जहानाबाद काको में कायनात फाउंडेशन ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस, शिक्षा मंथन कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
जहानाबाद, काको।अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर काको स्थित कायनात फाउंडेशन ने भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। इस वर्ष की थीम “Act Now for a Peaceful World” के तहत शिक्षा मंथन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का मुख्य नारा रहा— “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समर्पित शिक्षक, पारंपरिक और नैतिक मूल्य, प्रगतिशील बिहार की मांग हैं।”
फाउंडेशन के अध्यक्ष शकील अहमद काकवी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि, “अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक युद्धविराम और अहिंसा के लिए समर्पित है। इस दिन का संदेश है कि प्रसन्न बचपन और मानवीय गरिमा केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सांस्कृतिक-मूल्यों के संरक्षण से ही संभव है। एक किताब, एक कलम और एक व्यक्ति समाज की परिस्थितियाँ बदलने के लिए पर्याप्त हैं।”
कार्यक्रम का उद्घाटन सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी मनोज कुमार भारती ने किया। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल सुधार पर जोर देते हुए कहा, “अब समय आ गया है कि बिहार के लिए एक व्यापक शिक्षा ड्राफ्ट तैयार किया जाए। प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च माध्यमिक और व्यावसायिक शिक्षा तक की रूपरेखा स्पष्ट होनी चाहिए तथा राज्य के सभी 535 प्रखंडों में मॉडल स्कूल स्थापित किए जाने चाहिए।”
इस मौके पर शिक्षा और समाज से जुड़े कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. के. सी. सिन्हा, पूर्व कुलपति पटना विश्वविद्यालय; डॉ. शंकर कुमार, विभागाध्यक्ष (भौतिकी), पटना साइंस कॉलेज; लेफ्टिनेंट कर्नल बाजरंग सिंह, नेटारहाट स्कूल के पूर्व छात्र; मिसेज विभा सिंह; शिव प्रकाश भारद्वाज, निदेशक बेगूसराय भारद्वाज गुरुकुल; और आनंद मुरारी, सागर पाठशाला, मोकामा ने किया। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा शांति और सामाजिक समरसता की सबसे मजबूत नींव है और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, शिक्षा विशेषज्ञों, शांति कार्यकर्ताओं, स्काउट्स और गाइड्स ने भाग लिया। परी कुमारी, उमंग और प्रेम सागर भारती ने अपने गीतों से शांति और सद्भाव का संदेश देते हुए उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
अंत में कायनात फाउंडेशन ने शिक्षा के माध्यम से शांति को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और समाज के सभी वर्गों से इस महान उद्देश्य में सहयोग की अपील की। यह आयोजन न केवल शिक्षा पर चिंतन का अवसर बना बल्कि इसने यह भी सिद्ध किया कि शांतिपूर्ण विश्व की नींव मजबूत शिक्षा व्यवस्था और मानवीय मूल्यों से ही संभव है।
Sep 21 2025, 20:33