ऑपरेशन शंखनाद के तहत गौ-तस्करी का पर्दाफाश, 9 गौ-वंशों को छुड़ाया गया
जशपुर- जिले में सक्रिय गौ-तस्करी के खिलाफ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान "ऑपरेशन शंखनाद" के तहत जशपुर पुलिस को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस अभियान के अंतर्गत गौ-तस्करों के चंगुल से 09 गौ-वंशों को सकुशल छुड़ाया, जबकि इस दुखद घटना में एक गौ-वंश की मौत हो गई। घटना के समय तस्कर एक पिकअप वाहन में इन मवेशियों की तस्करी कर रहे थे, जो अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया। हादसे के तुरंत बाद आरोपी तस्कर वाहन और मवेशियों को मौके पर छोड़कर भाग निकले।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जशपुर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर एक पिकअप वाहन में गौ-वंशों को भरकर अवैध रूप से तस्करी के लिए ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर निगरानी शुरू कर दी। इसी बीच, संदेहास्पद पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसा इतना गंभीर था कि उसमें एक गाय की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी 09 गौ-वंशों को घायल अवस्था में पुलिस ने बचा लिया। हादसे का फायदा उठाकर तस्कर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और गौ-वंशों को सुरक्षित निकाला। तस्करी में प्रयुक्त पिकअप वाहन को जप्त कर लिया गया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। घटना के बाद से पुलिस ने आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी है। स्थानीय थानों को सतर्क कर दिया गया है और सीमावर्ती क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस ने यह भी संकेत दिए हैं कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
ऑपरेशन शंखनाद बना गौ-तस्करों के लिए सिरदर्द
गौरतलब है कि जशपुर जिले में बीते कुछ महीनों से गौ-तस्करी की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए जशपुर पुलिस अधीक्षक द्वारा "ऑपरेशन शंखनाद" नामक एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान के तहत जिलेभर में मवेशियों की अवैध तस्करी, वध, परिवहन और व्यापार पर निगरानी रखी जा रही है। अभियान की निगरानी स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कर रहे हैं और लगातार कार्रवाई जारी है। जशपुर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल गौ-वंशों की रक्षा की दिशा में एक सराहनीय कदम है, बल्कि इससे अवैध गतिविधियों में लिप्त तस्करों को भी स्पष्ट संदेश मिला है कि इस तरह की गैरकानूनी हरकतें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
Jun 19 2025, 20:14
दूसरा दिन – 23 जून 2025 (सोमवार)
NFSU कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब की नींव रखेंगे गृह मंत्री शाह
बता दें कि नवा रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) का कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का भूमिपूजन 22 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने नया रायपुर के सेक्टर-2 में 40 एकड़ भूमि आवंटित की है। केंद्र सरकार लगभग ₹350 से ₹400 करोड़ की लागत से इस संस्थान की इमारतों और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराएगी। यह कैंपस पूरी तरह समर्पित फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के रूप में कार्य करेगा।
हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत फॉरेंसिक साइंस की उपयोगिता काफी बढ़ गई है। खासकर उन मामलों में, जिनमें सात साल या उससे अधिक की सजा होती है, फॉरेंसिक प्रमाण और जांच अब अनिवार्य मानी जा रही है। ऐसे में NFSU का यह कैंपस राज्य के युवाओं के लिए नए शैक्षणिक और रोजगार अवसर खोलेगा।
एनएफएसयू के करीब ही फोरेंसिक लैब
इसके अलावा, विश्वविद्यालय परिसर से सटी 6 से 7 एकड़ भूमि पर एक आधुनिक फॉरेंसिक लैब भी बनाई जाएगी। दोनों परियोजनाओं का एक साथ भूमिपूजन अमित शाह द्वारा किया जाएगा।
जब तक स्थायी कैंपस का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता, तब तक एक ट्रांजिट कैंपस के माध्यम से इसी शैक्षणिक सत्र से पढ़ाई प्रारंभ कर दी जाएगी। ट्रांजिट कैंपस की शुरुआत की तैयारी अंतिम चरण में है। यह संस्थान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक प्रमुख फॉरेंसिक और अनुसंधान केंद्र के रूप में उभरेगा, जिससे क्षेत्रीय न्याय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वैज्ञानिक जांच को बढ़ावा मिलेगा।