भारत के 53वें सीजेआई बने जस्टिस सूर्यकांत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

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जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।

राष्ट्रपति ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) से दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। जस्टिस गवई ने रविवार को 65 साल की उम्र में सीजेआई का पद छोड़ दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को अपना उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा को बनाए रखा।

9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

हरियाणा के गांव से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ 'फर्स्ट क्लास फर्स्ट' से पास किया। वह 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए और इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।

महत्वपूर्ण मामले

1. चुनाव आयोग को बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।

2. उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

3. ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) को संविधानिक रूप से वैध माना और भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसरों का समर्थन किया।

4. जस्टिस कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने असम से संबंधित नागरिकता के मुद्दों पर धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखा था।

5. जस्टिस कांत दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया था।

पारदर्शी, दूरदर्शी, कल्याणकारी, संवेदनशील हेमंत सरकार के आगे भाजपा पस्त : विनोद पांडेय

मंईयां सम्मान योजना, प्रोन्नति मामलों और ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को भटकाने के लिए झूठ और आधी-अधूरी जानकारी का सहारा ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर पांडेय ने कहा कि भाजपा शासन में वर्षों तक कैडर समीक्षा लंबित रहने और फाइलों के गड़बड़ रहने की वजह से ही लंबे समय तक कई प्रक्रिया बाधित रहीं।

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उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने हजारों कर्मचारियों को लंबित प्रमोशन दिया है और पेंशन व सेवा लाभों को तेजी से निष्पादित भी किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार से वेतन लेकर भाजपा के स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाले कुछ अधिकारियों की चिंता में भाजपा नेता डूबे हुए हैं। उनके लिए ही भाजपा में बौखलाहट है। माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न केवल पारदर्शी शासन स्थापित किया है बल्कि हर वर्ग के लोगों के विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। झारखंड में भाजपा की हर रणनीति बार-बार फेल साबित हो रही है।

हेमंत सरकार की जिम्मेदार और संवेदनसील पहल सेवा का अधिकार सप्ताह

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर भाजपा के आरोप पर उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से चुनी हुई हेमंत सरकार की हर लोकप्रिय योजना को बदनाम करने का षडयंत्र रचना भाजपा की पुरानी आदत और राजनीतिक मजबूरी है। महासचिव पांडेय ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम हेमंत सरकार के सबसे लोकप्रिय और सफल कार्यक्रमों में शामिल है। राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों ने भी अंतिम व्यक्ति के घर तक पहुंच कर सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के इस संकल्प की सराहना की है।

इस कार्यक्रम की प्रगति पूरी तरह पारदर्शी है और इसका पूरा डाटा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। सेवा की गारंटी की दिशा में पहली बार झारखंड में सरकार के स्तर से इतनी व्यापक पहल की गई है। भाजपा को सेवा का अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी ही नहीं है। अगर होती तो मंईयां सम्मान योजना को लेकर बेतुका बयान जारी नहीं करती।

उन्होंने कहा कि भाजपा को इस कार्यक्रम की सफलता से असहजता है क्योंकि सरकार सीधे गांव – पंचायतों के अंतिम व्यक्ति के घर जाकर उन्हें उनका हक और अधिकार के प्रति न सिर्फ जागरूक कर रही है बल्कि उन्हें उनका हक दे भी रही है। बिचौलियों या दलालों के चंगुल से भोले भाले आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यकों को छुटकारा दिला कर हेमंत सरकार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस प्रकार का संवेदनशील शासन पूंजीपतियों की पार्टी भाजपा के बूते की बात नहीं है। इतिहास में श्री हेमंत जी की यह पहल मिल का पत्थर साबित हुआ है।

मंईयां सम्मान योजना की अपार सफलता से भाजपा नेता चिंतित

उन्होंने कहा कि भाजपा को महिलाओं, कर्मचारियों या ग्रामीण जनता की चिंता नहीं, बल्कि अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन की फिक्र है। हकीकत यह है कि मंईयां सम्मान योजना की तर्ज पर भाजपा शासित राज्यों में योजनाएं शुरू की गई हैं। ऐसे में भाजपा का भ्रामक आरोप सिर्फ और सिर्फ हर दिन माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से घबराहट में दिया गया है।

महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को “राजनीतिक हताशा की उपज”बताया। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ऐतिहासिक कदम है, और भाजपा को इससे तकलीफ इसलिए हो रही है क्योंकि वह अपने शासनकाल में महिलाओं के लिए एक भी स्वतंत्र आर्थिक सहायता योजना शुरू नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान का लाभ झारखंड की 50 लाख से अधिक महिलाओं को नियमित मिल रहा है। और श्री हेमंत सोरेन के इस संकल्प के आगे भाजपा पूरी तरह धराशायी नजर आ रही है। जनता के पैसा का उपयोग पूरी तरह पारदर्शिता के साथ करना अनिवार्य है। यही काम भाजपा अपने शासन में नहीं कर पाई जिस कारण उसे जनता ने विपक्ष में बैठा दिया। भाजपा के पूंजीपति मित्र बैंकों में जमा जनता का अरबों रुपये लेकर भाग जाए तो उनका कर्ज माफ कराया जाना भाजपा को सही लगता है, लेकिन जरूरतमंद और गरीबों को उनका हक देना गलत लगता है।

झारखंड में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे थे 2 युवक, ओवरलोडेड ट्रक ने कुचला

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सेना में बहाल होकर देश की सेवा करने का सपना संजोए झारखंड के गढ़वा जिला के दो युवक सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे थे. उन्हें कहां मालूम था कि देश सेवा करने का सपना को तेज रफ्तार ट्रक एक झटके में चकनाचूर कर देगा. झारखंड के गढ़वा जिले में हुए भीषण हादसे में सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे दो युवकों की मौत के बाद कोहराम मच गया.

भीषण हादसा गढ़वा जिला के रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड नामक स्थान पर उस वक्त हुआ जब आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे दो युवकों को तेज रफ्तार गिट्टी लोडेड हाइवा ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी. भीषण हादसे के शिकार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक युवकों की पहचान में मानपुर गांव के रहने वाले राजू कुमार और अनिल कुमार के रूप में की गई हैं.

भीषण हादसे से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना इतनी भयावह थी कि दोनो युवकों के शव क्षत- विक्षित होकर सड़क पर बिखर गए थे. बताया जा रहा कि मौत बनकर आई ओवरलोड हाइवा ट्रक, गिट्टी लेकर गढ़वा की ओर जा रहा था. इस दौरान रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड गांव के समीप सेना भर्ती दौड़ को लेकर प्रैक्टिस कर रहे दोनों युवकों को चपेट में ले लिया. असंतुलित होकर गिट्टी लीडर हाइवा दोनों युवकों के ऊपर ही पलट गई. जिस कारण दोनों की मौत हो गयी है.

स्थानीय लोगों में आक्रोश

स्थानीय ग्रामीण और मृतकों के परिजनों ने दोनों के शव को सड़क पर रख कर विरोध प्रदर्शन दिया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि लगातार ओवरलोडेड गाड़ियां तेज रफ्तार में चलती हैं. जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारी के आश्वासन और कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम को हटाया. प्रशासन के द्वारा, दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन के मालिक और चालक पर कार्रवाई करने के साथ ही साथ मृतकों के परिजनों को सरकारी नियमों के अनुरूप सहायता देने आश्वासन दिया गया है.

पहले भी हुआ था ऐसा हादसा

झारखंड के गढ़वा जिला में भीषण दुर्घटना से पूर्व अक्टूबर के महीने में, राजधानी रांची के बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत रांची-टाटा नेशनल हाईवे-33 पर गोसाईंडीह के पास भीषण सड़क दुर्घटना में सवारी गाड़ी में सवार चार लोगों की मौत हो गयी. जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे.

महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर ने गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक निरीक्षण किया, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का निर्देश

गया: महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर अमरेश कुमार ने रविवार को आज गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पोस्ट की समग्र कार्यप्रणाली, तैनात बल की स्थिति तथा ड्यूटी डिप्लायमेंट का विस्तृत आकलन किया। उन्होंने बल के अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। निरीक्षण के क्रम में महानिरीक्षक ने सबसे पहले पोस्ट की दैनिक गतिविधियों एवं ड्यूटी रजिस्टर की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बढ़ती भीड़ और यात्रा सीजन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने बल को रेलवे परिसर में गश्त और निगरानी बढ़ाने तथा हर संदिग्ध गतिविधि पर तत्परता से प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त जवानों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। विशेषकर लौटती भीड़ में महिलाओं और बुजुर्गों की सहायता हेतु “मेरी सहेली टीम” को 24 घंटे सक्रिय रहने को कहा गया। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

महानिरीक्षक ने सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक उपकरणों और संसाधनों के उपयोग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने बताया कि बदलते समय में तकनीकी सहायता के बिना बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है। इसलिए ट्रेन तथा स्टेशन परिसर में अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ाया जाए। इसके अतिरिक्त, स्थानीय प्रशासन एवं जीआरपी के साथ सामंजस्य स्थापित कर संयुक्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही।

निरीक्षण के अंत में महानिरीक्षक ने आरपीएफ जवानों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें अपने दायित्वों के प्रति सजग, अनुशासित और हर परिस्थिति में तत्पर रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इसके लिए समर्पण एवं सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।

झारखंड के भ्रष्ट ,तानाशाह एवं लापरवाह पदाधिकारी राज्य को कानून से नहीं मनमर्जी चला रहे....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के प्रोन्नत पदाधिकारियों की पोस्टिंग नहीं किए जाने पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

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श्री मरांडी ने कहा कि यह बहुत अफ़सोस की बात है कि झारखंड के कुछ लापरवाह एवं तानाशाह अफ़सर राज्य को क़ानून के मुताबिक नहीं, बल्कि अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं। ऐसा लगता है मानों सारे नियम क़ानून और सुविधाएं उनके फायदे और निजी लाभ के लिये बनाये गये हों।

कहा कि हमें बताया गया है कि पुलिस विभाग में जिन अधिकारियों का डीएसपी में प्रोमोशन हुआ है, उनकी पोस्टिंग चार-पॉंच महीने से भी ज़्यादा समय तक लंबित रखी जाती है। कई मामलों में तो पोस्टिंग उनके रिटायरमेंट के सिर्फ दो-चार दिन पहले की जाती है। इस वजह से ऐसे प्रोमोशन पाये लोगों को जो वास्तविक लाभ मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पाता।

कहा कि छोटे कर्मचारियों की स्थिति तो इससे भी बदतर है। उनके प्रोमोशन की फाइलें वर्षों तक विभागों की जटिल प्रक्रियाओं में फँसी रहती हैं। कई बार कर्मचारी न्यायालय से आदेश लेकर आते हैं, फिर भी उन्हें लाभ नहीं दिया जाता। इसके विपरीत, आईएएस/आईपीएस अधिकारी अपने प्रोमोशन और उसके लाभ को समय पर प्राप्त करने के लिए महीनों पहले ही सारी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर लेते हैं।

कहा कि राज्य के कई कर्मचारी मिलते हैं, तो इस मुद्दे को लेकर अपनी पीड़ा से अवगत कराते हैं । इस वजह से उनमें भारी असंतोष है।

उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग किया कि समय पर प्रोमोशन और लाभ की व्यवस्था में आईएएस/आईपीएस और राज्य कर्मियों के लिये छोटे-बड़े के दोहरे मापदंड एवं भेदभाव की प्रवृत्ति पर रोक लगे।

कहा कि यह व्यवस्था सबके लिए समान और निष्पक्ष होनी चाहिए।

नया श्रम कानून से कामगारों को मिलेगा अधिक लाभ : राजेश दूबे

मीरजापुर। मिर्जापुर असंगठित कामगार यूनियन (माकू) अध्यक्ष राजेश दुबे एडवोकेट ने उ0प्र0 सरकार एवं भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए इस नये कानून पर श्रमिकों को बधाई दी।

जिले के मुहकुचवां स्थित कैम्प कार्यालय पर हुई चर्चा के दौरान अध्यक्ष राजेश ने नये श्रम कानून को बेहतर बताया और कहा कि पूर्व मे कुल अलग -अलग 29 प्रकार के श्रम कानून से अलग-अलग बातें सामने निकल कर आई थी। यह कानून आजादी से पूर्व सन् 1930 से सन् 1950 के बीच लाएं गए थे इसी बीच 2019 और 2020 में लाए गए कानून सुधार कानून को 21 नवंबर 2025 को केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया जो श्रमिक हित में बेहतर साबित होंगे। पूर्व के 29 कानूनों की जगह अब केवल चार श्रम कानून पूरे भारत के समस्त प्रदेशों में लागू हो गई है, जिससे तकरीबन 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को लाभ मिलेगा। यह कानून - कोड आंन वेजेज 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2019, कोड आंन सोशल सिक्योरिटी 2020, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी,हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड 2020 के नाम से जाना जायेगा जैसा कि सरकार ने कहा है। नए कानून लागू होने से न्यूनतम एवं समय पर वेतन जैसा कि पहले देर से मिलती थी लेकिन अब कामगारों को 01 से 07 तारीख के बीच में प्रत्येक माह मिलेगी और न मिलने पर इसे अपराध माना जाएगा। ग्रेच्युटी के नियम जो पूर्व में 5 साल काम करने पर लागू होते थे अब वह 1 वर्ष में लागू होंगे। हर कामगार को नियुक्ति पत्र मिलेगी। श्रमिक को ओवरटाइम का दुगना भुगतान मिलेगा। 40 साल से अधिक श्रमिकों का मुफ्त स्वास्थ्य चेकअप होगा इस प्रकार के अनेक फायदे इस नए कानून के आ जाने से श्रमिक वर्ग को मिलेगा। यूनियन के अध्यक्ष राजेश दुबे ने कहा सभी क्षेत्रों में श्रमिक कल्याण को मजबूत करने के उद्देश्य से यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में जाना जायेगा, भारत के लंबे समय से प्रतिक्षित श्रम सुधार लागू हो गए हैं, सभी चार नए श्रम कोड आधिकारिक तौर पर अधिसूचित और 21 नवंबर, 2025 से लागू हो गए हैं।

महामंत्री मंगल तिवारी ने कहा प्रधानमंत्री द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है। सूचनाओं के अनुसार 18 हजार तक की आय वाले पत्रकारों को भी लाभ मिलेगा।डिलीवरी और मोबिलिटी कर्मचारियों को भी बड़ी राहत होगी। घर और कार्यस्थल के बीच यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को अब रोजगार से संबंधित माना जाएगा, जिससे कर्मचारी दुर्घटना मुआवजे के पात्र बनेंगे। लाभों की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने आधार से जुड़े एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर शुरू किया है, जिससे राज्यों में कल्याणकारी योजनाओं तक आसान और पोर्टेबल पहुंच संभव हो सकेगी।

ये संहिताए सभी प्रकार के लैंगिक भेदभाव पर रोक लगाती हैं और समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित करती हैं। महिलाएं अब रात्रि प्रहार में काम कर सकती हैं और सभी प्रकार के उद्योगों में काम कर सकती हैं, जिनमें खनन और भारी मशीनरी जैसे पहले प्रतिबंधित क्षेत्र भी शामिल हैं, बशर्ते उनकी सहमति और अनिवार्य सुरक्षा व्यवस्था हो। 26 सप्ताह के सवेतन अवकाश, शिशुगृह सुविधाओं तक पहुंच और घर से काम करने के लचीले विकल्पों के साथ मातृत्व लाभों को और मजबूत किया गया है। महिला कर्मचारियों को 3,500 रुपये का चिकित्सा बोनस भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त, महिला श्रमिकों के लिए परिवार की परिभाषा का विस्तार करके इसमें सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, जिससे सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों के तहत आश्रितों का दायरा बढ़़ गया है। उन्होंने नए श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन का स्वागत करते हुए कहा है कि ये सुधार लंबे समय से लंबित सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करेंगे, श्रमिक अधिकारों को सुव्यवस्थित करेंगे और उन लाखों लोगों तक कवरेज का विस्तार करेंगे जो पहले औपचारिक दायरे से बाहर थे।

चर्चा के दौरान अध्यक्ष ने श्रमिकों के प्रति यूनियन की तरफ से शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी माकू यूनियन की तरफ से चुनार क्षेत्र के उन तिनों दिवंगत श्रमिकों, अजय कुमार (21) पप्पू कुमार (25) गोविंद मौर्य (22) को अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हैं जिनकी राजस्थान प्रदेश में कार्य के दौरान सीमेंट फैक्ट्री के बॉयलर फटने से मौत हो गई।

तेज़ रफ़्तार स्विफ्ट डिज़ायर ने मारी टक्कर, युवक गंभीर रूप से घायल, चालक पर केस दर्ज

परसपुर, गोण्डा। थाना क्षेत्र में तेज रफ्तार का कहर एक बार फिर देखने को मिला है। ग्राम कटैला मजरा पूरेनिहाल के निवासी सत्यदेव सिंह की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात वाहन और चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

पीड़ित द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, घटना 18 नवंबर की शाम करीब 7 बजे की है। सत्यदेव सिंह अपने भाई शिवपाल सिंह के साथ खेत की ओर जा रहे थे। जैसे ही वह धर्मनगर-डेहरास मार्ग पर मंगुरा रोड तिराहे के पास लघुशंका के लिए रुके, तभी तेज गति से आ रही एक स्विफ्ट डिज़ायर कार ने उनके भाई को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि शिवपाल सिंह मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।

इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक परसपुर ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर वाहन चालक की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

आजमगढ़। रोटरी क्लब के स्वास्थ्य शिविर का 97 मरीजों ने उठाया लाभ

उपेन्द्र कुमार पांडेय

आजमगढ़।स्वास्थ्य शिविर का आयोजन रविवार को हर्रा की चुंगी स्थित नेत्र मंदिर के प्रांगण में रोटरी क्लब अध्यक्ष श्रेय अग्रवाल की पूरी टीम के सहयोग से मेदांता ने निःशुल्क चिकित्सा कैंप का आयोजन किया। कैंप में मेदांता हॉस्पिटल से आए सामान्य रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हिमांशु शेखर पाण्डेय ने आए हुए मरीजों को निःशुल्क परामर्श दिया। इस कैंप में अस्थमा, न्यूट्रिशन डिजीज और शुगर, बीपी के मरीज ज्यादातर देखने को मिले। जिसमें मेदांता की टीम रजत पाण्डेय, ऋषभ पाण्डेय, निशा सिस्टर, सुदामा के द्वारा मरीजों की शुगर, ईसीजी, बीएमडी, हार्ट रेट और Spo2 की जांचे बिल्कुल मुफ्त की गई।

रोटरी क्लब अध्यक्ष श्रेय ने बताया कि इस कैंप में कुल 97 मरीजों का निःशुल्क परामर्श दिया गया। कैंप में शुगर और बीपी के ऐसे छिपे हुए मरीज देखने को मिले जिन्हें खुद को अपनी बीमारी का पहले से पता नहीं था। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रखने के लिए हमारा रोटरी क्लब समय समय पर ऐसे आयोजन करता रहता है। ताकि भविष्य में आपको किसी गंभीर बीमारी का सामना न करना पड़ जाए। इस दौरान रोटरी क्लब के सभी सदस्याओं ने बढ़चढ़ कर अपना योगदान दिया।

अनियंत्रित कार पलटी,सिपाही घायल,शादी से लौटते समय हुआ हादसा

गोंडा।जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र में मध्य रात्रि लगभग 1 बजे एक अनियंत्रित स्विफ्ट डिजायर कार पलटने से पीआरवी में तैनात सिपाही अजय यादव व कार चालक राजीव विश्वकर्मा गंभीर रूप से घायल हो गये।यह घटना टिकरी जंगल के ऊंट घाट पुल के पास हुआ जिसके बाद दोनों घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर ले जाया गया।प्राप्त जानकारी के अनुसार सिपाही अजय यादव बालपुर चौकी क्षेत्र में मोटरसाइकिल डायल 112 पर तैनात है।वह अपने साथी राजीव विश्वकर्मा(बमडेरा गांव निवासी), अभिषेक दूबे व एक अन्य साथी के साथ कोल्हमपुर में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गया था।शादी से लौटते समय वे नवाबगंज मनकापुर सम्पर्क मार्ग से होते हुए बालपुर जा रहे थे।मध्य रात्रि लगभग 1 बजे ऊंट घाट पुल के पास अचानक मोड़ पर तेज रफ्तार स्विफ्ट डिजायर कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गयी।सड़क किनारे पलटी कार देखकर वहां से गुजर रहे लोगों ने तत्काल इसकी सूचना डायल 112 को दी।मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया।इस हादसे में घायल सिपाही अजय यादव के पैर में गंभीर चोटें आई हैं,जबकि चालक राजीव विश्वकर्मा के सिर में चोट लगी है।कार में सवार अभिषेक दूबे व एक अन्य साथी को मामूली चोटें आई हैं,लेकिन वे बाल बाल बच गये।वजीरगंज पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।तरबगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी उमेश्वर प्रताप सिंह ने बताया कि देर रात डायल 112 को गाड़ी पलटने की सूचना मिली थी।पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंच कर घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया,जहाँ उनका इलाज जारी है।उन्होंने पुष्टि की कि ये लोग शादी समारोह से लौट रहे थे और नवाबगंज मनकापुर मार्ग पर उनकी कार अनियंत्रित होकर पलट गयी।

पूर्व फौजी पर हमला करने वाले 5 आरोपी एक हफ्ते बाद भी फरार

गोंडा।जिले के देहात कोतवाली थाना अंतर्गत कोयली जंगल गांव में 16 नवंबर को पूर्व फौजी आनंद यादव और उनके दो भाइयों पर पंचायत के दौरान धारदार हथियार से हमला किया गया था।इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए आनंद यादव का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में वेंटीलेटर पर इलाज चल रहा है।उनके भाई किशनलाल और दशरथ लाल यादव को एक हफ्ते के इलाज के बाद लखनऊ के ट्रामा सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया गया है।घटना के सात दिन बाद भी पांच आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

हालांकि,अतुल सिंह उर्फ विक्की सिंह, आलोक सिंह,अंकुश सिंह, विजय तिवारी और राजेश शर्मा सहित पांच आरोपी घटना के सात दिन बाद भी फरार हैं।पुलिस टीमें लगातार इनकी तलाश में जुटी हुई हैं।आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से पूर्व फौजी आनंद यादव के परिजनों में अत्यधिक नाराजगी है और दुबारा हमले का डर सता रहा है।परिजन बार बार पुलिस से मिलकर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं,लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल रहा है।घर की महिलाओं को भी डर सता रहा है साथ ही साथ घर के बच्चे भी विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं कि कहीं उनके साथ भी इसी तरह की घटना न हो जाए।

घायल पूर्व फौजी आनंद यादव के भाई अशर्फी लाल यादव,जो सेना में कार्यरत हैं ने पुलिस अधीक्षक गोंडा व महानिरीक्षक देवीपाटन मंडल से भी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में आवेदन कर रहे हैं और पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही है।जिससे पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का संदेह पैदा होता है।वहीं देहात कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि पुलिस टीमें आरोपियों की तलाश में लगी हैं और प्रयास जारी है।

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जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।

राष्ट्रपति ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) से दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। जस्टिस गवई ने रविवार को 65 साल की उम्र में सीजेआई का पद छोड़ दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को अपना उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा को बनाए रखा।

9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

हरियाणा के गांव से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ 'फर्स्ट क्लास फर्स्ट' से पास किया। वह 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए और इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।

महत्वपूर्ण मामले

1. चुनाव आयोग को बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।

2. उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

3. ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) को संविधानिक रूप से वैध माना और भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसरों का समर्थन किया।

4. जस्टिस कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने असम से संबंधित नागरिकता के मुद्दों पर धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखा था।

5. जस्टिस कांत दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया था।

पारदर्शी, दूरदर्शी, कल्याणकारी, संवेदनशील हेमंत सरकार के आगे भाजपा पस्त : विनोद पांडेय

मंईयां सम्मान योजना, प्रोन्नति मामलों और ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को भटकाने के लिए झूठ और आधी-अधूरी जानकारी का सहारा ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर पांडेय ने कहा कि भाजपा शासन में वर्षों तक कैडर समीक्षा लंबित रहने और फाइलों के गड़बड़ रहने की वजह से ही लंबे समय तक कई प्रक्रिया बाधित रहीं।

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उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने हजारों कर्मचारियों को लंबित प्रमोशन दिया है और पेंशन व सेवा लाभों को तेजी से निष्पादित भी किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार से वेतन लेकर भाजपा के स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाले कुछ अधिकारियों की चिंता में भाजपा नेता डूबे हुए हैं। उनके लिए ही भाजपा में बौखलाहट है। माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न केवल पारदर्शी शासन स्थापित किया है बल्कि हर वर्ग के लोगों के विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। झारखंड में भाजपा की हर रणनीति बार-बार फेल साबित हो रही है।

हेमंत सरकार की जिम्मेदार और संवेदनसील पहल सेवा का अधिकार सप्ताह

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर भाजपा के आरोप पर उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से चुनी हुई हेमंत सरकार की हर लोकप्रिय योजना को बदनाम करने का षडयंत्र रचना भाजपा की पुरानी आदत और राजनीतिक मजबूरी है। महासचिव पांडेय ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम हेमंत सरकार के सबसे लोकप्रिय और सफल कार्यक्रमों में शामिल है। राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों ने भी अंतिम व्यक्ति के घर तक पहुंच कर सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के इस संकल्प की सराहना की है।

इस कार्यक्रम की प्रगति पूरी तरह पारदर्शी है और इसका पूरा डाटा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। सेवा की गारंटी की दिशा में पहली बार झारखंड में सरकार के स्तर से इतनी व्यापक पहल की गई है। भाजपा को सेवा का अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी ही नहीं है। अगर होती तो मंईयां सम्मान योजना को लेकर बेतुका बयान जारी नहीं करती।

उन्होंने कहा कि भाजपा को इस कार्यक्रम की सफलता से असहजता है क्योंकि सरकार सीधे गांव – पंचायतों के अंतिम व्यक्ति के घर जाकर उन्हें उनका हक और अधिकार के प्रति न सिर्फ जागरूक कर रही है बल्कि उन्हें उनका हक दे भी रही है। बिचौलियों या दलालों के चंगुल से भोले भाले आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यकों को छुटकारा दिला कर हेमंत सरकार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस प्रकार का संवेदनशील शासन पूंजीपतियों की पार्टी भाजपा के बूते की बात नहीं है। इतिहास में श्री हेमंत जी की यह पहल मिल का पत्थर साबित हुआ है।

मंईयां सम्मान योजना की अपार सफलता से भाजपा नेता चिंतित

उन्होंने कहा कि भाजपा को महिलाओं, कर्मचारियों या ग्रामीण जनता की चिंता नहीं, बल्कि अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन की फिक्र है। हकीकत यह है कि मंईयां सम्मान योजना की तर्ज पर भाजपा शासित राज्यों में योजनाएं शुरू की गई हैं। ऐसे में भाजपा का भ्रामक आरोप सिर्फ और सिर्फ हर दिन माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से घबराहट में दिया गया है।

महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को “राजनीतिक हताशा की उपज”बताया। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ऐतिहासिक कदम है, और भाजपा को इससे तकलीफ इसलिए हो रही है क्योंकि वह अपने शासनकाल में महिलाओं के लिए एक भी स्वतंत्र आर्थिक सहायता योजना शुरू नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान का लाभ झारखंड की 50 लाख से अधिक महिलाओं को नियमित मिल रहा है। और श्री हेमंत सोरेन के इस संकल्प के आगे भाजपा पूरी तरह धराशायी नजर आ रही है। जनता के पैसा का उपयोग पूरी तरह पारदर्शिता के साथ करना अनिवार्य है। यही काम भाजपा अपने शासन में नहीं कर पाई जिस कारण उसे जनता ने विपक्ष में बैठा दिया। भाजपा के पूंजीपति मित्र बैंकों में जमा जनता का अरबों रुपये लेकर भाग जाए तो उनका कर्ज माफ कराया जाना भाजपा को सही लगता है, लेकिन जरूरतमंद और गरीबों को उनका हक देना गलत लगता है।

झारखंड में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे थे 2 युवक, ओवरलोडेड ट्रक ने कुचला

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सेना में बहाल होकर देश की सेवा करने का सपना संजोए झारखंड के गढ़वा जिला के दो युवक सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे थे. उन्हें कहां मालूम था कि देश सेवा करने का सपना को तेज रफ्तार ट्रक एक झटके में चकनाचूर कर देगा. झारखंड के गढ़वा जिले में हुए भीषण हादसे में सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे दो युवकों की मौत के बाद कोहराम मच गया.

भीषण हादसा गढ़वा जिला के रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड नामक स्थान पर उस वक्त हुआ जब आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे दो युवकों को तेज रफ्तार गिट्टी लोडेड हाइवा ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी. भीषण हादसे के शिकार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक युवकों की पहचान में मानपुर गांव के रहने वाले राजू कुमार और अनिल कुमार के रूप में की गई हैं.

भीषण हादसे से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना इतनी भयावह थी कि दोनो युवकों के शव क्षत- विक्षित होकर सड़क पर बिखर गए थे. बताया जा रहा कि मौत बनकर आई ओवरलोड हाइवा ट्रक, गिट्टी लेकर गढ़वा की ओर जा रहा था. इस दौरान रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड गांव के समीप सेना भर्ती दौड़ को लेकर प्रैक्टिस कर रहे दोनों युवकों को चपेट में ले लिया. असंतुलित होकर गिट्टी लीडर हाइवा दोनों युवकों के ऊपर ही पलट गई. जिस कारण दोनों की मौत हो गयी है.

स्थानीय लोगों में आक्रोश

स्थानीय ग्रामीण और मृतकों के परिजनों ने दोनों के शव को सड़क पर रख कर विरोध प्रदर्शन दिया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि लगातार ओवरलोडेड गाड़ियां तेज रफ्तार में चलती हैं. जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारी के आश्वासन और कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम को हटाया. प्रशासन के द्वारा, दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन के मालिक और चालक पर कार्रवाई करने के साथ ही साथ मृतकों के परिजनों को सरकारी नियमों के अनुरूप सहायता देने आश्वासन दिया गया है.

पहले भी हुआ था ऐसा हादसा

झारखंड के गढ़वा जिला में भीषण दुर्घटना से पूर्व अक्टूबर के महीने में, राजधानी रांची के बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत रांची-टाटा नेशनल हाईवे-33 पर गोसाईंडीह के पास भीषण सड़क दुर्घटना में सवारी गाड़ी में सवार चार लोगों की मौत हो गयी. जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे.

महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर ने गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक निरीक्षण किया, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का निर्देश

गया: महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर अमरेश कुमार ने रविवार को आज गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पोस्ट की समग्र कार्यप्रणाली, तैनात बल की स्थिति तथा ड्यूटी डिप्लायमेंट का विस्तृत आकलन किया। उन्होंने बल के अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। निरीक्षण के क्रम में महानिरीक्षक ने सबसे पहले पोस्ट की दैनिक गतिविधियों एवं ड्यूटी रजिस्टर की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बढ़ती भीड़ और यात्रा सीजन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने बल को रेलवे परिसर में गश्त और निगरानी बढ़ाने तथा हर संदिग्ध गतिविधि पर तत्परता से प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त जवानों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। विशेषकर लौटती भीड़ में महिलाओं और बुजुर्गों की सहायता हेतु “मेरी सहेली टीम” को 24 घंटे सक्रिय रहने को कहा गया। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

महानिरीक्षक ने सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक उपकरणों और संसाधनों के उपयोग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने बताया कि बदलते समय में तकनीकी सहायता के बिना बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है। इसलिए ट्रेन तथा स्टेशन परिसर में अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ाया जाए। इसके अतिरिक्त, स्थानीय प्रशासन एवं जीआरपी के साथ सामंजस्य स्थापित कर संयुक्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही।

निरीक्षण के अंत में महानिरीक्षक ने आरपीएफ जवानों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें अपने दायित्वों के प्रति सजग, अनुशासित और हर परिस्थिति में तत्पर रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इसके लिए समर्पण एवं सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।

झारखंड के भ्रष्ट ,तानाशाह एवं लापरवाह पदाधिकारी राज्य को कानून से नहीं मनमर्जी चला रहे....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के प्रोन्नत पदाधिकारियों की पोस्टिंग नहीं किए जाने पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

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श्री मरांडी ने कहा कि यह बहुत अफ़सोस की बात है कि झारखंड के कुछ लापरवाह एवं तानाशाह अफ़सर राज्य को क़ानून के मुताबिक नहीं, बल्कि अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं। ऐसा लगता है मानों सारे नियम क़ानून और सुविधाएं उनके फायदे और निजी लाभ के लिये बनाये गये हों।

कहा कि हमें बताया गया है कि पुलिस विभाग में जिन अधिकारियों का डीएसपी में प्रोमोशन हुआ है, उनकी पोस्टिंग चार-पॉंच महीने से भी ज़्यादा समय तक लंबित रखी जाती है। कई मामलों में तो पोस्टिंग उनके रिटायरमेंट के सिर्फ दो-चार दिन पहले की जाती है। इस वजह से ऐसे प्रोमोशन पाये लोगों को जो वास्तविक लाभ मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पाता।

कहा कि छोटे कर्मचारियों की स्थिति तो इससे भी बदतर है। उनके प्रोमोशन की फाइलें वर्षों तक विभागों की जटिल प्रक्रियाओं में फँसी रहती हैं। कई बार कर्मचारी न्यायालय से आदेश लेकर आते हैं, फिर भी उन्हें लाभ नहीं दिया जाता। इसके विपरीत, आईएएस/आईपीएस अधिकारी अपने प्रोमोशन और उसके लाभ को समय पर प्राप्त करने के लिए महीनों पहले ही सारी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर लेते हैं।

कहा कि राज्य के कई कर्मचारी मिलते हैं, तो इस मुद्दे को लेकर अपनी पीड़ा से अवगत कराते हैं । इस वजह से उनमें भारी असंतोष है।

उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग किया कि समय पर प्रोमोशन और लाभ की व्यवस्था में आईएएस/आईपीएस और राज्य कर्मियों के लिये छोटे-बड़े के दोहरे मापदंड एवं भेदभाव की प्रवृत्ति पर रोक लगे।

कहा कि यह व्यवस्था सबके लिए समान और निष्पक्ष होनी चाहिए।

नया श्रम कानून से कामगारों को मिलेगा अधिक लाभ : राजेश दूबे

मीरजापुर। मिर्जापुर असंगठित कामगार यूनियन (माकू) अध्यक्ष राजेश दुबे एडवोकेट ने उ0प्र0 सरकार एवं भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए इस नये कानून पर श्रमिकों को बधाई दी।

जिले के मुहकुचवां स्थित कैम्प कार्यालय पर हुई चर्चा के दौरान अध्यक्ष राजेश ने नये श्रम कानून को बेहतर बताया और कहा कि पूर्व मे कुल अलग -अलग 29 प्रकार के श्रम कानून से अलग-अलग बातें सामने निकल कर आई थी। यह कानून आजादी से पूर्व सन् 1930 से सन् 1950 के बीच लाएं गए थे इसी बीच 2019 और 2020 में लाए गए कानून सुधार कानून को 21 नवंबर 2025 को केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया जो श्रमिक हित में बेहतर साबित होंगे। पूर्व के 29 कानूनों की जगह अब केवल चार श्रम कानून पूरे भारत के समस्त प्रदेशों में लागू हो गई है, जिससे तकरीबन 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को लाभ मिलेगा। यह कानून - कोड आंन वेजेज 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2019, कोड आंन सोशल सिक्योरिटी 2020, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी,हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड 2020 के नाम से जाना जायेगा जैसा कि सरकार ने कहा है। नए कानून लागू होने से न्यूनतम एवं समय पर वेतन जैसा कि पहले देर से मिलती थी लेकिन अब कामगारों को 01 से 07 तारीख के बीच में प्रत्येक माह मिलेगी और न मिलने पर इसे अपराध माना जाएगा। ग्रेच्युटी के नियम जो पूर्व में 5 साल काम करने पर लागू होते थे अब वह 1 वर्ष में लागू होंगे। हर कामगार को नियुक्ति पत्र मिलेगी। श्रमिक को ओवरटाइम का दुगना भुगतान मिलेगा। 40 साल से अधिक श्रमिकों का मुफ्त स्वास्थ्य चेकअप होगा इस प्रकार के अनेक फायदे इस नए कानून के आ जाने से श्रमिक वर्ग को मिलेगा। यूनियन के अध्यक्ष राजेश दुबे ने कहा सभी क्षेत्रों में श्रमिक कल्याण को मजबूत करने के उद्देश्य से यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में जाना जायेगा, भारत के लंबे समय से प्रतिक्षित श्रम सुधार लागू हो गए हैं, सभी चार नए श्रम कोड आधिकारिक तौर पर अधिसूचित और 21 नवंबर, 2025 से लागू हो गए हैं।

महामंत्री मंगल तिवारी ने कहा प्रधानमंत्री द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है। सूचनाओं के अनुसार 18 हजार तक की आय वाले पत्रकारों को भी लाभ मिलेगा।डिलीवरी और मोबिलिटी कर्मचारियों को भी बड़ी राहत होगी। घर और कार्यस्थल के बीच यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को अब रोजगार से संबंधित माना जाएगा, जिससे कर्मचारी दुर्घटना मुआवजे के पात्र बनेंगे। लाभों की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने आधार से जुड़े एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर शुरू किया है, जिससे राज्यों में कल्याणकारी योजनाओं तक आसान और पोर्टेबल पहुंच संभव हो सकेगी।

ये संहिताए सभी प्रकार के लैंगिक भेदभाव पर रोक लगाती हैं और समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित करती हैं। महिलाएं अब रात्रि प्रहार में काम कर सकती हैं और सभी प्रकार के उद्योगों में काम कर सकती हैं, जिनमें खनन और भारी मशीनरी जैसे पहले प्रतिबंधित क्षेत्र भी शामिल हैं, बशर्ते उनकी सहमति और अनिवार्य सुरक्षा व्यवस्था हो। 26 सप्ताह के सवेतन अवकाश, शिशुगृह सुविधाओं तक पहुंच और घर से काम करने के लचीले विकल्पों के साथ मातृत्व लाभों को और मजबूत किया गया है। महिला कर्मचारियों को 3,500 रुपये का चिकित्सा बोनस भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त, महिला श्रमिकों के लिए परिवार की परिभाषा का विस्तार करके इसमें सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, जिससे सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों के तहत आश्रितों का दायरा बढ़़ गया है। उन्होंने नए श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन का स्वागत करते हुए कहा है कि ये सुधार लंबे समय से लंबित सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करेंगे, श्रमिक अधिकारों को सुव्यवस्थित करेंगे और उन लाखों लोगों तक कवरेज का विस्तार करेंगे जो पहले औपचारिक दायरे से बाहर थे।

चर्चा के दौरान अध्यक्ष ने श्रमिकों के प्रति यूनियन की तरफ से शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी माकू यूनियन की तरफ से चुनार क्षेत्र के उन तिनों दिवंगत श्रमिकों, अजय कुमार (21) पप्पू कुमार (25) गोविंद मौर्य (22) को अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हैं जिनकी राजस्थान प्रदेश में कार्य के दौरान सीमेंट फैक्ट्री के बॉयलर फटने से मौत हो गई।

तेज़ रफ़्तार स्विफ्ट डिज़ायर ने मारी टक्कर, युवक गंभीर रूप से घायल, चालक पर केस दर्ज

परसपुर, गोण्डा। थाना क्षेत्र में तेज रफ्तार का कहर एक बार फिर देखने को मिला है। ग्राम कटैला मजरा पूरेनिहाल के निवासी सत्यदेव सिंह की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात वाहन और चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

पीड़ित द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, घटना 18 नवंबर की शाम करीब 7 बजे की है। सत्यदेव सिंह अपने भाई शिवपाल सिंह के साथ खेत की ओर जा रहे थे। जैसे ही वह धर्मनगर-डेहरास मार्ग पर मंगुरा रोड तिराहे के पास लघुशंका के लिए रुके, तभी तेज गति से आ रही एक स्विफ्ट डिज़ायर कार ने उनके भाई को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि शिवपाल सिंह मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।

इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक परसपुर ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर वाहन चालक की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

आजमगढ़। रोटरी क्लब के स्वास्थ्य शिविर का 97 मरीजों ने उठाया लाभ

उपेन्द्र कुमार पांडेय

आजमगढ़।स्वास्थ्य शिविर का आयोजन रविवार को हर्रा की चुंगी स्थित नेत्र मंदिर के प्रांगण में रोटरी क्लब अध्यक्ष श्रेय अग्रवाल की पूरी टीम के सहयोग से मेदांता ने निःशुल्क चिकित्सा कैंप का आयोजन किया। कैंप में मेदांता हॉस्पिटल से आए सामान्य रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हिमांशु शेखर पाण्डेय ने आए हुए मरीजों को निःशुल्क परामर्श दिया। इस कैंप में अस्थमा, न्यूट्रिशन डिजीज और शुगर, बीपी के मरीज ज्यादातर देखने को मिले। जिसमें मेदांता की टीम रजत पाण्डेय, ऋषभ पाण्डेय, निशा सिस्टर, सुदामा के द्वारा मरीजों की शुगर, ईसीजी, बीएमडी, हार्ट रेट और Spo2 की जांचे बिल्कुल मुफ्त की गई।

रोटरी क्लब अध्यक्ष श्रेय ने बताया कि इस कैंप में कुल 97 मरीजों का निःशुल्क परामर्श दिया गया। कैंप में शुगर और बीपी के ऐसे छिपे हुए मरीज देखने को मिले जिन्हें खुद को अपनी बीमारी का पहले से पता नहीं था। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रखने के लिए हमारा रोटरी क्लब समय समय पर ऐसे आयोजन करता रहता है। ताकि भविष्य में आपको किसी गंभीर बीमारी का सामना न करना पड़ जाए। इस दौरान रोटरी क्लब के सभी सदस्याओं ने बढ़चढ़ कर अपना योगदान दिया।

अनियंत्रित कार पलटी,सिपाही घायल,शादी से लौटते समय हुआ हादसा

गोंडा।जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र में मध्य रात्रि लगभग 1 बजे एक अनियंत्रित स्विफ्ट डिजायर कार पलटने से पीआरवी में तैनात सिपाही अजय यादव व कार चालक राजीव विश्वकर्मा गंभीर रूप से घायल हो गये।यह घटना टिकरी जंगल के ऊंट घाट पुल के पास हुआ जिसके बाद दोनों घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर ले जाया गया।प्राप्त जानकारी के अनुसार सिपाही अजय यादव बालपुर चौकी क्षेत्र में मोटरसाइकिल डायल 112 पर तैनात है।वह अपने साथी राजीव विश्वकर्मा(बमडेरा गांव निवासी), अभिषेक दूबे व एक अन्य साथी के साथ कोल्हमपुर में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गया था।शादी से लौटते समय वे नवाबगंज मनकापुर सम्पर्क मार्ग से होते हुए बालपुर जा रहे थे।मध्य रात्रि लगभग 1 बजे ऊंट घाट पुल के पास अचानक मोड़ पर तेज रफ्तार स्विफ्ट डिजायर कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गयी।सड़क किनारे पलटी कार देखकर वहां से गुजर रहे लोगों ने तत्काल इसकी सूचना डायल 112 को दी।मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया।इस हादसे में घायल सिपाही अजय यादव के पैर में गंभीर चोटें आई हैं,जबकि चालक राजीव विश्वकर्मा के सिर में चोट लगी है।कार में सवार अभिषेक दूबे व एक अन्य साथी को मामूली चोटें आई हैं,लेकिन वे बाल बाल बच गये।वजीरगंज पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।तरबगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी उमेश्वर प्रताप सिंह ने बताया कि देर रात डायल 112 को गाड़ी पलटने की सूचना मिली थी।पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंच कर घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया,जहाँ उनका इलाज जारी है।उन्होंने पुष्टि की कि ये लोग शादी समारोह से लौट रहे थे और नवाबगंज मनकापुर मार्ग पर उनकी कार अनियंत्रित होकर पलट गयी।

पूर्व फौजी पर हमला करने वाले 5 आरोपी एक हफ्ते बाद भी फरार

गोंडा।जिले के देहात कोतवाली थाना अंतर्गत कोयली जंगल गांव में 16 नवंबर को पूर्व फौजी आनंद यादव और उनके दो भाइयों पर पंचायत के दौरान धारदार हथियार से हमला किया गया था।इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए आनंद यादव का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में वेंटीलेटर पर इलाज चल रहा है।उनके भाई किशनलाल और दशरथ लाल यादव को एक हफ्ते के इलाज के बाद लखनऊ के ट्रामा सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया गया है।घटना के सात दिन बाद भी पांच आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

हालांकि,अतुल सिंह उर्फ विक्की सिंह, आलोक सिंह,अंकुश सिंह, विजय तिवारी और राजेश शर्मा सहित पांच आरोपी घटना के सात दिन बाद भी फरार हैं।पुलिस टीमें लगातार इनकी तलाश में जुटी हुई हैं।आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से पूर्व फौजी आनंद यादव के परिजनों में अत्यधिक नाराजगी है और दुबारा हमले का डर सता रहा है।परिजन बार बार पुलिस से मिलकर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं,लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल रहा है।घर की महिलाओं को भी डर सता रहा है साथ ही साथ घर के बच्चे भी विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं कि कहीं उनके साथ भी इसी तरह की घटना न हो जाए।

घायल पूर्व फौजी आनंद यादव के भाई अशर्फी लाल यादव,जो सेना में कार्यरत हैं ने पुलिस अधीक्षक गोंडा व महानिरीक्षक देवीपाटन मंडल से भी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में आवेदन कर रहे हैं और पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही है।जिससे पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का संदेह पैदा होता है।वहीं देहात कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि पुलिस टीमें आरोपियों की तलाश में लगी हैं और प्रयास जारी है।