निजी अस्पतालों से मरीजों को घर छोड़ने के नाम पर 108 एम्बुलेंस चालक द्वारा वसूले जा रहे पैसे, मरीजों ने लगाए गंभीर आरोप
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मावाना। क्षेत्र में 108 एम्बुलेंस सेवा को लेकर एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। सरकारी 108 एम्बुलेंस, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में मरीजों को निशुल्क अस्पताल तक पहुँचाना है, अब कुछ चालक और हेल्पर द्वारा निजी फायदे के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल की जा रही है।
ताज़ा मामला मावाना के एक निजी अस्पताल से निकलकर सामने आया है, जहाँ फलावदा निवासी एक मरीज को घर छोड़ने के नाम पर एम्बुलेंस चालक द्वारा कथित रूप से पैसे वसूल किए गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मरीज को मावाना के एक निजी अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, जिसके बाद परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया। एम्बुलेंस UP32 FG 2718 मौके पर पहुँची, जिसे चलाने वाला चालक हरमिंदर बताया जा रहा है, जबकि उसके साथ हेल्पर के रूप में ओमकार मौजूद था।
आरोप है कि एम्बुलेंस चालक ने मरीज के परिजनों को साफ-साफ कहा कि—
“फलावदा तक जाने का किराया देना पड़ेगा, बिना पैसे एम्बुलेंस नहीं जाएगी।”
मजबूरी में परिजनों को चालक द्वारा मांगी गई राशि का भुगतान करना पड़ा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है। कई बार 108 एम्बुलेंस चालक मरीजों को अस्पताल लाने–ले जाने के दौरान उनसे पैसे मांगते हैं, जबकि यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है। लोगों का आरोप है कि चालक और हेल्पर निजी अस्पतालों से मिले-जुले तरीके से ऐसे मरीज तलाशते हैं, जिन्हें घर छोड़ा जाता है और फिर उनसे शुल्क लिया जाता है।
क्षेत्रवासियों ने बताया कि—
108 सेवा का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है।
निजी अस्पतालों के बाहर एम्बुलेंस अधिकांश समय खड़ी रहती हैं।
मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने पैसे वसूले जाते हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि 108 एम्बुलेंस सेवा की कड़ी निगरानी की जाए, विशेषकर उन एम्बुलेंसों की जो निजी अस्पतालों के बाहर घंटों खड़ी रहती हैं।
उन्होंने कहा कि—
“यदि सरकार की आपातकालीन सेवा ही पैसा लेने लगे तो गरीब परिवारों का क्या होगा? प्रशासन को इस मामले में तुरंत जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग से भी जवाबदेही तय किए जाने की मांग उठ रही है। मावाना से फलावदा तक का यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों में सरकारी 108 सेवा के दुरुपयोग को लेकर गहरी नाराजगी है।







केरेडारी।केरेडारी प्रखण्ड के पगार बिरहोर कालोनी में निवास करने वाले आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के लोग ठंड से ठिठुर रहे है।जबकि दिसम्बर माह का आगाज हो चुका है,एवं ठंड काफी चरम पर है,वही इस क्षेत्र के न्यूनतम तापमान 07 डिग्री हो चुका है,लेकिन इन असहायों के बीच अभी तक कम्बल वितरण नही हुआ है।कम्बल के अभाव में दिन में धूप का सहारा लेते है,वही रातों में लकड़ी जलाकर सोने को विवश है।जबकि 100 मीटर की दूरी पर एशिया की महारत्न कम्पनी कोयले की उत्पादन कर रही है,लेकिन इन गरीबो के बीच कोल कम्पनी भी मेहरबान नही है।जर्जर आवास में रहना एवं जर्जर सड़क पर चलना इनकी बेवसी बन गयी है।वर्ष 19 94-95 के दशक में पगार में बिरहोर कालोनी बना था,उसके बाद वर्ष 2010 में एक दो आवास बनाया गया था।उसके बाद पुनः आवास नही बनाया गया है।इस बाबत बुजुर्ग महिला चेडरी बिरहोरीन ने बताया कि हमलोगों को अभी तक कम्बल नही मिला है,रात में आग जलाकर सोते है।वही रूपा बिरहोरीन,सुमंती बिरहोरीन, गुड़िया बिरहोरीन ने कहा कि ठंड काफी है,लेकिन अभी तक कम्बल नही मिला है।
हजारीबाग जिले के प्रमुख और विश्वसनीय स्वास्थ्य संस्थानों में से एक आरोग्यम अस्पताल द्वारा शुक्रवार को आयोजित निःशुल्क हृदय जांच शिविर संपन्न हुआ। शिविर का आयोजन सुबह 10:00 बजे से प्रारंभ होकर देर दोपहर करीब 4: 00 बजे तक चला, जिसके दौरान अस्पताल परिसर में लगातार मरीजों का आवागमन बना रहा। केवल शहर ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग जांच के लिए पहुंचे और डेढ़ सौ से अधिक मरीजों ने स्वास्थ्य जांच एवं उपचार का लाभ उठाया। शिविर में ईसीजी, ब्लड शुगर, बीपी, पल्स सहित हृदय संबंधी सभी आवश्यक जांचें पूर्णतः निःशुल्क की गईं। साथ ही हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उचित परामर्श और इलाज भी उपलब्ध कराया गया। मरीजों ने अस्पताल की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आरोग्यम अस्पताल में मिलने वाली सुविधा और विशेषज्ञ देखरेख ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मरीजों के लिए अत्यंत उपयोगी है। ऐसे शिविर नियमित रूप से होने चाहिए। शिविर का संचालन हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमन सिन्हा एवं डॉ. रवि रंजन की विशेषज्ञता और देखरेख में किया गया, जिससे मरीजों को सटीक जांच व गुणवत्तापूर्ण उपचार प्राप्त हो सका। दोनों चिकित्सकों ने मरीजों को हृदय स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए और नियमित जांच की अनिवार्यता पर जोर दिया। अस्पताल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा कि हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में समय पर जांच और जागरूकता ही जीवन बचाने का सबसे बड़ा माध्यम है। आरोग्यम अस्पताल समाज हित में भविष्य में भी इसी प्रकार के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करता रहेगा। वहीं अस्पताल के प्रशासक जया सिंह ने बताया कि आरोग्यम अस्पताल हमेशा से जनसरोकार और स्वास्थ्य जागरूकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देता आया है। निःशुल्क हृदय जांच शिविर का उद्देश्य जिले के प्रत्येक नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना और हृदय रोगों को लेकर व्यापक जागरूकता फैलाना है। शिविर को सफल बनाने में अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अस्पताल ने सभी सहयोगियों तथा आम नागरिकों का आभार व्यक्त किया है और भविष्य में और भी बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
*बीएलएस ई-सर्विसेज लिमिटेड के चेयरमैन शिखर अग्रवाल से स्ट्रीटबज्ज न्यूज की खास बातचीत*


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