मुविवि में जनसंख्या नियंत्रण जागरूकता रैली का आयोजन

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान विद्याशाखा द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर शुक्रवार को विश्व जनसंख्या नियंत्रण जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम के निर्देश पर आयोजित रैली का शुभारम्भ कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर किया । रैली में विभिन्न प्रकार के स्लोगन के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण का संदेश दिया गया।

रैली में शामिल लोग जनसंख्या एक विपत्ति है, विनाश की उत्पत्ति है तथा जनसंख्या वृद्धि है श्राप, सतत विकास का करती नाश जैसे स्लोगन हाथ में लेकर समाज को जागरूक करने का प्रयास कर रहे थे। रैली गंगा परिसर से प्रारंभ होकर सरस्वती परिसर में समाप्त हुई। रैली में प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता, प्रोफेसर संतोषा कुमार, प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी, प्रोफेसर पी के पाण्डेय, प्रोफेसर छत्रसाल सिंह, डॉ दिनेश सिंह, डॉ ज्ञानप्रकाश यादव, डॉ आनंदानंद त्रिपाठी, डॉ सतीश चन्द जैसल, डॉ सुनील कुमार, डॉ त्रिविक्रम तिवारी, डॉ अनिल कुमार सिंह भदौरिया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर एस कुमार एवं आयोजन सचिव डॉ मनोज कुमार ने प्रारंभ में कुलसचिव कर्नल विनय कुमार एवं निदेशक सीका प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता का स्वागत किया। सह आयोजन सचिव डॉ सुबास चंद्र पाल, डॉ योगेश कुमार यादव तथा राजेश सिंह ने रैली में शामिल शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा छात्रों के प्रति आभार व्यक्त किया। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा.प्रभात चंद्र मिश्र ने दी।

बिहार में मतदाता गणना प्रपत्र संग्रह में तेजी: 74% से अधिक फॉर्म जमा, 25 जुलाई अंतिम तिथि

पटना, बिहार: बिहार में मतदाता गणना प्रपत्र संग्रह का कार्य तेजी से चल रहा है, और अंतिम तिथि से 14 दिन पहले ही 74.39% प्रपत्र जमा कर लिए गए हैं। राज्य के कुल 7,89,69,844 (लगभग 7.90 करोड़) मतदाताओं में से अब तक 5,87,49,463 गणना प्रपत्र एकत्र किए जा चुके हैं।

घर-घर जाकर बीएलओ कर रहे सहायता

सार्वजनिक सूचना रजिस्ट्री (SIR) के दूसरे चरण में, बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) घर-घर जाकर मतदाताओं की सहायता कर रहे हैं और उनके भरे हुए गणना प्रपत्र एकत्र कर रहे हैं। इस प्रक्रिया की प्रगति पर 38 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs), सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (EROs), और 963 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AEROs) सहित क्षेत्र-स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।

डिजिटलीकरण और सत्यापन प्रक्रिया जारी

गणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण और अपलोडिंग भी सुचारु रूप से आगे बढ़ रही है। SIR दिशानिर्देशों के पैरा 3(H) के अनुसार, BLOs ने अब तक एकत्र किए गए कुल गणना प्रपत्रों में से 3.73 करोड़ प्रपत्रों को BLO ऐप/ECInet के माध्यम से सफलतापूर्वक डिजिटाइज्ड और अपलोड कर दिया है। आज, अपलोड किए गए प्रपत्रों के AERO/ERO द्वारा सत्यापन के लिए ECInet में एक नया मॉड्यूल भी लागू किया गया है, जिससे प्रक्रिया में और पारदर्शिता आएगी।

अथक प्रयास और सामूहिक योगदान

24 जून, 2025 को SIR निर्देश जारी होने के बाद से पिछले 17 दिनों में यह उपलब्धि हासिल की गई है। गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है। इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए 77,895 BLOs, 20,603 नव नियुक्त BLOs और अन्य चुनाव अधिकारी अथक प्रयास कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों (PWDs), बीमार और कमजोर आबादी को सहायता प्रदान कर रहे हैं। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों (BLAs) की 1.56 लाख सक्रिय शक्ति ने भी इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे 74.39% गणना प्रपत्रों के संग्रह में सफलता मिली है।

झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: मॉनसून सत्र को मंजूरी, सड़कों के लिए करोड़ों स्वीकृत, कई सेवा संबंधी प्रस्तावों पर मुहर

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज, 11 जुलाई 2025 को झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और जन कल्याण से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

विधानसभा का मॉनसून सत्र और विधायी कार्य

कैबिनेट ने षष्ठम झारखंड विधानसभा के तृतीय (मॉनसून) सत्र को 01 अगस्त 2025 से 07 अगस्त 2025 तक आहूत किए जाने तथा इससे संबंधित औपबंधिक कार्यक्रम पर अपनी स्वीकृति दे दी है। यह सत्र राज्य के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण होगा।

सड़क परियोजनाओं के लिए करोड़ों की स्वीकृति

राज्य में आधारभूत संरचना के विकास को गति देते हुए कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए बड़ी राशि स्वीकृत की है:

सिल्ली-बंता-हजाम टीकर-रंगामाटी पथ (MDR-25) के 39 किलोमीटर हिस्से के राईडिंग क्वालिटी सुधार (IRQP) कार्य के लिए ₹32.70 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

रांची जिले में कुम्हरिया मोड़ से संग्रामपुर तक (कुल लंबाई-6.333 किमी) पथ के पुनर्निर्माण (पुल निर्माण, भू-अर्जन, एवं यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित) के लिए ₹38.89 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इस पथ को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित भी किया जाएगा।

साहेबगंज अंतर्गत करमाटांड से जुराल तक (कुल 12.706 किमी) पथ के चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण (भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टिंग और प्लांटेशन सहित) के लिए ₹121.74 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इस पथ को भी ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

प्रशासनिक एवं सेवा संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट ने विभिन्न प्रशासनिक और सेवा संबंधी प्रस्तावों पर भी निर्णय लिए:

जिला योजना अनाबद्ध निधि के माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति और कार्यान्वयन हेतु मार्गदर्शिका में संशोधन को स्वीकृति मिली।

झारखंड प्रशासनिक सेवा की तत्कालीन अंचल अधिकारी, नामकुम, रांची, श्रीमती कुमुदिनी टुडू के अपील अभ्यावेदन को अस्वीकृत करते हुए उनके विरुद्ध 02 वेतनवृद्धि पर रोक के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नयाभुसूर, नामकुम, रांची की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभिनीति सिद्धार्थ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नाला, जामताड़ा की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्नेहा सिंह को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तत्कालीन प्रभारी सिविल सर्जन, जमशेदपुर डॉ. अरविंद कुमार लाल की सेवा से बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) के संचालन को स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय भगत चरण महान्ती, भूतपूर्व पदचर को अनुमान्य ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति मिली।

स्वैच्छिक सेवानिवृत पुलिस अवर निरीक्षक श्री शिव कुमार प्रसाद के चिकित्सा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु ₹10.20 लाख के भुगतान को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्तमान आवश्यकतानुसार पदों के प्रत्यर्पण एवं स्वीकृति को मंजूरी मिली।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलछाजन विकास अवयव (WDC-PMKSY 2.0) परियोजनाओं में Spineless Cactus Plantation अंतर्गत तकनीकी सहयोग प्रदान करने हेतु 04 संस्थाओं के मध्य Non-Financial MoU करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में याचिकाकर्ता उमेश पासवान और राम बिनय शर्मा की सेवा को 16 जनवरी 1994 से नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।

राज्य अंतर्गत सभी थानों हेतु चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों के क्रय की स्वीकृति प्रदान की गई।

"झारखंड उत्पाद (झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन) नियमावली, 2022" के तहत राजस्वहित में अल्पकालीन वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत नई खुदरा उत्पाद नीति के तहत दुकानों के संचालन हेतु दैनिक पारिश्रमिक पर मानव बल की सेवा प्राप्त करने के लिए निर्गत संकल्प पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

"The District Courts of the State of Jharkhand for the Use of Electronic Communication and Audio-Video Electronic Means Rules, 2025" के गठन के लिए माननीय राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में वर्ष 2017 में नियुक्त/कार्यरत खान निरीक्षकों को देय तिथि से सेवा सम्पुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य करने हेतु एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता की शर्त को शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान और पंचम वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दरों में वृद्धि को स्वीकृति मिली।

राज्य सरकार के पेंशनधारियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई राहत की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी गई।

तत्कालीन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, हजारीबाग दिनेश कुमार मिश्र के एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली ले जाने में हुए चिकित्सा व्यय ₹5.75 लाख की प्रतिपूर्ति को स्वीकृति मिली।

संस्था निबंधन अधिनियम, 1860 की धारा 24 के अंतर्गत संस्था निबंधन नियमावली के गठन को स्वीकृति मिली।

मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति अंतर्गत सुश्री माधुरी खालखो को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु वर्णित छात्रवृत्ति की अवधि व पाठ्यक्रम संबंधी पात्रता को विशेष परिस्थिति में क्षांत/शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय जगरनाथ महतो, तत्कालीन मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, झारखंड सरकार के Lung Transplant के उपरांत MGM अस्पताल चेन्नई में कराई गई अनुगामी चिकित्सा में वास्तविक व्यय ₹44.83 लाख की प्रतिपूर्ति/भुगतान की स्वीकृति दी गई।

उत्तरवर्ती बिहार एवं झारखंड राज्य स्थित एकीकृत बिहार पंचायत राज वित्त निगम लिमिटेड के कर्मियों के बकाया वेतनादि के भुगतान हेतु झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम की निकासी की स्वीकृति दी गई।

*जागरूकता का संदेश लेकर रवाना हुआ सारथी वाहन, जनसंख्या नियंत्रण के महत्व पर की गई चर्चा


गोरखपुर। जिले में विश्व जनसंख्या दिवस पर समुदाय को जागरूक करने के लिए विविध आयोजन हुए। इसी क्रम में सीएमओ कार्यालय से सारथी वाहन को सीएमओ डॉ राजेश झा ने हरी झंडी दिखा कर शुक्रवार को रवाना किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कराया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने जनसंख्या नियंत्रण, छोटे परिवार के महत्व और परिवार नियोजन के महिला के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चर्चा की।

सीएमओ डॉ राजेश जा ने उत्कृष्ट विचारों और तर्कों के लिए सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना की। उन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाली जनता इंटर कॉलेज की छात्रा अमृता, द्वितिय स्थान पाने वाली भगवती प्रसाद इंटर कॉलेज की छात्रा माही गुप्ता और तीसरा स्थान पाने वाली इसी कॉलेज की सुमुल खान एवं जुबिली इंटर कॉलेज के छात्र आदित्य नाथ को पुरस्कृत किया।

सीएमओ ने बताया कि इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस का विषय "माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल’’ है। इस विषय का संदेश है कि जनसंख्या का नियोजन न केवल समाज की खुशहाली के लिए आवश्यक है, बल्कि परिवार के कल्याण के लिए भी नितांत जरूरी है। परिवार नियोजन न केवल मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी इसकी अहम भूमिका है। सारथी वाहन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन जन तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा।

डॉ झा ने बताया कि शुक्रवार से ही विश्व जनसंख्या स्थिरता का सेवा अदायगी पखवाड़ा शुरू हो गया है। इसके तहत इच्छुक दंपति को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाती हैं।

स्वास्थ्य विभाग गर्भनिरोधक गोलियां, महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, कंडोम, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और साप्ताहिक छाया गोली जैसे साधन निःशुल्क उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर परिवार नियोजन परामर्शदाता दंपति को बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में परामर्श देते है और दंपति की पसंद के अनुसार उन्हें सेवा भी उपलब्ध कराते हैं।

इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डीपीएम पंकज आनंद, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, मातृ शिशु स्वास्थ्य परामर्शदाता सूर्य प्रकाश और पीएसआई इंडिया संस्था से प्रियंका सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।

प्रशिक्षित हुए बीपीएम, एचईओ और फार्मासिस्ट

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सीएमओ डॉ राजेश झा की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) और फार्मासिस्ट को आयरन फोलिक एसिड गोलियों की आपूर्ति श्रंखला के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

एम्स एसआरसीएन एम्स के सहयोग से हुई इस प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स गोरखपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति सिंह, सीएमओ डॉ राजेश झा और एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आईएफए की समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि किशोरियों, गर्भवती और बच्चों में एनीमिया की दर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।

इस अवसर पर यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ सत्या, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि के सुरेश तिवारी, प्रवीण दूबे और मनीष द्विवेद्वी ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

*मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध हालात में डॉक्टर की मौत से हड़कंप : हॉस्टल के कमरे में बेड पर मिला शव*

गोरखपुर। बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में आज़ सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत एक युवा डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। मृतक डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय अबिषो डेविड के रूप में हुई है, जो केरल के अबिविला, पामपडुमकुझी, पाल्लूरकोनाम, परास्सला, ज़िला तिरुअनंतपुरम के निवासी थे। वे मेडिकल कॉलेज के सौ सीटेट पीजी बॉयज हॉस्टल में रह रहे थे और एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह रोज़ की तरह जब अबिषो डेविड समय पर विभाग में उपस्थित नहीं हुए तो विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने कर्मचारी को उनके हॉस्टल कक्ष पर भेजा। कर्मचारी जब हॉस्टल पहुँचा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद है और खटखटाने व आवाज़ लगाने पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा।

हालात संदिग्ध देख कर्मचारी ने तुरंत विभागाध्यक्ष को सूचना दी। स्थिति को देखते हुए डॉ. सतीश कुमार स्वयं अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ हॉस्टल पहुँचे। काफी प्रयासों के बाद जब दरवाज़ा नहीं खुला तो उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया। दरवाज़ा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया गया तो अबिषो डेविड बेड पर मृत पड़े मिले।

घटना की सूचना मिलते ही प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, कई वरिष्ठ चिकित्सक, शिक्षक और रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुँच गए। गोरखपुर के गुलरिहा थाना पुलिस को तत्काल सूचित किया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटनास्थल से किसी प्रकार का स्पष्ट सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य और गहरा गया है। हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट मिला था, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कमरे से आवश्यक नमूने और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। हॉस्टल के अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

घटना की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है। पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में इस घटना के बाद शोक और सन्नाटे का माहौल व्याप्त है। हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों में दहशत और असमंजस की स्थिति है। मरीजों के तीमारदारों की भीड़ भी परिसर में जमा हो गई, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉक्टर अबिषो डेविड की मौत स्वाभाविक थी या आत्महत्या। उन्होंने कहा — ‘स्थिति पूरी तरह से संदिग्ध है, कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। हम पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद ही सही स्थिति का खुलासा हो सकेगा।’

प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए एक दुखद घटना है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल और विभाग से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जाँच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पारिवारिक परेशानी या अन्य कोई कारण तो घटना के पीछे नहीं है।

पुलिस के अनुसार, सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारण का अंतिम निष्कर्ष निकल सकेगा।

बताया जा रहा है कि डॉ. अबिषो डेविड अपने सहकर्मियों के बीच मृदुभाषी, जिम्मेदार और समर्पित डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे। उनकी इस प्रकार रहस्यमयी मृत्यु ने उनके साथियों और शिक्षकों को गहरे शोक में डाल दिया है।

फिलहाल मेडिकल कॉलेज के छात्र, डॉक्टर और प्रशासन एक ही सवाल में उलझे हैं कि क्या यह मौत आत्महत्या है या कोई और राज़ छुपा हुआ है? क्या मानसिक तनाव या व्यक्तिगत कारण इस घटना के पीछे हैं? यह सब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा।

बैनामे की जमीन कब्जे को लेकर एसडीएम का घेराव, वकीलों ने लगाए मुर्दाबाद के नारे

खजनी गोरखपुर।तहसील में वकीलों ने उप जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया और उनके चैंबर में ही धरने पर बैठ गए, एसडीएम के खिलाफ मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाते हुए सभी वकीलों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

धरना प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने भूमि विवाद के मामलों में लेखपालों और कानूनगो की मनमानी और निरंकुशता, एसडीएम कोर्ट में लंबित मुकदमों की फाइलें गायब होने या नहीं मिलने, वादकारियों को न्याय नहीं मिलने, विवादित मामलों में एसडीएम द्वारा निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं करने जैसे दर्जनों गंभीर आरोप लगाए।

हंगामे की शुरुआत और धरना प्रदर्शन की नौबत तब आई जब कूड़ा भरत गांव की निवासी महिला रीमा यादव पत्नी सनोज यादव को अपने हक हिस्से के पुराने बैनामे की जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था, महिला ने अपने बड़े ससुर रामानंद यादव के हिस्से की जमीन की रजिस्ट्री करायी है किन्तु उसकी जमीन पर उसके चचेरे ससुर बेचन यादव जबरन कब्जा करके मकान का निर्माण करा रहे हैं।

महिला के द्वारा इसकी सूचना खजनी तहसील में अपने अधिवक्ता राम करन गौड़ को दी गई, रामकरन गौड़ ने एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह से मिल कर बैनामे की जमीन पर निर्माण और कब्जा करने की जानकारी देते हुए उनसे थानाध्यक्ष खजनी को निर्माण कार्य रोकने का आदेश देने के लिए कहा किंतु एसडीएम ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया। वकील ने तहसील के अन्य अधिवक्ताओं को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद एसडीएम की कार्यप्रणाली से पहले से ही नाराज़ चल रहे वकीलों ने उनके कार्यालय में पहुंच कर नारे लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस संदर्भ में एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि मामला न्यायालय में चल रहा है, फैसले से पहले किसी एक पक्ष के लिए आदेश करना उचित नहीं था, अभी काम रोक दिया गया है, वकीलों से भी बातचीत हुई है, सभी मामलों में विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि बैनामे की जमीन में मौके पर मिलजुमला नंबर है, किसके हिस्से में किस तरफ की कौन सी जमीन आएगी इसका फैसला नहीं हुआ है, बंटवारे और पैमाइश के बाद ही सभी के हक़ हिस्से को निर्धारित किया जा सकता है।

एनीमिया मुक्त गोरखपुर के लिए साथ मिल कर काम करेंगे शिक्षक और चिकित्सक


गोरखपुर। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गोरखपुर को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए शिक्षक और चिकित्सक साथ-साथ मिल कर काम करेंगे। इसके लिए जिले के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के चिकित्सा अधिकारियों को बृहस्पतिवार को सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में प्रशिक्षित किया गया। इनके सहयोग से स्कूल स्तर पर ही एनीमिया की रोकथाम के लिए साझा प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने की। इस अवसर पर मौजूद प्रतिभागियों ने एनीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य को गोरखपुर में साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस अवसर पर एम्स गोरखपुर की प्रोफेसर एवं बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल ने बाल स्वास्थ्य पर एनीमिया के प्रभाव और उसकी रोकथाम के बारे में चर्चा की। उन्होंने समुदाय स्तर पर किए जाने वाले संभावित हस्तक्षेप के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि एसआरसीएन-एम्स गोरखपुर द्वारा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बीईओ और आरबीएसके के नोडल अधिकारियों को एनीमिया उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में प्रशिक्षित करना था। अपने सम्बोधन में उन्होंने एनीमिया नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी ने जिले में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने एनीमिया नियंत्रण में सामूहिक सहभागिता की विशेष आवश्यकता जताई।

प्रशिक्षण में यूनिसेफ की राज्य प्रतिनिधि डॉ. सत्य ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय रणनीति और वैश्विक परिप्रेक्ष्य के बारे में बताया। साथ ही यूनिसेफ के प्रतिनिधि सुरेश तिवारी, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि प्रवीण दुबे और मनीष ने तकनीकी सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को विभिन्न कार्यान्वयन मॉडल, पोषण संवर्धन गतिविधियों एवं फील्ड स्तर पर डेटा एकत्रीकरण की विधियों के बारे में प्रशिक्षित किया।

प्रशिक्षित हुईं आशा कार्यकर्ता

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में ही नगरीय क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं का एक्सपेंडेड सर्विस पैकेज को लेकर बृहस्पतिवार को भी प्रशिक्षण जारी रहा। इस आयोजन में पहुंचे सीएमओ डॉ राजेश जा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। कुशल आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ही समुदाय तक गुणवत्तापूर्ण सेवाएं पहुंचाना संभव है।इस अवसर पर डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और शहरी स्वास्थ्य समन्वयक सुरेश सिंह चौहान भी मौजूद रहे।

दस्तक का होगा उद्घाटन, होंगी प्रतियोगिताएं

सीएमओ डॉ झा ने बताया कि बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र से शुक्रवार को सुबह दस बजे से दस्तक अभियान का उद्घाटन होगा। इसके अलावा विश्व जनसंख्या दिवस पर स्कूली बच्चों के बीच वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा, जिसका पुरस्कार वितरण प्रेरणा श्री सभागार में अपराह्न दो बजे से किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ की सड़को खस्ता हालत पर हाईकोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ की जर्जर सड़कों और निर्माण कार्यों में हो रही देरी को लेकर राज्य हाईकोर्ट ने गुरुवार को सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “क्या सरकार तब तक कोई काम नहीं करेगी जब तक कोर्ट न कहे? क्या अब सड़कें भी कोर्ट की निगरानी में ही बनेंगी?”

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर, रायपुर समेत प्रदेशभर की प्रमुख सड़कों की बदहाली पर गंभीर चिंता जताई और राज्य शासन से शपथपत्र सहित विस्तृत जवाब तलब किया है।

अधूरे पड़े सड़क निर्माण कार्यों पर कोर्ट सख्त

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि—

  • बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक की सड़क का निर्माण कार्य अप्रैल में स्वीकृत हो चुका है, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई।
  • रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड का काम अधूरा है।
  • सेंदरी बाईपास में प्रस्तावित फुट ओवरब्रिज (FOB) के लिए अब तक डीपीआर भी तैयार नहीं की गई है।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि “प्रदेशभर में सड़कें खस्ताहाल हैं और शासन अब भी उदासीन है। यह स्थिति बेहद पीड़ाजनक है।” कोर्ट ने पहले से ही आवारा मवेशियों और सड़कों की दुर्दशा के चलते हो रहे सड़क हादसों को लेकर स्वतः संज्ञान लिया हुआ है। इस संबंध में दाखिल कई जनहित याचिकाओं की गुरुवार को संयुक्त सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता को कोर्ट में तलब किया गया। कोर्ट ने दो टूक कहा, “सड़कों की हालत बेहद खराब है, फिर भी शासन की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही।”राज्य शासन की ओर से कहा गया कि सभी निर्माण कार्यों की स्थिति पर विस्तृत जानकारी शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त तय की है।

श्रवण मास व कांवड़ यात्रा की तैयारियों का डीएम व एसपी ने लिया जायजा, दिए आवश्यक निर्देश

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद व पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने आगामी श्रावण मास व कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर चहलारी घाट व खेमकरन इण्टर कालेज लहरपुर का निरीक्षण कर अब तक की गई तैयारियों की संबंधित विभाग के अधिकारियों से जानकारी लेकर चहलारी घाट में बैरिकेडिंग, साफ सफाई, सुरक्षा व्यवथाओं में तैनात पुलिस कर्मियों की जानकारी लेकर समय से सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किये। साथ ही उन्होंने साफ-सफाई, बैरीकेटिंग, लाइटिंग, सुरक्षा व्यवस्था आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित को प्रदान किये। जिलाधिकारी ने सीसीटीवी कैमरा, मोटर बोट, नाव, खोया पाया आदि की जानकारी कर साउंड व माइक की व्यवस्था कराने के निर्देश प्रदान किये। मुख्य चिकित्साधारी को स्वास्थ्य शिविर स्थापित करने के साथ ही एम्बुलेंस की उपलब्धता एवम स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किये।

जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी पण्डाल लगे हैं, उन सभी पर संबंधित विभागों का फ्लैक्स अवश्य लगाया जाये, जिससे कावड़ियों को जानकारी हो सके। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि गोताखारों को निरन्तर सक्रिय रखा जाये तथा सभी खराब पड़े हैण्डपम्पों को सही करा दिया जाये। साथ ही यह भी निर्देश दिये कि घाट की बैरीकेटिंग सही ढंग से की जाये तथा नदी की गहराई वाले क्षेत्रों पर प्रतिबन्ध रखा जाये तथा खतरे का साइन बोर्ड भी प्रदर्शित किया जाये। शौचालय एवं मोबाइल शौचालय की साफ-सफाई हेतु एक सफाई कर्मचारी की तैनाती की जाये। महिलाओं को कपड़े बदलनें हेतु रूम की व्यवस्था की जाये तथा महिला कर्मचारी की भी नियुक्ति वहां पर की जाये। विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि घाट पर प्रकाश की उचित व्यवस्था एवं कावड़ियों के आवागमन वाले मार्गों पर भी प्रकाश की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। विद्युत के पोल खम्भों को पालीथीन से कवर कर दिया जाये।

जिलाधिकारी ने खेमकरन इण्टर कालेज लहरपुर में शिव शक्ति सनातन सेवा समिति द्वारा श्रावण मास में कराये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी ली एवं संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि मजाशाह से खेमकरन इण्टर कालेज वाले मार्गों पर प्रकाश की व्यवस्था करने के साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने नगर पालिका के अधिकारी को निर्देश दिये कि कूड़ा उठान वाली गाड़ी निरन्तर कूड़ा उठान करती रहे। उन्होंने खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि कावड़ियों को प्रसाद के रूप में दिये जाने वाले खाने की गुणवत्ता की जांच करेगी। पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ एक कर्मचारी की ड्यूटी भी लगायी जाये।

पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने थाना प्रभारी को कड़े निर्देश प्रदान किये कि श्रावण मास व कावंड़ यात्रा के दौरान रुट डायवर्जन को पहले से ही सुनिश्चित करा लिया जाये। लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये कि कांवड़ रुट में पड़ने वाली सड़कों के गड्ढे आदि दुरस्त करा लें। पर्याप्त विद्युत लाइटिंग व जनरेटर की व्यवस्थाओं को समय पूर्ण करने के निर्देश संबंधित को प्रदान किये। उन्होंने सभी अधिकारियों व महानुभावों से अपील की है कि यदि कोई घटना घटित होती है तो उस पर प्रतिक्रिया न करके हमें तत्काल सूचित करें।

निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी बिसवां शिखा शुक्ला, उपजिलाधिकारी लहरपुर आकांक्षा गौतम, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई विशाल पोरवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

*कावड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा:भदोही में कमिश्नर-डीआईजी ने किया हाइवे निरीक्षण, उत्तरी लेन केवल कावड़ियों के लिए*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही में सावन माह की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा का आगाज हो गया है। प्रयागराज के संगम से जल लेकर कांवड़िए भदोही होते हुए नेशनल हाईवे -19 से वाराणसी की ओर जा रहे हैं। मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी और डीआईजी मिर्जापुर आरपी सिंह ने भदोही के डीएम - एसपी के साथ वाराणसी - भदोही सीमा औराई बाबूसराय का दौर किया। इसके कलेक्ट्रेट सभागार में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई।

कमिश्नर ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग की उत्तरी लेन शाम को वाहनों के लिए बंद कर दी जाएगी। यह लेन सिर्फ कांवड़ियों के लिए अंतरिक्ष रहेगी। कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालु की सुविधा के लिए शौचालय, पानी और शिविर की व्यवस्था की जा रही है। सोमवार को जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।

भदोही में 42 किलोमीटर लंबे हाइवे पर स्वास्थ्य विभाग और एन‌एच‌आई समेत अन्य विभागों के साथ समन्वय किया गया है। पुलिस ने हाईवे से गांव की ओर जाने वाले मार्गों पर बैरियर लगा दिए हैं। सभी कट पाॅइंट्स को बंद कर दिया गया है। जनपद सीमा ऊंज से बाबूसराय तक पुलिस टीमें गश्त कर रही है। हर कट पाॅइंट और बैरिकेडिंग स्थल पर पुलिस तैनात की गई है।

मुविवि में जनसंख्या नियंत्रण जागरूकता रैली का आयोजन

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान विद्याशाखा द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर शुक्रवार को विश्व जनसंख्या नियंत्रण जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम के निर्देश पर आयोजित रैली का शुभारम्भ कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर किया । रैली में विभिन्न प्रकार के स्लोगन के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण का संदेश दिया गया।

रैली में शामिल लोग जनसंख्या एक विपत्ति है, विनाश की उत्पत्ति है तथा जनसंख्या वृद्धि है श्राप, सतत विकास का करती नाश जैसे स्लोगन हाथ में लेकर समाज को जागरूक करने का प्रयास कर रहे थे। रैली गंगा परिसर से प्रारंभ होकर सरस्वती परिसर में समाप्त हुई। रैली में प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता, प्रोफेसर संतोषा कुमार, प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी, प्रोफेसर पी के पाण्डेय, प्रोफेसर छत्रसाल सिंह, डॉ दिनेश सिंह, डॉ ज्ञानप्रकाश यादव, डॉ आनंदानंद त्रिपाठी, डॉ सतीश चन्द जैसल, डॉ सुनील कुमार, डॉ त्रिविक्रम तिवारी, डॉ अनिल कुमार सिंह भदौरिया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर एस कुमार एवं आयोजन सचिव डॉ मनोज कुमार ने प्रारंभ में कुलसचिव कर्नल विनय कुमार एवं निदेशक सीका प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता का स्वागत किया। सह आयोजन सचिव डॉ सुबास चंद्र पाल, डॉ योगेश कुमार यादव तथा राजेश सिंह ने रैली में शामिल शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा छात्रों के प्रति आभार व्यक्त किया। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा.प्रभात चंद्र मिश्र ने दी।

बिहार में मतदाता गणना प्रपत्र संग्रह में तेजी: 74% से अधिक फॉर्म जमा, 25 जुलाई अंतिम तिथि

पटना, बिहार: बिहार में मतदाता गणना प्रपत्र संग्रह का कार्य तेजी से चल रहा है, और अंतिम तिथि से 14 दिन पहले ही 74.39% प्रपत्र जमा कर लिए गए हैं। राज्य के कुल 7,89,69,844 (लगभग 7.90 करोड़) मतदाताओं में से अब तक 5,87,49,463 गणना प्रपत्र एकत्र किए जा चुके हैं।

घर-घर जाकर बीएलओ कर रहे सहायता

सार्वजनिक सूचना रजिस्ट्री (SIR) के दूसरे चरण में, बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) घर-घर जाकर मतदाताओं की सहायता कर रहे हैं और उनके भरे हुए गणना प्रपत्र एकत्र कर रहे हैं। इस प्रक्रिया की प्रगति पर 38 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs), सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (EROs), और 963 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AEROs) सहित क्षेत्र-स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।

डिजिटलीकरण और सत्यापन प्रक्रिया जारी

गणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण और अपलोडिंग भी सुचारु रूप से आगे बढ़ रही है। SIR दिशानिर्देशों के पैरा 3(H) के अनुसार, BLOs ने अब तक एकत्र किए गए कुल गणना प्रपत्रों में से 3.73 करोड़ प्रपत्रों को BLO ऐप/ECInet के माध्यम से सफलतापूर्वक डिजिटाइज्ड और अपलोड कर दिया है। आज, अपलोड किए गए प्रपत्रों के AERO/ERO द्वारा सत्यापन के लिए ECInet में एक नया मॉड्यूल भी लागू किया गया है, जिससे प्रक्रिया में और पारदर्शिता आएगी।

अथक प्रयास और सामूहिक योगदान

24 जून, 2025 को SIR निर्देश जारी होने के बाद से पिछले 17 दिनों में यह उपलब्धि हासिल की गई है। गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है। इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए 77,895 BLOs, 20,603 नव नियुक्त BLOs और अन्य चुनाव अधिकारी अथक प्रयास कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों (PWDs), बीमार और कमजोर आबादी को सहायता प्रदान कर रहे हैं। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों (BLAs) की 1.56 लाख सक्रिय शक्ति ने भी इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे 74.39% गणना प्रपत्रों के संग्रह में सफलता मिली है।

झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: मॉनसून सत्र को मंजूरी, सड़कों के लिए करोड़ों स्वीकृत, कई सेवा संबंधी प्रस्तावों पर मुहर

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज, 11 जुलाई 2025 को झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और जन कल्याण से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

विधानसभा का मॉनसून सत्र और विधायी कार्य

कैबिनेट ने षष्ठम झारखंड विधानसभा के तृतीय (मॉनसून) सत्र को 01 अगस्त 2025 से 07 अगस्त 2025 तक आहूत किए जाने तथा इससे संबंधित औपबंधिक कार्यक्रम पर अपनी स्वीकृति दे दी है। यह सत्र राज्य के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण होगा।

सड़क परियोजनाओं के लिए करोड़ों की स्वीकृति

राज्य में आधारभूत संरचना के विकास को गति देते हुए कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए बड़ी राशि स्वीकृत की है:

सिल्ली-बंता-हजाम टीकर-रंगामाटी पथ (MDR-25) के 39 किलोमीटर हिस्से के राईडिंग क्वालिटी सुधार (IRQP) कार्य के लिए ₹32.70 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

रांची जिले में कुम्हरिया मोड़ से संग्रामपुर तक (कुल लंबाई-6.333 किमी) पथ के पुनर्निर्माण (पुल निर्माण, भू-अर्जन, एवं यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित) के लिए ₹38.89 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इस पथ को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित भी किया जाएगा।

साहेबगंज अंतर्गत करमाटांड से जुराल तक (कुल 12.706 किमी) पथ के चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण (भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टिंग और प्लांटेशन सहित) के लिए ₹121.74 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इस पथ को भी ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

प्रशासनिक एवं सेवा संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट ने विभिन्न प्रशासनिक और सेवा संबंधी प्रस्तावों पर भी निर्णय लिए:

जिला योजना अनाबद्ध निधि के माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति और कार्यान्वयन हेतु मार्गदर्शिका में संशोधन को स्वीकृति मिली।

झारखंड प्रशासनिक सेवा की तत्कालीन अंचल अधिकारी, नामकुम, रांची, श्रीमती कुमुदिनी टुडू के अपील अभ्यावेदन को अस्वीकृत करते हुए उनके विरुद्ध 02 वेतनवृद्धि पर रोक के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नयाभुसूर, नामकुम, रांची की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभिनीति सिद्धार्थ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नाला, जामताड़ा की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्नेहा सिंह को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तत्कालीन प्रभारी सिविल सर्जन, जमशेदपुर डॉ. अरविंद कुमार लाल की सेवा से बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) के संचालन को स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय भगत चरण महान्ती, भूतपूर्व पदचर को अनुमान्य ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति मिली।

स्वैच्छिक सेवानिवृत पुलिस अवर निरीक्षक श्री शिव कुमार प्रसाद के चिकित्सा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु ₹10.20 लाख के भुगतान को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्तमान आवश्यकतानुसार पदों के प्रत्यर्पण एवं स्वीकृति को मंजूरी मिली।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलछाजन विकास अवयव (WDC-PMKSY 2.0) परियोजनाओं में Spineless Cactus Plantation अंतर्गत तकनीकी सहयोग प्रदान करने हेतु 04 संस्थाओं के मध्य Non-Financial MoU करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में याचिकाकर्ता उमेश पासवान और राम बिनय शर्मा की सेवा को 16 जनवरी 1994 से नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।

राज्य अंतर्गत सभी थानों हेतु चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों के क्रय की स्वीकृति प्रदान की गई।

"झारखंड उत्पाद (झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन) नियमावली, 2022" के तहत राजस्वहित में अल्पकालीन वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत नई खुदरा उत्पाद नीति के तहत दुकानों के संचालन हेतु दैनिक पारिश्रमिक पर मानव बल की सेवा प्राप्त करने के लिए निर्गत संकल्प पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

"The District Courts of the State of Jharkhand for the Use of Electronic Communication and Audio-Video Electronic Means Rules, 2025" के गठन के लिए माननीय राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में वर्ष 2017 में नियुक्त/कार्यरत खान निरीक्षकों को देय तिथि से सेवा सम्पुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य करने हेतु एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता की शर्त को शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान और पंचम वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दरों में वृद्धि को स्वीकृति मिली।

राज्य सरकार के पेंशनधारियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई राहत की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी गई।

तत्कालीन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, हजारीबाग दिनेश कुमार मिश्र के एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली ले जाने में हुए चिकित्सा व्यय ₹5.75 लाख की प्रतिपूर्ति को स्वीकृति मिली।

संस्था निबंधन अधिनियम, 1860 की धारा 24 के अंतर्गत संस्था निबंधन नियमावली के गठन को स्वीकृति मिली।

मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति अंतर्गत सुश्री माधुरी खालखो को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु वर्णित छात्रवृत्ति की अवधि व पाठ्यक्रम संबंधी पात्रता को विशेष परिस्थिति में क्षांत/शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय जगरनाथ महतो, तत्कालीन मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, झारखंड सरकार के Lung Transplant के उपरांत MGM अस्पताल चेन्नई में कराई गई अनुगामी चिकित्सा में वास्तविक व्यय ₹44.83 लाख की प्रतिपूर्ति/भुगतान की स्वीकृति दी गई।

उत्तरवर्ती बिहार एवं झारखंड राज्य स्थित एकीकृत बिहार पंचायत राज वित्त निगम लिमिटेड के कर्मियों के बकाया वेतनादि के भुगतान हेतु झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम की निकासी की स्वीकृति दी गई।

*जागरूकता का संदेश लेकर रवाना हुआ सारथी वाहन, जनसंख्या नियंत्रण के महत्व पर की गई चर्चा


गोरखपुर। जिले में विश्व जनसंख्या दिवस पर समुदाय को जागरूक करने के लिए विविध आयोजन हुए। इसी क्रम में सीएमओ कार्यालय से सारथी वाहन को सीएमओ डॉ राजेश झा ने हरी झंडी दिखा कर शुक्रवार को रवाना किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कराया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने जनसंख्या नियंत्रण, छोटे परिवार के महत्व और परिवार नियोजन के महिला के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चर्चा की।

सीएमओ डॉ राजेश जा ने उत्कृष्ट विचारों और तर्कों के लिए सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना की। उन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाली जनता इंटर कॉलेज की छात्रा अमृता, द्वितिय स्थान पाने वाली भगवती प्रसाद इंटर कॉलेज की छात्रा माही गुप्ता और तीसरा स्थान पाने वाली इसी कॉलेज की सुमुल खान एवं जुबिली इंटर कॉलेज के छात्र आदित्य नाथ को पुरस्कृत किया।

सीएमओ ने बताया कि इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस का विषय "माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल’’ है। इस विषय का संदेश है कि जनसंख्या का नियोजन न केवल समाज की खुशहाली के लिए आवश्यक है, बल्कि परिवार के कल्याण के लिए भी नितांत जरूरी है। परिवार नियोजन न केवल मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी इसकी अहम भूमिका है। सारथी वाहन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन जन तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा।

डॉ झा ने बताया कि शुक्रवार से ही विश्व जनसंख्या स्थिरता का सेवा अदायगी पखवाड़ा शुरू हो गया है। इसके तहत इच्छुक दंपति को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाती हैं।

स्वास्थ्य विभाग गर्भनिरोधक गोलियां, महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, कंडोम, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और साप्ताहिक छाया गोली जैसे साधन निःशुल्क उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर परिवार नियोजन परामर्शदाता दंपति को बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में परामर्श देते है और दंपति की पसंद के अनुसार उन्हें सेवा भी उपलब्ध कराते हैं।

इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डीपीएम पंकज आनंद, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, मातृ शिशु स्वास्थ्य परामर्शदाता सूर्य प्रकाश और पीएसआई इंडिया संस्था से प्रियंका सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।

प्रशिक्षित हुए बीपीएम, एचईओ और फार्मासिस्ट

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सीएमओ डॉ राजेश झा की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) और फार्मासिस्ट को आयरन फोलिक एसिड गोलियों की आपूर्ति श्रंखला के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

एम्स एसआरसीएन एम्स के सहयोग से हुई इस प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स गोरखपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति सिंह, सीएमओ डॉ राजेश झा और एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आईएफए की समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि किशोरियों, गर्भवती और बच्चों में एनीमिया की दर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।

इस अवसर पर यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ सत्या, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि के सुरेश तिवारी, प्रवीण दूबे और मनीष द्विवेद्वी ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

*मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध हालात में डॉक्टर की मौत से हड़कंप : हॉस्टल के कमरे में बेड पर मिला शव*

गोरखपुर। बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में आज़ सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत एक युवा डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। मृतक डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय अबिषो डेविड के रूप में हुई है, जो केरल के अबिविला, पामपडुमकुझी, पाल्लूरकोनाम, परास्सला, ज़िला तिरुअनंतपुरम के निवासी थे। वे मेडिकल कॉलेज के सौ सीटेट पीजी बॉयज हॉस्टल में रह रहे थे और एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह रोज़ की तरह जब अबिषो डेविड समय पर विभाग में उपस्थित नहीं हुए तो विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने कर्मचारी को उनके हॉस्टल कक्ष पर भेजा। कर्मचारी जब हॉस्टल पहुँचा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद है और खटखटाने व आवाज़ लगाने पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा।

हालात संदिग्ध देख कर्मचारी ने तुरंत विभागाध्यक्ष को सूचना दी। स्थिति को देखते हुए डॉ. सतीश कुमार स्वयं अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ हॉस्टल पहुँचे। काफी प्रयासों के बाद जब दरवाज़ा नहीं खुला तो उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया। दरवाज़ा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया गया तो अबिषो डेविड बेड पर मृत पड़े मिले।

घटना की सूचना मिलते ही प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, कई वरिष्ठ चिकित्सक, शिक्षक और रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुँच गए। गोरखपुर के गुलरिहा थाना पुलिस को तत्काल सूचित किया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटनास्थल से किसी प्रकार का स्पष्ट सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य और गहरा गया है। हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट मिला था, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कमरे से आवश्यक नमूने और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। हॉस्टल के अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

घटना की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है। पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में इस घटना के बाद शोक और सन्नाटे का माहौल व्याप्त है। हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों में दहशत और असमंजस की स्थिति है। मरीजों के तीमारदारों की भीड़ भी परिसर में जमा हो गई, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉक्टर अबिषो डेविड की मौत स्वाभाविक थी या आत्महत्या। उन्होंने कहा — ‘स्थिति पूरी तरह से संदिग्ध है, कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। हम पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद ही सही स्थिति का खुलासा हो सकेगा।’

प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए एक दुखद घटना है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल और विभाग से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जाँच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पारिवारिक परेशानी या अन्य कोई कारण तो घटना के पीछे नहीं है।

पुलिस के अनुसार, सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारण का अंतिम निष्कर्ष निकल सकेगा।

बताया जा रहा है कि डॉ. अबिषो डेविड अपने सहकर्मियों के बीच मृदुभाषी, जिम्मेदार और समर्पित डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे। उनकी इस प्रकार रहस्यमयी मृत्यु ने उनके साथियों और शिक्षकों को गहरे शोक में डाल दिया है।

फिलहाल मेडिकल कॉलेज के छात्र, डॉक्टर और प्रशासन एक ही सवाल में उलझे हैं कि क्या यह मौत आत्महत्या है या कोई और राज़ छुपा हुआ है? क्या मानसिक तनाव या व्यक्तिगत कारण इस घटना के पीछे हैं? यह सब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा।

बैनामे की जमीन कब्जे को लेकर एसडीएम का घेराव, वकीलों ने लगाए मुर्दाबाद के नारे

खजनी गोरखपुर।तहसील में वकीलों ने उप जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया और उनके चैंबर में ही धरने पर बैठ गए, एसडीएम के खिलाफ मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाते हुए सभी वकीलों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

धरना प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने भूमि विवाद के मामलों में लेखपालों और कानूनगो की मनमानी और निरंकुशता, एसडीएम कोर्ट में लंबित मुकदमों की फाइलें गायब होने या नहीं मिलने, वादकारियों को न्याय नहीं मिलने, विवादित मामलों में एसडीएम द्वारा निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं करने जैसे दर्जनों गंभीर आरोप लगाए।

हंगामे की शुरुआत और धरना प्रदर्शन की नौबत तब आई जब कूड़ा भरत गांव की निवासी महिला रीमा यादव पत्नी सनोज यादव को अपने हक हिस्से के पुराने बैनामे की जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था, महिला ने अपने बड़े ससुर रामानंद यादव के हिस्से की जमीन की रजिस्ट्री करायी है किन्तु उसकी जमीन पर उसके चचेरे ससुर बेचन यादव जबरन कब्जा करके मकान का निर्माण करा रहे हैं।

महिला के द्वारा इसकी सूचना खजनी तहसील में अपने अधिवक्ता राम करन गौड़ को दी गई, रामकरन गौड़ ने एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह से मिल कर बैनामे की जमीन पर निर्माण और कब्जा करने की जानकारी देते हुए उनसे थानाध्यक्ष खजनी को निर्माण कार्य रोकने का आदेश देने के लिए कहा किंतु एसडीएम ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया। वकील ने तहसील के अन्य अधिवक्ताओं को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद एसडीएम की कार्यप्रणाली से पहले से ही नाराज़ चल रहे वकीलों ने उनके कार्यालय में पहुंच कर नारे लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस संदर्भ में एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि मामला न्यायालय में चल रहा है, फैसले से पहले किसी एक पक्ष के लिए आदेश करना उचित नहीं था, अभी काम रोक दिया गया है, वकीलों से भी बातचीत हुई है, सभी मामलों में विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि बैनामे की जमीन में मौके पर मिलजुमला नंबर है, किसके हिस्से में किस तरफ की कौन सी जमीन आएगी इसका फैसला नहीं हुआ है, बंटवारे और पैमाइश के बाद ही सभी के हक़ हिस्से को निर्धारित किया जा सकता है।

एनीमिया मुक्त गोरखपुर के लिए साथ मिल कर काम करेंगे शिक्षक और चिकित्सक


गोरखपुर। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गोरखपुर को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए शिक्षक और चिकित्सक साथ-साथ मिल कर काम करेंगे। इसके लिए जिले के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के चिकित्सा अधिकारियों को बृहस्पतिवार को सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में प्रशिक्षित किया गया। इनके सहयोग से स्कूल स्तर पर ही एनीमिया की रोकथाम के लिए साझा प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने की। इस अवसर पर मौजूद प्रतिभागियों ने एनीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य को गोरखपुर में साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस अवसर पर एम्स गोरखपुर की प्रोफेसर एवं बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल ने बाल स्वास्थ्य पर एनीमिया के प्रभाव और उसकी रोकथाम के बारे में चर्चा की। उन्होंने समुदाय स्तर पर किए जाने वाले संभावित हस्तक्षेप के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि एसआरसीएन-एम्स गोरखपुर द्वारा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बीईओ और आरबीएसके के नोडल अधिकारियों को एनीमिया उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में प्रशिक्षित करना था। अपने सम्बोधन में उन्होंने एनीमिया नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी ने जिले में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने एनीमिया नियंत्रण में सामूहिक सहभागिता की विशेष आवश्यकता जताई।

प्रशिक्षण में यूनिसेफ की राज्य प्रतिनिधि डॉ. सत्य ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय रणनीति और वैश्विक परिप्रेक्ष्य के बारे में बताया। साथ ही यूनिसेफ के प्रतिनिधि सुरेश तिवारी, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि प्रवीण दुबे और मनीष ने तकनीकी सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को विभिन्न कार्यान्वयन मॉडल, पोषण संवर्धन गतिविधियों एवं फील्ड स्तर पर डेटा एकत्रीकरण की विधियों के बारे में प्रशिक्षित किया।

प्रशिक्षित हुईं आशा कार्यकर्ता

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में ही नगरीय क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं का एक्सपेंडेड सर्विस पैकेज को लेकर बृहस्पतिवार को भी प्रशिक्षण जारी रहा। इस आयोजन में पहुंचे सीएमओ डॉ राजेश जा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। कुशल आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ही समुदाय तक गुणवत्तापूर्ण सेवाएं पहुंचाना संभव है।इस अवसर पर डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और शहरी स्वास्थ्य समन्वयक सुरेश सिंह चौहान भी मौजूद रहे।

दस्तक का होगा उद्घाटन, होंगी प्रतियोगिताएं

सीएमओ डॉ झा ने बताया कि बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र से शुक्रवार को सुबह दस बजे से दस्तक अभियान का उद्घाटन होगा। इसके अलावा विश्व जनसंख्या दिवस पर स्कूली बच्चों के बीच वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा, जिसका पुरस्कार वितरण प्रेरणा श्री सभागार में अपराह्न दो बजे से किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ की सड़को खस्ता हालत पर हाईकोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ की जर्जर सड़कों और निर्माण कार्यों में हो रही देरी को लेकर राज्य हाईकोर्ट ने गुरुवार को सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “क्या सरकार तब तक कोई काम नहीं करेगी जब तक कोर्ट न कहे? क्या अब सड़कें भी कोर्ट की निगरानी में ही बनेंगी?”

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर, रायपुर समेत प्रदेशभर की प्रमुख सड़कों की बदहाली पर गंभीर चिंता जताई और राज्य शासन से शपथपत्र सहित विस्तृत जवाब तलब किया है।

अधूरे पड़े सड़क निर्माण कार्यों पर कोर्ट सख्त

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि—

  • बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक की सड़क का निर्माण कार्य अप्रैल में स्वीकृत हो चुका है, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई।
  • रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड का काम अधूरा है।
  • सेंदरी बाईपास में प्रस्तावित फुट ओवरब्रिज (FOB) के लिए अब तक डीपीआर भी तैयार नहीं की गई है।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि “प्रदेशभर में सड़कें खस्ताहाल हैं और शासन अब भी उदासीन है। यह स्थिति बेहद पीड़ाजनक है।” कोर्ट ने पहले से ही आवारा मवेशियों और सड़कों की दुर्दशा के चलते हो रहे सड़क हादसों को लेकर स्वतः संज्ञान लिया हुआ है। इस संबंध में दाखिल कई जनहित याचिकाओं की गुरुवार को संयुक्त सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता को कोर्ट में तलब किया गया। कोर्ट ने दो टूक कहा, “सड़कों की हालत बेहद खराब है, फिर भी शासन की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही।”राज्य शासन की ओर से कहा गया कि सभी निर्माण कार्यों की स्थिति पर विस्तृत जानकारी शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त तय की है।

श्रवण मास व कांवड़ यात्रा की तैयारियों का डीएम व एसपी ने लिया जायजा, दिए आवश्यक निर्देश

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद व पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने आगामी श्रावण मास व कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर चहलारी घाट व खेमकरन इण्टर कालेज लहरपुर का निरीक्षण कर अब तक की गई तैयारियों की संबंधित विभाग के अधिकारियों से जानकारी लेकर चहलारी घाट में बैरिकेडिंग, साफ सफाई, सुरक्षा व्यवथाओं में तैनात पुलिस कर्मियों की जानकारी लेकर समय से सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किये। साथ ही उन्होंने साफ-सफाई, बैरीकेटिंग, लाइटिंग, सुरक्षा व्यवस्था आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित को प्रदान किये। जिलाधिकारी ने सीसीटीवी कैमरा, मोटर बोट, नाव, खोया पाया आदि की जानकारी कर साउंड व माइक की व्यवस्था कराने के निर्देश प्रदान किये। मुख्य चिकित्साधारी को स्वास्थ्य शिविर स्थापित करने के साथ ही एम्बुलेंस की उपलब्धता एवम स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किये।

जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी पण्डाल लगे हैं, उन सभी पर संबंधित विभागों का फ्लैक्स अवश्य लगाया जाये, जिससे कावड़ियों को जानकारी हो सके। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि गोताखारों को निरन्तर सक्रिय रखा जाये तथा सभी खराब पड़े हैण्डपम्पों को सही करा दिया जाये। साथ ही यह भी निर्देश दिये कि घाट की बैरीकेटिंग सही ढंग से की जाये तथा नदी की गहराई वाले क्षेत्रों पर प्रतिबन्ध रखा जाये तथा खतरे का साइन बोर्ड भी प्रदर्शित किया जाये। शौचालय एवं मोबाइल शौचालय की साफ-सफाई हेतु एक सफाई कर्मचारी की तैनाती की जाये। महिलाओं को कपड़े बदलनें हेतु रूम की व्यवस्था की जाये तथा महिला कर्मचारी की भी नियुक्ति वहां पर की जाये। विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि घाट पर प्रकाश की उचित व्यवस्था एवं कावड़ियों के आवागमन वाले मार्गों पर भी प्रकाश की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। विद्युत के पोल खम्भों को पालीथीन से कवर कर दिया जाये।

जिलाधिकारी ने खेमकरन इण्टर कालेज लहरपुर में शिव शक्ति सनातन सेवा समिति द्वारा श्रावण मास में कराये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी ली एवं संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि मजाशाह से खेमकरन इण्टर कालेज वाले मार्गों पर प्रकाश की व्यवस्था करने के साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने नगर पालिका के अधिकारी को निर्देश दिये कि कूड़ा उठान वाली गाड़ी निरन्तर कूड़ा उठान करती रहे। उन्होंने खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि कावड़ियों को प्रसाद के रूप में दिये जाने वाले खाने की गुणवत्ता की जांच करेगी। पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ एक कर्मचारी की ड्यूटी भी लगायी जाये।

पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने थाना प्रभारी को कड़े निर्देश प्रदान किये कि श्रावण मास व कावंड़ यात्रा के दौरान रुट डायवर्जन को पहले से ही सुनिश्चित करा लिया जाये। लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये कि कांवड़ रुट में पड़ने वाली सड़कों के गड्ढे आदि दुरस्त करा लें। पर्याप्त विद्युत लाइटिंग व जनरेटर की व्यवस्थाओं को समय पूर्ण करने के निर्देश संबंधित को प्रदान किये। उन्होंने सभी अधिकारियों व महानुभावों से अपील की है कि यदि कोई घटना घटित होती है तो उस पर प्रतिक्रिया न करके हमें तत्काल सूचित करें।

निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी बिसवां शिखा शुक्ला, उपजिलाधिकारी लहरपुर आकांक्षा गौतम, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई विशाल पोरवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

*कावड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा:भदोही में कमिश्नर-डीआईजी ने किया हाइवे निरीक्षण, उत्तरी लेन केवल कावड़ियों के लिए*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही में सावन माह की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा का आगाज हो गया है। प्रयागराज के संगम से जल लेकर कांवड़िए भदोही होते हुए नेशनल हाईवे -19 से वाराणसी की ओर जा रहे हैं। मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी और डीआईजी मिर्जापुर आरपी सिंह ने भदोही के डीएम - एसपी के साथ वाराणसी - भदोही सीमा औराई बाबूसराय का दौर किया। इसके कलेक्ट्रेट सभागार में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई।

कमिश्नर ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग की उत्तरी लेन शाम को वाहनों के लिए बंद कर दी जाएगी। यह लेन सिर्फ कांवड़ियों के लिए अंतरिक्ष रहेगी। कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालु की सुविधा के लिए शौचालय, पानी और शिविर की व्यवस्था की जा रही है। सोमवार को जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।

भदोही में 42 किलोमीटर लंबे हाइवे पर स्वास्थ्य विभाग और एन‌एच‌आई समेत अन्य विभागों के साथ समन्वय किया गया है। पुलिस ने हाईवे से गांव की ओर जाने वाले मार्गों पर बैरियर लगा दिए हैं। सभी कट पाॅइंट्स को बंद कर दिया गया है। जनपद सीमा ऊंज से बाबूसराय तक पुलिस टीमें गश्त कर रही है। हर कट पाॅइंट और बैरिकेडिंग स्थल पर पुलिस तैनात की गई है।