रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत? डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों को लेकर जवाब दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को रोक सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता भारत के लोग हैं और कुछ नहीं। ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का तेल आयात भारत के हितों की रक्षा के आधार पर तय होता है। भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना भारत की प्राथमिकता है।

देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत एक बड़ा तेल और गैस आयातक देश है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जायसवाल ने कहा कि हमारी ऊर्जा नीति के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिसमें स्थिर ऊर्जा कीमतें बनाए रखा और आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसी उद्देश्य से भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को अलग-अलग बना रहा है और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार आयात नीतियां तय कर रहा है।

अमेरिका के साथ तेल खरीद पर बातचीत जारी

विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, जहां तक अमेरिका का सवाल है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। मौजूद अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है।

*तालाब में युवती का शव मिलने से मचा हड़कंप,अप्रैल में होने थे हाथ पीले*
सुल्तानपुर के जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव के तालाब में एक युवती की डेड बॉडी मिलने से हड़कंप मच गया। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से शव को बाहर निकलवाया। जहां उसकी पहचान हुई। ग्रामीणों के अनुसार युवती अपने मंगेतर से मिलने आई थी,जहां दोनों में कुछ कहासुनी हुई फिर मंगेतर ने पहले उसे पीटा,फिर घायल अवस्था में तालाब में उसे फेक दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और विधिक कार्रवाई शुरू कर दी। दरअसल कोतवाली जयसिंहपुर थाना क्षेत्र निवासी हरिजन की बेटी बुधवार दोपहर घर से जानवरों के लिए चरी काटने खेत पर गई थी। घंटो जब वो नहीं लौटी तो परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू किया। काफी देर ढूंढ़ने पर भी वो नहीं मिली। तब तक गांव में एक तरफ गुहार हो चुकी थी। इसी बीच घर से कुछ दूरी पर एक ग्रामीण जो जानवर को चराते हुए तालाब के पास पहुंचा तो उसने तालाब में शव उभरता हुआ देखा, तो वह चिल्ला पड़ा। देखते ही देखते लोग जमा हो गए और पुलिस को सूचना दिया। कोतवाली जयसिंहपुर पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंची। जिसे गांव वालों की मदद से शव को बाहर निकलवाया। जहां युवती की पहचान हुई वह उसी गांव की निवासी थी। उसके चेहरे और शरीर पर चोट के निशान थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए दिया है। बताया जा रहा है कि युवती कि शादी अयोध्या जिले के तारुन थाना क्षेत्र निवासी के साथ तय हुई थी। पड़ताल में पता चला कि वह अपने मंगेतर से मिलने खेत पर गई थी। जहां दोनों में किसी बात को लेकर कहा सुनी हुई। बात इतनी बढ़ी की उसने मारपीट कर घायल कर उसे तालाब में फेक दिया। आगामी 17 अप्रैल को शादी होना तय थी। वह तीन भाई और दो बहन है। जिसमें दो भाई की शादी हो चुकी है। लेकिन बेटी की इस तरह की मौत से मां का रो-रो कर बुरा हाल है।
जहानाबाद चुनाव प्रशिक्षण में जा रहे शिक्षक दीपक कुमार की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत, शिक्षा जगत में शोक की लहर
जहानाबाद में चुनाव प्रशिक्षण के लिए जा रहे एक शिक्षक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा  जब नालंदा जिला के हिलसा निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक नरेश पासवान के इकलौते पुत्र दीपक कुमार की सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। दीपक कुमार जहानाबाद के मोडनगंज प्रखंड अंतर्गत प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय, ओकरी में शिक्षक (BPSC-TRE-3) के पद पर पदस्थापित थे।

जानकारी के अनुसार, दीपक कुमार राज्य संपोषित कन्या उच्च विद्यालय, जहानाबाद में आयोजित चुनाव प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें सदर अस्पताल, जहानाबाद लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अस्पताल में आवश्यक कागजी कार्रवाई और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया। घटना की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों पर मानो दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।

इस हृदयविदारक हादसे की जानकारी मिलते ही विद्यालय परिवार, सहकर्मी शिक्षक और समाज के कई लोग सदर अस्पताल पहुंचकर भरी आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। उपस्थित लोगों ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और शोकाकुल परिवार को इस कठिन घड़ी में धैर्य प्रदान करें।

शिक्षक समुदाय एवं समाज के लोगों ने सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग की है, साथ ही जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसों पर रोकथाम के ठोस कदम उठाने की अपील की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में शामिल थे:
एससी/एसटी कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष डॉ. अरविंद चौधरी (प्रधानाध्यापक), उपाध्यक्ष सह संबंधित समन्वयक राम सिहासन दास, महेश पासवान (JE), डॉ. अशोक पासवान, साहेब लाल, अमलेश मुखिया, अनुज कुमार, राजद के पूर्व जिला अध्यक्ष कौलेश्वर पासवान, प्रेम प्रकाश, सुनील कुमार, संबंधित प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार, शिक्षक विनय कुमार पांडे, राजकुमार निराला समेत अनेक लोग उपस्थित थे।

बताया जाता है कि दिवंगत शिक्षक दीपक कुमार, मध्य विद्यालय कंसुआ के प्रधानाध्यापक डॉ. अशोक पासवान के बड़े साढ़ू के इकलौते पुत्र थे। उनके निधन से न केवल परिवार, बल्कि पूरा शिक्षा जगत शोकाकुल है।

*विद्यार्थी “विश्व गुरु” बनने की परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं- डॉ संतोष अंश (विश्व विद्यार्थी दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन)*
सुलतानपुर,राणा प्रताप पी जी कॉलेज के बी. एड़. विभाग में डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म दिन जो विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय विश्व निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका रखा गया था। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डॉ संतोष अंश ने कहा कि हर युग में विद्यार्थियों ने ही परिवर्तन की शुरुआत की है। वे राष्ट्र के भविष्य के निर्माता ही नहीं, बल्कि वर्तमान के प्रेरक भी होते हैं। किसी समाज का स्वरूप उसके विद्यार्थियों के विचार, कर्म और मूल्य पर निर्भर करता है। विश्व का निर्माण किसी मशीन या नीति से नहीं होता यह निर्माण होता है उन हृदयों और मस्तिष्कों से, जो सोचने, सीखने और सृजन करने का साहस रखते हैं। डॉ. कलाम का जीवन यह सिखाता है कि यदि विद्यार्थी सपनों को कर्म में बदल दें, तो वे न केवल राष्ट्र, बल्कि विश्व का भविष्य बदल सकते हैं। वे मानते थे कि हर विद्यार्थी में एक शक्ति छिपी है । जो यदि जाग जाए, तो वह विश्व को बदल सकती है। भारत के विद्यार्थी अगर सत्य, अहिंसा, और सेवा के मूल्यों को अपनाएँ, तो वे कलाम, गांधी, और विवेकानंद के सपनों का भारत ही नहीं, बल्कि मानवता का आदर्श विश्व गढ़ सकते हैं। विद्यार्थी यदि ज्ञान, मूल्य, और सेवा के पथ पर चलें, तो वे वर्तमान को उज्ज्वल और भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। भारत सदैव से ज्ञान का प्रकाश केंद्र रहा है। नालंदा, तक्षशिला जैसी प्राचीन विश्वविद्यालयों ने पूरे विश्व को शिक्षा का मार्ग दिखाया। आज फिर वही अवसर है जब भारत के विद्यार्थी “विश्व गुरु” बनने की परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं। संगोष्ठी में अभिषेक ने विद्यार्थी जीवन मे अनुशासन पर बल दिया। खुशी सिंह ने कहा विद्यार्थी राष्ट्र की रीढ़ होता है। काजल जायसवाल ने कहा विद्यार्थियों द्वारा ही राष्ट्र सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकता है।आकांक्षा यादव ने कहा विद्यार्थी अपने ज्ञान से बेहतर दुनिया बना सकते हैं। आभा शुक्ला ने विद्यार्थियों को सकारात्मक परिवर्तन का संवाहक बताया। वर्षा यादव ने कहा विद्यार्थी ही भविष्य निर्माता है। शिखा मौर्या ने विद्यार्थियों को नववचार से विश्व कल्याण की राह बनानी चाहिए। प्रिया ने कहा कि भारत के विद्यार्थी विश्व को दिशा दे सकते है।आभार ज्ञापन और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने कहा कि डॉ कलाम से विद्यार्थियों को प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेवा में समर्पित होना चाहिए । भारतीय संस्कृति और मूल्यों से विश्व कल्याण संभव है। मानवता के प्रसार में विद्यार्थियों की अहम भूमिका है। संगोष्ठी का संचालन बी एड़ प्रथम वर्ष की प्रिया ने किया। इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर शांतिलता कुमारी ,डॉ सीमा सिंह के साथ बी एड़ प्रथम वर्ष के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
महाभारत' फेम एक्टर पंकज धीर का निधन, 68 साल की उम्र में कैंसर से हारे जिंदगी

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बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में कर्ण का यादगार किरदार निभाकर घर-घर में मशहूर हुए दिग्गज अभिनेता पंकज धीर का निधन हो गया है। उन्होंने 68 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वह काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे। पिछले कई दिनों से पंकज धीर अस्पताल में एडमिट थे। बीती रात उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर से फैंस और इंडस्ट्री शोक में है।

कैंसर लौट आया था दोबारा

पंकज धीर पिछले काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे। वो इससे जंग जीत गए थे। लेकिन बीते कुछ महीनों में उनका कैंसर दोबारा लौटा। एक्टर की हालत काफी नाजुक थी। बीमारी की वजह से वो एक बड़ी सर्जरी से भी गुजरे थे। लेकिन पंकज को बचाया नहीं जा सका।

फिरोज खान ने दी दोस्त के निधन की खबर

पंकज धीर के निधन की जानकारी उनके दोस्त फिरोज खान ने इंस्टाग्राम पर शेयर की है। फिरोज ने इंस्टा स्टोरी पर पंकज धीर के साथ अपनी एक फोटो शेयर कर उन्हें अलविदा कहा। बॉलीवुड अभिनेता राजा मुराद ने भी पंकज धीर के निधन की पुष्टि की और कहा कि कुछ दिनों से वो अपना इलाज करवा रहे थे कैंसर शरीर में कई जगह फैल गया था।

महाभारत में ‘कर्ण’ बनकर हो गए अमर

पंकज धीर ने अपने करियर की शुरुआत फ़िल्मों से की थी. उनकी पहली फ़िल्म पूनम (1981) थी, लेकिन यह बुरी तरह फ्लॉप रही। अगले कुछ सालों में, उन्होंने सूखा, मेरा सुहाग, रंदम वरवु और जीवन एक संघर्ष जैसी कई और यादगार फ़िल्मों में अभिनय किया। हालांकि, पंकज धीर को 1988 के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में निभाए गए कर्ण के चरित्र ने उन्हें अमर बना दिया। उनके इस किरदार को इतनी लोकप्रियता मिली कि देश के कई हिस्सों में उनकी मूर्तियों की पूजा भी की जाती थी।

कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम किया

पंकज धीर के करियर की बात करें, तो उन्होंने कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम किया था। जहां 'महाभारत' में उन्हें कर्ण के किरदार ने लोकप्रियता दी, वहीं 'चंद्रकांता' में उन्हें शिवदत्त के रोल में भी खूब पसंद किया गया था। वह 'बढ़ो बहू', 'युग', 'द ग्रेट मराठा' और 'अजूनी' जैसे टीवी शोज का हिस्सा रहे। इसके अलावा वह 'सोल्जर', 'तुमको ना भूल पाएंगे', 'रिश्ते', 'अंदाज', 'सड़क' और 'बादशाह' जैसी फिल्मों में नजर आए।

बलिया: 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों द्वारा सेवा काल के पंचम वर्षगांठ पर फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन
संजीव सिंह बलिया! 69000 शिक्षक भर्ती के सभी शिक्षक साथियों का सेवा काल का पंचम वर्षगांठ 16 अक्टूबर को पूर्ण हो रहा है। इसी पावन अवसर पर संयुक्त लीगल टीम द्वारा प्रत्येक वर्ष नियुक्ति की वर्षगांठ पर सेवा भाव से फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यह कार्यक्रम समाज और शिक्षक वर्ग में एक सकारात्मक संदेश पहुँचाता है, जिसकी सभी तरफ प्रशंसा होती है। 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के सहयोग और सक्रिय उपस्थिति से ही यह कार्यक्रम सफल हो पाता है।इसी क्रम में इस वर्ष भी बलिया के 69000 शिक्षक अपनी सेवा काल के पाँचवें वर्षगांठ पर फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। यह कार्यक्रम समस्त नियुक्त शिक्षकों का संयुक्त प्रयास है, जिसमें बलिया के 69000 शिक्षकों की पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित की गई है।कार्यक्रम के लिए माननीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पहले ही अवगत करवा दिया गया है तथा जिला अस्पताल से आवश्यक अनुमति भी प्राप्त कर ली गई है। इस अवसर पर पंकज कुमार सिंह, दुष्यन्त सिंह, सुरज ठाकुर, योगेन्द्र बहादुर सिंह, तौशीफ आलम, प्रवीण पाण्डेय, सुरज राय, आशुतोष तिवारी, सौरभ कुमार, नन्दलाल वर्मा, दिवेन्दु शर्मा, बाहिद अली, मेराज, पंकज ठाकुर, रतन वर्मा, रतना, श्वेता, प्रिया कुमारी, अविनाश सिंह, विश्वनाथ पाण्डेय, सुनील कुमार, आलोक राय, प्रवीण राय, रोहित सिंह, श्री प्रकाश यादव, अभिमन्यु, प्रकाश तिवारी, प्रकाश चंद्र राम, वीरेन्द्र, सत्यप्रकाश सिंह, नवनीत, अजीत, अनिल जायसवाल, संदीप सिंह, आदित्य सक्सेना, प्रियंका, सन्तोष यादव, अनीश, संतोष और समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहेंगे।इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल सेवा के वर्ष पूरे होने की खुशी मनाना है, बल्कि शिक्षा क्षेत्र के प्रति अपने समर्पण और सेवा भावना को भी उजागर करना है। इस फल एवं कंबल वितरण से शिक्षक समुदाय के एक दूसरे के प्रति स्नेह और सहयोग का भाव प्रगाढ़ होता है और समाज में शिक्षक वर्ग की भागीदारी एवं योगदान की महत्ता को भी बल मिलता है।यह कार्यक्रम शिक्षा क्षेत्र में एक मिसाल बनकर उभरा है, जो बलिया जिले के शिक्षक साथियों के सामूहिक प्रयास और मजबूती का प्रमाण है। आने वाले वर्षों में भी इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षक समुदाय की सेवा भावना और एकता को और सुदृढ़ करते रहेंगे।कार्यक्रम की मुख्य जानकारी:16 अक्टूबर 2025 को सेवा काल के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रमफल एवं कंबल वितरण समारोहजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अस्पताल से अनुमति प्राप्तबलिया के 69000 शिक्षक भर्ती के सभी नियुक्त शिक्षक उपस्थित रहेंगेआयोजन स्थल व समय की सूचना आगामी दिनों में साझा की जाएगीयह पर्व शिक्षक समुदाय के समर्पण और एकता का उत्सव है, जिसमें बलिया जिले के सभी शिक्षक साथ मिलकर इस सेवा भावना को नई ऊंचाई तक ले जाएंगे।
बलिया: 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों द्वारा सेवा काल के पंचम वर्षगांठ पर फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन
संजीव सिंह बलिया! 69000 शिक्षक भर्ती के सभी शिक्षक साथियों का सेवा काल का पंचम वर्षगांठ 16 अक्टूबर को पूर्ण हो रहा है। इसी पावन अवसर पर संयुक्त लीगल टीम द्वारा प्रत्येक वर्ष नियुक्ति की वर्षगांठ पर सेवा भाव से फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यह कार्यक्रम समाज और शिक्षक वर्ग में एक सकारात्मक संदेश पहुँचाता है, जिसकी सभी तरफ प्रशंसा होती है। 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के सहयोग और सक्रिय उपस्थिति से ही यह कार्यक्रम सफल हो पाता है।इसी क्रम में इस वर्ष भी बलिया के 69000 शिक्षक अपनी सेवा काल के पाँचवें वर्षगांठ पर फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। यह कार्यक्रम समस्त नियुक्त शिक्षकों का संयुक्त प्रयास है, जिसमें बलिया के 69000 शिक्षकों की पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित की गई है।कार्यक्रम के लिए माननीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पहले ही अवगत करवा दिया गया है तथा जिला अस्पताल से आवश्यक अनुमति भी प्राप्त कर ली गई है। इस अवसर पर पंकज कुमार सिंह, दुष्यन्त सिंह, सुरज ठाकुर, योगेन्द्र बहादुर सिंह, तौशीफ आलम, प्रवीण पाण्डेय, सुरज राय, आशुतोष तिवारी, सौरभ कुमार, नन्दलाल वर्मा, दिवेन्दु शर्मा, बाहिद अली, मेराज, पंकज ठाकुर, रतन वर्मा, रतना, श्वेता, प्रिया कुमारी, अविनाश सिंह, विश्वनाथ पाण्डेय, सुनील कुमार, आलोक राय, प्रवीण राय, रोहित सिंह, श्री प्रकाश यादव, अभिमन्यु, प्रकाश तिवारी, प्रकाश चंद्र राम, वीरेन्द्र, सत्यप्रकाश सिंह, नवनीत, अजीत, अनिल जायसवाल, संदीप सिंह, आदित्य सक्सेना, प्रियंका, सन्तोष यादव, अनीश, संतोष और समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहेंगे।इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल सेवा के वर्ष पूरे होने की खुशी मनाना है, बल्कि शिक्षा क्षेत्र के प्रति अपने समर्पण और सेवा भावना को भी उजागर करना है। इस फल एवं कंबल वितरण से शिक्षक समुदाय के एक दूसरे के प्रति स्नेह और सहयोग का भाव प्रगाढ़ होता है और समाज में शिक्षक वर्ग की भागीदारी एवं योगदान की महत्ता को भी बल मिलता है।यह कार्यक्रम शिक्षा क्षेत्र में एक मिसाल बनकर उभरा है, जो बलिया जिले के शिक्षक साथियों के सामूहिक प्रयास और मजबूती का प्रमाण है। आने वाले वर्षों में भी इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षक समुदाय की सेवा भावना और एकता को और सुदृढ़ करते रहेंगे।कार्यक्रम की मुख्य जानकारी:16 अक्टूबर 2025 को सेवा काल के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रमफल एवं कंबल वितरण समारोहजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अस्पताल से अनुमति प्राप्तबलिया के 69000 शिक्षक भर्ती के सभी नियुक्त शिक्षक उपस्थित रहेंगेआयोजन स्थल व समय की सूचना आगामी दिनों में साझा की जाएगीयह पर्व शिक्षक समुदाय के समर्पण और एकता का उत्सव है, जिसमें बलिया जिले के सभी शिक्षक साथ मिलकर इस सेवा भावना को नई ऊंचाई तक ले जाएंगे।
झारखंड में 'धरती आबा जनजातीय फ़िल्म फेस्ट' का भव्य आगाज: कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने किया उद्घाटन, 15 राज्यों की 70 से अधिक फिल्में होंगी प्रदर्श

झारखंड में आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और संघर्ष की गाथा को समर्पित एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में मंगलवार से 'प्रथम धरती आबा जनजातीय फ़िल्म फेस्ट 2025' का शुभारंभ हो गया। कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने इस तीन दिवसीय महोत्सव (14 से 16 अक्टूबर) का उद्घाटन किया। यह महोत्सव झारखंड सरकार और भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

पहचान और जीवन दर्शन का उत्सव

उद्घाटन के अवसर पर कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने कहा कि यह महोत्सव केवल फिल्मों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारी आदिवासी पहचान, परंपरा और जीवन दर्शन का उत्सव है। उन्होंने फिल्मों को जनजातीय भारत की आत्मा, संस्कृति और संघर्षों को दुनिया के सामने लाने का एक सशक्त माध्यम बताया।

मंत्री श्री लिंडा ने फिल्म निर्माताओं से अपील की कि जब भी जनजातीय जीवन पर फिल्म बनाई जाए, तो उसके दृश्य और कथानक यथार्थ पर आधारित हों, न कि काल्पनिक या भ्रामक। उन्होंने जोर दिया कि कला का दायित्व समाज की सच्चाई को उजागर करना है, ताकि नई पीढ़ी अपनी जड़ों को सही परिप्रेक्ष्य में पहचान सके।

70 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन

इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देश के जनजातीय समाज की विविध कला, संस्कृति और संघर्षों को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना है। इस दौरान, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, महाराष्ट्र सहित 15 राज्यों की 70 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं।

फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली चर्चित फिल्मों में “Palash”, “हेंडे सोना एंड ब्लैक गोल्ड”, “फूलो”, “कुसुम”, और “नाची से बाची” शामिल हैं। महोत्सव में कई वर्ल्ड प्रीमियर और नेशनल प्रीमियर भी देखने को मिलेंगे।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि संस्कृति और भाषाई विविधता का संरक्षण भी है, और यह आयोजन परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सेतु का कार्य करेगा।

उद्घाटन समारोह में विभाग के सचिव श्री कृपा नन्द झा, संस्थान के निदेशक श्री करमा ज़िम्पा भुट्टिया, विशेष सचिव श्री नेलसन बागे और कल्याण आयुक्त श्री कुलदीप चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

*मिशन शक्ति सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है- हंसमति*
सुल्तानपुर,राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत मिशन शक्ति 5 का शुभारंभ मुख्य अतिथि महिला थाना प्रभारी हंसमति, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ डी के त्रिपाठी ,उप प्राचार्य प्रो निशा सिंह एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ विभा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि हंसमति ने अपने वक्तव्य में कहा कि मिशन शक्ति सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे महिलाओं की सुरक्षा समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इसका मूल उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलंबन दिलाना है ताकि बे हिंसा ,शोषण और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ मजबूती से खड़ी हो सके। मिशन शक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य है कि महिलाओं का सशक्त होना न केवल संवैधानिक कर्तव्य है बल्कि विकास और समाज की समग्र उन्नत के लिए भी अनिवार्य हैं । महाविद्यालय की उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह ने अपने उद्बोधन में मिशन शक्ति को नवरात्रि की शैलपुत्री एवं अन्य देवियों को जोड़ते हुए विस्तार से बताया । साथ ही कहा कि मिशन शक्ति 05 के दो महत्वपूर्ण घटक हैं संबल और समर्थ मिशन शक्ति के चरणों में ऑपरेशन गरुड़ ,ऑपरेशन ऑपरेशन मजनू ऑपरेशन बचपन ,नशा मुक्ति अपने संरक्षण एवं ऑपरेशन ईगल आदि का संचालन किया गया है। साथ ही साथ सरकार की तरफ से विविध हेल्पलाइन नंबर 1090, 1076, 112, 181, 198, 112 ,108 आदि संचालित है। इन सब का उपयोग करके आप संकट की घड़ी में अपने को सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति प्रकाश ने किया। कार्यक्रम में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव, डॉ वीरेंद्र गुप्ता एवं डॉ विभा सिंह के साथ महाविद्यालय की छात्राओं ने उपस्थिति होकर मिशन शक्ति की जमकारी ली।
*जीव प्रेमियों से पूर्व सांसद मेनका संजय गांधी ने की मदद की अपील*
*बीते वर्षों से सक्रिय एसपीसीए के लिए संसाधन जुटाने पर दिया बल* सुल्तानपुर,असहाय पशुओं की मदद के लिए पूर्व सांसद ने जिले के प्रमुख जीवप्रेमियों से अपील की है।उन्होंने समाजसेवियों,चिकित्सकों, व्यापारियों और वालेन्टियरों से कहा है कि जब मैं सुलतानपुर से आपकी सांसद थी, तब मैंने आपकी मदद से मनुष्यों और जानवरों दोनों की सहायता करने का पूरा प्रयास किया। पूर्व केबिनेट मंत्री व जिले की पूर्व सांसद मेनका संजय गांधी ने कहा कि इन्हीं कार्यों में से एक था पशु अस्पताल बनाना,जिसे एसपीसीए (SPCA) कहा जाता है।यह अस्पताल सरकार द्वारा नहीं बल्कि सबके सहयोग और योगदान से बनाया गया था।यह अस्पताल अब एक वर्ष से चल रहा है। इसमें स्वयंसेवक हैं और इसने अनेक जिंदगियों को बचाया गया है।उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार इस अस्पताल के लिए बजट होना चाहिए,साथ ही एक एम्बुलेंस और जिले भर में सदस्य होने चाहिए जिससे गायों की तस्करी रोकी जा सके और बीमार जानवरों का इलाज हो सके। लेकिन अभी तक डीएम ने इसे लागू नहीं किया है। इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम सुलतानपुर को करुणा का स्थान बनाएं। मैं अत्यंत आभारी रहूँगी यदि आप अस्पताल की सहायता के लिए धन,दवाइयों, उपकरण या भोजन का दान कर सकें। श्रीमती गाँधी ने कहा कि जो भी आप वहन कर सकते हैं, स्वागत योग्य है। हममें से प्रत्येक के पास जीवन बचाने की शक्ति है। मैंने समाज के प्रति आपके समर्पण और ईमानदारी को देखा है। अब मैं जानवरों की ओर से आपसे मदद माँग रही हूँ।पूर्व सांसद द्वारा जारी इस पत्र पर एसपीसीए की मॉनिटरिंग कर रहे प्रदीप यादव ने बताया कि सुल्तानपुर में एसपीसीए के वालेंटियर जल्द ही सक्रिय समाजसेवियों से मुलाकात कर असहाय जीवों के लिए एसपीसीए के संदर्भ में मुलाकात कर जन सहयोग लेंगे।
रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत? डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों को लेकर जवाब दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को रोक सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता भारत के लोग हैं और कुछ नहीं। ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का तेल आयात भारत के हितों की रक्षा के आधार पर तय होता है। भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना भारत की प्राथमिकता है।

देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत एक बड़ा तेल और गैस आयातक देश है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जायसवाल ने कहा कि हमारी ऊर्जा नीति के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिसमें स्थिर ऊर्जा कीमतें बनाए रखा और आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसी उद्देश्य से भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को अलग-अलग बना रहा है और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार आयात नीतियां तय कर रहा है।

अमेरिका के साथ तेल खरीद पर बातचीत जारी

विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, जहां तक अमेरिका का सवाल है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। मौजूद अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है।

*तालाब में युवती का शव मिलने से मचा हड़कंप,अप्रैल में होने थे हाथ पीले*
सुल्तानपुर के जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव के तालाब में एक युवती की डेड बॉडी मिलने से हड़कंप मच गया। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से शव को बाहर निकलवाया। जहां उसकी पहचान हुई। ग्रामीणों के अनुसार युवती अपने मंगेतर से मिलने आई थी,जहां दोनों में कुछ कहासुनी हुई फिर मंगेतर ने पहले उसे पीटा,फिर घायल अवस्था में तालाब में उसे फेक दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और विधिक कार्रवाई शुरू कर दी। दरअसल कोतवाली जयसिंहपुर थाना क्षेत्र निवासी हरिजन की बेटी बुधवार दोपहर घर से जानवरों के लिए चरी काटने खेत पर गई थी। घंटो जब वो नहीं लौटी तो परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू किया। काफी देर ढूंढ़ने पर भी वो नहीं मिली। तब तक गांव में एक तरफ गुहार हो चुकी थी। इसी बीच घर से कुछ दूरी पर एक ग्रामीण जो जानवर को चराते हुए तालाब के पास पहुंचा तो उसने तालाब में शव उभरता हुआ देखा, तो वह चिल्ला पड़ा। देखते ही देखते लोग जमा हो गए और पुलिस को सूचना दिया। कोतवाली जयसिंहपुर पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंची। जिसे गांव वालों की मदद से शव को बाहर निकलवाया। जहां युवती की पहचान हुई वह उसी गांव की निवासी थी। उसके चेहरे और शरीर पर चोट के निशान थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए दिया है। बताया जा रहा है कि युवती कि शादी अयोध्या जिले के तारुन थाना क्षेत्र निवासी के साथ तय हुई थी। पड़ताल में पता चला कि वह अपने मंगेतर से मिलने खेत पर गई थी। जहां दोनों में किसी बात को लेकर कहा सुनी हुई। बात इतनी बढ़ी की उसने मारपीट कर घायल कर उसे तालाब में फेक दिया। आगामी 17 अप्रैल को शादी होना तय थी। वह तीन भाई और दो बहन है। जिसमें दो भाई की शादी हो चुकी है। लेकिन बेटी की इस तरह की मौत से मां का रो-रो कर बुरा हाल है।
जहानाबाद चुनाव प्रशिक्षण में जा रहे शिक्षक दीपक कुमार की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत, शिक्षा जगत में शोक की लहर
जहानाबाद में चुनाव प्रशिक्षण के लिए जा रहे एक शिक्षक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा  जब नालंदा जिला के हिलसा निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक नरेश पासवान के इकलौते पुत्र दीपक कुमार की सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। दीपक कुमार जहानाबाद के मोडनगंज प्रखंड अंतर्गत प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय, ओकरी में शिक्षक (BPSC-TRE-3) के पद पर पदस्थापित थे।

जानकारी के अनुसार, दीपक कुमार राज्य संपोषित कन्या उच्च विद्यालय, जहानाबाद में आयोजित चुनाव प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें सदर अस्पताल, जहानाबाद लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अस्पताल में आवश्यक कागजी कार्रवाई और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया। घटना की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों पर मानो दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।

इस हृदयविदारक हादसे की जानकारी मिलते ही विद्यालय परिवार, सहकर्मी शिक्षक और समाज के कई लोग सदर अस्पताल पहुंचकर भरी आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। उपस्थित लोगों ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और शोकाकुल परिवार को इस कठिन घड़ी में धैर्य प्रदान करें।

शिक्षक समुदाय एवं समाज के लोगों ने सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग की है, साथ ही जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसों पर रोकथाम के ठोस कदम उठाने की अपील की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में शामिल थे:
एससी/एसटी कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष डॉ. अरविंद चौधरी (प्रधानाध्यापक), उपाध्यक्ष सह संबंधित समन्वयक राम सिहासन दास, महेश पासवान (JE), डॉ. अशोक पासवान, साहेब लाल, अमलेश मुखिया, अनुज कुमार, राजद के पूर्व जिला अध्यक्ष कौलेश्वर पासवान, प्रेम प्रकाश, सुनील कुमार, संबंधित प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार, शिक्षक विनय कुमार पांडे, राजकुमार निराला समेत अनेक लोग उपस्थित थे।

बताया जाता है कि दिवंगत शिक्षक दीपक कुमार, मध्य विद्यालय कंसुआ के प्रधानाध्यापक डॉ. अशोक पासवान के बड़े साढ़ू के इकलौते पुत्र थे। उनके निधन से न केवल परिवार, बल्कि पूरा शिक्षा जगत शोकाकुल है।

*विद्यार्थी “विश्व गुरु” बनने की परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं- डॉ संतोष अंश (विश्व विद्यार्थी दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन)*
सुलतानपुर,राणा प्रताप पी जी कॉलेज के बी. एड़. विभाग में डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म दिन जो विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय विश्व निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका रखा गया था। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डॉ संतोष अंश ने कहा कि हर युग में विद्यार्थियों ने ही परिवर्तन की शुरुआत की है। वे राष्ट्र के भविष्य के निर्माता ही नहीं, बल्कि वर्तमान के प्रेरक भी होते हैं। किसी समाज का स्वरूप उसके विद्यार्थियों के विचार, कर्म और मूल्य पर निर्भर करता है। विश्व का निर्माण किसी मशीन या नीति से नहीं होता यह निर्माण होता है उन हृदयों और मस्तिष्कों से, जो सोचने, सीखने और सृजन करने का साहस रखते हैं। डॉ. कलाम का जीवन यह सिखाता है कि यदि विद्यार्थी सपनों को कर्म में बदल दें, तो वे न केवल राष्ट्र, बल्कि विश्व का भविष्य बदल सकते हैं। वे मानते थे कि हर विद्यार्थी में एक शक्ति छिपी है । जो यदि जाग जाए, तो वह विश्व को बदल सकती है। भारत के विद्यार्थी अगर सत्य, अहिंसा, और सेवा के मूल्यों को अपनाएँ, तो वे कलाम, गांधी, और विवेकानंद के सपनों का भारत ही नहीं, बल्कि मानवता का आदर्श विश्व गढ़ सकते हैं। विद्यार्थी यदि ज्ञान, मूल्य, और सेवा के पथ पर चलें, तो वे वर्तमान को उज्ज्वल और भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। भारत सदैव से ज्ञान का प्रकाश केंद्र रहा है। नालंदा, तक्षशिला जैसी प्राचीन विश्वविद्यालयों ने पूरे विश्व को शिक्षा का मार्ग दिखाया। आज फिर वही अवसर है जब भारत के विद्यार्थी “विश्व गुरु” बनने की परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं। संगोष्ठी में अभिषेक ने विद्यार्थी जीवन मे अनुशासन पर बल दिया। खुशी सिंह ने कहा विद्यार्थी राष्ट्र की रीढ़ होता है। काजल जायसवाल ने कहा विद्यार्थियों द्वारा ही राष्ट्र सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकता है।आकांक्षा यादव ने कहा विद्यार्थी अपने ज्ञान से बेहतर दुनिया बना सकते हैं। आभा शुक्ला ने विद्यार्थियों को सकारात्मक परिवर्तन का संवाहक बताया। वर्षा यादव ने कहा विद्यार्थी ही भविष्य निर्माता है। शिखा मौर्या ने विद्यार्थियों को नववचार से विश्व कल्याण की राह बनानी चाहिए। प्रिया ने कहा कि भारत के विद्यार्थी विश्व को दिशा दे सकते है।आभार ज्ञापन और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने कहा कि डॉ कलाम से विद्यार्थियों को प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेवा में समर्पित होना चाहिए । भारतीय संस्कृति और मूल्यों से विश्व कल्याण संभव है। मानवता के प्रसार में विद्यार्थियों की अहम भूमिका है। संगोष्ठी का संचालन बी एड़ प्रथम वर्ष की प्रिया ने किया। इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर शांतिलता कुमारी ,डॉ सीमा सिंह के साथ बी एड़ प्रथम वर्ष के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
महाभारत' फेम एक्टर पंकज धीर का निधन, 68 साल की उम्र में कैंसर से हारे जिंदगी

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बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में कर्ण का यादगार किरदार निभाकर घर-घर में मशहूर हुए दिग्गज अभिनेता पंकज धीर का निधन हो गया है। उन्होंने 68 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वह काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे। पिछले कई दिनों से पंकज धीर अस्पताल में एडमिट थे। बीती रात उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर से फैंस और इंडस्ट्री शोक में है।

कैंसर लौट आया था दोबारा

पंकज धीर पिछले काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे। वो इससे जंग जीत गए थे। लेकिन बीते कुछ महीनों में उनका कैंसर दोबारा लौटा। एक्टर की हालत काफी नाजुक थी। बीमारी की वजह से वो एक बड़ी सर्जरी से भी गुजरे थे। लेकिन पंकज को बचाया नहीं जा सका।

फिरोज खान ने दी दोस्त के निधन की खबर

पंकज धीर के निधन की जानकारी उनके दोस्त फिरोज खान ने इंस्टाग्राम पर शेयर की है। फिरोज ने इंस्टा स्टोरी पर पंकज धीर के साथ अपनी एक फोटो शेयर कर उन्हें अलविदा कहा। बॉलीवुड अभिनेता राजा मुराद ने भी पंकज धीर के निधन की पुष्टि की और कहा कि कुछ दिनों से वो अपना इलाज करवा रहे थे कैंसर शरीर में कई जगह फैल गया था।

महाभारत में ‘कर्ण’ बनकर हो गए अमर

पंकज धीर ने अपने करियर की शुरुआत फ़िल्मों से की थी. उनकी पहली फ़िल्म पूनम (1981) थी, लेकिन यह बुरी तरह फ्लॉप रही। अगले कुछ सालों में, उन्होंने सूखा, मेरा सुहाग, रंदम वरवु और जीवन एक संघर्ष जैसी कई और यादगार फ़िल्मों में अभिनय किया। हालांकि, पंकज धीर को 1988 के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में निभाए गए कर्ण के चरित्र ने उन्हें अमर बना दिया। उनके इस किरदार को इतनी लोकप्रियता मिली कि देश के कई हिस्सों में उनकी मूर्तियों की पूजा भी की जाती थी।

कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम किया

पंकज धीर के करियर की बात करें, तो उन्होंने कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम किया था। जहां 'महाभारत' में उन्हें कर्ण के किरदार ने लोकप्रियता दी, वहीं 'चंद्रकांता' में उन्हें शिवदत्त के रोल में भी खूब पसंद किया गया था। वह 'बढ़ो बहू', 'युग', 'द ग्रेट मराठा' और 'अजूनी' जैसे टीवी शोज का हिस्सा रहे। इसके अलावा वह 'सोल्जर', 'तुमको ना भूल पाएंगे', 'रिश्ते', 'अंदाज', 'सड़क' और 'बादशाह' जैसी फिल्मों में नजर आए।

बलिया: 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों द्वारा सेवा काल के पंचम वर्षगांठ पर फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन
संजीव सिंह बलिया! 69000 शिक्षक भर्ती के सभी शिक्षक साथियों का सेवा काल का पंचम वर्षगांठ 16 अक्टूबर को पूर्ण हो रहा है। इसी पावन अवसर पर संयुक्त लीगल टीम द्वारा प्रत्येक वर्ष नियुक्ति की वर्षगांठ पर सेवा भाव से फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यह कार्यक्रम समाज और शिक्षक वर्ग में एक सकारात्मक संदेश पहुँचाता है, जिसकी सभी तरफ प्रशंसा होती है। 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के सहयोग और सक्रिय उपस्थिति से ही यह कार्यक्रम सफल हो पाता है।इसी क्रम में इस वर्ष भी बलिया के 69000 शिक्षक अपनी सेवा काल के पाँचवें वर्षगांठ पर फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। यह कार्यक्रम समस्त नियुक्त शिक्षकों का संयुक्त प्रयास है, जिसमें बलिया के 69000 शिक्षकों की पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित की गई है।कार्यक्रम के लिए माननीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पहले ही अवगत करवा दिया गया है तथा जिला अस्पताल से आवश्यक अनुमति भी प्राप्त कर ली गई है। इस अवसर पर पंकज कुमार सिंह, दुष्यन्त सिंह, सुरज ठाकुर, योगेन्द्र बहादुर सिंह, तौशीफ आलम, प्रवीण पाण्डेय, सुरज राय, आशुतोष तिवारी, सौरभ कुमार, नन्दलाल वर्मा, दिवेन्दु शर्मा, बाहिद अली, मेराज, पंकज ठाकुर, रतन वर्मा, रतना, श्वेता, प्रिया कुमारी, अविनाश सिंह, विश्वनाथ पाण्डेय, सुनील कुमार, आलोक राय, प्रवीण राय, रोहित सिंह, श्री प्रकाश यादव, अभिमन्यु, प्रकाश तिवारी, प्रकाश चंद्र राम, वीरेन्द्र, सत्यप्रकाश सिंह, नवनीत, अजीत, अनिल जायसवाल, संदीप सिंह, आदित्य सक्सेना, प्रियंका, सन्तोष यादव, अनीश, संतोष और समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहेंगे।इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल सेवा के वर्ष पूरे होने की खुशी मनाना है, बल्कि शिक्षा क्षेत्र के प्रति अपने समर्पण और सेवा भावना को भी उजागर करना है। इस फल एवं कंबल वितरण से शिक्षक समुदाय के एक दूसरे के प्रति स्नेह और सहयोग का भाव प्रगाढ़ होता है और समाज में शिक्षक वर्ग की भागीदारी एवं योगदान की महत्ता को भी बल मिलता है।यह कार्यक्रम शिक्षा क्षेत्र में एक मिसाल बनकर उभरा है, जो बलिया जिले के शिक्षक साथियों के सामूहिक प्रयास और मजबूती का प्रमाण है। आने वाले वर्षों में भी इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षक समुदाय की सेवा भावना और एकता को और सुदृढ़ करते रहेंगे।कार्यक्रम की मुख्य जानकारी:16 अक्टूबर 2025 को सेवा काल के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रमफल एवं कंबल वितरण समारोहजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अस्पताल से अनुमति प्राप्तबलिया के 69000 शिक्षक भर्ती के सभी नियुक्त शिक्षक उपस्थित रहेंगेआयोजन स्थल व समय की सूचना आगामी दिनों में साझा की जाएगीयह पर्व शिक्षक समुदाय के समर्पण और एकता का उत्सव है, जिसमें बलिया जिले के सभी शिक्षक साथ मिलकर इस सेवा भावना को नई ऊंचाई तक ले जाएंगे।
बलिया: 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों द्वारा सेवा काल के पंचम वर्षगांठ पर फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन
संजीव सिंह बलिया! 69000 शिक्षक भर्ती के सभी शिक्षक साथियों का सेवा काल का पंचम वर्षगांठ 16 अक्टूबर को पूर्ण हो रहा है। इसी पावन अवसर पर संयुक्त लीगल टीम द्वारा प्रत्येक वर्ष नियुक्ति की वर्षगांठ पर सेवा भाव से फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यह कार्यक्रम समाज और शिक्षक वर्ग में एक सकारात्मक संदेश पहुँचाता है, जिसकी सभी तरफ प्रशंसा होती है। 69000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के सहयोग और सक्रिय उपस्थिति से ही यह कार्यक्रम सफल हो पाता है।इसी क्रम में इस वर्ष भी बलिया के 69000 शिक्षक अपनी सेवा काल के पाँचवें वर्षगांठ पर फल एवं कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। यह कार्यक्रम समस्त नियुक्त शिक्षकों का संयुक्त प्रयास है, जिसमें बलिया के 69000 शिक्षकों की पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित की गई है।कार्यक्रम के लिए माननीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पहले ही अवगत करवा दिया गया है तथा जिला अस्पताल से आवश्यक अनुमति भी प्राप्त कर ली गई है। इस अवसर पर पंकज कुमार सिंह, दुष्यन्त सिंह, सुरज ठाकुर, योगेन्द्र बहादुर सिंह, तौशीफ आलम, प्रवीण पाण्डेय, सुरज राय, आशुतोष तिवारी, सौरभ कुमार, नन्दलाल वर्मा, दिवेन्दु शर्मा, बाहिद अली, मेराज, पंकज ठाकुर, रतन वर्मा, रतना, श्वेता, प्रिया कुमारी, अविनाश सिंह, विश्वनाथ पाण्डेय, सुनील कुमार, आलोक राय, प्रवीण राय, रोहित सिंह, श्री प्रकाश यादव, अभिमन्यु, प्रकाश तिवारी, प्रकाश चंद्र राम, वीरेन्द्र, सत्यप्रकाश सिंह, नवनीत, अजीत, अनिल जायसवाल, संदीप सिंह, आदित्य सक्सेना, प्रियंका, सन्तोष यादव, अनीश, संतोष और समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहेंगे।इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल सेवा के वर्ष पूरे होने की खुशी मनाना है, बल्कि शिक्षा क्षेत्र के प्रति अपने समर्पण और सेवा भावना को भी उजागर करना है। इस फल एवं कंबल वितरण से शिक्षक समुदाय के एक दूसरे के प्रति स्नेह और सहयोग का भाव प्रगाढ़ होता है और समाज में शिक्षक वर्ग की भागीदारी एवं योगदान की महत्ता को भी बल मिलता है।यह कार्यक्रम शिक्षा क्षेत्र में एक मिसाल बनकर उभरा है, जो बलिया जिले के शिक्षक साथियों के सामूहिक प्रयास और मजबूती का प्रमाण है। आने वाले वर्षों में भी इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षक समुदाय की सेवा भावना और एकता को और सुदृढ़ करते रहेंगे।कार्यक्रम की मुख्य जानकारी:16 अक्टूबर 2025 को सेवा काल के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रमफल एवं कंबल वितरण समारोहजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अस्पताल से अनुमति प्राप्तबलिया के 69000 शिक्षक भर्ती के सभी नियुक्त शिक्षक उपस्थित रहेंगेआयोजन स्थल व समय की सूचना आगामी दिनों में साझा की जाएगीयह पर्व शिक्षक समुदाय के समर्पण और एकता का उत्सव है, जिसमें बलिया जिले के सभी शिक्षक साथ मिलकर इस सेवा भावना को नई ऊंचाई तक ले जाएंगे।
झारखंड में 'धरती आबा जनजातीय फ़िल्म फेस्ट' का भव्य आगाज: कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने किया उद्घाटन, 15 राज्यों की 70 से अधिक फिल्में होंगी प्रदर्श

झारखंड में आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और संघर्ष की गाथा को समर्पित एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में मंगलवार से 'प्रथम धरती आबा जनजातीय फ़िल्म फेस्ट 2025' का शुभारंभ हो गया। कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने इस तीन दिवसीय महोत्सव (14 से 16 अक्टूबर) का उद्घाटन किया। यह महोत्सव झारखंड सरकार और भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

पहचान और जीवन दर्शन का उत्सव

उद्घाटन के अवसर पर कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने कहा कि यह महोत्सव केवल फिल्मों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारी आदिवासी पहचान, परंपरा और जीवन दर्शन का उत्सव है। उन्होंने फिल्मों को जनजातीय भारत की आत्मा, संस्कृति और संघर्षों को दुनिया के सामने लाने का एक सशक्त माध्यम बताया।

मंत्री श्री लिंडा ने फिल्म निर्माताओं से अपील की कि जब भी जनजातीय जीवन पर फिल्म बनाई जाए, तो उसके दृश्य और कथानक यथार्थ पर आधारित हों, न कि काल्पनिक या भ्रामक। उन्होंने जोर दिया कि कला का दायित्व समाज की सच्चाई को उजागर करना है, ताकि नई पीढ़ी अपनी जड़ों को सही परिप्रेक्ष्य में पहचान सके।

70 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन

इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देश के जनजातीय समाज की विविध कला, संस्कृति और संघर्षों को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना है। इस दौरान, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, महाराष्ट्र सहित 15 राज्यों की 70 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं।

फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली चर्चित फिल्मों में “Palash”, “हेंडे सोना एंड ब्लैक गोल्ड”, “फूलो”, “कुसुम”, और “नाची से बाची” शामिल हैं। महोत्सव में कई वर्ल्ड प्रीमियर और नेशनल प्रीमियर भी देखने को मिलेंगे।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि संस्कृति और भाषाई विविधता का संरक्षण भी है, और यह आयोजन परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सेतु का कार्य करेगा।

उद्घाटन समारोह में विभाग के सचिव श्री कृपा नन्द झा, संस्थान के निदेशक श्री करमा ज़िम्पा भुट्टिया, विशेष सचिव श्री नेलसन बागे और कल्याण आयुक्त श्री कुलदीप चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

*मिशन शक्ति सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है- हंसमति*
सुल्तानपुर,राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत मिशन शक्ति 5 का शुभारंभ मुख्य अतिथि महिला थाना प्रभारी हंसमति, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ डी के त्रिपाठी ,उप प्राचार्य प्रो निशा सिंह एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ विभा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि हंसमति ने अपने वक्तव्य में कहा कि मिशन शक्ति सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे महिलाओं की सुरक्षा समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इसका मूल उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलंबन दिलाना है ताकि बे हिंसा ,शोषण और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ मजबूती से खड़ी हो सके। मिशन शक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य है कि महिलाओं का सशक्त होना न केवल संवैधानिक कर्तव्य है बल्कि विकास और समाज की समग्र उन्नत के लिए भी अनिवार्य हैं । महाविद्यालय की उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह ने अपने उद्बोधन में मिशन शक्ति को नवरात्रि की शैलपुत्री एवं अन्य देवियों को जोड़ते हुए विस्तार से बताया । साथ ही कहा कि मिशन शक्ति 05 के दो महत्वपूर्ण घटक हैं संबल और समर्थ मिशन शक्ति के चरणों में ऑपरेशन गरुड़ ,ऑपरेशन ऑपरेशन मजनू ऑपरेशन बचपन ,नशा मुक्ति अपने संरक्षण एवं ऑपरेशन ईगल आदि का संचालन किया गया है। साथ ही साथ सरकार की तरफ से विविध हेल्पलाइन नंबर 1090, 1076, 112, 181, 198, 112 ,108 आदि संचालित है। इन सब का उपयोग करके आप संकट की घड़ी में अपने को सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति प्रकाश ने किया। कार्यक्रम में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव, डॉ वीरेंद्र गुप्ता एवं डॉ विभा सिंह के साथ महाविद्यालय की छात्राओं ने उपस्थिति होकर मिशन शक्ति की जमकारी ली।
*जीव प्रेमियों से पूर्व सांसद मेनका संजय गांधी ने की मदद की अपील*
*बीते वर्षों से सक्रिय एसपीसीए के लिए संसाधन जुटाने पर दिया बल* सुल्तानपुर,असहाय पशुओं की मदद के लिए पूर्व सांसद ने जिले के प्रमुख जीवप्रेमियों से अपील की है।उन्होंने समाजसेवियों,चिकित्सकों, व्यापारियों और वालेन्टियरों से कहा है कि जब मैं सुलतानपुर से आपकी सांसद थी, तब मैंने आपकी मदद से मनुष्यों और जानवरों दोनों की सहायता करने का पूरा प्रयास किया। पूर्व केबिनेट मंत्री व जिले की पूर्व सांसद मेनका संजय गांधी ने कहा कि इन्हीं कार्यों में से एक था पशु अस्पताल बनाना,जिसे एसपीसीए (SPCA) कहा जाता है।यह अस्पताल सरकार द्वारा नहीं बल्कि सबके सहयोग और योगदान से बनाया गया था।यह अस्पताल अब एक वर्ष से चल रहा है। इसमें स्वयंसेवक हैं और इसने अनेक जिंदगियों को बचाया गया है।उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार इस अस्पताल के लिए बजट होना चाहिए,साथ ही एक एम्बुलेंस और जिले भर में सदस्य होने चाहिए जिससे गायों की तस्करी रोकी जा सके और बीमार जानवरों का इलाज हो सके। लेकिन अभी तक डीएम ने इसे लागू नहीं किया है। इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम सुलतानपुर को करुणा का स्थान बनाएं। मैं अत्यंत आभारी रहूँगी यदि आप अस्पताल की सहायता के लिए धन,दवाइयों, उपकरण या भोजन का दान कर सकें। श्रीमती गाँधी ने कहा कि जो भी आप वहन कर सकते हैं, स्वागत योग्य है। हममें से प्रत्येक के पास जीवन बचाने की शक्ति है। मैंने समाज के प्रति आपके समर्पण और ईमानदारी को देखा है। अब मैं जानवरों की ओर से आपसे मदद माँग रही हूँ।पूर्व सांसद द्वारा जारी इस पत्र पर एसपीसीए की मॉनिटरिंग कर रहे प्रदीप यादव ने बताया कि सुल्तानपुर में एसपीसीए के वालेंटियर जल्द ही सक्रिय समाजसेवियों से मुलाकात कर असहाय जीवों के लिए एसपीसीए के संदर्भ में मुलाकात कर जन सहयोग लेंगे।