नई दिल्ली में आयोजित मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विकसित भारत के लिए मानव पूंजी पर विशेष फोकस

नई दिल्ली/रांची:- देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन सम्मेलन का केंद्रीय विषय “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी” रहा, जिसके अंतर्गत देश के समग्र और सतत विकास हेतु मानव संसाधनों को सशक्त बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

सम्मेलन में विशेष रूप से पाँच प्रमुख क्षेत्रों प्रारंभिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा तथा खेल एवं सह-पाठ्य गतिविधियों पर केंद्रित चर्चा हुई। इन क्षेत्रों को भारत के भविष्य की सशक्त नींव के रूप में रेखांकित किया गया।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव श्री कृपानंद झा, योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार, विशेष सचिव श्री राजीव रंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी सक्रिय रूप से सहभागिता कर रहे हैं।

सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों द्वारा मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में अपनाए गए नवाचारों और प्रभावी पहलों को साझा किया गया। ’’झारखंड सरकार द्वारा शून्य से तीन वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के समग्र विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया। राज्य में लागू मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन फ्लिपबुक के माध्यम से माता-पिता एवं देखभालकर्ताओं को बच्चों की देखभाल, पोषण और प्रारंभिक सीख से जुड़ी सरल, एकरूप एवं व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक बाल विकास से संबंधित सेवाएँ तथा जागरूकता सुनिश्चित कर रही हैं।’’

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में भी झारखंड सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप राज्य का टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम शिक्षकों की आवश्यकताओं पर आधारित निरंतर प्रशिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक छह माह में टीचर नीड्स असेसमेंट किया जाता है, जिसके आधार पर शिक्षकों को लक्षित एवं व्यक्तिगत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अप्रैल 2024 में आयोजित इसके प्रथम चरण में 1,10,094 पंजीकृत शिक्षकों में से 99.26 प्रतिशत की भागीदारी इस पहल की व्यापक स्वीकार्यता और प्रभावशीलता को दर्शाती है।

मुख्य सचिवों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को मजबूत करते हुए नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम सिद्ध हो रहा है।

राष्ट्रपति के दौरे को लेकर रांची में 'हाई अलर्ट': आईजी, उपायुक्त और एसएसपी ने जवानों को किया ब्रीफ; सुरक्षा के कड़े इंतजाम

रांची | 27 दिसंबर 2025: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के तीन दिवसीय (28-30 दिसंबर) झारखंड दौरे के मद्देनजर राजधानी रांची में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। दौरे की पूर्व संध्या पर आज जोनल आईजी श्री मनोज कौशिक, उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री और वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राकेश रंजन ने संयुक्त रूप से पुलिस पदाधिकारियों और दंडाधिकारियों की ब्रीफिंग की।

सुरक्षा का त्रि-स्तरीय घेरा और हाई अलर्ट

जिला प्रशासन ने पूरे शहर में हाई अलर्ट घोषित किया है। ब्रीफिंग के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

मुस्तैदी: सड़क मार्ग के हर कट, चौराहे और संवेदनशील स्थानों पर वायरलेस सेट के साथ जवानों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

नो फ्लाई जोन: सुरक्षा कारणों से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट और निर्धारित रूटों के आसपास के क्षेत्रों को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है।

आम जनता की सुविधा प्राथमिकता

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने निर्देश दिया कि सुरक्षा के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राष्ट्रपति के दौरे के कारण आम नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो। यातायात प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस को संवेदनशील रहने को कहा गया है।

प्रशासन की अपील: संदिग्धों पर रखें नजर

रांची जिला प्रशासन ने नागरिकों से सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग की अपील की है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल पुलिस को देने का अनुरोध किया गया है। जन शिकायतों के लिए प्रशासन ने व्हाट्सएप नंबर 9430328080 भी जारी किया है।

24 साल बाद जिंदा लौटे ‘मृत’ माने गए बुजुर्ग, औरंगाबाद से लापता रामप्रवेश महतो जालंधर के वृद्धाश्रम में मिले

,औरंगाबाद (बिहार)। नियति कब क्या मोड़ ले ले, यह कोई नहीं जानता। औरंगाबाद जिले के भोपतपुर गांव से वर्ष 2001 में लापता हुए रामप्रवेश महतो जिंदा हैं और पंजाब के जालंधर स्थित एक वृद्धाश्रम में सुरक्षित मिले हैं। 24 वर्षों से अपने परिवार से बिछड़े रामप्रवेश महतो अब अपने गांव लौट रहे हैं। रविवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है, जहां स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।

पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा के पिता रामप्रवेश महतो वर्ष 2001 में प्रयागराज कुंभ मेला में स्नान करने के लिए घर से निकले थे। इसके बाद वे वापस नहीं लौटे। परिजनों ने रिश्तेदारियों और संभावित स्थानों पर वर्षों तक खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। धीरे-धीरे उम्मीदें टूटती चली गईं और परिवार ने उन्हें मृत मान लिया।

वर्ष 2009 में रामप्रवेश महतो की पत्नी जसवा देवी का निधन हो गया। सामाजिक परंपराओं के अनुसार, परिजनों ने उन्हें भी मृत मानते हुए पत्नी के साथ रामप्रवेश महतो का पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया। उस समय किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि वे सैकड़ों किलोमीटर दूर जालंधर में जीवित हैं और एक वृद्धाश्रम में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

यह चमत्कार कुछ दिन पूर्व तब सामने आया जब औरंगाबाद जिले का एक ट्रक चालक पंजाब के जालंधर स्थित इससेबल गांव पहुंचा। वहां वृद्धाश्रम के संचालक महंत जिंदर मानसिंह ने एक बुजुर्ग के बारे में बताया, जो मगही भाषा में अपने गांव, परिजनों और आसपास के क्षेत्रों का नाम लेते रहते थे। ट्रक चालक ने जब बातचीत की तो बुजुर्ग ने भोपतपुर और आसपास के कई गांवों के नाम सटीक बताए। इसके बाद वृद्धाश्रम संचालक ने गूगल की मदद से इलाके के जनप्रतिनिधियों का नंबर निकाला। एक सरपंच के माध्यम से 23 दिसंबर को पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा से संपर्क हुआ। पिता के जीवित होने की खबर सुनते ही संतोष कुशवाहा भावुक हो गए और साथियों के साथ तुरंत जालंधर रवाना हो गए।

शुक्रवार को वृद्धाश्रम में 24 साल बाद पिता-पुत्र का मिलन हुआ। दोनों की आंखें भर आईं। संतोष कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2016 में जब वे मुखिया बने, तब पिता उनके साथ नहीं थे, जिसका उन्हें हमेशा मलाल रहा। आज उनसे मिलना जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। इस असंभव से लगने वाले पुनर्मिलन में ट्रक चालक की भूमिका अहम रही, जिनकी संवेदनशीलता ने एक परिवार को फिर से जोड़ दिया।

राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड का जलवा: 'शून्य से तीन वर्ष' के बच्चों के विकास और शिक्षक प्रशिक्षण मॉडल की देशभर में सराहना

नई दिल्ली/रांची | 27 दिसंबर 2025: नई दिल्ली में आयोजित मुख्य सचिवों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन "विकसित भारत के लिए मानव पूंजी" पर विशेष चर्चा हुई। इस सत्र में झारखंड सरकार द्वारा शिक्षा और बाल विकास के क्षेत्र में किए जा रहे अभूतपूर्व कार्यों को एक सफल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया।

शून्य से तीन वर्ष के बच्चों पर विशेष फोकस

झारखंड सरकार ने सम्मेलन में बताया कि राज्य में 0-3 वर्ष के बच्चों के समग्र विकास के लिए 'मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन फ्लिपबुक' का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। इसके माध्यम से माता-पिता को पोषण और प्रारंभिक देखभाल की सरल जानकारी दी जा रही है। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर इस जागरूकता अभियान को सफल बना रही हैं।

शिक्षक प्रशिक्षण में झारखंड का 'नीड्स असेसमेंट' मॉडल

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए झारखंड के टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम की विशेष चर्चा हुई।

टीचर नीड्स असेसमेंट: राज्य में हर 6 महीने में शिक्षकों की जरूरतों का आकलन किया जाता है।

99.26% भागीदारी: अप्रैल 2024 के पहले चरण में 1.10 लाख से अधिक शिक्षकों में से 99.26% की भागीदारी ने इस कार्यक्रम की सफलता को साबित किया है।

झारखंड के शीर्ष अधिकारियों की सहभागिता

सम्मेलन में झारखंड की ओर से मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, परिवहन सचिव श्री कृपानंद झा, योजना एवं विकास सचिव श्री मुकेश कुमार और विशेष सचिव श्री राजीव रंजन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

यह सम्मेलन विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और नीतियों के क्रियान्वयन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

दिव्यांग खिलाड़ियों के आत्मविश्वास का प्रतीक बना दिव्य खेल महोत्सव
* मंत्री ने अलीगढ़ में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय आयोजन का किया शुभारंभ

* योगी सरकार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाकर बढ़ा रही है आगे : नरेंद्र कश्यप



अलीगढ़/ लखनऊ । योगी सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण के संकल्प को साकार करते हुए अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम, अलीगढ़ में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय दिव्य खेल महोत्सव–2025 का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

इस अवसर पर मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने दिव्यांग खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि खेल दिव्यांगजनों के आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और सामाजिक समावेशन का सबसे प्रभावी माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि दिव्य खेल महोत्सव केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों की प्रतिभा, संकल्प और आत्मनिर्भरता का उत्सव है।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार की स्पष्ट मंशा है कि दिव्यांगजन शिक्षा, खेल, रोजगार और सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से पूर्व दिव्यांग पेंशन मात्र 300 रुपये प्रतिमाह थी, जिसे योगी सरकार ने बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। वर्तमान में प्रदेश के 11.50 लाख से अधिक दिव्यांगजन इस पेंशन योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। सरकार भविष्य में पेंशन राशि को और बढ़ाने के लिए भी सतत प्रयासरत है। इसके साथ ही दिव्यांग दंपत्ति विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 35 हजार रुपये, दुकान निर्माण हेतु 20 हजार रुपये तथा दुकान संचालन के लिए 10 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। दिव्यांगजनों के स्वास्थ्य एवं पुनर्वास के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट पर 6 लाख रुपये तक का व्यय सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। साथ ही निःशुल्क सर्जरी, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरणों की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि विशेष विद्यालयों, केयर सेंटरों, विश्वविद्यालयों एवं नवाचार आधारित योजनाओं के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों को प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक समान अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लक्ष्य है कि दिव्यांगजन आर्थिक, सामाजिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनकर सामान्य से भी बेहतर जीवन जी सकें।

खेलों का उल्लेख करते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि भारतीय दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरालंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का गौरव बढ़ाया है। पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने यह सिद्ध कर दिया है कि दिव्यांगजन किसी से कम नहीं हैं। देवेंद्र झाझरिया जैसे खिलाड़ी दिव्यांग युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकलांग’ शब्द के स्थान पर ‘दिव्यांग’ शब्द देकर समाज की सोच बदलने का कार्य किया है। दिव्यांगजन असाधारण क्षमताओं के धनी हैं और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

कार्यक्रम के समापन पर मंत्री कश्यप ने सभी दिव्यांग खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि दिव्य खेल महोत्सव–2025 से उभरने वाली प्रतिभाएं भविष्य में प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगी।
माघ मेला 2026:श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए दारागंज शवदाह स्थल शिवकुटी के पास स्थानान्तरित

प्रयागराज।माघ मेला 2026 के सफल आयोजन एवं मेले में आने वाले करोड़ो श्रद्धालुओ तथा स्थानार्थियो की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।मोरी रोड के पास स्थित दारागंज शवदाह स्थान को अस्थायी रूप से स्थानांतरित कर शिवकुटी के पास स्थापित किया गया है। यह व्यवस्था माघ मेला अवधि के दौरान यातायात सुगमता भीड़ प्रबन्धन और श्रद्धालुओ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है।27 दिसंबर 2025 से लेकर माघ मेला की समाप्ति 15 फरवरी 2026 तक सभी शोकग्रस्त परिवारजन अपने दिवंगत परिजनो के शवदाह संस्कार हेतु शिवकुटी स्थित नए शवदाह स्थल का उपयोग करेगे।

इस दौरान दारागंज शवदाह स्थान पर शवदाह की अनुमति नही होगी।शवदाह के लिए जाने वाले परिजनों को नागवासुकि मंदिर के सामने बनाई गई रिवर फ्रंट रोड के सहारे शिवकुटी पहुंचने की व्यवस्था की गई है ताकि उन्हे किसी प्रकार की असुविधा न हो।मार्ग पर दिशा-सूचक संकेतक लगाए जा रहे है और यातायात पुलिस की तैनाती भी सुनिश्चित की जाएगी।शिवकुटी स्थित नए शवदाह स्थल पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।जिला प्रशासन ने आमजन से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि यह व्यवस्था अस्थायी है और माघ मेला की समाप्ति के बाद पूर्ववत व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी।
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी ने 4224 श्रमिकों को ट्रांसफर की 13 करोड़ रुपये की राशि
ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत 4224 श्रमिकों के खातों में लगभग 13 करोड़ रुपये की सहायता राशि सीधे ट्रांसफर की। यह राशि विभिन्न श्रम कल्याण योजनाओं के अंतर्गत प्रदान की गई है, जिससे श्रमिकों को तत्काल आर्थिक लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। “हमारी सरकार का प्रयास है कि हर पात्र श्रमिक को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बिचौलिये के सीधे मिले। डीबीटी के जरिए पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है,” उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से अपील की कि वे ई-श्रम पोर्टल और अन्य कल्याण योजनाओं में पंजीकरण कराएं ताकि उन्हें समय पर सहायता मिल सके।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी, पंजीकरण और सहायता प्राप्त करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से मदद उपलब्ध कराई जाएगी। सीएससी केंद्रों पर श्रमिक आसानी से अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे और योजनाओं से जुड़ सकेंगे।
यह पहल उत्तराखंड सरकार की श्रमिक हितैषी नीतियों का हिस्सा है, जो निर्माण कार्यकर्ताओं, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और अन्य मेहनतकश वर्गों को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में श्रम विभाग के अधिकारी और लाभार्थी श्रमिक भी उपस्थित रहे।
इस कदम से हजारों श्रमिक परिवारों को सीधा लाभ पहुंचेगा और राज्य में श्रम कल्याण योजनाओं की पहुंच बढ़ेगी।
Mirzapur : कठिन परस्थितियों में श्रम करने वाले श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्षरत है माकू यूनियन: राजेश दूबे
मिर्जापुर असंगठित कामगाार यूनियन के बैनर तले श्रमिकों का हुआ आह्वान
अन्याय और अधिकार के प्रति एक जुट हो श्रमिक

मीरजापुर, 27 दिसंबर 2025। समाज के नवनिर्माण में मजदूरों की अहम भूमिका होती है जिसको हम कदापि नकार नहीं सकते। ऊंचे आवासीय भवनों से लेकर चमचमाती सड़कों, खदानों, क्रेशर प्लाटों, बुलंद इमारतें, छोटे-बड़े कल कारखानों में इन्हीं मजदूरों के पसीने बहते हैं।

जिनके बदौलत देश और समाज का चहूंमुखी विकास सुनिश्चित होता है, दिन रात पसीना बहा कर श्रम करने वाला श्रमिक देखा जाए तो आज काफी तादात में उपेक्षित होता आया है।हालांकि सरकार ने इनके जनकल्याण के लिए तमाम श्रमिक हितकारी योजनाएं लागू की है, लेकिन देखने में आता है कि कहीं-कहीं यह योजनाएं अपने पथ से भटक कर भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भेंट चढ़ जा रही हैं। उक्त बातें मिर्जापुर असंगठित कामगार यूनियन के बैनर तले मुहंकुचवा स्थित कान्हा श्याम मैरिज लॉन में आम सभा की आयोजित बैठक में उपस्थित जिले के कोने-कोने से आए श्रमिक बंधुओं को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने व्यक्त किए।

यूनियन के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश दुबे ने कहा श्रमिक हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी।
  मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन मजदूरों के मुद्दों पर गंभीरता और पूरी मजबूती के साथ लड़ाई लड़ता आया है, आगे भी यह संगठन मजदूरों के हक अधिकारों के लिए संघर्षरत रहेगा। महामंत्री मंगल तिवारी ने जोर देते हुए कहा कि मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन अपने स्थापना काल से ही मजदूरों के साथ खड़ा होता आया है, कई मामलों में संघठन ने पीड़ित मजदूरों को न्याय और आर्थिक सहायता राशि के साथ उनके खून पसीने की मेहनत राशि भी दिलाने का काम किया है।

उपाध्यक्ष विनोद सिंह, संयुक्त मंत्री, देवेंद्र पांडेय, अनिता देवी, राम आसरे बिन्द, वरिष्ठ पत्रकार प्रभात मिश्रा, सुशील कुमार पांडेय, कमलेश चौहान, पूर्व कर्मचारी नेता लल्लू तिवारी इत्यादि ने भी श्रमिक बंधुओं को संबोधित करते हुए मनरेगा, भट्ठा मजदूर, पीतल बर्तन, कालीन, खनन से लेकर अन्न कई मामले एवं श्रमिकहित में संचालित योजनाओं पर चर्चा करते हुए जानकारियां दी गयी।

इस अवसर पर अध्यक्ष राजेश कुमार दुबे, महामंत्री मंगल तिवारी,उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, संगठन मंत्री वीरेंद्र कुमार संयुक्त मंत्री सविता सरोज, कोषाध्यक्ष सूरज प्रसाद अनीता देवी, देवेंद्र पांडे मान सिंह यादव, दिलीप गौड़, राघवेन्द्र सिंह,पप्पू कुशवाहा, अभिमन्यु चौहान, गौतम, सत्या आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन राजेन्द्र तिवारी उर्फ लल्लू तिवारी ने मजदूरो की व्यथा पर आधारित अपनी कविता के माध्यम से करते हुए श्रमिक हितो पर प्रकाश डाला। अंत में यूनियन के महामंत्री मंगल तिवारी ने सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
कन्नौज पहुंचे मंत्री असीम अरूण ने किया दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन, मंत्री बोले युवाओं के खेल के लिए कन्नौज में बनेगा अत्याधुनिक बाॅलीब

पंकज कुमार श्रीवास्तव/विवेक कुमार

कन्नौज जिले में विधानसभा स्तरीय खेल स्पर्धा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन समाज कल्याण राज्यमंत्री एवं कन्नौज सदर विधायक असीम अरूण ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में पहुचे मंत्री असीम अरूण ने युवाओं को खेल में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की अपील करते हुए उनको संसाधन देने की बात कही।

आपको बताते चलें कि शनिवार को कन्नौज सदर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कन्नौज शहर के बोर्डिंग ग्राउंड मैदान मंे विधानसभा स्तरीय खेल स्पर्धा प्रतियोगिता का दो दिवसीय आयोजन किया गया है। जिसमें मुख्य अतिथि समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरूण ने फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होनंे जिले के खेल को युवाओं से जोड़कर कैसे बढ़ावा दिया जाए इसके लिए कई उपाय बताते हुए जिले में खेल के संसाधन जुटाए जाने की बात कही है। ताकि हर युवा खेल में रूचि लेते हुए ऐसी प्रतियोगिताओं में खेलों में प्रतिभाग कर सके और अपने जिले व देश का नाम रौशन करें। उन्होंने कहा कि युवाओं को खेल से जोड़ने के लिए जो भी प्रयास है सब किए जाएंगे।

समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरूण ने कहा कि आज कन्नौज नगर मेे विधानसभा स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता शुरू हुई है। दो दिन यह प्रतियोगिता चलेगीं। इसमें अथलेटिक, बाॅलीबाॅल, जूडो, कुश्ती, बैडमिंटन ऐसी प्रतियोगिताएं सामिल होगी। हमारे युवाओं में बड़ा उत्साह दिखा है और इसको आगे बढ़ाने के लिए हमलोग व्यवस्था कर रहे है, एक बास्केट बाॅल बोर्ड अत्याधुनिक बनाने वाले हैं। बाॅलीबाॅल की व्यवस्था करने वाले है और साथ - साथ जो अच्छे कोचेच है उनको हम लोग प्रयोग कर पाएं, उनकी व्यवस्था अच्छी हो। योगा के जो हमारे टीचर है उनकी व्यवस्था अच्छी हो पाए जिससे कि हमारे जिले के युवा और जो कम युवा भी हे वह अपने आप को फिट रखने के लिए सारे संसाधन, सारी व्यवस्थाएं पाएं और स्वस्थ्य भी रहे और साथ-साथ राष्ट्रीय- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जाकर प्रतियोगिताओं में मेडल भी पाएं।
भूमि से उद्योग तक यूपी अव्वल, योगी के विजन पर निवेशकों का भरोसा मजबूत

* औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग में उत्तर प्रदेश अग्रणी, 33,327 हेक्टेयर में विकसित 286 औद्योगिक पार्क

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने देश के औद्योगिक मानचित्र पर अपनी सशक्त पहचान बना ली है। औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग के मामले में प्रदेश आज अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। जहां कई राज्यों में औद्योगिक पार्कों की बड़ी भूमि अब भी निष्क्रिय पड़ी है, वहीं उत्तर प्रदेश में उपलब्ध कराई गई अधिकांश औद्योगिक भूमि पर उद्योग स्थापित हो चुके हैं या स्थापना की प्रक्रिया में हैं।

प्रदेश में अब तक 286 औद्योगिक पार्क विकसित किए जा चुके हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 33,327 हेक्टेयर है। इन पार्कों में औद्योगिक गतिविधियों की सक्रियता यह दर्शाती है कि निवेश प्रस्ताव केवल कागजों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम सामने आए हैं। यही वजह है कि देश-विदेश के निवेशक उत्तर प्रदेश को एक भरोसेमंद और परिणाम देने वाले औद्योगिक गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।

उद्योग जगत के विशेषज्ञ एस.के. आहूजा के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से देश के बड़े औद्योगिक पावरहाउस के रूप में उभर रहा है। औद्योगिक भूमि के लगभग पूर्ण उपयोग से न केवल उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं।

अन्य राज्यों से तुलना करें तो अंतर स्पष्ट नजर आता है। उदाहरण के तौर पर तेलंगाना में 157 औद्योगिक पार्कों में लगभग 30,749 हेक्टेयर भूमि अब भी निवेश के लिए उपलब्ध है, जबकि उत्तर प्रदेश में भूमि का उपयोग तेजी से हो चुका है।

प्रदेश सरकार ने औद्योगिक नीति को स्पष्ट दिशा देते हुए केवल भूमि आवंटन तक सीमित न रहकर उद्योगों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण तैयार किया है। कानून-व्यवस्था में सुधार, प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण और बुनियादी ढांचे का तेज विस्तार इस नीति के प्रमुख आधार रहे हैं। एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट और बेहतर कनेक्टिविटी ने उद्योगों के संचालन को आसान बनाया है, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।

* प्रदेश भर में संतुलित औद्योगिक विकास


एक जनपद, एक उत्पाद (ओडीओपी), डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइस पार्क, फार्मा पार्क और टेक्सटाइल हब जैसी योजनाओं ने औद्योगिक विकास को केवल कुछ शहरों तक सीमित नहीं रहने दिया। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी उद्योगों की स्थापना से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े हैं और क्षेत्रीय असमानता में कमी आई है।

* प्लग एंड प्ले मॉडल पर फोकस


उद्योगों को और गति देने के लिए प्रदेश सरकार ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर विशेष जोर दे रही है। इस मॉडल के तहत निवेशकों को पहले दिन से ही तैयार अवसंरचना उपलब्ध कराई जाएगी। माना जा रहा है कि यह पहल उत्तर प्रदेश को औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में अन्य राज्यों से और आगे ले जाएगी।उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय औद्योगिक परिदृश्य में ठोस परिणामों के साथ अग्रणी राज्य के रूप में अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है।
नई दिल्ली में आयोजित मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विकसित भारत के लिए मानव पूंजी पर विशेष फोकस

नई दिल्ली/रांची:- देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय मुख्य सचिवों के पाँचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन सम्मेलन का केंद्रीय विषय “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी” रहा, जिसके अंतर्गत देश के समग्र और सतत विकास हेतु मानव संसाधनों को सशक्त बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

सम्मेलन में विशेष रूप से पाँच प्रमुख क्षेत्रों प्रारंभिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा तथा खेल एवं सह-पाठ्य गतिविधियों पर केंद्रित चर्चा हुई। इन क्षेत्रों को भारत के भविष्य की सशक्त नींव के रूप में रेखांकित किया गया।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव श्री कृपानंद झा, योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार, विशेष सचिव श्री राजीव रंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी सक्रिय रूप से सहभागिता कर रहे हैं।

सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों द्वारा मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में अपनाए गए नवाचारों और प्रभावी पहलों को साझा किया गया। ’’झारखंड सरकार द्वारा शून्य से तीन वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के समग्र विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया। राज्य में लागू मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन फ्लिपबुक के माध्यम से माता-पिता एवं देखभालकर्ताओं को बच्चों की देखभाल, पोषण और प्रारंभिक सीख से जुड़ी सरल, एकरूप एवं व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक बाल विकास से संबंधित सेवाएँ तथा जागरूकता सुनिश्चित कर रही हैं।’’

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में भी झारखंड सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप राज्य का टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम शिक्षकों की आवश्यकताओं पर आधारित निरंतर प्रशिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक छह माह में टीचर नीड्स असेसमेंट किया जाता है, जिसके आधार पर शिक्षकों को लक्षित एवं व्यक्तिगत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अप्रैल 2024 में आयोजित इसके प्रथम चरण में 1,10,094 पंजीकृत शिक्षकों में से 99.26 प्रतिशत की भागीदारी इस पहल की व्यापक स्वीकार्यता और प्रभावशीलता को दर्शाती है।

मुख्य सचिवों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को मजबूत करते हुए नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम सिद्ध हो रहा है।

राष्ट्रपति के दौरे को लेकर रांची में 'हाई अलर्ट': आईजी, उपायुक्त और एसएसपी ने जवानों को किया ब्रीफ; सुरक्षा के कड़े इंतजाम

रांची | 27 दिसंबर 2025: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के तीन दिवसीय (28-30 दिसंबर) झारखंड दौरे के मद्देनजर राजधानी रांची में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। दौरे की पूर्व संध्या पर आज जोनल आईजी श्री मनोज कौशिक, उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री और वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राकेश रंजन ने संयुक्त रूप से पुलिस पदाधिकारियों और दंडाधिकारियों की ब्रीफिंग की।

सुरक्षा का त्रि-स्तरीय घेरा और हाई अलर्ट

जिला प्रशासन ने पूरे शहर में हाई अलर्ट घोषित किया है। ब्रीफिंग के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

मुस्तैदी: सड़क मार्ग के हर कट, चौराहे और संवेदनशील स्थानों पर वायरलेस सेट के साथ जवानों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

नो फ्लाई जोन: सुरक्षा कारणों से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट और निर्धारित रूटों के आसपास के क्षेत्रों को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है।

आम जनता की सुविधा प्राथमिकता

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने निर्देश दिया कि सुरक्षा के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राष्ट्रपति के दौरे के कारण आम नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो। यातायात प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस को संवेदनशील रहने को कहा गया है।

प्रशासन की अपील: संदिग्धों पर रखें नजर

रांची जिला प्रशासन ने नागरिकों से सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग की अपील की है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल पुलिस को देने का अनुरोध किया गया है। जन शिकायतों के लिए प्रशासन ने व्हाट्सएप नंबर 9430328080 भी जारी किया है।

24 साल बाद जिंदा लौटे ‘मृत’ माने गए बुजुर्ग, औरंगाबाद से लापता रामप्रवेश महतो जालंधर के वृद्धाश्रम में मिले

,औरंगाबाद (बिहार)। नियति कब क्या मोड़ ले ले, यह कोई नहीं जानता। औरंगाबाद जिले के भोपतपुर गांव से वर्ष 2001 में लापता हुए रामप्रवेश महतो जिंदा हैं और पंजाब के जालंधर स्थित एक वृद्धाश्रम में सुरक्षित मिले हैं। 24 वर्षों से अपने परिवार से बिछड़े रामप्रवेश महतो अब अपने गांव लौट रहे हैं। रविवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है, जहां स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।

पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा के पिता रामप्रवेश महतो वर्ष 2001 में प्रयागराज कुंभ मेला में स्नान करने के लिए घर से निकले थे। इसके बाद वे वापस नहीं लौटे। परिजनों ने रिश्तेदारियों और संभावित स्थानों पर वर्षों तक खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। धीरे-धीरे उम्मीदें टूटती चली गईं और परिवार ने उन्हें मृत मान लिया।

वर्ष 2009 में रामप्रवेश महतो की पत्नी जसवा देवी का निधन हो गया। सामाजिक परंपराओं के अनुसार, परिजनों ने उन्हें भी मृत मानते हुए पत्नी के साथ रामप्रवेश महतो का पुतला बनाकर दाह संस्कार कर दिया। उस समय किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि वे सैकड़ों किलोमीटर दूर जालंधर में जीवित हैं और एक वृद्धाश्रम में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

यह चमत्कार कुछ दिन पूर्व तब सामने आया जब औरंगाबाद जिले का एक ट्रक चालक पंजाब के जालंधर स्थित इससेबल गांव पहुंचा। वहां वृद्धाश्रम के संचालक महंत जिंदर मानसिंह ने एक बुजुर्ग के बारे में बताया, जो मगही भाषा में अपने गांव, परिजनों और आसपास के क्षेत्रों का नाम लेते रहते थे। ट्रक चालक ने जब बातचीत की तो बुजुर्ग ने भोपतपुर और आसपास के कई गांवों के नाम सटीक बताए। इसके बाद वृद्धाश्रम संचालक ने गूगल की मदद से इलाके के जनप्रतिनिधियों का नंबर निकाला। एक सरपंच के माध्यम से 23 दिसंबर को पूर्व मुखिया संतोष कुशवाहा से संपर्क हुआ। पिता के जीवित होने की खबर सुनते ही संतोष कुशवाहा भावुक हो गए और साथियों के साथ तुरंत जालंधर रवाना हो गए।

शुक्रवार को वृद्धाश्रम में 24 साल बाद पिता-पुत्र का मिलन हुआ। दोनों की आंखें भर आईं। संतोष कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2016 में जब वे मुखिया बने, तब पिता उनके साथ नहीं थे, जिसका उन्हें हमेशा मलाल रहा। आज उनसे मिलना जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। इस असंभव से लगने वाले पुनर्मिलन में ट्रक चालक की भूमिका अहम रही, जिनकी संवेदनशीलता ने एक परिवार को फिर से जोड़ दिया।

राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड का जलवा: 'शून्य से तीन वर्ष' के बच्चों के विकास और शिक्षक प्रशिक्षण मॉडल की देशभर में सराहना

नई दिल्ली/रांची | 27 दिसंबर 2025: नई दिल्ली में आयोजित मुख्य सचिवों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन "विकसित भारत के लिए मानव पूंजी" पर विशेष चर्चा हुई। इस सत्र में झारखंड सरकार द्वारा शिक्षा और बाल विकास के क्षेत्र में किए जा रहे अभूतपूर्व कार्यों को एक सफल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया।

शून्य से तीन वर्ष के बच्चों पर विशेष फोकस

झारखंड सरकार ने सम्मेलन में बताया कि राज्य में 0-3 वर्ष के बच्चों के समग्र विकास के लिए 'मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन फ्लिपबुक' का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। इसके माध्यम से माता-पिता को पोषण और प्रारंभिक देखभाल की सरल जानकारी दी जा रही है। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर इस जागरूकता अभियान को सफल बना रही हैं।

शिक्षक प्रशिक्षण में झारखंड का 'नीड्स असेसमेंट' मॉडल

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए झारखंड के टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम की विशेष चर्चा हुई।

टीचर नीड्स असेसमेंट: राज्य में हर 6 महीने में शिक्षकों की जरूरतों का आकलन किया जाता है।

99.26% भागीदारी: अप्रैल 2024 के पहले चरण में 1.10 लाख से अधिक शिक्षकों में से 99.26% की भागीदारी ने इस कार्यक्रम की सफलता को साबित किया है।

झारखंड के शीर्ष अधिकारियों की सहभागिता

सम्मेलन में झारखंड की ओर से मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, परिवहन सचिव श्री कृपानंद झा, योजना एवं विकास सचिव श्री मुकेश कुमार और विशेष सचिव श्री राजीव रंजन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

यह सम्मेलन विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और नीतियों के क्रियान्वयन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

दिव्यांग खिलाड़ियों के आत्मविश्वास का प्रतीक बना दिव्य खेल महोत्सव
* मंत्री ने अलीगढ़ में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय आयोजन का किया शुभारंभ

* योगी सरकार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाकर बढ़ा रही है आगे : नरेंद्र कश्यप



अलीगढ़/ लखनऊ । योगी सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण के संकल्प को साकार करते हुए अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम, अलीगढ़ में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय दिव्य खेल महोत्सव–2025 का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

इस अवसर पर मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने दिव्यांग खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि खेल दिव्यांगजनों के आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और सामाजिक समावेशन का सबसे प्रभावी माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि दिव्य खेल महोत्सव केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों की प्रतिभा, संकल्प और आत्मनिर्भरता का उत्सव है।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार की स्पष्ट मंशा है कि दिव्यांगजन शिक्षा, खेल, रोजगार और सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से पूर्व दिव्यांग पेंशन मात्र 300 रुपये प्रतिमाह थी, जिसे योगी सरकार ने बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। वर्तमान में प्रदेश के 11.50 लाख से अधिक दिव्यांगजन इस पेंशन योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। सरकार भविष्य में पेंशन राशि को और बढ़ाने के लिए भी सतत प्रयासरत है। इसके साथ ही दिव्यांग दंपत्ति विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 35 हजार रुपये, दुकान निर्माण हेतु 20 हजार रुपये तथा दुकान संचालन के लिए 10 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। दिव्यांगजनों के स्वास्थ्य एवं पुनर्वास के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट पर 6 लाख रुपये तक का व्यय सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। साथ ही निःशुल्क सर्जरी, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरणों की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि विशेष विद्यालयों, केयर सेंटरों, विश्वविद्यालयों एवं नवाचार आधारित योजनाओं के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों को प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक समान अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लक्ष्य है कि दिव्यांगजन आर्थिक, सामाजिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनकर सामान्य से भी बेहतर जीवन जी सकें।

खेलों का उल्लेख करते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि भारतीय दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरालंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का गौरव बढ़ाया है। पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने यह सिद्ध कर दिया है कि दिव्यांगजन किसी से कम नहीं हैं। देवेंद्र झाझरिया जैसे खिलाड़ी दिव्यांग युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकलांग’ शब्द के स्थान पर ‘दिव्यांग’ शब्द देकर समाज की सोच बदलने का कार्य किया है। दिव्यांगजन असाधारण क्षमताओं के धनी हैं और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

कार्यक्रम के समापन पर मंत्री कश्यप ने सभी दिव्यांग खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि दिव्य खेल महोत्सव–2025 से उभरने वाली प्रतिभाएं भविष्य में प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगी।
माघ मेला 2026:श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए दारागंज शवदाह स्थल शिवकुटी के पास स्थानान्तरित

प्रयागराज।माघ मेला 2026 के सफल आयोजन एवं मेले में आने वाले करोड़ो श्रद्धालुओ तथा स्थानार्थियो की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।मोरी रोड के पास स्थित दारागंज शवदाह स्थान को अस्थायी रूप से स्थानांतरित कर शिवकुटी के पास स्थापित किया गया है। यह व्यवस्था माघ मेला अवधि के दौरान यातायात सुगमता भीड़ प्रबन्धन और श्रद्धालुओ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है।27 दिसंबर 2025 से लेकर माघ मेला की समाप्ति 15 फरवरी 2026 तक सभी शोकग्रस्त परिवारजन अपने दिवंगत परिजनो के शवदाह संस्कार हेतु शिवकुटी स्थित नए शवदाह स्थल का उपयोग करेगे।

इस दौरान दारागंज शवदाह स्थान पर शवदाह की अनुमति नही होगी।शवदाह के लिए जाने वाले परिजनों को नागवासुकि मंदिर के सामने बनाई गई रिवर फ्रंट रोड के सहारे शिवकुटी पहुंचने की व्यवस्था की गई है ताकि उन्हे किसी प्रकार की असुविधा न हो।मार्ग पर दिशा-सूचक संकेतक लगाए जा रहे है और यातायात पुलिस की तैनाती भी सुनिश्चित की जाएगी।शिवकुटी स्थित नए शवदाह स्थल पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।जिला प्रशासन ने आमजन से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि यह व्यवस्था अस्थायी है और माघ मेला की समाप्ति के बाद पूर्ववत व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी।
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी ने 4224 श्रमिकों को ट्रांसफर की 13 करोड़ रुपये की राशि
ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत 4224 श्रमिकों के खातों में लगभग 13 करोड़ रुपये की सहायता राशि सीधे ट्रांसफर की। यह राशि विभिन्न श्रम कल्याण योजनाओं के अंतर्गत प्रदान की गई है, जिससे श्रमिकों को तत्काल आर्थिक लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। “हमारी सरकार का प्रयास है कि हर पात्र श्रमिक को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बिचौलिये के सीधे मिले। डीबीटी के जरिए पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है,” उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से अपील की कि वे ई-श्रम पोर्टल और अन्य कल्याण योजनाओं में पंजीकरण कराएं ताकि उन्हें समय पर सहायता मिल सके।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी, पंजीकरण और सहायता प्राप्त करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से मदद उपलब्ध कराई जाएगी। सीएससी केंद्रों पर श्रमिक आसानी से अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे और योजनाओं से जुड़ सकेंगे।
यह पहल उत्तराखंड सरकार की श्रमिक हितैषी नीतियों का हिस्सा है, जो निर्माण कार्यकर्ताओं, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और अन्य मेहनतकश वर्गों को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में श्रम विभाग के अधिकारी और लाभार्थी श्रमिक भी उपस्थित रहे।
इस कदम से हजारों श्रमिक परिवारों को सीधा लाभ पहुंचेगा और राज्य में श्रम कल्याण योजनाओं की पहुंच बढ़ेगी।
Mirzapur : कठिन परस्थितियों में श्रम करने वाले श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्षरत है माकू यूनियन: राजेश दूबे
मिर्जापुर असंगठित कामगाार यूनियन के बैनर तले श्रमिकों का हुआ आह्वान
अन्याय और अधिकार के प्रति एक जुट हो श्रमिक

मीरजापुर, 27 दिसंबर 2025। समाज के नवनिर्माण में मजदूरों की अहम भूमिका होती है जिसको हम कदापि नकार नहीं सकते। ऊंचे आवासीय भवनों से लेकर चमचमाती सड़कों, खदानों, क्रेशर प्लाटों, बुलंद इमारतें, छोटे-बड़े कल कारखानों में इन्हीं मजदूरों के पसीने बहते हैं।

जिनके बदौलत देश और समाज का चहूंमुखी विकास सुनिश्चित होता है, दिन रात पसीना बहा कर श्रम करने वाला श्रमिक देखा जाए तो आज काफी तादात में उपेक्षित होता आया है।हालांकि सरकार ने इनके जनकल्याण के लिए तमाम श्रमिक हितकारी योजनाएं लागू की है, लेकिन देखने में आता है कि कहीं-कहीं यह योजनाएं अपने पथ से भटक कर भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भेंट चढ़ जा रही हैं। उक्त बातें मिर्जापुर असंगठित कामगार यूनियन के बैनर तले मुहंकुचवा स्थित कान्हा श्याम मैरिज लॉन में आम सभा की आयोजित बैठक में उपस्थित जिले के कोने-कोने से आए श्रमिक बंधुओं को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने व्यक्त किए।

यूनियन के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश दुबे ने कहा श्रमिक हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी।
  मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन मजदूरों के मुद्दों पर गंभीरता और पूरी मजबूती के साथ लड़ाई लड़ता आया है, आगे भी यह संगठन मजदूरों के हक अधिकारों के लिए संघर्षरत रहेगा। महामंत्री मंगल तिवारी ने जोर देते हुए कहा कि मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन अपने स्थापना काल से ही मजदूरों के साथ खड़ा होता आया है, कई मामलों में संघठन ने पीड़ित मजदूरों को न्याय और आर्थिक सहायता राशि के साथ उनके खून पसीने की मेहनत राशि भी दिलाने का काम किया है।

उपाध्यक्ष विनोद सिंह, संयुक्त मंत्री, देवेंद्र पांडेय, अनिता देवी, राम आसरे बिन्द, वरिष्ठ पत्रकार प्रभात मिश्रा, सुशील कुमार पांडेय, कमलेश चौहान, पूर्व कर्मचारी नेता लल्लू तिवारी इत्यादि ने भी श्रमिक बंधुओं को संबोधित करते हुए मनरेगा, भट्ठा मजदूर, पीतल बर्तन, कालीन, खनन से लेकर अन्न कई मामले एवं श्रमिकहित में संचालित योजनाओं पर चर्चा करते हुए जानकारियां दी गयी।

इस अवसर पर अध्यक्ष राजेश कुमार दुबे, महामंत्री मंगल तिवारी,उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, संगठन मंत्री वीरेंद्र कुमार संयुक्त मंत्री सविता सरोज, कोषाध्यक्ष सूरज प्रसाद अनीता देवी, देवेंद्र पांडे मान सिंह यादव, दिलीप गौड़, राघवेन्द्र सिंह,पप्पू कुशवाहा, अभिमन्यु चौहान, गौतम, सत्या आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन राजेन्द्र तिवारी उर्फ लल्लू तिवारी ने मजदूरो की व्यथा पर आधारित अपनी कविता के माध्यम से करते हुए श्रमिक हितो पर प्रकाश डाला। अंत में यूनियन के महामंत्री मंगल तिवारी ने सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
कन्नौज पहुंचे मंत्री असीम अरूण ने किया दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन, मंत्री बोले युवाओं के खेल के लिए कन्नौज में बनेगा अत्याधुनिक बाॅलीब

पंकज कुमार श्रीवास्तव/विवेक कुमार

कन्नौज जिले में विधानसभा स्तरीय खेल स्पर्धा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन समाज कल्याण राज्यमंत्री एवं कन्नौज सदर विधायक असीम अरूण ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में पहुचे मंत्री असीम अरूण ने युवाओं को खेल में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की अपील करते हुए उनको संसाधन देने की बात कही।

आपको बताते चलें कि शनिवार को कन्नौज सदर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कन्नौज शहर के बोर्डिंग ग्राउंड मैदान मंे विधानसभा स्तरीय खेल स्पर्धा प्रतियोगिता का दो दिवसीय आयोजन किया गया है। जिसमें मुख्य अतिथि समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरूण ने फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होनंे जिले के खेल को युवाओं से जोड़कर कैसे बढ़ावा दिया जाए इसके लिए कई उपाय बताते हुए जिले में खेल के संसाधन जुटाए जाने की बात कही है। ताकि हर युवा खेल में रूचि लेते हुए ऐसी प्रतियोगिताओं में खेलों में प्रतिभाग कर सके और अपने जिले व देश का नाम रौशन करें। उन्होंने कहा कि युवाओं को खेल से जोड़ने के लिए जो भी प्रयास है सब किए जाएंगे।

समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरूण ने कहा कि आज कन्नौज नगर मेे विधानसभा स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता शुरू हुई है। दो दिन यह प्रतियोगिता चलेगीं। इसमें अथलेटिक, बाॅलीबाॅल, जूडो, कुश्ती, बैडमिंटन ऐसी प्रतियोगिताएं सामिल होगी। हमारे युवाओं में बड़ा उत्साह दिखा है और इसको आगे बढ़ाने के लिए हमलोग व्यवस्था कर रहे है, एक बास्केट बाॅल बोर्ड अत्याधुनिक बनाने वाले हैं। बाॅलीबाॅल की व्यवस्था करने वाले है और साथ - साथ जो अच्छे कोचेच है उनको हम लोग प्रयोग कर पाएं, उनकी व्यवस्था अच्छी हो। योगा के जो हमारे टीचर है उनकी व्यवस्था अच्छी हो पाए जिससे कि हमारे जिले के युवा और जो कम युवा भी हे वह अपने आप को फिट रखने के लिए सारे संसाधन, सारी व्यवस्थाएं पाएं और स्वस्थ्य भी रहे और साथ-साथ राष्ट्रीय- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जाकर प्रतियोगिताओं में मेडल भी पाएं।
भूमि से उद्योग तक यूपी अव्वल, योगी के विजन पर निवेशकों का भरोसा मजबूत

* औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग में उत्तर प्रदेश अग्रणी, 33,327 हेक्टेयर में विकसित 286 औद्योगिक पार्क

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने देश के औद्योगिक मानचित्र पर अपनी सशक्त पहचान बना ली है। औद्योगिक भूमि के प्रभावी उपयोग के मामले में प्रदेश आज अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। जहां कई राज्यों में औद्योगिक पार्कों की बड़ी भूमि अब भी निष्क्रिय पड़ी है, वहीं उत्तर प्रदेश में उपलब्ध कराई गई अधिकांश औद्योगिक भूमि पर उद्योग स्थापित हो चुके हैं या स्थापना की प्रक्रिया में हैं।

प्रदेश में अब तक 286 औद्योगिक पार्क विकसित किए जा चुके हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 33,327 हेक्टेयर है। इन पार्कों में औद्योगिक गतिविधियों की सक्रियता यह दर्शाती है कि निवेश प्रस्ताव केवल कागजों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम सामने आए हैं। यही वजह है कि देश-विदेश के निवेशक उत्तर प्रदेश को एक भरोसेमंद और परिणाम देने वाले औद्योगिक गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।

उद्योग जगत के विशेषज्ञ एस.के. आहूजा के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से देश के बड़े औद्योगिक पावरहाउस के रूप में उभर रहा है। औद्योगिक भूमि के लगभग पूर्ण उपयोग से न केवल उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं।

अन्य राज्यों से तुलना करें तो अंतर स्पष्ट नजर आता है। उदाहरण के तौर पर तेलंगाना में 157 औद्योगिक पार्कों में लगभग 30,749 हेक्टेयर भूमि अब भी निवेश के लिए उपलब्ध है, जबकि उत्तर प्रदेश में भूमि का उपयोग तेजी से हो चुका है।

प्रदेश सरकार ने औद्योगिक नीति को स्पष्ट दिशा देते हुए केवल भूमि आवंटन तक सीमित न रहकर उद्योगों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण तैयार किया है। कानून-व्यवस्था में सुधार, प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण और बुनियादी ढांचे का तेज विस्तार इस नीति के प्रमुख आधार रहे हैं। एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट और बेहतर कनेक्टिविटी ने उद्योगों के संचालन को आसान बनाया है, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।

* प्रदेश भर में संतुलित औद्योगिक विकास


एक जनपद, एक उत्पाद (ओडीओपी), डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइस पार्क, फार्मा पार्क और टेक्सटाइल हब जैसी योजनाओं ने औद्योगिक विकास को केवल कुछ शहरों तक सीमित नहीं रहने दिया। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी उद्योगों की स्थापना से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े हैं और क्षेत्रीय असमानता में कमी आई है।

* प्लग एंड प्ले मॉडल पर फोकस


उद्योगों को और गति देने के लिए प्रदेश सरकार ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर विशेष जोर दे रही है। इस मॉडल के तहत निवेशकों को पहले दिन से ही तैयार अवसंरचना उपलब्ध कराई जाएगी। माना जा रहा है कि यह पहल उत्तर प्रदेश को औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में अन्य राज्यों से और आगे ले जाएगी।उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय औद्योगिक परिदृश्य में ठोस परिणामों के साथ अग्रणी राज्य के रूप में अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है।