*12 नवंबर से शुरू हुई अयोध्या की पदयात्रा का समापन आगामी 24 नवंबर को प्रयागराज में होगा*
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह आज अपनी रोजगार दो सामाजिक न्याय दो यात्रा लेकर सुल्तानपुर पहुंचे। इस दौरान जगह जगह उन्हें समर्थन तो मिल ही रहा है साथ ही स्वागत किया जा रहा है। बीते 12 नवंबर से शुरू हुई अयोध्या की पदयात्रा का समापन आगामी 24 नवंबर को प्रयागराज में होगाइस दौरान मीडिया से रूबरू हुए संजय सिंह ने इस यात्रा के मायने बताया साथ ही प्रदेश की योगी सरकार को भी निशाने पर लिया।वहीं बिहार चुनाव में एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसकी घोषणा तो उन्हें पहले ही कर दी थी। संजय सिंह ने कहा SIR से 80 लाख वोट चोरी का असर इस चुनाव में देखने को मिला है। उन्होंने चुनाव आयोग को निशाने पर लेते हुए कहा कि मैने पहले ही कहा था कि जीत का प्रमाणपत्र ज्ञानेश कुमार ने पहले ही मोदी जी को पहुंचा दिया है। शुक्र मनाइए की उन्होंने 243 सर्टिफिकेट नहीं दिए। ये कृपा की उन्होंने। विपक्ष को इसका अहसानमंद होना चाहिए। संजय सिंह ने कहा कि पूरी एनडीए को ज्ञानेश कुमार जी का माल्यार्पण करना चाहिए। बाइट संजय सिंह राज्यसभा सांसद आम आदमी पार्टी इसके साथ ही अयोध्या से प्रयागराज तक यात्रा करने के सवाल पर भी संजय सिंह जवाब दिया।
रांची में तीन पुलिसकर्मियों की मौत से सनसनी… बेकाबू होकर धुर्वा डैम में गिरी कार, 3 घंटे बाद मिले शव

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झारखंड के रांची में सुबह धुर्वा डैम से 3 पुलिसकर्मियों के शव मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. मृतकों की पहचान झारखंड के जमशेदपुर के प्रिंसिपल जिला जज के दो बॉडीगार्ड और सरकारी ड्राइवर के रूप में हुई है. जानकारी के मुताबिक दो बॉडीगार्ड और ड्राइवर शुक्रवार की देर रात रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र के धुर्वा डैम से होकर गुजर रहे थे. इसी दौरान तेज रफ्तार व्हाइट स्विफ्ट डिजायर टर्निंग पर अनियंत्रित हो गई और सीधे लगभग 30 फीट नीचे धुर्वा डैम में जा गिरी.

इस हादसे में तीनों पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. मृतकों में उपेंद्र कुमार सिंह, रोबिन कुजूर और सतेंद्र सिंह शामिल हैं. तीनों के शव को धुर्वा डैम से बरामद कर लिया गया है. धुर्वा थाना की पुलिस ने तीनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स अस्पताल भेजा और जांच के दौरान डैम से मृतक पुलिसकर्मियों के हथियार और दुर्घटनाग्रस्त कार को भी जब्त किया है.

स्थानीय लोगों ने घटना पर क्या बताया?

धुर्वा डैम के पास के रहने वाले स्थानीय लोगों के मुताबिक शुक्रवार की देर रात धुर्वा डैम के पास से एक वाहन तेज रफ्तार में गुजर रहा था. अचानक वह वाहन टर्निंग प्वाइंट के पास असंतुलित हो गया और सीधे रोड से नीचे पटकनी खाते हुए तेजी के साथ धुर्वा डैम में गिर गया. देर रात हुए भीषण हादसे की जानकारी मिलने पर धुर्वा और नगड़ी की पुलिस मौके पर पहुंची.

कार के अंदर से मिलीे तीनों पुलिसकर्मियों के शव

2 से 3 घंटे की मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों और गोताखोरों की मदद ने पुलिस ने धुर्वा डैम से दुर्घटनाग्रस्त कार को बाहर निकाला, जिसके अंदर से तीन पुलिसकर्मियों के शव और दो पुलिसकर्मियों के पास से हथियार बरामद किए. फिलहाल भीषण हादसे की वजहों को लेकर रांची पुलिस गहनता से जांच में जुट गई है. रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र के धुर्वा डैम में हुई इस घटना से कुछ दिन पहले ही डैम में नहाने के दौरान एक युवक के डूबने से मौत हो गई थी. मृतक की पहचान लोधमा निचयातु डूमर टोली के रहने वाले चंदन कुमार के रूप में की हुई थी.

सांस्कृतिक चेतना और एकता का संदेश देगी 17 नवंबर की आदिवासी महारैली

आदिवासी जन आक्रोश महारैली विरोध का स्वर नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की गरिमा, पहचान और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक होगी- विक्की कुमार धान 



हजारीबाग- 17 नवंबर, सोमवार को हजारीबाग के प्रसिद्ध सरहुल मैदान में आदिवासी समाज की चेतना और संघर्ष का प्रतीक बनकर आदिवासी जन आक्रोश महारैली आयोजित होने जा रही है। यह रैली विशेष रूप से कुड़मी (महतों) समाज के अनुसूचित जनजाति में शामिल होने की मांग के विरोध में आयोजित की जा रही है।आदिवासी अस्मिता और एकता को बचाने के लिए यह रैली आदिवासी समाज के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोगों को आकर्षित करेगी। आदिवासी जन आक्रोश महारैली के सचिव सह मीडिया प्रभारी विक्की कुमार धान ने बताया कि यह रैली केवल विरोध का स्वर नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की गरिमा, पहचान और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारा उद्देश्य समाज में एकता और अस्मिता बनाए रखना है। हम चाहते हैं कि हमारी आवाज़ न सिर्फ़ सुनी जाए, बल्कि हमारी वास्तविक समस्या और मांगें सही मायनों में समझी जाएँ। जबकि सार्वजनिक मंच पर आदिवासी समाज के नेता, बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता अपने विचार साझा करेंगे। रैली में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, आदिवासी परंपराओं का प्रदर्शन और सभा में विचार-विमर्श का आयोजन भी किया जाएगा। विक्की कुमार धान ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यह रैली शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जाएगी और सभी उपस्थित लोग आदिवासी संस्कृति और मूल्य की रक्षा करते हुए हिस्सा लें।

CM सोरेन ने ढोल-नगाड़ा बजाकर किया "झारखंड जतरा" का नेतृत्व; 25वें रजत पर्व पर रांची में उमड़ा जनसैलाब

रांची: झारखंड स्थापना के 25वें गौरवशाली रजत जयंती उत्सव के अवसर पर आज राजधानी रांची में भव्य "झारखंड जतरा" का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन स्वयं पारंपरिक ढोल-नगाड़ा बजाकर शामिल हुए।

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जतरा की शुरुआत सुबह जैप–1 ग्राउंड, डोरंडा से हुई, जिसे अनु. जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने नगाड़ा बजाकर और झांकियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह जतरा फिरायालाल चौक होते हुए बिरसा मुंडा स्मृति पार्क, जेल चौक तक निकाली गई।

मुख्यमंत्री ने किया पदयात्रा

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने पारंपरिक ढोल–नगाड़ा बजाकर स्थानीय लोक कलाकारों की हौसला अफजाई की और स्वयं जतरा में शामिल होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक तक पदयात्रा की। पूरे कार्यक्रम के दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिससे वातावरण उल्लास से भर गया।

सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन

"झारखंड जतरा" राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा, लोककला और जनएकता का जीवंत प्रतीक बनी। जतरा में राज्य की विभिन्न जनजातीय एवं स्थानीय समुदायों ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य, गीत, वाद्य और रंगारंग झांकियों के माध्यम से अपनी संस्कृति की झलक पेश की। झांकियों में झारखंड की लोककला, त्यौहार, नायक–नायिकाओं के योगदान और वीर सपूतों के संघर्ष को रचनात्मक रूप से दर्शाया गया था।

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्यवासियों को 25वीं स्थापना वर्षगांठ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि झारखंड सिर्फ भौगोलिक पहचान नहीं, बल्कि संघर्ष, अस्मिता और गौरव की भूमि है।

"राज्य सरकार झारखंड की भाषाई, सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को संरक्षित एवं सशक्त करने की दिशा में निरंतर कार्यरत है। 'झारखंड जतरा' राज्य की सामूहिक भावना, एकता और गौरवशाली विरासत का प्रतीक है।"

जतरा का समापन

जतरा के समापन अवसर पर कृषि मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की एवं विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन बिरसा मुंडा स्मृति पार्क, जेल चौक पहुंचीं। उन्होंने झारखंडी परंपरा के अनुरूप ढोल–नगाड़ा बजाया तथा पारंपरिक नृत्य में सहभागिता कर उत्सव के वातावरण को और अधिक उल्लासमय बनाया।

इस ऐतिहासिक क्षण में बड़ी संख्या में नागरिक, सांस्कृतिक दल, सामाजिक संस्थाएँ और विद्यार्थी मौजूद रहे।

बच्चों को अपने ज्ञान पर चिंतन करने का मौका प्रदान कर रहा है एकीकृत प्रशिक्षण:शिवम पांडे
संजीव सिंह बलिया| परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के दृष्टि से आयोजित हो रहे एकीकृत संपूर्ण प्रशिक्षण के 11 वें बैच के समापन पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार बलिया के प्राचार्य/ उप शिक्षा निदेशक शिवम पांडे जिनका स्थानांतरण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भदोही के पद पर हुआ है, ने अपने संबोधन में बताया कि प्रारंभिक स्तर पर सीखने के परिणाम इस बात का द्योतक है कि छात्रों में आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करने तथा उनकी सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित और सुसज्जित करता है। यह अपनी तरह की एक अनूठी पहल है जिसमें शिक्षकों को प्रथम अस्तर के परामर्शदाता के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि छात्रों की सामाजिक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं के प्रति सजग और उत्तरदाई बनाया जा सके। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार बलिया के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभारी डॉक्टर मृत्युंजय सिंह तथा इस प्रशिक्षण के प्रभारी रविरंजन खरे के प्रयास से अभी तक लगभग 900 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है जबकि जनपद के कल 1500 प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक नई परंपरा की शुरुआत की गई है जिसमें प्रतिभागियों की उपस्थिति , तथा अनुशासन एवं प्रस्तुति के लिए अलग से पुरस्कृत किए जाने की व्यवस्था की गई है। इस बैच के प्रशिक्षण में प्राथमिक विद्यालय बहेरी पंदह के प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ,प्राथमिक विद्यालय बहोरवा खुर्द सियर के सिद्धांत कुमार ,प्राथमिक विद्यालय रासबिहारी नगर बेलहरी के सैयद मोहम्मद अफरोज, प्राथमिक विद्यालय की किशुनीपुर दुबहर के अनिल कुमार, प्राथमिक विद्यालय जमुआ दुबहर के चंदन कुमार गौतम ,प्राथमिक विद्यालय मझौवा बेलहरी के संजीव कुमार राय ,प्राथमिक विद्यालय बनकटा पंदह के अरुण कुमार गुप्ता, प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर उदयपूरा दुबहर की डॉक्टर लीना सिंह ,प्राथमिक विद्यालय कीर्तिपुर सियर की ज्योति वर्मा ,कन्या विद्यालय ककरासो सीयर के शबाना परवीन ,प्राथमिक विद्यालय बुद्धिपुर सियर की प्रियंका ,प्राथमिक विद्यालय प्रतापपुर दुबहर की इंदु देवी , कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय अब्दुलपुर मदारी नगरा की साक्षी गुप्ता, कंपोजिट विद्यालय बराड़ीडीह लवाई पट्टी नगरा के श्रीकांती ,पीएम श्री कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय भूज्यनी सीयर के अश्विनी कुमार पांडे, कंपोजिट विद्यालय मलप नगरा की श्वेता चौधरी, कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय लहसनी नगरा की मंशा तथा प्राथमिक विद्यालय डोघ सीयर के ओमप्रकाश प्रसाद को सम्मानित किया गया। प्रशिक्षणर्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता डॉ जितेंद्र गुप्ता, अविनाश सिंह,किरण सिंह,डॉक्टर अशफाक, देवेंद्र सिंह, राम प्रकाश, डॉक्टर शाइस्ता अंजुम, राम यश योगी,जानू राम तथा पूर्व एकेडमिक पर्सन डॉक्टर शशि भूषण मिश्र, संतोष कुमार तथा शिक्षक चंदन कुमार मिश्र द्वारा पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है।
समाज सेवी मोहम्मद अनीस के द्वारा एक नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया

कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। आंख अस्पताल सीतापुर के सौजन्य से क्षेत्र के ग्राम गंगा दीन पुरवा में समाज सेवी मोहम्मद अनीस के द्वारा एक नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। रविवार को आंख अस्पताल सीतापुर के सौजन्य से एक निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन ग्राम गंगा दीन पुरवा में एम एस मेडिकल स्टोर पर किया गया जिसमें विभिन्न ग्रामों के 120 नेत्र रोगियों ने अपना पंजीकरण कराया। शिविर के आयोजक डॉक्टर मोहम्मद अनीस ने बताया कि, डॉक्टर ,डॉ राहुल वर्मा

एवं पैरामेडिकल स्टाफ के सहाना, रोहित श्रीवास्तव, शाहनवाज हुसैन, चांदनी, आयुषी करण कश्यप, मोहम्मद नफीस व रामकिशोर शुक्ला ने मरीजों का, नेत्र परीक्षण कर उन्हें दवाइयां व उचित परामर्श दिया। आयोजक डॉक्टर मोहम्मद अनीस के अनुसार जांच के उपरांत 65 मरीजों को ऑपरेशन योग्य पाया गया जिन्हें ऑपरेशन के लिए बस के द्वारा सीतापुर आंख अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका सफल ऑपरेशन किया जायेगा। इस मौके पर मोहम्मद अनीस, मोहम्मद सलीम, अशफाक, अकरम, मोहम्मद जलीस, रईस अहमद, मोहम्मद नफीस, राजेश कुमार सहित मरीज व उनके परिजन उपस्थित थे।

झारखंड में कृषि पर क्लस्टर अप्रोच: 'एक गांव-एक फसल' योजना शुरू, 100 गांवों में 16 हजार हेक्टेयर से अधिक ज़मीन पर होगी तेलहन की खेती


रांची: झारखंड कृषि विभाग ने बिरसा फसल विस्तार योजना के तहत अब 'एक गांव-एक फसल' की नई रणनीति पर काम शुरू करने का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की के निर्देश पर, इस बार क्लस्टर अप्रोच में 100 गांवों का चयन किया जाएगा ताकि छोटे-छोटे रकबे में अलग-अलग फसलों के प्रत्यक्षण के कारण जो असर नहीं दिखता था, उसे दूर किया जा सके।

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उप कृषि निदेशक (योजना) ने इससे संबंधित पत्र सभी जिलों के जिला कृषि पदाधिकारी तथा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को भेज दिया है।

रबी फसल का लक्ष्य और वितरण

विभाग ने रबी सीजन के लिए उत्पादन बढ़ाने हेतु तेलहन और दलहन फसलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है:

फसल योजना के तहत लक्ष्य (हेक्टेयर) बीज वितरण

तेलहन 16,101 हेक्टेयर (100 गांवों में) 6 किलो प्रति हेक्टेयर

चना (टरफा) 5,710 हेक्टेयर 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर

चना (एनएफएसएनएम) 3,000 हेक्टेयर -

मसूर (टरफा) 1,900 हेक्टेयर -

मसूर (एनएफएसएनएम) ~1,600 हेक्टेयर -

मूंग (टरफा) ~1,900 हेक्टेयर -

लाभार्थियों के चयन में बदलाव

विभाग ने तय किया है कि खरीफ सीजन में जिस गाँव को सरकारी स्कीम का लाभ मिल चुका है, उसे इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। मंत्री को जानकारी मिली थी कि कई बार एक ही गाँव के किसानों को बार-बार लाभ दिया जाता था, जिससे स्कीम का व्यापक असर नहीं दिखता था। इस नए नियम से लाभ का वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

दिल्ली ब्लास्ट में फंसी डॉ. शाहीन : जैश-ए-मोहम्मद से 10 साल का खतरनाक कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की रहस्यमयी गतिविधियां भी उजागर
लखनऊ । दिल्ली ब्लास्ट के एक सनसनीखेज मामले में लखनऊ की डॉ. शाहीन ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। सिर्फ एक गायब डॉक्टर का मामला नहीं, बल्कि 10 साल से पाक समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क में सक्रिय शाहीन अब अंतरराष्ट्रीय संपर्क और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के गहरे रहस्यों के केंद्र में हैं।

सात बैंक खाते, लेनदेन पर एजेंसियों की नजर

सुरक्षा एजेंसियों को डॉ. शाहीन के सात बैंक खातों का पता चला है कानपुर में तीन, लखनऊ में दो और दिल्ली में दो। इन खातों में हुए लेनदेन की जानकारी जुटाई जा रही है। एजेंसियां मानती हैं कि खातों में लेनदेन करने वालों का पता चलने पर बड़ा खुलासा हो सकता है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से गायब होने की कहानी

डॉ. शाहीन ने जनवरी से अक्टूबर 2025 तक कितनी बार मेडिकल कॉलेज का दौरा किया, किससे मुलाकात की, कहां रुकी सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। वह सामान्य महिला फैकल्टी की तरह काम करती थी, छुट्टियां कम लेती और बच्चा लेकर अस्पताल आती। दिसंबर 2013 में उसने अचानक एचओडी का कार्यभार सहयोगी को सौंप दिया और लौटकर नहीं आई। लगातार नोटिस और पत्राचार के बाद भी जवाब नहीं मिला। 2016 में उसके पंजीकृत पते पर कर्मचारी भेजे गए, लेकिन पता गलत निकला। अंततः 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया गया।

डा. शाहीने के साथी डॉक्टर भी लापता

डॉ. शाहीन अकेली नहीं थी। मेडिकल कॉलेज से कुल सात डॉक्टर लापता हो गए थे, जिनमें फिजियोलॉजी, एनाटॉमी, मेडिसिन और सर्जरी विभाग के डॉक्टर शामिल हैं। सभी को नोटिस देने के बाद बर्खास्त किया गया था। एजेंसियां अब उनकी वर्तमान लोकेशन, कॉलेज में व्यवहार और बर्खास्तगी से जुड़े रिकॉर्ड खंगाल रही हैं।

भाई डॉ. परवेज कानपुर शहर में नेटवर्क फैलाने की कोशिश में थे

एजेंसियों के अनुसार, शाहीन लंबे समय तक कानपुर और आसपास रही। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन के संपर्क में रही और कई देशों में इस्लाम धर्म का प्रचार कर रही है। उसके भाई डॉ. परवेज कानपुर में सक्रिय रहे और शहर में नेटवर्क फैलाने की कोशिश में थे। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि डॉ. परवेज कब-कब शहर आया और किन लोगों से संपर्क में रहा।

स्वास्थ्य शिविर चलाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू

शाहीन के नेटवर्क का पता लगाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर चलाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू किया गया है। इन एनजीओ को मिलने वाली फंडिंग, खातों के लेनदेन और अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा शहर में आने वाले 31 कश्मीरी व्यापारी जो संवेदनशील इलाकों में कमरे किराये पर लेकर रहते हैं, उनका भी सत्यापन किया जा रहा है।

यह पूरा मामला केवल दिल्ली बम धमाके तक सीमित नहीं

एजेंसियों का मानना है कि डॉ. शाहीन का मामला केवल दिल्ली बम धमाके तक सीमित नहीं है। उसके संपर्क और वित्तीय लेनदेन के पीछे व्यापक नेटवर्क सामने आ सकता है। कानपुर और लखनऊ के बैंक खातों से जुड़े हर छोटे-से-छोटे ट्रांज़ैक्शन पर नजर रखी जा रही है, ताकि संगठन से जुड़े लोगों की पहचान की जा सके। इस सनसनीखेज मामले ने अब तक के मेडिकल कॉलेज इतिहास और सुरक्षा एजेंसियों की जांच में एक नई दिशा दे दी है।

डॉ. शाहीन के 10 साल से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी होने का खुलासा

बता दें कि 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए ब्लास्ट मामले में नाम आने वाली लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद पर अब तक की जांच में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) सूत्रों का कहना है कि डॉ. शाहीन लगभग 10 साल से पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी हुई थी। सूत्रों के अनुसार, शाहीन ने 2015 में जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क किया और पहले एक साल तक संगठन को संवेदनशील सूचनाएं भेजने का काम किया। 2016 में वह संगठन की सक्रिय सदस्य बन गई। इसके बाद से वह लगातार संगठन के नेटवर्क में रही और एजेंसियों के लिए चुनौती बनी।

पिछले 10 वर्षों में डॉ. शाहीन कहां-कहां रही, इस पता लगाने में जुटीं एजेंसियां

सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि पिछले 10 वर्षों में डॉ. शाहीन कहां-कहां रही, किन लोगों से संपर्क में आई और उसके नेटवर्क में कौन-कौन शामिल रहा। एजेंसियां उसके बैंक लेनदेन, संपर्क और वित्तीय सहयोगियों की भी गहन जांच कर रही हैं।डॉ. शाहीन का नाम दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में आने के बाद उसकी गतिविधियों की गहन पड़ताल शुरू की गई है। एजेंसियों का मानना है कि संगठन के लिए उसकी भूमिका केवल जानकारी पहुंचाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसने सक्रिय रूप से संगठन के लिए सहयोग और नेटवर्क फैलाने में मदद की।NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियां डॉ. शाहीन के पूरे नेटवर्क को पकड़ने और उसके सहयोगियों की पहचान करने के लिए संवेदनशील खुफिया जांच कर रही हैं।
झारखंड का रजत पर्व: मोरहाबादी में भव्य समारोह, ₹8,799 करोड़ की 1087 योजनाओं की सौगात

रांची: देश के मानचित्र पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य आज अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) का भव्य समारोह मना रहा है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का पहला दिन उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया।

₹8,799 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

समारोह के मुख्य आकर्षण में राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में राज्य की जनता को ₹8,799 करोड़ की कुल 1087 योजनाओं की सौगात दी गई।

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शिलान्यास: ₹4,475 करोड़ की 209 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उद्घाटन: ₹4,324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटित प्रमुख योजनाओं में विधानसभा सदस्यों के लिए कोर कैपिटल एरिया में आवासीय परिसर, देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन, गिरिडीह नगर पालिका भवन और सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय स्ट्रैटर्फ हॉकी स्टेडियम शामिल हैं।

अभी अपनी किडनी देकर बचाया था पिता का जीवन, आज परिवार से तोड़ा नाता, क्या है लालू परिवार में टूट की वजह?

#rohini _

बिहार चुनाव परिणाम में महागठबंधन की करारी हार के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं। इस हार के साथ ही लालू प्रसाद यादव के परिवार के भीतर का कलह तेजी से बाहर आने लगा है। पूर्व सीएम लालू के सबसे बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के निष्कासन के बाद उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। ये लालू की वही बेटी है जिन्होंने कभी अपने पिता को किडनी दान कर उनकी जान बचाई थी।

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हार के बाद संजय-रमीज और तेजस्वी का लिया नाम

शनिवार को लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर परिवार छोड़ने का ऐलान किया। रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि मैं राजनीति छोड़ रही हूं। साथ ही मैं अपने परिवार से भी नाता तोड़ रही हूं। मुझे संजय यादव और रमीज ने जो कुछ करने के लिए कहा है मैं वही कर रही हूं। मैं सभी दोष अपने ऊपर ले रही हूं।

जो चाणक्य बनेगा उसी से सवाल होगा- रोहिणी

अपने इस फैसले के बाद रोहिणी ने पत्रकारों से बात करते हुए कोई परिवार नहीं होने की बात दोहराई। साथ ही उन्होंने संजय, रमीज और तेजस्वी यादव से पार्टी की इस हालत पर सवाल करने को कहा। रोहिणी आचार्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, मेरा कोई परिवार नहीं है। इसके बारे में सभी सवाल संजय, रमीज और तेजस्वी यादव से पूछिए। उन लोगों ने मुझे परिवार से निकाला है। उन्हें जिम्मेदारी नहीं लेनी है। पूरी दुनिया बोल रही है। जो चाणक्य बनेगा, तो उसी से सवाल होगा। आज के समय में कार्यकर्ता और पूरे लोग सवाल कर रहे हैं कि पार्टी का ऐसा हाल क्यों हुआ?

संजय-रमीज का नाम लीजिए तो... - रोहिणी

रोहणी यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने आगे कहा कि जब संजय और रमीज का नाम लीजिए, तो आपको घर से निकलवा दिया जाएगा, अशब्द बोला जाएगा और बदनाम किया जाएगा। आपके ऊपर चप्पल उठाकर मारा जाएगा।

परिवार में सुलग रही आग फिर भड़की

दरअसल, बिहार चुनाव में विपक्षी महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। राजद का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी राजद मात्र 25 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। ऐसे में पहले से सुलग रही आग और भड़क गई है। लालू परिवार में फूट देखने को मिल रहा है। इससे पहले सितंबर में रोहणी ने लालू, तेजस्वी और पार्टी के हैंडल्स अनफॉलो कर दी थी। जबकि तेज प्रताप ने रोहिणी का समर्थन करते हुए संजय पर ‘सुदर्शन चक्र’ चलाने की बात कही थी।

ये है विवाद की जड़

बता दें कि विवाद की शुरुआत मई 2025 में हुई थी। जब तेज प्रताप यादव ने अपनी नई रिलेशनशिप का खुलासा किया था। उस समय परिवार में भूचाल आ गया था। लालू यादव ने तत्काल तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया था। वहीं, तेज प्रताप ने संजय यादव को ‘जयचंद’ ठहराते हुए दोषी करार दिया, जो तेजस्वी यादव के सबसे करीबी सलाहकार हैं।

*12 नवंबर से शुरू हुई अयोध्या की पदयात्रा का समापन आगामी 24 नवंबर को प्रयागराज में होगा*
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह आज अपनी रोजगार दो सामाजिक न्याय दो यात्रा लेकर सुल्तानपुर पहुंचे। इस दौरान जगह जगह उन्हें समर्थन तो मिल ही रहा है साथ ही स्वागत किया जा रहा है। बीते 12 नवंबर से शुरू हुई अयोध्या की पदयात्रा का समापन आगामी 24 नवंबर को प्रयागराज में होगाइस दौरान मीडिया से रूबरू हुए संजय सिंह ने इस यात्रा के मायने बताया साथ ही प्रदेश की योगी सरकार को भी निशाने पर लिया।वहीं बिहार चुनाव में एनडीए को मिले प्रचंड बहुमत पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसकी घोषणा तो उन्हें पहले ही कर दी थी। संजय सिंह ने कहा SIR से 80 लाख वोट चोरी का असर इस चुनाव में देखने को मिला है। उन्होंने चुनाव आयोग को निशाने पर लेते हुए कहा कि मैने पहले ही कहा था कि जीत का प्रमाणपत्र ज्ञानेश कुमार ने पहले ही मोदी जी को पहुंचा दिया है। शुक्र मनाइए की उन्होंने 243 सर्टिफिकेट नहीं दिए। ये कृपा की उन्होंने। विपक्ष को इसका अहसानमंद होना चाहिए। संजय सिंह ने कहा कि पूरी एनडीए को ज्ञानेश कुमार जी का माल्यार्पण करना चाहिए। बाइट संजय सिंह राज्यसभा सांसद आम आदमी पार्टी इसके साथ ही अयोध्या से प्रयागराज तक यात्रा करने के सवाल पर भी संजय सिंह जवाब दिया।
रांची में तीन पुलिसकर्मियों की मौत से सनसनी… बेकाबू होकर धुर्वा डैम में गिरी कार, 3 घंटे बाद मिले शव

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झारखंड के रांची में सुबह धुर्वा डैम से 3 पुलिसकर्मियों के शव मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. मृतकों की पहचान झारखंड के जमशेदपुर के प्रिंसिपल जिला जज के दो बॉडीगार्ड और सरकारी ड्राइवर के रूप में हुई है. जानकारी के मुताबिक दो बॉडीगार्ड और ड्राइवर शुक्रवार की देर रात रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र के धुर्वा डैम से होकर गुजर रहे थे. इसी दौरान तेज रफ्तार व्हाइट स्विफ्ट डिजायर टर्निंग पर अनियंत्रित हो गई और सीधे लगभग 30 फीट नीचे धुर्वा डैम में जा गिरी.

इस हादसे में तीनों पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. मृतकों में उपेंद्र कुमार सिंह, रोबिन कुजूर और सतेंद्र सिंह शामिल हैं. तीनों के शव को धुर्वा डैम से बरामद कर लिया गया है. धुर्वा थाना की पुलिस ने तीनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स अस्पताल भेजा और जांच के दौरान डैम से मृतक पुलिसकर्मियों के हथियार और दुर्घटनाग्रस्त कार को भी जब्त किया है.

स्थानीय लोगों ने घटना पर क्या बताया?

धुर्वा डैम के पास के रहने वाले स्थानीय लोगों के मुताबिक शुक्रवार की देर रात धुर्वा डैम के पास से एक वाहन तेज रफ्तार में गुजर रहा था. अचानक वह वाहन टर्निंग प्वाइंट के पास असंतुलित हो गया और सीधे रोड से नीचे पटकनी खाते हुए तेजी के साथ धुर्वा डैम में गिर गया. देर रात हुए भीषण हादसे की जानकारी मिलने पर धुर्वा और नगड़ी की पुलिस मौके पर पहुंची.

कार के अंदर से मिलीे तीनों पुलिसकर्मियों के शव

2 से 3 घंटे की मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों और गोताखोरों की मदद ने पुलिस ने धुर्वा डैम से दुर्घटनाग्रस्त कार को बाहर निकाला, जिसके अंदर से तीन पुलिसकर्मियों के शव और दो पुलिसकर्मियों के पास से हथियार बरामद किए. फिलहाल भीषण हादसे की वजहों को लेकर रांची पुलिस गहनता से जांच में जुट गई है. रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र के धुर्वा डैम में हुई इस घटना से कुछ दिन पहले ही डैम में नहाने के दौरान एक युवक के डूबने से मौत हो गई थी. मृतक की पहचान लोधमा निचयातु डूमर टोली के रहने वाले चंदन कुमार के रूप में की हुई थी.

सांस्कृतिक चेतना और एकता का संदेश देगी 17 नवंबर की आदिवासी महारैली

आदिवासी जन आक्रोश महारैली विरोध का स्वर नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की गरिमा, पहचान और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक होगी- विक्की कुमार धान 



हजारीबाग- 17 नवंबर, सोमवार को हजारीबाग के प्रसिद्ध सरहुल मैदान में आदिवासी समाज की चेतना और संघर्ष का प्रतीक बनकर आदिवासी जन आक्रोश महारैली आयोजित होने जा रही है। यह रैली विशेष रूप से कुड़मी (महतों) समाज के अनुसूचित जनजाति में शामिल होने की मांग के विरोध में आयोजित की जा रही है।आदिवासी अस्मिता और एकता को बचाने के लिए यह रैली आदिवासी समाज के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोगों को आकर्षित करेगी। आदिवासी जन आक्रोश महारैली के सचिव सह मीडिया प्रभारी विक्की कुमार धान ने बताया कि यह रैली केवल विरोध का स्वर नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की गरिमा, पहचान और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारा उद्देश्य समाज में एकता और अस्मिता बनाए रखना है। हम चाहते हैं कि हमारी आवाज़ न सिर्फ़ सुनी जाए, बल्कि हमारी वास्तविक समस्या और मांगें सही मायनों में समझी जाएँ। जबकि सार्वजनिक मंच पर आदिवासी समाज के नेता, बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता अपने विचार साझा करेंगे। रैली में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, आदिवासी परंपराओं का प्रदर्शन और सभा में विचार-विमर्श का आयोजन भी किया जाएगा। विक्की कुमार धान ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यह रैली शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जाएगी और सभी उपस्थित लोग आदिवासी संस्कृति और मूल्य की रक्षा करते हुए हिस्सा लें।

CM सोरेन ने ढोल-नगाड़ा बजाकर किया "झारखंड जतरा" का नेतृत्व; 25वें रजत पर्व पर रांची में उमड़ा जनसैलाब

रांची: झारखंड स्थापना के 25वें गौरवशाली रजत जयंती उत्सव के अवसर पर आज राजधानी रांची में भव्य "झारखंड जतरा" का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन स्वयं पारंपरिक ढोल-नगाड़ा बजाकर शामिल हुए।

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जतरा की शुरुआत सुबह जैप–1 ग्राउंड, डोरंडा से हुई, जिसे अनु. जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने नगाड़ा बजाकर और झांकियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह जतरा फिरायालाल चौक होते हुए बिरसा मुंडा स्मृति पार्क, जेल चौक तक निकाली गई।

मुख्यमंत्री ने किया पदयात्रा

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने पारंपरिक ढोल–नगाड़ा बजाकर स्थानीय लोक कलाकारों की हौसला अफजाई की और स्वयं जतरा में शामिल होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक तक पदयात्रा की। पूरे कार्यक्रम के दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिससे वातावरण उल्लास से भर गया।

सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन

"झारखंड जतरा" राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा, लोककला और जनएकता का जीवंत प्रतीक बनी। जतरा में राज्य की विभिन्न जनजातीय एवं स्थानीय समुदायों ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य, गीत, वाद्य और रंगारंग झांकियों के माध्यम से अपनी संस्कृति की झलक पेश की। झांकियों में झारखंड की लोककला, त्यौहार, नायक–नायिकाओं के योगदान और वीर सपूतों के संघर्ष को रचनात्मक रूप से दर्शाया गया था।

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्यवासियों को 25वीं स्थापना वर्षगांठ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि झारखंड सिर्फ भौगोलिक पहचान नहीं, बल्कि संघर्ष, अस्मिता और गौरव की भूमि है।

"राज्य सरकार झारखंड की भाषाई, सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को संरक्षित एवं सशक्त करने की दिशा में निरंतर कार्यरत है। 'झारखंड जतरा' राज्य की सामूहिक भावना, एकता और गौरवशाली विरासत का प्रतीक है।"

जतरा का समापन

जतरा के समापन अवसर पर कृषि मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की एवं विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन बिरसा मुंडा स्मृति पार्क, जेल चौक पहुंचीं। उन्होंने झारखंडी परंपरा के अनुरूप ढोल–नगाड़ा बजाया तथा पारंपरिक नृत्य में सहभागिता कर उत्सव के वातावरण को और अधिक उल्लासमय बनाया।

इस ऐतिहासिक क्षण में बड़ी संख्या में नागरिक, सांस्कृतिक दल, सामाजिक संस्थाएँ और विद्यार्थी मौजूद रहे।

बच्चों को अपने ज्ञान पर चिंतन करने का मौका प्रदान कर रहा है एकीकृत प्रशिक्षण:शिवम पांडे
संजीव सिंह बलिया| परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के दृष्टि से आयोजित हो रहे एकीकृत संपूर्ण प्रशिक्षण के 11 वें बैच के समापन पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार बलिया के प्राचार्य/ उप शिक्षा निदेशक शिवम पांडे जिनका स्थानांतरण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भदोही के पद पर हुआ है, ने अपने संबोधन में बताया कि प्रारंभिक स्तर पर सीखने के परिणाम इस बात का द्योतक है कि छात्रों में आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करने तथा उनकी सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित और सुसज्जित करता है। यह अपनी तरह की एक अनूठी पहल है जिसमें शिक्षकों को प्रथम अस्तर के परामर्शदाता के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि छात्रों की सामाजिक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं के प्रति सजग और उत्तरदाई बनाया जा सके। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार बलिया के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभारी डॉक्टर मृत्युंजय सिंह तथा इस प्रशिक्षण के प्रभारी रविरंजन खरे के प्रयास से अभी तक लगभग 900 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है जबकि जनपद के कल 1500 प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक नई परंपरा की शुरुआत की गई है जिसमें प्रतिभागियों की उपस्थिति , तथा अनुशासन एवं प्रस्तुति के लिए अलग से पुरस्कृत किए जाने की व्यवस्था की गई है। इस बैच के प्रशिक्षण में प्राथमिक विद्यालय बहेरी पंदह के प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ,प्राथमिक विद्यालय बहोरवा खुर्द सियर के सिद्धांत कुमार ,प्राथमिक विद्यालय रासबिहारी नगर बेलहरी के सैयद मोहम्मद अफरोज, प्राथमिक विद्यालय की किशुनीपुर दुबहर के अनिल कुमार, प्राथमिक विद्यालय जमुआ दुबहर के चंदन कुमार गौतम ,प्राथमिक विद्यालय मझौवा बेलहरी के संजीव कुमार राय ,प्राथमिक विद्यालय बनकटा पंदह के अरुण कुमार गुप्ता, प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर उदयपूरा दुबहर की डॉक्टर लीना सिंह ,प्राथमिक विद्यालय कीर्तिपुर सियर की ज्योति वर्मा ,कन्या विद्यालय ककरासो सीयर के शबाना परवीन ,प्राथमिक विद्यालय बुद्धिपुर सियर की प्रियंका ,प्राथमिक विद्यालय प्रतापपुर दुबहर की इंदु देवी , कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय अब्दुलपुर मदारी नगरा की साक्षी गुप्ता, कंपोजिट विद्यालय बराड़ीडीह लवाई पट्टी नगरा के श्रीकांती ,पीएम श्री कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय भूज्यनी सीयर के अश्विनी कुमार पांडे, कंपोजिट विद्यालय मलप नगरा की श्वेता चौधरी, कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय लहसनी नगरा की मंशा तथा प्राथमिक विद्यालय डोघ सीयर के ओमप्रकाश प्रसाद को सम्मानित किया गया। प्रशिक्षणर्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता डॉ जितेंद्र गुप्ता, अविनाश सिंह,किरण सिंह,डॉक्टर अशफाक, देवेंद्र सिंह, राम प्रकाश, डॉक्टर शाइस्ता अंजुम, राम यश योगी,जानू राम तथा पूर्व एकेडमिक पर्सन डॉक्टर शशि भूषण मिश्र, संतोष कुमार तथा शिक्षक चंदन कुमार मिश्र द्वारा पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है।
समाज सेवी मोहम्मद अनीस के द्वारा एक नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया

कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। आंख अस्पताल सीतापुर के सौजन्य से क्षेत्र के ग्राम गंगा दीन पुरवा में समाज सेवी मोहम्मद अनीस के द्वारा एक नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। रविवार को आंख अस्पताल सीतापुर के सौजन्य से एक निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन ग्राम गंगा दीन पुरवा में एम एस मेडिकल स्टोर पर किया गया जिसमें विभिन्न ग्रामों के 120 नेत्र रोगियों ने अपना पंजीकरण कराया। शिविर के आयोजक डॉक्टर मोहम्मद अनीस ने बताया कि, डॉक्टर ,डॉ राहुल वर्मा

एवं पैरामेडिकल स्टाफ के सहाना, रोहित श्रीवास्तव, शाहनवाज हुसैन, चांदनी, आयुषी करण कश्यप, मोहम्मद नफीस व रामकिशोर शुक्ला ने मरीजों का, नेत्र परीक्षण कर उन्हें दवाइयां व उचित परामर्श दिया। आयोजक डॉक्टर मोहम्मद अनीस के अनुसार जांच के उपरांत 65 मरीजों को ऑपरेशन योग्य पाया गया जिन्हें ऑपरेशन के लिए बस के द्वारा सीतापुर आंख अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका सफल ऑपरेशन किया जायेगा। इस मौके पर मोहम्मद अनीस, मोहम्मद सलीम, अशफाक, अकरम, मोहम्मद जलीस, रईस अहमद, मोहम्मद नफीस, राजेश कुमार सहित मरीज व उनके परिजन उपस्थित थे।

झारखंड में कृषि पर क्लस्टर अप्रोच: 'एक गांव-एक फसल' योजना शुरू, 100 गांवों में 16 हजार हेक्टेयर से अधिक ज़मीन पर होगी तेलहन की खेती


रांची: झारखंड कृषि विभाग ने बिरसा फसल विस्तार योजना के तहत अब 'एक गांव-एक फसल' की नई रणनीति पर काम शुरू करने का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की के निर्देश पर, इस बार क्लस्टर अप्रोच में 100 गांवों का चयन किया जाएगा ताकि छोटे-छोटे रकबे में अलग-अलग फसलों के प्रत्यक्षण के कारण जो असर नहीं दिखता था, उसे दूर किया जा सके।

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उप कृषि निदेशक (योजना) ने इससे संबंधित पत्र सभी जिलों के जिला कृषि पदाधिकारी तथा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को भेज दिया है।

रबी फसल का लक्ष्य और वितरण

विभाग ने रबी सीजन के लिए उत्पादन बढ़ाने हेतु तेलहन और दलहन फसलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है:

फसल योजना के तहत लक्ष्य (हेक्टेयर) बीज वितरण

तेलहन 16,101 हेक्टेयर (100 गांवों में) 6 किलो प्रति हेक्टेयर

चना (टरफा) 5,710 हेक्टेयर 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर

चना (एनएफएसएनएम) 3,000 हेक्टेयर -

मसूर (टरफा) 1,900 हेक्टेयर -

मसूर (एनएफएसएनएम) ~1,600 हेक्टेयर -

मूंग (टरफा) ~1,900 हेक्टेयर -

लाभार्थियों के चयन में बदलाव

विभाग ने तय किया है कि खरीफ सीजन में जिस गाँव को सरकारी स्कीम का लाभ मिल चुका है, उसे इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। मंत्री को जानकारी मिली थी कि कई बार एक ही गाँव के किसानों को बार-बार लाभ दिया जाता था, जिससे स्कीम का व्यापक असर नहीं दिखता था। इस नए नियम से लाभ का वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

दिल्ली ब्लास्ट में फंसी डॉ. शाहीन : जैश-ए-मोहम्मद से 10 साल का खतरनाक कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की रहस्यमयी गतिविधियां भी उजागर
लखनऊ । दिल्ली ब्लास्ट के एक सनसनीखेज मामले में लखनऊ की डॉ. शाहीन ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। सिर्फ एक गायब डॉक्टर का मामला नहीं, बल्कि 10 साल से पाक समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क में सक्रिय शाहीन अब अंतरराष्ट्रीय संपर्क और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के गहरे रहस्यों के केंद्र में हैं।

सात बैंक खाते, लेनदेन पर एजेंसियों की नजर

सुरक्षा एजेंसियों को डॉ. शाहीन के सात बैंक खातों का पता चला है कानपुर में तीन, लखनऊ में दो और दिल्ली में दो। इन खातों में हुए लेनदेन की जानकारी जुटाई जा रही है। एजेंसियां मानती हैं कि खातों में लेनदेन करने वालों का पता चलने पर बड़ा खुलासा हो सकता है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से गायब होने की कहानी

डॉ. शाहीन ने जनवरी से अक्टूबर 2025 तक कितनी बार मेडिकल कॉलेज का दौरा किया, किससे मुलाकात की, कहां रुकी सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। वह सामान्य महिला फैकल्टी की तरह काम करती थी, छुट्टियां कम लेती और बच्चा लेकर अस्पताल आती। दिसंबर 2013 में उसने अचानक एचओडी का कार्यभार सहयोगी को सौंप दिया और लौटकर नहीं आई। लगातार नोटिस और पत्राचार के बाद भी जवाब नहीं मिला। 2016 में उसके पंजीकृत पते पर कर्मचारी भेजे गए, लेकिन पता गलत निकला। अंततः 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया गया।

डा. शाहीने के साथी डॉक्टर भी लापता

डॉ. शाहीन अकेली नहीं थी। मेडिकल कॉलेज से कुल सात डॉक्टर लापता हो गए थे, जिनमें फिजियोलॉजी, एनाटॉमी, मेडिसिन और सर्जरी विभाग के डॉक्टर शामिल हैं। सभी को नोटिस देने के बाद बर्खास्त किया गया था। एजेंसियां अब उनकी वर्तमान लोकेशन, कॉलेज में व्यवहार और बर्खास्तगी से जुड़े रिकॉर्ड खंगाल रही हैं।

भाई डॉ. परवेज कानपुर शहर में नेटवर्क फैलाने की कोशिश में थे

एजेंसियों के अनुसार, शाहीन लंबे समय तक कानपुर और आसपास रही। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन के संपर्क में रही और कई देशों में इस्लाम धर्म का प्रचार कर रही है। उसके भाई डॉ. परवेज कानपुर में सक्रिय रहे और शहर में नेटवर्क फैलाने की कोशिश में थे। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि डॉ. परवेज कब-कब शहर आया और किन लोगों से संपर्क में रहा।

स्वास्थ्य शिविर चलाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू

शाहीन के नेटवर्क का पता लगाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर चलाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू किया गया है। इन एनजीओ को मिलने वाली फंडिंग, खातों के लेनदेन और अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा शहर में आने वाले 31 कश्मीरी व्यापारी जो संवेदनशील इलाकों में कमरे किराये पर लेकर रहते हैं, उनका भी सत्यापन किया जा रहा है।

यह पूरा मामला केवल दिल्ली बम धमाके तक सीमित नहीं

एजेंसियों का मानना है कि डॉ. शाहीन का मामला केवल दिल्ली बम धमाके तक सीमित नहीं है। उसके संपर्क और वित्तीय लेनदेन के पीछे व्यापक नेटवर्क सामने आ सकता है। कानपुर और लखनऊ के बैंक खातों से जुड़े हर छोटे-से-छोटे ट्रांज़ैक्शन पर नजर रखी जा रही है, ताकि संगठन से जुड़े लोगों की पहचान की जा सके। इस सनसनीखेज मामले ने अब तक के मेडिकल कॉलेज इतिहास और सुरक्षा एजेंसियों की जांच में एक नई दिशा दे दी है।

डॉ. शाहीन के 10 साल से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी होने का खुलासा

बता दें कि 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए ब्लास्ट मामले में नाम आने वाली लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद पर अब तक की जांच में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) सूत्रों का कहना है कि डॉ. शाहीन लगभग 10 साल से पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी हुई थी। सूत्रों के अनुसार, शाहीन ने 2015 में जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क किया और पहले एक साल तक संगठन को संवेदनशील सूचनाएं भेजने का काम किया। 2016 में वह संगठन की सक्रिय सदस्य बन गई। इसके बाद से वह लगातार संगठन के नेटवर्क में रही और एजेंसियों के लिए चुनौती बनी।

पिछले 10 वर्षों में डॉ. शाहीन कहां-कहां रही, इस पता लगाने में जुटीं एजेंसियां

सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि पिछले 10 वर्षों में डॉ. शाहीन कहां-कहां रही, किन लोगों से संपर्क में आई और उसके नेटवर्क में कौन-कौन शामिल रहा। एजेंसियां उसके बैंक लेनदेन, संपर्क और वित्तीय सहयोगियों की भी गहन जांच कर रही हैं।डॉ. शाहीन का नाम दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में आने के बाद उसकी गतिविधियों की गहन पड़ताल शुरू की गई है। एजेंसियों का मानना है कि संगठन के लिए उसकी भूमिका केवल जानकारी पहुंचाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसने सक्रिय रूप से संगठन के लिए सहयोग और नेटवर्क फैलाने में मदद की।NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियां डॉ. शाहीन के पूरे नेटवर्क को पकड़ने और उसके सहयोगियों की पहचान करने के लिए संवेदनशील खुफिया जांच कर रही हैं।
झारखंड का रजत पर्व: मोरहाबादी में भव्य समारोह, ₹8,799 करोड़ की 1087 योजनाओं की सौगात

रांची: देश के मानचित्र पर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य आज अपने स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) का भव्य समारोह मना रहा है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय राज्यस्तरीय महोत्सव का पहला दिन उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया।

₹8,799 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास

समारोह के मुख्य आकर्षण में राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की उपस्थिति में राज्य की जनता को ₹8,799 करोड़ की कुल 1087 योजनाओं की सौगात दी गई।

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शिलान्यास: ₹4,475 करोड़ की 209 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

उद्घाटन: ₹4,324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटित प्रमुख योजनाओं में विधानसभा सदस्यों के लिए कोर कैपिटल एरिया में आवासीय परिसर, देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन, गिरिडीह नगर पालिका भवन और सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय स्ट्रैटर्फ हॉकी स्टेडियम शामिल हैं।

अभी अपनी किडनी देकर बचाया था पिता का जीवन, आज परिवार से तोड़ा नाता, क्या है लालू परिवार में टूट की वजह?

#rohini _

बिहार चुनाव परिणाम में महागठबंधन की करारी हार के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं। इस हार के साथ ही लालू प्रसाद यादव के परिवार के भीतर का कलह तेजी से बाहर आने लगा है। पूर्व सीएम लालू के सबसे बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के निष्कासन के बाद उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। ये लालू की वही बेटी है जिन्होंने कभी अपने पिता को किडनी दान कर उनकी जान बचाई थी।

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हार के बाद संजय-रमीज और तेजस्वी का लिया नाम

शनिवार को लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर परिवार छोड़ने का ऐलान किया। रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि मैं राजनीति छोड़ रही हूं। साथ ही मैं अपने परिवार से भी नाता तोड़ रही हूं। मुझे संजय यादव और रमीज ने जो कुछ करने के लिए कहा है मैं वही कर रही हूं। मैं सभी दोष अपने ऊपर ले रही हूं।

जो चाणक्य बनेगा उसी से सवाल होगा- रोहिणी

अपने इस फैसले के बाद रोहिणी ने पत्रकारों से बात करते हुए कोई परिवार नहीं होने की बात दोहराई। साथ ही उन्होंने संजय, रमीज और तेजस्वी यादव से पार्टी की इस हालत पर सवाल करने को कहा। रोहिणी आचार्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, मेरा कोई परिवार नहीं है। इसके बारे में सभी सवाल संजय, रमीज और तेजस्वी यादव से पूछिए। उन लोगों ने मुझे परिवार से निकाला है। उन्हें जिम्मेदारी नहीं लेनी है। पूरी दुनिया बोल रही है। जो चाणक्य बनेगा, तो उसी से सवाल होगा। आज के समय में कार्यकर्ता और पूरे लोग सवाल कर रहे हैं कि पार्टी का ऐसा हाल क्यों हुआ?

संजय-रमीज का नाम लीजिए तो... - रोहिणी

रोहणी यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने आगे कहा कि जब संजय और रमीज का नाम लीजिए, तो आपको घर से निकलवा दिया जाएगा, अशब्द बोला जाएगा और बदनाम किया जाएगा। आपके ऊपर चप्पल उठाकर मारा जाएगा।

परिवार में सुलग रही आग फिर भड़की

दरअसल, बिहार चुनाव में विपक्षी महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। राजद का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी राजद मात्र 25 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। ऐसे में पहले से सुलग रही आग और भड़क गई है। लालू परिवार में फूट देखने को मिल रहा है। इससे पहले सितंबर में रोहणी ने लालू, तेजस्वी और पार्टी के हैंडल्स अनफॉलो कर दी थी। जबकि तेज प्रताप ने रोहिणी का समर्थन करते हुए संजय पर ‘सुदर्शन चक्र’ चलाने की बात कही थी।

ये है विवाद की जड़

बता दें कि विवाद की शुरुआत मई 2025 में हुई थी। जब तेज प्रताप यादव ने अपनी नई रिलेशनशिप का खुलासा किया था। उस समय परिवार में भूचाल आ गया था। लालू यादव ने तत्काल तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया था। वहीं, तेज प्रताप ने संजय यादव को ‘जयचंद’ ठहराते हुए दोषी करार दिया, जो तेजस्वी यादव के सबसे करीबी सलाहकार हैं।