पितृपक्ष मेले की तैयारी को लेकर नगर निगम में मेयर वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में सशक्त स्थायी समिति की हुई बैठक, मेयर ने कहा- पितृपक्ष मेला

गयाजी : पितृपक्ष मेले की तैयारी को लेकर नगर निगम में सोमवार को मेयर वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में सशक्त स्थायी समिति की बैठक हुई। मेयर ने कहा कि पितृपक्ष मेला गयाजी की पहचान है। इस दौरान लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते है। ऐसे में नगर निगम की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
स्वच्छता, प्रकाश, पेयजल, सफाई, प्रचार-प्रसार आदि सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पितृपक्ष मेले में नगर निगम का दस करोड़ से अधिक राशि खर्च करेगी। ऐसे में लाइट, घाटों व सरोवरों की साफ-सफाई, दीवार पेंटिंग आदि पर विशेष बल दिया जाएगा। पितृपक्ष में नगर निगम द्वारा 75 से 80 प्रतिशत काम किया जाता है। इससे पितृपक्ष में आने वाले तीर्थयात्रियों के किसी तरह से परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। पूरा मेला क्षेत्र में हाईमास्ट लाइट, तिरंगा लाइट, रोप लाइट से जगमग करेगा।
मेला क्षेत्र में खराब पड़े लाइट को मरम्मति का काम किया जा रहा है। क्योंकि एक पखवारे तक चलने वाले पितृपक्ष मेला छह सितंबर से प्रारंभ हो रहा है। नगर निगम में लगभग दस करोड़ रुपया खर्च का अनुमान जताया है। वहीं सफाई व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए कई उपकर का खरीदारी की जाएगी। इनमें 55 टेम्पू, 250 हाथ ठेला आदि खरीद पर निर्णय लिया गया है। बैठक में डिप्टी मेयर चिंता देवी, नगर आयुक्त कुमार अनुराग, सशक्त स्थायी समिति के सदस्य अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव, चुन्नु खान, मनोज कुमार, स्वर्णलता वर्मा, तबस्सुम परवीन आदि मौजूद थे।
राजस्व प्राप्त पर बैठक में दिया गया बल
राजस्व को लेकर बैठक में काफी देर तक चर्चा हुई। मोहन श्रीवास्तव ने सदन में कहा कि नगर निगम मुख्य स्रोत राजस्व है। मार्च माह में 5.55 करोड़ की राशि का सैरात हुआ था। इसमें अभी तक संवेदक द्वारा मात्रा 2.45 करोड़ राशि जमा किया गया है। जबकि पांच माह गुंजने जा रहा है। शेष राशि संवेदक क्यों नहीं जा रहा है। इस पर उप नगर आयुक्त श्याम नंदन प्रसाद ने कहा राशि जमा करने के लिए संवेदक का नोटिस भेजा गया है। अगर एक सप्ताह के अंदर राशि जमा नहीं करने पर सैरात का रद्द कर दिया जाएगा।
सदन में अभियंता नहीं देखे जाने पर भड़के मेयर
सदन के कई अभियंता को नहीं उपस्थित रहने पर मेयर ने भड़ उठे। उन्होंने कहा कि पितृपक्ष को लेकर महत्वपूर्ण बैठक में भी अभियंता गायब है। ऐसे में पितृपक्ष को लेकर कार्ययोजना कैसे बन सकती है। सूचना के बाद भी अभियंताओं को बैठक में भाग नहीं लेना कार्य में लापरवाही दर्शाता है। साथ ही मानपुर स्थित सूर्य पोखर सरोवर में कार्य में शिथिलता को लेकर कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता को वेतन बंद करने निर्देश दिया गया।
बनी अनुमति सड़कों का कैसे हो रहा काम
मेयर ने कहा कि शहर में नगर निगम का सड़कों को आरसीडी द्वारा कैसे काम किया रहा है। जबकि सड़क नगर निगम का है। सड़क का निर्माण से पहले आरसीडी द्वारा अनुमति लेने का काम किया है कि नहीं। इसपर नगर आयुक्त ने कहा कि सड़क के मरम्मति करने से पहले आरसीडी विभाग द्वारा अनुमति लिया गया है। अनुमति के बाद ही सड़क का मरम्मत करने का काम किया जाएगा।
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