रांची में एनसीबी की बड़ी कार्रवाई, ड्रग माफिया की 48.6 लाख की संपत्ति फ्रीज की
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नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) रांची जोनल यूनिट ने बड़ी कार्रवाई की है। ब्यूरो ने तस्करों की अवैध कमाई पर सीधी चोट करते हुए करीब 48.6 लाख रुपये की संपत्ति फ्रीज कर दी है। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा हेरफेर अधिनियम (साफेमा) के तहत की गई है और सक्षम प्राधिकरण ने इसे मंजूरी भी दे दी है।
क्या है मामला?
ये संपत्ति एक बड़े अफीम (पोपी स्ट्रॉ) तस्करी मामले से जुड़ी है। यह केस 8 अगस्त 2024 को शुरू हुआ था। 8 अगस्त 2024 को एनसीबी रांची को गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद हेसमी टोल प्लाजा, मांडर पर एक वाहन को रोका गया, जिसमें से 4,317 किलो से ज़्यादा पोपी स्ट्रॉ (अफीम का भूसा) बरामद हुआ। ये माल झारखंड के खूंटी से लाया जा रहा था और राजस्थान सप्लाई होना था। इस केस में 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए थे, जिनमें मास्टरमाइंड मोहम्मद इमरान आलम भी शामिल था।
साफेमा के तहत संपत्ति फ्रीज
जांच के दौरान पता चला कि आरोपी एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क से जुड़े हैं, जिसकी डोर राजस्थान तक फैली हुई है। यही नेटवर्क लगातार बिहार और झारखंड में नशीले पदार्थों की आपूर्ति कर रहा था। एनसीबी अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी की रणनीति सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, अब तस्करों की अवैध संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके। साफेमा के तहत संपत्ति फ्रीज करना उसी दिशा में उठाया गया अहम कदम है। इस केस में आरोपियों की 48.6 लाख की संपत्ति फ्रीज की गई और साफेमा अथॉरिटी ने इसे सही ठहराया।
आरोपियों से जुड़ी अन्य संपत्तियों की छानबीन जारी
बताया गया कि जांच अभी जारी है और आरोपियों से जुड़ी अन्य संपत्तियों की भी छानबीन की जा रही है। एजेंसी ने साफ कर दिया है कि आगे भी ऐसी कार्रवाइयां होती रहेंगी। ब्यूरो ने आम लोगों से अपील की है कि वे नशे के खिलाफ इस लड़ाई में सहयोग करें। अगर किसी को नशीले पदार्थों की बिक्री या तस्करी की जानकारी मिले तो राष्ट्रीय नशा विरोधी हेल्पलाइन 1933 पर सूचना दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम और पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।
Sep 24 2025, 10:34