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जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के लिए रांची जिला प्रशासन ने किए कई महत्वपूर्ण निर्णय

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा आज दिनांक 19 जून 2025 को समाहरणालय ब्लॉक- ए स्थित सभागार में राँची जिला प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक रथ मेला 2025 के सफल आयोजन हेतु बैठक करते हुए विभिन्न निर्णय लिए गए।

बैठक में पुलिस अधीक्षक, शहर, पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, पुलिस अधीक्षक, यातायात, अपर जिला दण्डाधिकारी (विधि-व्यवस्था), राँची, अनुमंडल पदाधिकारी सदर राँची, अपर नगर आयुक्त, राँची, सिविल सर्जन, राँची, जिला नजारत उप समाहर्त्ता, राँची, आवासीय दण्डाधिकारी, हटिया, राँची, सहायक उत्पाद आयुक्त, राँची, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी राँची, जिला खनन पदाधिकारी, राँची, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी राँची, जिला अग्निशमन पदाधिकारी, राँची, अंचल अधिकारी नामकुम/नगड़ी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी नामकुम/नगड़ी, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, हटिया, राँची, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण संगठन, कार्य प्रमंडल, रांची, कार्यपालक अभियंता, विद्युत, कुसई कॉलोनी, डोरण्डा रॉची, कार्यपालक अभियंता, जिला परिषद, राँची, थाना प्रभारी जगन्नाथपुर / धुर्वा / हटिया, मुख्य नगर प्रशासक, एच०ई०सी० राँची, सेवाईत (प्रथम सेवक) जगन्नाथपुर मंदिर, अध्यक्ष / सचिव, भारत सेवा संघ अध्यक्ष / जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।

बैठक में सर्वप्रथम उपायुक्त द्वारा सभी समितियों के सदस्यों से मेले के आयोजन के संबंध में जानकारी ली गई एवं समिति के सदस्यों द्वारा अपनी ल आवश्यकताओं के संबंध में अवगत कराया गया। मेले के सफल आयोजन हेतु उपायुक्त द्वारा विभागीय अधिकारियों से विधि-व्यवस्था को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में उपस्थित सभी विभागीय पदाधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में निम्न मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया:-

(1) मेले में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पांच मुखी मुहाने पर वाच टावर लगाने एवं माइक लाइट की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।

(2) मेले में पेयजल की व्यवस्था हेतु डीप बोरिंग करने एवं बिजली/ जेनरेटर की व्यवस्था करने हेतु विभागीय पदाधिकारी को निर्देश दिया गया।

(3) श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु रथ यात्रा के मार्ग पर मिट्टी/ मोरम या स्टोन डस्ट डालने हेतु कहा गया।

(4) मेला परिसर में साफ़ सफाई एवं शौचालय की व्यवस्था को लेकर बायो टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

(5) मेला परिसर के आस पास मांस मछली एवं शराब के विक्रय पर प्रतिबन्ध लगाया गया।

(6) प्रशासनिक शिविर एवं मिडिया शिविर बनाने का निर्देश दिया गया।

(7) जगरन्नाथ मंदिर एवं मौसीबाड़ी तक सुरक्षा बलों की तैनाती एवं स्थानीय थाना प्रभारियों को आयोजन स्थल पर सीसीटीवी कैमेरा लगाने का भी निर्देश दिया गया।

(8) विभिन्न समितियों के सदस्यों एवं वालंटियर्स (volunteer) को पहचान पत्र समिति निर्गत करें ।

(9) मेले के आयोजन के दौरान मेला परिसर के पास भारी वाहनों के आवागमन वर्जित रखने एवं यातायात व्यवस्था को सुगम बनाये रखने हेतु रूट डाइवर्ट रखने का निर्देश दिया गया।

(10) चिकित्सा सुविधा हेतु मेला परिसर में एम्बुलेंस उपलब्ध कराने एवं अग्निशमन वाहन उपलब्ध कराने का निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया गया।

(11) साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।

(12) मेले के आयोजन के दौरान असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने सहित अन्य विभिन्न विषयों पर भी चर्चा करते हुए संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

मेला के दौरान लगने वाले झूला में सुरक्षा मानको को लेकर विशेष निर्देश

उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रांची ने सम्बंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा की जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के दौरान लगने वाले झूलों में कोई दुर्घटना ना घटे इसको लेकर सम्बंधित सभी झूला संचालक सम्बंधित सुरक्षा मानकों का ध्यान रखेंगे। साथ ही इसे सम्बंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध रखेंगे।

प्लास्टिक व अन्य गैर-नष्ट होने वाली सामग्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश

उपायुक्त द्वारा जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के दौरान मेला परिसर में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए दोना-पत्तल जैसे पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों के उपयोग को अनिवार्य करने और प्लास्टिक व अन्य गैर-नष्ट होने वाली सामग्रियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया।

राँची जिला प्रशासन ने आगामी जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 के आयोजन के दौरान मेला परिसर में स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उपायुक्त, राँची ने मेला परिसर में प्लास्टिक, थर्मोकोल और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। इसके स्थान पर, सभी दुकानदारों, खाद्य स्टॉल संचालकों और आयोजकों को दोना, पत्तल और अन्य बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।

उपायुक्त ने सम्बंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा की मेला परिसर में प्लास्टिक की थैलियों, डिस्पोजेबल ग्लास, प्लेट्स, चम्मच और अन्य सामग्रियों का उपयोग पूरी तरह से निषिद्ध होगा।

पर्यावरण-अनुकूल विकल्प खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के लिए केवल डोना, पत्तल, बाँस या मिट्टी से बने बर्तनों का उपयोग करने का निर्देश दिया।

जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश

उपायुक्त ने मेला परिसर में श्रद्धालुओं और दुकानदारों के बीच पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता चलाने का निर्देश दिया।

उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और स्टॉल बंद करने जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। इसके लिए विशेष निगरानी दल गठित किए जाएंगे।

जगन्नाथ मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाने का अवसर भी है

उपायुक्त ने कहा, जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाने का अवसर भी है। प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। हम सभी श्रद्धालुओं, दुकानदारों और आयोजकों से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।"

आयोजकों और दुकानदारों के लिए दिशा-निर्देश

सभी स्टॉल संचालकों को दोना -पत्तल जैसे सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

मेला समिति को प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर नियमों का पालन करवाना होगा।

स्थानीय प्रशासन द्वारा डोना-पत्तल आपूर्तिकर्ताओं की सूची उपलब्ध कराई जाएगी।

श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने साथ कपड़े की थैली लाएँ

राँची जिला प्रशासन ने मेला में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने साथ कपड़े की थैली लाएँ और प्लास्टिक का उपयोग न करें। साथ ही, मेला परिसर को स्वच्छ रखने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सिकल सेल जागरूकता दिवस पर युवक-युवतियों से की बात, कही यह बात

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस के अवसर पर यूनिसेफ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इस रोग से प्रभावित युवक- युवतियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि सिकल सेल पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और इस दिशा में व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए संक्रमितों को बेहतर जीवन देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने सिकल सेल के प्रति जन जागरूकता फैलाने पर जोर दिया और कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से ही इस बीमारी का उन्मूलन संभव है।

मुख्यमंत्री की घोषणाएं:

- सिकल सेल के मरीजों के लिए स्क्रीनिंग और इलाज की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।

- हेल्थ प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है ताकि विभिन्न बीमारियों से संक्रमित लोगों की पहचान कर उनका समुचित इलाज किया जा सके।

- हेल्थ काउंसलर की भूमिका काफी अहम है और उन्हें प्रॉपर ट्रेनिंग और किट्स उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

सिकल सेल के प्रभाव:

- सिकल सेल से प्रभावित लोगों को बेहतर इलाज और अच्छा जीवन देने का प्रयास किया जा रहा है।

- इस बीमारी का असर सिर्फ मरीज को ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को महसूस होता है।

आने वाली पीढ़ी के लिए प्रयास:

- मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन देना हमारी प्रतिबद्धता है।

- सिकल सेल के निदान की दिशा में प्रयास होना चाहिए कि बच्चों के जन्म के साथ ही उसकी स्क्रीनिंग कराई जाए, ताकि किसी प्रकार की समस्या हो तो उसका इलाज और समाधान हो सके।

भारत निर्वाचन आयोग की नई पहल: उपचुनावों में मोबाइल जमा करने की सुविधा, उन्नत VTR साझाकरण और 100% वेबकास्टिंग का सफल कार्यान्वयन

भारत निर्वाचन आयोग आज आयोजित पांच विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों (ACs) के उपचुनावों में पिछले चार महीनों में ECI द्वारा शुरू की गई कई प्रमुख नई पहलों का सफल कार्यान्वयन देखा गया, जैसा कि मुख्य चुनाव आयुक्त, श्री ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी द्वारा परिकल्पना की गई थी। उपचुनाव गुजरात के 24-कड़ी (SC) और 87-विसावदर, केरल के 35-नीलांबुर, पंजाब के 64-लुधियाना पश्चिम और पश्चिम बंगाल के 80-कालीगंज के विधानसभा क्षेत्रों में हुए। इन उपचुनावों के दौरान, पांच विधानसभा क्षेत्रों में 1354 मतदान केंद्रों (PS) पर मतदान हुआ।

नई पहलों में सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए मोबाइल जमा करने की सुविधा का प्रावधान, उन्नत मतदाता टर्नआउट साझाकरण प्रक्रिया जिसके परिणामस्वरूप अनुमानित मतदान रुझानों का तेजी से अद्यतन हुआ, यह सुनिश्चित करके कि पीठासीन अधिकारी मतदान समाप्त होने से पहले मतदान केंद्र छोड़ने से पहले VTR डेटा को अद्यतन करें, मतदान केंद्रों के 100 प्रतिशत पर वेबकास्टिंग जिससे पूरी मतदान प्रक्रिया पर निरंतर निगरानी सुनिश्चित हुई और सभी पीठासीन अधिकारियों का व्यक्तिगत मॉक पोल प्रशिक्षण शामिल है। इसके अलावा, लगभग दो दशकों में पहली बार उपचुनावों से पहले मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) किया गया। उपचुनावों में इन उपायों का सफल कार्यान्वयन आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में इन सभी उपायों को पूरी तरह से लागू करने का मार्ग प्रशस्त करता है।

मोबाइल जमा करने की सुविधा

पहली बार, मतदाताओं को सभी मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदान की गई मोबाइल जमा करने की सुविधा का लाभ उठाने में सक्षम बनाया गया। यह उपाय शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबाइल फोन की सर्वव्यापकता और विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और PwD मतदाताओं द्वारा मतदान केंद्र में प्रवेश करने से पहले अपने मोबाइल फोन कहां छोड़ें, जैसी चुनौतियों को पहचानने के लिए है। मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर सरल पिजनहोल बॉक्स या जूट बैग उपलब्ध कराए गए जहां मतदाताओं ने अपने मोबाइल फोन जमा किए। प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए मतदान केंद्रों पर स्वयंसेवक तैनात किए गए थे।

उन्नत VTR साझाकरण प्रक्रिया

उन्नत VTR साझाकरण प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक लागू किया गया जहां प्रत्येक मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी मतदान के दिन हर दो घंटे में नए ECINET ऐप पर सीधे मतदाता टर्नआउट दर्ज करने में सक्षम थे ताकि अनुमानित मतदान रुझानों के अद्यतन में समय की देरी को कम किया जा सके। इसे निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर स्वचालित रूप से एकत्र किया गया था। अनुमानित मतदान प्रतिशत रुझान पहले की तरह हर दो घंटे में प्रकाशित किए गए थे। इसके अलावा, मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद पीठासीन अधिकारियों द्वारा ECINET में मतदाता टर्नआउट डेटा दर्ज किया गया था, इससे पहले कि वे मतदान केंद्र छोड़ते, यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान समाप्त होने के बाद अद्यतन VTR ऐप पर निर्वाचन क्षेत्र-वार मतदान का अनुमानित प्रतिशत उपलब्ध होगा, नेटवर्क कनेक्टिविटी के अधीन। जहां मोबाइल नेटवर्क अनुपलब्ध हैं, वहां ऑफ़लाइन प्रविष्टियां की जा सकती हैं और कनेक्टिविटी बहाल होने पर सिंक की जा सकती हैं।

पहले, मतदाता टर्नआउट डेटा सेक्टर अधिकारियों द्वारा मैन्युअल रूप से एकत्र किया जाता था और फोन कॉल, एसएमएस, या मैसेजिंग ऐप के माध्यम से रिटर्निंग अधिकारियों (ROs) को प्रेषित किया जाता था। यह जानकारी हर दो घंटे में एकत्र की जाती थी और मतदाता टर्नआउट (VTR) ऐप पर अपलोड की जाती थी। मतदान समाप्त होने पर, पीठासीन अधिकारी अन्य सभी वैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद अंतिम VTR डेटा को अद्यतन करते थे, जैसे कि विभिन्न फॉर्म भरना जिसमें 17C शामिल था जहां वह राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों के हस्ताक्षर लेते थे और उन्हें एक प्रति सौंपते थे, निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार ईवीएम को सील करना और स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित जमा करना आदि। इस प्रकार, मतदान प्रतिशत रुझान अक्सर घंटों बाद यानी रात 10-11 बजे के आसपास, देर रात या अगले दिन पहुंचने वाले भौतिक अभिलेखों के आधार पर अद्यतन किए जाते थे। VTR अद्यतन की उन्नत प्रणाली इस देरी को कम कर देगी क्योंकि अब पीठासीन अधिकारी मतदान केंद्र छोड़ने से पहले ECINET में डेटा अद्यतन करेंगे।

100% वेबकास्टिंग

आयोग ने पांच उपचुनाव ACs में एक को छोड़कर सभी मतदान केंद्रों पर मतदान-दिवस की गतिविधियों की 100% वेबकास्टिंग सुनिश्चित की है। वेबकास्टिंग की निगरानी यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि महत्वपूर्ण गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं और मतदान प्रक्रिया का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। RO, DEO और CEO स्तरों पर समर्पित निगरानी टीमों ने मतदान कार्यवाही पर कड़ी नजर रखी।

तेनुघाट डैम: भारी बारिश के कारण 8 रेडियल गेट खोले गए, दामोदर नदी के आसपास के ग्रामीणों को सतर्क किया गया

पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से तेनुघाट डैम का जलस्तर बढ़ गया है. डैम पर अतिरिक्त दबाब के कारण 18 जून को स्थानीय प्रशासन की सहमति के बाद डैम के 2 रेडियल गेट खोले गये. गुरुवार 19 जून को भारी बारिश के बाद 6 और रेडियल गेट खोल दिये गये. फिलहाल डैम के कुल 8 फाटक को 2-2 मीटर पर खोला गया है.

55000 क्यूसेक प्रति सेकेंड डिस्चार्ज हो रहा पानी

तेनुघाट डैम के सहायक अभियंता बांध प्रमंडल तेनुघाट मंगल देव ने बताया तेनुघाट जलाशय का जलस्तर 854 फीट हो गया है, जिसके कारण 8 गेट खोले गये हैं. मंगलवार को तेनुघाट जलशय का जलस्तर 846 फीट था. फिलहाल 8 गेट खोलने के बाद प्रति सेकेंड 55,000 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है. हालांकि, डैम में 865 फीट तक पानी स्टोरेज की क्षमता है.

854 फीट के ऊपर का जल स्तर है डेंजर लेवल

उन्होंने बताया कि 854 फीट के ऊपर के जलस्तर को डेंजर जोन माना जाता है. सहायक अभियंता मंगल देव सिंह ने बताया लगातार डैम के जल स्तर में वृद्धि पर सिंचाई विभाग नजर बनाये हुए है. दामोदर नद से सटे सभी ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है कि नदी से दूरी बनाये रखें तथा मवेशी हों या इंसान नदी के आसपास न जाएं.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन झारखंड आंदोलनकारी घोषित, आयोग ने जारी की 75वीं सूची

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन झारखंड आंदोलनकारी घोषित किये गये. झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग ने 75वीं औपबंधिक सूची रामगढ़ जिले के लिए जारी की. इस सूचि में शिबू सोरेन का नाम दिया गया है. आयोग की विवरणी में शिबू सोरेन, पिता स्व सोबरन सोरेन, उम्म्र 81 वर्ष, ग्राम नेमरा, प्रखंड गोला, जिला रामगढ़ नाम दिया गया है. शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता हैं.

झारखंड के लिए निर्णायक लड़ाई का किया आह्वान

आयोग ने शिबू सोरेन को आंदोलनकारी घोषित करने के कारणों का विवरण देते हुए बताया है कि छोटानागपुर संताल परगना के विधायकों और सांसदों ने राज्यपाल और राष्ट्रपति से केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी. 22 सितंबर 1987 को झामुमो की विशाल जनसभा में झारखंड के लिए निर्णायक लड़ाई का आह्वान किया गया. इसमें बताया गया है कि शिबू सोरेन झारखंड मामलों की समिति में शामिल रहे. झारखंड क्षेत्र स्वशासी परिषद के 180 सदस्यों में से 89 ने परिषद की सदस्यता ली, जिनमें वह भी शामिल थे.

अलग झारखंड राज्य देने का दिया अल्टीमेटम

शिबू सोरेन ने 14 मई, 1989 को विधायक पद से इस्तीफा दिया और 30 मई तक अलग झारखंड राज्य देने का अल्टीमेटम दिया. 1969-70 में नशाबंदी, साहूकार तथा जमीन बेदखली के खिलाफ जनांदोलन किया. बिनोद बिहारी महतो एवं अन्य के साथ मिलकर झामुमो की स्थापना की. 31 मई 1989 को तत्कालीन बिहार सरकार के साथ झारखंडी नेताओं की बैठक करायी. छोटानागपुर अलग संघर्ष समिति के सदस्य रहे. साहूकारों एवं सूदखोरों के खिलाफ झारखंड के कई इलाकों में आंदोलन किया.

आंदोलनकारी चिह्नितीकरण के लिए तय की गयी प्रक्रिया

आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग के अध्यक्ष दुर्गा सोरेन ने बताया कि आंदोलनकारी चिह्नितीकरण के लिए सरकार द्वारा प्रक्रिया तय की गयी है. जब तक आवेदन नहीं आता है, तब तक उस पर विचार नहीं होता है. शिबू सोरेन जी की ओर से आवेदन आया और उनके आंदोलन से जुड़े कार्यों की जांच-पड़ताल हुई, इसके बाद उन्हें आंदोनकारी घोषित किया गया.

रांची एयरपोर्ट पर बर्ड हिट रोकने के लिए नगर निगम को पत्र, मांस-मछली की दुकानें बंद करने का आग्रह

रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर बर्ड हिट की घटनाओं को रोकने के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन ने नगर निगम को पत्र लिखा है। इस पत्र में एयरपोर्ट के 10 किमी के दायरे में खुले में चलने वाली मांस-मछली की दुकानों को बंद कराने और आसपास के नालों को ढकने का आग्रह किया गया है।

बर्ड हिट के कारण और समाधान

- मांस-मछली के अवशेष और नाले में भोजन की तलाश में पक्षी मंडराते रहते हैं, जिससे बर्ड हिट की आशंका बढ़ जाती है।

- एयरपोर्ट प्रबंधन अपने स्तर पर सभी तकनीक का उपयोग कर रहा है, लेकिन एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों के मंडराने से खतरा बढ़ जाता है।

- नगर निगम को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है ताकि बर्ड हिट की घटनाओं को रोका जा सके।

एयरपोर्ट पर बर्ड हिट रोकने के उपाय

- पक्षी रडार: हवाई अड्डे के आसपास पक्षियों की गतिविधि का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने के लिए।

- साउंड सिस्टम: पक्षियों को डराने के लिए जोर-जोर से आवाजें या पक्षियों के शिकारियों की आवाजें निकालना।

- घास की कटाई: हवाई अड्डे के अंदर घास को नियमित रूप से काटना।

- पटाखे फोड़ना: विमान के लैंडिंग व टेकऑफ के समय पक्षियों को भगाने के लिए।

- शॉट गन: पक्षियों को भगाने के लिए शॉटगन का उपयोग।

- रनवे मॉनिटरिंग: रनवे पर टेकऑफ और लैंडिंग के समय विशेष ध्यान देना¹।

रांची में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी, जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

रांची जिला प्रशासन ने 19 जून 2025 की सुबह 08:30 बजे से 20 जून 2025 की सुबह 08:30 बजे तक भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इसके कारण शहर में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि

- परिवहन और बिजली आपूर्ति में व्यवधान: भारी बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव और यातायात में परेशानी हो सकती है, साथ ही बिजली आपूर्ति भी बाधित हो सकती है।

- निचले इलाकों में जलभराव: भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर सकता है, जिससे लोगों को परेशानी हो सकती है।

- कमजोर संरचनाओं और कच्ची सड़कों को नुकसान: भारी बारिश के कारण कमजोर संरचनाएं और कच्ची सड़कें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।

ऐसे में प्रशासन ने नागरिकों से कुछ एहतियाती उपायों का पालन करने का अनुरोध किया है

- निचले इलाकों से दूरी बनाए रखें: भारी बारिश के दौरान निचले इलाकों में जाने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

- गैर-जरूरी यात्रा से बचें: भारी बारिश के दौरान गैर-जरूरी यात्रा से बचें और सड़कों पर जलभराव की स्थिति में सावधानी बरतें।

- बिजली उपकरणों का उपयोग सावधानी से करें: बिजली उपकरणों का उपयोग सावधानी से करें और बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

- आपात स्थिति में प्रशासन के निर्देशों का पालन करें: आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों के निर्देशों का पालन करें।

आपदा या आपात स्थिति में रांची जिला प्रशासन का व्हाट्सएप नंबर 9430328080 है, जहां आप अपनी शिकायत या समस्या दर्ज करा सकते हैं.

झारखंड सरकार के खेल विभाग में 6 करोड़ का घोटाला, बाबूलाल मरांडी ने लगाया आरोप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार के खेल विभाग में हुए 6 करोड़ के घोटाले पर बड़ा निशाना साधा है।

श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड सरकार में लूट मची हुई है। सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही।रोज नए नए घोटाले उजागर हो रहे।

कहा कि ई-रिक्शा में डीजल भरवाने जैसे हास्यास्पद घोटालों के बाद, हेमंत सरकार के खेल विभाग ने अब करीब 6 करोड़ रुपये का नया घोटाला कर दिया है।

कहा कि स्पोर्ट्स किट की खरीद में विभाग ने सबसे कम बोली लगाने वाली (L1) कंपनी को दरकिनार कर, ऊंची दर पर सामान देने वाली (L2) कंपनी को ठेका दे दिया। 

कहा कि हेमंत सरकार में टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और कमीशन आधारित फैसले की बात आम हो चुकी है। पारदर्शिता की जगह अब साठगांठ और लूट का बोलबाला है।

कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पूरे मामले में विभागीय मंत्री और अधिकारियों की भूमिका की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें।

हाई कोर्ट में सांसद ढुलू महतो की संपत्ति जांच को लेकर सुनवाई, फैसला सुरक्षित रखा गया

झारखंड हाई कोर्ट में धनबाद के सांसद ढुलू महतो की संपत्ति की जांच के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

आरोप:

- ढुलू महतो पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।

- नामांकन के दौरान संपत्ति की सही जानकारी नहीं देने का आरोप है।

आयकर विभाग की भूमिका:

- आयकर विभाग ने बताया कि एसबीआई पटना से ढुलू महतो की संपत्ति के बारे में जानकारी नहीं मिल रही है।

- हाई कोर्ट ने एसबीआई को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया था।

हाई कोर्ट का निर्देश:

- हाई कोर्ट ने आयकर विभाग से ढुलू महतो की संपत्ति के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी।

- राज्य सरकार को आयकर विभाग को आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

रांची में फ्लाईओवर के नामकरण पर सियासी दंगल, शिबू सोरेन औऱ विनोद बिहारी महतो के नाम भी चर्चा में*

रांची, (झा. डेस्क): झारखंड की राजधानी रांची में बन रहे फ्लाईओवर सिर्फ यातायात को सुगम बनाने का काम नहीं कर रहे, बल्कि राजनीतिक सरगर्मी का केंद्र भी बन गए हैं। सिरमटोली फ्लाईओवर के नामकरण को लेकर उठा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब रातू रोड फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से शिबू सोरेन के नाम पर इसके नामकरण की मांग ने सियासी तकरार को और तेज कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के 19 जून को प्रस्तावित उद्घाटन से पहले यह मुद्दा झारखंड की राजनीति में नया रंग ला रहा है।

सिरमटोली चौक से मेकॉन गोलचक्कर तक बने 2.34 किलोमीटर लंबे चार लेन फ्लाईओवर का उद्घाटन बीते 6 जून को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था। 356 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर का नाम स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कार्तिक उरांव के नाम पर किया गया, लेकिन इस पर तुरंत विवाद खड़ा हो गया। पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, जो स्वर्गीय कार्तिक उरांव की पुत्री हैं, ने सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर के रैंप निर्माण को आदिवासियों की आस्था के खिलाफ बताते हुए इसे हटाने की मांग की थी।

आदिवासी संगठनों ने भी इस रैंप को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें 4 जून को झारखंड बंद और पुतला दहन जैसे कदम शामिल थे। सत्तारूढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भी रैंप निर्माण का विरोध किया, जिससे असहज स्थिति बन गई। गीताश्री उरांव ने फ्लाईओवर का नाम उनके पिता के नाम पर रखे जाने को एक राजनीतिक चाल करार देते हुए कहा कि इससे आदिवासी समुदाय की पीड़ा कम नहीं होगी।

अब रातू रोड पर चार किलोमीटर लंबे एलिवेटेड फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने नया दांव खेला है। 291 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर का उद्घाटन 19 जून को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करने वाले हैं। लेकिन उद्घाटन से पहले झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने फ्लाईओवर का नाम झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन के नाम पर करने की मांग उठाई है।

झामुमो और कांग्रेस का तर्क है कि शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य के निर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया, और उनके नाम पर फ्लाईओवर का नामकरण राज्य की जनता के लिए सम्मान की बात होगी। इस मांग को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन ने भाजपा को घेरने की रणनीति अपनाई है, जिसका अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।

इसी बीच, लंबे अरसे तक झारखंड आंदोलन से जुड़े रहे हिमांशु कुमार ने रातू फ्लाईओवर का नामकरण झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से एक विनोद बिहारी महतो के नाम पर करने की वकालत की है। हिमांशु कुमार ने कहा कि 1973 में विनोद बिहारी महतो ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की, जिसमें उनका साथ शिबू सोरेन और एके राय जैसे नेताओं ने दिया। उन्होंने विनोद बिहारी महतो को एक सफल रणनीतिकार, कलमकार और अधिवक्ता बताते हुए कहा कि उन्होंने अलग झारखंड राज्य की मांग को समग्रता दी और वे झारखंड की राजनीति के 'भीष्म पितामह' थे। फ्लाईओवर का नामकरण उनके नाम पर करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इन घटनाक्रमों से स्पष्ट है कि रांची के फ्लाईओवर निर्माण का मुद्दा केवल विकास से जुड़ा नहीं रहा, बल्कि यह राज्य की जटिल राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को भी दर्शाता है। आगामी उद्घाटन से पहले यह नामकरण विवाद झारखंड की राजनीति में और गरमाहट लाएगा।