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गोरखपुर डीआईजी समेत 5 अधिकारियों की तैनाती में फेरबदल

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में बुधवार को प्रशासनिक फेरबदल करते हुए पांच वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले कर दिए गए। जारी आदेश में दो आईपीएस अधिकारियों को प्रतीक्षारत रखा गया है, जबकि दो पीपीएस अधिकारियों को नए पदों पर तैनाती दी गई है। इस सूची में गोरखपुर के डीआईजी रोहन पी. कनय का नाम भी शामिल है, जिन्होंने हाल ही में महिला प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों की चिकित्सा जांच (गर्भपात से संबंधित) के विवादास्पद आदेश दिए थे।

तबादले का ब्यौरा इस प्रकार

रोहन पी. कनय (आईपीएस, 2009 बैच)
अब तक: पुलिस उपमहानिरीक्षक / प्रधानाचार्य, पुलिस प्रशिक्षण स्कूल (पीटीएस), गोरखपुर।
नवीन तैनाती: प्रतीक्षारत, पुलिस महानिदेशक मुख्यालय, लखनऊ।

पूनम (आईपीएस, 2010 बैच)
अब तक: पुलिस उपमहानिरीक्षक, पीएसी, अनुभाग आगरा।
नवीन तैनाती: पुलिस उपमहानिरीक्षक / प्रधानाचार्या, पीटीएस, मेरठ।

सतेन्द्र कुमार (आईपीएस, 2010 बैच)
अब तक: पुलिस उपमहानिरीक्षक, पीटीएस, मेरठ।
नवीन तैनाती: प्रतीक्षारत, पुलिस महानिदेशक मुख्यालय, लखनऊ।

अनिल कुमार (पीपीएस, 1994 बैच)
अब तक: अपर पुलिस अधीक्षक, पीटीएस, गोरखपुर।
नवीन तैनाती: प्रभारी प्रधानाचार्य, पीटीएस, गोरखपुर।

निहारिका शर्मा (पीपीएस, 1997 बैच)
अब तक: अपर पुलिस अधीक्षक, केंद्रीय रिजर्व स्टोर, कानपुर नगर।
नवीन तैनाती: प्रभारी सेनानायक, 26वीं वाहिनी पीएसी, गोरखपुर।

इसके पहले इनका हुआ था तबादलला

इससे पहले मंगलवार को तीन आईएस और छह पीसीएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया था। पीसीएस से प्रमोट होकर आईएस बनने वाले विनोद कुमार गौड़ को उपसचिव उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज से मुख्य विकास अधिकारी फर्रुखाबाद बनाया गया है। अरविंद कुमार मिश्रा मुख्य विकास अधिकारी फर्रुखाबाद को अपर निदेशक सूना बनाया गया है। वहीं पोस्टिंग की प्रतीक्षा कर रहीं डॉ. अलका वर्मा को निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं बनाया गया है।
साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, लखनऊ से 15 शातिर गिरफ्तार


लखनऊ ।  राजधानी में साइबर क्राइम थाना और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने ऑनलाइन सट्टेबाजी की आड़ में देशभर के लोगों से करोड़ों रुपये ठगने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। गिरोह से जुड़े 15 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो शहीद पथ स्थित फ्रेंड्स कॉलोनी में किराए के मकान में छिपकर यह फर्जीवाड़ा चला रहे थे। पुलिस ने इनके कब्जे 53,200 नगद, 44 मोबाइल फोन, 03 लैपटॉप, 42 एटीएम कार्ड, चेकबुक, सिम कार्ड और कई बैंक दस्तावेज, एक कार बरामद किया है।

फ्रेंड्स कॉलोनी से एक घर में बैठकर कर रहे थे साइबर ठगी

डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित ने बताया कि  साइबर क्राइम पुलिस टीम अहिमामऊ चौराहे पर चेकिंग में लगी थी, तभी एक मुखबिर ने सूचना दी कि फ्रेंड्स कॉलोनी में कुछ संदिग्ध युवक ठहरे हुए हैं, जो लगातार फोन पर बात करते रहते हैं। मुखबिर ने यह भी बताया कि उनके पास बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, लैपटॉप और बैंकिंग सामग्री मौजूद है।

तत्काल मौके से सभी को हिरासत में ले लिया गया

सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मनोरथ हाउस के पास स्थित मकान में दबिश दी।जांच के दौरान कमरे के अंदर कई युवक अलग-अलग मोबाइल, लैपटॉप और सिम कार्ड्स के जरिए लगातार बातचीत करते मिले। वहां से पुलिस को अनेक डेबिट कार्ड, आधार कार्ड, चेकबुक, पासबुक और खातों की पर्चियां भी मिलीं। तत्काल मौके से सभी को हिरासत में ले लिया गया।

अन्ना रेड्डी, फेयर प्ले और 99 एक्सचेंज जैसे फर्जी लिंक तैयार किए थे

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अन्ना रेड्डी, फेयर प्ले और 99 एक्सचेंज जैसे फर्जी लिंक तैयार किए थे, जिनके जरिए वे लोगों को ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के नाम पर लालच देकर ठगते थे। पहले ये लोग शिकार को मामूली रकम जमा कराने को कहते और बाद में उसे अपने फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे।

गिरोह का मास्टरमाइंड राजा सिंह उर्फ गनी भाई

यह सब सोशल मीडिया और फोन कॉल्स के जरिए किया जाता था।गिरोह का मास्टरमाइंड राजा सिंह उर्फ गनी भाई है, जबकि गिरोह का संचालन बिहार के मैरवा सीवान निवासी प्रदुमन कुमार सिंह कर रहा था। ठगी के बाद आरोपी अपने मोबाइल फोन, सिम कार्ड और लैपटॉप को नष्ट कर देते थे ताकि पुलिस की पकड़ से बच सकें। यही नहीं, ये लोग लगातार अपना ठिकाना भी बदलते रहते थे।

विभिन्न राज्यों में इनके खिलाफ 44 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज

डीसीपी के अनुसार, आरोपियों के मोबाइल फोन, साइबर पोर्टल और जब्त दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि देश के विभिन्न राज्यों में इनके खिलाफ 44 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हैं। जांच में यह भी सामने आया कि इन लोगों ने मल्टी-लेयर बैंकिंग सिस्टम के जरिए फर्जी खातों में करोड़ों का लेन-देन किया है।


इन अभियुक्तों को किया गया गिरफ्तार

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम प्रदुमन कुमार सिंह – मैरवा, सीवान (बिहार), अखिलेश कटियार – नवीनगर, सीतापुर, आलोक सिंह – सीवान, बिहार, अमन कुमार सिंह – बिहार, प्रीतम कुमार – बिहार, अंकित कुमार – बिहार, अभिनंदन सिंह – बिहार, धन्नू कुमार – बिहार, अमित कुमार बर्नवाल – गोपालगंज, अभिजीत कुमार शर्मा – गोपालगंज, इंद्रजीत कुमार – सिकंदरपुर, बलिया, आर्यन बर्नवाल – हाटा, कुशीनगर, ऋषभ सिंह – सिविल लाइंस, देवरिया, सावन कुमार सिंह – बांका, बिहार, अभिषेक गुप्ता – दशहराबाद, बाराबंकी है।
गाजियाबाद से चला रहा था फर्जी देश का दूतावास, एसटीएफ ने किया भंडाफोड़, एक गिरफ्तार


लखनऊ । उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद में संचालित एक फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया है। टीम ने खुद को कई देशों का राजदूत बताने वाले हर्ष वर्धन जैन पुत्र जे.डी. जैन निवासी केबी-45, कविनगर, गाजियाबाद को गिरफ्तार किया है। 'वेस्ट आर्कटिक के नाम से चल रहा था दूतावास एसटीएफ के मुताबिक, हर्ष वर्धन कविनगर के केबी-35 में किराए पर मकान लेकर 'वेस्ट आर्कटिक' नाम के कथित देश का दूतावास चला रहा था। यही नहीं, वह खुद को वेस्ट आर्कटिक, सैबोर्गा, पॉल्विया, लोडोनिया जैसे तथाकथित माइक्रोनेशन देशों का काउंसल या एम्बेसडर बताता था और अपनी गाड़ियों पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगाकर चलता था। विदेशों में काम दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था लोगों को प्रभावित करने के लिए वह प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ फोटोशॉप की हुई तस्वीरें दिखाता था। पूछताछ में सामने आया है कि वह विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों से विदेशों में काम दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था और हवाला नेटवर्क भी चलाता था। गिरफ्तार अभियुक्त का चर्चित तांत्रित चंद्रा स्वामी से मिला संपर्क एसटीएफ जांच में यह भी सामने आया है कि हर्ष वर्धन का अतीत आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा रहा है। 2011 में उस पर अवैध सैटेलाइट फोन रखने का केस दर्ज हुआ था। इसके अलावा उसका संपर्क चर्चित तांत्रिक चंद्रास्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी से भी होने की जानकारी मिली है। यह सामग्री हुआ बरामद डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी 4 गाड़ियां, माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मोहर लगे फर्जी दस्तावेज, दो फर्जी पैन कार्ड, 34 कंपनियों और देशों की मोहरें, दो फर्जी प्रेस कार्ड, 44,70,000 नगद, कई देशों की विदेशी मुद्रा, 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेटें बरामद हुआ है।
सेवा मित्र समिति की बैठक सम्पन्न, सेवाप्रदाता शुल्क स्थगित, रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

लखनऊ। प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन एम.के. शन्मुगा सुन्दरम की अध्यक्षता में आज लखनऊ स्थित नवीन भवन में सेवा मित्र समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सेवा मित्र व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक में सबसे अहम फैसला सेवाप्रदाताओं से लिए जा रहे 10 प्रतिशत सेवा शुल्क को स्थगित करने का रहा। साथ ही, स्किल्ड वर्कर्स को भी सीधे सेवा मित्र प्लेटफॉर्म से जोड़े जाने पर सहमति बनी, जिससे नागरिकों को घर बैठे अधिक सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

प्रमुख सचिव ने बताया कि सेवा मित्र पोर्टल (www.sevamitra.up.gov.in) और टोल-फ्री हेल्पलाइन 155330 के माध्यम से नागरिकों को घरेलू सेवाएं जैसे इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर आदि आसानी से उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह योजना न केवल नागरिकों को सुविधाएं देती है, बल्कि कुशल कामगारों को उनके क्षेत्र में रोजगार भी दिलाती है।

बैठक में यह भी प्रस्तावित हुआ कि जिन सरकारी कार्यों को जेम पोर्टल से नहीं कराया जा सकता, उन्हें सेवा मित्र के माध्यम से पूरा किया जाए। इसके अलावा, सेवा मित्र पोर्टल और रोजगार संगम पोर्टल के विलय पर भी चर्चा हुई।

विशेष सचिव श्रम एवं सेवायोजन कुणाल शिल्कू ने जानकारी दी कि जून 2025 तक सेवा मित्र पोर्टल पर 39,857 बुकिंग दर्ज हुई हैं और हेल्पलाइन पर 38 लाख से अधिक कॉल रिसीव की गईं। इस पोर्टल के माध्यम से ₹27.53 लाख की राशि सेवाप्रदाताओं के वॉलेट में जमा की गई।

बैठक में निदेशक सेवायोजन श्रीमती नेहा प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह पहल असंगठित श्रमिकों को सशक्त करने की दिशा में प्रदेश सरकार का एक सराहनीय कदम है।
लखनऊ में होटल कर्मी की गोली माकर हत्या
लखनऊ । राजधानी चिनहट क्षेत्र के विकल्प खंड स्थित ईशान इन होटल में कार्यरत 20 वर्षीय दिवाकर यादव की सोमवार देर रात करीब डेढ़ बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई।वारदात एक युवक ने अपनी महिला मित्र की मौजूदगी में की। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर चिनहट दिनेश चंद्र मिश्रा पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और घटना को अंजाम देकर भाग रहे कातिल को धरदबोचा। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की छानबीन कर रही है।

युवक अपनी महिला मित्र को लेने पहुंचा था होटल

बाराबंकी निवासी देवेंद्र मिश्रा का चिनहट क्षेत्र के विकल्प खंड में ईशान इन नाम से होटल है। बताया जा रहा है कि सोमवार को इस होटल में गोरखपुर निवासी एक ठहरी हुई थी, जिसे लेने देर रात बाइक सवार एक युवक आया और लड़की को होटल से ले जाने लगा। यह माजरा देख होटल में काम कर रहा सुल्तानपुर जिले के जयसिंह पुर थाना क्षेत्र स्थित बिलारी निवासी 20 वर्षीय दिवाकर यादव ने विरोध किया तो बेखौफ लड़के का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वह दिवाकर को जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से लड़की को साथ लेकर चला गया।

पुलिस ने आरोपी युवक का हिरासत में लेकर कर रही पूछताछ

पुलिस ने बताया छानबीन में पता चला कि कुछ देर बाद युवक-युवती फिर होटल में दाखिल हुए और रिसेप्शन पर मौजूद होटल कर्मी दिवाकर यादव के सीने में गोलियों की बौछार कर दी। गोली चलने की आवाज सुनकर होटल में रूके अन्य लोग मौके पर पहुंचे और इसकी सूचना पुलिस को देने के साथ होटल मालिक देवेन्द्र मिश्रा को दी। पुलिस ने आनन-फानन में घायल दिवाकर को इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि होटल मालिक देवेन्द्र मिश्रा की तहरीर पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर अयोध्या जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र स्थित अमसिन  व हाल पता कंचनपुर मटियारी स्थित कांतिपुरम कालोनी निवासी आकाश तिवारी पुत्र विनोद कुमार तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

आखिर किस बात पर दिया घटना को अंजाम

होटल कर्मी दिवाकर यादव और उसकी हत्या के आरोपी आकाश तिवारी के बीच कितनी बड़ी नोंक-झोंक हुई कि अपनी महिला मित्र की मौजूदगी में आकाश ने दिवाकर यादव के सीने में गोलियों की बौछार कर मौत की नींद सुला दिया। पुलिस इस अहम सवाल का जवाब तलाश रही है।
महिला ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने का किया प्रयास

लखनऊ । यूपी की राजधानी के गौतमपल्ली थानाक्षेत्र के विक्रमादित्य मार्ग पर एक महिला ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों की महिला पर नजर पड़ गई और उसे बचा लिया। बताया जा रहा है कि महिला उन्नाव जनपद के असोहा कालूखेड़ा गांव की रहने वाली है। महिला का नाम कलावती है।

महिला की जमीन को दबंगों ने कर लिया है कब्जा

पुलिस ने पूछताछ की तो बताया कि उसकी 15 बिस्वा जमीन है, जिस पर गांव के ही दबंगों ने कब्जा कर लिया है। कब्जा छुड़वाने के लिए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगा चुकी है लेकिन उसे कहीं से न्याय नहीं मिल पा रहा है। दबंग उसे जान से मारने की धमकी दे रहे है। इसी से परेशान होकर लखनऊ में आकर खुदकशी करना चाहती थी। चूंकि इस व्यवस्था से तंग आ चुकी हूं।

महिला के खिलाफ पुलिस ने खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

यह घटना सोमवार की सुबह की है। पुलिस महिला को सकुशल बचाने के बाद सबसे पहले पेट्रोल से भरा बोतल छीनने के बाद उसके सारे कपड़े बदलवाने के बाद थाने ले आई। महिला की समस्या के बारे में उन्नाव पुलिस को अवगत कराया गया। इसके बाद गौतमपल्ली पुलिस ने खुदकुशी करने के मामले में महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

अभी भी अधिकारी जमीन कब्जा मामले को नहीं ले रहे गंभीरता से

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ कह रहे है कि किसी गरीब की जमीन पर दबंग कब्जा करते तो उन पर कार्रवाई की जाए। अगर सीएम की इस बात को अधिकारी गंभीरता पूर्वक से लेते तो महिला को आत्मदाह करने के बारे में नहीं सोचतीं। अब सवाल उठता है कि दबंगों पर कार्रवाई की बजाय पीड़िता को ही आरोपी बना देना कहां तक न्यायसंगत है।
गुडंबा में खुलेआम गुंडागर्दी, महिलाओं-बच्चों पर बांकों से हमला
लखनऊ । राजधानी के गुडंबा थाना क्षेत्र में रविवार को एक परिवार पर दबंगों ने घर में घुसकर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। लाठी-डंडों और बांकों से लैस हमलावरों ने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा। गंभीर रूप से घायल महिला और पुरुष को मरा समझकर आरोपी गले से सोने की चेन लूटकर फरार हो गए। पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस नदारद रही और अब महज "मामले की जांच जारी है" की औपचारिकता निभा रही है।

दबंगों ने घर में घुसकर किया हमला

स्पोर्ट्स कॉलेज गुडंबा निवासी रेखा यादव ने बताया कि वह रविवार को अपनी बुआ संगीता यादव और अन्य परिजनों के साथ घर के बाहर बैठी थीं। इसी दौरान मोहल्ले के ही राकेश, डॉक्टर संतोष, अजेन्द्र, रामलखन समेत करीब 25-30 लोग पहुंचे और गाली-गलौज शुरू कर दी। विरोध करने पर उन्होंने हमला कर दिया। जब परिवार के लोग जान बचाने को घर में भागे, तो दबंग बांका लेकर अंदर तक घुस आए और 10 वर्षीय शिवा, संगीता और बालक राम पर जानलेवा हमला कर दिया।

पड़ित परिवार ने पुलिस को दी सूचना, मगर अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं

घटना के बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस को सूचना दी और तहरीर भी दी, मगर अभी तक कार्रवाई की बजाय सिर्फ "जांच" का हवाला दिया जा रहा है। खुलेआम गुंडई और घर में घुसकर हमला करने जैसी संगीन वारदात के बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इलाके में दहशत का माहौल है और स्थानीय लोग पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
बच्ची से हैवानियत के मामले में अभी तक स्कूल प्रबंधक का दर्ज नहीं हो सका बयान
लखनऊ । राजधानी में इंदिरानगर के किड्जी स्कूल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म ने जहां पूरे शहर को झकझोर दिया, वहीं पुलिसिया सुस्ती और लापरवाह जांच ने व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। घटना को चार दिन ज्यादा बीत चुका है, लेकिन न तो स्कूल प्रबंधक का बयान दर्ज किया गया है और न ही घटनास्थल यानी बरामद वैन की फॉरेंसिक जांच हो सकी है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि जब मामला एक मासूम की अस्मिता से जुड़ा है, तो कार्रवाई इतनी ढीली क्यों?। वहीं छात्रा की मां इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है।

अभी वैन की फॉरेसिंग जांच होनी बाकी

सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने एफएसएल को वैन जांच के लिए सूचना जरूर दी है, लेकिन अब तक महज़ "सूचना दी गई" वाली कार्यशैली ही सामने आई है। सोमवार को टीम आने की "संभावना" जताई जा रही है, लेकिन ठोस कदम नदारद हैं।वही स्कूल प्रबंधक संदीप कुमार, जिनके जिम्मे बच्चों की सुरक्षा थी, आज तक न सिर्फ बयान देने से बचते रहे हैं बल्कि पुलिस भी उन्हें पूछताछ के लिए तलब करने में सुस्ती बरत रही है।

पुलिस का कहना- अभी कोई तथ्य उजागर नहीं कर सकता

थाना प्रभारी से जब स्थिति जाननी चाही गई तो उन्होंने विवेचना जारी है, कोई तथ्य उजागर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या पुलिस केवल दिखावटी दुष्कर्म आरोपी वैन चालक की गिरफ्तारी करके अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त हो चुकी है?। इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बच्ची की मां जब शिकायत लेकर स्कूल पहुंचीं, तो आरोपी चालक ने उन्हें धमकाया, और प्रबंधक ने भी चुप रहने के लिए बोला था।

चार साल की बच्ची के साथ 14 जुलाई को हुआ था दुष्कर्म

इंदिरानगर स्थित किड्जी स्कूल के वैन चालक इंदिरानगर लवकुशनगर निवासी मो. आरिफ ने 14 जुलाई को वैन में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म किया था। घर पहुंचकर बच्ची ने सारी बात मां को बताई थी। वह शिकायत लेकर स्कूल पहुंची तो चालक मो. आरिफ ने उनको धमकाया। पीड़िता ने प्रबंधक को बताया तो उन्होंने मामले को देखने की बात कही, पर कुछ नहीं किया। 17 जुलाई को बच्ची की मां ने आरोपी वैन चालक व स्कूल प्रबंधक के खिलाफ इंदिरानगर थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने चौबीस घंटे के अंदर आरोपी वैन चालक को गिरफ्तार करते हुए घटना में इस्तेमाल की गई वैन बरामद कर ली थी।


जनिये क्या है दुष्कर्म पीड़िता मां की पूरी कहानी

दुष्कर्म पीड़ित बच्ची की मां हरदोई की रहने वाली है। पति की लंबी बीमारी के चलते साल एक साल पहले मौत हो जाने के कारण वह बच्चों को लेकर लखनऊ चली आयी। ताकि बच्चे अच्छी शिक्षा दीक्षा पा सके। इसलिए बेटी का नाम नामी गिरामी स्कूल किड्जी में लिखवाया। बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा महिला के पिता उठा रहे है। महिला ने पुलिस को बताया कि वह पहले स्कूल बेटी को छोड़ने खुद जाती थी। चूंकि पति के मौत के बाद ही उन्हें जुड़वा बच्चे हुए। जिसकी वजह से उनकी देखभाल करने में दिक्कत आ रही थी तो स्कूल की वैन लगवा दी। वैन चलाने वाले का नाम मोहम्म्द आरिफ था।

स्कूल प्रबंधन ने कहा- बदनामी होगी चुप रहो, बच्ची की फीस माफ कर देंगे

महिला ने अपने बयान में पुलिस काे बताया कि 14 जुलाई को जब उनकी बच्ची घर लौटी तो गुमशुम थी। शाम को सोते वक्त अपने प्राइवेट पार्ट की तरफ इशारा करते हुए बताया कि इसमें दर्द हो रहा है। वह तुरंत बच्ची को लेकर चिकित्सक के पास गई तो उन्होंने देखकर बताया कि बच्ची के साथ किसी ने गलत हरकत की है। दूसरे दिन वैन चालक आरिफ बच्ची को लेने पहुंचा तो उससे शिकायत की तो जान से मारने की धमकी देते हुए मुंह बंद रखने को कहा। इसके बाद वह स्कूल प्रबंधक के पास शिकायत करने गई तो वह भी बदनामी बात कहकर चुप रहने को कहा। कहां ड्राइवर को निकाल देंगे और बच्ची की फीस माफ कर देंगे लेकिन घटना के दो दिन बाद भी प्रबंधक ने कुछ नहीं किया।

इस मामले में अभी तक केवल चालक पर ही हो पाई है कार्रवाई

अंत में पीड़ित बच्ची की मां ने बताया कि जब सब तरफ से उसे न्याय की उम्मीद नहीं दिखी तो फिर पुलिस के पास पहुंची। अब जब पुलिस तक पूरा मामला पहुंच गए और पीड़ित बच्ची की मां की तहरीर पर मुकदमा आरोपी चालक आरिफ और प्रबंधक के खिलाफ दर्ज कर लिया गया तो फिर जांच इतनी धीमी क्यों। पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है लेकिन प्रबंधक का अभी तक बयान तक नहीं दर्ज की है। जबकि बच्ची के साथ इस तरह की घटना से हर कोई स्कूली वाहन से अपने बच्चों को स्कूल भेजने में असुरक्षित महसूस करने लगा है। लोगों को कहना है कि ऐसे मामले को पुलिस को गंभीरता पूर्वक से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस तरह की घटना की दोबारा से पुनरावृत्ति न हो।
लखनऊ में परिवहन विभाग का सघन चेकिंग अभियान जारी, 770 वाहनों का चालान, 7 वाहन सीज
राजधानी लखनऊ में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग का सघन प्रवर्तन चेकिंग अभियान लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा।  इस अभियान में लखनऊ संभाग के सभी छह जनपदों के अधिकारी शामिल रहे और कुल 770 वाहनों का चालान किया गया, जबकि सात वाहनों को थाने में निरुद्ध किया गया।

अभियान के दौरान छह जनपदों के नौ पीटीओ रहे मौजूद

परिवहन आयुक्त के निर्देश पर राजधानी लखनऊ में चल रहे सघन प्रवर्तन चेकिंग अभियान के दूसरे दिन अलग-अलग चौक-चौराहों पर आरटीओ, एआरटीओ, पीटीओ और प्रवर्तन सिपाही इन्फोर्समेंट करते दिखायी दिये। दूसरे दिन अभियान में एआरटीओ प्रवर्तन राजीव कुमार बंसल के अलावा लखनऊ संभाग के सभी 6 जनपदों के नौ पीटीओ अफसर भी शामिल रहे।

सात वाहनों को किया सीज

इस दौरान बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने, बिना सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चलाने, बिना ड्राइविंग लाइसेंस व हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के वाहन चलाने, चार पहिया वाहन में ब्लैक फिल्म के प्रयोग आदि अभियोजन के विरुद्ध कार्रवाई की गई। आरटीओ प्रवर्तन प्रभात कुमार पांडेय ने बताया कि अभियान के दूसरे दिन कुल 770 वाहनों का चालान तथा 7 वाहनों को निरुद्ध किया गया। जिसमें हेलमेट से अभियोग में 678 वाहनों के तथा सीट बेल्ट के अभियोग में 92 वाहनों के चालान किए गए। उक्त के अतिरिक्त 7 वाहनों को थाने में निरुद्ध किया गया।

इन स्थानों पर चलाया गया चेकिंग अभियान

अभियान महानगर चौराहा, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, घंटाघर / चौक तथा बंगला बाजार, आशियाना क्षेत्र में चलाया गया जिसमें लखनऊ से पीटीओ एसपी देव, मनोज भारद्वाज, आभा त्रिपाठी, अनीता वर्मा, उन्नाव से शैहपर किदवई, रायबरेली से रेहाना बानो, हरदोई से केएन पाण्डेय, लखीमपुर खीरी से डॉ.कौशलेंद्र यादव और सीतापुर से मो. आब्दीन अहमद उपस्थित थे।
संभव’ अभियान की नायिकाएं: पाँच आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मिला राज्य स्तरीय सम्मान

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ‘संभव’ अभियान ने पोषण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य और डिजिटल दक्षता के क्षेत्र में नई उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। इस अभियान के तहत वाराणसी, चंदौली, श्रावस्ती, उन्नाव और फर्रुखाबाद की पाँच आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य द्वारा सम्मानित किया गया। ये महिलाएं आज प्रदेश में नारी शक्ति और सेवा भावना की प्रेरणास्रोत बन गई हैं।

वाराणसी की श्रीमती सरिता देवी ने गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें एनआरसी में भर्ती कराया और स्तनपान व टीकाकरण में अनुकरणीय सुधार लाया। चंदौली की श्रीमती सुजाता कुशवाहा ने बच्चों में केवल स्तनपान को 90% तक पहुँचाया, किशोरियों को एनीमिया से बाहर निकालने में सफल रहीं और पोषण ट्रैकर पर शत-प्रतिशत डेटा दर्ज कर डिजिटल दक्षता सिद्ध की।

श्रावस्ती की श्रीमती पानकली ने सीमित संसाधनों में भी 12 से अधिक कुपोषित बच्चों को पोषण सेवाओं से जोड़ा और किशोरियों में स्वच्छता व पोषण शिक्षा को मजबूती दी। उन्नाव की श्रीमती सजनी अवस्थी ने ई-कवच के माध्यम से 4 बच्चों का जीवन बदला, 5 किशोरियों को एनीमिया से उबारकर फिर से स्कूल जोड़ा, और मातृत्व योजना से 64 महिलाओं को लाभ दिलाया।

फर्रुखाबाद की श्रीमती चन्द्रमुखी ने 3 सैम बच्चों को एनआरसी में भर्ती कर सुधार सुनिश्चित किया और पोषण ट्रैकर पर 100% ई-केवाईसी पूर्ण किया। उनकी कार्यकुशलता का प्रमाण यह है कि तीन वर्षों से उनके विरुद्ध कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।

‘संभव’ अभियान की ये नायिकाएं दिखाती हैं कि सेवा, समर्पण और संवेदनशीलता से किस प्रकार समाज में बदलाव लाया जा सकता है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने इनके योगदान को नमन करते हुए विश्वास जताया है कि इन जैसे हजारों कार्यकत्रियाँ प्रदेश को कुपोषणमुक्त और स्वस्थ समाज की ओर अग्रसर करेंगी।