,धर्म और झूठ पर लड़ रही है। बीजेपी सरकार ने दस सालों में किया ही क्या है सिवाय झूठ और प्रोपगेंडा के। अगर दस सालों में इन्होंने जनता के पक्ष में कुछ किया होता तो,चुनावी रैलियों में मुद्दे की बात करते। विकास की बात करते। पर यहाँ तो उल्टी गंगा बह रही है।
SC/ST का हक छीनना चाहती है कांग्रेस:मोदी। शहजादे को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए उतावला है पाकिस्तान:मोदी। या तो मोदी जी डर गए है या सठिया गए है। या फिर फ्रॉस्टिंया गए है। तभी तो चुनावी रैलियों में उटपटांग बाते कर रहे हैं। दस साल की अपनी उपलब्धियां बताने के बजाय पाकिस्तान,मुस्लिम लीग,मुसलमान और मंगलसूत्र जैसी वाहियात बाते कर रहे है। अपने दस साल के विकास का डाटा देने के बजाय 370 और राम मंदिर बनवाने का दावा ठोक रहे। जबकी राम मंदिर सरकार नही सुप्रीम कोर्ट की देन है। क्या दस सालों में सरकार ने केवल यही दो काम किये है? चुनावी रैलियों में मोदी जी अपने पुराने चुनावी वादों और नए मैनिफेस्टो पर बात नही करते। बीजेपी के मैनिफेस्टो में क्या है,जनता को पता ही नही। अपने मैनिफेस्टो की खूबियां बताने के बजाय वे कांग्रेस के मैनिफेस्टो पर झूठ फैला कर जनता को गुमराह कर रहे। जबकि कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) हर रैलियों में जनता के बीच अपने मैनिफेस्टो पर चर्चा करती नजर आ रही है। कांग्रेस दावा कर रही है कि,अगर वो सत्ता में आएंगे तो
1.अग्निवीर योजना खत्म
2.पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा
3.MSP का कानून बनेगा
4.मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी दर 400 रुपये प्रतिदिन
5.गरीब महिला को साल में एक लाख की राशि 6.मीडिया की पूर्ण स्वतंत्रता सहित भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहाल करेंगे
7.केंद्र सरकार की खाली पड़ी 30 लाख पदों को भरेंगे।
8.जातिगत जनगणना करवाएंगे।
9.2025 से केंद्र सरकार की आधी नौकरियां महिलाओं के लिए आरक्षित करेंगे आदि।
उधर मोदी जी चार सौ पार, हिन्दू-मुसलमान और पाकिस्तान का राग अलाप रहे है। आखिर मोदी जी को 400 सीट क्यो चाहिए? यह बात जनता को सरकार से पूछना चाहिए। वो कौन सा काम है जो 300 प्लस सीट जीतने के बाद भी मोदी जी नही कर पा रहे? मोदी जी ने कहा था- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। 2022 तक सब को पक्का मकान का भी वादा किया था। 2022 तक 100 स्मार्ट सिटी का लक्ष्य भी पूरा नही हो पाया। जब ये सारे सपने फेल हो गए तो,अब लोगो को 2047 का सपना दिखाया जा रहा। जहाँ लोगो का वर्तमान ठीक नही उन्हें उनका भविष्य ठीक करने का दावा किया जा रहा। जिसे पूरा करने में एक मजबूत सरकार को अगले 23 साल तक का समय लगेगा। ये सपना सुंदर है या डरावना,इसे जनता को तय करना है। अपने वोट की चोट से।
आपलोग मतदान केंद्र पर जाने से पहले मई 2023 की मणिपुर में हुई उस घटना को जरूर याद करना। जहाँ दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया था। वोट देने से पहले crpf के उन 40 शहीदों को जरूर याद कर लेना। जिनकी शहादत पर किस तरह केंद्र सरकार ने 2019 में अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकी थी। इसका एहसास तो आपलोगो को होगा ही। पांच साल गुजर गए। पर इस केस की जांच कहा तक पहुची,आज तक किसी को कुछ नही पता।
सरकार से सवाल पूछने पर शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को अर्बन नक्सल के नाम पर जेलों में ठूस दिया जा रहा। स्टेन स्वामी को सरकार ने जेल में ही मार डाला। आपके सवाल या आपकी विचारधारा सरकार के विचारधारा से मेल नही खाती तो, आपको वामपंथी,अर्बन नक्सल या देशद्रोही घोषित कर दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला 2016 में हुआ था। जब कन्हैया कुमार को टुकड़े-टुकड़े गैंग बात कर देशद्रोही घोषित कर दिया गया और JNU जैसी यूनिवर्सिटी के शाख पर सवाल खड़े किए गए। जबकि आज तक इस केस में चार्जशीट तक दाखिल नही हो पाया है।
भाजपा आज कुकर्मियों, भ्रस्टाचारियो और बलात्कारियों की पार्टी बन गई है। दूसरे दलों के जो भी भ्रस्टाचारी और बलात्कारी थे उन सब ने भाजपा जॉइन कर लिया है। जहाँ वे पूरी तरह से सुरक्षित और सर्बमान्य है। इसका ताजा उदाहरण है-प्रज्वल रेवान्न। बार-बार नारी शक्ति का बखान करने वाली बीजेपी प्रज्वल रेवान्न जैसे शक्श को टिकट देती है जो न जाने कितनी ही महिलाओं का बलात्कार कर उन्हें ब्लैकमेल करता रहा है। आज उसके 2500 से अधिक अश्लील वीडियो वायरल है। और वह देश से फरार हो गया। किसके शह पर?
बीजेपी की राजनीति का आधार ही जाति और धर्म रहा है। फिर वो अपनी विचारधारा के विपरीत काम कैसे कर सकता है? इनके पुरखे 'गोलवलकर' को न बाबा साहेब का संविधान पसंद था न हमारा तिरंगा। तिरंगे को सलामी और संविधान की सपथ तो इनकी मजबूरी है। इसलिए ये संविधान को खत्म कर के अपनी मजबूरी की इस बेड़ी को काटने में लगे है। भाजपा का सत्ता में आने का मकसद देश चलाना नही बल्कि देश को बांटना है। बीजेपी सत्ता में देश पर शाशन करने नही बल्कि आरक्षण और 370 को हटाना,राम मंदिर का निर्माण और संविधान को खत्म करना ही इनका मकसद है। इसलिए इन्होंने अबकी बार 400 पर का नारा दिया। ताकि ये 400 सीट जीत कर संविधान को बदल दे। संविधान बदलने पर देश का क्या होगा यह तो नही पता। पर देश के sc/st/obc/ और अल्पसंख्यक समाज के हालात बद से बदतर जरूर हो जाएंगे।
2024 का लोकसभा चुनाव, लोकतंत्र बचाने का चुनाव है। यह देश का प्रधानमंत्री चुनने का चुनाव नही बल्कि खुद की आज़ादी चुनने का चुनाव है। इसलिए-Vote for Democracy not for Priminister.
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