कोडरमा सिविल सर्जन बनाम उपाधीक्षक विवाद गहराया, संघर्ष समिति का अनिश्चितकालीन धरना शुरू
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कोडरमा सदर अस्पताल में सिविल सर्जन और उपाधीक्षक के बीच जारी टकराव अब आम जनता और स्वास्थ्यकर्मियों पर भारी पड़ रहा है। कई कर्मियों का महीनों से वेतन रुका हुआ है और अस्पताल की व्यवस्था चरमराई हुई है। इसे लेकर सदर अस्पताल बचाओ संघर्ष समिति अब सड़क पर उतरकर जिला प्रशासन से न्याय मांग रही है।
सदर अस्पताल बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष ईश्वर आनंद एवं सचिव प्रकाश रजक के नेतृत्व में उर्मिला चौधरी क्लिनिक कोडरमा से सैकड़ो की संख्या में जुलूस निकाला गया जुलूस के दौरान इंकलाब जिंदाबाद संघर्ष समिति जिंदाबाद कोडरमा सिविल सर्जन होश में आओ कोडरमा उपाधीक्षक होश में आओ सदर अस्पताल में मनमानी नहीं चलेगी सदर अस्पताल में जांच के नाम पर मोटी रकम मरीजों से वसूलना बंद करो आदि नारे लगाए जा रहे थे वह जुलूस जिला समाहरणालय कोडरमा पहुंचकर अनिश्चितकालीन धरना में तब्दील हुआ धरना की अध्यक्षता सदर अस्पताल बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष ईश्वर आनंद ने किया संचालन सचिव प्रकाश रजक ने किया। *धारणा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष ईश्वर आनंद ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल खड़ा हुए कहा कि सदर अस्पताल में लाखों रुपए आयुष्मान भारत के खर्च कर वहां आंख डिपार्टमेंट में करोड़ों रुपए के ऑपरेशन को लेकर खरीदे गए मशीनरी एवं आधुनिक ऑपरेशन थिएटर के निर्माण करने के बावजूद भी एक भी मरीज का विगत इच्छा महीना में आज का ऑपरेशन नहीं होने अलावे इसी तरह से ऑर्थोपेडिक में सर्जरी को लेकर लाखों रुपए की मशीनरी की खरीदारी एवं ऑपरेशन थिएटर बनाए जाने के बाद भी किसी भी घायल मरीज को ऑर्थोपेडिक के तहत ऑपरेशन की सुविधा नहीं प्रदान किया जाता है वही श्री आनंद ने कहा कि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक जोकि जिले में पूर्व में 10 सालों तक चिकित्सक रूप में पदस्थापित थे उनका मात्र डेढ़ साल के अंदर ही एक बार फिर जिले में पद स्थापित होकर बार-बार यहां के अस्पताल उपाधीक्षक का पद हासिल करना एवं इसका दुरुपयोग विभागीय मापदंडों के खुले आम अवहेलना करताना सही रवैया के तहत विभाग स्तर एवं आयुष्मान योजना अंतर्गत आवंटित राशि का बड़े स्तर पर दुरुपयोग किया गया है वर्तमान के अस्पताल उपाधीक्षक रंजीत कुमार पर पूर्व में उनके कार्यकाल के दौरान कोडरमा एवं चंदवारा का प्रभावित चिकित्सा पदाधिकारी रहते हुए लाखों रुपए की जननी सुरक्षा योजना में जांच के नामपर गड़बड़ी किए जाने और इसका प्रतिवेदन वर्तमान उपायुक्त के द्वारा विभाग के सचिव एवं निर्देशक को भेजे जाने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होना गंभीर बात है। अनिश्चितकालीन धरना को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के सचिव प्रकाश रजक ने कहा कि सदर अस्पताल में पूर्व से संचालित अल्ट्रासाउंड जहां मरीजों का काफी किफायती एवं बीपीएल वर्ग के मरीजों को फ्री में अल्ट्रासाउंड की सुविधा थी उसे जानबूझकर बंद कर दिया गया और सिविल सर्जन एवं उपाधीक्षक के मिली भगत से अस्पताल से महज 500 मीटर की दूरी में अपने मनचाहे जगह पर मरीज को भेज कर अल्ट्रासाउंड करवाया जाता है जहां मरीजों से₹1500 से 18 सो रुपए की वसूली की जा रही है श्री रजक ने बताया कि सदर अस्पताल में प्रसव कच्छ पत्रिका में एक प्रस्तुति रेणु कुमारी का प्रसव विवरणी नी दर्ज है जब कि संबंधित प्रस्तुति को प्रसव ही नहीं हुआ है यह वित्तीय अनियमित का उजागर है इस संबंध में संघर्ष समिति ऐसे पदाधिकारी पर सख्त कार्रवाई करने की मांग करती है। धारणा को संबोधित करते हुए संजय शर्मा ने कहा कि सदर अस्पताल में मनमानी लगातार चल रही है इस संबंध में जिला प्रशासन का कोई पहल नहीं दिखाई दे रहा है इससे प्रतीत होता है कि सभी मिली भगत है धारणा को संबोधित करते हुए समिति के करुण उदीन ने कहा कि सदर अस्पताल मनमानी के खिलाफ आंदोलन तीव्र करने की आवश्यकता है क्योंकि कोडरमा के जिला प्रशासन सदर अस्पताल एवं स्वास्थ्य विभाग पर कोई ध्यान नहीं है इसलिए जिला प्रशासन के कुंभकर्णी का नींद सड़क पर उतरकर खोलना होगा।
मांगे
1-चिकित्सकों को सुबह 9 से 3 बजे तक अस्पताल में नियमित बैठाने की गारंटी।
2-भर्ती मरीजों का रोज़ाना दो बार चिकित्सकीय राउंड सुनिश्चित करना।
3-प्रसव कक्ष में वित्तीय अनियमितताओं की जांच और योग्य कर्मियों की नियुक्ति। 4-साधारण मरीज और आयुष्मान मरीजों के बीच भेदभाव समाप्त करना।
5-बंद पड़े एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीन को चालू करना।
6-करोड़ों की लागत से खरीदी गई मशीनों व लैब की उच्चस्तरीय जांच।
7 सदर अस्पताल में सभी स्थापना का-2018 से अब तक अस्पताल में हुई सामग्रियों की खरीद की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए जांच। 8-पथलडीहा में 50 बेड का अस्पताल का अभिलंब निर्माण करवाया जाए।
9 पथलडीहा में पदस्थापित चिकित्सक को नियमित बैठने की गारंटी करवाई जाए। 10-अस्पताल में साफ-सफाई और हाइजीन व्यवस्था पर विशेष ध्यान।
11- मरीजों के बेड की चादर रोज़ाना बदलने की गारंटी करवाई जाए। इस सभी सावलो को लेकर आंदोलन पर है।
धरना के दौरान समिति के अध्यक्ष ईश्वर आनंद ने सवाल उठाया आखिर कब तक उपायुक्त इस महाभारत पर चुप रहेंगे? सिविल सर्जन और उपाधीक्षक की खींचतान का खामियाजा मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को क्यों भुगतना पड़ रहा है?अनिश्चितकालीन धरना के माध्यम से संघर्ष समिति का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तबतक यह आंदोलन जारी रहेगा, हर हाल में जिला प्रशासन को इस ज्वलंत मुद्दे पर चुप्पी तोड़ना होगा और जनता को सदर अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था मिले इसका प्रबंध करना होगा। धरणा को समिति के उपाध्यक्ष संजय शर्मा, अज्जू सिंह, कयुम उदीन, समाजसेवी रघुनाथ दास, असगर अली, रामेश्वर यादव, ब्रह्मदेव दास, जागेश्वर दास, संतोष दास, रफीक मियां, मकबूल मियां, पवन सिंह, रघुनाथ दास, सुरेंद्र दास, गीता देवी विमला देवी ने संबोधित किया.। धरना में रामू रजक, फिरोजआलम बजरंगी दास पवन पासवान किशोर दास, राजू दास, संजय दास, सुरेश दास, नरेशा खातून, नारायण रजक, धनु महतो, बद्री यादव, नारायण राणा, बालकिशन राणा, हारिल पासवान, हबीब मियां, पार्वती देवी, सुमा देवी, गौरव देवी, कांति देवी, कुसुम देवी, रेखा देवी, पार्वती देवी, गीता देवी आदि लोग मौजूद थे ।धन्यवाद ज्ञापन असगर अली ने किया।
Aug 30 2025, 17:47