झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: मॉनसून सत्र को मंजूरी, सड़कों के लिए करोड़ों स्वीकृत, कई सेवा संबंधी प्रस्तावों पर मुहर

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज, 11 जुलाई 2025 को झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और जन कल्याण से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

विधानसभा का मॉनसून सत्र और विधायी कार्य

कैबिनेट ने षष्ठम झारखंड विधानसभा के तृतीय (मॉनसून) सत्र को 01 अगस्त 2025 से 07 अगस्त 2025 तक आहूत किए जाने तथा इससे संबंधित औपबंधिक कार्यक्रम पर अपनी स्वीकृति दे दी है। यह सत्र राज्य के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण होगा।

सड़क परियोजनाओं के लिए करोड़ों की स्वीकृति

राज्य में आधारभूत संरचना के विकास को गति देते हुए कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए बड़ी राशि स्वीकृत की है:

सिल्ली-बंता-हजाम टीकर-रंगामाटी पथ (MDR-25) के 39 किलोमीटर हिस्से के राईडिंग क्वालिटी सुधार (IRQP) कार्य के लिए ₹32.70 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

रांची जिले में कुम्हरिया मोड़ से संग्रामपुर तक (कुल लंबाई-6.333 किमी) पथ के पुनर्निर्माण (पुल निर्माण, भू-अर्जन, एवं यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित) के लिए ₹38.89 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इस पथ को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित भी किया जाएगा।

साहेबगंज अंतर्गत करमाटांड से जुराल तक (कुल 12.706 किमी) पथ के चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण (भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टिंग और प्लांटेशन सहित) के लिए ₹121.74 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इस पथ को भी ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

प्रशासनिक एवं सेवा संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट ने विभिन्न प्रशासनिक और सेवा संबंधी प्रस्तावों पर भी निर्णय लिए:

जिला योजना अनाबद्ध निधि के माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति और कार्यान्वयन हेतु मार्गदर्शिका में संशोधन को स्वीकृति मिली।

झारखंड प्रशासनिक सेवा की तत्कालीन अंचल अधिकारी, नामकुम, रांची, श्रीमती कुमुदिनी टुडू के अपील अभ्यावेदन को अस्वीकृत करते हुए उनके विरुद्ध 02 वेतनवृद्धि पर रोक के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नयाभुसूर, नामकुम, रांची की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभिनीति सिद्धार्थ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नाला, जामताड़ा की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्नेहा सिंह को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तत्कालीन प्रभारी सिविल सर्जन, जमशेदपुर डॉ. अरविंद कुमार लाल की सेवा से बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) के संचालन को स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय भगत चरण महान्ती, भूतपूर्व पदचर को अनुमान्य ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति मिली।

स्वैच्छिक सेवानिवृत पुलिस अवर निरीक्षक श्री शिव कुमार प्रसाद के चिकित्सा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु ₹10.20 लाख के भुगतान को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्तमान आवश्यकतानुसार पदों के प्रत्यर्पण एवं स्वीकृति को मंजूरी मिली।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलछाजन विकास अवयव (WDC-PMKSY 2.0) परियोजनाओं में Spineless Cactus Plantation अंतर्गत तकनीकी सहयोग प्रदान करने हेतु 04 संस्थाओं के मध्य Non-Financial MoU करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में याचिकाकर्ता उमेश पासवान और राम बिनय शर्मा की सेवा को 16 जनवरी 1994 से नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।

राज्य अंतर्गत सभी थानों हेतु चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों के क्रय की स्वीकृति प्रदान की गई।

"झारखंड उत्पाद (झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन) नियमावली, 2022" के तहत राजस्वहित में अल्पकालीन वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत नई खुदरा उत्पाद नीति के तहत दुकानों के संचालन हेतु दैनिक पारिश्रमिक पर मानव बल की सेवा प्राप्त करने के लिए निर्गत संकल्प पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

"The District Courts of the State of Jharkhand for the Use of Electronic Communication and Audio-Video Electronic Means Rules, 2025" के गठन के लिए माननीय राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में वर्ष 2017 में नियुक्त/कार्यरत खान निरीक्षकों को देय तिथि से सेवा सम्पुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य करने हेतु एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता की शर्त को शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान और पंचम वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दरों में वृद्धि को स्वीकृति मिली।

राज्य सरकार के पेंशनधारियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई राहत की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी गई।

तत्कालीन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, हजारीबाग दिनेश कुमार मिश्र के एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली ले जाने में हुए चिकित्सा व्यय ₹5.75 लाख की प्रतिपूर्ति को स्वीकृति मिली।

संस्था निबंधन अधिनियम, 1860 की धारा 24 के अंतर्गत संस्था निबंधन नियमावली के गठन को स्वीकृति मिली।

मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति अंतर्गत सुश्री माधुरी खालखो को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु वर्णित छात्रवृत्ति की अवधि व पाठ्यक्रम संबंधी पात्रता को विशेष परिस्थिति में क्षांत/शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय जगरनाथ महतो, तत्कालीन मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, झारखंड सरकार के Lung Transplant के उपरांत MGM अस्पताल चेन्नई में कराई गई अनुगामी चिकित्सा में वास्तविक व्यय ₹44.83 लाख की प्रतिपूर्ति/भुगतान की स्वीकृति दी गई।

उत्तरवर्ती बिहार एवं झारखंड राज्य स्थित एकीकृत बिहार पंचायत राज वित्त निगम लिमिटेड के कर्मियों के बकाया वेतनादि के भुगतान हेतु झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम की निकासी की स्वीकृति दी गई।

*जागरूकता का संदेश लेकर रवाना हुआ सारथी वाहन, जनसंख्या नियंत्रण के महत्व पर की गई चर्चा


गोरखपुर। जिले में विश्व जनसंख्या दिवस पर समुदाय को जागरूक करने के लिए विविध आयोजन हुए। इसी क्रम में सीएमओ कार्यालय से सारथी वाहन को सीएमओ डॉ राजेश झा ने हरी झंडी दिखा कर शुक्रवार को रवाना किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कराया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने जनसंख्या नियंत्रण, छोटे परिवार के महत्व और परिवार नियोजन के महिला के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चर्चा की।

सीएमओ डॉ राजेश जा ने उत्कृष्ट विचारों और तर्कों के लिए सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना की। उन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाली जनता इंटर कॉलेज की छात्रा अमृता, द्वितिय स्थान पाने वाली भगवती प्रसाद इंटर कॉलेज की छात्रा माही गुप्ता और तीसरा स्थान पाने वाली इसी कॉलेज की सुमुल खान एवं जुबिली इंटर कॉलेज के छात्र आदित्य नाथ को पुरस्कृत किया।

सीएमओ ने बताया कि इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस का विषय "माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल’’ है। इस विषय का संदेश है कि जनसंख्या का नियोजन न केवल समाज की खुशहाली के लिए आवश्यक है, बल्कि परिवार के कल्याण के लिए भी नितांत जरूरी है। परिवार नियोजन न केवल मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी इसकी अहम भूमिका है। सारथी वाहन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन जन तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा।

डॉ झा ने बताया कि शुक्रवार से ही विश्व जनसंख्या स्थिरता का सेवा अदायगी पखवाड़ा शुरू हो गया है। इसके तहत इच्छुक दंपति को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाती हैं।

स्वास्थ्य विभाग गर्भनिरोधक गोलियां, महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, कंडोम, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और साप्ताहिक छाया गोली जैसे साधन निःशुल्क उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर परिवार नियोजन परामर्शदाता दंपति को बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में परामर्श देते है और दंपति की पसंद के अनुसार उन्हें सेवा भी उपलब्ध कराते हैं।

इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डीपीएम पंकज आनंद, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, मातृ शिशु स्वास्थ्य परामर्शदाता सूर्य प्रकाश और पीएसआई इंडिया संस्था से प्रियंका सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।

प्रशिक्षित हुए बीपीएम, एचईओ और फार्मासिस्ट

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सीएमओ डॉ राजेश झा की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) और फार्मासिस्ट को आयरन फोलिक एसिड गोलियों की आपूर्ति श्रंखला के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

एम्स एसआरसीएन एम्स के सहयोग से हुई इस प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स गोरखपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति सिंह, सीएमओ डॉ राजेश झा और एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आईएफए की समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि किशोरियों, गर्भवती और बच्चों में एनीमिया की दर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।

इस अवसर पर यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ सत्या, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि के सुरेश तिवारी, प्रवीण दूबे और मनीष द्विवेद्वी ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

*मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध हालात में डॉक्टर की मौत से हड़कंप : हॉस्टल के कमरे में बेड पर मिला शव*

गोरखपुर। बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में आज़ सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत एक युवा डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। मृतक डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय अबिषो डेविड के रूप में हुई है, जो केरल के अबिविला, पामपडुमकुझी, पाल्लूरकोनाम, परास्सला, ज़िला तिरुअनंतपुरम के निवासी थे। वे मेडिकल कॉलेज के सौ सीटेट पीजी बॉयज हॉस्टल में रह रहे थे और एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह रोज़ की तरह जब अबिषो डेविड समय पर विभाग में उपस्थित नहीं हुए तो विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने कर्मचारी को उनके हॉस्टल कक्ष पर भेजा। कर्मचारी जब हॉस्टल पहुँचा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद है और खटखटाने व आवाज़ लगाने पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा।

हालात संदिग्ध देख कर्मचारी ने तुरंत विभागाध्यक्ष को सूचना दी। स्थिति को देखते हुए डॉ. सतीश कुमार स्वयं अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ हॉस्टल पहुँचे। काफी प्रयासों के बाद जब दरवाज़ा नहीं खुला तो उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया। दरवाज़ा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया गया तो अबिषो डेविड बेड पर मृत पड़े मिले।

घटना की सूचना मिलते ही प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, कई वरिष्ठ चिकित्सक, शिक्षक और रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुँच गए। गोरखपुर के गुलरिहा थाना पुलिस को तत्काल सूचित किया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटनास्थल से किसी प्रकार का स्पष्ट सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य और गहरा गया है। हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट मिला था, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कमरे से आवश्यक नमूने और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। हॉस्टल के अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

घटना की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है। पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में इस घटना के बाद शोक और सन्नाटे का माहौल व्याप्त है। हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों में दहशत और असमंजस की स्थिति है। मरीजों के तीमारदारों की भीड़ भी परिसर में जमा हो गई, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉक्टर अबिषो डेविड की मौत स्वाभाविक थी या आत्महत्या। उन्होंने कहा — ‘स्थिति पूरी तरह से संदिग्ध है, कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। हम पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद ही सही स्थिति का खुलासा हो सकेगा।’

प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए एक दुखद घटना है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल और विभाग से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जाँच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पारिवारिक परेशानी या अन्य कोई कारण तो घटना के पीछे नहीं है।

पुलिस के अनुसार, सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारण का अंतिम निष्कर्ष निकल सकेगा।

बताया जा रहा है कि डॉ. अबिषो डेविड अपने सहकर्मियों के बीच मृदुभाषी, जिम्मेदार और समर्पित डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे। उनकी इस प्रकार रहस्यमयी मृत्यु ने उनके साथियों और शिक्षकों को गहरे शोक में डाल दिया है।

फिलहाल मेडिकल कॉलेज के छात्र, डॉक्टर और प्रशासन एक ही सवाल में उलझे हैं कि क्या यह मौत आत्महत्या है या कोई और राज़ छुपा हुआ है? क्या मानसिक तनाव या व्यक्तिगत कारण इस घटना के पीछे हैं? यह सब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा।

समाज कल्याण विभाग में एआई आधारित योजनाओं की प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कार्यशाला आयोजित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग ने अपनी योजनाओं को अधिक पारदर्शी, जनहितकारी और समयबद्ध बनाने के लिए तकनीकी नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शुक्रवार को समाज कल्याण निदेशालय में " एआई का समाज कल्याण की योजनाओं में उपयोग" विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई ) की मदद से योजनाओं के क्रियान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी व प्रभावी बनाना रहा। इसमें चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे आधुनिक टूल्स के उपयोग से योजना निर्माण, रिपोर्ट संकलन व संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण के तरीकों पर चर्चा की गई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि अधिक से अधिक लोगों का क्षमतावर्धन हो। इसके लिए तकनीक को तेजी से अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे तकनीक को जनसेवा का सशक्त माध्यम बनाएं।
मुख्य वक्ता सुमित कुमार सिंह, संस्थापक एसीई एआई और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, आईआईटी दिल्ली तथा आईआईएम लखनऊ के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने एआई की व्यावहारिक उपयोगिता, डेटा विश्लेषण व योजनागत सुधारों में इसके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
अपर मुख्य सचिव वेंकटेश्वर लू ने अधिकारियों को नवाचारों को शीघ्र अपनाने हेतु प्रेरित किया। कार्यशाला में निदेशक कुमार प्रशांत, महाप्रबंधक विपिन कुमार पांडेय, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिवम सागर सहित अनेक अधिकारी, कर्मचारी, सर्वोदया स्कूल, आईटीआई और पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य भी मौजूद रहे।
लखनऊ में पहली बार ‘युवा कौशल चौपाल’ का आयोजन, कौशल से आत्मनिर्भर बने युवाओं को मिलेगा सम्मान
लखनऊ। विश्व युवा कौशल दिवस (15 जुलाई) के अवसर पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस बार एक अनूठी पहल की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कौशल भारत - महाशक्ति भारत’ संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में पहली बार दो दिवसीय 'युवा कौशल चौपाल' का आयोजन 15 और 16 जुलाई को किया जाएगा।
इस विशेष आयोजन में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन से प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बने 11 चुनिंदा युवाओं को "कौशल यूथ आइकॉन" के रूप में मंच पर बुलाया जाएगा। ये युवा अपनी सफलता की प्रेरक कहानियां जनसभा के समक्ष साझा करेंगे। आयोजन में सैकड़ों प्रशिक्षित युवा मौजूद रहेंगे, लेकिन मंच पर उन्हीं को स्थान मिलेगा, जिन्होंने कौशल के बल पर न केवल खुद रोजगार पाया, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा किए।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा, “यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यूथ मोटिवेशन मूवमेंट है। इससे गांव-कस्बों के युवाओं को यह संदेश जाएगा कि कौशल ही असली ताकत है।” कार्यक्रम में इन युवाओं को सम्मानित कर न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जाएगा, बल्कि समाज में कौशल आधारित सफलता को नई पहचान और सामाजिक स्वीकृति भी दी जाएगी।
भ्रष्टाचार पर प्रहार- छात्रावास के लिए जारी धनराशि के दुरुपयोग पर अधीक्षिका निलंबित

* समाज कल्याण मंत्री ने जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ भी दिए जांच के  निर्देश

लखनऊ। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेन्स की नीति पर कार्य कर रही है। इसी क्रम में मुरादाबाद में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास के रख रखाव के लिए जारी 10 लाख रुपयों का कार्य न कराये जाने के आरोप में छात्रावास अधीक्षिका सुश्री प्रवेश कुमारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण ने जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ जांच के निर्देश भी दिये हैं।
मंत्री असीम अरुण 7 जुलाई को मुरादाबाद में एक छात्रावास के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास के छात्रों ने समाज कल्याण मंत्री से कई शिकायतें की थी। शिकायतों के आधार पर मेरठ मंडल की उपनिदेशक सुनीता यादव ने 10 जुलाई को छात्रावास पहुंच कर जांच की। जांच अधिकारी ने पाया कि मार्च में 14 कैमरे कागजों में तो खरीद लिए गए लेकिन लगाये नहीं गए। ये कैमरे जांच अधिकारी के पहुँचने से पहले 9 जुलाई को लगाये गए। इसी तरह 42 इंच का टीवी भी मार्च में ही लगना कागजों में बताया गया, लेकिन टीवी 7 जुलाई को लगाया गया। इतना ही नहीं कमरों, खिड़कियों की पुताई, मुख्य गेट के मरम्मत और पुताई के कार्य में भी जांच अधिकारी को गड़बड़ी मिली थी।
मानसून से थमी चारधाम यात्रा, केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड। मानसून के सक्रिय होते ही चारधाम यात्रा पर व्यापक असर पड़ा है। खासकर केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे और गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग भूस्खलन और मलबा आने के कारण बाधित हो गए हैं, जिससे यात्रा की रफ्तार थम गई है।

पिछले एक सप्ताह से केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। जुलाई के शुरुआती नौ दिनों में केवल 27,280 श्रद्धालु ही धाम पहुंच सके हैं, जबकि मानसून पूर्व जून में यह आंकड़ा 6.18 लाख और मई में करीब 6.97 लाख था। बुधवार को तो सिर्फ 1,165 श्रद्धालु ही बाबा केदार के दर्शन कर सके, जो इस यात्रा सीजन की सबसे कम संख्या रही। श्रद्धालुओं की संख्या घटने से स्थानीय व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। केदारनाथ में कैंटीन संचालित करने वाले राकेश नेगी कहते हैं, यात्रा में गिरावट के कारण कारोबार लगभग ठप हो गया है। वहीं गढ़वाल मंडल विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक गिरवीर सिंह रावत ने कहा कि हर दिन कई बुकिंग रद्द हो रही हैं, जिससे निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी युदवीर पुष्पवाण के अनुसार, जून के तीसरे सप्ताह से ही यात्रा में गिरावट शुरू हो गई थी। वर्तमान में प्रतिदिन केवल 1,500 से 2,000 श्रद्धालु ही केदारनाथ पहुंच रहे हैं। प्रशासन और संबंधित एजेंसियां मार्गों को सुचारू करने में जुटी हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता और भारी बारिश के कारण कार्य में बाधाएं आ रही हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की स्थिति देखकर ही यात्रा की योजना बनाएं।

गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी की हत्या, पिता ने पीछे से मारीं 3 गोलियां, होनहार बेटी के लिए इतना क्रूर कैसे हुआ पिता?

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गुरुग्राम के सेक्टर-57 में राज्य स्तरीय महिला टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या कर दी गई। राधिका यादव की गुरुवार की दोपहर को उन्‍हीं के घर में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई। उनकी हत्‍या करने वाला और कोई नहीं बल्कि उनके पिता ही हैं। होनहार बेटी राधिका यादव ने जिस पिता का कई बार अपने खेल से नाम रोशन किया। कई बार उन्‍हें खुशी का मौका दिया, वो पिता आखिर इतना क्रूर कैसे हो गया?

पिता ने कबूल किया गुनाह

पुलिस के अनुसार, दीपक यादव ने गुरुवार सुबह अपने घर में लाइसेंसी रिवॉल्वर से राधिका को पांच गोलियां मारीं, जिनमें से तीन उसकी पीठ में लगीं और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हत्या का कारण राधिका द्वारा संचालित टेनिस अकादमी को लेकर पिता-पुत्री के बीच चल रहा विवाद बताया जा रहा है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि दीपक यादव को समाज में यह कहे जाने पर आपत्ति थी कि वह अपनी बेटी की कमाई पर आश्रित हैं।

बेटी की कमाई खाने की बात पर थी नाराजगी

आरोपी दीपक यादव ने पूछताछ में बतलाया कि, मेरी लड़की राधिका टेनिस की प्लेयर थी और नेशनल तक खेली थी। काफी ट्राफी जीत कर लाई। कुछ दिन से मेरी लड़की के कंधों में इंजरी होने के कारण वो खेल नहीं रही थी। उसने अपनी एकेडमी खोल रखी थी, जो बच्चो को कोचिंग देती थी। जब मैं गांव में दूध लेने के लिए वजीराबाद जाता था तो लोग मुझे कहते थे कि आप लड़की की कमाई खाते हो। जिससे मैं काफी परेशान था। जो लोग मेरी लड़की के चरित्र पर भी उंगली उठाते थे। मैनें अपनी लड़की से कहा कि आपने टेनिस की एकेडमी खोल रखी है, इसको बंद कर दो। लेकिन मेरी लड़की ने बंद करने से मना कर दिया।

पिता-बेटी में टेनिस अकादमी को लेकर था झगड़ा

बीते 15 दिनों से पिता व बेटी में टेनिस अकादमी को लेकर झगड़ा चल रहा था। बृहस्पतिवार की सुबह दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहसबाजी होने पर पिता दीपक ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से बेटी राधिका की पीठ में तीन गोली मार दी। राधिका यादव को गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

कंधे में चोट के बाद छोड़ दिया था खेल

बता दें कि राधिका यादव भारत की एक प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी थीं, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियाँ हासिल की थीं। राधिका ने टेनिस खेल में कई पदक भी जीते हैं। कुछ माह पहले कंधे में चोट लगने के कारण राधिका ने टेनिस खेलना छोड़ दिया था। इसके बाद राधिका ने वजीराबाद गांव में बच्चों को टेनिस सिखाने के लिए अकादमी शुरू की थी, लेकिन राधिका के पिता दीपक इस अकादमी को खोलने के खिलाफ थे।

कार की टक्कर के बाद बवाल, युवक के गले पर पेचकस से किया वार

लखनऊ । राजधानी के इंदिरानगर थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जहां मामूली सड़क हादसे के बाद कहासुनी इतनी बढ़ गई कि मामला जानलेवा हमले में तब्दील हो गया। जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद रेहान नाम का युवक अपनी स्कूटी से जा रहा था, तभी एक कार ने उसे टक्कर मार दी।इसके बार मौके फर अफरातफरी मच गई। राहगीरों ने घायल युवक को लोहिया में कराया भर्ती टक्कर के बाद जब रेहान ने विरोध किया तो कार सवार युवक ने उससे झगड़ा शुरू कर दिया। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा कि आरोपी ने अपनी कार से पेचकस निकाली और रेहान के गले पर कई वार कर दिए। हमले में रेहान बुरी तरह घायल हो गया। वहीं सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। राहगीरों की मदद से उसे तत्काल लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और इलाज जारी है।परिजन भी अस्पताल पहुंच गए हैं। पुलिस ने आरोपी चालक को लिया हिरासत में सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए आरोपी कार चालक को हिरासत में ले लिया है। प्रारंभिक पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बताया कि घटना अचानक हुई कहासुनी के बाद गुस्से में की गई।फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे घटनाक्रम की गंभीरता से जांच की जा रही है। ताकि आरोपी के खिलाफ कड़ी सी कड़ी कार्रवाई की जा सके। परिजनों की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बाजारों से अतिक्रमण हटेगा, साइबर फ्रॉड पर होगी त्वरित कार्रवाई: बबलू कुमार
राजधानी  में बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों और कानून-व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के उद्देश्य से संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) बबलू कुमार ने 10 जुलाई 2025 को रिज़र्व पुलिस लाइन में व्यापार मंडल पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में बाजारों की सुरक्षा, अतिक्रमण हटाने, साइबर फ्रॉड रोकथाम और पुलिस-व्यापारी समन्वय पर चर्चा की गई।

उक्त बैठक में निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी

-विभिन्न बाजारों में दुकानदारों द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने पर सहमति बनी है, जिसमें व्यापारियों द्वारा पूर्ण तौर पर सहयोग किया जायेगा।
- बाजारों में दुकानो के आगे लगे सड़क विक्रेता (फल, सब्जी आदि के ठेले) को व्यवस्थित किये जाना । महत्वपूर्ण बाजारों जैसे भूतनाथ मार्केट, गोल मार्कट, अमीनाबाद बाजार व लाटूश रोड आदि जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था को निर्धारित करना।
-छोटे वाहन जिनके द्वारा दुकानों पर सामग्री लायी जाती है, उनके चालान के सम्बन्ध में।
-साइबर फ्राड से सम्बन्धित खातों का त्वरित निस्तारण करना ताकि व्यापारी के लेनदेन में असुविधा न उत्पन्न हो। थाना स्तर पर व्यापारी द्वारी दिये गये प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करना।
- दुकानों पर लगे कर्मचारियों का नियमित तौर पर पुलिस सत्यापन कराना।
- दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की नियमित रूप से गुणवत्ता को चैक करना एवं आने जाने वाले मुख्य स्थानों को कवर करना।
- व्यापार मण्डल के पदाधिकारीगण अपने साथियों एवं अन्य व्यपारियों के साथ बैठक करेंगे तथा उक्त बिन्दुओं पर कार्य योजना तैयार कर अतिक्रमण हटाने के लिए प्रेरित करेंगे।
- व्यापार मण्डल के पदाधिकारीगण अपने साथियों के साथ स्थानीय पुलिस से समन्वय स्थापित कर कार्यवाही में सहयोग करेंगे।

हर माह में थाना स्तर पर गोष्ठी आयोजन किये जाने पर भी सहमति बनी

जनपद लखनऊ के समस्त व्यापार मण्डलों के पदाधिकारियों से व्यवसायिक स्थानों की सुरक्षा उक्त बिन्दुओं पर कार्ययोजना तैयार कर अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये तथा हर माह में थाना स्तर पर गोष्ठी आयोजन किये जाने पर भी सहमति बनी।
झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: मॉनसून सत्र को मंजूरी, सड़कों के लिए करोड़ों स्वीकृत, कई सेवा संबंधी प्रस्तावों पर मुहर

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज, 11 जुलाई 2025 को झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और जन कल्याण से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

विधानसभा का मॉनसून सत्र और विधायी कार्य

कैबिनेट ने षष्ठम झारखंड विधानसभा के तृतीय (मॉनसून) सत्र को 01 अगस्त 2025 से 07 अगस्त 2025 तक आहूत किए जाने तथा इससे संबंधित औपबंधिक कार्यक्रम पर अपनी स्वीकृति दे दी है। यह सत्र राज्य के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण होगा।

सड़क परियोजनाओं के लिए करोड़ों की स्वीकृति

राज्य में आधारभूत संरचना के विकास को गति देते हुए कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए बड़ी राशि स्वीकृत की है:

सिल्ली-बंता-हजाम टीकर-रंगामाटी पथ (MDR-25) के 39 किलोमीटर हिस्से के राईडिंग क्वालिटी सुधार (IRQP) कार्य के लिए ₹32.70 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

रांची जिले में कुम्हरिया मोड़ से संग्रामपुर तक (कुल लंबाई-6.333 किमी) पथ के पुनर्निर्माण (पुल निर्माण, भू-अर्जन, एवं यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित) के लिए ₹38.89 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इस पथ को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित भी किया जाएगा।

साहेबगंज अंतर्गत करमाटांड से जुराल तक (कुल 12.706 किमी) पथ के चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण (भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टिंग और प्लांटेशन सहित) के लिए ₹121.74 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इस पथ को भी ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

प्रशासनिक एवं सेवा संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट ने विभिन्न प्रशासनिक और सेवा संबंधी प्रस्तावों पर भी निर्णय लिए:

जिला योजना अनाबद्ध निधि के माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति और कार्यान्वयन हेतु मार्गदर्शिका में संशोधन को स्वीकृति मिली।

झारखंड प्रशासनिक सेवा की तत्कालीन अंचल अधिकारी, नामकुम, रांची, श्रीमती कुमुदिनी टुडू के अपील अभ्यावेदन को अस्वीकृत करते हुए उनके विरुद्ध 02 वेतनवृद्धि पर रोक के दण्ड को यथावत् रखने की स्वीकृति दी गई।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नयाभुसूर, नामकुम, रांची की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभिनीति सिद्धार्थ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नाला, जामताड़ा की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्नेहा सिंह को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तत्कालीन प्रभारी सिविल सर्जन, जमशेदपुर डॉ. अरविंद कुमार लाल की सेवा से बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) के संचालन को स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय भगत चरण महान्ती, भूतपूर्व पदचर को अनुमान्य ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति मिली।

स्वैच्छिक सेवानिवृत पुलिस अवर निरीक्षक श्री शिव कुमार प्रसाद के चिकित्सा पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु ₹10.20 लाख के भुगतान को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्तमान आवश्यकतानुसार पदों के प्रत्यर्पण एवं स्वीकृति को मंजूरी मिली।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलछाजन विकास अवयव (WDC-PMKSY 2.0) परियोजनाओं में Spineless Cactus Plantation अंतर्गत तकनीकी सहयोग प्रदान करने हेतु 04 संस्थाओं के मध्य Non-Financial MoU करने की स्वीकृति दी गई।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में याचिकाकर्ता उमेश पासवान और राम बिनय शर्मा की सेवा को 16 जनवरी 1994 से नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।

राज्य अंतर्गत सभी थानों हेतु चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों के क्रय की स्वीकृति प्रदान की गई।

"झारखंड उत्पाद (झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन) नियमावली, 2022" के तहत राजस्वहित में अल्पकालीन वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत नई खुदरा उत्पाद नीति के तहत दुकानों के संचालन हेतु दैनिक पारिश्रमिक पर मानव बल की सेवा प्राप्त करने के लिए निर्गत संकल्प पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

"The District Courts of the State of Jharkhand for the Use of Electronic Communication and Audio-Video Electronic Means Rules, 2025" के गठन के लिए माननीय राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त करने की स्वीकृति मिली।

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में वर्ष 2017 में नियुक्त/कार्यरत खान निरीक्षकों को देय तिथि से सेवा सम्पुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य करने हेतु एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता की शर्त को शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान और पंचम वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दरों में वृद्धि को स्वीकृति मिली।

राज्य सरकार के पेंशनधारियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केंद्रीय वेतनमान) में 01 जनवरी 2025 के प्रभाव से महंगाई राहत की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी गई।

तत्कालीन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, हजारीबाग दिनेश कुमार मिश्र के एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली ले जाने में हुए चिकित्सा व्यय ₹5.75 लाख की प्रतिपूर्ति को स्वीकृति मिली।

संस्था निबंधन अधिनियम, 1860 की धारा 24 के अंतर्गत संस्था निबंधन नियमावली के गठन को स्वीकृति मिली।

मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति अंतर्गत सुश्री माधुरी खालखो को छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु वर्णित छात्रवृत्ति की अवधि व पाठ्यक्रम संबंधी पात्रता को विशेष परिस्थिति में क्षांत/शिथिल करने की स्वीकृति दी गई।

स्वर्गीय जगरनाथ महतो, तत्कालीन मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, झारखंड सरकार के Lung Transplant के उपरांत MGM अस्पताल चेन्नई में कराई गई अनुगामी चिकित्सा में वास्तविक व्यय ₹44.83 लाख की प्रतिपूर्ति/भुगतान की स्वीकृति दी गई।

उत्तरवर्ती बिहार एवं झारखंड राज्य स्थित एकीकृत बिहार पंचायत राज वित्त निगम लिमिटेड के कर्मियों के बकाया वेतनादि के भुगतान हेतु झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम की निकासी की स्वीकृति दी गई।

*जागरूकता का संदेश लेकर रवाना हुआ सारथी वाहन, जनसंख्या नियंत्रण के महत्व पर की गई चर्चा


गोरखपुर। जिले में विश्व जनसंख्या दिवस पर समुदाय को जागरूक करने के लिए विविध आयोजन हुए। इसी क्रम में सीएमओ कार्यालय से सारथी वाहन को सीएमओ डॉ राजेश झा ने हरी झंडी दिखा कर शुक्रवार को रवाना किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कराया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने जनसंख्या नियंत्रण, छोटे परिवार के महत्व और परिवार नियोजन के महिला के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चर्चा की।

सीएमओ डॉ राजेश जा ने उत्कृष्ट विचारों और तर्कों के लिए सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना की। उन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाली जनता इंटर कॉलेज की छात्रा अमृता, द्वितिय स्थान पाने वाली भगवती प्रसाद इंटर कॉलेज की छात्रा माही गुप्ता और तीसरा स्थान पाने वाली इसी कॉलेज की सुमुल खान एवं जुबिली इंटर कॉलेज के छात्र आदित्य नाथ को पुरस्कृत किया।

सीएमओ ने बताया कि इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस का विषय "माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल’’ है। इस विषय का संदेश है कि जनसंख्या का नियोजन न केवल समाज की खुशहाली के लिए आवश्यक है, बल्कि परिवार के कल्याण के लिए भी नितांत जरूरी है। परिवार नियोजन न केवल मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी इसकी अहम भूमिका है। सारथी वाहन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन जन तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा।

डॉ झा ने बताया कि शुक्रवार से ही विश्व जनसंख्या स्थिरता का सेवा अदायगी पखवाड़ा शुरू हो गया है। इसके तहत इच्छुक दंपति को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाती हैं।

स्वास्थ्य विभाग गर्भनिरोधक गोलियां, महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, कंडोम, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और साप्ताहिक छाया गोली जैसे साधन निःशुल्क उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर परिवार नियोजन परामर्शदाता दंपति को बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में परामर्श देते है और दंपति की पसंद के अनुसार उन्हें सेवा भी उपलब्ध कराते हैं।

इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डीपीएम पंकज आनंद, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, मातृ शिशु स्वास्थ्य परामर्शदाता सूर्य प्रकाश और पीएसआई इंडिया संस्था से प्रियंका सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।

प्रशिक्षित हुए बीपीएम, एचईओ और फार्मासिस्ट

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सीएमओ डॉ राजेश झा की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) और फार्मासिस्ट को आयरन फोलिक एसिड गोलियों की आपूर्ति श्रंखला के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

एम्स एसआरसीएन एम्स के सहयोग से हुई इस प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स गोरखपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति सिंह, सीएमओ डॉ राजेश झा और एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आईएफए की समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि किशोरियों, गर्भवती और बच्चों में एनीमिया की दर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।

इस अवसर पर यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ सत्या, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि के सुरेश तिवारी, प्रवीण दूबे और मनीष द्विवेद्वी ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

*मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध हालात में डॉक्टर की मौत से हड़कंप : हॉस्टल के कमरे में बेड पर मिला शव*

गोरखपुर। बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में आज़ सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत एक युवा डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। मृतक डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय अबिषो डेविड के रूप में हुई है, जो केरल के अबिविला, पामपडुमकुझी, पाल्लूरकोनाम, परास्सला, ज़िला तिरुअनंतपुरम के निवासी थे। वे मेडिकल कॉलेज के सौ सीटेट पीजी बॉयज हॉस्टल में रह रहे थे और एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह रोज़ की तरह जब अबिषो डेविड समय पर विभाग में उपस्थित नहीं हुए तो विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने कर्मचारी को उनके हॉस्टल कक्ष पर भेजा। कर्मचारी जब हॉस्टल पहुँचा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद है और खटखटाने व आवाज़ लगाने पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा।

हालात संदिग्ध देख कर्मचारी ने तुरंत विभागाध्यक्ष को सूचना दी। स्थिति को देखते हुए डॉ. सतीश कुमार स्वयं अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ हॉस्टल पहुँचे। काफी प्रयासों के बाद जब दरवाज़ा नहीं खुला तो उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया। दरवाज़ा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया गया तो अबिषो डेविड बेड पर मृत पड़े मिले।

घटना की सूचना मिलते ही प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, कई वरिष्ठ चिकित्सक, शिक्षक और रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुँच गए। गोरखपुर के गुलरिहा थाना पुलिस को तत्काल सूचित किया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटनास्थल से किसी प्रकार का स्पष्ट सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य और गहरा गया है। हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट मिला था, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कमरे से आवश्यक नमूने और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। हॉस्टल के अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

घटना की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है। पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में इस घटना के बाद शोक और सन्नाटे का माहौल व्याप्त है। हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों में दहशत और असमंजस की स्थिति है। मरीजों के तीमारदारों की भीड़ भी परिसर में जमा हो गई, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉक्टर अबिषो डेविड की मौत स्वाभाविक थी या आत्महत्या। उन्होंने कहा — ‘स्थिति पूरी तरह से संदिग्ध है, कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। हम पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद ही सही स्थिति का खुलासा हो सकेगा।’

प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए एक दुखद घटना है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल और विभाग से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जाँच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पारिवारिक परेशानी या अन्य कोई कारण तो घटना के पीछे नहीं है।

पुलिस के अनुसार, सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारण का अंतिम निष्कर्ष निकल सकेगा।

बताया जा रहा है कि डॉ. अबिषो डेविड अपने सहकर्मियों के बीच मृदुभाषी, जिम्मेदार और समर्पित डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे। उनकी इस प्रकार रहस्यमयी मृत्यु ने उनके साथियों और शिक्षकों को गहरे शोक में डाल दिया है।

फिलहाल मेडिकल कॉलेज के छात्र, डॉक्टर और प्रशासन एक ही सवाल में उलझे हैं कि क्या यह मौत आत्महत्या है या कोई और राज़ छुपा हुआ है? क्या मानसिक तनाव या व्यक्तिगत कारण इस घटना के पीछे हैं? यह सब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा।

समाज कल्याण विभाग में एआई आधारित योजनाओं की प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कार्यशाला आयोजित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग ने अपनी योजनाओं को अधिक पारदर्शी, जनहितकारी और समयबद्ध बनाने के लिए तकनीकी नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शुक्रवार को समाज कल्याण निदेशालय में " एआई का समाज कल्याण की योजनाओं में उपयोग" विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई ) की मदद से योजनाओं के क्रियान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी व प्रभावी बनाना रहा। इसमें चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे आधुनिक टूल्स के उपयोग से योजना निर्माण, रिपोर्ट संकलन व संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण के तरीकों पर चर्चा की गई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि अधिक से अधिक लोगों का क्षमतावर्धन हो। इसके लिए तकनीक को तेजी से अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे तकनीक को जनसेवा का सशक्त माध्यम बनाएं।
मुख्य वक्ता सुमित कुमार सिंह, संस्थापक एसीई एआई और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, आईआईटी दिल्ली तथा आईआईएम लखनऊ के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने एआई की व्यावहारिक उपयोगिता, डेटा विश्लेषण व योजनागत सुधारों में इसके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
अपर मुख्य सचिव वेंकटेश्वर लू ने अधिकारियों को नवाचारों को शीघ्र अपनाने हेतु प्रेरित किया। कार्यशाला में निदेशक कुमार प्रशांत, महाप्रबंधक विपिन कुमार पांडेय, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिवम सागर सहित अनेक अधिकारी, कर्मचारी, सर्वोदया स्कूल, आईटीआई और पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य भी मौजूद रहे।
लखनऊ में पहली बार ‘युवा कौशल चौपाल’ का आयोजन, कौशल से आत्मनिर्भर बने युवाओं को मिलेगा सम्मान
लखनऊ। विश्व युवा कौशल दिवस (15 जुलाई) के अवसर पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस बार एक अनूठी पहल की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कौशल भारत - महाशक्ति भारत’ संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में पहली बार दो दिवसीय 'युवा कौशल चौपाल' का आयोजन 15 और 16 जुलाई को किया जाएगा।
इस विशेष आयोजन में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन से प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बने 11 चुनिंदा युवाओं को "कौशल यूथ आइकॉन" के रूप में मंच पर बुलाया जाएगा। ये युवा अपनी सफलता की प्रेरक कहानियां जनसभा के समक्ष साझा करेंगे। आयोजन में सैकड़ों प्रशिक्षित युवा मौजूद रहेंगे, लेकिन मंच पर उन्हीं को स्थान मिलेगा, जिन्होंने कौशल के बल पर न केवल खुद रोजगार पाया, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा किए।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा, “यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यूथ मोटिवेशन मूवमेंट है। इससे गांव-कस्बों के युवाओं को यह संदेश जाएगा कि कौशल ही असली ताकत है।” कार्यक्रम में इन युवाओं को सम्मानित कर न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जाएगा, बल्कि समाज में कौशल आधारित सफलता को नई पहचान और सामाजिक स्वीकृति भी दी जाएगी।
भ्रष्टाचार पर प्रहार- छात्रावास के लिए जारी धनराशि के दुरुपयोग पर अधीक्षिका निलंबित

* समाज कल्याण मंत्री ने जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ भी दिए जांच के  निर्देश

लखनऊ। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेन्स की नीति पर कार्य कर रही है। इसी क्रम में मुरादाबाद में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास के रख रखाव के लिए जारी 10 लाख रुपयों का कार्य न कराये जाने के आरोप में छात्रावास अधीक्षिका सुश्री प्रवेश कुमारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण ने जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ जांच के निर्देश भी दिये हैं।
मंत्री असीम अरुण 7 जुलाई को मुरादाबाद में एक छात्रावास के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास के छात्रों ने समाज कल्याण मंत्री से कई शिकायतें की थी। शिकायतों के आधार पर मेरठ मंडल की उपनिदेशक सुनीता यादव ने 10 जुलाई को छात्रावास पहुंच कर जांच की। जांच अधिकारी ने पाया कि मार्च में 14 कैमरे कागजों में तो खरीद लिए गए लेकिन लगाये नहीं गए। ये कैमरे जांच अधिकारी के पहुँचने से पहले 9 जुलाई को लगाये गए। इसी तरह 42 इंच का टीवी भी मार्च में ही लगना कागजों में बताया गया, लेकिन टीवी 7 जुलाई को लगाया गया। इतना ही नहीं कमरों, खिड़कियों की पुताई, मुख्य गेट के मरम्मत और पुताई के कार्य में भी जांच अधिकारी को गड़बड़ी मिली थी।
मानसून से थमी चारधाम यात्रा, केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड। मानसून के सक्रिय होते ही चारधाम यात्रा पर व्यापक असर पड़ा है। खासकर केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे और गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग भूस्खलन और मलबा आने के कारण बाधित हो गए हैं, जिससे यात्रा की रफ्तार थम गई है।

पिछले एक सप्ताह से केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। जुलाई के शुरुआती नौ दिनों में केवल 27,280 श्रद्धालु ही धाम पहुंच सके हैं, जबकि मानसून पूर्व जून में यह आंकड़ा 6.18 लाख और मई में करीब 6.97 लाख था। बुधवार को तो सिर्फ 1,165 श्रद्धालु ही बाबा केदार के दर्शन कर सके, जो इस यात्रा सीजन की सबसे कम संख्या रही। श्रद्धालुओं की संख्या घटने से स्थानीय व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। केदारनाथ में कैंटीन संचालित करने वाले राकेश नेगी कहते हैं, यात्रा में गिरावट के कारण कारोबार लगभग ठप हो गया है। वहीं गढ़वाल मंडल विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक गिरवीर सिंह रावत ने कहा कि हर दिन कई बुकिंग रद्द हो रही हैं, जिससे निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी युदवीर पुष्पवाण के अनुसार, जून के तीसरे सप्ताह से ही यात्रा में गिरावट शुरू हो गई थी। वर्तमान में प्रतिदिन केवल 1,500 से 2,000 श्रद्धालु ही केदारनाथ पहुंच रहे हैं। प्रशासन और संबंधित एजेंसियां मार्गों को सुचारू करने में जुटी हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता और भारी बारिश के कारण कार्य में बाधाएं आ रही हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की स्थिति देखकर ही यात्रा की योजना बनाएं।

गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी की हत्या, पिता ने पीछे से मारीं 3 गोलियां, होनहार बेटी के लिए इतना क्रूर कैसे हुआ पिता?

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गुरुग्राम के सेक्टर-57 में राज्य स्तरीय महिला टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या कर दी गई। राधिका यादव की गुरुवार की दोपहर को उन्‍हीं के घर में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई। उनकी हत्‍या करने वाला और कोई नहीं बल्कि उनके पिता ही हैं। होनहार बेटी राधिका यादव ने जिस पिता का कई बार अपने खेल से नाम रोशन किया। कई बार उन्‍हें खुशी का मौका दिया, वो पिता आखिर इतना क्रूर कैसे हो गया?

पिता ने कबूल किया गुनाह

पुलिस के अनुसार, दीपक यादव ने गुरुवार सुबह अपने घर में लाइसेंसी रिवॉल्वर से राधिका को पांच गोलियां मारीं, जिनमें से तीन उसकी पीठ में लगीं और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हत्या का कारण राधिका द्वारा संचालित टेनिस अकादमी को लेकर पिता-पुत्री के बीच चल रहा विवाद बताया जा रहा है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि दीपक यादव को समाज में यह कहे जाने पर आपत्ति थी कि वह अपनी बेटी की कमाई पर आश्रित हैं।

बेटी की कमाई खाने की बात पर थी नाराजगी

आरोपी दीपक यादव ने पूछताछ में बतलाया कि, मेरी लड़की राधिका टेनिस की प्लेयर थी और नेशनल तक खेली थी। काफी ट्राफी जीत कर लाई। कुछ दिन से मेरी लड़की के कंधों में इंजरी होने के कारण वो खेल नहीं रही थी। उसने अपनी एकेडमी खोल रखी थी, जो बच्चो को कोचिंग देती थी। जब मैं गांव में दूध लेने के लिए वजीराबाद जाता था तो लोग मुझे कहते थे कि आप लड़की की कमाई खाते हो। जिससे मैं काफी परेशान था। जो लोग मेरी लड़की के चरित्र पर भी उंगली उठाते थे। मैनें अपनी लड़की से कहा कि आपने टेनिस की एकेडमी खोल रखी है, इसको बंद कर दो। लेकिन मेरी लड़की ने बंद करने से मना कर दिया।

पिता-बेटी में टेनिस अकादमी को लेकर था झगड़ा

बीते 15 दिनों से पिता व बेटी में टेनिस अकादमी को लेकर झगड़ा चल रहा था। बृहस्पतिवार की सुबह दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहसबाजी होने पर पिता दीपक ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से बेटी राधिका की पीठ में तीन गोली मार दी। राधिका यादव को गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

कंधे में चोट के बाद छोड़ दिया था खेल

बता दें कि राधिका यादव भारत की एक प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी थीं, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियाँ हासिल की थीं। राधिका ने टेनिस खेल में कई पदक भी जीते हैं। कुछ माह पहले कंधे में चोट लगने के कारण राधिका ने टेनिस खेलना छोड़ दिया था। इसके बाद राधिका ने वजीराबाद गांव में बच्चों को टेनिस सिखाने के लिए अकादमी शुरू की थी, लेकिन राधिका के पिता दीपक इस अकादमी को खोलने के खिलाफ थे।

कार की टक्कर के बाद बवाल, युवक के गले पर पेचकस से किया वार

लखनऊ । राजधानी के इंदिरानगर थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जहां मामूली सड़क हादसे के बाद कहासुनी इतनी बढ़ गई कि मामला जानलेवा हमले में तब्दील हो गया। जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद रेहान नाम का युवक अपनी स्कूटी से जा रहा था, तभी एक कार ने उसे टक्कर मार दी।इसके बार मौके फर अफरातफरी मच गई। राहगीरों ने घायल युवक को लोहिया में कराया भर्ती टक्कर के बाद जब रेहान ने विरोध किया तो कार सवार युवक ने उससे झगड़ा शुरू कर दिया। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा कि आरोपी ने अपनी कार से पेचकस निकाली और रेहान के गले पर कई वार कर दिए। हमले में रेहान बुरी तरह घायल हो गया। वहीं सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। राहगीरों की मदद से उसे तत्काल लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और इलाज जारी है।परिजन भी अस्पताल पहुंच गए हैं। पुलिस ने आरोपी चालक को लिया हिरासत में सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए आरोपी कार चालक को हिरासत में ले लिया है। प्रारंभिक पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बताया कि घटना अचानक हुई कहासुनी के बाद गुस्से में की गई।फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे घटनाक्रम की गंभीरता से जांच की जा रही है। ताकि आरोपी के खिलाफ कड़ी सी कड़ी कार्रवाई की जा सके। परिजनों की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बाजारों से अतिक्रमण हटेगा, साइबर फ्रॉड पर होगी त्वरित कार्रवाई: बबलू कुमार
राजधानी  में बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों और कानून-व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के उद्देश्य से संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) बबलू कुमार ने 10 जुलाई 2025 को रिज़र्व पुलिस लाइन में व्यापार मंडल पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में बाजारों की सुरक्षा, अतिक्रमण हटाने, साइबर फ्रॉड रोकथाम और पुलिस-व्यापारी समन्वय पर चर्चा की गई।

उक्त बैठक में निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी

-विभिन्न बाजारों में दुकानदारों द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने पर सहमति बनी है, जिसमें व्यापारियों द्वारा पूर्ण तौर पर सहयोग किया जायेगा।
- बाजारों में दुकानो के आगे लगे सड़क विक्रेता (फल, सब्जी आदि के ठेले) को व्यवस्थित किये जाना । महत्वपूर्ण बाजारों जैसे भूतनाथ मार्केट, गोल मार्कट, अमीनाबाद बाजार व लाटूश रोड आदि जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था को निर्धारित करना।
-छोटे वाहन जिनके द्वारा दुकानों पर सामग्री लायी जाती है, उनके चालान के सम्बन्ध में।
-साइबर फ्राड से सम्बन्धित खातों का त्वरित निस्तारण करना ताकि व्यापारी के लेनदेन में असुविधा न उत्पन्न हो। थाना स्तर पर व्यापारी द्वारी दिये गये प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करना।
- दुकानों पर लगे कर्मचारियों का नियमित तौर पर पुलिस सत्यापन कराना।
- दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की नियमित रूप से गुणवत्ता को चैक करना एवं आने जाने वाले मुख्य स्थानों को कवर करना।
- व्यापार मण्डल के पदाधिकारीगण अपने साथियों एवं अन्य व्यपारियों के साथ बैठक करेंगे तथा उक्त बिन्दुओं पर कार्य योजना तैयार कर अतिक्रमण हटाने के लिए प्रेरित करेंगे।
- व्यापार मण्डल के पदाधिकारीगण अपने साथियों के साथ स्थानीय पुलिस से समन्वय स्थापित कर कार्यवाही में सहयोग करेंगे।

हर माह में थाना स्तर पर गोष्ठी आयोजन किये जाने पर भी सहमति बनी

जनपद लखनऊ के समस्त व्यापार मण्डलों के पदाधिकारियों से व्यवसायिक स्थानों की सुरक्षा उक्त बिन्दुओं पर कार्ययोजना तैयार कर अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये तथा हर माह में थाना स्तर पर गोष्ठी आयोजन किये जाने पर भी सहमति बनी।