*श्रीकृष्ण बाल लीलाओं की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता*
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खजनी गोरखपुर।कलियुग में सिर्फ अपने मन में पुण्य कर्मों और भगवान की लीलाओं तथा उनके नाम स्मरण करने से ही हमें शुभ कर्मों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है।
खजनी ब्लॉक के डोंड़ो गांव में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पांचवे दिन अयोध्या से पधारे कथा व्यास पंडित प्रदीप मिश्र ने
गोवर्धन पूजा के पावन प्रसंग और भगवान श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाओं का विस्तार सहित वर्णन किया। इस दौरान उन्होंने भगवान कृष्ण के नामकरण, पूतना वध, माखन चोरी, धेनुकासुर, अरिष्टासुर वध, गोपी विरह, रास पंचाध्यायी, गोपी गीत, रास प्रसंग समेत भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के मनमोहक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि कलयुग में सिर्फ मन में सोच लेने से ही पाप और पुण्य का फल मिलता है। भगवान की लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कथा व्यास ने कहा कि भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस द्वारा भेजे गए सभी राक्षसों का संहार किया वहीं माता यशोदा व ब्रजवासियों को भक्ति आनंद भी प्रदान किया।
गोवर्धन लीला की कथा सुनाते हुए कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति का अभिमान हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद करा दी और गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू करा दी। इससे क्रोधित इंद्र ने ब्रज में भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला और छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई।
इस अवसर पर मुख्य यजमान श्रीमती उषा शुक्ला,राम अंजोर शुक्ल, जयप्रकाश शुक्ल, राजन शुक्ल, श्रीमती मधु शुक्ला, सत्यप्रकाश शुक्ला, निखिल, सात्विक, नितिन शुक्ल, अथर्व, भास्कर त्रिपाठी, भानु प्रकाश पाण्डेय, ओमप्रकाश आदि बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे और श्रद्धालु श्रोता कथा में शामिल हुए।
Jun 10 2025, 19:38