कांग्रेस का आरोप: एनडीए का 20 साल बिहार के लिए विनाश काल*
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प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी नेताओं ने एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बिहार में एनडीए शासन के 20 सालों को विनाश काल बताया। *आरोपों की सूची* 1. *पलायन और बेरोजगारी*: बिहार में 20 सालों में भाजपा-जेडीयू राज ने संसाधनों की लूट की और नागरिकों को गरीबी में झोंक दिया। 94 लाख परिवारों की मासिक आमदनी 6000 रु. से कम है। 2. *युवा बेरोजगार*: बिहार में GER 17.1% है, और छात्र पलायन कर रहे हैं। जब युवा आवाज़ उठाते हैं, तो उन पर लाठियाँ बरसाई जाती हैं। 3. *भर्ती और प्रवेश परीक्षा घोटाले*: बिहार प्रवेश और भर्ती परीक्षा घोटालों का हब बन गया है। पिछले 7 सालों में 10 से अधिक भर्ती और प्रवेश परीक्षा घोटाले हुए हैं। 4. *अपराध और गुंडाराज*: बिहार में अपराधियों ने गाज़ गिराई है। बलात्कार, अपहरण, हत्या आम बात हो गई है। पिछले 6 माह में 11 बड़े उद्योगपतियों को घर में घुसकर गोली मारी गई है। 5. *भोध्रष्टाचार*: बिहार में लूट की खुली छूट है। सत्ता में आते ही 1000 करोड़ का सृजन घोटाला किया गया। भाजपा-जेडीयू राज में 10 विभागों में 70 हज़ार करोड़ से अधिक के गबन की आशंका कैग ने जताई है। *कांग्रेस का दावा* - बिहार के अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, स्कूलों में बिजली नहीं, युवाओं को रोजगार नहीं, किसानों को आमदनी नहीं, बेटियों को सुरक्षा नहीं। - अब पूरा बिहार चिल्ला रहा है — “घूसखोर, गद्दी छोड़!”
हम किसी का विरोध नहीं करते लेकिन जहां मेरे समाज की बात होगी खड़ी मिलेगी : कविता तिवारी


लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता महिला कविता तिवारी ने मुखर होकर कहा कि सामाजिक सौहार्द समरसता बिगाड़ने का काम भीम आर्मी के कथित गुंडे कर रहे हैं बाबा साहेब का सब कुछ अच्छा चल रहा था,राइट लोग सारी आलोचना गांधी_नेहरू की किया करते थे।राइट विंग भी  बस अच्छी अच्छी बाते चुन चुन कर बताया करता था ,फिर बाबा साहेब के अनुयायियों ने हर किसी को गाली देना शुरू कर दिया । भगवान तक की नहीं छोड़ा तो लोगो का इंटरेस्ट जाग गया बाबा साहेब की जानने का रही सही कसर अब हाईकोर्ट बार एसोशिएशन के पूर्व चेयरमैन से पंगा ले कर पूरी कर ली। जिला बार के अध्यक्ष से शासन प्रशासन पंगा नहीं लेता । इन्होंने हाईकोर्ट बार से ले लिया है।मामला इन पर बुरा तरह बैंक फायर हो गया ।

अपराध सिद्ध करने के लिए कोर्ट में साबित करना पड़ेगा कि बाबा साहेब तो अंग्रेजों के विरोधी थे। बार अध्यक्ष कोर्ट में पूरा ऐतिहासिक रिकॉर्ड रखेंगे। बाबा साहेब जहा होगे इन मूर्खों को श्राप दे रहे होगे । अगर संविधान पढ़ लेते संविधान छोड़ो कम से कम अम्बेडकर के बारे में पढ़ लेते अकल आ जाती लेकिन इनको भगवान को गाली देनी है ब्राह्मणों को यूरेशिया भगाएंगे भले ही खुद के पास घर जाने का भाड़ा न हो। एड अनिल मिश्रा को सवर्ण समाज का पूरा समर्थन मिल रहा है, फिर भी ये नीले कबूतर फड़फड़ा रहे हैं तुच्छ मानसिकता से ग्रसित हो कर समाज में जहर फैला रहे हैं अपशब्द बोल रहे हैं ये अराजकता फैला रहे हैं,इनको मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा , राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत मजबूती के साथ धरातल पर अनिल मिश्रा जी के साथ खड़ी है ,कष्ट की बात है कि मध्य प्रदेश के शासन प्रशासन में बैठे सवर्ण चुप हैं,जबकि अन्य वर्ग के लोग खुल कर अपने वर्ग का साथ दे रहे हैं, हम सभी से आग्रह करती हु कि इस अस्तित्व के लड़ाई में आप सभी साथ आए एड अनिल मिश्रा की आवाज कमजोर नहीं होनी चाहिए।
एनक्वास प्रमाणीकरण की दिशा में तेजी - औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना उदाहरण

-राज्यस्तरीय टीम ने किया गहन निरीक्षण, गुणवत्ता सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए

पूर्णिया, 09 अक्टूबर

स्वास्थ्य सेवा को सभी नागरिकों तक सुरक्षित, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पहुँचाना भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक, जिसे सामान्यतः एनक्वास कहा जाता है, लागू किया गया है। यह मानक अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता, स्वच्छता, रोगियों की संतुष्टि, संसाधनों का प्रबंधन और समग्र सेवा प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। एनक्वास प्रमाणीकरण किसी भी स्वास्थ्य संस्था के लिए केवल उसकी कार्यकुशलता का प्रमाण नहीं होता, बल्कि स्थानीय जनता के विश्वास को भी मजबूती प्रदान करता है। बड़राहा कोठी प्रखंड के औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने इस दिशा में लगातार कदम बढ़ाते हुए अपने प्रयासों को गति दी है और एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को व्यवस्थित तरीके से अंजाम दे रहा है।

राज्यस्तरीय निरीक्षण और व्यापक समीक्षा :

राज्यस्तरीय टीम का निरीक्षण बुधवार को आयोजित किया गया, जिसका नेतृत्व राज्यस्तरीय असेसर विश्वजीत कुमार और सुमन सिन्हा ने किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने केंद्र के विभिन्न विभागों का गहन मूल्यांकन किया। इसमें प्रयोगशाला, मैटरनिटी वार्ड, ऑक्सिलरी सर्विस और जनरल प्रशासन विभाग शामिल थे। निरीक्षण के दौरान टीम ने प्रत्येक विभाग की कार्यप्रणाली, स्वच्छता स्तर, उपकरणों की उपलब्धता और कार्यकुशलता का बारीकी से आकलन किया। उन्होंने केंद्र में चल रही सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों के अनुभव का भी मूल्यांकन किया। निरीक्षण के दौरान कई कमियों की पहचान हुई और उनके समाधान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। राज्यस्तरीय टीम ने कहा कि यह मूल्यांकन केवल निरीक्षण का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य तकनीकी, प्रशासनिक और बुनियादी खामियों को दूर करना है, ताकि प्रमाणीकरण प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। वही कर्मियों के साथ बैठक करके सुधार की प्राथमिकताएं तय की गईं और सभी को अपनी जिम्मेदारी का बोध कराया गया।

सुधार और सामूहिक प्रयास पर जोर :

एसेसर सुमन सिन्हा ने कहा कि केंद्र के कर्मचारी मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी।पहले ही एनक्वास मानकों के अनुरूप सेवाएं प्रदान करने में सक्रिय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शेष कमियों को निर्धारित समयसीमा में समाप्त करने के लिए सभी कर्मचारियों का सामूहिक प्रयास और समर्पण आवश्यक है। उन्होंने आगे बताया कि गुणवत्ता सुधार एक सतत प्रक्रिया है और इसमें सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी सफलता की कुंजी है। राज्य स्वास्थ्य समिति के आंतरिक आकलनकर्ताओं ने भी केंद्र के कर्मचारियों के उत्साह की सराहना की और कहा कि उनके प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को नए स्तर तक ले जाने में अहम योगदान देंगे।

प्राथमिक लक्ष्य - राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण :

डीसीक्यूओ डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान केंद्र के लिए बायोवेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छता व्यवस्था, मरीज फीडबैक सर्वे, हाउसकीपिंग, लांड्री, इलेक्ट्रिकल ऑडिट और फायर सेफ्टी मैनेजमेंट के क्षेत्रों में सुधार हेतु सुझाव दिए गए। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी सुझावों को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर ने कहा कि एनक्वास राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण प्राप्त करना केंद्र का मुख्य लक्ष्य है और इसके लिए अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मिलकर लगातार कार्य कर रहे हैं।

मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी :

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि स्थानीय नागरिकों के लिए यह प्रयास एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में सामने आ सकता है। एनक्वास प्रमाणीकरण मिलने के बाद औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में उपचार लेने वाले मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी। यह न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच को भी मजबूत करेगा। सिविल सर्जन ने नागरिकों से अपील की कि वे केंद्र की सेवाओं का लाभ लें और अपनी प्रतिक्रिया साझा करें, ताकि सेवाओं में और सुधार किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र में आने वाले प्रत्येक मरीज की सुरक्षा और संतुष्टि सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

एनक्वास प्रमाणीकरण की दिशा में यह कदम केवल केंद्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे बिकोठी प्रखंड के स्वास्थ्य ढांचे के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वास में स्थायी सुधार की उम्मीद है।

प्रयागराज जंक्शन पर अनबुक्ड लगेज चेकिंग अभियान में पकड़ा गया 415 किलोग्राम अनबुक्ड लगेज।

संजय द्विवेदी प्रयागराज। मण्डल ने अपने सभी यात्रियों को उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान करने के लिए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग हिमांशु शुक्ला के निर्देशन में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए टिकट रहित/अनियमित यात्रा एवं अनबुक्ड लगेज पर अंकुश लगाने के लिए स्टेशनों एवं गाड़िंयों में चेकिंग अभियान एवं जागरूकता अभियान के साथ चलाये जा रहे है।अनबुक्ड लगेज ले जाने से न केवल अन्य यात्रियो को असुविधा होती है बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।ऐसे मामलो में रेल प्रशासन सम्बंधित यात्री के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है जिसमें जुर्माना या सामान की जब्ती भी शामिल है।दिनांक 09.10.2025 को मुख्य वाणिज्य निरीक्षक राहुल दुबे एवं मुख्य वाणिज्य निरीक्षक एवं मुख्य टिकट निरीक्षक के.के.दूबे के नेतृत्व में 4 सदस्यों की टीम द्वारा स्पेशल चेकिंग अभियान चलाया गया।इस अभियान में प्रयागराज जंक्शन पर गाड़ी संख्या 12560 नई दिल्ली-बनारस शिवगंगा एक्सप्रेस;12562 नई दिल्ली-जयनगर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 20802 नई दिल्ली-इस्लामपुर मगध एक्सप्रेस;12418 नई दिल्ली- प्रयागराज एक्सप्रेस;12802 आनंद विहार-पुरी पुरुषोत्तम एक्सप्रेस एवं 12582 नई दिल्ली-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस गाड़ियों को चेक किया गया।इस अभियान में गाड़ी संख्या 12562 नई दिल्ली-जयनगर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में बिना टिकट यात्रा करने वाले 02 यात्रियों को 415 किलोग्राम अनबुक्ड लगेज के साथ पकड़ा गया। बिना टिकट यात्रा एवं अनबुक्ड लगेज के लिए यात्रियों से कुल 7506/- रूपये जुर्माना वसूल किया गया।वाणिज्य विभाग एवं रेलवे सुरक्षा बल द्वारा स्टेशनों और ट्रेनों में नियमित जांच की जा रही है।यात्रियों से अपेक्षा है कि वे रेलवे नियमों का पालन करे।रेलवे अपने सभी यात्रियों का सम्मान करती है और उनकी सुखद यात्रा की कामना करती है।

दबंगों ने युवक को मारा पीटा.विरोध करने पर हत्या करने की दी धमकी,एफआईआर दर्ज.जाच में जुटी पुलिस।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत

तहसील बारा स्थित कौधियारा थाना क्षेत्र के टिकरी चौराहे पर बुधवार सुबह हुई मारपीट की घटना से सनसनी मच गई।गांव के ही दो दबंग युवकों द्वारा एक निर्दोष को मारना-पीटना करने के बाद जान से मरवाने की धमकी देने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। पीड़ित सचिन तिवारी पुत्र अरविन्द तिवारी निवासी टिकरी ने बताया कि 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे वह अकोढ़ा से अपने घर लौट रहा था। इसी बीच टिकरी चौराहे के समीप गांव के ही सन्तोष पाण्डेय पुत्र दयाशंकर पाण्डेय और मोनू पाण्डेय पुत्र धीरेन्द्र पाण्डेय ने मोटरसाइकिल से आकर रास्ता रोक लिया और बिना किसी कारण के ही गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर दोनों ने सचिन को लात-घूंसों और डंडों से जमकर पीटाजिससे वह सड़क पर गिर गया और उसकी मोटर साइकिल भी क्षतिग्रस्त हो गई मोबाइल फोन भी टूट गया। पीड़ित सचिन ने बताया कि इतने पर भी दोनों ने अगली बार जान से खत्म कर देने की धमकी भी दी। घटना की जानकारी होने पर थाना प्रभारी कौंधियारा कुलदीप शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पीड़ित की तहरीर पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज,धमकी और सम्पत्ति क्षतिग्रस्त करने का मुकदमा दर्ज किया। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल कराई जा रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को सहन नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने भी कहा है कि टिकरी चौराहे पर अक्सर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे महिलाएं एवं छात्राएं असुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने पुलिस से चौराहे पर नियमित रूप से गश्त कर दबंगों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग किया है। पीड़ित सचिन तिवारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो ग्रामीणों द्वारा थाने का घेराव कर उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि दोनों अभियुक्तों को जल्द ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार भारत दौरे पर अफगानी विदेश मंत्री, पाकिस्तान की बढ़ी परेशानी

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तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी आज ही भारत पहुंचे हैं। यह भारत और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देने वाला पहला दौरा है। मुत्ताकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। मुत्ताकी दारूल उलूम देवबंद मदरसे और ताजमहल भी जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से छूट हासिल करने के बाद मुत्ताकी भारत आ रहे हैं। दरअसल, मुत्ताकी संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं।

तालिबान ने अगस्त 2021 में अशरफ गनी की सरकार गिरने के बाद काबुल पर कब्जा कर लिया था। करीब चार वर्ष पूर्व अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद वहां के विदेश मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। यह पहली बार है जब तालिबान शासन के किसी वरिष्ठ मंत्री का भारत दौरा इतने उच्च स्तर पर हो रहा है। इस यात्रा का मकसद भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करना, व्यापार और बुनियादी ढांचे से जुड़ी चुनौतियों पर बात करना और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करना है।

रद्द हो गया था मुत्ताकी का दौरा

मुत्ताकी को पिछले महीने ही नई दिल्ली आना था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ओर से लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण उनका यह दौरा रद्द कर दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने 30 सितंबर को मुत्ताकी को अस्थायी छूट देते हुए 9 से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली आने की अनुमति दी थी।

क्या है मुत्ताकी के दौरे का एजेंडा?

रॉयटर्स और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुत्ताकी न सिर्फ भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से मिलेंगे, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भारतीय कारोबारी संगठनों और भारत में रह रहे अफगान नागरिकों से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात होगी या नहीं, फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बातचीत का एजेंडा कुछ इस तरह हो सकता है:

1. व्यापारिक सहयोग पर चर्चा- दोनों देशों के बीच सूखे मेवों, मसालों और दवाओं के निर्यात-आयात को लेकर नए रास्ते तलाशे जाएंगे।

2. स्वास्थ्य क्षेत्र में साझेदारी- भारत अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता, दवाएं और मेडिकल प्रशिक्षण देने पर सहमत हो सकता है।

3. कांसुलर सेवाएं और वीजा प्रक्रिया- अफगान छात्रों और मरीजों के लिए वीजा में ढील और नई कांसुलर सुविधाओं की बात होगी।

4. दूतावासों का विस्तार- काबुल और नई दिल्ली दोनों में पूरी तरह सक्रिय दूतावास और कांसुलेट बहाल करने पर चर्चा होगी।

5. नए राजदूत की नियुक्ति- तालिबान चाहता है कि भारत में अब उनका नियुक्त प्रतिनिधि ही राजदूत के रूप में काम करे।

6. निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स- तालिबान भारत से पुराने प्रोजेक्ट्स दोबारा शुरू करने और नई निवेश योजनाओं की मांग कर सकता है।

7. सुरक्षा गारंटी- भारत अपने सुरक्षा हितों की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ ठोस आश्वासन मांग सकता है।

भारत-पाक तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा कितना अहम?

भारत-पाक संबंधों में आए हालिया तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा दक्षिण एशिया के सुरक्षा परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है और इस पर सुरक्षा विशेषज्ञों की भी निगाहें हैं। विदेश मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने कहा, मुत्ताकी का दौरा इस वास्तविकता को दर्शाता है, जिसमें कूटनीतिक स्तर पर भारत और तालिबान सरकार के रिश्ते बेहतरी की ओर जा रहे हैं। भारत का हित अफगानिस्तान की स्थिरता में है। भारत अपनी क्षमतानुसार आर्थिक स्तर पर अफगानिस्तान की जरूरतें पूरी कर सकता है।

*नेतृत्व संभालती बेटियाँ: एक दिन की जिलाधिकारी बनकर रचा नया इतिहास*


*कन्या जन्मोत्सव से गूंजे अस्पताल-  मिशन शक्ति ने बेटियों के स्वागत को बनाया जन-आंदोलन*

  *अपर मुख्य सचिव लीना जौहरी ने कहा, आज का दिन बहुत ही खास रहा*


लखनऊ। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अत्तर्गत अतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) थीम के तहत आज पूरे प्रदेश में 2 अनूठे कार्यक्रम आयोजित किये गये। इन विशेष आयोजन में एक तरफ तो विभिन्न जनपदों की प्रतिभाशाली और इच्छाशक्ति से परिपूर्ण बालिकाओं तथा महिलाओं को ' *एक दिन की जिलाधिकारी*" की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पहल का उद्देश्य था कि बालिकाएँ न केवल नेतृत्व क्षमता को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करे, बल्कि उन्हें प्रशासनिक व सामाजिक उत्तरदायित्वों की गहरी समझ भी प्राप्त हो।
दूसरी तरफ आज पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ "कन्या जन्मोत्सव मनाया गया। इस विशेष अवसर पर प्रत्येक जनपद के सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और ब्लॉक स्तर पर उन बालिकाओं का सामूहिक उत्सवपूर्वक स्वागत किया गया जिन बालिकाओं ने आज जन्म लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य यह संदेश देना था कि बेटियों का जन्म न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए हर्ष और गर्व का विषय है।

आज के कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से चयनित बालिकाओं को जिला प्रशासन के कार्यों का वास्तविक अनुभव कराया गया। सुबह औपचारिक रूप से उन्हें एक दिन की जिलाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण कराया गया, जिसके बाद उन्होंने विभागीय बैठको में भाग लिया, विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। कई जिलों में बालिकाओं ने महिला सुरक्षा, बाल संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर अधिकारियों से संवाद कर अपनी राय रखी और सुझाव प्रस्तुत किए। यह अनुभव बालिकाओं के लिए केवल औपचारिक दायित्वों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्हें यह आत्मविश्वास भी मिला कि वे भविष्य में उच्चतम पदों पर पहुंचकर निर्णयकारी भूमिका निभा सकती है।

इस आयोजन से बालिकाओं ने प्रशासनिक कार्यशैली का गहन अनुभव प्राप्त किया। उन्हें यह समझने का अवसर मिला कि किस प्रकार से जिला स्तर पर विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है, जनता की समस्याओं को सुना जाता है और उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाए जाते हैं। बालिकाओं ने महसूस किया कि वे अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति सजग रहते हुए समाज को नई दिशा देने की क्षमता रखती है।

प्रदेश भर में आयोजित इस कार्यक्रम ने अभिभावको और समाज को यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि बालिकाओ को केवल घर और परिवार की सीमाओ तक न देखा जाए, बल्कि उन्हे प्रशासन, राजनीति, विज्ञान, शिक्षा और अन्य सभी क्षेत्रो में योगदान देने का अवसर मिले। जहाँ-जहाँ बालिकाओं ने जिलाधिकारी का पद संभाला, वहाँ उनकी गंभीरता, परिपक्वता और नेतृत्व क्षमता देखकर सभी अधिकारी और कर्मचारी भी प्रभावित हुए।

दूसरी ओर आज जन्म लेने वाली बालिकाओं और उनकी माताओं का सम्मान किया गया। अस्पतालों में नवजात बालिकाओं का विधिवत पूजन कर उन्हें उपहार स्वरूप वस्त्र, फल, पौष्टिक आहार सामग्री और शुभकामना कार्ड भेट किए गए। माताओं और बालिकाओं के इस सम्मान समारोह ने वातावरण को उल्लास और सकारात्मकता से भर दिया। परिवारों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे बालिका को शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसर प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

कन्या जन्मोत्सव का सबसे अनूठा पहलू यह रहा कि इस आयोजन को सीधे तौर पर उतर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "मुख्यमन्त्री कन्या सुमंगला योजना से जोड़ा गया। कार्यक्रम के दौरान माताओं को योजना की पात्रता, लाभ और प्रक्रिया की जानकारी दी गई, ताकि प्रत्येक नवजात बालिका को जन्म के साथ ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी मिल सके। विभागीय अधिकारियों ने उपस्थित परिवारों को बताया कि इस योजना के अंतर्गत जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक बालिकाओं को 6 अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को कन्या जन्मोत्सव से जोडने का संदेश यह रहा कि सरकार हर बेटी के साथ खड़ी है और उसके सपूर्ण विकास और आत्मनिर्भरता के लिए ठोस कदम उठा रही है।

जिलाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वयं अस्पतालों में पहुँचकर माताओं का सम्मान किया और नवजात बालिकाओं का स्वागत किया। कई जिलों में परिवारों को पौधारोपण के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि बेटियों का जन्म धरती को हरियाली और समाज को नई ऊर्जा प्रदान करता है। नवजात के जन्म की संख्या के अनुसार वृक्षारोपण किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ के संकल्प को एक साथ आगे बढाया जा सके।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की *अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी* ने कहा, "आज का दिन ऐतिहासिक है, जब हमारी बेटियों ने एक दिन के लिए जिलाधिकारी बनकर नेतृत्व का साहसिक उदाहरण प्रस्तुत किया। मिशन शक्ति का यही उद्देश्य है कि हर बेटी को यह विश्वास मिले कि वह केवल अपने सपनों तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हे साकार करने की शक्ति भी उसके भीतर है। यह अनुभव उनके जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आने वाले समय में उन्हें समाज की दिशा बदलने की ताकत प्रदान करेगा।"

एक दिन की जिलाधिकारी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश भार में 350 से अधिक बालिकाओं को जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा धिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित विभिन्न प्रशासनिक पदों का दायित्व सौंपा गया। साथा ही कन्या जन्मोत्सव के अंतर्गत 1 ही दिन में जन्म लेने वाली 500 से अधिक बालिकाओं का स्वागत उनके जन्मोत्सव के माध्यम से किया गया।
झारखंड: शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को ₹1.10 करोड़ की वित्तीय सहायता, बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा

रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज पलामू जिला बल के शहीद आरक्षी सुनील कुमार राम और संतन कुमार मेहता के परिजनों से मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय, कांके रोड में मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने दोनों शहीद जवानों के परिवारों को ₹1 करोड़ 10 लाख (प्रत्येक परिवार को) की सम्मान राशि का चेक प्रदान किया।

यह वित्तीय सहायता राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पुलिस सैलरी पैकेज के तहत दी गई है, जो सीधे शहीद के परिजनों के बैंक अकाउंट में क्रेडिट की गई है। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

शहीद परिवारों के लिए बड़ी घोषणाएं

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने शहीद के परिजनों का मनोबल बढ़ाया और उनके दुःख-दर्द में साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं:

बच्चों को निःशुल्क शिक्षा: राज्य सरकार शहीद के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (क्वालिटी एजुकेशन) प्रदान करेगी।

रांची में बनेगा आवासीय विद्यालय: शहीद पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए जल्द ही रांची में एक आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा। यह विद्यालय निजी स्कूलों की तर्ज पर संचालित होगा। इसके लिए झारखंड जगुआर में चार एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है।

पुलिस परिवार के लिए अस्पताल: राज्य सरकार पुलिस विभाग के जवानों एवं कर्मियों के लिए एक अस्पताल बनाने पर भी विचार कर रही है, जिसकी कार्य योजना जल्द ही बनाई जाएगी।

"झारखंड हमेशा अपने शहीदों का ऋणी रहेगा"

मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने शहीद परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि आरक्षी सुनील कुमार राम और संतन कुमार मेहता ने राज्यवासियों की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा, "हमारी सरकार शहीद परिवार की पीड़ा को गहराई से समझती है। झारखंड हमेशा अपने शहीदों का ऋणी रहेगा।"

मुख्यमंत्री ने परिजनों को सलाह दी कि वे इस सम्मान राशि का बेहतर उपयोग कर बच्चों के भविष्य को सकारात्मक दिशा प्रदान करें। उन्होंने परिजनों से हिम्मत और धैर्य बनाए रखते हुए परिवार को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

परिजनों को शीघ्र मिलेगी नौकरी और पेंशन

बैठक के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि शहीद हुए दोनों जवानों की पत्नियाँ स्नातक पास हैं और पुलिस विभाग के नियम के अनुसार, उन्हें क्लर्क की नौकरी दी जाएगी।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि SBI पैकेज के तहत ₹1.10 करोड़ की राशि प्रदान कर दी गई है। इसके अलावा, पुलिस विभाग द्वारा उग्रवादी कांड में शहीद हुए पुलिस कर्मियों के लिए तय की गई अतिरिक्त राशि को मिलाकर दोनों परिवारों को अनुमानित ₹2 करोड़ तक की सम्मान राशि उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पेंशन सहित अन्य सेवांत लाभों से भी परिजनों को शीघ्र जोड़ा जाए।

One Nation One Election पर संगोष्ठी – प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को आगे बढ़ाता रांची विश्वविद्यालय का आयोजन

रांची, 8 अक्टूबर 2025:

रांची विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज़ सभागार में आज “One Nation One Election” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, काजीरंगा (असम) लोकसभा सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा, तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष समीर ओरांव उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ।

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विचार भारतीय लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। बार-बार होने वाले चुनावों से न केवल संसाधनों की बर्बादी होती है बल्कि विकास कार्यों की गति भी रुक जाती है।”

सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा ने अपने संबोधन में कहा कि “यह पहल देश की एकता, स्थिरता और सुशासन की नींव को और मजबूत करेगी। मोदी जी ने जो दृष्टिकोण रखा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए राजनीति में नई दिशा तय करेगा।”

वहीं समीर ओरांव ने कहा कि “वन नेशन वन इलेक्शन से ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों तक विकास योजनाओं का कार्यान्वयन और तेजी से हो सकेगा। यह पहल राष्ट्र की लोकतांत्रिक एकजुटता का प्रतीक बनेगी।”

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा मोर्चा प्रदेश प्रभारी विनय जायसवाल, महामंत्री श्री रुपेश सिन्हा, उपाध्यक्ष पूजा सिंह, रांची ज़िला अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह, कार्यक्रम संयोजक नीरज कुमार, निदेशक मयंक मिश्रा, विनोद पाठक उपस्थित रहे 

इनके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अमन यादव, पवन पासवान, रणधीर दास, अमित दुबे, धर्मेंद्र शुक्ला, धर्मवीर सिंह, सुमन बाखला, राहुल चौबे, धीरज अग्रवाल, निशांत, आनंद, सुनील यादव समेत सैकड़ों युवा उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन युवा मोर्चा रांची महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने किया,

विषय परिवेश का प्रस्तुतीकरण महामंत्री रुपेश सिन्हा ने किया,

जबकि कार्यक्रम का समापन संयोजक नीरज कुमार ने किया।

सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विज़न भारतीय लोकतंत्र के लिए एक निर्णायक सुधार है, जो न केवल चुनाव प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि देश की आर्थिक और प्रशासनिक क्षमता को भी कई गुना बढ़ाएगा।”

आजमगढ़: तारा गुप्ता ने यूजीसी नेट परीक्षा में किया शानदार प्रदर्शन

राम प्रसाद मिश्र
लालगंज आजमगढ़। देवगांव कोतवाली क्षेत्र के चेवार पश्चिम की प्रतिभाशाली छात्रा तारा गुप्ता ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा 2025 में 92 से अधिक पर्सेंटाइल अंक प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। तारा गुप्ता की प्रारंभिक शिक्षा डीपीएस इंग्लिश स्कूल चेवार से हुई। इसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा श्री गिरिजा शरण इंटर कॉलेज मोरखा डोभी जौनपुर से उत्तीर्ण की। तारा ने बीए और एमए दोनों की पढ़ाई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी से वर्ष 2017 से 2022 के बीच पूरी की। इसके अतिरिक्त उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से बीएड की डिग्री प्राप्त की। यूजीसी नेट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अब तारा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्र हो गई हैं। बता दे कि यह परीक्षा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनने तथा पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है। तारा की इस सफलता से उनके परिवार और क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि उनके पिता सरोज गुप्ता और माता माधुरी गुप्ता की प्रेरणा ने उन्हें निरंतर आगे बढ़ने की शक्ति दी। वह अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और मित्रों को देती हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि क्षेत्र की अन्य छात्राओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। इस खुशी में डिजिटल लाइब्रेरी के संस्थापक भानु प्रताप सिंह ने मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया।
कांग्रेस का आरोप: एनडीए का 20 साल बिहार के लिए विनाश काल*
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प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी नेताओं ने एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बिहार में एनडीए शासन के 20 सालों को विनाश काल बताया। *आरोपों की सूची* 1. *पलायन और बेरोजगारी*: बिहार में 20 सालों में भाजपा-जेडीयू राज ने संसाधनों की लूट की और नागरिकों को गरीबी में झोंक दिया। 94 लाख परिवारों की मासिक आमदनी 6000 रु. से कम है। 2. *युवा बेरोजगार*: बिहार में GER 17.1% है, और छात्र पलायन कर रहे हैं। जब युवा आवाज़ उठाते हैं, तो उन पर लाठियाँ बरसाई जाती हैं। 3. *भर्ती और प्रवेश परीक्षा घोटाले*: बिहार प्रवेश और भर्ती परीक्षा घोटालों का हब बन गया है। पिछले 7 सालों में 10 से अधिक भर्ती और प्रवेश परीक्षा घोटाले हुए हैं। 4. *अपराध और गुंडाराज*: बिहार में अपराधियों ने गाज़ गिराई है। बलात्कार, अपहरण, हत्या आम बात हो गई है। पिछले 6 माह में 11 बड़े उद्योगपतियों को घर में घुसकर गोली मारी गई है। 5. *भोध्रष्टाचार*: बिहार में लूट की खुली छूट है। सत्ता में आते ही 1000 करोड़ का सृजन घोटाला किया गया। भाजपा-जेडीयू राज में 10 विभागों में 70 हज़ार करोड़ से अधिक के गबन की आशंका कैग ने जताई है। *कांग्रेस का दावा* - बिहार के अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, स्कूलों में बिजली नहीं, युवाओं को रोजगार नहीं, किसानों को आमदनी नहीं, बेटियों को सुरक्षा नहीं। - अब पूरा बिहार चिल्ला रहा है — “घूसखोर, गद्दी छोड़!”
हम किसी का विरोध नहीं करते लेकिन जहां मेरे समाज की बात होगी खड़ी मिलेगी : कविता तिवारी


लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता महिला कविता तिवारी ने मुखर होकर कहा कि सामाजिक सौहार्द समरसता बिगाड़ने का काम भीम आर्मी के कथित गुंडे कर रहे हैं बाबा साहेब का सब कुछ अच्छा चल रहा था,राइट लोग सारी आलोचना गांधी_नेहरू की किया करते थे।राइट विंग भी  बस अच्छी अच्छी बाते चुन चुन कर बताया करता था ,फिर बाबा साहेब के अनुयायियों ने हर किसी को गाली देना शुरू कर दिया । भगवान तक की नहीं छोड़ा तो लोगो का इंटरेस्ट जाग गया बाबा साहेब की जानने का रही सही कसर अब हाईकोर्ट बार एसोशिएशन के पूर्व चेयरमैन से पंगा ले कर पूरी कर ली। जिला बार के अध्यक्ष से शासन प्रशासन पंगा नहीं लेता । इन्होंने हाईकोर्ट बार से ले लिया है।मामला इन पर बुरा तरह बैंक फायर हो गया ।

अपराध सिद्ध करने के लिए कोर्ट में साबित करना पड़ेगा कि बाबा साहेब तो अंग्रेजों के विरोधी थे। बार अध्यक्ष कोर्ट में पूरा ऐतिहासिक रिकॉर्ड रखेंगे। बाबा साहेब जहा होगे इन मूर्खों को श्राप दे रहे होगे । अगर संविधान पढ़ लेते संविधान छोड़ो कम से कम अम्बेडकर के बारे में पढ़ लेते अकल आ जाती लेकिन इनको भगवान को गाली देनी है ब्राह्मणों को यूरेशिया भगाएंगे भले ही खुद के पास घर जाने का भाड़ा न हो। एड अनिल मिश्रा को सवर्ण समाज का पूरा समर्थन मिल रहा है, फिर भी ये नीले कबूतर फड़फड़ा रहे हैं तुच्छ मानसिकता से ग्रसित हो कर समाज में जहर फैला रहे हैं अपशब्द बोल रहे हैं ये अराजकता फैला रहे हैं,इनको मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा , राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत मजबूती के साथ धरातल पर अनिल मिश्रा जी के साथ खड़ी है ,कष्ट की बात है कि मध्य प्रदेश के शासन प्रशासन में बैठे सवर्ण चुप हैं,जबकि अन्य वर्ग के लोग खुल कर अपने वर्ग का साथ दे रहे हैं, हम सभी से आग्रह करती हु कि इस अस्तित्व के लड़ाई में आप सभी साथ आए एड अनिल मिश्रा की आवाज कमजोर नहीं होनी चाहिए।
एनक्वास प्रमाणीकरण की दिशा में तेजी - औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना उदाहरण

-राज्यस्तरीय टीम ने किया गहन निरीक्षण, गुणवत्ता सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए

पूर्णिया, 09 अक्टूबर

स्वास्थ्य सेवा को सभी नागरिकों तक सुरक्षित, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पहुँचाना भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक, जिसे सामान्यतः एनक्वास कहा जाता है, लागू किया गया है। यह मानक अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाओं की गुणवत्ता, स्वच्छता, रोगियों की संतुष्टि, संसाधनों का प्रबंधन और समग्र सेवा प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। एनक्वास प्रमाणीकरण किसी भी स्वास्थ्य संस्था के लिए केवल उसकी कार्यकुशलता का प्रमाण नहीं होता, बल्कि स्थानीय जनता के विश्वास को भी मजबूती प्रदान करता है। बड़राहा कोठी प्रखंड के औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने इस दिशा में लगातार कदम बढ़ाते हुए अपने प्रयासों को गति दी है और एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को व्यवस्थित तरीके से अंजाम दे रहा है।

राज्यस्तरीय निरीक्षण और व्यापक समीक्षा :

राज्यस्तरीय टीम का निरीक्षण बुधवार को आयोजित किया गया, जिसका नेतृत्व राज्यस्तरीय असेसर विश्वजीत कुमार और सुमन सिन्हा ने किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने केंद्र के विभिन्न विभागों का गहन मूल्यांकन किया। इसमें प्रयोगशाला, मैटरनिटी वार्ड, ऑक्सिलरी सर्विस और जनरल प्रशासन विभाग शामिल थे। निरीक्षण के दौरान टीम ने प्रत्येक विभाग की कार्यप्रणाली, स्वच्छता स्तर, उपकरणों की उपलब्धता और कार्यकुशलता का बारीकी से आकलन किया। उन्होंने केंद्र में चल रही सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों के अनुभव का भी मूल्यांकन किया। निरीक्षण के दौरान कई कमियों की पहचान हुई और उनके समाधान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। राज्यस्तरीय टीम ने कहा कि यह मूल्यांकन केवल निरीक्षण का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य तकनीकी, प्रशासनिक और बुनियादी खामियों को दूर करना है, ताकि प्रमाणीकरण प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। वही कर्मियों के साथ बैठक करके सुधार की प्राथमिकताएं तय की गईं और सभी को अपनी जिम्मेदारी का बोध कराया गया।

सुधार और सामूहिक प्रयास पर जोर :

एसेसर सुमन सिन्हा ने कहा कि केंद्र के कर्मचारी मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी।पहले ही एनक्वास मानकों के अनुरूप सेवाएं प्रदान करने में सक्रिय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शेष कमियों को निर्धारित समयसीमा में समाप्त करने के लिए सभी कर्मचारियों का सामूहिक प्रयास और समर्पण आवश्यक है। उन्होंने आगे बताया कि गुणवत्ता सुधार एक सतत प्रक्रिया है और इसमें सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी सफलता की कुंजी है। राज्य स्वास्थ्य समिति के आंतरिक आकलनकर्ताओं ने भी केंद्र के कर्मचारियों के उत्साह की सराहना की और कहा कि उनके प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को नए स्तर तक ले जाने में अहम योगदान देंगे।

प्राथमिक लक्ष्य - राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण :

डीसीक्यूओ डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान केंद्र के लिए बायोवेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छता व्यवस्था, मरीज फीडबैक सर्वे, हाउसकीपिंग, लांड्री, इलेक्ट्रिकल ऑडिट और फायर सेफ्टी मैनेजमेंट के क्षेत्रों में सुधार हेतु सुझाव दिए गए। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी सुझावों को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर ने कहा कि एनक्वास राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण प्राप्त करना केंद्र का मुख्य लक्ष्य है और इसके लिए अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मिलकर लगातार कार्य कर रहे हैं।

मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी :

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि स्थानीय नागरिकों के लिए यह प्रयास एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में सामने आ सकता है। एनक्वास प्रमाणीकरण मिलने के बाद औराही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में उपचार लेने वाले मरीजों को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित सेवाएं प्राप्त होंगी। यह न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच को भी मजबूत करेगा। सिविल सर्जन ने नागरिकों से अपील की कि वे केंद्र की सेवाओं का लाभ लें और अपनी प्रतिक्रिया साझा करें, ताकि सेवाओं में और सुधार किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र में आने वाले प्रत्येक मरीज की सुरक्षा और संतुष्टि सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

एनक्वास प्रमाणीकरण की दिशा में यह कदम केवल केंद्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे बिकोठी प्रखंड के स्वास्थ्य ढांचे के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वास में स्थायी सुधार की उम्मीद है।

प्रयागराज जंक्शन पर अनबुक्ड लगेज चेकिंग अभियान में पकड़ा गया 415 किलोग्राम अनबुक्ड लगेज।

संजय द्विवेदी प्रयागराज। मण्डल ने अपने सभी यात्रियों को उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान करने के लिए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग हिमांशु शुक्ला के निर्देशन में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए टिकट रहित/अनियमित यात्रा एवं अनबुक्ड लगेज पर अंकुश लगाने के लिए स्टेशनों एवं गाड़िंयों में चेकिंग अभियान एवं जागरूकता अभियान के साथ चलाये जा रहे है।अनबुक्ड लगेज ले जाने से न केवल अन्य यात्रियो को असुविधा होती है बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।ऐसे मामलो में रेल प्रशासन सम्बंधित यात्री के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है जिसमें जुर्माना या सामान की जब्ती भी शामिल है।दिनांक 09.10.2025 को मुख्य वाणिज्य निरीक्षक राहुल दुबे एवं मुख्य वाणिज्य निरीक्षक एवं मुख्य टिकट निरीक्षक के.के.दूबे के नेतृत्व में 4 सदस्यों की टीम द्वारा स्पेशल चेकिंग अभियान चलाया गया।इस अभियान में प्रयागराज जंक्शन पर गाड़ी संख्या 12560 नई दिल्ली-बनारस शिवगंगा एक्सप्रेस;12562 नई दिल्ली-जयनगर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 20802 नई दिल्ली-इस्लामपुर मगध एक्सप्रेस;12418 नई दिल्ली- प्रयागराज एक्सप्रेस;12802 आनंद विहार-पुरी पुरुषोत्तम एक्सप्रेस एवं 12582 नई दिल्ली-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस गाड़ियों को चेक किया गया।इस अभियान में गाड़ी संख्या 12562 नई दिल्ली-जयनगर स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में बिना टिकट यात्रा करने वाले 02 यात्रियों को 415 किलोग्राम अनबुक्ड लगेज के साथ पकड़ा गया। बिना टिकट यात्रा एवं अनबुक्ड लगेज के लिए यात्रियों से कुल 7506/- रूपये जुर्माना वसूल किया गया।वाणिज्य विभाग एवं रेलवे सुरक्षा बल द्वारा स्टेशनों और ट्रेनों में नियमित जांच की जा रही है।यात्रियों से अपेक्षा है कि वे रेलवे नियमों का पालन करे।रेलवे अपने सभी यात्रियों का सम्मान करती है और उनकी सुखद यात्रा की कामना करती है।

दबंगों ने युवक को मारा पीटा.विरोध करने पर हत्या करने की दी धमकी,एफआईआर दर्ज.जाच में जुटी पुलिस।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत

तहसील बारा स्थित कौधियारा थाना क्षेत्र के टिकरी चौराहे पर बुधवार सुबह हुई मारपीट की घटना से सनसनी मच गई।गांव के ही दो दबंग युवकों द्वारा एक निर्दोष को मारना-पीटना करने के बाद जान से मरवाने की धमकी देने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। पीड़ित सचिन तिवारी पुत्र अरविन्द तिवारी निवासी टिकरी ने बताया कि 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे वह अकोढ़ा से अपने घर लौट रहा था। इसी बीच टिकरी चौराहे के समीप गांव के ही सन्तोष पाण्डेय पुत्र दयाशंकर पाण्डेय और मोनू पाण्डेय पुत्र धीरेन्द्र पाण्डेय ने मोटरसाइकिल से आकर रास्ता रोक लिया और बिना किसी कारण के ही गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर दोनों ने सचिन को लात-घूंसों और डंडों से जमकर पीटाजिससे वह सड़क पर गिर गया और उसकी मोटर साइकिल भी क्षतिग्रस्त हो गई मोबाइल फोन भी टूट गया। पीड़ित सचिन ने बताया कि इतने पर भी दोनों ने अगली बार जान से खत्म कर देने की धमकी भी दी। घटना की जानकारी होने पर थाना प्रभारी कौंधियारा कुलदीप शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पीड़ित की तहरीर पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज,धमकी और सम्पत्ति क्षतिग्रस्त करने का मुकदमा दर्ज किया। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल कराई जा रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को सहन नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने भी कहा है कि टिकरी चौराहे पर अक्सर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे महिलाएं एवं छात्राएं असुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने पुलिस से चौराहे पर नियमित रूप से गश्त कर दबंगों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग किया है। पीड़ित सचिन तिवारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो ग्रामीणों द्वारा थाने का घेराव कर उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि दोनों अभियुक्तों को जल्द ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार भारत दौरे पर अफगानी विदेश मंत्री, पाकिस्तान की बढ़ी परेशानी

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तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी आज ही भारत पहुंचे हैं। यह भारत और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देने वाला पहला दौरा है। मुत्ताकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। मुत्ताकी दारूल उलूम देवबंद मदरसे और ताजमहल भी जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से छूट हासिल करने के बाद मुत्ताकी भारत आ रहे हैं। दरअसल, मुत्ताकी संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं।

तालिबान ने अगस्त 2021 में अशरफ गनी की सरकार गिरने के बाद काबुल पर कब्जा कर लिया था। करीब चार वर्ष पूर्व अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद वहां के विदेश मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। यह पहली बार है जब तालिबान शासन के किसी वरिष्ठ मंत्री का भारत दौरा इतने उच्च स्तर पर हो रहा है। इस यात्रा का मकसद भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करना, व्यापार और बुनियादी ढांचे से जुड़ी चुनौतियों पर बात करना और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करना है।

रद्द हो गया था मुत्ताकी का दौरा

मुत्ताकी को पिछले महीने ही नई दिल्ली आना था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ओर से लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण उनका यह दौरा रद्द कर दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने 30 सितंबर को मुत्ताकी को अस्थायी छूट देते हुए 9 से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली आने की अनुमति दी थी।

क्या है मुत्ताकी के दौरे का एजेंडा?

रॉयटर्स और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुत्ताकी न सिर्फ भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से मिलेंगे, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भारतीय कारोबारी संगठनों और भारत में रह रहे अफगान नागरिकों से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात होगी या नहीं, फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बातचीत का एजेंडा कुछ इस तरह हो सकता है:

1. व्यापारिक सहयोग पर चर्चा- दोनों देशों के बीच सूखे मेवों, मसालों और दवाओं के निर्यात-आयात को लेकर नए रास्ते तलाशे जाएंगे।

2. स्वास्थ्य क्षेत्र में साझेदारी- भारत अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता, दवाएं और मेडिकल प्रशिक्षण देने पर सहमत हो सकता है।

3. कांसुलर सेवाएं और वीजा प्रक्रिया- अफगान छात्रों और मरीजों के लिए वीजा में ढील और नई कांसुलर सुविधाओं की बात होगी।

4. दूतावासों का विस्तार- काबुल और नई दिल्ली दोनों में पूरी तरह सक्रिय दूतावास और कांसुलेट बहाल करने पर चर्चा होगी।

5. नए राजदूत की नियुक्ति- तालिबान चाहता है कि भारत में अब उनका नियुक्त प्रतिनिधि ही राजदूत के रूप में काम करे।

6. निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स- तालिबान भारत से पुराने प्रोजेक्ट्स दोबारा शुरू करने और नई निवेश योजनाओं की मांग कर सकता है।

7. सुरक्षा गारंटी- भारत अपने सुरक्षा हितों की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ ठोस आश्वासन मांग सकता है।

भारत-पाक तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा कितना अहम?

भारत-पाक संबंधों में आए हालिया तनाव के बीच मुत्ताकी का दौरा दक्षिण एशिया के सुरक्षा परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है और इस पर सुरक्षा विशेषज्ञों की भी निगाहें हैं। विदेश मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने कहा, मुत्ताकी का दौरा इस वास्तविकता को दर्शाता है, जिसमें कूटनीतिक स्तर पर भारत और तालिबान सरकार के रिश्ते बेहतरी की ओर जा रहे हैं। भारत का हित अफगानिस्तान की स्थिरता में है। भारत अपनी क्षमतानुसार आर्थिक स्तर पर अफगानिस्तान की जरूरतें पूरी कर सकता है।

*नेतृत्व संभालती बेटियाँ: एक दिन की जिलाधिकारी बनकर रचा नया इतिहास*


*कन्या जन्मोत्सव से गूंजे अस्पताल-  मिशन शक्ति ने बेटियों के स्वागत को बनाया जन-आंदोलन*

  *अपर मुख्य सचिव लीना जौहरी ने कहा, आज का दिन बहुत ही खास रहा*


लखनऊ। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अत्तर्गत अतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) थीम के तहत आज पूरे प्रदेश में 2 अनूठे कार्यक्रम आयोजित किये गये। इन विशेष आयोजन में एक तरफ तो विभिन्न जनपदों की प्रतिभाशाली और इच्छाशक्ति से परिपूर्ण बालिकाओं तथा महिलाओं को ' *एक दिन की जिलाधिकारी*" की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पहल का उद्देश्य था कि बालिकाएँ न केवल नेतृत्व क्षमता को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करे, बल्कि उन्हें प्रशासनिक व सामाजिक उत्तरदायित्वों की गहरी समझ भी प्राप्त हो।
दूसरी तरफ आज पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ "कन्या जन्मोत्सव मनाया गया। इस विशेष अवसर पर प्रत्येक जनपद के सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और ब्लॉक स्तर पर उन बालिकाओं का सामूहिक उत्सवपूर्वक स्वागत किया गया जिन बालिकाओं ने आज जन्म लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य यह संदेश देना था कि बेटियों का जन्म न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए हर्ष और गर्व का विषय है।

आज के कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से चयनित बालिकाओं को जिला प्रशासन के कार्यों का वास्तविक अनुभव कराया गया। सुबह औपचारिक रूप से उन्हें एक दिन की जिलाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण कराया गया, जिसके बाद उन्होंने विभागीय बैठको में भाग लिया, विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। कई जिलों में बालिकाओं ने महिला सुरक्षा, बाल संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर अधिकारियों से संवाद कर अपनी राय रखी और सुझाव प्रस्तुत किए। यह अनुभव बालिकाओं के लिए केवल औपचारिक दायित्वों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्हें यह आत्मविश्वास भी मिला कि वे भविष्य में उच्चतम पदों पर पहुंचकर निर्णयकारी भूमिका निभा सकती है।

इस आयोजन से बालिकाओं ने प्रशासनिक कार्यशैली का गहन अनुभव प्राप्त किया। उन्हें यह समझने का अवसर मिला कि किस प्रकार से जिला स्तर पर विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है, जनता की समस्याओं को सुना जाता है और उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाए जाते हैं। बालिकाओं ने महसूस किया कि वे अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति सजग रहते हुए समाज को नई दिशा देने की क्षमता रखती है।

प्रदेश भर में आयोजित इस कार्यक्रम ने अभिभावको और समाज को यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि बालिकाओ को केवल घर और परिवार की सीमाओ तक न देखा जाए, बल्कि उन्हे प्रशासन, राजनीति, विज्ञान, शिक्षा और अन्य सभी क्षेत्रो में योगदान देने का अवसर मिले। जहाँ-जहाँ बालिकाओं ने जिलाधिकारी का पद संभाला, वहाँ उनकी गंभीरता, परिपक्वता और नेतृत्व क्षमता देखकर सभी अधिकारी और कर्मचारी भी प्रभावित हुए।

दूसरी ओर आज जन्म लेने वाली बालिकाओं और उनकी माताओं का सम्मान किया गया। अस्पतालों में नवजात बालिकाओं का विधिवत पूजन कर उन्हें उपहार स्वरूप वस्त्र, फल, पौष्टिक आहार सामग्री और शुभकामना कार्ड भेट किए गए। माताओं और बालिकाओं के इस सम्मान समारोह ने वातावरण को उल्लास और सकारात्मकता से भर दिया। परिवारों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे बालिका को शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसर प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

कन्या जन्मोत्सव का सबसे अनूठा पहलू यह रहा कि इस आयोजन को सीधे तौर पर उतर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "मुख्यमन्त्री कन्या सुमंगला योजना से जोड़ा गया। कार्यक्रम के दौरान माताओं को योजना की पात्रता, लाभ और प्रक्रिया की जानकारी दी गई, ताकि प्रत्येक नवजात बालिका को जन्म के साथ ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी मिल सके। विभागीय अधिकारियों ने उपस्थित परिवारों को बताया कि इस योजना के अंतर्गत जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक बालिकाओं को 6 अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को कन्या जन्मोत्सव से जोडने का संदेश यह रहा कि सरकार हर बेटी के साथ खड़ी है और उसके सपूर्ण विकास और आत्मनिर्भरता के लिए ठोस कदम उठा रही है।

जिलाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वयं अस्पतालों में पहुँचकर माताओं का सम्मान किया और नवजात बालिकाओं का स्वागत किया। कई जिलों में परिवारों को पौधारोपण के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि बेटियों का जन्म धरती को हरियाली और समाज को नई ऊर्जा प्रदान करता है। नवजात के जन्म की संख्या के अनुसार वृक्षारोपण किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ के संकल्प को एक साथ आगे बढाया जा सके।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की *अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी* ने कहा, "आज का दिन ऐतिहासिक है, जब हमारी बेटियों ने एक दिन के लिए जिलाधिकारी बनकर नेतृत्व का साहसिक उदाहरण प्रस्तुत किया। मिशन शक्ति का यही उद्देश्य है कि हर बेटी को यह विश्वास मिले कि वह केवल अपने सपनों तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हे साकार करने की शक्ति भी उसके भीतर है। यह अनुभव उनके जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आने वाले समय में उन्हें समाज की दिशा बदलने की ताकत प्रदान करेगा।"

एक दिन की जिलाधिकारी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश भार में 350 से अधिक बालिकाओं को जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा धिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित विभिन्न प्रशासनिक पदों का दायित्व सौंपा गया। साथा ही कन्या जन्मोत्सव के अंतर्गत 1 ही दिन में जन्म लेने वाली 500 से अधिक बालिकाओं का स्वागत उनके जन्मोत्सव के माध्यम से किया गया।
झारखंड: शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को ₹1.10 करोड़ की वित्तीय सहायता, बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा

रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज पलामू जिला बल के शहीद आरक्षी सुनील कुमार राम और संतन कुमार मेहता के परिजनों से मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय, कांके रोड में मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने दोनों शहीद जवानों के परिवारों को ₹1 करोड़ 10 लाख (प्रत्येक परिवार को) की सम्मान राशि का चेक प्रदान किया।

यह वित्तीय सहायता राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पुलिस सैलरी पैकेज के तहत दी गई है, जो सीधे शहीद के परिजनों के बैंक अकाउंट में क्रेडिट की गई है। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर, डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

शहीद परिवारों के लिए बड़ी घोषणाएं

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने शहीद के परिजनों का मनोबल बढ़ाया और उनके दुःख-दर्द में साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं:

बच्चों को निःशुल्क शिक्षा: राज्य सरकार शहीद के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (क्वालिटी एजुकेशन) प्रदान करेगी।

रांची में बनेगा आवासीय विद्यालय: शहीद पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए जल्द ही रांची में एक आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा। यह विद्यालय निजी स्कूलों की तर्ज पर संचालित होगा। इसके लिए झारखंड जगुआर में चार एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है।

पुलिस परिवार के लिए अस्पताल: राज्य सरकार पुलिस विभाग के जवानों एवं कर्मियों के लिए एक अस्पताल बनाने पर भी विचार कर रही है, जिसकी कार्य योजना जल्द ही बनाई जाएगी।

"झारखंड हमेशा अपने शहीदों का ऋणी रहेगा"

मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने शहीद परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि आरक्षी सुनील कुमार राम और संतन कुमार मेहता ने राज्यवासियों की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा, "हमारी सरकार शहीद परिवार की पीड़ा को गहराई से समझती है। झारखंड हमेशा अपने शहीदों का ऋणी रहेगा।"

मुख्यमंत्री ने परिजनों को सलाह दी कि वे इस सम्मान राशि का बेहतर उपयोग कर बच्चों के भविष्य को सकारात्मक दिशा प्रदान करें। उन्होंने परिजनों से हिम्मत और धैर्य बनाए रखते हुए परिवार को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

परिजनों को शीघ्र मिलेगी नौकरी और पेंशन

बैठक के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि शहीद हुए दोनों जवानों की पत्नियाँ स्नातक पास हैं और पुलिस विभाग के नियम के अनुसार, उन्हें क्लर्क की नौकरी दी जाएगी।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि SBI पैकेज के तहत ₹1.10 करोड़ की राशि प्रदान कर दी गई है। इसके अलावा, पुलिस विभाग द्वारा उग्रवादी कांड में शहीद हुए पुलिस कर्मियों के लिए तय की गई अतिरिक्त राशि को मिलाकर दोनों परिवारों को अनुमानित ₹2 करोड़ तक की सम्मान राशि उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पेंशन सहित अन्य सेवांत लाभों से भी परिजनों को शीघ्र जोड़ा जाए।

One Nation One Election पर संगोष्ठी – प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को आगे बढ़ाता रांची विश्वविद्यालय का आयोजन

रांची, 8 अक्टूबर 2025:

रांची विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज़ सभागार में आज “One Nation One Election” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, काजीरंगा (असम) लोकसभा सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा, तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष समीर ओरांव उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ।

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विचार भारतीय लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। बार-बार होने वाले चुनावों से न केवल संसाधनों की बर्बादी होती है बल्कि विकास कार्यों की गति भी रुक जाती है।”

सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा ने अपने संबोधन में कहा कि “यह पहल देश की एकता, स्थिरता और सुशासन की नींव को और मजबूत करेगी। मोदी जी ने जो दृष्टिकोण रखा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए राजनीति में नई दिशा तय करेगा।”

वहीं समीर ओरांव ने कहा कि “वन नेशन वन इलेक्शन से ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों तक विकास योजनाओं का कार्यान्वयन और तेजी से हो सकेगा। यह पहल राष्ट्र की लोकतांत्रिक एकजुटता का प्रतीक बनेगी।”

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा मोर्चा प्रदेश प्रभारी विनय जायसवाल, महामंत्री श्री रुपेश सिन्हा, उपाध्यक्ष पूजा सिंह, रांची ज़िला अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह, कार्यक्रम संयोजक नीरज कुमार, निदेशक मयंक मिश्रा, विनोद पाठक उपस्थित रहे 

इनके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अमन यादव, पवन पासवान, रणधीर दास, अमित दुबे, धर्मेंद्र शुक्ला, धर्मवीर सिंह, सुमन बाखला, राहुल चौबे, धीरज अग्रवाल, निशांत, आनंद, सुनील यादव समेत सैकड़ों युवा उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन युवा मोर्चा रांची महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने किया,

विषय परिवेश का प्रस्तुतीकरण महामंत्री रुपेश सिन्हा ने किया,

जबकि कार्यक्रम का समापन संयोजक नीरज कुमार ने किया।

सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विज़न भारतीय लोकतंत्र के लिए एक निर्णायक सुधार है, जो न केवल चुनाव प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि देश की आर्थिक और प्रशासनिक क्षमता को भी कई गुना बढ़ाएगा।”

आजमगढ़: तारा गुप्ता ने यूजीसी नेट परीक्षा में किया शानदार प्रदर्शन

राम प्रसाद मिश्र
लालगंज आजमगढ़। देवगांव कोतवाली क्षेत्र के चेवार पश्चिम की प्रतिभाशाली छात्रा तारा गुप्ता ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा 2025 में 92 से अधिक पर्सेंटाइल अंक प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। तारा गुप्ता की प्रारंभिक शिक्षा डीपीएस इंग्लिश स्कूल चेवार से हुई। इसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा श्री गिरिजा शरण इंटर कॉलेज मोरखा डोभी जौनपुर से उत्तीर्ण की। तारा ने बीए और एमए दोनों की पढ़ाई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी से वर्ष 2017 से 2022 के बीच पूरी की। इसके अतिरिक्त उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से बीएड की डिग्री प्राप्त की। यूजीसी नेट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अब तारा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्र हो गई हैं। बता दे कि यह परीक्षा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनने तथा पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है। तारा की इस सफलता से उनके परिवार और क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि उनके पिता सरोज गुप्ता और माता माधुरी गुप्ता की प्रेरणा ने उन्हें निरंतर आगे बढ़ने की शक्ति दी। वह अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और मित्रों को देती हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि क्षेत्र की अन्य छात्राओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। इस खुशी में डिजिटल लाइब्रेरी के संस्थापक भानु प्रताप सिंह ने मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया।