केटीयू में "समावेशी विकास एवं युवाओं की भागीदारी" के विषय एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला हुआ आयोजन
रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में समावेशी विकास एवं युवाओं की भागीदारी विषय में एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। सहभागी विकास एवं सुशासन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध गैर सरकारी संगठन समर्थन, रायपुर का शैक्षणिक कार्यशाला में तकनीकी सहयोग रहा।
रायपुर के संभागायुक्त एवं कुलपति महादेव कावरे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास पथ में युवाओं को मुख्यधारा में लाने पर संचार क्रांति ने निर्णायक भूमिका निभाई है। दूरस्थ क्षेत्रों में समाचार पत्रों के व्यापक प्रसार से युवाओं में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ी। आज सोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास के संदेश जन-जन तक पहुंच रहे हैं। मैं स्वयं बीजापुर के एक छोटे से गांव में पला, बढ़ा और पढ़ाई की। राज्य गठन के बाद प्रदेश में सभी क्षेत्रों में समावेशी विकास की गति बढ़ी। इसका परिणाम है कि बस्तर के युवाओं में शिक्षा और समावेशी विकास में भागीदारी से मुख्य धारा में शांति का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है।
कुलपति महादेव कावरे ने उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों से कहा कि बस्तर हो या जशपुर-सरगुजा के दूरस्थ कई गांव जहां इंटरनेट की रफ्तार थोड़ी धीमी थी, वहां रेडियो एवं समुदायिक रेडियो ने विकास के संचार को गति और दिशा दी। इस कड़ी में यह उल्लेखनीय पहलू है कि मन की बात के माध्यम से जन-मन का स्वाभाविक जुड़ाव हमारे दूरदृष्ट्रा प्रधानमंत्री से हुए। हमारे मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में विजन 2047 की मूल अवधारणा में युवाओं—विशेषकर लड़कियों, आदिवासियों और ग्रामीण आबादी—की क्षमता को राज्य के विकास और शासन में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उपयोग करने का अवसर दिया है। छत्तीसगढ़ शासन की विविध जन कल्याणकारी योजनाओं में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से वे समाज की प्रगति में निर्णायक भूमिका अदा कर रही है। माननीय राज्यपाल जी के निर्देश में नीतियां एवं विकास परियोजनाओं को द्रुतगति से क्रियान्वयन किया जा रहा है।
शिक्षा, आजीविका, शासन और समावेश पर केंद्रित कार्यशाला में समापन वक्तव्य डॉ. राजेश टंडन संस्थापक अध्यक्ष प्रिया एवं चेयरमैन, युनेस्को कम्युनिटी रिसर्च ने दिया। कार्यशाला में समर्थन की अध्यक्षा बनश्री बेनर्जी, कार्यकारी निदेशक डॉ. योगेश कुमार कार्यक्रम निदेशक देविदास किसन निमजे, समन्वयक मनीष झा ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने प्रतिभागियों को जानकारी दी कि आजीविका के मोर्चे पर, डीडीयू-जीकेवाई और आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना जैसे कार्यक्रम सकारात्मक परिणाम दिखाते पीएम स्वनिधि योजना ने अनौपचारिक उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हुए 1.4 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए। कार्यशाला विभिन्न हितधारकों विचार-विमर्श और सहयोगात्मक सोच के माध्यम से - डिजिटल, लैंगिक और जनजातीय विभाजन को पाटने के लिए नवीन मॉडलों की पहचान, स्थानीय शासन, योजना और विकास में युवाओं की आवाज़ को एकीकृत माडल, छत्तीसगढ़ के लिए एक दूरदर्शी युवा मुख्यधारा रणनीति और युवाओं को लाभार्थी के रूप में लक्षित करने के बजाय उन्हें राज्य के विकसित होते परिदृश्य में परिवर्तनकर्ता और विकास रोल मॉडल के रूप में स्थापित करनें के विविध पहलूओं पर चर्चा हुई।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एवं समाज शास्त्री अमिताभ कुंडू, केटीयू के कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा, प्रदान के मनोज कुमार, साथी के भूपेश तिवारी, दोस्त से डॉ. सत्यजीत साहू, प्योर से डॉ. सुनील शर्मा, आनंद शुक्ला ने संबंधोधित किया। विभागाध्यक्ष पंकज नयन पांडेय, शैलेन्द्र खंडेलवाल, डॉ. राजेन्द्र मोहंती, डॉ. नृपेन्द्र शर्मा सहित अतिथि शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यशाला के नोडल अधिकारी एवं प्रभारी प्राध्यापक डॉ. आशुतोष मंडावी रहे।
कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रमुख स्वयंसेवी संगठन प्रदान, साथी, एफईएस, सृजन केन्द्र, पथ, शिखर युवा मंच, वाटर एड, पथ प्रदर्शक, चिराग, सेवा भास्कर, सहयोगी, जन सहयोग, सजग, आरोहण, जन साहस के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।
Jul 26 2025, 16:04