मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा- झारखंड की मिट्टी आदिवासी अस्मिता की प्रतीक; संस्कृति, शिक्षा और प्रकृति की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध

कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में आज देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी प्रतिनिधियों का मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर देशभर के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर अपने हक-अधिकारों के लिए संघर्ष करने और श्री सोरेन से देश भर के आदिवासी संघर्षों को नेतृत्व प्रदान करने का आह्वान किया।

झारखंड की विरासत और अस्मिता

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अपने संबोधन में झारखंड की धरती की विरासत को रेखांकित किया।

वीरों की विरासत: उन्होंने कहा, "झारखंड की धरती हमेशा से वीरता, स्वाभिमान और संघर्ष की प्रतीक रही है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा से लेकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन जैसे अनेक वीर-वीरांगनाओं के त्याग और संघर्ष ने आदिवासी अस्मिता को नई दिशा दी है।"

अस्मिता की शक्ति: उन्होंने जोर दिया कि वीरों की विरासत, स्वाभिमान की प्रतीक — झारखंड की मिट्टी में ही आदिवासी अस्मिता की शक्ति बसती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज ने मानव सभ्यता के निर्माण एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अब एकता व जागरूकता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।

सरकार की अटूट प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री सोरेन ने आदिवासी समाज के हित में झारखंड सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाया:

संस्कृति और शिक्षा: उन्होंने कहा कि सरकार संस्कृति की रक्षा, शिक्षा की प्रगति और प्रकृति के संतुलन के लिए अटूट रूप से प्रतिबद्ध है।

विदेश में उच्च शिक्षा: उन्होंने बताया कि झारखंड आज देश का पहला राज्य है, जहाँ आदिवासी समाज के विद्यार्थी सरकारी खर्च पर विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिससे समाज में एक नई रोशनी जगी है।

प्रकृति का उपासक: मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का उपासक है और पर्यावरण संरक्षण उसकी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने प्रकृति से संतुलन बनाए रखने को सामूहिक जिम्मेदारी बताया।

एकजुटता और भविष्य की रणनीति

मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के सर्वांगीण सशक्तीकरण के लिए दो मुख्य मंत्र दिए: एकजुटता और आत्मनिर्भरता।

सक्रिय भूमिका: उन्होंने प्रतिनिधियों की वर्षों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में वह स्वयं भी देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

राष्ट्रीय एजेंडा: उन्होंने कहा, "हमें एकजुट होकर ऐसा संघर्ष करना होगा, जिससे हमारी समस्याएं केवल आवाज बनकर न रह जाएं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के एजेंडे का हिस्सा बन सकें।" उन्होंने कहा कि आदिवासी एक बिखरे लोग नहीं, बल्कि एक राष्ट्र-समुदाय हैं।

प्रतिनिधियों का सहयोग

गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मणिपुर सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने झारखंड सरकार के प्रयासों की सराहना की और राज्य सरकार के साथ सतत सहयोग का आश्वासन दिया। प्रतिनिधियों ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के त्याग, संघर्ष और योगदान को भी नमन किया।

इस अवसर पर मंत्री श्री दीपक बिरुआ, मंत्री श्री चमरा लिंडा, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन एवं श्री अशोक चौधरी समेत सैकड़ों की संख्या में आदिवासी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

व्हाट्सएप से नहीं चलेगा संगठन': जेपी नड्डा ने झारखंड BJP को दिया 25-30 दिन प्रवास का निर्देश

देवघर बैठक में संगठनात्मक मजबूती पर जोर; कहा- आदिवासी समाज से संवाद बढ़ाएँ और SIR से फर्जी वोटरों को बाहर करें

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को देवघर सर्किट हाउस में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक की। विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड में संगठन को नए सिरे से मजबूत करने के लिए नड्डा ने कई अहम और कड़े निर्देश दिए।

संगठन की मजबूती के लिए कड़े निर्देश

नड्डा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी का संगठनात्मक ढांचा सिर्फ व्हाट्सएप और फोन से नहीं चल सकता। उन्होंने पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों को निम्नलिखित कार्ययोजना पर काम करने को कहा:

प्रवास अनिवार्य: सबको साल में कम से कम 25 से 30 दिन अपने क्षेत्र में प्रवास करना होगा।

रणनीति निर्माण: प्रवास के दौरान स्थानीय राजनीतिक समीकरण, वातावरण और संभावनाओं का आकलन कर एक से पांच साल तक की रणनीति बनानी होगी।

आपसी समन्वय: उन्होंने कहा कि संगठन में आपसी समन्वय जरूरी है और जहाँ भी गैप है, उसे भरना होगा। "संगठन किसी की मर्जी से नहीं, बल्कि सिस्टम से चलता है। सिस्टम तोड़ने वालों पर कार्रवाई तय है।"

आदिवासी संवाद और युवा जुड़ाव पर जोर

नड्डा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रवास के दौरान पार्टी को सभी वर्गों से संवाद बढ़ाना होगा, विशेषकर आदिवासी समुदाय से।

आदिवासी संवाद: समाज के प्रतिनिधि लोगों से बेहतर संबंध स्थापित करते हुए आदिवासी समुदाय के नेतृत्वकर्ताओं और उनके समाज से मिलकर उनकी समस्याएं जाननी होंगी।

युवा शक्ति: संगठन में नई ऊर्जा भरने के लिए 25 से 35 वर्ष आयुवर्ग के अधिक युवाओं को जोड़ना अनिवार्य है।

सरकार की विफलताओं को करें उजागर

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को राज्य सरकार को घेरने की रणनीति भी समझाई:

सीधा कनेक्ट: प्रवास के दौरान स्थानीय लोगों से राज्य सरकार की विफलताओं पर बात करें। चौक-चौराहा, चाय दुकानों और टोले-मोहल्ले में लोगों से सीधे कनेक्ट होने की आदत डालें।

मीडिया का उपयोग: मीडिया के माध्यम से भी वर्तमान राज्य सरकार की नाकामियों को लगातार उजागर करें।

उपलब्धियां बनाम विफलताएं: लोगों तक भाजपा की पिछली सरकार की उपलब्धियां और वर्तमान सरकार की विफलताएं पहुंचाई जाएं। साथ ही, उन योजनाओं के बारे में भी बताया जाए जिन्हें वर्तमान सरकार ने बाधित किया है।

SIR और घुसपैठ का मुद्दा

नड्डा ने एसआइआर (SIR) मुद्दे पर बात करते हुए गंभीर आरोप लगाए:

जनसांख्यिकीय परिवर्तन: उन्होंने कहा कि झारखंड के संताल परगना और कोल्हान में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) में बदलाव हुआ है।

फर्जी वोटर: नड्डा ने कहा कि झारखंड में भी एसआइआर शुरू होने वाला है, जो एक तरह से वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण है। इसके माध्यम से फर्जी वोटर बाहर होंगे और पारदर्शिता के साथ चुनाव होगा।

बूथ स्तर पर तैयारी: उन्होंने निर्देश दिया कि संताल परगना और कोल्हान के इलाके में भाजपा अपने बूथ अध्यक्षों को मजबूत करते हुए वैसे इलाकों को चिह्नित करें, जहाँ बांग्लादेशी घुसपैठियों का प्रवेश हुआ है।

बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आदित्य प्रसाद साहू, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

हापुड़ के सिंभावली क्षेत्र में पत्रकार के घर चोरी का मामला, मेरठ एडीजी ने जांच के दिए आदेश

बहसुमा/मेरठ।हापुड़ के थाना सिंभावली क्षेत्र के खोडलीय गांव में पत्रकार विकास के घर हुई चोरी के मामले को लेकर पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल मेरठ पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल ने मेरठ के एडीजी भानु भास्कर को मामले की पूरी जानकारी दी। मामले की गंभीरता को समझते हुए एडीजी भानु भास्कर ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल जांच तेज करने के आदेश दिए।जानकारी के अनुसार, विकास पुत्र धर्मपाल का परिवार पिछले माह 4 तारीख को गंगा का मेला देखने गया था। घर में कोई भी मौजूद नहीं था। इसी दौरान अज्ञात चोरों ने रात के अंधेरे का फायदा उठाकर विकास के साथ-साथ एक अन्य घर का ताला तोड़कर बड़ी चोरी की घटना को अंजाम दिया। चोरों ने लाखों रुपए और कीमती गहने चोरी कर लिए। स्थानीय पुलिस को इसकी शिकायत कर दी गई थी, लेकिन अब तक एक महीने गुजर जाने के बाद भी चोरी के मामले का खुलासा नहीं हो पाया है।चोरी की घटना का खुलासा न होने से आक्रोशित पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने मेरठ जोन एसपी को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में चोरी की घटना को जल्द से जल्द उजागर करने की मांग की गई। इस दौरान रोहित दिलावर, संपादक मोनू कुमार, उप संपादक करण कुमार, जिला ब्यूरो चीफ हापुड़ परविंदर जैन, मनोज खगवाल, देवेंद्र, विकास कुमार सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद थे।पत्रकारों ने कहा कि कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इस मामले की कठोर जांच होनी चाहिए ताकि अपराधियों को पकड़ कर प्रभावित परिवार को न्याय मिल सके। साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने की जरुरत बताई गई है।

“पूजा-पाठ के बहाने मौत, 11 घंटे तक तख्त के नीचे छिपा ‘पुजारी-कातिल’, बुजुर्ग नीलिमा की सांसें छीनकर जेवर लूटे

लखनऊ । राजधानी में ऐसा दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है जिसने पड़ोस, पुजारी और भरोसे — तीनों पर ही सवाल खड़े कर दिए। 74 वर्षीय नीलिमा श्रीवास्तव की हत्या उसी व्यक्ति ने की… जिस पर वो आंख बंद कर भरोसा करती थीं।और इस हत्या का सच इतना रोंगटे खड़े करने वाला है कि पुलिस भी दंग रह गई।

पूजा-पाठ करने वाला शख्स निकला बेरहम हत्यारा

इटौंजा का 50 वर्षीय जितेंद्र मिश्रा, जो खुद को ‘पूजा-पाठ’ करने वाला बताता था, नीलिमा के घर के ठीक सामने रहता था।उसी की सलाह पर घरों में पूजा-पाठ करने वाला जितेंद्र नीलिमा की दिनचर्या, रहन-सहन और घर की हर जानकारी रखता था।लेकिन अंदर ही अंदर लालच का बुखार उसे कातिल बना चुका था।

तख्त के नीचे 11 घंटे… मौत की घात पर बैठा ‘पुजारी’

2 दिसंबर की दोपहर— जब नीलिमा घर से बाहर गई थीं,जितेंद्र चोरी-छिपे घर में घुसा और सीधे तख्त के नीचे जाकर 11 घंटे तक दुबका बैठा रहा।सोचिए… घर में एक बुजुर्ग महिला आराम से घूमकर आई, टीवी देखा, चाय पी…और ठीक उनके नीचे एक कातिल चुपचाप सांस रोके बैठा हुआ था।

रात 11 बजे , अलमारी खुली, नींद टूटी और मौत सामने खड़ी थी

जब नीलिमा रात 11 बजे सो रही थीं, तभी जितेंद्र अलमारी खंगालने लगा।खटपट से उनकी नींद खुली…और सामने वही शख्स खड़ा था, जिस पर वह ईश्वर का आदमी समझकर भरोसा करती थीं।नीलिमा ने विरोध किया  बस यही विरोध उनकी जान ले गया।जितेंद्र ने बेरहमी से उनका गला दबा दिया।कुछ मिनटों में नीलिमा की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई।

सोना-चांदी लूटकर बोरे में भर ले गया हत्यारा

हत्या के बाद जितेंद्र ने अलमारी में रखे—सोने के कंगन,सिक्के,आर्टिफिशियल ज्वेलरी व नकदी सब एक प्लास्टिक के बोरे में भरा और भाग निकला। सीतापुर रोड पर अजीजनगर चौकी तक 1.5 किमी पैदल चला, फिर हाफ-डाले से गांव भाग गया।

साजिश इसके पीछे थी, मजिस्ट्रेट के नौकर दीपक और सुशील की

जानकीपुरम पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ—जितेंद्र अकेला नहीं था!लूट की पूरी साजिश बुजुर्ग महिला को जानने वाले दीपक व सुशील ने रची थी।दोनों मजिस्ट्रेट संजय सिंह के सर्वेंट क्वार्टर में रहते हैं और नीलिमा के घर कई बार जा चुके थे। नीलिमा ने कुछ दिन पहले आलमारी का लॉकर खुलवाने के लिए दीपक को बुलाया था…और तभी दोनों ने लॉकर में सोना-चांदी देखकर कातिल योजना बना डाली।

सीसीटीवी की बारीक जांच ने खोल दी पुजारी की पोल

250 से अधिक कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को तीनों को सलीम तिराहे के पास पकड़ लिया।हैरानी की बात — हत्या के अगले दिन भी पुजारी जितेंद्र मजिस्ट्रेट के घर पूजा करने पहुंच गया!जितेंद्र ने कत्ल को इतना सामान्य दिखाया कि अगले दिन वह ऐसे काम पर पहुंचा जैसे कुछ हुआ ही नहीं।

बढ़ाई जाएगी धारा – कातिल को आजीवन कारावास तक की सजा संभव

एसीपी अरीब खान के अनुसार, इस मामले में 331(8) BNS की धारा बढ़ाई जा रही है। इसके तहत:रात में घर में घुसकर हत्या या गंभीर चोट पहुंचाना। इस पर आजीवन कारावास या 10 साल की कठोर सजा तय है।

सनसनीखेज स्टोरी का सार

पूजा-पाठ करने वाले पुजारी जितेंद्र ने 74 वर्षीय नीलिमा की हत्या महज लालच में की।
11 घंटे तक तख्त के नीचे छिपकर बैठा रहा, रात को अलमारी तोड़ी, विरोध करने पर गला दबा दिया।
साजिश उसके साथ काम करने वाले दीपक और सुशील ने रची थी।
तीनों गिरफ्तार, लूट का सामान बरामद।
लखनऊ एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द, हजारों यात्रियों को परेशानी
लखनऊ ।राजधानी स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार का दिन यात्रियों के लिए बेहद मुश्किल भरा रहा। हवाईअड्डे से संचालित होने वाली लगभग 30 प्रतिशत उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं। लखनऊ आने और यहां से जाने वाली कुल 42 उड़ानें निरस्त कर दी गईं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, पटना और कोलकाता समेत कई बड़े शहरों की फ्लाइट शामिल थीं।

करीब दस हजार यात्रियों को परेशानी का करना पड़ा रहा सामना

फ्लाइटें निरस्त होने की वजह से एयरपोर्ट पर करीब 10 हजार यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इनमें वह 2400 यात्री भी शामिल रहे जिनकी उड़ानें निर्धारित थीं। कई यात्रियों को 5 से 20 घंटे तक इंतजार कराने के बाद उड़ान रद्द होने की सूचना दी गई, जिससे आक्रोशित यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा भी किया। भीड़ बढ़ने से अफरातफरी जैसे हालात बन गए।

सूचना देने में लापरवाही का आरोप

यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन की वेबसाइट और एप पर उड़ानें सामान्य दिख रही थीं। कई यात्रियों ने ऑनलाइन चेक-इन भी कर लिया था, लेकिन एयरपोर्ट आकर डिस्प्ले बोर्ड पर पता चला कि उनकी उड़ान रद्द है। यात्रियों का आरोप है कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने समय रहते कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। रिफंड और अगली यात्रा की जानकारी के लिए भी उन्हें सही जवाब नहीं मिल सका।

किराए में भारी बढ़ोतरी

सीधी उड़ानों के न मिलने और सीमित विकल्पों के कारण विमान किराए में भी भारी इजाफा हो गया।
लखनऊ–मुंबई का किराया ₹5,000 → बढ़कर ₹48,000
लखनऊ–हैदराबाद का किराया ₹42,665
बंगलूरू का किराया ₹68,790
लखनऊ–दिल्ली का किराया ₹4,000 → बढ़कर ₹14,000-17,000
यात्रियों का कहना है कि या तो उड़ानें मिल नहीं रही हैं और जो मिल रही हैं, उनके दाम आसमान छू रहे हैं।

लोगों की मजबूरियां बढ़ीं
अचानक फ्लाइट निरस्त होने से यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाएं बदलनी पड़ीं। कई लोग सड़क या अन्य माध्यमों से अपने गंतव्य तक जाने को मजबूर हुए। शुक्रवार को ही 1,290 से अधिक यात्रियों ने टिकट निरस्त कर अन्य विकल्प चुने।प्रतापगढ़ निवासी एक परिवार को तंजानिया जाना था, उन्होंने नई टिकट पर लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन लखनऊ–मुंबई उड़ान भी रद्द होने से वे हवाईअड्डे पर ही फंसे रहे। वहीं पुणे निवासी एक परिवार ने अतिरिक्त 50 हजार रुपये खर्च कर सड़क मार्ग से लौटने का फैसला किया।

स्थिति दोपहर बाद और बिगड़ी

दोपहर करीब 2 बजे इंडिगो काउंटर पर यात्रियों और कर्मचारियों में झड़प हो गई। यात्रियों ने एयरलाइन पर मनमानी और जानकारी छुपाने के आरोप लगाए। सुरक्षा कर्मियों को स्थिति संभालनी पड़ी।

फिलहाल यात्रियों में नाराजगी और अनिश्चितता

फ्लाइट रद्द होने के पीछे की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है। यात्रियों ने एयरपोर्ट प्रबंधन और एयरलाइंस से समय पर सूचना देने और उचित व्यवस्था करने की मांग की है।
*अनियंत्रित ट्रेलर ने टूरिस्ट बस को मारी टक्कर, दर्जनों लोग घायल और एक की मौत*
सुल्तानपुर भोर में अनियंत्रित ट्रेलर ने टूरिस्ट बस को मारी टक्कर। टक्कर के बाद पलट गए ट्रेलर और टूरिस्ट बस हादसे में एक महिला श्रद्धालु की मौत, दर्जन भर से ज्यादा घायल। इलाज के लिए सभी को भेजा गया अस्पताल। श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन करवा प्रयागराज जा रही थी बस। महाराष्ट्र के रहने वाले बस सवार टूरिस्ट। कूरेभार थानाक्षेत्र के स्थानीय चौराहे की घटना।
काउंसिल ऑफ मगध वुमेन एम्पावरमेंट द्वारा सामाजिक सेवा और बाल कल्याण के उद्देश्य से एक विशेष वितरण समारोह का आयोजन,

गया शहर के कुजापी में काउंसिल ऑफ मगध वुमेन एम्पावरमेंट द्वारा सामाजिक सेवा और बाल कल्याण के उद्देश्य से सुजाता चाइल्ड ट्रस्ट, कोलकाता में एक विशेष वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अनाथ एवं जरूरतमंद बच्चों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना और उन्हें दैनिक जीवन में उपयोगी वस्तुओं से सहायता प्रदान करना था।

इस अवसर पर COMWE की टीम ने कुल 40 बच्चों के बीच कपड़े, टॉफ़ी, बिस्कुट और टूथपेस्ट जैसी आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया। बच्चों को उपयोगी वस्तुएँ मिलने पर उनके चेहरों पर मुस्कान और उत्साह देखने को मिला, जिससे कार्यक्रम का उद्देश्य पूरी तरह सफल होता दिखाई दिया। यह आयोजन COMWE के संरक्षक डॉ. प्रवीण रंजन गांधी के संरक्षण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में संगठन के कार्यकारिणी सदस्यों – डॉ. प्रदीप कुमार, विभूति आनंद, अजय कुमार ठाकुर, साहेब कुमार और मोहित कुमार – ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पूरे आयोजन में सक्रिय योगदान दिया। उनकी संयुक्त सहभागिता ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी एवं सुचारु बनाया। समारोह के दौरान सुजाता चाइल्ड ट्रस्ट से मोहिनी शर्मा, उदित दास, इस्नेहा खातून तथा चन्दन सिंह (Executive Member of Sujata Child Trust) उपस्थित रहे। संस्था के सदस्यों ने COMWE के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा भरते हैं और उन्हें यह एहसास कराते हैं कि समाज उनके साथ खड़ा है। COMWE लंबे समय से क्षेत्र में विभिन्न सामाजिक उत्थान गतिविधियों के लिए कार्यरत है। संस्था स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जागरूकता और सहायता के लिए निरंतर प्रयासरत है। सामाजिक सरोकारों के प्रति COMWE की यह प्रतिबद्धता ही समाज में उसे एक जिम्मेदार और सेवा-निष्ठ संस्था के रूप में स्थापित करती है। सुजाता चाइल्ड ट्रस्ट में आयोजित यह वितरण कार्यक्रम न केवल बच्चों के लिए एक सुखद अनुभव रहा, बल्कि समाज में सहयोग और संवेदनशीलता का संदेश भी प्रसारित करता है। COMWE ने पुनः यह साबित किया कि सामूहिक प्रयास और सामाजिक जिम्मेदारी से समाज के वंचित वर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

गया रेलवे स्टेशन पर ऑपरेशन ‘सतर्क’ के तहत विदेशी शराब के साथ एक तस्कर गिरफ्तार

गया। पूर्व मध्य रेलवे, डीडीयू मंडल के तहत रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट गया और सीआईबी/सीपीडीएस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन ‘सतर्क’ के दौरान बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्त के पास से कुल 26.79 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई, जिसकी अनुमानित कीमत ₹28,260/- बताई गई है।

जानकारी के अनुसार, आरपीएफ और सीआईबी/सीपीडीएस की संयुक्त टीम—जिसमें उप निरीक्षक विकास कुमार, प्रधान आरक्षी विवेकानंद शर्मा, आरक्षी विकास कुमार, आरक्षी देवेन्द्र प्रसाद, आरक्षी शशि शेखर, सउनि अनिल कुमार चौधरी तथा आरक्षी राजू कुमार और सुनील कुमार शामिल थे—गया रेलवे स्टेशन पर अपराधियों की गतिविधियों की निगरानी कर रही थी। इसी दौरान करीब 01:50 बजे प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर एक व्यक्ति को भारी ट्रॉली बैग और पिट्टू बैग के साथ संदिग्ध अवस्था में घूमते देखा गया।

संदेह होने पर टीम ने उसे प्लेटफॉर्म संख्या 1 के प्रतीक्षालय के पास रोका और पूछताछ की। पूछताछ में उसने अपना नाम नितेश कुमार (उम्र 32 वर्ष), पिता नंदू प्रसाद, निवासी बर्तन पट्टी, मेन रोड, थाना रफीगंज, जिला औरंगाबाद (बिहार) बताया। स्टेशन पर आने का कारण और उसके पास मौजूद बैगों की जानकारी पूछने पर वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।

टीम द्वारा जब उसके ट्रॉली बैग की तलाशी ली गई तो उसमें से हल्के गुलाबी रंग के बैग में छिपाकर रखी गई 26.79 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद हुई। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के कारण मौके पर ही कानूनी कार्रवाई करते हुए शराब को जब्त कर लिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर राजकीय रेल थाना गया लाया गया।

उप निरीक्षक विकास कुमार द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर जीआरपी थाना गया में कांड संख्या 342/25, दिनांक 05.12.2025 दर्ज किया गया है। मामले में धारा 30(a), बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।

आरपीएफ ने बताया कि ऑपरेशन ‘सतर्क’ के तहत रेलवे परिसर में अवैध गतिविधियों पर निगरानी और कड़ी की जाएगी, ताकि यात्रियों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित रहे।

गया में बनेगा देश का बेहतरीन इंडस्ट्रियल पार्क, मुख्य सचिव ने किया आईएमसी परियोजना स्थल का निरीक्षण

गया: बिहार सरकार के मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को गया जिला के डोभी स्थित 1670 एकड़ में विकसित होने वाले इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) परियोजना का विस्तृत स्थल निरीक्षण किया। यह परियोजना अमृतसर–दिल्ली–कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (ADKIC) के तहत विकसित की जा रही है, जो आने वाले वर्षों में गया को देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में स्थापित कर सकती है।

निरीक्षण के दौरान पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी, उद्योग विभाग के सचिव श्री कुंदन कुमार, ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार तथा जल संसाधन विभाग के सचिव भी उपस्थित रहे। सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे क्षेत्र का पैदल दौरा कर प्रगति का जायजा लिया और संबंधित कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली एवं पानी की आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, ताकि बड़े उद्योग यहां निवेश करने के लिए आकर्षित हो सकें। उन्होंने निर्माणाधीन सड़कों की प्रगति का निरीक्षण किया तथा बिजली एवं जलापूर्ति की संभावित व्यवस्था पर भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को एक मॉडल इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जो न केवल गया बल्कि पूरे बिहार की औद्योगिक तस्वीर बदल सकता है।

इस दौरान जिला पदाधिकारी गया, श्री शशांक शुभंकर ने मुख्य सचिव को विभिन्न लोकेशन पर रुक-रुक कर नक्शे के माध्यम से पूरे IMC क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और भावी संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि इंडस्ट्रियल एरिया की सभी लिंक सड़कों का एक विस्तृत ‘कनेक्टिविटी मैप’ तैयार किया जाए, जिससे औद्योगिक पार्क को मुख्य सड़कों से सीधे जोड़ा जा सके।

पथ निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि जीटी रोड से इंडस्ट्रियल पार्क तक सड़क निर्माण हेतु एलाइनमेंट तैयार कर लिया गया है, तथा जिन स्थानों पर सरकारी भूमि उपलब्ध है, वहां सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि ADKIC से नजदीकी होने के कारण डोभी क्षेत्र एक बड़े आर्थिक केंद्र के रूप में उभरने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां विकसित होने वाला इंडस्ट्रियल पार्क गया जिले की आर्थिक दिशा बदल देगा, क्योंकि इसमें बड़े और मध्यम श्रेणी के उद्योगों की स्थापना के व्यापक अवसर हैं।

जिला पदाधिकारी ने बताया कि IMC परियोजना के लिए 13 मौजा मिलाकर कुल 1670.22 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। परियोजना निर्माण हेतु प्राप्त 370 करोड़ रुपये में से 200 करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है और औद्योगिक इकाइयों के लिए आवश्यक कॉमन फैसिलिटी सेंटर सहित सभी सुविधाओं को शामिल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आने वाले समय में एक आधुनिक इंडस्ट्रियल टाउनशिप के रूप में विकसित होगा, जहां सड़क, रेल और एयर — तीनों प्रकार की कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।

निरीक्षण कार्यक्रम में मगध प्रमंडल के आयुक्त, आईजी मगध प्रक्षेत्र, वरीय पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, जिला वन पदाधिकारी, अपर समाहर्ता समेत अनेक जिला एवं अनुमंडल स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

यह विशाल औद्योगिक परियोजना गया जिले को निवेश, रोजगार और औद्योगिक विकास के नए आयामों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

निजी अस्पतालों से मरीजों को घर छोड़ने के नाम पर 108 एम्बुलेंस चालक द्वारा वसूले जा रहे पैसे, मरीजों ने लगाए गंभीर आरोप


मावाना। क्षेत्र में 108 एम्बुलेंस सेवा को लेकर एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। सरकारी 108 एम्बुलेंस, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में मरीजों को निशुल्क अस्पताल तक पहुँचाना है, अब कुछ चालक और हेल्पर द्वारा निजी फायदे के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।

ताज़ा मामला मावाना के एक निजी अस्पताल से निकलकर सामने आया है, जहाँ फलावदा निवासी एक मरीज को घर छोड़ने के नाम पर एम्बुलेंस चालक द्वारा कथित रूप से पैसे वसूल किए गए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मरीज को मावाना के एक निजी अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, जिसके बाद परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया। एम्बुलेंस UP32 FG 2718 मौके पर पहुँची, जिसे चलाने वाला चालक हरमिंदर बताया जा रहा है, जबकि उसके साथ हेल्पर के रूप में ओमकार मौजूद था।

आरोप है कि एम्बुलेंस चालक ने मरीज के परिजनों को साफ-साफ कहा कि—

“फलावदा तक जाने का किराया देना पड़ेगा, बिना पैसे एम्बुलेंस नहीं जाएगी।”

मजबूरी में परिजनों को चालक द्वारा मांगी गई राशि का भुगतान करना पड़ा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है। कई बार 108 एम्बुलेंस चालक मरीजों को अस्पताल लाने–ले जाने के दौरान उनसे पैसे मांगते हैं, जबकि यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है। लोगों का आरोप है कि चालक और हेल्पर निजी अस्पतालों से मिले-जुले तरीके से ऐसे मरीज तलाशते हैं, जिन्हें घर छोड़ा जाता है और फिर उनसे शुल्क लिया जाता है।

क्षेत्रवासियों ने बताया कि—

108 सेवा का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है।

निजी अस्पतालों के बाहर एम्बुलेंस अधिकांश समय खड़ी रहती हैं।

मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने पैसे वसूले जाते हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि 108 एम्बुलेंस सेवा की कड़ी निगरानी की जाए, विशेषकर उन एम्बुलेंसों की जो निजी अस्पतालों के बाहर घंटों खड़ी रहती हैं।

उन्होंने कहा कि—

“यदि सरकार की आपातकालीन सेवा ही पैसा लेने लगे तो गरीब परिवारों का क्या होगा? प्रशासन को इस मामले में तुरंत जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”

इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग से भी जवाबदेही तय किए जाने की मांग उठ रही है। मावाना से फलावदा तक का यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों में सरकारी 108 सेवा के दुरुपयोग को लेकर गहरी नाराजगी है।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा- झारखंड की मिट्टी आदिवासी अस्मिता की प्रतीक; संस्कृति, शिक्षा और प्रकृति की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध

कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में आज देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी प्रतिनिधियों का मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर देशभर के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर अपने हक-अधिकारों के लिए संघर्ष करने और श्री सोरेन से देश भर के आदिवासी संघर्षों को नेतृत्व प्रदान करने का आह्वान किया।

झारखंड की विरासत और अस्मिता

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अपने संबोधन में झारखंड की धरती की विरासत को रेखांकित किया।

वीरों की विरासत: उन्होंने कहा, "झारखंड की धरती हमेशा से वीरता, स्वाभिमान और संघर्ष की प्रतीक रही है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा से लेकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन जैसे अनेक वीर-वीरांगनाओं के त्याग और संघर्ष ने आदिवासी अस्मिता को नई दिशा दी है।"

अस्मिता की शक्ति: उन्होंने जोर दिया कि वीरों की विरासत, स्वाभिमान की प्रतीक — झारखंड की मिट्टी में ही आदिवासी अस्मिता की शक्ति बसती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज ने मानव सभ्यता के निर्माण एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अब एकता व जागरूकता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।

सरकार की अटूट प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री सोरेन ने आदिवासी समाज के हित में झारखंड सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाया:

संस्कृति और शिक्षा: उन्होंने कहा कि सरकार संस्कृति की रक्षा, शिक्षा की प्रगति और प्रकृति के संतुलन के लिए अटूट रूप से प्रतिबद्ध है।

विदेश में उच्च शिक्षा: उन्होंने बताया कि झारखंड आज देश का पहला राज्य है, जहाँ आदिवासी समाज के विद्यार्थी सरकारी खर्च पर विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिससे समाज में एक नई रोशनी जगी है।

प्रकृति का उपासक: मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का उपासक है और पर्यावरण संरक्षण उसकी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने प्रकृति से संतुलन बनाए रखने को सामूहिक जिम्मेदारी बताया।

एकजुटता और भविष्य की रणनीति

मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के सर्वांगीण सशक्तीकरण के लिए दो मुख्य मंत्र दिए: एकजुटता और आत्मनिर्भरता।

सक्रिय भूमिका: उन्होंने प्रतिनिधियों की वर्षों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में वह स्वयं भी देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

राष्ट्रीय एजेंडा: उन्होंने कहा, "हमें एकजुट होकर ऐसा संघर्ष करना होगा, जिससे हमारी समस्याएं केवल आवाज बनकर न रह जाएं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के एजेंडे का हिस्सा बन सकें।" उन्होंने कहा कि आदिवासी एक बिखरे लोग नहीं, बल्कि एक राष्ट्र-समुदाय हैं।

प्रतिनिधियों का सहयोग

गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मणिपुर सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने झारखंड सरकार के प्रयासों की सराहना की और राज्य सरकार के साथ सतत सहयोग का आश्वासन दिया। प्रतिनिधियों ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के त्याग, संघर्ष और योगदान को भी नमन किया।

इस अवसर पर मंत्री श्री दीपक बिरुआ, मंत्री श्री चमरा लिंडा, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन एवं श्री अशोक चौधरी समेत सैकड़ों की संख्या में आदिवासी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

व्हाट्सएप से नहीं चलेगा संगठन': जेपी नड्डा ने झारखंड BJP को दिया 25-30 दिन प्रवास का निर्देश

देवघर बैठक में संगठनात्मक मजबूती पर जोर; कहा- आदिवासी समाज से संवाद बढ़ाएँ और SIR से फर्जी वोटरों को बाहर करें

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को देवघर सर्किट हाउस में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक की। विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड में संगठन को नए सिरे से मजबूत करने के लिए नड्डा ने कई अहम और कड़े निर्देश दिए।

संगठन की मजबूती के लिए कड़े निर्देश

नड्डा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी का संगठनात्मक ढांचा सिर्फ व्हाट्सएप और फोन से नहीं चल सकता। उन्होंने पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों को निम्नलिखित कार्ययोजना पर काम करने को कहा:

प्रवास अनिवार्य: सबको साल में कम से कम 25 से 30 दिन अपने क्षेत्र में प्रवास करना होगा।

रणनीति निर्माण: प्रवास के दौरान स्थानीय राजनीतिक समीकरण, वातावरण और संभावनाओं का आकलन कर एक से पांच साल तक की रणनीति बनानी होगी।

आपसी समन्वय: उन्होंने कहा कि संगठन में आपसी समन्वय जरूरी है और जहाँ भी गैप है, उसे भरना होगा। "संगठन किसी की मर्जी से नहीं, बल्कि सिस्टम से चलता है। सिस्टम तोड़ने वालों पर कार्रवाई तय है।"

आदिवासी संवाद और युवा जुड़ाव पर जोर

नड्डा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रवास के दौरान पार्टी को सभी वर्गों से संवाद बढ़ाना होगा, विशेषकर आदिवासी समुदाय से।

आदिवासी संवाद: समाज के प्रतिनिधि लोगों से बेहतर संबंध स्थापित करते हुए आदिवासी समुदाय के नेतृत्वकर्ताओं और उनके समाज से मिलकर उनकी समस्याएं जाननी होंगी।

युवा शक्ति: संगठन में नई ऊर्जा भरने के लिए 25 से 35 वर्ष आयुवर्ग के अधिक युवाओं को जोड़ना अनिवार्य है।

सरकार की विफलताओं को करें उजागर

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को राज्य सरकार को घेरने की रणनीति भी समझाई:

सीधा कनेक्ट: प्रवास के दौरान स्थानीय लोगों से राज्य सरकार की विफलताओं पर बात करें। चौक-चौराहा, चाय दुकानों और टोले-मोहल्ले में लोगों से सीधे कनेक्ट होने की आदत डालें।

मीडिया का उपयोग: मीडिया के माध्यम से भी वर्तमान राज्य सरकार की नाकामियों को लगातार उजागर करें।

उपलब्धियां बनाम विफलताएं: लोगों तक भाजपा की पिछली सरकार की उपलब्धियां और वर्तमान सरकार की विफलताएं पहुंचाई जाएं। साथ ही, उन योजनाओं के बारे में भी बताया जाए जिन्हें वर्तमान सरकार ने बाधित किया है।

SIR और घुसपैठ का मुद्दा

नड्डा ने एसआइआर (SIR) मुद्दे पर बात करते हुए गंभीर आरोप लगाए:

जनसांख्यिकीय परिवर्तन: उन्होंने कहा कि झारखंड के संताल परगना और कोल्हान में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) में बदलाव हुआ है।

फर्जी वोटर: नड्डा ने कहा कि झारखंड में भी एसआइआर शुरू होने वाला है, जो एक तरह से वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण है। इसके माध्यम से फर्जी वोटर बाहर होंगे और पारदर्शिता के साथ चुनाव होगा।

बूथ स्तर पर तैयारी: उन्होंने निर्देश दिया कि संताल परगना और कोल्हान के इलाके में भाजपा अपने बूथ अध्यक्षों को मजबूत करते हुए वैसे इलाकों को चिह्नित करें, जहाँ बांग्लादेशी घुसपैठियों का प्रवेश हुआ है।

बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आदित्य प्रसाद साहू, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

हापुड़ के सिंभावली क्षेत्र में पत्रकार के घर चोरी का मामला, मेरठ एडीजी ने जांच के दिए आदेश

बहसुमा/मेरठ।हापुड़ के थाना सिंभावली क्षेत्र के खोडलीय गांव में पत्रकार विकास के घर हुई चोरी के मामले को लेकर पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल मेरठ पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल ने मेरठ के एडीजी भानु भास्कर को मामले की पूरी जानकारी दी। मामले की गंभीरता को समझते हुए एडीजी भानु भास्कर ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल जांच तेज करने के आदेश दिए।जानकारी के अनुसार, विकास पुत्र धर्मपाल का परिवार पिछले माह 4 तारीख को गंगा का मेला देखने गया था। घर में कोई भी मौजूद नहीं था। इसी दौरान अज्ञात चोरों ने रात के अंधेरे का फायदा उठाकर विकास के साथ-साथ एक अन्य घर का ताला तोड़कर बड़ी चोरी की घटना को अंजाम दिया। चोरों ने लाखों रुपए और कीमती गहने चोरी कर लिए। स्थानीय पुलिस को इसकी शिकायत कर दी गई थी, लेकिन अब तक एक महीने गुजर जाने के बाद भी चोरी के मामले का खुलासा नहीं हो पाया है।चोरी की घटना का खुलासा न होने से आक्रोशित पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने मेरठ जोन एसपी को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में चोरी की घटना को जल्द से जल्द उजागर करने की मांग की गई। इस दौरान रोहित दिलावर, संपादक मोनू कुमार, उप संपादक करण कुमार, जिला ब्यूरो चीफ हापुड़ परविंदर जैन, मनोज खगवाल, देवेंद्र, विकास कुमार सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद थे।पत्रकारों ने कहा कि कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इस मामले की कठोर जांच होनी चाहिए ताकि अपराधियों को पकड़ कर प्रभावित परिवार को न्याय मिल सके। साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने की जरुरत बताई गई है।

“पूजा-पाठ के बहाने मौत, 11 घंटे तक तख्त के नीचे छिपा ‘पुजारी-कातिल’, बुजुर्ग नीलिमा की सांसें छीनकर जेवर लूटे

लखनऊ । राजधानी में ऐसा दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है जिसने पड़ोस, पुजारी और भरोसे — तीनों पर ही सवाल खड़े कर दिए। 74 वर्षीय नीलिमा श्रीवास्तव की हत्या उसी व्यक्ति ने की… जिस पर वो आंख बंद कर भरोसा करती थीं।और इस हत्या का सच इतना रोंगटे खड़े करने वाला है कि पुलिस भी दंग रह गई।

पूजा-पाठ करने वाला शख्स निकला बेरहम हत्यारा

इटौंजा का 50 वर्षीय जितेंद्र मिश्रा, जो खुद को ‘पूजा-पाठ’ करने वाला बताता था, नीलिमा के घर के ठीक सामने रहता था।उसी की सलाह पर घरों में पूजा-पाठ करने वाला जितेंद्र नीलिमा की दिनचर्या, रहन-सहन और घर की हर जानकारी रखता था।लेकिन अंदर ही अंदर लालच का बुखार उसे कातिल बना चुका था।

तख्त के नीचे 11 घंटे… मौत की घात पर बैठा ‘पुजारी’

2 दिसंबर की दोपहर— जब नीलिमा घर से बाहर गई थीं,जितेंद्र चोरी-छिपे घर में घुसा और सीधे तख्त के नीचे जाकर 11 घंटे तक दुबका बैठा रहा।सोचिए… घर में एक बुजुर्ग महिला आराम से घूमकर आई, टीवी देखा, चाय पी…और ठीक उनके नीचे एक कातिल चुपचाप सांस रोके बैठा हुआ था।

रात 11 बजे , अलमारी खुली, नींद टूटी और मौत सामने खड़ी थी

जब नीलिमा रात 11 बजे सो रही थीं, तभी जितेंद्र अलमारी खंगालने लगा।खटपट से उनकी नींद खुली…और सामने वही शख्स खड़ा था, जिस पर वह ईश्वर का आदमी समझकर भरोसा करती थीं।नीलिमा ने विरोध किया  बस यही विरोध उनकी जान ले गया।जितेंद्र ने बेरहमी से उनका गला दबा दिया।कुछ मिनटों में नीलिमा की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई।

सोना-चांदी लूटकर बोरे में भर ले गया हत्यारा

हत्या के बाद जितेंद्र ने अलमारी में रखे—सोने के कंगन,सिक्के,आर्टिफिशियल ज्वेलरी व नकदी सब एक प्लास्टिक के बोरे में भरा और भाग निकला। सीतापुर रोड पर अजीजनगर चौकी तक 1.5 किमी पैदल चला, फिर हाफ-डाले से गांव भाग गया।

साजिश इसके पीछे थी, मजिस्ट्रेट के नौकर दीपक और सुशील की

जानकीपुरम पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ—जितेंद्र अकेला नहीं था!लूट की पूरी साजिश बुजुर्ग महिला को जानने वाले दीपक व सुशील ने रची थी।दोनों मजिस्ट्रेट संजय सिंह के सर्वेंट क्वार्टर में रहते हैं और नीलिमा के घर कई बार जा चुके थे। नीलिमा ने कुछ दिन पहले आलमारी का लॉकर खुलवाने के लिए दीपक को बुलाया था…और तभी दोनों ने लॉकर में सोना-चांदी देखकर कातिल योजना बना डाली।

सीसीटीवी की बारीक जांच ने खोल दी पुजारी की पोल

250 से अधिक कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को तीनों को सलीम तिराहे के पास पकड़ लिया।हैरानी की बात — हत्या के अगले दिन भी पुजारी जितेंद्र मजिस्ट्रेट के घर पूजा करने पहुंच गया!जितेंद्र ने कत्ल को इतना सामान्य दिखाया कि अगले दिन वह ऐसे काम पर पहुंचा जैसे कुछ हुआ ही नहीं।

बढ़ाई जाएगी धारा – कातिल को आजीवन कारावास तक की सजा संभव

एसीपी अरीब खान के अनुसार, इस मामले में 331(8) BNS की धारा बढ़ाई जा रही है। इसके तहत:रात में घर में घुसकर हत्या या गंभीर चोट पहुंचाना। इस पर आजीवन कारावास या 10 साल की कठोर सजा तय है।

सनसनीखेज स्टोरी का सार

पूजा-पाठ करने वाले पुजारी जितेंद्र ने 74 वर्षीय नीलिमा की हत्या महज लालच में की।
11 घंटे तक तख्त के नीचे छिपकर बैठा रहा, रात को अलमारी तोड़ी, विरोध करने पर गला दबा दिया।
साजिश उसके साथ काम करने वाले दीपक और सुशील ने रची थी।
तीनों गिरफ्तार, लूट का सामान बरामद।
लखनऊ एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द, हजारों यात्रियों को परेशानी
लखनऊ ।राजधानी स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार का दिन यात्रियों के लिए बेहद मुश्किल भरा रहा। हवाईअड्डे से संचालित होने वाली लगभग 30 प्रतिशत उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं। लखनऊ आने और यहां से जाने वाली कुल 42 उड़ानें निरस्त कर दी गईं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, पटना और कोलकाता समेत कई बड़े शहरों की फ्लाइट शामिल थीं।

करीब दस हजार यात्रियों को परेशानी का करना पड़ा रहा सामना

फ्लाइटें निरस्त होने की वजह से एयरपोर्ट पर करीब 10 हजार यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इनमें वह 2400 यात्री भी शामिल रहे जिनकी उड़ानें निर्धारित थीं। कई यात्रियों को 5 से 20 घंटे तक इंतजार कराने के बाद उड़ान रद्द होने की सूचना दी गई, जिससे आक्रोशित यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा भी किया। भीड़ बढ़ने से अफरातफरी जैसे हालात बन गए।

सूचना देने में लापरवाही का आरोप

यात्रियों का कहना है कि एयरलाइन की वेबसाइट और एप पर उड़ानें सामान्य दिख रही थीं। कई यात्रियों ने ऑनलाइन चेक-इन भी कर लिया था, लेकिन एयरपोर्ट आकर डिस्प्ले बोर्ड पर पता चला कि उनकी उड़ान रद्द है। यात्रियों का आरोप है कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने समय रहते कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। रिफंड और अगली यात्रा की जानकारी के लिए भी उन्हें सही जवाब नहीं मिल सका।

किराए में भारी बढ़ोतरी

सीधी उड़ानों के न मिलने और सीमित विकल्पों के कारण विमान किराए में भी भारी इजाफा हो गया।
लखनऊ–मुंबई का किराया ₹5,000 → बढ़कर ₹48,000
लखनऊ–हैदराबाद का किराया ₹42,665
बंगलूरू का किराया ₹68,790
लखनऊ–दिल्ली का किराया ₹4,000 → बढ़कर ₹14,000-17,000
यात्रियों का कहना है कि या तो उड़ानें मिल नहीं रही हैं और जो मिल रही हैं, उनके दाम आसमान छू रहे हैं।

लोगों की मजबूरियां बढ़ीं
अचानक फ्लाइट निरस्त होने से यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाएं बदलनी पड़ीं। कई लोग सड़क या अन्य माध्यमों से अपने गंतव्य तक जाने को मजबूर हुए। शुक्रवार को ही 1,290 से अधिक यात्रियों ने टिकट निरस्त कर अन्य विकल्प चुने।प्रतापगढ़ निवासी एक परिवार को तंजानिया जाना था, उन्होंने नई टिकट पर लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन लखनऊ–मुंबई उड़ान भी रद्द होने से वे हवाईअड्डे पर ही फंसे रहे। वहीं पुणे निवासी एक परिवार ने अतिरिक्त 50 हजार रुपये खर्च कर सड़क मार्ग से लौटने का फैसला किया।

स्थिति दोपहर बाद और बिगड़ी

दोपहर करीब 2 बजे इंडिगो काउंटर पर यात्रियों और कर्मचारियों में झड़प हो गई। यात्रियों ने एयरलाइन पर मनमानी और जानकारी छुपाने के आरोप लगाए। सुरक्षा कर्मियों को स्थिति संभालनी पड़ी।

फिलहाल यात्रियों में नाराजगी और अनिश्चितता

फ्लाइट रद्द होने के पीछे की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है। यात्रियों ने एयरपोर्ट प्रबंधन और एयरलाइंस से समय पर सूचना देने और उचित व्यवस्था करने की मांग की है।
*अनियंत्रित ट्रेलर ने टूरिस्ट बस को मारी टक्कर, दर्जनों लोग घायल और एक की मौत*
सुल्तानपुर भोर में अनियंत्रित ट्रेलर ने टूरिस्ट बस को मारी टक्कर। टक्कर के बाद पलट गए ट्रेलर और टूरिस्ट बस हादसे में एक महिला श्रद्धालु की मौत, दर्जन भर से ज्यादा घायल। इलाज के लिए सभी को भेजा गया अस्पताल। श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन करवा प्रयागराज जा रही थी बस। महाराष्ट्र के रहने वाले बस सवार टूरिस्ट। कूरेभार थानाक्षेत्र के स्थानीय चौराहे की घटना।
काउंसिल ऑफ मगध वुमेन एम्पावरमेंट द्वारा सामाजिक सेवा और बाल कल्याण के उद्देश्य से एक विशेष वितरण समारोह का आयोजन,

गया शहर के कुजापी में काउंसिल ऑफ मगध वुमेन एम्पावरमेंट द्वारा सामाजिक सेवा और बाल कल्याण के उद्देश्य से सुजाता चाइल्ड ट्रस्ट, कोलकाता में एक विशेष वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अनाथ एवं जरूरतमंद बच्चों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना और उन्हें दैनिक जीवन में उपयोगी वस्तुओं से सहायता प्रदान करना था।

इस अवसर पर COMWE की टीम ने कुल 40 बच्चों के बीच कपड़े, टॉफ़ी, बिस्कुट और टूथपेस्ट जैसी आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया। बच्चों को उपयोगी वस्तुएँ मिलने पर उनके चेहरों पर मुस्कान और उत्साह देखने को मिला, जिससे कार्यक्रम का उद्देश्य पूरी तरह सफल होता दिखाई दिया। यह आयोजन COMWE के संरक्षक डॉ. प्रवीण रंजन गांधी के संरक्षण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में संगठन के कार्यकारिणी सदस्यों – डॉ. प्रदीप कुमार, विभूति आनंद, अजय कुमार ठाकुर, साहेब कुमार और मोहित कुमार – ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पूरे आयोजन में सक्रिय योगदान दिया। उनकी संयुक्त सहभागिता ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी एवं सुचारु बनाया। समारोह के दौरान सुजाता चाइल्ड ट्रस्ट से मोहिनी शर्मा, उदित दास, इस्नेहा खातून तथा चन्दन सिंह (Executive Member of Sujata Child Trust) उपस्थित रहे। संस्था के सदस्यों ने COMWE के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा भरते हैं और उन्हें यह एहसास कराते हैं कि समाज उनके साथ खड़ा है। COMWE लंबे समय से क्षेत्र में विभिन्न सामाजिक उत्थान गतिविधियों के लिए कार्यरत है। संस्था स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जागरूकता और सहायता के लिए निरंतर प्रयासरत है। सामाजिक सरोकारों के प्रति COMWE की यह प्रतिबद्धता ही समाज में उसे एक जिम्मेदार और सेवा-निष्ठ संस्था के रूप में स्थापित करती है। सुजाता चाइल्ड ट्रस्ट में आयोजित यह वितरण कार्यक्रम न केवल बच्चों के लिए एक सुखद अनुभव रहा, बल्कि समाज में सहयोग और संवेदनशीलता का संदेश भी प्रसारित करता है। COMWE ने पुनः यह साबित किया कि सामूहिक प्रयास और सामाजिक जिम्मेदारी से समाज के वंचित वर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

गया रेलवे स्टेशन पर ऑपरेशन ‘सतर्क’ के तहत विदेशी शराब के साथ एक तस्कर गिरफ्तार

गया। पूर्व मध्य रेलवे, डीडीयू मंडल के तहत रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट गया और सीआईबी/सीपीडीएस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन ‘सतर्क’ के दौरान बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्त के पास से कुल 26.79 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई, जिसकी अनुमानित कीमत ₹28,260/- बताई गई है।

जानकारी के अनुसार, आरपीएफ और सीआईबी/सीपीडीएस की संयुक्त टीम—जिसमें उप निरीक्षक विकास कुमार, प्रधान आरक्षी विवेकानंद शर्मा, आरक्षी विकास कुमार, आरक्षी देवेन्द्र प्रसाद, आरक्षी शशि शेखर, सउनि अनिल कुमार चौधरी तथा आरक्षी राजू कुमार और सुनील कुमार शामिल थे—गया रेलवे स्टेशन पर अपराधियों की गतिविधियों की निगरानी कर रही थी। इसी दौरान करीब 01:50 बजे प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर एक व्यक्ति को भारी ट्रॉली बैग और पिट्टू बैग के साथ संदिग्ध अवस्था में घूमते देखा गया।

संदेह होने पर टीम ने उसे प्लेटफॉर्म संख्या 1 के प्रतीक्षालय के पास रोका और पूछताछ की। पूछताछ में उसने अपना नाम नितेश कुमार (उम्र 32 वर्ष), पिता नंदू प्रसाद, निवासी बर्तन पट्टी, मेन रोड, थाना रफीगंज, जिला औरंगाबाद (बिहार) बताया। स्टेशन पर आने का कारण और उसके पास मौजूद बैगों की जानकारी पूछने पर वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।

टीम द्वारा जब उसके ट्रॉली बैग की तलाशी ली गई तो उसमें से हल्के गुलाबी रंग के बैग में छिपाकर रखी गई 26.79 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद हुई। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के कारण मौके पर ही कानूनी कार्रवाई करते हुए शराब को जब्त कर लिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर राजकीय रेल थाना गया लाया गया।

उप निरीक्षक विकास कुमार द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर जीआरपी थाना गया में कांड संख्या 342/25, दिनांक 05.12.2025 दर्ज किया गया है। मामले में धारा 30(a), बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।

आरपीएफ ने बताया कि ऑपरेशन ‘सतर्क’ के तहत रेलवे परिसर में अवैध गतिविधियों पर निगरानी और कड़ी की जाएगी, ताकि यात्रियों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित रहे।

गया में बनेगा देश का बेहतरीन इंडस्ट्रियल पार्क, मुख्य सचिव ने किया आईएमसी परियोजना स्थल का निरीक्षण

गया: बिहार सरकार के मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को गया जिला के डोभी स्थित 1670 एकड़ में विकसित होने वाले इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) परियोजना का विस्तृत स्थल निरीक्षण किया। यह परियोजना अमृतसर–दिल्ली–कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (ADKIC) के तहत विकसित की जा रही है, जो आने वाले वर्षों में गया को देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में स्थापित कर सकती है।

निरीक्षण के दौरान पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी, उद्योग विभाग के सचिव श्री कुंदन कुमार, ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार तथा जल संसाधन विभाग के सचिव भी उपस्थित रहे। सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे क्षेत्र का पैदल दौरा कर प्रगति का जायजा लिया और संबंधित कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली एवं पानी की आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, ताकि बड़े उद्योग यहां निवेश करने के लिए आकर्षित हो सकें। उन्होंने निर्माणाधीन सड़कों की प्रगति का निरीक्षण किया तथा बिजली एवं जलापूर्ति की संभावित व्यवस्था पर भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को एक मॉडल इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जो न केवल गया बल्कि पूरे बिहार की औद्योगिक तस्वीर बदल सकता है।

इस दौरान जिला पदाधिकारी गया, श्री शशांक शुभंकर ने मुख्य सचिव को विभिन्न लोकेशन पर रुक-रुक कर नक्शे के माध्यम से पूरे IMC क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और भावी संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि इंडस्ट्रियल एरिया की सभी लिंक सड़कों का एक विस्तृत ‘कनेक्टिविटी मैप’ तैयार किया जाए, जिससे औद्योगिक पार्क को मुख्य सड़कों से सीधे जोड़ा जा सके।

पथ निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि जीटी रोड से इंडस्ट्रियल पार्क तक सड़क निर्माण हेतु एलाइनमेंट तैयार कर लिया गया है, तथा जिन स्थानों पर सरकारी भूमि उपलब्ध है, वहां सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि ADKIC से नजदीकी होने के कारण डोभी क्षेत्र एक बड़े आर्थिक केंद्र के रूप में उभरने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां विकसित होने वाला इंडस्ट्रियल पार्क गया जिले की आर्थिक दिशा बदल देगा, क्योंकि इसमें बड़े और मध्यम श्रेणी के उद्योगों की स्थापना के व्यापक अवसर हैं।

जिला पदाधिकारी ने बताया कि IMC परियोजना के लिए 13 मौजा मिलाकर कुल 1670.22 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। परियोजना निर्माण हेतु प्राप्त 370 करोड़ रुपये में से 200 करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है और औद्योगिक इकाइयों के लिए आवश्यक कॉमन फैसिलिटी सेंटर सहित सभी सुविधाओं को शामिल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आने वाले समय में एक आधुनिक इंडस्ट्रियल टाउनशिप के रूप में विकसित होगा, जहां सड़क, रेल और एयर — तीनों प्रकार की कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।

निरीक्षण कार्यक्रम में मगध प्रमंडल के आयुक्त, आईजी मगध प्रक्षेत्र, वरीय पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, जिला वन पदाधिकारी, अपर समाहर्ता समेत अनेक जिला एवं अनुमंडल स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

यह विशाल औद्योगिक परियोजना गया जिले को निवेश, रोजगार और औद्योगिक विकास के नए आयामों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

निजी अस्पतालों से मरीजों को घर छोड़ने के नाम पर 108 एम्बुलेंस चालक द्वारा वसूले जा रहे पैसे, मरीजों ने लगाए गंभीर आरोप


मावाना। क्षेत्र में 108 एम्बुलेंस सेवा को लेकर एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। सरकारी 108 एम्बुलेंस, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में मरीजों को निशुल्क अस्पताल तक पहुँचाना है, अब कुछ चालक और हेल्पर द्वारा निजी फायदे के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।

ताज़ा मामला मावाना के एक निजी अस्पताल से निकलकर सामने आया है, जहाँ फलावदा निवासी एक मरीज को घर छोड़ने के नाम पर एम्बुलेंस चालक द्वारा कथित रूप से पैसे वसूल किए गए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मरीज को मावाना के एक निजी अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, जिसके बाद परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया। एम्बुलेंस UP32 FG 2718 मौके पर पहुँची, जिसे चलाने वाला चालक हरमिंदर बताया जा रहा है, जबकि उसके साथ हेल्पर के रूप में ओमकार मौजूद था।

आरोप है कि एम्बुलेंस चालक ने मरीज के परिजनों को साफ-साफ कहा कि—

“फलावदा तक जाने का किराया देना पड़ेगा, बिना पैसे एम्बुलेंस नहीं जाएगी।”

मजबूरी में परिजनों को चालक द्वारा मांगी गई राशि का भुगतान करना पड़ा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है। कई बार 108 एम्बुलेंस चालक मरीजों को अस्पताल लाने–ले जाने के दौरान उनसे पैसे मांगते हैं, जबकि यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है। लोगों का आरोप है कि चालक और हेल्पर निजी अस्पतालों से मिले-जुले तरीके से ऐसे मरीज तलाशते हैं, जिन्हें घर छोड़ा जाता है और फिर उनसे शुल्क लिया जाता है।

क्षेत्रवासियों ने बताया कि—

108 सेवा का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है।

निजी अस्पतालों के बाहर एम्बुलेंस अधिकांश समय खड़ी रहती हैं।

मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने पैसे वसूले जाते हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि 108 एम्बुलेंस सेवा की कड़ी निगरानी की जाए, विशेषकर उन एम्बुलेंसों की जो निजी अस्पतालों के बाहर घंटों खड़ी रहती हैं।

उन्होंने कहा कि—

“यदि सरकार की आपातकालीन सेवा ही पैसा लेने लगे तो गरीब परिवारों का क्या होगा? प्रशासन को इस मामले में तुरंत जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”

इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग से भी जवाबदेही तय किए जाने की मांग उठ रही है। मावाना से फलावदा तक का यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों में सरकारी 108 सेवा के दुरुपयोग को लेकर गहरी नाराजगी है।