शिक्षा के साथ अधिकारों की जानकारी भी जरूरी – झंझरी में मिशन शक्ति कार्यक्रम से छात्राएं हुईं जागरूक
गोण्डा। 04 अक्टूबर 2025
महिला कल्याण विभाग की ओर से चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान के तहत शनिवार को शिक्षा क्षेत्र झंझरी के कंपोजिट विद्यालय केशवपुर पहड़वा में पर्सनल सेफ्टी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें विभिन्न सामाजिक बुराइयों से सुरक्षित रहने की जानकारी प्रदान करना था। विद्यालय परिसर में आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं और उन्होंने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
इस अवसर पर छात्राओं को महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विवाह, बाल श्रम तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में केवल शिक्षा प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि अपने अधिकारों और सुरक्षा उपायों की जानकारी होना भी उतना ही जरूरी है।
डिस्ट्रिक्ट मिशन कोऑर्डिनेटर शिवेन्द्र श्रीवास्तव ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हर बालिका को शिक्षा के साथ-साथ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा के उपाय सीखना बेहद आवश्यक है ताकि किसी भी आपात स्थिति में वे स्वयं को सुरक्षित रख सकें। श्रीवास्तव ने छात्राओं से अपील की कि यदि किसी भी प्रकार की समस्या या संकट उत्पन्न हो तो तत्काल हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करें। उन्होंने 1090 (वीमेन पावर लाइन), 181 (महिला हेल्पलाइन), 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन), 1076 (मुख्यमंत्री हेल्पलाइन), 1930 (साइबर क्राइम हेल्पलाइन), 112 (आपातकालीन सेवा), 102 और 108 (स्वास्थ्य सेवाएं) जैसे महत्वपूर्ण नम्बरों की जानकारी दी और छात्राओं को इन्हें मोबाइल में सेव करने के लिए प्रेरित किया।
जेंडर स्पेशलिस्ट ज्योत्सना सिंह ने बाल विवाह और बाल श्रम जैसी कुरीतियों पर छात्राओं से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन सामाजिक बुराइयों से बचना हम सभी की जिम्मेदारी है। यदि कोई भी बालिका इसके शिकार होती है, तो उसका पूरा भविष्य खतरे में पड़ सकता है। इसलिए छात्राओं को चाहिए कि वे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और समय से पहले विवाह या बाल श्रम जैसी गतिविधियों से दूर रहें।
वहीं जेंडर स्पेशलिस्ट राजकुमार आर्य ने छात्राओं को बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का उद्देश्य बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि अगर छात्राएं योजनाओं की जानकारी रखकर उनका लाभ लेंगी तो निश्चित ही वे अपने जीवन को बेहतर बना पाएंगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार बेटियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं समाज में बदलाव ला रही हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों ने भी छात्राओं को जागरूक किया। सहायक अध्यापक चन्द्रिका सिंह, सुषमा पाण्डेय, रीतू त्रिपाठी, निहारिका सिंह, लक्ष्मी नारायण शुक्ल, भावना श्रीवास्तव, तौफीक हसन और शिक्षामित्र कमलेश सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि शिक्षा जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। यदि बालिकाएं शिक्षित होंगी तो वे अपने साथ-साथ परिवार और समाज को भी मजबूत बनाएंगी।
अंत में विद्यालय परिवार की ओर से महिला कल्याण विभाग का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में शामिल छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम से काफी उपयोगी जानकारी मिली है। छात्राओं ने संकल्प लिया कि वे स्वयं जागरूक रहेंगी और समाज की अन्य बेटियों को भी जागरूक करेंगी।
इस तरह मिशन शक्ति अभियान के तहत आयोजित यह कार्यक्रम छात्राओं के जीवन में न सिर्फ जागरूकता लाने वाला रहा बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम उठाने की प्रेरणा भी प्रदान कर गया।
Oct 05 2025, 16:13