*सीएचसी लम्भुआ में डॉक्टर साहब का ताश खेलते हुए शोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल*
सुल्तानपुर जिले के लम्भुआ कोतवाली थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बंद कमरे अंदर तीन लोगों के साथ सरकारी चिकित्सक का ताश खेलते हुए वीडियो शोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सूत्र की माने तों इसके पहले भी ऐसे ही वायरल एक वीडियो को लेकर जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत हुई थी। खैर अब मामले को संज्ञान में लेकर लम्भुआ चिकित्सा अधीक्षक ने संबंधित चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा है। लंभुआ से संबद्ध प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव में डॉक्टर तैनात हैं। लंभुआ सीएचसी में भी इनकी ड्यूटी समय समय पर लगती है। इसके दो दिन पूर्व रात में डॉक्टर अस्पताल में मौजूद थे।उनका सुबह अन्य कर्मियों के साथ ताश खेलते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो ने जिले में हलचल मचा दी है। अब इसकी जानकारी करते ही अधिकारी तोतें की तरह बोलने लगे है कि मामला संज्ञान में है और कार्यवाई की जा रही है। वही चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि मामला संज्ञान में है। डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया है और उन्हें सीएमओ ऑफिस भी बुलाया गया था।
*पुलिस ने वृद्ध की मौत का किया खुलासा, बेटा फरार तों भतीजा गिरफ्तार,पुलिस कर रही फरार बेटे की तलाश*
यूपी के सुल्तानपुर में एक कलयुगी बेटे और भतीजे ने मिलकर बुजुर्ग पिता को पेट्रोल डालकर जलाकर मार डाला,इस घटना के बाद बेटा फरार हो गया,तों वही भतीजे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना के पीछे जमीन का विवाद बताया जा रहा है। दरअसल यह मामला शिवगढ़ थाना क्षेत्र के रामगढ़ का है। इस इलाके के रहने वाले सत्तर वर्षीय बुजुर्ग को उसी के बेटे ने चचेरे भाई के साथ मिलकर पेट्रोल डालकर बुजुर्ग को जिंदा जलाकर मार डाला। मृतक का एक आखिरी ऑडियो और वीडियो बयान सामने आया है।जिसमें 70 वर्षीय मृतक मुन्नर लाल सरोज अपने भतीजे विजय का नाम लेकर बताया है कि उसने पेट्रोल डालकर आग लगाई है। जबकि इसकी साजिश उसके बेटे जमुना ने रची है। घटना के बाद से मृतक मुन्नर का बेटा जमुना घर से फरार है,उसका फोन भी स्विच ऑफ है। जबकि आरोपित विजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की माने तो आरोपित जमुना की पत्नी यानि मृतक की बहू ने मृतक के भतीजे विजय के नाम तहरीर दी है और पुलिस में मामला दर्ज कराया है। हत्या के पीछे के कारणों की तलाश में पुलिस जुटी है। आरोपित भतीजे विजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मृतक ने अपने आखिरी बयान में भतीजे विजय और पुत्र जमुना का भी नाम लिया है। लिहाजा पुलिस पुत्र को भी आरोपित मानकर उसकी तलाश कर रही है और मामले की सभी पहलुओं पर तफ्तीश कर रही है।
भाजपा को झूठ फैलाकर भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं : विनोद पांडेय


भाजपा प्रवक्ता के बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि भाजपा झूठ फैलाकर भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।

जिस तरह से भाजपा नेता ने सुरक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर राज्य सरकार पर निराधार आरोप लगाए हैं, वह पूरी तरह से राजनीतिक साज़िश का हिस्सा है। विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार पारदर्शिता और सुशासन के प्रति प्रतिबद्ध है। सुरक्षा उपकरणों की खरीद से जुड़ा मामला प्रारंभ से ही निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार देखा जा रहा है। शिकायत आने के बाद सरकार ने न केवल संज्ञान लिया बल्कि जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की समिति गठित की है। समिति की कार्यवाही नियमों के तहत चल रही है, और निष्पक्ष रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा को यह बताना चाहिए कि जब केंद्र में उनकी सरकार है, तब उन्होंने राज्य को जांच में सहयोग क्यों नहीं दिया? भाजपा नेता का बयान सिर्फ़ सुर्ख़ियाँ बटोरने और ईमानदार सरकार को बदनाम करने की कोशिश है।

विनोद पांडेय ने स्पष्ट कहा कि भाजपा को यह समझ लेना चाहिए कि झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे सख़्त रुख हेमंत सोरेन सरकार ने अपनाया है। सरकार हर शिकायत का संज्ञान लेती है, परंतु किसी भी जांच को मीडिया ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा को सलाह है कि वह झूठे बयान देने के बजाय तथ्यों का सम्मान करे और संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा रखे।

“हेमंत सोरेन सरकार न तो किसी भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है, न ही किसी व्हिस्ल ब्लोअर को असुरक्षित बना रही है। भाजपा बेबुनियाद आरोप लगाकर सिर्फ़ जनता को गुमराह कर रही है।” — विनोद पांडेय, महासचिव, झामुमो

मोक्ष की नगरी काशी में एक ऐसा शख्स जिसने 1 लाख 20 हजार बेटियों का पिता बन किया श्राद्ध
- समाज को कन्या भ्रूण हत्या से बचने के सन्देश देने का नायब प्रयोग

- 12 सालों में डॉ संतोष ओझा ने किया 1 लाख 20 हजार अजन्मी बेटियों का श्राद्ध

- आगमन संस्था का अनोखा प्रयास, जन्म न लेने वाली बेटियों की मोक्ष की कामना

- शीघ्र ही चिन्हित अल्ट्रासाउंड सेंटर और उनके संचालकों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने की होगी घोषणा

बनारस।
अनुष्ठान तो एक बहाना है।
असल में बेटी को बचाना है।।

कण कण में शिव के वास करने वाले पवित्र नगरी काशी का दशाश्वमेध घाट पर नित्य प्रतिदिन विशिष्ट फलदायी धार्मिक आयोजनों के लिए जाना जाता है लेकिन कल मातृ नवमी के दुपहरिया में हुए नैमित श्राद्ध अनुष्ठान उन अजन्मी बेटियों के लिए आहूत थी जो भूलोक पर आने के पूर्व ही माँ के गर्भ से ही बलात प्रेत योनि के रास्ते जाने को मजबूर किया जाता हैं। इन बेटियों को प्रेत योनि में भेजने वाले कोई और नहीं इन्हीं के सगे मां-बाप बुआ दादी और उनके परिजन है।

माताओं के समर्पित पितृ पक्ष का नवमी तिथि को शास्त्रीय विधान संग आगमन संस्था टीम ने  पिंड निर्माण कर विधिपूर्वक हूत आत्माओं का आह्वान के बारी बारी से उनके मोक्ष की कामना की। "अंतिम प्रणाम " के 12 वें साल 13000 पिंड के माध्यम से अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना की गयी। श्राद्ध अनुष्ठान का समस्त कर्म संस्था के संस्थापक डॉ संतोष ओझा ने किया जबकि अनुष्ठान संपादित पं दिनेश शंकर दुबे और कन्हैया पाठक संग पंच विप्रो ने कराया।

इस अनोखे अनुष्ठान की शुरुआत ब्रम्हकाल के स्नान के उपरांत पिंड निर्माण से हुआ। क्षौर कर्म के उपरांत गंगा के मिट्टी की वेदी निर्माण, शांति पाठ तत्पश्चात् शास्त्र वर्णित मंत्रो के बीच आह्वान , प्रेत योनि के बेटियों के पिंड का पूजन-अर्पण और तर्पण साथ पंच बलि, ब्राम्हण भोज के साथ अनुष्ठान का समापन हुआ।

आगमन संस्था के संस्थापक और श्राद्धकर्ता डॉ संतोष ओझा के अनुसार आगमन संस्था 2001 से लगातार अजन्मी बेटी को बचाने का अभियान चला रही है संस्था ने विगत 25 सालों में सैकड़ो मां-बाप का काउंसलिंग कर उन्हें पेट में पल रही बेटियों को जन्म देने के लिए प्रेरित किया। अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि तमाम सरकारी और संस्थागत प्रयास के बावजूद आज भी काशी में कन्या भ्रूण हत्या जारी है जिसको रोकने के लिए सरकारी तंत्र को और भी प्रभावी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। आगमन संस्था एक बार फिर चिन्हित अल्ट्रासाउंड सेंटर और उनके संचालकों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने की घोषणा करेगी।

अनुष्ठान में सहयोग-
राहुल गुप्ता, हरिकृष्ण प्रेमी, साधना, सन्नी कुमार, ज्योति, जितेंद्र जी किरण, साधना, सोनी, अरुण गुप्ता, मदन गुप्ता, भानु प्रताप, सुनील, सुशील।

स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार: बिहार में महिलाओं को मिलेगा निःशुल्क स्वास्थ्य लाभ*
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पटना, - बिहार में महिलाओं के लिए "स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार" नामक एक विशेष स्वास्थ्य अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत 17 सितंबर से होगी और यह 2 अक्टूबर तक चलेगा। इसका उद्देश्य महिलाओं, किशोरियों और बच्चों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और जांच उपलब्ध कराना है। अभियान की मुख्य बातें इस अभियान के तहत राज्य के सभी सदर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (UPHC) और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में निम्नलिखित सुविधाएं दी जाएंगी: महिलाओं, किशोरियों और बच्चों का विशेष टीकाकरण: इसमें सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 वर्ष की बच्चियों को एचपीवी टीका भी लगाया जाएगा। निःशुल्क जांच और उपचार: इसमें स्त्री रोग, बाल रोग और अन्य बीमारियों की जांच शामिल है। गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग: गैर-संचारी रोग जैसे रक्तचाप और मधुमेह की जांच, साथ ही मुख, स्तन और गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग भी होगी। अन्य सुविधाएं: ईएनटी, दंत और नेत्र जांच की सुविधा भी उपलब्ध होगी, और जरूरतमंदों को चश्मा भी दिया जाएगा। गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सेवाएं: उनके लिए प्रसव पूर्व जांच और टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। आधुनिक चिकित्सा जांच: ईसीजी, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और अन्य जांच की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। डिजिटल पंजीकरण और आयुष्मान कार्ड स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने बताया कि शिविरों में आने वाले सभी मरीजों का आभा आईडी (ABHA ID) के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। साथ ही, 591 स्थानों पर आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए विशेष स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जिससे लाभार्थी आसानी से अपना कार्ड बनवा सकेंगे। यह अभियान केंद्र सरकार के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसकी औपचारिक शुरुआत राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जाएगी। इस पहल का लक्ष्य महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर एक सशक्त परिवार और समाज का निर्माण करना है।
उच्च शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति में मुक्त विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण-राज्यपाल।

मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में उमा यादव को मिला कुलाधिपति स्वर्ण पदक।

28 हजार से अधिक शिक्षार्थियों को मिली उपाधि।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।उ0 प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज का 20वां दीक्षान्त समारोह सोमवार को सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया।दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि उच्च शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति में मुक्त विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण है।समाज के कम से कम 50% युवाओं की पहुंच उच्च शिक्षा तक होनी चाहिए।इसमें मुक्त विश्वविद्यालय को अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है।विश्वविद्यालय यह कार्य अपने क्षेत्रीय केन्द्रो के माध्यम से पूरा कर सकता है।दूरस्थ शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ऑनलाइन सुविधाओं का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए।इस अवसर पर राज्यपाल ने बिगड़ते पर्यावरण पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।उन्होंने इस अवसर पर उच्च प्राथमिक विद्यालय बेरुई के बच्चों द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर दी गई प्रस्तुति की सराहना की। राज्यपाल पटेल ने महिलाओं में बढ़ते सरवाइकल कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी वैक्सीनेशन की मुहिम के लिए जन सहभागिता की अपील की। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि उन्होंने प्रदेश की महिलाओं को कैंसर से बचाव के लिए जो मुहिम चलाई है उसमें प्रशासनिक अधिकारी अपना सहयोग प्रदान करें।मुख्य अतिथि प्रो.उमा कांजीलाल कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने आभासी रूप में दीक्षान्त भाषण देते हुए कहा कि इस समय युवा ही विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं।इसके लिए युवाओं को अपनी समस्त ऊर्जा का उपयोग देश के विकास के लिए करना चाहिए। प्रोफेसर कांजीलाल ने कहा कि इस दौर में भारत अंतरिक्ष विज्ञान कृषि सुरक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है।हमें भी इसमें अपना योगदान देना है।वर्तमान में ओ डी डी एल कृत्रिम मेधा मशीन लर्निंग एवं ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग आदि शिक्षा के विस्तार और पहुंच को सुनिश्चित करने वाले प्रभावी और महत्वपूर्ण माध्यम उपलब्ध है।इन माध्यमों का प्रयोग करके हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों की प्राप्ति में महती भूमिका अदा कर सकते है। यह नीति भारतीय मूल्यो सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक ज्ञान के समावेश के साथ-साथ आधुनिकता और नवाचार को भी प्रोत्साहित करती है।विशिष्ट अतिथि योगेन्द्र उपाध्याय उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्राप्त शिक्षार्थियों से कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में उन्हें आधुनिक विज्ञान और तकनीक का ज्ञान अर्जित करना होगा। ऑनलाइन शिक्षा डिजिटल पुस्तकालय वर्चुअल लैब्स और स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाएं शिक्षा के स्वरूप को बदल रही है।उपाध्याय ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय का महत्व इसी कारण और भी बढ़ गया है क्योंकि यह उन विद्यार्थियों तक दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा पहुंचा रहा है।उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन बेरोजगारी जनसंख्या वृद्धि पर्यावरण संकट और सामाजिक असमानता जैसी अनेक चुनौतियां हमारे सामने होंगी जिनके समाधान के लिए शिक्षित सजग और जिम्मेदार नागरिकों की आवश्यकता है।

विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी उच्च शिक्षा राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक अर्थ ज्ञान को जीवन से जोड़ना है।उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि वह मूल्य और संस्कार को आत्मसात करते हुए अपने व्यक्तित्व को ऐसा बनाएं जो समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी हो।उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने न केवल हमारी जीवन शैली बदल दी है बल्कि शिक्षा के स्वरूप को भी नई दिशा दी है।तिवारी ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना तभी साकार होगा जब युवा अपनी उर्जा ज्ञान और नवाचार से इसमें योगदान देंगे।20वें दीक्षान्त समारोह में विभिन्न विद्याशाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को 27 स्वर्ण पदक प्रदान किये गये जिनमें 15 स्वर्ण पदक छात्राओं तथा 12 स्वर्ण पदक छात्रों ने प्राप्त किए।दीक्षान्त समारोह में सत्र दिसम्बर-2024 तथा जून-2025 की परीक्षा के सापेक्ष उत्तीर्ण 28421 शिक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी जिसमें 17268 पुरूष 1 ट्रांस्जेंडर तथा 11152 महिला शिक्षार्थी हैं।इस अवसर पर उपाधियों एवं अंकपत्रों को डिजीलॉकर में अपलोड कर प्रसारित किया गया।20वें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक विज्ञान की छात्रा उमा यादव को दिया।उमा ने बी.एस.सी. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा वे समस्त विद्याशाखाओं की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उत्तीर्ण समस्त स्नातक एवं परास्नातक शिक्षार्थियों में सर्वश्रेष्ठ रहीं।

इसके साथ ही राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक इस बार स्नातकोत्तर वर्ग में विद्याशाखाओं के 07 टापर्स को दिए।जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध एम.ए. (संस्कृत)की छात्रा सविता प्रजापति समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र से सम्बद्ध एम.ए. (राजनीति विज्ञान)के छात्र आदित्य तिवारी प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र प्रयागराज से सम्बद्ध एम.बी.ए.की छात्रा सृष्टि यादव कंप्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रयागराज क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध एम.सी.ए. के छात्र सुश्रुत कुमार पाण्डेय शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध एम.ए. (शिक्षाशास्त्र)के छात्र गिरजा शंकर विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र आगरा से सम्बद्ध एम.एस.सी.(जैव रसायन)के छात्र सोमेश भारद्वाज स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ से सम्बद्ध एम0एस0सी0 (फूड एण्ड न्यूट्रीशन)की छात्रा नेहा कनौजिया प्रमुख रही।राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने स्नातक वर्ग में भी विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक विद्याशाखाओं के 07 टापर्स को दिये।जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ से सम्बद्ध स्नातक (बी0ए0)के छात्र राजकमल नन्दा समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक (बी0ए0)के छात्र उत्कर्ष पाण्डेय प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र आजमगढ़ से सम्बद्ध स्नातक (बी0कॉम0)के छात्र प्रदुम्न चौहान कम्प्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक (बी0सी0ए0) के छात्र सूरज कुमार शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक (बी0एड0)की छात्रा श्वेता सिंह विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक (बी0एस0सी0) की छात्रा उमा यादव स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र झांसी से सम्बद्ध स्नातक(बी.एस.सी.ह्यूमन न्यूट्रीशन) की छात्रा हुमैरा हलीम प्रमुख रहीं।दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने12 मेधावी शिक्षार्थियों को दानदाता स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। जिनमें बाबू ओमप्रकाश गुप्त स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध बी0एड0 की छात्रा श्वेता सिंह जोहरा अहमद मिर्जा स्मृति स्वर्ण पदक प्रयागराज क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध एम.सी.ए. की छात्रा अंकिता कुमारी कैलाशपत नेवेटिया स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र प्रयागराज से सम्बद्ध एम.बी.ए.की छात्रा सृष्टि यादव स्व0 अनिल मीना चक्रवर्ती स्मृति स्वर्ण पदक स्नातक वर्ग में क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या़ से सम्बद्ध स्नातक कला के छात्र उत्कर्ष पाण्डेय स्व0 अनिल मीना चक्रवर्ती स्मृति स्वर्ण पदक स्नातकोत्तर वर्ग में क्षेत्रीय केन्द्र प्रयागराज से सम्बद्ध एम.ए.(राजनीति विज्ञान)के छात्र आदित्य तिवारी प्रो.एम.पी.दुबे पर्यावरण/गांधी चिन्तन एवं शान्ति अध्ययन उत्कृष्टता स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक कला के छात्र उत्कर्ष पाण्डेय, प्रो.एम.पी.दुबे दिव्यांग मेधा स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केंद्र, अयोध्या से सम्बद्ध बी0एड0 की दामिनी सिंह महान राष्ट्रकवि श्रद्धेय पं0 सोहन लाल द्विवेदी स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध एम0ए0(हिन्दी)के छात्र रत्नेश द्विवेदी स्वर्गीय प्रो.सुशील प्रकाश गुप्ता स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध बी.एड.की छात्रा श्वेता सिंह संतोष कुमार दीक्षित स्मृति स्वर्ण पदक महिला वर्ग में क्षेत्रीय केन्द्र प्रयागराज से सम्बद्ध एम0बी0ए0 की छात्रा सृष्टि यादव स्व0 चारूल पाण्डेय स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ से सम्बद्ध स्नातकोत्तर(फूड एण्ड न्यूट्रीशन)की छात्रा नेहा कनौजिया तथा स्व0 डॉ0 मुरली धर तिवारी स्मृति स्वर्णपदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध बी0एस0सी0(स्नातक विज्ञान) की छात्रा उमा यादव प्रमुख रही।इस बार राज्यपाल के निर्देश पर दीक्षान्त समारोह के पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांवों में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रो प्राथमिक/जूनियर विद्यालयों तथा माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भाषण चित्रकला एवं कहानी कथन प्रतियोगिताओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।विश्वविद्यालय द्वारा अंगीकृत गांवों में प्रतिभागियों ने प्रतियोगिताओं में काफी रुचि दिखाई।प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान पाने वाले विजेताओं परी सिंह अंश अनामिका पटेल सृष्टि शुक्ला अन्तिमा पटेल तमन्ना भारतीया अदिति मौर्या सूरज साहू जान्हवी पीहू श्रेया पटेल सेजल मौर्य निहारिका मोहिनी पटेल अर्निका मौर्या आराध्या साहू गुंजन रिमझिम राम रतन अमित सरोज प्रिंसी पटेल आयुषी तिवारी तथा सिमर साहू को दीक्षान्त समारोह के अवसर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा पुरस्कृत किया गया।गोद लिए गांव से एक स्कूली बच्चे सृष्टि शुक्ला ने राज्यपाल के समक्ष महिला सशक्तिकरण पर उद्बोधन प्रस्तुत किया।दीक्षान्त समारोह के अवसर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों को विश्वविद्यालय की तरफ से कुलाधिपति के द्वारा किट भेंट किया गया।राज्यपाल ने इस अवसर पर जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी को राज भवन की तरफ से पुस्तके प्रदान की तथा प्राथमिक विद्यालय को पुस्तकें भेंट की।इस अवसर पर बेरुई गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा पर्यावरण से सम्बंधित गायन सह अभिनय प्रस्तुति की गयी।राज्यपाल की मौजूदगी में इलाहाबाद संग्रहालय से समझौता ज्ञापन(एम.ओ.यू.)भी किया गया।इसके अन्तर्गत मुक्त विश्वविद्यालय में संग्रहालय अध्ययन का कोर्स आरम्भ किया जाएगा।इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पांच स्कूली छात्राओं को एचपीवी की वैक्सीन लगाई गई।दीक्षान्त समारोह भारतीय पारम्परिक परिधान में आयोजित किया गया।इस मौके पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी महापौर गणेश केसरवानी विधायक गुरु प्रसाद मौर्य बाबूलाल तिवारी कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार सिंह पूर्व कुलपति प्रोफेसर पृथ्वीश नाग महामण्डलेश्वर कौशल्यानंद गिरि टीना मां इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद उपेन्द्र सिंह एवं जिला प्रशासन के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।

राज्यपाल ने प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया)विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का किया शुभारम्भ।

दीक्षांत समारोह में कुल 191 विद्यार्थिंयों को पदक तथा कुल 92109 छात्र-छात्राओं को दी गयी उपाधि।

राज्यपाल ने 300 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुसज्जित करने के लिए प्री स्कूल किट का किया वितरण।

राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

विश्वविद्यालयों व कॉलजों को शोध कार्यो एवं उनकी उपयोगिता को बढ़ाये जाने का किया आह्वाहन।

शिक्षा समर्पण देशभक्ति की भावना से मिलती है राष्ट्र सेवा की प्रेरणा-राज्यपाल।

अनगिनत मनीषियों की भूमि युवा अपने ज्ञान नैतिकता व सेवा की परम्परा से बनाये इस पुण्य धरती को समृद्ध-राज्यपाल।

राज्यपाल ने विद्यार्थिंयों को एक लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने तथा लक्ष्य प्राप्ति तक नियमित कठिन परिश्रम करने के लिए किया प्रेरित।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनन्दीबेन पटेल सोमवार को प्रो0राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय में आयोजित अष्टम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में सम्मिलित हुई।राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।इस अवसर पर आयोजित दीक्षांत समारोह में परास्नातक स्नातक एवं व्यवसायिक शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 92109 विद्यार्थिंयों को उपाधि प्रदान की गयी।इसके साथ ही साथ आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कुल 191 विधार्थिंयों को पदक प्रदान किया जिसमें 129 छात्राएं एवं 62 छात्र पदक प्राप्त किए।इस अवसर पर राज्यपाल ने गोद लिए गए गांवों के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को उपहार सामग्री का वितरण किया।राज्यपाल के द्वारा जिला प्रशासन की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों हेतु उपलब्ध कराये गये 200 आंगनबाड़ी किट एवं विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध कराये गये 100 किट कुल 300 किटों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए प्रदान किया गया।राज्यपाल ने विभिन्न विद्यालयों में करायी गयी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।इसके साथ ही विश्वविद्यालय के एवं अन्य विद्यालयों में अच्छा कार्य करने वाले कुछ शिक्षकों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने राष्ट्रीय खेलों में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार की धनराशि प्रदान किया और सम्मानित किया।राज्यपाल के द्वारा विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया गया।इस अवसर पर राज्यपाल ने अधिकारियों एवं शिक्षकों को उनके द्वारा स्वरचित पुस्तक चुनौतियां हमें पसंद है एवं इसके साथ चार अन्य पुस्तके प्रदान किए।कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के द्वारा पर्यावरण सुरक्षा ही जीवन सुरक्षा है विषय पर आधारित-पेड़ बचाओं रे भइया पेड़ लगाओ गीत पर मनमोहक प्रस्तुती दी गयी।राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल के द्वारा प्रो0 राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया गया l

राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज दीक्षांत समारोह में लगभग 200 लोगो को उपाधियां मेडल दिए गए मैं उन सभी लोगो को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देती हूं।आपने जो वर्षो तक मेहनत की है जो सीखा है इसके लिए आपको यह डिग्री और अवार्ड प्राप्त हुए है मैं इसके लिए सबसे पहले आपके माता-पिता को बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं एवं उनका अभिनंदन करती हूं क्योंकि आपकी बढ़ती उम्र के साथ उनकी जिम्मेदारियां एवं कठिनाईयां भी बढ़ती जाती है फिर भी आपके सपनों को पूरा करने एवं आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहते है।राज्यपाल ने कहा कि आज के दीक्षांत समारोह में भी बेटिया मेडल व डिग्री प्राप्त करने में बेटो से आगे है, कहा कि आज नारी शक्ति आगे है और भविष्य में भी इसी प्रकार आगे बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारा समाज नारी शक्ति की तरफ बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि आज का परिदृश्य बदल चुका है आगे बढ़ने के लिए सबको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। दुनिया भर में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ रही है समस्याओं के समाधान करने का प्रयास हो रहा है और आज भारत पूरी दुनिया को मार्गदर्शन व नेतृत्व प्रदान कर रहा है।राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के द्वारा तात्कालिक समय में असम राज्य में किए गए इथेनॉल संयंत्र कार्यों को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को नए शोध के आयाम एवं क्षेत्र को खोजने हेतु प्रेरित किया।उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालयों को रिसर्च व पेंटेंट पर ध्यान देने की आवश्यकता है।कहा कि संसाधनों का उपयोग जनकल्याण के लिए कैसे किया जा सकता है इसके बारे में सोचना चाहिए।उन्होंने कहा कि हमारी समस्यायें क्या है इसका समाधान क्या है इसके समाधान के लिए हमें क्या करना चाहिए कहां क्या-क्या संसाधन है जिनका हम उपयोग कर भारत को आगेे बढ़ाने का प्रयास कर सकते है।राज्यपाल ने कहा कि हमें भारत में नया ताजमहल बनाने की आवश्यकता नहीं है अपितु पूरे विश्व में भारत को ताजमहल की तरह चमकाना है।

उन्होंने विद्यार्थिंयों में जोश भरते हुए कहा कि भारत युवाओं का देश है और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आने वाले 25 वर्ष आपके लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि युवाशक्ति संकल्प ले तो पूरी दुनिया बदल सकती है। परंतु इसके लिए शिक्षा समर्पण देश के विकास की भावना देशभक्ति की आवश्कता होती है और जब तक हम यह अपने जीवन में नहीं उतारेंगे तब तक राष्ट्र की सेवा हम नहीं सकते हैं। आप अपनी योग्यता ज्ञान व सेवा को केवल अपने स्वयं व परिवार तक सीमित न रखकर राष्ट्रसेवा भाव से अपनी योग्यता को पूरे देश में प्रसारित करे जिससे पूरे देश का विकास हो सके।राज्यपाल ने कहा कि प्रयागराज की पावन धरती पर मां गंगा यमुना एवं सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान यहां की मिट्टी पानी में करोड़ो लोगो की आस्था है।उन्होंने कहा कि संगम की यह भूमि अनगिनत मनीषियों की विरासत है।अब आप लोगो की बारी है कि आप अपने ज्ञान नैतिकता व सेवाभाव की परम्परा को कैसे समृद्ध करते है।उन्होंने कहा कि चुनौतियों से आपका ज्ञान व आत्मविश्वास बढ़ेगा आपके जीवन में कठिनाईयां आएंगी इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि अपने लक्ष्य को तय कर कठिनाईयों से मार्ग प्रशस्त करते हुए योजना बनाकर आगे बढिए और उस लक्ष्य को प्राप्त करिए।राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह आपको प्रमाणपत्र डिग्रिया एवं मेडल देने के साथ ही आपको यह स्मरण भी कराता है कि अब आपकी जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गयी है।

विश्वविद्यालय की पहचान केवल उसके भवनो डिग्रियों से नहीं है बल्कि उसके अनुशासन शोधकार्य सामाजिक चेतना और अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण में निहित होती है।शिक्षा तभी सार्थक होती है जब विद्यार्थी गुरू के सानिध्य में बैठकर न केवल पाठ्यपुस्तक से बल्कि उनके अनुभव और जीवनदर्शन से सीखते है।कहा कि अध्यापको का यह दायित्व बनता है कि वे विद्यार्थिंयों के सानिध्य में बैठे और उनसे अच्छे सम्बन्ध बनाते हुए उन्हें सिखाने का कार्य करे।राज्यपाल महोदया नेे विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत की उपस्थिति की उपयोगिता को इंगित किया तथा 25 प्रतिशत अनुपस्थिति का व्यक्तित्व विकास में उपयोगिता पर विशेष बल दिया।उन्होंने विश्वविद्यालयों को समय से अपने यहां शैक्षिक सत्र परीक्षाओ का आयोजन कर समय से रिजल्ट देने एवं बायोमैक्ट्रिक उपस्थिति सिस्टम बनाने की व्यवस्था करने के लिए कहा।राज्यपाल ने झोपड़ पट्टी में रहने वाले 80 बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था कस्तूरबा गांधी विद्यालय में स्वच्छता एवं कमियों को दूर कराने भिक्षा मांगने वाले बच्चों का स्कूलों में एडमिशन कराने बीच में अपनी पढ़ाई को छोड़ने वाले बच्चों को इकट्ठा कर राजभवन के विद्यालय में एडमिशन करवायें जाने और वहां पढ़ रहे बच्चों की अच्छी शिक्षा के बारे में उनके द्वारा किए गए प्रयासों को बताते हुए कहा कि इसी प्रकार सभी को इनके लिए ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में सभी आवश्यक साधन एवं व्यवस्थायें पहुंचायी जा रही है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का गुु्रप बनाकर जिन आंगनबाड़ी केन्द्रो में किट प्रदान की गयी है वहां जाकर देखे कि किस प्रकार काम हो रहा है क्या परिवर्तन कुछ आया है आंगनबाड़ी केन्द्रो में और क्या समस्या है इन सब की सूची तैयार कर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराकर उन समस्याओं को दूर कराये जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार रिसर्च के लिए अनुदान देती है और विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में अच्छा कार्य भी कर रहे है लेकिन अच्छे शोध कार्यों एवं फाइंडिंग का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है इस विषय पर कार्य करने की आवश्यकता है।राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह के अवसर पर पुनः सभी विद्यार्थिंयों को बधाई देते हुए विद्यार्थिंयों से एक लक्ष्य निर्धारित कर उसी के अनुरूप आगे बढ़ने के लिए कहा है।

प्रयागराज की पवित्र भूमि को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा सतत् रहे जागृत रहे और कुछ न कुछ योगदान अवश्य करते रहे। उन्होंने कहा कि मनुष्य को मनुष्य बनाया इसी ध्येय वाक्य को आप आगे प्रसारित करे।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत्र ने दीक्षांत समारोह में मेडल व उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।उन्होंने विश्वविद्यालयों को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी ओतप्रोत बताते हुए संस्कारित शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा को चरित्र का उत्प्रेरक होना चाहिए और संस्कारित ज्ञान होना अच्छा है।उन्होंने कहा कि हमें हर कार्य में उत्कृष्टता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि उत्कृष्टता की जितनी साधना करेंगे उतना ही हमें सम्मान मिलेगा।कैबिनेट मंत्री उच्च शिक्षा विभाग योगेन्द्र उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में प्रो.राजेन्द्र सिंह के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन हम सब के लिए एक प्रेरणा स्रोत है और हमें आगे बढ़ने के लिए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।मंत्री ने कहा कि यह शिक्षण संस्थान प्रयागराज जैसे पौराणिक स्थल में है जो भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की मसाल को वर्षों वर्ष से जलाए हुए हैं।भारतीय ज्ञान परंपरा सामाजिक समरसता का संदेश देने वाला यह शहर है। अभी हाल ही में यहां पर विश्व का सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ का आयोजन सकुशल संपन्न हुआ जहां पर 65 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रयागराज की धरती पर आकर समागम किया। पूरे विश्व में इस आयोजन को अचंभित होकर देखा ऐसे क्षेत्र के आप लोग वासी है।गंगा जमुना एवं अदृश्य सरस्वती का संगम अक्षय वट यहां पर है।मंत्री ने कहा कि आज आप लोगों का दीक्षांत समारोह है यह आप लोगों को नवजीवन नई दिशा देने वाला एक समागम है।

उन्होंने मेडल एवं डिग्रियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियो उनके माता-पिता गुरुजनों को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।उन्होंने कहा कि माता-पिता गुरुओं के आशीर्वाद एवं सहयोग श्रम के बिना आप यह मुकाम हासिल नहीं कर सकते।उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन पर्यंत इसे याद रखने के लिए कहा।उन्होंने कहा कि आज आप लोगों को उपाधियां मिली है इसकी उपयोगिता समाज एवं राष्ट्र के लिए बने यह आपका लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस देश ने आपको बहुत कुछ दिया है इसलिए हमेशा व्यक्तिगत हित राष्ट्रहित में सम्मिलित रहे।यह संसाधन जिससे आपने उपाधि प्राप्त की है यह इस देश की ही देन है।हमें अपने स्वहित एवं राष्ट्रहित के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि स्वहित एक कालखंड तक जीवित रहता है लेकिन राष्ट्रहित अनादिकाल तक चलता है।राज्य मंत्री उच्चशिक्षा विभाग रजनी तिवारी ने दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने उद्बोधन में आज डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियो उनके माता-पिता शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह हमारे छात्र छात्राओं की उपलब्धियो के उत्सव का दिन है।आज आपने जो उपलब्धियां एवं डिग्रियां प्राप्त की है यह आपके कठिन परिश्रम त्याग और तपस्या का प्रतिफल है।देश और प्रदेश के निर्माण में आप इनका उपयोग करेंगे यह आपकी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व मंच पर उभरती शक्ति के रूप में देखा जा रहा है।विज्ञान प्रौद्योगिकी स्टार्टअप स्वास्थ्य पर्यावरण और सामाजिक सुधार सहित हर क्षेत्र में युवाओं के लिए संभावनाएं हैं।उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि आप इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने भविष्य को सवारेगे तथा देश और प्रदेश के प्रगति में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम विकसित देश की ओर आगे बढ़ रहे है।प्रधानमंत्री ने कहा था कि वर्ष 2047तक हमारा देश विकसित देश बनेगा तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान हमारे युवाओं का होगा।इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अब बेटियों की सामर्थ्य घर तक ही सीमित नहीं है बल्कि बेटियों की सामर्थ्य देश की फिजा व दिशा को बदलने वाली है। उन्होंने कहा कि आज देश व प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है।

मंत्री ने कहा कि विकसित देश की परिकल्पना बिना उत्तर प्रदेश के सम्भव नहीं है।इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह(रज्जू भइया)विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि आज 739 कालेज इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है तथा 5 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है।उन्होंने कहा कि संकल्प निष्ठा व सामूहिक प्रयास से राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(नैक)द्वारा विश्वविद्यालय को ए ग्रेड प्रदान किया गया है जो विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति शोध संस्कृति नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को दर्शाता है।इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा कुल सचिव विनीता यादव विश्वविद्यालय के आचार्यगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

व्हिसलब्लोअर एक्ट के तहत भ्रष्टाचार के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता का बयान

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड सरकार पर व्हिसलब्लोअर एक्ट के तहत एक आईपीएस अधिकारी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार सुरक्षा उपकरणों की खरीद में हुए कथित भ्रष्टाचार की लीपापोती करने में लगी हुई है।

मुख्य आरोप और सरकार की प्रतिक्रिया

भ्रष्टाचार के आरोप: प्रतुल शाहदेव के अनुसार, झारखंड कैडर के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने व्हिसलब्लोअर एक्ट के तहत सुरक्षा उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। अधिकारी का दावा है कि इन उपकरणों को उनके बाजार मूल्य से चार से पाँच गुना अधिक कीमतों पर खरीदा गया।

जांच में देरी: शाहदेव ने आरोप लगाया कि सरकार ने शुरुआत में महीनों तक इन आरोपों पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब दबाव बढ़ा तो एक जांच समिति बनाई गई।

जांच समिति पर सवाल: पहली जांच समिति का नेतृत्व आईजी नरेंद्र कुमार को दिया गया, जो कथित आरोपी अधिकारी से कनिष्ठ थे। प्रतुल शाहदेव ने इस कदम को हास्यास्पद और अनैतिक बताया, क्योंकि एक कनिष्ठ अधिकारी अपने वरिष्ठ की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता।

जांच में शिथिलता: बाद में, समिति बदलकर एडीजी टी कांडास्वामी की अध्यक्षता में बनाई गई। हालाँकि, शाहदेव के अनुसार, कांडास्वामी लंबे समय तक छुट्टी पर रहे, जिससे जांच की गति धीमी हो गई। अभी तक समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है।

व्हिसलब्लोअर एक्ट का उल्लंघन

प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सरकार ने व्हिसलब्लोअर एक्ट की मूल भावना के विपरीत काम किया है। इस कानून का उद्देश्य भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वाले को सुरक्षा देना और उसकी पहचान गुप्त रखना है। लेकिन, भाजपा प्रवक्ता का आरोप है कि झारखंड में सरकार ने व्हिसलब्लोअर अधिकारी को असुरक्षित किया है और कथित आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का एक सीधा उदाहरण है।

शिक्षा में बदलाव सिर्फ अच्छा नहीं, बल्कि बहुत जरूरी है" – राजनाथ सिंह

लखनऊ। 2025:- ग्लोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (GETI) ने 15 सितंबर 2025 को Ed Leadership International Roundtable के पहले दिन PATH मूवमेंट के शुभारंभ की घोषणा की। ‘PATH’ एक अभिनव ढांचा है, जिसका उद्देश्य भारतीय कक्षाओं में बदलाव लाना और देशभर के शिक्षकों, ख़ासकर जमीनी स्तर पर काम कर रहे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को सशक्त बनाना है। GETI द्वारा आयोजित इस राउंडटेबल में शिक्षक, स्कूल लीडर और शिक्षा क्षेत्र के नवप्रवर्तक एक तीन-दिवसीय अनुभव का हिस्सा बनेंगे।

यह कार्यक्रम 15 से 17 सितम्बर तक सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, एलडीए कॉलोनी स्थित वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में होगा। इस तीन दिवसीय आयोजन में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली से हज़ार से अधिक शिक्षकों के भाग लेने की संभावना है।भारत सरकार के केंद्रीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने एक वीडियो संदेश में PATH आंदोलन के शुभारंभ का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "शिक्षा में बदलाव सिर्फ जरूरी नहीं, बल्कि बहुत जरूरी है। हमें ऐसी प्रणाली चाहिए, जो छोटे-छोटे सुधारों से आगे बढ़कर असली बदलाव लाए।

हमारी शिक्षा प्रणाली को खुद को बेहतर बनाना होगा। बच्चों को सफल होने और खुशी से सीखने के अच्छे मौके मिलने चाहिए। GETI द्वारा PATH आंदोलन शुरू करने से यह सभी शिक्षकों, स्कूल के नेताओं और समाज को एक साथ मिलकर हमारे बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाने की प्रेरणा देगा।"आज शुभारंभ किया गया PATH का अर्थ है।

Purposeful Learning (सार्थक सीख), Active Classrooms (सक्रिय कक्षाएँ), Tranformative Outcomes (परिवर्तनकारी परिणाम) और Holistic Growth (समग्र विकास)। PATH का उद्देश्य स्कूलों और शिक्षकों को, विशेषकर जमीनी स्तर पर काम करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को, ऐसी छात्र-नेतृत्व वाली कक्षाएँ बनाने में मदद करना है, जहाँ आत्मविश्वास, आलोचनात्मक सोच और किसी विषय को सिर्फ़ सतही तौर पर नहीं, बल्कि उसकी गहराई में जाकर पूरी समझ विकसित करना, को बढ़ावा मिले। PATH एक बहु-विषयी दृष्टिकोण अपनाता है, जिसके तहत केजी से ग्रेड 8 तक के छात्र के लिए अंग्रेज़ी, गणित, हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ शामिल की गई हैं।

Roundtable Conference की इस श्रृंखला में कई अहम विषयों पर चर्चा होगी, जैसे क्यों ‘PATH’, क्यों अभी; साक्षरता : दुनिया का सबसे अच्छा निवेश; वैकल्पिक प्रणालियों से सीखना; प्रारंभिक नींव और स्थायी लाभ और अन्य।

तीन दिवसीय इस आयोजन में कक्षा का सजीव अनुभव, व्यावहारिक प्रशिक्षण और सहभागी चर्चाएँ भी शामिल होंगी, जिससे प्रतिभागियों को उन शिक्षकों से सीधे सीखने का अवसर मिलेगा जो पहले से ही ‘PATH’ लागू कर रहे हैं। कार्यक्रम में हाई ‘PATH’ ऐप का भी शुभारंभ किया जाएगा, जो तुरंत topic-wise फ़ीडबैक और performance report उपलब्ध कराता है। इसके ज़रिए छात्र, शिक्षक और अभिभावक वास्तविक समय में प्रगति का आकलन कर पाएंगे और कमियों को दूर करने के उपाय कर सकेंगे।

मुख्य अतिथि ललिता प्रदीप, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में हम ALfA कार्यक्रम को 4 जिलों में लागू कर चुके हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। परख 2024 में, उत्तर प्रदेश ने ग्रेड 3 रैंक हासिल की है। यह राज्य के लिए बहुत बड़ी प्रगति है, जो खासकर निचले स्तर की शिक्षा में पहले चुनौतियों का सामना कर रहा था। मेरा मानना है कि शिक्षकों को इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उठानी चाहिए और उस पर भरोसा करना चाहिए, क्योंकि यह पूरे राज्य और देश के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय होता जा रहा है। ALfA शिक्षकों के लिए एक बेहतरीन उपकरण है, जो सीखने की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने में मदद करेगा। PATH मूवमेंट की शुरुआत हमारे देश के लिए एक सही दिशा में कदम है, जिससे भारत 2041 तक एक विकसित और दक्ष राष्ट्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो सकेगा।”GETI की संस्थापक डॉ. सुनीता गांधी ने कहा, “यह एक पूरी तरह से छात्र-केन्द्रित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य छात्रों के पहले से मौजूद ज्ञान को आधार बनाकर उन्हें और बेहतर तरीके से सीखने में मदद करना है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छात्र अधिक सक्रिय रूप से हिस्सा लें, याद रखने की क्षमता बढ़े और असली समझ विकसित हो। छात्रों को समूहों या जोड़ों में मिलकर सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया और तेज होगी और वे अपने ज्ञान को गहराई से आत्मसात कर सकेंगे।

हमारा उद्देश्य यह है कि यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक प्रक्रिया न बनकर, छात्रों के लिए एक व्यावहारिक और रोचक अनुभव बनकर उभरे।”

डॉ. सुनीता गांधी, PhD (कैम्ब्रिज), एक शिक्षाविद, शोधकर्ता और नवप्रवर्तक हैं, जिन्हें शिक्षा सुधार के क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वह GETI और डिग्निटी एजुकेशन विज़न इंटरनेशनल (देवी) की संस्थापक हैं और लखनऊ स्थित विश्व के सबसे बड़े स्कूल सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की चीफ़ अकैडमिक एडवाइज़र हैं।देशभर के शिक्षकों की भागीदारी के साथ यह राउंडटेबल GETI के उस मिशन को मज़बूती देता है, जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षण समुदाय को सशक्त बनाना है।

यह मिशन साक्ष्य-आधारित और बड़े पैमाने पर लागू की जा सकने वाली प्रथाओं पर आधारित है, जो NEP 2020 और राष्ट्रीय शिक्षा सुधार के लक्ष्यों के अनुरूप हैं।GETI, जिसकी स्थापना डॉ. सुनीता गांधी ने की है, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय केंद्र है। यह शोध-आधारित कार्यक्रमों के ज़रिए शिक्षकों को सशक्त बनाता है, जैसे ALfA शिक्षण शास्त्र, जिसमें छात्र एक-दूसरे को सिखाकर सीखते हैं और इससे बुनियादी कुशलताएं में तेज़ी से प्रगति होती है।GETI का दायरा हज़ारों स्कूलों तक फैला है, जिनमें सिटी मॉन्टेसरी स्कूल भी शामिल है। यहाँ प्री-सर्विस और इन-सर्विस टीचर ट्रेनिंग, लीडरशिप प्रोग्राम और फ़ेलोशिप्स की सुविधा दी जाती है। इसका काम NEP2020 के अनुरूप है और हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के द्वारा समर्थित है। GETI छात्रों और शिक्षकों को अपनी सीखने की प्रक्रिया को दिशा देने और आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाता है।

बलिया में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर शिक्षकों ने टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ भरी हुंकार

संजीव सिंह बलिया। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर देश के समस्त जनपदों में शिक्षकों ने टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता के खिलाफ आवाज उठाई। इसी क्रम में बलिया में भी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला संयोजक राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में भारत सरकार से तत्काल इस निर्णय को वापस लेने और शिक्षकों की सेवा सुरक्षा एवं आजीविका संकट से राहत दिलाने हेतु जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। जिला संयोजक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि जब उनकी नियुक्ति हुई थी, तब सभी सरकारी नियमों का पालन करते हुए नियुक्ति हुई थी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के बाद वर्ष 2010 से टीईटी अनिवार्य किया गया था, लेकिन अब 20-25 वर्षों की सेवा के बाद नियम बदलकर शिक्षकों पर टीईटी परीक्षा थोपना न्यायालय का अन्यायपूर्ण निर्णय है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि शिक्षकों के सम्मान और उनके पवित्र शिक्षण कार्य का अपमान न हो, और तुरंत उनका गौरव वापस दिलाया जाए। जिला सहसंयोजक पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि आज के ज्ञापन में शिक्षक समुदाय की व्यथा और मांगों को पूरी निष्ठा के साथ शामिल किया गया है। उन्होंने सरकार से पुनः आग्रह किया कि शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और सम्मान को बनाए रखने के लिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तुरंत सकारात्मक कदम उठाए जाएं। जिला सहसंयोजक प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि न्यायालय का यह फैसला शिक्षक विरोधी है और बिना शिक्षकों की बात सुने एकतरफा निर्णय है। अगर आवश्यकता पड़ी तो शिक्षक संघर्ष के लिए दिल्ली तक कूच करेंगे। शिक्षकों के सम्मान के साथ समझौता नहीं होने दिया जाएगा। सहसंयोजक ज्ञान प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने बिना नियमों को देखे मनमाना फैसला सुनाया है, जबकि भारत सरकार के राजपत्र में स्पष्ट है कि 2010 से पहले नियुक्त अध्यापकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं था। इस फैसले से पूरे शिक्षक समाज में निराशा फैली है, जो शिक्षा कार्यों पर भी असर डालेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए ताकि शिक्षकों की निराशा खत्म हो सके। इस अवसर पर समीर कुमार पाण्डेय, अमरेंद्र सिंह, रामअशीष यादव, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, संजीव कुमार सिंह, अकीलुर्रहमान खान, राजेश सिंह, विनय राय, राकेश कुमार मौर्य, धर्मेन्द्र गुप्ता, कृष्णानंद पाण्डेय, ओंकारनाथ सिंह, राजीव सिंह, उमेश राय, अभिषेक सिंह, गणेश यादव, मुकेश सिंह, संजीव रंजन, राघवेंद्र सिंह, अमरेश चतुर्वेदी, चंदन गुप्ता, दिग्विजय सिंह, राकेश गुप्ता, कर्ण प्रताप सिंह, अनिल सिंह, रजनीश चौबे, अमित नाथ तिवारी, सतीश कुशवाहा, शीतांशु वर्मा, सतीश त्रिपाठी, नीतीश राय, डॉ. विनय भारद्वाज, अभिषेक राय, अंगद वर्मा, अमित यादव, सुशील दुबे, बब्बन यादव, कुलभूषण त्रिपाठी, अभिषेक तिवारी, पुनीत सिसोदिया, सुदीप तिवारी, रामप्रवेश राम, संजय सिंह, शुभम सिंह, संतोष पाण्डेय, अजय वर्मा, अभय सिंह, अशोक सिंह, रवि यादव, विनोद यादव, राजकुमार यादव, अजय सिंह, धनजी प्रसाद, संजय कुमार, श्रीकांत मिश्रा, अशोक तिवारी, सत्येन्द्र चौबे, कविता सिंह समेत सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।
*सीएचसी लम्भुआ में डॉक्टर साहब का ताश खेलते हुए शोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल*
सुल्तानपुर जिले के लम्भुआ कोतवाली थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बंद कमरे अंदर तीन लोगों के साथ सरकारी चिकित्सक का ताश खेलते हुए वीडियो शोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सूत्र की माने तों इसके पहले भी ऐसे ही वायरल एक वीडियो को लेकर जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत हुई थी। खैर अब मामले को संज्ञान में लेकर लम्भुआ चिकित्सा अधीक्षक ने संबंधित चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा है। लंभुआ से संबद्ध प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव में डॉक्टर तैनात हैं। लंभुआ सीएचसी में भी इनकी ड्यूटी समय समय पर लगती है। इसके दो दिन पूर्व रात में डॉक्टर अस्पताल में मौजूद थे।उनका सुबह अन्य कर्मियों के साथ ताश खेलते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो ने जिले में हलचल मचा दी है। अब इसकी जानकारी करते ही अधिकारी तोतें की तरह बोलने लगे है कि मामला संज्ञान में है और कार्यवाई की जा रही है। वही चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि मामला संज्ञान में है। डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया है और उन्हें सीएमओ ऑफिस भी बुलाया गया था।
*पुलिस ने वृद्ध की मौत का किया खुलासा, बेटा फरार तों भतीजा गिरफ्तार,पुलिस कर रही फरार बेटे की तलाश*
यूपी के सुल्तानपुर में एक कलयुगी बेटे और भतीजे ने मिलकर बुजुर्ग पिता को पेट्रोल डालकर जलाकर मार डाला,इस घटना के बाद बेटा फरार हो गया,तों वही भतीजे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना के पीछे जमीन का विवाद बताया जा रहा है। दरअसल यह मामला शिवगढ़ थाना क्षेत्र के रामगढ़ का है। इस इलाके के रहने वाले सत्तर वर्षीय बुजुर्ग को उसी के बेटे ने चचेरे भाई के साथ मिलकर पेट्रोल डालकर बुजुर्ग को जिंदा जलाकर मार डाला। मृतक का एक आखिरी ऑडियो और वीडियो बयान सामने आया है।जिसमें 70 वर्षीय मृतक मुन्नर लाल सरोज अपने भतीजे विजय का नाम लेकर बताया है कि उसने पेट्रोल डालकर आग लगाई है। जबकि इसकी साजिश उसके बेटे जमुना ने रची है। घटना के बाद से मृतक मुन्नर का बेटा जमुना घर से फरार है,उसका फोन भी स्विच ऑफ है। जबकि आरोपित विजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की माने तो आरोपित जमुना की पत्नी यानि मृतक की बहू ने मृतक के भतीजे विजय के नाम तहरीर दी है और पुलिस में मामला दर्ज कराया है। हत्या के पीछे के कारणों की तलाश में पुलिस जुटी है। आरोपित भतीजे विजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मृतक ने अपने आखिरी बयान में भतीजे विजय और पुत्र जमुना का भी नाम लिया है। लिहाजा पुलिस पुत्र को भी आरोपित मानकर उसकी तलाश कर रही है और मामले की सभी पहलुओं पर तफ्तीश कर रही है।
भाजपा को झूठ फैलाकर भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं : विनोद पांडेय


भाजपा प्रवक्ता के बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि भाजपा झूठ फैलाकर भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।

जिस तरह से भाजपा नेता ने सुरक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर राज्य सरकार पर निराधार आरोप लगाए हैं, वह पूरी तरह से राजनीतिक साज़िश का हिस्सा है। विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार पारदर्शिता और सुशासन के प्रति प्रतिबद्ध है। सुरक्षा उपकरणों की खरीद से जुड़ा मामला प्रारंभ से ही निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार देखा जा रहा है। शिकायत आने के बाद सरकार ने न केवल संज्ञान लिया बल्कि जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की समिति गठित की है। समिति की कार्यवाही नियमों के तहत चल रही है, और निष्पक्ष रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा को यह बताना चाहिए कि जब केंद्र में उनकी सरकार है, तब उन्होंने राज्य को जांच में सहयोग क्यों नहीं दिया? भाजपा नेता का बयान सिर्फ़ सुर्ख़ियाँ बटोरने और ईमानदार सरकार को बदनाम करने की कोशिश है।

विनोद पांडेय ने स्पष्ट कहा कि भाजपा को यह समझ लेना चाहिए कि झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे सख़्त रुख हेमंत सोरेन सरकार ने अपनाया है। सरकार हर शिकायत का संज्ञान लेती है, परंतु किसी भी जांच को मीडिया ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा को सलाह है कि वह झूठे बयान देने के बजाय तथ्यों का सम्मान करे और संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा रखे।

“हेमंत सोरेन सरकार न तो किसी भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है, न ही किसी व्हिस्ल ब्लोअर को असुरक्षित बना रही है। भाजपा बेबुनियाद आरोप लगाकर सिर्फ़ जनता को गुमराह कर रही है।” — विनोद पांडेय, महासचिव, झामुमो

मोक्ष की नगरी काशी में एक ऐसा शख्स जिसने 1 लाख 20 हजार बेटियों का पिता बन किया श्राद्ध
- समाज को कन्या भ्रूण हत्या से बचने के सन्देश देने का नायब प्रयोग

- 12 सालों में डॉ संतोष ओझा ने किया 1 लाख 20 हजार अजन्मी बेटियों का श्राद्ध

- आगमन संस्था का अनोखा प्रयास, जन्म न लेने वाली बेटियों की मोक्ष की कामना

- शीघ्र ही चिन्हित अल्ट्रासाउंड सेंटर और उनके संचालकों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने की होगी घोषणा

बनारस।
अनुष्ठान तो एक बहाना है।
असल में बेटी को बचाना है।।

कण कण में शिव के वास करने वाले पवित्र नगरी काशी का दशाश्वमेध घाट पर नित्य प्रतिदिन विशिष्ट फलदायी धार्मिक आयोजनों के लिए जाना जाता है लेकिन कल मातृ नवमी के दुपहरिया में हुए नैमित श्राद्ध अनुष्ठान उन अजन्मी बेटियों के लिए आहूत थी जो भूलोक पर आने के पूर्व ही माँ के गर्भ से ही बलात प्रेत योनि के रास्ते जाने को मजबूर किया जाता हैं। इन बेटियों को प्रेत योनि में भेजने वाले कोई और नहीं इन्हीं के सगे मां-बाप बुआ दादी और उनके परिजन है।

माताओं के समर्पित पितृ पक्ष का नवमी तिथि को शास्त्रीय विधान संग आगमन संस्था टीम ने  पिंड निर्माण कर विधिपूर्वक हूत आत्माओं का आह्वान के बारी बारी से उनके मोक्ष की कामना की। "अंतिम प्रणाम " के 12 वें साल 13000 पिंड के माध्यम से अजन्मी बेटियों की मोक्ष की कामना की गयी। श्राद्ध अनुष्ठान का समस्त कर्म संस्था के संस्थापक डॉ संतोष ओझा ने किया जबकि अनुष्ठान संपादित पं दिनेश शंकर दुबे और कन्हैया पाठक संग पंच विप्रो ने कराया।

इस अनोखे अनुष्ठान की शुरुआत ब्रम्हकाल के स्नान के उपरांत पिंड निर्माण से हुआ। क्षौर कर्म के उपरांत गंगा के मिट्टी की वेदी निर्माण, शांति पाठ तत्पश्चात् शास्त्र वर्णित मंत्रो के बीच आह्वान , प्रेत योनि के बेटियों के पिंड का पूजन-अर्पण और तर्पण साथ पंच बलि, ब्राम्हण भोज के साथ अनुष्ठान का समापन हुआ।

आगमन संस्था के संस्थापक और श्राद्धकर्ता डॉ संतोष ओझा के अनुसार आगमन संस्था 2001 से लगातार अजन्मी बेटी को बचाने का अभियान चला रही है संस्था ने विगत 25 सालों में सैकड़ो मां-बाप का काउंसलिंग कर उन्हें पेट में पल रही बेटियों को जन्म देने के लिए प्रेरित किया। अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि तमाम सरकारी और संस्थागत प्रयास के बावजूद आज भी काशी में कन्या भ्रूण हत्या जारी है जिसको रोकने के लिए सरकारी तंत्र को और भी प्रभावी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। आगमन संस्था एक बार फिर चिन्हित अल्ट्रासाउंड सेंटर और उनके संचालकों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने की घोषणा करेगी।

अनुष्ठान में सहयोग-
राहुल गुप्ता, हरिकृष्ण प्रेमी, साधना, सन्नी कुमार, ज्योति, जितेंद्र जी किरण, साधना, सोनी, अरुण गुप्ता, मदन गुप्ता, भानु प्रताप, सुनील, सुशील।

स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार: बिहार में महिलाओं को मिलेगा निःशुल्क स्वास्थ्य लाभ*
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पटना, - बिहार में महिलाओं के लिए "स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार" नामक एक विशेष स्वास्थ्य अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत 17 सितंबर से होगी और यह 2 अक्टूबर तक चलेगा। इसका उद्देश्य महिलाओं, किशोरियों और बच्चों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और जांच उपलब्ध कराना है। अभियान की मुख्य बातें इस अभियान के तहत राज्य के सभी सदर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (UPHC) और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में निम्नलिखित सुविधाएं दी जाएंगी: महिलाओं, किशोरियों और बच्चों का विशेष टीकाकरण: इसमें सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 वर्ष की बच्चियों को एचपीवी टीका भी लगाया जाएगा। निःशुल्क जांच और उपचार: इसमें स्त्री रोग, बाल रोग और अन्य बीमारियों की जांच शामिल है। गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग: गैर-संचारी रोग जैसे रक्तचाप और मधुमेह की जांच, साथ ही मुख, स्तन और गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग भी होगी। अन्य सुविधाएं: ईएनटी, दंत और नेत्र जांच की सुविधा भी उपलब्ध होगी, और जरूरतमंदों को चश्मा भी दिया जाएगा। गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सेवाएं: उनके लिए प्रसव पूर्व जांच और टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। आधुनिक चिकित्सा जांच: ईसीजी, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और अन्य जांच की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। डिजिटल पंजीकरण और आयुष्मान कार्ड स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने बताया कि शिविरों में आने वाले सभी मरीजों का आभा आईडी (ABHA ID) के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। साथ ही, 591 स्थानों पर आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए विशेष स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जिससे लाभार्थी आसानी से अपना कार्ड बनवा सकेंगे। यह अभियान केंद्र सरकार के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसकी औपचारिक शुरुआत राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जाएगी। इस पहल का लक्ष्य महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर एक सशक्त परिवार और समाज का निर्माण करना है।
उच्च शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति में मुक्त विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण-राज्यपाल।

मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में उमा यादव को मिला कुलाधिपति स्वर्ण पदक।

28 हजार से अधिक शिक्षार्थियों को मिली उपाधि।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।उ0 प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज का 20वां दीक्षान्त समारोह सोमवार को सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया।दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि उच्च शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति में मुक्त विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण है।समाज के कम से कम 50% युवाओं की पहुंच उच्च शिक्षा तक होनी चाहिए।इसमें मुक्त विश्वविद्यालय को अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है।विश्वविद्यालय यह कार्य अपने क्षेत्रीय केन्द्रो के माध्यम से पूरा कर सकता है।दूरस्थ शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ऑनलाइन सुविधाओं का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए।इस अवसर पर राज्यपाल ने बिगड़ते पर्यावरण पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।उन्होंने इस अवसर पर उच्च प्राथमिक विद्यालय बेरुई के बच्चों द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर दी गई प्रस्तुति की सराहना की। राज्यपाल पटेल ने महिलाओं में बढ़ते सरवाइकल कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी वैक्सीनेशन की मुहिम के लिए जन सहभागिता की अपील की। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि उन्होंने प्रदेश की महिलाओं को कैंसर से बचाव के लिए जो मुहिम चलाई है उसमें प्रशासनिक अधिकारी अपना सहयोग प्रदान करें।मुख्य अतिथि प्रो.उमा कांजीलाल कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने आभासी रूप में दीक्षान्त भाषण देते हुए कहा कि इस समय युवा ही विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं।इसके लिए युवाओं को अपनी समस्त ऊर्जा का उपयोग देश के विकास के लिए करना चाहिए। प्रोफेसर कांजीलाल ने कहा कि इस दौर में भारत अंतरिक्ष विज्ञान कृषि सुरक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है।हमें भी इसमें अपना योगदान देना है।वर्तमान में ओ डी डी एल कृत्रिम मेधा मशीन लर्निंग एवं ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग आदि शिक्षा के विस्तार और पहुंच को सुनिश्चित करने वाले प्रभावी और महत्वपूर्ण माध्यम उपलब्ध है।इन माध्यमों का प्रयोग करके हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों की प्राप्ति में महती भूमिका अदा कर सकते है। यह नीति भारतीय मूल्यो सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक ज्ञान के समावेश के साथ-साथ आधुनिकता और नवाचार को भी प्रोत्साहित करती है।विशिष्ट अतिथि योगेन्द्र उपाध्याय उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्राप्त शिक्षार्थियों से कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में उन्हें आधुनिक विज्ञान और तकनीक का ज्ञान अर्जित करना होगा। ऑनलाइन शिक्षा डिजिटल पुस्तकालय वर्चुअल लैब्स और स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाएं शिक्षा के स्वरूप को बदल रही है।उपाध्याय ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय का महत्व इसी कारण और भी बढ़ गया है क्योंकि यह उन विद्यार्थियों तक दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा पहुंचा रहा है।उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन बेरोजगारी जनसंख्या वृद्धि पर्यावरण संकट और सामाजिक असमानता जैसी अनेक चुनौतियां हमारे सामने होंगी जिनके समाधान के लिए शिक्षित सजग और जिम्मेदार नागरिकों की आवश्यकता है।

विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी उच्च शिक्षा राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक अर्थ ज्ञान को जीवन से जोड़ना है।उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि वह मूल्य और संस्कार को आत्मसात करते हुए अपने व्यक्तित्व को ऐसा बनाएं जो समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी हो।उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने न केवल हमारी जीवन शैली बदल दी है बल्कि शिक्षा के स्वरूप को भी नई दिशा दी है।तिवारी ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना तभी साकार होगा जब युवा अपनी उर्जा ज्ञान और नवाचार से इसमें योगदान देंगे।20वें दीक्षान्त समारोह में विभिन्न विद्याशाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को 27 स्वर्ण पदक प्रदान किये गये जिनमें 15 स्वर्ण पदक छात्राओं तथा 12 स्वर्ण पदक छात्रों ने प्राप्त किए।दीक्षान्त समारोह में सत्र दिसम्बर-2024 तथा जून-2025 की परीक्षा के सापेक्ष उत्तीर्ण 28421 शिक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी जिसमें 17268 पुरूष 1 ट्रांस्जेंडर तथा 11152 महिला शिक्षार्थी हैं।इस अवसर पर उपाधियों एवं अंकपत्रों को डिजीलॉकर में अपलोड कर प्रसारित किया गया।20वें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक विज्ञान की छात्रा उमा यादव को दिया।उमा ने बी.एस.सी. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा वे समस्त विद्याशाखाओं की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उत्तीर्ण समस्त स्नातक एवं परास्नातक शिक्षार्थियों में सर्वश्रेष्ठ रहीं।

इसके साथ ही राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक इस बार स्नातकोत्तर वर्ग में विद्याशाखाओं के 07 टापर्स को दिए।जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध एम.ए. (संस्कृत)की छात्रा सविता प्रजापति समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र से सम्बद्ध एम.ए. (राजनीति विज्ञान)के छात्र आदित्य तिवारी प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र प्रयागराज से सम्बद्ध एम.बी.ए.की छात्रा सृष्टि यादव कंप्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रयागराज क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध एम.सी.ए. के छात्र सुश्रुत कुमार पाण्डेय शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध एम.ए. (शिक्षाशास्त्र)के छात्र गिरजा शंकर विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र आगरा से सम्बद्ध एम.एस.सी.(जैव रसायन)के छात्र सोमेश भारद्वाज स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ से सम्बद्ध एम0एस0सी0 (फूड एण्ड न्यूट्रीशन)की छात्रा नेहा कनौजिया प्रमुख रही।राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने स्नातक वर्ग में भी विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक विद्याशाखाओं के 07 टापर्स को दिये।जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ से सम्बद्ध स्नातक (बी0ए0)के छात्र राजकमल नन्दा समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक (बी0ए0)के छात्र उत्कर्ष पाण्डेय प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र आजमगढ़ से सम्बद्ध स्नातक (बी0कॉम0)के छात्र प्रदुम्न चौहान कम्प्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक (बी0सी0ए0) के छात्र सूरज कुमार शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक (बी0एड0)की छात्रा श्वेता सिंह विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक (बी0एस0सी0) की छात्रा उमा यादव स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र झांसी से सम्बद्ध स्नातक(बी.एस.सी.ह्यूमन न्यूट्रीशन) की छात्रा हुमैरा हलीम प्रमुख रहीं।दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने12 मेधावी शिक्षार्थियों को दानदाता स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। जिनमें बाबू ओमप्रकाश गुप्त स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध बी0एड0 की छात्रा श्वेता सिंह जोहरा अहमद मिर्जा स्मृति स्वर्ण पदक प्रयागराज क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध एम.सी.ए. की छात्रा अंकिता कुमारी कैलाशपत नेवेटिया स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र प्रयागराज से सम्बद्ध एम.बी.ए.की छात्रा सृष्टि यादव स्व0 अनिल मीना चक्रवर्ती स्मृति स्वर्ण पदक स्नातक वर्ग में क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या़ से सम्बद्ध स्नातक कला के छात्र उत्कर्ष पाण्डेय स्व0 अनिल मीना चक्रवर्ती स्मृति स्वर्ण पदक स्नातकोत्तर वर्ग में क्षेत्रीय केन्द्र प्रयागराज से सम्बद्ध एम.ए.(राजनीति विज्ञान)के छात्र आदित्य तिवारी प्रो.एम.पी.दुबे पर्यावरण/गांधी चिन्तन एवं शान्ति अध्ययन उत्कृष्टता स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक कला के छात्र उत्कर्ष पाण्डेय, प्रो.एम.पी.दुबे दिव्यांग मेधा स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केंद्र, अयोध्या से सम्बद्ध बी0एड0 की दामिनी सिंह महान राष्ट्रकवि श्रद्धेय पं0 सोहन लाल द्विवेदी स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध एम0ए0(हिन्दी)के छात्र रत्नेश द्विवेदी स्वर्गीय प्रो.सुशील प्रकाश गुप्ता स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध बी.एड.की छात्रा श्वेता सिंह संतोष कुमार दीक्षित स्मृति स्वर्ण पदक महिला वर्ग में क्षेत्रीय केन्द्र प्रयागराज से सम्बद्ध एम0बी0ए0 की छात्रा सृष्टि यादव स्व0 चारूल पाण्डेय स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ से सम्बद्ध स्नातकोत्तर(फूड एण्ड न्यूट्रीशन)की छात्रा नेहा कनौजिया तथा स्व0 डॉ0 मुरली धर तिवारी स्मृति स्वर्णपदक क्षेत्रीय केन्द्र अयोध्या से सम्बद्ध बी0एस0सी0(स्नातक विज्ञान) की छात्रा उमा यादव प्रमुख रही।इस बार राज्यपाल के निर्देश पर दीक्षान्त समारोह के पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांवों में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रो प्राथमिक/जूनियर विद्यालयों तथा माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भाषण चित्रकला एवं कहानी कथन प्रतियोगिताओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।विश्वविद्यालय द्वारा अंगीकृत गांवों में प्रतिभागियों ने प्रतियोगिताओं में काफी रुचि दिखाई।प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान पाने वाले विजेताओं परी सिंह अंश अनामिका पटेल सृष्टि शुक्ला अन्तिमा पटेल तमन्ना भारतीया अदिति मौर्या सूरज साहू जान्हवी पीहू श्रेया पटेल सेजल मौर्य निहारिका मोहिनी पटेल अर्निका मौर्या आराध्या साहू गुंजन रिमझिम राम रतन अमित सरोज प्रिंसी पटेल आयुषी तिवारी तथा सिमर साहू को दीक्षान्त समारोह के अवसर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा पुरस्कृत किया गया।गोद लिए गांव से एक स्कूली बच्चे सृष्टि शुक्ला ने राज्यपाल के समक्ष महिला सशक्तिकरण पर उद्बोधन प्रस्तुत किया।दीक्षान्त समारोह के अवसर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों को विश्वविद्यालय की तरफ से कुलाधिपति के द्वारा किट भेंट किया गया।राज्यपाल ने इस अवसर पर जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी को राज भवन की तरफ से पुस्तके प्रदान की तथा प्राथमिक विद्यालय को पुस्तकें भेंट की।इस अवसर पर बेरुई गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा पर्यावरण से सम्बंधित गायन सह अभिनय प्रस्तुति की गयी।राज्यपाल की मौजूदगी में इलाहाबाद संग्रहालय से समझौता ज्ञापन(एम.ओ.यू.)भी किया गया।इसके अन्तर्गत मुक्त विश्वविद्यालय में संग्रहालय अध्ययन का कोर्स आरम्भ किया जाएगा।इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पांच स्कूली छात्राओं को एचपीवी की वैक्सीन लगाई गई।दीक्षान्त समारोह भारतीय पारम्परिक परिधान में आयोजित किया गया।इस मौके पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी महापौर गणेश केसरवानी विधायक गुरु प्रसाद मौर्य बाबूलाल तिवारी कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार सिंह पूर्व कुलपति प्रोफेसर पृथ्वीश नाग महामण्डलेश्वर कौशल्यानंद गिरि टीना मां इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद उपेन्द्र सिंह एवं जिला प्रशासन के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।

राज्यपाल ने प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया)विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का किया शुभारम्भ।

दीक्षांत समारोह में कुल 191 विद्यार्थिंयों को पदक तथा कुल 92109 छात्र-छात्राओं को दी गयी उपाधि।

राज्यपाल ने 300 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुसज्जित करने के लिए प्री स्कूल किट का किया वितरण।

राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

विश्वविद्यालयों व कॉलजों को शोध कार्यो एवं उनकी उपयोगिता को बढ़ाये जाने का किया आह्वाहन।

शिक्षा समर्पण देशभक्ति की भावना से मिलती है राष्ट्र सेवा की प्रेरणा-राज्यपाल।

अनगिनत मनीषियों की भूमि युवा अपने ज्ञान नैतिकता व सेवा की परम्परा से बनाये इस पुण्य धरती को समृद्ध-राज्यपाल।

राज्यपाल ने विद्यार्थिंयों को एक लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने तथा लक्ष्य प्राप्ति तक नियमित कठिन परिश्रम करने के लिए किया प्रेरित।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनन्दीबेन पटेल सोमवार को प्रो0राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय में आयोजित अष्टम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में सम्मिलित हुई।राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।इस अवसर पर आयोजित दीक्षांत समारोह में परास्नातक स्नातक एवं व्यवसायिक शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 92109 विद्यार्थिंयों को उपाधि प्रदान की गयी।इसके साथ ही साथ आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कुल 191 विधार्थिंयों को पदक प्रदान किया जिसमें 129 छात्राएं एवं 62 छात्र पदक प्राप्त किए।इस अवसर पर राज्यपाल ने गोद लिए गए गांवों के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को उपहार सामग्री का वितरण किया।राज्यपाल के द्वारा जिला प्रशासन की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों हेतु उपलब्ध कराये गये 200 आंगनबाड़ी किट एवं विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध कराये गये 100 किट कुल 300 किटों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए प्रदान किया गया।राज्यपाल ने विभिन्न विद्यालयों में करायी गयी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।इसके साथ ही विश्वविद्यालय के एवं अन्य विद्यालयों में अच्छा कार्य करने वाले कुछ शिक्षकों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने राष्ट्रीय खेलों में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार की धनराशि प्रदान किया और सम्मानित किया।राज्यपाल के द्वारा विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया गया।इस अवसर पर राज्यपाल ने अधिकारियों एवं शिक्षकों को उनके द्वारा स्वरचित पुस्तक चुनौतियां हमें पसंद है एवं इसके साथ चार अन्य पुस्तके प्रदान किए।कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के द्वारा पर्यावरण सुरक्षा ही जीवन सुरक्षा है विषय पर आधारित-पेड़ बचाओं रे भइया पेड़ लगाओ गीत पर मनमोहक प्रस्तुती दी गयी।राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल के द्वारा प्रो0 राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया गया l

राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज दीक्षांत समारोह में लगभग 200 लोगो को उपाधियां मेडल दिए गए मैं उन सभी लोगो को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देती हूं।आपने जो वर्षो तक मेहनत की है जो सीखा है इसके लिए आपको यह डिग्री और अवार्ड प्राप्त हुए है मैं इसके लिए सबसे पहले आपके माता-पिता को बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं एवं उनका अभिनंदन करती हूं क्योंकि आपकी बढ़ती उम्र के साथ उनकी जिम्मेदारियां एवं कठिनाईयां भी बढ़ती जाती है फिर भी आपके सपनों को पूरा करने एवं आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहते है।राज्यपाल ने कहा कि आज के दीक्षांत समारोह में भी बेटिया मेडल व डिग्री प्राप्त करने में बेटो से आगे है, कहा कि आज नारी शक्ति आगे है और भविष्य में भी इसी प्रकार आगे बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारा समाज नारी शक्ति की तरफ बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि आज का परिदृश्य बदल चुका है आगे बढ़ने के लिए सबको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। दुनिया भर में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ रही है समस्याओं के समाधान करने का प्रयास हो रहा है और आज भारत पूरी दुनिया को मार्गदर्शन व नेतृत्व प्रदान कर रहा है।राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के द्वारा तात्कालिक समय में असम राज्य में किए गए इथेनॉल संयंत्र कार्यों को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को नए शोध के आयाम एवं क्षेत्र को खोजने हेतु प्रेरित किया।उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालयों को रिसर्च व पेंटेंट पर ध्यान देने की आवश्यकता है।कहा कि संसाधनों का उपयोग जनकल्याण के लिए कैसे किया जा सकता है इसके बारे में सोचना चाहिए।उन्होंने कहा कि हमारी समस्यायें क्या है इसका समाधान क्या है इसके समाधान के लिए हमें क्या करना चाहिए कहां क्या-क्या संसाधन है जिनका हम उपयोग कर भारत को आगेे बढ़ाने का प्रयास कर सकते है।राज्यपाल ने कहा कि हमें भारत में नया ताजमहल बनाने की आवश्यकता नहीं है अपितु पूरे विश्व में भारत को ताजमहल की तरह चमकाना है।

उन्होंने विद्यार्थिंयों में जोश भरते हुए कहा कि भारत युवाओं का देश है और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आने वाले 25 वर्ष आपके लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि युवाशक्ति संकल्प ले तो पूरी दुनिया बदल सकती है। परंतु इसके लिए शिक्षा समर्पण देश के विकास की भावना देशभक्ति की आवश्कता होती है और जब तक हम यह अपने जीवन में नहीं उतारेंगे तब तक राष्ट्र की सेवा हम नहीं सकते हैं। आप अपनी योग्यता ज्ञान व सेवा को केवल अपने स्वयं व परिवार तक सीमित न रखकर राष्ट्रसेवा भाव से अपनी योग्यता को पूरे देश में प्रसारित करे जिससे पूरे देश का विकास हो सके।राज्यपाल ने कहा कि प्रयागराज की पावन धरती पर मां गंगा यमुना एवं सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान यहां की मिट्टी पानी में करोड़ो लोगो की आस्था है।उन्होंने कहा कि संगम की यह भूमि अनगिनत मनीषियों की विरासत है।अब आप लोगो की बारी है कि आप अपने ज्ञान नैतिकता व सेवाभाव की परम्परा को कैसे समृद्ध करते है।उन्होंने कहा कि चुनौतियों से आपका ज्ञान व आत्मविश्वास बढ़ेगा आपके जीवन में कठिनाईयां आएंगी इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि अपने लक्ष्य को तय कर कठिनाईयों से मार्ग प्रशस्त करते हुए योजना बनाकर आगे बढिए और उस लक्ष्य को प्राप्त करिए।राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह आपको प्रमाणपत्र डिग्रिया एवं मेडल देने के साथ ही आपको यह स्मरण भी कराता है कि अब आपकी जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गयी है।

विश्वविद्यालय की पहचान केवल उसके भवनो डिग्रियों से नहीं है बल्कि उसके अनुशासन शोधकार्य सामाजिक चेतना और अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण में निहित होती है।शिक्षा तभी सार्थक होती है जब विद्यार्थी गुरू के सानिध्य में बैठकर न केवल पाठ्यपुस्तक से बल्कि उनके अनुभव और जीवनदर्शन से सीखते है।कहा कि अध्यापको का यह दायित्व बनता है कि वे विद्यार्थिंयों के सानिध्य में बैठे और उनसे अच्छे सम्बन्ध बनाते हुए उन्हें सिखाने का कार्य करे।राज्यपाल महोदया नेे विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत की उपस्थिति की उपयोगिता को इंगित किया तथा 25 प्रतिशत अनुपस्थिति का व्यक्तित्व विकास में उपयोगिता पर विशेष बल दिया।उन्होंने विश्वविद्यालयों को समय से अपने यहां शैक्षिक सत्र परीक्षाओ का आयोजन कर समय से रिजल्ट देने एवं बायोमैक्ट्रिक उपस्थिति सिस्टम बनाने की व्यवस्था करने के लिए कहा।राज्यपाल ने झोपड़ पट्टी में रहने वाले 80 बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था कस्तूरबा गांधी विद्यालय में स्वच्छता एवं कमियों को दूर कराने भिक्षा मांगने वाले बच्चों का स्कूलों में एडमिशन कराने बीच में अपनी पढ़ाई को छोड़ने वाले बच्चों को इकट्ठा कर राजभवन के विद्यालय में एडमिशन करवायें जाने और वहां पढ़ रहे बच्चों की अच्छी शिक्षा के बारे में उनके द्वारा किए गए प्रयासों को बताते हुए कहा कि इसी प्रकार सभी को इनके लिए ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में सभी आवश्यक साधन एवं व्यवस्थायें पहुंचायी जा रही है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का गुु्रप बनाकर जिन आंगनबाड़ी केन्द्रो में किट प्रदान की गयी है वहां जाकर देखे कि किस प्रकार काम हो रहा है क्या परिवर्तन कुछ आया है आंगनबाड़ी केन्द्रो में और क्या समस्या है इन सब की सूची तैयार कर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराकर उन समस्याओं को दूर कराये जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार रिसर्च के लिए अनुदान देती है और विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में अच्छा कार्य भी कर रहे है लेकिन अच्छे शोध कार्यों एवं फाइंडिंग का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है इस विषय पर कार्य करने की आवश्यकता है।राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह के अवसर पर पुनः सभी विद्यार्थिंयों को बधाई देते हुए विद्यार्थिंयों से एक लक्ष्य निर्धारित कर उसी के अनुरूप आगे बढ़ने के लिए कहा है।

प्रयागराज की पवित्र भूमि को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा सतत् रहे जागृत रहे और कुछ न कुछ योगदान अवश्य करते रहे। उन्होंने कहा कि मनुष्य को मनुष्य बनाया इसी ध्येय वाक्य को आप आगे प्रसारित करे।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत्र ने दीक्षांत समारोह में मेडल व उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।उन्होंने विश्वविद्यालयों को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी ओतप्रोत बताते हुए संस्कारित शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा को चरित्र का उत्प्रेरक होना चाहिए और संस्कारित ज्ञान होना अच्छा है।उन्होंने कहा कि हमें हर कार्य में उत्कृष्टता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि उत्कृष्टता की जितनी साधना करेंगे उतना ही हमें सम्मान मिलेगा।कैबिनेट मंत्री उच्च शिक्षा विभाग योगेन्द्र उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में प्रो.राजेन्द्र सिंह के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन हम सब के लिए एक प्रेरणा स्रोत है और हमें आगे बढ़ने के लिए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।मंत्री ने कहा कि यह शिक्षण संस्थान प्रयागराज जैसे पौराणिक स्थल में है जो भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की मसाल को वर्षों वर्ष से जलाए हुए हैं।भारतीय ज्ञान परंपरा सामाजिक समरसता का संदेश देने वाला यह शहर है। अभी हाल ही में यहां पर विश्व का सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ का आयोजन सकुशल संपन्न हुआ जहां पर 65 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रयागराज की धरती पर आकर समागम किया। पूरे विश्व में इस आयोजन को अचंभित होकर देखा ऐसे क्षेत्र के आप लोग वासी है।गंगा जमुना एवं अदृश्य सरस्वती का संगम अक्षय वट यहां पर है।मंत्री ने कहा कि आज आप लोगों का दीक्षांत समारोह है यह आप लोगों को नवजीवन नई दिशा देने वाला एक समागम है।

उन्होंने मेडल एवं डिग्रियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियो उनके माता-पिता गुरुजनों को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।उन्होंने कहा कि माता-पिता गुरुओं के आशीर्वाद एवं सहयोग श्रम के बिना आप यह मुकाम हासिल नहीं कर सकते।उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन पर्यंत इसे याद रखने के लिए कहा।उन्होंने कहा कि आज आप लोगों को उपाधियां मिली है इसकी उपयोगिता समाज एवं राष्ट्र के लिए बने यह आपका लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस देश ने आपको बहुत कुछ दिया है इसलिए हमेशा व्यक्तिगत हित राष्ट्रहित में सम्मिलित रहे।यह संसाधन जिससे आपने उपाधि प्राप्त की है यह इस देश की ही देन है।हमें अपने स्वहित एवं राष्ट्रहित के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि स्वहित एक कालखंड तक जीवित रहता है लेकिन राष्ट्रहित अनादिकाल तक चलता है।राज्य मंत्री उच्चशिक्षा विभाग रजनी तिवारी ने दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने उद्बोधन में आज डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियो उनके माता-पिता शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह हमारे छात्र छात्राओं की उपलब्धियो के उत्सव का दिन है।आज आपने जो उपलब्धियां एवं डिग्रियां प्राप्त की है यह आपके कठिन परिश्रम त्याग और तपस्या का प्रतिफल है।देश और प्रदेश के निर्माण में आप इनका उपयोग करेंगे यह आपकी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व मंच पर उभरती शक्ति के रूप में देखा जा रहा है।विज्ञान प्रौद्योगिकी स्टार्टअप स्वास्थ्य पर्यावरण और सामाजिक सुधार सहित हर क्षेत्र में युवाओं के लिए संभावनाएं हैं।उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि आप इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने भविष्य को सवारेगे तथा देश और प्रदेश के प्रगति में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम विकसित देश की ओर आगे बढ़ रहे है।प्रधानमंत्री ने कहा था कि वर्ष 2047तक हमारा देश विकसित देश बनेगा तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान हमारे युवाओं का होगा।इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अब बेटियों की सामर्थ्य घर तक ही सीमित नहीं है बल्कि बेटियों की सामर्थ्य देश की फिजा व दिशा को बदलने वाली है। उन्होंने कहा कि आज देश व प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है।

मंत्री ने कहा कि विकसित देश की परिकल्पना बिना उत्तर प्रदेश के सम्भव नहीं है।इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह(रज्जू भइया)विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि आज 739 कालेज इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है तथा 5 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है।उन्होंने कहा कि संकल्प निष्ठा व सामूहिक प्रयास से राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद(नैक)द्वारा विश्वविद्यालय को ए ग्रेड प्रदान किया गया है जो विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति शोध संस्कृति नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को दर्शाता है।इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा कुल सचिव विनीता यादव विश्वविद्यालय के आचार्यगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

व्हिसलब्लोअर एक्ट के तहत भ्रष्टाचार के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता का बयान

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड सरकार पर व्हिसलब्लोअर एक्ट के तहत एक आईपीएस अधिकारी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार सुरक्षा उपकरणों की खरीद में हुए कथित भ्रष्टाचार की लीपापोती करने में लगी हुई है।

मुख्य आरोप और सरकार की प्रतिक्रिया

भ्रष्टाचार के आरोप: प्रतुल शाहदेव के अनुसार, झारखंड कैडर के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने व्हिसलब्लोअर एक्ट के तहत सुरक्षा उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। अधिकारी का दावा है कि इन उपकरणों को उनके बाजार मूल्य से चार से पाँच गुना अधिक कीमतों पर खरीदा गया।

जांच में देरी: शाहदेव ने आरोप लगाया कि सरकार ने शुरुआत में महीनों तक इन आरोपों पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब दबाव बढ़ा तो एक जांच समिति बनाई गई।

जांच समिति पर सवाल: पहली जांच समिति का नेतृत्व आईजी नरेंद्र कुमार को दिया गया, जो कथित आरोपी अधिकारी से कनिष्ठ थे। प्रतुल शाहदेव ने इस कदम को हास्यास्पद और अनैतिक बताया, क्योंकि एक कनिष्ठ अधिकारी अपने वरिष्ठ की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता।

जांच में शिथिलता: बाद में, समिति बदलकर एडीजी टी कांडास्वामी की अध्यक्षता में बनाई गई। हालाँकि, शाहदेव के अनुसार, कांडास्वामी लंबे समय तक छुट्टी पर रहे, जिससे जांच की गति धीमी हो गई। अभी तक समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है।

व्हिसलब्लोअर एक्ट का उल्लंघन

प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सरकार ने व्हिसलब्लोअर एक्ट की मूल भावना के विपरीत काम किया है। इस कानून का उद्देश्य भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वाले को सुरक्षा देना और उसकी पहचान गुप्त रखना है। लेकिन, भाजपा प्रवक्ता का आरोप है कि झारखंड में सरकार ने व्हिसलब्लोअर अधिकारी को असुरक्षित किया है और कथित आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का एक सीधा उदाहरण है।

शिक्षा में बदलाव सिर्फ अच्छा नहीं, बल्कि बहुत जरूरी है" – राजनाथ सिंह

लखनऊ। 2025:- ग्लोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (GETI) ने 15 सितंबर 2025 को Ed Leadership International Roundtable के पहले दिन PATH मूवमेंट के शुभारंभ की घोषणा की। ‘PATH’ एक अभिनव ढांचा है, जिसका उद्देश्य भारतीय कक्षाओं में बदलाव लाना और देशभर के शिक्षकों, ख़ासकर जमीनी स्तर पर काम कर रहे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को सशक्त बनाना है। GETI द्वारा आयोजित इस राउंडटेबल में शिक्षक, स्कूल लीडर और शिक्षा क्षेत्र के नवप्रवर्तक एक तीन-दिवसीय अनुभव का हिस्सा बनेंगे।

यह कार्यक्रम 15 से 17 सितम्बर तक सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, एलडीए कॉलोनी स्थित वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में होगा। इस तीन दिवसीय आयोजन में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली से हज़ार से अधिक शिक्षकों के भाग लेने की संभावना है।भारत सरकार के केंद्रीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने एक वीडियो संदेश में PATH आंदोलन के शुभारंभ का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "शिक्षा में बदलाव सिर्फ जरूरी नहीं, बल्कि बहुत जरूरी है। हमें ऐसी प्रणाली चाहिए, जो छोटे-छोटे सुधारों से आगे बढ़कर असली बदलाव लाए।

हमारी शिक्षा प्रणाली को खुद को बेहतर बनाना होगा। बच्चों को सफल होने और खुशी से सीखने के अच्छे मौके मिलने चाहिए। GETI द्वारा PATH आंदोलन शुरू करने से यह सभी शिक्षकों, स्कूल के नेताओं और समाज को एक साथ मिलकर हमारे बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाने की प्रेरणा देगा।"आज शुभारंभ किया गया PATH का अर्थ है।

Purposeful Learning (सार्थक सीख), Active Classrooms (सक्रिय कक्षाएँ), Tranformative Outcomes (परिवर्तनकारी परिणाम) और Holistic Growth (समग्र विकास)। PATH का उद्देश्य स्कूलों और शिक्षकों को, विशेषकर जमीनी स्तर पर काम करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को, ऐसी छात्र-नेतृत्व वाली कक्षाएँ बनाने में मदद करना है, जहाँ आत्मविश्वास, आलोचनात्मक सोच और किसी विषय को सिर्फ़ सतही तौर पर नहीं, बल्कि उसकी गहराई में जाकर पूरी समझ विकसित करना, को बढ़ावा मिले। PATH एक बहु-विषयी दृष्टिकोण अपनाता है, जिसके तहत केजी से ग्रेड 8 तक के छात्र के लिए अंग्रेज़ी, गणित, हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ शामिल की गई हैं।

Roundtable Conference की इस श्रृंखला में कई अहम विषयों पर चर्चा होगी, जैसे क्यों ‘PATH’, क्यों अभी; साक्षरता : दुनिया का सबसे अच्छा निवेश; वैकल्पिक प्रणालियों से सीखना; प्रारंभिक नींव और स्थायी लाभ और अन्य।

तीन दिवसीय इस आयोजन में कक्षा का सजीव अनुभव, व्यावहारिक प्रशिक्षण और सहभागी चर्चाएँ भी शामिल होंगी, जिससे प्रतिभागियों को उन शिक्षकों से सीधे सीखने का अवसर मिलेगा जो पहले से ही ‘PATH’ लागू कर रहे हैं। कार्यक्रम में हाई ‘PATH’ ऐप का भी शुभारंभ किया जाएगा, जो तुरंत topic-wise फ़ीडबैक और performance report उपलब्ध कराता है। इसके ज़रिए छात्र, शिक्षक और अभिभावक वास्तविक समय में प्रगति का आकलन कर पाएंगे और कमियों को दूर करने के उपाय कर सकेंगे।

मुख्य अतिथि ललिता प्रदीप, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में हम ALfA कार्यक्रम को 4 जिलों में लागू कर चुके हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। परख 2024 में, उत्तर प्रदेश ने ग्रेड 3 रैंक हासिल की है। यह राज्य के लिए बहुत बड़ी प्रगति है, जो खासकर निचले स्तर की शिक्षा में पहले चुनौतियों का सामना कर रहा था। मेरा मानना है कि शिक्षकों को इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उठानी चाहिए और उस पर भरोसा करना चाहिए, क्योंकि यह पूरे राज्य और देश के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय होता जा रहा है। ALfA शिक्षकों के लिए एक बेहतरीन उपकरण है, जो सीखने की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने में मदद करेगा। PATH मूवमेंट की शुरुआत हमारे देश के लिए एक सही दिशा में कदम है, जिससे भारत 2041 तक एक विकसित और दक्ष राष्ट्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो सकेगा।”GETI की संस्थापक डॉ. सुनीता गांधी ने कहा, “यह एक पूरी तरह से छात्र-केन्द्रित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य छात्रों के पहले से मौजूद ज्ञान को आधार बनाकर उन्हें और बेहतर तरीके से सीखने में मदद करना है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छात्र अधिक सक्रिय रूप से हिस्सा लें, याद रखने की क्षमता बढ़े और असली समझ विकसित हो। छात्रों को समूहों या जोड़ों में मिलकर सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया और तेज होगी और वे अपने ज्ञान को गहराई से आत्मसात कर सकेंगे।

हमारा उद्देश्य यह है कि यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक प्रक्रिया न बनकर, छात्रों के लिए एक व्यावहारिक और रोचक अनुभव बनकर उभरे।”

डॉ. सुनीता गांधी, PhD (कैम्ब्रिज), एक शिक्षाविद, शोधकर्ता और नवप्रवर्तक हैं, जिन्हें शिक्षा सुधार के क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वह GETI और डिग्निटी एजुकेशन विज़न इंटरनेशनल (देवी) की संस्थापक हैं और लखनऊ स्थित विश्व के सबसे बड़े स्कूल सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की चीफ़ अकैडमिक एडवाइज़र हैं।देशभर के शिक्षकों की भागीदारी के साथ यह राउंडटेबल GETI के उस मिशन को मज़बूती देता है, जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षण समुदाय को सशक्त बनाना है।

यह मिशन साक्ष्य-आधारित और बड़े पैमाने पर लागू की जा सकने वाली प्रथाओं पर आधारित है, जो NEP 2020 और राष्ट्रीय शिक्षा सुधार के लक्ष्यों के अनुरूप हैं।GETI, जिसकी स्थापना डॉ. सुनीता गांधी ने की है, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय केंद्र है। यह शोध-आधारित कार्यक्रमों के ज़रिए शिक्षकों को सशक्त बनाता है, जैसे ALfA शिक्षण शास्त्र, जिसमें छात्र एक-दूसरे को सिखाकर सीखते हैं और इससे बुनियादी कुशलताएं में तेज़ी से प्रगति होती है।GETI का दायरा हज़ारों स्कूलों तक फैला है, जिनमें सिटी मॉन्टेसरी स्कूल भी शामिल है। यहाँ प्री-सर्विस और इन-सर्विस टीचर ट्रेनिंग, लीडरशिप प्रोग्राम और फ़ेलोशिप्स की सुविधा दी जाती है। इसका काम NEP2020 के अनुरूप है और हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के द्वारा समर्थित है। GETI छात्रों और शिक्षकों को अपनी सीखने की प्रक्रिया को दिशा देने और आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाता है।

बलिया में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर शिक्षकों ने टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ भरी हुंकार

संजीव सिंह बलिया। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर देश के समस्त जनपदों में शिक्षकों ने टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता के खिलाफ आवाज उठाई। इसी क्रम में बलिया में भी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला संयोजक राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में भारत सरकार से तत्काल इस निर्णय को वापस लेने और शिक्षकों की सेवा सुरक्षा एवं आजीविका संकट से राहत दिलाने हेतु जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। जिला संयोजक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि जब उनकी नियुक्ति हुई थी, तब सभी सरकारी नियमों का पालन करते हुए नियुक्ति हुई थी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के बाद वर्ष 2010 से टीईटी अनिवार्य किया गया था, लेकिन अब 20-25 वर्षों की सेवा के बाद नियम बदलकर शिक्षकों पर टीईटी परीक्षा थोपना न्यायालय का अन्यायपूर्ण निर्णय है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि शिक्षकों के सम्मान और उनके पवित्र शिक्षण कार्य का अपमान न हो, और तुरंत उनका गौरव वापस दिलाया जाए। जिला सहसंयोजक पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि आज के ज्ञापन में शिक्षक समुदाय की व्यथा और मांगों को पूरी निष्ठा के साथ शामिल किया गया है। उन्होंने सरकार से पुनः आग्रह किया कि शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और सम्मान को बनाए रखने के लिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तुरंत सकारात्मक कदम उठाए जाएं। जिला सहसंयोजक प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि न्यायालय का यह फैसला शिक्षक विरोधी है और बिना शिक्षकों की बात सुने एकतरफा निर्णय है। अगर आवश्यकता पड़ी तो शिक्षक संघर्ष के लिए दिल्ली तक कूच करेंगे। शिक्षकों के सम्मान के साथ समझौता नहीं होने दिया जाएगा। सहसंयोजक ज्ञान प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने बिना नियमों को देखे मनमाना फैसला सुनाया है, जबकि भारत सरकार के राजपत्र में स्पष्ट है कि 2010 से पहले नियुक्त अध्यापकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं था। इस फैसले से पूरे शिक्षक समाज में निराशा फैली है, जो शिक्षा कार्यों पर भी असर डालेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए ताकि शिक्षकों की निराशा खत्म हो सके। इस अवसर पर समीर कुमार पाण्डेय, अमरेंद्र सिंह, रामअशीष यादव, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, संजीव कुमार सिंह, अकीलुर्रहमान खान, राजेश सिंह, विनय राय, राकेश कुमार मौर्य, धर्मेन्द्र गुप्ता, कृष्णानंद पाण्डेय, ओंकारनाथ सिंह, राजीव सिंह, उमेश राय, अभिषेक सिंह, गणेश यादव, मुकेश सिंह, संजीव रंजन, राघवेंद्र सिंह, अमरेश चतुर्वेदी, चंदन गुप्ता, दिग्विजय सिंह, राकेश गुप्ता, कर्ण प्रताप सिंह, अनिल सिंह, रजनीश चौबे, अमित नाथ तिवारी, सतीश कुशवाहा, शीतांशु वर्मा, सतीश त्रिपाठी, नीतीश राय, डॉ. विनय भारद्वाज, अभिषेक राय, अंगद वर्मा, अमित यादव, सुशील दुबे, बब्बन यादव, कुलभूषण त्रिपाठी, अभिषेक तिवारी, पुनीत सिसोदिया, सुदीप तिवारी, रामप्रवेश राम, संजय सिंह, शुभम सिंह, संतोष पाण्डेय, अजय वर्मा, अभय सिंह, अशोक सिंह, रवि यादव, विनोद यादव, राजकुमार यादव, अजय सिंह, धनजी प्रसाद, संजय कुमार, श्रीकांत मिश्रा, अशोक तिवारी, सत्येन्द्र चौबे, कविता सिंह समेत सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।