भ्रष्ट्राचार का जिता जागता उदाहरण आया सामने मनरेगा योजना में काम करने के उपरांत भी नही हो रहा है भुगतान।
उप विकास आयुक्त का आदेश को नही मानते मनरेगा कर्मी।
जहानाबाद जिले के हुलासग॑ज प्रखंड के मनरेगा योजना में भ्रष्ट्राचार का खुलम खुला खेल का मामला सामने आया है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के खुदौरी गांव निवासी रामजन्म ठाकुर ने वित्तीय वर्ष 2021- 22 में मनरेगा से पशु सेड का निर्माण कराया था। कार्य पूर्ण की मापी पुस्तिका मनरेगा जे ई द्वारा किया जा चुका है। कार्य की भुगतान के लिए मनरेगा कार्यालय का
चक्कर काट- काटकर थकने के बाद कमीशन की राशि 40% कटौती करने के बाद भुगतान की बात मनरेगा कर्मियों द्वारा की गई। राम जन्म ठाकुर ने बताया कि प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी एवं पंचायत रोजगार सेवक के खिलाफ 26 दिसंबर को आवेदन देकर इस मामले में लिखित शिकायत उप विकास आयुक्त के पास किया था।
उप विकास आयुक्त जहानाबाद द्वारा 26 दिसंबर को नोटिस जारी कर 30 दिसंबर को लाभुक रामजन्म ठाकुर, पंचायत रोजगार सेवक अशोक यादव एवं कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कृष्ण को सुनवाई के लिए बुलाया गया था। पर॑तु रोजगार सेवक के हौसला इतना बढ़ा कि उस सुनवाई में उपस्थित नहीं हो सका।
उसने बताया कि उप विकास आयुक्त महोदय ने मोबाइल से सम्पर्क करना चाहा तो हिम्मत इतना की पदाधिकारी से बात करना भी मुनासिब नहीं समझा।कार्यक्रम पदाधिकारी ने इस दौरान बताया कि उन्होंने वेंडर को भुगतान कर दिया है। मनरेगा पी ओ की बात सुनते ही उप विकास आयुक्त ने कार्यक्रम पदाधिकारी को फटकार लगाते हुए , लाभुक को एक सप्ताह के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया।
चौंकाने वाली खबर यह है कि आदेश का भी पालन करना पी ओ हुलासग॑ज पर कोई असर नहीं हुआ,और न भुगतान किया। पुनः 13 जनवरी को सुनवाई का आदेश दिया लेकिन इस सुनवाई में कार्यक्रम पदाधिकारी और पंचायत रोजगार सेवक नहीं उपस्थित हुए । पुनः 20 जनवरी को अगली सुनवाई का आदेश दिया लेकीन उस सुनवाई में सिर्फ रोजगार सेवक उपस्थित हुए। रोजगार सेवक ने भी सुनवाई में कार्यक्रम पदाधिकारी की बात को दुहराते नजर आए।
इस पर पुनः रोजगार सेवक को फटकार लगाते हुए एक सप्ताह के भीतर भूगतान का आदेश दिया। अगली सुनवाई 03 फरवरी को रखी गई उस सुनवाई में भी हुलासगंज मनरेगा कार्यालय से कोई उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद अगली सुनवाई 17 फरवरी को किया गया। जिसमें कार्यक्रम पदाधिकारी को दो दिन के अंदर लाभुक को भुगतान करने का आदेश डीडीसी ने दिया। अंतिम आदेश के एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी अब तक लाभुक रामजन्म ठाकुर को भूगतान नहीं मिला है। गौरतलब हो कि हुलासगंज प्रखंड के खुदौरी गांव के गरीब रामजन्म ठाकुर ने महाजन से कर्ज लेकर पशुपालन के लिए बनाए गए गौशाला का निर्माण करवाया है। 114469 रूपए मटेरियल के लिए लाभुक को भुगतान करना था। इस संबंध में लाभुक रामजन्म ठाकुर ने मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपशब्द कहते हुए उसे कार्यालय से निकाल दिया तथा कहा कि जिससे भी तुमको शिकायत करनी है तुम कर लो तुम्हारा पेमेंट भुगतान हो गया है अब तुम को पैसा नहीं मिलेगा। कमीशन नहीं देने का दंश लाभुक रामजन्म ठाकुर झेल रहा है। उसका कहना है कि मनरेगा कार्यालय भ्रष्टाचार और लूट का जगह बन गया है जहां पर गरीबों का शोषण किया जाता है। उसने महाजन से उधार लेकर पशु शेड का निर्माण कराया लेकिन योजना राशि का पैसा नहीं मिलने से उधार देने वाले लोग घर पर पैसे का तगादा कर रहे हैं। इस मामले में उसने बताया कि इसी गांव के अन्य लाभुक अभिराम शर्मा को घर आकर पशु शेड योजना का राशि चेक के रूप में पंचायत रोजगार सेवक अशोक कुमार दे गया लेकिन उसे पैसा देने से इंकार कर दिया।
उसने बताया कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो अपनी पत्नी के साथ वह मनरेगा कार्यालय के बाहर आत्मदाह कर लेगा। इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कृष्ण ने बताया कि 04 नवम्बर को ही वे भेंडर को भूगतान कर चुके हैं। ये पुछे जाने पर की वेंडर से लाभुक ने कोई सामग्री नहीं लिया तो भूगतान क्यों किए और डीडीसी द्वारा किए गए सुनवाई में हर बार आप भूगतान कर देने का समय क्यों मांगते हैं? इस पर चुपी साध गए।
जहानाबाद से बरुण कुमार
Feb 23 2023, 18:36