निजी अस्पतालों से मरीजों को घर छोड़ने के नाम पर 108 एम्बुलेंस चालक द्वारा वसूले जा रहे पैसे, मरीजों ने लगाए गंभीर आरोप


मावाना। क्षेत्र में 108 एम्बुलेंस सेवा को लेकर एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। सरकारी 108 एम्बुलेंस, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में मरीजों को निशुल्क अस्पताल तक पहुँचाना है, अब कुछ चालक और हेल्पर द्वारा निजी फायदे के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।

ताज़ा मामला मावाना के एक निजी अस्पताल से निकलकर सामने आया है, जहाँ फलावदा निवासी एक मरीज को घर छोड़ने के नाम पर एम्बुलेंस चालक द्वारा कथित रूप से पैसे वसूल किए गए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मरीज को मावाना के एक निजी अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, जिसके बाद परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया। एम्बुलेंस UP32 FG 2718 मौके पर पहुँची, जिसे चलाने वाला चालक हरमिंदर बताया जा रहा है, जबकि उसके साथ हेल्पर के रूप में ओमकार मौजूद था।

आरोप है कि एम्बुलेंस चालक ने मरीज के परिजनों को साफ-साफ कहा कि—

“फलावदा तक जाने का किराया देना पड़ेगा, बिना पैसे एम्बुलेंस नहीं जाएगी।”

मजबूरी में परिजनों को चालक द्वारा मांगी गई राशि का भुगतान करना पड़ा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है। कई बार 108 एम्बुलेंस चालक मरीजों को अस्पताल लाने–ले जाने के दौरान उनसे पैसे मांगते हैं, जबकि यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है। लोगों का आरोप है कि चालक और हेल्पर निजी अस्पतालों से मिले-जुले तरीके से ऐसे मरीज तलाशते हैं, जिन्हें घर छोड़ा जाता है और फिर उनसे शुल्क लिया जाता है।

क्षेत्रवासियों ने बताया कि—

108 सेवा का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है।

निजी अस्पतालों के बाहर एम्बुलेंस अधिकांश समय खड़ी रहती हैं।

मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने पैसे वसूले जाते हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि 108 एम्बुलेंस सेवा की कड़ी निगरानी की जाए, विशेषकर उन एम्बुलेंसों की जो निजी अस्पतालों के बाहर घंटों खड़ी रहती हैं।

उन्होंने कहा कि—

“यदि सरकार की आपातकालीन सेवा ही पैसा लेने लगे तो गरीब परिवारों का क्या होगा? प्रशासन को इस मामले में तुरंत जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”

इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग से भी जवाबदेही तय किए जाने की मांग उठ रही है। मावाना से फलावदा तक का यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों में सरकारी 108 सेवा के दुरुपयोग को लेकर गहरी नाराजगी है।

ग्राम पंचायत कलवारी चुनाव में अलग-अलग पोलिंग बूथ की मांग, डीएम से गुहार

गोंडा(करनैलगंज)। तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत विकास खंड हलधरमऊ के ग्राम पंचायत कलवारी के विकास सिंह पुत्र जगप्रसाद, निवासी ग्राम जिगिनिया, सहित समस्त ग्रामवासियों की ओर से पंचायत चुनाव मे अलग-अलग पोलिंग बूथ बनाने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ग्राम पंचायत के तीनों राजस्व ग्राम कलवारी, पूरे दीक्षित और जिगिनिया में अलग-अलग पोलिंग बूथ निर्धारित होते हैं, जिससे मतदाताओं को मतदान करने में काफी सुविधा मिलती है। लेकिन ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव में अब तक सभी राजस्व ग्रामों को एक ही बूथ प्राथमिक विद्यालय कलवारी में सम्मिलित कर मतदान कराया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार इससे दूर-दराज के मतदाताओं, विशेषकर असहाय व बुजुर्ग लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रार्थना पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पंचायत क्षेत्र के सभी राजस्व ग्रामों में प्राथमिक विद्यालय मौजूद है और लोकसभा-विधानसभा चुनाव की वोटिंग भी वहीं होती है। ऐसे में पंचायत चुनाव में भी प्रत्येक राजस्व ग्राम में अलग-अलग पोलिंग बूथ बनाए जाना उचित होगा,जिससे कोई भी मतदाता दूरी या असुविधा के कारण मतदान से वंचित न रह जाए। प्रशासन से मामले को संज्ञान में लेकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की गई है,ताकि आगामी पंचायत चुनाव में मतदान प्रक्रिया अधिक सुगम और पारदर्शी बन सके।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर आंदोलन का ऐलान छात्रो की महा पंचायत में जुटे कई संगठनो के लोग

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर विभिन्न छात्र संगठन एकजुट हो गए है।शुक्रवार को छात्रो की एक बड़ी महापंचायत आयोजित की गई जिसमें एनएसयूआइ समाजवादी छात्र सभा एसएफआइ और दिशा छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ता शामिल हुए।सभी संगठनो ने एक स्वर में छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग करते हुए बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी।

विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेताओं ने दिया समर्थन

इस दौरान विश्वविद्यालय का गेट के बाहर महापंचायत में सैकड़ो की संख्या में छात्र-छात्राएं और विभिन्न संगठनो के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभा को विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेताओ ने भी संबोधित किया।पूर्व अध्यक्ष अजीत यादव पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव पूर्व प्रत्याशी डीपी यादव तथा छात्र नेता विवेकानन्द पाठक ने आन्दोलन को अपना समर्थन दिया और छात्रों से लोकतांत्रिक अधिकारो के लिए संघर्षरत रहने का आह्वान किया।

आन्दोलन को चरणबद्ध ढंग से बढ़ाने की रणनीति

छात्र नेताओ ने कहा कि छात्र संघ विश्वविद्यालय की रीढ़ है इसके बिना छात्र हितो की आवाज कमजोर पड़ जाती है। लंबे समय से छात्र संघ चुनाव न कराए जाने से छात्रो में रोष व्याप्त है।आन्दोलन को चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई जा रही है।

आन्दोलन से जुड़ा संयुक्त ज्ञापन व रणनीति पत्र जारी करेगे

महा पंचायत के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि सभी छात्र संगठन मिलकर शुक्रवार की शाम को आन्दोलन से संबंधित संयुक्त ज्ञापन व रणनीति पत्र जारी करेगे जिसमें आगामी कार्यक्रमो की घोषणा की जाएगी।छात्र नेताओ ने स्पष्ट किया कि जब तक छात्र संघ चुनाव बहाल नही होते तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।छात्र आन्दोलन की आवाज फिर से उठने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए है।

आन्दोलन का असर परीक्षाओ पर पड़ सकता है

उधर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में परीक्षाएं शुरू हो गई है ऐसे में आंदोलन का असर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं पर पड़ना तय है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन रास्ता खोजने में जुटा है। इस दौरान आदर्श भदौरिया और प्रियांशु विद्रोही सहित तमाम छात्र नेताओ ने इस आंदोलन को निर्णायक करने के लिए छात्रो का समर्थन भी मांगा।

केरेडारी के पगार में कम्बल के अभाव में लकड़ी जलाकर सोते हैं बिरहोर परिवार के लोग।

केरेडारी।केरेडारी प्रखण्ड के पगार बिरहोर कालोनी में निवास करने वाले आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के लोग ठंड से ठिठुर रहे है।जबकि दिसम्बर माह का आगाज हो चुका है,एवं ठंड काफी चरम पर है,वही इस क्षेत्र के न्यूनतम तापमान 07 डिग्री हो चुका है,लेकिन इन असहायों के बीच अभी तक कम्बल वितरण नही हुआ है।कम्बल के अभाव में दिन में धूप का सहारा लेते है,वही रातों में लकड़ी जलाकर सोने को विवश है।जबकि 100 मीटर की दूरी पर एशिया की महारत्न कम्पनी कोयले की उत्पादन कर रही है,लेकिन इन गरीबो के बीच कोल कम्पनी भी मेहरबान नही है।जर्जर आवास में रहना एवं जर्जर सड़क पर चलना इनकी बेवसी बन गयी है।वर्ष 19 94-95 के दशक में पगार में बिरहोर कालोनी बना था,उसके बाद वर्ष 2010 में एक दो आवास बनाया गया था।उसके बाद पुनः आवास नही बनाया गया है।इस बाबत बुजुर्ग महिला चेडरी बिरहोरीन ने बताया कि हमलोगों को अभी तक कम्बल नही मिला है,रात में आग जलाकर सोते है।वही रूपा बिरहोरीन,सुमंती बिरहोरीन, गुड़िया बिरहोरीन ने कहा कि ठंड काफी है,लेकिन अभी तक कम्बल नही मिला है।

क्या कहती है वार्ड सदस्य-बिरहोर कालोनी के वार्ड सदस्य ममता बिरहोरीन ने बताया कि कम्बल के लिस्ट बनाकर बीडीओ विवेक कुमार को दे चुके है,लेकिन अभी तक कम्बल नही मिला है।

इस बाबत बीडीओ विवेक कुमार ने बताया कि कम्बल के संदर्भ में हम जिला से बात कर चुके है,10 दिन के अंदर कम्बल वितरण हो जाएगा।

जिले के सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य संस्थानों में से एक आरोग्यम अस्पताल द्वारा आयोजित निःशुल्क हृदय जांच शिविर संपन्न

हजारीबाग जिले के प्रमुख और विश्वसनीय स्वास्थ्य संस्थानों में से एक आरोग्यम अस्पताल द्वारा शुक्रवार को आयोजित निःशुल्क हृदय जांच शिविर संपन्न हुआ। शिविर का आयोजन सुबह 10:00 बजे से प्रारंभ होकर देर दोपहर करीब 4: 00 बजे तक चला, जिसके दौरान अस्पताल परिसर में लगातार मरीजों का आवागमन बना रहा। केवल शहर ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग जांच के लिए पहुंचे और डेढ़ सौ से अधिक मरीजों ने स्वास्थ्य जांच एवं उपचार का लाभ उठाया। शिविर में ईसीजी, ब्लड शुगर, बीपी, पल्स सहित हृदय संबंधी सभी आवश्यक जांचें पूर्णतः निःशुल्क की गईं। साथ ही हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उचित परामर्श और इलाज भी उपलब्ध कराया गया। मरीजों ने अस्पताल की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आरोग्यम अस्पताल में मिलने वाली सुविधा और विशेषज्ञ देखरेख ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मरीजों के लिए अत्यंत उपयोगी है। ऐसे शिविर नियमित रूप से होने चाहिए। शिविर का संचालन हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमन सिन्हा एवं डॉ. रवि रंजन की विशेषज्ञता और देखरेख में किया गया, जिससे मरीजों को सटीक जांच व गुणवत्तापूर्ण उपचार प्राप्त हो सका। दोनों चिकित्सकों ने मरीजों को हृदय स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए और नियमित जांच की अनिवार्यता पर जोर दिया। अस्पताल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा कि हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में समय पर जांच और जागरूकता ही जीवन बचाने का सबसे बड़ा माध्यम है। आरोग्यम अस्पताल समाज हित में भविष्य में भी इसी प्रकार के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करता रहेगा। वहीं अस्पताल के प्रशासक जया सिंह ने बताया कि आरोग्यम अस्पताल हमेशा से जनसरोकार और स्वास्थ्य जागरूकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता आया है। निःशुल्क हृदय जांच शिविर का उद्देश्य जिले के प्रत्येक नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना और हृदय रोगों को लेकर व्यापक जागरूकता फैलाना है। शिविर को सफल बनाने में अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अस्पताल ने सभी सहयोगियों तथा आम नागरिकों का आभार व्यक्त किया है और भविष्य में और भी बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता दोहराई है।

गांव - गांव तक पहुंच रही है बैंकिंग
*बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन शिखर अग्रवाल से स्ट्रीटबज्ज न्यूज की खास बातचीत*


सवाल 1: भारत में अगर आज वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया की सफलता की कहानी कही जाए, तो उसमें बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड का नाम सबसे आगे आता है। यह कंपनी किस तरह आम भारतीयों को बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं से जोड़ रही है?

उत्तर : देश का सबसे बड़ा बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट नेटवर्क चलाने वाली हमारी कंपनी ने अब तक 45,000 से अधिक बीसी एजेंटों के माध्यम से गाँव-गाँव तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाई हैं। लाखों बुज़ुर्गों को घर बैठे पेंशन, करोड़ों महिलाओं को जन-धन खाते और बीमा योजनाएँ, तथा हज़ारों छोटे कारोबारियों को लोन और डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी है। इस वजह से आम आदमी भी यूपीआई, क्यूआर कोड, आधार आधारित लेन-देन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पा रहा है।

सवाल 2: आप डिजिटल इंडिया की ताक़त को कैसे देखते हैं?

उत्तर : मेरी मानना है कि डिजिटल भारत की असली ताक़त गाँव के आम आदमी के हाथ में मोबाइल और घर तक पहुँची बैंकिंग है।

सवाल 3: घर-घर बैंकिंग कैसे हो रही है? बीसी इसमें क्या भूमिका निभा रहे हैं?

उत्तर: पहले गाँव-कस्बे के लोगों को बैंक जाने के लिए 15–20 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ता था। अब बीसी यानी बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट आपके घर या मोहल्ले में ही बैंक बन गए हैं। बीएलएस के एजेंट मशीन लेकर आते हैं, आपका आधार और फिंगरप्रिंट से पहचान करते हैं और तुरंत पैसे निकाल देते हैं। यही है डोर-स्टेप बैंकिंग।

सवाल 4: जन-धन योजना ने इसमें क्या भूमिका निभाई है?

उत्तर: जन-धन योजना ने असली आधार तैयार किया। पहले करोड़ों लोगों का कोई बैंक खाता नहीं था। 2014 से अब तक 55 करोड़ से ज़्यादा जन-धन खाते खुले हैं, जिनमें आधे से ज़्यादा महिलाएं हैं। यह पहली बार हुआ जब गाँव की गृहिणी या मज़दूर महिला का भी अपना बैंक खाता बना।

सवाल 5: जन-धन खातों से आम लोगों को क्या फायदा मिला?
उत्तर: सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब सरकारी पैसा सीधे खाते में आता है। पेंशन, छात्रवृत्ति, गैस सब्सिडी सीधे खाते में जमा हो रही है। पहले बिचौलियों का चक्कर था, अब पैसा सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से पहुँच रहा है।

सवाल 6: महिलाएं खुद बीसी (बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट) कैसे बन सकती हैं?

उत्तर: कोई भी पढ़ी-लिखी महिला, जिसके पास आधार और बैंक से जुड़ी बुनियादी जानकारी है, बीसी एजेंट बन सकती है। बीएलएस जैसी कंपनियाँ महिलाओं को ट्रेनिंग और मशीन देती हैं। इसके बाद वे अपने गाँव में खाता खोलना, पैसे निकालना-जमा करना, बीमा व पेंशन नामांकन जैसे काम करती हैं। हर ट्रांजैक्शन पर उन्हें कमीशन और आय मिलती है। इससे महिलाएं न सिर्फ़ आत्मनिर्भर बनती हैं बल्कि अपने गाँव की औरतों को भी बैंकिंग से जोड़ती हैं।

सवाल 7: डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित बनाने के लिए लोग क्या सावधानियाँ रखें?

उत्तर: बहुत ज़रूरी है कि लोग सुरक्षित बैंकिंग की आदतें अपनाएँ - अपना ओटीपी या पिन कभी किसी को न बताएं। अजनबी लिंक पर क्लिक न करें। केवल भरोसेमंद ऐप और बैंक की वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। अगर कोई धोखाधड़ी हो तो तुरंत बैंक और पुलिस को बताएं।
बीएलएस अपने एजेंटों और ग्राहकों को सुरक्षित लेन-देन के बारे में जागरूक कर रहा है।

सवाल 8: बीएलएस इस काम में सबसे आगे कैसे है?

उत्तर: बीएलएस के पास भारत में सबसे बड़ा बिज़नेस कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) नेटवर्क है। आज हमारे पास 45,000 से अधिक बीसी एजेंट्स हैं और केवल वित्तीय वर्ष 25 में ही 140 मिलियन से ज्यादा ट्रांज़ैक्शन पूरे किए गए हैं। हमारी सोच बिल्कुल साफ है - “कोई भी परिवार बैंकिंग से दूर न रहे।”

सवाल 9: छोटे कारोबारी और महिला उद्यमियों को बीसी कैसे मदद करता है?

उत्तर: महिलाएं सिलाई, अचार या दुकान जैसे छोटे कारोबार करती हैं। अब वे बैंक खाता खोलकर लोन ले सकती हैं। बीसी उन्हें सरकारी योजना और बैंक तक जोड़ते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे रोज़गार देने वाली उद्यमी बन रही हैं।

सवाल 10: आगे का भविष्य कैसा देखते हैं?

उत्तर: अभी पहला कदम था पहुंच - हर घर तक बैंकिंग। अब अगला कदम है सशक्तिकरण हर आदमी और औरत को सेविंग्स, बीमा, लोन और डिजिटल लेन-देन का भरोसा दिलाना। जब गाँव का आम आदमी सुरक्षित और आत्मनिर्भर होगा, तब ही विकसित भारत 2047 का सपना पूरा होगा।
अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने आधा दर्जन वाहनों को रौंदा, अस्पताल के पिलर से टकराकर पलटी

*थार गाड़ी को ओवरटेक करते हुए अनियंत्रित हुई स्कॉर्पियो,दो घायल

गोंडा।जिले के छपिया थाना क्षेत्र के मसकनवां बाजार में बीती रात लगभग 10 बजे एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो (up 32 pn 7912) अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े चार मोटरसाइकिल, एक स्कूटी और एक मारूति अल्टो कार(up 43 Az 9670) को रौंदते हुए अवध मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के पिलर से जा टकराई।टक्कर इतनी भीषण थी कि स्कार्पियो पलट गयी और अस्पताल के अगले हिस्से की दीवार व छत में दरारें आ गयी।यह हादसा मसकनवां से बभनान रोड पर एक थार कार को ओवरटेक करने के प्रयास में हुआ।तेज धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आये और घटनास्थल पर क्षतिग्रस्त वाहनों को देखकर हैरान रह गए।स्कार्पियो में सवार खजुरी गांव निवासी नीलू सिंह व चालक गंभीर रूप से घायल हो गए।मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें किसी तरह वाहन से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।इस दौरान हादसे की चपेट में आए एक अन्य युवक का पैर टूट गया जिसे मसकनवां चौकी के पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपिया पहुंचाया।घटना की सूचना मिलने पर मसकनवां चौकी प्रभारी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।उन्होंने क्षतिग्रस्त स्कार्पियो को जेसीबी की मदद से थाने भिजवाया।देर रात हुई इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस से रात के समय बभनान रोड पर तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण लगाने की मांग की है।

धनबाद के केंदुआडीह में गैस रिसाव से हड़कंप: 2 महिलाओं की मौत, 24 से अधिक लोग बीमार

इलाका भूमिगत आग के कारण डेंजर जोन घोषित; DC आदित्य रंजन ने जांच के लिए कमेटी गठित की


झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत केंदुआडीह इलाके से गैस रिसाव का गंभीर मामला सामने आया है। बुधवार दोपहर को हुई इस घटना में अब तक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग बीमार पड़ गए हैं। बीमार लोगों को उल्टी, चक्कर और बेचैनी की शिकायत के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया है।

घटना का विवरण

समय और स्थान: बुधवार दोपहर, केंदुआडीह इलाका।

घटना: स्थानीय लोगों के मुताबिक, एकाएक तेज दुर्गंध के साथ गैस फैली और रिसाव के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

मृतक: गैस रिसाव के कारण जिन दो महिलाओं की मौत हुई है, उनकी पहचान ललिता देवी और प्रियंका देवी के रूप में हुई है। हालांकि, मौत की सही वजह (गैस रिसाव या कुछ और) पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

डेंजर जोन: केंदुआडीह का यह इलाका भूमिगत कोयले में लगी आग के कारण पहले से ही डेंजर जोन घोषित है।

प्रशासनिक कार्रवाई और आक्रोश

दो महिलाओं की मौत की खबर के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला, जो सड़कों तक पहुँच गया। लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

जांच कमेटी: डिप्टी कमिश्नर आदित्य रंजन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एक जांच कमेटी का गठन किया है।

राहत निर्देश: इसके साथ ही, डीसी ने बीसीसीएल (BCCL) मैनेजमेंट को प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए तुरंत राहत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

खतरे में लोगों की जिंदगी

धनबाद का अग्निप्रभावित और भू-धंसान वाला यह क्षेत्र हमेशा खतरे के साये में रहता है। कब कहाँ जमीन धंस जाए या गोफ बन जाए, यह कोई नहीं जानता, जिससे यहाँ रहने वाले हजारों लोगों की जिंदगी हर पल दांव पर लगी रहती है।

पिछला हादसा: इससे पहले, सितंबर महीने में बाघमारा के कतरास में बीसीसीएल खदान क्षेत्र में जमीन धंसने से एक सर्विस वैन 300 फीट से ज्यादा गहरी खाई में गिर गई थी, जिसमें 6 मजदूरों की मौत हो गई थी।

अगस्त की घटना: अगस्त के महीने में केंदुआ के गोधर एरिया में भी एक महिला अपने घर के बाहर खड़ी थी, जब उनके पैर के नीचे की जमीन धंस गई थी। हालांकि, कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

इंडिगो की देशभर में 500 से ज्यादा उड़ानें रद्द, एयरलाइन ने सरकार से मांगी 10 फरवरी तक की मोहलत

#indigodisruptionflightscancelledairline_apologises

भारत की प्रीमियम एयरलाइन इंडिगो की ऑपरेशनल दिक्कतें जारी हैं। गुरुवार को एयरलाइन ने फ्लाइट्स कैंसिल करने का रिकॉर्ड कायम कर दिया। इंडिगो की 500 से ज्यादा उड़ानें अब तक रद्द हो चुकी हैं। इनके अलावा बड़ी संख्या में उड़ानों में देरी भी हुई है। लगातार तीसरे दिन एयरलाइन ने कई उड़ानें रद्द की हैं, जिसके चलते हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूरे देश के एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल है।

जानकारी के मुताबिक 4 नवंबर को पूरे देश में इंडिगो की 550 फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं। इनमें से करीब 191 तो दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और हैदराबाद रूट की थीं। इतने बड़े स्तर पर उड़ानें रद्द होने से एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मच गई।

यात्रियों की बढ़ी मुश्किल

इंडिगो की फ्लाइट में देरी और रद होने के कारण यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। लोग घंटों तक एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं। फ्लाइट्स रद्द होने के बाद यात्री टर्मिनल पर ही अपना सामान रखकर सही जानकारी मिलने का इंतजार करने लगे। इस दौरान दिल्ली एयरपोर्ट पर इंडिगो के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। कुछ ऐसा ही हाल हैदराबाद एयरपोर्ट पर भी दिखा, जहां गुरुवार को हालात बेहद खराब रहे। इस वजह से 37 उड़ानें रद्द हुईं, कई यात्री रातभर फंसे रहे, कोई उचित सूचना या व्यवस्था नहीं की गई। इस दौरान कुछ यात्री गुस्से में एयरलाइन के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए, 'इंडिगो बंद करो… इंडिगो मुर्दाबाद' कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, 12 घंटे से अधिक इंतजार कराया गया, होटल या व्यवस्था नहीं दी गई, हर घंटे कहा गया- 'क्रू आने वाला है।'

अगले दो-तीन दिन और बनी रहेगी समस्या

एयरलाइन ने इस पर एक बयान जारी किया है। अपने बयान में इंडिगो ने कहा कि पिछले दो दिनों में इंडिगो के नेटवर्क और ऑपरेशन में बहुत ज्यादा दिक्कतें आई हैं। हम अपने सभी कस्टमर्स और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स से दिल से माफी मांगते हैं, जिन पर इन घटनाओं का असर पड़ा है। इंडिगो की टीमें MOCA, DGCA, BCAS, AAI और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स के सपोर्ट से पूरी मेहनत से काम कर रही हैं। हम इन देरी के असर को कम करने और नॉर्मल हालात वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।एयरलाइन ने कहा है कि ठंड के मौसम में जब धुंध और भीड़ रहती है, तब क्रू की कमी की समस्या और गंभीर हो गई। इंडिगो ने कहा है शेड्यूल को स्थिर करने की कोशिशें अगले दो-तीन और जारी रह सकती हैं।

डीजीसीए ने मांगा जवाब

बता दें कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनियों में से एक इंडिगो पिछले कुछ दिनों से ऑपरेशनल दिक्कतों से जूझ रही है। बता दें कि पिछले महीने नवंबर में एयरलाइन की 1,232 फ्लाइट्स कैंसिल हुईं और कई फ्लाइट्स में बहुत ज्यादा देरी हुई। परफॉर्मेंस में गिरावट के बाद, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने जांच शुरू करने का फैसला किया। इसने एयरलाइन से ऑपरेशन में भारी गिरावट के पीछे के कारण बताने को कहा। सिविल एविएशन बॉडी ने एयरलाइन से नवंबर महीने में तेजी से फ्लाइट कैंसिल होने और देरी होने के पीछे सही कारण बताने को कहा।

औरंगाबाद में पुल निर्माण को लेकर बवाल: घटिया मटेरियल के आरोप पर ग्रामीणों का हंगामा, खनन विभाग ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

औरंगाबाद बिहार से धीरेन्द्र पाण्डेय 

औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड स्थित मोहन बिगहा गांव के समीप बन रहे पुल को लेकर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत बटाने नदी पर करीब 16 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस पुल पर ग्रामीणों ने घटिया मटेरियल के इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण एजेंसी की ओर से नदी से अवैध तरीके से मिट्टी युक्त बालू निकालकर उसे निर्माण में उपयोग करने की तैयारी है, जिससे पुल की मजबूती पर असर पड़ेगा और भविष्य में जान-माल का खतरा बढ़ सकता है। यह पुल तैयार होने पर कुटुंबा और बारुण प्रखंड के दर्जनों गांवों को सीधा लाभ देगा। लंबे समय से आवाजाही की समस्या झेल रहे हजारों लोगों को प्रखंड मुख्यालय व बाजारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। निर्माण कार्य कुमार एंड राय कंस्ट्रक्शन को सौंपा गया है।

ग्रामीणों ने जताई सुरक्षा को लेकर चिंता

ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा नदी से निकाली गई खराब क्वालिटी की बालू को बेस कैंप पर जमा किया जा रहा है और उसी का उपयोग पुल के बेस निर्माण में किया जाएगा। उनका कहना है कि प्रदेश के कई हिस्सों में घटिया निर्माण सामग्री के कारण पुल टूटने की घटनाएं सामने आती रही हैं। ऐसे में वे अपने क्षेत्र में घटिया काम नहीं होने देंगे। 

खनन विभाग की टीम ने दिया निर्देश

शिकायत मिलने पर खनन विभाग व रिसियप पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने निर्माण एजेंसी को नदी से अवैध बालू उठाव तुरंत बंद करने का निर्देश दिया और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। थाना अध्यक्ष संजीत राम ने बताया कि औपचारिक शिकायत मिलने पर FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

छठ घाट को भी खतरा

रिसियप पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि पुटू यादव ने बताया कि जिस स्थान से बालू निकाला जा रहा है, उसके पास ही छठ पूजा के दौरान अस्थायी घाट बनाया जाता है। आसपास के कई गांवों के लोग यहां आकर सूर्य देव की उपासना करते हैं। ऐसे में अवैध खनन से घाट की संरचना व श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर संकट मंडरा सकता है। ग्रामीण विक्की कुमार सहित अन्य लोगों ने निर्माण में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की मांग की है। साथ ही खनन विभाग से कड़ी कार्रवाई की अपील की है।

पुल बनने से होगा दो विधानसभा क्षेत्रों का जुड़ाव

पुल निर्माण के बाद कुटुंबा और नबीनगर विधानसभा क्षेत्र का सीधा संपर्क स्थापित होगा। वर्तमान में नदी के उस पार रहने वाले लोगों को 10 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर रिसियप या अंबा बाजार जाना पड़ता है। पुल के बन जाने से आवाजाही बेहद सुगम हो जाएगी।

ठेकेदार ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

वहीं, मौके पर मौजूद संवेदक अनुज कुमार सिंह ने सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि पुल का वास्तविक निर्माण कार्य अभी शुरू ही नहीं हुआ है और फिलहाल केवल डायवर्सन बनाया जा रहा है। नदी की खुदाई में निकली बालू को चास में स्टॉक किया गया है, जिसका इस्तेमाल अभी नहीं किया जा रहा। उन्होंने दावा किया कि कुछ ग्रामीणों ने काम की मांग की थी, और मना करने पर उन्होंने साजिशन हंगामा खड़ा कर दिया।

ग्रामीणों और निर्माण एजेंसी के बीच यह विवाद अब खनन विभाग की जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकेगा, लेकिन फिलहाल पुल निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवालों ने प्रशासन को सतर्क जरूर कर दिया है।

निजी अस्पतालों से मरीजों को घर छोड़ने के नाम पर 108 एम्बुलेंस चालक द्वारा वसूले जा रहे पैसे, मरीजों ने लगाए गंभीर आरोप


मावाना। क्षेत्र में 108 एम्बुलेंस सेवा को लेकर एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। सरकारी 108 एम्बुलेंस, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में मरीजों को निशुल्क अस्पताल तक पहुँचाना है, अब कुछ चालक और हेल्पर द्वारा निजी फायदे के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।

ताज़ा मामला मावाना के एक निजी अस्पताल से निकलकर सामने आया है, जहाँ फलावदा निवासी एक मरीज को घर छोड़ने के नाम पर एम्बुलेंस चालक द्वारा कथित रूप से पैसे वसूल किए गए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मरीज को मावाना के एक निजी अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, जिसके बाद परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया। एम्बुलेंस UP32 FG 2718 मौके पर पहुँची, जिसे चलाने वाला चालक हरमिंदर बताया जा रहा है, जबकि उसके साथ हेल्पर के रूप में ओमकार मौजूद था।

आरोप है कि एम्बुलेंस चालक ने मरीज के परिजनों को साफ-साफ कहा कि—

“फलावदा तक जाने का किराया देना पड़ेगा, बिना पैसे एम्बुलेंस नहीं जाएगी।”

मजबूरी में परिजनों को चालक द्वारा मांगी गई राशि का भुगतान करना पड़ा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है। कई बार 108 एम्बुलेंस चालक मरीजों को अस्पताल लाने–ले जाने के दौरान उनसे पैसे मांगते हैं, जबकि यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है। लोगों का आरोप है कि चालक और हेल्पर निजी अस्पतालों से मिले-जुले तरीके से ऐसे मरीज तलाशते हैं, जिन्हें घर छोड़ा जाता है और फिर उनसे शुल्क लिया जाता है।

क्षेत्रवासियों ने बताया कि—

108 सेवा का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है।

निजी अस्पतालों के बाहर एम्बुलेंस अधिकांश समय खड़ी रहती हैं।

मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने पैसे वसूले जाते हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि 108 एम्बुलेंस सेवा की कड़ी निगरानी की जाए, विशेषकर उन एम्बुलेंसों की जो निजी अस्पतालों के बाहर घंटों खड़ी रहती हैं।

उन्होंने कहा कि—

“यदि सरकार की आपातकालीन सेवा ही पैसा लेने लगे तो गरीब परिवारों का क्या होगा? प्रशासन को इस मामले में तुरंत जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”

इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग से भी जवाबदेही तय किए जाने की मांग उठ रही है। मावाना से फलावदा तक का यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों में सरकारी 108 सेवा के दुरुपयोग को लेकर गहरी नाराजगी है।

ग्राम पंचायत कलवारी चुनाव में अलग-अलग पोलिंग बूथ की मांग, डीएम से गुहार

गोंडा(करनैलगंज)। तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत विकास खंड हलधरमऊ के ग्राम पंचायत कलवारी के विकास सिंह पुत्र जगप्रसाद, निवासी ग्राम जिगिनिया, सहित समस्त ग्रामवासियों की ओर से पंचायत चुनाव मे अलग-अलग पोलिंग बूथ बनाने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ग्राम पंचायत के तीनों राजस्व ग्राम कलवारी, पूरे दीक्षित और जिगिनिया में अलग-अलग पोलिंग बूथ निर्धारित होते हैं, जिससे मतदाताओं को मतदान करने में काफी सुविधा मिलती है। लेकिन ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव में अब तक सभी राजस्व ग्रामों को एक ही बूथ प्राथमिक विद्यालय कलवारी में सम्मिलित कर मतदान कराया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार इससे दूर-दराज के मतदाताओं, विशेषकर असहाय व बुजुर्ग लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रार्थना पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पंचायत क्षेत्र के सभी राजस्व ग्रामों में प्राथमिक विद्यालय मौजूद है और लोकसभा-विधानसभा चुनाव की वोटिंग भी वहीं होती है। ऐसे में पंचायत चुनाव में भी प्रत्येक राजस्व ग्राम में अलग-अलग पोलिंग बूथ बनाए जाना उचित होगा,जिससे कोई भी मतदाता दूरी या असुविधा के कारण मतदान से वंचित न रह जाए। प्रशासन से मामले को संज्ञान में लेकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की गई है,ताकि आगामी पंचायत चुनाव में मतदान प्रक्रिया अधिक सुगम और पारदर्शी बन सके।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर आंदोलन का ऐलान छात्रो की महा पंचायत में जुटे कई संगठनो के लोग

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर विभिन्न छात्र संगठन एकजुट हो गए है।शुक्रवार को छात्रो की एक बड़ी महापंचायत आयोजित की गई जिसमें एनएसयूआइ समाजवादी छात्र सभा एसएफआइ और दिशा छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ता शामिल हुए।सभी संगठनो ने एक स्वर में छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग करते हुए बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी।

विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेताओं ने दिया समर्थन

इस दौरान विश्वविद्यालय का गेट के बाहर महापंचायत में सैकड़ो की संख्या में छात्र-छात्राएं और विभिन्न संगठनो के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभा को विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेताओ ने भी संबोधित किया।पूर्व अध्यक्ष अजीत यादव पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव पूर्व प्रत्याशी डीपी यादव तथा छात्र नेता विवेकानन्द पाठक ने आन्दोलन को अपना समर्थन दिया और छात्रों से लोकतांत्रिक अधिकारो के लिए संघर्षरत रहने का आह्वान किया।

आन्दोलन को चरणबद्ध ढंग से बढ़ाने की रणनीति

छात्र नेताओ ने कहा कि छात्र संघ विश्वविद्यालय की रीढ़ है इसके बिना छात्र हितो की आवाज कमजोर पड़ जाती है। लंबे समय से छात्र संघ चुनाव न कराए जाने से छात्रो में रोष व्याप्त है।आन्दोलन को चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई जा रही है।

आन्दोलन से जुड़ा संयुक्त ज्ञापन व रणनीति पत्र जारी करेगे

महा पंचायत के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि सभी छात्र संगठन मिलकर शुक्रवार की शाम को आन्दोलन से संबंधित संयुक्त ज्ञापन व रणनीति पत्र जारी करेगे जिसमें आगामी कार्यक्रमो की घोषणा की जाएगी।छात्र नेताओ ने स्पष्ट किया कि जब तक छात्र संघ चुनाव बहाल नही होते तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।छात्र आन्दोलन की आवाज फिर से उठने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए है।

आन्दोलन का असर परीक्षाओ पर पड़ सकता है

उधर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में परीक्षाएं शुरू हो गई है ऐसे में आंदोलन का असर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं पर पड़ना तय है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन रास्ता खोजने में जुटा है। इस दौरान आदर्श भदौरिया और प्रियांशु विद्रोही सहित तमाम छात्र नेताओ ने इस आंदोलन को निर्णायक करने के लिए छात्रो का समर्थन भी मांगा।

केरेडारी के पगार में कम्बल के अभाव में लकड़ी जलाकर सोते हैं बिरहोर परिवार के लोग।

केरेडारी।केरेडारी प्रखण्ड के पगार बिरहोर कालोनी में निवास करने वाले आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के लोग ठंड से ठिठुर रहे है।जबकि दिसम्बर माह का आगाज हो चुका है,एवं ठंड काफी चरम पर है,वही इस क्षेत्र के न्यूनतम तापमान 07 डिग्री हो चुका है,लेकिन इन असहायों के बीच अभी तक कम्बल वितरण नही हुआ है।कम्बल के अभाव में दिन में धूप का सहारा लेते है,वही रातों में लकड़ी जलाकर सोने को विवश है।जबकि 100 मीटर की दूरी पर एशिया की महारत्न कम्पनी कोयले की उत्पादन कर रही है,लेकिन इन गरीबो के बीच कोल कम्पनी भी मेहरबान नही है।जर्जर आवास में रहना एवं जर्जर सड़क पर चलना इनकी बेवसी बन गयी है।वर्ष 19 94-95 के दशक में पगार में बिरहोर कालोनी बना था,उसके बाद वर्ष 2010 में एक दो आवास बनाया गया था।उसके बाद पुनः आवास नही बनाया गया है।इस बाबत बुजुर्ग महिला चेडरी बिरहोरीन ने बताया कि हमलोगों को अभी तक कम्बल नही मिला है,रात में आग जलाकर सोते है।वही रूपा बिरहोरीन,सुमंती बिरहोरीन, गुड़िया बिरहोरीन ने कहा कि ठंड काफी है,लेकिन अभी तक कम्बल नही मिला है।

क्या कहती है वार्ड सदस्य-बिरहोर कालोनी के वार्ड सदस्य ममता बिरहोरीन ने बताया कि कम्बल के लिस्ट बनाकर बीडीओ विवेक कुमार को दे चुके है,लेकिन अभी तक कम्बल नही मिला है।

इस बाबत बीडीओ विवेक कुमार ने बताया कि कम्बल के संदर्भ में हम जिला से बात कर चुके है,10 दिन के अंदर कम्बल वितरण हो जाएगा।

जिले के सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य संस्थानों में से एक आरोग्यम अस्पताल द्वारा आयोजित निःशुल्क हृदय जांच शिविर संपन्न

हजारीबाग जिले के प्रमुख और विश्वसनीय स्वास्थ्य संस्थानों में से एक आरोग्यम अस्पताल द्वारा शुक्रवार को आयोजित निःशुल्क हृदय जांच शिविर संपन्न हुआ। शिविर का आयोजन सुबह 10:00 बजे से प्रारंभ होकर देर दोपहर करीब 4: 00 बजे तक चला, जिसके दौरान अस्पताल परिसर में लगातार मरीजों का आवागमन बना रहा। केवल शहर ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग जांच के लिए पहुंचे और डेढ़ सौ से अधिक मरीजों ने स्वास्थ्य जांच एवं उपचार का लाभ उठाया। शिविर में ईसीजी, ब्लड शुगर, बीपी, पल्स सहित हृदय संबंधी सभी आवश्यक जांचें पूर्णतः निःशुल्क की गईं। साथ ही हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उचित परामर्श और इलाज भी उपलब्ध कराया गया। मरीजों ने अस्पताल की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आरोग्यम अस्पताल में मिलने वाली सुविधा और विशेषज्ञ देखरेख ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मरीजों के लिए अत्यंत उपयोगी है। ऐसे शिविर नियमित रूप से होने चाहिए। शिविर का संचालन हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमन सिन्हा एवं डॉ. रवि रंजन की विशेषज्ञता और देखरेख में किया गया, जिससे मरीजों को सटीक जांच व गुणवत्तापूर्ण उपचार प्राप्त हो सका। दोनों चिकित्सकों ने मरीजों को हृदय स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए और नियमित जांच की अनिवार्यता पर जोर दिया। अस्पताल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा कि हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में समय पर जांच और जागरूकता ही जीवन बचाने का सबसे बड़ा माध्यम है। आरोग्यम अस्पताल समाज हित में भविष्य में भी इसी प्रकार के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करता रहेगा। वहीं अस्पताल के प्रशासक जया सिंह ने बताया कि आरोग्यम अस्पताल हमेशा से जनसरोकार और स्वास्थ्य जागरूकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता आया है। निःशुल्क हृदय जांच शिविर का उद्देश्य जिले के प्रत्येक नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना और हृदय रोगों को लेकर व्यापक जागरूकता फैलाना है। शिविर को सफल बनाने में अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अस्पताल ने सभी सहयोगियों तथा आम नागरिकों का आभार व्यक्त किया है और भविष्य में और भी बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता दोहराई है।

गांव - गांव तक पहुंच रही है बैंकिंग
*बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन शिखर अग्रवाल से स्ट्रीटबज्ज न्यूज की खास बातचीत*


सवाल 1: भारत में अगर आज वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया की सफलता की कहानी कही जाए, तो उसमें बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड का नाम सबसे आगे आता है। यह कंपनी किस तरह आम भारतीयों को बैंकिंग और डिजिटल सेवाओं से जोड़ रही है?

उत्तर : देश का सबसे बड़ा बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट नेटवर्क चलाने वाली हमारी कंपनी ने अब तक 45,000 से अधिक बीसी एजेंटों के माध्यम से गाँव-गाँव तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाई हैं। लाखों बुज़ुर्गों को घर बैठे पेंशन, करोड़ों महिलाओं को जन-धन खाते और बीमा योजनाएँ, तथा हज़ारों छोटे कारोबारियों को लोन और डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी है। इस वजह से आम आदमी भी यूपीआई, क्यूआर कोड, आधार आधारित लेन-देन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पा रहा है।

सवाल 2: आप डिजिटल इंडिया की ताक़त को कैसे देखते हैं?

उत्तर : मेरी मानना है कि डिजिटल भारत की असली ताक़त गाँव के आम आदमी के हाथ में मोबाइल और घर तक पहुँची बैंकिंग है।

सवाल 3: घर-घर बैंकिंग कैसे हो रही है? बीसी इसमें क्या भूमिका निभा रहे हैं?

उत्तर: पहले गाँव-कस्बे के लोगों को बैंक जाने के लिए 15–20 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ता था। अब बीसी यानी बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट आपके घर या मोहल्ले में ही बैंक बन गए हैं। बीएलएस के एजेंट मशीन लेकर आते हैं, आपका आधार और फिंगरप्रिंट से पहचान करते हैं और तुरंत पैसे निकाल देते हैं। यही है डोर-स्टेप बैंकिंग।

सवाल 4: जन-धन योजना ने इसमें क्या भूमिका निभाई है?

उत्तर: जन-धन योजना ने असली आधार तैयार किया। पहले करोड़ों लोगों का कोई बैंक खाता नहीं था। 2014 से अब तक 55 करोड़ से ज़्यादा जन-धन खाते खुले हैं, जिनमें आधे से ज़्यादा महिलाएं हैं। यह पहली बार हुआ जब गाँव की गृहिणी या मज़दूर महिला का भी अपना बैंक खाता बना।

सवाल 5: जन-धन खातों से आम लोगों को क्या फायदा मिला?
उत्तर: सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब सरकारी पैसा सीधे खाते में आता है। पेंशन, छात्रवृत्ति, गैस सब्सिडी सीधे खाते में जमा हो रही है। पहले बिचौलियों का चक्कर था, अब पैसा सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से पहुँच रहा है।

सवाल 6: महिलाएं खुद बीसी (बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट) कैसे बन सकती हैं?

उत्तर: कोई भी पढ़ी-लिखी महिला, जिसके पास आधार और बैंक से जुड़ी बुनियादी जानकारी है, बीसी एजेंट बन सकती है। बीएलएस जैसी कंपनियाँ महिलाओं को ट्रेनिंग और मशीन देती हैं। इसके बाद वे अपने गाँव में खाता खोलना, पैसे निकालना-जमा करना, बीमा व पेंशन नामांकन जैसे काम करती हैं। हर ट्रांजैक्शन पर उन्हें कमीशन और आय मिलती है। इससे महिलाएं न सिर्फ़ आत्मनिर्भर बनती हैं बल्कि अपने गाँव की औरतों को भी बैंकिंग से जोड़ती हैं।

सवाल 7: डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित बनाने के लिए लोग क्या सावधानियाँ रखें?

उत्तर: बहुत ज़रूरी है कि लोग सुरक्षित बैंकिंग की आदतें अपनाएँ - अपना ओटीपी या पिन कभी किसी को न बताएं। अजनबी लिंक पर क्लिक न करें। केवल भरोसेमंद ऐप और बैंक की वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। अगर कोई धोखाधड़ी हो तो तुरंत बैंक और पुलिस को बताएं।
बीएलएस अपने एजेंटों और ग्राहकों को सुरक्षित लेन-देन के बारे में जागरूक कर रहा है।

सवाल 8: बीएलएस इस काम में सबसे आगे कैसे है?

उत्तर: बीएलएस के पास भारत में सबसे बड़ा बिज़नेस कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) नेटवर्क है। आज हमारे पास 45,000 से अधिक बीसी एजेंट्स हैं और केवल वित्तीय वर्ष 25 में ही 140 मिलियन से ज्यादा ट्रांज़ैक्शन पूरे किए गए हैं। हमारी सोच बिल्कुल साफ है - “कोई भी परिवार बैंकिंग से दूर न रहे।”

सवाल 9: छोटे कारोबारी और महिला उद्यमियों को बीसी कैसे मदद करता है?

उत्तर: महिलाएं सिलाई, अचार या दुकान जैसे छोटे कारोबार करती हैं। अब वे बैंक खाता खोलकर लोन ले सकती हैं। बीसी उन्हें सरकारी योजना और बैंक तक जोड़ते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे रोज़गार देने वाली उद्यमी बन रही हैं।

सवाल 10: आगे का भविष्य कैसा देखते हैं?

उत्तर: अभी पहला कदम था पहुंच - हर घर तक बैंकिंग। अब अगला कदम है सशक्तिकरण हर आदमी और औरत को सेविंग्स, बीमा, लोन और डिजिटल लेन-देन का भरोसा दिलाना। जब गाँव का आम आदमी सुरक्षित और आत्मनिर्भर होगा, तब ही विकसित भारत 2047 का सपना पूरा होगा।
अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने आधा दर्जन वाहनों को रौंदा, अस्पताल के पिलर से टकराकर पलटी

*थार गाड़ी को ओवरटेक करते हुए अनियंत्रित हुई स्कॉर्पियो,दो घायल

गोंडा।जिले के छपिया थाना क्षेत्र के मसकनवां बाजार में बीती रात लगभग 10 बजे एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो (up 32 pn 7912) अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े चार मोटरसाइकिल, एक स्कूटी और एक मारूति अल्टो कार(up 43 Az 9670) को रौंदते हुए अवध मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के पिलर से जा टकराई।टक्कर इतनी भीषण थी कि स्कार्पियो पलट गयी और अस्पताल के अगले हिस्से की दीवार व छत में दरारें आ गयी।यह हादसा मसकनवां से बभनान रोड पर एक थार कार को ओवरटेक करने के प्रयास में हुआ।तेज धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आये और घटनास्थल पर क्षतिग्रस्त वाहनों को देखकर हैरान रह गए।स्कार्पियो में सवार खजुरी गांव निवासी नीलू सिंह व चालक गंभीर रूप से घायल हो गए।मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें किसी तरह वाहन से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।इस दौरान हादसे की चपेट में आए एक अन्य युवक का पैर टूट गया जिसे मसकनवां चौकी के पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपिया पहुंचाया।घटना की सूचना मिलने पर मसकनवां चौकी प्रभारी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।उन्होंने क्षतिग्रस्त स्कार्पियो को जेसीबी की मदद से थाने भिजवाया।देर रात हुई इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस से रात के समय बभनान रोड पर तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण लगाने की मांग की है।

धनबाद के केंदुआडीह में गैस रिसाव से हड़कंप: 2 महिलाओं की मौत, 24 से अधिक लोग बीमार

इलाका भूमिगत आग के कारण डेंजर जोन घोषित; DC आदित्य रंजन ने जांच के लिए कमेटी गठित की


झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत केंदुआडीह इलाके से गैस रिसाव का गंभीर मामला सामने आया है। बुधवार दोपहर को हुई इस घटना में अब तक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग बीमार पड़ गए हैं। बीमार लोगों को उल्टी, चक्कर और बेचैनी की शिकायत के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया है।

घटना का विवरण

समय और स्थान: बुधवार दोपहर, केंदुआडीह इलाका।

घटना: स्थानीय लोगों के मुताबिक, एकाएक तेज दुर्गंध के साथ गैस फैली और रिसाव के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

मृतक: गैस रिसाव के कारण जिन दो महिलाओं की मौत हुई है, उनकी पहचान ललिता देवी और प्रियंका देवी के रूप में हुई है। हालांकि, मौत की सही वजह (गैस रिसाव या कुछ और) पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

डेंजर जोन: केंदुआडीह का यह इलाका भूमिगत कोयले में लगी आग के कारण पहले से ही डेंजर जोन घोषित है।

प्रशासनिक कार्रवाई और आक्रोश

दो महिलाओं की मौत की खबर के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला, जो सड़कों तक पहुँच गया। लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

जांच कमेटी: डिप्टी कमिश्नर आदित्य रंजन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एक जांच कमेटी का गठन किया है।

राहत निर्देश: इसके साथ ही, डीसी ने बीसीसीएल (BCCL) मैनेजमेंट को प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए तुरंत राहत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

खतरे में लोगों की जिंदगी

धनबाद का अग्निप्रभावित और भू-धंसान वाला यह क्षेत्र हमेशा खतरे के साये में रहता है। कब कहाँ जमीन धंस जाए या गोफ बन जाए, यह कोई नहीं जानता, जिससे यहाँ रहने वाले हजारों लोगों की जिंदगी हर पल दांव पर लगी रहती है।

पिछला हादसा: इससे पहले, सितंबर महीने में बाघमारा के कतरास में बीसीसीएल खदान क्षेत्र में जमीन धंसने से एक सर्विस वैन 300 फीट से ज्यादा गहरी खाई में गिर गई थी, जिसमें 6 मजदूरों की मौत हो गई थी।

अगस्त की घटना: अगस्त के महीने में केंदुआ के गोधर एरिया में भी एक महिला अपने घर के बाहर खड़ी थी, जब उनके पैर के नीचे की जमीन धंस गई थी। हालांकि, कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

इंडिगो की देशभर में 500 से ज्यादा उड़ानें रद्द, एयरलाइन ने सरकार से मांगी 10 फरवरी तक की मोहलत

#indigodisruptionflightscancelledairline_apologises

भारत की प्रीमियम एयरलाइन इंडिगो की ऑपरेशनल दिक्कतें जारी हैं। गुरुवार को एयरलाइन ने फ्लाइट्स कैंसिल करने का रिकॉर्ड कायम कर दिया। इंडिगो की 500 से ज्यादा उड़ानें अब तक रद्द हो चुकी हैं। इनके अलावा बड़ी संख्या में उड़ानों में देरी भी हुई है। लगातार तीसरे दिन एयरलाइन ने कई उड़ानें रद्द की हैं, जिसके चलते हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूरे देश के एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल है।

जानकारी के मुताबिक 4 नवंबर को पूरे देश में इंडिगो की 550 फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं। इनमें से करीब 191 तो दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और हैदराबाद रूट की थीं। इतने बड़े स्तर पर उड़ानें रद्द होने से एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मच गई।

यात्रियों की बढ़ी मुश्किल

इंडिगो की फ्लाइट में देरी और रद होने के कारण यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। लोग घंटों तक एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं। फ्लाइट्स रद्द होने के बाद यात्री टर्मिनल पर ही अपना सामान रखकर सही जानकारी मिलने का इंतजार करने लगे। इस दौरान दिल्ली एयरपोर्ट पर इंडिगो के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। कुछ ऐसा ही हाल हैदराबाद एयरपोर्ट पर भी दिखा, जहां गुरुवार को हालात बेहद खराब रहे। इस वजह से 37 उड़ानें रद्द हुईं, कई यात्री रातभर फंसे रहे, कोई उचित सूचना या व्यवस्था नहीं की गई। इस दौरान कुछ यात्री गुस्से में एयरलाइन के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए, 'इंडिगो बंद करो… इंडिगो मुर्दाबाद' कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, 12 घंटे से अधिक इंतजार कराया गया, होटल या व्यवस्था नहीं दी गई, हर घंटे कहा गया- 'क्रू आने वाला है।'

अगले दो-तीन दिन और बनी रहेगी समस्या

एयरलाइन ने इस पर एक बयान जारी किया है। अपने बयान में इंडिगो ने कहा कि पिछले दो दिनों में इंडिगो के नेटवर्क और ऑपरेशन में बहुत ज्यादा दिक्कतें आई हैं। हम अपने सभी कस्टमर्स और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स से दिल से माफी मांगते हैं, जिन पर इन घटनाओं का असर पड़ा है। इंडिगो की टीमें MOCA, DGCA, BCAS, AAI और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स के सपोर्ट से पूरी मेहनत से काम कर रही हैं। हम इन देरी के असर को कम करने और नॉर्मल हालात वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।एयरलाइन ने कहा है कि ठंड के मौसम में जब धुंध और भीड़ रहती है, तब क्रू की कमी की समस्या और गंभीर हो गई। इंडिगो ने कहा है शेड्यूल को स्थिर करने की कोशिशें अगले दो-तीन और जारी रह सकती हैं।

डीजीसीए ने मांगा जवाब

बता दें कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनियों में से एक इंडिगो पिछले कुछ दिनों से ऑपरेशनल दिक्कतों से जूझ रही है। बता दें कि पिछले महीने नवंबर में एयरलाइन की 1,232 फ्लाइट्स कैंसिल हुईं और कई फ्लाइट्स में बहुत ज्यादा देरी हुई। परफॉर्मेंस में गिरावट के बाद, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने जांच शुरू करने का फैसला किया। इसने एयरलाइन से ऑपरेशन में भारी गिरावट के पीछे के कारण बताने को कहा। सिविल एविएशन बॉडी ने एयरलाइन से नवंबर महीने में तेजी से फ्लाइट कैंसिल होने और देरी होने के पीछे सही कारण बताने को कहा।

औरंगाबाद में पुल निर्माण को लेकर बवाल: घटिया मटेरियल के आरोप पर ग्रामीणों का हंगामा, खनन विभाग ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

औरंगाबाद बिहार से धीरेन्द्र पाण्डेय 

औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड स्थित मोहन बिगहा गांव के समीप बन रहे पुल को लेकर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत बटाने नदी पर करीब 16 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस पुल पर ग्रामीणों ने घटिया मटेरियल के इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण एजेंसी की ओर से नदी से अवैध तरीके से मिट्टी युक्त बालू निकालकर उसे निर्माण में उपयोग करने की तैयारी है, जिससे पुल की मजबूती पर असर पड़ेगा और भविष्य में जान-माल का खतरा बढ़ सकता है। यह पुल तैयार होने पर कुटुंबा और बारुण प्रखंड के दर्जनों गांवों को सीधा लाभ देगा। लंबे समय से आवाजाही की समस्या झेल रहे हजारों लोगों को प्रखंड मुख्यालय व बाजारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। निर्माण कार्य कुमार एंड राय कंस्ट्रक्शन को सौंपा गया है।

ग्रामीणों ने जताई सुरक्षा को लेकर चिंता

ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा नदी से निकाली गई खराब क्वालिटी की बालू को बेस कैंप पर जमा किया जा रहा है और उसी का उपयोग पुल के बेस निर्माण में किया जाएगा। उनका कहना है कि प्रदेश के कई हिस्सों में घटिया निर्माण सामग्री के कारण पुल टूटने की घटनाएं सामने आती रही हैं। ऐसे में वे अपने क्षेत्र में घटिया काम नहीं होने देंगे। 

खनन विभाग की टीम ने दिया निर्देश

शिकायत मिलने पर खनन विभाग व रिसियप पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने निर्माण एजेंसी को नदी से अवैध बालू उठाव तुरंत बंद करने का निर्देश दिया और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। थाना अध्यक्ष संजीत राम ने बताया कि औपचारिक शिकायत मिलने पर FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

छठ घाट को भी खतरा

रिसियप पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि पुटू यादव ने बताया कि जिस स्थान से बालू निकाला जा रहा है, उसके पास ही छठ पूजा के दौरान अस्थायी घाट बनाया जाता है। आसपास के कई गांवों के लोग यहां आकर सूर्य देव की उपासना करते हैं। ऐसे में अवैध खनन से घाट की संरचना व श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर संकट मंडरा सकता है। ग्रामीण विक्की कुमार सहित अन्य लोगों ने निर्माण में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की मांग की है। साथ ही खनन विभाग से कड़ी कार्रवाई की अपील की है।

पुल बनने से होगा दो विधानसभा क्षेत्रों का जुड़ाव

पुल निर्माण के बाद कुटुंबा और नबीनगर विधानसभा क्षेत्र का सीधा संपर्क स्थापित होगा। वर्तमान में नदी के उस पार रहने वाले लोगों को 10 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर रिसियप या अंबा बाजार जाना पड़ता है। पुल के बन जाने से आवाजाही बेहद सुगम हो जाएगी।

ठेकेदार ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

वहीं, मौके पर मौजूद संवेदक अनुज कुमार सिंह ने सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि पुल का वास्तविक निर्माण कार्य अभी शुरू ही नहीं हुआ है और फिलहाल केवल डायवर्सन बनाया जा रहा है। नदी की खुदाई में निकली बालू को चास में स्टॉक किया गया है, जिसका इस्तेमाल अभी नहीं किया जा रहा। उन्होंने दावा किया कि कुछ ग्रामीणों ने काम की मांग की थी, और मना करने पर उन्होंने साजिशन हंगामा खड़ा कर दिया।

ग्रामीणों और निर्माण एजेंसी के बीच यह विवाद अब खनन विभाग की जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष तक पहुंच सकेगा, लेकिन फिलहाल पुल निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवालों ने प्रशासन को सतर्क जरूर कर दिया है।