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संत की गजब की भक्ति! हाथों के बल चलेंगे 3500KM, पूरी करेंगे नर्मदा परिक्रमा

भारत देश को आस्था और अध्यात्म की भूमि कहा जाता है जहां हर भक्त अपने तरीके से भगवान और प्रकृति की उपासना करता है. लेकिन मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले से जो तस्वीर सामने आई है वह भक्ति और तपस्या की पराकाष्ठा को दर्शाता है. आज के युग में जब लोग सुविधा और सहजता के आदी हो चुके हैं वहीं एक संत है धर्मपुरी महाराज, जिन्होंने मां नर्मदा की परिक्रमा करने का ऐसा संकल्प लिया है जो हर किसी को अचंभित कर दे.

धर्मपुरी महाराज नीचे सिर और ऊपर पैर, यानी हाथों के बल चलकर मां नर्मदा की परिक्रमा कर रहे हैं. आस्था का यह रूप जितना अनोखा है उतना ही कठिन भी. आमतौर पर भक्त नर्मदा परिक्रमा पैदल, दंडवत या वाहनों से करते हैं लेकिन धर्मपुरी महाराज ने इसे साधना और तपस्या का स्वरूप दे दिया है. उनका यह अनोखा संकल्प अमरकंटक से शुरू हुआ है जहां नर्मदा का उद्गम होता है और इसे पूरा करने में उन्हें तीन साल, तीन महीने और तेरह दिन लगेंगे. इस दौरान वे लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.

भक्ति देख आश्चर्य में लोग

धर्मपुरी महाराज का कहना है कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि मां नर्मदा के प्रति उनका पूर्ण समर्पण और तप है. वे कहते हैं कि शरीर की सीमाएं चाहे जो हों सच्ची श्रद्धा और विश्वास से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है. उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि जब मन में भक्ति की ज्योति जलती है तब असंभव भी संभव हो जाता है. स्थानीय ग्रामीण भी इस अनोखी परिक्रमा को देखकर श्रद्धा से भर जाते हैं. डिंडोरी के रहने वाले ग्रामीण जगदेव सिंह का कहना है कि हमने अपने जीवन में ऐसा नजारा और मां नर्मदा के प्रति ऐसी आस्था कभी नहीं देखी. महाराज जी के संकल्प ने पूरे गांव में भक्ति का माहौल बना दिया है. वहीं माखन धुर्वे का कहना है मां नर्मदा की कृपा से ही कोई ऐसा कर सकता है. यह सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि आत्मिक साधना है.

भक्ति में कठिन तपस्या

धर्मपुरी महाराज का यह प्रयास न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि आस्था, संयम और आत्मबल का अद्भुत उदाहरण भी है. हाथों के बल चलते हुए वे हर दिन सैकड़ों लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि भक्ति का कोई रूप छोटा या बड़ा नहीं होता. मायने रखता है तो बस समर्पण का भाव. डिंडोरी की यह तस्वीर आज पूरे भारत के लिए प्रेरणा है कि जब तक मन में विश्वास और मां नर्मदा जैसी दिव्य शक्ति का आशीर्वाद है तब तक हर कठिन राह भी साधक के लिए तपोभूमि बन जाती है. दुनिया में भगवान के भक्त तो बहुत हैं लेकिन धर्मपुरी महाराज जैसे विरले ही होते हैं जो अपनी भक्ति को कठिनतम तपस्या में बदल देते हैं.

पटना मेट्रो में गुटखे के बाद अब 'ठुमके' बाजी! रील बनाने पर भड़के यात्री, जुर्माने की मांग

बिहार की राजधानी पटना में बहुप्रतीक्षित मेट्रो सेवा शुरू होने के कुछ ही दिनों के भीतर यह 'रील हब' बनती जा रही है। पहले जहां यात्रियों ने मेट्रो के डिब्बों में गुटखा थूककर गंदगी फैलाई, वहीं अब डांस और एक्टिंग करते हुए रील बनाने के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं।

हाल ही में, एक युवती का ब्लैक एंड व्हाइट ड्रेस में फिल्मी गाने पर डांस करते हुए रील बनाने का वीडियो वायरल हुआ है, जिस पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। लोग मेट्रो के अंदर इस तरह के अवांछित व्यवहार पर सख्त कार्रवाई और भारी जुर्माना लगाने की मांग कर रहे हैं, ताकि सार्वजनिक संपत्ति का वातावरण साफ-सुथरा बना रहे और अश्लीलता न फैले।

लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के तुरंत बाद ही इस तरह की घटनाएँ होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पटना मेट्रो रेल प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, संभावना है कि भविष्य में दिल्ली मेट्रो की तर्ज़ पर रील बनाने पर प्रतिबंध और नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

पवन सिंह नहीं लड़ेंगे विधानसभा का चुनाव, कहा- इसके लिए बीजेपी में शामिल नहीं हुआ

भोजपुरी सिनेमा के मशहूर गायक पवन सिंह ने आज शनिवार को विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि चुनाव लड़ने के लिए वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल नहीं हुए हैं.

चुनाव नहीं लड़ने के कयासों पर विराम लगाते हुए एक्टर पवन सिंह ने अमित शाह से मुलाकात की फोटो के साथ सोशल मीडिया X पर अपने पोस्ट में कहा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और ना हीं मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है. मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा.”

ज्योति के PK से मुलाकात के बाद आया फैसला

पवन सिंह का नया ऐलान ऐसे समय आया है जब उनपत्नी ज्योति सिंह ने कल शुक्रवार को राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने और जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर से शेखपुरा स्थित उनके आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर ज्योति सिंह ने कहा कि मुलाकात के पीछ उनका चुनावी मकसद नहीं है.

प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद ज्योति सिंह ने कहा, “मैं किसी चुनाव में भाग लेने या टिकट के लिए नहीं आई हूं. मेरे साथ जिस तरह का अन्याय हुआ है, वह किसी और महिला के साथ न हो. मैं उन सभी महिलाओं की आवाज बनना चाहती हूं जो अन्याय का सामना कर रही हैं.” उनका कहना था कि वह समाज में महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए काम करना चाहती हैं. इसी मकसद से वह प्रशांत किशोर से मिलने आई थीं.

वहीं प्रशांत किशोर का कहना था कि ज्योति सिंह 2 साल पहले भी अपने कुछ साथियों के साथ उनसे मिली थीं. साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया, “जनसुराज पार्टी किसी खास के लिए अपने नियमों में बदलाव नहीं करती. आरा क्षेत्र से पहले ही डॉक्टर विजय गुप्ता पार्टी की ओर से उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं, और इसमें अब कोई बदलाव नहीं होगा.”

पहले लोकसभा और अब विधानसभा

राजनीतिक हलकों में यह कयास लगाए जाने लगे थे कि पत्नी ज्योति सिंह के साथ विवाद बढ़ने की वजह से उनका बिहार में चुनाव लड़ने का सपना टूट सकता है. पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से पवन सिंह को टिकट दिया था, लेकिन उनकी अश्लील और स्त्री-द्वेषी और महिलाओं के खराब चित्रण छवि उनके खिलाफ चली गई. फिर बीजेपी ने यह टिकट वापस ले लिया.

इसके बाद पवन सिंह ने बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार लड़ने का ऐलान कर दिया. बागी तेवर की वजह से बीजेपी ने पवन सिंह को पार्टी से निकाल दिया. उन्हें चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भी हार मिली. लेकिन डेढ़ साल बाद वह फिर से बीजेपी में लौटे, लेकिन ज्योति सिंह के बीच विवाद की वजह से वह लगातार विवादों में घिरे रहे. यही उनके खिलाफ गया. अब उनका विधानसभा चुनाव में उतरने और विधायक बनने का सपना भी टूट गया.

चुनाव से पहले JDU को झटका, विधायक गोपाल मंडल ने थामा RJD का दामन, तेजस्वी ने किया स्वागत

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हुए हैं. सूबे की सत्ता पर काबिज होने के लिए पार्टियां रणनीति बनाने में लगी हुई हैं. जनता से लोक लुभावन वादे किए जा रहे हैं, तो वहीं एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भिी जारी है. इस बीच चुनाव से पहले जेडीयू को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के विधायक गोपाल मंडल ने जेडीयू का साथ छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया है.

बुधवार (8 अक्टूबर) को पटना में आयोजित मिलन समारोह में जेडीयू से जुड़े कई नेता और कार्यकर्ता आरजेडी में शामिल हुए. प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षताआरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने की. उन्होंने दरभंगा के जिलाध्यक्ष रहे गोपाल मंडल और प्रदेश महासचिव चांद अंसारी के नेतृत्व में आए जेड़ीयू नेताओं का पार्टी में स्वागत किया. वहीं आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी गोपाल मंडल के पार्टी में शामिल होने पर खुशी जाहिर की और उनका स्वागत किया.

गोपाल मंडल ने जेडीयू पर लगाए गंभीर आरोप

दरभंगा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल मंडल ने जेडीयू नेतृत्व पर अतिपिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था. गोपाल मंडल ने कहा कि पिछले 20 सालों के शासन में जेडीयू ने अतिपिछड़ा वर्ग के वोट तो लिए, लेकिन उनके हक और अधिकारों की लगातार अनदेखी की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने अतिपिछड़ा वर्ग के अंदर नेतृत्व उभरने की संभावनाओं को जानबूझकर खत्म कर दिया.

अतिपिछड़ा वर्ग को किया नजरअंदाज’

गोपाल मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र में लिखा कि जेडीयू ने पिछले 20 वर्षों के शासनकाल में अतिपिछड़ा वर्ग से भरपूर समर्थन और वोट तो लिया, लेकिन हर स्तर पर उनकी हक़मारी को नजरअंदाज किया गया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जानबूझकर उन तबकों को दरकिनार किया, जिन्होंने उसकी राजनीतिक जमीन को मजबूत किया था. मंडल ने खास तौर पर कहा कि धानुक जाति के लोग, जो अतिपिछड़ा वर्ग का अहम हिस्सा हैं, अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस समाजवादी विचारधारा को जननायक कर्पूरी ठाकुर ने जन्म दिया था और जिसे लालू प्रसाद यादव ने आगे बढ़ाया, उस जीवंत धारा को जेडूयू ने बीते दो दशकों में सामंती प्रभाव के अधीन होकर समाप्त कर दिया.

‘अब जदयू में रहना मुनासिब नहीं है’

पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि जेडीयू की नीतियों के कारण अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों में नीचे से ऊपर तक नेतृत्व उभरने की सारी संभावनाएं खत्म कर दी गईं. पार्टी की नीति और कार्यशैली के कारण आज यह वर्ग आहत और आक्रोशित. उन्होंने कहा कि वो जन दबाव और समाज के हितों को देखते हुए यह निर्णय लेने को विवश हुए हैं. उन्होंने साफ कहा ‘अब जदयू में रहना मुनासिब नहीं है’. गोपाल मंडल के इस्तीफे को जेडीयू के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. दरभंगा समेत मिथिलांचल के कई जिलों में गोपाल मंडल की एक मजबूत पकड़ मानी जाती है.

सीटों पर बीजेपी-LJP(R) की अहम बैठक, चिराग ने रख दी ये मांग

विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही बिहार का सियासी पारा अपने शबाब पर है. बैठकों का दौर जारी है. इसी कड़ी में बीजेपी और एलजेपी (रामविलास) की बड़ी बैठक हुई है. इसमें धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े, मंगल पांडेय और चिराग पासवान व अरुण भारती मौजूद रहे. सूत्रों का कहना है कि करीब पचास मिनट चली इस बैठक में लोजपा (रामविलास) की तरफ से सीटों की मांग रखी गई.

चिराग पासवान की पार्टी की ओर से मांग की गई कि 2024 के लोकसभा में जीती हुई पांच सीटों और 2020 विधानसभा चुनाव में एलजेपी के प्रदर्शन के आधार पर एलजेपी (रामविलास) को सीटें दी जाएं. इसके अलावा एलजेपी (रामविलास) की जीती हुई पांच लोकसभा सीटों में से हर जीते हुए लोकसभा क्षेत्र में कम से कम दो विधानसभा सीट पार्टी के खाते में आएं.

चिराग पासवान के साथ प्रधान और तावड़े की एक और बैठक

इसके अलावा एलजेपी (रामविलास) के बड़े नेताओं की सीट की मांग रखी गई है. बीजेपी की तरफ से चिराग पासवान को बताया गया कि आपकी मांग पर पार्टी में चर्चा करके आपको बताएंगे. इस बैठक के बाद एक और बैठक हो रही है. धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े चिराग पासवान के यहां पहुंचे हैं. सूत्रों के मुताबिक, अगले दो से तीन दिनों में एनडीए में सीट बंटवारा फाइनल कर उसका ऐलान कर दिया जाएगा.

एनडीए में सीट शेयरिंग का ऐलान पटना में हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक आज की बैठक में बिहार के चुनावी माहौल, चुनावी मुद्दों और रामविलास पासवान की पुण्यतिथि की तैयारी को लेकर भी चर्चा हुई है.

परिवर्तन के लिए वोट करेगी जनता

बता दें कि विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में सियासी जंग का आगाज हो चुका है. जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर सरकार बनने का भरोसा जताया है. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का दावा है कि इस बार बिहार की जनता परिवर्तन के लिए वोट करेगी. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, एनडीए सरकार ने बिहार को जंगलराज से बाहर निकाला है और सुशासन की नई दिशा दी है. राज्य की जनता एक बार फिर विकास की राजनीति को चुनेगी.

पटना में सनसनीखेज गैंगरेप: नाबालिग डांसर को कोलकाता से बुलाकर सामूहिक दुष्कर्म, 7 आरोपी गिरफ्तार

पटना, : बिहार की राजधानी पटना में दुर्गा पूजा कार्यक्रम के नाम पर कोलकाता से बुलाई गई एक नाबालिग डांसर के साथ सामूहिक दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना सामने आई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

क्या है पूरा मामला?

पश्चिम बंगाल के कोलकाता से नाबालिग डांसरों को दुर्गा पूजा के अवसर पर पटना बुलाया गया था और उन्हें बेउर थाना क्षेत्र के कोऑपरेटिव कॉलोनी, विष्णुपुर पकड़ी में ठहराया गया। इसी दौरान, एक नाबालिग डांसर के साथ कमरे में बंद कर करीब 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारी

यह घटना तब सामने आई जब स्थानीय लोगों ने 4 अक्टूबर को पुलिस को सूचना दी कि एक घर में अनजान लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हो रहा है।

सूचना मिलते ही पुलिस एक्टिव हुई और तुरंत छापेमारी कर तीन डांसरों को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया।

पुलिस ने इस मामले में मात्र तीन घंटे के अंदर कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित 7 आरोपियों को दबोच लिया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने कोलकाता के एक व्यक्ति से संपर्क कर डांसरों को कार्यक्रम के लिए बुलाया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:

पुरुष आरोपी: आर्यन कुमार, प्रिंस कुमार, सिंटू, अशोक कुमार, शशि कुमार और धीरज कुमार।

महिला आरोपी: प्रिया विश्वास।

पुलिस सभी गिरफ्तार आरोपियों से गहनता से पूछताछ कर रही है।

बिहार चुनाव को लेकर हलचल तेज, पटना पहुंची चुनाव आयोग की टीम; कब होगा तारीखों का ऐलान?

बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर सुगबुगाहट तेज हो चली है. एक तरफ जहां तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी चुनाव आयोग भी अपनी तैयारी में जुटा हुआ है. इसी कड़ी चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा बैठक के लिए बिहार पहुंच चुका है. आज मुख्य चुनाव आयुक्त समेत अधिकारी राजनीतिक दलों, पुलिस व जिला अधिकारियों से मिलेंगे.

बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग की टीम पटना पहुंच गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी दो दिवसीय दौरे पर राजधानी आए हैं. इस दौरान आयोग की टीम चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेगी.

आज होगी राजनीतिक दलों के साथ बैठक

चुनाव आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक आज सुबह 10 बजे बैठक का आयोजन किया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि यह बैठक पटना के ताज होटल में होगी, जिसमें राजनीतिक दलों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित होगी. चुनाव आयोग की इस बैठक में बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस सहित राज्य के अन्य प्रमुख दलों को इनवाइट किया गया है.

केंद्रीय पर्यवेक्षकचुनाव आयोग की आंख और कान

शुक्रवार को, चुनाव आयोग ने नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में 400 से ज़्यादा अधिकारियों के लिए एक ब्रीफिंग सेशन रखा, जिन्हें बिहार चुनाव और देश भर के कई उपचुनावों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया जाएगा. चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव और उपचुनावों के लिए नियुक्त किए गए 400 से ज़्यादा केंद्रीय पर्यवेक्षकों को संबोधित किया. इस दौरान उन्हें जमीनी स्तर पर चुनाव आयोग की ‘आंख और कान’ बताया गया है.

बिहार चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की तरफ से नियुक्त सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की बैठक में अधिकारियों को सभी चुनाव कानूनों, नियमों और दिशा-निर्देशों से वाकिफ होने और उनका सख्त और निष्पक्ष अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.

जल्द हो सकता है चुनाव तारीखों का ऐलान

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का हर किसी को इंतजार है. ऐसे में चुनाव आयुक्त के बिहार दौरे के बाद ऐसा माना जा रहा है बहुत जल्द तारीखों का ऐलान होगा. आम तौर पर चुनाव के पहले आयोग राज्य की मौजूदा स्थिति और सरकारी तंत्र के साथ-साथ चुनावी तैयारियों का जायजा लेता है. इसके बाद ही चुनाव तारीखों का ऐलान किया जाता है.

IND vs PAK Final: टीम इंडिया 9वीं बार बनी एशियन चैंपियन, तिलक-कुलदीप के दम पर पाकिस्तान को धोया

टीम इंडिया ने एक बार फिर एशिया कप का खिताब जीत लिया. दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ रोमांचक फाइनल मैच में टीम इंडिया ने कुलदीप यादव (4/30) की घातक गेंदबाजी और फिर तिलक वर्मा (69 नाबाद) की जुझारू अर्धशतकीय पारी के दम पर 5 विकेट से मैच और खिताब जीत लिया. इसके साथ ही टीम इंडिया ने टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ जीत की हैट्रिक पूरी की और साथ ही 9वीं बार एशिया कप की ट्रॉफी पर कब्जा किया. खास बात ये है कि भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप का ये पहला ही फाइनल था और वो भी टीम इंडिया ने अपने नाम किया.

कुलदीप के आगे फिर पाकिस्तान ढेर

दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में रविवार 28 सितंबर की शाम इस फाइनल की शुरुआत पाकिस्तान ने दमदार अंदाज में की. पहले बैटिंग करते हुए उसके लिए ओपनर साहिबजादा फरहान और फखर जमां ने आक्रामक पारियां खेलते हुए बेहतरीन शुरुआत की. फरहान ने एक बार फिर जसप्रीत बुमराह को खास तौर पर निशाना बनाया और सिर्फ 38 गेंदों में 57 रन कूट दिए. फरहान और फखर के बीच 84 रन के बेहतरीन साझेदारी हुई. इसके बाद फखर जमां (46) ने मोर्चा संभाला और स्कोर को आगे बढ़ाते हुए टीम को 100 रन के पार पहुंचाया.

मगर जब पाकिस्तानी टीम बेहतरीन स्थिति में नजर आ रही थी, तभी कुलदीप यादव का कहर टूट पड़ा. 13वें ओवर में कुलदीप ने साइम अयूब को आउट कर 113 रन के स्कोर पर पाकिस्तान को दूसरा झटका दिया. यहां से अगले 5 ओवर में पाकिस्तान ने लगातार विकेट गंवाए और देखते ही देखते पूरी टीम सिर्फ 146 रन पर ढेर हो गई. इसमें कुलदीप ने 17वें ओवर में सिर्फ 1 रन देकर 3 विकेट हासिल किए. कुलदीप के अलावा वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और बुमराह ने 2-2 विकेट लिए.

टॉप ऑर्डर फेल मगर तिलक ने दिलाई जीत

इस मैच से पहले ग्रुप स्टेज और सुपर-4 राउंड में टीम इंडिया ने एकतरफा अंदाज में पाकिस्तान को शिकस्त दी थी और इसकी वजह ओपनर अभिषेक शर्मा थे, जिन्होंने उन दोनों ही मुकाबलों में ताबड़तोड़ शुरुआत दिलाते हुए टीम को आसान जीत तक पहुंचाया था. मगर इस बार अभिषेक दूसरे ओवर में ही पवेलियन लौट गए, जबकि कप्तान सूर्यकुमार यादव और उप-कप्तान शुभमन गिल फिर फेल हुए. सिर्फ 20 रन तक टीम ने 3 विकेट गंवा दिए, जबकि 4 ओवर पूरे हो गए थे. ऐसे में संजू सैमसन और तिलक वर्मा ने पारी को संभाला और दोनों ने 57 रन की एक बेहतरीन साझेदारी कर वापसी कराई.

सैमसन (24) के आउट होने के बाद तिलक का साथ देने शिवम दुबे आए और उन्होंने आकर कुछ बड़े शॉट्स लगाकर टीम को जीत की स्थिति में पहुंचाया. दोनों के बीच सिर्फ 40 गेंदों में 60 रन की ताबड़तोड़ साझेदारी हुई. इस दौरान तिलक ने अपना जुझारू अर्धशतक पूरा किया और टीम के लिए दीवार की तरह टिके रहे. 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर दुबे (33) आउट हुए, जिसके बाद आखिरी 6 गेंदों में भारत को 10 रन चाहिए थे. आखिरी ओवर में तिलक ने हारिस रऊफ की दूसरी गेंद पर छक्का मारकर जीत तय कर दी थी, जिस पर रिंकू सिंह ने चौथी गेंद पर चौका लगाकर मुहर लगाई. पाकिस्तान के लिए फहीम अशरफ ने 3 विकेट लिए.

करूर हादसा: अभिनेता विजय की रैली में भगदड़, 36 की मौत; बड़ी संख्या में लोग घायल

तमिलनाडु के करूर में एक्टर से नेता बने विजय की रैली में भगदड़ जैसी स्थिति की वजह से कई बच्चों सहित कम से कम 36 लोगों की मारे जाने की खबर है. इसमें हादसे में 50 से अधिक लोग घायल भी हुए है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि 29 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया था. दावा किया जा रहा है कि टीवीके प्रमुख विजय की करूर रैली में भगदड़ जैसी स्थिति में घायल हुए और बेहोश होने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. हादसे के बाद राज्य के मंत्री, शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी करूर पहुंच गए हैं.

इस बीच मुख्यमंत्री स्टालिन ने करूर में हुए हादसे के बाद आम जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की है. साथ ही उन्होंने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को करूर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री स्टालिन के कल रविवार को करूर जाने की उम्मीद है.

तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के प्रमुख और अभिनेता-राजनेता विजय की अगुवाई में आज शनिवार को आयोजित एक रैली में भगदड़ जैसी स्थिति देखी गई और कुछ बच्चों सहित कई लोग बेहोश हो गए. विजय जब जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तब भीड़ लगातार बढ़ती गई और बेकाबू हो गई. इस बीच भीड़ की वजह से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं और कुछ बच्चों सहित कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े.

पार्टी के कार्यकर्ता समेत कई लोग हुए बेहोश

लोगों के बेहोश होते देख कई कार्यकर्ताओं ने वहां पर शोर मचाना शुरू कर दिया. इस पर विजय ने ध्यान दिया और अपना भाषण रोककर खासतौर से तैयार की गई प्रचार बस के ऊपर से पानी की बोतलें फेंकनी शुरू कर दी.

हालांकि भारी भीड़ की वजह से एंबुलेंस को घटनास्थल तक पहुंचने के लिए रास्ते से गुजरने में काफी मशक्कत भी करनी पड़ी. बेहोश लोगों को एंबुलेंस के जरिए पास के अस्पतालों में ले जाया गया और उनमें से कुछ कथित तौर पर अपनी जान के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विजय ने बेकाबू होती स्थिति को समझा और अपना भाषण छोटा करते हुए पहले ही खत्म कर दिया.

CM स्टालिन का मेडिकल सुविधा देने का निर्देश

करूर में जनसभा के दौरान भगदड़ की घटना पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने X पर पोस्ट किया, “करूर से आ रही खबर चिंताजनक है. मैंने पूर्व मंत्री वी. सेंथिलबालाजी, मंत्री सुब्रमण्यम और जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वे भीड़ में फंसकर बेहोश हुए और अस्पताल में भर्ती लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान करें.”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने पड़ोसी तिरुचिरापल्ली जिले के मंत्री अनबिल महेश को भी युद्धस्तर पर सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा, मैंने एडीजीपी से वहां स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए बात की है. मैं जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं.”

लालू हटे तो पत्नी को बना दिया CM, महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया, खगड़िया की सभा में नीतीश कुमार ने कहा

बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाने लगा है और नेताओं के तीखे बयानबाजी का दौर तेज हो गया है. खगड़िया में आयोजित सभा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने लालू यादव और कांग्रेस पर सीधा हमला बोला. मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि ससुरा (लालू यादव) जब हट गया तो अपनी पत्नी (राबड़ी देवी) को मुख्यमंत्री बना दिया. इन लोगों ने अपने 15 साल के शासन में बिहार और खासकर महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया.

नीतीश ने जनता से अपील करते हुए कहा कि 2005 से पहले बिहार का हाल बेहद खराब था. शाम 7 बजे के बाद लोग घर से बाहर निकलने से डरते थे. पूरे समाज में भय और विवाद का माहौल था, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया और पंचायती राज में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. जीविका समूहों के जरिए लाखों महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला.

सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे बिहार के लिए काम किया है, उन्होंने गिनाया कि बिहार में जीविका समूहों की शुरुआत उनकी सरकार ने की, जिसे आज केंद्र सरकार ने भी पूरे देश में लागू किया है. नीतीश ने दावा किया कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर हर क्षेत्र में विकास का काम कर रही हैं, उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि जो भी अधूरे काम हैं वो पूरे किए जाएंगे. बेलदौर के कोसी इंटर विद्यालय में आयोजित इस सभा में नीतीश ने लोगों से कहा कि आपलोगों को जो भी काम करवाना हो, बताइए, वह जरूर पूरा होगा.

सभा में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लोकतंत्र और आरक्षण की व्यवस्था को कभी मजबूत नहीं किया. सम्राट ने याद दिलाया कि 1974 में नीतीश कुमार को जेल भेजने का काम भी कांग्रेस ने किया था, उन्होंने दावा किया कि आज नीतीश सरकार की वजह से बिहार में पलायन पर रोक लगी है. पहले 13 प्रतिशत पलायन होता था, लेकिन अब रोजगार के अवसर बिहार में ही उपलब्ध हो रहे हैं. चौधरी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वो आजकल बिहार घूम रहे हैं, लेकिन उनके परिवार ने राज्य और देश को सिर्फ पीछे खींचने का काम किया है.