पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी20 बैठक के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित डिनर में शामिल हुईं। अब स बात से विपक्षी गठबंधन इंडिया में खींचतान बढ़ती दिख रही है। दरअसल, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर सवाल खड़ा किया है। अदीर रंजन चौधरी ने पूछा है कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका रुख कमजोर नहीं होगा?
अधीर रंजन ने डिनर में शामिल होने के पीछे की मंशा पर उठाया सावल
रविवार को कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधी। चौधरी ने ममता बनर्जी के इस डिनर समारोह में शामिल होने के पीछे की मंशा पर सावल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी इस डिनर पार्टी में शामिल नहीं होती तो आसमान नहीं टूट पड़ता। महाभारत अशुद्ध न हो जाता। कुराण अपवित्र नहीं हो जाता। कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के कार्यक्रम में भाग लेने का “कोई अन्य कारण” था।चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि जब कई गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज में शामिल होने से परहेज किया तो वहीं दीदी (ममता बनर्जी) एक दिन पहले ही दिल्ली चली गईं।
टीएमसी का पलटवार
वहीं, टीएमसी ने अधीर रंजन पर पलटवार किया है। टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि चौधरी को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें टिप्पणी नहीं देना चाहिए। सेन ने कहा,चौधरी यह तय नहीं करेंगे कि प्रोटोकॉल के तहत राज्य के मुख्यमंत्री जी20 के अवसर पर रात्रिभोज में शामिल होने के लिए कब जाएंगे।
विपक्ष के ये नेता हुए शामिल
जी 20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस डिनर समारोह में विदेशी मेहमानों के साथ देश के सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को डिनर का न्योता भेजा गया था। इस डिनर में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस डिनर समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसकी वजह से कांग्रेस शासित राज्य के कई मुख्यमंत्रियों ने इस समारोह में शामिल न होने का फैसला किया। इसी बीच अब ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जारी गतिरोध को दूर करने की कोशिशों के तहत दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा में सहयोग की अपील की है। गृह मंत्री शाह ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है।
पत्र का फोटो ट्विटर पर भी शेयर किया
अमित शाह ने इस पत्र का फोटो ट्विटर पर भी शेयर किया है।उन्होंने लिखा है कि, आज मैंने दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं, लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे की चर्चा में उनके अमूल्य सहयोग की अपील की। सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है। मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे।
सहयोग लेने के लिए पत्र लिखा
पत्र में अमित शाह ने लिखा है कि मैं आपका सहयोग लेने के लिए आपको यह पत्र लिख रहा हूं। जैसा कि आप जानते हैं मणिपुर एक महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य है। मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ना केवल मणिपुर बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति का गहना है। छह सालों में मणिपुर में बीजेपी के शासन में यह क्षेत्र शांति और विकास के नए युग का अनुभव कर रहा था। परन्तु कुछ अदालती निर्णयों और कुछ घटनाओं के कारण मई माह की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा की घटनाएं घटी। कुछ शर्मनाक घटनाएं भी सामने आई जिसके बाद समग्र देश की जनता, उत्तरपूर्व की जनता और विशेषकर मणिपुर की जनता देश की संसद से अपेक्षा कर रही है कि इस कठिन समय में सभी पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर की जनता के साथ खड़ी रहें।
केंद्र केवल बयान नहीं बल्कि पूरी चर्चा के लिए तैयार-शाह
शाह ने अपने पत्र में लिखा है कि देश के लोग चाहते हैं कि हम एकजुट होकर उन्हें आश्वस्त करें कि हम मणिपुर में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं. अतीत में, हमारी संसद ने ऐसा किया है। हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र केवल एक बयान देने के लिए तैयार नहीं है बल्कि पूरी चर्चा करने को तैयार है। लेकिन हमें इसमें सभी दलों की मदद की उम्मीद है। मैं आपके माध्यम से अनुरोध करता हूं कि सभी विपक्षी दल स्वस्थ वातावरण में चर्चा के लिए आगे आएं।
सदन का बजट सत्र चल रहा है। बुधवार को भी सदन के अंदर पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच नोंक-झोंक देखी गई। इस दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी मंगलवार को राहुल गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सही जगह वार किया है। जिससे सत्ता पक्ष के खेमे में खलबली मच गई है। अधीर ने यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी ने खुद सत्ता पक्ष को पप्पू बना दिया। जिसपर गृहमंत्री अमित शाह चुटकी लेने से नहीं चूके।
राहुल गांधी ने भाजपा को बनाया ‘पप्पू’-अधीर रंजन
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अधीर रंजन चौधरी ने राहुल गांधी की ओर से मंगलवार को सदन में दिए गए भाषण की बात करते हुए कहा कि उनके भाषण के बाद पूरा माहौल ही बदल गया है। उन्होंने आगे कहा कि आप चाहे जितना कोशिश करो राहुल गांधी को ‘पप्पू’ बनाने की लेकिन राहुल गांधी ने बीजेपी वालों को ‘पप्पू’ बना दिया।अधीर रंजन चौधरी के बयान पर चुटकी लेते हुए अमित शाह ने कहा, ये एक माननीय सांसद को ‘पप्पू’ नहीं कह सकते हैं, एक सांसद को एक पप्पू कैसे कह सकते हैं?” इसके जवाब में अधीर रंजन ने कहा कि आप समझ रहे हैं कि मैं किस विषय में बात कर रहा हूं, वैसे राहुल गांधी ने एक दम सही जगह निशाना साधा है इसलिए आप लोगों में खलबली मची है।
आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा-अधीर रंजन
चौधरी ने आगे कहा कि पहली बार ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि भाजपा ने आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बना दिया। इससे पहले सदन में किसी की जाति और धर्म को लेकर चर्चा नहीं होती थी। इस सरकार हर चीज को चुनावी बना दिया है। ये सब सियासी फसल उगाने के लिए किया जा रहा है।” उन्होंने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री को कभी ‘दादा ओबीसी प्रधानमंत्री’ नहीं बुलाते हैं, उन्हें पीएम मोदी ही कहते हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी20 बैठक के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित डिनर में शामिल हुईं। अब स बात से विपक्षी गठबंधन इंडिया में खींचतान बढ़ती दिख रही है। दरअसल, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर सवाल खड़ा किया है। अदीर रंजन चौधरी ने पूछा है कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका रुख कमजोर नहीं होगा?
अधीर रंजन ने डिनर में शामिल होने के पीछे की मंशा पर उठाया सावल
रविवार को कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधी। चौधरी ने ममता बनर्जी के इस डिनर समारोह में शामिल होने के पीछे की मंशा पर सावल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी इस डिनर पार्टी में शामिल नहीं होती तो आसमान नहीं टूट पड़ता। महाभारत अशुद्ध न हो जाता। कुराण अपवित्र नहीं हो जाता। कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के कार्यक्रम में भाग लेने का “कोई अन्य कारण” था।चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि जब कई गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज में शामिल होने से परहेज किया तो वहीं दीदी (ममता बनर्जी) एक दिन पहले ही दिल्ली चली गईं।
टीएमसी का पलटवार
वहीं, टीएमसी ने अधीर रंजन पर पलटवार किया है। टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि चौधरी को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें टिप्पणी नहीं देना चाहिए। सेन ने कहा,चौधरी यह तय नहीं करेंगे कि प्रोटोकॉल के तहत राज्य के मुख्यमंत्री जी20 के अवसर पर रात्रिभोज में शामिल होने के लिए कब जाएंगे।
विपक्ष के ये नेता हुए शामिल
जी 20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस डिनर समारोह में विदेशी मेहमानों के साथ देश के सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को डिनर का न्योता भेजा गया था। इस डिनर में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस डिनर समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसकी वजह से कांग्रेस शासित राज्य के कई मुख्यमंत्रियों ने इस समारोह में शामिल न होने का फैसला किया। इसी बीच अब ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जारी गतिरोध को दूर करने की कोशिशों के तहत दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा में सहयोग की अपील की है। गृह मंत्री शाह ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है।
पत्र का फोटो ट्विटर पर भी शेयर किया
अमित शाह ने इस पत्र का फोटो ट्विटर पर भी शेयर किया है।उन्होंने लिखा है कि, आज मैंने दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं, लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे की चर्चा में उनके अमूल्य सहयोग की अपील की। सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है। मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे।
सहयोग लेने के लिए पत्र लिखा
पत्र में अमित शाह ने लिखा है कि मैं आपका सहयोग लेने के लिए आपको यह पत्र लिख रहा हूं। जैसा कि आप जानते हैं मणिपुर एक महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य है। मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ना केवल मणिपुर बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति का गहना है। छह सालों में मणिपुर में बीजेपी के शासन में यह क्षेत्र शांति और विकास के नए युग का अनुभव कर रहा था। परन्तु कुछ अदालती निर्णयों और कुछ घटनाओं के कारण मई माह की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा की घटनाएं घटी। कुछ शर्मनाक घटनाएं भी सामने आई जिसके बाद समग्र देश की जनता, उत्तरपूर्व की जनता और विशेषकर मणिपुर की जनता देश की संसद से अपेक्षा कर रही है कि इस कठिन समय में सभी पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर की जनता के साथ खड़ी रहें।
केंद्र केवल बयान नहीं बल्कि पूरी चर्चा के लिए तैयार-शाह
शाह ने अपने पत्र में लिखा है कि देश के लोग चाहते हैं कि हम एकजुट होकर उन्हें आश्वस्त करें कि हम मणिपुर में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं. अतीत में, हमारी संसद ने ऐसा किया है। हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र केवल एक बयान देने के लिए तैयार नहीं है बल्कि पूरी चर्चा करने को तैयार है। लेकिन हमें इसमें सभी दलों की मदद की उम्मीद है। मैं आपके माध्यम से अनुरोध करता हूं कि सभी विपक्षी दल स्वस्थ वातावरण में चर्चा के लिए आगे आएं।
सदन का बजट सत्र चल रहा है। बुधवार को भी सदन के अंदर पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच नोंक-झोंक देखी गई। इस दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी मंगलवार को राहुल गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सही जगह वार किया है। जिससे सत्ता पक्ष के खेमे में खलबली मच गई है। अधीर ने यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी ने खुद सत्ता पक्ष को पप्पू बना दिया। जिसपर गृहमंत्री अमित शाह चुटकी लेने से नहीं चूके।
राहुल गांधी ने भाजपा को बनाया ‘पप्पू’-अधीर रंजन
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अधीर रंजन चौधरी ने राहुल गांधी की ओर से मंगलवार को सदन में दिए गए भाषण की बात करते हुए कहा कि उनके भाषण के बाद पूरा माहौल ही बदल गया है। उन्होंने आगे कहा कि आप चाहे जितना कोशिश करो राहुल गांधी को ‘पप्पू’ बनाने की लेकिन राहुल गांधी ने बीजेपी वालों को ‘पप्पू’ बना दिया।अधीर रंजन चौधरी के बयान पर चुटकी लेते हुए अमित शाह ने कहा, ये एक माननीय सांसद को ‘पप्पू’ नहीं कह सकते हैं, एक सांसद को एक पप्पू कैसे कह सकते हैं?” इसके जवाब में अधीर रंजन ने कहा कि आप समझ रहे हैं कि मैं किस विषय में बात कर रहा हूं, वैसे राहुल गांधी ने एक दम सही जगह निशाना साधा है इसलिए आप लोगों में खलबली मची है।
आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा-अधीर रंजन
चौधरी ने आगे कहा कि पहली बार ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि भाजपा ने आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बना दिया। इससे पहले सदन में किसी की जाति और धर्म को लेकर चर्चा नहीं होती थी। इस सरकार हर चीज को चुनावी बना दिया है। ये सब सियासी फसल उगाने के लिए किया जा रहा है।” उन्होंने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री को कभी ‘दादा ओबीसी प्रधानमंत्री’ नहीं बुलाते हैं, उन्हें पीएम मोदी ही कहते हैं।
Mar 11 2024, 18:32