धनबाद के पूर्वी टुंडी में डायरिया का कहर, सड़क नहीं होने से बुजुर्ग महिला की मौत
धनबाद: धनबाद जिले के पूर्वी टुंडी प्रखंड में डायरिया ने विकराल रूप ले लिया है, जिसने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। इस प्रकोप से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन खराब सड़क और जागरूकता की कमी से स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
![]()
कल रविवार को, घोषालडीह गांव के भोक्ता टोला की बुंदिया भोक्ताईन (65) डायरिया से पीड़ित हो गईं। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विकास राणा ने 108 एंबुलेंस की व्यवस्था की, लेकिन गांव तक सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस पहुंच नहीं सकी। महिला के बेटों ने उन्हें खाट पर लादकर लगभग 500 मीटर दूर एंबुलेंस तक पहुंचाया। हालांकि, एंबुलेंस से एसएनएमएमसीएच धनबाद पहुंचने पर बुंदिया भोक्ताईन ने दम तोड़ दिया। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की कमी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कई गांवों में नए मरीज मिले, झाड़-फूंक पर भरोसा
पूर्वी टुंडी के लटानी, सिंगरायडीह, घोषालडीह और गोपीनाथडीह गांवों में डायरिया के कई नए मरीज सामने आए हैं। डॉ. विकास राणा ने रविवार सुबह सिंगरायडीह गांव पहुंचकर सहिया के साथ मरीजों की जांच की और दवाइयां दीं। गंभीर हालत वाले मरीजों को इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच धनबाद रेफर किया गया।
चिंताजनक बात यह है कि डायरिया फैलने के बावजूद, कई आदिवासी और दलित परिवार इलाज के बजाय झाड़-फूंक पर भरोसा कर रहे हैं। डॉ. राणा ने कुछ मरीजों को झाड़-फूंक के लिए ले जाए जाने पर ग्रामीणों को समझाया कि उचित इलाज न मिलने से स्थिति बिगड़ सकती है, और उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
दूषित पानी और गंदगी बन रही है वजह
प्रभावित पंचायतों के मुखियाओं का कहना है कि लगातार हो रही बारिश और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव न होने के कारण गांवों के कुओं के आसपास गंदगी और दूषित पानी जमा हो रहा है, जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। साथ ही, कुछ घरों में बासी खाने और गंदगी के कारण भी स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
इस प्रकोप ने यह साफ कर दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ निचले तबके तक नहीं पहुंच पा रहा है। कुछ दिन पहले ही लटानी आदिवासी टोला के गणेश मरांडी की मौत भी डायरिया से हुई थी।
Aug 25 2025, 11:28