झारखंड के पूर्व CM चंपाई सोरेन ने असम सरकार की तारीफ़ की, CM हिमंत सरमा को दिया धन्यवाद

झारखंड/रांची।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने असम सरकार और वहाँ के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की जमकर सराहना की है। सोरेन ने असम विधानसभा द्वारा पारित किए गए एक संशोधन बिल की तारीफ की, जिसके तहत चाय बागान कर्मचारियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक (Ownership Rights) प्रदान किया जाएगा।

चाय बागान कर्मचारियों को मिलेगा मालिकाना हक

असम विधानसभा ने शुक्रवार को एक संशोधन बिल पारित किया है, जो असम सरकार को चाय बागानों की 'लेबर लाइन्स' में रहने वाले कर्मचारियों के बीच घर बनाने के लिए जमीन का वितरण करने और उन्हें उसका मालिकाना हक देने की अनुमति देगा।

ऐतिहासिक फैसले से लाखों आदिवासियों को फायदा

झारखंड के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक चंपाई सोरेन ने शनिवार को एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि असम सरकार के इस फैसले से लाखों आदिवासियों और अन्य कर्मचारियों को फायदा होगा, जो पिछले 200 सालों से असम में बसे हुए हैं।

सोरेन ने उस प्रस्ताव का भी स्वागत किया, जिसे असम कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव में चाय बागान के कर्मचारियों, जिनमें अधिकांश झारखंड की मिट्टी से जुड़े आदिवासी शामिल हैं, को अनुसूचित जनजाति (Schedule Tribe - ST) कैटेगरी में शामिल करने की बात कही गई है।

कांग्रेस पर अधिकारों को नकारने का आरोप

चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया कि असम में पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने इन कर्मचारियों के अधिकारों को हमेशा नकार दिया था, जो कई सदियों से पूर्वोत्तर राज्य में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन वहाँ की बीजेपी सरकार ने इन कर्मचारियों के दशकों पुराने संघर्ष का सम्मान करते हुए उनकी मांग पूरी करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है।"

सोरेन ने आदिवासी समाज की ओर से, इन "ऐतिहासिक फैसलों" के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को तहे दिल से धन्यवाद दिया।

हिमंत सरमा ने जताया आभार

चंपाई सोरेन के पोस्ट का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को उनकी प्रेरक बातों के लिए सराहना की। सरमा ने कहा कि चाय समुदाय और आदिवासी समाज के अधिकारों को मजबूत करना "हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्रतिबद्धता" है। उन्होंने आगे कहा, "आपकी शुभकामनाएं चाय बागान के सभी कर्मचारी परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें प्रेरित करती रहेंगी।"

क्या कांग्रेस से किनारा कर रहे हैं शशि थरूर? दूसरी बार पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक से रहे 'गायब'

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कांग्रेस के सांसद शशि थरूर इन दिनों कांग्रेस से दूरी बनाते दिख रहे हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और तिरुवनंतपुरम से पार्टी सांसद शशि थरूर रविवार को संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में स्ट्रेटेजिक ग्रुप की एक अहम मीटिंग में शामिल नहीं हुए। यह मीटिंग सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई। इससे पहले एसआईआर के मुद्दे पर बुलाई गई कांग्रेस की बैठक से भी वह नदारद थे। ऐसे में शशि थरूर को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

थरूर के बयानों से लग रहे कयास

कांग्रेस की जरूरी मीटिंग्स से शशि थरूर का लगातार गायब रहना पार्टी में चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा तब हो रहा है, जब पिछले कुछ महीनों में शशि थरूर कभी अपने पार्टी की ही बुराई करते दिख रहे हैं, तो कभी पीएम मोदी की तारीफ। उनके इन्हीं बदले तेवर की वजह से राजनीतिक गलियारों में उनकी कांग्रेस से दूरी के कयास लगाए जाने लगे हैं।

एसआईआर के मुद्दे पर हुई बैठक में रहे नदारद

हाल ही में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर बुलाई कांग्रेस की बैठक से भी थरूर नदारद रहे थे, जिसके लिए उनकी तरफ से खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। लेकिन उस वक्त वह सवालों के घेरे में आ गए थे क्योंकि एक दिन पहले ही वह पीएम मोदी के कार्यक्रम में वह शामिल हुए थे।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के व्याख्यान की तारीफ

पीएम की तारीफ करते ‘एक्स’ पर उनके कई पोस्ट भी आए थे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बीते 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। थरूर ने एक्स पोस्ट में लिखा था, “प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता’ की बात की और एक औपनिवेशिक काल के बाद की मानसिकता से मुक्ति पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब सिर्फ ‘उभरता हुआ बाजार’ नहीं, बल्कि दुनिया के लिए ‘उभरता हुआ मॉडल’ है। उन्होंने देश की आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान दिलाया। पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हमेशा ‘चुनाव मोड’ में रहने का आरोप लगता है, लेकिन असल में वह लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए ‘भावनात्मक मोड’ में रहते हैं।

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उठाए थे सवाल

पीएम मोदी के बारे में उनके कमेंट्स के बाद, पार्टी के दूसरे नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि शशि थरूर की प्रॉब्लम यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में अधिक पता है... अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए... आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ़ इसलिए कि आप एमपी हैं?

जहानाबाद संवैधानिक कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव: डॉ. एस. के. सुनील

जहानाबाद संस्कार भारती जिला शाखा, जहानाबाद द्वारा 76वें संविधान दिवस के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों, अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के जिला अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. एस. के. सुनील ने की। कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक सभागार में किया गया, जिसमें बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों तथा युवाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. सुनील ने कहा कि “संवैधानिक कर्तव्य ही मजबूत लोकतंत्र की असली नींव हैं। जब तक नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं होते, तब तक अधिकारों का सही अर्थ स्थापित नहीं होता। संविधान हमारा स्वाभिमान है और इसकी रक्षा करना हम सभी भारतवासियों का परम दायित्व है।” उन्होंने युवाओं से संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।

इस अवसर पर संविधान निर्माताओं — बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया गया। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों सरदार वल्लभभाई पटेल, बिरसा मुंडा एवं महात्मा गांधी के संघर्ष और त्याग पर भी प्रकाश डाला गया।

मुख्य वक्ता डॉ. मानसी सिंह ने कहा कि “हमारे संविधान ने हमें समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति का अधिकार दिया है। संविधान निर्माताओं द्वारा देखे गए भारत के सपने को साकार करना आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमें कृतज्ञता की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”

कार्यक्रम का संचालन जिले के वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव ने कुशलतापूर्वक किया। संगोष्ठी की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से हुई, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को दोहराया गया। इससे उपस्थित लोगों में एक नई चेतना का संचार हुआ।

इस अवसर पर संस्कार भारती के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सक्रिय भूमिका रही। इनमें प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष अमित कुणाल, मंत्री बीरेंद्र सिंह राणा, प्रचार विभाग संयोजक बरुण कुमार, लोक कला संयोजक सावित्री सुमन, कला विभाग संयोजक अमित कुमार, गौतम परासर, निशांत कुमार के साथ-साथ रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव राज किशोर शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार सत्येंद्र कुमार पाठक तथा रक्त वीरांगना ममता प्रिया शामिल रहीं। इसके अलावा शहर के अनेक साहित्य प्रेमी, समाजसेवी एवं पत्रकार भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संविधान और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने का सामूहिक संकल्प लिया। कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, एसआईआर पर हंगामे के आसार, 13 अहम विधेयक पेश करने की तैयारी में सरकार

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संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो जाएगा। आज एक दिसंबर को शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी।सरकार ने 19 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में असैन्य परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने समेत 13 विधेयकों के जरिये अपने सुधार के एजेंडे पर आगे बढ़ाने की तैयारी की हुई है। हालांकि विपक्ष ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। कांग्रेस समेत विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। विपक्षी दलों ने एक सुर में यह मांग उठाई कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा कराई जानी चाहिए।

सत्र से पहले पीएम मोदी का मीडिया को संबोधन

इस सत्र के लिए कुल 15 बैठकें प्रस्तावित हैं। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने के लिए कुल 13 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है जिनमें निजी कंपनियों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र को खोलने के प्रावधान वाला एक विधेयक भी शामिल है। परमाणु ऊर्जा विधेयक- 2025 भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और विनियमन को नियंत्रित करने के उद्देश्य लाया जा रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह करीब 10 मीडिया को संबोधित करेंगे। वह सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताएंगे और सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही में सहयोग करने की अपील करेंगे।

ये महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश

• जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल 

• इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल 

• मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल

• रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल 

• एस. नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल 

• एटॉमिक एनर्जी बिल 

• कॉर्पोरेट लॉज (संशोधन) बिल 

• सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 

• इंश्योरेंस लॉज (संशोधन) बिल 

• आर्बिट्रेशन एंड कंसीलिएशन (संशोधन) बिल 

• हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 

• सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 

• हेल्थ सिक्योरिटी और नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल

एसआईआर को लेकर हंगामेदार हो सकता है सदन

इधर, विपक्ष ने अपने इरादे जता दिए हैं। विपक्ष की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया कि यदि सरकार एसआईआर पर चर्चा नहीं करवाती तो गतिरोध की स्थिति बनेगी। इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और इसमें सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि बैठक में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा है कि एसआईआर पर भी चर्चा होनी चाहिए और कई मुद्दे हैं। किसी नेता ने यह नहीं कहा कि सदन चलने नहीं देंगे। लेकिन कुछ नेताओं ने ये कहा है कि एसआईआर को लेकर सदन में हंगामा कर सकते हैं।

निकलने ही वाली थी बारात, दूल्हे ने कर लिया सुसाइड… फंदे से लटका मिला शव, ये थी वजह

झारखंड की राजधानी रांची के एक इलाके में उस समय सन्नाटा पसर गया, जब बारात निकलने से कुछ ही घंटों पहले दूल्हे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. देखते ही देखते ही कुछ ही मिनटों पर खुशियां मातम और चीख-पुकार में तब्दील हो गई. पीड़ित पिता ने बेटे की पूर्व प्रेमिका और कुछ अन्य लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, यह पूरा मामला रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के तहत आने वाले न्यू मधुकम इलाके का है. यहां रहने वाले उदित पांडेय के बेटे नीतेश पांडेय की शादी लातेहार जिले में तय हुई थी. नीतेश भारतीय रेलवे में ट्रेन मैनेजर के पद पर तैनात थे. शनिवार को उनकी बारात निकलनी थी, लेकिन इससे एक घंटे पहले ही उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फंदे पर झूलते बेटे को देखते ही परिवार की चीख-पुकार निकल गई. घर में चारों तरफ छाई खुशियां अचानक मातम में बदल गईं.

टीचर संग प्रेम संबंध में था नीतेश

जानकारी के अनुसार, साल 2017 में नीतेश बिहार में टीचर के पद पर तैनात एक युवती के साथ प्रेम संबंध में था. दोनों के बीच धीरे-धीरे प्यार बढ़ता चला गया. इस दौरान उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने. दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का वादा भी किया. हालांकि, इस बीच नितेश अपने वादे से मुकर गया और परिवार की मर्जी से शादी करने के लिए तैयार हो गया. इस बात की जानकारी होते ही प्रेमिका का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

तिलक कार्यक्रम में युवक को उठा ले गई थी पुलिस

प्रेमिका ने सुखदेवनगर थाने में प्रेमी नितेश पांडे के खिलाफ यौन शोषण सहित कई गंभीर धाराओं में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच में जुट गई. 25 नवंबर को नितेश का तिलक कार्यक्रम चल रहा था, तभी पुलिस मौके पर पहुंच गई. वह उसे लेकर थाने ले आई. परिजनों का आरोप है कि इस दौरान पैसे लेकर पुलिस ने नितेश को छोड़ दिया था. इसके बाद शादी के अन्य मांगलिक कार्यक्रम जारी रहे.

शनिवार को नितेश की बारात निकलनी थी कि इससे पहले ही उनसे सुसाइड कर लिया. घटना के बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस और पूर्व प्रेमिका के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है.

डॉ.नाजफात्मा ने अपने जन्मदिन पर किया ऐलान दस कन्याओ का कराएंगे विवाह

क्षेत्रीय लोगो ने नाजफात्मा को शुभकामनाएं एवं बधाई दी

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।फात्मा वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष व प्रख्यात गाई नोलाजिस्ट डॉ नाज़ फात्मा ने अपने जन्मदिन पर जहां केक काट कर जश्न मनाया वहीं ग़रीब बेसहारा और झोपड़पट्टी में रह रहे लोगो को भोजन के पैकेट कम्बल व गर्म वस्त्र आदि का वितरण भी किया।बच्चो को जीन्स शर्ट तो बच्चीयो को फ्राक और चॉकलेट भी दिए।करैली के पहलवान जूस चौराहा करैली साठ फिट रोड सिविल लाइन्स के गिरजाघर आदि क्षेत्रो में घूम घूम कर ज़रुरतमन्दो को ढ़ूड ढ़ूड कर सभी चीज़े दी गई।

 पत्रकार बन्धुओ के सवाल पर उन्होंने पांच से छै गरीब कन्याओ की शादी कराने का भी ऐलान किया।कहा नाज़ हास्पिटल के स्थापना दिवस पर पांच से छै कन्याओ का धूम धाम से गेस्ट हाउस में विवाह सम्पन्न कराया जाएगा।उन्होने यह भी बताया की किसी भी धर्म वर्ग का जो ज़रुरतमन्द होगा वह रिश्ता तय करने के उपरान्त आकर सभी बाते बता दे।सभी औप चारिकताएं पूर्ण करने के बाद ही विवाह कराया जायेगा।उन्होने यह भी कहा की वैसे दहेज एक कू रीति है लेकिन फात्मा वेलफेयर सोसायटी ग़रीब परिवार की बेटी को ऐसे विदा करेगी की जैसे बड़े बड़े पैसे वाले करते है।

 बधाई देने वालो में डॉ सैय्यद नाज़िम डायरेक्टर अमित यादव डॉ जमशेद अली डॉ नावेद शेख डॉ तारिक़ आलम मोहम्मद परवेज़ डॉ सारा सैय्यद मोहम्मद अस्करी शिवम् यादव समेत बड़ी संख्या में शुभ चिन्तक उपस्थित रहे।इस कार्य को लेकर लोगो ने नाजफात्मा की सराहना किया।

मेंहदी का रंग सूखने से पहले उजड़ गया सुहाग: सड़क हादसे में नवविवाहित की दर्दनाक मौत, गांव में पसरा मातम

औरंगाबाद। खुशियों से भरे घर में अभी तक शादी की रस्मों की महक बसी ही थी कि किस्मत ने ऐसा क्रूर खेल खेला कि पूरा परिवार मातम में डूब गया। मदनपुर थाना क्षेत्र के झीकटिया मोड़ पर शनिवार देर रात हुए सड़क हादसे में नवविवाहित युवक प्रमोद रिकियासन की मौत से इलाके में शोक छा गया है। कुछ महीनों पहले ही सात फेरे लेने वाले इस दंपति की जिंदगी में खुशी का रंग अभी गहरा भी नहीं पड़ा था कि मौत ने दरवाज़ा खटखटा दिया।

जानकारी के अनुसार, चांदपुर निवासी बिगन भुइयां का 26 वर्षीय पुत्र प्रमोद शनिवार की रात अपना निजी काम निपटाकर मदनपुर बाज़ार से घर लौट रहा था। झीकटिया मोड़ के पास सामने से आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉली से उसकी बाइक की जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि प्रमोद सड़क पर गिरते ही गंभीर रूप से घायल हो गया। राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मदनपुर थाना के एसआई सुरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। घायल अवस्था में उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

हादसे की जानकारी मिलते ही प्रमोद के घर में कोहराम मच गया। वृद्ध पिता बिगन भुइयां का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार बस यही कह रहे थे कि “बाबू अभी शादी के कुछ महीने ही तो हुए थे… घर की दीवारों पर अभी भी रस्मों की खुशबू बाकी है।” बुज़ुर्ग पिता की यह बात सुनते ही मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं। नवविवाहिता पत्नी पर तो मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मेंहदी का रंग गहराने से पहले ही उसका सुहाग छिन गया। रिश्तेदारों और गांववालों की सिसकियों के बीच घर का हर कोना मातम में डूबा है।

थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया है और चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की उम्मीद है।

चांदपुर गांव में इस हादसे के बाद शोक की लहर दौड़ गई है। गांववालों का कहना है कि तेज़ रफ्तार और लापरवाही ने एक नहीं, कई सपनों को उजाड़ दिया। सड़क पर बिखरे मलबे ने मानो एक परिवार की टूट चुकी उम्मीदों की गवाही दी।

नवविवाहिता की हथेलियों की मेंहदी का रंग अभी पूरी तरह सूखा भी नहीं था, लेकिन किस्मत ने उसके जीवन से सुहाग का चिराग बुझा दिया। यह हादसा न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि क्षेत्र में सड़क सुरक्षा पर बड़े सवाल भी खड़े करता है।

औरंगाबाद में मासूम की दर्दनाक मौत: पानी भरे गड्ढे में डूबकर चार साल की बच्ची ने गंवाई जान, निर्माण एजेंसी पर लापरवाही के आरोप

 ,औरंगाबाद जिले के अंबा थाना क्षेत्र के भलुआड़ी बरवाडीह गांव में शनिवार की शाम एक हृदयविदारक हादसा सामने आया, जिसमें चार साल की मासूम बच्ची राधा प्रिया की मौत हो गई। पानी से भरे गड्ढे में गिरकर डूबने के कारण उसकी जान चली गई। गांव में पसरा मातम और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल इस हादसे की गंभीरता को बयां करता है। बताया जाता है कि गांव के पास सड़क निर्माण कार्य के दौरान संबंधित एजेंसी ने जेसीबी से मिट्टी काटकर एक गहरा गड्ढा बनाया था। गड्ढे में बारिश और नाली का पानी भर गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, ग्रामीणों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था किए बिना इसे खुला छोड़ दिया गया था। इसी बीच, शनिवार शाम राधा अन्य बच्चों की तरह घर के पास खेल रही थी। खेल-खेल में वह पानी से भरे उसी गड्ढे की ओर चली गई और अनजाने में उसमें गिर पड़ी। काफी देर तक घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। खोज के दौरान जब बच्ची पानी भरे गड्ढे में मिली, तो परिजन उसे तुरंत सदर अस्पताल ले गए। उन्होंने उसे जिंदा समझकर इलाज की उम्मीद में दौड़ लगाई, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई।

निर्माण एजेंसी पर आरोप, कर्मी मौके से फरार

ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए भारत माला परियोजना के तहत वाराणसी–कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में लगी पीएनसी कंपनी पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि गांव से निकलने वाली नाली का पानी सड़क किनारे न बह सके, इसके लिए घर के पास ही अस्थायी गड्ढा खोदा गया था, जिसकी कोई सुरक्षा घेराबंदी नहीं की गई थी। लगातार पानी भरने से यह दुर्घटना का कारण बना। घटना के बाद निर्माण कार्य में लगे सभी कर्मी मौके से फरार हो गए। इससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक निर्माण एजेंसी सुरक्षित कार्य नहीं करेगी, ग्रामीण काम बंद कराने को मजबूर होंगे। स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि निर्माण कंपनी के वाहन चालक भी बिना किसी नियम-कानून की परवाह किए तेज रफ्तार में वाहनों का संचालन करते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। 

पुलिस की कार्रवाई जारी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया। अंबा थानाध्यक्ष राहुल राज ने बताया कि परिजनों को लिखित आवेदन देने को कहा गया है। आवेदन मिलते ही प्राथमिकी दर्ज कर मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई पूरी गंभीरता से की जाएगी। राधा प्रिया की मौत न सिर्फ एक परिवार का उजड़ना है, बल्कि यह निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की बड़ी कीमत भी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कंपनी समय रहते सुरक्षा इंतजाम करती, तो यह मासूम आज जीवित होती। अब गांव के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि प्रशासन इस लापरवाही पर सख्त कदम उठाएगा।

तुलसीपुर में चार दिनों से आवागवन बाधित

बलरामपुर। तुलसीपुर- विगत चार दिनों से स्थानीय हनुमानगढ़ी तिराहे पर रिसाव के कारण पाइपलाइन मरम्मत के कारण आज फिर रास्ता बाधित कर दिए जाने के कारण सहालग के दिनों में मुख्य बाजार में व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है जिस पर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने रोष व्यक्त किया है।

अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रहरि ने कहा कि पिछले 3- 4 दिनों से सड़क खोदे जाने से रास्ता बाधित है तथा नागरिकों को पेयजल भी बड़ी मुश्किल से मिल रहा है और स्थानीय निकाय व जल निगम की आपसी खींचतान का खामियाजा पेयजल संकट के साथ बाज़ार पर भी असर देखा जा सकता है।महामन्त्री रूप चन्द्र गुप्ता ने कहा कि पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से हो यह नगर पंचायत का दायित्व है लेकिन स्थानीय निकाय मात्र जल निगम पर दोषारोपण ही कर रहा है।इस व्यवधान के लिए जवाबदेही दोनों संस्थाओं व उनके प्रबंधकों की है।

आज जल कल सुपरवाइजर ने बताया है कि खराब पाइपलाइन को हटाकर उसकी जगह दूसरी पाइप डाली जा रही है जिसे जल्द ही पूरा कर पेयजल की आपूर्ति निर्बाध रूप से की जाएगी।राधेश्याम चौरसिया,रिज़वान बबलू,अरविंद गुप्ता,अफ़ज़ाल,जय सिंह,विक्की गुप्ता,शिव कुमार,अमित गुप्ता आदि ने पेयजल संकट के निदान की मांग की है।

झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण महिला एवं नवजात बच्चे की गई जान

परिजनों के हंगामे के बाद स्थानीय विधायक और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे।

रफीगंज के महादेव हॉस्पिटल में महिला एवं नवजात के मृत्यु के बाद परिजनों हंगामा खड़ा कर दिया। सूचना पाकर स्थानीय विधायक एवं पुलिस प्रशासन के लोग मौके पर पहुंच मामले को शांत करवाया। इस मामले में मृतक महिला के पति महुआइन गाँव निवासी अखिलेश चौधरी द्वारा रफीगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि मैं अपनी पत्नी शोभा देवी (उम्र लगभग 27 वर्ष) को प्रसव के लिए 27 नवंबर 2025 को दोपहर रफीगंज के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। सरकारी अस्पताल में डॉक्टर लालजी यादव और एक ANM द्वारा जाँच के बाद बताया गया कि मरीज की स्थिति ठीक' है, और प्रसव सामान्य हो जाएगा, जिसमें थोड़ा समय लगेगा। इसी बीच ललीता देवी ने उन्हें सरकारी अस्पताल में प्रसव ठीक से न होने की बात कहकर 'महादेव अस्पताल' जाने की सलाह दी।पति अखिलेश चौधरी का कहना है कि उन्होंने 27 नवंबर की पूरी रात सरकारी अस्पताल में इंतजार किया, लेकिन वहाँ किसी डॉक्टर या नर्स ने उनकी पत्नी को कोई इलाज नहीं दिया। आशा कार्यकर्ता की सलाह पर परिवार ने अपनी मरीज को 28 नवंबर 2025 को दोपहर महादेव अस्पताल में भर्ती कराया। महादेव अस्पताल में डॉ. महादेव यादव और अवकाश प्राप्त ANM राधा देवी ने कथित तौर पर परिजनों को बताया कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है और जितनी जल्दी हो सके, ऑपरेशन कराना होगा। ऑपरेशन से पहले उनसे ₹30,000 जमा करने के लिए कहा गया।परिजनों ने तुरंत ₹30,000 जमा कर दिए, जिसके बाद शोभा देवी का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि महिला और नवजात दोनों सीरियस हैं।

डॉ महादेव द्वारा कासमा रोड स्थित मां बच्चा अस्पताल में हमारे बच्चे को साथ ले जाकर भर्ती करवाया गया। जहां बच्चा अस्पताल के डॉ विकास कुमार द्वारा बताया गया कि बच्चा सीरियस है 20 हजार रुपए जमा करें। इसके कुछ देर बाद बताया गया कि बच्चे की स्थिति ठीक नहीं है रेफर करना होगा। जब बच्चे को देखा तो वो मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। दूसरी तरफ डॉ महादेव के द्वारा एंबुलेंस बुलाकर हमारे परिजन के साथ मेरी पत्नी को गयाजी के किसी अस्पताल में भेज दिया गया तथा डॉ महादेव एवं स्टाफ सभी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए।

सूत्रों के अनुसार महिला और नवजात की मौत की खबर मिलते ही परिजनों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता पर लापरवाही और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सूचना पाकर रफीगंज विधायक प्रमोद कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने औरंगाबाद डीएम श्रीकांत शास्त्री से फोन पर बातचीत कर रफीगंज में चल रहा है अवैध क्लिनिको पर छापा मारने की बात कही। तथा इस मामले में निष्पक्ष जांच करते हुए डॉक्टर पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने कि बात कही।

झारखंड के पूर्व CM चंपाई सोरेन ने असम सरकार की तारीफ़ की, CM हिमंत सरमा को दिया धन्यवाद

झारखंड/रांची।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने असम सरकार और वहाँ के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की जमकर सराहना की है। सोरेन ने असम विधानसभा द्वारा पारित किए गए एक संशोधन बिल की तारीफ की, जिसके तहत चाय बागान कर्मचारियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक (Ownership Rights) प्रदान किया जाएगा।

चाय बागान कर्मचारियों को मिलेगा मालिकाना हक

असम विधानसभा ने शुक्रवार को एक संशोधन बिल पारित किया है, जो असम सरकार को चाय बागानों की 'लेबर लाइन्स' में रहने वाले कर्मचारियों के बीच घर बनाने के लिए जमीन का वितरण करने और उन्हें उसका मालिकाना हक देने की अनुमति देगा।

ऐतिहासिक फैसले से लाखों आदिवासियों को फायदा

झारखंड के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक चंपाई सोरेन ने शनिवार को एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि असम सरकार के इस फैसले से लाखों आदिवासियों और अन्य कर्मचारियों को फायदा होगा, जो पिछले 200 सालों से असम में बसे हुए हैं।

सोरेन ने उस प्रस्ताव का भी स्वागत किया, जिसे असम कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव में चाय बागान के कर्मचारियों, जिनमें अधिकांश झारखंड की मिट्टी से जुड़े आदिवासी शामिल हैं, को अनुसूचित जनजाति (Schedule Tribe - ST) कैटेगरी में शामिल करने की बात कही गई है।

कांग्रेस पर अधिकारों को नकारने का आरोप

चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया कि असम में पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने इन कर्मचारियों के अधिकारों को हमेशा नकार दिया था, जो कई सदियों से पूर्वोत्तर राज्य में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन वहाँ की बीजेपी सरकार ने इन कर्मचारियों के दशकों पुराने संघर्ष का सम्मान करते हुए उनकी मांग पूरी करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है।"

सोरेन ने आदिवासी समाज की ओर से, इन "ऐतिहासिक फैसलों" के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को तहे दिल से धन्यवाद दिया।

हिमंत सरमा ने जताया आभार

चंपाई सोरेन के पोस्ट का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को उनकी प्रेरक बातों के लिए सराहना की। सरमा ने कहा कि चाय समुदाय और आदिवासी समाज के अधिकारों को मजबूत करना "हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्रतिबद्धता" है। उन्होंने आगे कहा, "आपकी शुभकामनाएं चाय बागान के सभी कर्मचारी परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें प्रेरित करती रहेंगी।"

क्या कांग्रेस से किनारा कर रहे हैं शशि थरूर? दूसरी बार पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक से रहे 'गायब'

#isshashitharoorpartingwayswithcongressskipscrucialpartymeeting

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर इन दिनों कांग्रेस से दूरी बनाते दिख रहे हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और तिरुवनंतपुरम से पार्टी सांसद शशि थरूर रविवार को संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में स्ट्रेटेजिक ग्रुप की एक अहम मीटिंग में शामिल नहीं हुए। यह मीटिंग सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई। इससे पहले एसआईआर के मुद्दे पर बुलाई गई कांग्रेस की बैठक से भी वह नदारद थे। ऐसे में शशि थरूर को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

थरूर के बयानों से लग रहे कयास

कांग्रेस की जरूरी मीटिंग्स से शशि थरूर का लगातार गायब रहना पार्टी में चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा तब हो रहा है, जब पिछले कुछ महीनों में शशि थरूर कभी अपने पार्टी की ही बुराई करते दिख रहे हैं, तो कभी पीएम मोदी की तारीफ। उनके इन्हीं बदले तेवर की वजह से राजनीतिक गलियारों में उनकी कांग्रेस से दूरी के कयास लगाए जाने लगे हैं।

एसआईआर के मुद्दे पर हुई बैठक में रहे नदारद

हाल ही में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर बुलाई कांग्रेस की बैठक से भी थरूर नदारद रहे थे, जिसके लिए उनकी तरफ से खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। लेकिन उस वक्त वह सवालों के घेरे में आ गए थे क्योंकि एक दिन पहले ही वह पीएम मोदी के कार्यक्रम में वह शामिल हुए थे।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के व्याख्यान की तारीफ

पीएम की तारीफ करते ‘एक्स’ पर उनके कई पोस्ट भी आए थे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बीते 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। थरूर ने एक्स पोस्ट में लिखा था, “प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता’ की बात की और एक औपनिवेशिक काल के बाद की मानसिकता से मुक्ति पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब सिर्फ ‘उभरता हुआ बाजार’ नहीं, बल्कि दुनिया के लिए ‘उभरता हुआ मॉडल’ है। उन्होंने देश की आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान दिलाया। पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हमेशा ‘चुनाव मोड’ में रहने का आरोप लगता है, लेकिन असल में वह लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए ‘भावनात्मक मोड’ में रहते हैं।

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उठाए थे सवाल

पीएम मोदी के बारे में उनके कमेंट्स के बाद, पार्टी के दूसरे नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि शशि थरूर की प्रॉब्लम यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में अधिक पता है... अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए... आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ़ इसलिए कि आप एमपी हैं?

जहानाबाद संवैधानिक कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव: डॉ. एस. के. सुनील

जहानाबाद संस्कार भारती जिला शाखा, जहानाबाद द्वारा 76वें संविधान दिवस के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों, अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के जिला अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. एस. के. सुनील ने की। कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक सभागार में किया गया, जिसमें बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों तथा युवाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. सुनील ने कहा कि “संवैधानिक कर्तव्य ही मजबूत लोकतंत्र की असली नींव हैं। जब तक नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं होते, तब तक अधिकारों का सही अर्थ स्थापित नहीं होता। संविधान हमारा स्वाभिमान है और इसकी रक्षा करना हम सभी भारतवासियों का परम दायित्व है।” उन्होंने युवाओं से संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।

इस अवसर पर संविधान निर्माताओं — बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया गया। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों सरदार वल्लभभाई पटेल, बिरसा मुंडा एवं महात्मा गांधी के संघर्ष और त्याग पर भी प्रकाश डाला गया।

मुख्य वक्ता डॉ. मानसी सिंह ने कहा कि “हमारे संविधान ने हमें समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति का अधिकार दिया है। संविधान निर्माताओं द्वारा देखे गए भारत के सपने को साकार करना आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमें कृतज्ञता की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”

कार्यक्रम का संचालन जिले के वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव ने कुशलतापूर्वक किया। संगोष्ठी की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से हुई, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को दोहराया गया। इससे उपस्थित लोगों में एक नई चेतना का संचार हुआ।

इस अवसर पर संस्कार भारती के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सक्रिय भूमिका रही। इनमें प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष अमित कुणाल, मंत्री बीरेंद्र सिंह राणा, प्रचार विभाग संयोजक बरुण कुमार, लोक कला संयोजक सावित्री सुमन, कला विभाग संयोजक अमित कुमार, गौतम परासर, निशांत कुमार के साथ-साथ रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव राज किशोर शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार सत्येंद्र कुमार पाठक तथा रक्त वीरांगना ममता प्रिया शामिल रहीं। इसके अलावा शहर के अनेक साहित्य प्रेमी, समाजसेवी एवं पत्रकार भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संविधान और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने का सामूहिक संकल्प लिया। कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, एसआईआर पर हंगामे के आसार, 13 अहम विधेयक पेश करने की तैयारी में सरकार

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संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो जाएगा। आज एक दिसंबर को शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी।सरकार ने 19 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में असैन्य परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने समेत 13 विधेयकों के जरिये अपने सुधार के एजेंडे पर आगे बढ़ाने की तैयारी की हुई है। हालांकि विपक्ष ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। कांग्रेस समेत विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। विपक्षी दलों ने एक सुर में यह मांग उठाई कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा कराई जानी चाहिए।

सत्र से पहले पीएम मोदी का मीडिया को संबोधन

इस सत्र के लिए कुल 15 बैठकें प्रस्तावित हैं। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने के लिए कुल 13 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है जिनमें निजी कंपनियों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र को खोलने के प्रावधान वाला एक विधेयक भी शामिल है। परमाणु ऊर्जा विधेयक- 2025 भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और विनियमन को नियंत्रित करने के उद्देश्य लाया जा रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह करीब 10 मीडिया को संबोधित करेंगे। वह सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताएंगे और सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही में सहयोग करने की अपील करेंगे।

ये महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश

• जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल 

• इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल 

• मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल

• रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल 

• एस. नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल 

• एटॉमिक एनर्जी बिल 

• कॉर्पोरेट लॉज (संशोधन) बिल 

• सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 

• इंश्योरेंस लॉज (संशोधन) बिल 

• आर्बिट्रेशन एंड कंसीलिएशन (संशोधन) बिल 

• हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 

• सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 

• हेल्थ सिक्योरिटी और नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल

एसआईआर को लेकर हंगामेदार हो सकता है सदन

इधर, विपक्ष ने अपने इरादे जता दिए हैं। विपक्ष की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया कि यदि सरकार एसआईआर पर चर्चा नहीं करवाती तो गतिरोध की स्थिति बनेगी। इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और इसमें सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि बैठक में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा है कि एसआईआर पर भी चर्चा होनी चाहिए और कई मुद्दे हैं। किसी नेता ने यह नहीं कहा कि सदन चलने नहीं देंगे। लेकिन कुछ नेताओं ने ये कहा है कि एसआईआर को लेकर सदन में हंगामा कर सकते हैं।

निकलने ही वाली थी बारात, दूल्हे ने कर लिया सुसाइड… फंदे से लटका मिला शव, ये थी वजह

झारखंड की राजधानी रांची के एक इलाके में उस समय सन्नाटा पसर गया, जब बारात निकलने से कुछ ही घंटों पहले दूल्हे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. देखते ही देखते ही कुछ ही मिनटों पर खुशियां मातम और चीख-पुकार में तब्दील हो गई. पीड़ित पिता ने बेटे की पूर्व प्रेमिका और कुछ अन्य लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, यह पूरा मामला रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के तहत आने वाले न्यू मधुकम इलाके का है. यहां रहने वाले उदित पांडेय के बेटे नीतेश पांडेय की शादी लातेहार जिले में तय हुई थी. नीतेश भारतीय रेलवे में ट्रेन मैनेजर के पद पर तैनात थे. शनिवार को उनकी बारात निकलनी थी, लेकिन इससे एक घंटे पहले ही उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फंदे पर झूलते बेटे को देखते ही परिवार की चीख-पुकार निकल गई. घर में चारों तरफ छाई खुशियां अचानक मातम में बदल गईं.

टीचर संग प्रेम संबंध में था नीतेश

जानकारी के अनुसार, साल 2017 में नीतेश बिहार में टीचर के पद पर तैनात एक युवती के साथ प्रेम संबंध में था. दोनों के बीच धीरे-धीरे प्यार बढ़ता चला गया. इस दौरान उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने. दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का वादा भी किया. हालांकि, इस बीच नितेश अपने वादे से मुकर गया और परिवार की मर्जी से शादी करने के लिए तैयार हो गया. इस बात की जानकारी होते ही प्रेमिका का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

तिलक कार्यक्रम में युवक को उठा ले गई थी पुलिस

प्रेमिका ने सुखदेवनगर थाने में प्रेमी नितेश पांडे के खिलाफ यौन शोषण सहित कई गंभीर धाराओं में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच में जुट गई. 25 नवंबर को नितेश का तिलक कार्यक्रम चल रहा था, तभी पुलिस मौके पर पहुंच गई. वह उसे लेकर थाने ले आई. परिजनों का आरोप है कि इस दौरान पैसे लेकर पुलिस ने नितेश को छोड़ दिया था. इसके बाद शादी के अन्य मांगलिक कार्यक्रम जारी रहे.

शनिवार को नितेश की बारात निकलनी थी कि इससे पहले ही उनसे सुसाइड कर लिया. घटना के बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस और पूर्व प्रेमिका के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है.

डॉ.नाजफात्मा ने अपने जन्मदिन पर किया ऐलान दस कन्याओ का कराएंगे विवाह

क्षेत्रीय लोगो ने नाजफात्मा को शुभकामनाएं एवं बधाई दी

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।फात्मा वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष व प्रख्यात गाई नोलाजिस्ट डॉ नाज़ फात्मा ने अपने जन्मदिन पर जहां केक काट कर जश्न मनाया वहीं ग़रीब बेसहारा और झोपड़पट्टी में रह रहे लोगो को भोजन के पैकेट कम्बल व गर्म वस्त्र आदि का वितरण भी किया।बच्चो को जीन्स शर्ट तो बच्चीयो को फ्राक और चॉकलेट भी दिए।करैली के पहलवान जूस चौराहा करैली साठ फिट रोड सिविल लाइन्स के गिरजाघर आदि क्षेत्रो में घूम घूम कर ज़रुरतमन्दो को ढ़ूड ढ़ूड कर सभी चीज़े दी गई।

 पत्रकार बन्धुओ के सवाल पर उन्होंने पांच से छै गरीब कन्याओ की शादी कराने का भी ऐलान किया।कहा नाज़ हास्पिटल के स्थापना दिवस पर पांच से छै कन्याओ का धूम धाम से गेस्ट हाउस में विवाह सम्पन्न कराया जाएगा।उन्होने यह भी बताया की किसी भी धर्म वर्ग का जो ज़रुरतमन्द होगा वह रिश्ता तय करने के उपरान्त आकर सभी बाते बता दे।सभी औप चारिकताएं पूर्ण करने के बाद ही विवाह कराया जायेगा।उन्होने यह भी कहा की वैसे दहेज एक कू रीति है लेकिन फात्मा वेलफेयर सोसायटी ग़रीब परिवार की बेटी को ऐसे विदा करेगी की जैसे बड़े बड़े पैसे वाले करते है।

 बधाई देने वालो में डॉ सैय्यद नाज़िम डायरेक्टर अमित यादव डॉ जमशेद अली डॉ नावेद शेख डॉ तारिक़ आलम मोहम्मद परवेज़ डॉ सारा सैय्यद मोहम्मद अस्करी शिवम् यादव समेत बड़ी संख्या में शुभ चिन्तक उपस्थित रहे।इस कार्य को लेकर लोगो ने नाजफात्मा की सराहना किया।

मेंहदी का रंग सूखने से पहले उजड़ गया सुहाग: सड़क हादसे में नवविवाहित की दर्दनाक मौत, गांव में पसरा मातम

औरंगाबाद। खुशियों से भरे घर में अभी तक शादी की रस्मों की महक बसी ही थी कि किस्मत ने ऐसा क्रूर खेल खेला कि पूरा परिवार मातम में डूब गया। मदनपुर थाना क्षेत्र के झीकटिया मोड़ पर शनिवार देर रात हुए सड़क हादसे में नवविवाहित युवक प्रमोद रिकियासन की मौत से इलाके में शोक छा गया है। कुछ महीनों पहले ही सात फेरे लेने वाले इस दंपति की जिंदगी में खुशी का रंग अभी गहरा भी नहीं पड़ा था कि मौत ने दरवाज़ा खटखटा दिया।

जानकारी के अनुसार, चांदपुर निवासी बिगन भुइयां का 26 वर्षीय पुत्र प्रमोद शनिवार की रात अपना निजी काम निपटाकर मदनपुर बाज़ार से घर लौट रहा था। झीकटिया मोड़ के पास सामने से आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉली से उसकी बाइक की जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि प्रमोद सड़क पर गिरते ही गंभीर रूप से घायल हो गया। राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मदनपुर थाना के एसआई सुरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। घायल अवस्था में उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

हादसे की जानकारी मिलते ही प्रमोद के घर में कोहराम मच गया। वृद्ध पिता बिगन भुइयां का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार बस यही कह रहे थे कि “बाबू अभी शादी के कुछ महीने ही तो हुए थे… घर की दीवारों पर अभी भी रस्मों की खुशबू बाकी है।” बुज़ुर्ग पिता की यह बात सुनते ही मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं। नवविवाहिता पत्नी पर तो मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मेंहदी का रंग गहराने से पहले ही उसका सुहाग छिन गया। रिश्तेदारों और गांववालों की सिसकियों के बीच घर का हर कोना मातम में डूबा है।

थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया है और चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की उम्मीद है।

चांदपुर गांव में इस हादसे के बाद शोक की लहर दौड़ गई है। गांववालों का कहना है कि तेज़ रफ्तार और लापरवाही ने एक नहीं, कई सपनों को उजाड़ दिया। सड़क पर बिखरे मलबे ने मानो एक परिवार की टूट चुकी उम्मीदों की गवाही दी।

नवविवाहिता की हथेलियों की मेंहदी का रंग अभी पूरी तरह सूखा भी नहीं था, लेकिन किस्मत ने उसके जीवन से सुहाग का चिराग बुझा दिया। यह हादसा न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि क्षेत्र में सड़क सुरक्षा पर बड़े सवाल भी खड़े करता है।

औरंगाबाद में मासूम की दर्दनाक मौत: पानी भरे गड्ढे में डूबकर चार साल की बच्ची ने गंवाई जान, निर्माण एजेंसी पर लापरवाही के आरोप

 ,औरंगाबाद जिले के अंबा थाना क्षेत्र के भलुआड़ी बरवाडीह गांव में शनिवार की शाम एक हृदयविदारक हादसा सामने आया, जिसमें चार साल की मासूम बच्ची राधा प्रिया की मौत हो गई। पानी से भरे गड्ढे में गिरकर डूबने के कारण उसकी जान चली गई। गांव में पसरा मातम और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल इस हादसे की गंभीरता को बयां करता है। बताया जाता है कि गांव के पास सड़क निर्माण कार्य के दौरान संबंधित एजेंसी ने जेसीबी से मिट्टी काटकर एक गहरा गड्ढा बनाया था। गड्ढे में बारिश और नाली का पानी भर गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, ग्रामीणों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था किए बिना इसे खुला छोड़ दिया गया था। इसी बीच, शनिवार शाम राधा अन्य बच्चों की तरह घर के पास खेल रही थी। खेल-खेल में वह पानी से भरे उसी गड्ढे की ओर चली गई और अनजाने में उसमें गिर पड़ी। काफी देर तक घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। खोज के दौरान जब बच्ची पानी भरे गड्ढे में मिली, तो परिजन उसे तुरंत सदर अस्पताल ले गए। उन्होंने उसे जिंदा समझकर इलाज की उम्मीद में दौड़ लगाई, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई।

निर्माण एजेंसी पर आरोप, कर्मी मौके से फरार

ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए भारत माला परियोजना के तहत वाराणसी–कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में लगी पीएनसी कंपनी पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि गांव से निकलने वाली नाली का पानी सड़क किनारे न बह सके, इसके लिए घर के पास ही अस्थायी गड्ढा खोदा गया था, जिसकी कोई सुरक्षा घेराबंदी नहीं की गई थी। लगातार पानी भरने से यह दुर्घटना का कारण बना। घटना के बाद निर्माण कार्य में लगे सभी कर्मी मौके से फरार हो गए। इससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक निर्माण एजेंसी सुरक्षित कार्य नहीं करेगी, ग्रामीण काम बंद कराने को मजबूर होंगे। स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि निर्माण कंपनी के वाहन चालक भी बिना किसी नियम-कानून की परवाह किए तेज रफ्तार में वाहनों का संचालन करते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। 

पुलिस की कार्रवाई जारी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया। अंबा थानाध्यक्ष राहुल राज ने बताया कि परिजनों को लिखित आवेदन देने को कहा गया है। आवेदन मिलते ही प्राथमिकी दर्ज कर मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई पूरी गंभीरता से की जाएगी। राधा प्रिया की मौत न सिर्फ एक परिवार का उजड़ना है, बल्कि यह निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की बड़ी कीमत भी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कंपनी समय रहते सुरक्षा इंतजाम करती, तो यह मासूम आज जीवित होती। अब गांव के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि प्रशासन इस लापरवाही पर सख्त कदम उठाएगा।

तुलसीपुर में चार दिनों से आवागवन बाधित

बलरामपुर। तुलसीपुर- विगत चार दिनों से स्थानीय हनुमानगढ़ी तिराहे पर रिसाव के कारण पाइपलाइन मरम्मत के कारण आज फिर रास्ता बाधित कर दिए जाने के कारण सहालग के दिनों में मुख्य बाजार में व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है जिस पर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने रोष व्यक्त किया है।

अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रहरि ने कहा कि पिछले 3- 4 दिनों से सड़क खोदे जाने से रास्ता बाधित है तथा नागरिकों को पेयजल भी बड़ी मुश्किल से मिल रहा है और स्थानीय निकाय व जल निगम की आपसी खींचतान का खामियाजा पेयजल संकट के साथ बाज़ार पर भी असर देखा जा सकता है।महामन्त्री रूप चन्द्र गुप्ता ने कहा कि पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से हो यह नगर पंचायत का दायित्व है लेकिन स्थानीय निकाय मात्र जल निगम पर दोषारोपण ही कर रहा है।इस व्यवधान के लिए जवाबदेही दोनों संस्थाओं व उनके प्रबंधकों की है।

आज जल कल सुपरवाइजर ने बताया है कि खराब पाइपलाइन को हटाकर उसकी जगह दूसरी पाइप डाली जा रही है जिसे जल्द ही पूरा कर पेयजल की आपूर्ति निर्बाध रूप से की जाएगी।राधेश्याम चौरसिया,रिज़वान बबलू,अरविंद गुप्ता,अफ़ज़ाल,जय सिंह,विक्की गुप्ता,शिव कुमार,अमित गुप्ता आदि ने पेयजल संकट के निदान की मांग की है।

झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण महिला एवं नवजात बच्चे की गई जान

परिजनों के हंगामे के बाद स्थानीय विधायक और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे।

रफीगंज के महादेव हॉस्पिटल में महिला एवं नवजात के मृत्यु के बाद परिजनों हंगामा खड़ा कर दिया। सूचना पाकर स्थानीय विधायक एवं पुलिस प्रशासन के लोग मौके पर पहुंच मामले को शांत करवाया। इस मामले में मृतक महिला के पति महुआइन गाँव निवासी अखिलेश चौधरी द्वारा रफीगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि मैं अपनी पत्नी शोभा देवी (उम्र लगभग 27 वर्ष) को प्रसव के लिए 27 नवंबर 2025 को दोपहर रफीगंज के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। सरकारी अस्पताल में डॉक्टर लालजी यादव और एक ANM द्वारा जाँच के बाद बताया गया कि मरीज की स्थिति ठीक' है, और प्रसव सामान्य हो जाएगा, जिसमें थोड़ा समय लगेगा। इसी बीच ललीता देवी ने उन्हें सरकारी अस्पताल में प्रसव ठीक से न होने की बात कहकर 'महादेव अस्पताल' जाने की सलाह दी।पति अखिलेश चौधरी का कहना है कि उन्होंने 27 नवंबर की पूरी रात सरकारी अस्पताल में इंतजार किया, लेकिन वहाँ किसी डॉक्टर या नर्स ने उनकी पत्नी को कोई इलाज नहीं दिया। आशा कार्यकर्ता की सलाह पर परिवार ने अपनी मरीज को 28 नवंबर 2025 को दोपहर महादेव अस्पताल में भर्ती कराया। महादेव अस्पताल में डॉ. महादेव यादव और अवकाश प्राप्त ANM राधा देवी ने कथित तौर पर परिजनों को बताया कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है और जितनी जल्दी हो सके, ऑपरेशन कराना होगा। ऑपरेशन से पहले उनसे ₹30,000 जमा करने के लिए कहा गया।परिजनों ने तुरंत ₹30,000 जमा कर दिए, जिसके बाद शोभा देवी का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि महिला और नवजात दोनों सीरियस हैं।

डॉ महादेव द्वारा कासमा रोड स्थित मां बच्चा अस्पताल में हमारे बच्चे को साथ ले जाकर भर्ती करवाया गया। जहां बच्चा अस्पताल के डॉ विकास कुमार द्वारा बताया गया कि बच्चा सीरियस है 20 हजार रुपए जमा करें। इसके कुछ देर बाद बताया गया कि बच्चे की स्थिति ठीक नहीं है रेफर करना होगा। जब बच्चे को देखा तो वो मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। दूसरी तरफ डॉ महादेव के द्वारा एंबुलेंस बुलाकर हमारे परिजन के साथ मेरी पत्नी को गयाजी के किसी अस्पताल में भेज दिया गया तथा डॉ महादेव एवं स्टाफ सभी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए।

सूत्रों के अनुसार महिला और नवजात की मौत की खबर मिलते ही परिजनों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता पर लापरवाही और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सूचना पाकर रफीगंज विधायक प्रमोद कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने औरंगाबाद डीएम श्रीकांत शास्त्री से फोन पर बातचीत कर रफीगंज में चल रहा है अवैध क्लिनिको पर छापा मारने की बात कही। तथा इस मामले में निष्पक्ष जांच करते हुए डॉक्टर पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने कि बात कही।