कन्नौज में पुलिस के खौफ से डरकर नदी में कूदने वाले किशोर का अभी तक नहीं मिला शव
पंकज श्रीवास्तव/विवेक कुमार,कन्नौज। में पुलिस के खौफ से डरकर नदी में कूदने वाले किशोर का अभी तक शव नहीं मिला है। घटना के बाद मौके पर पहुंचे मंत्री असीम अरुण के साथ डीआईजी कानपुर हरीश चंदर ने भी किशोर के परिजनों से मुलाकात की और परिजनों को दोषियों पर कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस दौरान मंत्री असीम अरुण ने परिवार को सरकारी लाभ के तहत तत्काल पीड़ित परिवार को 5 बीघा कृषि पट्टा, सरकारी आवास, वृद्धावस्था पेंशन और बाल्य सेवा योजना का लाभ देने की बात कही। इसके साथ ही सीएम राहत कोष से भी आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने निलंबित पुलिस कर्मियों को जांच के बाद पुलिस सेवा से हटाये जाने की बात भी कही।
आपको बताते चलें कि रविवार को गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत देवीपुर्वा गांव में पुलिस के डर से 17 वर्षीय धर्मवीर पाल ने काली नदी में कूदकर जान दे दी , हालांकि अभी तक शव बरामद नहीं हो सका है। 24 घंटे बाद भी नदी में डूबे किशोर की तलाश जारी है इस दौरान मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने पहुंचकर पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन देते हुए दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की बात कही। मीडिया से बात करते हुए मंत्री असीम अरुण ने कहा कि कल कन्नौज में तेरारागी गांव में एक गंभीर घटना हुई जिसमें कि हमारे 17 वर्षीय युवक की मृत्यु हुई। जो पूछताछ के आधार पर जानकारी आ रही है, एक दबिश पुलिस ने यहां पर दी, चूंकि जिसकी मृत्यु हुई है उसके बड़े भाई के ऊपर आरोप है।
अपहरण का जो लम्बे समय से प्रकरण चल रहा है। पुलिस का यद्यपि दबिश देने का है लेकिन यहां पर जो पुलिस ने दबिश दी है उससे यह 17 वर्षीय बालक डर गया और काली नदी में जाकर कूद गया और ऐसा लग रहा है कि वह डूब गया। बचाव दल लगातार काम कर रहा है। हम आशा करते है कि बच्चा जीवित हो अगर जीवित नही है तो उसका शव मिलना चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि जिन पुलिस कर्मियों ने ऐसी लापरवाही वाली दबिश दी, उनके खिलाफ हम लोग कार्यवाही कर रहे है। निलंबन किया गया है, साथ-साथ गंभीर दंड भी उनको दिया जाएगा। लेकिन यह भी जरूरी है कि घर परिवार को ताकत दी जाए। परिवार को एक 5 बीघा का कृषि पट्टा दे रहे है, साथ-साथ मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक आवास दे रहे है जो वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दोनों बच्चे है उनको वजीफा बाल्य सेवा योजना अन्तर्गत ऐसे लगभग 7 से 8 हजार रुपए मासिक महंगाई भत्ता भी हम लोग कर रहे है, पर यह सब उतना महत्वपूर्ण नही है, ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हम इस समय बच्चे के शव को तलाश करें, ताकि परिवार की संतुष्टि हो और जिन पुलिसकर्मियों ने ऐसी गलती की है उनको कठोर दण्ड दिया जाए। जिससे कि दोबारा कोई पुलिसकर्मी ऐसी लापरवाही न करे।
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि जैसा स्थानीय लोगों ने बताया कि उस दबिश के दौरान जब बालक पानी में गिर गया बहने लगा ऐसे में जो दो पुलिसकर्मी आए थे तो उनको अगर लापरवाह न होते तो उनको बच्चे को बचाने का प्रयास करना चाहिए था, तत्काल बताना चाहिए था, रिपोर्ट करनी चाहिए थी, मदद मांगनी थी परन्तु उन्होंने ऐसा न करके यहां से खुद वह भाग गए। इसकी वजह से जो बचाव कार्य तुरंत हो सकता था वह नही हुआ। दोनों प्रकार की लापरवाही है पुलिस दबिश देती तो ध्यान रखती है, न तो अभियुक्त या किसी और को चोट लगे और न पुलिस को भी चोट लगे, पर यहां पर स्पष्ट दिखता है कि जो दबिश दी गई वह बहुत ही लापरवाही वाली थी और 17 साल का बच्चा जो स्वयं वांछित नही था। इस प्रकरण में पानी में डूबा है।
मंत्री ने मदद के साथ दिया कड़ी कार्यवाही का आश्वासन
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि आर्थिक मदद के लिए हमने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए अभी तुरंत भेज दिया है, मुझे आशा है कि शाम तक घोषणा हो जाएगी, लेकिन उसके अतिरिक्त 5 बीघा कृषि का पट्टा, आवास मुख्यमंत्री योजना के तहत आवास हम देंगे। साथ-साथ लगभग हम 7 हजार रूपया मासिक पेंशन की व्यवस्था बच्चों के लिए और जो पुलिस कर्मी है उनको निलंबित भी किया है और जांच करके यूपी सेवा से भी हटाया जाएगा।
11 hours ago