गया में यूनिसेफ टीम का क्षेत्र भ्रमण: मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों और जन कल्याणकारी योजनाओं का लिया जायजा
गया: यूनिसेफ की राष्ट्रीय टीम ने बुधवार को गया जिले का भ्रमण कर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन का जायजा लिया। टीम ने स्वास्थ्य संस्थानों और सामुदायिक स्तर पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं व सेवाओं का निरीक्षण किया, खासकर गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं और शिशुओं को मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की।
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यूनिसेफ की टीम में यूनिसेफ बिहार के चीफ फील्ड अफसर मार्गेट गवाडा, प्रोग्राम मैनेजर शिवेंद्र पांडेय, स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एसएसएस रेड्डी, और कम्युनिकेशन अफसर पूजा कुमारी शामिल थीं। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. राजाराम प्रसाद, डीपीएम नीलेश कुमार और यूनिसेफ के संजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी भी मौजूद रहे। टीम ने देर शाम समाहरणालय में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर से मुलाकात कर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर अद्यतन जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने यूनिसेफ टीम को दी योजनाओं की जानकारी
जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने यूनिसेफ के सभी सदस्यों का स्वागत किया और उन्हें जिले में संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने विशेष रूप से डॉ. अंबेडकर समग्र अभियान का उल्लेख किया, जो गया जिला की महादलित बस्तियों में रहने वाले ग्रामीणों के सर्वांगीण विकास के लिए चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाना है, ताकि वे जागरूक होकर उनका लाभ उठा सकें। जिलाधिकारी ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि महादलित बस्तियों में रहने वाले लोगों ने राज्य सरकार की योजनाओं का बड़े पैमाने पर लाभ लिया है।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि राज्य सरकार महादलित बस्तियों को और बेहतर तरीके से विकसित करने पर लगातार जोर दे रही है। इन बस्तियों में रहने वाली महिलाओं के स्किल डेवलपमेंट पर बड़े पैमाने पर काम किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर भी काफी कार्य किया जा रहा है, ताकि महिलाओं की शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बच्चों के टीकाकरण को अत्यंत महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण कार्य बताते हुए कहा कि शत-प्रतिशत बच्चों में टीकाकरण सुनिश्चित करवाया जा रहा है। इन सबके अतिरिक्त, प्रभावती अस्पताल में 24 बेड की क्षमता वाला मदर न्यू बोर्न चाइल्ड यूनिट ("शीशा घर") बनाया गया है, जहां कोई भी अपने बच्चों को लाकर बेहतर इलाज करवा सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं का जमीनी निरीक्षण
यूनिसेफ की टीम ने सबसे पहले परैया के राजपुर स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले आजाद बिगहा आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा किया। यहां उन्होंने समुदाय स्तर पर संचालित होने वाले ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण किया। टीम ने पाया कि टीकाकरण और अन्य सेवाएं अच्छी तरह से मुहैया कराई जा रही हैं। उन्होंने टीकाकरण लाभार्थियों, पंचायती राज जनप्रतिनिधियों, विकास मित्रों, आशाकर्मियों और जीविका दीदियों से बातचीत कर सेवाओं के बारे में जानकारी ली और सर्विलांस प्रणाली को समझा।
इसके बाद, टीम ने टिकारी प्रखंड में किशोर-किशोरियों के लिए संचालित 'उड़ान कार्यक्रम' की जानकारी प्राप्त की और बच्चों के सामाजिक विकास पर चर्चा की। अंत में, टीम ने प्रभावती अस्पताल में 24 बेड वाले मैटरनल न्यूनेटल केयर यूनिट का निरीक्षण किया और माताओं से बातचीत की। टीम ने वहां की सभी व्यवस्थाओं पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए स्वास्थ्यकर्मियों की प्रशंसा की।
Jul 26 2025, 14:32