हजारीबाग यूथ विंग द्वारा वार्ड संख्या 26 में कंबल वितरण, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए सांसद मनीष जायसवाल

हजारीबाग - कड़ाके की ठंड को देखते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारीबाग यूथ विंग के द्वारा शीतकालीन राहत अभियान दिसंबर के पहले सप्ताह के रविवार से चलाया जा रहा है। इसी क्रम में अभियान के तीसरे रविवार को वार्ड संख्या 26 में जरूरतमंद एवं असहाय लोगों के बीच कंबलों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद मनीष जायसवाल उपस्थित रहे। संस्था के संरक्षक,सचिव समेत सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सांसद का गर्मजोशी से स्वागत एवं अभिनंदन किया। इसके उपरांत सांसद मनीष जायसवाल ने जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया। संस्था के माध्यम से अब तक 500 कंबलों का वितरण किया जा चुका है। साप्ताहिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर भी जरूरतमंदों के बीच कंबल बांटे जा रहे हैं। इस वर्ष संस्था ने(दो हजार) 2000 कंबल वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे शीघ्र पूरा करने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम प्रभारी के रूप में सांसद प्रतिनिधि एवं युवा समाजसेवी लब्बू गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आयोजन को सफल बनाया। उनके साथ वार्ड संख्या 26 की वार्ड पार्षद मोना देवी ने भी अपनी भूमिका निभाई। इस अवसर पर सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि हजारीबाग यूथ विंग केवल एक संस्था नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और मानवीय संवेदनाओं का जीवंत उदाहरण है। कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आना सच्चे सामाजिक दायित्व को दर्शाता है। आज जब समाज में संवेदनशीलता की कमी देखी जा रही है, ऐसे समय में हजारीबाग यूथ विंग जैसे संगठन उम्मीद की मजबूत किरण बनकर उभरे हैं। संस्था के सभी संरक्षक,अध्यक्ष एवं सभी सदस्य जिस लगन, ईमानदारी और निरंतरता के साथ समाजसेवा में लगे हैं, वह अत्यंत सराहनीय है। गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही सबसे बड़ा मानव धर्म है और यह संस्था उसी भावना के साथ लगातार कार्य कर रही है। हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्रप्रकाश जैन ने कहा कि संस्था का उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाना है, ताकि कोई भी जरूरतमंद ठंड के इस मौसम में खुद को अकेला न महसूस करे। सेवा कार्य ही संस्था की पहचान है और इसी भावना के साथ लक्ष्य प्राप्ति तक यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। वहीं संस्था के अध्यक्ष करण जायसवाल ने कहा कि हजारीबाग यूथ विंग के लिए समाजसेवा कोई एक दिवसीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि सतत चलने वाली जिम्मेदारी है जरूरतमंदों की सहायता कर जो आत्मिक संतोष मिलता है, वही संस्था की सबसे बड़ी प्रेरणा है और इसी प्रेरणा के साथ आगे भी जनहित में कार्य किए जाते रहेंगे। हजारीबाग यूथ विंग का यह शीतकालीन राहत अभियान समाज में मानवता, सहयोग और संवेदना को सशक्त करने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। मौके पर संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन, सचिव रितेश खण्डेलवाल, सह सचिव अभिषेक पांडे, संस्था के मार्गदर्शक संजय कुमार,विकाश केशरी, डॉक्टर बी वेंकटेश, कार्यकारिणी सदस्य मोहम्मद ताजुद्दीन, रोहित बजाज, प्रमोद खण्डेलवाल,विवेक तिवारी, प्रज्ञा कुमारी,सेजल सिंह,सनी सलूजा,

ज्योत्स्ना देवी, अशेष सिन्हा,सांसद प्रतिनिधि एवं युवा समाजसेवी लब्बू गुप्ता,वार्ड संख्या 26 वार्ड पार्षद मोना देवी, टुलू जी,मिथुन,शिवानंद, विक्की यादव,सचिन कुमार,विक्की कुमार सहित कई लोग मौजूद रहें।

फास्ट फूड से बचें, स्वदेशी और संस्कारों को अपनाएं: ज्ञानेश्वर सेवादल ब्रह्म प्रकाश शर्मा
,मुजफ्फरनगर।जानसठ । नगर की अग्रणी धार्मिक एवं सामाजिक संस्था श्री ज्ञानेश्वर सेवादल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 'बाल संस्कारशाला' का भव्य समापन हुआ। सनातन धर्म शिशु मंदिर (बृजलाल धर्मशाला) में आयोजित इस कार्यक्रम के अंतिम दिन बच्चों को उत्तम स्वास्थ्य और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया गया। रविवार को कार्यक्रम के तीसरे दिन का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं संस्था के संरक्षक, निवर्तमान चेयरमैन प्रवेंद्र भड़ाना ने भारत माता एवं भगवान श्री राम के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कार ही मनुष्य के जीवन की असली पूंजी है। संस्था के प्रबंधक दीपेश गुप्ता (एडवोकेट) ने बच्चों को आधुनिक खान-पान के खतरों के प्रति सचेत किया। उन्होंने आह्वान किया कि "फास्ट फूड से दूर रहें और स्वदेशी अपनाएं।" उन्होंने जोर देकर कहा कि जंक फूड शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है और यह कई गंभीर बीमारियों की जड़ है। स्वस्थ रहने के लिए हमें अपने पारंपरिक और सात्विक भोजन की ओर लौटना होगा। संस्था द्वारा यह आयोजन गुरु गोविंद सिंह जी के शहीद साहिबजादों—अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की पावन स्मृति में किया गया। बच्चों को साहिबजादों के अद्वितीय त्याग और साहस की गाथा सुनाई गई। उन्हें बताया गया कि धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए कैसे नन्हे साहिबजादों ने अपना बलिदान दे दिया। बच्चों को ईमानदार बनने, कुरीतियों से दूर रहने और गलत आदतों को न अपनाने की शिक्षा दी गई। संस्कारशाला के अंतिम दिन एक मौखिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी 287 बच्चों को संस्था की ओर से कॉपी, पेंसिल और प्रसाद वितरित किया गया। पुरस्कार पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष सतीश कुमार, सचिव राजू भैया, राजेश सैनी, प्रदीप गर्ग (एडवोकेट), आलोक वर्मा, विमल पोसवाल (एडवोकेट), कार्तिक गुप्ता, दीपक सैनी, अंकुर उपाध्याय, संदीप प्रजापति (एडवोकेट), भारत गोयल, राम अवतार दीक्षित, अमन सिंह वालिया (एडवोकेट) और डॉ. प्रमोद तेजियान का विशेष सहयोग रहा।
डोईवाला युवक हत्याकांड का दून पुलिस ने किया खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार
देहरादून, उत्तराखंड। डोईवाला क्षेत्र में युवक की हत्या के मामले का दून पुलिस ने सफल खुलासा करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार यह हत्या मामूली विवाद के बाद हुई आपसी मारपीट का नतीजा थी, जिसमें गंभीर रूप से घायल युवक की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, 24 दिसंबर 2025 को कोतवाली डोईवाला क्षेत्र अंतर्गत लच्छीवाला फ्लाईओवर के पास दीपक पुत्र स्वर्गीय चैतराम, निवासी ऋषिनगर सहस्त्रधारा रोड, रायपुर देहरादून का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने शव को कोरोनेशन अस्पताल भेजकर पंचायतनामा व पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराई।

25 दिसंबर 2025 को मृतक की पत्नी ज्योति ने थाना रायपुर में तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनके पति दीपक को भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी अपने साथ ले गया था और उसी ने उनकी हत्या की है। तहरीर के आधार पर कोतवाली डोईवाला में मुकदमा संख्या 333/2025, धारा 103(1) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर विशेष पुलिस  का गठन किया गया। जांच के दौरान नामजद अभियुक्त भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी और उसके साथी नाथीराम की संलिप्तता सामने आई।

पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 26 दिसंबर 2025 को थानो रोड, कोठारी मोहल्ला के पास जौलीग्रान्ट, डोईवाला से दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। घटना में प्रयुक्त ई-रिक्शा (यूके-07-टीई-3163) को भी सीज कर दिया गया है।

*गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण*

भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी, पुत्र महेश चन्द्र, निवासी सिमेंट रोड, नदी रिस्पना, ब्लॉक-2, कोतवाली डालनवाला, देहरादून (उम्र 33 वर्ष)

नाथीराम, पुत्र रामचन्द्र, निवासी गुरुद्वारा के पास, संजय कॉलोनी, कोतवाली पटेलनगर, देहरादून (उम्र 54 वर्ष)

*पुलिस टीम*

इस कार्रवाई में प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राणा (कोतवाली डोईवाला), वरिष्ठ उप निरीक्षक विनोद सिंह राणा, उप निरीक्षक नवीन डंगवाल (चौकी प्रभारी जौलीग्रान्ट), उप निरीक्षक राजनारायण व्यास, अपर उप निरीक्षक प्रेम सिंह बिष्ट सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।

दून पुलिस की इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है।
*ठंड भी नहीं रोक सकती हमारे कदम,गोमती मित्रों ने कहा समर्पित हैं हम*
सुल्तानपुर,बीते एक सप्ताह से ठंड अपने चरम पर है और प्रदेश के शीर्ष सबसे पांच ठंडे जिलों में सुल्तानपुर शामिल है। जनजीवन अस्त व्यस्त है,लेकिन गोमती मित्रों का साप्ताहिक श्रमदान अपने समय और गति से,समर्पण के भाव से,स्वच्छता की मुहिम चलती रहे इस संकल्प के साथ आयोजित हुआ और प्रातः 6:00 बजे से शुरू हुआ श्रमदान 3 घंटे की अथक मेहनत के साथ 9:00 बजे समाप्त हुआ। प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन ने उपस्थित गोमती मित्रों को आंग्ल वर्ष 2025 के अंतिम रविवार को पूरे वर्ष समर्पण के भाव के साथ प्रदान किए गए सहयोग के लिए आभार प्रेषित किया,श्रमदान में विशेष रूप से प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन,मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी, संत कुमार प्रधान,राजेश पाठक,मुन्ना सोनी,अजय प्रताप सिंह,सेनजीत कसौधन दाऊ जी,डॉ कुंवर दिनकर प्रताप सिंह,राकेश सिंह दद्दू,राकेश मिश्रा,अजीत शर्मा, रामु सोनी,श्याम मौर्या,ओम प्रकाश पांडे,अरुण गुप्ता,अभय मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली.स्मरणीय बना दिया
संजय द्विवेदी प्रयागराज।माइम एक सशक्त कला विधा है जो बिना शब्दो के भाव संवेदना और सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त करने की अद्भुत क्षमता रखती है।शरीर की भंगिमाओ चेहरे के भावो और मौन संवाद के माध्यम से माइम कलाकार दर्शको के हृदय तक सीधे पहुँचते है।इसी मौन की भाषा ने 27 तारीख को प्रयागराज में आयोजित माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली और स्मरणीय बना दिया।यह कार्यक्रम सांस्कृतिक संस्था अभिनव के 47 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उसके संस्थापक स्व. प्रकाश नारायण की स्मृति को समर्पित था।आयोजन के माध्यम से संस्था ने अपने संस्थापक द्वारा स्थापित कला संस्कृति और सामाजिक चेतना के मूल्यो को जीवंत रूप में मंच पर प्रस्तुत किया जो अभिनव की चार दशको से अधिक की सांस्कृतिक यात्रा और उसकी सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।असम से पधारे अंतरराष्ट्रीय माइम दिग्गज मोईनुल हक एवं उनके सहयोगी कंगकन तालुकदार के नेतृत्व में अभिनव(सांस्कृतिक संगठन) प्रयागराज द्वारा स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के प्रांगण में यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी (अवकाशप्राप्त)उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ न्यायमूर्ति राजीव मिश्र एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की गरिमामयी उपस्थिति रही।कार्यक्रम में अभिनव संस्था के पंद्रह नवयुवाओ ने सहभागिता की।प्रथम प्रस्तुति‘नारी सशक्तिकरण’विषय पर आधारित थी.जिसमें एक संघर्षशील नारी के जीवन उसके आत्मबल और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से मंच पर उकेरा गया।सरगम लता ने उस माँ की भूमिका निभाई जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी बेटी को उच्च अधिकारी बनने तक पहुँचाया।आदित्य सिंह ने लापरवाह शराबी तथा सर्वेश प्रजापति ने अय्याश अमीर की भूमिका में अपने सशक्त अभिनय से दर्शको को प्रभावित किया।दूसरी प्रस्तुति ‘यूज़ मी’के माध्यम से स्वच्छता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का सशक्त संदेश दिया गया।नेत्रहीन व्यक्ति की भूमिका में अभिषेक कुमार सिंह का अभिनय विशेष रूप से सराहनीय रहा जिसे दर्शको ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया।इसके अतिरिक्त सेल्फी के अति प्रयोग से उत्पन्न सामाजिक विकृतियो को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।इन प्रस्तुतियो में भाग लेने वाले कलाकार राहुल यादव समृद्धि गौर ऋचा शुक्ला सारिका केसरवानी संस्कृति केसरवानी निष्ठा केसरवानी गुंजन शर्मा शुभिक्षा तिवारी सहित अन्य कलाकारो ने अपने सजीव अभिनय से दर्शको को हँसाया सोचने पर विवश किया और सामाजिक चेतना की नई सीख भी दी।कार्यक्रम के समापन अवसर पर माइम महागुरु मोईनुल हक की एकल प्रस्तुतियो ने पूरे वातावरण को जीवंत और ऊर्जावान बना दिया।Childhood of Moinul. Balloonwala Moinul.I Love You Moinul Moinul in Buffet तथा Boxing Champion Moinul जैसे पांच सशक्त आइटम्स के माध्यम से उन्होंने हास्य संवेदना और सामाजिक व्यंग्य का अनुपम समन्वय प्रस्तुत किया।उनकी प्रत्येक भंगिमा भाव और मौन संवाद में वर्षों की साधना और अनुभव की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उनकी प्रस्तुति ने दर्शको को हँसाया भावुक किया और आत्ममंथन के लिए प्रेरित भी किया।अभिनय की समाप्ति पर पूरा प्रेक्षागृह खड़े होकर देर तक तालियो की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। यह दृश्य न केवल माइम महागुरु मोईनुल हक के प्रति दर्शको के अपार सम्मान और प्रेम का प्रतीक था बल्कि संस्था अभिनव द्वारा अपने संस्थापक स्व.प्रकाश नारायण की स्मृति में निरन्तर सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने के संकल्प का भी सशक्त प्रमाण बना।
लखनऊ में ठंड का कहर: हार्ट अटैक के मरीजों में 30% तक बढ़ोतरी, अस्पतालों में बढ़ा दबाव
लखनऊ। राजधानी में बढ़ती ठंड का असर अब लोगों की सेहत पर साफ दिखाई देने लगा है। ठंड के कारण हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों—किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) और डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान—में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और दिल की अन्य समस्याओं के साथ पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में करीब 30 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से इमरजेंसी में सीने में तेज दर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है। खासकर बुजुर्गों, पहले से दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों और हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीजों में जोखिम अधिक देखा जा रहा है।

KGMU के कार्डियोलॉजी विभाग में रोज़ाना आने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी बढ़ गई है। वहीं लोहिया संस्थान में भी कार्डियक इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा भी अधिक हो जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के दौरान सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। अचानक ठंडी हवा के संपर्क में आना, गर्म कपड़ों की कमी, और ठंड में शारीरिक गतिविधि अचानक बढ़ाना भी दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

डॉक्टरों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि ठंड में खुद को पूरी तरह गर्म रखें, सुबह-शाम ठंडी हवा से बचें, नियमित दवाइयों में लापरवाही न करें और सीने में दर्द, घबराहट या सांस फूलने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ठंड अभी आगे और बढ़ सकती है, ऐसे में सावधानी ही बचाव है।
SIR के बाद यूपी की मतदाता सूची से 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, गाजियाबाद सबसे आगे
लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी ताजा आंकड़ों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। आयोग के अनुसार प्रदेश में कुल 12 करोड़ 55 लाख मतदाताओं के फार्म जमा हुए, लेकिन SIR प्रक्रिया के बाद 18.70 प्रतिशत मतदाता कम हो गए।

आंकड़ों के मुताबिक SIR के बाद प्रदेश भर में करीब 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हट गए। सबसे ज्यादा असर गाजियाबाद, लखनऊ और बलरामपुर जिलों में देखने को मिला।

गाजियाबाद में सबसे अधिक 31 लाख मतदाताओं के नाम कटे, जो कुल मतदाताओं का करीब 28 प्रतिशत है। वहीं लखनऊ में 12 लाख 82 हजार और बलरामपुर में 1 लाख 60 हजार मतदाता सूची से बाहर हो गए।

अन्य जिलों की स्थिति भी चिंताजनक रही। मेरठ में 24 प्रतिशत, नोएडा में 23.98 प्रतिशत, आगरा में 23.25 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए। कानपुर नगर सीट पर 25.50 प्रतिशत और प्रयागराज में 24.64 प्रतिशत मतदाता कम हुए हैं। बलरामपुर में SIR के दौरान करीब 26 प्रतिशत मतदाता गायब पाए गए।

मतदाता सूची में इतनी बड़ी संख्या में नाम कटने को लेकर अब राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की निगाहें चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई और स्पष्टीकरण पर टिकी हैं।
झारखंड में पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड… 5 डिग्री तक गिरा पारा, शीतलहर का येलो अलर्ट, 4 दिन के लिए स्कूल बंद

झारखंड में भीषण ठंड और शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं का सीधा असर झारखंड के मौसम पर पड़ रहा है. रांची समेत राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि कई जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया.

भीषण ठंड और शीतलहर को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़ा फैसला लिया है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के तहत रांची के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा KG से 12वीं तक के बच्चों की 31 दिसंबर 2025 तक छुट्टी कर दी गई है. हालांकि, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर इस दौरान किसी स्कूल में परीक्षा तय है, तो स्कूल अपनी समझ और सुविधा के अनुसार परीक्षा करा सकते हैं.

अगले दो दिनों में और गिरेगा पारा

मौसम विज्ञान केंद्र रांची के मुताबिक राज्य में अगले आदेश तक भीषण ठंड और शीतलहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है. राजधानी रांची में येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की और गिरावट आ सकती है, जिससे ठंड का असर और बढ़ेगा. पिछले 24 घंटों के दौरान झारखंड के 15 से ज्यादा जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे दर्ज किया गया है.

कई इलाकों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. रांची के कांके का न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्द किया गया. वहीं गुमला का न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस, रांची के मैक्लुस्कीगंज का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस, गुमला का न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस, हजारीबाग का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस, खूंटी का न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस, लोहरदगा का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस, सरायकेला का न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस और बोकारो न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

इन जिलों में शीतलहर का असर ज्यादा

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शनिवार को रांची, गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा और गुमला जिलों में कड़ाके की ठंड और शीतलहर बनी रहेगी. सुबह और रात के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है. हाड़ कपाने वाली ठंड और शीतलहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं प्रशासन की ओर से लोगों को ठंड में बिना वजह घर से बाहर निकलने से बचने की हिदायत दी जा रही.

पुलिस मंथन में मुख्यमंत्री योगी का रोडमैप: व्यवस्था, व्यवहार और तकनीक-तीनों पर सख्त निर्देश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन “पुलिस मंथन” के दौरान विभिन्न विषयगत सत्रों के समापन अवसर पर  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, थाना प्रबंधन, मानव संसाधन, अभियोजन, कारागार सुधार तथा फॉरेंसिक व्यवस्था को लेकर व्यापक और दूरगामी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित मॉडल के रूप में स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है।

ग्राम स्तरीय सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र को नई मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि ग्राम चौकीदार गांव की सामाजिक संरचना से भली-भांति परिचित होते हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से अपराध की रोकथाम, समय पर सूचना संकलन एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है।

जनविश्वास एवं कानून-व्यवस्था में सशक्त वृद्धि

सीएम योगी ने कहा कि बीट पुलिस के प्रमुख आरक्षी व दारोगा ग्राम स्तर पर निरंतर संवाद, प्रभावी जनसंपर्क और आपसी विश्वास का वातावरण निर्मित करें। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी तथा कानून-व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में यह व्यवस्था एक प्रभावी और भरोसेमंद मॉडल के रूप में स्थापित होगी।

मिशन शक्ति: समन्वित प्रयासों से सफलता

सीएम योगी  ने स्पष्ट किया कि मिशन शक्ति की सफलता केवल पुलिस के प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय, साझा जिम्मेदारी और सतत संवाद का परिणाम है। महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु सभी विभागों को एकजुट होकर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना होगा।

आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा पर विशेष बल

सीएम योगी  ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा दो स्तरों पर सुनिश्चित करना अनिवार्य है—आंतरिक सुरक्षा और बाह्य सुरक्षा। परिवार एवं समाज में ऐसा सुरक्षित वातावरण बने, जहाँ महिलाएं निर्भीक होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकें। वहीं, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों एवं कार्यस्थलों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड एवं महिला बीट द्वारा सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

संवाद, जागरूकता एवं त्वरित सहायता व्यवस्था

मुख्यमंत्री  ने महिला बीट पुलिस को निर्देशित किया कि वे स्थानीय स्तर पर नियमित रूप से महिलाओं के साथ संवादात्मक बैठकें करें। साथ ही, टोल-फ्री सहायता नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को त्वरित सहायता एवं भरोसे का वातावरण प्रदान किया जाए।

महिला पुलिस बल की सशक्त भूमिका

मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ फील्ड में कार्य करने हेतु सक्षम बनाया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए


पुलिसिंग सिस्टम की रीढ़ थाना प्रबंधन है, इसलिए थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रखा जाए और जहां अनावश्यक दबाव आता है उसे सिरे से खारिज किया जाए। सुरक्षा व्यवस्था आवश्यकता अनुसार दी जाए, न कि स्टेटस सिंबल के रूप में।

संरचना सुधार के तहत लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात करने, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मॉडल के आधुनिक थाने, पार्किंग, बैरक, पब्लिक-सर्विस स्पेस जैसी सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। थानों के निर्माण, पुलिस कमिश्नरेट मॉडल और फायर स्टेशनों के लिए स्पष्ट नीति और त्वरित निर्णय जरूरी है ताकि उपलब्ध बजट का प्रभावी उपयोग हो सके।

पुलिस व्यवहार (Police Behaviour) सुधार एक केंद्रीय मुद्दा है। महाकुंभ, प्रवासी भारतीय दिवस जैसे बड़े आयोजनों में पुलिस के उत्कृष्ट व्यवहार को सराहा गया, जबकि नियमित व्यवस्था में शिकायतें बनी हुई हैं। इसलिए नियमित काउंसलिंग, बीट प्रणाली की प्रभावी मॉनिटरिंग, और इसे ACR से जोड़कर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।

दैनिक अपराध—जैसे चेन स्नेचिंग, लूट, महिलाओं के खिलाफ अपराध—जनता में असुरक्षा और नकारात्मक धारणा पैदा करते हैं, अतः पुलिस की कार्यशैली, त्वरित प्रतिक्रिया और व्यवहार दोनों स्तरों पर सुधार से ही परसेप्शन बदलेगा। अनुभवी विशेषज्ञों की सलाह और विभागीय समन्वय से यूपी में एक आधुनिक, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित पुलिस मॉडल स्थापित किया जा सकता है।

साइबर अपराध के समापन पर  मुख्यमंत्री का उद्बोधन

उत्तर प्रदेश में कोविड कालखंड के दौरान हर ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी और बैंकों के बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स के साथ समन्वय बनाकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर व्यापक अवेयरनेस अभियान चलाया जा सकता है। डिजिटल ट्रांजैक्शन से सुविधा बढ़ी है, पर लालच, फर्जी कॉल, ओटीपी और अकाउंट डिटेल मांगने जैसी ठगी की घटनाओं ने जोखिम भी बढ़ा दिया है। इसे रोकने के लिए बीट प्रणाली, महिला बीट पुलिसिंग और बीसी सखी नेटवर्क एक मजबूत माध्यम बन सकते हैं।

साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग

राज्य में साइबर अपराधों से निपटने के लिए 02 से बढ़कर 75 थानों तक साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं, मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं और हेल्पलाइन 1930 का विस्तार किया जा रहा है, पर अभी इनकी कार्यक्षमता को और मजबूत करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ क्विक रिस्पांस, प्रभावी कार्रवाई और जनजागरूकता दोनों समानांतर रूप से बढ़ाना होगा। साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग है ताकि नागरिकों को त्वरित राहत और सुरक्षा मिल सके।

पुलिस प्रशिक्षण क्षमता में ऐतिहासिक विस्तार

मा० मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता सीमित थी, जिसे बीते पौने नौ वर्षों में बढ़ाकर लगभग 60,000 किया गया है। यह दस गुना से अधिक वृद्धि सुदृढ़ बुनियादी ढांचे, आधुनिक संसाधनों और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। बेहतर प्रशिक्षण से पुलिस बल अधिक दक्ष, अनुशासित और जनसंवेदनशील बन रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।

पुलिस लाइन का बहुआयामी विकास

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन को केवल प्रशासनिक इकाई तक सीमित न रखते हुए उसे जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पुलिस म्यूजियम, ट्रैफिक पार्क/स्तंभ की स्थापना कर स्कूली बच्चों को पुलिस कार्यप्रणाली एवं यातायात नियमों से अवगत कराया जाए। साइबर नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में ऐसी सुविधाओं का चरणबद्ध विकास किया जाए।

गुणवत्ता आधारित पदोन्नति एवं संतुलित संरचना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने बताया कि अब तक 1.55 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी जा चुकी है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में संतुलित एवं सुव्यवस्थित ढांचे के निर्माण पर बल दिया गया, जिससे मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुलिस परिवार कल्याण एवं ज्ञान-संवर्धन

मुख्यमंत्री  ने वामा सारथी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस परिवार कल्याण के लिये लगातार काम किए जा रहे हैं। इसे वामा सारथी को और तेज करना होगा। इसके अलावा उन्हें वामा सारथी को विभिन्न उत्पादों के निर्माण को आगे आने के लिये प्रेरित किया। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी वामा सारथी को अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। पुलिस लाइनों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए कोचिंग एवं शैक्षिक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक घंटे वर्चुअल या भौतिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करें। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को दिशा मिलेगी तथा पुलिस परिवारों के लिए एक सकारात्मक, प्रेरणादायी और उज्ज्वल भविष्य का वातावरण निर्मित होगा।

प्रभावी अभियोजन एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए पुलिस एवं अभियोजन का व्यावहारिक पक्ष प्रभावी ढंग से लागू होना आवश्यक है। इसके लिए प्रशिक्षित, दक्ष एवं संवेदनशील मानव संसाधन की तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे न्यायिक प्रक्रियाएं समयबद्ध, सुदृढ़ एवं परिणामोन्मुखी बन सकें।

आकांक्षी जनपदों का समग्र विकास एवं सतत समीक्षा

मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि आकांक्षी जनपदों को स्पष्ट पैरामीटर के आधार पर सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाने हेतु सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। नीति आयोग के सहयोग से इन जिलों में विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक माह बैठक कर निर्धारित लक्ष्यों की प्रगति का आकलन सुनिश्चित किया जाए।

कारागार सुधार एवं मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कारागार में निरुद्ध बुजुर्गों, महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा जिनकी सजा अवधि पूर्ण हो चुकी है, उनके मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शीघ्र रिहाई की प्रक्रिया को गति दी जाए। उन्होंने दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में अत्यंत संवेदनशीलता एवं गहन जांच के साथ कार्रवाई करने पर बल दिया, जिससे निर्दोष परिवारों को अनावश्यक पीड़ा न झेलनी पड़े।

माफिया एवं संगठित अपराध पर सख्त नियंत्रण

मुख्यमंत्री  ने कारागार में निरुद्ध कुख्यात माफिया एवं संगठित अपराधियों पर कड़ी निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी न्यायालय में उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी प्रकार का अवसर न मिले, इसके लिए प्रशिक्षित एवं सक्षम कार्मिकों की तैनाती अनिवार्य है।

कारागार सुधार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में अभिनव पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि कारागार में बंद बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को संगठित रूप से बाजार से जोड़ा जाए और उनके प्रभावी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे बंदियों को कारागार से मुक्त होने के उपरांत सम्मानजनक एवं स्थायी आजीविका का अवसर प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे तथा समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे। मुख्यमंत्री  ने संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए इस मॉडल को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया, ताकि सुधारात्मक न्याय की भावना को व्यावहारिक रूप में साकार किया जा सके

भारतीय न्याय संहिता व फॉरेंसिक के प्रभावी प्रयोग से सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में दुर्दांत माफिया एवं संगठित अपराधियों को प्रभावी दंड नहीं मिल पा रहा था, किंतु आज भारतीय न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक साक्ष्यों के सुदृढ़ और वैज्ञानिक उपयोग से ऐसे अपराधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही संभव हो सकी है। फॉरेंसिक आधारित जांच से गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर में वृद्धि हुई है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया गया है।

फॉरेंसिक अवसंरचना एवं मानव संसाधन का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की स्थापना को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन विकसित होगा। उन्होंने प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लैब तकनीशियनों के लिए मानक आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने तथा साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण में निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

प्रशिक्षण, विस्तार एवं भविष्य की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फॉरेंसिक क्षेत्र में क्षमता-वृद्धि के लिए नव-नियुक्त पुलिस कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। वाराणसी में प्रस्तावित 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे फॉरेंसिक सेंटर को फॉरेंसिक संस्थान से जोड़कर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जाना चाहिए।
*अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस अप/डाउन बंद होने से यात्रियों को आवागमन में हो रही है दिक्क़ते*
सुल्तानपुर,अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस अप और डाउन का संचालन बंद होने से पांच वर्ष बाद भी इसका कोई विकल्प और समाधान नही हो सका है। सुल्तानपुर जिले के साथ-साथ प्रतापगढ़,अमेठी,और जौनपुर जिले के यात्री जंक्शन से अमृतसर हावड़ा का आसानी से इस ट्रेन से यात्रा करते थे। लेकिन आज यात्रियों को आवागमन हो रही काफ़ी परेशानियां। अब अमृतसर हावड़ा की यात्रा करने के लिए यात्री लखनऊ,अयोध्या और प्रतापगढ़ जिलों से ट्रेन पकड़ने को मजबूर हैं। यात्रियों के परेशानी के प्रति रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी बेफिक्र हो गए हैं। बेगमपुरा का संचालन केवल जम्मू तक ही होता है। केवल दो दिन संचालित होने वाली ट्रेन रविवार और बुधवार को जाने वाली अकाल तख्त एक्सप्रेस अक्सर नोरूम रहती है। जनपद के पीपरपुर के मंजीत सिंह व की गुरमीत ने बताया कि अमृतसर हावड़ा बंद होने से यात्रियों को सफर करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जंक्शन से अमृतसर हावड़ा ट्रेन से यात्री आसानी से सफर करते थे। लेकिन अब ट्रेन के बंद होने से यात्रियों को आवागमन में काफ़ी दिक्क्तें झेलनी पड़ रही हैं।
हजारीबाग यूथ विंग द्वारा वार्ड संख्या 26 में कंबल वितरण, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए सांसद मनीष जायसवाल

हजारीबाग - कड़ाके की ठंड को देखते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारीबाग यूथ विंग के द्वारा शीतकालीन राहत अभियान दिसंबर के पहले सप्ताह के रविवार से चलाया जा रहा है। इसी क्रम में अभियान के तीसरे रविवार को वार्ड संख्या 26 में जरूरतमंद एवं असहाय लोगों के बीच कंबलों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद मनीष जायसवाल उपस्थित रहे। संस्था के संरक्षक,सचिव समेत सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सांसद का गर्मजोशी से स्वागत एवं अभिनंदन किया। इसके उपरांत सांसद मनीष जायसवाल ने जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया। संस्था के माध्यम से अब तक 500 कंबलों का वितरण किया जा चुका है। साप्ताहिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर भी जरूरतमंदों के बीच कंबल बांटे जा रहे हैं। इस वर्ष संस्था ने(दो हजार) 2000 कंबल वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे शीघ्र पूरा करने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम प्रभारी के रूप में सांसद प्रतिनिधि एवं युवा समाजसेवी लब्बू गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आयोजन को सफल बनाया। उनके साथ वार्ड संख्या 26 की वार्ड पार्षद मोना देवी ने भी अपनी भूमिका निभाई। इस अवसर पर सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि हजारीबाग यूथ विंग केवल एक संस्था नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और मानवीय संवेदनाओं का जीवंत उदाहरण है। कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आना सच्चे सामाजिक दायित्व को दर्शाता है। आज जब समाज में संवेदनशीलता की कमी देखी जा रही है, ऐसे समय में हजारीबाग यूथ विंग जैसे संगठन उम्मीद की मजबूत किरण बनकर उभरे हैं। संस्था के सभी संरक्षक,अध्यक्ष एवं सभी सदस्य जिस लगन, ईमानदारी और निरंतरता के साथ समाजसेवा में लगे हैं, वह अत्यंत सराहनीय है। गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही सबसे बड़ा मानव धर्म है और यह संस्था उसी भावना के साथ लगातार कार्य कर रही है। हजारीबाग यूथ विंग के संरक्षक चंद्रप्रकाश जैन ने कहा कि संस्था का उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाना है, ताकि कोई भी जरूरतमंद ठंड के इस मौसम में खुद को अकेला न महसूस करे। सेवा कार्य ही संस्था की पहचान है और इसी भावना के साथ लक्ष्य प्राप्ति तक यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। वहीं संस्था के अध्यक्ष करण जायसवाल ने कहा कि हजारीबाग यूथ विंग के लिए समाजसेवा कोई एक दिवसीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि सतत चलने वाली जिम्मेदारी है जरूरतमंदों की सहायता कर जो आत्मिक संतोष मिलता है, वही संस्था की सबसे बड़ी प्रेरणा है और इसी प्रेरणा के साथ आगे भी जनहित में कार्य किए जाते रहेंगे। हजारीबाग यूथ विंग का यह शीतकालीन राहत अभियान समाज में मानवता, सहयोग और संवेदना को सशक्त करने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। मौके पर संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन, सचिव रितेश खण्डेलवाल, सह सचिव अभिषेक पांडे, संस्था के मार्गदर्शक संजय कुमार,विकाश केशरी, डॉक्टर बी वेंकटेश, कार्यकारिणी सदस्य मोहम्मद ताजुद्दीन, रोहित बजाज, प्रमोद खण्डेलवाल,विवेक तिवारी, प्रज्ञा कुमारी,सेजल सिंह,सनी सलूजा,

ज्योत्स्ना देवी, अशेष सिन्हा,सांसद प्रतिनिधि एवं युवा समाजसेवी लब्बू गुप्ता,वार्ड संख्या 26 वार्ड पार्षद मोना देवी, टुलू जी,मिथुन,शिवानंद, विक्की यादव,सचिन कुमार,विक्की कुमार सहित कई लोग मौजूद रहें।

फास्ट फूड से बचें, स्वदेशी और संस्कारों को अपनाएं: ज्ञानेश्वर सेवादल ब्रह्म प्रकाश शर्मा
,मुजफ्फरनगर।जानसठ । नगर की अग्रणी धार्मिक एवं सामाजिक संस्था श्री ज्ञानेश्वर सेवादल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 'बाल संस्कारशाला' का भव्य समापन हुआ। सनातन धर्म शिशु मंदिर (बृजलाल धर्मशाला) में आयोजित इस कार्यक्रम के अंतिम दिन बच्चों को उत्तम स्वास्थ्य और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया गया। रविवार को कार्यक्रम के तीसरे दिन का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं संस्था के संरक्षक, निवर्तमान चेयरमैन प्रवेंद्र भड़ाना ने भारत माता एवं भगवान श्री राम के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कार ही मनुष्य के जीवन की असली पूंजी है। संस्था के प्रबंधक दीपेश गुप्ता (एडवोकेट) ने बच्चों को आधुनिक खान-पान के खतरों के प्रति सचेत किया। उन्होंने आह्वान किया कि "फास्ट फूड से दूर रहें और स्वदेशी अपनाएं।" उन्होंने जोर देकर कहा कि जंक फूड शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है और यह कई गंभीर बीमारियों की जड़ है। स्वस्थ रहने के लिए हमें अपने पारंपरिक और सात्विक भोजन की ओर लौटना होगा। संस्था द्वारा यह आयोजन गुरु गोविंद सिंह जी के शहीद साहिबजादों—अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की पावन स्मृति में किया गया। बच्चों को साहिबजादों के अद्वितीय त्याग और साहस की गाथा सुनाई गई। उन्हें बताया गया कि धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए कैसे नन्हे साहिबजादों ने अपना बलिदान दे दिया। बच्चों को ईमानदार बनने, कुरीतियों से दूर रहने और गलत आदतों को न अपनाने की शिक्षा दी गई। संस्कारशाला के अंतिम दिन एक मौखिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी 287 बच्चों को संस्था की ओर से कॉपी, पेंसिल और प्रसाद वितरित किया गया। पुरस्कार पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष सतीश कुमार, सचिव राजू भैया, राजेश सैनी, प्रदीप गर्ग (एडवोकेट), आलोक वर्मा, विमल पोसवाल (एडवोकेट), कार्तिक गुप्ता, दीपक सैनी, अंकुर उपाध्याय, संदीप प्रजापति (एडवोकेट), भारत गोयल, राम अवतार दीक्षित, अमन सिंह वालिया (एडवोकेट) और डॉ. प्रमोद तेजियान का विशेष सहयोग रहा।
डोईवाला युवक हत्याकांड का दून पुलिस ने किया खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार
देहरादून, उत्तराखंड। डोईवाला क्षेत्र में युवक की हत्या के मामले का दून पुलिस ने सफल खुलासा करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार यह हत्या मामूली विवाद के बाद हुई आपसी मारपीट का नतीजा थी, जिसमें गंभीर रूप से घायल युवक की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, 24 दिसंबर 2025 को कोतवाली डोईवाला क्षेत्र अंतर्गत लच्छीवाला फ्लाईओवर के पास दीपक पुत्र स्वर्गीय चैतराम, निवासी ऋषिनगर सहस्त्रधारा रोड, रायपुर देहरादून का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने शव को कोरोनेशन अस्पताल भेजकर पंचायतनामा व पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराई।

25 दिसंबर 2025 को मृतक की पत्नी ज्योति ने थाना रायपुर में तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनके पति दीपक को भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी अपने साथ ले गया था और उसी ने उनकी हत्या की है। तहरीर के आधार पर कोतवाली डोईवाला में मुकदमा संख्या 333/2025, धारा 103(1) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर विशेष पुलिस  का गठन किया गया। जांच के दौरान नामजद अभियुक्त भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी और उसके साथी नाथीराम की संलिप्तता सामने आई।

पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 26 दिसंबर 2025 को थानो रोड, कोठारी मोहल्ला के पास जौलीग्रान्ट, डोईवाला से दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। घटना में प्रयुक्त ई-रिक्शा (यूके-07-टीई-3163) को भी सीज कर दिया गया है।

*गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण*

भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी, पुत्र महेश चन्द्र, निवासी सिमेंट रोड, नदी रिस्पना, ब्लॉक-2, कोतवाली डालनवाला, देहरादून (उम्र 33 वर्ष)

नाथीराम, पुत्र रामचन्द्र, निवासी गुरुद्वारा के पास, संजय कॉलोनी, कोतवाली पटेलनगर, देहरादून (उम्र 54 वर्ष)

*पुलिस टीम*

इस कार्रवाई में प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राणा (कोतवाली डोईवाला), वरिष्ठ उप निरीक्षक विनोद सिंह राणा, उप निरीक्षक नवीन डंगवाल (चौकी प्रभारी जौलीग्रान्ट), उप निरीक्षक राजनारायण व्यास, अपर उप निरीक्षक प्रेम सिंह बिष्ट सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।

दून पुलिस की इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है।
*ठंड भी नहीं रोक सकती हमारे कदम,गोमती मित्रों ने कहा समर्पित हैं हम*
सुल्तानपुर,बीते एक सप्ताह से ठंड अपने चरम पर है और प्रदेश के शीर्ष सबसे पांच ठंडे जिलों में सुल्तानपुर शामिल है। जनजीवन अस्त व्यस्त है,लेकिन गोमती मित्रों का साप्ताहिक श्रमदान अपने समय और गति से,समर्पण के भाव से,स्वच्छता की मुहिम चलती रहे इस संकल्प के साथ आयोजित हुआ और प्रातः 6:00 बजे से शुरू हुआ श्रमदान 3 घंटे की अथक मेहनत के साथ 9:00 बजे समाप्त हुआ। प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन ने उपस्थित गोमती मित्रों को आंग्ल वर्ष 2025 के अंतिम रविवार को पूरे वर्ष समर्पण के भाव के साथ प्रदान किए गए सहयोग के लिए आभार प्रेषित किया,श्रमदान में विशेष रूप से प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन,मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी, संत कुमार प्रधान,राजेश पाठक,मुन्ना सोनी,अजय प्रताप सिंह,सेनजीत कसौधन दाऊ जी,डॉ कुंवर दिनकर प्रताप सिंह,राकेश सिंह दद्दू,राकेश मिश्रा,अजीत शर्मा, रामु सोनी,श्याम मौर्या,ओम प्रकाश पांडे,अरुण गुप्ता,अभय मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली.स्मरणीय बना दिया
संजय द्विवेदी प्रयागराज।माइम एक सशक्त कला विधा है जो बिना शब्दो के भाव संवेदना और सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त करने की अद्भुत क्षमता रखती है।शरीर की भंगिमाओ चेहरे के भावो और मौन संवाद के माध्यम से माइम कलाकार दर्शको के हृदय तक सीधे पहुँचते है।इसी मौन की भाषा ने 27 तारीख को प्रयागराज में आयोजित माइम प्रदर्शन को अत्यन्त प्रभावशाली और स्मरणीय बना दिया।यह कार्यक्रम सांस्कृतिक संस्था अभिनव के 47 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उसके संस्थापक स्व. प्रकाश नारायण की स्मृति को समर्पित था।आयोजन के माध्यम से संस्था ने अपने संस्थापक द्वारा स्थापित कला संस्कृति और सामाजिक चेतना के मूल्यो को जीवंत रूप में मंच पर प्रस्तुत किया जो अभिनव की चार दशको से अधिक की सांस्कृतिक यात्रा और उसकी सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।असम से पधारे अंतरराष्ट्रीय माइम दिग्गज मोईनुल हक एवं उनके सहयोगी कंगकन तालुकदार के नेतृत्व में अभिनव(सांस्कृतिक संगठन) प्रयागराज द्वारा स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के प्रांगण में यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी (अवकाशप्राप्त)उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ न्यायमूर्ति राजीव मिश्र एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की गरिमामयी उपस्थिति रही।कार्यक्रम में अभिनव संस्था के पंद्रह नवयुवाओ ने सहभागिता की।प्रथम प्रस्तुति‘नारी सशक्तिकरण’विषय पर आधारित थी.जिसमें एक संघर्षशील नारी के जीवन उसके आत्मबल और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से मंच पर उकेरा गया।सरगम लता ने उस माँ की भूमिका निभाई जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी बेटी को उच्च अधिकारी बनने तक पहुँचाया।आदित्य सिंह ने लापरवाह शराबी तथा सर्वेश प्रजापति ने अय्याश अमीर की भूमिका में अपने सशक्त अभिनय से दर्शको को प्रभावित किया।दूसरी प्रस्तुति ‘यूज़ मी’के माध्यम से स्वच्छता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का सशक्त संदेश दिया गया।नेत्रहीन व्यक्ति की भूमिका में अभिषेक कुमार सिंह का अभिनय विशेष रूप से सराहनीय रहा जिसे दर्शको ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया।इसके अतिरिक्त सेल्फी के अति प्रयोग से उत्पन्न सामाजिक विकृतियो को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।इन प्रस्तुतियो में भाग लेने वाले कलाकार राहुल यादव समृद्धि गौर ऋचा शुक्ला सारिका केसरवानी संस्कृति केसरवानी निष्ठा केसरवानी गुंजन शर्मा शुभिक्षा तिवारी सहित अन्य कलाकारो ने अपने सजीव अभिनय से दर्शको को हँसाया सोचने पर विवश किया और सामाजिक चेतना की नई सीख भी दी।कार्यक्रम के समापन अवसर पर माइम महागुरु मोईनुल हक की एकल प्रस्तुतियो ने पूरे वातावरण को जीवंत और ऊर्जावान बना दिया।Childhood of Moinul. Balloonwala Moinul.I Love You Moinul Moinul in Buffet तथा Boxing Champion Moinul जैसे पांच सशक्त आइटम्स के माध्यम से उन्होंने हास्य संवेदना और सामाजिक व्यंग्य का अनुपम समन्वय प्रस्तुत किया।उनकी प्रत्येक भंगिमा भाव और मौन संवाद में वर्षों की साधना और अनुभव की स्पष्ट झलक दिखाई दी। उनकी प्रस्तुति ने दर्शको को हँसाया भावुक किया और आत्ममंथन के लिए प्रेरित भी किया।अभिनय की समाप्ति पर पूरा प्रेक्षागृह खड़े होकर देर तक तालियो की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। यह दृश्य न केवल माइम महागुरु मोईनुल हक के प्रति दर्शको के अपार सम्मान और प्रेम का प्रतीक था बल्कि संस्था अभिनव द्वारा अपने संस्थापक स्व.प्रकाश नारायण की स्मृति में निरन्तर सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने के संकल्प का भी सशक्त प्रमाण बना।
लखनऊ में ठंड का कहर: हार्ट अटैक के मरीजों में 30% तक बढ़ोतरी, अस्पतालों में बढ़ा दबाव
लखनऊ। राजधानी में बढ़ती ठंड का असर अब लोगों की सेहत पर साफ दिखाई देने लगा है। ठंड के कारण हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों—किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) और डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान—में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और दिल की अन्य समस्याओं के साथ पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में करीब 30 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से इमरजेंसी में सीने में तेज दर्द की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है। खासकर बुजुर्गों, पहले से दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों और हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीजों में जोखिम अधिक देखा जा रहा है।

KGMU के कार्डियोलॉजी विभाग में रोज़ाना आने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी बढ़ गई है। वहीं लोहिया संस्थान में भी कार्डियक इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा भी अधिक हो जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के दौरान सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। अचानक ठंडी हवा के संपर्क में आना, गर्म कपड़ों की कमी, और ठंड में शारीरिक गतिविधि अचानक बढ़ाना भी दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

डॉक्टरों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि ठंड में खुद को पूरी तरह गर्म रखें, सुबह-शाम ठंडी हवा से बचें, नियमित दवाइयों में लापरवाही न करें और सीने में दर्द, घबराहट या सांस फूलने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ठंड अभी आगे और बढ़ सकती है, ऐसे में सावधानी ही बचाव है।
SIR के बाद यूपी की मतदाता सूची से 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, गाजियाबाद सबसे आगे
लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी ताजा आंकड़ों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। आयोग के अनुसार प्रदेश में कुल 12 करोड़ 55 लाख मतदाताओं के फार्म जमा हुए, लेकिन SIR प्रक्रिया के बाद 18.70 प्रतिशत मतदाता कम हो गए।

आंकड़ों के मुताबिक SIR के बाद प्रदेश भर में करीब 2 करोड़ 88 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हट गए। सबसे ज्यादा असर गाजियाबाद, लखनऊ और बलरामपुर जिलों में देखने को मिला।

गाजियाबाद में सबसे अधिक 31 लाख मतदाताओं के नाम कटे, जो कुल मतदाताओं का करीब 28 प्रतिशत है। वहीं लखनऊ में 12 लाख 82 हजार और बलरामपुर में 1 लाख 60 हजार मतदाता सूची से बाहर हो गए।

अन्य जिलों की स्थिति भी चिंताजनक रही। मेरठ में 24 प्रतिशत, नोएडा में 23.98 प्रतिशत, आगरा में 23.25 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए। कानपुर नगर सीट पर 25.50 प्रतिशत और प्रयागराज में 24.64 प्रतिशत मतदाता कम हुए हैं। बलरामपुर में SIR के दौरान करीब 26 प्रतिशत मतदाता गायब पाए गए।

मतदाता सूची में इतनी बड़ी संख्या में नाम कटने को लेकर अब राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की निगाहें चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई और स्पष्टीकरण पर टिकी हैं।
झारखंड में पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड… 5 डिग्री तक गिरा पारा, शीतलहर का येलो अलर्ट, 4 दिन के लिए स्कूल बंद

झारखंड में भीषण ठंड और शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं का सीधा असर झारखंड के मौसम पर पड़ रहा है. रांची समेत राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि कई जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया.

भीषण ठंड और शीतलहर को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़ा फैसला लिया है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के तहत रांची के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा KG से 12वीं तक के बच्चों की 31 दिसंबर 2025 तक छुट्टी कर दी गई है. हालांकि, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर इस दौरान किसी स्कूल में परीक्षा तय है, तो स्कूल अपनी समझ और सुविधा के अनुसार परीक्षा करा सकते हैं.

अगले दो दिनों में और गिरेगा पारा

मौसम विज्ञान केंद्र रांची के मुताबिक राज्य में अगले आदेश तक भीषण ठंड और शीतलहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है. राजधानी रांची में येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की और गिरावट आ सकती है, जिससे ठंड का असर और बढ़ेगा. पिछले 24 घंटों के दौरान झारखंड के 15 से ज्यादा जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे दर्ज किया गया है.

कई इलाकों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. रांची के कांके का न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्द किया गया. वहीं गुमला का न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस, रांची के मैक्लुस्कीगंज का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस, गुमला का न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस, हजारीबाग का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस, खूंटी का न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस, लोहरदगा का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस, सरायकेला का न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस और बोकारो न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

इन जिलों में शीतलहर का असर ज्यादा

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शनिवार को रांची, गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा और गुमला जिलों में कड़ाके की ठंड और शीतलहर बनी रहेगी. सुबह और रात के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है. हाड़ कपाने वाली ठंड और शीतलहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं प्रशासन की ओर से लोगों को ठंड में बिना वजह घर से बाहर निकलने से बचने की हिदायत दी जा रही.

पुलिस मंथन में मुख्यमंत्री योगी का रोडमैप: व्यवस्था, व्यवहार और तकनीक-तीनों पर सख्त निर्देश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन “पुलिस मंथन” के दौरान विभिन्न विषयगत सत्रों के समापन अवसर पर  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, थाना प्रबंधन, मानव संसाधन, अभियोजन, कारागार सुधार तथा फॉरेंसिक व्यवस्था को लेकर व्यापक और दूरगामी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित मॉडल के रूप में स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है।

ग्राम स्तरीय सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र को नई मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि ग्राम चौकीदार गांव की सामाजिक संरचना से भली-भांति परिचित होते हैं और उनकी सक्रिय भागीदारी से अपराध की रोकथाम, समय पर सूचना संकलन एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है।

जनविश्वास एवं कानून-व्यवस्था में सशक्त वृद्धि

सीएम योगी ने कहा कि बीट पुलिस के प्रमुख आरक्षी व दारोगा ग्राम स्तर पर निरंतर संवाद, प्रभावी जनसंपर्क और आपसी विश्वास का वातावरण निर्मित करें। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी तथा कानून-व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में यह व्यवस्था एक प्रभावी और भरोसेमंद मॉडल के रूप में स्थापित होगी।

मिशन शक्ति: समन्वित प्रयासों से सफलता

सीएम योगी  ने स्पष्ट किया कि मिशन शक्ति की सफलता केवल पुलिस के प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय, साझा जिम्मेदारी और सतत संवाद का परिणाम है। महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु सभी विभागों को एकजुट होकर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना होगा।

आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा पर विशेष बल

सीएम योगी  ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा दो स्तरों पर सुनिश्चित करना अनिवार्य है—आंतरिक सुरक्षा और बाह्य सुरक्षा। परिवार एवं समाज में ऐसा सुरक्षित वातावरण बने, जहाँ महिलाएं निर्भीक होकर अपनी पीड़ा साझा कर सकें। वहीं, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों एवं कार्यस्थलों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड एवं महिला बीट द्वारा सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

संवाद, जागरूकता एवं त्वरित सहायता व्यवस्था

मुख्यमंत्री  ने महिला बीट पुलिस को निर्देशित किया कि वे स्थानीय स्तर पर नियमित रूप से महिलाओं के साथ संवादात्मक बैठकें करें। साथ ही, टोल-फ्री सहायता नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को त्वरित सहायता एवं भरोसे का वातावरण प्रदान किया जाए।

महिला पुलिस बल की सशक्त भूमिका

मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ फील्ड में कार्य करने हेतु सक्षम बनाया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए


पुलिसिंग सिस्टम की रीढ़ थाना प्रबंधन है, इसलिए थाना प्रभारियों की तैनाती सिर्फ मेरिट के आधार पर की जानी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रखा जाए और जहां अनावश्यक दबाव आता है उसे सिरे से खारिज किया जाए। सुरक्षा व्यवस्था आवश्यकता अनुसार दी जाए, न कि स्टेटस सिंबल के रूप में।

संरचना सुधार के तहत लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात करने, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मॉडल के आधुनिक थाने, पार्किंग, बैरक, पब्लिक-सर्विस स्पेस जैसी सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। थानों के निर्माण, पुलिस कमिश्नरेट मॉडल और फायर स्टेशनों के लिए स्पष्ट नीति और त्वरित निर्णय जरूरी है ताकि उपलब्ध बजट का प्रभावी उपयोग हो सके।

पुलिस व्यवहार (Police Behaviour) सुधार एक केंद्रीय मुद्दा है। महाकुंभ, प्रवासी भारतीय दिवस जैसे बड़े आयोजनों में पुलिस के उत्कृष्ट व्यवहार को सराहा गया, जबकि नियमित व्यवस्था में शिकायतें बनी हुई हैं। इसलिए नियमित काउंसलिंग, बीट प्रणाली की प्रभावी मॉनिटरिंग, और इसे ACR से जोड़कर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।

दैनिक अपराध—जैसे चेन स्नेचिंग, लूट, महिलाओं के खिलाफ अपराध—जनता में असुरक्षा और नकारात्मक धारणा पैदा करते हैं, अतः पुलिस की कार्यशैली, त्वरित प्रतिक्रिया और व्यवहार दोनों स्तरों पर सुधार से ही परसेप्शन बदलेगा। अनुभवी विशेषज्ञों की सलाह और विभागीय समन्वय से यूपी में एक आधुनिक, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित पुलिस मॉडल स्थापित किया जा सकता है।

साइबर अपराध के समापन पर  मुख्यमंत्री का उद्बोधन

उत्तर प्रदेश में कोविड कालखंड के दौरान हर ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी और बैंकों के बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट्स के साथ समन्वय बनाकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर व्यापक अवेयरनेस अभियान चलाया जा सकता है। डिजिटल ट्रांजैक्शन से सुविधा बढ़ी है, पर लालच, फर्जी कॉल, ओटीपी और अकाउंट डिटेल मांगने जैसी ठगी की घटनाओं ने जोखिम भी बढ़ा दिया है। इसे रोकने के लिए बीट प्रणाली, महिला बीट पुलिसिंग और बीसी सखी नेटवर्क एक मजबूत माध्यम बन सकते हैं।

साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग

राज्य में साइबर अपराधों से निपटने के लिए 02 से बढ़कर 75 थानों तक साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं, मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं और हेल्पलाइन 1930 का विस्तार किया जा रहा है, पर अभी इनकी कार्यक्षमता को और मजबूत करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में तेजी से बढ़ती तकनीक के साथ क्विक रिस्पांस, प्रभावी कार्रवाई और जनजागरूकता दोनों समानांतर रूप से बढ़ाना होगा। साइबर मुख्यालय की स्थापना और समन्वित तैयारी समय की मांग है ताकि नागरिकों को त्वरित राहत और सुरक्षा मिल सके।

पुलिस प्रशिक्षण क्षमता में ऐतिहासिक विस्तार

मा० मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता सीमित थी, जिसे बीते पौने नौ वर्षों में बढ़ाकर लगभग 60,000 किया गया है। यह दस गुना से अधिक वृद्धि सुदृढ़ बुनियादी ढांचे, आधुनिक संसाधनों और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। बेहतर प्रशिक्षण से पुलिस बल अधिक दक्ष, अनुशासित और जनसंवेदनशील बन रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिली है।

पुलिस लाइन का बहुआयामी विकास

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि पुलिस लाइन को केवल प्रशासनिक इकाई तक सीमित न रखते हुए उसे जन-जागरूकता एवं सामाजिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पुलिस म्यूजियम, ट्रैफिक पार्क/स्तंभ की स्थापना कर स्कूली बच्चों को पुलिस कार्यप्रणाली एवं यातायात नियमों से अवगत कराया जाए। साइबर नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में ऐसी सुविधाओं का चरणबद्ध विकास किया जाए।

गुणवत्ता आधारित पदोन्नति एवं संतुलित संरचना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने बताया कि अब तक 1.55 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी जा चुकी है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में संतुलित एवं सुव्यवस्थित ढांचे के निर्माण पर बल दिया गया, जिससे मानव संसाधन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पुलिस परिवार कल्याण एवं ज्ञान-संवर्धन

मुख्यमंत्री  ने वामा सारथी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस परिवार कल्याण के लिये लगातार काम किए जा रहे हैं। इसे वामा सारथी को और तेज करना होगा। इसके अलावा उन्हें वामा सारथी को विभिन्न उत्पादों के निर्माण को आगे आने के लिये प्रेरित किया। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भी वामा सारथी को अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए। पुलिस लाइनों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए कोचिंग एवं शैक्षिक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नव-नियुक्त अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक घंटे वर्चुअल या भौतिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करें। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को दिशा मिलेगी तथा पुलिस परिवारों के लिए एक सकारात्मक, प्रेरणादायी और उज्ज्वल भविष्य का वातावरण निर्मित होगा।

प्रभावी अभियोजन एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था की मजबूती के लिए पुलिस एवं अभियोजन का व्यावहारिक पक्ष प्रभावी ढंग से लागू होना आवश्यक है। इसके लिए प्रशिक्षित, दक्ष एवं संवेदनशील मानव संसाधन की तैनाती सुनिश्चित की जाए, जिससे न्यायिक प्रक्रियाएं समयबद्ध, सुदृढ़ एवं परिणामोन्मुखी बन सकें।

आकांक्षी जनपदों का समग्र विकास एवं सतत समीक्षा

मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि आकांक्षी जनपदों को स्पष्ट पैरामीटर के आधार पर सामान्य जनपदों की श्रेणी में लाने हेतु सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। नीति आयोग के सहयोग से इन जिलों में विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक माह बैठक कर निर्धारित लक्ष्यों की प्रगति का आकलन सुनिश्चित किया जाए।

कारागार सुधार एवं मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कारागार में निरुद्ध बुजुर्गों, महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों तथा जिनकी सजा अवधि पूर्ण हो चुकी है, उनके मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए शीघ्र रिहाई की प्रक्रिया को गति दी जाए। उन्होंने दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में अत्यंत संवेदनशीलता एवं गहन जांच के साथ कार्रवाई करने पर बल दिया, जिससे निर्दोष परिवारों को अनावश्यक पीड़ा न झेलनी पड़े।

माफिया एवं संगठित अपराध पर सख्त नियंत्रण

मुख्यमंत्री  ने कारागार में निरुद्ध कुख्यात माफिया एवं संगठित अपराधियों पर कड़ी निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी न्यायालय में उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी प्रकार का अवसर न मिले, इसके लिए प्रशिक्षित एवं सक्षम कार्मिकों की तैनाती अनिवार्य है।

कारागार सुधार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में अभिनव पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि कारागार में बंद बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को संगठित रूप से बाजार से जोड़ा जाए और उनके प्रभावी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे बंदियों को कारागार से मुक्त होने के उपरांत सम्मानजनक एवं स्थायी आजीविका का अवसर प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे तथा समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे। मुख्यमंत्री  ने संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए इस मॉडल को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया, ताकि सुधारात्मक न्याय की भावना को व्यावहारिक रूप में साकार किया जा सके

भारतीय न्याय संहिता व फॉरेंसिक के प्रभावी प्रयोग से सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में दुर्दांत माफिया एवं संगठित अपराधियों को प्रभावी दंड नहीं मिल पा रहा था, किंतु आज भारतीय न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक साक्ष्यों के सुदृढ़ और वैज्ञानिक उपयोग से ऐसे अपराधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही संभव हो सकी है। फॉरेंसिक आधारित जांच से गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर में वृद्धि हुई है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया गया है।

फॉरेंसिक अवसंरचना एवं मानव संसाधन का सुदृढ़ीकरण

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट की स्थापना को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में दक्ष मानव संसाधन विकसित होगा। उन्होंने प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लैब तकनीशियनों के लिए मानक आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने तथा साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण में निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

प्रशिक्षण, विस्तार एवं भविष्य की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फॉरेंसिक क्षेत्र में क्षमता-वृद्धि के लिए नव-नियुक्त पुलिस कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। वाराणसी में प्रस्तावित 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे फॉरेंसिक सेंटर को फॉरेंसिक संस्थान से जोड़कर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जाना चाहिए।
*अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस अप/डाउन बंद होने से यात्रियों को आवागमन में हो रही है दिक्क़ते*
सुल्तानपुर,अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस अप और डाउन का संचालन बंद होने से पांच वर्ष बाद भी इसका कोई विकल्प और समाधान नही हो सका है। सुल्तानपुर जिले के साथ-साथ प्रतापगढ़,अमेठी,और जौनपुर जिले के यात्री जंक्शन से अमृतसर हावड़ा का आसानी से इस ट्रेन से यात्रा करते थे। लेकिन आज यात्रियों को आवागमन हो रही काफ़ी परेशानियां। अब अमृतसर हावड़ा की यात्रा करने के लिए यात्री लखनऊ,अयोध्या और प्रतापगढ़ जिलों से ट्रेन पकड़ने को मजबूर हैं। यात्रियों के परेशानी के प्रति रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी बेफिक्र हो गए हैं। बेगमपुरा का संचालन केवल जम्मू तक ही होता है। केवल दो दिन संचालित होने वाली ट्रेन रविवार और बुधवार को जाने वाली अकाल तख्त एक्सप्रेस अक्सर नोरूम रहती है। जनपद के पीपरपुर के मंजीत सिंह व की गुरमीत ने बताया कि अमृतसर हावड़ा बंद होने से यात्रियों को सफर करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जंक्शन से अमृतसर हावड़ा ट्रेन से यात्री आसानी से सफर करते थे। लेकिन अब ट्रेन के बंद होने से यात्रियों को आवागमन में काफ़ी दिक्क्तें झेलनी पड़ रही हैं।