घने कोहरे और सर्द हवाओं ने राजधानी को जकड़ा, तापमान में तेज गिरावट, स्कूलों का बदला समय
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में बुधवार को इस सर्दी के मौसम का अब तक का सबसे घना कोहरा देखने को मिला। सुबह के समय दृश्यता इतनी कम रही कि सूरज के दर्शन तक नहीं हो सके। दिन चढ़ने के बावजूद कोहरे की चादर छाई रही, जिससे धूप की तपिश भी बेअसर नजर आई। ठंडी पछुआ हवाओं के कारण लोगों को पूरे दिन कड़ाके की ठंड और गलन का सामना करना पड़ा। आज दोपहर हल्की धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस पिछले 48 घंटों में राजधानी के अधिकतम तापमान में करीब 7.6 डिग्री सेल्सियस की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को भी हालात कुछ ऐसे ही बने रहे। सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा, हालांकि दोपहर के समय हल्की धूप निकलने से लोगों को कुछ देर के लिए राहत मिली। दिन में भी अलाव और हीटर का सहारा बुधवार को सर्द हवाओं का असर इतना तेज रहा कि लोगों को दिन के समय भी अलाव, हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करना पड़ा। शाम ढलते ही ठंड और बढ़ गई और रात के समय ठिठुरन और अधिक महसूस की गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को भी ठंडी हवाओं का प्रकोप बना रहेगा। 20 दिसंबर तक बने रह सकते हैं ऐसे हालात आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, पश्चिमी और मध्य भारत के ऊपर बने प्रति-चक्रवातीय सिस्टम और ऊपरी वायुमंडलीय प्रभावों के कारण लखनऊ में घना कोहरा छाया हुआ है। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर तक कोहरे और सर्द हवाओं का असर जारी रहने की संभावना है। तापमान सामान्य से काफी नीचे बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 6 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं। हवा की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा घने कोहरे और ठंड के बीच सोशल मीडिया पर राजधानी की हवा को लेकर भी चर्चाएं तेज रहीं। कई पोस्ट में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 400 के आसपास पहुंचने के दावे किए गए, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को लखनऊ का औसत AQI 174 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि शहर में कहीं भी 400 AQI दर्ज नहीं हुआ। ठंड के चलते बदला स्कूलों का समय ठंड और कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजधानी के स्कूलों के समय में बदलाव किया है। जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, लखनऊ में अब कक्षा 1 से 12 तक सभी विद्यालयों में पढ़ाई सुबह 9 बजे से शुरू होगी। यह आदेश बेसिक शिक्षा, यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य सभी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा। सुबह 9 बजे से पहले कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
श्रद्धांजलि समारोह व षोडशी भंडारा: परमार्थ निकेतन गंगा तट पर उमड़ा संत समाज,ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी को भावभीनी श्रद्

ऋषिकेश। भारत की प्राचीन, अक्षुण्ण और दिव्य सनातन संत परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र, परम पूज्य, परम विरक्त, ऋषितुल्य संत ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज की पावन स्मृति में आज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के मां गंगा के पावन तट पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि समारोह एवं षोडशी भंडारा का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सनातन धर्म की जीवंत चेतना, संत परंपरा की अखंड धारा और तपस्वी जीवन मूल्यों का दिव्य उत्सव बन गया, जिसमें देशभर से पधारे संत-महात्माओं, महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यों एवं असंख्य श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो उठा। गंगा तट पर सजीव हुई सनातन संस्कृति प्रातःकाल से ही परमार्थ निकेतन में केसरिया वस्त्रों में दीप्तिमान संतों का सान्निध्य उमड़ पड़ा। वेद मंत्रों की गूंज, गंगा की अविरल धारा और श्रद्धालुओं की नम्र नमन भावनाओं के बीच ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सनातन संस्कृति स्वयं सजीव होकर साक्षी बन गई हो। सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया देश के विभिन्न पीठों, अखाड़ों और आश्रमों से पधारे पूज्य संतों एवं महामण्डलेश्वरवृंद ने एक स्वर में ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके विरक्ति, तपस्या और साधनामय जीवन को सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया। तपस्या और विरक्ति का जीवंत शास्त्र था उनका जीवन संतों ने अपने उद्बोधनों में कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज का संपूर्ण जीवन विरक्ति, साधना और मौन उपदेश का साक्षात उदाहरण था। उन्होंने न कभी स्वयं का प्रचार किया और न ही बाह्य प्रदर्शन को महत्व दिया।उनका सान्निध्य ही साधना बन जाता था और उनकी दृष्टि ही दीक्षा।गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी जैसे परम पावन दिवस पर उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज ने दिव्य विधान बताया, जो उनके कर्मयोग, त्याग और वैराग्य का साकार प्रमाण है। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का भावपूर्ण संदेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा—“संत देह से विदा हो सकते हैं, चेतना से कभी नहीं। वे दृश्य से अदृश्य की यात्रा करते हैं और युगों की स्मृति बन जाते हैं।” अध्यक्षता व संतों की गरिमामयी उपस्थिति इस श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज (श्री सोमेश्वर धाम, कनखल, हरिद्वार) ने की। कार्यक्रम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही कार्यक्रम में योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी सहित देशभर के प्रमुख महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यगण एवं दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशाल षोडशी भंडारा एवं पर्यावरण संदेश श्रद्धांजलि समारोह के उपरांत गंगा तट पर विशाल षोडशी भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों संतों, श्रद्धालुओं और आगंतुकों ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।इस अवसर पर सभी पूज्य संतों एवं अतिथियों को रुद्राक्ष के पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। देशभर से आ रहे हैं श्रद्धांजलि संदेश मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू, रमेशभाई ओझा, भाईश्री, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, स्वामीनारायण आश्रम सहित देशभर के संतों, आश्रमों और भक्तों के भावभीने संदेश इस बात का प्रमाण हैं कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी संत परंपरा की आत्मा थे। सनातन चेतना का अमर प्रकाश यह आयोजन इस सत्य को पुनः स्थापित करता है कि सनातन धर्म अतीत नहीं, सतत प्रवाहित वर्तमान है।ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज भले ही स्थूल रूप में हमारे मध्य न हों, किंतु उनकी तपस्या, साधना और जीवन-दर्शन युगों-युगों तक सनातन चेतना के रूप में जीवित रहेगा।
रामराज विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया
बहसुमा/ मेरठ।कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए चौकी इंचार्ज जगतपाल सिंह के नेतृत्व में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के नियमों की जानकारी दी गई और उनका पालन करने की अपील की गई। चौकी इंचार्ज ने बताया कि कोहरे के समय वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग अवश्य करें तथा आगे-पीछे सुरक्षित दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अपनी लेन में ही वाहन चलाएं और अनावश्यक ओवरटेक करने से बचें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन या किसी भी तरह से ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने मोड़ पर वाहन मोड़ते समय इंडिकेटर के प्रयोग पर विशेष जोर दिया और कहा कि कोहरे में इंडिकेटर का सही इस्तेमाल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होता है। कोहरा दृश्यता को काफी कम कर देता है, ऐसे में वाहन चालक पार्किंग लाइट, दोनों इंडिकेटर का उपयोग करते हुए सड़क के किनारे या डिवाइडर पर बने सफेद निशानों पर ध्यान केंद्रित कर सुरक्षित रूप से वाहन चलाएं। चौकी इंचार्ज ने वाहन के शीशे साफ रखने, नींद आने की स्थिति में या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन कर वाहन न चलाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि कोहरा अत्यधिक घना हो और वाहन चलाना असुरक्षित प्रतीत हो, तो बेहतर होगा कि सड़क से हटकर किसी सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं और कोहरा कम होने का इंतजार करें। अभियान के माध्यम से थाना प्रभारी प्रतिभा सिंह ने प ने आमजन से सावधानी बरतने और सुरक्षित यात्रा करने की अपील की।
पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद उत्तर भारत में बढ़ी ठिठुरन, घने कोहरे और शीत लहर का अलर्ट

#weatherforecastsnowfallmountainsfogcoldwaveplainsalert_issued

देश की राजधानी दिल्ली समेत देशभर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ी राज्यों में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के आसार हैं, जबकि मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट से जनजीवन प्रभावित है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में जहां सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, वहीं मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट जनजीवन को प्रभावित कर रही है।

आईएमडी के अनुसार उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर में ऊपरी हवाओं में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जो पश्चिम से पूर्व की ओर फैला है। इसके साथ ही उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम भी उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय है, जहां लगभग 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर हवाओं की रफ्तार 110 नॉट (203.72 किमी) तक पहुंच रही है। इन दोनों प्रणालियों के कारण मौसम को अतिरिक्त ऊर्जा मिल रही है, जिससे ठंड, कोहरा और पहाड़ी इलाकों में मौसम परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो गई है।

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

मौसम विज्ञान विभाग ने 18 से 22 दिसंबर 2025 के बीच उत्तर भारत के कई हिस्सों में घने से बहुत घने कोहरे और शीत लहर को लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में सुबह और भोर के समय दृश्यता बेहद कम रह सकती है। मौसम विभाग ने 18 और 19 दिसंबर को पश्चिमी मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में शीत लहर चलने की प्रबल संभावना व्यक्त की है। वहीं, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 18 से 23 दिसंबर के दौरान बारिश और बर्फबारी हो सकती है। पंजाब में भी 20 और 21 दिसंबर को हल्की बारिश के आसार हैं।

विजिबिलिटी कम होने से ट्रेनों के परिचालन पर असर

उत्तर भारत में घने कोहरे की मार लगातार बढ़ रही है। विजिबिलिटी कम होने से ट्रेनें लेट चल रही हैं। दिल्‍ली की ओर आने वाली 60 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। इनमें कुछ ट्रेनें डायवर्ट भी की गयी हैं। ट्रेनें छह घंटे से अधिक समय की देरी से चल रही हैं। भारतीय रेलवे ने ट्रेनों की लिस्‍ट जारी की है। प्रमुख ट्रेनों में राजधानी एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस, कैफियत एक्सप्रेस, लखनऊ मेल और कई अन्य शामिल हैं।

*सैन्य अफसर बनकर जिले और गांव का नाम किया रोशन*
सुलतानपुर जनपद के लम्भुआ क्षेत्र के भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने पैतृक गांव-मुरारचक पहुंचे वैभव मिश्रा। जहां उनको देखकर पूरा गांव गर्व से एकत्रित हो गया। वही गांव के युवाओं ने जोरदार स्वागत किया और तो और बड़ों ने वैभव को दिल खोलकर आशीर्वाद दिया।**********


दरअसल लम्भुआ थानाक्षेत्र निवासी अभय नारायण मिश्रा के बेटे वैभव ने वर्ष 2024 में उन्होंने कामन रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) पास की थी। केरला के कन्नूर स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में 18 माह तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। वैभव मिश्रा ने राजस्थान के उदयपुर से अपनी पढ़ाई पूरी की और वहीं से बीटेक किया। बेटे की सफलता पर आज माता-पिता गौरवान्वित हैं। उनके दादा प्रजापति मिश्रा का सपना था कि परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में जरूर जाए और जिले और गांव का नाम रोशन करें आज वह उनका सपना पूरा हुआ। वैभव ने सैन्य अफसर बनकर अपने दादा का सपना पूरा कर दिया है।

झुग्गी-झोपड़ीवासियों के वेरिफिकेशन से मचा हड़कंप

*फुटपाथ दुकानदारों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, प्रशासन ने स्पष्ट की स्थिति*

गोरखपुर। शहर के विभिन्न इलाकों—जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने, रेलवे स्टेशन के सामने सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर अवैध तरीके से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों और फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे इन लोगों के बारे में न तो यह स्पष्ट है कि वे किस जनपद, किस प्रदेश अथवा किस देश के निवासी हैं और न ही अब तक उनका समुचित सत्यापन किया गया है। शासन के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा वेरिफिकेशन अभियान शुरू होते ही इन झुग्गी-झोपड़ीवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इसी क्रम में आज सैकड़ों महिलाएं और पुरुष जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और डीएम कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी (डे अफसर) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वे लोग माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय, कैंपस रोड के पास प्रत्येक मंगलवार को अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे, लेकिन अब पुलिस द्वारा उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि उन्हें किस कारण से हटाया जा रहा है, जिससे उनमें भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। डीएम कार्यालय में मौजूद ड्यूटी अफसर ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन शहर में अवैध रूप से रह रहे लोगों का सत्यापन कर रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो भी व्यक्ति जिस जनपद, प्रदेश या स्थान का निवासी है, उसका वैध साक्ष्य पुलिस विभाग को उपलब्ध कराए। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद वे नियमानुसार अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी चला सकते हैं और किसी को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने और रेलवे स्टेशन के आसपास वर्षों से बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद अब तक उनका विधिवत सत्यापन नहीं कराया गया। अब जब शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है और पहचान व पते की जांच शुरू की गई है, तो स्वाभाविक रूप से इन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जांच के दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने कथित तौर पर फर्जी तरीके से अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा लिए हैं। डीएम कार्यालय पहुंचे कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास राशन कार्ड है और वोटर लिस्ट में भी उनका नाम दर्ज है। किसी ने खुद को गुजरात का निवासी बताया, तो किसी ने मेरठ अथवा अन्य जनपदों का रहने वाला होने की बात कही। अलग-अलग बयानों से प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि आखिर इन लोगों ने राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र किस आधार पर और किन प्रक्रियाओं के तहत बनवाए। इसके लिए संबंधित विभागों से रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता या फर्जीवाड़ा सामने आता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि किसी को भी बिना कारण परेशान करने का उद्देश्य नहीं है, लेकिन शहर की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि शहर में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि स्पष्ट हो। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र लोगों को नियमों के तहत जीवनयापन करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह मामला गोरखपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक जांच के नतीजों पर सबकी नजर टिकी है।
काकोरी ट्रेन एक्शन नायकों की स्मृति में ‘शहादत से शहादत तक’ तीन दिवसीय आयोजन
गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।
घने कोहरे और सर्द हवाओं ने राजधानी को जकड़ा, तापमान में तेज गिरावट, स्कूलों का बदला समय
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में बुधवार को इस सर्दी के मौसम का अब तक का सबसे घना कोहरा देखने को मिला। सुबह के समय दृश्यता इतनी कम रही कि सूरज के दर्शन तक नहीं हो सके। दिन चढ़ने के बावजूद कोहरे की चादर छाई रही, जिससे धूप की तपिश भी बेअसर नजर आई। ठंडी पछुआ हवाओं के कारण लोगों को पूरे दिन कड़ाके की ठंड और गलन का सामना करना पड़ा। आज दोपहर हल्की धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस पिछले 48 घंटों में राजधानी के अधिकतम तापमान में करीब 7.6 डिग्री सेल्सियस की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को भी हालात कुछ ऐसे ही बने रहे। सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा, हालांकि दोपहर के समय हल्की धूप निकलने से लोगों को कुछ देर के लिए राहत मिली। दिन में भी अलाव और हीटर का सहारा बुधवार को सर्द हवाओं का असर इतना तेज रहा कि लोगों को दिन के समय भी अलाव, हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करना पड़ा। शाम ढलते ही ठंड और बढ़ गई और रात के समय ठिठुरन और अधिक महसूस की गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को भी ठंडी हवाओं का प्रकोप बना रहेगा। 20 दिसंबर तक बने रह सकते हैं ऐसे हालात आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, पश्चिमी और मध्य भारत के ऊपर बने प्रति-चक्रवातीय सिस्टम और ऊपरी वायुमंडलीय प्रभावों के कारण लखनऊ में घना कोहरा छाया हुआ है। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर तक कोहरे और सर्द हवाओं का असर जारी रहने की संभावना है। तापमान सामान्य से काफी नीचे बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 6 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं। हवा की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा घने कोहरे और ठंड के बीच सोशल मीडिया पर राजधानी की हवा को लेकर भी चर्चाएं तेज रहीं। कई पोस्ट में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 400 के आसपास पहुंचने के दावे किए गए, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को लखनऊ का औसत AQI 174 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि शहर में कहीं भी 400 AQI दर्ज नहीं हुआ। ठंड के चलते बदला स्कूलों का समय ठंड और कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजधानी के स्कूलों के समय में बदलाव किया है। जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, लखनऊ में अब कक्षा 1 से 12 तक सभी विद्यालयों में पढ़ाई सुबह 9 बजे से शुरू होगी। यह आदेश बेसिक शिक्षा, यूपी बोर्ड, सीबीएसई और अन्य सभी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा। सुबह 9 बजे से पहले कक्षाएं संचालित करने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
श्रद्धांजलि समारोह व षोडशी भंडारा: परमार्थ निकेतन गंगा तट पर उमड़ा संत समाज,ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी को भावभीनी श्रद्

ऋषिकेश। भारत की प्राचीन, अक्षुण्ण और दिव्य सनातन संत परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र, परम पूज्य, परम विरक्त, ऋषितुल्य संत ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज की पावन स्मृति में आज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के मां गंगा के पावन तट पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि समारोह एवं षोडशी भंडारा का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सनातन धर्म की जीवंत चेतना, संत परंपरा की अखंड धारा और तपस्वी जीवन मूल्यों का दिव्य उत्सव बन गया, जिसमें देशभर से पधारे संत-महात्माओं, महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यों एवं असंख्य श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो उठा। गंगा तट पर सजीव हुई सनातन संस्कृति प्रातःकाल से ही परमार्थ निकेतन में केसरिया वस्त्रों में दीप्तिमान संतों का सान्निध्य उमड़ पड़ा। वेद मंत्रों की गूंज, गंगा की अविरल धारा और श्रद्धालुओं की नम्र नमन भावनाओं के बीच ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सनातन संस्कृति स्वयं सजीव होकर साक्षी बन गई हो। सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया देश के विभिन्न पीठों, अखाड़ों और आश्रमों से पधारे पूज्य संतों एवं महामण्डलेश्वरवृंद ने एक स्वर में ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके विरक्ति, तपस्या और साधनामय जीवन को सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया। तपस्या और विरक्ति का जीवंत शास्त्र था उनका जीवन संतों ने अपने उद्बोधनों में कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज का संपूर्ण जीवन विरक्ति, साधना और मौन उपदेश का साक्षात उदाहरण था। उन्होंने न कभी स्वयं का प्रचार किया और न ही बाह्य प्रदर्शन को महत्व दिया।उनका सान्निध्य ही साधना बन जाता था और उनकी दृष्टि ही दीक्षा।गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी जैसे परम पावन दिवस पर उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज ने दिव्य विधान बताया, जो उनके कर्मयोग, त्याग और वैराग्य का साकार प्रमाण है। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का भावपूर्ण संदेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा—“संत देह से विदा हो सकते हैं, चेतना से कभी नहीं। वे दृश्य से अदृश्य की यात्रा करते हैं और युगों की स्मृति बन जाते हैं।” अध्यक्षता व संतों की गरिमामयी उपस्थिति इस श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज (श्री सोमेश्वर धाम, कनखल, हरिद्वार) ने की। कार्यक्रम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही कार्यक्रम में योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी सहित देशभर के प्रमुख महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यगण एवं दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशाल षोडशी भंडारा एवं पर्यावरण संदेश श्रद्धांजलि समारोह के उपरांत गंगा तट पर विशाल षोडशी भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों संतों, श्रद्धालुओं और आगंतुकों ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।इस अवसर पर सभी पूज्य संतों एवं अतिथियों को रुद्राक्ष के पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। देशभर से आ रहे हैं श्रद्धांजलि संदेश मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू, रमेशभाई ओझा, भाईश्री, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, स्वामीनारायण आश्रम सहित देशभर के संतों, आश्रमों और भक्तों के भावभीने संदेश इस बात का प्रमाण हैं कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी संत परंपरा की आत्मा थे। सनातन चेतना का अमर प्रकाश यह आयोजन इस सत्य को पुनः स्थापित करता है कि सनातन धर्म अतीत नहीं, सतत प्रवाहित वर्तमान है।ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज भले ही स्थूल रूप में हमारे मध्य न हों, किंतु उनकी तपस्या, साधना और जीवन-दर्शन युगों-युगों तक सनातन चेतना के रूप में जीवित रहेगा।
रामराज विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया
बहसुमा/ मेरठ।कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए चौकी इंचार्ज जगतपाल सिंह के नेतृत्व में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के नियमों की जानकारी दी गई और उनका पालन करने की अपील की गई। चौकी इंचार्ज ने बताया कि कोहरे के समय वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग अवश्य करें तथा आगे-पीछे सुरक्षित दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अपनी लेन में ही वाहन चलाएं और अनावश्यक ओवरटेक करने से बचें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन या किसी भी तरह से ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने मोड़ पर वाहन मोड़ते समय इंडिकेटर के प्रयोग पर विशेष जोर दिया और कहा कि कोहरे में इंडिकेटर का सही इस्तेमाल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होता है। कोहरा दृश्यता को काफी कम कर देता है, ऐसे में वाहन चालक पार्किंग लाइट, दोनों इंडिकेटर का उपयोग करते हुए सड़क के किनारे या डिवाइडर पर बने सफेद निशानों पर ध्यान केंद्रित कर सुरक्षित रूप से वाहन चलाएं। चौकी इंचार्ज ने वाहन के शीशे साफ रखने, नींद आने की स्थिति में या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन कर वाहन न चलाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि कोहरा अत्यधिक घना हो और वाहन चलाना असुरक्षित प्रतीत हो, तो बेहतर होगा कि सड़क से हटकर किसी सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं और कोहरा कम होने का इंतजार करें। अभियान के माध्यम से थाना प्रभारी प्रतिभा सिंह ने प ने आमजन से सावधानी बरतने और सुरक्षित यात्रा करने की अपील की।
पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद उत्तर भारत में बढ़ी ठिठुरन, घने कोहरे और शीत लहर का अलर्ट

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देश की राजधानी दिल्ली समेत देशभर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ी राज्यों में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के आसार हैं, जबकि मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट से जनजीवन प्रभावित है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में जहां सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, वहीं मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट जनजीवन को प्रभावित कर रही है।

आईएमडी के अनुसार उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर में ऊपरी हवाओं में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जो पश्चिम से पूर्व की ओर फैला है। इसके साथ ही उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम भी उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय है, जहां लगभग 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर हवाओं की रफ्तार 110 नॉट (203.72 किमी) तक पहुंच रही है। इन दोनों प्रणालियों के कारण मौसम को अतिरिक्त ऊर्जा मिल रही है, जिससे ठंड, कोहरा और पहाड़ी इलाकों में मौसम परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो गई है।

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

मौसम विज्ञान विभाग ने 18 से 22 दिसंबर 2025 के बीच उत्तर भारत के कई हिस्सों में घने से बहुत घने कोहरे और शीत लहर को लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में सुबह और भोर के समय दृश्यता बेहद कम रह सकती है। मौसम विभाग ने 18 और 19 दिसंबर को पश्चिमी मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में शीत लहर चलने की प्रबल संभावना व्यक्त की है। वहीं, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 18 से 23 दिसंबर के दौरान बारिश और बर्फबारी हो सकती है। पंजाब में भी 20 और 21 दिसंबर को हल्की बारिश के आसार हैं।

विजिबिलिटी कम होने से ट्रेनों के परिचालन पर असर

उत्तर भारत में घने कोहरे की मार लगातार बढ़ रही है। विजिबिलिटी कम होने से ट्रेनें लेट चल रही हैं। दिल्‍ली की ओर आने वाली 60 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। इनमें कुछ ट्रेनें डायवर्ट भी की गयी हैं। ट्रेनें छह घंटे से अधिक समय की देरी से चल रही हैं। भारतीय रेलवे ने ट्रेनों की लिस्‍ट जारी की है। प्रमुख ट्रेनों में राजधानी एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस, कैफियत एक्सप्रेस, लखनऊ मेल और कई अन्य शामिल हैं।

*सैन्य अफसर बनकर जिले और गांव का नाम किया रोशन*
सुलतानपुर जनपद के लम्भुआ क्षेत्र के भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने पैतृक गांव-मुरारचक पहुंचे वैभव मिश्रा। जहां उनको देखकर पूरा गांव गर्व से एकत्रित हो गया। वही गांव के युवाओं ने जोरदार स्वागत किया और तो और बड़ों ने वैभव को दिल खोलकर आशीर्वाद दिया।**********


दरअसल लम्भुआ थानाक्षेत्र निवासी अभय नारायण मिश्रा के बेटे वैभव ने वर्ष 2024 में उन्होंने कामन रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) पास की थी। केरला के कन्नूर स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में 18 माह तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। वैभव मिश्रा ने राजस्थान के उदयपुर से अपनी पढ़ाई पूरी की और वहीं से बीटेक किया। बेटे की सफलता पर आज माता-पिता गौरवान्वित हैं। उनके दादा प्रजापति मिश्रा का सपना था कि परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में जरूर जाए और जिले और गांव का नाम रोशन करें आज वह उनका सपना पूरा हुआ। वैभव ने सैन्य अफसर बनकर अपने दादा का सपना पूरा कर दिया है।

झुग्गी-झोपड़ीवासियों के वेरिफिकेशन से मचा हड़कंप

*फुटपाथ दुकानदारों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, प्रशासन ने स्पष्ट की स्थिति*

गोरखपुर। शहर के विभिन्न इलाकों—जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने, रेलवे स्टेशन के सामने सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर अवैध तरीके से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों और फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे इन लोगों के बारे में न तो यह स्पष्ट है कि वे किस जनपद, किस प्रदेश अथवा किस देश के निवासी हैं और न ही अब तक उनका समुचित सत्यापन किया गया है। शासन के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा वेरिफिकेशन अभियान शुरू होते ही इन झुग्गी-झोपड़ीवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इसी क्रम में आज सैकड़ों महिलाएं और पुरुष जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और डीएम कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी (डे अफसर) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वे लोग माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय, कैंपस रोड के पास प्रत्येक मंगलवार को अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे, लेकिन अब पुलिस द्वारा उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि उन्हें किस कारण से हटाया जा रहा है, जिससे उनमें भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। डीएम कार्यालय में मौजूद ड्यूटी अफसर ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन शहर में अवैध रूप से रह रहे लोगों का सत्यापन कर रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो भी व्यक्ति जिस जनपद, प्रदेश या स्थान का निवासी है, उसका वैध साक्ष्य पुलिस विभाग को उपलब्ध कराए। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद वे नियमानुसार अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी चला सकते हैं और किसी को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने और रेलवे स्टेशन के आसपास वर्षों से बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद अब तक उनका विधिवत सत्यापन नहीं कराया गया। अब जब शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है और पहचान व पते की जांच शुरू की गई है, तो स्वाभाविक रूप से इन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जांच के दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने कथित तौर पर फर्जी तरीके से अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा लिए हैं। डीएम कार्यालय पहुंचे कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास राशन कार्ड है और वोटर लिस्ट में भी उनका नाम दर्ज है। किसी ने खुद को गुजरात का निवासी बताया, तो किसी ने मेरठ अथवा अन्य जनपदों का रहने वाला होने की बात कही। अलग-अलग बयानों से प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि आखिर इन लोगों ने राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र किस आधार पर और किन प्रक्रियाओं के तहत बनवाए। इसके लिए संबंधित विभागों से रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता या फर्जीवाड़ा सामने आता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि किसी को भी बिना कारण परेशान करने का उद्देश्य नहीं है, लेकिन शहर की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि शहर में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि स्पष्ट हो। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र लोगों को नियमों के तहत जीवनयापन करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह मामला गोरखपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक जांच के नतीजों पर सबकी नजर टिकी है।
काकोरी ट्रेन एक्शन नायकों की स्मृति में ‘शहादत से शहादत तक’ तीन दिवसीय आयोजन
गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।