झारखंड का 'पलाश ब्रांड' ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक: 40 करोड़ का कारोबार पार
रांची - झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर 2020 में लॉन्च किया गया 'पलाश ब्रांड' आज राज्य की ग्रामीण महिलाओं के आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की एक मजबूत पहचान बन गया है। इस ब्रांड ने 40 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्ज किया है, जिससे दो लाख से ज्यादा महिलाएं सीधे तौर पर लाभान्वित हो रही हैं।
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'लखपति दीदी' बनीं शीला देवी जैसी महिलाएं
राँची के सिल्ली की रहने वाली शीला देवी, जो पहले हाउसकीपिंग करके अपने परिवार का खर्च चलाती थीं, अब 'पलाश आजीविका दीदी कैफे' चलाकर 'लखपति दीदी' बन चुकी हैं। उन्हें प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिली, जिससे उन्होंने झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों को अपना व्यवसाय बनाया। दिल्ली के सरस मेला में उनकी सालाना बिक्री 6-7 लाख रुपये तक पहुँच जाती है। शीला जैसी सैकड़ों महिलाओं की सफलता का आधार पलाश ब्रांड बन चुका है।
उत्पाद और पहुंच
पलाश ब्रांड के तहत 30 से अधिक उच्च-गुणवत्ता वाले उत्पाद जैसे जीराफूल चावल, ब्राउन राइस, मडुआ आटा, दालें, सरसों का तेल, हर्बल उत्पाद और साबुन उपलब्ध हैं। ये उत्पाद 46 'पलाश मार्ट' और 24 'डिस्प्ले-कम-सेल काउंटरों' के माध्यम से पूरे राज्य में उपभोक्ताओं तक पहुँच रहे हैं।
बिचौलियों से मुक्ति, सीधे लाभ
पलाश ब्रांड का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं की मेहनत और कौशल को पहचान दिलाना है, ताकि उन्हें उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल सके और वे सीधे बाजार से जुड़ सकें। ब्रांड की बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग ने महिलाओं को बिचौलियों पर निर्भरता से मुक्त कर दिया है।
ब्रांड का लोगो – झारखंड का प्रतीकात्मक फूल 'पलाश' और टैगलाइन 'ग्रामीण महिलाओं की श्रम-शक्ति का सम्मान' – इस पहल के मूल उद्देश्य को दर्शाता है।
Sep 16 2025, 17:52