WestBengalBangla

May 09 2024, 10:04

নেপালের ১০০ টাকার নোট নিয়ে ভারতে তোলপাড় কেন?
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এসবি নিউজ ব্যুরো: সম্প্রতি নেপাল সরকার ১০০ টাকার নতুন নোট প্রকাশ করেছে। কিন্তু নোট প্রকাশের পরই আমাদের দেশের কূটনৈতিক মহল প্রতিবাদ করেছে। কারণ নেপাল যে নতুন নোট প্রকাশের ঘোষণা করেছে তাতে একটি মানচিত্র রয়েছে। যেখানে ভারতের ৩ টি এলাকাকে নিজেদের বলে ঘোষণা করা হয়েছে। সেই মানচিত্রে লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালাপানির বিতর্কিত এলাকা অন্তর্ভুক্ত করা হয়েছে।
উল্লেখ্য,নেপাল এর আগে কখনও এমন ধৃষ্টতা দেখায়নি ।চীনের পৃষ্ঠপোষকতায় নেপাল এর আগেও ভারতের দিকে তার "দুষ্ট নজর" রেখেছে। যদিও ভারত ইতিমধ্যেই এসব এলাকাকে কৃত্রিমভাবে সম্প্রসারিত বলে অভিহিত করেছে। নেপালের প্রধানমন্ত্রী প্রচণ্ডের নেতৃত্বাধীন নেপাল সরকার ১০০ টাকার নোটটিকে নতুনভাবে ডিজাইন করার এবং এর পটভূমিতে মুদ্রিত পুরানো মানচিত্র পরিবর্তন করার অনুমোদন দিয়েছে। নেপাল থেকে নোটে দেখানো হবে ভারতের এলাকা অবৈধ সিদ্ধান্তের আনুষ্ঠানিক ঘোষণাও দেওয়া হয়েছে। এই নোটগুলিতে, নেপালের নতুন মানচিত্রটি দেখানো হবে, যা এটি 18 জুন, 2020 এ প্রকাশিত হয়েছিল। যার মধ্যে লিপুলেখ, কালাপানি এবং লিম্পিয়াধুরার নাম ছিল। মন্ত্রিসভার সিদ্ধান্তের বিষয়ে তথ্য দিয়ে, নেপাল সরকারের মুখপাত্র এবং তথ্য ও যোগাযোগ মন্ত্রী রেখা শর্মা সংবাদ মাধ্যমকে বলেছেন, "প্রধানমন্ত্রী পুষ্পকমল দাহলের সভাপতিত্বে মন্ত্রী পরিষদের বৈঠকে 'প্রচণ্ড'100 টাকার নোটে নেপালের একটি নতুন মানচিত্র ছাপানোর সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছিল, যাতে লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালাপানি দেখানো হবে।” তিনি বলেন, “আমাদের পুরানো 100 টাকার নোট ফুরিয়ে যেতে চলেছে। যেহেতু আগের নকশায় একটি পুরানো মানচিত্র ছিল, আমরা যখন এটি মুদ্রণ করি তখন মনে হয়েছিল যেন আমরা নতুন মানচিত্র সম্পর্কে জানি না।"
*ভারতের প্রতিক্রিয়া*
এই পদক্ষেপের প্রতিক্রিয়ায় ভারতের পররাষ্ট্রমন্ত্রী এস জয়শঙ্কর নেপালের বিতর্কিত ভারতীয় অঞ্চলগুলিকে তার নতুন 100 টাকার নোটে রাখার সিদ্ধান্তের সাথে দ্বিমত প্রকাশ করেছে। তিনি বলেছেন ,এই বিষয়ে ভারতের অবস্থান স্পষ্ট এবং নেপাল তার নিজের ইচ্ছায় পদক্ষেপ নিয়েছে। তিনি আরও উল্লেখ করেছেন যে যদিও উভয় দেশ সীমান্ত ইস্যুতে কথা বলছে, নেপালের পদক্ষেপ মাটিতে কিছু পরিবর্তন করবে না। তিনি বলেন, ওই রিপোর্ট দেখেছি।  আমি মনে করি আমাদের অবস্থান খুবই পরিষ্কার। নেপালের সাথে, আমরা একটি প্রতিষ্ঠিত ফোরামের মাধ্যমে আমাদের সীমান্ত বিষয়গুলি নিয়ে আলোচনা করছিলাম এবং তারপরে তারা একতরফাভাবে সিদ্ধান্ত নিয়েছিল। কিন্তু তাদের পক্ষ থেকে কিছু করে তারা আমাদের মধ্যকার পরিস্থিতি বা বাস্তবতা বদলাতে যাচ্ছে না।
*নেপাল 2020 সালে মানচিত্র আপডেট করেছে*
18 জুন, 2020-এ, নেপাল তার সংবিধান সংশোধন করেছে এবং তিনটি কৌশলগতভাবে গুরুত্বপূর্ণ যুক্ত করেছেলিপুলেখ, কালাপানি ও লিম্পিয়াধুরা এলাকা অন্তর্ভুক্ত করে দেশের রাজনৈতিক মানচিত্র হালনাগাদ করার প্রক্রিয়া সম্পন্ন হয়। এ নিয়ে কড়া প্রতিক্রিয়া জানিয়েছে ভারত। ভারত একে "একতরফা কাজ" বলে বর্ণনা করেছিল, বলেছিল যে "নেপালের আঞ্চলিক দাবির 'কৃত্রিম পরিবর্ধন' টেকসই নয়।"
*আসলে বিতর্ক কোথায়?* ভারতের সঙ্গে নেপালের সীমান্ত ১৮৫০ কিলোমিটার হলেও যে ভূমি নিয়ে বিরোধ রয়েছে তার আয়তন প্রায় ৩০০ বর্গকিলোমিটার।এটা একটা টুকরো। এখানেই লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালা পানির এলাকা রয়েছে যা ভারতের অন্তর্গত কিন্তু নেপালের উপর শকুনের নজর রয়েছে। এর পেছনেও চীনের মস্তিষ্ক রয়েছে বলে জানা গেছে। প্রকৃতপক্ষে, ভারত, নেপাল এবং চীন সীমান্তবর্তী এলাকায় নদী দিয়ে গঠিত একটি উপত্যকা রয়েছে, যা নেপাল ও ভারতে প্রবাহিত মহাকালী নদীর উৎপত্তিস্থল। এই এলাকাকে কালো জলও বলা হয়। লিপুলেখ পাসও এখানে এবং এখান থেকেউত্তর-পশ্চিম দিকে কিছু দূরত্বে আরেকটি গিরিপথ রয়েছে যাকে লিম্পিয়াধুরা বলে।

India

May 08 2024, 15:46

नेपाल के 100 रुपए के नोट पर भारत में क्यों मचा है “बवाल”?

#controversyovermapofnepalnewrs100note 

नेपाल ने 100 रुपए का नया नोट जारी करने की घोषणा की। पड़ोसी देश की इस घोषणा से भारत “भड़क” गया है। दरअसल, नेपाल ने जिस नए नोट को जारी करने की घोषणा का है, उसमें एक नक्शा शामिल है। जिसमें भारत के तीन इलाकों को अपना बताया गया है। उस नक्शे में लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के विवादास्पद क्षेत्र शामिल हैं। वैसे बता दें कि नेपाल ने पहली बार ऐसी हिमाकत नहीं की है। चीन की छत्रछाया में नेपाल ने भारत पर अपनी “नापाक नजर” पहले भी डाली है। हालांकि, भारत पहले ही इन क्षेत्रों को कृत्रिम रूप से विस्तारित करार दे चुका है। 

बता दें कि प्रधानमंत्री प्रचंड की अगुआई वाली नेपाल की सरकार ने 100 रुपए के नोट को फिर डिजाइन करने और उसके बैकग्राउंड में छपे पुराने मैप को बदलने की मंजूरी दी गई है। नेपाल की ओर से नोट में भारत के इलाके दिखाए जाने वाले अवैध फैसले का औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया है। इन नोट में नेपाल का वो नया नक्शा दिखाया जाएगा, जो उसने 18 जून, 2020 को जारी किया था। जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा के नाम शामिल थे। नेपाल सरकार की प्रवक्ता और सूचना एवं संचार मंत्री रेखा शर्मा ने कैबिनेट फैसले के बारे में जानकारी देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया, "प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल का नया नक्शा छापने का निर्णय लिया गया, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा।" उन्होंने कहा, "हमारे पास 100 के पुराने नोट खत्म होने वाले हैं. चूंकि पिछले डिज़ाइन में पुराना नक़्शा था, इसलिए जब हमने उसे छापा तो ऐसा लगा जैसे हमें नए नक़्शे के बारे में मालूम नहीं है।"

भारत की प्रतिक्रिया

इस कदम की प्रतिक्रिया में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विवादित भारतीय क्षेत्रों को अपने नए 100 रुपये के नोट पर डालने के नेपाल के फैसले से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि इस पर भारत की स्थिति स्पष्ट है और नेपाल ने अपनी मर्जी से कार्रवाई की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भले ही दोनों देश सीमा मुद्दों पर बात कर रहे हैं, लेकिन नेपाल की कार्रवाई से जमीनी स्तर पर चीजें नहीं बदलेंगी। उन्होंने कहा, मैंने वह रिपोर्ट देखी। मैंने इसे विस्तार से नहीं देखा है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। नेपाल के साथ, हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपनी सीमा मामलों पर चर्चा कर रहे थे और फिर उसके बीच में, उन्होंने एकतरफा फैसला किया। लेकिन अपनी तरफ से कुछ करने से वे हमारे बीच की स्थिति या जमीनी हकीकत को बदलने वाले नहीं हैं।

2020 में नेपाल ने अपडेट किया था नक्शा

18 जून 2020 को नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन करके रणनीतिक रूप से महत्वपूर्व तीन क्षेत्रों लिपुलेख, कालापनी और लिंपियाधुरा को शामिल करके देश के राजनीतिक मानचित्र को अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी की थी। इस पर भारत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भारत ने इसे "एकतरफा कृत्य" बताते हुए कहा था कि "नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों का 'कृत्रिम विस्तार' अस्थिर है।"

आखिर कहां है विवाद?

वैसे तो भारत के साथ नेपाल की सीमा 1850 किलोमीटर की है, लेकिन जिस जमीन को लेकर विवाद है वो करीब 300 वर्ग किलोमीटर का टुकड़ा है। यहीं पर लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और काला पानी का वो इलाका मौजूद है जो है तो भारत का लेकिन इस पर नेपाल की गिद्ध दृष्टि है. इसके पीछे भी दिमाग चीन का बताया जा रहा है। दरअसल भारत नेपाल और चीन सीमा से लगे इलाके में नदियों से मिलकर बनी एक घाटी है, जो नेपाल और भारत में बहने वाली महाकाली नदी का उद्गम स्थल है। इस इलाके को काला पानी भी कहते हैं। यहीं पर लिपुलेख दर्रा भी है और यहां से उत्तर-पश्चिम की तरफ कुछ दूरी पर एक और दर्रा है, जिसे लिम्पियाधुरा कहते हैं।

Streetbuzznews

Mar 29 2024, 13:51

Courier Services Suspended for Vihaan Direct Selling Amid Fraud Allegations.

The courier services of India Post as well as Blue Dart have dealt a huge blow to the Indian franchisee of the controversial multi-level marketing (MLM) scheme, QNet, called Vihaan Direct Selling (India) Pvt Ltd. The MLM entity is facing numerous allegations of fraud and legal scrutiny. These challenges are further complicated by a recent decision by India Post and Blue Dart to withhold their services from Vihaan Direct Selling.

There was a directive from Registrar of Companies (ROC), ordering that courier services be suspended for Vihaan Direct Selling due to its engagement in numerous criminal cases and legal actions. This development signifies growing anxiety over company operations and likely consequences affecting consumers.

At the heart of the controversy are some severe fraud allegations amounting to an astounding ₹1 billion against this firm, Vihaan Direct Selling, and its affiliates. Consequently, the Enforcement Directorate (ED) has moved in by blocking any financial transactions via 36 bank accounts linked with Vihaan Direct Selling valued at above Rs 90 crores as part of money laundering probe. Legal actions however including cases filed by ED have addressed issues related to fraud against Vihaan Direct Selling particularly on Rs425 crore scam which is known as QNet case.

Government bodies have tightened the screws on Vihaan Direct Selling; consumer affairs and corporate affairs have commenced winding-up proceedings against this company. The extent of fraud committed by Vihaan Direct Selling has significantly been emphasized through judicial observations, especially by Judge Mridula Bhatkar of Bombay High Court.

In spite of legal and regulatory interventions, Vihaan Direct Selling continues to operate in multi-level marketing (MLM), which hampers consumer protection efforts. The company also suffered a major blow when courier services were halted. With increasing fraud allegations and hardening regulatory actions, the destiny of its operations hangs in balance, making it a milestone moment for MLM industry and initiatives aimed at safeguarding customers.

India

Mar 12 2024, 14:13

सेला टनल को लेकर चीन ने जताया विरोध,कहा-भारत को वहां जबरन विकास का हक नहीं, पीएम के अरुणाचल दौरे पर भी आपत्ति

#china_pm_modi_arunachal_pradesh_visit_controversy

चीन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे पर विरोध जताया है। पीएम मोदी ने यहां 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का इनॉग्रेशन किया था। चीन को इस बात पर मिर्ची लगी है। चीन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमारा हिस्सा है।साथ ही चीन ने पीएम नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे का भी विरोध जताया है।चीन का कहना है कि भारत के इस कदम से सीमा विवाद और जटिल होगा

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा- भारत के कदम एलएसी पर तनाव को बढ़ावा देने वाले हैं। वांग ने अरुणाचल प्रदेश का नाम जांगनान बताया और कहा- यह चीनी क्षेत्र है। हमारी सरकार ने कभी भी गैर-कानूनी तरीके से बसाए गए अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। हम आज भी इसका विरोध करते हैं। यह चीन का हिस्सा है और भारत मनमाने ढंग से यहां कुछ भी नहीं कर सकता है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, भारत के संबद्ध कदम सीमा विवाद को केवल (और) जटिल करेंगे। चीन, चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड का प्रधानमंत्री द्वारा किये गए दौरे का दृढ़ता से विरोध करता है। वांग ने कहा, हमने भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया है।

बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सेला सुरंग राष्ट्र को समर्पित किया था। यह सुरंग सामरिक महत्व रखने वाले तवांग तक हर मौसम में सड़क संपर्क मुहैया कराएगी। इससे सीमांत क्षेत्र में सैनिकों की सुगमता से आवाजाही सुनिश्चित होने की भी उम्मीद है।असम के तेजपुर को अरुणाचल के पश्चिम कामेंग जिले से जोड़ने वाली सड़क पर यह सुरंग बनाई गई है। इसे इतनी ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सड़क सुरंग बताया जा रहा है।

यह पहली मर्तबा नहीं है जब चीन ने भारत के इस हिस्से पर अपना दावा जताया है। इससे पहले भी वह लगातार अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता रहा है।अरुणाचल प्रदेश के अलावा चीन अक्साई चिन और लद्दाख को भी अपना हिस्सा बताता है। पिछले साल 28 अगस्त को चीन ने अपना एक ऑफिशियल मैप जारी किया था। इसमें उसने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को अपना इलाका बताया था।चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।

India

Jan 29 2024, 19:53

कर्नाटक में हनुमान ध्वज हटाने पर बवाल, बीजेपी और जेडीएस के साथ हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन, बढ़ाई गई सुरक्षा

#karnatakahanumanflag_controversy

कर्नाटक के मांड्या में हनुमान ध्वज को हटाने को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। दरअसल, मांड्या जिले के एक गांव में स्तंभ पर हनुमान ध्वज फहराया गया था। मांड्या जिला प्रशासन ने इस झंडे को उतरवा दिया।प्रशासन की ओर से हनुमान ध्वज हटाकर उसकी जगह राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया था।इस घटना पर राजनीतिक घमासान देखा जा रहा है। बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मांड्या में हनुमान ध्वज के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

मंड्या जिले के केरेगोडु गांव में एक राम मंदिर है जिसे रंग मंदिर भी कहा जाता है। पिछले कई सालों से उस मंदिर के सामने एक 108 फुट ऊंचा स्तंभ है जिसपर पर हनुमान धव्ज लहराता है। मगर बीते रविवार को जिला प्रशासन ने अधिकारी उस स्तंभ से हनुमान ध्वज को उतारने के लिए मंदिर के बाहर बने स्तंभ के पास पहुंचे। प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग नाराज हो गए और इसका विरोध करने के लिए वहां पर भारी संख्या में पहुंच गए। प्रशासन ने नाराज लोगों की भीड़ की वहां से हटाने के लिए लोगों पर लाठी चार्ज किया और इसके बाद स्तंभ से हनुमान ध्वज हटाकर वहां तिरंगा फहरा दिया।

फिर हनुमान ध्वज फहराने की मांग

जिला प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग काफी नाराज हैं। कोरेगोडू गांव के लोगों ने अपनी नाराजगी जताने के लिए गांव से लेकर कलेक्टर ऑफिस तक मार्च किया। इस मार्च का नेतृत्व भाजपा के पूर्व विधायक प्रतीम गौडा ने किया। इतना ही नहीं भाजपा ने इस घटना के खिलाफ राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में भी विरोध किया।न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ग्रामीण एक बार फिर हनुमान ध्वज फहराने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल कुछ नेताओं ने कहा कि जब तक हनुमान ध्वज दोबारा नहीं फहराया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

तैनात की गई है पुलिस बल की बड़ी टुकड़ी

फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण हैं लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है. केरागोडु और आसपास के गांवों के लोग, बीजेपी, जेडीएस और बजरंग दल समेत अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध जारी रखा है, इसलिए एहतियात के तौर पर पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है। 

राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं- सिद्धारमैया

इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हनुमान ध्वज हटाए जाने के प्रशासन के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर मौजूद पोल पर भगवा के बजाय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ग्राम पंचायत से राष्ट्रीय ध्वज और कर्नाटक का राजकीय झंडा फहराने की अनुमति मांगी गई थी तो इसके बदले दूसरा झंडा फहराना गलत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति को राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं है। उन्हें राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'यह सही नहीं है। मैंने संबंधित अधिकारियों से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कहा है।'

India

Jan 08 2024, 10:58

पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी के बाद भारत का सख्त रुख, मालदीव के उच्चायुक्त को किया तलब

#maldives_india_controversy_india_summons_maldives_high_commissioner

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपमानजनक बयान को लेकर जारी विवाद के बीच भारत ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने भारत में मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब को तलब किया है।मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब दिल्ली के साउथ ब्लॉक में विदेश मंत्रालय पहुंचे। भारत ने पीएम मोदी के खिलाफ बयानों पर मंत्रियों की टिप्पणियों को लेकर सख्त नाराजगी जताई है।इस संबंध में विदेश मंत्रालय स्टेटमेंट जारी करेगा।

दरअसल, पीएम मोदी ने पिछले दिनों लक्षद्वीप की यात्रा की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीरें शेयर की थीं और भारतीयों से इस केंद्रशासित राज्य को अपने टूरिस्ट डेस्टिनेशन लिस्ट में शामिल करने की अपील की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया था कि यह मालदीव के लिए झटका होगा। सोशल मीडिया पर भारतीयों द्वारा इस दावे से भड़के मालदीव के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की यात्रा का मजाक उड़ाया था और उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद भारत के लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि देश में अभियान शुरू हो गया।

लक्षद्वीप यात्रा को लेकर पीएम मोदी पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव सरकार ने रविवार को अपने तीन मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को निलंबित कर दिया। इतना ही नहीं सरकार ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। मालदीव सरकार ने मंत्रियों के बयान को निजी बताया।मंत्री की टिप्पणी मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

इस बीच EaseMyTrip ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशांत पिट्टी ने बताया मालदीव के लिए सभी फ्लाइट बुकिंग को बंद कर दिया गया है।

Jharkhand_News

Dec 18 2023, 15:34

शिक्षक ने छात्र के माथे पर लगे टीके को मिटवाया तो हुआ बवाल|

Ranchi | 22-Apr-2023

चतरा जिले के पिपरवार स्थित एक निजी स्कूल में एक छात्रा का तिलक हटाए जाने पर बवाल हो गया. घटना से आक्रोशित विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल परिसर के अंदर जमकर हंगामा किया.


आठवीं के छात्र सनी कुमार के अनुसार। डीएवी पब्लिक स्कूल बाछरा की क्लास, पिता उपेंद्र सिंह की तरह हर रोज तिलक के साथ गुरुवार को स्कूल पहुंचे। शिक्षक फिरोज अली ने स्कूल में उक्त छात्र का तिलक मिटा दिया (Chatra school controversy)। इसकी सूचना बाहर के लोगों तक पहुंची तो हिंदू संगठन के लोग भड़क गए। प्राचार्य ने अभिभावक उपेंद्र सिंह व छात्रा को कमरे में बुलाकर समझाने का प्रयास किया.

India

Sep 07 2023, 14:52

सनातन विवाद पर बेटे उदयनिधि के समर्थन में उतरे सीएम एमके स्टालिन, पीएम मोदी पर साधा निशाना

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तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। उदयनिधि के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में बवाल मचा हुआ है। सनातन धर्म पर दिए गए उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद उनके पिता और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन उनके समर्थन में उतर आए हैं। इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। एमके स्टालिन ने कहा है कि उदयनिधि ने सनातन धर्म पर अपने विचार रखे हैं, जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री का इस पर सीधे जवाब देने का निर्देश देना गलत है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाले सनातन सिद्धांतों पर अपने विचार रखे थे। उनका किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उदयनिधि ने सनातन विचारों वाले लोगों के नरसंहार का कभी आह्वान नहीं किया था। यह भाजपा के लोग हैं, जो एक झूठी कहानी फैला रहे हैं। 

पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

तमिलनाडु के सीएम ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। कहा कि खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि उदयनिधि की टिप्पणियों को उनके मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान उचित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह सुनना बहुत निराशाजनक है। प्रधानमंत्री के पास किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान होकर बोल रहे हैं या वह जानबूझकर ऐसा कर रहे?

मोहन भागवत से सलाह लेने की सलाह

इतना ही नहीं एमके स्टालिन ने कहा कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भी ये बयान दिया है कि हमने अपने ही लोगों को सामाजिक सिस्टम में पीछे छोड़ दिया है, हमने 2000 साल तक उनकी कोई परवाह नहीं की। जबतक हम उन्हें बराबरी पर नहीं लाते हैं, तबतक विशेष छूट देनी जरूरी है इन्हीं में से एक आरक्षण भी है। तमिलनाडु के सीएम ने लिखा कि अगर भाजपा ये समझना चाहती है कि उदयनिधि ने आखिर क्या बात की है, उन्हें मोहन भागवत से सलाह लेनी चाहिए।

क्या कहा था उदयनिधि ने?

उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि ने कहा- जिस तरह मलेरिया और कोरोना को खत्म किया जाना जरूरी है उसी तरह सनातन भी है। उदयनिधि के इस कमेंट पर बीजेपी आईटे सेल हेड अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा - उदयनिधि की बातों से यह लगता है कि सनातन को मानने वाली 80 प्रतिशत आबादी का नरसंहार कर दो।

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Aug 29 2023, 19:59

इसरो चीफ के मंदिर जाने पर बढ़ा विवाद, जानें एस. सोमनाथ ने विरोधियों को कैसे दिया जवाब

#thecontroversyovertheworshipofisro_chief

चांद पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) चीफ एस सोमनाथ ने मंदिर जाकर पूजा की। एस सोमनाथ ने चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के पूर्व तिरुपति मंदिर जा कर पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद जब चंद्र मिशन पूरा हुआ तो वे केरल के विक्षिंजम में स्थित पौर्णामिकावू मंदिर में अपने आराध्य का आभार जताने पहुंचे। उनकी तस्वीरें वायरल हो गईं और सोशल मीडिया पर एक नया विवाद शुरू हो गया। इंटरनेट यूजर्स के एक वर्ग द्वारा 'विज्ञान बनाम धर्म' की बहस छिड़ गई। अब इस पर उन्होंने जवाब दिया है।एस सोमनाथ ने कहा है कि यह उनका निजी मामला है और मंदिर जाने से चंद्रयान-3 का कोई लेना देना नहीं है।

विज्ञान और अध्यात्म दोनों अलग-अलग-एस सोमनाथ

इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने आस्था पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए कहा कि अध्यात्म और विज्ञान एक-दूसरे से अलग हैं। ऐसे में विज्ञान और अध्यात्म को मिलाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने केरल के मंदिर जाने पर कहा कि मैं यहां पर इसलिए आया हूं, क्योंकि मंदिर से मुझे आध्यात्मिक बल मिलता है।सोमनाथ ने उपासना स्थलों पर जाने और प्रार्थना करने को तनाव से मुक्ति का तरीका बताया। उन्होंने कहा, प्रार्थना मानसिक संतोष के लिए की जाती है। जब हम जटिल वैज्ञानिक मिशन पर काम कर रहे हैं तो कई बाधाएं और समस्याएं होती हैं और किसी भी समय चीजें गलत हो सकती हैं। ऐसे में मन को शांत रखने के लिए प्रार्थना और पूजा मदद करती हैं।इसके चलते मैं अपने बाकी के काम भी सफलतापूर्वक कर पाता हूं। उन्होंने कहा कि मैं तो बचपन से ही मंदिर जाता रहा हूं और इसका चंद्रयान से कोई लेना-देना नहीं है। यह मेरा बेहद निजी मामला है।

विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों का पता लगाना मेरे जीवन का हिस्सा-एस सोमनाथ

सोमनाथ इसरो के अध्यक्ष के रूप में चंद्रयान -3 मिशन के नायक हैं। भारत अब एक खास अंतरिक्ष क्लब का हिस्सा है, जो चंद्रमा पर उतरा है। इस बड़ी सफलता के बाद इसरो प्रमुख ने केरल के एक मंदिर में पूजा-अर्चना की। जब एस. सोमनाथ से इसके बारे में पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा, "मैं एक खोजकर्ता हूं। मैं चंद्रमा के बारे में अनुसंधान करता हूं। मैं आंतरिक ज्ञान का पता लगाता हूं। विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों का पता लगाना मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है।मैं कई मंदिरों का दौरा करता हूं और कई धर्मग्रंथ पढ़ता हूं। मैं इसका अर्थ खोजने की कोशिश करता हूं कि हमारा अस्तित्व और इस ब्रह्मांड में हमारी यात्रा कहां तक है।

India

Jun 19 2023, 15:50

आदिपुरुष पर बवाल जारी, चौतरफा घिरे राइटर मनोज मुंतशिर ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

#manoj_muntashir_shukla_demands_secruty_amid_controversy

आदिपुरुष फिल्म पर बवाल जारी है। आदिपुरुष के संवादों को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।इस बीच फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। मनोज मुंतशिर खुद को खतरे का अंदेशा जताते हुए मुंबई पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, वह मुंतशिर की अर्जी पर विचार करने के बाद सुरक्षा मुहैया करवाने पर फैसला लेगी।

बता दें कि आदिपुरुष की रिलीज़ के बाद से फिल्म के डायलॉग को लेकर लगातार मनोज मुंतशिर निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं। मनोज ने ही इस फिल्म के सभी डायलॉग लिखे हैं। हालांकि भावनाओं के आहत होने की बात सामने आने के बाद मनोज मुंतशिर ने डायलॉग बदलने की बात कही है।

प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म आदिपुरुष शुक्रवार यानी 16 जून को रिलीज हुई थी। फिल्म इन दिनों हर तरफ चर्चा में है।फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल तो मचा रही है। हालांकि,दूसरी ओर आदिपुरुष में दिखाए गए संवादों को लेकर देशभर में इसका विरोध भी हो रहा है।फिल्म पर बैन लगाने की भी मांग उठ रही है।

कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की, तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया, जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे, जैसे कुछ डायलॉग्स को लेकर लोगों ने आपत्ती जताई है। कई लोगों का कहना है कि इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं।

WestBengalBangla

May 09 2024, 10:04

নেপালের ১০০ টাকার নোট নিয়ে ভারতে তোলপাড় কেন?
#controversy_over_map_of_nepal_new_rs_100_note



এসবি নিউজ ব্যুরো: সম্প্রতি নেপাল সরকার ১০০ টাকার নতুন নোট প্রকাশ করেছে। কিন্তু নোট প্রকাশের পরই আমাদের দেশের কূটনৈতিক মহল প্রতিবাদ করেছে। কারণ নেপাল যে নতুন নোট প্রকাশের ঘোষণা করেছে তাতে একটি মানচিত্র রয়েছে। যেখানে ভারতের ৩ টি এলাকাকে নিজেদের বলে ঘোষণা করা হয়েছে। সেই মানচিত্রে লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালাপানির বিতর্কিত এলাকা অন্তর্ভুক্ত করা হয়েছে।
উল্লেখ্য,নেপাল এর আগে কখনও এমন ধৃষ্টতা দেখায়নি ।চীনের পৃষ্ঠপোষকতায় নেপাল এর আগেও ভারতের দিকে তার "দুষ্ট নজর" রেখেছে। যদিও ভারত ইতিমধ্যেই এসব এলাকাকে কৃত্রিমভাবে সম্প্রসারিত বলে অভিহিত করেছে। নেপালের প্রধানমন্ত্রী প্রচণ্ডের নেতৃত্বাধীন নেপাল সরকার ১০০ টাকার নোটটিকে নতুনভাবে ডিজাইন করার এবং এর পটভূমিতে মুদ্রিত পুরানো মানচিত্র পরিবর্তন করার অনুমোদন দিয়েছে। নেপাল থেকে নোটে দেখানো হবে ভারতের এলাকা অবৈধ সিদ্ধান্তের আনুষ্ঠানিক ঘোষণাও দেওয়া হয়েছে। এই নোটগুলিতে, নেপালের নতুন মানচিত্রটি দেখানো হবে, যা এটি 18 জুন, 2020 এ প্রকাশিত হয়েছিল। যার মধ্যে লিপুলেখ, কালাপানি এবং লিম্পিয়াধুরার নাম ছিল। মন্ত্রিসভার সিদ্ধান্তের বিষয়ে তথ্য দিয়ে, নেপাল সরকারের মুখপাত্র এবং তথ্য ও যোগাযোগ মন্ত্রী রেখা শর্মা সংবাদ মাধ্যমকে বলেছেন, "প্রধানমন্ত্রী পুষ্পকমল দাহলের সভাপতিত্বে মন্ত্রী পরিষদের বৈঠকে 'প্রচণ্ড'100 টাকার নোটে নেপালের একটি নতুন মানচিত্র ছাপানোর সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছিল, যাতে লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালাপানি দেখানো হবে।” তিনি বলেন, “আমাদের পুরানো 100 টাকার নোট ফুরিয়ে যেতে চলেছে। যেহেতু আগের নকশায় একটি পুরানো মানচিত্র ছিল, আমরা যখন এটি মুদ্রণ করি তখন মনে হয়েছিল যেন আমরা নতুন মানচিত্র সম্পর্কে জানি না।"
*ভারতের প্রতিক্রিয়া*
এই পদক্ষেপের প্রতিক্রিয়ায় ভারতের পররাষ্ট্রমন্ত্রী এস জয়শঙ্কর নেপালের বিতর্কিত ভারতীয় অঞ্চলগুলিকে তার নতুন 100 টাকার নোটে রাখার সিদ্ধান্তের সাথে দ্বিমত প্রকাশ করেছে। তিনি বলেছেন ,এই বিষয়ে ভারতের অবস্থান স্পষ্ট এবং নেপাল তার নিজের ইচ্ছায় পদক্ষেপ নিয়েছে। তিনি আরও উল্লেখ করেছেন যে যদিও উভয় দেশ সীমান্ত ইস্যুতে কথা বলছে, নেপালের পদক্ষেপ মাটিতে কিছু পরিবর্তন করবে না। তিনি বলেন, ওই রিপোর্ট দেখেছি।  আমি মনে করি আমাদের অবস্থান খুবই পরিষ্কার। নেপালের সাথে, আমরা একটি প্রতিষ্ঠিত ফোরামের মাধ্যমে আমাদের সীমান্ত বিষয়গুলি নিয়ে আলোচনা করছিলাম এবং তারপরে তারা একতরফাভাবে সিদ্ধান্ত নিয়েছিল। কিন্তু তাদের পক্ষ থেকে কিছু করে তারা আমাদের মধ্যকার পরিস্থিতি বা বাস্তবতা বদলাতে যাচ্ছে না।
*নেপাল 2020 সালে মানচিত্র আপডেট করেছে*
18 জুন, 2020-এ, নেপাল তার সংবিধান সংশোধন করেছে এবং তিনটি কৌশলগতভাবে গুরুত্বপূর্ণ যুক্ত করেছেলিপুলেখ, কালাপানি ও লিম্পিয়াধুরা এলাকা অন্তর্ভুক্ত করে দেশের রাজনৈতিক মানচিত্র হালনাগাদ করার প্রক্রিয়া সম্পন্ন হয়। এ নিয়ে কড়া প্রতিক্রিয়া জানিয়েছে ভারত। ভারত একে "একতরফা কাজ" বলে বর্ণনা করেছিল, বলেছিল যে "নেপালের আঞ্চলিক দাবির 'কৃত্রিম পরিবর্ধন' টেকসই নয়।"
*আসলে বিতর্ক কোথায়?* ভারতের সঙ্গে নেপালের সীমান্ত ১৮৫০ কিলোমিটার হলেও যে ভূমি নিয়ে বিরোধ রয়েছে তার আয়তন প্রায় ৩০০ বর্গকিলোমিটার।এটা একটা টুকরো। এখানেই লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালা পানির এলাকা রয়েছে যা ভারতের অন্তর্গত কিন্তু নেপালের উপর শকুনের নজর রয়েছে। এর পেছনেও চীনের মস্তিষ্ক রয়েছে বলে জানা গেছে। প্রকৃতপক্ষে, ভারত, নেপাল এবং চীন সীমান্তবর্তী এলাকায় নদী দিয়ে গঠিত একটি উপত্যকা রয়েছে, যা নেপাল ও ভারতে প্রবাহিত মহাকালী নদীর উৎপত্তিস্থল। এই এলাকাকে কালো জলও বলা হয়। লিপুলেখ পাসও এখানে এবং এখান থেকেউত্তর-পশ্চিম দিকে কিছু দূরত্বে আরেকটি গিরিপথ রয়েছে যাকে লিম্পিয়াধুরা বলে।

India

May 08 2024, 15:46

नेपाल के 100 रुपए के नोट पर भारत में क्यों मचा है “बवाल”?

#controversyovermapofnepalnewrs100note 

नेपाल ने 100 रुपए का नया नोट जारी करने की घोषणा की। पड़ोसी देश की इस घोषणा से भारत “भड़क” गया है। दरअसल, नेपाल ने जिस नए नोट को जारी करने की घोषणा का है, उसमें एक नक्शा शामिल है। जिसमें भारत के तीन इलाकों को अपना बताया गया है। उस नक्शे में लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के विवादास्पद क्षेत्र शामिल हैं। वैसे बता दें कि नेपाल ने पहली बार ऐसी हिमाकत नहीं की है। चीन की छत्रछाया में नेपाल ने भारत पर अपनी “नापाक नजर” पहले भी डाली है। हालांकि, भारत पहले ही इन क्षेत्रों को कृत्रिम रूप से विस्तारित करार दे चुका है। 

बता दें कि प्रधानमंत्री प्रचंड की अगुआई वाली नेपाल की सरकार ने 100 रुपए के नोट को फिर डिजाइन करने और उसके बैकग्राउंड में छपे पुराने मैप को बदलने की मंजूरी दी गई है। नेपाल की ओर से नोट में भारत के इलाके दिखाए जाने वाले अवैध फैसले का औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया है। इन नोट में नेपाल का वो नया नक्शा दिखाया जाएगा, जो उसने 18 जून, 2020 को जारी किया था। जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा के नाम शामिल थे। नेपाल सरकार की प्रवक्ता और सूचना एवं संचार मंत्री रेखा शर्मा ने कैबिनेट फैसले के बारे में जानकारी देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया, "प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल का नया नक्शा छापने का निर्णय लिया गया, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा।" उन्होंने कहा, "हमारे पास 100 के पुराने नोट खत्म होने वाले हैं. चूंकि पिछले डिज़ाइन में पुराना नक़्शा था, इसलिए जब हमने उसे छापा तो ऐसा लगा जैसे हमें नए नक़्शे के बारे में मालूम नहीं है।"

भारत की प्रतिक्रिया

इस कदम की प्रतिक्रिया में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विवादित भारतीय क्षेत्रों को अपने नए 100 रुपये के नोट पर डालने के नेपाल के फैसले से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि इस पर भारत की स्थिति स्पष्ट है और नेपाल ने अपनी मर्जी से कार्रवाई की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भले ही दोनों देश सीमा मुद्दों पर बात कर रहे हैं, लेकिन नेपाल की कार्रवाई से जमीनी स्तर पर चीजें नहीं बदलेंगी। उन्होंने कहा, मैंने वह रिपोर्ट देखी। मैंने इसे विस्तार से नहीं देखा है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। नेपाल के साथ, हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपनी सीमा मामलों पर चर्चा कर रहे थे और फिर उसके बीच में, उन्होंने एकतरफा फैसला किया। लेकिन अपनी तरफ से कुछ करने से वे हमारे बीच की स्थिति या जमीनी हकीकत को बदलने वाले नहीं हैं।

2020 में नेपाल ने अपडेट किया था नक्शा

18 जून 2020 को नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन करके रणनीतिक रूप से महत्वपूर्व तीन क्षेत्रों लिपुलेख, कालापनी और लिंपियाधुरा को शामिल करके देश के राजनीतिक मानचित्र को अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी की थी। इस पर भारत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भारत ने इसे "एकतरफा कृत्य" बताते हुए कहा था कि "नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों का 'कृत्रिम विस्तार' अस्थिर है।"

आखिर कहां है विवाद?

वैसे तो भारत के साथ नेपाल की सीमा 1850 किलोमीटर की है, लेकिन जिस जमीन को लेकर विवाद है वो करीब 300 वर्ग किलोमीटर का टुकड़ा है। यहीं पर लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और काला पानी का वो इलाका मौजूद है जो है तो भारत का लेकिन इस पर नेपाल की गिद्ध दृष्टि है. इसके पीछे भी दिमाग चीन का बताया जा रहा है। दरअसल भारत नेपाल और चीन सीमा से लगे इलाके में नदियों से मिलकर बनी एक घाटी है, जो नेपाल और भारत में बहने वाली महाकाली नदी का उद्गम स्थल है। इस इलाके को काला पानी भी कहते हैं। यहीं पर लिपुलेख दर्रा भी है और यहां से उत्तर-पश्चिम की तरफ कुछ दूरी पर एक और दर्रा है, जिसे लिम्पियाधुरा कहते हैं।

Streetbuzznews

Mar 29 2024, 13:51

Courier Services Suspended for Vihaan Direct Selling Amid Fraud Allegations.

The courier services of India Post as well as Blue Dart have dealt a huge blow to the Indian franchisee of the controversial multi-level marketing (MLM) scheme, QNet, called Vihaan Direct Selling (India) Pvt Ltd. The MLM entity is facing numerous allegations of fraud and legal scrutiny. These challenges are further complicated by a recent decision by India Post and Blue Dart to withhold their services from Vihaan Direct Selling.

There was a directive from Registrar of Companies (ROC), ordering that courier services be suspended for Vihaan Direct Selling due to its engagement in numerous criminal cases and legal actions. This development signifies growing anxiety over company operations and likely consequences affecting consumers.

At the heart of the controversy are some severe fraud allegations amounting to an astounding ₹1 billion against this firm, Vihaan Direct Selling, and its affiliates. Consequently, the Enforcement Directorate (ED) has moved in by blocking any financial transactions via 36 bank accounts linked with Vihaan Direct Selling valued at above Rs 90 crores as part of money laundering probe. Legal actions however including cases filed by ED have addressed issues related to fraud against Vihaan Direct Selling particularly on Rs425 crore scam which is known as QNet case.

Government bodies have tightened the screws on Vihaan Direct Selling; consumer affairs and corporate affairs have commenced winding-up proceedings against this company. The extent of fraud committed by Vihaan Direct Selling has significantly been emphasized through judicial observations, especially by Judge Mridula Bhatkar of Bombay High Court.

In spite of legal and regulatory interventions, Vihaan Direct Selling continues to operate in multi-level marketing (MLM), which hampers consumer protection efforts. The company also suffered a major blow when courier services were halted. With increasing fraud allegations and hardening regulatory actions, the destiny of its operations hangs in balance, making it a milestone moment for MLM industry and initiatives aimed at safeguarding customers.

India

Mar 12 2024, 14:13

सेला टनल को लेकर चीन ने जताया विरोध,कहा-भारत को वहां जबरन विकास का हक नहीं, पीएम के अरुणाचल दौरे पर भी आपत्ति

#china_pm_modi_arunachal_pradesh_visit_controversy

चीन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे पर विरोध जताया है। पीएम मोदी ने यहां 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का इनॉग्रेशन किया था। चीन को इस बात पर मिर्ची लगी है। चीन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमारा हिस्सा है।साथ ही चीन ने पीएम नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे का भी विरोध जताया है।चीन का कहना है कि भारत के इस कदम से सीमा विवाद और जटिल होगा

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा- भारत के कदम एलएसी पर तनाव को बढ़ावा देने वाले हैं। वांग ने अरुणाचल प्रदेश का नाम जांगनान बताया और कहा- यह चीनी क्षेत्र है। हमारी सरकार ने कभी भी गैर-कानूनी तरीके से बसाए गए अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। हम आज भी इसका विरोध करते हैं। यह चीन का हिस्सा है और भारत मनमाने ढंग से यहां कुछ भी नहीं कर सकता है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, भारत के संबद्ध कदम सीमा विवाद को केवल (और) जटिल करेंगे। चीन, चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड का प्रधानमंत्री द्वारा किये गए दौरे का दृढ़ता से विरोध करता है। वांग ने कहा, हमने भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया है।

बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सेला सुरंग राष्ट्र को समर्पित किया था। यह सुरंग सामरिक महत्व रखने वाले तवांग तक हर मौसम में सड़क संपर्क मुहैया कराएगी। इससे सीमांत क्षेत्र में सैनिकों की सुगमता से आवाजाही सुनिश्चित होने की भी उम्मीद है।असम के तेजपुर को अरुणाचल के पश्चिम कामेंग जिले से जोड़ने वाली सड़क पर यह सुरंग बनाई गई है। इसे इतनी ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सड़क सुरंग बताया जा रहा है।

यह पहली मर्तबा नहीं है जब चीन ने भारत के इस हिस्से पर अपना दावा जताया है। इससे पहले भी वह लगातार अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता रहा है।अरुणाचल प्रदेश के अलावा चीन अक्साई चिन और लद्दाख को भी अपना हिस्सा बताता है। पिछले साल 28 अगस्त को चीन ने अपना एक ऑफिशियल मैप जारी किया था। इसमें उसने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को अपना इलाका बताया था।चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।

India

Jan 29 2024, 19:53

कर्नाटक में हनुमान ध्वज हटाने पर बवाल, बीजेपी और जेडीएस के साथ हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन, बढ़ाई गई सुरक्षा

#karnatakahanumanflag_controversy

कर्नाटक के मांड्या में हनुमान ध्वज को हटाने को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। दरअसल, मांड्या जिले के एक गांव में स्तंभ पर हनुमान ध्वज फहराया गया था। मांड्या जिला प्रशासन ने इस झंडे को उतरवा दिया।प्रशासन की ओर से हनुमान ध्वज हटाकर उसकी जगह राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया था।इस घटना पर राजनीतिक घमासान देखा जा रहा है। बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मांड्या में हनुमान ध्वज के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

मंड्या जिले के केरेगोडु गांव में एक राम मंदिर है जिसे रंग मंदिर भी कहा जाता है। पिछले कई सालों से उस मंदिर के सामने एक 108 फुट ऊंचा स्तंभ है जिसपर पर हनुमान धव्ज लहराता है। मगर बीते रविवार को जिला प्रशासन ने अधिकारी उस स्तंभ से हनुमान ध्वज को उतारने के लिए मंदिर के बाहर बने स्तंभ के पास पहुंचे। प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग नाराज हो गए और इसका विरोध करने के लिए वहां पर भारी संख्या में पहुंच गए। प्रशासन ने नाराज लोगों की भीड़ की वहां से हटाने के लिए लोगों पर लाठी चार्ज किया और इसके बाद स्तंभ से हनुमान ध्वज हटाकर वहां तिरंगा फहरा दिया।

फिर हनुमान ध्वज फहराने की मांग

जिला प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग काफी नाराज हैं। कोरेगोडू गांव के लोगों ने अपनी नाराजगी जताने के लिए गांव से लेकर कलेक्टर ऑफिस तक मार्च किया। इस मार्च का नेतृत्व भाजपा के पूर्व विधायक प्रतीम गौडा ने किया। इतना ही नहीं भाजपा ने इस घटना के खिलाफ राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में भी विरोध किया।न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ग्रामीण एक बार फिर हनुमान ध्वज फहराने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल कुछ नेताओं ने कहा कि जब तक हनुमान ध्वज दोबारा नहीं फहराया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

तैनात की गई है पुलिस बल की बड़ी टुकड़ी

फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण हैं लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है. केरागोडु और आसपास के गांवों के लोग, बीजेपी, जेडीएस और बजरंग दल समेत अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध जारी रखा है, इसलिए एहतियात के तौर पर पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है। 

राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं- सिद्धारमैया

इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हनुमान ध्वज हटाए जाने के प्रशासन के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर मौजूद पोल पर भगवा के बजाय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ग्राम पंचायत से राष्ट्रीय ध्वज और कर्नाटक का राजकीय झंडा फहराने की अनुमति मांगी गई थी तो इसके बदले दूसरा झंडा फहराना गलत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति को राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं है। उन्हें राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'यह सही नहीं है। मैंने संबंधित अधिकारियों से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कहा है।'

India

Jan 08 2024, 10:58

पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी के बाद भारत का सख्त रुख, मालदीव के उच्चायुक्त को किया तलब

#maldives_india_controversy_india_summons_maldives_high_commissioner

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपमानजनक बयान को लेकर जारी विवाद के बीच भारत ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने भारत में मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब को तलब किया है।मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब दिल्ली के साउथ ब्लॉक में विदेश मंत्रालय पहुंचे। भारत ने पीएम मोदी के खिलाफ बयानों पर मंत्रियों की टिप्पणियों को लेकर सख्त नाराजगी जताई है।इस संबंध में विदेश मंत्रालय स्टेटमेंट जारी करेगा।

दरअसल, पीएम मोदी ने पिछले दिनों लक्षद्वीप की यात्रा की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीरें शेयर की थीं और भारतीयों से इस केंद्रशासित राज्य को अपने टूरिस्ट डेस्टिनेशन लिस्ट में शामिल करने की अपील की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया था कि यह मालदीव के लिए झटका होगा। सोशल मीडिया पर भारतीयों द्वारा इस दावे से भड़के मालदीव के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की यात्रा का मजाक उड़ाया था और उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद भारत के लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि देश में अभियान शुरू हो गया।

लक्षद्वीप यात्रा को लेकर पीएम मोदी पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव सरकार ने रविवार को अपने तीन मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को निलंबित कर दिया। इतना ही नहीं सरकार ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। मालदीव सरकार ने मंत्रियों के बयान को निजी बताया।मंत्री की टिप्पणी मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

इस बीच EaseMyTrip ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशांत पिट्टी ने बताया मालदीव के लिए सभी फ्लाइट बुकिंग को बंद कर दिया गया है।

Jharkhand_News

Dec 18 2023, 15:34

शिक्षक ने छात्र के माथे पर लगे टीके को मिटवाया तो हुआ बवाल|

Ranchi | 22-Apr-2023

चतरा जिले के पिपरवार स्थित एक निजी स्कूल में एक छात्रा का तिलक हटाए जाने पर बवाल हो गया. घटना से आक्रोशित विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल परिसर के अंदर जमकर हंगामा किया.


आठवीं के छात्र सनी कुमार के अनुसार। डीएवी पब्लिक स्कूल बाछरा की क्लास, पिता उपेंद्र सिंह की तरह हर रोज तिलक के साथ गुरुवार को स्कूल पहुंचे। शिक्षक फिरोज अली ने स्कूल में उक्त छात्र का तिलक मिटा दिया (Chatra school controversy)। इसकी सूचना बाहर के लोगों तक पहुंची तो हिंदू संगठन के लोग भड़क गए। प्राचार्य ने अभिभावक उपेंद्र सिंह व छात्रा को कमरे में बुलाकर समझाने का प्रयास किया.

India

Sep 07 2023, 14:52

सनातन विवाद पर बेटे उदयनिधि के समर्थन में उतरे सीएम एमके स्टालिन, पीएम मोदी पर साधा निशाना

#tamil_nadu_cm_mk_stalin_breaks_silence_on_sanathana_dharma_controversy

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। उदयनिधि के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में बवाल मचा हुआ है। सनातन धर्म पर दिए गए उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद उनके पिता और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन उनके समर्थन में उतर आए हैं। इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। एमके स्टालिन ने कहा है कि उदयनिधि ने सनातन धर्म पर अपने विचार रखे हैं, जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री का इस पर सीधे जवाब देने का निर्देश देना गलत है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाले सनातन सिद्धांतों पर अपने विचार रखे थे। उनका किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उदयनिधि ने सनातन विचारों वाले लोगों के नरसंहार का कभी आह्वान नहीं किया था। यह भाजपा के लोग हैं, जो एक झूठी कहानी फैला रहे हैं। 

पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

तमिलनाडु के सीएम ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। कहा कि खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि उदयनिधि की टिप्पणियों को उनके मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान उचित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह सुनना बहुत निराशाजनक है। प्रधानमंत्री के पास किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान होकर बोल रहे हैं या वह जानबूझकर ऐसा कर रहे?

मोहन भागवत से सलाह लेने की सलाह

इतना ही नहीं एमके स्टालिन ने कहा कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भी ये बयान दिया है कि हमने अपने ही लोगों को सामाजिक सिस्टम में पीछे छोड़ दिया है, हमने 2000 साल तक उनकी कोई परवाह नहीं की। जबतक हम उन्हें बराबरी पर नहीं लाते हैं, तबतक विशेष छूट देनी जरूरी है इन्हीं में से एक आरक्षण भी है। तमिलनाडु के सीएम ने लिखा कि अगर भाजपा ये समझना चाहती है कि उदयनिधि ने आखिर क्या बात की है, उन्हें मोहन भागवत से सलाह लेनी चाहिए।

क्या कहा था उदयनिधि ने?

उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि ने कहा- जिस तरह मलेरिया और कोरोना को खत्म किया जाना जरूरी है उसी तरह सनातन भी है। उदयनिधि के इस कमेंट पर बीजेपी आईटे सेल हेड अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा - उदयनिधि की बातों से यह लगता है कि सनातन को मानने वाली 80 प्रतिशत आबादी का नरसंहार कर दो।

India

Aug 29 2023, 19:59

इसरो चीफ के मंदिर जाने पर बढ़ा विवाद, जानें एस. सोमनाथ ने विरोधियों को कैसे दिया जवाब

#thecontroversyovertheworshipofisro_chief

चांद पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) चीफ एस सोमनाथ ने मंदिर जाकर पूजा की। एस सोमनाथ ने चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के पूर्व तिरुपति मंदिर जा कर पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद जब चंद्र मिशन पूरा हुआ तो वे केरल के विक्षिंजम में स्थित पौर्णामिकावू मंदिर में अपने आराध्य का आभार जताने पहुंचे। उनकी तस्वीरें वायरल हो गईं और सोशल मीडिया पर एक नया विवाद शुरू हो गया। इंटरनेट यूजर्स के एक वर्ग द्वारा 'विज्ञान बनाम धर्म' की बहस छिड़ गई। अब इस पर उन्होंने जवाब दिया है।एस सोमनाथ ने कहा है कि यह उनका निजी मामला है और मंदिर जाने से चंद्रयान-3 का कोई लेना देना नहीं है।

विज्ञान और अध्यात्म दोनों अलग-अलग-एस सोमनाथ

इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने आस्था पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए कहा कि अध्यात्म और विज्ञान एक-दूसरे से अलग हैं। ऐसे में विज्ञान और अध्यात्म को मिलाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने केरल के मंदिर जाने पर कहा कि मैं यहां पर इसलिए आया हूं, क्योंकि मंदिर से मुझे आध्यात्मिक बल मिलता है।सोमनाथ ने उपासना स्थलों पर जाने और प्रार्थना करने को तनाव से मुक्ति का तरीका बताया। उन्होंने कहा, प्रार्थना मानसिक संतोष के लिए की जाती है। जब हम जटिल वैज्ञानिक मिशन पर काम कर रहे हैं तो कई बाधाएं और समस्याएं होती हैं और किसी भी समय चीजें गलत हो सकती हैं। ऐसे में मन को शांत रखने के लिए प्रार्थना और पूजा मदद करती हैं।इसके चलते मैं अपने बाकी के काम भी सफलतापूर्वक कर पाता हूं। उन्होंने कहा कि मैं तो बचपन से ही मंदिर जाता रहा हूं और इसका चंद्रयान से कोई लेना-देना नहीं है। यह मेरा बेहद निजी मामला है।

विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों का पता लगाना मेरे जीवन का हिस्सा-एस सोमनाथ

सोमनाथ इसरो के अध्यक्ष के रूप में चंद्रयान -3 मिशन के नायक हैं। भारत अब एक खास अंतरिक्ष क्लब का हिस्सा है, जो चंद्रमा पर उतरा है। इस बड़ी सफलता के बाद इसरो प्रमुख ने केरल के एक मंदिर में पूजा-अर्चना की। जब एस. सोमनाथ से इसके बारे में पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा, "मैं एक खोजकर्ता हूं। मैं चंद्रमा के बारे में अनुसंधान करता हूं। मैं आंतरिक ज्ञान का पता लगाता हूं। विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों का पता लगाना मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है।मैं कई मंदिरों का दौरा करता हूं और कई धर्मग्रंथ पढ़ता हूं। मैं इसका अर्थ खोजने की कोशिश करता हूं कि हमारा अस्तित्व और इस ब्रह्मांड में हमारी यात्रा कहां तक है।

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Jun 19 2023, 15:50

आदिपुरुष पर बवाल जारी, चौतरफा घिरे राइटर मनोज मुंतशिर ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

#manoj_muntashir_shukla_demands_secruty_amid_controversy

आदिपुरुष फिल्म पर बवाल जारी है। आदिपुरुष के संवादों को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।इस बीच फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। मनोज मुंतशिर खुद को खतरे का अंदेशा जताते हुए मुंबई पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, वह मुंतशिर की अर्जी पर विचार करने के बाद सुरक्षा मुहैया करवाने पर फैसला लेगी।

बता दें कि आदिपुरुष की रिलीज़ के बाद से फिल्म के डायलॉग को लेकर लगातार मनोज मुंतशिर निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं। मनोज ने ही इस फिल्म के सभी डायलॉग लिखे हैं। हालांकि भावनाओं के आहत होने की बात सामने आने के बाद मनोज मुंतशिर ने डायलॉग बदलने की बात कही है।

प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म आदिपुरुष शुक्रवार यानी 16 जून को रिलीज हुई थी। फिल्म इन दिनों हर तरफ चर्चा में है।फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल तो मचा रही है। हालांकि,दूसरी ओर आदिपुरुष में दिखाए गए संवादों को लेकर देशभर में इसका विरोध भी हो रहा है।फिल्म पर बैन लगाने की भी मांग उठ रही है।

कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की, तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया, जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे, जैसे कुछ डायलॉग्स को लेकर लोगों ने आपत्ती जताई है। कई लोगों का कहना है कि इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं।