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केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का छत्तीसगढ़ दौरा, जातिगत जनगणना, धर्मांतरण और भाषा पर कही ये बात…

रायपुर-  केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संत कबीर सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने जातिगत जनगणना, धर्मांतरण, हिंदी-मराठी भाषा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आगामी दौरे पर महत्वपूर्ण बयान दिए.

जातिगत जनगणना पर ऐतिहासिक निर्णयआठवले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने जातिगत जनगणना का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “लंबे समय से इसकी मांग उठ रही थी, लेकिन जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने इस पर कोई निर्णय क्यों नहीं लिया?” उन्होंने आगे कहा कि जनरल कमीशन इस दिशा में काम करेगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कितना विकास हुआ, कितना कल्याण हुआ और समाज को कितना लाभ मिला.हिंदी और मराठी भाषा पर जोर महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर बोलते हुए आठवले ने कहा, “हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसका सम्मान होना चाहिए. कुछ लोगों ने मराठी भाषा में पढ़ाई की मांग की थी, जिस पर महाराष्ट्र सरकार ने अच्छा फैसला लिया है.” उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में हिंदी को लागू करना चाहिए, लेकिन कक्षा पहली से छठवीं तक क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

पश्चिम बंगाल में ममता सरकार पर हमला

पश्चिम बंगाल में भाजपा की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी के दौरे के संदर्भ में आठवले ने कहा, “वहां अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आगामी चुनाव में ममता बनर्जी की छुट्टी हो जाएगी और भाजपा की सरकार बन सकती है.” उन्होंने ममता सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए बदलाव की भविष्यवाणी की.धर्मांतरण पर सख्त रुख छत्तीसगढ़ में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों पर आठवले ने कहा, “प्रलोभन या दबाव में धर्मांतरण सही नहीं है. अगर कोई अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो यह उसका अधिकार है, लेकिन दबाव या प्रलोभन के मामलों की पूरी जांच होनी चाहिए और इसे रोका जाना चाहिए.

“मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे पर स्वागत के साथ तंज

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 7 जुलाई को प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे पर आठवले ने कहा, “लोकतंत्र में सभी को सभा करने का अधिकार है. खड़गे हमारे समाज से हैं और उनका स्वागत है. लेकिन वे यहाँ आएंगे तो संविधान बदलने और मोदी के खिलाफ ही बोलेंगे. कांग्रेस को टिप्पणी करनी है, तो करती रहे.

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, प्राचार्य पदोन्नति को हाई कोर्ट से मिली हरी झंडी,सभी याचिकाएं खारिज – जारी सूची से स्टे हटा

रायपुर- प्राचार्य पदोन्नति केस की छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय डबल बैंच में जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस अमितेंद्र कुमार प्रसाद की बेंच में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला 17 जून को सुरक्षित रखा गया था।

माननीय हाई कोर्ट में 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई हुआ, जिसमे याचिकाकर्ताओं ने अपने अपने विषय मे तथ्यों के साथ पक्ष रखा था, वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता के साथ साथ इंटरविनर ने भी लाभार्थी व शासकीय पक्ष को मजबूती से रखा था। ज्ञात हो शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल को प्राचार्य पदोन्नति की सूची जारी की थी, जिसे माननीय हाई कोर्ट ने 1 मई को स्थगित किया था, जिसमे सुनवाई चली।

प्राचार्य पदोन्नति विषय मे शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने सभी विषय पर विशेष पक्ष रखा है साथ ही छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के इंटरविनर अधिवक्ता अनूप मजूमदार, अमृतोदास, विनोद देशमुख, जमील अख्तर व अन्य ने भी विशेष रूप से लाभार्थियों के पक्ष में न्यायसंगत पक्ष मजबूती से रखे थे।

अंत मे हाई कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद फैसला 17 जून को सुरक्षित रख लिया है, जिसमे आज सभी आपत्ति को खारिज करते हुए प्राचार्य पदोन्नति की जारी सूची से स्टे हटाते हुए हरी झंडी दिया गया, हाई कोर्ट ने शासन के पक्ष को सही माना है। नियम 15 को संशोधन करने कहा गया है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग व संचालक लोक शिक्षण छत्तीसगढ़ से भेंटकर इस विषय मे चर्चा किया था, अब जब फैसला आ गया है तो नया शिक्षा सत्र आरंभ होने के बाद तत्काल पदोन्नति होगी। स्कूल में प्राचार्य के अधिसंख्य पद रिक्त है, शालाओ में शिक्षण सत्र की तैयारियों में प्राचार्य की शीघ्र पदोन्नति जरूरी है।

माननीय न्यायालय में सुनवाई के दौरान संजय शर्मा, मनोज सनाढ्य, मुकेश पांडेय, रामगोपाल साहू, राजेश शर्मा, चिंताराम कश्यप, चंद्रशेखर गुप्ता, तोषण गुप्ता, अनामिका तिवारी, मोहन तिवारी लगातार सक्रिय थे।

आज स्कूलों में लटकेंगे ताले: युक्तियुक्तकरण सहित अन्य मांगों को लेकर 1 लाख 80 हजार शिक्षक उतरेंगे सड़कों पर

रायपुर- छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शिक्षक आंदोलन के मोर्चे पर उतरने को तैयार हैं। शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले कल प्रदेशभर के 146 विकासखंडों में शिक्षक हड़ताल पर रहेंगे। अपनी लंबित मांगों को लेकर वे स्कूलों से बाहर आकर सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत और जाकेश साहू ने बताया कि शिक्षिका सोना साहू के तर्ज पर एरियर्स राशि सहित क्रमोन्नति वेतनमान, प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित संपूर्ण लाभ, पदोन्नति में डीएड को भी मान्य किए जाने तथा वर्तमान में हुए युक्तियुक्तिकरण रद्द कर 2008 का सेटअप लागू करने की मांग को लेकर कल प्रदेशभर के सड़कों में शिक्षकों का जनसैलाब उमड़ेगा।

प्रदेश संचालक कृष्णकुमार नवरंग और राजनारायण द्विवेदी ने बताया कि उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेशानुसार सूरजपुर जिले की शिक्षिका सोना साहू को प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति वेतनमान दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें पूरी एरियर्स राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल ऑर्डर नहीं दिया जा रहा है, जिससे प्रदेश के 1 लाख से अधिक शिक्षक प्रभावित हैं और उन्हें आर्थिक रूप से हर माह 15 से 20 हजार रुपए का एक बड़ा नुकसान हो रहा है। संगठन की मांग है कि राज्य सरकार द्वारा सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल ऑर्डर जारी किया जाए।

प्रदेश संचालक भूपेंद्र बनाफर, शंकर साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर, लैलूंन भरतद्वाज एवं प्रदीप पांडे ने कहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति 1995 एवं 1998 से हुई है, लेकिन प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना न कर संविलियन तिथि 2018 से की जा रही है, जिससे शिक्षकों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। शिक्षक साझा मंच की मांग है कि शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित समस्त लाभ दिया जाए।

प्रदेश संचालक प्रदीप लहरे, राजकिशोर तिवारी, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, धरम दास बंजारे एवं अनिल कुमार टोप्पो ने बताया कि डीएड योग्यताधारी शिक्षकों को भी व्याख्याता एवं प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति दी जाए। इसी प्रकार वर्तमान में हुए युक्तियुक्तिकरण में सेटअप 2008 का पालन नहीं किया गया है।

बहुत सारी खामियां हैं, प्राथमिक शाला से शिक्षकों की संख्या 3 से घटाकर 2 कर दी गई है। मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी एक-एक शिक्षकों की कटौती कर दी गई है। इस प्रकार प्रदेश के स्कूलों में लगभग 57,000 शिक्षकों के पदों को एक झटके में समाप्त कर दिया गया है।

इस बार प्रदेश के 23 शिक्षक संगठन हुए है एक

प्रदेश के 23 शिक्षक संगठन इस बार एक मंच पर आकर शिक्षक साझा मंच बनाए हैं और आंदोलन का ऐलान किए है। जिससे प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर इस बार हड़ताल पर हैं। इससे पूर्व भी प्रदेश के राजधानी में शिक्षकों ने जोरदार हल्ला बोला था। 15 से 30 जून तक काली पट्टी लगाकर स्कूल भी जाते रहे तथा शासन को विरोध जताते रहे।

साझा मंच के प्रदेश संयोजक मंडल ने स्पष्ट और दो टूक शब्दों में कहा है कि सरकार उनकी मांगों को और हड़ताल को हल्के में न ले अन्यथा प्रदेश भर के समस्त स्कूलों में तालेबंदी कर सभी शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाएंगे जिनकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

छत्तीसगढ़ रेरा का बड़ा कदम : बिना पंजीकरण वाले प्रोजेक्ट्स पर कसा शिकंजा, 136 प्रकरणों पर स्वतः संज्ञान लेकर की कार्रवाई

रायपुर- छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा कदम उठाया है। प्राधिकरण ने ऐसे 106 प्रोजेक्ट्स की पहचान की है, जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से स्वीकृत होने के बावजूद अब तक रेरा अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं हुए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन प्रोजेक्ट्स का निर्माण अथवा विक्रय कार्य बिना वैधानिक रेरा पंजीकरण के किया जा रहा था, जो न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए भी अत्यंत नुकसानदेह है।

प्राधिकरण ने इन सभी प्रोजेक्ट्स के प्रमोटरों को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि रेरा अधिनियम, 2016 का पालन सुनिश्चित करना प्रत्येक प्रमोटर की जिम्मेदारी है। प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि पिछले सात वर्षों में 136 प्रोजेक्ट्स के विरुद्ध स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की गई है, जिनमें प्रमोटरों द्वारा बिना पंजीकरण कार्य संचालित किया गया था।

रेरा अधिनियम के अनुसार, बिना पंजीकरण प्रोजेक्ट संचालित करने पर पंजीकरण शुल्क का 400 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क और परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है। रेरा अधिनियम की यही विशेषता है कि वह न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित निवेश का वातावरण देता है, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और समयबद्धता भी सुनिश्चित करता है.


www.cgrera.cg.gov.in पोर्टल पर देख सकते हैं जानकारी

सीजी रेरा ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की संपत्ति जैसे फ्लैट, प्लॉट, विला या व्यावसायिक इकाई खरीदने से पहले यह अवश्य जांच लें कि संबंधित परियोजना रेरा में पंजीकृत है या नहीं। इसके लिए www.cgrera.cg.gov.in पोर्टल पर जाकर परियोजना की पंजीकरण स्थिति की जांच की जा सकती है। वहीं प्रमोटरों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी परियोजनाओं को विधिवत रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि किसी प्रकार की शास्ति या कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके।

घर खरीदने से पहले जरूर करें रेरा पंजीयन की पुष्टि

प्राधिकरण का उद्देश्य स्पष्ट है कि वह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना चाहता है और अनियमित एवं अराजक प्रोजेक्ट्स पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना चाहता है। घर खरीदने से पहले रेरा पंजीयन की पुष्टि अवश्य करें, इसी संदेश के साथ सीजी रेरा ने जिम्मेदार नागरिकों और ईमानदार डेवलपर्स से सहयोग की अपील की है।

किसानों और पेंशनरों के हित में साय सरकार ने लिया बड़ा फैसला

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के मानसून सत्र से पहले आज साय कैबिनेट की 30वीं बैठक हुई. मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इस बैठक में लॉजिस्टिक पॉलिसी को मंजूरी दी गई है. वहीं कृषक उन्नत योजना के विस्तार पर भी सहमति बनी है. बता दें कि जून महीने में कैबिनेट की यह दूसरी बैठक थी.

साय कैबिनेट की बैठक में लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय –

1. मंत्रिपरिषद ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। कृषक उन्नति योजना के प्रचलित निर्देशों को संशोधित करते हुए इसके दायरे को और विस्तृत कर दिया है। अब इस योजना का लाभ खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल लगाने वाले किसानों को भी मिलेगा।

खरीफ 2024 में पंजीकृत कृषक जिन्होंने धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, उनके द्वारा खरीफ 2025 में धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल की खेती की जाती है, तो उन्हें भी अब कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

2. मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भविष्य में सेवानिवृत्ति के समय पेंशन भुगतान संबंधी दायित्वों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन हेतु छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

3. मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास एवं राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे राज्य के राजस्व में असामान्य वृद्धि/कमी का समुचित प्रबंधन एवं आर्थिक मंदी के समय वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होगी।

4. मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में लॉजिस्टिक सेक्टर के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस पॉलिसी से छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा तथा निर्यात अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी।

राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ लेते हुए लॉजिस्टिक सेक्टर तथा ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लॉजिस्टिक हब की स्थापना के लिए निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश के उद्योगोें, व्यापारियों और किसानों को सस्ती भंडारण सुविधा मिलेगी। प्रदेश में लॉजिस्टिक में लगने वाले लागत कम होने से व्यापार, निवेश एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इस नीति के माध्यम से ड्राई पोर्ट/इन्लैंण्ड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहित करने से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों तथा स्थानीय उत्पादकों को निर्यात बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। राज्य के प्रचुर वन संसाधन, वनोपज एवं वनौषधि उत्पाद के निर्यात हेतु इको सिस्टम तैयार होगा। यह पॉलिसी राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी साथ ही राज्य को लॉजिस्टिक्स एवं निर्यात क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में स्थापित करेगी।

5. मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जन विश्वास विधेयक से व्यवसाय व जीवनयापन में सहजता बढ़ेगी। अनावश्यक न्यायालयीन प्रकरणों और उनमें होने वाले व्यय में कमी आएगी।

6. मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न विभागों/निगम/मण्डल/कम्पनी/बोर्ड के पूर्व निर्मित एवं जर्जर भवनों तथा इनके स्वामित्व की अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास और सदुपयोग के लिए रिडेव्हलपमेंट योजना अंतर्गत 7 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इसमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद, कटघोरा कोरबा शामिल हैं।

7. मंत्रिपरिषद द्वारा वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक/रिकार्ड कीपर से तृतीय श्रेणी कार्यपालिक, उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए विहित 05 वर्ष की न्यूनतम अर्हकारी सेवा को केवल एक बार के लिए न्यूनतम अर्हकारी सेवा 02 वर्ष निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश मुख्यालय से PCC चीफ दीपक बैज का आईफोन चोरी, भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने कसा तंज

रायपुर- कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रदेश कार्यालय राजीव भवन से पीसीसी चीफ दीपक बैज का मोबाइल रविवार को चोरी हो गया. इस घटना के बाद से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया. भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने इसे लेकर तंज कसते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने प्रदेश मुख्यालय में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी नहीं होने को लेकर सवाल उठाएं हैं.

भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “सुनने में आया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का मोबाइल फोन उनके ही प्रदेश मुख्यालय- रायपुर में चोरी हो गया! चोर को पकड़ने की कोशिश की तो सामने आया कि मुख्यालय में CCTV कैमरा नहीं हैं!”

उन्होंने आगे लिखा कि “वैसे, यह कोई नई बात नहीं जब मुझे इसी छतीसगढ़ कांग्रेस मुख्यालय में बंद किया गया था, तब भी CCTV नहीं था.”

राधिका खेड़ा ने प्रदेश मुख्यालय की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे में साल तो उठा है कि कांग्रेस मुख्यालय में कैमरे क्यों नहीं हैं? कका के 5 साल के ऐसे क्या काले कारनामे इस मुख्यालय में छिपे हैं ? चोरी रोकने से ज्यादा ‘क्या’ छुपाने पर जोर ??

कैसे पार हुआ दीपक बैज का मोबाइल

बता दें कि रविवार को छत्तीसगढ़ NSUI की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में चल रही थी. इसी दौरान प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज कुछ देर के लिए बैठक हॉल से बाहर मीडिया से बातचीत करने निकले थे. इसी बीच कार्यकर्ता के रूप में किसी चोर ने बैज का I-phone 15 pro चोरी कर ले गया. मोबाइल गुम होने की सूचना खम्हारडीह थाना में दी गई. पुलिस टीम जांच में जुटी हुई है.

20वें यंग साईंटिस्ट कांग्रेस-2025 हुआ सम्पन्न, 14 वैज्ञानिक हुए पुरस्कृत

अम्बिकापुर- भारतीय ज्ञान परम्परा वेदों से प्रारम्भ हो कर आज हमारे जीवन में शामिल है। इसे धर्म के नजरिये से नहीं बल्कि अपनी विरासत और धरोहर के नजरिये से देखिये। यह बातें संत गहिरा गुरू विष्वविद्यालय अम्बिकापुर और छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 20वें यंग साईंटिस्ट कांग्रेस-2025 के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि आईआईटी भिलाई के निदेषक राजीव प्रकाष ने कही। उन्होंने कहा कि यंग साईंटिस्ट शोध-अनुसंधान के लिए बड़ा मंच है। आपका मुकाबला मैन पॉवर, इंटेलीजेंस और एआई से है। हमें मषीनी लर्निंग, डिजीटल लर्निंग से आगे बढ़ना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्मार्ट वर्क चाहता है। प्रो. राजीव कहा कि शोध-अनुसंधान फूल टाइम जॉब है, इसमें विश्राम, विराम नहीं होता है, बल्कि यह कठोर परिश्रम और समर्पण मांगता है। उन्होंने सभी अध्येताओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप देश के लिए अनुसंधान कीजिए। हमारे लिये राष्ट्र प्रथम है और रामायाण, गीता को पढ़िये, यही हमारी पहचान है।

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा और संत गहिरा गुरू के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत गुलाब की कलियां और सरगुजिहा कलेवर से सजा अंगवस्त्र प्रदान कर किया गया।

छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी के कन्वीनर जॉयस राय ने 20वें छत्तीसगढ़ यंग साईंटिस्ट कांग्रेस-2025 के दो दिनों के आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि 92 शोध पत्रों का वाचन, प्रजेंटेषन पॉवर प्वाईंट के माध्यम से हुआ। प्रथम दिन 60 और दूसरे दिन 32 शोध पत्रों की प्रस्तुति हुई। श्रेष्ठ और मानक के अनुसार 14 यंग साईंटिस्टों को चयन किया गया। उन्होंने यंग साइंटिस्टों का आह्वान करते हुए कहा कि विज्ञान में अनुसंधान और शोध होते रहना चाहिए और यही मानवता की जरूरत है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संत गहिरा गुरू विश्विविद्यालय के कुलपति और कार्यक्रम के संरक्षक प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह ने कहा कि षिक्षा-दीक्षा और ज्ञान का समारोह सरगुजा के लिए उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पास संसाधनों की कमी है और इन परिस्थितियों में भी आपका हौसला हमें कुछ नया कर गुजरने का उत्साह देता है। प्रो. सिंह ने कहा कि आपके अनुसंधान से समाज का विकास होगा और आर्थिक समृद्धि आयेगी। उन्होंने आह्वान किया कि आप शैक्षिक परिसर में प्रतिभाओं के पास जाइये, आपके लिए अच्छे अवसर इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सपने पूरे होंगे तो आनन्द आयेगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर ने कहा कि हमारे समाज को तकनीकी और ज्ञान दोनो चाहिए। अब जय विज्ञान-जय अनुसंधान का दौर है। प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करायेगी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि प्रो. राजीव प्रकाश, विशिष्ट अतिथि विश्वविजय सिंह तोमर, राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अधिष्ठाता डॉ. एसके सिंह, डॉ. एस. कर्मकार, डॉ. जॉयस के राय आदि को स्मृति चिह्न, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। विषय विशेषज्ञों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी आनन्द कुमार ने किया।

कार्यक्रम के दौरान श्री साई बाबा आदर्ष महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेष श्रीवास्तव, डॉ. आर.एन शर्मा, केआर टेक्निकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा, डॉ. आशीष बंजारा तथा देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये अध्येता, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, कर्मचारी तथा विद्यार्थी उपस्थिति रहे।

14 यंग साईंटिस्ट हुए सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान विक्की कुमार, सतीश कुमार दुबे, प्रिया गुप्ता, धर्मेन्द्र, परिणिता त्रिपाठी, श्रेया अनन्त, डॉ. प्रियंका पांडेय, संदीप कुमार, सृष्टि सजल स्वर्णकार, वर्षा मेश्राम, प्रतीक सिंह, रागिनी अरोड़ा, श्रद्धादेवी, लेवश वैघ को अतिथियों ने प्रमाण पत्र, पदक, 21000 रूपये का चेक प्रदान का सम्मानित किया।

शोध और अनुसंधान से होगी सरगुजा की भागीदारी: कुलसचिव

अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि 2008 से स्थापित विश्वविद्यालय संसाधनों के देर की अवधि पूरा कर चुका है। उम्मीद है कि घनी अंधेरी रात के बाद अब सुबह होगी। हमें ज्ञान-विज्ञान के साथ विकास की दौड़ में शामिल हेाना है। विश्वविद्यालय के लिए 24 नये विषय, आर्यावर्त संग्रहालय आदि का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में भी सरगुजा की भागीदारी उनके शोध और अनुसंधान से होगी। उन्होंने सभी अतिथि, अध्येता, विषय विशेषज्ञ, प्राध्यापक और कार्यक्रम में जुडे़ महानुभावों का आभार प्रकट किया।

युवा बनायेंगे नया छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी के डायरेक्टर जनरल और कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. एस. कर्मकार ने युवाओं की जिम्मेदारी है कि शोध-अनुसंधान को प्रयोगशाला से बाहर लायें, जिसमें समाज हित फलित हो। उन्होंने यंग साईंटिस्टों को बधाई देते हुए कहा कि आपकों लगातार प्रयास करना चाहिए। आपके परिश्रम, संकल्प, शोध एवं अनुसंधान से नया छत्तीसगढ़ फलक पर आयेगा।

बिलासपुर-अंबिकापुर हवाई सेवाएं की गई बंद, कंपनी ने कही ये बात

बिलासपुर- फ्लाई बिग कंपनी की बिलासपुर-अंबिकापुर हवाई सेवा अब बंद कर दी गई है. पहले सप्ताह में छह दिन संचालित होने वाली यह फ्लाइट यात्रियों की कमी के कारण केवल तीन दिन चलाई जा रही थी. अब कंपनी ने मानसून के दौरान विजिबिलिटी यानी दृश्यता की कमी का हवाला देते हुए सेवा को फिलहाल पूरी तरह से बंद कर दिया है. टिकट खरीदने वाली साइट भी बंद है. 

इस फ्लाइट का किराया मात्र 1048 रुपए निर्धारित था, फिर भी यात्रियों की संख्या बेहद कम रही, जिससे कंपनी को यह निर्णय लेना पड़ा. कंपनी की वेबसाइट भी बंद कर दी गई है और अब टिकटों की बिक्री नहीं हो रही है. फ्लाइट के बंद होने से बिलासपुर और अंबिकापुर के बीच हवाई सफर करने वाले यात्रियों को अब भारी निराशा का सामना करना पड़ेगा.

यह हवाई सेवा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही थी, लेकिन अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण इसे बंद कर दिया गया है।

पटवारी सुसाइड मामला : PCC चीफ दीपक बैज ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग, कहा –

रायपुर- भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला मामले में निलंबित पटवारी के आत्महत्या मामने में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. बैज ने कहा, इस मामले की CBI या ED से जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा, सरकार बड़ी मछलियों को बचाने छोटी मछलियों का शिकार कर रही है. मौत है या आत्महत्या ये जांच का विषय है, लेकिन उनके सुसाइड नोट से पता चलता है कि बड़े-बड़े अधिकारी और बीजेपी के नेता इस घटना में शामिल हैं. मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए.

राशन कार्ड सत्यापन की समयावधि बढ़ाने की मांग

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने PDS के राशन कार्डों का kYc से लिंक करने का समय बढ़ाने की मांग सरकार से की है. बैज ने कहा, 30 लाख से अधिक राशन कार्ड धारियों का सत्यापन नहीं हो सका है. इस महीने में अंतिम 3 दिन में सभी कार्डधारियों का सत्यापन संभव नहीं है. राशन कार्ड सत्यापन की समयावधि बढ़ाया जाए, ताकि प्रदेश में कोई गरीब हितग्राही राशन से वंचित न हो.मानसून सत्र में कानून व्यवस्था, रेत खनन पर सरकार को घेरेंगे

विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू होगा. इस पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, कानून व्यवस्था, पेड़ों की कटाई, रेत खनन जैसे मुद्दों को सदन में उठाएंगे. इस मामलों को लेकर कांग्रेस फिर से सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी. मानसून सत्र के दौरान सरकार को घेरेंगे.

बता दें कि शुक्रवार को भारतमाला प्रोजेक्ट के मुआवजा निर्धारण में फर्जीवाड़ा मामले में निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा ने अपनी बहन के फार्महाउस में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. सकरी पुलिस को मौके पर सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है. जानकारी के अनुसार, सुरेश मिश्रा अयोध्या नगर का रहने वाला था और शुक्रवार सुबह ग्राम जोंकी स्थित अपनी बहन सरस्वती दुबे के फार्महाउस गया था. काफी देर तक वापस न लौटने पर परिजन वहां पहुंचे तो सुरेश का शव कमरे में पंखे से लटका मिला. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

कृषकों की समृद्धि हमारा संकल्प: नवाचार और तकनीक से सशक्त होंगे छत्तीसगढ़ के अन्नदाता – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले में बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से कृषि क्रांति अभियान के अंतर्गत एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का वर्चुअल शुभारंभ किया। जिला पंचायत परिसर में दो दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में देश की कई प्रमुख कृषि कंपनियां जैसे-जियो मार्ट रिटेल, देहात, हॉनेस्ट फॉर्म, आत्माकुर, धरागरी, अवनी आयुर्वेदा इत्यादि उपस्थित रहेंगी। इन कंपनियों के माध्यम से जिले के किसान एफपीओ के जरिए अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने हेतु फसल विक्रय अनुबंध कर सकेंगे। बिचौलिया प्रथा समाप्त होने से किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य प्राप्त होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषकों की समृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार दृढ़ संकल्पित है । नवीनतम तकनीक को अपनाकर छत्तीसगढ़ के अन्नदाता आर्थिक रूप से अधिक सशक्त होंगे। उन्होंने कहा कि जशपुर के कृषि विकास के इतिहास में आज का दिन मील का पत्थर सिद्ध होने वाला है। जिला प्रशासन के अभिनव प्रयास से ‘कृषि क्रांति’ अभियान की शुरुआत हो रही है। हमारा देश कृषि प्रधान है और छत्तीसगढ़ में लगभग 80 प्रतिशत लोग कृषि तथा इससे संबंधित कार्यों से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने हेतु फसल बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। चाहे वह समर्थन मूल्य पर 3100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी हो, समर्थन मूल्य पर वनोपज का संग्रहण हो या प्रोसेसिंग और निर्यात से जुड़ी योजनाएं हों, हमारी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बहुस्तरीय प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जशपुर में कटहल, आम, लीची, नाशपाती की बहुतायत में पैदावार होती है। यहां सेब की भी खेती शुरू हो गई है। इस सम्मेलन के माध्यम से किसानों और खरीदार कंपनियों के बीच सीधा संवाद स्थापित होगा। यह एक ऐसा मंच है जहां एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के माध्यम से किसानों की उपज को सीधा बाजार उपलब्ध होगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सॉइल हेल्थ कार्ड के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि इससे यह जानकारी मिलती है कि किस जमीन पर कौन-सी फसल का उत्पादन अधिक होगा और कितनी मात्रा में खाद की आवश्यकता होगी। इसके लिए केंद्र से आए कृषि वैज्ञानिक पूरे राज्य में जाकर सॉइल हेल्थ के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। राज्य में कृषि के साथ पशुपालन, मछली पालन और डेयरी विकास को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। डेयरी विकास योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित छह जिलों में जशपुर भी शामिल है।

रायगढ़ से वर्चुअली जुड़े सांसद राधेश्याम राठिया ने कहा कि जशपुर जिले का प्राकृतिक वातावरण अत्यंत आकर्षक है। जल संरक्षण और संवर्धन के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि जल का संरक्षण अनिवार्य है, जिससे किसानों को लाभ होगा और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। जिला पंचायत से वर्चुअली जुड़ी विधायक रायमुनी भगत ने कहा कि जशपुर जिला नवाचार को तेजी से अपना रहा है। इस सम्मेलन के माध्यम से किसानों और कंपनियों के बीच सीधा अनुबंध होगा, जिससे उन्हें निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय ने अपने संबोधन में कहा कि यदि जिले में व्यवस्थित ढंग से खेती और प्रबंधन किया जाए तो किसानों को निश्चय ही लाभ प्राप्त होगा। जशपुर आम, मिर्च और नाशपाती के उत्पादन में अग्रणी है। उन्होंने धान के साथ दलहन और तिलहन की खेती को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।

कलेक्टर रोहित व्यास ने एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के महत्व तथा इससे किसानों को होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिला पंचायत से वर्चुअली जुड़े जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार ने एक वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से सम्मेलन के तहत होने वाले नवाचार एवं विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर आईजी दीपक कुमार झा, पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, जनपद पंचायत अध्यक्ष गंगा राम भगत सहित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में मिलेगी उन्नत तकनीकों की जानकारी

सम्मेलन के माध्यम से किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी देने के उद्देश्य से नाबार्ड एवं एपेडा जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित होकर एग्रीकल्चर मार्केटिंग, जैव उत्पादों के प्रमाणीकरण आदि विषयों पर किसानों को जानकारी देंगे। राज्य के वरिष्ठ वैज्ञानिक फसल किस्मों का जीआई टैग, कृषि एवं उद्यानिकी फसलों की वैज्ञानिक पद्धति से खेती तथा रेशम विशेषज्ञ रेशम पालन की जानकारी देंगे। साथ ही कंपनी एवं किसानों के मध्य अनुबंध खेती (कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग) पर चर्चा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कंपनी और कृषकों के मध्य अनुबंध हस्ताक्षर भी किए जाएंगे।

कार्यक्रम में फसल प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है, जिसमें जिले के एफपीओ से जुड़े किसान एवं प्रगतिशील किसान अपनी फसल जैसे-जैविक धान, कुटकी, रागी, नाशपाती, लीची, रामतिल, टाऊ, मिर्च, सुगंधित धान आदि का किस्मवार गुणवत्ता के आधार पर प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम के अंतर्गत आम एवं नाशपाती तथा नवाचार प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया है। विजेता किसानों को पुरस्कार राशि भेंट कर आगामी समय में नवाचार एवं उन्नतशील खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।