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एक राष्ट्र एक राशन कार्ड : अब तक जिन हितग्राहियों ने ई-केवायसी नहीं कराया वे जरूर करा लें, जानिए कब तक का है समय

रायपुर- राशनकार्डधारियों के लिए काम की खबर है। जिन हितग्राहियों ने अब तक ई-केवायसी नहीं कराया है वे जरूर करा लें। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) योजना के अंतर्गत भारत सरकार, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के निर्देशानुसार जिले में सभी लाभार्थियों को आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जाना अनिवार्य किया गया है।

खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के अंतर्गत वर्तमान में कुल 6,45,681 राशनकार्ड प्रचलित हैं, जिनमें 22,31,425 सदस्य पंजीकृत हैं। इनमें से अब तक 18,78,701 सदस्यों का ई-केवायसी (e-KYC) पूरा हो चुका है, जबकि 3,52,724 सदस्यों का ई-केवायसी बाकी है। सभी उचित मूल्य दुकानों में ई-पॉस (ePOS) मशीन के माध्यम से ई-केवायसी की सुविधा उपलब्ध है।

खाद्य नियंत्रक ने कहा कि जिन हितग्राहियों ने अब तक ई-केवायसी नहीं कराया है, उनसे अनुरोध है कि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए 30 जून 2025 तक अनिवार्य रूप से अपने नजदीकी उचित मूल्य की दुकानों में जाकर ई-केवायसी करा लें।

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी सरकार सड़क परिवहन और यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। परिवहन और यातायात सुरक्षा में लगे उड़नदस्ता दल को 48 नवीन वाहनों की तैनाती से दुर्घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आएगी, यातायात सुग़म होगा और लोगों में ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। श्री साय आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर परिवहन विभाग के निरीक्षकों को इन वाहनों की चाबी सौंपी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार सड़क यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। नवीन शासकीय वाहनों की मदद से परिवहन उड़नदस्ता दल नियमों का उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उड़नदस्ता दल की कार्यक्षमता में वृद्धि, सड़क दुर्घटनाओं में कमी, सुरक्षा मानकों का बेहतर क्रियान्वयन और यातायात व्यवस्था में सुधार व अनुशासन बनाए रखने में यह पहल मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे दूरदराज के क्षेत्रों में भी परिवहन दस्ते की निगरानी और पहुंच सुनिश्चित होगी।

ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील

मुख्यमंत्री श्री साय ने हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करने और ट्रैफिक नियमों का पालन कर दूसरों के जीवन की रक्षा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी से ही हम एक सुरक्षित, संयमित और संवेदनशील सड़क परिवेश का निर्माण कर सकते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों से नशे की हालत में वाहन नहीं चलाने की अपील भी की।

इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश, अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर सहित परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

लूटपाट और उगाही का मामला : छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के 6 पदाधिकारियों को 7-7 साल की सजा

जांजगीर-चांपा- छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में वर्ष 2021 में हुई एक संगठित लूटपाट और उगाही के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना से जुड़े छह पदाधिकारियों और सदस्यों को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने 7-7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला बम्हनीडीह थाना क्षेत्र का है, जहां दिनदहाड़े एक कीटनाशक दवा दुकान में घुसकर आरोपियों ने मारपीट, गाली-गलौच और जबरन एक लाख रुपये की उगाही की थी। इस पूरे मामले की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक योगेश गोपाल ने की।

यह वारदात 27 अगस्त 2021 को दोपहर के समय घटी थी, जब छह आरोपियों ने मिलकर बम्हनीडीह क्षेत्र में स्थित एक कीटनाशक दवा दुकान में घुसकर दुकानदार से बदसलूकी की। उन्होंने न सिर्फ गाली-गलौच और मारपीट की, बल्कि एक लाख रुपये की जबरन उगाही भी की। घटना के बाद पीड़ित ने थाना बम्हनीडीह में मामला दर्ज कराया, जिसकी गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता से जांच शुरू की।

मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (FTC), जांजगीर की अदालत ने सभी अभियुक्तों को IPC की धारा 147, 148, 452, 323 (तीन बार), 386 के तहत एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही IPC की धारा 397 के तहत सभी को 7 साल के सश्रम कारावास और 500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड नहीं चुकाने पर 1 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

इसके अलावा आरोपी भोला कश्यप को आयुध अधिनियम की धारा 25(1)(1-ख)(ख) के अंतर्गत 3 साल के सश्रम कारावास और 200 रुपये के जुर्माने की सजा दी गई।

दोषी ठहराए गए आरोपियों में भूपेन्द्र कुमार रात्रे, लक्की उर्फ लोकेश कुमार वर्मा, तरुण साहू, कुणाल बघेल, भोला कश्यप, रामपल कश्यप शामिल हैं।

रायपुर में बांग्लादेशी दंपती मिलने पर बैज ने डबल इंजन सरकार पर कसा तंज, कहा- यह केंद्र और राज्य, दोनों की नाकामी है…

रायपुर- छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर सियासत चरम पर है. रायपुर में संदिग्ध घुसपैठियों के पकड़े जाने के बाद विपक्ष ने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर बड़ा सवाल उठाया है. 11 साल से बीजेपी की सरकार केंद्र में काबिज होने के बाद बॉर्डर पार कर घुसपैठियों के छत्तीसगढ़ तक पहुंचने को बैज ने केंद्र और राज्य दोनों का फेलियर बताया है.

वहीं प्रदेश में रेत माफिया के बढ़ते आतंक को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सरकार को घेरा है. प्रदेश में जंगलराज चलने की बात कहते हुए कहा कि सरकार का कोई लगाम नहीं है, क्योंकि सरकार के संरक्षण में ये राज कायम किया गया है.

वहीं बीते दिन रायगढ़ प्रशासन की ओर से मरीन ड्राइव बनाने अवैध अतिक्रमण हटाया गया था, जिसके पीड़ितों से बैज ने मुलाक़ात की थी. मुलाक़ात के बाद पीसीसी चीफ ने ग़रीबों के आवास छिनने के खिलाफ बड़े आंदोलन का ऐलान किया है. रायगढ़ डीसीसी को बैज ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दे दिये हैं.

जातिगत जनगणना : मुख्यमंत्री साय ने कसा तंज, कहा-कांग्रेस जो काम लंबे समय तक सरकार में रहने के बाद भी नहीं कर पाई,वह प्रधानमंत्री मोदी ने कर दिया

रायपुर- जनगणना के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है. इस बार नागरिकों के जाति को भी दर्ज किया जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत अच्छा कदम बताते हुए कहा कि कांग्रेस बहुत समय से केवल बात करते आई. सरकार में लंबे समय तक रहने के बाद भी जो काम कांग्रेस नहीं कर पाए. वह प्रधानमंत्री मोदी ने किया है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के 15वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 15वें स्थापना दिवस की सभी को बधाई. कार्यक्रम में प्रदेशभर से बालगृह के बच्चे भी शामिल हुए. बाल आयोग द्वारा बाल अधिकार के क्षेत्र में सार्थक और रक्षक जैसे योजना शुभारंभ किया.

उन्होंने कहा कि बाल आयोग द्वारा बेहतर काम किया जा रहा है. इसका निश्चित ही लाभ होगा. वहीं 14 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि एक सप्ताह का विधानसभा सत्र है. 14 जुलाई से 18 जुलाई तक चलेगा.


चलती बस में ड्राइवर को आया हार्ट अटैक, दर्जनों यात्रियों की बाल-बाल बची जान, ड्राइवर ने तोड़ा दम

चिरमिरी-  बस चलाते समय ड्राइवर को अचानक हार्ट अटैक आ गया। हादसे के वक्त बस में यात्री सवार थे। हालांकि गनीमत ये रही कि असहज महसूस होते ही ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी। जिसकी वजह से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। आनन फानन में ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां ड्राइवर को मृत घोषित कर दिया गया। हादसा खड़गवां ब्लॉक के देवाडाँड़ इलाके में हुआ, जहां पेंड्रा से बैकुंठपुर जा रही एक यात्री बस के चालक को यात्रा के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ गया।

ड्राइवर की तबीयत बिगड़ते ही बस सड़क से नीचे उतर गई, लेकिन सभी यात्री सुरक्षित बच गए। लोगों में घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई, लेकिन किसी भी यात्री को चोट नहीं आई।

बस को जैसे-तैसे रोका गया और ड्राइवर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खड़गवां ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद क्षेत्र में शोक का माहौल है। स्थानीय लोगों ने ड्राइवर की सतर्कता और जिम्मेदारी को सलाम करते हुए कहा कि आखिरी सांस तक उसने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।

प्राचार्य पदोन्नति पर फैसला सुरक्षित: हाईकोर्ट में सुनवाई पूर्ण, जल्द आ सकता है ऐतिहासिक निर्णय

बिलासपुर-  प्राचार्य पदोन्नति को लेकर बहुप्रतीक्षित कानूनी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में 11 जून से लगातार चल रही सुनवाई आज 17 जून को समाप्त हो गई, जिसमें सभी पक्षों को सुनने के बाद डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

यह सुनवाई माननीय न्यायमूर्ति रजनी दुबे एवं अमितेंद्र कुमार प्रसाद की खंडपीठ में हुई। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा, जबकि प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिकाओं में अधिवक्ता अनूप मजूमदार, आलोक बख्शी, अमृतोदास, एन. नहा राय और विनोद कुमार देशमुख ने प्रभावी रूप से पैरवी की।

प्राचार्य पदोन्नति फोरम के संयोजक अनिल शुक्ला ने आशा व्यक्त की है कि सुनवाई के दौरान रखी गई मजबूत दलीलों और तथ्यों के आधार पर फैसला फोरम के पक्ष में आने की पूरी संभावना है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि 16 जून से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हो चुका है, इसलिए उम्मीद है कि न्यायालय जल्द निर्णय देगा और पदोन्नति की राह खुलेगी।

आज की सुनवाई के दौरान प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से आकाश राय, एस.के. चिंचालकर, विकास नायक और मनोज कुमार सनाढ्य उपस्थित रहे।

अब सबकी नजरें फैसले पर टिकी हैं, जो प्रदेश के सैकड़ों शिक्षकों के भविष्य को नई दिशा दे सकता है। यह मामला केवल एक कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में प्रशासनिक पदों की न्यायसंगत बहाली की दिशा में एक अहम कदम है।

20 साल के अनुभव के बाद भी शिक्षक को प्रशिक्षित मानने से इंकार, हाई कोर्ट ने दिया यह निर्देश…

बिलासपुर- 20 साल से ज्यादा अनुभव रखने के बावजूद शिक्षक को प्रशिक्षित नहीं मानने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने शिक्षा सचिव और लोक शिक्षण निदेशक इस मामले में आदेश की प्रति मिलने के 60 दिन के भीतर फैसला लेने के लिए निर्देशित किया है.

बता दें कि रायगढ़ जिले के शासकीय हाईस्कूल भालूमार में कार्यरत व्याख्याता केशव प्रसाद पटेल ने इस संदर्भ में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. याचिका में बताया गया, कि वह पिछले 20 साल से ज्यादा समय से लगातार पढ़ा रहे हैं और उनकी उम्र भी 50 साल पार हो चुकी है. ऐसे में उन्हें शासन के 1979 के परिपत्र के अनुसार प्रशिक्षित शिक्षक घोषित किया जाना चाहिए.

राज्य सरकार का 22 नवंबर 1979 का परिपत्र यह कहता है कि अगर कोई शिक्षक 20 साल की सेवा पूरी कर चुका हो या उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा हो गई हो, तो उसे प्रशिक्षण की प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं है और उसे सीधे प्रशिक्षित माना जा सकता है.

शिक्षक ने कोर्ट को बताया, कि उन्होंने पहले भी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अपना पक्ष सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ भेजा था, लेकिन अब तक कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया. इसी तरह के मामले में पहले भी 28 जून 2021 को एक और शिक्षक की याचिका पर पक्ष में निर्णय दिया गया था.

जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने याचिका निराकृत कर शिक्षा सचिव और लोक शिक्षण निदेशक को निर्देश दिया कि आदेश की प्रति मिलते ही 60 दिनों के भीतर यह तय करें कि याचिकाकर्ता को प्रशिक्षित शिक्षक मानते हुए छूट दी जा सकती है या नहीं.

राजनांदगांव गोलीकांड घटना ने पकड़ा तूल, माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर IG दफ्तर पहुंचे नाराज ग्रामीण

राजनांदगांव- राजनांदगांव में हुए गोलीकांड पर सरकार ने भले ही माइनिंग अफसर को और एसपी ने टीआई को सस्पेंड कर दिया है। लेकिन इस घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश अब भी कम होता नजर नही आ रहा है। गोलीकांड के आरोपी रेत तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों ने आईजी दफ्तर का घेराव करने के साथ ही कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। वहीं दूसरी तरफ राजनांदगांव के मोहड़ में हुए गोलीकांड को लेकर कांग्रेस भी सरकार को घेरने में जुट गयी है। पीसीसी चीफ दीपक बैज आज पीड़ित परिवार और ग्रामीणों से मिलेंगे।

गौरतलब है कि 11 जून की रात राजनांदगांव के ग्राम मोहड़ में अवैध रेत खनन को लेकर ग्रामीणों नें इसका विरोध करने पहुंचे थे। ग्रामीणों के विरोध से नाराज रेत माफियाओं ने अपनी खौफ दिखाने के लिए ग्रामीणों पर ही फायरिंग कर दी थी। इस घटना में एक ग्रामीण के सिर को छूते हुए गोली निकल गयी थी, वहीं तीन ग्रामीण घायल हो गये थे। इस दौरान गोलीकांड की घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने जेसीबी मशीन में तोड़फोड़ की थी। रेत घाट में अवैध खनन को लेकर हुए गोलीकांड की घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में अवैध कारोबार के चलने का गंभीर आरोप लगाया था।

गोलीकांड की घटना में लिप्त आरोपी और सोमनी थाना प्रभारी की बातचीत का आडियों वायरल हुआ था। इस घटना के बाद पुलिस विभाग की फजीहत होने के बाद आनन फानन में एसपी ने सोमनी टीआई सत्यनारायण देवांगन को निलंबित कर दिया था। दूसरी तरफ अवैध खनन को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहे खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे थे। जिस पर एक्शन लेते हुए सरकार ने राजनांदगांव के खनिज अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया। पुलिस विभाग और सरकार की इस कार्रवाई के बाद उम्मींद थी कि नाराज ग्रामीण शांत हो जायेंगे। लेकिन ऐसा होता नजर नही आ रहा है। गोलीकांड की घटना को लेकर ग्रामीण दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर मोर्चा खोले हुए ग्रामीणों ने आईजी से की कड़ी कार्रवाई की मांगराजनांदगांव के मोहड़ में गोलीकांड की घटन से नाराज ग्रामीण 16 जून को आईजी दफ्तर को घेराव करने पहुंचे। यहां नाराज ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर रेत माफियाओं के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन में भी ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर रेत तस्करी के मामले में जल्द से जल्द जांच पूरा कर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।

गोलीकांड की घटना को कांग्रेस ने मुद्दा बनाकर शुरू की राजनीति

मोहड़ में हुए गोलीकांड की घटना से आहत ग्रामीणों के साथ कांग्रेस भी इस मुद्दे को भुनाने में जुट गयी है। ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। जहां उन्होंने हाथ में पोस्टर लेकर विरोध जताते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान ग्रामीणों ने रेत तस्करी से जुड़े राजनीतिक लोगों के नामों का खुलासा कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की है।

है।

शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति का आदेश: शिक्षा विभाग ने DPI को भेजा पत्र, शिक्षक कांग्रेस की मांग पर शिक्षा सचिव ने दी थी सहमति

रायपुर- मौजूदा शिक्षा सत्र के दौरान रिटायर हो रहे शिक्षकों को सत्रांत तक पुनर्नियुक्ति देने का आदेश जारी कर दिया गया है। इस संबंध में शिक्षा सचिव ने डीपीआई को पत्र जारी कर दिया है। जारी आदेश के मुताबिक शासकीय एवं शत प्रतिशत अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों जिसमें सहायक शिक्षक से प्राचार्य तक शामिल हैं, को शिक्षा सत्र के अंत तक पुनर्नियुक्ति प्रदान करने का आदेश दिया गया है।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष अनिल शुक्ला ने स्कूल शिक्षा सचिव को स्मरण पत्र सौंपते हुए, 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों को शिक्षा सत्रांत यानी 30 अप्रैल 2026 तक पुनर्नियुक्ति देने की मांग को दोहरायी थी। जिस पर शिक्षा सचिव ने सहमति प्रदान की थी। अब पुनर्नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया है।

आदेश के मुताबिक रिटायरमेंट डेट के बाद सत्रांत तक पुनर्नियुक्ति मान्य की जायेगी। यदि कोई शिक्षक रिटायरमेंट के बाद लिखित रूप से पुनर्नियुक्ति से इंकार कर देता है, तो उसे पुनर्नियुक्ति नहीं दी जायेगी।