Mirzapur: बिना विवाह के फर्जी खाते में दिलाये गये हितलाभ योजना का लाभ
भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद भी कार्रवाई से कतरा रहे हैं अधिकारी
श्रम विभाग मीरजापुर के भ्रष्टाचार की फाईलों पर कब हटेगी धूल की परतें
मीरजापुर। श्रम विभाग मीरजापुर में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला ज़ोर पकड़ा जा रहा है। सोमवार को श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में किए गए लाखों के भ्रष्टाचार घोटाले में संलिप्त अधिकारियों कर्मचारियों एवं बिचौलियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मीरजापुर के जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह गहरवार ने जिलाधिकारी पंकज कुमार गंगवार को पत्रक सौंपा है। जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि श्रम विभाग मीरजापुर कार्यालय से कुछ असंगठित गिरोह, बिचौलिए द्वारा अपने निजी लाभ के लिए दुरभिसंधि कर निर्माण श्रमिको, मजदूरों एवं सीधे-साधे लोगों को लुभावना प्रस्ताव देकर अपने जाल में फसातें हैं। फंसाने के बाद उनके बैंक खाते, आधार कार्ड व व्यक्तिगत दस्तावेज लेकर उनका दुरूपयोग करते हुए जान बूझकर कूटरचित दस्तावेज जैसे, बिना शिशु के जन्मे, सरकारी अस्पताल का जन्म प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर नकल तथा बिना प्रसव के ही सरकारी अस्पताल का प्रसव प्रमाण पत्र सहित आंगनबाड़ी कार्य कत्रियों का फर्जी सत्यापन एवं प्रमाण पत्र तैयार कर कराकर निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित, श्रम विभाग की योजनाएं मसलन, मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना तथा पुत्री विवाह अनुदान योजना में लाभ दिलाया गया है, जो बिना श्रम विभाग के जांचकर्ता, सत्यापन अधिकारी से सांठ-गांठ किए संभव प्रतीत नहीं होता।
उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि कार्यालय उप श्रमायुक्त, उप्र, मिर्जापुर क्षेत्र, पिपरी सोनभद्र पंकज सिंह राणा की रिपोर्ट कार्यालय आदेश पत्र संख्या 992-98 एमआर. पिप भ.नि., (जांच) - 2024 01 मई 2024 संलग्न है, रिपोर्ट के अनुसार 12 आवेदनों की जांच में सभी 12 फर्जी पाये गये जिसमें कूट रचित कागजाज के आधार पर 11 के खाते में फर्जी लाभ लिये दिये गये थे। जांचकर्ता अधिकारी, उप श्रमायुक्त राणा ने भी अपने जांच, आदेश में उक्त लाभार्थियों तथा कूट रचित दस्तावेज तैयार करने वाले अज्ञात के विरूद्ध तत्कालिन भादवि की धारा-120 बी, 192, 197, 420, 464, 467, 468 तथा 471 तथा अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कराये जाने का आदेश तत्कालिन सहायक श्रमायुक्त मीरजापुर सुविज्ञ सिंह को दिया था, जो शायद इसलिए नहीं कराया गया कि विभाग के लोग बुरी तरह फंस सकतें हैं।हालांकि इस प्रकरण में आदेश उपरान्त श्रम विभाग मीरजापुर द्वारा 10 खातेदारों के नाम से रूपए. 05'14,416- की वसूली की कार्यवाही की गयी है।
इस प्रकरण में गोपालपुर के ग्राम प्रधान व जांच अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी का भी जिक्र किया गया है। जांच रिपोर्ट में यह अपने आप में स्पष्ट है कि गोपालपुर, विंध्याचल प्रकरण में लाभ गलत तरीके से लिए गये थे जिसमें जांच अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने अपने पद का दुरूपयोग किया है।
*बिना विवाह के बांट दिया हितलाभ योजना*
उक्त अधिकारी ने अपने स्थलीय जांच में फर्जी आवेदन गीता देवी पत्नी भजन निषाद में जानबुझकर रेनु गुप्ता को भजन निषाद की पुत्री माना और निजी लाभ देखते हुए अपने स्थलीय जांच रिपोर्ट में सत्यापन कर कन्या विवाह सहायता योजना का हितलाम बैंक खाते में भेजने की संस्तुती की, जबकि वास्तव में आवेदक को रेनु नाम की कोई पुत्री है ही नहीं तथा जांच के समय भजन निषाद की सबसे बड़ी पुत्री की आयु लगभग 14 वर्ष थी अर्थात बिना विवाह के फर्जी खाते में हितलाभ दिलाये गये। मज़े कि बात है कि सत्यापन कर्ता, जांच अधिकारी कौशलेन्द्र कुमार सिंह ने ज्यादातर मामले की स्थलीय जांच की है बावजूद इसके लाभ देने की संस्तुति की।
गौरतलब हो कि इस संबंध में श्रम विभाग की सचिव, बोर्ड श्रीमती पूजा यादव उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, लखनऊ ने 10 सितंबर 2025 को मीरजापुर में कार्यरत विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से लाभ लिए जाने सम्बन्धी शिकायती प्रकरणों की जांच के सम्बन्ध में व अन्य में अपर, उप श्रमायुक्त वाराणसी क्षेत्र, धर्मेन्द्र कुमार सिंह के 05 जून 2025 के जांच रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मामले में 9 सदस्यीय टीम गठित की थी।
उक्त जांच रिपोर्ट के अनुसार 105 आवेदनों की जांच की गयी थी जिसमें, 90 आवेदन फर्जी पाये गये, कि रिपोर्ट श्रम आयुक्त उप्र कार्यालय कानपुर को तथा वहीं से यूपीबीओसी बोर्ड को प्रस्तुत की गयी। इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि 90 आवेदको के खाते में फर्जी तरीके से हितलाभ की धनराशि भेजे गये हैं।
*फर्जी दस्तावेज लगाकर लिया गया लाभ*
विश्वसनीय जानकारी मिली है कि कुछ को छोड़कर अनेक आवेदनों में बिचौलियों की मदद से कूटरचित दस्तावेज, जिसमें सरकारी अस्पताल का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, फर्जी परिवार रजिस्टर नकल, फर्जी प्रसव प्रमाण पत्र सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा जारी की जाने वाली सत्यापन एवं प्रमाण पत्र आदि भी फर्जी लगाकर मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना का लाभ बैंक खाते में लिया, दिलाया गया है, जो एक संगीन अपराध है। इस प्रकार कूटरचित दस्तावेत के चलते निर्माण श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा संचालित करोड़ो रूपये के बोर्ड के बजट जो श्रमिकों के खुन पसीने के कमाई की है को मिर्जापुर श्रम विभाग द्वारा बंदरबॉट कर दिया गया है जो पात्र निर्माण श्रमिकों के साथ घोर अन्याय है।
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मीरजापुर के जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह गहरवार ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि श्रम विभाग में कूटरचित सरकारी दस्तावेज का दुरूपयोग कर सरकारी योजना में धनलाभ लेने व दिलाने वाले जैसे गंभीर मामले को देखते हुए सर्व प्रथम प्राथमिकी दर्ज कर मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराकर ज्ञात-अज्ञात अधिकारी, कर्मचारी एवं बिचौलिए व दोषी आवेदको के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध व वैद्यानिक कार्यवाही करने का आदेश देने की महति कृपा करें।
14 min ago
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