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उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर में निवेश को लेकर राज्य सरकार की बड़ी पहल

* प्रदेश प्रतिवर्ष 387 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन के साथ देश में अव्वल, डेयरी उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की योजना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को दुग्ध उत्पादन में देश का अग्रणी बनाए रखने के साथ-साथ डेयरी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ स्थित होटल ताज में "उत्तर प्रदेश डेयरी उद्योग विकास एवं संभावनाएं" विषयक निवेशक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 60 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया।

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों के साथ निरंतर संवाद स्थापित कर रही है और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रतिवर्ष 387 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन के साथ देश में पहले स्थान पर है, जो राष्ट्रीय उत्पादन का लगभग 16% है। यहां प्रतिदिन 1062 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की नई दुग्ध क्षेत्र विकास एवं प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत निवेश को आकर्षित करने हेतु कई प्रावधान किए गए हैं। नई परियोजनाओं पर 35% तक (अधिकतम 5 करोड़ रु.) अनुदान और पशु हाउसिंग पर 2 करोड़ रु. तक की सहायता दी जा रही है। अब तक इस नीति के अंतर्गत 355 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हो चुका है।

वर्तमान में प्रदेश में 531 लाख लीटर दूध का संग्रहण और 98 लाख लीटर का प्रसंस्करण हो रहा है। सरकार का लक्ष्य 2027-28 तक दुग्ध प्रसंस्करण स्तर को 25% तक ले जाना है, जिससे रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि होगी।

कार्यशाला में जीएसटी दरों में की गई कटौती पर भी चर्चा हुई। अब यूएचटी मिल्क, पैक्ड पनीर व छेना टैक्स फ्री हैं, जबकि घी, मक्खन, चीज पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया गया है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि निवेशकों के लिए भी यह लाभकारी साबित होगा।

प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने बताया कि विजन 2047 के अंतर्गत प्रदेश को दुग्ध उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य है। कार्यशाला में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, अमूल, आनन्दा डेयरी, ज्ञान डेयरी, मधुसूदन डेयरी सहित कई प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रमों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की होंगी जांच


* प्रत्येक मंडल में जांच टीम गठित होगी और 15 दिनों में रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी : योगेन्द्र उपाध्याय



लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों की मान्यता व प्रवेश प्रक्रिया की गहन जांच के आदेश दिए हैं।

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया  कि बाराबंकी रामस्वरूप विश्वविद्यालय प्रकरण के बाद कई अनियमितताएँ संज्ञान में आई हैं, जो विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में की जा रही थीं। सरकारी विश्वविद्यालयों को भारत सरकार के ‘समर्थ पोर्टल’ से जोड़ दिया गया है। साथ ही, प्रदेश सरकार अब एक नया पोर्टल विकसित करने जा रही है। जिस प्रकार भारत सरकार का ‘समर्थ पोर्टल’ सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को जोड़ता है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार का यह पोर्टल निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को जोड़ेगा। इससे भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों पर रोक लगेगी और पूरी व्यवस्था पारदर्शी बनेगी।

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एम.पी. अग्रवाल ने प्रदेश के समस्त निजी विश्वविद्यालयों, निजी व अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों एवं उच्च शैक्षणिक संस्थानों में मान्यता एवं प्रवेश प्रक्रिया की सघन जाँच के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है। इस समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष होंगे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक (या पुलिस कमिश्नरेट की दशा में नामित अधिकारी) तथा शिक्षा विभाग का एक अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होगा।  गठित की गई विशेष समिति  प्रत्येक निजी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय से शपथ पत्र लेगी, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि वे कौन-कौन से कोर्स चला रहे हैं, सभी कोर्स मान्यता प्राप्त हैं या नहीं और उनमें कितने छात्रों ने प्रवेश लिया है। समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी भी छात्र का प्रवेश बिना मान्यता वाले कोर्स में नहीं हुआ है। प्रत्येक जनपद स्तर पर जांच पूरी कर 15 दिनों के भीतर शासन को समेकित रिपोर्ट भेजेगी।  जांच में यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो संस्थान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी छात्र का दाखिला अवैध रूप से कराया गया है तो संस्थान को उसका पूरा शुल्क ब्याज सहित वापस करना होगा।

संचालित सभी कोर्सों की सूची भी समिति प्राप्त करेगी और उनके साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अन्य संबंधित सांविधिक संस्थाओं जैसे ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE), बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI), डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल (DEC), डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI), इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC), मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI), नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE), फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) इत्यादि की मान्यता का विवरण, सीटों की संख्या सहित अथवा विश्वविद्यालय/बोर्ड/नियामक निकाय की स्वीकृति का स्पष्ट उल्लेख होगा।
अयोध्या में दीपोत्सव-2025: 26 लाख दीयों से बनेगा नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड : जयवीर सिंह
लखनऊ । रामनगरी अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। आगामी 19 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव-2025 में 26 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित कर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की योजना है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आयोजन की तैयारियाँ युद्धस्तर पर चल रही हैं। यह आयोजन न केवल अपने पूर्ववर्ती रिकॉर्ड को तोड़ेगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का कार्य करेगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरा दीपोत्सव होगा, जिसे भव्यता और दिव्यता के साथ मनाया जाएगा। इस वर्ष राम की पैड़ी, सरयू तट और अन्य घाटों पर दीयों की अद्भुत श्रृंखला से पूरा वातावरण रोशन होगा। साथ ही, 1,100 से अधिक संत-महात्माओं की उपस्थिति में सरयू तट पर अब तक की सबसे बड़ी आरती का आयोजन किया जाएगा।

गिनीज रिकॉर्ड की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कार्यक्रम से तीन दिन पहले से ही स्थल पर तैयारियाँ शुरू हो जाएंगी। दीप सज्जा, प्रज्वलन और गिनती जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए छात्र-स्वयंसेवकों की मदद ली जाएगी, जो गिनीज के मानकों के अनुरूप कार्य करेंगे। पूरी प्रक्रिया तकनीकी और पारदर्शी ढंग से संपन्न होगी ताकि रिकॉर्ड में कोई बाधा न आए।

श्री सिंह ने बताया कि आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन, अवध विश्वविद्यालय सहित विभिन्न संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम现场 मौजूद रहेगी और रिकॉर्ड की पुष्टि के पश्चात मुख्यमंत्री को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि दीपोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रतीक बन चुका है। इस बार की तैयारियाँ इसे देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बनाने की दिशा में की जा रही हैं।

दीपों की यह श्रृंखला भगवान राम के आदर्शों की याद दिलाती है और विश्वबंधुत्व का संदेश देती है। दीपोत्सव-2025 न केवल प्रदेश की पहचान बनेगा, बल्कि पूरी दुनिया के सामने भारत की सांस्कृतिक शक्ति को प्रदर्शित करेगा।
पितृपक्ष : जड़ों से जुड़ने और संस्कारों को जीने का पर्व: स्वामी चिदानन्द सरस्वती
लखनऊ/ उत्तराखंड । भारतीय संस्कृति में श्रद्धा और विश्वास जीवन के मूल स्तंभ माने गए हैं। इन्हीं पर हमारी परंपराएँ, संस्कार और जीवन पद्धति टिकी है। इन्हीं मूल्यों से जुड़ा है पितृपक्ष—एक ऐसा कालखंड जब हम अपने पूर्वजों, परिवारजनों और राष्ट्र के महान विभूतियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
यह समय केवल श्राद्ध या तर्पण तक सीमित नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है। इसमें हम अपने पितरों के दिए संस्कारों को आत्मसात करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। यही हमें आत्मिक शक्ति और समाज को एकता प्रदान करता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती परमाध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश ने बताया कि  परिवार भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी धरोहर है। यह केवल रक्त संबंधों का दायरा नहीं, बल्कि संस्कारों और मूल्यों की निरंतरता का प्रतीक है। बच्चे परिवार से ही बोलना, चलना और आचरण सीखते हैं। “मातृदेवो भव, पितृदेवो भव” का आदर्श हमें याद दिलाता है कि माता-पिता और पूर्वज हमारे प्रथम गुरु और देवता हैं।
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में जब आधुनिकता और तकनीक इंसान को अकेला कर रही है, परिवार ही वह स्थान है जहाँ बिना शर्त प्रेम, सहयोग और सुरक्षा मिलती है। पितृपक्ष हमें याद दिलाता है कि हम केवल वर्तमान नहीं, बल्कि अतीत और भविष्य की एक निरंतर धारा का हिस्सा हैं।
वेद और पुराण कहते हैं—“ऋणानुबन्धरूपेण पश्यन्ति पितरः सुतान्” अर्थात संतानें अपने पितरों का ऋण चुकाने के लिए जन्म लेती हैं। श्राद्ध और तर्पण इसी ऋण की पूर्ति का माध्यम हैं। पितरों का आशीर्वाद हमें जीवन की चुनौतियों से लड़ने का साहस देता है और समाज को एकजुट रखता है।
पितृपक्ष हमें यह संदेश देता है कि जीवन केवल आगे बढ़ने का नाम नहीं, बल्कि अपनी जड़ों को याद करते हुए नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ने का अवसर है। यही सनातन संस्कृति की शाश्वत धारा है।
सुशांत गोल्फ सिटी हत्याकांड का खुलासा, मुठभेड़ में एक आरोपी गिरफ्तार , दूसरा फरार
लखनऊ । राजधानी के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में महिला की सनसनीखेज हत्या का खुलासा पुलिस ने मुठभेड़ के बाद कर दिया। शनिवार देर रात किसान पथ पर पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में मुख्य आरोपी अनुज रावत को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसका साथी देशराज मौके से फरार हो गया। पुलिस ने घायल आरोपी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।

सूचना के आधार पर पुलिस ने किसान पथ पर घेराबंदी की थी

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने किसान पथ पर घेराबंदी की थी। तभी बाइक सवार दो संदिग्ध वहां पहुंचे। चेकिंग के दौरान उन्होंने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाब में की गई कार्रवाई में अनुज के पैर में गोली लग गई। मौके से देशराज अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला।

दोनों आरोपियों ने महिला को झाड़ियों में फेंककर हो गए थे फरार

पूछताछ में खुलासा हुआ कि अनुज महिला का परिचित था। रविवार को महिला, अनुज और देशराज ने साथ में शराब पी थी। नशे की हालत में दोनों आरोपियों ने महिला से छेड़छाड़ और दुष्कर्म की कोशिश की। विरोध करने पर महिला के साथ बर्बरता की गई और निजी अंगों पर हमला कर दिया गया। जब वह बेसुध हो गई, तो दोनों उसे मृत समझकर झाड़ियों में फेंककर घर लौट गए। अगले दिन महिला का शव बरामद हुआ था।पुलिस ने आरोपी के पास से तमंचा और बाइक बरामद की है। अनुज शटरिंग का काम करता है और माईजी का पुरवा का रहने वाला है। पुलिस अब फरार आरोपी देशराज की तलाश में जुट गई है।
पारा में शुभी फैमिली ढाबा सील, स्थानीय लोगों में आक्रोश

लखनऊ ।पारा थाना क्षेत्र के आगरा एक्सप्रेसवे जीरो प्वॉइंट के पास स्थित शुभी फैमिली ढाबा को शनिवार शाम एलडीए टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर सील कर दिया। अचानक हुई इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। ढाबा संचालक का आरोप है कि एलडीए ने बिना किसी नोटिस या पूर्व सूचना के जबरन सीलिंग की कार्रवाई की। उनका कहना है कि यह कदम नियमों के विपरीत है। क्षेत्रीय लोगों ने भी सवाल उठाया कि इलाके में सिर्फ एक ही प्रतिष्ठान को क्यों निशाना बनाया गया?

प्रतिशोध की भावना से एलडीए ने की कार्रवाई

सूत्रों के मुताबिक ढाबा संचालक किसान नेता भी हैं और हाल ही में काकोरी क्षेत्र में एलडीए द्वारा की जा रही कथित मनमानी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के खिलाफ किसानों के साथ बड़ा आंदोलन किया था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यही वजह है कि एलडीए ने प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की। शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे एलडीए के एसडीएम, जोनल अधिकारी और मोहन रोड चौकी इंचार्ज सचिन कौशिक पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और ढाबे को सील कर दिया। घटना के बाद से ही क्षेत्र में चर्चा है कि एलडीए के खिलाफ आवाज उठाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने केजीएमयू जाकर घायल छात्रों से की मुलाकात
* छात्रों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा :
योगेन्द्र उपाध्याय

लखनऊ । प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय शुक्रवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय  लखनऊ पहुंचे, जहाँ उन्होंने रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में एलएलवी पाठ्यक्रम की मान्यता नवीनीकरण एवं अवैध वसूली को लेकर प्रदर्शन के दौरान घायल हुए छात्रों से भेंट की। मंत्री ने घायल छात्रों से उनका हालचाल पूछा, उनकी चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली और उन्हें हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
मुलाकात के दौरान छात्रों ने मंत्री को वीडियो दिखाते हुए विस्तार से बताया  कि किस प्रकार शांतिपूर्ण ढंग से अपनी समस्याएँ उठाने पर भी उनके साथ बर्बरता की गई। मंत्री ने छात्रों की बात ध्यानपूर्वक सुनी और कहा कि योगी सरकार छात्रों की न्यायोचित मांगों के साथ खड़ी है तथा उनके हितों की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।

उच्च शिक्षा मंत्री को घायल छात्रों ने अवगत कराया कि विश्वविद्यालय प्रशासन के स्थानीय असामाजिक तत्वों ने छात्रों पर हमला किया तथा मौजूदा पुलिस कर्मियों ने उनके साथ मिलकर पाशविक कृत्य किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और मंडलायुक्त को  मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा परिषद के सचिव दिनेश राजपूत की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर भी गहरी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि एलएलवी पाठ्यक्रम की मान्यता का समय से नवीनीकरण न कराना, बिना अनुमति के प्रवेश लेना, छात्रों से अवैध वसूली करना और उनकी जायज मांगों को दबाने के लिए बाहरी तत्वों की मदद लेना गंभीर अपराध है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार किसी भी हालत में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि सभी मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों का संचालन निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो और छात्रों को अनावश्यक दबाव या अनिश्चितता का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की समस्याओं का समाधान संवाद और संवेदनशीलता से किया जाना चाहिए, न कि बल प्रयोग से।
ऊर्जा, स्वच्छता, पर्यावरण और रोजगार – पंचायती राज विभाग की पहल लाई ग्रामीण विकास में क्रांतिकारी बदलाव


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद की शाहाबाद तहसील स्थित किरा ग्राम पंचायत ने पंचायती राज विभाग की अभिनव पहल के माध्यम से आत्मनिर्भरता और सतत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। यहां स्थापित 85 घन मीटर क्षमता वाले बायोगैस प्लांट ने ग्रामीण जीवन में ऊर्जा क्रांति ला दी है। प्रतिदिन लगभग 51 किलो बायोगैस उत्पादन के आधार पर संचालित जेनरेटर से अब तक 25,200 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा चुका है। इससे पंचायत को लगभग ₹2.5 लाख की सीधी बचत हुई है। यह विद्युत न केवल खेती और सिंचाई जैसे कृषि कार्यों के लिए उपयोग में लाई जा रही है, बल्कि चारा मशीन, सामुदायिक भवन और अन्य ग्रामीण आवश्यकताओं को भी स्थानीय स्तर पर पूरा कर रही है। इस परियोजना ने गांव को बाहरी स्रोतों पर निर्भर होने से मुक्त कर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की है।

बायोगैस प्लांट ने केवल ऊर्जा की समस्या का समाधान नहीं किया, बल्कि गांव की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बिजली से हुई बचत के अतिरिक्त पंचायत को अब तक ₹53,000 की अतिरिक्त आय भी प्राप्त हुई है, जिसे स्थानीय विकास कार्यों में निवेश किया गया है। साथ ही, पंचायत ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए ऑयल प्रेस मशीन की शुरुआत की है।

इसमें किसानों की सरसों से शुद्ध तेल निकाला जा रहा है, जिससे ग्रामीण उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन को बढ़ावा मिल रहा है। इस पहल से युवाओं और महिलाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। दूसरी ओर, बायोगैस प्लांट से निकलने वाले अवशेष का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जा रहा है, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हुई है और किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरणा मिली है। इस प्रकार यह परियोजना स्वच्छ ऊर्जा, ग्रामीण उद्योग और पर्यावरण संरक्षण का अद्वितीय संगम प्रस्तुत कर रही है।

पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि किरा ग्राम पंचायत की उपलब्धि संपूर्ण प्रदेश के लिए प्रेरणादायी मॉडल है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग की योजनाएं तभी सफल होती हैं जब स्थानीय प्रतिनिधि, तकनीकी विशेषज्ञ और ग्रामीण समाज एकजुट होकर कार्य करें।

इस अवसर पर पंचायतीराज निदेशक अमित सिंह ने भी किरा पंचायत की प्रगति को विभाग की रणनीतिक सोच – “सशक्त पंचायत, आत्मनिर्भर गांव, मजबूत राष्ट्र” – का सजीव उदाहरण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि प्लांट संचालन की दक्षता के लिए गांव के युवाओं को विशेष तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिससे एक सक्षम और प्रशिक्षित कार्यबल तैयार हुआ है। इस सामूहिक प्रयास ने न केवल ग्राम पंचायत को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि ग्रामीण भारत के सतत और हरित विकास की राह भी प्रशस्त की है।
अध्यक्ष महिला आयोग ने किया गया वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) एवं क्वीन मैरी महिला चिकित्सालय का स्थलीय निरीक्षण


लखनऊ। प्रदेश की महिलाओं की चिकित्सीय स्थिति की जानकारी शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की स्थिति का अवलोकन, गर्भवती महिलाओं व अन्य गंभीर रोगों से पीड़ित महिलाओं को उपलब्ध करायी जा रही उपचार व्यवस्था तथा टीकाकरण की वस्तुस्थिति की जानकारी हेतु उ.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान द्वारा वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान इमरजेन्सी ओ.पी.डी., लेबर रूम, किचन, ओ.टी., एस.एन.सी. वार्ड, एच.डी.यू. व पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड का निरीक्षण किया गया साथ ही समस्त वार्डों में भर्ती महिलाओं एवं शिशुओं से मिलकर उनका हाल चाल लिया गया तथा नवजात कन्याओं का जन्मोत्सव भी मनाया गया। निरीक्षण के दौरान सभी डाक्टर्स एवं नर्सिंग स्टॉफ का कार्य व्यवहार सराहनीय पाया गया। सभी व्यवस्थायें उत्तम पाई गयी तथा साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखा गया है। मा. अध्यक्ष महोदया द्वारा जनसुविधा केन्द्र खोले जाने हेतु निर्देशित किया गया है जिससे महिलाओं को सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ आसानी से मिल सके।

इसके बाद क्वीन मैरी महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया, जिसमें आई.वी.एफ. सेन्टर, लेबर रूम, इमरजेन्सी, पोस्ट ऑपरेटिव रूम, वेन्टीलेटर यूनिट, रजिस्ट्रेशन काउन्टर, ओ.पी.डी., किचन एवं टॉयलेट का निरीक्षण किया गया तथा वहां पर उपस्थित महिलाओं / मरीजों से वार्ता कर मिल रही सभी सुविधाओं की जानकारी ली गयी। निरीक्षण के दौरान 40 नवजात कन्याओं को बेबी किट मा. अध्यक्ष द्वारा वितरित की गयी। महिलाओं की संख्या को देखते हुये मा. अध्यक्ष महोदया द्वारा स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये।

निरीक्षण के दौरान डॉ. अंजू अग्रवाल द्वारा बताया गया कि डॉक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ की संख्या पूरी है। डिलीवरी वार्ड में एक बेड पर 2 मरीज देखकर अध्यक्ष द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी।

इस सम्बन्ध में डॉक्टर अंजू अग्रवाल द्वारा बताया गया कि 200 बेड का प्रस्ताव शासन भेजा गया है।
गुडंबा में पटाखा विस्फोट कांड, पुलिस की लापरवाही से तबाही, अब छापेमारी की कार्रवाई

लखनऊ । गुडंबा इलाके के बेहटा और सेमरा गांव में रविवार को हुए धमाकों ने पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ा दी है। जिन घरों में अवैध पटाखा फैक्ट्री और गोदाम चल रहे थे, वहां विस्फोट से दो लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए। चौंकाने वाली बात यह है कि हादसा माल थाने से चंद दूरी पर हुआ, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

बम निरोधक दस्ते की संयुक्त टीम गांवों में उतरी

सोमवार को जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा, पुलिस-प्रशासन, अग्निशमन विभाग और बम निरोधक दस्ते की संयुक्त टीम गांवों में उतरी और छापेमारी शुरू कर दी। कई घरों से भारी मात्रा में पटाखे, बारूद और निर्माण सामग्री बरामद हुई। बम निरोधक दस्ते ने बरामद बारूद को निष्क्रिय किया। बताया जा रहा है कि यह अवैध कारोबार वर्षों से चल रहा था और स्थानीय पुलिस की जानकारी में भी था।

हादसे में मारे गए आलम को गांववाले चूड़ी बेचने वाला समझते थे

सूत्रों के मुताबिक फैक्ट्री अली अहमद, शेरू और नसीम के नाम पर चलाई जा रही थी। हादसे में मारे गए आलम को गांववाले चूड़ी बेचने वाला समझते थे, लेकिन उसके घर को भी पटाखों का भंडारण और निर्माण केंद्र बनाया गया था। अब आलम, उसके भतीजे शेरू, शोएब, अली अहमद और टीनू के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनमें गैर इरादतन हत्या और विस्फोटक अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। हालांकि नामजद आरोपी फरार हैं।

बेहटा चौकी इंचार्ज और बीट सिपाही को निलंबित

हादसे के बाद पुलिस पर सवाल और गहरे हो गए। यही वजह है कि डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने तुरंत बेहटा चौकी इंचार्ज और बीट सिपाही को निलंबित कर दिया है। साथ ही एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह की अगुवाई में जांच कमेटी बनाई गई है, जो यह देखेगी कि आखिर पुलिस को अवैध पटाखा कारोबार की भनक क्यों नहीं लगी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के शरीर पर गहरी जलन और चोटें पाई गईं

इस घटना में आलम और उसकी पत्नी मुन्नी की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के शरीर पर गहरी जलन और चोटें पाई गईं। दोनों को सोमवार शाम कब्रिस्तान में दफनाया गया। वहीं, आलम का बेटा इरशाद और पड़ोसी नदीम गंभीर रूप से झुलस गए हैं और ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।गांववालों का कहना है कि अवैध पटाखा कारोबार की जानकारी लंबे समय से पुलिस को थी, लेकिन मिलीभगत और लापरवाही के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के बाद की गई छापेमारी को लोग सिर्फ दिखावा बता रहे हैं।

गुडंबा के बेहटा और सेमरा गांव में धमाकों से दहशत

बेहटा और सेमरा गांव में हुए दो धमाकों ने पूरे इलाके को दहला दिया। सोमवार को भी गांव में मातम और खौफ का माहौल बना रहा। हालात इतने खराब थे कि जैसे ही बिजली चमकती या बादल गरजते, लोग सहमकर घरों से बाहर निकल जाते और खाली मैदानों में पनाह लेने लगते।गांव की सरोज ने बताया कि रविवार शाम वह नवजात पोते को गोद में लेकर खिला रही थीं, तभी अचानक जोरदार धमाके होने लगे। घबराहट में पोता गोद से गिरते-गिरते बचा और परिवार को भागकर घर से बाहर निकलना पड़ा। वहीं, सुशीला नाम की महिला ने बताया कि धमाके की आवाज से उनकी जेठानी बेहोश हो गई थीं, जिन्हें आनन-फानन डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा।

धमाकों ने ग्रामीणों को मानसिक रूप से हिला दिया

धमाकों ने ग्रामीणों को मानसिक रूप से हिला दिया है। सब्जी विक्रेता रंजीत ने कहा कि धमाके से ठीक पहले वह आलम के घर के बाहर बैठे थे। जैसे ही घर पहुंचे, जोरदार विस्फोट हुआ और धुएं का गुबार निकलता देखा। रात भर आंखें मूंदते ही वही भयावह मंजर सामने आने लगता। राजेश्वरी नाम की महिला ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि पहले तो लगा जैसे कोई हवाई जहाज गिरा हो। जब तक सच्चाई का पता चला, लोग अपने घर छोड़कर भाग चुके थे।

धमाके की गूंज अभी तक कानों में

सेमरा गांव के मोहम्मद शारिक ने बताया कि शाम को बकरियों को चारा खिला रहे थे, तभी पटाखों के गोदाम में विस्फोट हुआ और वह कुछ दूरी पर जा गिरे। वह तो बच गए, लेकिन उनकी बकरी की मौत हो गई। इसी गांव के राहुल ने कहा कि वह बेटे के साथ छत पर खड़े थे, तभी तेज धमाके के साथ धुआं और आग की लपटें उठीं। धमाके की गूंज अभी तक कानों में है।

लोग पूरी रात जागकर और खुले मैदान में रहकर गुजारने को मजबूर

ग्रामीण युगराज ने कहा कि दो गांवों में धमाकों के बाद पूरे इलाके में खौफ का माहौल है। लोग पूरी रात जागकर और खुले मैदान में रहकर गुजारने को मजबूर हुए।इसी बीच, बाराबंकी के अमरसंडा निवासी महबूब का दर्द भी सामने आया। उन्होंने रोते हुए बताया कि पाई-पाई जोड़कर बेहटा में घर बनाया था, जिसे किराए पर दिया था। धमाके में पूरा घर बर्बाद हो गया और अब छत के ऊपर रखा टीन शेड भी ढह चुका है।

मकान सबकुछ मलबे में दब गया

किरायेदार अजीज ने बताया कि राशन, गृहस्थी और मकान सबकुछ मलबे में दब गया। बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए और रात तिरपाल डालकर गुजारनी पड़ी। धमाकों के बाद से ग्रामीणों में यह सवाल गूंज रहा है कि आखिर कब तक ऐसे अवैध पटाखा कारोबार जान-माल के लिए खतरा बने रहेंगे और पुलिस-प्रशासन कब जागेगा।