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खरीफ सीजन में उर्वरक की कोई कमी नहीं : कृषि मंत्री
* डीएपी व एनपीके की भी भरपूर व्यवस्था, किसानों से की जरूरत अनुसार खरीद की अपील

लखनऊ। प्रदेश में खरीफ सीजन के दौरान किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने उर्वरकों की समुचित व्यवस्था की है। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में 14.59 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 5.63 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक (डीएपी, एनपीके) बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध हैं।
केवल 08 जुलाई को ही 32,700 मीट्रिक टन यूरिया, 6,566 मीट्रिक टन डीएपी तथा 3,559 मीट्रिक टन एनपीके की बिक्री हुई है। लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर और बरेली मण्डलों में सर्वाधिक यूरिया उपलब्ध है। सहकारिता क्षेत्र के रिटेल प्वाइंट्स पर 1.13 लाख मीट्रिक टन यूरिया, और जनपद स्तरीय बफर गोदामों में 1.89 लाख मीट्रिक टन स्टॉक सुनिश्चित किया गया है।
श्री शाही ने स्पष्ट किया कि यदि किसी किसान को उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग कर जबरन बिक्री की शिकायत होती है, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कंट्रोल रूम (0522-2209650) तथा जनपद स्तर पर डीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
प्रदेश सरकार भारत सरकार से लगातार समन्वय कर रही है ताकि रोजमर्रा की जरूरत के अनुसार उर्वरकों की आपूर्ति बनी रहे। सीमावर्ती जिलों में ओवररेटिंग, कालाबाजारी और अवैध गतिविधियों पर विशेष सतर्कता के साथ निगरानी की जा रही है। कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे अभी केवल वर्तमान फसलों की जरूरत के अनुसार ही उर्वरक खरीदें और भविष्य की फसलों के लिए भंडारण से बचें। सरकार किसानों को हर हाल में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का अभिनव प्रयास
* "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के तहत 101 पौधे रोपे गए

लखनऊ। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने राजधानी लखनऊ में “एक पेड़ माँ के नाम” वृक्षारोपण जनसहभागिता अभियान-2025 के अंतर्गत भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का नेतृत्व बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शिशिर ने किया।
इस अभियान के तहत मण्डलीय प्रशिक्षण केन्द्र डालीगंज, खादी उत्पादन केन्द्र अमेठी (लखनऊ) तथा बोर्ड मुख्यालय परिसर में कुल 101 वृक्षों का रोपण किया गया। वृक्षारोपण में अर्जुन, नीम, पीपल, आम और पाकर जैसे पर्यावरण के लिए लाभकारी व औषधीय गुणों से भरपूर पौधों का चयन किया गया। इन पौधों का चयन स्थानीय पारिस्थितिकी, छायादान, प्रदूषण नियंत्रण और दीर्घकालिक प्रभाव को ध्यान में रखकर किया गया।
इस अवसर पर संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी सिद्धार्थ यादव, वित्तीय सलाहकार मानवेन्द्र सिंह, प्राचार्य तनुजा, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी मनोज दिवाकर तथा वरिष्ठ प्रबंधक अनिल कुमार सिंह सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे और कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई।
लखनऊ उच्च न्यायालय परिसर में हुआ पौधारोपण

लखनऊ।"एक पेड़ माँ के नाम 2.0" अभियान के तहत, गोमती नगर स्थित उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ के परिसर में वृहद पौधारोपण जन-महाभियान कार्यक्रम 2025 बुधवार को आयोजित किया गया। इस अभियान का उद्देश्य माँ के नाम पर एक पेड़ लगाना और एक स्थायी स्मृति बनाना है, जो न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि एक हरे और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण में भी योगदान देगा। इस पौधारोपण कार्यक्रम में उच्च न्यायालय, लखनऊ खण्डपीठ के वरिष्ठ न्यायमूर्ति  अताउ रहमान मसूदी व अन्य न्यायमूर्तिगण तथा  न्यायालय के रजिस्ट्री अधिकारीगण भी सम्मिलित हुये। न्यायमूर्तिगण ने पौधों की अलग-अलग प्रजातियों जैसे चंपा, गुलाचीन, चाँदनी, मनोकामिनी इत्यादि पौधों का रोपण किया।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग करेगा टीटीएफ -2025 में शानदार प्रदर्शन
* कोलकाता में 10-12 जुलाई तक आयोजित होगा देश का सबसे बड़ा ट्रेवल शो, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी जानकारी

लखनऊ। देश के सबसे बड़े ट्रैवल शो नेटवर्क "ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर -2025" का आयोजन 10 से 12 जुलाई तक कोलकाता के बिस्वा बांग्ला मेला प्रांगण में किया जा रहा है। इस भव्य आयोजन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग पूरे जोश और तैयारी के साथ भाग ले रहा है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस आयोजन में बिजनेस-टू-बिजनेस सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसायी, ट्रैवल एजेंसियां और निवेशक भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के स्टॉल के माध्यम से प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक स्थलों, और निवेश/रोजगार की संभावनाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह ट्रैवल शो पूर्वी भारत का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित पर्यटन मंच है, जहां भारत के 25 राज्यों और 14 से अधिक देशों की भागीदारी होगी। लगभग 5,500 से अधिक व्यापारिक खरीदार इस मेले में शामिल होंगे, जो उत्तर प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र के लिए बड़े व्यावसायिक अवसरों के द्वार खोलेंगे।
इस फेयर में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों एवं भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय का विशेष स्टॉल भी होगा। शुक्रवार को एक विशेष पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी, जिसमें "खेल एवं साहसिक पर्यटन: रोमांच से अवसर तक" विषय पर विशेषज्ञ विचार साझा करेंगे।
जयवीर सिंह ने कहा कि टीटीएफ -2025 उत्तर प्रदेश के टूर ऑपरेटरों को विभिन्न राज्यों व देशों के ट्रैवल पेशेवरों से जुड़ने का सुनहरा अवसर देगा। राज्य को एक पसंदीदा पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए यह मंच महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उत्तर प्रदेश में पहली बार एल्कोहल उद्योग पर निवेशक सम्मेलन, ₹3600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त
* आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की अध्यक्षता में हुआ आयोजन, यूपी बना निवेशकों की पहली पसंद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में एक दिवसीय निवेशक सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ। इसकी अध्यक्षता प्रदेश के आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने की। देश-विदेश से आए औद्योगिक समूहों, निवेशकों और स्टार्टअप प्रतिनिधियों की भागीदारी वाले इस सम्मेलन में ₹3600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एल्कोहल निर्माण, वितरण व विपणन आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना और निवेशकों को नीति संबंधी जानकारी एवं सुविधा प्रदान करना था। इस अवसर पर "यूपी इकोनॉमिक रिपोर्ट बुक" का भी लोकार्पण किया गया।
मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा, “पहली बार प्रदेश में ऐसा आयोजन हो रहा है जो यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश अब उपभोक्ता नहीं, उत्पादक राज्य बन चुका है। यह बदलाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व से संभव हुआ है।”

उन्होंने बताया कि 39479.39 करोड़ रुपये के 135 एमओयू हस्ताक्षरित हो चुके हैं, जिनसे 73524 रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इनमें से 19 इकाइयां स्थापित होकर संचालित हो रही हैं और 27 इकाइयां निर्माणाधीन हैं। अब तक 2339.6 करोड़ का निवेश किया जा चुका है। आबकारी विभाग के डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस, ऑनलाइन लाइसेंसिंग और सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्रणाली की भी सराहना की गई। उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि सरकार पारदर्शी, स्थायी व लाभकारी नीति वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह, वरिष्ठ अधिकारीगण एवं उद्योगपति भी उपस्थित रहे। सम्मेलन ने राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक नया मार्ग प्रशस्त किया है।

उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग द्वारा आयोजित निवेशक समिति में सुपीरियर इंडस्ट्रीज लिमिटेड की प्रभावशाली सहभागिता
रमेश दूबे

लखनऊ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आज उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग द्वारा निवेशक समिति का भव्य आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय आबकारी मंत्री श्री नितिन अग्रवाल रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता आबकारी आयुक्त ने की। इस अवसर पर भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, अन्य आबकारी अधिकारियों, राज्यभर के निवेशकों तथा उत्तर प्रदेश की प्रमुख आसवनी इकाइयों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

इस कार्यक्रम में सुपीरियर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एसआईएल) की ओर से प्रबंध निदेशक श्री मनीष अग्रवाल, निदेशक श्री अमित महर्षि एवं ग्रुप के सीएचआरओ एवं कॉर्पोरेट अफेयर्स प्रमुख डॉ. सुनील कुमार मिश्रा ने सहभागिता की।

कार्यक्रम के दौरान एसआईएल के निदेशक श्री मनीष अग्रवाल ने माननीय आबकारी मंत्री से व्यक्तिगत भेंट कर उन्हें बधाई दी और प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बहुआयामी विकास हो रहा है, जिसके कारण आज निवेशक निःसंकोच प्रदेश में निवेश कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि सुपीरियर इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा बरेली में आबकारी विभाग के साथ ₹74 करोड़ का एमओयू हाल ही में हस्ताक्षरित किया गया है, जिसे धरातल पर उतारने की दिशा में कार्य तेजी से प्रगति पर है। श्री अग्रवाल ने यह भी उल्लेख किया कि ग्रुप के चेयरमैन एवं वाइस चेयरमैन के मार्गदर्शन में एसआईएल तकनीकी नवाचार एवं उत्कृष्ट गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हुए औद्योगिक विकास की दिशा में अग्रसर है।

इस अवसर पर डॉ. सुनील कुमार मिश्रा ने कहा कि सुपीरियर ग्रुप केवल व्यवसाय ही नहीं, अपितु समाज एवं राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व को भी समान रूप से निभा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के वृहद वृक्षारोपण अभियान में सहभागी बनते हुए ग्रुप द्वारा चार हजार पौधों का रोपण किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण एवं भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ भविष्य की दिशा में सार्थक योगदान सुनिश्चित हो सके।

कार्यक्रम में सुपीरियर इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहभागिता को निवेशकों और प्रशासन द्वारा सराहना मिली, और यह प्रदेश में औद्योगिक विकास की एक सशक्त मिसाल के रूप में उभरता हुआ उदाहरण बना।
चित्रकूट में बीमा राशि पाने के लिए जिंदा व्यक्ति को मरा दिखाने की सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश, पति-पत्नी गिरफ्तार

लखनऊ । चित्रकूट जिले के राजापुर थाना क्षेत्र में सिकरी अमान गांव के पास 30 जून को सड़क किनारे जली हुई कार से मिले एक अज्ञात शव की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। यह कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि 2 करोड़ रुपये के बीमा लाभ के लिए सुनियोजित हत्या और धोखाधड़ी की सनसनीखेज साजिश निकली। पुलिस ने इस मामले में पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।

ऐसे हुई घटना की शुरुआत

30 जून को सुबह डायल 112 को सूचना मिली थी कि सिकरी अमान गांव के पास एक अल्टो K10 कार (नंबर MP19CB3053) में आग लगी है। मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई, लेकिन कार के अंदर एक व्यक्ति का शव पूरी तरह जल चुका था, जिससे उसकी पहचान करना संभव नहीं हो सका। कार के रजिस्ट्रेशन नंबर से पता चला कि यह कार रीवा (म.प्र.) निवासी सुनील सिंह चला रहा था, जो घटना के बाद से लापता था। 2 जुलाई को मृतक के ससुर गिरजा शरण सिंह ने राजापुर थाने में सूचना दी कि यह कार उनके दामाद सुनील सिंह चला रहे थे। बेटी हेमा ने भी शव को अपने पति सुनील के रूप में पहचान लिया। पुलिस ने इसे प्रथम दृष्टया हादसा माना और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

मुखबिर ने पुलिस बताया कि मृत व्यक्ति घूम रहा

पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देश पर एसओजी व राजापुर थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी। इसी बीच 7 जुलाई की रात मुखबिर से सूचना मिली कि सुनील सिंह, जिसे मृत माना जा रहा था, वह जिंदा है और अपने साढ़ू से मिलने चित्रकूट के आनंदपुर गांव जा रहा है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सुनील को पकड़ लिया। पूछताछ में सुनील ने स्वीकार किया कि उस पर काफी कर्ज था और उसने अक्टूबर 2024 में 2 करोड़ रुपये का बीमा कराया था। पत्नी हेमा के साथ मिलकर उसने योजना बनाई कि किसी ऐसे व्यक्ति को मारकर खुद को मृत साबित किया जाए, जिससे बीमा का पैसा मिल सके।

अभियुक्त ने इस तरह घटना को दिया अंजाम

सुनील ने बताया कि उसने शराब के ठेके पर एक व्यक्ति विनय चौहान को अपना शिकार बनाया। 29 जून को उसने विनय को शराब पिलाई और कार में बैठाकर सुनसान जगह ले गया। वहां पहले से तैयार सिलेण्डर, बॉडी स्प्रे, कपूर आदि से उसे जला दिया और भाग गया। उसकी पत्नी हेमा ने योजना के मुताबिक लोगों को बताया कि सुनील की कार में मौत हो गई है। पुलिस ने जब विनय चौहान के घर जाकर जांच की, तो उसके भाई ने बताया कि विनय 29 जून से लापता है। पुलिस ने सभी सबूत इकट्ठा कर सुनील सिंह और उसकी पत्नी हेमा सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया है।इस जघन्य अपराध का खुलासा करने पर पुलिस अधीक्षक चित्रकूट ने एसओजी और थाना राजापुर की संयुक्त टीम को 10,000 नगद इनाम देने की घोषणा की। इस टीम में कुल 15 पुलिसकर्मी शामिल रहे।
कांवड़ यात्रा को लेकर डीजीपी और मुख्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश

लखनऊ । कांवड़ यात्रा 2025 को सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से सम्पन्न कराने के उद्देश्य से मंगलवार को मेरठ मंडल स्थित आयुक्त सभागार में एक उच्चस्तरीय अंतर्राज्यीय और अंतरजनपदीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने संयुक्त रूप से की।

बहुत सारी अधिकारी वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े

बैठक में मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, आगरा, बरेली के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी, साथ ही उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। कुछ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े। बैठक में स्वास्थ्य, विद्युत, पीडब्ल्यूडी, खाद्य आपूर्ति, रेलवे और इंटेलिजेंस सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

डीजे संचालन को मानकों के अनुरूप रखने का निर्देश

बैठक में कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैफिक नियंत्रण, स्वास्थ्य सुविधाएं, स्वच्छता, महिला कांवड़ियों की व्यवस्था, डीजे नियंत्रण, सोशल मीडिया निगरानी और सामुदायिक भागीदारी जैसे बिंदुओं पर चर्चा की गई।प्रमुख निर्णयों में कांवड़ मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू करना, डीजे संचालन को मानकों के अनुरूप रखना, डाक कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, मेडिकल कैंप और एम्बुलेंस की तैनाती, CCTV और ड्रोन से निगरानी, सोशल मीडिया पर अफवाहों की निगरानी और आवश्यक स्थानों पर पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती शामिल है।

सभी विभाग आपसी समन्वय से करेंगे कार्य

यात्रा मार्गों को जोन, सेक्टर और सब-सेक्टर में बांटकर वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी तैनात किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के अधिकारियों के बीच समन्वय के लिए एक अंतर्राज्यीय व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है।डीजीपी ने सभी पुलिसकर्मियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्पष्ट ब्रीफिंग देने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव और डीजीपी ने उम्मीद जताई कि सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करेंगे और कांवड़ यात्रा 2025 शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सफलतापूर्वक सम्पन्न होगी।

डीजीपी का पुलिस लाइन में हुआ स्वागत

पुलिस महानिदेशक के मेरठ आगमन पर पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। पुलिस लाइन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने पुलिस लाइन स्थित नवनिर्मित Officers’ Mess का उद्घाटन किया और परिसर में रुद्राक्ष का पौधा लगाया।डीजीपी ने पुलिस लाइन में प्रशिक्षण ले रहे नव आरक्षियों की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने परेड, बैरक, भोजनालय और अनुशासन संबंधी व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान उन्होंने रिक्रूट्स से बातचीत भी की और उन्हें प्रशिक्षण पूरे मनोयोग से पूरा करने की सलाह दी। सही उत्तर देने वाले एक रिक्रूट को उन्होंने पुरस्कार भी दिया।

बैठक के दौरान यह दिये गए दिशा निर्देश

ट्रैफिक प्रबंधन: यात्रा मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन और भारी वाहनों पर रोक।
डीजे नियंत्रण: ध्वनि स्तर और आकार मानक के अनुरूप रखने के निर्देश।
महिला कांवड़ियों के लिए अलग व्यवस्था: शिविरों में उनकी सुविधा और सुरक्षा का ध्यान।
डाक कांवड़ियों की सुरक्षा: तेज गति से चलने वालों पर विशेष निगरानी।
सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी: संवेदनशील स्थानों पर विशेष नजर।

सोशल मीडिया पर रखे निगरानी

मेडिकल कैंप और आपात सेवा: एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया।
सफाई और सुविधाएं: यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था।
समन्वय प्रणाली: सभी राज्यों के बीच संपर्क के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया।
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: अफवाहों पर रोक लगाने के लिए सोशल मीडिया सेल को सक्रिय किया गया।
विशेष बलों की तैनाती: PAC, RAF, ATS, महिला पुलिस और QRT की तैनाती होगी।
कांवड़ कंट्रोल रूम: यात्रा के दौरान 24x7 कार्यरत रहेंगे।

मुख्य सचिव और डीजीपी का निर्देश

मुख्य सचिव व डीजीपी ने कहा कि यात्रा के दौरान सभी पुलिसकर्मियों को साफ निर्देश दिए जाएं कि उन्हें क्या जिम्मेदारी निभानी है। मुख्य मार्गों के साथ-साथ छोटे रास्तों पर भी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए। इंटेलिजेंस यूनिट को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से पहले ही निपटा जा सके।मुख्य सचिव और डीजीपी ने कहा कि सभी विभागों को आपसी समन्वय से काम करना होगा ताकि कांवड़ यात्रा सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सफल तरीके से संपन्न हो सके।
सड़क हादसे में माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी और चालक घायल
लखनऊ । हापुड़ में उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में मंत्री और उनका चालक घायल हुआ है। घटना की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय और एसपी ज्ञानंजय सिंह ने मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना किया।
जिलाधिकारी ने बताया कि मंत्री गुलाब देवी दिल्ली से बिजनौर एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अमरोहा जा रही थीं। सुरक्षा के तहत उनके आगे एक पिकेट पुलिस चल रही थी। पिलखुआ थाना क्षेत्र ?छिजारसी टोल के पास पिकेट पुलिस के आगे चल रही प्राइवेट कार के चालक ने ब्रेक लगा दिया। इस पर पिकेट वाहन के चालक ने भी ब्रेक लगा दी, लेकिन जिस कार में मंत्री थी, उसका ड्राइवर समझ नहीं पाया और कार पिकेट वाहन से टकरा गई। जोरदार टक्कर होने से कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। मंत्री गुलाब देवी घायल हो गईं। हादसे में चालक सतवीर भी घायल हुआ है। इधर सड़क हादसे की खबर मिलते ही जिलाधिकारी, एसपी, थाना प्रभारी मौके पर पहुंच गये। घायल मंत्री और चालक को रामा अस्पताल ले जाया गया। जानकारी पर मुख्य चिकिस्ता अधिकारी डा. सुनील त्यागी भी मौके पर पहुंच गये। उन्होंने बताया कि चालक के हाथ और मंत्री के माथे पर मामूली चोटें आई है। पुलिस ने क्रेन की मदद से वाहन को सड़क से हटाकर यातायात बहाल कराया।
कानपुर सीएमओ सस्पेंशन पर हाईकोर्ट की रोक, 19 जून के निलंबन आदेश को अंतरिम राहत
लखनऊ। कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त के निलंबन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार को तगड़ा झटका दिया है। न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकल पीठ ने 19 जून 2025 को जारी किए गए निलंबन आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार और अन्य पक्षों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

याचिका दायर करने वाले डॉ. हरिदत्त ने अपने निलंबन को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी विभागीय जांच और सुनवाई के पद से हटाया गया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि उसी दिन विपक्षी पार्टी संख्या-3 को सीएमओ पद पर तैनात कर दिया गया, जो नियमों के विरुद्ध है।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एल.पी. मिश्रा ने दलील दी कि डॉ. हरिदत्त को केवल माइनर पेनल्टी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, न कि निलंबन के लिए। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना कि याचिकाकर्ता की दलीलों में दम है। निलंबन आदेश बिना उचित प्रक्रिया और UP Govt. Servants (Discipline & Appeal) Rules, 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन के तहत पारित किया गया प्रतीत होता है।
इस आधार पर अदालत ने 19 जून को पारित दोनों निलंबन आदेशों (Annexure 1 और 2) पर रोक लगा दी है। अब राज्य सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।