जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निष्पादन की समीक्षा में लापरवाही बरतने वाले पर गिरी गाज, नगर आयुक्त ने काम में लापरवाही बरतने पर रजिस्टार व सहायक का
गया जी (मनीष कुमार)। नगर निगम के नगर आयुक्त कुमार अनुराग ने मंगलवार को जन्म-मृत्यु निष्पादन की समीक्षा में लापरवाही करने वाले पदाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की है। निगम कार्यालय में नगर आयुक्त ने रजिस्ट्रार व संबंधित सहायक राकेश कुमार से स्पष्टीकरण मांगते हुए वेतन रोकने का निर्देश दिया है।
नगर आयुक्त कुमार अनुराग के द्वारा जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन फॉर्म की गहण समीक्षा की गई। निरंतर शिकायत प्राप्त हो रही थी कि कई दिनों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र लंबित है एवं निष्पादन नहीं किया जा रहा है। इस क्रम में जिला पदाधिकारी महोदय ने संज्ञान लेते हुए अनुमंडल पदाधिकारी को भी निदेशित किया था।
इसी क्रम में, आज नगर आयुक्त द्वारा पूरे प्रक्रिया की जांच की गई।
नगर आयुक्त ने बताया कि समीक्षा से पता चला कि निबंधन नियमावली में कुछ दिनों पहले बदलाव हुए थे जिस कारण से रजिस्ट्रार द्वारा विलंब किया जा रहा था।
बदलाव यह था कि अब एक वर्ष से पुराने जन्म मृत्यु के आवेदन की स्वीकृति अनुमंडल पदाधिकारी देंगे। पूर्व, में यह सत्यापन हेतु प्रखंड कार्यालय भेजा जाता था। साथ ही, विलंब की राशि 50 से बढ़ाकर 100 रुपए कर दी गई है।
वर्तमान में, नियम यह है कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु सरकार द्वारा नई नियमावली के आलोक में,
30 दिनों के अंदर जन्म या मृत्यु का अगर प्रमाण पत्र बनवाना है तो, निगम में प्रतिनियुक्त रजिस्ट्रार द्वारा जांच कर निर्गत किया जाता है।
30 दिनों से एक वर्ष के अंदर वाले प्रमाण पत्रों की सत्यापन सांख्यकी पदाधिकारी सह जिला रजिस्टर द्वारा किया जाता है एवं 1 वर्ष के ऊपर जन्म मृत्यु घटनाओं को सत्यापन उपरांत अनुमंडल पदाधिकारी सदर से अनुमति प्राप्त कर निर्गत किया जाना है।
जुलाई माह के शुरुआत में हीं जिला पदाधिकारी का निदेश सभी अनुमंडल पदाधिकारियों के लिए निर्गत किया जा चुका था। मुख्यतः एक वर्ष से अधिक वाले आवेदन हीं लंबित है।
समीक्षा में पाया गया कि, रजिस्ट्रार एवं अनुमंडल पदाधिकारी के समन्वय की कमी के कारण, इतनी संख्या में आवेदन लंबित रह गए थे। रजिस्ट्रार का ये दायित्व था कि नए नियम के अनुरूप वो सत्यापन के पश्चात अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन स्वीकृति हेतु भेजे परन्तु सभी आवेदन इनके कार्यालय में लंबित पाए गए। लंबित आवेदनों को लेकर इनके द्वारा कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
समीक्षा में पाया गया कि जन्म से संबंधित कूल 682 आवेदन लंबित है। मृत्यु से संबंधित 101 आवेदन लंबित है।
एक साथ जन्म मृत्यु से संबंधित इतने लंबित मामलों को देख नगर आयुक्त कुमार अनुराग द्वारा काफी अप्रसन्नता व्यक्त की गई। निगम आयुक्त द्वारा बताया गया कि जिला पदाधिकारी द्वारा भी इस विषय का संज्ञान लिया गया एवं अप्रसन्नता व्यक्त की गई। साथ ही, निगम बोर्ड की बैठक में भी इस विषय पर चर्चा हुई थी।
उक्त आलोक में नगर आयुक्त ने रजिस्टर एवं संबंधित सहायक राकेश कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की एवं वेतन स्थगित किया गया। साथ ही, नगर आयुक्त द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को भी निदेशित किया की, रजिस्ट्रार के अनुशंसा से प्राप्त आवेदनों को अविलंब स्वीकृति प्रदान कर दें।
रजिस्ट्रार एवं जन्म मृत्यु शाखा के सहायक को अंतिम चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि 426 आवेदन (एक वर्ष से अधिक) लंबित हैं, अनुमंडल पदाधिकारी सदर को अग्रसारित करें एवं अनुमति प्राप्त कर आज ही प्राप्त कर निर्गत करें तथा शेष लंबित जन्म मृत्यु आवेदनों को दो दिनों के अंदर निष्पादित करें।
इस दौरान नगर आयुक्त ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर पुनः लंबित आवेदनों की समीक्षा की जाएगी। निष्पादन नही होने की स्थिति में दंडात्मक करवाई की जाएगी। प्रत्येक दिन कम से कम सौ से ज्यादा आवेदनों की एंट्री पोर्टल पर करें। साथ ही, पंजी संधारण में सुधार की आवश्यकता है। पंजी के रख रखाव एवं संधारण में निगम आयुक्त द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए। सभी लंबित आवेदनों को निष्पादित करने का व इस से संबंधित माह वार समेकित प्रतिवेदन तैयार करने का निर्देश दिया गया।
Jul 16 2025, 17:58