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जेबकतरी के पीड़ित को पुलिस ने थाने बुलायाः किसान का आरोप - थाना प्रभारी ने पहले भी दबाव बनाया

(अमृतपुर), फर्रुखाबाद।फर्रुखाबाद के अमृतपुर थाना क्षेत्र में जेबकतरी के एक मामले में नया मोड़ आया है। पीड़ित किसान छविनाथ का आरोप है कि थाना प्रभारी मोनू शाक्य ने उन्हें और उनके भाई छोटेलाल को थाने बुलाया है।पीड़ित ने बताया कि 2 अगस्त को घटना के दिन भी थाना प्रभारी ने जेबकतरों से ज्यादा उन पर दबाव बनाया था। छविनाथ कहते हैं कि घटना वाले दिन जब उनके रुपए कट गए थे और राजपुर में ग्रामीणों की मदद से उन जेबकतरों को पड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था तो वह भी थाने पहुंचे थे।

थाने में लगभग 5 घंटे बैठने के बाद थाना अध्यक्ष ने मुझसे कहा कि ₹11000 मिल पाएंगे।छविनाथ के अनुसार, जेबकतरों द्वारा काटे गए 11,800 रुपए में से पुलिस ने केवल 11,000 रुपए ही पांच घंटे बाद वापस किए गए थे।छविनाथ ने बताया कि थाना प्रभारी ने उन्हें हिदायत दी थी कि अगर कोई पूछे तो कहना कि रुपए गिर गए थे, जेब नहीं कटी थी। पुलिस ने उनसे और उनके भाई से एक कागज पर अंगूठा भी लगवाया था।जब कुछ पत्रकारों ने पीड़ित से बात की, तो उन्होंने सच्चाई बता दी, जिसे अखबारों में छाप दिया गया।

अब पीड़ित को डर है कि खबर छपने से नाराज थाना प्रभारी उन्हें थाने बुलाकर कोई झूठा मामला दर्ज कर सकते हैं।पीड़ित किसान भयभीत हैं और उन्हें चिंता है कि थाना प्रभारी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न कर दें। उन्होंने कहा कि वे अनपढ़ हैं और पुलिस के डर से पहले कुछ नहीं बोल पाए थे।

अमृतपुर हादसा: छज्जा गिरने से घायल पांच बच्चों की हालत गंभीर, प्रशासन ने दिए जांच व सहायता के निर्देश

फर्रुखाबाद।अमृतपुर – रविवार सुबह अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव हुसैनपुर हडाई में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। एक कच्चे मकान का छज्जा अचानक गिरने से एक ही परिवार के पांच मासूम बच्चे मलबे में दबकर घायल हो गए। सभी बच्चों की उम्र 6 से 12 वर्ष के बीच है।

स्थानीय निवासी धनपाल, महीपाल और रघुपाल के परिवार के ये बच्चे सुबह घर के बाहर खड़े होकर सरकारी स्कूल अलाहदपुर भटौली जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक छज्जा गिर गया। तेज आवाज और चीख-पुकार सुनकर मौके पर दौड़े ग्रामीणों ने तत्काल मलबा हटाया और बच्चों को बाहर निकाला।

घायलों में आराध्या (7 वर्ष) पुत्री धनपाल,कुशल (6 वर्ष) पुत्र धनपाल

पालकी (12 वर्ष) पुत्री महीपाल,

शाशि (10 वर्ष) पुत्री रघुपाल आदि शामिल हैं।(पांचवे घायल का नाम समाचार लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं हो सका।

घायलों को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमृतपुर, फिर सीएचसी राजेपुर लाया गया। वहां से डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल फर्रुखाबाद रेफर कर दिया गया।सीएचसी राजेपुर के डॉ. प्रमीत राजपूत ने बताया कि सभी बच्चों को सिर, पीठ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। कुछ बच्चों को सीटी स्कैन और विशेष निगरानी में रखा गया है।घटना की सूचना मिलते ही डीएम आशुतोष कुमार द्विवेदी और एसपी आरती सिंह तत्काल जिला अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना।

अधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन को सभी घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। साथ ही, तहसील प्रशासन को गांव पहुंचकर मकान के मलबे की जांच, राहत मुआवजे और मकान की स्थिति का मूल्यांकन करने के निर्देश भी दिए।ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई और पुराने मकान जर्जर हालत में हैं। उन्होंने प्रशासन से सर्वे कराकर जर्जर मकानों को चिन्हित कर मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण के लिए योजना बनाने की मांग की है।

प्रधान प्रतिनिधि ने बच्चों के इलाज में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।फिलहाल सभी बच्चे लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में हैं। हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों की सुरक्षा, स्कूल जाते बच्चों की निगरानी, और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

> प्रशासनिक अधिकारियों ने इस घटना को गंभीर मानते हुए सभी तहसीलों को निर्देश दिए हैं कि बरसात के मौसम में जर्जर भवनों की सूची तैयार की जाए और जरूरतमंदों को तत्काल लाभकारी योजनाओं से जोड़ा जाए।

अमृतपुर थाना पुलिस ने रंगेहाथ पकड़े गए जेबकतरा गैंग को पकड़कर छोड़ा

अमृतपुर फर्रुखाबाद।अमृतपुर थाना क्षेत्र में जेबकतरों का आतंक अमृतपुर से राजेपुर तक जेबकतरों का गैंग पूरी तरह सक्रिय है। बताते चलें दो अगस्त को ग्राम पंचायत थरिया थाना मिर्जापुर जनपद शाहजहांपुर का रहने वाला किसान छविनाथ पुत्र रामचन्द्र उम्र करीब 60 बर्ष अपने साथी पड़ोसी छोटेलाल के साथ अपनी मक्का अल्हागंज बाजार से बेंच कर अपने घर वापस लौट रहा था।

छविनाथ, छोटेलाल ऑटो में राजेपुर से बैठा ,वहीं पास में ही जेबकतरा गैंग का सदस्य आकर बैठ गया जिसका छविनाथ,छोटेलाल को कोई भनक नहीं लगी कि पड़ोस में बैठने वाला जेबकतरा है। ऑटो अमृतपुर थाना क्षेत्र के राजपुर कस्बा में जैसे ही पहुंचा पास में बैठे जेबकतरे ने ऑटो के साथ में जेबकतरा गैंग की चल रही मोटरसाइकिल पर अपने साथियों को जेब काटकर निकाले गए रुपए ऑटो से हांथ निकालकर दे दिए।

इस पूरी घटना को ऑटो चालक ने साइड में लगे सीसे में देखा तुरन्त ही ऑटो चालक ने ऑटो में बैठी हुई सवारियों को अलर्ट किया और जोर से आवाज दी कि देखो किसी सवारी के पैसे तो नहीं निकले हैं ।ऑटो चालक की आवाज सुनकर छविनाथ ने अपनी पेंट में रखे रूपये चेक किए और चीखना शुरू कर दिया कि हमारे रुपए जेब काटकर निकाले गए हैं।

ऑटो चालक ने ऑटो चालक ने जैसे ही ऑटो रोका ऑटो में बैठा जेबकतरा ऑटो से निकलकर भागने लगा। ऑटो चालक सहित आसपास के दुकानदारों ने जेबकतरे को दौड़ा लिया उसी समय किसी ने थाना अमृतपुर पुलिस को फोन पर जानकारी दी। कस्बा राजपुर में मौके पर पुलिस पहुंचकर जेबकतरा गैंग के दो सदस्यों को पकड़ लिया और थाना अमृतपुर में लेकर आए। फिर शुरू हुआ पुलिस का खेल ,थाना प्रभारी ने जेबकतरों पर अपनी मेहरबानी बरसाना शुरू कर दिया। पीड़ित किसान भी थाने पहुंच चुका था पीड़ित किसान छविनाथ के अनुसार थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने पीड़ित किसान से पूछताछ की और पीड़ित से कहा कि तुम क्या चाहते हो?।

मुकदमा लिखवाने से तुम्हे कोई फायदा होने वाला नहीं ,तो पैसे लेना हो तो जेबकतरों से आपके पैसे दिलवा दिए जाएं। थाना प्रभारी मोनू शाक्या की बात सुनकर पीड़ित किसान छविनाथ ने कहा कि मुझे मेरे पैसे दिलवा दो हम क्यों मुकदमा लिखवाएंगे। थाना प्रभारी ने पीड़ित किसान छविनाथ को कई घंटों तक थाना परिसर बैठाए रखा पीड़ित किसान छविनाथ ने बताया कि जेबकतरों के परिजनों को फोन कर थाना अमृतपुर में बुलाया गया क्योंकि जो पकड़े गए दो जेबकतरे थे उन्होंने अपने साथी जो मोटरसकिल सवार था उसे पैसे दे दिए थे जो मौके से फरार होने में कामयाब हो गया था।

थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने गैंग के परिजनों को थाना अमृतपुर बुलाया ,जेब कतरा गैंग के परिजन एक ऑटो में सवार होकर थाना अमृतपुर में आए जिनके साथ कुछ महिलाएं भी थीं। फिर कई घंटों विधिवत सौदेबाजी करने के बाद पीड़ित किसान छविनाथ के जेब काटकर निकाले गए रुपए 11800 की जगह 11000 रुपए पीड़ित किसान छविनाथ को दिए गए, लगभग पांच घंटे बाद पीड़ित अपने गंतव्य की ओर चला गया। वहीं जेबकतरों को भी घर भेज दिया गया ।

आखिर जेबकतरों को किसकी सिफारिश पर बिना कार्यवाही किए छोड़ा गया ,किसी की सिफारिश थी या कोई और खेल। वहीं जब उस संबंध में थाना प्रभारी मोनू शाक्या से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जेब नहीं काटी गई थी पीड़ित को गलतफहमी हो गई थी पीड़ित के पैसे घटना स्थल पर उसकी जेब से गिर गए थे जो पीड़ित को मिल गए हैं ।पकड़े गए दो लोगों को पकड़ा गया था लेकिन जब पीड़ित के गिरे हुए रूपए मिलने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

मजे की बात यह है कि जब थाना थाना अमृतपुर में ये जेबकतरे पकड़ कर लाए गए उस समय क्षेत्राधिकारी अमृतपुर अजय कुमार वर्मा भी अमृतपुर थाना पर मौजूद थे ।जब थाना प्रभारी से जेबकतरों के संबंध में बात की गई तो उन्होंने ने भी वही लाइन दोहरा दी जो कि थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने कही थी। कुल मिलाकर आश्चर्य चकित करने वाली बात यह है कि पीड़ित किसान छविनाथ के रूपये पांच बजे जेब काटकर निकाले गए थे और थाना प्रभारी मोनू शाक्या की बात मान ली जाए कि पीड़ित के रुपए गिर गए थे और पीड़ित किसान छविनाथ को गलत फहमी हो गई तो पीड़ित किसान छविनाथ पांच घंटे तक थाना परिसर में क्यो रोका गया ये उलझा हुआ विषय सभी को हैरान करता है।

इनसेट

जेबकतरों के पकड़े जाने की खबर सुनकर थाना राजेपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैनापुर के रहने वाले हरिशरण सिंह भी थाना अमृतपुर पहुंचे। बताते चलें कुछ दिनों पूर्व ही हरिशरण सिंह के साथ भी घटना घटित हुई थी उनकी भी पेंट की जेब काटकर 32000 हजार रुपए निकाल लिए थे। उनकी भी घटना उपरोक्त घटनाक्रम से पूरी तरह मेल खाती है ।उनके भी ऑटो में सवार जेबकतरे ने जेब काटकर ही रुपए उड़ाए थे।

उन्होंने भी उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन जेबकतरे भागने में सफल रहे थे। वो भी अपनी फरियाद लेकर थाना अमृतपुर आए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ उन्हें ये बताकर चलता कर दिया गया कि यह पकड़े गए जेबकतरे वह नहीं है जिन्होंने तुम्हारे साथ घटना की ।अब पुलिस से यह कौन पूंछे कि आपको कैसे पता चला कि यह जेबकतरे वह नहीं है ।

यह भी गंभीर और सोचने का विषय है। खैर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में पुलिस का कार्य प्रशंसनीय है लेकिन कुछ कुछ पुलिस कर्मियों की वजह से पुलिस की साख पर बट्टा लग ही जाता है।

पांचवें दिन भी युवक का नहीं लग पाया सुराग

अमृतपुर फर्रुखाबाद।अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव गूजरपुर पमारान में एक 27 वर्षीय युवक रविवार से लापता युवक ओमवीर राठौर उम्र 27 वर्ष जो रविवार को लेंटर डालने वाली मशीन पर काम करने के लिए गया था जब वह वापस लौटा तो गांव के पास लगने वाली रविवार को साप्ताहिक बाजार से सब्जी खरीदकर घर आया। और घर पर सब्जी रख कर कपड़े उतार दिए तथा तौलिया लपेटकर घर से टहलने के लिए निकला और देर रात्रि तक जब घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने पहले स्वयं युवक की तलाश की। लेकिन युवक का पता नहीं चल सका।

इसके बाद पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया। जिस पर थाना अध्यक्ष मोनू शाक्या ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाकर जांच पड़ताल शुरू कर दी। 4 दिन बाद जब सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। युवक देशी शराब ठेके पर कैमरे में दिखा। लेकिन जिसके बाद युवक का कोई पता नहीं चल सका जिसके बाद थाना अध्यक्ष ने कड़ा रूख अपनाते हुए युवक की ड्रोन कैमरे मंगवा कर खोजबीन शुरू कर दी जिसमें फतेहगढ़ पुलिस लाइन से आए कर्मचारियों के द्वारा ड्रोन कैमरे को 5 किलोमीटर की परिधि में उड़ाया गया बारीकी से जांच की गई थाना अध्यक्ष ने जिसका लेंटर पड़ा था वहां पर भी पहुंच कर जांच पड़ताल की।

हालांकि पुलिस ने संदिग्धों पर भी पैनी नजर रखी हुई है अपराधियों की खोजबीन में कई टीमें लगाई गई है।

“सरकारी स्कूल बच्चों के सपने हैं, इन्हें बचाना ज़रूरी” – विकास राजपूत ने की सरकार से अपील, “सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन”


फर्रुखाबाद : – प्रदेश सरकार द्वारा फर्रुखाबाद जिले के 351 प्राथमिक सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्णय पर अब राजनीतिक और सामाजिक विरोध खुलकर सामने आने लगा है। भाजपा नेता और समाजसेवी श्री विकास राजपूत ने इस फैसले को गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के साथ सीधा अन्याय बताते हुए, सरकार से विनम्र अपील की है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।

“भविष्य की नींव हिला रही है ये नीति” – विकास राजपूत

राजपूत ने कहा कि:

“सरकारी स्कूल कोई साधारण भवन नहीं होते, ये गांव के बच्चों के सपनों की शुरुआत होते हैं। इन्हें बंद करना केवल एक निर्णय नहीं, बल्कि उनके भविष्य को अंधकार में धकेलना है।”

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पार्टी के अनुशासन में रहते हुए भी बच्चों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहेंगे।

“सरकार से समाधान की अपील, टकराव की नहीं “

विकास राजपूत ने कहा कि उनकी मंशा सरकार से टकराव की नहीं, बल्कि संवाद और समाधान की है। उनका कहना है:

“मैं सरकार से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूँ — कृपया इन स्कूलों को बंद करने के फैसले को वापस लें। इन स्कूलों को और बेहतर बनाएं, सुविधाएं बढ़ाएं, ताकि बच्चों की संख्या भी बढ़े और गुणवत्ता भी।”

“भूख हड़ताल आखिरी विकल्प — पर दृढ़ संकल्पित हूँ”

राजपूत ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही निर्णय वापस नहीं लिया, तो वे भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे। लेकिन उन्होंने दोहराया कि वे संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और पहले विनम्र अपील और संवाद का मार्ग अपनाना चाहते हैं।

“मैं चाहता हूँ कि सरकार जनभावनाओं को समझे। ये बच्चों का मामला है — राजनीति से ऊपर।”

अब सवाल ये है:

क्या सरकार इस विनम्र लेकिन दृढ़ अपील को सुनेगी?

क्या शिक्षा के अधिकार को बचाने की इस लड़ाई में आमजन भी जुड़ेंगे?

या फिर बच्चों के सपने आंकड़ों की भेंट चढ़ जाएंगे?

सरकार के लिए यह अवसर है — बच्चों का भविष्य संवारने का, न कि बंद करने का।

कई महीनो से नहीं मिला नौनिहाल बच्चों को पोषाहार

अमृतपुर फर्रुखाबाद । केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार गर्भवती महिलाओं नौनिहाल बच्चों और कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार वितरण कर रही है लेकिन धरातल पर ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है । जनपद फर्रुखाबाद की विकासखंड राजेपुर की ग्राम पंचायत भुवनपुर ताजपुर का मजरा ताजपुर में कई महीनो से गर्भवती महिलाओं छोटे बच्चों को ना तो पोषाहार मिल रहा है और ना ही तीसरे महीने कोटेदार के तहत बच्चों को मिलने वाला चावल भी नहीं दिया जा रहा हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा भ्रष्टाचार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा फैलाया जा रहा है तो कैसे विकास और कैसे स्वास्थ्य सही रहेगा। ग्रामीण महिला मीरा द्वारा बताया गया कि मेरे गांव में कभी भी ना तो आंगनवाड़ी केंद्र खुलता है और ना कभी भी राशन वितरण किया जाता है केवल मुझको या तो मालूम पड़ता है कि दो गाड़ी राशन लाकर भुवनपुर के लिए रवाना गांव से होकर जाता है लेकिन वितरण नहीं होता है वही जब मीडिया के द्वारा पूछा गया कि कोटेदार के तहत तीसरे महीने में जो छोटे बच्चों को चावल मिलते हैं क्या वह दिया जाता है उसे पर भी गुड़िया अन्य शिवानी राघव अंशिका केशब प्रांशु के परिजनों द्वारा बताया गया है कि मेरे छोटे-छोटे बच्चे है लेकिन इनको कभी भी पोषाहार की प्राप्ति नहीं हुई है।

वहीं ताजपुर के लोगों द्वारा बताया गया है कि कोटेदार तो अपनी मनमानी करके राशन वितरण करते हैं जहां पर ई पास कांटे से लेकर मशीन तक राशन पूरा कर देते हैं जिसके बाद में 4 किलो 500 ग्राम ही राशन हम लोगों को मिलता है और छोटे बच्चों को मिलने वाला चावल तो कभी दिया ही नहीं जाता है।

वर्जन

संपर्क किया गया तो बताया गया कि आंगनबाड़ी को बुलाकर पूछताछ की जाएगी। दोषी पाए जाने पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री पर कार्रवाई की जाएगी।

सीडीपीओ राजेपुर

मानवेंद्र सिंह

फर्रुखाबाद में बच्ची से दरिंदगी करने वाला अपराधी एनकाउंटर में मारा गया

फर्रुखाबाद । यूपी के फर्रुखाबाद में मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के जघन्य अपराध में वांछित आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। आरोपी पर 50,000 का इनाम घोषित था और उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें लगातार अभियान चला रही थीं। आज जाकर पुलिस को सफलता हाथ लगी। बदमाश की पहचान मोहम्मदाबाद कोतवाली के परखना गांव निवासी मनु के रूप में हुई है। मनु अविवाहित था और परिवार में कोई नहीं है।

बच्ची का शव खेत में मिला था

बता दें कि 28 जून को फर्रुखाबाद से अगवा हुई बच्ची का शव भोगांव थाना क्षेत्र के देवीपुर गांव में खेत में बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई, जबकि हत्या के कारणों को स्पष्ट करने के लिए विसरा और स्लाइड सुरक्षित किए गए हैं। बच्ची फर्रुखाबाद के थाना कायमगंज की रहने वाली थी और वह अपने मोहम्मदाबाद थानाक्षेत्र के नींव करोरी के पास अपने बुआ के घर आयी थी। 27 जून को सुबह वह आम तोड़ने के लिए बाग में गई, जिसके बाद वह लापता हो गई। परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला, जिसके बाद अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया।

सीसीटीवी से मिला था सुराग, आज सुबह मुठभेड़ में हुआ ढेर

जांच के दौरान नींवकरोरी क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में बच्ची एक अधेड़ व्यक्ति के साथ जाती दिखाई दी। जानकारी के अनुसार, आरोपी मंदिरों के आसपास कबाड़ और खाली बोतलें इकट्ठा करने का काम करता था। इसी आधार पर उसकी पहचान कर ली गई और तलाश शुरू हुई।शुक्रवार को पुलिस को आरोपी के छिपे होने की सूचना मिली। घेराबंदी के दौरान आरोपी ने भागने की कोशिश की और पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह गोली लगने से घायल हो गया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।एसपी आरती के अनुसार मृतक बदमाश मनु सुुभाष एक साइको था। आरोपी के खिलाफ पहले से हत्या, अपहरण और फिरौती मांगने के कई संगीन मुकदमे दर्ज है।

मुंह पर काली पट्टी और वाहं में काली पट्टी बांध कर मौन दिया धरना

फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के शुक्रवार को अधिशासी अभियंता निर्माण खंड जल निगम के नगरीय कार्यालय पर मुंह पर काली पट्टी और वाहं में काली पट्टी बांध कर सात सूत्रीय मांगों को लेकर मौन धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान संघर्ष समिति के जूनियर इंजीनियर महताब अली ने बताया कि पिछले छह माह के वेतन का अभी तक नहीं दिया गया है वेतन न मिलने से परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पेंशन धारकों को छठे वेतन आयोग की पेंशन धारकों को नहीं मिली है और ना ही किसी भी कर्मचारी को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलता नहीं दिखाई पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के अन्य विभागों में सातवें वेतन आयोग का कर्मचारियों को भुगतान तक मिल गया है और आठवां वेतन आयोग की आस लगाए बैठे हुए हैं लेकिन जल निगम कर्मचारियों को पिछले 6 माह का वेतन न मिलने से समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है उन्होंने कहा कि 17 से 19 जुलाई तक इन्हीं मांगों को लेकर लखनऊ मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा इसकी रणनीति तैयार कर ली गई है।

राजेपुर: प्राइवेट हॉस्पिटल "डॉ. सुनीता" पर गंभीर आरोप, आशा कार्यकर्ताओं से मरीज लाने का दबाव व कमीशन का खेल

राजेपुर फर्रुखाबाद

राजेपुर कस्बे में संचालित एक प्राइवेट अस्पताल "डॉ. सुनीता" पर आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से मरीजों को लाने के लिए दबाव बनाने व कमीशन देने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, अस्पताल के कुछ कर्मचारी सामने स्थित सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर बैठकर प्रचार सामग्री के माध्यम से लोगों को निजी अस्पताल की ओर आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज कमीशन देने की बात कही जाती है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे गर्भवती महिलाओं, बीमार मरीजों और अन्य ज़रूरतमंदों को सरकारी अस्पताल न भेजकर सीधे इस निजी अस्पताल तक लाएं।

हालांकि अभी तक किसी भी संबंधित अधिकारी या विभाग द्वारा इस विषय में आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यदि यह आरोप सही साबित होते हैं तो यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की व्यवस्था व सरकारी योजनाओं के खिलाफ एक सीधा हमला माना जाएगा।ग्रामवासियों और कुछ आशा बहनों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई बार प्राइवेट अस्पताल के प्रतिनिधि सरकारी अस्पताल के पास मौजूद रहकर गर्भवती महिलाओं को बहला-फुसलाकर अपनी ओर मोड़ने की कोशिश करते हैं।

 स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर उठे सवाल 

इस घटनाक्रम से स्वास्थ्य विभाग की निगरानी व्यवस्था और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। यदि सरकारी अस्पताल के ठीक सामने इस प्रकार का ‘कमीशन आधारित रेफरल सिस्टम’ चल रहा है, तो यह न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि ज़रूरतमंद मरीजों के साथ भी अन्याय है।

 ग्रामीणों की मांग: हो निष्पक्ष जांच 

ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि गरीबों को गुमराह कर निजी अस्पतालों में रेफर करने का काम निंदनीय है और इससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की साख पर सवाल खड़े होते हैं।

डीएम की अनोखी पहल से छात्र छात्राओं का स्कूल गेट पर तिलक लगाकर हुआ स्वागत स्कूलों में लौटी रौनक

फर्रुखाबाद।जनपद भर के स्कूलों में अनोखी पहल के तहत जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी के निर्देश पर स्कूली छात्र छात्राओं का स्कूल गेट पर तिलक लगा कर स्वागत किया गया l यही नहीं स्कूल खुलने के पहले दिन जिले भर में स्कूलों को गुब्बारों और फूलमालाओं से सजा कर उत्सब के रूप में मनाया गया ।

जिला अधिकारी ने बताया कि जिले के 1576 स्कूल हैं जिनमें 1लाख 22हजार 1561बच्चे पंजीकृत है l जिले के सभी स्कूलों में बच्चों का तिलक लगा कर स्वागत किया है और उन्हें पाठ्य पुस्तक भी वितरित की गई हैं ।जिला अधिकारी ने कहा कि बच्चों में पढाई की भावना से पढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है l जिला अधिकारी ने कहा कि बच्चे को पढ़ाई के प्रति जागरूकता पैदा की जाए जिससे और मन लगा कर अपनी पढ़ाई कर सके l उन्होंने कहा कि जिले के स्कूलों को बेहतर बनाया गया है और शिक्षा व्यवस्था में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए l

जिले भर के सभी स्कूलों में अधिकारियों और शिक्षकों ने बच्चों का तिलक लगाकर उनका स्वागत किया है l