पहाड़ से लेकर मैदान तक सैलाब ही सैलाब, कश्मीर से पंजाब तक बाढ़ से हाहाकार
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उत्तर भारत जलमग्न है। पहाड़ से लेकर मैदान तक हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली, पंजाब और कश्मीर में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। जून से जारी इस बारिश ने पूरे देश में हजारों लोगों की जान ले ली है। जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से बादल फटने से आई सिलसिलेवार बाढ़ में कई लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य लापता हैं। वहीं अब पंजाब में बाढ़ का तांडव देखने को मिल रहा है।
कश्मीर में बाढ़ और बारिश के चलत अब तक 50 लोगों की मौत
जम्मू-कश्मीर में पिछले एक पखवाड़े में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस स्थिति के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग लगातार आठवें दिन भी बंद है। इस बीच, सोमवार को राजौरी और सांबा जिलों में लगातार बारिश के बाद ज़मीन धंसने की ख़बरें आईं, जिसके बाद अधिकारियों को 19 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। डोडा में बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण 500 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
पंजाब में 30 लोगों की मौत
पंजाब के सभी 23 जिलों में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। यहां बाढ़ और बारिश से जुड़े हादसों में 30 लोगों की मौत हो चुकी है रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य के 23 जिलों के कुल 3.5 लाख लोग बारिश और अचानक आई बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। गुरदासपुर सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जहां 324 गांव प्रभावित हुए हैं, इसके बाद अमृतसर (135 गांव) और होशियारपुर (119 गांव) का स्थान है। आलम यह है कि लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और सेना तक मैदान में हैं। हालांकि, स्थितियां अभी सुधरती नहीं दिख रही। राज्य में 3 सितंबर को भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा पूरे हफ्ते हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी।
उत्तराखंड में बादल फटने से 10 लोगों की मौत
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है। इस घटना में 69 लोग लापता हैं, जहां अगस्त में बादल फटने की कई घटनाएं हुईं, जिससे भूस्खलन और अचानक बाढ़ आई, जिससे घर तबाह हो गए और लोग व जानवर मलबे में दब गए। मौसम विभाग ने आज राज्य में रेड अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल में हाहाकार
हिमाचल प्रदेश के मंडी में बारिश और भूस्खलन से तबाही मचाई है। मंडी जिले के सुंदरनगर में भारी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन की चपेट में आने से दो मकान जमींदोज हो गए और छह लोगों की मौत हो गई। वहीं, प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और किन्नौर के कुछ स्थानों पर बुधवार को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऊना और बिलासपुर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी बारिश के आसार हैं। आठ सितंबर तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर शिमला, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, बिलासपुर और कुल्लू में बुधवार को भी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी कर दी गई है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश में कुल 1,337 सड़कें अवरुद्ध हैं। इनमें से 282 मंडी में, 255 शिमला में, 239 चंबा में, 205 कुल्लू में और 140 सिरमौर जिले में हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग 3 (मंडी-धर्मपुर मार्ग), राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (औट-सैंज), राष्ट्रीय राजमार्ग 5 (पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग) और राष्ट्रीय राजमार्ग 707 (हाटकोटी से पांवटा) भी अवरुद्ध हैं।
दिल्ली में डरा रही यमुना
इधर, दिल्ली में यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय बना हुआ है। दिल्ली में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई है। मंगलवार को दिल्ली के पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर जलस्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया, जिससे यातायात बंद कर दिया गया है। बारिश और बाढ़ की चेतावनी के कारण कश्मीरी गेट के पास मोनेस्ट्री मार्केट, वासुदेव घाट और यमुना बाजार जैसे इलाकों से लोगों को निकाला गया है।
औसत से लगभग तीन गुना ज्यादा बारिश
मौसम विभाग ने अगस्त के अंत में केवल 72 घंटों में 300-350 मिमी बारिश दर्ज की, जो इस अवधि के औसत से लगभग तीन गुना ज्यादा है। अधिकारियों और मौसम वैज्ञानिकों ने इसे चार दशकों से भी ज्यादा समय में उत्तर भारत में आई सबसे भीषण बाढ़ बताया है।
Sep 03 2025, 15:33