अमृतपुर थाना पुलिस ने रंगेहाथ पकड़े गए जेबकतरा गैंग को पकड़कर छोड़ा
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अमृतपुर फर्रुखाबाद।अमृतपुर थाना क्षेत्र में जेबकतरों का आतंक अमृतपुर से राजेपुर तक जेबकतरों का गैंग पूरी तरह सक्रिय है। बताते चलें दो अगस्त को ग्राम पंचायत थरिया थाना मिर्जापुर जनपद शाहजहांपुर का रहने वाला किसान छविनाथ पुत्र रामचन्द्र उम्र करीब 60 बर्ष अपने साथी पड़ोसी छोटेलाल के साथ अपनी मक्का अल्हागंज बाजार से बेंच कर अपने घर वापस लौट रहा था।
छविनाथ, छोटेलाल ऑटो में राजेपुर से बैठा ,वहीं पास में ही जेबकतरा गैंग का सदस्य आकर बैठ गया जिसका छविनाथ,छोटेलाल को कोई भनक नहीं लगी कि पड़ोस में बैठने वाला जेबकतरा है। ऑटो अमृतपुर थाना क्षेत्र के राजपुर कस्बा में जैसे ही पहुंचा पास में बैठे जेबकतरे ने ऑटो के साथ में जेबकतरा गैंग की चल रही मोटरसाइकिल पर अपने साथियों को जेब काटकर निकाले गए रुपए ऑटो से हांथ निकालकर दे दिए।
इस पूरी घटना को ऑटो चालक ने साइड में लगे सीसे में देखा तुरन्त ही ऑटो चालक ने ऑटो में बैठी हुई सवारियों को अलर्ट किया और जोर से आवाज दी कि देखो किसी सवारी के पैसे तो नहीं निकले हैं ।ऑटो चालक की आवाज सुनकर छविनाथ ने अपनी पेंट में रखे रूपये चेक किए और चीखना शुरू कर दिया कि हमारे रुपए जेब काटकर निकाले गए हैं।
ऑटो चालक ने ऑटो चालक ने जैसे ही ऑटो रोका ऑटो में बैठा जेबकतरा ऑटो से निकलकर भागने लगा। ऑटो चालक सहित आसपास के दुकानदारों ने जेबकतरे को दौड़ा लिया उसी समय किसी ने थाना अमृतपुर पुलिस को फोन पर जानकारी दी। कस्बा राजपुर में मौके पर पुलिस पहुंचकर जेबकतरा गैंग के दो सदस्यों को पकड़ लिया और थाना अमृतपुर में लेकर आए। फिर शुरू हुआ पुलिस का खेल ,थाना प्रभारी ने जेबकतरों पर अपनी मेहरबानी बरसाना शुरू कर दिया। पीड़ित किसान भी थाने पहुंच चुका था पीड़ित किसान छविनाथ के अनुसार थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने पीड़ित किसान से पूछताछ की और पीड़ित से कहा कि तुम क्या चाहते हो?।
मुकदमा लिखवाने से तुम्हे कोई फायदा होने वाला नहीं ,तो पैसे लेना हो तो जेबकतरों से आपके पैसे दिलवा दिए जाएं। थाना प्रभारी मोनू शाक्या की बात सुनकर पीड़ित किसान छविनाथ ने कहा कि मुझे मेरे पैसे दिलवा दो हम क्यों मुकदमा लिखवाएंगे। थाना प्रभारी ने पीड़ित किसान छविनाथ को कई घंटों तक थाना परिसर बैठाए रखा पीड़ित किसान छविनाथ ने बताया कि जेबकतरों के परिजनों को फोन कर थाना अमृतपुर में बुलाया गया क्योंकि जो पकड़े गए दो जेबकतरे थे उन्होंने अपने साथी जो मोटरसकिल सवार था उसे पैसे दे दिए थे जो मौके से फरार होने में कामयाब हो गया था।
थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने गैंग के परिजनों को थाना अमृतपुर बुलाया ,जेब कतरा गैंग के परिजन एक ऑटो में सवार होकर थाना अमृतपुर में आए जिनके साथ कुछ महिलाएं भी थीं। फिर कई घंटों विधिवत सौदेबाजी करने के बाद पीड़ित किसान छविनाथ के जेब काटकर निकाले गए रुपए 11800 की जगह 11000 रुपए पीड़ित किसान छविनाथ को दिए गए, लगभग पांच घंटे बाद पीड़ित अपने गंतव्य की ओर चला गया। वहीं जेबकतरों को भी घर भेज दिया गया ।
आखिर जेबकतरों को किसकी सिफारिश पर बिना कार्यवाही किए छोड़ा गया ,किसी की सिफारिश थी या कोई और खेल। वहीं जब उस संबंध में थाना प्रभारी मोनू शाक्या से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जेब नहीं काटी गई थी पीड़ित को गलतफहमी हो गई थी पीड़ित के पैसे घटना स्थल पर उसकी जेब से गिर गए थे जो पीड़ित को मिल गए हैं ।पकड़े गए दो लोगों को पकड़ा गया था लेकिन जब पीड़ित के गिरे हुए रूपए मिलने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
मजे की बात यह है कि जब थाना थाना अमृतपुर में ये जेबकतरे पकड़ कर लाए गए उस समय क्षेत्राधिकारी अमृतपुर अजय कुमार वर्मा भी अमृतपुर थाना पर मौजूद थे ।जब थाना प्रभारी से जेबकतरों के संबंध में बात की गई तो उन्होंने ने भी वही लाइन दोहरा दी जो कि थाना प्रभारी मोनू शाक्या ने कही थी। कुल मिलाकर आश्चर्य चकित करने वाली बात यह है कि पीड़ित किसान छविनाथ के रूपये पांच बजे जेब काटकर निकाले गए थे और थाना प्रभारी मोनू शाक्या की बात मान ली जाए कि पीड़ित के रुपए गिर गए थे और पीड़ित किसान छविनाथ को गलत फहमी हो गई तो पीड़ित किसान छविनाथ पांच घंटे तक थाना परिसर में क्यो रोका गया ये उलझा हुआ विषय सभी को हैरान करता है।
इनसेट
जेबकतरों के पकड़े जाने की खबर सुनकर थाना राजेपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैनापुर के रहने वाले हरिशरण सिंह भी थाना अमृतपुर पहुंचे। बताते चलें कुछ दिनों पूर्व ही हरिशरण सिंह के साथ भी घटना घटित हुई थी उनकी भी पेंट की जेब काटकर 32000 हजार रुपए निकाल लिए थे। उनकी भी घटना उपरोक्त घटनाक्रम से पूरी तरह मेल खाती है ।उनके भी ऑटो में सवार जेबकतरे ने जेब काटकर ही रुपए उड़ाए थे।
उन्होंने भी उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन जेबकतरे भागने में सफल रहे थे। वो भी अपनी फरियाद लेकर थाना अमृतपुर आए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ उन्हें ये बताकर चलता कर दिया गया कि यह पकड़े गए जेबकतरे वह नहीं है जिन्होंने तुम्हारे साथ घटना की ।अब पुलिस से यह कौन पूंछे कि आपको कैसे पता चला कि यह जेबकतरे वह नहीं है ।
यह भी गंभीर और सोचने का विषय है। खैर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में पुलिस का कार्य प्रशंसनीय है लेकिन कुछ कुछ पुलिस कर्मियों की वजह से पुलिस की साख पर बट्टा लग ही जाता है।
Aug 04 2025, 17:52