झारखंड में 'धरती आबा जनजातीय फ़िल्म फेस्ट' का भव्य आगाज: कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने किया उद्घाटन, 15 राज्यों की 70 से अधिक फिल्में होंगी प्रदर्श


झारखंड में आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और संघर्ष की गाथा को समर्पित एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में मंगलवार से 'प्रथम धरती आबा जनजातीय फ़िल्म फेस्ट 2025' का शुभारंभ हो गया। कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने इस तीन दिवसीय महोत्सव (14 से 16 अक्टूबर) का उद्घाटन किया। यह महोत्सव झारखंड सरकार और भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
पहचान और जीवन दर्शन का उत्सव
उद्घाटन के अवसर पर कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने कहा कि यह महोत्सव केवल फिल्मों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारी आदिवासी पहचान, परंपरा और जीवन दर्शन का उत्सव है। उन्होंने फिल्मों को जनजातीय भारत की आत्मा, संस्कृति और संघर्षों को दुनिया के सामने लाने का एक सशक्त माध्यम बताया।
मंत्री श्री लिंडा ने फिल्म निर्माताओं से अपील की कि जब भी जनजातीय जीवन पर फिल्म बनाई जाए, तो उसके दृश्य और कथानक यथार्थ पर आधारित हों, न कि काल्पनिक या भ्रामक। उन्होंने जोर दिया कि कला का दायित्व समाज की सच्चाई को उजागर करना है, ताकि नई पीढ़ी अपनी जड़ों को सही परिप्रेक्ष्य में पहचान सके।
70 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन
इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देश के जनजातीय समाज की विविध कला, संस्कृति और संघर्षों को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना है। इस दौरान, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, महाराष्ट्र सहित 15 राज्यों की 70 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं।
फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली चर्चित फिल्मों में “Palash”, “हेंडे सोना एंड ब्लैक गोल्ड”, “फूलो”, “कुसुम”, और “नाची से बाची” शामिल हैं। महोत्सव में कई वर्ल्ड प्रीमियर और नेशनल प्रीमियर भी देखने को मिलेंगे।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि संस्कृति और भाषाई विविधता का संरक्षण भी है, और यह आयोजन परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सेतु का कार्य करेगा।
उद्घाटन समारोह में विभाग के सचिव श्री कृपा नन्द झा, संस्थान के निदेशक श्री करमा ज़िम्पा भुट्टिया, विशेष सचिव श्री नेलसन बागे और कल्याण आयुक्त श्री कुलदीप चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
2 hours and 25 min ago