फिल्म धुरंधर : नारे लगाने से नहीं जागरूक रहने से जिंदा है देश भक्ति
–डॉ मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा

मुंबई। फिल्म शुरू होने से पहले ही मन स्वतः नमन कर उठता है, उन अनदेखे धुरंधरों को,जो अपना नाम, पहचान, रिश्ते सब कुछ मिटाकर किसी और देश की ज़मीन पर हमारे चैन की नींद की कीमत चुकाते हैं।हम सुरक्षित रहें, इसके लिए वे हर पल मृत्यु से आँखें मिलाते हैं। साढ़े तीन घंटे की यह फिल्म दर्शक को बाँधकर रखती है। कई दृश्य ऐसे हैं जहाँ दिल दहल उठता है, यह सोचकर कि किस तरह पड़ोसी देश भारत के भीतर अपनी खुफिया जड़ें फैलाता हैं और उससे भी ज़्यादा डरावना सच यह कि उन्हें अपने ही देश के छिपे हुए गद्दारों का सहारा मिलता है।

फिल्म मन में एक सवाल छोड़ती है कि क्या लोग अमर हैं?क्यों चंद सिक्कों, थोड़े से लालच के लिए
अपनी मिट्टी, अपनी माँ, अपने देश से ग़द्दारी कर बैठते हैं?अगर हर भारतीय यह ठान ले कि यह मेरा देश है और इसकी रक्षा मेरी भी ज़िम्मेदारी है,तो शायद 26/11 जैसी त्रासदियाँ इतिहास में ही सिमट जाएँ। अभिनय और निर्देशन फिल्म का अभिनय इसकी सबसे बड़ी ताक़त है। अक्षय खन्ना और रणवीर सिंह सचमुच बाज़ी मार ले जाते हैं।

अक्षय खन्ना रहमान डकैत के रूप में एक खामोश, ठंडी और डर पैदा करने वाली उपस्थिति छोड़ते हैं। रणवीर सिंह बिना ज़्यादा संवादों के सिर्फ़ अपनी आँखों से पूरा दर्द, ग़ुस्सा और प्रतिबद्धता कह देते हैं। अर्जुन रामपाल, आर. माधवन, राकेश बेदी अपने-अपने किरदारों में पूरी ईमानदारी से ढले नज़र आते हैं।
संजय दत्त की ख़ूँख़ार छवि कहानी में एक अलग ही भय और वज़न जोड़ती है।

निर्देशक आदित्य धर की निडरता काबिल-ए-तारीफ़ है। उन्होंने सड़े हुए, असहज और खतरनाक सच को
बिना किसी समझौते के परदे पर रखा है।तकनीक, संगीत और माहौल कराची की गलियों में की गई शूटिंग,सब कुछ इतना वास्तविक लगता है कि दर्शक खुद को वहीं मौजूद महसूस करता है।बीच-बीच में पुराने गानों का इस्तेमाल फिल्म की रफ्तार को थामता है,बांधे रखता हैं,दर्शक को सांस लेने का मौका देता है। हर चैप्टर नया तनाव, नई परत और नया लक्ष्य खोलता है।कई जगह डर लगता है, ग़ुस्सा आता है,तो कई दृश्य आँखें बंद करने पर मजबूर कर देते हैं।

हाँ, हिंसा अधिक है
लेकिन शायद यही सच्चाई है। युद्ध और जासूसी की दुनिया कभी मुलायम नहीं होती। यह फिल्म सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, चेतावनी और आत्ममंथन है। यह हमें याद दिलाती है कि देशभक्ति नारे लगाने से नहीं,जागरूक रहने से ज़िंदा रहती है। फिल्म का संदेश यही है कि यह दुश्मन को ही नहीं,हमारी अपनी कमजोरियों को भी उजागर करती है।धुरंधर उन फिल्मों में से है जो खत्म होने के बाद भी मन में चलती रहती हैं। इसके अगले भाग का इंतज़ार
सिर्फ़ कहानी के लिए नहीं,उस सच के लिए रहेगा,जिसे दिखाने का साहस बहुत कम लोग करते हैं।अगर जीवन की सच्ची और भयावह सच्चाई देखना चाहते हैं तो पिक्चर जरूर देखिए ।
हिन्दू सम्मेलन में समाज की एकता, आत्मविश्वास और सांस्कृतिक जागरण का संदेश

उपेन्द्र कुमार पांडेय


आजमगढ़।आर्यमगढ़ नगर के न्याय बस्ती स्थित बड़ा गणेश मंदिर के प्रांगण में सनातनी बंधुओं के बीच आयोजित भव्य हिन्दू सम्मेलन में समाज की एकता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रनिष्ठा का सशक्त आह्वान किया गया।

सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता पहुंची रमेश प्रान्त प्रचारक, गोरक्ष प्रान्त ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रभक्ति केवल शब्दों से नहीं, बल्कि आचरण से प्रकट होती है। उन्होंने कहा कि जो “भारत माता की जय” बोलता है वही नहीं, बल्कि जो “वंदे मातरम्” गाता है, वही समूह और व्यक्ति राष्ट्रीय चेतना से ओत-प्रोत होता है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दू किसी पूजा-पद्धति का विरोधी नहीं होता, बल्कि हिन्दू वही है जो सभी परम्पराओं, मतों और संस्कृतियों का सम्मान करता है।

एक समय ऐसा था जब लोग कहते थे कि मुझे कुछ भी कह दो, पर हिन्दू मत कहो, किंतु आज समय बदला है। आज हिंदुत्व का पुनरुत्थान हो रहा है। जहाँ पहले अंग्रेजी नववर्ष पर भीड़ होटलों की ओर जाती थी, वहीं आज जनमानस अपने मंदिरों की ओर बढ़ रहा है। यही हिंदुत्व का जागरण है और इसी चेतना को सुदृढ़ करने के लिए हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं।

यह आयोजन किसी के विरोध या प्रतिक्रिया में नहीं, बल्कि समाज के आत्मविश्वास को जागृत करने के लिए है—ताकि देश के लिए जीने की भावना विकसित हो। यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मूल प्रेरणा है। संघ के संस्थापक का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि देश के लिए मरने वाले जितने महान होते हैं, उतने ही महान देश के लिए जीने वाले भी होते हैं।

संघ का कार्यकर्ता कभी स्वयं को बड़ा नहीं मानता। संघ की भावना है—संगठन से बड़ा धर्म है और धर्म से बड़ा देश है। समर्थ गुरु रामदास, छत्रपति शिवाजी महाराज और स्वामी विवेकानंद के विचारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संगठित हिन्दू ही समर्थ भारत का निर्माण कर सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत राजेश मिश्रा ने की। सम्मेलन में विभाग प्रचारक दीनानाथ, रवि प्रताप सिंह, जिला प्रचारक रमाकांत, सत्य विजय राय, अभय दत्त, जनार्दन राय, राधा मोहन, सिद्धार्थ राम सिंह, श्रेय अग्रवाल, गिरिश सेठ, बबीता जसरासरिया,  विनोद उपाध्याय, अरुण पाल, डॉक्टर पारिजात बरनवाल, राकेश सिंह, सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
Mirzapur: एसपी की साख पर लगा रहे बट्टा,  देहात कोतवाली पुलिस की अजब-गजब चर्चा
पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान


मीरजापुर। देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के चिन्दलिख दुबेपुर में खेत की मेड़ विवाद (कहासुनी) से लेकर मारपीट तक के मामले में की गई एक तरफा कार्यवाही के चलते मीरजापुर की देहात कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है, जिसके बाद पुलिस की विश्वसनीयता एक बार फिर संदेह के घेरे में है। बता दें कि देहात कोतवाली पुलिस ने एक घटना की चार दिन बाद दूसरे पक्ष से तहरीर लेकर पीड़ित पक्ष पर ही एक तरफा कार्यवाही करते हुए चलानी कार्यवाही कर दी है, जिसके बाद से प्रथम पीड़ित पक्ष सदमे में हैं।

घटना बीते माह जुलाई का है, जब खेत में काम करते समय दो सगे भाई  गौरीशंकर और रमाशंकर मेड़ सीधी करने को लेकर आपस में उलझ गए थे। खेत का मामला घर आने पर बच्चों के कारण बढ़ गया और विवाद के दौरान धक्का- मुक्की की घटना होने की चर्चा है। घटना को लेकर एक पक्ष रितेश व अरविंद पुत्र रामाशंकर ने बताया कि उन्होंने अगले ही दिन घटना से संबंधित सूचना थाने में तहरीर देकर की थी, जिसका साक्ष्य उनके पास सुरक्षित है और घटना में कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि दूसरे पक्ष प्रशान्त कुमार द्वारा उसी प्रकरण में चार दिन बाद 18 जुलाई को दी गई शिकायती प्रार्थना पत्र पर देहात कोतवाली पुलिस ने बिना सत्यता की जांच किए प्राथमिक कार्यवाही ही नहीं बल्कि मामले को और आगे बढ़ा दिया जो शांति व्यवस्था के लिए खतरनाक ही कहां जाएगा है।

इस मामले में पुलिसिया एक पक्षीय कार्रवाई का असर यह हुआ है कि आज दोनों पक्षों में सुलह समझौते की जगह रंजीश ने ले ली है। दोनों पक्ष एक दूसरे के विरुद्ध पुलिस और न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिए हैं। वहीं जिले के ही पड़री थाना क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भेड़ पालक से प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पुलिस पैसे (खर्चा बरचा) मांग रही है का आरोप है।  वर्तमान पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा कड़क मिज़ाज और चुस्त पुलिसिंग व्यवस्था के लिए चर्चित हैं, लेकिन शायद उनके अधीनस्थ पुलिस अधिकारी की मंशा आम जन में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा करने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं है।

नतीजा यह है कि इलाकाई पुलिस और विवेचक सूचनाओं को छुपाते हुए महज फोटो खींच कर एक पक्षीय और मनमाफ़िक रिपोर्ट लगाकर विवादों को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहें हैं।
बलरामपुर में वृहद रक्तदान शिविर का भव्य आयोजन हुआ
जिलाधिकारी डॉ विपिन कुमार जैन द्वारा स्वयं रक्तदान के साथ शिविर का शुभारंभ किया गया

36 रजिस्ट्रेशन के सापेक्ष 31यूनिट रक्त संग्रह हुआ

बलरामपुर।6 बार गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड प्राप्त कर चुकी सामाजिक संस्था नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ़ आर्टिस्ट्स एन्ड एक्टिविस्ट्स (निफा) एवं अग्रवाल सभा बलरामपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक वृहद स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में  रक्तदानियों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया। सामाजिक संस्था निफा द्वारा रक्तदान - महादान अभियान के अंतर्गत इस रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिससे जरूरतमंदों और गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को समय पर आसानी से रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

जिलाधिकारी डॉ विपिन कुमार जैन ने स्वयं रक्तदान कर शिविर का शुभारंभ किया। उनके द्वारा स्वयं रक्तदान करना इसके महत्व एवं उपयोगिता को सार्थकता प्रदान करना है। उनके द्वारा आम जनमानस से नियमित रक्तदान की अपील भी की गई। शिविर के मुख्य आयोजक जनपद के चर्चित ब्लडमैन आलोक अग्रवाल ने अपना 37वॉं रक्तदान किया। अन्य रक्तदानियों में वैभव त्रिपाठी ने 43वॉं, डॉ तुलसीश दूबे ने 23वॉं, आशीष अग्रवाल ने 19वॉं, अनुज अग्रवाल ने 20वॉं रक्तदान किया। अन्य रक्तदान करने वालों में नारीशक्ति से गौरी अग्रवाल, सुनीति सिंह, सरोज मिश्रा, वंदना अग्रवाल, तृप्ति अग्रवाल सहित अक्षय शुक्ला, सुबोध मिश्रा, अक्षय शुक्ला, विनोद चौहान, राहुल अग्रवाल आदि ने भी रक्तदान किया। सभी रक्तदानियों को निफा की तरफ से विशेष प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

निफा के उत्तर प्रदेश स्टेट कॉर्डिनेटर ब्लडमैन आलोक अग्रवाल ने  बताया कि निफा द्वारा समय समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता रहता है। इसी क्रम में इस वर्ष के तृतीय रक्तदान शिविर का आयोजन आज किया गया है। निफा बलरामपुर के जिला कोआर्डिनेटर संदीप उपाध्याय ने कहा कि रक्तदान के संबध में अभी भी बहुत सारी भ्रांतियां व्याप्त हैं, इन्हें दूर करने के लिए समाज के प्रबुद्ध वर्ग को आगे आने की जरूरत है। निफा के जिला अध्यक्ष वैभव त्रिपाठी ने अपना 43वाँ रक्तदान करने के बाद कहा कि इससे किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है बल्कि हम ज्यादा स्वस्थ रहते हैं।

निफा के जिला सचिव अविनाश पांडेय ने बताया कि जरूरत पड़ने पर हम सभी रक्त की उपलब्धता को सुनिश्चित करने और दिलवाने का सम्मिलित प्रयास करते हैं।

ब्लड बैंक की टीम से डॉ आकांक्षा शुक्ला, एल. टी. अशोक पांडेय, अंजली सिंह, सोनम तिवारी, अभिषेक सिंह, अजीत श्रीवास्तव, सुन्दर, काउंसलर हिमांशु तिवारी सहित अग्रवाल सभा के सचिव विनोद कुमार बंसल का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ।
कजरा मोहब्बत वाला, अंखियों में ऐसा डाला गाने पर थिरके सीएमओ व डाक्टर
एडिशनल सीएमओ के वैवाहिक वर्षगांठ कार्यक्रम का आयोजन

गोंडा।जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर संतलाल पटेल का एक वीडियो सामने आया है।वीडियो में एडिशनल सीएमओ डाक्टर जयगोविंद के वैवाहिक वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में डाक्टरों और कर्मचारियों के साथ फिल्मी गाने पर डांस करते नजर आ रहे हैं।बताया जा रहा है कि यह वीडियो दो दिन पुराना है और एक निजी मैरिज हाल का है।एडिशनल सीएमओ डाक्टर जयगोविंद के वैवाहिक वर्षगांठ कार्यक्रम के दौरान गायिका द्वारा गाए गये फिल्मी गीत कजरा मोहब्बत वाला, अंखियों में ऐसा डाला- पर सीएमओ डाक्टर संतलाल पटेल अन्य लोगों के साथ थिरकते दिखाई दे रहे हैं।

कार्यक्रम में मौजूद लोगों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।जिसके बाद यह चर्चा का विषय बन गया।सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को लेकर मिली जुली प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।कुछ लोगों का कहना है कि डाक्टर 24 घंटे लोगों की सेवा में लगे रहते हैं और यदि वे निजी समय में किसी कार्यक्रम में शामिल होकर थोड़ी देर मनोरंजन करते हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर संतलाल पटेल से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि यह उनके सहयोगी एडिशनल सीएमओ डाक्टर जयगोविंद के वैवाहिक वर्षगांठ का कार्यक्रम था साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वह उस समय अवकाश पर थे और उनकी अनुपस्थिति में अन्य अधिकारी कार्यभार संभालते हैं।

उन्होंने कहा कि यह एक निजी कार्यक्रम था।वहां साथी डांस कर रहे थे,तो उन्होंने मुझे डांस के लिए बुला लिया।इसमें किसी तरह की कोई गलत बात नहीं है।
आजमगढ़ : विवेकानंद पाण्डेय को काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में दीक्षांत समारोह में आचार्य की डिग्री के साथ मिला स्वर्ण पदक
सिद्धेश्वर पाण्डेय
    व्यूरो चीफ

आजमगढ़ : जिले के निजामाबाद के यारी असनीपुर निवासी को विवेकानंद पाण्डेय को काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में दीक्षांत समारोह में आचार्य की डिग्री के साथ मिला स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि से पूरे जनपद में हर्ष और गर्व का माहौल है वही आज रविवार को सुबह लगभग ग्यारह बजे जब विवेकानंद पाण्डेय निजामाबाद के शेरपुर तिराहा पहुंचे, तो ग्राम सभा के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। ग्राम सभा के निवासी चन्दन यादव के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण बैंड-बाजे के साथ वहां एकत्र हुए और फूल-मालाओं से उन्हें लादकर जोरदार स्वागत किया है और इस अवसर पर पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला अपने गांव पहुंचने के बाद विवेकानंद पाण्डेय ने सबसे पहले ग्राम देवता का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया। इसके पश्चात उन्होंने अपने गुरु कृपा महाराज के चरणों में नतमस्तक होकर आशीर्वाद प्राप्त किया और उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और गांव के लोगों के आशीर्वाद व सहयोग को दिया इस मौके पर चन्दन यादव ने कहा कि विवेकानंद पाण्डेय ने देश के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान बीएचयू से गोल्ड मेडल प्राप्त कर पूरे आजमगढ़ जनपद का नाम रोशन किया है। उनकी कड़ी मेहनत, लगन और अनुशासन आने वाली युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा कार्यक्रम में आचार्य शुभम मिश्र, चन्दन यादव, अरुण यादव, अमरजीत यादव, नीरज यादव, दीपक यादव, मुकेश यादव, प्रियतम यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व शुभचिंतक उपस्थित रहे। सभी ने विवेकानंद पाण्डेय के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है।
आजमगढ़ :  युवक का शव मिलने से मचा हड़कंप, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
 
सिद्धेश्वर पाण्डेय
    व्यूरो चीफ
आजमगढ़ । जिले के अहरौला थाना क्षेत्र के शंभूपुर पूरा गांव निवासी 35 वर्षीय युवक का शव रविवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान मिथिलेश सिंह पुत्र इंद्रसेन सिंह के रूप में हुई है। उनका शव लेदौरा गांव स्थित मौनी बाबा के कुटिया से करीब 500 मीटर पश्चिम की तरफ पड़ा मिला। प्रातःकाल जब ग्रामीण शौच आदि के लिए उधर गए तो उन्होंने मिथिलेश सिंह को अचेत अवस्था में पड़ा देखा। इसकी सूचना तत्काल परिजनों को दी गई। परिजनों को पहले विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि मिथिलेश बनारस में रहकर काम करता था। सूचना मिलने के बाद मृतक के बड़े भाई दुर्गेश सिंह समेत परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे, जहां मिथिलेश का शव देख उनके होश उड़ गए। मृतक के बड़े भाई दुर्गेश सिंह ने बताया कि मिथिलेश पिछले करीब 15 दिनों से बनारस में काम कर रहा था। उन्हें यह जानकारी नहीं है कि वह गांव कब आया और किन परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई। परिजनों ने साफ तौर पर हत्या का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों के अनुसार, शनिवार की शाम मिथिलेश को कुछ लोगों के साथ एक दुकान पर देखा गया था, जिसके बाद से उसका कोई पता नहीं चला। इससे मामले को लेकर संदेह और गहरा गया है। सूचना मिलते ही अहरौला थाना अध्यक्ष अमित मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर में क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर अजय कुमार सिंह भी घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने शव का पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया शरीर पर कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जिससे किसी जहरीले पदार्थ के सेवन की आशंका जताई जा रही है। शरीर पर कही भी चोट के निशान  नही दिखाई दिए है हालांकि वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को भी मौके पर बुलाया गया है। मृतक मिथिलेश सिंह तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे और अविवाहित थे। वह रोजी-रोटी के लिए पिछले 5 वर्षों से बनारस में पी ओ पी का काम कर रहे थे। परिजनों का कहना है कि 15 दिन पहले वह बनारस काम पर गए थे, लेकिन इस बीच क्या हुआ, इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं है। मृतक के भाई दुर्गेश सिंह ने कहा की ये हत्या है और शव को फॉरेंसिक टीम आ जाने के बाद ही पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाएगा ।  पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को समझा-बुझाकर कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने पर सहमति बनाई। थाना अध्यक्ष अमित मिश्रा कहा की जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। यदि मामला हत्या का पाया जाता है तो आरोपियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
बुढ़नपुर नगर पंचायत में आवारा गोवंश का आतंक, आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण घायल






आजमगढ़। जिले के बुढ़नपुर नगर पंचायत क्षेत्र में गुरुवार को आवारा गोवंश ने जमकर आतंक मचाया। अचानक उग्र हुए गोवंश ने एक के बाद एक कई ग्रामीणों पर जानलेवा हमला कर दिया, जिससे आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई।घायलों में होरिल, हीरालाल, कमलेश सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं। सभी घायलों को परिजनों और स्थानीय लोगों की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोयलसा ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार कुछ घायलों को गंभीर चोटें आई हैं।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आवारा गोवंश ने अचानक ग्रामीणों पर हमला शुरू कर दिया। जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागने लगे। इसके बाद ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए करीब कई किलोमीटर तक दौड़ाकर गोवंश को काबू में किया, लेकिन इस दौरान और भी लोग उसकी चपेट में आकर घायल हो गए। घटना की सूचना तत्काल 112 नंबर पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और नगर पंचायत प्रशासन को अवगत कराया। पुलिस और नगर पंचायत की संयुक्त कार्रवाई में आवारा गोवंश को हुसेपूर स्थित गोशाला में सुरक्षित भेज दिया गया।नगर पंचायत अध्यक्ष मंशा राम ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आवारा पशुओं की समस्या गंभीर होती जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि कहीं भी आवारा पशु दिखाई दें तो तुरंत नगर पंचायत या प्रशासन को सूचना दें, ताकि उन्हें समय रहते गोशाला भेजा जा सके। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि नगर क्षेत्र में आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान और तेज किया जाएगा। इस घटना के बाद ग्रामीणों में नगर पंचायत प्रशासन के प्रति नाराजगी भी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि पहले से ही आवारा पशुओं की शिकायतें की जा रही थीं, लेकिन समय पर कार्रवाई न होने से आज यह हादसा हुआ। ग्रामीणों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस और स्थायी व्यवस्था की जाए।
सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव: 'अब भारत छेड़ने पर किसी को छोड़ता नहीं!'

नई दिल्ली में 'राष्ट्र, संस्कृति और मंदिर संरक्षण' सत्र आयोजित; रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, और प्रमोद मुतालिक ने दिए वक्तव्य

नई दिल्ली (भारत मंडपम): 14 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' के अंतर्गत 'राष्ट्र, संस्कृति और मंदिर संरक्षण' विषय पर एक महत्वपूर्ण सत्र सम्पन्न हुआ।

प्रमुख वक्ताओं के वक्तव्य

1. संजय सेठ, रक्षा राज्य मंत्री

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा में सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं का योगदान’ विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप जैसे वीरों की भूमि है।

गुलामी की मानसिकता से मुक्ति: उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछले 60-65 वर्षों में हमें अकबर और बाबर जैसे आक्रमणकारियों को "महान" कहकर गुलामी की मानसिकता में बांध दिया गया था, जो अब पूरी तरह टूट रही है।

जागृत भारत: उन्होंने प्रतिपादन किया कि आज भारत नया और जागृत है, जो किसी के भी आगे नहीं झुकता।

आक्रामक नीति: श्री सेठ ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सैनिकों के शौर्य ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अब किसी को छेड़ने पर छोड़ता नहीं है।

2. अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, सुप्रीम कोर्ट

वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू ने श्रीराम मंदिर के न्यायालयीन संघर्ष पर अपने विचार व्यक्त किए।

श्रीराम की अनुभूति: उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के रूप में न्यायालय में जो लड़ाई लड़ी गई, वह स्वयं श्रीराम द्वारा दी गई अनुभूति थी।

केशव परासरण की भूमिका: उन्होंने 92 वर्ष की आयु में वरिष्ठ अधिवक्ता केशव परासरण द्वारा पूरे जोश से यह केस लड़ने का श्रेय श्रीराम की अटल श्रद्धा को दिया।

3. प्रमोद मुतालिक, संस्थापक, श्रीराम सेना

'मंदिर संरक्षण' विषयक परिसंवाद में श्रीराम सेना के संस्थापक श्री प्रमोद मुतालिक ने चिक्कमंगलुरु (कर्नाटक) के दत्तपीठ की स्थिति पर बात की।

दत्तपीठ संघर्ष: उन्होंने बताया कि यह स्थान श्री गुरु दत्तात्रेय की साधना भूमि है, जहां टीपू सुल्तान ने बाबा बुडन दरगाह स्थापित की थी, जिससे क्षेत्र इस्लामीकरण का केंद्र बन गया था।

सफलता: विगत 30 वर्षों के आंदोलन और न्यायालयीन संघर्ष के कारण अब 90 प्रतिशत परिसर दत्तभक्तों का हो गया है।

शीघ्र समाधान: उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अभी केवल शुक्रवार को होने वाला मौलवी द्वारा नमाज़ पाठ शीघ्र ही न्यायालय के आदेश से बंद होगा।

4. सुनील घनवट, राष्ट्रीय संगठक, मंदिर महासंघ

हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य संगठक श्री सुनील घनवट ने मंदिरों के संरक्षण को धर्म दायित्व बताया।

मंदिर संरक्षण: उन्होंने कहा, "मंदिर हिंदू धर्म की आधारशिला हैं। उनके परंपरा और मर्यादाओं की रक्षा हेतु 'मंदिर महासंघ' ने 15,000 मंदिरों का संगठन किया है।"

वस्त्र संहिता: उन्होंने बताया कि 2,300 से अधिक मंदिरों में वस्त्रसंहिता (Dress Code) लागू की गई है, जिसका प्रभाव ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी दिखाई देता है।

धर्मशिक्षा: हर सप्ताह 20,000 हिंदू आरती के लिए एकत्र होते हैं, इस उद्देश्य से कि मंदिर धर्मशिक्षा के केंद्र बनें।

सत्र का संचालन राष्ट्र प्रथम चैनल की पत्रकार श्रीमती श्वेता त्रिपाठी ने किया।

डोरंडा कॉलेज में आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र का किया गया उद्घाटन

डोरंडा कॉलेज, राँची के परिसर में आज रविवार को“आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र”का उद्घाटन परियोजना निदेशक, झारखण्ड महिला विकास समिति-सह-निदेशक, समाज कल्याण, श्रीमती किरण पासी (भा.प्र.से.) एवं डोरंडा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राज कुमार शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

इस अवसर पर श्रीमती किरण पासी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मरक्षा सीखना बेटियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक बालिका को यह प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त करना चाहिए। झारखण्ड सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है तथा भविष्य में राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में किशोरियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जाने की दिशा में कार्य कर रही है, ताकि बालिकाएँ आत्मनिर्भर बन सकें, बाल विवाह से बच सकें।साथ ही अपनी शिक्षा पूर्ण कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर स्वयं की रक्षा भी कर सकें।

उन्होंने जानकारी दी कि इस केन्द्र के माध्यम से महाविद्यालय की छात्राओं को निःशुल्क कराटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो शिहान रंजीत मेहता (6th DAN Black Belt) के मार्गदर्शन में संचालित होगा।

वहीं प्राचार्य डॉ. राज कुमार शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा संचालित Social Outreach Programme के अंतर्गत यह पहल समाज के उत्थान की दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध होगी। हमारी छात्राएँ ही नहीं, बल्कि समाज के वे सभी लोग जो बालिकाओं को आत्मनिर्भर एवं प्रशिक्षित बनाने में सहयोग करना चाहते हैं, उनके लिए महाविद्यालय हर संभव प्रयास करने हेतु सदैव तत्पर है।”

बता दें कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत झारखण्ड राज्य में बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने की यह एक विशेष पहल है, जिसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झारखण्ड महिला विकास समिति एवं डोरंडा कॉलेज के संयुक्त प्रयास से प्रारम्भ किया गया है।

मौके पर कराटे प्रशिक्षण हेतु विशेष रूप से सुसज्जित “कराटे डोजो कक्ष” का भी उद्घाटन किया गया।

फिल्म धुरंधर : नारे लगाने से नहीं जागरूक रहने से जिंदा है देश भक्ति
–डॉ मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा

मुंबई। फिल्म शुरू होने से पहले ही मन स्वतः नमन कर उठता है, उन अनदेखे धुरंधरों को,जो अपना नाम, पहचान, रिश्ते सब कुछ मिटाकर किसी और देश की ज़मीन पर हमारे चैन की नींद की कीमत चुकाते हैं।हम सुरक्षित रहें, इसके लिए वे हर पल मृत्यु से आँखें मिलाते हैं। साढ़े तीन घंटे की यह फिल्म दर्शक को बाँधकर रखती है। कई दृश्य ऐसे हैं जहाँ दिल दहल उठता है, यह सोचकर कि किस तरह पड़ोसी देश भारत के भीतर अपनी खुफिया जड़ें फैलाता हैं और उससे भी ज़्यादा डरावना सच यह कि उन्हें अपने ही देश के छिपे हुए गद्दारों का सहारा मिलता है।

फिल्म मन में एक सवाल छोड़ती है कि क्या लोग अमर हैं?क्यों चंद सिक्कों, थोड़े से लालच के लिए
अपनी मिट्टी, अपनी माँ, अपने देश से ग़द्दारी कर बैठते हैं?अगर हर भारतीय यह ठान ले कि यह मेरा देश है और इसकी रक्षा मेरी भी ज़िम्मेदारी है,तो शायद 26/11 जैसी त्रासदियाँ इतिहास में ही सिमट जाएँ। अभिनय और निर्देशन फिल्म का अभिनय इसकी सबसे बड़ी ताक़त है। अक्षय खन्ना और रणवीर सिंह सचमुच बाज़ी मार ले जाते हैं।

अक्षय खन्ना रहमान डकैत के रूप में एक खामोश, ठंडी और डर पैदा करने वाली उपस्थिति छोड़ते हैं। रणवीर सिंह बिना ज़्यादा संवादों के सिर्फ़ अपनी आँखों से पूरा दर्द, ग़ुस्सा और प्रतिबद्धता कह देते हैं। अर्जुन रामपाल, आर. माधवन, राकेश बेदी अपने-अपने किरदारों में पूरी ईमानदारी से ढले नज़र आते हैं।
संजय दत्त की ख़ूँख़ार छवि कहानी में एक अलग ही भय और वज़न जोड़ती है।

निर्देशक आदित्य धर की निडरता काबिल-ए-तारीफ़ है। उन्होंने सड़े हुए, असहज और खतरनाक सच को
बिना किसी समझौते के परदे पर रखा है।तकनीक, संगीत और माहौल कराची की गलियों में की गई शूटिंग,सब कुछ इतना वास्तविक लगता है कि दर्शक खुद को वहीं मौजूद महसूस करता है।बीच-बीच में पुराने गानों का इस्तेमाल फिल्म की रफ्तार को थामता है,बांधे रखता हैं,दर्शक को सांस लेने का मौका देता है। हर चैप्टर नया तनाव, नई परत और नया लक्ष्य खोलता है।कई जगह डर लगता है, ग़ुस्सा आता है,तो कई दृश्य आँखें बंद करने पर मजबूर कर देते हैं।

हाँ, हिंसा अधिक है
लेकिन शायद यही सच्चाई है। युद्ध और जासूसी की दुनिया कभी मुलायम नहीं होती। यह फिल्म सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, चेतावनी और आत्ममंथन है। यह हमें याद दिलाती है कि देशभक्ति नारे लगाने से नहीं,जागरूक रहने से ज़िंदा रहती है। फिल्म का संदेश यही है कि यह दुश्मन को ही नहीं,हमारी अपनी कमजोरियों को भी उजागर करती है।धुरंधर उन फिल्मों में से है जो खत्म होने के बाद भी मन में चलती रहती हैं। इसके अगले भाग का इंतज़ार
सिर्फ़ कहानी के लिए नहीं,उस सच के लिए रहेगा,जिसे दिखाने का साहस बहुत कम लोग करते हैं।अगर जीवन की सच्ची और भयावह सच्चाई देखना चाहते हैं तो पिक्चर जरूर देखिए ।
हिन्दू सम्मेलन में समाज की एकता, आत्मविश्वास और सांस्कृतिक जागरण का संदेश

उपेन्द्र कुमार पांडेय


आजमगढ़।आर्यमगढ़ नगर के न्याय बस्ती स्थित बड़ा गणेश मंदिर के प्रांगण में सनातनी बंधुओं के बीच आयोजित भव्य हिन्दू सम्मेलन में समाज की एकता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रनिष्ठा का सशक्त आह्वान किया गया।

सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता पहुंची रमेश प्रान्त प्रचारक, गोरक्ष प्रान्त ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रभक्ति केवल शब्दों से नहीं, बल्कि आचरण से प्रकट होती है। उन्होंने कहा कि जो “भारत माता की जय” बोलता है वही नहीं, बल्कि जो “वंदे मातरम्” गाता है, वही समूह और व्यक्ति राष्ट्रीय चेतना से ओत-प्रोत होता है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दू किसी पूजा-पद्धति का विरोधी नहीं होता, बल्कि हिन्दू वही है जो सभी परम्पराओं, मतों और संस्कृतियों का सम्मान करता है।

एक समय ऐसा था जब लोग कहते थे कि मुझे कुछ भी कह दो, पर हिन्दू मत कहो, किंतु आज समय बदला है। आज हिंदुत्व का पुनरुत्थान हो रहा है। जहाँ पहले अंग्रेजी नववर्ष पर भीड़ होटलों की ओर जाती थी, वहीं आज जनमानस अपने मंदिरों की ओर बढ़ रहा है। यही हिंदुत्व का जागरण है और इसी चेतना को सुदृढ़ करने के लिए हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं।

यह आयोजन किसी के विरोध या प्रतिक्रिया में नहीं, बल्कि समाज के आत्मविश्वास को जागृत करने के लिए है—ताकि देश के लिए जीने की भावना विकसित हो। यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मूल प्रेरणा है। संघ के संस्थापक का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि देश के लिए मरने वाले जितने महान होते हैं, उतने ही महान देश के लिए जीने वाले भी होते हैं।

संघ का कार्यकर्ता कभी स्वयं को बड़ा नहीं मानता। संघ की भावना है—संगठन से बड़ा धर्म है और धर्म से बड़ा देश है। समर्थ गुरु रामदास, छत्रपति शिवाजी महाराज और स्वामी विवेकानंद के विचारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संगठित हिन्दू ही समर्थ भारत का निर्माण कर सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत राजेश मिश्रा ने की। सम्मेलन में विभाग प्रचारक दीनानाथ, रवि प्रताप सिंह, जिला प्रचारक रमाकांत, सत्य विजय राय, अभय दत्त, जनार्दन राय, राधा मोहन, सिद्धार्थ राम सिंह, श्रेय अग्रवाल, गिरिश सेठ, बबीता जसरासरिया,  विनोद उपाध्याय, अरुण पाल, डॉक्टर पारिजात बरनवाल, राकेश सिंह, सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
Mirzapur: एसपी की साख पर लगा रहे बट्टा,  देहात कोतवाली पुलिस की अजब-गजब चर्चा
पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान


मीरजापुर। देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के चिन्दलिख दुबेपुर में खेत की मेड़ विवाद (कहासुनी) से लेकर मारपीट तक के मामले में की गई एक तरफा कार्यवाही के चलते मीरजापुर की देहात कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है, जिसके बाद पुलिस की विश्वसनीयता एक बार फिर संदेह के घेरे में है। बता दें कि देहात कोतवाली पुलिस ने एक घटना की चार दिन बाद दूसरे पक्ष से तहरीर लेकर पीड़ित पक्ष पर ही एक तरफा कार्यवाही करते हुए चलानी कार्यवाही कर दी है, जिसके बाद से प्रथम पीड़ित पक्ष सदमे में हैं।

घटना बीते माह जुलाई का है, जब खेत में काम करते समय दो सगे भाई  गौरीशंकर और रमाशंकर मेड़ सीधी करने को लेकर आपस में उलझ गए थे। खेत का मामला घर आने पर बच्चों के कारण बढ़ गया और विवाद के दौरान धक्का- मुक्की की घटना होने की चर्चा है। घटना को लेकर एक पक्ष रितेश व अरविंद पुत्र रामाशंकर ने बताया कि उन्होंने अगले ही दिन घटना से संबंधित सूचना थाने में तहरीर देकर की थी, जिसका साक्ष्य उनके पास सुरक्षित है और घटना में कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि दूसरे पक्ष प्रशान्त कुमार द्वारा उसी प्रकरण में चार दिन बाद 18 जुलाई को दी गई शिकायती प्रार्थना पत्र पर देहात कोतवाली पुलिस ने बिना सत्यता की जांच किए प्राथमिक कार्यवाही ही नहीं बल्कि मामले को और आगे बढ़ा दिया जो शांति व्यवस्था के लिए खतरनाक ही कहां जाएगा है।

इस मामले में पुलिसिया एक पक्षीय कार्रवाई का असर यह हुआ है कि आज दोनों पक्षों में सुलह समझौते की जगह रंजीश ने ले ली है। दोनों पक्ष एक दूसरे के विरुद्ध पुलिस और न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिए हैं। वहीं जिले के ही पड़री थाना क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भेड़ पालक से प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पुलिस पैसे (खर्चा बरचा) मांग रही है का आरोप है।  वर्तमान पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा कड़क मिज़ाज और चुस्त पुलिसिंग व्यवस्था के लिए चर्चित हैं, लेकिन शायद उनके अधीनस्थ पुलिस अधिकारी की मंशा आम जन में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा करने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं है।

नतीजा यह है कि इलाकाई पुलिस और विवेचक सूचनाओं को छुपाते हुए महज फोटो खींच कर एक पक्षीय और मनमाफ़िक रिपोर्ट लगाकर विवादों को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहें हैं।
बलरामपुर में वृहद रक्तदान शिविर का भव्य आयोजन हुआ
जिलाधिकारी डॉ विपिन कुमार जैन द्वारा स्वयं रक्तदान के साथ शिविर का शुभारंभ किया गया

36 रजिस्ट्रेशन के सापेक्ष 31यूनिट रक्त संग्रह हुआ

बलरामपुर।6 बार गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड प्राप्त कर चुकी सामाजिक संस्था नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ़ आर्टिस्ट्स एन्ड एक्टिविस्ट्स (निफा) एवं अग्रवाल सभा बलरामपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक वृहद स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में  रक्तदानियों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया। सामाजिक संस्था निफा द्वारा रक्तदान - महादान अभियान के अंतर्गत इस रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिससे जरूरतमंदों और गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को समय पर आसानी से रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

जिलाधिकारी डॉ विपिन कुमार जैन ने स्वयं रक्तदान कर शिविर का शुभारंभ किया। उनके द्वारा स्वयं रक्तदान करना इसके महत्व एवं उपयोगिता को सार्थकता प्रदान करना है। उनके द्वारा आम जनमानस से नियमित रक्तदान की अपील भी की गई। शिविर के मुख्य आयोजक जनपद के चर्चित ब्लडमैन आलोक अग्रवाल ने अपना 37वॉं रक्तदान किया। अन्य रक्तदानियों में वैभव त्रिपाठी ने 43वॉं, डॉ तुलसीश दूबे ने 23वॉं, आशीष अग्रवाल ने 19वॉं, अनुज अग्रवाल ने 20वॉं रक्तदान किया। अन्य रक्तदान करने वालों में नारीशक्ति से गौरी अग्रवाल, सुनीति सिंह, सरोज मिश्रा, वंदना अग्रवाल, तृप्ति अग्रवाल सहित अक्षय शुक्ला, सुबोध मिश्रा, अक्षय शुक्ला, विनोद चौहान, राहुल अग्रवाल आदि ने भी रक्तदान किया। सभी रक्तदानियों को निफा की तरफ से विशेष प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

निफा के उत्तर प्रदेश स्टेट कॉर्डिनेटर ब्लडमैन आलोक अग्रवाल ने  बताया कि निफा द्वारा समय समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता रहता है। इसी क्रम में इस वर्ष के तृतीय रक्तदान शिविर का आयोजन आज किया गया है। निफा बलरामपुर के जिला कोआर्डिनेटर संदीप उपाध्याय ने कहा कि रक्तदान के संबध में अभी भी बहुत सारी भ्रांतियां व्याप्त हैं, इन्हें दूर करने के लिए समाज के प्रबुद्ध वर्ग को आगे आने की जरूरत है। निफा के जिला अध्यक्ष वैभव त्रिपाठी ने अपना 43वाँ रक्तदान करने के बाद कहा कि इससे किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है बल्कि हम ज्यादा स्वस्थ रहते हैं।

निफा के जिला सचिव अविनाश पांडेय ने बताया कि जरूरत पड़ने पर हम सभी रक्त की उपलब्धता को सुनिश्चित करने और दिलवाने का सम्मिलित प्रयास करते हैं।

ब्लड बैंक की टीम से डॉ आकांक्षा शुक्ला, एल. टी. अशोक पांडेय, अंजली सिंह, सोनम तिवारी, अभिषेक सिंह, अजीत श्रीवास्तव, सुन्दर, काउंसलर हिमांशु तिवारी सहित अग्रवाल सभा के सचिव विनोद कुमार बंसल का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ।
कजरा मोहब्बत वाला, अंखियों में ऐसा डाला गाने पर थिरके सीएमओ व डाक्टर
एडिशनल सीएमओ के वैवाहिक वर्षगांठ कार्यक्रम का आयोजन

गोंडा।जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर संतलाल पटेल का एक वीडियो सामने आया है।वीडियो में एडिशनल सीएमओ डाक्टर जयगोविंद के वैवाहिक वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में डाक्टरों और कर्मचारियों के साथ फिल्मी गाने पर डांस करते नजर आ रहे हैं।बताया जा रहा है कि यह वीडियो दो दिन पुराना है और एक निजी मैरिज हाल का है।एडिशनल सीएमओ डाक्टर जयगोविंद के वैवाहिक वर्षगांठ कार्यक्रम के दौरान गायिका द्वारा गाए गये फिल्मी गीत कजरा मोहब्बत वाला, अंखियों में ऐसा डाला- पर सीएमओ डाक्टर संतलाल पटेल अन्य लोगों के साथ थिरकते दिखाई दे रहे हैं।

कार्यक्रम में मौजूद लोगों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।जिसके बाद यह चर्चा का विषय बन गया।सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को लेकर मिली जुली प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।कुछ लोगों का कहना है कि डाक्टर 24 घंटे लोगों की सेवा में लगे रहते हैं और यदि वे निजी समय में किसी कार्यक्रम में शामिल होकर थोड़ी देर मनोरंजन करते हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर संतलाल पटेल से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि यह उनके सहयोगी एडिशनल सीएमओ डाक्टर जयगोविंद के वैवाहिक वर्षगांठ का कार्यक्रम था साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वह उस समय अवकाश पर थे और उनकी अनुपस्थिति में अन्य अधिकारी कार्यभार संभालते हैं।

उन्होंने कहा कि यह एक निजी कार्यक्रम था।वहां साथी डांस कर रहे थे,तो उन्होंने मुझे डांस के लिए बुला लिया।इसमें किसी तरह की कोई गलत बात नहीं है।
आजमगढ़ : विवेकानंद पाण्डेय को काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में दीक्षांत समारोह में आचार्य की डिग्री के साथ मिला स्वर्ण पदक
सिद्धेश्वर पाण्डेय
    व्यूरो चीफ

आजमगढ़ : जिले के निजामाबाद के यारी असनीपुर निवासी को विवेकानंद पाण्डेय को काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में दीक्षांत समारोह में आचार्य की डिग्री के साथ मिला स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि से पूरे जनपद में हर्ष और गर्व का माहौल है वही आज रविवार को सुबह लगभग ग्यारह बजे जब विवेकानंद पाण्डेय निजामाबाद के शेरपुर तिराहा पहुंचे, तो ग्राम सभा के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। ग्राम सभा के निवासी चन्दन यादव के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण बैंड-बाजे के साथ वहां एकत्र हुए और फूल-मालाओं से उन्हें लादकर जोरदार स्वागत किया है और इस अवसर पर पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला अपने गांव पहुंचने के बाद विवेकानंद पाण्डेय ने सबसे पहले ग्राम देवता का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया। इसके पश्चात उन्होंने अपने गुरु कृपा महाराज के चरणों में नतमस्तक होकर आशीर्वाद प्राप्त किया और उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और गांव के लोगों के आशीर्वाद व सहयोग को दिया इस मौके पर चन्दन यादव ने कहा कि विवेकानंद पाण्डेय ने देश के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान बीएचयू से गोल्ड मेडल प्राप्त कर पूरे आजमगढ़ जनपद का नाम रोशन किया है। उनकी कड़ी मेहनत, लगन और अनुशासन आने वाली युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा कार्यक्रम में आचार्य शुभम मिश्र, चन्दन यादव, अरुण यादव, अमरजीत यादव, नीरज यादव, दीपक यादव, मुकेश यादव, प्रियतम यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व शुभचिंतक उपस्थित रहे। सभी ने विवेकानंद पाण्डेय के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है।
आजमगढ़ :  युवक का शव मिलने से मचा हड़कंप, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
 
सिद्धेश्वर पाण्डेय
    व्यूरो चीफ
आजमगढ़ । जिले के अहरौला थाना क्षेत्र के शंभूपुर पूरा गांव निवासी 35 वर्षीय युवक का शव रविवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान मिथिलेश सिंह पुत्र इंद्रसेन सिंह के रूप में हुई है। उनका शव लेदौरा गांव स्थित मौनी बाबा के कुटिया से करीब 500 मीटर पश्चिम की तरफ पड़ा मिला। प्रातःकाल जब ग्रामीण शौच आदि के लिए उधर गए तो उन्होंने मिथिलेश सिंह को अचेत अवस्था में पड़ा देखा। इसकी सूचना तत्काल परिजनों को दी गई। परिजनों को पहले विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि मिथिलेश बनारस में रहकर काम करता था। सूचना मिलने के बाद मृतक के बड़े भाई दुर्गेश सिंह समेत परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे, जहां मिथिलेश का शव देख उनके होश उड़ गए। मृतक के बड़े भाई दुर्गेश सिंह ने बताया कि मिथिलेश पिछले करीब 15 दिनों से बनारस में काम कर रहा था। उन्हें यह जानकारी नहीं है कि वह गांव कब आया और किन परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई। परिजनों ने साफ तौर पर हत्या का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों के अनुसार, शनिवार की शाम मिथिलेश को कुछ लोगों के साथ एक दुकान पर देखा गया था, जिसके बाद से उसका कोई पता नहीं चला। इससे मामले को लेकर संदेह और गहरा गया है। सूचना मिलते ही अहरौला थाना अध्यक्ष अमित मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर में क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर अजय कुमार सिंह भी घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने शव का पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया शरीर पर कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जिससे किसी जहरीले पदार्थ के सेवन की आशंका जताई जा रही है। शरीर पर कही भी चोट के निशान  नही दिखाई दिए है हालांकि वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को भी मौके पर बुलाया गया है। मृतक मिथिलेश सिंह तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे और अविवाहित थे। वह रोजी-रोटी के लिए पिछले 5 वर्षों से बनारस में पी ओ पी का काम कर रहे थे। परिजनों का कहना है कि 15 दिन पहले वह बनारस काम पर गए थे, लेकिन इस बीच क्या हुआ, इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं है। मृतक के भाई दुर्गेश सिंह ने कहा की ये हत्या है और शव को फॉरेंसिक टीम आ जाने के बाद ही पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाएगा ।  पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को समझा-बुझाकर कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने पर सहमति बनाई। थाना अध्यक्ष अमित मिश्रा कहा की जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। यदि मामला हत्या का पाया जाता है तो आरोपियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
बुढ़नपुर नगर पंचायत में आवारा गोवंश का आतंक, आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण घायल






आजमगढ़। जिले के बुढ़नपुर नगर पंचायत क्षेत्र में गुरुवार को आवारा गोवंश ने जमकर आतंक मचाया। अचानक उग्र हुए गोवंश ने एक के बाद एक कई ग्रामीणों पर जानलेवा हमला कर दिया, जिससे आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई।घायलों में होरिल, हीरालाल, कमलेश सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं। सभी घायलों को परिजनों और स्थानीय लोगों की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोयलसा ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार कुछ घायलों को गंभीर चोटें आई हैं।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आवारा गोवंश ने अचानक ग्रामीणों पर हमला शुरू कर दिया। जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागने लगे। इसके बाद ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए करीब कई किलोमीटर तक दौड़ाकर गोवंश को काबू में किया, लेकिन इस दौरान और भी लोग उसकी चपेट में आकर घायल हो गए। घटना की सूचना तत्काल 112 नंबर पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और नगर पंचायत प्रशासन को अवगत कराया। पुलिस और नगर पंचायत की संयुक्त कार्रवाई में आवारा गोवंश को हुसेपूर स्थित गोशाला में सुरक्षित भेज दिया गया।नगर पंचायत अध्यक्ष मंशा राम ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आवारा पशुओं की समस्या गंभीर होती जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि कहीं भी आवारा पशु दिखाई दें तो तुरंत नगर पंचायत या प्रशासन को सूचना दें, ताकि उन्हें समय रहते गोशाला भेजा जा सके। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि नगर क्षेत्र में आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान और तेज किया जाएगा। इस घटना के बाद ग्रामीणों में नगर पंचायत प्रशासन के प्रति नाराजगी भी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि पहले से ही आवारा पशुओं की शिकायतें की जा रही थीं, लेकिन समय पर कार्रवाई न होने से आज यह हादसा हुआ। ग्रामीणों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस और स्थायी व्यवस्था की जाए।
सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव: 'अब भारत छेड़ने पर किसी को छोड़ता नहीं!'

नई दिल्ली में 'राष्ट्र, संस्कृति और मंदिर संरक्षण' सत्र आयोजित; रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, और प्रमोद मुतालिक ने दिए वक्तव्य

नई दिल्ली (भारत मंडपम): 14 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' के अंतर्गत 'राष्ट्र, संस्कृति और मंदिर संरक्षण' विषय पर एक महत्वपूर्ण सत्र सम्पन्न हुआ।

प्रमुख वक्ताओं के वक्तव्य

1. संजय सेठ, रक्षा राज्य मंत्री

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा में सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं का योगदान’ विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप जैसे वीरों की भूमि है।

गुलामी की मानसिकता से मुक्ति: उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछले 60-65 वर्षों में हमें अकबर और बाबर जैसे आक्रमणकारियों को "महान" कहकर गुलामी की मानसिकता में बांध दिया गया था, जो अब पूरी तरह टूट रही है।

जागृत भारत: उन्होंने प्रतिपादन किया कि आज भारत नया और जागृत है, जो किसी के भी आगे नहीं झुकता।

आक्रामक नीति: श्री सेठ ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सैनिकों के शौर्य ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अब किसी को छेड़ने पर छोड़ता नहीं है।

2. अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू, सुप्रीम कोर्ट

वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीधर पोतराजू ने श्रीराम मंदिर के न्यायालयीन संघर्ष पर अपने विचार व्यक्त किए।

श्रीराम की अनुभूति: उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के रूप में न्यायालय में जो लड़ाई लड़ी गई, वह स्वयं श्रीराम द्वारा दी गई अनुभूति थी।

केशव परासरण की भूमिका: उन्होंने 92 वर्ष की आयु में वरिष्ठ अधिवक्ता केशव परासरण द्वारा पूरे जोश से यह केस लड़ने का श्रेय श्रीराम की अटल श्रद्धा को दिया।

3. प्रमोद मुतालिक, संस्थापक, श्रीराम सेना

'मंदिर संरक्षण' विषयक परिसंवाद में श्रीराम सेना के संस्थापक श्री प्रमोद मुतालिक ने चिक्कमंगलुरु (कर्नाटक) के दत्तपीठ की स्थिति पर बात की।

दत्तपीठ संघर्ष: उन्होंने बताया कि यह स्थान श्री गुरु दत्तात्रेय की साधना भूमि है, जहां टीपू सुल्तान ने बाबा बुडन दरगाह स्थापित की थी, जिससे क्षेत्र इस्लामीकरण का केंद्र बन गया था।

सफलता: विगत 30 वर्षों के आंदोलन और न्यायालयीन संघर्ष के कारण अब 90 प्रतिशत परिसर दत्तभक्तों का हो गया है।

शीघ्र समाधान: उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अभी केवल शुक्रवार को होने वाला मौलवी द्वारा नमाज़ पाठ शीघ्र ही न्यायालय के आदेश से बंद होगा।

4. सुनील घनवट, राष्ट्रीय संगठक, मंदिर महासंघ

हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य संगठक श्री सुनील घनवट ने मंदिरों के संरक्षण को धर्म दायित्व बताया।

मंदिर संरक्षण: उन्होंने कहा, "मंदिर हिंदू धर्म की आधारशिला हैं। उनके परंपरा और मर्यादाओं की रक्षा हेतु 'मंदिर महासंघ' ने 15,000 मंदिरों का संगठन किया है।"

वस्त्र संहिता: उन्होंने बताया कि 2,300 से अधिक मंदिरों में वस्त्रसंहिता (Dress Code) लागू की गई है, जिसका प्रभाव ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी दिखाई देता है।

धर्मशिक्षा: हर सप्ताह 20,000 हिंदू आरती के लिए एकत्र होते हैं, इस उद्देश्य से कि मंदिर धर्मशिक्षा के केंद्र बनें।

सत्र का संचालन राष्ट्र प्रथम चैनल की पत्रकार श्रीमती श्वेता त्रिपाठी ने किया।

डोरंडा कॉलेज में आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र का किया गया उद्घाटन

डोरंडा कॉलेज, राँची के परिसर में आज रविवार को“आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र”का उद्घाटन परियोजना निदेशक, झारखण्ड महिला विकास समिति-सह-निदेशक, समाज कल्याण, श्रीमती किरण पासी (भा.प्र.से.) एवं डोरंडा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राज कुमार शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

इस अवसर पर श्रीमती किरण पासी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मरक्षा सीखना बेटियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक बालिका को यह प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त करना चाहिए। झारखण्ड सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है तथा भविष्य में राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में किशोरियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जाने की दिशा में कार्य कर रही है, ताकि बालिकाएँ आत्मनिर्भर बन सकें, बाल विवाह से बच सकें।साथ ही अपनी शिक्षा पूर्ण कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर स्वयं की रक्षा भी कर सकें।

उन्होंने जानकारी दी कि इस केन्द्र के माध्यम से महाविद्यालय की छात्राओं को निःशुल्क कराटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो शिहान रंजीत मेहता (6th DAN Black Belt) के मार्गदर्शन में संचालित होगा।

वहीं प्राचार्य डॉ. राज कुमार शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा संचालित Social Outreach Programme के अंतर्गत यह पहल समाज के उत्थान की दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध होगी। हमारी छात्राएँ ही नहीं, बल्कि समाज के वे सभी लोग जो बालिकाओं को आत्मनिर्भर एवं प्रशिक्षित बनाने में सहयोग करना चाहते हैं, उनके लिए महाविद्यालय हर संभव प्रयास करने हेतु सदैव तत्पर है।”

बता दें कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत झारखण्ड राज्य में बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने की यह एक विशेष पहल है, जिसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झारखण्ड महिला विकास समिति एवं डोरंडा कॉलेज के संयुक्त प्रयास से प्रारम्भ किया गया है।

मौके पर कराटे प्रशिक्षण हेतु विशेष रूप से सुसज्जित “कराटे डोजो कक्ष” का भी उद्घाटन किया गया।