ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते”के तहत एक नाबालिग बच्चे को चाइल्ड हेल्पलाइन को किया गया सुपुर्द
संजय द्विवेदी प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’रेलवे परिसरों और ट्रेनो में मिलने वाले असुरक्षित संकटग्रस्त या बिछड़े  हुए बच्चों को सुरक्षित बचाने का एक निरन्तर और संवेदनशील अभियान है।यह केवल एक ऑपरेशन नही बल्कि उन अनगिनत बच्चों के लिए जीवनरेखा है जो किसी कारणवश अपने घरो से दूर भटक जाते है।इस पहल के माध्यम से रेलवे सुरक्षा बल ने बाल सुरक्षा एवं संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे बाल श्रम बाल तस्करी तथा लापता बच्चो से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है।प्रयागराज मण्डल में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा वर्ष 2024–25 के दौरान रेल गाड़ियो एवं रेलवे परिक्षेत्र से कुल 621बच्चो को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।वही वर्ष 2025–26 में नवम्बर माह तक 441 बच्चो को रेस्क्यू कर उनके परिजनो सम्बंधित एनजीओ एवं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सुपुर्द किया गया है।रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज पर उप निरीक्षक  कार्तिक मिश्रा ड्यूटी पर उपस्थित थे।इस दौरान एक व्यक्ति राहुल यादव एक नाबालिग बच्चे को लेकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज पर आया।पूछताछ के दौरान बच्चे ने अपना नाम गुड्डू उम्र लगभग 14 वर्ष निवासी घूरी सलेमपुर थाना हुसैनगंज उत्तर प्रदेश बताया तथा बताया कि वह घर से नाराज होकर चला आया था।मामले की गम्भीरता को देखते हुए बालक की सुरक्षा एवं कल्याण हेतु अग्रिम कार्रवाई करते हुए उसे चाइल्ड हेल्पलाइन प्रयागराज की सुपरवाइज़र को विधिवत एवं सुरक्षित रूप से सुपुर्द कर दिया गया।रेलवे प्रशासन यात्रियो एवं आमजन से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असहाय या भटकते हुए देखें तो तत्काल रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दे।
स्टेला मैरिस कॉन्वेंट सेकेंडरी स्कूल, नारायणपुर में क्रिसमस समारोह*
रिपोर्ट/लालजी/सुल्तानपुर,स्टेला मैरिस कॉन्वेंट सेकेंडरी स्कूल,नारायणपुर में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी के साथ क्रिसमस का पर्व प्रार्थना और चिंतन के वातावरण में मनाया गया। यह समारोह क्रिसमस के वास्तविक अर्थ और वर्तमान विश्व में उसकी प्रासंगिकता पर केंद्रित था। इस अवसर पर रेव. फादर ज्ञान प्रकाश, असम्प्शन चर्च, दोस्तपुर के पल्ली पुरोहित, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने संदेश में उन्होंने आज के विश्व की वास्तविकता पर प्रकाश डाला, जो घृणा, देशों के बीच संघर्ष और समाज में बढ़ती असामंजस्यता से ग्रस्त है। उन्होंने याद दिलाया कि दो हजार वर्ष पहले भी यीशु का जन्म ऐसे ही अराजक और अशांत संसार में हुआ था। ताकि वे मानवता के लिए आशा और शांति का संदेश लेकर आएँ। विद्यार्थियों ने अपने सार्थक अभिनय और प्रस्तुतियों के माध्यम से आज के विश्व को आवश्यक आशा का सुंदर चित्रण किया। उनके कार्यक्रमों ने यह संदेश दिया कि क्रिसमस विश्वास, एकता और करुणा को नवीनीकृत करने का आह्वान है। समारोह का एक विशेष आकर्षण शिक्षकों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ तैयार किया गया क्रिसमस क्रिब था। जिसे “जीसस मेट्रो” नाम दिया गया। यह अभिनव मॉडल आधुनिक संसार से यीशु के संदेश को जोड़ते हुए यह दर्शाता है कि प्रगति तभी सार्थक है जब वह मूल्यों, आशा और सामंजस्य से निर्देशित हो। समारोह के अंत में स्टेला मैरिस कॉन्वेंट सेकेंडरी स्कूल, नारायणपुर की प्राचार्या सिस्टर रोज़लिन क्लारा बी.एस.ने अपने संदेश में कहा कि क्रिसमस हमें टूटे हुए संसार में आशा का वाहक बनने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों से एक साथ प्रार्थना करने, एक-दूसरे के लिए प्रार्थना करने तथा अपने दैनिक जीवन में प्रेम, शांति और आशा के संदेश को जीने का आग्रह किया।
देहदान से अमर हुए मुन्नी लाल यादव.शिक्षा और श्रमजीवियो के लिए जीवन भर करते रहे सन्घर्ष।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के एनाटॉमी विभाग में संचालित देहदान अभियान के अन्तर्गत एक अत्यन्त प्रेरणादायक देहदान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2011 से चल रहे इस अभियान के तहत यह 108वां देहदान है जो समाज में जागरूकता वैज्ञानिक सोच और मानवीय सेवा की भावना को सशक्त करता है।गंगोत्री हवेलिया झूंसी निवासी 79 वर्षीय स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे।वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)[CPI(M)]के सक्रिय सदस्य रहे और झूंसी स्थित लाल चौक के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे।सामाजिक न्याय श्रमिक अधिकारों और गरीबो के हितो के लिए उन्होने जीवन भर संघर्ष किया और जमीनी स्तर पर निरंतर सक्रिय रहे।

स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव आज़ाद हिन्द फौज की वीरांगना कैप्टन डॉ.लक्ष्मी सहगल के देहदान से गहराई से प्रेरित थे।उसी प्रेरणा के चलते उन्होने वर्ष 2012 में ही मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के देहदान अभियान के लिए अपना पंजीकरण करा दिया था।लम्बी बीमारी के बाद सोमवार 23 दिसम्बर 2025 की रात के भोर में अस्पताल में उनका निधन हो गया।निधन की सूचना मिलते ही देहदान अभियान के संयोजक मनोज सैंगर द्वारा एनाटॉमी विभाग के आचार्य डॉ.बादल सिंह को अवगत कराया गया। विभागाध्यक्ष डॉ.कृष्णा तिवारी के निर्देशन में डॉक्टरो की एक टीम शव वाहन के साथ स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव के निवास गंगोत्री हवेलिया झूंसी पहुंची और पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज लाया गया।


मेडिकल कॉलेज में डॉ.कृष्णा तिवारी, डॉ.बादल सिंह डॉ.निष्ठा सिंह डॉ.ममता आनन्द सहित सभी जूनियर डॉक्टरों एवं मेडिकल छात्रो ने विधिवत सम्मान के साथ पार्थिव शरीर को स्वीकार किया।यह देहदान आने वाले वर्षों तक मेडिकल छात्रों की शिक्षा एवं प्रशिक्षण में उपयोगी सिद्ध होगा।स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव का देहदान समाज सेवा वैज्ञानिक सोच और निस्वार्थ जीवन मूल्यों की एक उत्कृष्ट मिसाल है।उनके इस महान कार्य के प्रति पूरा मेडिकल कॉलेज परिवार कृतज्ञ है और उन्हे श्रद्धापूर्वक नमन करता है।
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार का संबोधन, विद्यार्थियों को दी राष्ट्रनिर्माण में योगदान की प

हजारीबाग | राज्यपाल सह झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के 10वें दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल उपाधि प्रदान करने का औपचारिक अवसर नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों के परिश्रम, अनुशासन, धैर्य और निरंतर साधना का प्रतीक है। यह जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय की पूर्णता और नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देता है।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय से अर्जित ज्ञान, मूल्यबोध और संस्कारों का उपयोग समाज और राष्ट्र के व्यापक हित में करना विद्यार्थियों का दायित्व है। विनोबा भावे जैसे महान समाज सुधारक के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय की परंपराएं सेवा, त्याग और सामाजिक चेतना से जुड़ी हैं, जिन्हें विद्यार्थियों को अपने आचरण और कर्म से जीवंत रखना चाहिए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल आजीविका अर्जन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि एक संवेदनशील, जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक का निर्माण करना भी शिक्षा का मूल लक्ष्य है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से ‘विकसित भारत तथा ‘आत्मनिर्भर एवं सशक्त भारत’ के निर्माण में ईमानदारी, परिश्रम और नैतिकता के साथ योगदान देने का आह्वान किया।

समाज के प्रति जिम्मेदारी पर बल देते हुए राज्यपाल ने कहा कि यदि प्रत्येक शिक्षित युवा समाज के किसी एक बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी ले, तो अशिक्षा स्वतः समाप्त हो सकती है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को केवल डिग्री देने वाले संस्थान नहीं, बल्कि विचार, चरित्र और चेतना के केंद्र बताते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध कार्य, सामाजिक सरोकारों और प्लेसमेंट व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह नीति शिक्षा को अधिक समावेशी, मूल्यपरक और समाजोपयोगी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से नई पीढ़ी को अवसरों के साथ-साथ जिम्मेदारियों का भी बोध कराया जा रहा है, जिससे वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

अपने संबोधन के अंत में राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में यह कभी न भूलें कि पहचान डिग्री से नहीं, बल्कि कर्मों से बनती है। सफलता और असफलता दोनों जीवन के स्वाभाविक पक्ष हैं, लेकिन असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ने वाला व्यक्ति ही स्थायी सफलता प्राप्त करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विद्यार्थी जहाँ भी रहें, अपने ज्ञान, आचरण और सेवा भाव से विश्वविद्यालय, परिवार और राष्ट्र का नाम गौरवान्वित करेंगे।

इससे पूर्व राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित भू-दान यज्ञ के प्रणेता संत विनोबा भावे की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

पसका मेला आयोजन की तैयारियों को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक
सभी विभागों की जिम्मेदारी है कि आपसी समन्वय से कार्य करते हुए समय से पहले सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करें-जिलाधिकारी

गोण्डा।23 दिसम्बर,2025
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी गोण्डा  प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में पसका मेला आयोजन की तैयारियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य आगामी पसका मेले को सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक ढंग से संपन्न कराना रहा। बैठक में मेला आयोजन से जुड़ी सभी आवश्यक व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी  प्रियंका निरंजन ने कहा कि पसका मेला जनपद का एक महत्वपूर्ण धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं आमजन सम्मिलित होते हैं। ऐसे में सभी विभागों की जिम्मेदारी है कि आपसी समन्वय से कार्य करते हुए समय से पहले सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करें, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो।

जिलाधिकारी ने साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष जोर देते हुए निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में नियमित रूप से सफाई अभियान चलाया जाए। कूड़ा निस्तारण, शौचालयों की नियमित सफाई तथा स्वच्छता बनाए रखने हेतु पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही मोबाइल टॉयलेट की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।विद्युत सुरक्षा के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मेला क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ एवं सुरक्षित होनी चाहिए। सभी अस्थायी विद्युत कनेक्शनों की जांच पूर्व में कर ली जाए तथा खुले तारों एवं जोखिमपूर्ण स्थानों पर विशेष सतर्कता बरती जाए। किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाव के लिए विद्युत विभाग को सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए।

पार्किंग एवं यातायात व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पर्याप्त पार्किंग स्थलों का चिन्हांकन किया जाए। यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए ट्रैफिक प्लान तैयार कर उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को मेला क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे एवं गश्त व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। नदी क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैरिकेटिंग की समुचित व्यवस्था करने तथा गोताखोरों एवं आपदा प्रबंधन टीम की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।

इसके अतिरिक्त पेयजल व्यवस्था के लिए पानी के टैंकर, अस्थायी हैंडपंप एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं तथा किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए पसका मेले को सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

बैठक में अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक राधेश्याम राय, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी परसपुर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद कर्नलगंज, नगर पंचायत परसपुर, ग्राम प्रधान पसका सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
2.2 कोल ट्रांसपोर्टिंग सड़क में तैनात सुरक्षा गार्ड की ऑन ड्यूटी मौत, कोल ट्रांसपोर्टिंग ठप

केरेडारी से रोहित गोस्वामी की रिपोर्ट

केरेडारी: एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल माइंस और केरेडारी कोल माइंस से कोयला ढुलाई वाली मार्ग 2.2 सड़क पर सुरक्षा गार्ड की ऑन ड्यूटी मौत हो गई! इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार केरेडारी थाना क्षेत्र के चट्टी पेटो गांव निवासी रामेश्वर साव उम्र 35 वर्ष पिता शीतल साव कोल ट्रांसपोर्टिंग 2.2 सड़क में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत था! कार्य के दौरान उक्त सुरक्षा गार्ड का दोपहर दो बजे अचानक तबियत बिगड़ गई आनन फानन में परिजनों द्वारा उसे रांची स्थित मेडिका अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई! मौत के उपरांत परिजनों ने मृतक के परिजनों को पेंशन बीमा की राशि रोजगार और परिजनों को सहायता राशि की मांग को लेकर 2.2 सड़क को जाम कर दिया! जिस कारण उक्त सड़क पर कोल ट्रांसप्टिंग कार्य पूरी तरह ठप हो गया! समाचार लिखे जाने तक 2.2 सड़क जाम थी और कोयले का ढुलाई कार्य पूरी तरह बंद था!

अमर कुमार बाउरी का हेमंत सरकार पर बड़ा हमला: "दलित विरोधी है यह सरकार, योजनाओं से SC वर्ग गायब"

रांची: झारखंड में होने वाले नगर निकाय चुनाव और नई शिक्षा योजनाओं को लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा नेता अमर कुमार बाउरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर अनुसूचित जाति (SC) की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल एक खास वर्ग को खुश करने के लिए 50 लाख दलितों के हक की अनदेखी कर रही है।

प्रमुख आरोप और आपत्तियां:

शिक्षा योजनाओं में भेदभाव: बाउरी ने 'दिशोम गुरु शिबू सोरेन कोचिंग संस्थान' का जिक्र करते हुए कहा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए सरकार का ध्यान केवल एक वर्ग पर है। उन्होंने मांग की कि दलित समाज के बच्चों को भी समान रूप से नि:शुल्क कोचिंग और विदेश में शिक्षा के अवसर मिलने चाहिए।

नगर निकाय चुनाव में आरक्षण का मुद्दा: उन्होंने रांची नगर निगम का उदाहरण देते हुए कहा कि 53 वार्डों में से मात्र 2 वार्डों में ही एससी को आरक्षण दिया गया है। बाउरी ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर दलितों की राजनीतिक भागीदारी को दबा रही है।

वित्त मंत्री के पत्र का समर्थन: उन्होंने कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण किशोर द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्रों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जब सरकार के खुद के मंत्री एससी वर्ग की दयनीय स्थिति को लेकर चिंतित हैं और पत्र लिख रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है।

अस्पष्ट चुनावी नियम: बाउरी ने आरोप लगाया कि न्यायालय के दबाव में सरकार आनन-फानन में बिना पारदर्शिता के चुनाव की तैयारी कर रही है। अलग-अलग निकायों के लिए अलग-अलग नियम बनाए जा रहे हैं।

आंदोलन की चेतावनी

अमर कुमार बाउरी ने दो टूक शब्दों में कहा कि दलितों ने अब तक संगठनात्मक ताकत नहीं दिखाई, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें नजरअंदाज किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपनी नीतियों में सुधार नहीं किया और पारदर्शिता नहीं लाई, तो दलित समाज बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के दिखाए संवैधानिक रास्ते पर चलकर सड़क पर उतरने और आंदोलन करने को मजबूर होगा।

योजनाओं को जनोन्मुखी बनाने के लिए अधिकारी जनप्रतिनिधियों के अनुभव का लाभ उठाएं: असीम अरुण
*राज्य मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से नियमित भेंट करने को अधिकारियों को लिखा पत्र*

लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों का महत्वपूर्ण स्थान है जो शासन एवं प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन शासकीय कार्यों के सुगम संपादन में सदैव ही सहायक रहा है। अधिकारी जनप्रतिनिधियों से नियमित भेंट कर उनके अनुभव और सुझावों का लाभ उठाएं। ये निर्देश समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण ने पत्र लिख कर विभागीय अधिकारियों को दिया है।

राज्य मंत्री ने पत्र में कहा है कि अधिकारी कार्यभार ग्रहण करने पर जनप्रतिनिधियों से अनिवार्य रूप से भेंट करें। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाए। उन्हें यह भी बताया जाए कि उनके क्षेत्र में इन योजनाओं के सञ्चालन में अधिकारी किस प्रकार से सहयोग कर सकते हैं। अधिकारी जनप्रतिनिधियों से अपना मोबाइल नंबर साझा करें और उनका नंबर भी लें, जिससे आपसी संपर्क में सुगमता हो।

पत्र में विभागीय राज्य मंत्री ने लिखा है कि अधिकारी ऐसे मामलों को, जिनके समाधान में जनप्रतिनिधियों का सहयोग आवश्यक/हितकारी हो उनके संज्ञान में लाकर उनका त्वरित निराकरण कराए। विभागीय सेवाओं को और बेहतर एवं जनोन्मुखी बनाने के लिए अधिकारी जनप्रतिनिधियों के ज्ञान, अनुभव एवं सुझावों का भरपूर लाभ उठाएं। जनप्रतिनिधियों द्वारा संदर्भित मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध कार्रवाई कर उन्हें कृत कार्रवाई से अवगत भी कराया जाए। पत्र में कहा गया है कि विभागीय अधिकारी मंडलों एवं जनपदों में कार्यरत अधिकारियों को निर्देशित करें कि वे नियमित रूप से जनप्रतिनिधियों से मिलें, उनसे संवाद करें और विभागीय कार्यों के निष्पादन में आवश्यकतानुसार उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन लें।
बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा महिला अस्मिता को अपमानित करने पर दर्ज हो रिपोर्ट
फर्रुखाबाद l समाजवादी महिला सभा और सपा जिला अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव के नेतृत्व में दर्जनों महिलाओं ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तिया लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया बाद में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट संजय बंसल को दिया है l नगर मजिस्ट्रेट को दिए ज्ञापन में कहा है कि विगत दिवस बिहार में नारी की गरिमा को ठेस पहुँचाने और संविधान का खुलेआम अपमान किया है l महिला सशक्तिकरण का मजाक उड़ाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने और सत्ताधारी दल के संजय निषाद व मंत्री गिरिराज सिंह ने इस घटना का बेशर्मी से समर्थन किया l नारी की लज्जा भंग करने अपमान और बेशर्मी की इससे ज्यादा खराब मिसाल क्या हो सकती है अभी तक मुख्यमंत्री और उनके समर्थको ने अभी तक इस कृत्य पर माफी तक नहीं मांगी है। भारतीय संस्कृति में महिला का घूँघट या नकाब उसकी अस्मिता का प्रतीक होती है और उस पर हाथ लगाना भारत की संस्कृति को तार-तार करना है। ऐसी विकृत मानसिकता के व्यक्तियों को किसी भी संवैधानिक पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
जनपद की समाजवादी पार्टी से जुड़ी समस्त महिलाओ  ने घटना की भर्त्सना करते हुए मांग की है कि ऐसे मुख्यमंत्री नीतीश को उनके पद से बर्खास्त करते हुए उनके विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया जाये l इस मौके पर महिला राजद सुलझना सिंह. लक्ष्मी मौजूद रही
25 दिसंबर तक सभी बच्चों की अपार आईडी बना लें,बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं-बीएसए
3.57 लाख बच्चों की अपार आईडी अभी नहीं बनी

गोंडा।जिले में बच्चों की अपार आईडी बनाने की धीमी रफ्तार पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने कड़ी नाराजगी व्यक्त किया है।जिले की खराब रैंकिंग और लक्ष्य से पिछड़ने के कारण महानिदेशक मोनिका रानी ने 25 दिसंबर तक सभी बच्चों की अपार आईडी बनाने का अल्टीमेटम दिया है।जिले में अभी तक 3.57 लाख बच्चों की अपार आईडी नहीं बन पायी है।ताजा आंकड़ों के अनुसार,जिले में कुल 7,57,384 छात्र पंजीकृत हैं इनमें से 3,57,803 बच्चों की अपार आईडी अभी तक नहीं बन पायी है।जिले के कुल 4,784 स्कूलों में यह कार्य स्कूल प्रबंधन व शिक्षकों के जिम्मे है।समीक्षा में सामने आया है कि बड़ी संख्या में विद्यालयों ने इस महत्वपूर्ण कार्य में रुचि नहीं लिया है,जिसके कारण योजना अधर में लटकी हुई है।कई जिलों ने पंजीकरण शुरू किया परन्तु तकनीकी प्रक्रिया पूरी नहीं की।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपार आईडी छात्रों की विशिष्ट  डिजिटल पहचान है।यह छात्रों के शैक्षणिक रिकार्ड को सुरक्षित रखती है और भविष्य में छात्रवृत्ति,विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ,शैक्षणिक स्थानांतरण और क्रेडिट स्कोर जैसी प्रक्रियाओं को पारदर्शी तथा सुगम बनाती है।इस कार्य में देरी का सीधा असर बच्चों के भविष्य और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ सकता है।महानिदेशक के सख्त निर्देशों के बाद बीएसए अमित सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रबंधकों को पत्र जारी कर 25 दिसंबर तक शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिये हैं।बीएसए ने स्पष्ट चेतावनी दिया है कि निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य न पूर्ण करने वाले विद्यालयों एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर के बाद किसी भी तरह की तकनीकी समस्या या अन्य बहाने स्वीकार नहीं किये जाएंगे साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अब इस कार्य की प्रगति की प्रतिदिन निगरानी की जाएगी ताकि जिले को प्रदेश की रैंकिंग में सम्मानजनक स्थान दिलाया जा सके।उन्होंने कहा कि इससे पहले भी विद्यालयों को चेतावनी दी जा चुकी है कि बच्चों की ज्यादा से ज्यादा अपार आईडी बनाई जाए उसके बाद भी विद्यालयों द्वारा लापरवाही की जा रही है जिसका परिणाम है कि जिले की रैंकिंग लगातार खराब आ रही है।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते”के तहत एक नाबालिग बच्चे को चाइल्ड हेल्पलाइन को किया गया सुपुर्द
संजय द्विवेदी प्रयागराज।रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’रेलवे परिसरों और ट्रेनो में मिलने वाले असुरक्षित संकटग्रस्त या बिछड़े  हुए बच्चों को सुरक्षित बचाने का एक निरन्तर और संवेदनशील अभियान है।यह केवल एक ऑपरेशन नही बल्कि उन अनगिनत बच्चों के लिए जीवनरेखा है जो किसी कारणवश अपने घरो से दूर भटक जाते है।इस पहल के माध्यम से रेलवे सुरक्षा बल ने बाल सुरक्षा एवं संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे बाल श्रम बाल तस्करी तथा लापता बच्चो से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है।प्रयागराज मण्डल में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा वर्ष 2024–25 के दौरान रेल गाड़ियो एवं रेलवे परिक्षेत्र से कुल 621बच्चो को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।वही वर्ष 2025–26 में नवम्बर माह तक 441 बच्चो को रेस्क्यू कर उनके परिजनो सम्बंधित एनजीओ एवं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सुपुर्द किया गया है।रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज पर उप निरीक्षक  कार्तिक मिश्रा ड्यूटी पर उपस्थित थे।इस दौरान एक व्यक्ति राहुल यादव एक नाबालिग बच्चे को लेकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट प्रयागराज पर आया।पूछताछ के दौरान बच्चे ने अपना नाम गुड्डू उम्र लगभग 14 वर्ष निवासी घूरी सलेमपुर थाना हुसैनगंज उत्तर प्रदेश बताया तथा बताया कि वह घर से नाराज होकर चला आया था।मामले की गम्भीरता को देखते हुए बालक की सुरक्षा एवं कल्याण हेतु अग्रिम कार्रवाई करते हुए उसे चाइल्ड हेल्पलाइन प्रयागराज की सुपरवाइज़र को विधिवत एवं सुरक्षित रूप से सुपुर्द कर दिया गया।रेलवे प्रशासन यात्रियो एवं आमजन से अपील करता है कि किसी भी नाबालिग बच्चे को असहाय या भटकते हुए देखें तो तत्काल रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दे।
स्टेला मैरिस कॉन्वेंट सेकेंडरी स्कूल, नारायणपुर में क्रिसमस समारोह*
रिपोर्ट/लालजी/सुल्तानपुर,स्टेला मैरिस कॉन्वेंट सेकेंडरी स्कूल,नारायणपुर में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी के साथ क्रिसमस का पर्व प्रार्थना और चिंतन के वातावरण में मनाया गया। यह समारोह क्रिसमस के वास्तविक अर्थ और वर्तमान विश्व में उसकी प्रासंगिकता पर केंद्रित था। इस अवसर पर रेव. फादर ज्ञान प्रकाश, असम्प्शन चर्च, दोस्तपुर के पल्ली पुरोहित, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने संदेश में उन्होंने आज के विश्व की वास्तविकता पर प्रकाश डाला, जो घृणा, देशों के बीच संघर्ष और समाज में बढ़ती असामंजस्यता से ग्रस्त है। उन्होंने याद दिलाया कि दो हजार वर्ष पहले भी यीशु का जन्म ऐसे ही अराजक और अशांत संसार में हुआ था। ताकि वे मानवता के लिए आशा और शांति का संदेश लेकर आएँ। विद्यार्थियों ने अपने सार्थक अभिनय और प्रस्तुतियों के माध्यम से आज के विश्व को आवश्यक आशा का सुंदर चित्रण किया। उनके कार्यक्रमों ने यह संदेश दिया कि क्रिसमस विश्वास, एकता और करुणा को नवीनीकृत करने का आह्वान है। समारोह का एक विशेष आकर्षण शिक्षकों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ तैयार किया गया क्रिसमस क्रिब था। जिसे “जीसस मेट्रो” नाम दिया गया। यह अभिनव मॉडल आधुनिक संसार से यीशु के संदेश को जोड़ते हुए यह दर्शाता है कि प्रगति तभी सार्थक है जब वह मूल्यों, आशा और सामंजस्य से निर्देशित हो। समारोह के अंत में स्टेला मैरिस कॉन्वेंट सेकेंडरी स्कूल, नारायणपुर की प्राचार्या सिस्टर रोज़लिन क्लारा बी.एस.ने अपने संदेश में कहा कि क्रिसमस हमें टूटे हुए संसार में आशा का वाहक बनने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों से एक साथ प्रार्थना करने, एक-दूसरे के लिए प्रार्थना करने तथा अपने दैनिक जीवन में प्रेम, शांति और आशा के संदेश को जीने का आग्रह किया।
देहदान से अमर हुए मुन्नी लाल यादव.शिक्षा और श्रमजीवियो के लिए जीवन भर करते रहे सन्घर्ष।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के एनाटॉमी विभाग में संचालित देहदान अभियान के अन्तर्गत एक अत्यन्त प्रेरणादायक देहदान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2011 से चल रहे इस अभियान के तहत यह 108वां देहदान है जो समाज में जागरूकता वैज्ञानिक सोच और मानवीय सेवा की भावना को सशक्त करता है।गंगोत्री हवेलिया झूंसी निवासी 79 वर्षीय स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे।वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)[CPI(M)]के सक्रिय सदस्य रहे और झूंसी स्थित लाल चौक के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे।सामाजिक न्याय श्रमिक अधिकारों और गरीबो के हितो के लिए उन्होने जीवन भर संघर्ष किया और जमीनी स्तर पर निरंतर सक्रिय रहे।

स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव आज़ाद हिन्द फौज की वीरांगना कैप्टन डॉ.लक्ष्मी सहगल के देहदान से गहराई से प्रेरित थे।उसी प्रेरणा के चलते उन्होने वर्ष 2012 में ही मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के देहदान अभियान के लिए अपना पंजीकरण करा दिया था।लम्बी बीमारी के बाद सोमवार 23 दिसम्बर 2025 की रात के भोर में अस्पताल में उनका निधन हो गया।निधन की सूचना मिलते ही देहदान अभियान के संयोजक मनोज सैंगर द्वारा एनाटॉमी विभाग के आचार्य डॉ.बादल सिंह को अवगत कराया गया। विभागाध्यक्ष डॉ.कृष्णा तिवारी के निर्देशन में डॉक्टरो की एक टीम शव वाहन के साथ स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव के निवास गंगोत्री हवेलिया झूंसी पहुंची और पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज लाया गया।


मेडिकल कॉलेज में डॉ.कृष्णा तिवारी, डॉ.बादल सिंह डॉ.निष्ठा सिंह डॉ.ममता आनन्द सहित सभी जूनियर डॉक्टरों एवं मेडिकल छात्रो ने विधिवत सम्मान के साथ पार्थिव शरीर को स्वीकार किया।यह देहदान आने वाले वर्षों तक मेडिकल छात्रों की शिक्षा एवं प्रशिक्षण में उपयोगी सिद्ध होगा।स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव का देहदान समाज सेवा वैज्ञानिक सोच और निस्वार्थ जीवन मूल्यों की एक उत्कृष्ट मिसाल है।उनके इस महान कार्य के प्रति पूरा मेडिकल कॉलेज परिवार कृतज्ञ है और उन्हे श्रद्धापूर्वक नमन करता है।
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार का संबोधन, विद्यार्थियों को दी राष्ट्रनिर्माण में योगदान की प

हजारीबाग | राज्यपाल सह झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के 10वें दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल उपाधि प्रदान करने का औपचारिक अवसर नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों के परिश्रम, अनुशासन, धैर्य और निरंतर साधना का प्रतीक है। यह जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय की पूर्णता और नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देता है।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय से अर्जित ज्ञान, मूल्यबोध और संस्कारों का उपयोग समाज और राष्ट्र के व्यापक हित में करना विद्यार्थियों का दायित्व है। विनोबा भावे जैसे महान समाज सुधारक के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय की परंपराएं सेवा, त्याग और सामाजिक चेतना से जुड़ी हैं, जिन्हें विद्यार्थियों को अपने आचरण और कर्म से जीवंत रखना चाहिए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल आजीविका अर्जन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि एक संवेदनशील, जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक का निर्माण करना भी शिक्षा का मूल लक्ष्य है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से ‘विकसित भारत तथा ‘आत्मनिर्भर एवं सशक्त भारत’ के निर्माण में ईमानदारी, परिश्रम और नैतिकता के साथ योगदान देने का आह्वान किया।

समाज के प्रति जिम्मेदारी पर बल देते हुए राज्यपाल ने कहा कि यदि प्रत्येक शिक्षित युवा समाज के किसी एक बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी ले, तो अशिक्षा स्वतः समाप्त हो सकती है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को केवल डिग्री देने वाले संस्थान नहीं, बल्कि विचार, चरित्र और चेतना के केंद्र बताते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध कार्य, सामाजिक सरोकारों और प्लेसमेंट व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह नीति शिक्षा को अधिक समावेशी, मूल्यपरक और समाजोपयोगी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से नई पीढ़ी को अवसरों के साथ-साथ जिम्मेदारियों का भी बोध कराया जा रहा है, जिससे वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

अपने संबोधन के अंत में राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में यह कभी न भूलें कि पहचान डिग्री से नहीं, बल्कि कर्मों से बनती है। सफलता और असफलता दोनों जीवन के स्वाभाविक पक्ष हैं, लेकिन असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ने वाला व्यक्ति ही स्थायी सफलता प्राप्त करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विद्यार्थी जहाँ भी रहें, अपने ज्ञान, आचरण और सेवा भाव से विश्वविद्यालय, परिवार और राष्ट्र का नाम गौरवान्वित करेंगे।

इससे पूर्व राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित भू-दान यज्ञ के प्रणेता संत विनोबा भावे की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

पसका मेला आयोजन की तैयारियों को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक
सभी विभागों की जिम्मेदारी है कि आपसी समन्वय से कार्य करते हुए समय से पहले सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करें-जिलाधिकारी

गोण्डा।23 दिसम्बर,2025
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी गोण्डा  प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में पसका मेला आयोजन की तैयारियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य आगामी पसका मेले को सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक ढंग से संपन्न कराना रहा। बैठक में मेला आयोजन से जुड़ी सभी आवश्यक व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी  प्रियंका निरंजन ने कहा कि पसका मेला जनपद का एक महत्वपूर्ण धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं आमजन सम्मिलित होते हैं। ऐसे में सभी विभागों की जिम्मेदारी है कि आपसी समन्वय से कार्य करते हुए समय से पहले सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करें, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो।

जिलाधिकारी ने साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष जोर देते हुए निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में नियमित रूप से सफाई अभियान चलाया जाए। कूड़ा निस्तारण, शौचालयों की नियमित सफाई तथा स्वच्छता बनाए रखने हेतु पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही मोबाइल टॉयलेट की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।विद्युत सुरक्षा के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मेला क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ एवं सुरक्षित होनी चाहिए। सभी अस्थायी विद्युत कनेक्शनों की जांच पूर्व में कर ली जाए तथा खुले तारों एवं जोखिमपूर्ण स्थानों पर विशेष सतर्कता बरती जाए। किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाव के लिए विद्युत विभाग को सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए।

पार्किंग एवं यातायात व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पर्याप्त पार्किंग स्थलों का चिन्हांकन किया जाए। यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए ट्रैफिक प्लान तैयार कर उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को मेला क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे एवं गश्त व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। नदी क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैरिकेटिंग की समुचित व्यवस्था करने तथा गोताखोरों एवं आपदा प्रबंधन टीम की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।

इसके अतिरिक्त पेयजल व्यवस्था के लिए पानी के टैंकर, अस्थायी हैंडपंप एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं तथा किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए पसका मेले को सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

बैठक में अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक राधेश्याम राय, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी परसपुर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद कर्नलगंज, नगर पंचायत परसपुर, ग्राम प्रधान पसका सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
2.2 कोल ट्रांसपोर्टिंग सड़क में तैनात सुरक्षा गार्ड की ऑन ड्यूटी मौत, कोल ट्रांसपोर्टिंग ठप

केरेडारी से रोहित गोस्वामी की रिपोर्ट

केरेडारी: एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल माइंस और केरेडारी कोल माइंस से कोयला ढुलाई वाली मार्ग 2.2 सड़क पर सुरक्षा गार्ड की ऑन ड्यूटी मौत हो गई! इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार केरेडारी थाना क्षेत्र के चट्टी पेटो गांव निवासी रामेश्वर साव उम्र 35 वर्ष पिता शीतल साव कोल ट्रांसपोर्टिंग 2.2 सड़क में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत था! कार्य के दौरान उक्त सुरक्षा गार्ड का दोपहर दो बजे अचानक तबियत बिगड़ गई आनन फानन में परिजनों द्वारा उसे रांची स्थित मेडिका अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई! मौत के उपरांत परिजनों ने मृतक के परिजनों को पेंशन बीमा की राशि रोजगार और परिजनों को सहायता राशि की मांग को लेकर 2.2 सड़क को जाम कर दिया! जिस कारण उक्त सड़क पर कोल ट्रांसप्टिंग कार्य पूरी तरह ठप हो गया! समाचार लिखे जाने तक 2.2 सड़क जाम थी और कोयले का ढुलाई कार्य पूरी तरह बंद था!

अमर कुमार बाउरी का हेमंत सरकार पर बड़ा हमला: "दलित विरोधी है यह सरकार, योजनाओं से SC वर्ग गायब"

रांची: झारखंड में होने वाले नगर निकाय चुनाव और नई शिक्षा योजनाओं को लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा नेता अमर कुमार बाउरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर अनुसूचित जाति (SC) की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल एक खास वर्ग को खुश करने के लिए 50 लाख दलितों के हक की अनदेखी कर रही है।

प्रमुख आरोप और आपत्तियां:

शिक्षा योजनाओं में भेदभाव: बाउरी ने 'दिशोम गुरु शिबू सोरेन कोचिंग संस्थान' का जिक्र करते हुए कहा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए सरकार का ध्यान केवल एक वर्ग पर है। उन्होंने मांग की कि दलित समाज के बच्चों को भी समान रूप से नि:शुल्क कोचिंग और विदेश में शिक्षा के अवसर मिलने चाहिए।

नगर निकाय चुनाव में आरक्षण का मुद्दा: उन्होंने रांची नगर निगम का उदाहरण देते हुए कहा कि 53 वार्डों में से मात्र 2 वार्डों में ही एससी को आरक्षण दिया गया है। बाउरी ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर दलितों की राजनीतिक भागीदारी को दबा रही है।

वित्त मंत्री के पत्र का समर्थन: उन्होंने कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण किशोर द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्रों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जब सरकार के खुद के मंत्री एससी वर्ग की दयनीय स्थिति को लेकर चिंतित हैं और पत्र लिख रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है।

अस्पष्ट चुनावी नियम: बाउरी ने आरोप लगाया कि न्यायालय के दबाव में सरकार आनन-फानन में बिना पारदर्शिता के चुनाव की तैयारी कर रही है। अलग-अलग निकायों के लिए अलग-अलग नियम बनाए जा रहे हैं।

आंदोलन की चेतावनी

अमर कुमार बाउरी ने दो टूक शब्दों में कहा कि दलितों ने अब तक संगठनात्मक ताकत नहीं दिखाई, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें नजरअंदाज किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपनी नीतियों में सुधार नहीं किया और पारदर्शिता नहीं लाई, तो दलित समाज बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के दिखाए संवैधानिक रास्ते पर चलकर सड़क पर उतरने और आंदोलन करने को मजबूर होगा।

योजनाओं को जनोन्मुखी बनाने के लिए अधिकारी जनप्रतिनिधियों के अनुभव का लाभ उठाएं: असीम अरुण
*राज्य मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से नियमित भेंट करने को अधिकारियों को लिखा पत्र*

लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों का महत्वपूर्ण स्थान है जो शासन एवं प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन शासकीय कार्यों के सुगम संपादन में सदैव ही सहायक रहा है। अधिकारी जनप्रतिनिधियों से नियमित भेंट कर उनके अनुभव और सुझावों का लाभ उठाएं। ये निर्देश समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण ने पत्र लिख कर विभागीय अधिकारियों को दिया है।

राज्य मंत्री ने पत्र में कहा है कि अधिकारी कार्यभार ग्रहण करने पर जनप्रतिनिधियों से अनिवार्य रूप से भेंट करें। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाए। उन्हें यह भी बताया जाए कि उनके क्षेत्र में इन योजनाओं के सञ्चालन में अधिकारी किस प्रकार से सहयोग कर सकते हैं। अधिकारी जनप्रतिनिधियों से अपना मोबाइल नंबर साझा करें और उनका नंबर भी लें, जिससे आपसी संपर्क में सुगमता हो।

पत्र में विभागीय राज्य मंत्री ने लिखा है कि अधिकारी ऐसे मामलों को, जिनके समाधान में जनप्रतिनिधियों का सहयोग आवश्यक/हितकारी हो उनके संज्ञान में लाकर उनका त्वरित निराकरण कराए। विभागीय सेवाओं को और बेहतर एवं जनोन्मुखी बनाने के लिए अधिकारी जनप्रतिनिधियों के ज्ञान, अनुभव एवं सुझावों का भरपूर लाभ उठाएं। जनप्रतिनिधियों द्वारा संदर्भित मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध कार्रवाई कर उन्हें कृत कार्रवाई से अवगत भी कराया जाए। पत्र में कहा गया है कि विभागीय अधिकारी मंडलों एवं जनपदों में कार्यरत अधिकारियों को निर्देशित करें कि वे नियमित रूप से जनप्रतिनिधियों से मिलें, उनसे संवाद करें और विभागीय कार्यों के निष्पादन में आवश्यकतानुसार उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन लें।
बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा महिला अस्मिता को अपमानित करने पर दर्ज हो रिपोर्ट
फर्रुखाबाद l समाजवादी महिला सभा और सपा जिला अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव के नेतृत्व में दर्जनों महिलाओं ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तिया लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया बाद में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट संजय बंसल को दिया है l नगर मजिस्ट्रेट को दिए ज्ञापन में कहा है कि विगत दिवस बिहार में नारी की गरिमा को ठेस पहुँचाने और संविधान का खुलेआम अपमान किया है l महिला सशक्तिकरण का मजाक उड़ाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने और सत्ताधारी दल के संजय निषाद व मंत्री गिरिराज सिंह ने इस घटना का बेशर्मी से समर्थन किया l नारी की लज्जा भंग करने अपमान और बेशर्मी की इससे ज्यादा खराब मिसाल क्या हो सकती है अभी तक मुख्यमंत्री और उनके समर्थको ने अभी तक इस कृत्य पर माफी तक नहीं मांगी है। भारतीय संस्कृति में महिला का घूँघट या नकाब उसकी अस्मिता का प्रतीक होती है और उस पर हाथ लगाना भारत की संस्कृति को तार-तार करना है। ऐसी विकृत मानसिकता के व्यक्तियों को किसी भी संवैधानिक पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
जनपद की समाजवादी पार्टी से जुड़ी समस्त महिलाओ  ने घटना की भर्त्सना करते हुए मांग की है कि ऐसे मुख्यमंत्री नीतीश को उनके पद से बर्खास्त करते हुए उनके विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया जाये l इस मौके पर महिला राजद सुलझना सिंह. लक्ष्मी मौजूद रही
25 दिसंबर तक सभी बच्चों की अपार आईडी बना लें,बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं-बीएसए
3.57 लाख बच्चों की अपार आईडी अभी नहीं बनी

गोंडा।जिले में बच्चों की अपार आईडी बनाने की धीमी रफ्तार पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने कड़ी नाराजगी व्यक्त किया है।जिले की खराब रैंकिंग और लक्ष्य से पिछड़ने के कारण महानिदेशक मोनिका रानी ने 25 दिसंबर तक सभी बच्चों की अपार आईडी बनाने का अल्टीमेटम दिया है।जिले में अभी तक 3.57 लाख बच्चों की अपार आईडी नहीं बन पायी है।ताजा आंकड़ों के अनुसार,जिले में कुल 7,57,384 छात्र पंजीकृत हैं इनमें से 3,57,803 बच्चों की अपार आईडी अभी तक नहीं बन पायी है।जिले के कुल 4,784 स्कूलों में यह कार्य स्कूल प्रबंधन व शिक्षकों के जिम्मे है।समीक्षा में सामने आया है कि बड़ी संख्या में विद्यालयों ने इस महत्वपूर्ण कार्य में रुचि नहीं लिया है,जिसके कारण योजना अधर में लटकी हुई है।कई जिलों ने पंजीकरण शुरू किया परन्तु तकनीकी प्रक्रिया पूरी नहीं की।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपार आईडी छात्रों की विशिष्ट  डिजिटल पहचान है।यह छात्रों के शैक्षणिक रिकार्ड को सुरक्षित रखती है और भविष्य में छात्रवृत्ति,विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ,शैक्षणिक स्थानांतरण और क्रेडिट स्कोर जैसी प्रक्रियाओं को पारदर्शी तथा सुगम बनाती है।इस कार्य में देरी का सीधा असर बच्चों के भविष्य और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ सकता है।महानिदेशक के सख्त निर्देशों के बाद बीएसए अमित सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रबंधकों को पत्र जारी कर 25 दिसंबर तक शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिये हैं।बीएसए ने स्पष्ट चेतावनी दिया है कि निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य न पूर्ण करने वाले विद्यालयों एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर के बाद किसी भी तरह की तकनीकी समस्या या अन्य बहाने स्वीकार नहीं किये जाएंगे साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अब इस कार्य की प्रगति की प्रतिदिन निगरानी की जाएगी ताकि जिले को प्रदेश की रैंकिंग में सम्मानजनक स्थान दिलाया जा सके।उन्होंने कहा कि इससे पहले भी विद्यालयों को चेतावनी दी जा चुकी है कि बच्चों की ज्यादा से ज्यादा अपार आईडी बनाई जाए उसके बाद भी विद्यालयों द्वारा लापरवाही की जा रही है जिसका परिणाम है कि जिले की रैंकिंग लगातार खराब आ रही है।