मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम : राष्ट्रपति ने की मानवाधिकारों को अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने की अपील

दिल्ली ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक नागरिक की गरिमा और अधिकारों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। भारत की सांस्कृतिक परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर आधारित है जो सार्वभौमिक मानवाधिकारों की भावना को मजबूत करती है। उन्होंने मानवाधिकारों को देश के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचाने की अपील के।

राजधानी दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन, आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति बिद्युत रंजन सारंगी, विजया भारती सयानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा तथा संयुक्त राष्ट्र महासचिव की समन्वयक अरेती सिएनी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने आयोग के हिंदी जर्नल नई दिशाएं और अंग्रेजी जर्नल जर्नल आफ द एनएचआरसी का वर्ष 2024- 25 का संस्करण जारी किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत ने सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसकी मूल भावना मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने मानवाधिकार, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को एक दूसरे से अविभाज्य बताया था।

राष्ट्रपति ने कहा कि एनएचआरसी ने हाल के वर्षों में अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से जुड़े मामलों पर विशेष ध्यान दिया है। आयोग 3000 से अधिक मामलों में स्वप्रेरणा से कार्यवाही कर चुका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

उन्होंने कहा कि मानवाधिकार और विकास परस्पर जुड़े हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छ पानी, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं सभी नागरिकों तक पहुंचाना मानवाधिकारों की पूर्ति का आधार है। एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल और पीएम श्री स्कूल जैसे संस्थानों ने वंचित वर्गों के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई है। आवास और खाद्य सुरक्षा योजनाओं से करोड़ों लोगों को लाभ मिला है जिससे उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का आधार मिला है।

उन्होंने कहा कि हाल के श्रम सुधारों और सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों से श्रमिकों के अधिकार और सुदृढ़ हुए हैं। सुदूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले सभी नागरिकों तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है। समावेशी विकास का अर्थ है कि विकास की यात्रा में कोई भी व्यक्ति पीछे न रह जाए।

पूर्व नगर पालिका चेयरमैन की 16 दिन बाद जमानत मंजूर

एक लाख रुपए के व्यक्तिगत बंध पत्र करना होगा दाखिल

गोंडा।नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष रुपेश कुमार उर्फ़ निर्मल श्रीवास्तव को 16 दिन बाद जमानत मिल गई है।अपर जनपद न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल की अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।अदालत ने पूर्व चेयरमैन को एक लाख रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।इसके साथ ही दो जमानतदार पेश करना होगा तथा साथ ही न्यायालय द्वारा लगाई गयी अन्य शर्तें पूरी होने पर ही उन्हें मंडलीय कारागार से रिहा किया जाएगा।बताते चलें कि निर्मल श्रीवास्तव ने गत 24 नवंबर को अदालत में आत्मसमर्पण किया था।उन्हें 21 साल पुराने आगजनी और बलबा के एक मामले में भगोड़ा घोषित किया था जिसके बाद अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया था।यह मामला 7 सितंबर 2004 को नगर कोतवाली के तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से संबंधित है।पुलिस ने मौके से निर्मल श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था और बाद में निर्मल श्रीवास्तव सहित 17 आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।मामले की सुनवाई के दौरान निर्मल निरंतर गैरहाजिर रहे,जिसके कारण न्यायालय ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था।उसके बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित करने का आदेश जारी किया था।न्यायालय द्वारा नगर कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के निर्देश मिलने के बाद रूपेश श्रीवास्तव ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।मण्डलीय कारागार के अधीक्षक ने बताया कि अभी तक अदालत का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।आदेश मिलने और सभी शर्तें पूरी होने पर ही रूपेश श्रीवास्तव को रिहा किया जाएगा।न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित किये जाने के बाद निर्मल श्रीवास्तव ने आत्मसमर्पण किया था जहाँ से जेल भेज दिया गया था।

जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगा इंडिया गठबंधन, जानें क्या है मामला?

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मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्षी इंडी गठबंधन ने मोर्चा खोल दिया है। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग लाने की पूरी तैयारी हो गई है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) समेत इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिया है।

जस्टिस स्वामीनाथन पर ये आरोप

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को विपक्ष ने जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने का जो नोटिस दिया है,उसमें उनपर 'मिसकंडक्ट' का आरोप लगाया गया है। लाइवलॉ की रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी सांसदों के नोटिस में जज की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष व्यवहार को लेकर सवाल उठाए गए हैं। विपक्ष की यह भी शिकायत है कि जज का बर्ताव एक विशेष समुदाय के सीनियर एडवोकेट और एडवोकेट के प्रति 'पक्षपातपूर्ण' रहा है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

जस्टिस स्वामीनाथन से तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके इस बात से नाराज है कि उन्होंने न सिर्फ एक मंदिर से जुड़े कथित विवादित स्थल पर परंपरागत दीपक प्रज्वलन का आदेश दिया, बल्कि आदेश तामील नहीं होने पर श्रद्धालुओं को खुद ही दीपक जलाने की अनुमति दे दी और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित कर दी।

क्या है मामला?

यह कदम थिरुपरनकुंद्रम में पहाड़ी के ऊपर पारंपरिक कार्तिगाई दीपम दीपक जलाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच उठाया गया है. थिरुपरनकुंद्रम एक मंदिर और पास में ही एक दरगाह वाला स्थल है। इस विवाद के पीछे की वजह एक आदेश है जिसमें जस्टिस स्वामीनाथन ने मदुरै जिले के थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ियों पर एक मंदिर में पारंपरिक कार्यक्रम कार्तिगई दीपम जलाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस पारंपरिक अनुष्ठान से दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का किसी तरह से कोई उल्लंघन नहीं होगा लेकिन तमिलनाडु सरकार ने कानून और व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के इस आदेश को लागू करने से इनकार कर दिया था। डीएमके का कहना है कि जज के ऐसे आदेश से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।

देवरिया में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, ट्रेन से उतारकर लिया हिरासत में
लखनऊ । पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, वह बीती रात लखनऊ से दिल्ली की ओर यात्रा कर रहे थे, तभी शाहजहांपुर में पुलिस ने उन्हें ट्रेन से उतारकर हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें देवरिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हाल ही में देवरिया में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस का कहना है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी की गई है।

भ्रष्टाचार मामलों पर लगातार उठाते रहे हैं सवाल

पूर्व आईपीएस ठाकुर लंबे समय से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे से जुड़ी संपत्तियों और विभिन्न परियोजनाओं की जांच की मांग को लेकर प्रशासन को पत्र भेजा था।

आरापों और शिकायतों को लेकर जांच शुरू

उन्होंने आरोप लगाया था कि साकेतनगर के पार्क की सरकारी भूमि पर कब्जा कर किशोरी वाटिका गेस्ट हाउस बनाया गया।अधिवक्ता के कार्यालय के आवंटन में गड़बड़ी हुई।बृजकिशोरी दुबे स्कूल को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। मंडलायुक्त कार्यालय के एक कर्मचारी ने इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया। अमिताभ के अनुसार, इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान कर अवैध लाभ की रिकवरी भी की जानी चाहिए।पुलिस इस मामले में अब आरोपों और शिकायतों को लेकर आगे की जांच में जुट गई है।
झारखंड विधानसभा सत्र का चौथा दिन: दिल्ली के झारखंड भवन में ठहरने के नियम पर हंगामा

द्वितीय अनुपूरक बजट पारित; 4 निजी विश्वविद्यालय विधेयक वापस लिए जाएंगे; विधि व्यवस्था पर विशेष चर्चा

रांची, 10 दिसंबर 2025।

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज (बुधवार) चौथा दिन है। सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, जिसके दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठाए गए। सत्र के तीसरे दिन ₹7,721.25 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट वाद-विवाद के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया था।

प्रश्नकाल में उठे मुख्य मुद्दे

1. दिल्ली के झारखंड भवन में ठहरने का मामला

प्रश्न/मुद्दा: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने व्यवस्था के तहत दिल्ली स्थित झारखंड भवन में ठहरने के नए नियमों का गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल निगरानी सचिवालय का यह फैसला सही नहीं है कि अब केवल विधायक के सगे संबंधी ही वहाँ ठहर सकते हैं।

आरोप: मरांडी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के साला-साली और सगे संबंधी झारखंड भवन में ठहरे, यह सही नहीं है। उन्होंने स्पीकर से पाँच सालों का रजिस्टर मंगाकर जाँच कराने की मांग की।

सरकार का जवाब: संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इसे गंभीर विषय बताते हुए कहा कि सरकार इस पर गंभीर है और नेता प्रतिपक्ष के सवाल और मांग की जाँच होगी।

2. पेयजल आपूर्ति में विलम्ब

प्रश्न: झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू ने राज्य में पेयजलापूर्ति योजनाओं के कार्यान्वयन का मामला उठाया।

मंत्री का जवाब: मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जवाब दिया कि केंद्रांश नहीं मिलने की वजह से 42.18% काम पेंडिंग पड़ा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्रोत से इन योजनाओं को पूरा करने का काम कर रही है।

3. अबुआ आवास निर्माण में देरी

प्रश्न: भाजपा विधायक शत्रुघ्न महतो ने प्रश्नकाल में अबुआ आवास का मामला उठाते हुए कहा कि बहुत से लाभुकों को सिर्फ एक किस्त मिली है, जिससे उनके घर का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

मंत्री का जवाब: मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि प्रथम फेज का काम पूरा होने पर ही दूसरी किस्त जारी होती है। उन्होंने विधायक से कोई डाटा उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जिसकी जाँच करा ली जाएगी।

आज की विधायी कार्यवाही

आज सदन में विधायी कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा:

विशेष चर्चा: विधि व्यवस्था सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर झारखंड विधानसभा में एक घंटे की विशेष चर्चा होगी।

विधेयक वापसी: सीवी रमण ग्लोबल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, आरोग्यम इंटरनेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, जैन विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 और शाईन नेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 को कार्य संचालन के नियम 110 के अधीन सभा द्वारा वापस लिया जाएगा।

विधेयक उपस्थापन: झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन संशोधन विधेयक, 2025 सभा पटल पर रखा जाएगा।

भागलपुर में स्कूल टीचर बच्चों से मंगवा रहे सीमेंट और सब्जी, ट्रक की चपेट में आने से बाल-बाल बचे छात्र

शिक्षा सुधार के दावों के बीच बिहार के भागलपुर जिले से बेहद चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है. यहां पढ़ाई के समय छोटे-छोटे बच्चों से क्लास की जगह स्कूल के निर्माण कार्य के लिए सीमेंट और सब्जी मंगवाई जा रही है. छात्रों का आरोप है कि शिक्षिका ने 500-500 रुपये देकर 2 किमी दूर साईकल से सीमेंट लाने के लिए भेज दिया. मामला भागलपुर के गोराडीह प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय शेरगढ़ का है.

स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र ने बताया कि शिक्षिका गायत्री मैम ने 500 रुपये के दो नोट देकर बच्चों को मुरहन भेजा, जो स्कूल से लगभग 2 किलोमीटर दूर है. साथ ही कहा कि वहां से सीमेंट लेकर आओ.सीमेंट लाते वक्त मुरहन और शेरगढ़ के बीच पुल के पास बच्चे एक मिनी ट्रक की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए. अगर कुछ पल की चूक होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. सवाल यह है कि ऐसी लापरवाही से यदि किसी बच्चे के साथ अनहोनी हो जाती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता?

यहां लापरवाही सिर्फ सीमेंट तक ही सीमित नहीं है. बच्चों ने बताया कि आलम सर सब्जी लाने के लिए भी छात्रों को भेजते हैं और कई बार फूलगोभी, आलू, प्याज जैसे सामान मंगवाए. एक छात्रा ने बताया कि प्रधानाध्यापक रविंद्र कुमार पहले भी कई बार आलू, गोभी, चना दाल सहित अन्य सामान मंगवाते थे.

आदेश जारी, फिर भी अनदेखी

इस मामले में जब गोराडीह प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) दिनेश कुमार दास से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी. बड़ा सवाल यह है कि 26 सितंबर 2025 को BEO ने पत्रांक 582 के माध्यम से पहले ही पूरे प्रखंड के सभी शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों को स्पष्ट निर्देश दिया था.

इस निर्देश में लिखा था कि विद्यालय अवधि में कोई भी बच्चा कहीं भी अनियमित रूप से घूमता दिखा तो संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद शिक्षकों द्वारा खुलेआम इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और बच्चों से काम करवाया जा रहा है.

आगे क्या होगा?

घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोग और अभिभावक सवाल उठा रहे हैं कि क्या शिक्षा पदाधिकारी इस बार कठोर कार्रवाई करेंगे, या फिर हमेशा की तरह केवल स्पष्टीकरण मांगकर मामला दबा दिया जाएगा. बच्चों के भविष्य के साथ ऐसे खिलवाड़ को क्या सिर्फ औपचारिक कार्रवाई से निपटाया जाएगा.

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस साल 85 हजार वीजा किए कैंसिल, छात्रों पर सबसे ज्यादा असर

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अमेरिका ने इमिग्रेशन नियम कड़े करने के बाद जनवरी से अब तक 85 हजार वीजा रद्द किए हैं। जिनमें 8 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया है कि यह कार्रवाई इमिग्रेशन और बॉर्डर सिक्योरिटी पर ट्रम्प प्रशासन के बढ़ते फोकस का हिस्सा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से इमिग्रेशन मुद्दे पर लगातार सख्त रुख अपनाया हुआ है। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार क एक्स पर लिखा, 'जनवरी से अब तक 85,000 वीजा कैंसिल किए गए हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप और सेक्रेटरी रुबियो एक आसान से आदेश का पालन करते हैं और वे जल्द ही रुकने वाले नहीं हैं।' पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर के साथ 'मेक अमेरिका सेफ अगेन' का स्लोगन दिया गया है। यानी अमेरिका को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

रद्द किए गए वीजा में 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हमने सभी कैटेगरी के 85,000 वीजा रद्द कर दिए हैं। जिनमें 8,000 से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। रद्द किए गए वीजा में से 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के थे। इसकी प्रमुख वजह नशे में गाड़ी चलाना, चोरी और हमला जैसे अपराध थे, जो पिछले साल के लगभग आधे कैंसिलेशन का हिस्सा थे।

वीजा रद्द की क्या हैं वजहें?

वीजा रद्द करने के कारणों में पहले अवधि से अधिक समय रुकना, आपराधिक चिंताएं और आतंकवाद का समर्थन शामिल रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने गाजा को लेकर हो रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों में शामिल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाया गया है। इन छात्रों को यहूदी-विरोधी करते हुए वीजा पर सख्ती की गई है।

सोशल मीडिया अकाउंट की जांच के बाद मिलेगा H-1B वीजा

इधर, अमेरिका लगातार वीजा नियमों को भी सख्त कर रहा है। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती के आदेश दिए थे। इसके तहत H-1B आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी आवेदक की प्रोफाइल, सोशल मीडिया पोस्ट और लाइक्स को देख सकें। यदि आवेदक की कोई भी सोशल मीडिया एक्टिविटी अमेरिकी हितों के खिलाफ दिखी तो H-1B वीजा जारी नहीं किया जाएगा। H-1B के आश्रितों (पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स) के लिए H-4 वीजा के लिए भी सोशल मीडिया प्रोफाइल को पब्लिक करना जरूरी होगा। ऐसा पहली बार है, जब H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच जरूरी की गई है। नए नियम 15 दिसंबर से लागू होंगे। ट्रम्प प्रशासन ने सभी दूतावासों को निर्देश जारी किए हैं।

प्राथमिक शिक्षकों की अब होगी ऑनलाइन हाजिरी, स्कूल शुरू होने के एक घंटे के अंदर देनी होगी अटेंडेंस


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति व्यवस्था में बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश शासन ने हाईकोर्ट के निर्देशों के आधार पर अध्यापकों के लिए ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम तत्काल प्रभाव से शुरू करने का आदेश जारी किया है।

अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जारी किया शासनादेश

अब प्रदेश के करीब 1.33 लाख सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रहे 4.50 लाख शिक्षकों को रोजाना विद्यालय खुलने के एक घंटे के भीतर अपनी हाजिरी दर्ज करानी होगी।अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक, उपस्थिति दर्ज कराने की ज़िम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपी गई है। यदि किसी स्थिति में प्रधानाध्यापक उपलब्ध न हों तो यह जिम्मेदारी संबंधित दूसरे शिक्षक को दी जाएगी।

नेटवर्क बाधित होने पर भी अनुपस्थित नहीं माना जाएगा

नई प्रणाली के तहत यदि इंटरनेट नेटवर्क की समस्या आती है तो हाजिरी ऑफलाइन मोड में दर्ज होगी और नेटवर्क उपलब्ध होने पर ऑटोमेटिक सिंक हो जाएगी। इस दौरान किसी शिक्षक को बिना कारण बताए अनुपस्थित नहीं चिह्नित किया जाएगा और न ही बिना पक्ष सुने कोई कार्रवाई होगी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर फिर सक्रिय हुआ विभाग

यह व्यवस्था पहले वर्ष 2024 में लागू की जानी थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। इसके बाद कोर्ट में याचिका पहुंची और 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभाग शिक्षकों की उपस्थिति की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करे।

वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित

इसी क्रम में शासन ने वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित की, जिसमें —महानिदेशक स्कूल शिक्षा ,निदेशक समाज कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण, निदेशक बेसिक शिक्षा व एससीईआरटी, बीएसए लखनऊ, सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन, शिक्षक प्रतिनिधि को शामिल किया गया। समिति की 6 नवंबर को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था को बिना देरी लागू करना आवश्यक है।शासन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को निर्देशित किया है कि वह सभी जिलों में इस व्यवस्था को सख़्ती से लागू कराएं और प्रगति रिपोर्ट शासन को नियमित रूप से भेजें।
हेमंत सरकार झारखंडी युवाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध : विनोद पांडेय

रांची। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा सिर्फ़ राजनीतिक लाभ के लिए भ्रामक बातें फैलाने में लगी है, जबकि हेमंत सोरेन सरकार राज्यहित में ठोस और संवेदनशील कदम उठा रही है।

विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा - भाजपा नेताओं को पहले यह बताना चाहिए कि 18 वर्षों के लंबे शासनकाल में उसने खतियान आधारित स्थानीय नीति पर क्या काम किया? जिन मुद्दों पर आज सवाल उठाए जा रहे हैं, उन्हीं पर भाजपा की सरकारें वर्षों तक चुप क्यों रहीं?

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने स्थानीय युवाओं के रोजगार, पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। नीति निर्माण एक संवैधानिक प्रक्रिया है। सरकार ने इसे जिम्मेदारी से आगे बढ़ाया है। यह जग जाहिर है कि भाजपा नेता झारखंड के विकास और यहां की अस्मिता से जुड़े हेमंत सरकार के फैसलों को अटकाने का काम करते हैं।

75% ठेका स्थानीय लोगों को देने के मुद्दे पर विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। “सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि स्थानीय ठेकेदारों और उद्यमियों को अधिक अवसर मिले। प्रक्रियाओं को सक्षम, पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने के लिए सुधार किए जा रहे हैं। भाजपा बिना तथ्यों की जांच किए दिग्भ्रमित करने के लिए सोच सोच समझ कर बयान दे रही है।

विनोद पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार झारखंडी युवाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है, और भाजपा सिर्फ़ राजनीति के लिए अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है। जनता सब देख रही है और झूठे आरोपों से गुमराह नहीं होगी।

आईआईटी-ISM धनबाद के 100वें स्थापना दिवस पर गौतम अडानी का संदेश: भारत को महाशक्ति बनाने के लिए युवाओं को दिया मंत्र

देश के प्राचीन और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी (ISM) धनबाद ने अपने 100वें स्थापना दिवस का भव्य समारोह आयोजित किया, जिसमें अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों, पूर्व छात्रों और शिक्षकों को करीब 40 मिनट का प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की महाशक्ति बनने की राह के बारे में महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

गौतम अडानी ने कहा कि भारत को अपनी तकदीर खुद लिखनी होगी और इसके लिए सबसे पहले उसे अपनी जमीन और संसाधनों को पूरी तरह समझना और नियंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि यदि भारत की जमीन और उसके नीचे मौजूद संसाधनों पर उसका पूरा अधिकार नहीं होगा तो वह कभी पूर्ण रूप से संप्रभु नहीं बन सकता। अडानी ने यह स्पष्ट किया कि जमीन पर कब्जा हो तो उसी की ऊर्जा पर भी कब्जा होता है, और ऊर्जा पर नियंत्रण ही संप्रभुता की कुंजी है।

अडानी ने आईआईटी-ISM धनबाद के 1926 में स्थापना के समय की दूरदर्शिता का महत्व बताते हुए कहा कि उस दौर में देश में स्वतंत्रता की आंधी के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेताओं ने भविष्य को देखते हुए खनन और भू-वैज्ञानिक इंजीनियरों की जरूरत को पहचाना था। उन्होंने कहा कि कोयला, लोहा, तांबा, बॉक्साइट जैसे संसाधन भारत की रीढ़ की हड्डी हैं, और आज ये संसाधन भारत को विश्व में महाशक्ति बनाने की आधारशिला होंगे।

विश्व व्यवस्था में हो रहे बदलावों पर अडानी ने कहा कि पुराना वैश्विक व्यापार और सहयोग ढांचा टूट रहा है। अमेरिका, चीन, यूरोप जैसे शक्तिशाली देश अब अपनी घरेलू सुरक्षा और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे सेमीकंडक्टर और दुर्लभ मिट्टी जैसे संसाधनों की महत्त्वपूर्ण लड़ाई छिड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत को इस नए परिवर्तन को समझकर अपनी ऊर्जा सुरक्षा और संसाधनों का पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करना होगा।

गौतम अडानी ने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि इतिहास को कभी कैनवास नहीं समझना चाहिए, जिस पर कोई और अपनी मर्जी से तस्वीर बनाए। इतिहास को आईना बनाना चाहिए, जिससे अपने अतीत को समझकर भविष्य खुद बनाया जा सके। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि वे अपनी धरती की ताकत को पहचानें और उस पर पूरा हक जमाएं।

अखिर में उन्होंने संस्थान के छात्रों को याद दिलाया कि वे उस धरती पर अध्ययन कर रहे हैं जहां देश के 70 प्रतिशत से अधिक कोयला खदानें, लौह अयस्क, यूरेनियम और दुर्लभ खनिज मौजूद हैं। वे सिर्फ इंजीनियर नहीं, बल्कि उस टीम के हिस्से हैं जो आने वाले 50 वर्षों तक भारत की ऊर्जा और संप्रभुता की नींव रखेगी। अडानी ने इस काम को केवल नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण का महान कार्य बताया।

इस प्रकार, गौतम अडानी ने आईआईटी-ISM के शताब्दी समारोह के माध्यम से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर देश के ऊर्जा और संसाधनों के प्रति जागरूकता बढ़ाई, जिससे भारत अपने महाशक्ति बनने के सपने को साकार कर सके।

मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम : राष्ट्रपति ने की मानवाधिकारों को अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने की अपील

दिल्ली ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक नागरिक की गरिमा और अधिकारों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। भारत की सांस्कृतिक परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर आधारित है जो सार्वभौमिक मानवाधिकारों की भावना को मजबूत करती है। उन्होंने मानवाधिकारों को देश के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचाने की अपील के।

राजधानी दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन, आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति बिद्युत रंजन सारंगी, विजया भारती सयानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा तथा संयुक्त राष्ट्र महासचिव की समन्वयक अरेती सिएनी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने आयोग के हिंदी जर्नल नई दिशाएं और अंग्रेजी जर्नल जर्नल आफ द एनएचआरसी का वर्ष 2024- 25 का संस्करण जारी किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत ने सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसकी मूल भावना मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने मानवाधिकार, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को एक दूसरे से अविभाज्य बताया था।

राष्ट्रपति ने कहा कि एनएचआरसी ने हाल के वर्षों में अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से जुड़े मामलों पर विशेष ध्यान दिया है। आयोग 3000 से अधिक मामलों में स्वप्रेरणा से कार्यवाही कर चुका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

उन्होंने कहा कि मानवाधिकार और विकास परस्पर जुड़े हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छ पानी, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं सभी नागरिकों तक पहुंचाना मानवाधिकारों की पूर्ति का आधार है। एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल और पीएम श्री स्कूल जैसे संस्थानों ने वंचित वर्गों के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई है। आवास और खाद्य सुरक्षा योजनाओं से करोड़ों लोगों को लाभ मिला है जिससे उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का आधार मिला है।

उन्होंने कहा कि हाल के श्रम सुधारों और सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों से श्रमिकों के अधिकार और सुदृढ़ हुए हैं। सुदूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले सभी नागरिकों तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है। समावेशी विकास का अर्थ है कि विकास की यात्रा में कोई भी व्यक्ति पीछे न रह जाए।

पूर्व नगर पालिका चेयरमैन की 16 दिन बाद जमानत मंजूर

एक लाख रुपए के व्यक्तिगत बंध पत्र करना होगा दाखिल

गोंडा।नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष रुपेश कुमार उर्फ़ निर्मल श्रीवास्तव को 16 दिन बाद जमानत मिल गई है।अपर जनपद न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल की अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।अदालत ने पूर्व चेयरमैन को एक लाख रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।इसके साथ ही दो जमानतदार पेश करना होगा तथा साथ ही न्यायालय द्वारा लगाई गयी अन्य शर्तें पूरी होने पर ही उन्हें मंडलीय कारागार से रिहा किया जाएगा।बताते चलें कि निर्मल श्रीवास्तव ने गत 24 नवंबर को अदालत में आत्मसमर्पण किया था।उन्हें 21 साल पुराने आगजनी और बलबा के एक मामले में भगोड़ा घोषित किया था जिसके बाद अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया था।यह मामला 7 सितंबर 2004 को नगर कोतवाली के तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से संबंधित है।पुलिस ने मौके से निर्मल श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था और बाद में निर्मल श्रीवास्तव सहित 17 आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।मामले की सुनवाई के दौरान निर्मल निरंतर गैरहाजिर रहे,जिसके कारण न्यायालय ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था।उसके बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित करने का आदेश जारी किया था।न्यायालय द्वारा नगर कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के निर्देश मिलने के बाद रूपेश श्रीवास्तव ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।मण्डलीय कारागार के अधीक्षक ने बताया कि अभी तक अदालत का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।आदेश मिलने और सभी शर्तें पूरी होने पर ही रूपेश श्रीवास्तव को रिहा किया जाएगा।न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित किये जाने के बाद निर्मल श्रीवास्तव ने आत्मसमर्पण किया था जहाँ से जेल भेज दिया गया था।

जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगा इंडिया गठबंधन, जानें क्या है मामला?

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मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्षी इंडी गठबंधन ने मोर्चा खोल दिया है। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग लाने की पूरी तैयारी हो गई है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) समेत इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिया है।

जस्टिस स्वामीनाथन पर ये आरोप

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को विपक्ष ने जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने का जो नोटिस दिया है,उसमें उनपर 'मिसकंडक्ट' का आरोप लगाया गया है। लाइवलॉ की रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी सांसदों के नोटिस में जज की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष व्यवहार को लेकर सवाल उठाए गए हैं। विपक्ष की यह भी शिकायत है कि जज का बर्ताव एक विशेष समुदाय के सीनियर एडवोकेट और एडवोकेट के प्रति 'पक्षपातपूर्ण' रहा है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

जस्टिस स्वामीनाथन से तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके इस बात से नाराज है कि उन्होंने न सिर्फ एक मंदिर से जुड़े कथित विवादित स्थल पर परंपरागत दीपक प्रज्वलन का आदेश दिया, बल्कि आदेश तामील नहीं होने पर श्रद्धालुओं को खुद ही दीपक जलाने की अनुमति दे दी और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित कर दी।

क्या है मामला?

यह कदम थिरुपरनकुंद्रम में पहाड़ी के ऊपर पारंपरिक कार्तिगाई दीपम दीपक जलाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच उठाया गया है. थिरुपरनकुंद्रम एक मंदिर और पास में ही एक दरगाह वाला स्थल है। इस विवाद के पीछे की वजह एक आदेश है जिसमें जस्टिस स्वामीनाथन ने मदुरै जिले के थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ियों पर एक मंदिर में पारंपरिक कार्यक्रम कार्तिगई दीपम जलाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस पारंपरिक अनुष्ठान से दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का किसी तरह से कोई उल्लंघन नहीं होगा लेकिन तमिलनाडु सरकार ने कानून और व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के इस आदेश को लागू करने से इनकार कर दिया था। डीएमके का कहना है कि जज के ऐसे आदेश से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।

देवरिया में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, ट्रेन से उतारकर लिया हिरासत में
लखनऊ । पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, वह बीती रात लखनऊ से दिल्ली की ओर यात्रा कर रहे थे, तभी शाहजहांपुर में पुलिस ने उन्हें ट्रेन से उतारकर हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें देवरिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हाल ही में देवरिया में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस का कहना है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी की गई है।

भ्रष्टाचार मामलों पर लगातार उठाते रहे हैं सवाल

पूर्व आईपीएस ठाकुर लंबे समय से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे से जुड़ी संपत्तियों और विभिन्न परियोजनाओं की जांच की मांग को लेकर प्रशासन को पत्र भेजा था।

आरापों और शिकायतों को लेकर जांच शुरू

उन्होंने आरोप लगाया था कि साकेतनगर के पार्क की सरकारी भूमि पर कब्जा कर किशोरी वाटिका गेस्ट हाउस बनाया गया।अधिवक्ता के कार्यालय के आवंटन में गड़बड़ी हुई।बृजकिशोरी दुबे स्कूल को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। मंडलायुक्त कार्यालय के एक कर्मचारी ने इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया। अमिताभ के अनुसार, इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान कर अवैध लाभ की रिकवरी भी की जानी चाहिए।पुलिस इस मामले में अब आरोपों और शिकायतों को लेकर आगे की जांच में जुट गई है।
झारखंड विधानसभा सत्र का चौथा दिन: दिल्ली के झारखंड भवन में ठहरने के नियम पर हंगामा

द्वितीय अनुपूरक बजट पारित; 4 निजी विश्वविद्यालय विधेयक वापस लिए जाएंगे; विधि व्यवस्था पर विशेष चर्चा

रांची, 10 दिसंबर 2025।

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज (बुधवार) चौथा दिन है। सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, जिसके दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठाए गए। सत्र के तीसरे दिन ₹7,721.25 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट वाद-विवाद के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया था।

प्रश्नकाल में उठे मुख्य मुद्दे

1. दिल्ली के झारखंड भवन में ठहरने का मामला

प्रश्न/मुद्दा: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने व्यवस्था के तहत दिल्ली स्थित झारखंड भवन में ठहरने के नए नियमों का गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल निगरानी सचिवालय का यह फैसला सही नहीं है कि अब केवल विधायक के सगे संबंधी ही वहाँ ठहर सकते हैं।

आरोप: मरांडी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के साला-साली और सगे संबंधी झारखंड भवन में ठहरे, यह सही नहीं है। उन्होंने स्पीकर से पाँच सालों का रजिस्टर मंगाकर जाँच कराने की मांग की।

सरकार का जवाब: संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इसे गंभीर विषय बताते हुए कहा कि सरकार इस पर गंभीर है और नेता प्रतिपक्ष के सवाल और मांग की जाँच होगी।

2. पेयजल आपूर्ति में विलम्ब

प्रश्न: झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू ने राज्य में पेयजलापूर्ति योजनाओं के कार्यान्वयन का मामला उठाया।

मंत्री का जवाब: मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जवाब दिया कि केंद्रांश नहीं मिलने की वजह से 42.18% काम पेंडिंग पड़ा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्रोत से इन योजनाओं को पूरा करने का काम कर रही है।

3. अबुआ आवास निर्माण में देरी

प्रश्न: भाजपा विधायक शत्रुघ्न महतो ने प्रश्नकाल में अबुआ आवास का मामला उठाते हुए कहा कि बहुत से लाभुकों को सिर्फ एक किस्त मिली है, जिससे उनके घर का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

मंत्री का जवाब: मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि प्रथम फेज का काम पूरा होने पर ही दूसरी किस्त जारी होती है। उन्होंने विधायक से कोई डाटा उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जिसकी जाँच करा ली जाएगी।

आज की विधायी कार्यवाही

आज सदन में विधायी कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा:

विशेष चर्चा: विधि व्यवस्था सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर झारखंड विधानसभा में एक घंटे की विशेष चर्चा होगी।

विधेयक वापसी: सीवी रमण ग्लोबल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, आरोग्यम इंटरनेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, जैन विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 और शाईन नेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 को कार्य संचालन के नियम 110 के अधीन सभा द्वारा वापस लिया जाएगा।

विधेयक उपस्थापन: झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन संशोधन विधेयक, 2025 सभा पटल पर रखा जाएगा।

भागलपुर में स्कूल टीचर बच्चों से मंगवा रहे सीमेंट और सब्जी, ट्रक की चपेट में आने से बाल-बाल बचे छात्र

शिक्षा सुधार के दावों के बीच बिहार के भागलपुर जिले से बेहद चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है. यहां पढ़ाई के समय छोटे-छोटे बच्चों से क्लास की जगह स्कूल के निर्माण कार्य के लिए सीमेंट और सब्जी मंगवाई जा रही है. छात्रों का आरोप है कि शिक्षिका ने 500-500 रुपये देकर 2 किमी दूर साईकल से सीमेंट लाने के लिए भेज दिया. मामला भागलपुर के गोराडीह प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय शेरगढ़ का है.

स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र ने बताया कि शिक्षिका गायत्री मैम ने 500 रुपये के दो नोट देकर बच्चों को मुरहन भेजा, जो स्कूल से लगभग 2 किलोमीटर दूर है. साथ ही कहा कि वहां से सीमेंट लेकर आओ.सीमेंट लाते वक्त मुरहन और शेरगढ़ के बीच पुल के पास बच्चे एक मिनी ट्रक की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए. अगर कुछ पल की चूक होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. सवाल यह है कि ऐसी लापरवाही से यदि किसी बच्चे के साथ अनहोनी हो जाती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता?

यहां लापरवाही सिर्फ सीमेंट तक ही सीमित नहीं है. बच्चों ने बताया कि आलम सर सब्जी लाने के लिए भी छात्रों को भेजते हैं और कई बार फूलगोभी, आलू, प्याज जैसे सामान मंगवाए. एक छात्रा ने बताया कि प्रधानाध्यापक रविंद्र कुमार पहले भी कई बार आलू, गोभी, चना दाल सहित अन्य सामान मंगवाते थे.

आदेश जारी, फिर भी अनदेखी

इस मामले में जब गोराडीह प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) दिनेश कुमार दास से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी. बड़ा सवाल यह है कि 26 सितंबर 2025 को BEO ने पत्रांक 582 के माध्यम से पहले ही पूरे प्रखंड के सभी शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों को स्पष्ट निर्देश दिया था.

इस निर्देश में लिखा था कि विद्यालय अवधि में कोई भी बच्चा कहीं भी अनियमित रूप से घूमता दिखा तो संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद शिक्षकों द्वारा खुलेआम इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और बच्चों से काम करवाया जा रहा है.

आगे क्या होगा?

घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोग और अभिभावक सवाल उठा रहे हैं कि क्या शिक्षा पदाधिकारी इस बार कठोर कार्रवाई करेंगे, या फिर हमेशा की तरह केवल स्पष्टीकरण मांगकर मामला दबा दिया जाएगा. बच्चों के भविष्य के साथ ऐसे खिलवाड़ को क्या सिर्फ औपचारिक कार्रवाई से निपटाया जाएगा.

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस साल 85 हजार वीजा किए कैंसिल, छात्रों पर सबसे ज्यादा असर

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अमेरिका ने इमिग्रेशन नियम कड़े करने के बाद जनवरी से अब तक 85 हजार वीजा रद्द किए हैं। जिनमें 8 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया है कि यह कार्रवाई इमिग्रेशन और बॉर्डर सिक्योरिटी पर ट्रम्प प्रशासन के बढ़ते फोकस का हिस्सा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से इमिग्रेशन मुद्दे पर लगातार सख्त रुख अपनाया हुआ है। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार क एक्स पर लिखा, 'जनवरी से अब तक 85,000 वीजा कैंसिल किए गए हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप और सेक्रेटरी रुबियो एक आसान से आदेश का पालन करते हैं और वे जल्द ही रुकने वाले नहीं हैं।' पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर के साथ 'मेक अमेरिका सेफ अगेन' का स्लोगन दिया गया है। यानी अमेरिका को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

रद्द किए गए वीजा में 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हमने सभी कैटेगरी के 85,000 वीजा रद्द कर दिए हैं। जिनमें 8,000 से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। रद्द किए गए वीजा में से 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के थे। इसकी प्रमुख वजह नशे में गाड़ी चलाना, चोरी और हमला जैसे अपराध थे, जो पिछले साल के लगभग आधे कैंसिलेशन का हिस्सा थे।

वीजा रद्द की क्या हैं वजहें?

वीजा रद्द करने के कारणों में पहले अवधि से अधिक समय रुकना, आपराधिक चिंताएं और आतंकवाद का समर्थन शामिल रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने गाजा को लेकर हो रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों में शामिल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाया गया है। इन छात्रों को यहूदी-विरोधी करते हुए वीजा पर सख्ती की गई है।

सोशल मीडिया अकाउंट की जांच के बाद मिलेगा H-1B वीजा

इधर, अमेरिका लगातार वीजा नियमों को भी सख्त कर रहा है। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती के आदेश दिए थे। इसके तहत H-1B आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी आवेदक की प्रोफाइल, सोशल मीडिया पोस्ट और लाइक्स को देख सकें। यदि आवेदक की कोई भी सोशल मीडिया एक्टिविटी अमेरिकी हितों के खिलाफ दिखी तो H-1B वीजा जारी नहीं किया जाएगा। H-1B के आश्रितों (पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स) के लिए H-4 वीजा के लिए भी सोशल मीडिया प्रोफाइल को पब्लिक करना जरूरी होगा। ऐसा पहली बार है, जब H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच जरूरी की गई है। नए नियम 15 दिसंबर से लागू होंगे। ट्रम्प प्रशासन ने सभी दूतावासों को निर्देश जारी किए हैं।

प्राथमिक शिक्षकों की अब होगी ऑनलाइन हाजिरी, स्कूल शुरू होने के एक घंटे के अंदर देनी होगी अटेंडेंस


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति व्यवस्था में बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश शासन ने हाईकोर्ट के निर्देशों के आधार पर अध्यापकों के लिए ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम तत्काल प्रभाव से शुरू करने का आदेश जारी किया है।

अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जारी किया शासनादेश

अब प्रदेश के करीब 1.33 लाख सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में काम कर रहे 4.50 लाख शिक्षकों को रोजाना विद्यालय खुलने के एक घंटे के भीतर अपनी हाजिरी दर्ज करानी होगी।अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक, उपस्थिति दर्ज कराने की ज़िम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपी गई है। यदि किसी स्थिति में प्रधानाध्यापक उपलब्ध न हों तो यह जिम्मेदारी संबंधित दूसरे शिक्षक को दी जाएगी।

नेटवर्क बाधित होने पर भी अनुपस्थित नहीं माना जाएगा

नई प्रणाली के तहत यदि इंटरनेट नेटवर्क की समस्या आती है तो हाजिरी ऑफलाइन मोड में दर्ज होगी और नेटवर्क उपलब्ध होने पर ऑटोमेटिक सिंक हो जाएगी। इस दौरान किसी शिक्षक को बिना कारण बताए अनुपस्थित नहीं चिह्नित किया जाएगा और न ही बिना पक्ष सुने कोई कार्रवाई होगी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर फिर सक्रिय हुआ विभाग

यह व्यवस्था पहले वर्ष 2024 में लागू की जानी थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। इसके बाद कोर्ट में याचिका पहुंची और 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभाग शिक्षकों की उपस्थिति की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करे।

वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित

इसी क्रम में शासन ने वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित की, जिसमें —महानिदेशक स्कूल शिक्षा ,निदेशक समाज कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण, निदेशक बेसिक शिक्षा व एससीईआरटी, बीएसए लखनऊ, सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन, शिक्षक प्रतिनिधि को शामिल किया गया। समिति की 6 नवंबर को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था को बिना देरी लागू करना आवश्यक है।शासन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को निर्देशित किया है कि वह सभी जिलों में इस व्यवस्था को सख़्ती से लागू कराएं और प्रगति रिपोर्ट शासन को नियमित रूप से भेजें।
हेमंत सरकार झारखंडी युवाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध : विनोद पांडेय

रांची। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा सिर्फ़ राजनीतिक लाभ के लिए भ्रामक बातें फैलाने में लगी है, जबकि हेमंत सोरेन सरकार राज्यहित में ठोस और संवेदनशील कदम उठा रही है।

विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा - भाजपा नेताओं को पहले यह बताना चाहिए कि 18 वर्षों के लंबे शासनकाल में उसने खतियान आधारित स्थानीय नीति पर क्या काम किया? जिन मुद्दों पर आज सवाल उठाए जा रहे हैं, उन्हीं पर भाजपा की सरकारें वर्षों तक चुप क्यों रहीं?

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने स्थानीय युवाओं के रोजगार, पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। नीति निर्माण एक संवैधानिक प्रक्रिया है। सरकार ने इसे जिम्मेदारी से आगे बढ़ाया है। यह जग जाहिर है कि भाजपा नेता झारखंड के विकास और यहां की अस्मिता से जुड़े हेमंत सरकार के फैसलों को अटकाने का काम करते हैं।

75% ठेका स्थानीय लोगों को देने के मुद्दे पर विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। “सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि स्थानीय ठेकेदारों और उद्यमियों को अधिक अवसर मिले। प्रक्रियाओं को सक्षम, पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने के लिए सुधार किए जा रहे हैं। भाजपा बिना तथ्यों की जांच किए दिग्भ्रमित करने के लिए सोच सोच समझ कर बयान दे रही है।

विनोद पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार झारखंडी युवाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है, और भाजपा सिर्फ़ राजनीति के लिए अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है। जनता सब देख रही है और झूठे आरोपों से गुमराह नहीं होगी।

आईआईटी-ISM धनबाद के 100वें स्थापना दिवस पर गौतम अडानी का संदेश: भारत को महाशक्ति बनाने के लिए युवाओं को दिया मंत्र

देश के प्राचीन और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी (ISM) धनबाद ने अपने 100वें स्थापना दिवस का भव्य समारोह आयोजित किया, जिसमें अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों, पूर्व छात्रों और शिक्षकों को करीब 40 मिनट का प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की महाशक्ति बनने की राह के बारे में महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

गौतम अडानी ने कहा कि भारत को अपनी तकदीर खुद लिखनी होगी और इसके लिए सबसे पहले उसे अपनी जमीन और संसाधनों को पूरी तरह समझना और नियंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि यदि भारत की जमीन और उसके नीचे मौजूद संसाधनों पर उसका पूरा अधिकार नहीं होगा तो वह कभी पूर्ण रूप से संप्रभु नहीं बन सकता। अडानी ने यह स्पष्ट किया कि जमीन पर कब्जा हो तो उसी की ऊर्जा पर भी कब्जा होता है, और ऊर्जा पर नियंत्रण ही संप्रभुता की कुंजी है।

अडानी ने आईआईटी-ISM धनबाद के 1926 में स्थापना के समय की दूरदर्शिता का महत्व बताते हुए कहा कि उस दौर में देश में स्वतंत्रता की आंधी के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेताओं ने भविष्य को देखते हुए खनन और भू-वैज्ञानिक इंजीनियरों की जरूरत को पहचाना था। उन्होंने कहा कि कोयला, लोहा, तांबा, बॉक्साइट जैसे संसाधन भारत की रीढ़ की हड्डी हैं, और आज ये संसाधन भारत को विश्व में महाशक्ति बनाने की आधारशिला होंगे।

विश्व व्यवस्था में हो रहे बदलावों पर अडानी ने कहा कि पुराना वैश्विक व्यापार और सहयोग ढांचा टूट रहा है। अमेरिका, चीन, यूरोप जैसे शक्तिशाली देश अब अपनी घरेलू सुरक्षा और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे सेमीकंडक्टर और दुर्लभ मिट्टी जैसे संसाधनों की महत्त्वपूर्ण लड़ाई छिड़ी है। उन्होंने कहा कि भारत को इस नए परिवर्तन को समझकर अपनी ऊर्जा सुरक्षा और संसाधनों का पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करना होगा।

गौतम अडानी ने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि इतिहास को कभी कैनवास नहीं समझना चाहिए, जिस पर कोई और अपनी मर्जी से तस्वीर बनाए। इतिहास को आईना बनाना चाहिए, जिससे अपने अतीत को समझकर भविष्य खुद बनाया जा सके। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि वे अपनी धरती की ताकत को पहचानें और उस पर पूरा हक जमाएं।

अखिर में उन्होंने संस्थान के छात्रों को याद दिलाया कि वे उस धरती पर अध्ययन कर रहे हैं जहां देश के 70 प्रतिशत से अधिक कोयला खदानें, लौह अयस्क, यूरेनियम और दुर्लभ खनिज मौजूद हैं। वे सिर्फ इंजीनियर नहीं, बल्कि उस टीम के हिस्से हैं जो आने वाले 50 वर्षों तक भारत की ऊर्जा और संप्रभुता की नींव रखेगी। अडानी ने इस काम को केवल नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण का महान कार्य बताया।

इस प्रकार, गौतम अडानी ने आईआईटी-ISM के शताब्दी समारोह के माध्यम से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर देश के ऊर्जा और संसाधनों के प्रति जागरूकता बढ़ाई, जिससे भारत अपने महाशक्ति बनने के सपने को साकार कर सके।