झारखंड पुलिस के 6 अधिकारियों के कंधों पर सजे IPS के सितारे: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बैच पहनाकर किया सम्मानित

रांची | 31 दिसंबर 2025: वर्ष के अंतिम दिन मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्य पुलिस सेवा के छह अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) रैंक में प्रोन्नति मिलने पर सम्मानित किया। कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में आयोजित एक गरिमामय समारोह में मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों को आईपीएस की बैच पहनाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इन अधिकारियों को मिली प्रोन्नति

मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित होने वाले नव-प्रोन्नत आईपीएस अधिकारियों में शामिल हैं:

श्री राम समद

श्री रोशन गुड़िया

श्री अविनाश कुमार

श्री राजेश कुमार

श्री मजरूल होदा

श्री दीपक कुमार

वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ राज्य के मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक (DGP) श्रीमती तदाशा मिश्रा भी उपस्थित रहीं। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने भी नवनियुक्त आईपीएस अधिकारियों को बैच पहनाकर उनकी हौसलाअफजाई की।

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आईपीएस रैंक में प्रोन्नति उनकी मेहनत और सेवा के प्रति समर्पण का परिणाम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये अधिकारी अपनी नई जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करेंगे और राज्य की कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

कन्नौज में सवारियों से भरी स्लीपर बस में लगी आग, 130 यात्री सुरक्षित, पुलिस करेगी कार्यवाही


पंकज कुमार श्रीवास्तव
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यूपी के कन्नौज जिले में दिल्ली से बिहार जा रही एक स्लीपर बस में देर रात एक्सप्रेसवे पर अचानक आग लग गई। आग लगते ही यात्रियों में अफरातफरी और भगदड़ मचने लगी।  यात्री  जान बचाने के लिए खिड़कियों व दरवाजों से बाहर को कूदने लगे। चालक ने बस को तुरंत सड़क के किनारे रोककर सवारियों को पहले उतारा जिससे यात्रियों की जान बच सकी। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया।  बस में कुल 130 सवारिया मौजूद थी। जिससे बस में ओवर लोडिंग होने से आग लगने का अंदेशा है जिसकी पुलिस जांच कर कार्यवाही करने में जुटी है। 

आपको बताते चलें मंगलवार रात करीब  साढ़े 10 बजे एक्सप्रेसवे के फगुआ भट्ठा टोल प्लाजा के पास किमी 192 किमी प्वाइंट पर हुआ। बस में बच्चों सहित 130 सवारियां थीं, जिसके टोल प्लाजा के पास पहुंचते ही बस में इंजन के पास से धुंआ उठने लगा। धुंआ पूरी बस में भर गया। धुंआ उठते ही बस  लग गयी जिसको देखते ही यात्रियों यात्रियों में भगदड़ मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए कूदने लगे जिसको देख चालक ने बस को किनारे खड़ा किया और यात्रियों को बस से नीचे उतरने को कहा जिससे सभी यात्रियों ने बस ने नीचे उतरकर अपनी जान बचा ली। बस में आग की लगने के सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां और यूपीडा कर्मी भी पहुंच गए और आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए गए। सभी यात्री सुरक्षित होने की बात कही जा रही है।आगे की बात जांच के बाद स्पष्ट हो सकेगी। हालांकि पुलिस ओवर लोडिंग की बात कहते हुये आएगी की कार्यवाही में जुट गयी है। 

*पुलिस ने की ओवर लोडिंग की जांच, होगी कार्यवाही*

पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि आज रात करीब साढ़े 10 बजे दिल्ली से बिहार जा रही एक डबल डेकर बस जो आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के 192 किलोमीटर पर अचानक आग लग गई। जिसमें लगभग 130 सवारियां थी, सूचना पर तत्काल एसडीएम और क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे तथा सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और फायर सर्विस और यूपीडा की सहायता से आग पर काबू पाया गया जो सवारियां थी उनको दूसरी बसों को अरेंज करके उनको गन्तब्य को भेजा गया। यह भी पाया गया कि बस में क्षमता से अधिक सवारियां थी, जिसके सम्बन्ध में जांच और विधिक कार्यवाही की जा रही है।
पीसीएस अभ्यर्थियों को मिलेगा देश के श्रेष्ठ शिक्षकों का ऑनलाइन मार्गदर्शन

* भागीदारी भवन में आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में राज्यमंत्री असीम अरुण ने दिए रणनीति और अनुशासन के मंत्र

लखनऊ। नए साल की पूर्व संध्या पर पीसीएस मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सही दिशा, आत्मविश्वास और प्रभावी रणनीति देने के उद्देश्य से गोमतीनगर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के भागीदारी भवन में बुधवार को विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अभ्यर्थियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पीसीएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए योजनाबद्ध तैयारी, अनुशासन और निरंतर अभ्यास अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को सफलता की प्रेरणा बताया।

*ऑनलाइन क्लास और इंटरव्यू की विशेष तैयारी

राज्यमंत्री श्री अरुण ने जानकारी दी कि शीघ्र ही देश के बड़े शहरों के पांच श्रेष्ठ शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा जाएगा, ताकि अभ्यर्थियों को विशेषज्ञ से मार्गदर्शन मिल सके। इंटरव्यू की तैयारी को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने सप्ताह में एक दिन फॉर्मल ड्रेस पहनने का सुझाव दिया। साथ ही, सामाजिक जिम्मेदारी विकसित करने के लिए सप्ताह में एक दिन दो घंटे श्रमदान तथा सरकारी योजनाओं और बिजनेस से जुड़े मासिक सत्र आयोजित करने की भी घोषणा की।

*मुख्य परीक्षा के साथ इंटरव्यू की समानांतर तैयारी पर जोर

समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के साथ-साथ इंटरव्यू की समानांतर तैयारी करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि समग्र व्यक्तित्व विकास ही अंतिम सफलता की कुंजी है।

कार्यक्रम में उपनिदेशक  आनंद कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक पी.के. त्रिपाठी, उपनिदेशक जे. राम, डीएसपी श्रीमती प्रियंका यादव तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी पवन कुमार यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। अभ्यर्थियों ने संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।
साल 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा सांप्रदायिक या जातिगत दंगा नहीं हुआ:  डीजीपी राजीव कृष्ण
लखनऊ। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2017 के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति में बड़ा और व्यापक सुधार देखने को मिला है। पुलिस विभाग के अनुसार, बीते आठ वर्षों में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों और जातिगत संघर्ष की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। साथ ही संगठित अपराध, माफिया गतिविधियों और गंभीर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया है।

सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू

प्रदेश के सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू किए जाने के बाद पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। अपराध नियंत्रण, त्वरित कार्रवाई और जनसमस्याओं के समाधान में इस व्यवस्था का सकारात्मक असर देखा गया है। इसी अवधि में कुंभ मेला, महाकुंभ-2025, माघ मेला, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह, जी-20 सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच और आईपीएल जैसे बड़े आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया।

अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति

पुलिस ने वर्ष 2017 से अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। पुलिस कार्रवाई में इस अवधि के दौरान 266 अपराधी मारे गए और लगभग 11 हजार अपराधी घायल हुए। इस दौरान 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,783 घायल हुए। पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये तक के करीब 19,800 इनामी अपराधियों और 50 हजार रुपये से अधिक के 271 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।

85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया

गैंगस्टर एक्ट के तहत 27 हजार से अधिक मुकदमे दर्ज कर 85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत भी सैकड़ों अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन कदमों से संगठित अपराध और भय का माहौल खत्म हुआ है।

माफिया पर शिकंजा

प्रदेश में चिन्हित 68 माफिया और उनके गिरोहों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। पुलिस ने इन माफियाओं की अवैध संपत्तियों को जब्त करने और ध्वस्त करने की कार्रवाई की। अब तक 4,137 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त या मुक्त कराई जा चुकी है। कई मामलों में माफिया और उनके सहयोगियों को आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक की सजा दिलाई गई है। पुलिस का कहना है कि इससे कानून का भय स्थापित हुआ है।

अपराध के आंकड़ों में गिरावट

पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2025 तक डकैती की घटनाओं में लगभग 90 प्रतिशत, लूट में 84 प्रतिशत और हत्या में करीब 46 प्रतिशत की कमी आई है। बलवा, अपहरण, दहेज हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि अपराध दर के मामले में उत्तर प्रदेश कई श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है।

महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान

महिला सुरक्षा को लेकर मिशन शक्ति अभियान को और मजबूत किया गया है। प्रत्येक थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां महिलाओं की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैनात है। इन केंद्रों की स्थापना के बाद महिला अपराधों में कमी दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार, महिला और पॉक्सो मामलों में हजारों अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। ऑनलाइन फैमिली काउंसलिंग और ITSSO पोर्टल के माध्यम से मामलों के शीघ्र निस्तारण पर भी जोर दिया गया है।

साइबर अपराध पर नियंत्रण

साइबर अपराध को रोकने के लिए 1930 हेल्पलाइन और NCRP पोर्टल के माध्यम से त्वरित कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2025 में अब तक 325 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की राशि फ्रीज कराई गई है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हजारों पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने और समय रहते शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।

तकनीक और आधुनिक पुलिसिंग

ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेशभर में 12 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी थानों के कंट्रोल रूम से की जा रही है। यूपी-112 सेवा की औसत रिस्पॉन्स टाइम वर्ष 2016 में एक घंटे से अधिक थी, जो अब घटकर लगभग सात मिनट रह गई है। इससे आपात स्थितियों में नागरिकों को त्वरित सहायता मिल रही है।

आगे की राह

पुलिस महानिदेशक के अनुसार, तकनीक के उपयोग, प्रशिक्षण, जवाबदेही और सख्त कार्रवाई के जरिए उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जनता के सहयोग से अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिस सेवाओं की दिशा में यह प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
साल 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा सांप्रदायिक या जातिगत दंगा नहीं हुआ:  डीजीपी राजीव कृष्ण
लखनऊ। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2017 के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति में बड़ा और व्यापक सुधार देखने को मिला है। पुलिस विभाग के अनुसार, बीते आठ वर्षों में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों और जातिगत संघर्ष की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। साथ ही संगठित अपराध, माफिया गतिविधियों और गंभीर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया है।

सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू

प्रदेश के सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू किए जाने के बाद पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। अपराध नियंत्रण, त्वरित कार्रवाई और जनसमस्याओं के समाधान में इस व्यवस्था का सकारात्मक असर देखा गया है। इसी अवधि में कुंभ मेला, महाकुंभ-2025, माघ मेला, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह, जी-20 सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच और आईपीएल जैसे बड़े आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया।

अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति

पुलिस ने वर्ष 2017 से अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। पुलिस कार्रवाई में इस अवधि के दौरान 266 अपराधी मारे गए और लगभग 11 हजार अपराधी घायल हुए। इस दौरान 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,783 घायल हुए। पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये तक के करीब 19,800 इनामी अपराधियों और 50 हजार रुपये से अधिक के 271 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।

85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया

गैंगस्टर एक्ट के तहत 27 हजार से अधिक मुकदमे दर्ज कर 85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत भी सैकड़ों अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन कदमों से संगठित अपराध और भय का माहौल खत्म हुआ है।

माफिया पर शिकंजा

प्रदेश में चिन्हित 68 माफिया और उनके गिरोहों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। पुलिस ने इन माफियाओं की अवैध संपत्तियों को जब्त करने और ध्वस्त करने की कार्रवाई की। अब तक 4,137 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त या मुक्त कराई जा चुकी है। कई मामलों में माफिया और उनके सहयोगियों को आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक की सजा दिलाई गई है। पुलिस का कहना है कि इससे कानून का भय स्थापित हुआ है।

अपराध के आंकड़ों में गिरावट

पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2025 तक डकैती की घटनाओं में लगभग 90 प्रतिशत, लूट में 84 प्रतिशत और हत्या में करीब 46 प्रतिशत की कमी आई है। बलवा, अपहरण, दहेज हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि अपराध दर के मामले में उत्तर प्रदेश कई श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है।

महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान

महिला सुरक्षा को लेकर मिशन शक्ति अभियान को और मजबूत किया गया है। प्रत्येक थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां महिलाओं की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैनात है। इन केंद्रों की स्थापना के बाद महिला अपराधों में कमी दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार, महिला और पॉक्सो मामलों में हजारों अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। ऑनलाइन फैमिली काउंसलिंग और ITSSO पोर्टल के माध्यम से मामलों के शीघ्र निस्तारण पर भी जोर दिया गया है।

साइबर अपराध पर नियंत्रण

साइबर अपराध को रोकने के लिए 1930 हेल्पलाइन और NCRP पोर्टल के माध्यम से त्वरित कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2025 में अब तक 325 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की राशि फ्रीज कराई गई है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हजारों पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने और समय रहते शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।

तकनीक और आधुनिक पुलिसिंग

ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेशभर में 12 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी थानों के कंट्रोल रूम से की जा रही है। यूपी-112 सेवा की औसत रिस्पॉन्स टाइम वर्ष 2016 में एक घंटे से अधिक थी, जो अब घटकर लगभग सात मिनट रह गई है। इससे आपात स्थितियों में नागरिकों को त्वरित सहायता मिल रही है।

आगे की राह

पुलिस महानिदेशक के अनुसार, तकनीक के उपयोग, प्रशिक्षण, जवाबदेही और सख्त कार्रवाई के जरिए उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जनता के सहयोग से अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिस सेवाओं की दिशा में यह प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
अयोध्या के शौर्य के आगे कभी नहीं टिका कोई शत्रु: सीएम योगी
*श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पांच साल में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का किया उल्लेख*

अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ बुधवार को श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाई गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सहभागिता की। मुख्यमंत्री योगी ने देशवासियों को अंग्रेजी नववर्ष 2026 की शुभकामनाएं देते हुए प्रार्थना की कि यह वर्ष सभी के लिए मंगलकारी, सुख-समृद्धि और विकास से परिपूर्ण हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या के नाम से ही यह अनुभूति होती है कि यह नगरी कभी युद्ध और संघर्ष की भूमि नहीं रही। यहां के शौर्य, वैभव और पराक्रम के आगे कोई भी दुश्मन टिक नहीं पाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने स्वार्थ, मजहबी जुनून और सत्ता के तुष्टिकरण की नीति के चलते अयोध्या को उपद्रव और संघर्ष का अड्डा बनाने का प्रयास किया, लेकिन प्रभु श्रीराम की कृपा से यह भूमि हमेशा विजयी रही।

*पिछली सरकारों पर साधा निशाना*

सीएम योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन सरकारों के शासनकाल में अयोध्या में कभी संघर्ष नहीं होता था, वहीं आतंकी घटनाएं हुईं और इस पावन भूमि को लहुलूहान करने का प्रयास किया गया। उन्होंने 2005 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकियों के दुस्साहस का पीएसी के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें वहीं ढेर कर दिया।

*अयोध्या के लिए अविस्मरणीय तीन तिथियां*

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में अयोध्या के लिए तीन तिथियां कभी विस्मृत नहीं की जा सकतीं।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त 2020 को पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने अयोध्या आकर श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन किया। इसके बाद 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री ने स्वयं रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न कराई। वहीं 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी के अवसर पर राम मंदिर के मुख्य शिखर पर सनातन धर्म की भगवा ध्वजा की प्रतिष्ठा कर यह संदेश दिया गया कि सनातन से ऊपर कुछ भी नहीं।

*रामजन्मभूमि आंदोलन में राजनाथ सिंह की भूमिका*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रत्यक्ष और सक्रिय भूमिका रही है। मुख्यमंत्री और संगठन के विभिन्न दायित्वों के निर्वहन के दौरान उन्होंने आंदोलन को दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर मां अन्नपूर्णा मंदिर में सनातन धर्म की ध्वजा का आरोहण करते समय रक्षा मंत्री भावुक दिखाई दिए।

*पांच साल में 45 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे अयोध्या*

सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले अयोध्या में बिजली, पानी, स्वच्छता, सड़क, सुरक्षा और कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। जयश्रीराम बोलने पर लाठी और गिरफ्तारी होती थी, लेकिन आज अयोध्या पूरी दुनिया के सनातन धर्मावलंबियों के लिए आस्था और गौरव का केंद्र बन चुकी है।
उन्होंने बताया कि पहले जहां कुछ लाख श्रद्धालु आते थे, वहीं बीते पांच वर्षों में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। अयोध्या अब देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है, यहां अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, रेलवे की डबल लाइन कनेक्टिविटी है और फोरलेन सड़कों का जाल बिछ चुका है।

*अब हर जगह जय श्रीराम कहने की स्वतंत्रता*

गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज देश में हर जगह निर्भय होकर ‘जय श्रीराम’ और ‘राम-राम’ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ‘जी राम जी’ योजना ग्रामीण रोजगार के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाने जा रही है, जिससे गांवों में ही रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे।

*रामभक्तों के संघर्ष को किया नमन*

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामभक्तों ने 500 वर्षों तक चले संघर्ष में कभी लाठी, गोली या दमन की परवाह नहीं की। 1528 से लेकर 1992 और उसके बाद भी रामभक्त निरंतर संघर्ष करते रहे। यह आंदोलन आरएसएस के नेतृत्व और संत समाज की एकता से सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा और अंततः भव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हुआ।

*नई यात्रा की शुरुआत*

सीएम योगी ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के दो वर्ष पूरे होना किसी यात्रा का अंत नहीं, बल्कि नई यात्रा की शुरुआत है। अयोध्या की दिव्यता और भव्यता को अनंत काल तक बनाए रखने के लिए हर सनातन धर्मावलंबी को आगे आना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ‘विकसित भारत’ की संकल्पना का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक हर नागरिक को विरासत के संरक्षण और विकास के नए प्रतिमान स्थापित करने का संकल्प लेना चाहिए।मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही भारत को विश्व की बड़ी शक्ति बनाया जा सकता है और सनातन धर्म की ध्वजा सदैव ऊंची रखी जा सकती है।
आदर्श शिक्षक विनय कुमार सिंह का सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह संपन्न


मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका शिक्षण विभाग द्वारा संचालित एमपीएस एक्सर हिंदी शाला के आदर्श शिक्षक विनय कुमार सिंह का आज सैकड़ो शिक्षकों की उपस्थिति में सेवानिवृत्ति सम्मान किया गया। महानगर की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था समरस फाउंडेशन की तरफ से संगठन मंत्री सुरेंद्र पांडे तथा विशेष सलाहकार एड. भारत पांडे ने उनका सम्मान किया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में डॉ शिवधनी पांडे, प्रशासकीय अधिकारी कासले, विनोद सिंह, राम सकल मिश्रा, ब्रह्मदेव मिश्रा, योगेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, रमाकांत तिवारी, प्रेमचंद दुबे, कौशलेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, अरविंद कुमार सिंह, प्रकाश गैरोला, विद्या नौटियाल, शैलेंद्र दुबे, इंद्रभान सिंह, राजेश तिवारी, बिहारी सिंह, अरुण सिंह, राजेंद्र पाल, रामकृपाल यादव आदि का समावेश रहा।
मुख्य कोच सुधीर वर्मा के मार्गदर्शन में 6वीं सीनियर नेशनल मिक्स नेटबॉल चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ ने रजत पदक जीता रजत पदक

रायपुर- 6वीं सीनियर नेशनल मिक्स नेटबॉल चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन किया। पूरे टूर्नामेंट के दौरान टीम ने अनुशासन, बेहतरीन तालमेल और सशक्त रणनीति का प्रभावी प्रदर्शन किया।

लीग मुकाबलों में छत्तीसगढ़ ने आंध्र प्रदेश को एकतरफा मुकाबले में 37–1 से हराया। इसके बाद एनसीआर के खिलाफ 26–8 से शानदार जीत दर्ज की। हालांकि पंजाब के विरुद्ध लीग मैच में टीम को 18–22 से करीबी हार झेलनी पड़ी।

क्वार्टर फाइनल में छत्तीसगढ़ ने राजस्थान को 26–13 से पराजित कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल मुकाबले में टीम ने उत्तर प्रदेश को 18–12 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।

फाइनल मुकाबला पंजाब और छत्तीसगढ़ के बीच खेला गया, जिसमें कड़े और रोमांचक संघर्ष के बाद पंजाब ने 27–18 से जीत दर्ज की। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ टीम ने प्रतियोगिता में रजत पदक अपने नाम किया।

छत्तीसगढ़ टीम में ऐश्वर्या पाठक, सोनिया पाठक, प्रीति बंछोर बिजौरा, सरिता यादव, अंजली सोनकर, दीपनजली उत्तम शुक्ला, पूजा नायक, वियोम शर्मा, राहुल रावत और अभिनव श्रीवास्तव शामिल रहे।

टीम ने कोच एवं मैनेजर सुधीर वर्मा के कुशल मार्गदर्शन में यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। इस शानदार सफलता पर टीम के सभी खिलाड़ियों, कोच और मैनेजर को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी जा रही हैं।

 

दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड पर सरकार का बड़ा फैसला, उत्पादन और बिक्री पर रोक

#bigdecisiononnimesulidenimmediate_ban

सरकार ने दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने 100 एमजी से अधिक निमेसुलाइड वाली बुखार और दर्द निवारक सभी ओरल दवाओं के बनाने, बेचने और डिस्ट्रीब्यूशन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड से सलाह के बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26A के तहत इस दवा पर रोक लगाई गई है।

बिक्री और वितरण तत्काल रोकने का आदेश

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब देश में 100 मिलीग्राम (100mg) से अधिक मात्रा वाली निमेसुलाइड की ओरल (मुंह से ली जाने वाली) दवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने दवा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत प्रभाव से इन दवाओं का निर्माण बंद करें। इसके साथ ही, मेडिकल स्टोर्स और वितरकों को भी इनकी बिक्री और वितरण रोकने का आदेश दिया गया है।

स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क

निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर तेज दर्द, बुखार और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि, लंबे समय से स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस दवा के हाई डोज़ से होने वाले दुष्प्रभावों, विशेषकर लिवर पर पड़ने वाले बुरे असर को लेकर चिंता जताते रहे हैं। ऐसे में मरीजों की सुरक्षा और दवा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।

बाजार में सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद

स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड दवाओं के इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य को जोखिम हो सकता है और इनके सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद हैं। इसी वजह से जनहित में यह कदम उठाया गया है।

नव वर्ष पर जीवनदान: रितेश खंडेलवाल ने 17वीं बार किया रक्तदान, युवाओं के लिए बने प्रेरणा स्रोत

हजारीबाग - नव वर्ष का स्वागत अगर किसी जरूरतमंद को जीवनदान देकर किया जाए, तो इससे बड़ा उत्सव कोई नहीं हो सकता। जब अधिकांश लोग नए साल के जश्न में मशगूल थे, उसी समय शहर के युवा समाजसेवी एवं हजारीबाग यूथ विंग के सचिव रितेश खंडेलवाल ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 17वीं बार रक्तदान कर मानवता की एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की। रितेश खंडेलवाल ने नव वर्ष के अवसर पर हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन सहित संस्था के अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों की उपस्थिति में रक्तदान किया। उनके इस कदम से न केवल एक जरूरतमंद को समय पर रक्त उपलब्ध हो सका, बल्कि युवाओं के बीच सेवा और संवेदनशीलता का मजबूत संदेश भी गया। इस अवसर पर हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन ने कहा कि रितेश जैसे युवा समाज की वास्तविक ताकत हैं। नव वर्ष पर रक्तदान कर उन्होंने यह सिद्ध किया है कि समाज सेवा ही सच्चा उत्सव है। वहीं रक्तदान के बाद रितेश खंडेलवाल ने कहा कि नव वर्ष का स्वागत यदि किसी जरूरतमंद की मदद से हो, तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। रक्तदान समाज के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए, क्योंकि यह किसी के लिए जीवन का सबसे बड़ा उपहार बन सकता है।

जब लोग पिकनिक, पार्टियों और होटलों में नए साल का जश्न मना रहे थे, उसी समय रितेश खंडेलवाल ने अपने कार्य से यह संदेश दिया कि खुशी केवल खुद तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने में भी है। उनके इस 17वें रक्तदान ने समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है और युवाओं को सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। रितेश खंडेलवाल के इस मानवीय कार्य की समाज में सराहना हो रही है। नव वर्ष पर उनका यह अनोखा कदम यह साबित करता है कि सच्चा जश्न वही है, जिसमें मानवता और संवेदना शामिल हो। मौके पर हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन, संस्था के मार्गदर्शक जयप्रकाश खंडेलवाल,संजय कुमार, बजरंग अग्रवाल,चंदन सिंह, नीरज सिन्हा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

झारखंड पुलिस के 6 अधिकारियों के कंधों पर सजे IPS के सितारे: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बैच पहनाकर किया सम्मानित

रांची | 31 दिसंबर 2025: वर्ष के अंतिम दिन मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्य पुलिस सेवा के छह अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) रैंक में प्रोन्नति मिलने पर सम्मानित किया। कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में आयोजित एक गरिमामय समारोह में मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों को आईपीएस की बैच पहनाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इन अधिकारियों को मिली प्रोन्नति

मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित होने वाले नव-प्रोन्नत आईपीएस अधिकारियों में शामिल हैं:

श्री राम समद

श्री रोशन गुड़िया

श्री अविनाश कुमार

श्री राजेश कुमार

श्री मजरूल होदा

श्री दीपक कुमार

वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ राज्य के मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक (DGP) श्रीमती तदाशा मिश्रा भी उपस्थित रहीं। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने भी नवनियुक्त आईपीएस अधिकारियों को बैच पहनाकर उनकी हौसलाअफजाई की।

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आईपीएस रैंक में प्रोन्नति उनकी मेहनत और सेवा के प्रति समर्पण का परिणाम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये अधिकारी अपनी नई जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करेंगे और राज्य की कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

कन्नौज में सवारियों से भरी स्लीपर बस में लगी आग, 130 यात्री सुरक्षित, पुलिस करेगी कार्यवाही


पंकज कुमार श्रीवास्तव
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यूपी के कन्नौज जिले में दिल्ली से बिहार जा रही एक स्लीपर बस में देर रात एक्सप्रेसवे पर अचानक आग लग गई। आग लगते ही यात्रियों में अफरातफरी और भगदड़ मचने लगी।  यात्री  जान बचाने के लिए खिड़कियों व दरवाजों से बाहर को कूदने लगे। चालक ने बस को तुरंत सड़क के किनारे रोककर सवारियों को पहले उतारा जिससे यात्रियों की जान बच सकी। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया।  बस में कुल 130 सवारिया मौजूद थी। जिससे बस में ओवर लोडिंग होने से आग लगने का अंदेशा है जिसकी पुलिस जांच कर कार्यवाही करने में जुटी है। 

आपको बताते चलें मंगलवार रात करीब  साढ़े 10 बजे एक्सप्रेसवे के फगुआ भट्ठा टोल प्लाजा के पास किमी 192 किमी प्वाइंट पर हुआ। बस में बच्चों सहित 130 सवारियां थीं, जिसके टोल प्लाजा के पास पहुंचते ही बस में इंजन के पास से धुंआ उठने लगा। धुंआ पूरी बस में भर गया। धुंआ उठते ही बस  लग गयी जिसको देखते ही यात्रियों यात्रियों में भगदड़ मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए कूदने लगे जिसको देख चालक ने बस को किनारे खड़ा किया और यात्रियों को बस से नीचे उतरने को कहा जिससे सभी यात्रियों ने बस ने नीचे उतरकर अपनी जान बचा ली। बस में आग की लगने के सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां और यूपीडा कर्मी भी पहुंच गए और आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए गए। सभी यात्री सुरक्षित होने की बात कही जा रही है।आगे की बात जांच के बाद स्पष्ट हो सकेगी। हालांकि पुलिस ओवर लोडिंग की बात कहते हुये आएगी की कार्यवाही में जुट गयी है। 

*पुलिस ने की ओवर लोडिंग की जांच, होगी कार्यवाही*

पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि आज रात करीब साढ़े 10 बजे दिल्ली से बिहार जा रही एक डबल डेकर बस जो आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के 192 किलोमीटर पर अचानक आग लग गई। जिसमें लगभग 130 सवारियां थी, सूचना पर तत्काल एसडीएम और क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे तथा सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और फायर सर्विस और यूपीडा की सहायता से आग पर काबू पाया गया जो सवारियां थी उनको दूसरी बसों को अरेंज करके उनको गन्तब्य को भेजा गया। यह भी पाया गया कि बस में क्षमता से अधिक सवारियां थी, जिसके सम्बन्ध में जांच और विधिक कार्यवाही की जा रही है।
पीसीएस अभ्यर्थियों को मिलेगा देश के श्रेष्ठ शिक्षकों का ऑनलाइन मार्गदर्शन

* भागीदारी भवन में आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में राज्यमंत्री असीम अरुण ने दिए रणनीति और अनुशासन के मंत्र

लखनऊ। नए साल की पूर्व संध्या पर पीसीएस मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सही दिशा, आत्मविश्वास और प्रभावी रणनीति देने के उद्देश्य से गोमतीनगर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के भागीदारी भवन में बुधवार को विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अभ्यर्थियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पीसीएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए योजनाबद्ध तैयारी, अनुशासन और निरंतर अभ्यास अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को सफलता की प्रेरणा बताया।

*ऑनलाइन क्लास और इंटरव्यू की विशेष तैयारी

राज्यमंत्री श्री अरुण ने जानकारी दी कि शीघ्र ही देश के बड़े शहरों के पांच श्रेष्ठ शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा जाएगा, ताकि अभ्यर्थियों को विशेषज्ञ से मार्गदर्शन मिल सके। इंटरव्यू की तैयारी को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने सप्ताह में एक दिन फॉर्मल ड्रेस पहनने का सुझाव दिया। साथ ही, सामाजिक जिम्मेदारी विकसित करने के लिए सप्ताह में एक दिन दो घंटे श्रमदान तथा सरकारी योजनाओं और बिजनेस से जुड़े मासिक सत्र आयोजित करने की भी घोषणा की।

*मुख्य परीक्षा के साथ इंटरव्यू की समानांतर तैयारी पर जोर

समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के साथ-साथ इंटरव्यू की समानांतर तैयारी करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि समग्र व्यक्तित्व विकास ही अंतिम सफलता की कुंजी है।

कार्यक्रम में उपनिदेशक  आनंद कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक पी.के. त्रिपाठी, उपनिदेशक जे. राम, डीएसपी श्रीमती प्रियंका यादव तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी पवन कुमार यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। अभ्यर्थियों ने संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।
साल 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा सांप्रदायिक या जातिगत दंगा नहीं हुआ:  डीजीपी राजीव कृष्ण
लखनऊ। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2017 के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति में बड़ा और व्यापक सुधार देखने को मिला है। पुलिस विभाग के अनुसार, बीते आठ वर्षों में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों और जातिगत संघर्ष की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। साथ ही संगठित अपराध, माफिया गतिविधियों और गंभीर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया है।

सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू

प्रदेश के सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू किए जाने के बाद पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। अपराध नियंत्रण, त्वरित कार्रवाई और जनसमस्याओं के समाधान में इस व्यवस्था का सकारात्मक असर देखा गया है। इसी अवधि में कुंभ मेला, महाकुंभ-2025, माघ मेला, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह, जी-20 सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच और आईपीएल जैसे बड़े आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया।

अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति

पुलिस ने वर्ष 2017 से अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। पुलिस कार्रवाई में इस अवधि के दौरान 266 अपराधी मारे गए और लगभग 11 हजार अपराधी घायल हुए। इस दौरान 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,783 घायल हुए। पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये तक के करीब 19,800 इनामी अपराधियों और 50 हजार रुपये से अधिक के 271 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।

85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया

गैंगस्टर एक्ट के तहत 27 हजार से अधिक मुकदमे दर्ज कर 85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत भी सैकड़ों अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन कदमों से संगठित अपराध और भय का माहौल खत्म हुआ है।

माफिया पर शिकंजा

प्रदेश में चिन्हित 68 माफिया और उनके गिरोहों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। पुलिस ने इन माफियाओं की अवैध संपत्तियों को जब्त करने और ध्वस्त करने की कार्रवाई की। अब तक 4,137 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त या मुक्त कराई जा चुकी है। कई मामलों में माफिया और उनके सहयोगियों को आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक की सजा दिलाई गई है। पुलिस का कहना है कि इससे कानून का भय स्थापित हुआ है।

अपराध के आंकड़ों में गिरावट

पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2025 तक डकैती की घटनाओं में लगभग 90 प्रतिशत, लूट में 84 प्रतिशत और हत्या में करीब 46 प्रतिशत की कमी आई है। बलवा, अपहरण, दहेज हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि अपराध दर के मामले में उत्तर प्रदेश कई श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है।

महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान

महिला सुरक्षा को लेकर मिशन शक्ति अभियान को और मजबूत किया गया है। प्रत्येक थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां महिलाओं की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैनात है। इन केंद्रों की स्थापना के बाद महिला अपराधों में कमी दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार, महिला और पॉक्सो मामलों में हजारों अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। ऑनलाइन फैमिली काउंसलिंग और ITSSO पोर्टल के माध्यम से मामलों के शीघ्र निस्तारण पर भी जोर दिया गया है।

साइबर अपराध पर नियंत्रण

साइबर अपराध को रोकने के लिए 1930 हेल्पलाइन और NCRP पोर्टल के माध्यम से त्वरित कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2025 में अब तक 325 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की राशि फ्रीज कराई गई है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हजारों पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने और समय रहते शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।

तकनीक और आधुनिक पुलिसिंग

ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेशभर में 12 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी थानों के कंट्रोल रूम से की जा रही है। यूपी-112 सेवा की औसत रिस्पॉन्स टाइम वर्ष 2016 में एक घंटे से अधिक थी, जो अब घटकर लगभग सात मिनट रह गई है। इससे आपात स्थितियों में नागरिकों को त्वरित सहायता मिल रही है।

आगे की राह

पुलिस महानिदेशक के अनुसार, तकनीक के उपयोग, प्रशिक्षण, जवाबदेही और सख्त कार्रवाई के जरिए उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जनता के सहयोग से अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिस सेवाओं की दिशा में यह प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
साल 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा सांप्रदायिक या जातिगत दंगा नहीं हुआ:  डीजीपी राजीव कृष्ण
लखनऊ। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2017 के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति में बड़ा और व्यापक सुधार देखने को मिला है। पुलिस विभाग के अनुसार, बीते आठ वर्षों में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों और जातिगत संघर्ष की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। साथ ही संगठित अपराध, माफिया गतिविधियों और गंभीर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया है।

सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू

प्रदेश के सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू किए जाने के बाद पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। अपराध नियंत्रण, त्वरित कार्रवाई और जनसमस्याओं के समाधान में इस व्यवस्था का सकारात्मक असर देखा गया है। इसी अवधि में कुंभ मेला, महाकुंभ-2025, माघ मेला, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह, जी-20 सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच और आईपीएल जैसे बड़े आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया।

अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति

पुलिस ने वर्ष 2017 से अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। पुलिस कार्रवाई में इस अवधि के दौरान 266 अपराधी मारे गए और लगभग 11 हजार अपराधी घायल हुए। इस दौरान 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,783 घायल हुए। पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये तक के करीब 19,800 इनामी अपराधियों और 50 हजार रुपये से अधिक के 271 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।

85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया

गैंगस्टर एक्ट के तहत 27 हजार से अधिक मुकदमे दर्ज कर 85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत भी सैकड़ों अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन कदमों से संगठित अपराध और भय का माहौल खत्म हुआ है।

माफिया पर शिकंजा

प्रदेश में चिन्हित 68 माफिया और उनके गिरोहों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। पुलिस ने इन माफियाओं की अवैध संपत्तियों को जब्त करने और ध्वस्त करने की कार्रवाई की। अब तक 4,137 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त या मुक्त कराई जा चुकी है। कई मामलों में माफिया और उनके सहयोगियों को आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक की सजा दिलाई गई है। पुलिस का कहना है कि इससे कानून का भय स्थापित हुआ है।

अपराध के आंकड़ों में गिरावट

पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2025 तक डकैती की घटनाओं में लगभग 90 प्रतिशत, लूट में 84 प्रतिशत और हत्या में करीब 46 प्रतिशत की कमी आई है। बलवा, अपहरण, दहेज हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि अपराध दर के मामले में उत्तर प्रदेश कई श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है।

महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान

महिला सुरक्षा को लेकर मिशन शक्ति अभियान को और मजबूत किया गया है। प्रत्येक थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां महिलाओं की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैनात है। इन केंद्रों की स्थापना के बाद महिला अपराधों में कमी दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार, महिला और पॉक्सो मामलों में हजारों अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। ऑनलाइन फैमिली काउंसलिंग और ITSSO पोर्टल के माध्यम से मामलों के शीघ्र निस्तारण पर भी जोर दिया गया है।

साइबर अपराध पर नियंत्रण

साइबर अपराध को रोकने के लिए 1930 हेल्पलाइन और NCRP पोर्टल के माध्यम से त्वरित कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2025 में अब तक 325 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की राशि फ्रीज कराई गई है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हजारों पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने और समय रहते शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।

तकनीक और आधुनिक पुलिसिंग

ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेशभर में 12 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी थानों के कंट्रोल रूम से की जा रही है। यूपी-112 सेवा की औसत रिस्पॉन्स टाइम वर्ष 2016 में एक घंटे से अधिक थी, जो अब घटकर लगभग सात मिनट रह गई है। इससे आपात स्थितियों में नागरिकों को त्वरित सहायता मिल रही है।

आगे की राह

पुलिस महानिदेशक के अनुसार, तकनीक के उपयोग, प्रशिक्षण, जवाबदेही और सख्त कार्रवाई के जरिए उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जनता के सहयोग से अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिस सेवाओं की दिशा में यह प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
अयोध्या के शौर्य के आगे कभी नहीं टिका कोई शत्रु: सीएम योगी
*श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पांच साल में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का किया उल्लेख*

अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ बुधवार को श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाई गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सहभागिता की। मुख्यमंत्री योगी ने देशवासियों को अंग्रेजी नववर्ष 2026 की शुभकामनाएं देते हुए प्रार्थना की कि यह वर्ष सभी के लिए मंगलकारी, सुख-समृद्धि और विकास से परिपूर्ण हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या के नाम से ही यह अनुभूति होती है कि यह नगरी कभी युद्ध और संघर्ष की भूमि नहीं रही। यहां के शौर्य, वैभव और पराक्रम के आगे कोई भी दुश्मन टिक नहीं पाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने स्वार्थ, मजहबी जुनून और सत्ता के तुष्टिकरण की नीति के चलते अयोध्या को उपद्रव और संघर्ष का अड्डा बनाने का प्रयास किया, लेकिन प्रभु श्रीराम की कृपा से यह भूमि हमेशा विजयी रही।

*पिछली सरकारों पर साधा निशाना*

सीएम योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन सरकारों के शासनकाल में अयोध्या में कभी संघर्ष नहीं होता था, वहीं आतंकी घटनाएं हुईं और इस पावन भूमि को लहुलूहान करने का प्रयास किया गया। उन्होंने 2005 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकियों के दुस्साहस का पीएसी के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें वहीं ढेर कर दिया।

*अयोध्या के लिए अविस्मरणीय तीन तिथियां*

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में अयोध्या के लिए तीन तिथियां कभी विस्मृत नहीं की जा सकतीं।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त 2020 को पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने अयोध्या आकर श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन किया। इसके बाद 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री ने स्वयं रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न कराई। वहीं 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी के अवसर पर राम मंदिर के मुख्य शिखर पर सनातन धर्म की भगवा ध्वजा की प्रतिष्ठा कर यह संदेश दिया गया कि सनातन से ऊपर कुछ भी नहीं।

*रामजन्मभूमि आंदोलन में राजनाथ सिंह की भूमिका*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रत्यक्ष और सक्रिय भूमिका रही है। मुख्यमंत्री और संगठन के विभिन्न दायित्वों के निर्वहन के दौरान उन्होंने आंदोलन को दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर मां अन्नपूर्णा मंदिर में सनातन धर्म की ध्वजा का आरोहण करते समय रक्षा मंत्री भावुक दिखाई दिए।

*पांच साल में 45 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे अयोध्या*

सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले अयोध्या में बिजली, पानी, स्वच्छता, सड़क, सुरक्षा और कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। जयश्रीराम बोलने पर लाठी और गिरफ्तारी होती थी, लेकिन आज अयोध्या पूरी दुनिया के सनातन धर्मावलंबियों के लिए आस्था और गौरव का केंद्र बन चुकी है।
उन्होंने बताया कि पहले जहां कुछ लाख श्रद्धालु आते थे, वहीं बीते पांच वर्षों में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। अयोध्या अब देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है, यहां अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, रेलवे की डबल लाइन कनेक्टिविटी है और फोरलेन सड़कों का जाल बिछ चुका है।

*अब हर जगह जय श्रीराम कहने की स्वतंत्रता*

गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज देश में हर जगह निर्भय होकर ‘जय श्रीराम’ और ‘राम-राम’ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ‘जी राम जी’ योजना ग्रामीण रोजगार के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाने जा रही है, जिससे गांवों में ही रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे।

*रामभक्तों के संघर्ष को किया नमन*

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामभक्तों ने 500 वर्षों तक चले संघर्ष में कभी लाठी, गोली या दमन की परवाह नहीं की। 1528 से लेकर 1992 और उसके बाद भी रामभक्त निरंतर संघर्ष करते रहे। यह आंदोलन आरएसएस के नेतृत्व और संत समाज की एकता से सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा और अंततः भव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हुआ।

*नई यात्रा की शुरुआत*

सीएम योगी ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के दो वर्ष पूरे होना किसी यात्रा का अंत नहीं, बल्कि नई यात्रा की शुरुआत है। अयोध्या की दिव्यता और भव्यता को अनंत काल तक बनाए रखने के लिए हर सनातन धर्मावलंबी को आगे आना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ‘विकसित भारत’ की संकल्पना का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक हर नागरिक को विरासत के संरक्षण और विकास के नए प्रतिमान स्थापित करने का संकल्प लेना चाहिए।मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही भारत को विश्व की बड़ी शक्ति बनाया जा सकता है और सनातन धर्म की ध्वजा सदैव ऊंची रखी जा सकती है।
आदर्श शिक्षक विनय कुमार सिंह का सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह संपन्न


मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका शिक्षण विभाग द्वारा संचालित एमपीएस एक्सर हिंदी शाला के आदर्श शिक्षक विनय कुमार सिंह का आज सैकड़ो शिक्षकों की उपस्थिति में सेवानिवृत्ति सम्मान किया गया। महानगर की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था समरस फाउंडेशन की तरफ से संगठन मंत्री सुरेंद्र पांडे तथा विशेष सलाहकार एड. भारत पांडे ने उनका सम्मान किया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में डॉ शिवधनी पांडे, प्रशासकीय अधिकारी कासले, विनोद सिंह, राम सकल मिश्रा, ब्रह्मदेव मिश्रा, योगेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, रमाकांत तिवारी, प्रेमचंद दुबे, कौशलेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, अरविंद कुमार सिंह, प्रकाश गैरोला, विद्या नौटियाल, शैलेंद्र दुबे, इंद्रभान सिंह, राजेश तिवारी, बिहारी सिंह, अरुण सिंह, राजेंद्र पाल, रामकृपाल यादव आदि का समावेश रहा।
मुख्य कोच सुधीर वर्मा के मार्गदर्शन में 6वीं सीनियर नेशनल मिक्स नेटबॉल चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ ने रजत पदक जीता रजत पदक

रायपुर- 6वीं सीनियर नेशनल मिक्स नेटबॉल चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन किया। पूरे टूर्नामेंट के दौरान टीम ने अनुशासन, बेहतरीन तालमेल और सशक्त रणनीति का प्रभावी प्रदर्शन किया।

लीग मुकाबलों में छत्तीसगढ़ ने आंध्र प्रदेश को एकतरफा मुकाबले में 37–1 से हराया। इसके बाद एनसीआर के खिलाफ 26–8 से शानदार जीत दर्ज की। हालांकि पंजाब के विरुद्ध लीग मैच में टीम को 18–22 से करीबी हार झेलनी पड़ी।

क्वार्टर फाइनल में छत्तीसगढ़ ने राजस्थान को 26–13 से पराजित कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल मुकाबले में टीम ने उत्तर प्रदेश को 18–12 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।

फाइनल मुकाबला पंजाब और छत्तीसगढ़ के बीच खेला गया, जिसमें कड़े और रोमांचक संघर्ष के बाद पंजाब ने 27–18 से जीत दर्ज की। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ टीम ने प्रतियोगिता में रजत पदक अपने नाम किया।

छत्तीसगढ़ टीम में ऐश्वर्या पाठक, सोनिया पाठक, प्रीति बंछोर बिजौरा, सरिता यादव, अंजली सोनकर, दीपनजली उत्तम शुक्ला, पूजा नायक, वियोम शर्मा, राहुल रावत और अभिनव श्रीवास्तव शामिल रहे।

टीम ने कोच एवं मैनेजर सुधीर वर्मा के कुशल मार्गदर्शन में यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। इस शानदार सफलता पर टीम के सभी खिलाड़ियों, कोच और मैनेजर को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी जा रही हैं।

 

दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड पर सरकार का बड़ा फैसला, उत्पादन और बिक्री पर रोक

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सरकार ने दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने 100 एमजी से अधिक निमेसुलाइड वाली बुखार और दर्द निवारक सभी ओरल दवाओं के बनाने, बेचने और डिस्ट्रीब्यूशन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड से सलाह के बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26A के तहत इस दवा पर रोक लगाई गई है।

बिक्री और वितरण तत्काल रोकने का आदेश

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब देश में 100 मिलीग्राम (100mg) से अधिक मात्रा वाली निमेसुलाइड की ओरल (मुंह से ली जाने वाली) दवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने दवा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत प्रभाव से इन दवाओं का निर्माण बंद करें। इसके साथ ही, मेडिकल स्टोर्स और वितरकों को भी इनकी बिक्री और वितरण रोकने का आदेश दिया गया है।

स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क

निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर तेज दर्द, बुखार और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि, लंबे समय से स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस दवा के हाई डोज़ से होने वाले दुष्प्रभावों, विशेषकर लिवर पर पड़ने वाले बुरे असर को लेकर चिंता जताते रहे हैं। ऐसे में मरीजों की सुरक्षा और दवा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।

बाजार में सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद

स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड दवाओं के इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य को जोखिम हो सकता है और इनके सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद हैं। इसी वजह से जनहित में यह कदम उठाया गया है।

नव वर्ष पर जीवनदान: रितेश खंडेलवाल ने 17वीं बार किया रक्तदान, युवाओं के लिए बने प्रेरणा स्रोत

हजारीबाग - नव वर्ष का स्वागत अगर किसी जरूरतमंद को जीवनदान देकर किया जाए, तो इससे बड़ा उत्सव कोई नहीं हो सकता। जब अधिकांश लोग नए साल के जश्न में मशगूल थे, उसी समय शहर के युवा समाजसेवी एवं हजारीबाग यूथ विंग के सचिव रितेश खंडेलवाल ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 17वीं बार रक्तदान कर मानवता की एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की। रितेश खंडेलवाल ने नव वर्ष के अवसर पर हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन सहित संस्था के अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों की उपस्थिति में रक्तदान किया। उनके इस कदम से न केवल एक जरूरतमंद को समय पर रक्त उपलब्ध हो सका, बल्कि युवाओं के बीच सेवा और संवेदनशीलता का मजबूत संदेश भी गया। इस अवसर पर हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन ने कहा कि रितेश जैसे युवा समाज की वास्तविक ताकत हैं। नव वर्ष पर रक्तदान कर उन्होंने यह सिद्ध किया है कि समाज सेवा ही सच्चा उत्सव है। वहीं रक्तदान के बाद रितेश खंडेलवाल ने कहा कि नव वर्ष का स्वागत यदि किसी जरूरतमंद की मदद से हो, तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। रक्तदान समाज के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए, क्योंकि यह किसी के लिए जीवन का सबसे बड़ा उपहार बन सकता है।

जब लोग पिकनिक, पार्टियों और होटलों में नए साल का जश्न मना रहे थे, उसी समय रितेश खंडेलवाल ने अपने कार्य से यह संदेश दिया कि खुशी केवल खुद तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने में भी है। उनके इस 17वें रक्तदान ने समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है और युवाओं को सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। रितेश खंडेलवाल के इस मानवीय कार्य की समाज में सराहना हो रही है। नव वर्ष पर उनका यह अनोखा कदम यह साबित करता है कि सच्चा जश्न वही है, जिसमें मानवता और संवेदना शामिल हो। मौके पर हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन, संस्था के मार्गदर्शक जयप्रकाश खंडेलवाल,संजय कुमार, बजरंग अग्रवाल,चंदन सिंह, नीरज सिन्हा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।