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विधानसभा में सीएम योगी का बड़ा बयान: यूपी में कोडीन कफ सिरप से कोई मौत नहीं, विपक्ष गुमराह कर रहा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में कोडीन कफ सिरप मामले पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश में कोडीन कफ सिरप से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। विपक्ष सदन और जनता को गुमराह कर रहा है। इस पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है और जांच की तह तक जाने पर समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आएगी।

विपक्ष गुमराह कर रहा : मुख्यमंत्री

सोमवार को शीतकालीन सत्र के दौरान प्रश्नकाल में विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री, जो सदन के नेता भी हैं, ने कहा कि सदस्य प्रश्न कुछ और पूछ रहे हैं और सदन में बात कुछ और कही जा रही है। मुद्दा नकली दवाओं से मौत का बताया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि कोडीन कफ सिरप से यूपी में किसी की मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियमों को पढ़कर आना चाहिए।

2016 में सपा सरकार ने जारी किया था लाइसेंस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एसटीएफ ने जिस होलसेलर को पकड़ा है, उसे वर्ष 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान लाइसेंस जारी किया गया था। यह मामला अवैध डायवर्जन से जुड़ा है, जिसमें कोडीन कफ सिरप को उन देशों तक पहुंचाया गया, जहां इस पर प्रतिबंध है।

अवैध डायवर्जन और गलत इस्तेमाल का मामला

सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि कोडीन कफ सिरप दवा है, जिस पर साफ लिखा होता है कि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से किया जाए। लेकिन कुछ लोगों ने इसका गलत इस्तेमाल किया और इसे अवैध रूप से सप्लाई किया। सरकार इस पूरे नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।

उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में

78 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है

प्रदेशभर में 134 फर्मों पर छापेमारी की गई है

225 अभियुक्तों को नामजद किया गया है

सपा नेताओं से जुड़े ट्रांजैक्शन की जांच

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जांच में सामने आया है कि लेन-देन समाजवादी पार्टी की लोहिया वाहिनी के एक पदाधिकारी के खाते से हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले की परतें खोली जाएंगी तो सपा का ही कोई न कोई व्यक्ति सामने आएगा।

एनडीपीएस एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कोर्ट में मजबूती से खड़ी है और इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे चलेंगे। आरोपियों के साथ सपा नेताओं की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। जो भी व्यक्ति इस मामले में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

“बुलडोजर कार्रवाई के लिए तैयार”

मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि बुलडोजर कहीं गया नहीं है, वह कार्रवाई के लिए तैयार खड़ा है। बुलडोजर चलने पर कोई परेशान न हो, लेकिन अपराधियों को जरूर डरना चाहिए।

सदन में हंगामा, सपा का विरोध प्रदर्शन

इससे पहले सोमवार सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कोडीन कफ सिरप का मामला उठाया। सपा सदस्य अतुल प्रधान ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। इसके बाद सपा सदस्यों ने वेल में पहुंचकर जोरदार विरोध किया।

चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया

सदन की कार्यवाही के बाद समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और कोडीन कफ सिरप समेत अन्य मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर तीखी राजनीतिक जंग के संकेत साफ नजर आए, वहीं मुख्यमंत्री ने दोहराया कि कानून अपना काम करेगा और दोषियों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसा, पिता-पुत्र समेत तीन की मौत
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर जिले के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह खड़े ट्रक में पीछे से आ रही तेज रफ्तार कार टकरा गई। हादसे में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हो गए। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा।

कार घने कोहरे के बीच पीछे से ट्रक में जा टकराई

जयसिंहपुर क्षेत्राधिकारी आर.के. चतुर्वेदी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के सेमरी चौकी दरपीपुर के पास माइलस्टोन 142.9 किलोमीटर पर बिहार जा रही भूसा से लदे एक ट्रक का एक्सल टूट गया था। इसकी वजह से ट्रक सड़क पर खड़ा था। इसी दौरान लखनऊ से आजमगढ़ जा रही एक आर्टिका कार घने कोहरे के बीच पीछे से ट्रक में जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।

कार में सवार अन्य छह लोगों का चल रहा इलाज

इस घटना में आजमगढ़ के सराय मीर थाना क्षेत्र के देवखर निवासी सिकंदर पुत्र हरिवंश और अजय पुत्र रामबली की मौके पर ही मौत हो गई। दोस्तपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने पर हरिवंश को भी मृत घोषित कर दिया गया। सिकंदर और हरिवंश दोनों पिता-पुत्र थे। कार में सवार अन्य छह लोगों का इलाज दोस्तपुर अस्पताल में चल रहा हैं, जबकि दो गंभीर रूप से घायल यात्रियों को अंबेडकर नगर अस्पताल रेफर किया गया। पुलिस ने परिजनों को घटना की सूचना दे दी। आगे की कार्रवाई की जा रही है।-
बिजनौर में डंपर से टकराई कार, मौलाना समेत चार की मौत
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के थाना नांगल क्षेत्र में नांगल हरिद्वार रोड पर देर रात में कार और डम्पर की टक्कर में माैलाना सहित चार लाेगाें की मौत हो गई। कार सवार लाेग एक दीनी जलसे में शामिल होने के बाद लौट रहे थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर दुर्घटना के कारणाें की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार राहतपुर खुर्द गांव में एक जलसा था जिसमें माैलाना कारी इकबाल प्रवचन करने आए थे। जलसे के बाद देर रात कुछ लाेग कारी इकबाल को छोड़ने राहतपुर से गांव सरायपुर छाेड़ने जा रहे थे। गांव जालपुर के निकट उनकी तेज रफ्तार कार आगे जा रहे डम्पर से टकरा गई।

दुर्घटना के बाद चालक डंपर छाेड़कर माैके से फरार

कार के एयरबैग्स नहीं खुलने से कार सवार माैलाना सहित चाराें लाेगाें की मौत हाे गई।हादसे की जानकारी होने पर ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्र हो गए और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने माैके पर पहुंचकर कार से शवाें को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। मृतकों की पहचान सरायपुर निवासी माैलाना कारी इकबाल पुत्र कबीर अहमद और अशफाक पुत्र मुशब्बीर, अहशताम पुत्र अहसान और सलाहुद्दीन पुत्र मुमताज के रूप में हुई है। यह तीनाें गांव राहतपुर निवासी थे। दुर्घटना के बाद चालक डंपर छाेड़कर माैके से फरार हाे गया। पुलिस ने डम्पर को कब्जे में लेकर फरार चालक की तलाश शुरू कर दी है।
स्तन कैंसर पर चौंकाने वाला खुलासा: युवा महिलाएं ज्यादा जोखिम में, बुजुर्गों में दिखी समय पर समझदारी
लखनऊ। स्तन कैंसर को लेकर उम्र के साथ लापरवाही नहीं बल्कि समझदारी बढ़ती दिख रही है। राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई के इंडोक्राइन एंड ब्रेस्ट सर्जरी विभाग द्वारा किए गए एक अहम अध्ययन में सामने आया है कि 70 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, कम उम्र की महिलाओं की तुलना में बीमारी के शुरुआती चरण में ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंच जाती हैं। इसके उलट 40 वर्ष से कम उम्र की बड़ी संख्या में महिलाएं देर से चिकित्सकीय मदद लेती हैं, जिससे उनकी जान को ज्यादा खतरा रहता है।

स्तन कैंसर पीड़ित 737 महिलाओं पर आधारित

यह अध्ययन वर्ष 2017 से 2021 के बीच पीजीआई में इलाज के लिए पहुंची स्तन कैंसर पीड़ित 737 महिलाओं पर आधारित है। इन महिलाओं की औसत आयु करीब 50 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने मरीजों को उम्र के आधार पर तीन वर्गों में बांटा—40 वर्ष से कम, 41 से 69 वर्ष और 70 वर्ष से अधिक। इसके बाद यह विश्लेषण किया गया कि महिलाएं बीमारी के किस चरण में अस्पताल पहुंचीं, इलाज के बाद उनका सर्वाइवल कितना रहा और कैंसर से मृत्यु दर क्या रही।

मृत्यु दर के आंकड़ों ने भी चौंकाया

अध्ययन के अनुसार, 70 वर्ष से अधिक आयु की 70.7 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर के शुरुआती चरण में ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंच गईं। वहीं 41 से 69 वर्ष के आयु वर्ग में यह आंकड़ा 54.5 प्रतिशत रहा। सबसे चिंताजनक स्थिति 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं की रही, जहां केवल 51.4 प्रतिशत मरीज ही शुरुआती अवस्था में अस्पताल पहुंच सकीं।मृत्यु दर के आंकड़ों ने भी चौंकाया। सबसे अधिक मौतें 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में दर्ज की गईं, जहां मृत्यु दर 12.9 प्रतिशत रही। 41 से 69 वर्ष के समूह में यह आंकड़ा 9.9 प्रतिशत और 70 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में 9.7 प्रतिशत दर्ज किया गया। हालांकि 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में औसतन जीवित रहने की अवधि कुछ कम रही, लेकिन समय पर इलाज के चलते मृत्यु दर अपेक्षाकृत कम पाई गई।

शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी भूल साबित होती

अध्ययन से जुड़े डॉक्टरों—डॉ. रिनेले मैसकरहेनेस, डॉ. एम. मायीलवेगनन, डॉ. ज्ञान चंद, डॉ. अंजलि मिश्रा और डॉ. गौरव अग्रवाल—का कहना है कि स्तन कैंसर की समय रहते पहचान और इलाज से मरीज के पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। डॉ. ज्ञान चंद के अनुसार, शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी भूल साबित होती है, खासकर युवा महिलाओं में।डॉक्टरों ने बताया कि स्तन में गांठ महसूस होना, त्वचा का सख्त या मोटा होना, निप्पल का अंदर की ओर धंसना, स्तन के रंग या आकार में बदलाव, त्वचा पर पपड़ी या छिलन जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय रहते जांच कराना जान बचा सकता है।

कम उम्र में मासिक धर्म शुरू होना

विशेषज्ञों के मुताबिक, स्तन कैंसर के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं, जिनमें आनुवंशिक जोखिम, हार्मोनल बदलाव, कम उम्र में मासिक धर्म शुरू होना, देर से रजोनिवृत्ति, अधिक उम्र में पहला बच्चा होना, मोटापा, असंतुलित जीवनशैली और बढ़ता प्रदूषण प्रमुख हैं। डॉक्टरों ने महिलाओं से अपील की है कि वे जागरूक रहें, नियमित जांच कराएं और किसी भी लक्षण पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
फर्जी डिग्री–मार्कशीट बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़,तीन गिरफ्तार
लखनऊ। राजधानी में पुलिस उपायुक्त पूर्वी की क्राइम, सर्विलांस और गोमतीनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़े और सनसनीखेज फर्जी शैक्षिक दस्तावेज रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाकर भोले-भाले छात्रों से लाखों रुपये ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 923 फर्जी मार्कशीट व प्रमाणपत्र, 15 फर्जी मुहरें, 65 मार्कशीट प्रिंटिंग पेपर, एक कार, 6 लैपटॉप, 5 मोबाइल फोन, चेकबुक और करीब 2 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

लंबे समय से चला रहे थे फर्जी डिग्री-मार्कशीट बनाने का रैकेट

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वी जोन की क्राइम व सर्विलांस टीम तथा गोमतीनगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ब्रजेश तिवारी की संयुक्त टीम ने रविवार को कार्रवाई करते हुए अयोध्या जिले के थाना पूरा कलंदर क्षेत्र के पलिया निवासी सत्येन्द्र द्विवेदी, उन्नाव के घाटमपुर निवासी अखिलेश कुमार और लखीमपुर-खीरी के ईशानगर निवासी सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी बेहद शातिर हैं और लंबे समय से अंतरराज्यीय स्तर पर फर्जी डिग्री–मार्कशीट का रैकेट चला रहे थे।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के नामी-गिरामी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के नाम पर फर्जी डिग्री और मार्कशीट तैयार करते थे। गिरोह भोले-भाले छात्रों को बिना पढ़ाई और मेहनत के डिग्री दिलाने का लालच देता था और इंजीनियरिंग, बीटेक, बीसीए, एमसीए, एमएससी, बीए समेत अन्य कोर्स की फर्जी डिग्री उपलब्ध कराता था। इसके लिए वे स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सहित कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के नाम का दुरुपयोग करते थे।

इस गिरोह के जरिए सैकड़ों छात्र ठगी का शिकार हो चुके

डीसीपी पूर्वी के मुताबिक, आरोपी एक फर्जी मार्कशीट या डिग्री के बदले छात्रों से 25 हजार रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक की रकम वसूलते थे। कई छात्र तब ठगी का शिकार होने का एहसास करते थे, जब वे निजी कंपनियों या सरकारी विभागों में नौकरी के लिए आवेदन करते थे और दस्तावेज सत्यापन के दौरान उनकी डिग्री फर्जी पाई जाती थी। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह के जरिए सैकड़ों छात्र ठगी का शिकार हो चुके हैं।

दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही

फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस रैकेट में और कितने लोग शामिल हैं और फर्जी डिग्री तैयार करने का नेटवर्क किन-किन राज्यों तक फैला हुआ है। बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है, जिससे कई और नाम सामने आने की उम्मीद है।इस बड़ी सफलता पर डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने पुलिस टीम को शाबाशी दी।

इस कार्रवाई से फर्जी डिग्री कारोबारियों में हड़कंप

इस कार्रवाई में इंस्पेक्टर गोमतीनगर ब्रजेश तिवारी, उपनिरीक्षक प्रेम कुमार, मोहम्मद जसीम रज़ा, कमलेश कुमार यादव, अरविंद कुमार, हेड कांस्टेबल बब्बन यादव, कांस्टेबल अंकुर चौधरी, आकाश यादव सहित पूर्वी जोन की क्राइम सर्विलांस टीम के उपनिरीक्षक अमरनाथ चौरसिया, हेड कांस्टेबल संदीप पाण्डेय, अमित सिंह, कांस्टेबल तरनजीत सिंह, शिवानंद खरवार, अजय यादव और प्रदीप कुमार शामिल रहे। पुलिस की इस कार्रवाई से फर्जी डिग्री कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
पुलिस चौकी से 50 मीटर दूर ज्वेलरी शॉप साफ, शटर तोड़ डेढ़ करोड़ के आभूषण ले उड़े चोर

शहजाद अहमद खान, मलिहाबाद ।मलिहाबाद इलाके में चोरों ने बेखौफ होकर पुलिस चौकी के बेहद पास स्थित एक ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाते हुए करोड़ों की चोरी को अंजाम दिया। हैरानी की बात यह रही कि जिस दुकान में चोरी हुई, वह चौकी से महज 50 मीटर की दूरी पर है,इसके बावजूद चोर बिना किसी डर के शटर तोड़कर भीतर घुसे और सोने-चांदी के कीमती आभूषण समेट कर फरार हो गए।घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।यह वारदात मलिहाबाद कस्बे में स्थित फजल ज्वेलर्स की बताई जा रही है।जानकारी के अनुसार,देर रात चोरों ने दुकान के शटर का ताला तोड़ा और भीतर घुसकर अलमारियों व लॉकरों को खंगाल डाला।सुबह जब दुकान मालिक यूसुफ अली के भतीजे ने दुकान का शटर खुला देखा तो उसने तत्काल परिजनों को सूचना दी। इसके बाद जब दुकान मालिक मौके पर पहुंचे तो शटर एक तरफ से टूटा हुआ मिला।दुकान के अंदर जाने पर पता चला कि सभी कीमती आभूषण गायब हैं। तब तक चोर वारदात को अंजाम देकर फरार हो चुके थे।दुकान मालिक के अनुसार, शॉप में करीब 250 ग्राम सोना और 30 से 35 किलो चांदी रखी हुई थी। चोरी गए आभूषणों की कुल कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये आंकी जा रही है।इसमें सत्तर लाख रुपये से अधिक कीमत की चांदी और करीब 26 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य का सोना शामिल है। इतनी बड़ी चोरी से इलाके के सर्राफा कारोबारियों में दहशत फैल गई है। व्यापारियों का कहना है कि यदि चौकी के पास दुकान सुरक्षित नहीं है तो अन्य बाजारों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।घटना की सूचना मिलते ही थाना मलिहाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की गई। एडीसीपी गोपीनाथ सोनी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि चोरों ने शटर का ताला तोड़कर सुनियोजित ढंग से चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। सूचना पर थाना प्रभारी के साथ पुलिस टीम,फील्ड यूनिट और डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने साक्ष्य जुटाए।इसके अलावा क्राइम ब्रांच की टीम भी जांच में जुटी है। पुलिस आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि चोरों की पहचान की जा सके और उनके भागने के रास्तों का पता लगाया जा सके। पुलिस का दावा है कि जल्द ही घटना का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।पुलिस चौकी के पास हुई इस बड़ी चोरी ने रात्रि गश्त और सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है। स्थानीय व्यापारियों ने पुलिस प्रशासन से गश्त बढ़ाने और बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है। फिलहाल पुलिस हर पहलू से मामले की जांच में जुटी है और शीघ्र खुलासे का भरोसा जता रही है।
प्रदेश पुलिस में 537 पदों पर सीधी भर्ती का मौका, 19 जनवरी तक कर सकते हैं आवेदन

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में गोपनीय, लिपिक और लेखा संवर्ग से जुड़े उपनिरीक्षक स्तर के कुल 537 खाली पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने इससे संबंधित विस्तृत विज्ञापन शनिवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। इच्छुक अभ्यर्थी 19 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन से पूर्व उम्मीदवारों के लिए बोर्ड की वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) प्रणाली में पंजीकरण कराना अनिवार्य रखा गया है।

लेखपाल भर्ती में आरक्षण विवाद, प्रस्ताव में होगा संशोधन

राजस्व लेखपाल के 7,994 पदों पर प्रस्तावित भर्ती में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर उठे सवालों के बाद राजस्व परिषद ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को पत्र भेजकर स्थिति स्पष्ट की है। परिषद ने आयोग को आश्वस्त किया है कि एक सप्ताह के भीतर संशोधित भर्ती प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।

आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा की तरफ जारी किया गया पत्र

आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि लेखपाल पद मंडल स्तरीय संवर्ग के अंतर्गत आता है और इसकी नियुक्ति का अधिकार उप जिलाधिकारी के पास होता है। मंडलायुक्तों द्वारा जिलों से प्राप्त श्रेणीवार कार्यरत एवं रिक्त पदों के विवरण के आधार पर आरक्षण (लंबवत एवं क्षैतिज) सहित रिक्तियों का आकलन कर परिषद को प्रस्ताव भेजा गया था। इसी प्रस्ताव के आधार पर आयोग को भर्ती विवरण उपलब्ध कराया गया।

जारी विज्ञापन में श्रेणीवार रिक्तियों में बदलाव की संभावना

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2022 में लागू उप्र लेखपाल सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली से पहले लेखपालों की भर्ती जिला स्तर पर की जाती थी। हाल ही में परिषद को जिलास्तर पर श्रेणीवार पदों से जुड़ी कुछ नई जानकारियां प्राप्त हुई हैं। इन्हीं तथ्यों के चलते आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में श्रेणीवार रिक्तियों में बदलाव की संभावना जताई गई है।राजस्व परिषद ने कहा है कि संशोधित आंकड़ों के साथ नया प्रस्ताव आयोग को शीघ्र भेजा जाएगा, ताकि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे और किसी भी तरह की तकनीकी या कानूनी त्रुटि से बचा जा सके।
एनकाउंटर में मारा गया सुल्तानपुर से फरार एक लाख का ईनामी
लखनऊ । सहारनपुर के गंगोह में एसटीएफ ने 1 लाख के इनामी वांटेड अपराधी सिराज को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। सिराज सुल्तानपुर जिले के चर्चित हत्याकांड में फरार चल रहा था और लंबे समय से पुलिस को उसकी तलाश थी। मुठभेड़ के दौरान सिराज ने एसटीएफ टीम पर फायरिंग की, जिसके जवाब में की गई कार्रवाई में वह मारा गया।

सहारनपुर में किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था

शनिवार देर रात एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि सिराज गंगोह क्षेत्र में किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना मिलते ही एसटीएफ की टीम ने इलाके में घेराबंदी कर सघन चेकिंग शुरू की। इसी दौरान संदिग्ध बाइक सवार को रुकने का इशारा किया गया, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ द्वारा जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से उसकी मौत हो गई।

जवाबी कार्रवाई में वह गोली लगने से घायल हो गया

घेराबंदी के दौरान सिराज ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। आत्मरक्षा में की गई जवाबी कार्रवाई में वह गोली लगने से घायल हो गया।मौके से एक मोटरसाइकिल,पिस्टल (.30 बोर),पिस्टल (.32 बोर) तथा भारी मात्रा में जिंदा कारतूस (.30 व .32 बोर), खोखा कारतूस,चार मोबाइल फोन,दो वाई-फाई डोंगल,छोटा बैग,आधार कार्ड सहित अन्य कागजात बरामद हुआ है।

30 से अधिक मुकदमों का है आपराधिक इतिहास

गिरफ्तार अभियुक्त सिराज अहमद उर्फ पप्पू (उम्र लगभग 36 वर्ष), निवासी लोलेपुर, थाना कोतवाली नगर, जनपद सुलतानपुर, एक एचएस (हिस्ट्रीशीटर) अपराधी है। इसके विरुद्ध हत्या, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर, रासुका, बलवा और रंगदारी समेत 30 से अधिक गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

2023 के एक हत्या कांड के बाद से अभियुक्त फरार चल रहा था

पुलिस के अनुसार, 27 मामलों में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित हो चुके हैं जबकि एक मामला विवेचनाधीन है। वर्ष 2023 के एक हत्या कांड के बाद से अभियुक्त फरार चल रहा था और जमानत का दुरुपयोग कर लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था।

अपराध की दुनिया में लंबा सफर

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सिराज अहमद ने वर्ष 2006 में मारपीट और लूट की घटना से अपराध जगत में कदम रखा था। उसके बाद वह संगठित गिरोह बनाकर लगातार जघन्य अपराध करता रहा। अभियुक्त के पास अवैध रूप से अर्जित संपत्ति, जमीन, मकान और फैक्ट्री होने की भी जानकारी सामने आई है।

मारा गया बदमाश सिराज बेहद शातिर अपराधी था

मारा गया बदमाश सिराज बेहद शातिर अपराधी था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, अवैध हथियार रखने और गैंगस्टर एक्ट सहित करीब 30 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। सुल्तानपुर के हत्याकांड के बाद से वह लगातार ठिकाने बदल रहा था और पुलिस को चकमा दे रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने उस पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
बुलंदशहर पुलिस मुठभेड़: 50 हजार का इनामी बदमाश जुबैर उर्फ पीटर ढेर, एक पुलिसकर्मी घायल

लखनऊ । जनपद बुलंदशहर में बीती रात बड़ी पुलिस मुठभेड़ में 50,000 रुपये का इनामी व वांछित बदमाश जुबैर उर्फ आज़ाद उर्फ पीटर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारा गया। मुठभेड़ थाना कोतवाली देहात और गुलावठी पुलिस टीम के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान हुई। इस दौरान एक पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हुआ है।

पुलिस को देखते ही शुरू कर दी फायरिंग

पुलिस के अनुसार, दिनांक 20/21 दिसंबर की रात चेकिंग के दौरान बदमाश जुबैर ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ में बदमाश गोली लगने से घायल हो गया, जिसे उपचार हेतु जिला अस्पताल भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।मृतक बदमाश की पहचान जुबैर उर्फ पीटर उर्फ आज़ाद (उम्र करीब 35 वर्ष) पुत्र मुन्ने खान उर्फ घसीटा, निवासी उमर गार्डन कॉलोनी, थाना श्यामनगर लिसाड़ी गेट, मेरठ के रूप में हुई है।

18 बकरे चोरी करने के मामले में भी उसकी तलाश थी

पुलिस के मुताबिक, जुबैर कोतवाली देहात क्षेत्र में 02 नवंबर 2025 को मोबाइल फोन, मोटरसाइकिल व नकदी लूट की घटना में वांछित था, जबकि 07 अक्टूबर 2025 को गुलावठी क्षेत्र में एक बकरा फार्म से 18 बकरे चोरी करने के मामले में भी उसकी तलाश थी। इन मामलों में उसके खिलाफ बीएनएस की गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज थे।

50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था

इन दोनों मामलों में फरार चल रहे जुबैर की गिरफ्तारी पर पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जुबैर के खिलाफ लूट, डकैती, चोरी और गैंगस्टर एक्ट समेत करीब 47 आपराधिक मुकदमे मेरठ, हापुड़, बिजनौर, गाजियाबाद, दिल्ली, अमरोहा, अम्बेडकरनगर और हल्द्वानी सहित कई जनपदों में दर्ज थे।

बरामदगी

01 तमंचा (.315 बोर) मय एक जिंदा व एक खोखा कारतूस

01 HF डीलक्स मोटरसाइकिल (बिना नंबर)

घायल पुलिसकर्मी का जिला अस्पताल में इलाज जारी है। पुलिस ने मामले में विधिक कार्रवाई पूर्ण कर ली है और आगे की जांच जारी है।
श्रम एवं सेवायोजन विभाग की दो वर्षीय कार्ययोजना पर मंथन

*6 लाख युवाओं को देश में और 50 हजार को विदेश में रोजगार का लक्ष्य* लखनऊ। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर की अध्यक्षता में विधान भवन स्थित सभाकक्ष में श्रम एवं सेवायोजन विभाग की आगामी दो वर्षों की भविष्योन्मुखी कार्ययोजना को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्यमंत्री मनोहर लाल (मन्नू कोरी) भी उपस्थित रहे। मंत्री श्री राजभर ने श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि जनपद, तहसील, विकासखंड मुख्यालयों एवं सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग, बैनर व स्टैंडी के माध्यम से योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्ययोजना की स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित की जाए, जिससे योजनाओं के प्रभावी परिणाम सामने आ सकें। मंत्री ने बताया कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक प्रदेश को बालश्रम मुक्त बनाना है, जिसके लिए सभी संबंधित विभागों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने लेबर अड्डों के विकास, वहां जल व छाया की व्यवस्था तथा सराय योजना को गति देने के निर्देश भी दिए। बैठक में सेवायोजन विभाग की कार्ययोजना के अंतर्गत बताया गया कि अगले दो वर्षों में लगभग 6 लाख अभ्यर्थियों को देश में तथा 50 हजार अभ्यर्थियों को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के तहत प्रतिष्ठित कंपनियों का इम्पैनलमेंट, विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण, कैंपस प्लेसमेंट, डायरेक्ट हायरिंग और ऑनलाइन इंटरव्यू जैसी व्यवस्थाएं की जाएंगी। साथ ही प्रदेश में 12 नए ईएसआई औषधालय और 5 चिकित्सालय स्थापित किए जाएंगे। प्रयागराज, फतेहपुर, अलीगढ़, वाराणसी सहित कई जनपदों में औषधालय तथा मुरादाबाद, अयोध्या, गोरखपुर समेत अन्य जिलों में चिकित्सालयों की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। बैठक में प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि श्रमिकों और युवाओं के हित में योजनाओं को और तेजी से लागू किया जाए।