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पश्चिम बंगाल में 13.69 प्रतिशत फर्जी मतदाता, SIR से पहले रिसर्च रिपोर्ट में बड़ा दावा

देशभर में मतदाता सूची को लेकर राजनीतिक दलों के बीच चल रही बहस अब पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है. बिहार में चुनाव आयोग के विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान लाखों नाम काटे जाने के बाद अब पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य की मतदाता सूची में करीब 13.69 प्रतिशत नाम फर्जी या मृतकों के हैं.

बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाता सूची से हटाए जाने के बाद अब चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर अभियान चलाया जाएगा. हालांकि आयोग ने इस प्रक्रिया की समय-सीमा स्पष्ट नहीं की है.

पश्चिम बंगाल में आखिरी बार मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण 2002 में हुआ था. बीते 22 वर्षों में इस सूची की ठीक से समीक्षा नहीं की गई, जिसके चलते मृतकों और डुप्लीकेट नामों को हटाया ही नहीं गया.

शोध रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

अगस्त 2025 में प्रकाशित शोध Electoral Roll Inflation in West Bengal: A Demographic Reconstruction of Legitimate Voter Counts (2024) में विद्यु शेखर (एसपी जैन, मुंबई) और मिलन कुमार (आईआईएम विशाखापत्तनम) ने पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची का गहन विश्लेषण किया है. अध्ययन के अनुसार, 2024 की मतदाता सूची में करीब 1.04 करोड़ अतिरिक्त नाम मौजूद हैं. यह कुल सूची का लगभग 13.69 प्रतिशत है. शोध में चेतावनी दी गई है कि यह आंकड़ा न्यूनतम है, वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है.

शोध में दावा किया गया है कि बिहार की तरह पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में भी मृत लोगों के नाम बड़े पैमाने पर दर्ज हैं। 2004 की सूची में राज्य में 4.74 करोड़ मतदाता थे. बीस साल बाद प्राकृतिक मृत्यु दर और उम्र के आधार पर अनुमान लगाया गया कि इनमें से लगभग एक करोड़ लोग अब जीवित नहीं हैं। इसके बावजूद उनके नाम मतदाता सूची से हटाए नहीं गए हैं.

अध्ययन के अनुसार, 1986 से 2006 के बीच जन्मे और 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं को जोड़ने और प्रवासन को घटाने के बाद, 2024 में पश्चिम बंगाल में वैध मतदाताओं की संख्या करीब 6.57 करोड़ होनी चाहिए थी, लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़ों में यह संख्या 7.61 करोड़ दर्ज है यानी करीब 1.04 करोड़ नाम अतिरिक्त पाए गए। यह अंतर चुनावी नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है.

अल्पसंख्यक इलाकों में मतदाताओं की संख्या में इजाफा

शोध में यह भी पाया गया कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मतदाता संख्या में असामान्य वृद्धि हुई है. कई क्षेत्रों में मतदाता संख्या वास्तविक जनसंख्या से भी अधिक दर्ज की गई. साथ ही 2011 के बाद राज्य से होने वाले पलायन को भी सूची में नहीं जोड़ा गया, जबकि यह संख्या लगातार बढ़ रही है. अगर इसे शामिल किया जाता तो वैध मतदाताओं की संख्या और कम हो जाती.

बिहार के अनुभव को देखते हुए अब पश्चिम बंगाल में भी यह आशंका गहराने लगी है कि बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से नाम हट सकते हैं. इससे राजनीतिक दलों के बीच टकराव और बढ़ सकता है. विपक्ष जहां इसे फर्जी वोटरों को बचाने की साजिश बताएगा, वहीं सत्तारूढ़ दल इसे लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता के लिए आवश्यक कदम करार दे सकता है.

जम्मू बाढ़: शख्स ने बाढ़ में फंसे बछड़े की जान बचाई, वीडियो हुआ वायरल

जम्मू: जम्मू में बाढ़ के कहर के बीच इंसानियत की एक मिसाल पेश करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स अपनी जान जोखिम में डालकर एक बछड़े को बाढ़ के पानी से बचाता हुआ दिख रहा है।

पिछले हफ्ते से हो रही भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने जम्मू में भारी तबाही मचाई है। निचले इलाके पूरी तरह से जलमग्न हैं और लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इसी बीच, नरिंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने इंस्टाग्राम पर एक दिल छू लेने वाला वीडियो साझा किया।

वीडियो में, एक शख्स ठंड से कांपते हुए एक बछड़े को प्लास्टिक में लपेटकर अपने कंधे और पीठ पर रखकर सुरक्षित जगह पर ले जाता दिख रहा है। शख्स का यह साहसिक कदम अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।

वीडियो को 28 अगस्त, 2025 को शेयर किया गया था और अब तक इसे 40,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है। लोग शख्स के इस काम की जमकर तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "यह काम शख्स के साहस और करुणा को दर्शाता है।" वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, "यकीन मानिए, ये शख्स वाकई एक रत्न है। यह आदमी बहुत ही सम्मान का हकदार है।"

जम्मू में बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन के कारण पुलों और सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे मुश्किल हालात में, यह वीडियो न केवल इंसानियत बल्कि जानवरों और इंसानों के बीच के अटूट प्रेम और दया की भी एक खूबसूरत मिसाल पेश करता है।

बिहार में वोटर लिस्ट पर हंगामा: 3 लाख लोगों को नोटिस, नेपाल-बांग्लादेश सीमा पर तनाव

बिहार में वोटर लिस्ट रीविजन (SIR) किया जा रहा है. इस प्रक्रिया को लेकर बिहार से लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बिहार में SIR के विरोध में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं. इसी बीच बांग्लादेश और नेपाल से बिहार आए लोगों को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है. दरअसल, चुनाव आयोग की तरफ से ऐसे तीन लाख लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन लोगों का नाम कटेगा.

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए विशेष गहन संशोधन (SIR) शुरू किया है. जिसमें चुनाव आयोग ने लगभग 3 लाख मतदाताओं को नोटिस जारी किया है. जिनके दस्तावेजों में विसंगतियां पाई गई हैं. इनमें सबसे अधिक मामले सीमावर्ती जिला किशनगंज जिले से सामने आए हैं.

बांग्लादेश-नेपाल से बिहार आए लोग

जिला प्रशासन के अनुसार, बांग्लादेश, नेपाल के नागरिकों के पास भारतीय मतदाता पहचान पत्र होने की शंका जताई गई है. जब मामले को लेकर TV9 भारतवर्ष की टीम ने ठाकुरगंज के गलगलिया और बेसरबांटी पंचायत में एक रीयलिटी टेस्ट किया तो लोगों ने बताया कि ये जिला नेपाल सीमा से सटे होने के साथ ही भारत और नेपाल के बीच बेटी-रोटी का संबंध होने से नेपाल की लड़कियों की शादी भारत में और भारत की लड़कियों की शादी नेपाल में सालों से होती आ रही है.

लेकिन, अब बीएलओ की तरफ से जो 11 तरह के दस्तावेज की मांग की जा रही है वो देने में सक्षम नहीं है. क्योंकि एक तो उनके माता पिता नेपाल के निवसी हैं, ऊपर से पिता जीवित नहीं है.

लोगों ने की नागरिकता दिए जाने की मांग

वही लोगों ने मांग की है कि उन्हें ऐसी परिस्थिति में नागरिकता दी जाए. वही अन्य लोगों ने बताया कि मैंने बीएलओ को अपने सभी दस्तावेज जमा किए थे. मेरे पिता बंग्लादेश से भारत आए थे लेकिन मैं भारत में पैदा हुआ हूं, अब वोट अधिकार छीने जाने से मैं परिवार को लेकर कहां जाऊंगा? मेरे पिता ने बताया था कि वो बांग्लादेश से थे, लेकिन हम भाई-बहन यहीं पैदा हुए हैं. मैंने वोटर आईडी और आधार कार्ड दिया था, लेकिन निवास का प्रमाण नहीं जमा कर सका क्योंकि मैं मजदूरी के लिए बाहर रहता था.

अखिलेश यादव ने SIR को लेकर साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शनिवार को बिहार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ वोटर अधिकार यात्रा का हिस्सा बने. उन्होंने SIR को लेकर कहा, यह चुनाव SIR के बारे में है और इसका मतलब है कि वो वोट चुराना चाहते थे. आज वो वोट का अधिकार छीन रहे हैं, कल वो जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड भी छीन लेंगे. यह बीजेपी पार्टी का तरीका है, मुद्दे को भटकाना और दूसरा मुद्दा लाना. आज महंगाई है, बेरोजगारी है, बीजेपी के पास इसका क्या जवाब है?

चचेरे भाई ही निकले हैवान! 7 साल की बहन के साथ 3 नाबालिग लड़कों ने किया गैंगरेप, मां ने पुलिस को बताई दरिंदगी की कहानी

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से रिश्तों को शर्मशार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां पर चचेरे भाई ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपनी चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म किया. हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया है. मामला गाजीपुर के सैदपुर थाना इलाके का है.

सैदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में सात साल की मासूम बच्ची घर में शौचालय न होने के कारण शौच के लिए खेतों में जा रही थी. उसी वक्त 11 साल का उसका चचेरा भाई उसके पीछे-पीछे खेतों में गया. उसके साथ में उसके दो अन्य नाबालिग साथी भी थे. वो भी बच्ची के चचेरे भा ही लगते हैं. खेत में एकांत पाकर चचेरे भाई ने पहले अपनी बहन के साथ दुष्कर्म किया. फिर उसके दोनों साथियों ने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया.

बच्ची ने मां को बताई आपबीती

इसके बाद बच्ची जब अपने घर पहुंची, तब उसने सारी आपबीती अपनी मां को बताई. इस घटना की जानकारी होने पर उसकी मां के साथ ही आसपास के लोग भी काफी हतप्रभ गए क्योंकि इस घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं था, बल्कि रिश्ते में लगने वाला पीड़ित का चचेरा भाई है. सभी ने उस समय अपना माथा पकड़ लिया. हालांकि पीड़ित बच्ची की मां ने हिम्मत दिखाई.

पीड़ित की मां ने अपनी बच्ची के साथ हुई इस घटना की सूचना पहले पास की पुलिस चौकी में दी. फिर सैदपुर थाने पहुंचकर तीनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत की. पीड़ित की मां ने पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया, जिसके बाद पुलिस ने तीनों नाबालिग आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उनकी तलाश में जुट गई. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद मुखबिर की सूचना पर तीनों आरोपियों को एक चाय पान की दुकान पर पकड़ लिया.

तीनों नाबालिग आरोपी बाल सुधार गृह भेजे गए

इसके बाद पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में लिया. फिर न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई आरंभ की. नामजद तहरीर के आधार पर पुलिस तीनों बालकों को हिरासत में लेकर थाने आई और पूछताछ की. इसके बाद शुक्रवार की दोपहर 12 बजे तीनों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया. वहां से तीनों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया. घटना के बाद दूसरे दिन भी पूरे गांव में चर्चा बनी रही और लोग तीनों को कोसते रहे.

बांके बिहारी मंदिर में VIP दर्शन पर विवाद, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

मथुरा: वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में सावन मास के दौरान वीआईपी लोगों को विशेष सुविधा दिए जाने का मामला तूल पकड़ गया है। आरोप है कि कुछ वीआईपी लोगों ने ठाकुर जी के जगमोहन में कुर्सी पर बैठकर दर्शन किए, जबकि उनके सुरक्षाकर्मी हथियारों के साथ मौजूद थे और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। इसे मंदिर की मर्यादा और कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया जा रहा है।

इस मामले को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा और वकील दीपक शर्मा ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मथुरा की अदालत में एक याचिका दायर की है। याचिका के मुताबिक, इन वीआईपी लोगों ने न सिर्फ कुर्सी पर बैठकर दर्शन किए, बल्कि उनके साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों के पास हथियार थे और उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग भी की। यह सीधे तौर पर कोर्ट के उस आदेश की अवमानना है, जिसमें मंदिर परिसर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक लगाई गई थी।

'भक्त बन रहे हैं भगवान'

29 अगस्त को अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मंदिर के प्रबंधक, मथुरा के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत मंदिर प्रबंधन को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।

पंडित संजय हरियाणा ने कहा कि ठाकुर जी से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन कुछ वीआईपी लोगों ने खुद को भगवान से ऊपर साबित करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, "भक्त बन रहे हैं भगवान।" यह आस्था के खिलाफ है, इसलिए कानूनी कार्रवाई जरूरी है।

वहीं, वकील दीपक शर्मा ने इसे अदालत के आदेश की खुली अवमानना बताया और कहा कि इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

राहुल में जरा भी शर्म बची है तो माफी मांगें… PM को अपशब्द कहने पर भड़के अमित शाह

बिहार में विपक्षी गठबंधन के एक कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को नरेंद्र मोदी और उनकी माता के खिलाफ कथित अपमानजनक शब्दों के प्रयोग पर गृहमंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में आयोजित एक जनसभा में कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी में अगर थोड़ी भी शर्म बाकी है तो उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी और देश से माफी मांगनी चाहिए. उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माता जी के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी की मैं कड़ी निंदा करता हूं. यह सब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के इशारे पर हुआ है. पीएम मोदी और उनकी मां को अपशब्द कहना बहुत निंदनीय है.

गृहमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताजी ने अत्यंत गरीब जीवन जिया. उन्होंने अपने बच्चों को संस्कार, मेहनत और ईमानदारी जैसे मूल्यों के साथ पाला और उनका एक बेटा आज भरोसेमंद नेता है. ऐसे जीवन पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राजनीति के अंदर इससे बड़ी गिरावट नहीं हो सकती.

गृहमंत्री अमित शाह का राहुल गांधी पर तीखा हमला

गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी माता के लिए जिस प्रकार के शब्दों का उपयोग राहुल गांधी के मंच से किया गया वह अत्यंत निंदनीय और दुखद है. राहुल गांधी ने नकारात्मक राजनीति की शुरुआत की है. उन्होंने घुसपैठिए बचाओ यात्रा की शुरुआत की है. मतदाता सूची में अवैध घुसपैठियों को शामिल करने का प्रयास चुनाव को दूषित करने की कोशिश है. प्रधानमंत्री को जितनी गालियां दी जाएंगी उतना ही अधिक कमल खिलेगा.

बीजेपी का विरोध प्रदर्शन और कांग्रेस से झड़प

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा के मंच से पीएम मोदी और उनकी मां को गोली देने का वीडियो वायरल है. इस मामले में केस भी दर्ज हुआ है. पीएम मोदी को अपशब्द कहने पर कांग्रेस और आरजेडी के खिलाफ बीजेपी के जमकर हल्ला बोला है. बीजेपी ने कांग्रेस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया. जिसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भिड़ंत भी हो गई.

दिल्ली में फिर बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार

नई दिल्ली: दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। आज सुबह 7 बजे यमुना का जलस्तर 205.46 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान (205.33 मीटर) से 0.13 मीटर अधिक है।

अगले 48 घंटे बेहद अहम

अगले 2-3 दिनों में नदी का जलस्तर और भी बढ़ने की आशंका है, खासकर अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे 36,536 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि वजीराबाद से 58,290 क्यूसेक और ओखला बैराज से 42,006 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। अगर जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है तो यमुना के पुल को यातायात के लिए बंद किया जा सकता है।

निचले इलाकों में अलर्ट

प्रशासन ने कश्मीरी गेट, गीता कॉलोनी, यमुना का पुस्ता, गांधीनगर और सोनिया विहार जैसे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने घर खाली करने के आदेश दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है, और दिल्ली सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।

लोगों से नदी के किनारे न जाने और सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की गई है। सुबह 7 बजे से 10 बजे के बीच जलस्तर में मामूली कमी देखी गई, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।

अमित शाह का बिहार दौरा: जानकी मंदिर की आधारशिला रख 49 सीटों पर साधेंगे निशाना

पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी क्रम में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल शुक्रवार को सीतामढ़ी के पुनौराधाम में जानकी मंदिर के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। इस दौरे को भाजपा और एनडीए के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसके जरिए उनकी नजर तिरहुत मंडल में आने वाली 6 जिलों की 49 विधानसभा सीटों पर रहेगी।

अयोध्या की तर्ज पर बनेगा जानकी मंदिर

अमित शाह पहले दरभंगा पहुंचेंगे और फिर वहां से सीतामढ़ी के पुनौराधाम जाएंगे। देवी सीता का जन्मस्थान माने जाने वाले इस स्थल पर 882.87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मंदिर का पुनर्विकास किया जा रहा है। करीब 67 एकड़ में फैलने वाले इस भव्य मंदिर को अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तर्ज पर तैयार किया जाएगा और इसे 11 महीने के भीतर पूरा करने की योजना है। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे।

NDA का मजबूत गढ़ है तिरहुत मंडल

यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भाजपा और एनडीए के लिए तिरहुत मंडल एक मजबूत गढ़ माना जाता है। इस मंडल में मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और

बाबा खाटू श्याम के भक्तों के लिए खुशखबरी: मंदिर तक सीधी रेल लाइन को मिली मंजूरी

सीकर, राजस्थान: देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं के आस्था केंद्र, बाबा खाटू श्याम मंदिर के दर्शनार्थियों के लिए रेल मंत्रालय ने एक बड़ी खुशखबरी दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में घोषणा की है कि भक्तों की सुविधा के लिए रींगस से खाटू श्याम मंदिर तक 17 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इस नई रेल कनेक्टिविटी से भक्तों को अब सीधे ट्रेन से मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी, जिससे उनका समय बचेगा और यात्रा की मुश्किलें कम होंगी।

परियोजना की लागत और समय-सीमा

रेल मंत्री ने बताया कि इस नई रेल लाइन परियोजना की लागत 254 करोड़ रुपये तय की गई है, जिसके लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 43 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है। वैष्णव ने बताया कि हाल के वर्षों में रींगस और दिल्ली के बीच यात्रियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे इस नई लाइन की आवश्यकता और भी बढ़ गई थी।

खाटूधाम का होगा आध्यात्मिक और डिजिटल विकास

रेल लाइन के साथ ही, केंद्र सरकार खाटूधाम के समग्र विकास पर भी ध्यान दे रही है। पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत खाटूधाम के विकास के लिए 40.08 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस राशि से खाटूधाम आध्यात्मिक सर्किट प्रोजेक्ट के तहत कई आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:

श्रद्धा पथ और पर्यटन सुविधाएं

म्यूजियम और कथा पंडाल

डिजिटल गाइडेंस सिस्टम और कैफेटेरिया

कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

इस परियोजना की शुरुआत 11 अगस्त से होगी और इसे 10 जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन दोनों परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, खाटूधाम एक आधुनिक, सुरक्षित और डिजिटल सुविधाओं से युक्त तीर्थ स्थल बन जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

गिरफ्तार करो या गोली मारो, बांग्ला भाषा के अन्याय के खिलाफ जारी रहेगा आंदोलन… ममता का ऐलान

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्ला अस्मिता और चुनाव आयोग को लेकर हमला बोलना शुरू कर दिया है. वह पिछले कुछ समय से दूसरे राज्यों में बांग्लाभाषियों के उत्पीड़न के मुद्दे पर मुखर रही हैं. बुधवार को झारग्राम में ‘भाषा आंदोलन’ मार्च के बाद, मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भाजपा पर अपना हमला और तेज कर दिया. उन्होंने कहा कि आज अगर आप बांग्ला बोलते हैं, तो आपको जेल ले जाया जा रहा है. आपको बांग्लादेशी कहा जा रहा है आम लोगों के लिए उनका संदेश है कि अगर कोई बुलाए, तो ‘जय बांग्ला’ कहें. उन्होंने कहा कि या तो उन्हें गिरफ्तार करें या गोली मारें, बांग्ला भाषा के खिलाफ अन्याय का वह विरोध करती रहेंगी.

मुख्यमंत्री ने सबसे पहले पुराने झारग्राम से पंचमाथा मोड़ तक जुलूस का नेतृत्व किया. जुलूस के बाद, उन्होंने पंचमाथा मोड़ पर एक पथसभा की. मुख्यमंत्री ने सबसे पहले पूर्व वाम मोर्चा सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “एक जमाने में लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए झारग्राम आते थे, लेकिन वामपंथी शासन के दौरान लोग गोलटोर, बेलपहाड़ी और झारग्राम आने से डरते थे.

बांग्ला बोलने पर बांग्लादेशी करार दिया जाता है

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर बंगाली भाषा का अपमान करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “आज अगर यदि कोई बांग्ला भाषा बोलता है तो उसे बांग्लादेशी करार दिया जाता है. जेल भेज दिया जाता है. आपको रोहिंग्या बोल रहे हैं. रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर विवेकानंद तक, बंगाल के महान दिमागों ने कौन सी भाषा बोली?”

इसके बाद उन्होंने कहा, “अगर स्वामीजी आज जीवित होते, तो वे कहते, मुझे यह देश नहीं चाहिए.” उन्होंने आगे कहा, “अगर वे हमें गाय की ताकत से डराएंगे, तो हमें अपने शरीर पर क्रॉसिंग लगानी पड़ेगी. हम पहरेदार बनकर खड़े रहेंगे.”

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना

भाजपा पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा, “आज जागने का समय है. विरोध करने का, प्रतिरोध करने का समय है. हम यह नहीं कहेंगे कि हमें वोट दो, लेकिन, अगर हम विरोध नहीं करेंगे, तो वे असम जैसे डिटेंशन कैंप बना देंगे.”

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस बार आप क्या कह रहे हैं? हमें नए सिरे से मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराना होगा. याद कीजिए, लाखों लोगों को असम से बाहर कर दिया गया था. क्या भाजपा कोई पार्टी सूची बनाएगी? आपको अपना पता ठीक करना होगा. एक भी मतदाता का नाम नहीं छोड़ना है.”

तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को कल निलंबन नोटिस दिया गया था. आप सभी की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. हम ऐसा करेंगे. हम उन्हें निलंबित नहीं करेंगे.” उन्होंने इस कदम की वैधता पर सवाल उठाया और चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.