लाल किला ब्लास्ट: 4 कातिल डॉक्टर, 3 वक्त रहते धराए, चौथे ने जान देकर मचाया कत्लेआम
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देश राजधानी दिल्ली सोमवार शाम को दहल उठी। लाल किले के पास जोरदार धमाका हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। में लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में नया खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह आईईडी बम धमाका था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली कार ब्लास्ट एक फिदायीन हमला था। आरोपी डॉक्टर उमर मोहम्मद ने खुद को कार उड़ा लिया।
उमर मोहम्मद फरीदाबाद मॉड्यूल की एक कड़ी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि लाल किले के पास हुए विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया है। हालांकि इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली है कि उमर मोहम्मद फरीदाबाद मॉड्यूल का एक और डॉक्टर था। पेशे से डॉक्टर उमर मोहम्मद कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था।
डॉ उमर ने दिया धमाके को अंजाम
इस धमाके के पीछे एक नहीं चार-चार डॉक्टरों की हैवानियत सामने आ रही है। इनमें से तीन डॉक्टर पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ चुके थे और जो चौथा डॉक्टर फरार बताया जा रहा था, आशंका है कि उसी ने गिरफ्तारी से पहले फिदायीन हमले को अंजाम दे दिया। सीसीटीवी फुटेज में धमाके में इस्तेमाल जिस i20 कार के ड्राइवर को फिदायीन हमले का संदिग्ध माना जा रहा है, वह कथित रूप से डॉक्टर मोहम्मद उमर है, जो गिरफ्तारी के डर से फरार बताया जा रहा था। डॉ उमर फरीदाबाद के अल फलह मेडिकल कॉलेज में तैनात था।
पार्किंग में 3 घंटे खड़ी रही कार
सूत्रों के अनुसार धमाके में इस्तेमाल i20 कार वही चला रहा था। दिल्ली पुलिस के अनुसार, कार ने 10 नवंबर की दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में प्रवेश किया। शाम 6:48 बजे पार्किंग से निकली। इसके महज चार मिनट बाद ही 6:52 बजे सुभाष मार्ग लाल बत्ती पर कार में ब्लास्ट हुआ। सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध गाड़ी के पार्क होने के बाद कार से बाहर नहीं निकला। अनुमान है कि संदिग्ध किसी का इंतजार कर रहा था, पार्किंग में किसी से निर्देश मिलने की प्रतिक्षा कर रहा था।
दिल्ली का फरीदाबाद कनेक्शन
सिर्फ एक शख्स यानी डॉक्टर उमर मोहम्मद पर लाल किले के पास तबाही मचाने का अंदेशा ही। हालांकि इससे कहीं ज्यादा बड़ी घटना हल गई। दरअसल, इसी हमले की तीन कड़ियां पहले ही दबोच ली गईं थीं। दिल्ली ब्लास्ट की कड़ी फरीदाबाद में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से जुड़ी है। 10 नवंबर की सुबह ही इस मॉड्यूल से 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। इसमें में 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, डिटोनेटर, टाइमर, और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स शामिल थे। इस मॉड्यूल में ज्यादातर कश्मीर के डॉक्टर शामिल थे, जो फरीदाबाद और एनसीआर में किराए के मकानों में विस्फोटक जमा कर रहे थे।
इन तीन को पहले ही दबोचा गया
मुजम्मिल शकील: यह पुलवामा का रहने वाला है। वह अल-फलाह अस्पताल (फरीदाबाद) में काम करता था। उसने धौज और फतेहपुर टागा गांवों में दो मकान किराए पर लेकर वहां विस्फोटक रखे थे। पुलिस ने उसे 10 नवंबर की सुबह ही गिरफ्तार कर लिया था। सूत्रों के मुताबिक उसने उमर को विस्फोटक और उपकरण उपलब्ध कराए थे। इस एंगल पर जांच जारी है। माना जा रहा है कि यह मोड्यूल दिल्ली और दूसरे शहरों में कई धमाके करने की योजना बना रहा था।
डॉ. अदील अहमद राथर: आदिल अहमद अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है। वह गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, अनंतनाग में काम कर चुका है। उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। इसने जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार पोस्टर लगाए थे और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भड़काने में शामिल था। इसके पास से हथियार और सामग्री मिली जो अस्पताल के लॉकर में छिपाई गई थी।
डॉ. शाहीन शाहिद: फरीदाबाद में रहने वाली डॉक्टर है। इसने अपनी कार में हथियार छिपाने में मदद की थी। जांच में पता चला कि वह भी इसी आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थी।
13 min ago
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