रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध हालात में मिले बुजुर्ग के शव की हुई शिनाख्त

कर्नलगंज, गोण्डा। कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत कर्नलगंज रेलवे स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर दूर ग्राम पिपरी के पास बुधवार सुबह रेलवे ट्रैक पर एक लगभग 65 वर्षीय बुजुर्ग का क्षत-विक्षत शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। स्थानीय लोगों की सूचना पर हल्का दरोगा सरफराज खान व प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र प्रताप राय पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रथम दृष्टया ट्रेन की चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मृतक के सिर पर गंभीर चोटों के स्पष्ट निशान मिले हैं। हालांकि दुर्घटना, हत्या या आत्महत्या—अभी तक मौत का कारण साफ नहीं हो सका है।

सोशल मीडिया के जरिए हुई शिनाख्त

अज्ञात शव की पहचान सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों के माध्यम से हुई। मृतक के परिजन वायरल फोटो देखकर मौके पर पहुंचे और शव की पहचान रामदेव (70 वर्ष), निवासी भगहरिया भगवानपुर, थाना कौड़िया के रूप में की। मृतक के बड़े बेटे रक्षाराम ने बताया कि उनके पिता बुधवार सुबह करीब दस बजे अहिरन पुरवा चौराहे पर दाढ़ी बनवाने की बात कहकर घर से निकले थे। “वह कर्नलगंज कैसे पहुंच गए—यह हमारे लिए अब भी रहस्य है,” उन्होंने बताया कि परिवार में दो बेटे हैं रक्षाराम, जो फेरी लगाकर कपड़े बेचते हैं, और कमलेश, जो फास्ट फूड की दुकान चलाते हैं।मृतक की पत्नी मुन्नी देवी का निधन करीब पांच वर्ष पहले हो चुका है।

प्रारंभिक जांच में ट्रेन हादसे की आशंका

हल्का दरोगा सरफराज ख़ान ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार मौत ट्रेन की चपेट में आने से प्रतीत होती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम कारण स्पष्ट होगा। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं—दुर्घटना, हत्या या आत्महत्या को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।
मोहम्मदाबाद सड़क हादसे में चचेरे भाई बहन की स्कूल जाते समय मौत

फर्रुखाबाद। मोहम्मदाबाद
थाना क्षेत्र के नगला भूड़ निवासी केशव का 16 वर्षीय पुत्र राजन जोकि कि अपने चाचा मिथलेश की दो पुत्रियां काजल 16 वर्ष, शैजल 13 वर्ष को लेकर बाइक से स्कूल जा रहे थे तभी धीरपुर नवीगंज रोड पर भट्टे के पास धीर पुर की तरफ से तेज़ रफ़्तार आ रही डीसीएम नेलापरवाही से टक्कर मार दी जिससे तीनों भाई बहनों की घटना पर ही मौत हो गई।

मृतक राजन के पिता ने बताया कि वह सुबह लगभग 8:30 बजे घर से धीरपुर में स्थित रूपसिंह स्कूल पंचम नगला के लिए निकला था तभी यह घटना हुई। मृतक राजन अपने पिता का एकलौता पुत्र था कक्षा 10 का छात्र था। मृतक की माता बड़ी बेटी का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। मृतक के पिता केशव खेती का कार्य करते है।

मृतिका काजल कक्षा 10 की छात्रा थी। मृतिका शेजल कक्षा 7 की छात्रा थी पिता मिथलेश ने बताया कि वह अपने भाई के साथ सुबह स्कूल के लिए निकली थी । डीसीएम की टक्कर से दर्दनाक मौत हो गई मृतिका के पिता ने बताया कि एक पुत्र दुर्गेश 11 वर्ष का है तथा वह खेती का कार्य करता है। मृतिका की माता उमा देवी का रो रो कर बुरा हाल। डीसीएम चालक गाड़ी को छोड़कर घटना स्थल से फरार हो गया। घटना स्थल पर डायल 112 व एसडीएम सदर राजीकांत तथा डीएसपी अजय वर्मा कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार शुक्ला चौकी प्रभारी जसवीर सिंह पहुंचे।

एसडीएम सदर ने परिजनों को पीड़ितों को माननीय मुख्यमंत्री से जो भी मदद होगी दिलवाई जाएगी।
उप निरीक्षक जसवीर सिंह ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
वर्ष 2025-26 में ग्राम पंचायतों में वितरण के वाद्य यंत्रों को उच्चस्तरीय कमेटी की देखरेख में सेट खरीदे जांएगे


उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए आवेदन पत्रों के परीक्षण के उपरांत निर्णय लिया जाएगा

पर्यटन मंत्री ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज दूसरे दिन पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यटन विभाग की परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए। व्यवधान की स्थिति में उसका निस्तारण सुनिश्चित करते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जाए। वित्तीय वर्ष 2025-26 की स्वीकृत कार्ययोजना में शामिल 19 परियोजनाओं के आगणन प्रस्ताव की स्वीकृति शीघ्र जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने अब तक न शुरू की गई परियोजनाओं की भी गहन समीक्षा करते हुए कार्य की गति तेज करने के निर्देश दिए। पर्यटन मंत्री आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन के सभागार में संस्कृति तथा पर्यटन विभाग की निर्माण कार्य से जुड़ी परियोजनाओं तथा विभागीय गतिविधियों की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बदले परिवेश में परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ पूरा करके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए, ताकि वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का अधिकतम सहयोग सुनिश्चित हो सके और स्थानीय लोगों को अपने घर के आस-पास रोजगार मिल सके।

उन्होंने पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसी कार्य में अड़गा न लगाए, बल्कि उसके समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करे।

जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा लोककला से आमजनता को जोड़ने तथा उन्हें संरक्षित रखते हुए अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग ने वाद्य यंत्रों का सेट क्रय करके वितरित किया था। उसमें से अवशेष 26 सेट वाद्य यंत्र भातखंडे संगीत संस्थान को और आजमगढ़ के हरिहर पुर स्थित संगीत विद्यालय को उपलब्ध करा दिए गए है। यह वाद्य यत्र वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्रय किए गए थे। उन्होंने शेष जनपदों में वाद्य यंत्र का सेट वितरित करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी की देख-रेख में नए वाद्य यंत्र क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि नए वाद्य यंत्र की गुणवत्ता एवं टिकाऊपन की जांच के लिए विशेषज्ञों की भी राय ली जाए और क्रय करते समय वित्तीय अनुशासन एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में वाद्य यंत्र क्रय करने के लिए कार्यवाई शुरू कर दी गयी है।

पर्यटन मंत्री ने रेडियों जयघोष की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए कार्यवाई शुरू की जाए। उन्होंने बताया कि रेडियो जयघोष की क्षमता बढ़ने से दूरस्थ स्थानों तक रेडियों जयघोष के कार्यक्रमों का श्रोताओं को लाभ मिलेगा। बैठक में यह भी बतायागया कि संगीत नाटक अकादमी द्वारा रिसोर्ट होटल से समन्वय किया जा रहा है तथा उप्र लोक जनजाति संस्कृति संस्थान के माध्यम से स्थानीय रिसोर्ट/होटल से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा भारतेन्दु नाट्य अकादमी, राज्य ललित कला अकादमी, वृंदावन स्रोत संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक स्रोत संस्थान द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रमों हेतु समन्वय का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश में लोक सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति उत्सव के आयोजन के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के 75 जनपदों के लिए निदेशालय स्तर से नोडल अधिकारी नामित करने के भी निर्देश दिए।

जयवीर सिंह ने उप्र की संस्कृति नीति तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा संस्कृति नीति जारी होने के पश्चात उसके प्रस्तावों के हिसाब से प्रदेश की संस्कृति नीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप निर्धारित समय सीमा में अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। दोनों बैठकों मे प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन, अशोक कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संस्कृति ईशाप्रिया, अपर निदेशक संस्कृति डॉ सृष्टि धवन, प्रबंध निदेशक आशीष कुमार, पर्यटन सलाहाकार जेपी सिंह, संयुक्त निदेशक  वीरेन्द्र कुमार व प्रीति श्रीवास्तव तथा अंजु चौधरी, निदेशक अमित अग्निहोत्री, निदेशक पुरातत्व रेनु द्विवेदी के अलावा उपनिदेशक एवं सहायक निदेशक मौजूद थे।
माघ मेले के आयोजन के इतिहास में पहली बार जारी हुआ मेले का प्रतीक चिन्ह


*महाकुंभ-2025 के भव्य आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार की एक और पहल* *प्रतीक चिन्ह में परिलक्षित है संगम माघ मास में तप, अनुष्ठान और कल्पवास का दर्शन, अक्षयवट को मिली जगह* लखनऊ/प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दिव्य और भव्य आयोजन के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब माघ मेला-2026 को भी अभूतपूर्व स्वरूप देने की तैयारी में है । इसी क्रम में माघ मेले के दर्शन तत्व को उद्घाटित करता माघ मेले का प्रतीक चिन्ह जारी हुआ है। मुख्यमंत्री के स्तर से माघ मेले का यह लोगो जारी किया गया है। जारी किए गए लोगो में माघ मास में संगम किनारे जप, तप साधना और कल्पवास की महत्ता के साथ इस अवधि नक्षत्रों की अवस्थिति के आधार पर सप्त ऊर्जा चक्रों को स्थान दिया गया है। लोगो में अक्षय पुण्य का संचय साक्षी अक्षयवट, सूर्य देव और चंद्र देव की 27 नक्षत्रों के साथ की ब्रह्मांडीय यात्रा, श्री लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन बोध कराता बड़े हनुमान जी का मंदिर, सनातन के विस्तार की प्रतीक सनातन पताका और संगम पर साइबेरियन पक्षियों की कलरव को ध्वनित करने वाला पर्यावरण बोध सभी का इसमें समावेश है। लोगो पर श्लोक "माघे निमज्जनं यत्र पापं परिहरेत् तत:" माघ के महीने में स्नान करने से सभी पाप मुक्ति का शंखनाद कर रहा है। यह लोगो मेला प्राधिकरण द्वारा आबद्ध किए गए डिजाइन कंसल्टेंट अजय सक्सेना एवं प्रागल्भ अजय द्वारा डिजाइन किया गया जिसे मुख्यमंत्री के स्तर पर जारी किया गया है। जारी लोगो का दर्शन माघ महीने के सूर्य और चंद्र की स्थिति को भी उद्घाटित करता है। ज्योतिषाचार्य आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला बताते हैं कि सूर्य एवं चंद्रमा की 14 कलाओं की उपस्थिति ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य, चंद्रमा एवं नक्षत्रों की स्थितियों को प्रतिबिंबित करता है जो प्रयागराज में माघ मेले का कारक बनता है। भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्रमा 27 नक्षत्रों की परिक्रमा लगभग 27.3 दिनों में पूर्ण करता है। माघ मेला इन्हीं नक्षत्रीय गतियों के अत्यंत सूक्ष्म गणित पर आधारित है। जब सूर्य मकर राशि में होता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा माघी या अश्लेषा-पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों के समीप होता है, तब माघ मास बनता है और उसी काल में माघ मेला आयोजित होता है। इसी तरह चंद्रमा की 14 कलाओं का संबंध मानव जीवन, मनोवैज्ञानिक ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना से माना गया है। माघ मेला चंद्र-ऊर्जा की इन कलाओं के सक्रिय होने का विशेष काल भी है। अमावस्या से पूर्णिमा की ओर चंद्रमा की वृद्धि (शुक्ल पक्ष) साधना की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। माघ स्नान की तिथियाँ चंद्र कलाओं के अत्यंत सूक्ष्म संतुलन पर चुनी जाती हैं। माघ महीने की ऊर्जा (शक्ति) अनुशासन, भक्ति और गहन आध्यात्मिक कार्यों से जुड़ी होती है क्योंकि यह महीना पवित्र नदियों में स्नान, दान, तपस्या और कल्पवास जैसे कार्यों के लिए विशेष माना जाता है। इस माह में किए गए कार्य व्यक्ति को निरोगी बनाते हैं और उसे दिव्य ऊर्जा से भर देते हैं।
कोडिनयुक्त कफ सिरप पर यूपी में अब तक का सबसे बड़ा एक्शन: 31 जिलों में 133 फर्मों पर FIR, कई गिरफ्तार

* सीएम योगी के जीरो–टॉलरेंस आदेश पर चला एफएसडीए का मेगा क्रैकडाउन, पहली बार एनडीपीएस व बीएनएस धाराओं में मुकदमेलखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अवैध नशे के खिलाफ छेड़ी गई जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। वर्ष 2022 में गठित एएनटीएफ और एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप एवं एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार और डायवर्जन पर अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है। दो महीने से जारी इस कार्रवाई से प्रदेश भर में नशे के सौदागरों की कमर टूट गई है।एफएसडीए ने गहन अंदरुनी जांच और झारखंड, हरियाणा, हिमाचल समेत कई राज्यों में विवेचना के बाद दो माह पहले बड़े स्तर पर क्रैकडाउन शुरू किया। अब तक 31 जिलों में 133 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है, जिनमें आधा दर्जन से अधिक संचालक जेल भेजे जा चुके हैं।एफएसडीए सचिव एवं आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश था कि कार्रवाई केवल लाइसेंस रद्द करने तक सीमित न रहे, बल्कि ऐसा एक्शन हो जो देश में नजीर बने। इसी के तहत पहली बार कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए भी पत्र भेजा गया है।प्रदेश के 52 जिलों में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कई प्रतिष्ठान कागजों में ही मौजूद थे और केवल बिलिंग प्वॉइंट के रूप में चल रहे थे। कई दुकानों में भंडारण व्यवस्था और रिकॉर्ड भी नहीं मिले। जांच के दौरान 133 प्रतिष्ठान संगठित रूप से कफ सिरप का गैर-चिकित्सीय उपयोग हेतु अवैध डायवर्जन करते पाए गए। इनका नेटवर्क लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर, बहराइच के जरिए नेपाल तथा वाराणसी, गाजियाबाद से बांग्लादेश तक फैला हुआ था।* इन जिलों में तस्करी के केस सामने आए:वाराणसी, जौनपुर, कानपुर नगर, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, भदोही, अमेठी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली, मीरजापुर, बांदा, कौशांबी।
बालू माफिया के साथ पुलिस की संलिप्तता पर होगी कड़ी कार्रवाई: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा*
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अवैध खनन, परिवहन पर सख्त एक्शन का आदेश; पुलिस की जवाबदेही तय करने हेतु गृह विभाग को निर्देश पटना, 11 दिसंबर 2025: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भू-तत्व मंत्री, श्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में अवैध खनन और बालू के अवैध परिवहन पर लगाम लगाने के लिए आज सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पूरे तंत्र में शामिल किसी भी व्यक्ति या अधिकारी पर कठोर कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रमुख निर्देश और घोषणाएँ बिंदु निर्देश/घोषणा जवाबदेही अवैध परिवहन पर रोक बिना नंबर प्लेट वाले बालू लदे ट्रैक्टरों की आवाजाही पर तुरंत रोक लगाने के लिए नए निर्देश जारी। संबंधित अधिकारी विशेष अभियान जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को संवेदनशील स्थानों की पहचान कर तत्काल और प्रभावी छापेमारी करने का आदेश। DM और SP अधिकारी पर दायित्व यदि भविष्य में बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों की आवाजाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर दायित्व तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारी पुलिस की संलिप्तता थाना, प्रखंड या अंचल स्तर पर पुलिसकर्मियों की संलिप्तता या मिलीभगत सामने आने पर बगैर देरी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। गृह विभाग को पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। गृह विभाग / पुलिसकर्मी पारदर्शिता खनन व्यवस्था को पारदर्शी, नियंत्रित और पूरी तरह विधिसम्मत बनाने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाई जा रही है और जमीनी स्तर पर टीमों को सशक्त किया जा रहा है। खान एवं भू-तत्व विभाग नागरिकों से सहयोग की अपील और पुरस्कार उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने आम जनता और मीडिया से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना विभाग को दें। हेल्पलाइन नंबर: 94722 38821, 0612-2215360, 9473191437 'बिहारी योद्धा पुरस्कार' ट्रैक्टर पकड़वाने पर: ₹5,000 का ईनाम। ट्रक पकड़वाने पर: ₹10,000 का ईनाम। उन्होंने कहा कि मीडिया या बिहारी खनन योद्धा के माध्यम से संज्ञान में आए किसी भी अवैध खनन, परिवहन और बिक्री के मामले पर विभाग सख्त एक्शन लेगा।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते”के तहत प्रयागराज जंक्पशन पर मिले नाबालिग बच्चे को रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज ने चाइल्डलाइन को सुपुर्द किया

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संचालित ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ रेलवे परिसरों और ट्रेनो में मिलने वाले असुरक्षित संकटग्रस्त या भटके हुए बच्चों को सुरक्षित बचाने का एक निरन्तर और संवेदनशील अभियान है। यह केवल एक ऑपरेशन नही बल्कि उन अनगिनत बच्चो के लिए जीवनरेखा है जो किसी कारणवश अपने घरो से दूर भटक जाते है।इस पहल के माध्यम से रेलवे सुरक्षा बल ने बाल सुरक्षा एवं संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे बाल श्रम बाल तस्करी तथा लापता बच्चों से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है।

10 दिसम्बर 2025 को एक व्यक्ति निगम पासवान ने एक 12 वर्षीय बच्चे को लेकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज जंक्शन पहुंचे।बच्चे ने अपना नाम अमन चौहान पिता—विजय चौहान निवासी —खरगोन लामी चोर थाना भूरे जिला गोपालगंज बताया।रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज द्वारा पूछताछ में बच्चे ने बताया कि वह घर में नाराज होकर भाग आया था।रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज द्वारा बच्चे को सुरक्षित संरक्षण में लेकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गई।इसके बाद बच्चे को चाइल्डलाइन प्रयागराज के सुपरवाइज़र को नियमानुसार सुपुर्द किया गया।रेल प्रशासन यात्रियो और आमजन से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असहाय भटकता हुआ या असुरक्षित अवस्था में देखे तो तुरन्त रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दे।आपकी एक सूचना किसी बच्चे का भविष्य सुरक्षित कर सकती है।
हलधरमऊ सीएचसी अधीक्षक की मनमानी चरम पर, मरीज बेहाल

गोंडा। जनपद के हलधरमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अधीक्षक की मनमानी और जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों की उदासीनता का बड़ा मामला फिर उजागर हुआ है। गुरुवार की दोपहर लगभग 1 बजे तक अधीक्षक संत प्रताप वर्मा की कुर्सी खाली पाई गई, जबकि मरीज इलाज के लिए काफी देर तक इंतजार करते रहे। मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के सरकारी दावों की हकीकत सीएचसी में मौके पर खुलेआम नजर आई। अधीक्षक की गैरमौजूदगी और स्टाफ की उदासीनता ने मरीजों की परेशानियों को बढ़ा दिया।

16 वर्षों से उसी सीएचसी में तैनाती, 12 वर्षों से अधीक्षक—प्रशासनिक आदेशों का नहीं डर

सूत्रों के अनुसार संत प्रताप वर्मा पिछले 16 वर्षों से हलधरमऊ सीएचसी में कार्यरत हैं और लगभग 12 वर्षों से अधीक्षक के पद पर बिना किसी व्यवधान के जमे हुए हैं। लम्बे समय से एक ही स्थान पर तैनाती पर स्वास्थ्य विभाग के नियम और तबादला नीति भी सवालों के घेरे में है।

तबादला आदेश हवा-हवाई—बभनजोत सीएचसी के लिए हुआ था ट्रांसफर

जानकारी के अनुसार जून 2024 में अधीक्षक वर्मा का बभनजोत सीएचसी को तबादला आदेश जारी हुआ था। इसके बाद भी वे हलधरमऊ सीएचसी पर ही कार्यरत हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि सीएमओ के स्पष्ट निर्देश और तबादला आदेश के बावजूद अधीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते अधिकारी बेखौफ बने हुए हैं। सीएचसी पर अधीक्षक की नियमित अनुपस्थिति और आदेशों की अवहेलना से यह स्पष्ट हो रहा है कि उच्चाधिकारियों के निर्देशों का भी कोई असर नहीं पड़ रहा।

मरीजों का कहना है कि चिकित्सक और अधीक्षक समय से न मिलने के कारण कई आवश्यक जांच और उपचार में देरी होती है। सेवाओं में लापरवाही से लोगों की परेशानी बढ़ रही है। स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों की तैनाती की समीक्षा कर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से असम के आदिवासी प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

झारखंड सरकार असम के चाय बागानों में बसे आदिवासियों के हक-अधिकार और पहचान के लिए करेगी सकारात्मक पहल

रांची, 11 दिसंबर 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से आज झारखंड विधानसभा में आदिवासी समन्वय समिति भारत (असम) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को असम में निवास कर रहे आदिवासी समुदाय की दयनीय स्थिति, समस्याओं और असम सरकार की कथित उदासीनता से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि ये समुदाय हर क्षेत्र में पिछड़ रहा है और उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है।

मुख्यमंत्री की घोषणाएँ और आश्वासन

हक-अधिकार की संरक्षा: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि झारखंड सरकार असम में रह रहे आदिवासी समुदायों को उनका हक-अधिकार एवं पहचान की संरक्षा के लिए सकारात्मक पहल करेगी।

प्रतिनिधिमंडल का दौरा: मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जल्द ही झारखंड सरकार का एक डेलिगेशन असम का दौरा करेगा, ताकि वहां रह रहे आदिवासियों की वर्तमान स्थिति से सीधे अवगत हुआ जा सके।

एसटी दर्जे की मांग: मुख्यमंत्री ने चाय बागानों में काम कर रहे आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिलाने की बात को दोहराया।

दैनिक वेतन और भूमि समस्या: झारखंड सरकार चाय बागानों में काम कर रहे आदिवासी समुदायों के लोगों के दैनिक वेतन में वृद्धि कराने और उनकी भूमि संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए भी कदम आगे बढ़ाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा एवं अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से उनकी समस्याओं को केंद्र एवं राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए नेतृत्व करने का आग्रह किया।

बैठक में उपस्थिति

इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री श्री चमरा लिंडा और आदिवासी समन्वय समिति भारत (असम) के सदस्य, जिनमें श्री जीतेन केरकेट्टा, श्री बिरसा मुंडा, श्री तरुण मुंडा, श्री गणेश, श्री अजीत पूर्ति, श्री राजेश भूरी, श्री बाबूलाल मुंडा, श्री मंगल हेंब्रम सहित अन्य शामिल थे, मौजूद रहे।

विज़न 2047:विकसित भारत –विकसित प्रदेश की थीम पर 18 से सजेगा पाँचवा प्रयागराज पुस्तक मेला

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।पुस्तक प्रेमियो का बहुप्रतीक्षित प्रयागराज पुस्तक मेला इस वर्ष नए आयामो आकर्षक साहित्यिक कार्यक्रमो और विस्तारित सांस्कृतिक गतिविधियो के साथ एजुकेशनल हब—कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन में 18 दिसम्बर से आरम्भ होगा।

यह मेला अब प्रयागराज की सांस्कृतिक बौद्धिक एवं साहित्यिक परम्परा का एक प्रमुख आयोजन बन चुका है।प्रेस वार्ता के दौरान संयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि फ़ोर्सवन बुक्स और बुकवाला द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस मेले में देशभर के प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थानो वितरको तथा विविध सामाजिक एवं साहित्यिक संगठनो की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

सह- आयोजक मनीष गर्ग ने कहा कि 11 दिवसीय मेले में राजकमल प्रकाशन लोक भारती प्रकाशन वाणी प्रकाशन राजपाल एण्ड संस भारतीय ज्ञानपीठ सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन विभाग–भारत सरकार साहित्य भण्डार प्रकाशन संस्थान अनबॉउंड स्क्रिप्ट बुकवाला सम्यक प्रकाशन हिन्द युग्म दिव्यांश प्रकाशन शिल्पायन गर्ग ब्रदर्स ए.के.इंटरप्राइजेज दिक्षा स्टेशनरी दिनकर पुस्तकालय योगदा के साथ-साथ उदबोधन पब्लिकेशन रितेश बुक एजेन्सी अदित्रि बुक एजेन्सी बीइंग बुकिश किताब पढ़ो एवं रामकृष्ण मठ कोलकाता कबीर ज्ञान प्रकाशन केन्द्र गिरिडीह अपनी पुस्तकों के समृद्ध संग्रह के साथ सहभागी होगे।

बच्चो और किशोरो के लिए इस वर्ष विशेष आकर्षण नवनीत प्रकाशन और देश की लोकप्रिय अमर चित्र कथा होगी जो बाल साहित्य चित्रकथाओ एवं ज्ञानवर्धक पुस्तको का विस्तृत संकलन प्रस्तुत करेगी।मेले के निदेशक आकर्ष चन्देल ने बताया कि इस वर्ष की थीम विज़न 2047:विकसित भारत–विकसित प्रदेश”रखी गई है जिसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक प्रदेश में सर्वसुलभ ज्ञान शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना है।मेला 18 से 28 दिसम्बर तक आयोजित होगा तथा प्रवेश निःशुल्क रहेगा।संयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि मेले का उद्घाटन 18 दिसम्बर शाम 5 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ नन्दन द्वारा किया जाएगा।

मेले के दौरान पुस्तक विमोचन लेखको से संवाद कवि सम्मेलन साहित्यिक गोष्ठियाँ कहानी पाठ तथा बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियां आयोजित होगी।स्थानीय लेखकों को प्रोत्साहित करने हेतु इस वर्ष भी उन्हे निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि वे सीधे पाठको से संवाद स्थापित कर सके सह-संयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि मेले में उपलब्ध सभी पुस्तकों पर न्यूनतम 10% छूट प्रदान की जाएगी।उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में भी पुस्तके ज्ञान संवेदनशीलता और प्रेरणा का सबसे सशक्त माध्यम है। युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओ करियर मार्गदर्शन एवं प्रेरक साहित्य का बड़ा संग्रह विशेष आकर्षण रहेगा।सामाजिक सरोकारो के अन्तर्गत रक्तसंकल्प और रक्तर्पण संस्थाएँ रक्तदान जागरूकता अभियान के साथ मेले में भाग लेगी।वही रोटरी प्रयागराज प्लैटिनम द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य एवं समाज सेवा से सम्बंधित जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।आगंतुको की सुविधा हेतु सुरक्षित और समुचित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जिससे आगंतुक बिना किसी असुविधा के मेले का आनंद ले सके।आयोजकों ने प्रयागराज एवं आसपास के क्षेत्रो के सभी साहित्यप्रेमियो विद्यार्थियो शोधार्थियो अभिभावको तथा परिवारों से इस ज्ञान साहित्य और संस्कृति के महोत्सव में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।
रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध हालात में मिले बुजुर्ग के शव की हुई शिनाख्त

कर्नलगंज, गोण्डा। कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत कर्नलगंज रेलवे स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर दूर ग्राम पिपरी के पास बुधवार सुबह रेलवे ट्रैक पर एक लगभग 65 वर्षीय बुजुर्ग का क्षत-विक्षत शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। स्थानीय लोगों की सूचना पर हल्का दरोगा सरफराज खान व प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र प्रताप राय पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रथम दृष्टया ट्रेन की चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मृतक के सिर पर गंभीर चोटों के स्पष्ट निशान मिले हैं। हालांकि दुर्घटना, हत्या या आत्महत्या—अभी तक मौत का कारण साफ नहीं हो सका है।

सोशल मीडिया के जरिए हुई शिनाख्त

अज्ञात शव की पहचान सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों के माध्यम से हुई। मृतक के परिजन वायरल फोटो देखकर मौके पर पहुंचे और शव की पहचान रामदेव (70 वर्ष), निवासी भगहरिया भगवानपुर, थाना कौड़िया के रूप में की। मृतक के बड़े बेटे रक्षाराम ने बताया कि उनके पिता बुधवार सुबह करीब दस बजे अहिरन पुरवा चौराहे पर दाढ़ी बनवाने की बात कहकर घर से निकले थे। “वह कर्नलगंज कैसे पहुंच गए—यह हमारे लिए अब भी रहस्य है,” उन्होंने बताया कि परिवार में दो बेटे हैं रक्षाराम, जो फेरी लगाकर कपड़े बेचते हैं, और कमलेश, जो फास्ट फूड की दुकान चलाते हैं।मृतक की पत्नी मुन्नी देवी का निधन करीब पांच वर्ष पहले हो चुका है।

प्रारंभिक जांच में ट्रेन हादसे की आशंका

हल्का दरोगा सरफराज ख़ान ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार मौत ट्रेन की चपेट में आने से प्रतीत होती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम कारण स्पष्ट होगा। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं—दुर्घटना, हत्या या आत्महत्या को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।
मोहम्मदाबाद सड़क हादसे में चचेरे भाई बहन की स्कूल जाते समय मौत

फर्रुखाबाद। मोहम्मदाबाद
थाना क्षेत्र के नगला भूड़ निवासी केशव का 16 वर्षीय पुत्र राजन जोकि कि अपने चाचा मिथलेश की दो पुत्रियां काजल 16 वर्ष, शैजल 13 वर्ष को लेकर बाइक से स्कूल जा रहे थे तभी धीरपुर नवीगंज रोड पर भट्टे के पास धीर पुर की तरफ से तेज़ रफ़्तार आ रही डीसीएम नेलापरवाही से टक्कर मार दी जिससे तीनों भाई बहनों की घटना पर ही मौत हो गई।

मृतक राजन के पिता ने बताया कि वह सुबह लगभग 8:30 बजे घर से धीरपुर में स्थित रूपसिंह स्कूल पंचम नगला के लिए निकला था तभी यह घटना हुई। मृतक राजन अपने पिता का एकलौता पुत्र था कक्षा 10 का छात्र था। मृतक की माता बड़ी बेटी का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। मृतक के पिता केशव खेती का कार्य करते है।

मृतिका काजल कक्षा 10 की छात्रा थी। मृतिका शेजल कक्षा 7 की छात्रा थी पिता मिथलेश ने बताया कि वह अपने भाई के साथ सुबह स्कूल के लिए निकली थी । डीसीएम की टक्कर से दर्दनाक मौत हो गई मृतिका के पिता ने बताया कि एक पुत्र दुर्गेश 11 वर्ष का है तथा वह खेती का कार्य करता है। मृतिका की माता उमा देवी का रो रो कर बुरा हाल। डीसीएम चालक गाड़ी को छोड़कर घटना स्थल से फरार हो गया। घटना स्थल पर डायल 112 व एसडीएम सदर राजीकांत तथा डीएसपी अजय वर्मा कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार शुक्ला चौकी प्रभारी जसवीर सिंह पहुंचे।

एसडीएम सदर ने परिजनों को पीड़ितों को माननीय मुख्यमंत्री से जो भी मदद होगी दिलवाई जाएगी।
उप निरीक्षक जसवीर सिंह ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
वर्ष 2025-26 में ग्राम पंचायतों में वितरण के वाद्य यंत्रों को उच्चस्तरीय कमेटी की देखरेख में सेट खरीदे जांएगे


उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए आवेदन पत्रों के परीक्षण के उपरांत निर्णय लिया जाएगा

पर्यटन मंत्री ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज दूसरे दिन पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यटन विभाग की परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए। व्यवधान की स्थिति में उसका निस्तारण सुनिश्चित करते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जाए। वित्तीय वर्ष 2025-26 की स्वीकृत कार्ययोजना में शामिल 19 परियोजनाओं के आगणन प्रस्ताव की स्वीकृति शीघ्र जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने अब तक न शुरू की गई परियोजनाओं की भी गहन समीक्षा करते हुए कार्य की गति तेज करने के निर्देश दिए। पर्यटन मंत्री आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन के सभागार में संस्कृति तथा पर्यटन विभाग की निर्माण कार्य से जुड़ी परियोजनाओं तथा विभागीय गतिविधियों की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बदले परिवेश में परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ पूरा करके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए, ताकि वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का अधिकतम सहयोग सुनिश्चित हो सके और स्थानीय लोगों को अपने घर के आस-पास रोजगार मिल सके।

उन्होंने पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसी कार्य में अड़गा न लगाए, बल्कि उसके समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करे।

जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा लोककला से आमजनता को जोड़ने तथा उन्हें संरक्षित रखते हुए अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग ने वाद्य यंत्रों का सेट क्रय करके वितरित किया था। उसमें से अवशेष 26 सेट वाद्य यंत्र भातखंडे संगीत संस्थान को और आजमगढ़ के हरिहर पुर स्थित संगीत विद्यालय को उपलब्ध करा दिए गए है। यह वाद्य यत्र वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्रय किए गए थे। उन्होंने शेष जनपदों में वाद्य यंत्र का सेट वितरित करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी की देख-रेख में नए वाद्य यंत्र क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि नए वाद्य यंत्र की गुणवत्ता एवं टिकाऊपन की जांच के लिए विशेषज्ञों की भी राय ली जाए और क्रय करते समय वित्तीय अनुशासन एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में वाद्य यंत्र क्रय करने के लिए कार्यवाई शुरू कर दी गयी है।

पर्यटन मंत्री ने रेडियों जयघोष की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए कार्यवाई शुरू की जाए। उन्होंने बताया कि रेडियो जयघोष की क्षमता बढ़ने से दूरस्थ स्थानों तक रेडियों जयघोष के कार्यक्रमों का श्रोताओं को लाभ मिलेगा। बैठक में यह भी बतायागया कि संगीत नाटक अकादमी द्वारा रिसोर्ट होटल से समन्वय किया जा रहा है तथा उप्र लोक जनजाति संस्कृति संस्थान के माध्यम से स्थानीय रिसोर्ट/होटल से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा भारतेन्दु नाट्य अकादमी, राज्य ललित कला अकादमी, वृंदावन स्रोत संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक स्रोत संस्थान द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रमों हेतु समन्वय का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश में लोक सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति उत्सव के आयोजन के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के 75 जनपदों के लिए निदेशालय स्तर से नोडल अधिकारी नामित करने के भी निर्देश दिए।

जयवीर सिंह ने उप्र की संस्कृति नीति तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा संस्कृति नीति जारी होने के पश्चात उसके प्रस्तावों के हिसाब से प्रदेश की संस्कृति नीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप निर्धारित समय सीमा में अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। दोनों बैठकों मे प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन, अशोक कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संस्कृति ईशाप्रिया, अपर निदेशक संस्कृति डॉ सृष्टि धवन, प्रबंध निदेशक आशीष कुमार, पर्यटन सलाहाकार जेपी सिंह, संयुक्त निदेशक  वीरेन्द्र कुमार व प्रीति श्रीवास्तव तथा अंजु चौधरी, निदेशक अमित अग्निहोत्री, निदेशक पुरातत्व रेनु द्विवेदी के अलावा उपनिदेशक एवं सहायक निदेशक मौजूद थे।
माघ मेले के आयोजन के इतिहास में पहली बार जारी हुआ मेले का प्रतीक चिन्ह


*महाकुंभ-2025 के भव्य आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार की एक और पहल* *प्रतीक चिन्ह में परिलक्षित है संगम माघ मास में तप, अनुष्ठान और कल्पवास का दर्शन, अक्षयवट को मिली जगह* लखनऊ/प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दिव्य और भव्य आयोजन के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब माघ मेला-2026 को भी अभूतपूर्व स्वरूप देने की तैयारी में है । इसी क्रम में माघ मेले के दर्शन तत्व को उद्घाटित करता माघ मेले का प्रतीक चिन्ह जारी हुआ है। मुख्यमंत्री के स्तर से माघ मेले का यह लोगो जारी किया गया है। जारी किए गए लोगो में माघ मास में संगम किनारे जप, तप साधना और कल्पवास की महत्ता के साथ इस अवधि नक्षत्रों की अवस्थिति के आधार पर सप्त ऊर्जा चक्रों को स्थान दिया गया है। लोगो में अक्षय पुण्य का संचय साक्षी अक्षयवट, सूर्य देव और चंद्र देव की 27 नक्षत्रों के साथ की ब्रह्मांडीय यात्रा, श्री लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन बोध कराता बड़े हनुमान जी का मंदिर, सनातन के विस्तार की प्रतीक सनातन पताका और संगम पर साइबेरियन पक्षियों की कलरव को ध्वनित करने वाला पर्यावरण बोध सभी का इसमें समावेश है। लोगो पर श्लोक "माघे निमज्जनं यत्र पापं परिहरेत् तत:" माघ के महीने में स्नान करने से सभी पाप मुक्ति का शंखनाद कर रहा है। यह लोगो मेला प्राधिकरण द्वारा आबद्ध किए गए डिजाइन कंसल्टेंट अजय सक्सेना एवं प्रागल्भ अजय द्वारा डिजाइन किया गया जिसे मुख्यमंत्री के स्तर पर जारी किया गया है। जारी लोगो का दर्शन माघ महीने के सूर्य और चंद्र की स्थिति को भी उद्घाटित करता है। ज्योतिषाचार्य आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला बताते हैं कि सूर्य एवं चंद्रमा की 14 कलाओं की उपस्थिति ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य, चंद्रमा एवं नक्षत्रों की स्थितियों को प्रतिबिंबित करता है जो प्रयागराज में माघ मेले का कारक बनता है। भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्रमा 27 नक्षत्रों की परिक्रमा लगभग 27.3 दिनों में पूर्ण करता है। माघ मेला इन्हीं नक्षत्रीय गतियों के अत्यंत सूक्ष्म गणित पर आधारित है। जब सूर्य मकर राशि में होता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा माघी या अश्लेषा-पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों के समीप होता है, तब माघ मास बनता है और उसी काल में माघ मेला आयोजित होता है। इसी तरह चंद्रमा की 14 कलाओं का संबंध मानव जीवन, मनोवैज्ञानिक ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना से माना गया है। माघ मेला चंद्र-ऊर्जा की इन कलाओं के सक्रिय होने का विशेष काल भी है। अमावस्या से पूर्णिमा की ओर चंद्रमा की वृद्धि (शुक्ल पक्ष) साधना की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। माघ स्नान की तिथियाँ चंद्र कलाओं के अत्यंत सूक्ष्म संतुलन पर चुनी जाती हैं। माघ महीने की ऊर्जा (शक्ति) अनुशासन, भक्ति और गहन आध्यात्मिक कार्यों से जुड़ी होती है क्योंकि यह महीना पवित्र नदियों में स्नान, दान, तपस्या और कल्पवास जैसे कार्यों के लिए विशेष माना जाता है। इस माह में किए गए कार्य व्यक्ति को निरोगी बनाते हैं और उसे दिव्य ऊर्जा से भर देते हैं।
कोडिनयुक्त कफ सिरप पर यूपी में अब तक का सबसे बड़ा एक्शन: 31 जिलों में 133 फर्मों पर FIR, कई गिरफ्तार

* सीएम योगी के जीरो–टॉलरेंस आदेश पर चला एफएसडीए का मेगा क्रैकडाउन, पहली बार एनडीपीएस व बीएनएस धाराओं में मुकदमेलखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अवैध नशे के खिलाफ छेड़ी गई जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। वर्ष 2022 में गठित एएनटीएफ और एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप एवं एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार और डायवर्जन पर अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है। दो महीने से जारी इस कार्रवाई से प्रदेश भर में नशे के सौदागरों की कमर टूट गई है।एफएसडीए ने गहन अंदरुनी जांच और झारखंड, हरियाणा, हिमाचल समेत कई राज्यों में विवेचना के बाद दो माह पहले बड़े स्तर पर क्रैकडाउन शुरू किया। अब तक 31 जिलों में 133 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है, जिनमें आधा दर्जन से अधिक संचालक जेल भेजे जा चुके हैं।एफएसडीए सचिव एवं आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश था कि कार्रवाई केवल लाइसेंस रद्द करने तक सीमित न रहे, बल्कि ऐसा एक्शन हो जो देश में नजीर बने। इसी के तहत पहली बार कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए भी पत्र भेजा गया है।प्रदेश के 52 जिलों में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कई प्रतिष्ठान कागजों में ही मौजूद थे और केवल बिलिंग प्वॉइंट के रूप में चल रहे थे। कई दुकानों में भंडारण व्यवस्था और रिकॉर्ड भी नहीं मिले। जांच के दौरान 133 प्रतिष्ठान संगठित रूप से कफ सिरप का गैर-चिकित्सीय उपयोग हेतु अवैध डायवर्जन करते पाए गए। इनका नेटवर्क लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर, बहराइच के जरिए नेपाल तथा वाराणसी, गाजियाबाद से बांग्लादेश तक फैला हुआ था।* इन जिलों में तस्करी के केस सामने आए:वाराणसी, जौनपुर, कानपुर नगर, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, भदोही, अमेठी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली, मीरजापुर, बांदा, कौशांबी।
बालू माफिया के साथ पुलिस की संलिप्तता पर होगी कड़ी कार्रवाई: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा*
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अवैध खनन, परिवहन पर सख्त एक्शन का आदेश; पुलिस की जवाबदेही तय करने हेतु गृह विभाग को निर्देश पटना, 11 दिसंबर 2025: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भू-तत्व मंत्री, श्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में अवैध खनन और बालू के अवैध परिवहन पर लगाम लगाने के लिए आज सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पूरे तंत्र में शामिल किसी भी व्यक्ति या अधिकारी पर कठोर कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रमुख निर्देश और घोषणाएँ बिंदु निर्देश/घोषणा जवाबदेही अवैध परिवहन पर रोक बिना नंबर प्लेट वाले बालू लदे ट्रैक्टरों की आवाजाही पर तुरंत रोक लगाने के लिए नए निर्देश जारी। संबंधित अधिकारी विशेष अभियान जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को संवेदनशील स्थानों की पहचान कर तत्काल और प्रभावी छापेमारी करने का आदेश। DM और SP अधिकारी पर दायित्व यदि भविष्य में बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों की आवाजाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर दायित्व तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारी पुलिस की संलिप्तता थाना, प्रखंड या अंचल स्तर पर पुलिसकर्मियों की संलिप्तता या मिलीभगत सामने आने पर बगैर देरी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। गृह विभाग को पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। गृह विभाग / पुलिसकर्मी पारदर्शिता खनन व्यवस्था को पारदर्शी, नियंत्रित और पूरी तरह विधिसम्मत बनाने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ाई जा रही है और जमीनी स्तर पर टीमों को सशक्त किया जा रहा है। खान एवं भू-तत्व विभाग नागरिकों से सहयोग की अपील और पुरस्कार उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने आम जनता और मीडिया से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना विभाग को दें। हेल्पलाइन नंबर: 94722 38821, 0612-2215360, 9473191437 'बिहारी योद्धा पुरस्कार' ट्रैक्टर पकड़वाने पर: ₹5,000 का ईनाम। ट्रक पकड़वाने पर: ₹10,000 का ईनाम। उन्होंने कहा कि मीडिया या बिहारी खनन योद्धा के माध्यम से संज्ञान में आए किसी भी अवैध खनन, परिवहन और बिक्री के मामले पर विभाग सख्त एक्शन लेगा।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते”के तहत प्रयागराज जंक्पशन पर मिले नाबालिग बच्चे को रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज ने चाइल्डलाइन को सुपुर्द किया

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संचालित ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ रेलवे परिसरों और ट्रेनो में मिलने वाले असुरक्षित संकटग्रस्त या भटके हुए बच्चों को सुरक्षित बचाने का एक निरन्तर और संवेदनशील अभियान है। यह केवल एक ऑपरेशन नही बल्कि उन अनगिनत बच्चो के लिए जीवनरेखा है जो किसी कारणवश अपने घरो से दूर भटक जाते है।इस पहल के माध्यम से रेलवे सुरक्षा बल ने बाल सुरक्षा एवं संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे बाल श्रम बाल तस्करी तथा लापता बच्चों से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है।

10 दिसम्बर 2025 को एक व्यक्ति निगम पासवान ने एक 12 वर्षीय बच्चे को लेकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज जंक्शन पहुंचे।बच्चे ने अपना नाम अमन चौहान पिता—विजय चौहान निवासी —खरगोन लामी चोर थाना भूरे जिला गोपालगंज बताया।रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज द्वारा पूछताछ में बच्चे ने बताया कि वह घर में नाराज होकर भाग आया था।रेलवे सुरक्षा बल प्रयागराज द्वारा बच्चे को सुरक्षित संरक्षण में लेकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गई।इसके बाद बच्चे को चाइल्डलाइन प्रयागराज के सुपरवाइज़र को नियमानुसार सुपुर्द किया गया।रेल प्रशासन यात्रियो और आमजन से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असहाय भटकता हुआ या असुरक्षित अवस्था में देखे तो तुरन्त रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दे।आपकी एक सूचना किसी बच्चे का भविष्य सुरक्षित कर सकती है।
हलधरमऊ सीएचसी अधीक्षक की मनमानी चरम पर, मरीज बेहाल

गोंडा। जनपद के हलधरमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अधीक्षक की मनमानी और जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों की उदासीनता का बड़ा मामला फिर उजागर हुआ है। गुरुवार की दोपहर लगभग 1 बजे तक अधीक्षक संत प्रताप वर्मा की कुर्सी खाली पाई गई, जबकि मरीज इलाज के लिए काफी देर तक इंतजार करते रहे। मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के सरकारी दावों की हकीकत सीएचसी में मौके पर खुलेआम नजर आई। अधीक्षक की गैरमौजूदगी और स्टाफ की उदासीनता ने मरीजों की परेशानियों को बढ़ा दिया।

16 वर्षों से उसी सीएचसी में तैनाती, 12 वर्षों से अधीक्षक—प्रशासनिक आदेशों का नहीं डर

सूत्रों के अनुसार संत प्रताप वर्मा पिछले 16 वर्षों से हलधरमऊ सीएचसी में कार्यरत हैं और लगभग 12 वर्षों से अधीक्षक के पद पर बिना किसी व्यवधान के जमे हुए हैं। लम्बे समय से एक ही स्थान पर तैनाती पर स्वास्थ्य विभाग के नियम और तबादला नीति भी सवालों के घेरे में है।

तबादला आदेश हवा-हवाई—बभनजोत सीएचसी के लिए हुआ था ट्रांसफर

जानकारी के अनुसार जून 2024 में अधीक्षक वर्मा का बभनजोत सीएचसी को तबादला आदेश जारी हुआ था। इसके बाद भी वे हलधरमऊ सीएचसी पर ही कार्यरत हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि सीएमओ के स्पष्ट निर्देश और तबादला आदेश के बावजूद अधीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते अधिकारी बेखौफ बने हुए हैं। सीएचसी पर अधीक्षक की नियमित अनुपस्थिति और आदेशों की अवहेलना से यह स्पष्ट हो रहा है कि उच्चाधिकारियों के निर्देशों का भी कोई असर नहीं पड़ रहा।

मरीजों का कहना है कि चिकित्सक और अधीक्षक समय से न मिलने के कारण कई आवश्यक जांच और उपचार में देरी होती है। सेवाओं में लापरवाही से लोगों की परेशानी बढ़ रही है। स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों की तैनाती की समीक्षा कर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से असम के आदिवासी प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

झारखंड सरकार असम के चाय बागानों में बसे आदिवासियों के हक-अधिकार और पहचान के लिए करेगी सकारात्मक पहल

रांची, 11 दिसंबर 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से आज झारखंड विधानसभा में आदिवासी समन्वय समिति भारत (असम) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को असम में निवास कर रहे आदिवासी समुदाय की दयनीय स्थिति, समस्याओं और असम सरकार की कथित उदासीनता से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि ये समुदाय हर क्षेत्र में पिछड़ रहा है और उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है।

मुख्यमंत्री की घोषणाएँ और आश्वासन

हक-अधिकार की संरक्षा: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि झारखंड सरकार असम में रह रहे आदिवासी समुदायों को उनका हक-अधिकार एवं पहचान की संरक्षा के लिए सकारात्मक पहल करेगी।

प्रतिनिधिमंडल का दौरा: मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जल्द ही झारखंड सरकार का एक डेलिगेशन असम का दौरा करेगा, ताकि वहां रह रहे आदिवासियों की वर्तमान स्थिति से सीधे अवगत हुआ जा सके।

एसटी दर्जे की मांग: मुख्यमंत्री ने चाय बागानों में काम कर रहे आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिलाने की बात को दोहराया।

दैनिक वेतन और भूमि समस्या: झारखंड सरकार चाय बागानों में काम कर रहे आदिवासी समुदायों के लोगों के दैनिक वेतन में वृद्धि कराने और उनकी भूमि संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए भी कदम आगे बढ़ाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा एवं अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से उनकी समस्याओं को केंद्र एवं राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए नेतृत्व करने का आग्रह किया।

बैठक में उपस्थिति

इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री श्री चमरा लिंडा और आदिवासी समन्वय समिति भारत (असम) के सदस्य, जिनमें श्री जीतेन केरकेट्टा, श्री बिरसा मुंडा, श्री तरुण मुंडा, श्री गणेश, श्री अजीत पूर्ति, श्री राजेश भूरी, श्री बाबूलाल मुंडा, श्री मंगल हेंब्रम सहित अन्य शामिल थे, मौजूद रहे।

विज़न 2047:विकसित भारत –विकसित प्रदेश की थीम पर 18 से सजेगा पाँचवा प्रयागराज पुस्तक मेला

संजय द्विवेदी,प्रयागराज।पुस्तक प्रेमियो का बहुप्रतीक्षित प्रयागराज पुस्तक मेला इस वर्ष नए आयामो आकर्षक साहित्यिक कार्यक्रमो और विस्तारित सांस्कृतिक गतिविधियो के साथ एजुकेशनल हब—कटरा स्थित द पाम्स रिसोर्ट–रॉयल गार्डन में 18 दिसम्बर से आरम्भ होगा।

यह मेला अब प्रयागराज की सांस्कृतिक बौद्धिक एवं साहित्यिक परम्परा का एक प्रमुख आयोजन बन चुका है।प्रेस वार्ता के दौरान संयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि फ़ोर्सवन बुक्स और बुकवाला द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस मेले में देशभर के प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थानो वितरको तथा विविध सामाजिक एवं साहित्यिक संगठनो की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

सह- आयोजक मनीष गर्ग ने कहा कि 11 दिवसीय मेले में राजकमल प्रकाशन लोक भारती प्रकाशन वाणी प्रकाशन राजपाल एण्ड संस भारतीय ज्ञानपीठ सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन विभाग–भारत सरकार साहित्य भण्डार प्रकाशन संस्थान अनबॉउंड स्क्रिप्ट बुकवाला सम्यक प्रकाशन हिन्द युग्म दिव्यांश प्रकाशन शिल्पायन गर्ग ब्रदर्स ए.के.इंटरप्राइजेज दिक्षा स्टेशनरी दिनकर पुस्तकालय योगदा के साथ-साथ उदबोधन पब्लिकेशन रितेश बुक एजेन्सी अदित्रि बुक एजेन्सी बीइंग बुकिश किताब पढ़ो एवं रामकृष्ण मठ कोलकाता कबीर ज्ञान प्रकाशन केन्द्र गिरिडीह अपनी पुस्तकों के समृद्ध संग्रह के साथ सहभागी होगे।

बच्चो और किशोरो के लिए इस वर्ष विशेष आकर्षण नवनीत प्रकाशन और देश की लोकप्रिय अमर चित्र कथा होगी जो बाल साहित्य चित्रकथाओ एवं ज्ञानवर्धक पुस्तको का विस्तृत संकलन प्रस्तुत करेगी।मेले के निदेशक आकर्ष चन्देल ने बताया कि इस वर्ष की थीम विज़न 2047:विकसित भारत–विकसित प्रदेश”रखी गई है जिसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक प्रदेश में सर्वसुलभ ज्ञान शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना है।मेला 18 से 28 दिसम्बर तक आयोजित होगा तथा प्रवेश निःशुल्क रहेगा।संयोजक मनोज सिंह चन्देल ने बताया कि मेले का उद्घाटन 18 दिसम्बर शाम 5 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ नन्दन द्वारा किया जाएगा।

मेले के दौरान पुस्तक विमोचन लेखको से संवाद कवि सम्मेलन साहित्यिक गोष्ठियाँ कहानी पाठ तथा बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियां आयोजित होगी।स्थानीय लेखकों को प्रोत्साहित करने हेतु इस वर्ष भी उन्हे निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि वे सीधे पाठको से संवाद स्थापित कर सके सह-संयोजक मनीष गर्ग ने बताया कि मेले में उपलब्ध सभी पुस्तकों पर न्यूनतम 10% छूट प्रदान की जाएगी।उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में भी पुस्तके ज्ञान संवेदनशीलता और प्रेरणा का सबसे सशक्त माध्यम है। युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओ करियर मार्गदर्शन एवं प्रेरक साहित्य का बड़ा संग्रह विशेष आकर्षण रहेगा।सामाजिक सरोकारो के अन्तर्गत रक्तसंकल्प और रक्तर्पण संस्थाएँ रक्तदान जागरूकता अभियान के साथ मेले में भाग लेगी।वही रोटरी प्रयागराज प्लैटिनम द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य एवं समाज सेवा से सम्बंधित जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।आगंतुको की सुविधा हेतु सुरक्षित और समुचित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जिससे आगंतुक बिना किसी असुविधा के मेले का आनंद ले सके।आयोजकों ने प्रयागराज एवं आसपास के क्षेत्रो के सभी साहित्यप्रेमियो विद्यार्थियो शोधार्थियो अभिभावको तथा परिवारों से इस ज्ञान साहित्य और संस्कृति के महोत्सव में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।