राजद का बयान उसकी मानसिकता को उजागर करने वाला : ऋतुराज सिन्हा


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने राजद के विधान परिषद सदस्य माननीय श्री सुनील सिंह द्वारा दिए गए इस बयान — अगर चुनाव परिणाम उनके पक्ष में नहीं आया तो बिहार में नेपाल जैसी स्थिति बन जाएगी— पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बयान राजद और महागठबंधन की असली मानसिकता और चरित्र को उजागर करता है। ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि जब तक चुनाव परिणाम इनके पक्ष में आता है, तब तक चुनाव आयोग अच्छा लगता है, ईवीएम सही रहता है और लोकतंत्र मजबूत दिखता है। लेकिन जैसे ही हार दिखाई देने लगती है, अचानक ईवीएम खराब, चुनाव आयोग पक्षपाती और लोकतंत्र खतरे में नज़र आने लगता है। यही दोहरे मापदंड राजद और उसके सहयोगियों की राजनीतिक सोच को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है। यहाँ हिंसा, अराजकता या धमकियों की कोई जगह नहीं है। बिहार और बिहारवासी अपने लोकतंत्र की रक्षा करना अच्छे से जानते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करने या जनता के निर्णय को चुनौती देने वाले बयानों को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऋतुराज सिन्हा ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे भड़काऊ बयान देने वालों पर तुरंत और कठोर कार्रवाई की जाए। अंत में उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र, संविधान और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के प्रति पूरी तरह समर्पित है। बिहार में अराजकता की भाषा बोलने वालों को जनता चुनाव परिणामों के माध्यम से एक बार फिर जवाब देने को तैयार है। [13/11, 7:25 pm] SB Verr Sir: *एग्जिट पोल के रुझान बता रहे हैं जनता का भरोसा विकास पर, अफवाहों की राजनीति को नकारा : नितिन नवीन* बांकीपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी माननीय श्री नितिन नवीन जी ने कहा कि एग्जिट पोल के रुझान इस बात के संकेत हैं कि बिहार की जनता ने एक बार फिर एनडीए के विकास मॉडल पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की पार्टियों ने चुनाव के दौरान केवल अफवाह फैलाने और भ्रम की राजनीति करने का प्रयास किया, लेकिन जनता ने अपने मत के ज़रिए इस नकारात्मक राजनीति को स्पष्ट संदेश दिया है। नितिन नवीन जी ने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार राज्य और देश के विकास को ध्यान में रखकर मतदान किया है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग उन नेताओं को मौका देने के मूड में हैं जो बिहार और देश के हित में सोचते हैं, न कि उन लोगों को जो पहले अपने और अपने परिवार के हित को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार आज प्रगति के रास्ते पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। बिहार का हर नागरिक चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से जुड़ा क्यों न हो विकास और स्थिरता के लिए एनडीए के पक्ष में खड़ा दिखाई दे रहा है। नितिन नवीन जी ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में बिहार सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनने की दिशा में और तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
झारखंड का स्थापना दिवस: 25 वर्षों की गौरवशाली यात्रा

इस वर्ष 15 नवम्बर को राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है। ऐतिहासिक अवसर पर राज्य सरकार द्वारा 'रजत जयंती' वर्ष को भव्य और यादगार बनाने का निर्णय लिया है। इस के मध्य नजर आज सूचना भवन सभागार में एग्जीबिशन और इमर्सिव ज़ोन के नोडल पदाधिकारी सह कल्याण आयुक्त श्री कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता में आज एक विशेष समन्वय बैठक आयोजित की गई।

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इस बैठक में विभिन्न विभागों के नोडल पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय महोत्सव के सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

राज्य स्थापना दिवस 2025: दो दिवसीय महोत्सव

राज्य स्थापना दिवस 2025 के अवसर पर राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में 15 और 16 नवम्बर को दो दिवसीय विशेष महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में झारखंड के सभी विभागों के स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां आगंतुकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी।

महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन जी कि जीवनी पर आधारित विशेष प्रदर्शनी होगी, जो झारखंड के इतिहास और संघर्ष को जीवंत करेगी। इसके साथ ही, एक इमर्सिव ज़ोन भी बनाया जाएगा, जहां विभिन्न विषयों पर फिल्में और जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।

इसके साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी आम जनों के लिए रखी गई है जिसका लाभ महोत्सव परिसर में घूमते हुए लिया जा सकेंगे। यह महोत्सव आम जनों को झारखंड के अतीत का दर्शन कराएगा और साथ ही भविष्य की आशाओं और कल्पनाओं से जोड़ेगा।

बैठक में उपस्थित रहे पर्यटन विभाग के उपनिदेशक श्री राजीव कुमार, सहायक निदेशक ईशा खंडेलवाल , डॉ.असीम कुमार और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

राज्य स्तरीय पुरुष नसबंदी अभियान का शुभारंभ सह सम्मान समारोह

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रांची:नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में राज्य स्तरीय पुरुष नसबंदी अभियान सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का नहीं, बल्कि स्वस्थ परिवार और सुरक्षित मातृत्व की दिशा में एक बड़ा कदम है।

उन्होंने कहा कि पुरुषों की समान भागीदारी से ही यह प्रयास सफल होगा। डॉ. अंसारी ने सभी से इस अभियान को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह अभियान राज्य के परिवार कल्याण कार्यक्रम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का विषय नहीं है बल्कि यह स्वस्थ परिवार, सुरक्षित मातृत्व और खुशहाल समाज की दिशा में उठाया गया एक सशक्त कदम है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा योजना और तैयारी के साथ इस दुनिया में आए, और हर मां को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार मिले।

उन्होंने कहा कि हम यह भी जानते हैं कि परिवार नियोजन की जिम्मेदारी अक्सर महिलाओं तक सीमित रह जाती है, लेकिन अब समय आ गया है कि पुरुष भी समान रूप से इस जिम्मेदारी को साझा करें। नसबंदी एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी उपाय है और इसके प्रति समाज में जो गलत फहमियाँ हैं, उन्हें दूर करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

डॉक्टर इरफान अंसारी ने कहा कि इस समारोह में जिन जिलों और स्वास्थ्य संस्थानों को सम्मानित किया जा रहा है. उन्होंने अपने समर्पण, नवाचार और मेहनत से परिवार नियोजन कार्यक्रम को एक नई दिशा दी है। सभी विजेता प्रतिभागियों को उन्होंने बधाई दी और कहा कि आपकी यह उपलब्धि न केवल आपके जिले के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। इस अभियान की उपलब्धि को हासिल करने में जो संस्थान, चिकित्सक या कमी पीछे रह गए हैं, उन्हें प्रोत्साहित करते हुए मैं चाहता हूं कि आप सब अपना पूरा योगदान देकर इस अभियान को सफल बनाने में अपनी भूमिका अदा करें।

डॉक्टर अंसारी ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए 8500 हेल्थ टेक्निकल और नॉन टेक्निकल स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली की जाएगी।

माननीय मंत्री द्वारा राज्य का पहला राँची सदर अस्पताल जिसको एनएबीएल सर्टिफिकेट से नवाजा गया है। यह सर्टिफिकेट राज्य के नोडल पदाधिकारी पदाधिकारी, राज्य परामर्शी PHQA एवं राँची सिविल सर्जन, रांची सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं सभी कर्मियों के प्रयासों से मिला है ।

डाक विभाग के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

इस अवसर पर भारतीय डाक विभाग, झारखंड परिमंडल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), झारखंड सरकार के बीच परिवार नियोजन सामग्रियों के परिवहन एवं वितरण हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इसके तहत डाक विभाग अपने इंडिया पोस्ट पार्सल नेटवर्क के माध्यम से सामग्रियों की समयबद्ध आपूर्ति राज्यभर के स्वास्थ्य केंद्रों तक सुनिश्चित करेगा।

यह पहल “स्वस्थ झारखंड, सुखी झारखंड” के लक्ष्य को सशक्त बनाएगी।

परिवार नियोजन सेवाओं को और सशक्त बनाएगी सरकार – अजय कुमार सिंह

अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन केवल स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति का आधार है। उन्होंने सर्जन, एएनएम, जीएनएम और सीएचओ की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से झारखंड पुरुष सहभागिता आधारित परिवार नियोजन में आदर्श राज्य बनेगा।

सुरक्षित और प्रभावी उपाय है पुरुष नसबंदी – शशि प्रकाश झा

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक श्री शशि प्रकाश झा ने बताया कि राज्य की कुल प्रजनन दर (TFR) 3.5 से घटकर 2.3 और गर्भनिरोधक प्रचलन दर (CPR) 35.7% से बढ़कर 61.7% हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अब पुरुषों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है, क्योंकि पुरुष नसबंदी एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी उपाय है।

राज्य में परिवार नियोजन संकेतकों में सुधार – डॉ. पुष्पा

राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ. पुष्पा ने कहा कि झारखंड में परिवार नियोजन के संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। Unmet Need घटकर 10% रह गई है और अस्थायी विधियों के उपयोग में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह केवल स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि समानता और जिम्मेदारी का अभियान है।

नई विधियों का शुभारंभ और सम्मान समारोह

कार्यक्रम के दौरान गर्भनिरोधक की नई विधियों (MPA-SC एवं इम्प्लांट) का शुभारंभ किया गया तथा सहिया के लिए तैयार वीडियो फिल्म का विमोचन हुआ।

राज्यभर के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों एवं संस्थानों को सम्मानित किया गया, जिनमें —

37 स्वास्थ्य संस्थान, 19 मास्टर ट्रेनर, 9 स्टोरकीपर, 16 बीटीटी, 10 सहिया, 10 सर्जन, 8 एएनएम/जीएनएम और 11 काउंसलर शामिल हैं।

मुख्य उपलब्धियाँ

कुल प्रजनन दर (TFR) 3.5 (AHS-2011) से घटकर 2.3 (NFHS-5, 2019-21)

गर्भनिरोधक प्रचलन दर 35.7% (NFHS-3, 2005-06) से बढ़कर 61.7%

परिवार नियोजन की अपूर्ण आवश्यकता 22.6% से घटकर 11.5%

PPIUCD Insertion का प्रतिशत 36%

चार नई विधियाँ जोड़ी गईं – अंतरा IM, छाया, अंतरा SC, इम्प्लांट

Self Care Kits एवं कंडोम बॉक्स के माध्यम से अस्थायी विधियों की निःशुल्क उपलब्धता

2019 से अब तक 1.30 लाख से अधिक सास-बहू-पति सम्मेलन, 6.98 लाख नई पहल किट वितरण एवं 76 हजार से अधिक परिवार कल्याण दिवस का आयोजन

कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद श्री प्रदीप बलमुचू, निदेशक डाक सेवा श्री बी.आर. चौधरी, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ श्री सिद्धार्थ सान्याल, सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।

जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने दिए सख्त निर्देश, देर शाम हुआ अस्थायी गौशालाओं का औचक निरीक्षण

गोण्डा। 13 नवम्बर,2025

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन एवं मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन के निर्देश के क्रम में, उन्होंने देर शाम जनपद के समस्त विकासखण्डों में अस्थायी गौशालाओं का औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण में सभी खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) एवं सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण शामिल रहे।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों द्वारा गौशालाओं में गोवंशों के रखरखाव, भोजन-पानी की व्यवस्था, आश्रय स्थलों की स्वच्छता, चिकित्सीय सुविधा तथा सुरक्षा व्यवस्था, ठंड से बचाव आदि का गहन परीक्षण किया गया। इस पर संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से आवश्यक सुधार करने एवं व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए।

मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंशों के रखरखाव, आहार, चिकित्सा एवं सुरक्षा व्यवस्था, ठंड से बचाव आदि पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी गौशालाओं में पशुओं के लिए पर्याप्त चारा, स्वच्छ जल एवं शेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने यह भी कहा कि गौशालाओं की व्यवस्थाएं प्रशासन की प्राथमिकता में हैं और इनकी नियमित निगरानी की जाएगी।

जनपद प्रशासन द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि निराश्रित गोवंशों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु सभी विकासखण्डों में प्रभावी कदम निरंतर उठाए जाएँ। प्रशासन का यह प्रयास है कि सभी गौशालाएं आदर्श स्वरूप में संचालित हों और गोवंशों को सुरक्षित, स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण प्राप्त हो सके।

*साहित्यिक अनुसंधान का काम केवल समीक्षा करना नहीं-प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार,राणा प्रताप पीजी कालेज में संगोष्ठी*
सुलतानपुर,साहित्यिक अनुसंधान का कार्य केवल मौजूदा ग्रंथों की समीक्षा करना नहीं है। बल्कि उसमें नवीन दृष्टिकोण एवं मौलिक संदर्भों को उजागर कर साहित्य को एक व्यापक सामाजिक परिप्रेक्ष्य में देखने की क्षमता विकसित करना भी है। यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार ने कहीं। वह शोध व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए आयोजित अनुसंधान प्रक्रिया और प्रविधि विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर रंजना पटेल ने कहा कि अनुसंधान में प्रयुक्त होने वाली रणनीति प्रकिया और तकनीक पहले से स्पष्ट होनी चाहिए।विश्लेषण के लिए साक्ष्य एकत्र करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि, स्वागत डॉ विभा सिंह व आभार ज्ञापन डॉ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर शोध व एम ए हिंदी के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।
दिल्ली ब्लास्टः अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर बड़ा एक्शन, विश्वविद्यालय की वेबसाइट भी बंद, NAAC ने भेजा नोटिस

#redfortblastalfalahuniversitygetsshowcausefromnaac

दिल्ली ब्लास्ट के बाद जांच के घेरे में आई फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया गया है। ये नोटिस यूनिवर्सटी को नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने थमाया है। यूनिवर्सिटी पर गलत जानकारी देने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।

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फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय दिल्ली विस्फोट जांच के सिलसिले में जांच के घेरे में है। दरअसल, दिल्ली ब्लास्ट के बीच फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में गिरफ्तार डॉक्टरों का लिंक अल फलाह यूनिवर्सिटी के साथ जोड़ा गया था। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को भी बंद कर दिया गया है। एक दिन पहले ही फरीदाबाद की इस यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक हो गई थी। जिसके बाद NAAC ने यूनिवर्सिटी को एक शो-कॉज नोटिस भेजा है, जिसमें उस पर गलत जानकारी देने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।

इन कॉलेजों पर गलत मान्यता दिखाने का आरोप

NAAC ने अल-फलाह विश्वविद्यालय को नोटिस जारी करते हुए कहा कि उसने पाया है कि विश्वविद्यालय न तो NAAC से मान्यता प्राप्त है और न ही मान्यता के लिए आवेदन किया है, फिर भी उसने अपनी वेबसाइट पर यह दर्शाया है कि वह तीन कॉलेज चला रहा है। इसमें अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (1997 से, NAAC ग्रेड ए), ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (2008 से), और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (2006 से, NAAC ग्रेड ए)। जो पूरी तरह से गलत है और जनता को गुमराह कर रहा है।

यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों की भूमिका संदिग्ध

बता दें कि दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को जोरदार धमाका हुआ था। जांच एजेंसियों ने इस मामले में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों की भूमिका संदिग्ध मिली। इनमें से उमर उन नबी (33) ब्लास्ट के दिन कार चला रहा था। उमर के साथ यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसर डॉ. शाहीन शाहिद (46) और डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (35) भी इस आतंकी मॉड्यूल से जुड़े पाए गए। उमर यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था।

हरहटा ग्राम सभा में फर्जी हस्ताक्षर और दबंगई का मामला — प्रशासनिक जांच की मांग तेज़

बलरामपुर 13 नवंबर तहसील तुलसीपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा हरहटा में ग्राम प्रधान पद से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

ग्राम प्रधान अल्लाउद्दीन शाह पुत्र जब्बर शाह, जो पहले से ही अपने दबंग रवैये और ग्राम सभा की जमीनों पर कब्जे के आरोपों के कारण चर्चाओं में रहे हैं, अब एक नए विवाद में फँस गए हैं।

जानकारी के अनुसार, अल्लाउद्दीन शाह को पूर्व में ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा और शासन के निर्देशों की अवहेलना के चलते जिलाधिकारी द्वारा प्रधान पद से हटा दिया गया था। इसके बाद उदय लाल यादव पुत्र अयोध्या प्रसाद को कार्यवाहक प्रधान के रूप में नियुक्त किया गया था।

ग्रामीणों का आरोप है कि अल्लाउद्दीन शाह, जो उस समय मुंबई में रह रहे थे, ने फर्जी हस्ताक्षर (Fake Signature) कर कई सरकारी पत्रों और आवेदन पत्रों को प्राप्त किया। कहा जा रहा है कि प्रधान पद से हटाए जाने के बावजूद उन्होंने पंचायत से संबंधित कई फाइलों और पत्रों पर फर्जी तरीके से साइन कर Letters Received Register में प्रविष्टियाँ करवाईं।

ग्रामीणों ने बताया कि अब वही व्यक्ति सोशल मीडिया पर हथियारबंद तस्वीरें और वीडियो डालकर दबंगई का प्रदर्शन कर रहा है। इससे ग्रामवासियों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है।

ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी बलरामपुर एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

इस संबंध में ग्रामीणों ने कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।

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भारत खुद सक्षम...दिल्ली ब्लास्ट की जांच में मदद के ऑफर पर अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो का बड़ा बयान

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अमेरिका ने दिल्ली में हुए धमाके को आतंकी हमला करार दिया। साथ ही दिल्ली विस्फोट की जांच को लेकर भारत की एजेंसियों की तारीफ की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है। लेकिन यह भी कहा कि भारतीय अधिकारी असाधारण पेशेवर तरीके से जांच का प्रबंधन कर रहे हैं। रुबियो ने यह टिप्पणी भारत द्वारा दिल्ली में हुए विस्फोट को "आतंकवादी घटना" घोषित करने पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए की।

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भारतीय एजेंसियों की सराहना

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, भारतीयों की सराहना की जानी चाहिए। वे बहुत ही नपे-तुले, सतर्क और बहुत ही पेशेवर तरीके से इस जांच को अंजाम दे रहे हैं। यह जांच जारी है। यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था। यह अत्यधिक विस्फोटक सामग्री से लदी एक कार थी जिसमें विस्फोट हुआ और कई लोग मारे गए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वे जांच करने का बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और मुझे लगता है कि जब उनके पास तथ्य (फैक्ट) होंगे, तो वे उन तथ्यों को जारी करेंगे।

अमेरिका ने मदद की पेशकश

अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने विस्फोट के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। रुबियो ने कहा कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है, लेकिन भारत जांच को संभालने में "बहुत सक्षम" है और उसे मदद की जरूरत नहीं है।

सहारनपुर में फेन्सेडिल तस्करी का बड़ा खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने  फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त अन्य दवाओं के अवैध भंडारण और नशे के उद्देश्य से बिक्री करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। यह कार्रवाई सहारनपुर में की गई और गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से भारी मात्रा में अवैध सामग्री और दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम व बरामद सामान

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम विभोर राणा, पुत्र गण गजराज सिंह, निवासी 2सी-3926ए, नियर गन्ना भवन, शास्त्री नगर, थाना सदर बाजार, सहारनपुर, विशाल सिंह, पुत्र गण गजराज सिंह, निवासी 2सी-3926ए, नियर गन्ना भवन, शास्त्री नगर, थाना सदर बाजार, सहारनपुर, बिट्टू कुमार, पुत्र स्व. हरदेवा, निवासी 49 अनमोल विहार कॉलोनी, शिव मंदिर के पास, थाना सदर बाजार, सहारनपुर; स्थाई पता: ग्राम अब्दुल्ला नगर, पो० बनहेड़ा, थाना देवबंद, सचिन कुमार, पुत्र स्व. हरदेवा, निवासी 49 अनमोल विहार कॉलोनी, शिव मंदिर के पास, थाना सदर बाजार, सहारनपुर; स्थाई पता: ग्राम अब्दुल्ला नगर, पो० बनहेड़ा, थाना देवबंद, गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्तों के पास दो पिस्टल, दस कारतूस, चार मोबाइल फोन और भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक व भौतिक दस्तावेज बरामद किए गए।

कफ सिरप के लंबे समय से भंडारण की मिल रही थी सूचना

एसटीएफ को लंबे समय से जानकारी मिल रही थी कि फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त दवाओं का अवैध भंडारण और व्यापार किया जा रहा है। यह दवाएं नशे के रूप में इस्तेमाल के लिए भेजी जा रही थीं और इनके खरीदार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक फैले हुए थे।उत्तर प्रदेश शासन के पत्र के अनुसार एसटीएफ और खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग की संयुक्त जांच समिति बनाई गई थी। जांच के दौरान लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में भारी मात्रा में अवैध फेन्सेडिल बरामद की गई थी और मुकदमा पंजीकृत किया गया।

बांग्लादेश में नशे के रूप में इस दवा का खूब होता है इस्तेमाल

एसटीएफ ने गिरफ्तार अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ की। पूछताछ के दौरान विभोर राणा और विशाल सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में उन्होंने जी.आर. ट्रेडिंग, सहारनपुर नामक फर्म बनाई और एबॉट कंपनी से फेन्सेडिल कफ सिरप की सुपर डिस्ट्रीब्यूशनशिप ली। उनका दावा था कि यह दवा बांग्लादेश में नशे के रूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होती है।अभियुक्तों ने कहा कि अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उन्होंने परिचितों के नाम पर ड्रग लाइसेंस बनवाए और फर्जी फर्मों के जरिए खरीद-फरोख्त को केवल कागजों में दिखाया। वास्तविक दवा को नशे के लिए इस्तेमाल करने वाले तस्करों को बेचा जाता था।

सचिन कुमार को हरिद्वार, उत्तराखंड में सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बनाया

उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2021 में जौनपुर, बनारस और मालदा में कई जगह एसटीएफ और एनसीबी ने माल पकड़ा, जिसके बाद उनकी फर्म और फर्जी फर्म सचिन मेडिकोस का नाम विभिन्न नोटिसों में आया। वर्ष 2022 में एनसीबी वेस्ट बंगाल द्वारा विभोर राणा को गिरफ्तार किया गया था।फिर उन्होंने फर्म मारुति मेडिकोज बनाई और सचिन कुमार को हरिद्वार, उत्तराखंड में सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बनाया। इसके माध्यम से फेन्सेडिल की तस्करी जारी रही। उनके अन्य सहयोगियों में अभिषेक शर्मा, शुभम शर्मा, संदीप शर्मा, दीपक राणा, संजय शर्मा और सी.ए. अरुण सिंघल शामिल थे।

जांच का दायरा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक बढ़ा

पूछताछ में यह भी सामने आया कि विभोर राणा और विशाल सिंह ने फेन्सेडिल तस्करी से लगभग 200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की। उनका यह कारोबार वर्षों तक चलता रहा और इसके लिए उन्होंने कई फर्जी फर्में बनाई।चारों गिरफ्तार आरोपियों को मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट, सहारनपुर के सामने पेश किया गया और ट्रांजिट डिमांड प्राप्त की गई। लखनऊ में उन्हें पहले से पंजीकृत मुकदमा  के तहत अग्रिम कार्रवाई के लिए लाया जाएगा।एसटीएफ की टीम, अपर पुलिस अधीक्षक  लाल प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में, अभियुक्तों से मिले दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बैंक लेन-देन की जांच कर रही है।

जांच का दायरा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक फैलाया

इसका उद्देश्य फेन्सेडिल के अवैध व्यापार का पूरा नेटवर्क उजागर करना और संबंधित सभी व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाना है। एसटीएफ और खाद्य एवं औषधि विभाग ने इस तस्करी को रोकने और दवाओं के अवैध वितरण को समाप्त करने के लिए सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच का दायरा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक फैलाया गया है और फेन्सेडिल तस्करी में शामिल सभी फर्मों और सहयोगियों की पहचान की जा रही है।
डॉ. शाहीन के संपर्क में था कश्मीरी डॉ. आरिफ, ATS ने उठाया… कानपुर में कार्डियोलॉजी में कर रहा था MD की पढ़ाई

दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में कानपुर का एक और कनेक्शन सामने आया है. डॉ. शाहीन से लगातार संपर्क में रहने वाले डॉ. आरिफ को एटीएस ने बुधवार देर रात पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ लगातार डॉ. शाहीन से बात कर रहा था. कानपुर मेडिकल कॉलेज के बाद अब कार्डियोलॉजी विभाग भी एटीएस के रडार पर है.

दिल्ली में हुए आतंकी हमले की साजिश से जुड़े मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को फरीदाबाद से एक महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद कोई साधारण चिकित्सक नहीं, बल्कि कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) की पूर्व प्रोफेसर और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिला विंग की कथित प्रमुख हैं. जांच में खुलासा हुआ कि वह भारत में महिला आतंक ब्रिगेड गठित करने की फिराक में थी.

सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन ने 2006 में जीएसवीएम के फार्माकोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाला था. यूपीपीएससी (UPPSC) से चयनित होने के बाद वह 2013 तक प्रोफेसर रहीं. 2009 में छह महीने के लिए उनका कन्नौज मेडिकल कॉलेज में तबादला हुआ, लेकिन 2010 में वे फिर से कानपुर लौट आईं.

कॉलेज रिकॉर्ड के मुताबिक, 2013 में वह अचानक बिना सूचना दिए अनुपस्थित हो गईं. प्रशासन ने कई नोटिस भेजे और सहकर्मियों ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अंततः 2021 में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया.

सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन से संपर्क में रहने वाले डॉ. आरिफ मोहम्मद को एटीएस ने बुधवार रात को हिरासत में लिया है. डॉ. आरिफ कार्डियोलॉजी में एमडी की पढ़ाई कर रहा था. जानकारी के मुताबिक, उसने नीट 2024 के माध्यम से दाखिला लिया था. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ लगातार डॉ. शाहीन से संपर्क में था और उनसे एसएमएस के ज़रिए बातचीत करता था.

डॉ. आरिफ मूल रूप से कश्मीर का निवासी है और कानपुर में एक कमरा किराए पर लेकर रह रहा था. जानकारी के अनुसार, कुल सात छात्र ऐसे हैं जो कश्मीर से हैं और कार्डियोलॉजी विभाग में पढ़ाई कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ ने बुधवार को भी आपातकालीन (इमरजेंसी) ड्यूटी की थी.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एटीएस ने डॉ. आरिफ को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि डॉ. आरिफ मात्र तीन महीने पहले ही विभाग में शामिल हुआ था और वह कार्डिएक मेडिसिन विभाग में पढ़ाई कर रहा था. उन्होंने एटीएस द्वारा डॉ. आरिफ को ले जाने की पुष्टि की है.

राजद का बयान उसकी मानसिकता को उजागर करने वाला : ऋतुराज सिन्हा


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने राजद के विधान परिषद सदस्य माननीय श्री सुनील सिंह द्वारा दिए गए इस बयान — अगर चुनाव परिणाम उनके पक्ष में नहीं आया तो बिहार में नेपाल जैसी स्थिति बन जाएगी— पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बयान राजद और महागठबंधन की असली मानसिकता और चरित्र को उजागर करता है। ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि जब तक चुनाव परिणाम इनके पक्ष में आता है, तब तक चुनाव आयोग अच्छा लगता है, ईवीएम सही रहता है और लोकतंत्र मजबूत दिखता है। लेकिन जैसे ही हार दिखाई देने लगती है, अचानक ईवीएम खराब, चुनाव आयोग पक्षपाती और लोकतंत्र खतरे में नज़र आने लगता है। यही दोहरे मापदंड राजद और उसके सहयोगियों की राजनीतिक सोच को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है। यहाँ हिंसा, अराजकता या धमकियों की कोई जगह नहीं है। बिहार और बिहारवासी अपने लोकतंत्र की रक्षा करना अच्छे से जानते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करने या जनता के निर्णय को चुनौती देने वाले बयानों को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऋतुराज सिन्हा ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे भड़काऊ बयान देने वालों पर तुरंत और कठोर कार्रवाई की जाए। अंत में उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र, संविधान और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के प्रति पूरी तरह समर्पित है। बिहार में अराजकता की भाषा बोलने वालों को जनता चुनाव परिणामों के माध्यम से एक बार फिर जवाब देने को तैयार है। [13/11, 7:25 pm] SB Verr Sir: *एग्जिट पोल के रुझान बता रहे हैं जनता का भरोसा विकास पर, अफवाहों की राजनीति को नकारा : नितिन नवीन* बांकीपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी माननीय श्री नितिन नवीन जी ने कहा कि एग्जिट पोल के रुझान इस बात के संकेत हैं कि बिहार की जनता ने एक बार फिर एनडीए के विकास मॉडल पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की पार्टियों ने चुनाव के दौरान केवल अफवाह फैलाने और भ्रम की राजनीति करने का प्रयास किया, लेकिन जनता ने अपने मत के ज़रिए इस नकारात्मक राजनीति को स्पष्ट संदेश दिया है। नितिन नवीन जी ने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार राज्य और देश के विकास को ध्यान में रखकर मतदान किया है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग उन नेताओं को मौका देने के मूड में हैं जो बिहार और देश के हित में सोचते हैं, न कि उन लोगों को जो पहले अपने और अपने परिवार के हित को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार आज प्रगति के रास्ते पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। बिहार का हर नागरिक चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से जुड़ा क्यों न हो विकास और स्थिरता के लिए एनडीए के पक्ष में खड़ा दिखाई दे रहा है। नितिन नवीन जी ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में बिहार सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनने की दिशा में और तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
झारखंड का स्थापना दिवस: 25 वर्षों की गौरवशाली यात्रा

इस वर्ष 15 नवम्बर को राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है। ऐतिहासिक अवसर पर राज्य सरकार द्वारा 'रजत जयंती' वर्ष को भव्य और यादगार बनाने का निर्णय लिया है। इस के मध्य नजर आज सूचना भवन सभागार में एग्जीबिशन और इमर्सिव ज़ोन के नोडल पदाधिकारी सह कल्याण आयुक्त श्री कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता में आज एक विशेष समन्वय बैठक आयोजित की गई।

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इस बैठक में विभिन्न विभागों के नोडल पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय महोत्सव के सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

राज्य स्थापना दिवस 2025: दो दिवसीय महोत्सव

राज्य स्थापना दिवस 2025 के अवसर पर राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में 15 और 16 नवम्बर को दो दिवसीय विशेष महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में झारखंड के सभी विभागों के स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां आगंतुकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी।

महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन जी कि जीवनी पर आधारित विशेष प्रदर्शनी होगी, जो झारखंड के इतिहास और संघर्ष को जीवंत करेगी। इसके साथ ही, एक इमर्सिव ज़ोन भी बनाया जाएगा, जहां विभिन्न विषयों पर फिल्में और जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।

इसके साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी आम जनों के लिए रखी गई है जिसका लाभ महोत्सव परिसर में घूमते हुए लिया जा सकेंगे। यह महोत्सव आम जनों को झारखंड के अतीत का दर्शन कराएगा और साथ ही भविष्य की आशाओं और कल्पनाओं से जोड़ेगा।

बैठक में उपस्थित रहे पर्यटन विभाग के उपनिदेशक श्री राजीव कुमार, सहायक निदेशक ईशा खंडेलवाल , डॉ.असीम कुमार और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

राज्य स्तरीय पुरुष नसबंदी अभियान का शुभारंभ सह सम्मान समारोह

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रांची:नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में राज्य स्तरीय पुरुष नसबंदी अभियान सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का नहीं, बल्कि स्वस्थ परिवार और सुरक्षित मातृत्व की दिशा में एक बड़ा कदम है।

उन्होंने कहा कि पुरुषों की समान भागीदारी से ही यह प्रयास सफल होगा। डॉ. अंसारी ने सभी से इस अभियान को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह अभियान राज्य के परिवार कल्याण कार्यक्रम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का विषय नहीं है बल्कि यह स्वस्थ परिवार, सुरक्षित मातृत्व और खुशहाल समाज की दिशा में उठाया गया एक सशक्त कदम है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा योजना और तैयारी के साथ इस दुनिया में आए, और हर मां को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार मिले।

उन्होंने कहा कि हम यह भी जानते हैं कि परिवार नियोजन की जिम्मेदारी अक्सर महिलाओं तक सीमित रह जाती है, लेकिन अब समय आ गया है कि पुरुष भी समान रूप से इस जिम्मेदारी को साझा करें। नसबंदी एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी उपाय है और इसके प्रति समाज में जो गलत फहमियाँ हैं, उन्हें दूर करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

डॉक्टर इरफान अंसारी ने कहा कि इस समारोह में जिन जिलों और स्वास्थ्य संस्थानों को सम्मानित किया जा रहा है. उन्होंने अपने समर्पण, नवाचार और मेहनत से परिवार नियोजन कार्यक्रम को एक नई दिशा दी है। सभी विजेता प्रतिभागियों को उन्होंने बधाई दी और कहा कि आपकी यह उपलब्धि न केवल आपके जिले के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। इस अभियान की उपलब्धि को हासिल करने में जो संस्थान, चिकित्सक या कमी पीछे रह गए हैं, उन्हें प्रोत्साहित करते हुए मैं चाहता हूं कि आप सब अपना पूरा योगदान देकर इस अभियान को सफल बनाने में अपनी भूमिका अदा करें।

डॉक्टर अंसारी ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए 8500 हेल्थ टेक्निकल और नॉन टेक्निकल स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली की जाएगी।

माननीय मंत्री द्वारा राज्य का पहला राँची सदर अस्पताल जिसको एनएबीएल सर्टिफिकेट से नवाजा गया है। यह सर्टिफिकेट राज्य के नोडल पदाधिकारी पदाधिकारी, राज्य परामर्शी PHQA एवं राँची सिविल सर्जन, रांची सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं सभी कर्मियों के प्रयासों से मिला है ।

डाक विभाग के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

इस अवसर पर भारतीय डाक विभाग, झारखंड परिमंडल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), झारखंड सरकार के बीच परिवार नियोजन सामग्रियों के परिवहन एवं वितरण हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इसके तहत डाक विभाग अपने इंडिया पोस्ट पार्सल नेटवर्क के माध्यम से सामग्रियों की समयबद्ध आपूर्ति राज्यभर के स्वास्थ्य केंद्रों तक सुनिश्चित करेगा।

यह पहल “स्वस्थ झारखंड, सुखी झारखंड” के लक्ष्य को सशक्त बनाएगी।

परिवार नियोजन सेवाओं को और सशक्त बनाएगी सरकार – अजय कुमार सिंह

अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन केवल स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति का आधार है। उन्होंने सर्जन, एएनएम, जीएनएम और सीएचओ की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से झारखंड पुरुष सहभागिता आधारित परिवार नियोजन में आदर्श राज्य बनेगा।

सुरक्षित और प्रभावी उपाय है पुरुष नसबंदी – शशि प्रकाश झा

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक श्री शशि प्रकाश झा ने बताया कि राज्य की कुल प्रजनन दर (TFR) 3.5 से घटकर 2.3 और गर्भनिरोधक प्रचलन दर (CPR) 35.7% से बढ़कर 61.7% हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अब पुरुषों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है, क्योंकि पुरुष नसबंदी एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी उपाय है।

राज्य में परिवार नियोजन संकेतकों में सुधार – डॉ. पुष्पा

राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ. पुष्पा ने कहा कि झारखंड में परिवार नियोजन के संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। Unmet Need घटकर 10% रह गई है और अस्थायी विधियों के उपयोग में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह केवल स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि समानता और जिम्मेदारी का अभियान है।

नई विधियों का शुभारंभ और सम्मान समारोह

कार्यक्रम के दौरान गर्भनिरोधक की नई विधियों (MPA-SC एवं इम्प्लांट) का शुभारंभ किया गया तथा सहिया के लिए तैयार वीडियो फिल्म का विमोचन हुआ।

राज्यभर के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों एवं संस्थानों को सम्मानित किया गया, जिनमें —

37 स्वास्थ्य संस्थान, 19 मास्टर ट्रेनर, 9 स्टोरकीपर, 16 बीटीटी, 10 सहिया, 10 सर्जन, 8 एएनएम/जीएनएम और 11 काउंसलर शामिल हैं।

मुख्य उपलब्धियाँ

कुल प्रजनन दर (TFR) 3.5 (AHS-2011) से घटकर 2.3 (NFHS-5, 2019-21)

गर्भनिरोधक प्रचलन दर 35.7% (NFHS-3, 2005-06) से बढ़कर 61.7%

परिवार नियोजन की अपूर्ण आवश्यकता 22.6% से घटकर 11.5%

PPIUCD Insertion का प्रतिशत 36%

चार नई विधियाँ जोड़ी गईं – अंतरा IM, छाया, अंतरा SC, इम्प्लांट

Self Care Kits एवं कंडोम बॉक्स के माध्यम से अस्थायी विधियों की निःशुल्क उपलब्धता

2019 से अब तक 1.30 लाख से अधिक सास-बहू-पति सम्मेलन, 6.98 लाख नई पहल किट वितरण एवं 76 हजार से अधिक परिवार कल्याण दिवस का आयोजन

कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद श्री प्रदीप बलमुचू, निदेशक डाक सेवा श्री बी.आर. चौधरी, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ श्री सिद्धार्थ सान्याल, सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।

जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने दिए सख्त निर्देश, देर शाम हुआ अस्थायी गौशालाओं का औचक निरीक्षण

गोण्डा। 13 नवम्बर,2025

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन एवं मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन के निर्देश के क्रम में, उन्होंने देर शाम जनपद के समस्त विकासखण्डों में अस्थायी गौशालाओं का औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण में सभी खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) एवं सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण शामिल रहे।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों द्वारा गौशालाओं में गोवंशों के रखरखाव, भोजन-पानी की व्यवस्था, आश्रय स्थलों की स्वच्छता, चिकित्सीय सुविधा तथा सुरक्षा व्यवस्था, ठंड से बचाव आदि का गहन परीक्षण किया गया। इस पर संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से आवश्यक सुधार करने एवं व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए।

मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंशों के रखरखाव, आहार, चिकित्सा एवं सुरक्षा व्यवस्था, ठंड से बचाव आदि पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी गौशालाओं में पशुओं के लिए पर्याप्त चारा, स्वच्छ जल एवं शेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने यह भी कहा कि गौशालाओं की व्यवस्थाएं प्रशासन की प्राथमिकता में हैं और इनकी नियमित निगरानी की जाएगी।

जनपद प्रशासन द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि निराश्रित गोवंशों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु सभी विकासखण्डों में प्रभावी कदम निरंतर उठाए जाएँ। प्रशासन का यह प्रयास है कि सभी गौशालाएं आदर्श स्वरूप में संचालित हों और गोवंशों को सुरक्षित, स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण प्राप्त हो सके।

*साहित्यिक अनुसंधान का काम केवल समीक्षा करना नहीं-प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार,राणा प्रताप पीजी कालेज में संगोष्ठी*
सुलतानपुर,साहित्यिक अनुसंधान का कार्य केवल मौजूदा ग्रंथों की समीक्षा करना नहीं है। बल्कि उसमें नवीन दृष्टिकोण एवं मौलिक संदर्भों को उजागर कर साहित्य को एक व्यापक सामाजिक परिप्रेक्ष्य में देखने की क्षमता विकसित करना भी है। यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर इन्द्रमणि कुमार ने कहीं। वह शोध व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए आयोजित अनुसंधान प्रक्रिया और प्रविधि विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर रंजना पटेल ने कहा कि अनुसंधान में प्रयुक्त होने वाली रणनीति प्रकिया और तकनीक पहले से स्पष्ट होनी चाहिए।विश्लेषण के लिए साक्ष्य एकत्र करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि, स्वागत डॉ विभा सिंह व आभार ज्ञापन डॉ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर शोध व एम ए हिंदी के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।
दिल्ली ब्लास्टः अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर बड़ा एक्शन, विश्वविद्यालय की वेबसाइट भी बंद, NAAC ने भेजा नोटिस

#redfortblastalfalahuniversitygetsshowcausefromnaac

दिल्ली ब्लास्ट के बाद जांच के घेरे में आई फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया गया है। ये नोटिस यूनिवर्सटी को नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने थमाया है। यूनिवर्सिटी पर गलत जानकारी देने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।

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फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय दिल्ली विस्फोट जांच के सिलसिले में जांच के घेरे में है। दरअसल, दिल्ली ब्लास्ट के बीच फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में गिरफ्तार डॉक्टरों का लिंक अल फलाह यूनिवर्सिटी के साथ जोड़ा गया था। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को भी बंद कर दिया गया है। एक दिन पहले ही फरीदाबाद की इस यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक हो गई थी। जिसके बाद NAAC ने यूनिवर्सिटी को एक शो-कॉज नोटिस भेजा है, जिसमें उस पर गलत जानकारी देने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।

इन कॉलेजों पर गलत मान्यता दिखाने का आरोप

NAAC ने अल-फलाह विश्वविद्यालय को नोटिस जारी करते हुए कहा कि उसने पाया है कि विश्वविद्यालय न तो NAAC से मान्यता प्राप्त है और न ही मान्यता के लिए आवेदन किया है, फिर भी उसने अपनी वेबसाइट पर यह दर्शाया है कि वह तीन कॉलेज चला रहा है। इसमें अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (1997 से, NAAC ग्रेड ए), ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (2008 से), और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (2006 से, NAAC ग्रेड ए)। जो पूरी तरह से गलत है और जनता को गुमराह कर रहा है।

यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों की भूमिका संदिग्ध

बता दें कि दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को जोरदार धमाका हुआ था। जांच एजेंसियों ने इस मामले में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों की भूमिका संदिग्ध मिली। इनमें से उमर उन नबी (33) ब्लास्ट के दिन कार चला रहा था। उमर के साथ यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसर डॉ. शाहीन शाहिद (46) और डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (35) भी इस आतंकी मॉड्यूल से जुड़े पाए गए। उमर यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था।

हरहटा ग्राम सभा में फर्जी हस्ताक्षर और दबंगई का मामला — प्रशासनिक जांच की मांग तेज़

बलरामपुर 13 नवंबर तहसील तुलसीपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा हरहटा में ग्राम प्रधान पद से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

ग्राम प्रधान अल्लाउद्दीन शाह पुत्र जब्बर शाह, जो पहले से ही अपने दबंग रवैये और ग्राम सभा की जमीनों पर कब्जे के आरोपों के कारण चर्चाओं में रहे हैं, अब एक नए विवाद में फँस गए हैं।

जानकारी के अनुसार, अल्लाउद्दीन शाह को पूर्व में ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा और शासन के निर्देशों की अवहेलना के चलते जिलाधिकारी द्वारा प्रधान पद से हटा दिया गया था। इसके बाद उदय लाल यादव पुत्र अयोध्या प्रसाद को कार्यवाहक प्रधान के रूप में नियुक्त किया गया था।

ग्रामीणों का आरोप है कि अल्लाउद्दीन शाह, जो उस समय मुंबई में रह रहे थे, ने फर्जी हस्ताक्षर (Fake Signature) कर कई सरकारी पत्रों और आवेदन पत्रों को प्राप्त किया। कहा जा रहा है कि प्रधान पद से हटाए जाने के बावजूद उन्होंने पंचायत से संबंधित कई फाइलों और पत्रों पर फर्जी तरीके से साइन कर Letters Received Register में प्रविष्टियाँ करवाईं।

ग्रामीणों ने बताया कि अब वही व्यक्ति सोशल मीडिया पर हथियारबंद तस्वीरें और वीडियो डालकर दबंगई का प्रदर्शन कर रहा है। इससे ग्रामवासियों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है।

ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी बलरामपुर एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

इस संबंध में ग्रामीणों ने कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।

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भारत खुद सक्षम...दिल्ली ब्लास्ट की जांच में मदद के ऑफर पर अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो का बड़ा बयान

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अमेरिका ने दिल्ली में हुए धमाके को आतंकी हमला करार दिया। साथ ही दिल्ली विस्फोट की जांच को लेकर भारत की एजेंसियों की तारीफ की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है। लेकिन यह भी कहा कि भारतीय अधिकारी असाधारण पेशेवर तरीके से जांच का प्रबंधन कर रहे हैं। रुबियो ने यह टिप्पणी भारत द्वारा दिल्ली में हुए विस्फोट को "आतंकवादी घटना" घोषित करने पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए की।

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भारतीय एजेंसियों की सराहना

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, भारतीयों की सराहना की जानी चाहिए। वे बहुत ही नपे-तुले, सतर्क और बहुत ही पेशेवर तरीके से इस जांच को अंजाम दे रहे हैं। यह जांच जारी है। यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था। यह अत्यधिक विस्फोटक सामग्री से लदी एक कार थी जिसमें विस्फोट हुआ और कई लोग मारे गए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वे जांच करने का बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और मुझे लगता है कि जब उनके पास तथ्य (फैक्ट) होंगे, तो वे उन तथ्यों को जारी करेंगे।

अमेरिका ने मदद की पेशकश

अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने विस्फोट के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। रुबियो ने कहा कि अमेरिका ने मदद की पेशकश की है, लेकिन भारत जांच को संभालने में "बहुत सक्षम" है और उसे मदद की जरूरत नहीं है।

सहारनपुर में फेन्सेडिल तस्करी का बड़ा खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने  फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त अन्य दवाओं के अवैध भंडारण और नशे के उद्देश्य से बिक्री करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। यह कार्रवाई सहारनपुर में की गई और गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से भारी मात्रा में अवैध सामग्री और दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम व बरामद सामान

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम विभोर राणा, पुत्र गण गजराज सिंह, निवासी 2सी-3926ए, नियर गन्ना भवन, शास्त्री नगर, थाना सदर बाजार, सहारनपुर, विशाल सिंह, पुत्र गण गजराज सिंह, निवासी 2सी-3926ए, नियर गन्ना भवन, शास्त्री नगर, थाना सदर बाजार, सहारनपुर, बिट्टू कुमार, पुत्र स्व. हरदेवा, निवासी 49 अनमोल विहार कॉलोनी, शिव मंदिर के पास, थाना सदर बाजार, सहारनपुर; स्थाई पता: ग्राम अब्दुल्ला नगर, पो० बनहेड़ा, थाना देवबंद, सचिन कुमार, पुत्र स्व. हरदेवा, निवासी 49 अनमोल विहार कॉलोनी, शिव मंदिर के पास, थाना सदर बाजार, सहारनपुर; स्थाई पता: ग्राम अब्दुल्ला नगर, पो० बनहेड़ा, थाना देवबंद, गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्तों के पास दो पिस्टल, दस कारतूस, चार मोबाइल फोन और भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक व भौतिक दस्तावेज बरामद किए गए।

कफ सिरप के लंबे समय से भंडारण की मिल रही थी सूचना

एसटीएफ को लंबे समय से जानकारी मिल रही थी कि फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त दवाओं का अवैध भंडारण और व्यापार किया जा रहा है। यह दवाएं नशे के रूप में इस्तेमाल के लिए भेजी जा रही थीं और इनके खरीदार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक फैले हुए थे।उत्तर प्रदेश शासन के पत्र के अनुसार एसटीएफ और खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग की संयुक्त जांच समिति बनाई गई थी। जांच के दौरान लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में भारी मात्रा में अवैध फेन्सेडिल बरामद की गई थी और मुकदमा पंजीकृत किया गया।

बांग्लादेश में नशे के रूप में इस दवा का खूब होता है इस्तेमाल

एसटीएफ ने गिरफ्तार अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ की। पूछताछ के दौरान विभोर राणा और विशाल सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में उन्होंने जी.आर. ट्रेडिंग, सहारनपुर नामक फर्म बनाई और एबॉट कंपनी से फेन्सेडिल कफ सिरप की सुपर डिस्ट्रीब्यूशनशिप ली। उनका दावा था कि यह दवा बांग्लादेश में नशे के रूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होती है।अभियुक्तों ने कहा कि अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उन्होंने परिचितों के नाम पर ड्रग लाइसेंस बनवाए और फर्जी फर्मों के जरिए खरीद-फरोख्त को केवल कागजों में दिखाया। वास्तविक दवा को नशे के लिए इस्तेमाल करने वाले तस्करों को बेचा जाता था।

सचिन कुमार को हरिद्वार, उत्तराखंड में सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बनाया

उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2021 में जौनपुर, बनारस और मालदा में कई जगह एसटीएफ और एनसीबी ने माल पकड़ा, जिसके बाद उनकी फर्म और फर्जी फर्म सचिन मेडिकोस का नाम विभिन्न नोटिसों में आया। वर्ष 2022 में एनसीबी वेस्ट बंगाल द्वारा विभोर राणा को गिरफ्तार किया गया था।फिर उन्होंने फर्म मारुति मेडिकोज बनाई और सचिन कुमार को हरिद्वार, उत्तराखंड में सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बनाया। इसके माध्यम से फेन्सेडिल की तस्करी जारी रही। उनके अन्य सहयोगियों में अभिषेक शर्मा, शुभम शर्मा, संदीप शर्मा, दीपक राणा, संजय शर्मा और सी.ए. अरुण सिंघल शामिल थे।

जांच का दायरा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक बढ़ा

पूछताछ में यह भी सामने आया कि विभोर राणा और विशाल सिंह ने फेन्सेडिल तस्करी से लगभग 200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की। उनका यह कारोबार वर्षों तक चलता रहा और इसके लिए उन्होंने कई फर्जी फर्में बनाई।चारों गिरफ्तार आरोपियों को मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट, सहारनपुर के सामने पेश किया गया और ट्रांजिट डिमांड प्राप्त की गई। लखनऊ में उन्हें पहले से पंजीकृत मुकदमा  के तहत अग्रिम कार्रवाई के लिए लाया जाएगा।एसटीएफ की टीम, अपर पुलिस अधीक्षक  लाल प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में, अभियुक्तों से मिले दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बैंक लेन-देन की जांच कर रही है।

जांच का दायरा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक फैलाया

इसका उद्देश्य फेन्सेडिल के अवैध व्यापार का पूरा नेटवर्क उजागर करना और संबंधित सभी व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाना है। एसटीएफ और खाद्य एवं औषधि विभाग ने इस तस्करी को रोकने और दवाओं के अवैध वितरण को समाप्त करने के लिए सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच का दायरा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक फैलाया गया है और फेन्सेडिल तस्करी में शामिल सभी फर्मों और सहयोगियों की पहचान की जा रही है।
डॉ. शाहीन के संपर्क में था कश्मीरी डॉ. आरिफ, ATS ने उठाया… कानपुर में कार्डियोलॉजी में कर रहा था MD की पढ़ाई

दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में कानपुर का एक और कनेक्शन सामने आया है. डॉ. शाहीन से लगातार संपर्क में रहने वाले डॉ. आरिफ को एटीएस ने बुधवार देर रात पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ लगातार डॉ. शाहीन से बात कर रहा था. कानपुर मेडिकल कॉलेज के बाद अब कार्डियोलॉजी विभाग भी एटीएस के रडार पर है.

दिल्ली में हुए आतंकी हमले की साजिश से जुड़े मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को फरीदाबाद से एक महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद कोई साधारण चिकित्सक नहीं, बल्कि कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) की पूर्व प्रोफेसर और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिला विंग की कथित प्रमुख हैं. जांच में खुलासा हुआ कि वह भारत में महिला आतंक ब्रिगेड गठित करने की फिराक में थी.

सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन ने 2006 में जीएसवीएम के फार्माकोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाला था. यूपीपीएससी (UPPSC) से चयनित होने के बाद वह 2013 तक प्रोफेसर रहीं. 2009 में छह महीने के लिए उनका कन्नौज मेडिकल कॉलेज में तबादला हुआ, लेकिन 2010 में वे फिर से कानपुर लौट आईं.

कॉलेज रिकॉर्ड के मुताबिक, 2013 में वह अचानक बिना सूचना दिए अनुपस्थित हो गईं. प्रशासन ने कई नोटिस भेजे और सहकर्मियों ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अंततः 2021 में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया.

सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन से संपर्क में रहने वाले डॉ. आरिफ मोहम्मद को एटीएस ने बुधवार रात को हिरासत में लिया है. डॉ. आरिफ कार्डियोलॉजी में एमडी की पढ़ाई कर रहा था. जानकारी के मुताबिक, उसने नीट 2024 के माध्यम से दाखिला लिया था. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ लगातार डॉ. शाहीन से संपर्क में था और उनसे एसएमएस के ज़रिए बातचीत करता था.

डॉ. आरिफ मूल रूप से कश्मीर का निवासी है और कानपुर में एक कमरा किराए पर लेकर रह रहा था. जानकारी के अनुसार, कुल सात छात्र ऐसे हैं जो कश्मीर से हैं और कार्डियोलॉजी विभाग में पढ़ाई कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ ने बुधवार को भी आपातकालीन (इमरजेंसी) ड्यूटी की थी.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एटीएस ने डॉ. आरिफ को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि डॉ. आरिफ मात्र तीन महीने पहले ही विभाग में शामिल हुआ था और वह कार्डिएक मेडिसिन विभाग में पढ़ाई कर रहा था. उन्होंने एटीएस द्वारा डॉ. आरिफ को ले जाने की पुष्टि की है.