डॉ. किरण प्रभाकर रिबेलो ने रचा चिकित्सा इतिहास: 1.9 किलोग्राम की सबसे बड़ी लिपोमा सफलतापूर्वक हटाई
सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश | 4 अप्रैल 2025 — चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, डॉ. किरण प्रभाकर रिबेलो (MBBS, MS, FAIS) ने अब तक की सबसे बड़ी लिपोमा (वसायुक्त गांठ) को सफलतापूर्वक शल्यक्रिया द्वारा हटाया है, जिसका वजन 1.9 किलोग्राम था। यह जटिल और जीवनरक्षक शल्यक्रिया पूरी संवेदनशीलता एवं कुशलता के साथ सम्पन्न हुई और इसे इन्फ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। यह प्रमाणित की गई उपलब्धि 4 अप्रैल 2025 को आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त हुई।
यह दुर्लभ शल्यक्रिया उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर ज़िले में की गई, जहाँ डॉ. रिबेलो को प्रथम महिला जनरल सर्जन होने का गौरव प्राप्त है। इस सफल हस्तक्षेप ने न केवल रोगी का जीवन बचाया, बल्कि डॉ. रिबेलो की असाधारण चिकित्सा क्षमता और मानवता के प्रति उनकी गहन निष्ठा को भी उजागर किया।
लिपोमा क्या है?
लिपोमा वसा से बनी एक सौम्य गांठ होती है, जो प्रायः हानिरहित होती है। लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में यह इतनी बड़ी हो जाती है कि रोगी के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। इस विशेष मामले में, लिपोमा ने खतरनाक रूप धारण कर लिया था, और डॉ. रिबेलो की समय पर की गई सटीक जांच और सर्जिकल विशेषज्ञता ने रोगी को नया जीवन प्रदान किया।
डॉ. किरण रिबेलो की प्रेरणादायक यात्रा
डॉ. किरण, डॉ. रवि प्रभाकर और डॉ. संध्या प्रभाकर की सुपुत्री हैं तथा डॉ. अमोल रिबेलो की धर्मपत्नी हैं। वह जुड़वां बच्चों की माता हैं और चिकित्सा, शिक्षा तथा जनसेवा के प्रति पूर्णतः समर्पित हैं। उनके नाम पर अनेक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित हैं और उन्हें चिकित्सा जगत में एक प्रख्यात शिक्षिका, मार्गदर्शिका और नेता के रूप में मान्यता प्राप्त है।
सेवा भाव की प्रतिमूर्ति
डॉ. रिबेलो को उनके नि:स्वार्थ सेवा कार्यों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। उन्होंने अब तक कई निर्धन रोगियों की नि:शुल्क शल्यक्रियाएं की हैं और सदैव यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी रोगी को गुणवत्तापूर्ण इलाज से वंचित न रहना पड़े। उनका मानना है — "हम उपचार करते हैं, परंतु चंगा करता है ईश्वर।" उनकी नम्रता, करुणा और गहरी आस्था उन्हें समाज में विशेष स्थान दिलाती है।
महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत
जहाँ चिकित्सा का यह क्षेत्र प्रायः पुरुषों के अधिपत्य में रहा है, वहाँ डॉ. किरण रिबेलो एक सशक्त, प्रतिभाशाली और संवेदनशील महिला के रूप में उभरी हैं। सुलतानपुर की पहली महिला सर्जन से लेकर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त चिकित्सक बनने तक की उनकी यात्रा अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्हें प्रायः “सौंदर्य और बुद्धिमत्ता का अनुपम संगम” कहा जाता है।
शिक्षा और प्रशिक्षण में योगदान
एक विख्यात लेखिका एवं सर्जरी शिक्षिका के रूप में, डॉ. रिबेलो युवा सर्जनों को प्रशिक्षण देने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। वह न केवल ज्ञान साझा करती हैं, बल्कि चिकित्सा सेवा के प्रति अपने समर्पण से उन्हें प्रेरित भी करती हैं।
समुदाय की प्रतिक्रियाएं
“डॉ. किरण की यह उपलब्धि केवल चिकित्सा की जीत नहीं, बल्कि समर्पण, उत्कृष्टता और विनम्रता का प्रतीक है।” – एक वरिष्ठ सहकर्मी
“वह सुलतानपुर की शान हैं और चिकित्सा क्षेत्र में युवा महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं।” – एक स्थानीय समाजसेवी
निष्कर्ष
जब पूरा देश डॉ. किरण प्रभाकर रिबेलो की इस असाधारण उपलब्धि की सराहना कर रहा है, तब भी वह अपने मिशन पर अडिग हैं – दिल से उपचार करना, उत्साह से शिक्षा देना और विनम्रता से सेवा करना। यह उपलब्धि इस बात का जीवंत प्रमाण है कि दृढ़ निश्चय, करुणा और सच्ची निष्ठा से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
परिचय – डॉ. किरण प्रभाकर रिबेलो
डॉ. किरण रिबेलो एक कुशल जनरल सर्जन (MBBS, MS, FAIS), सलाहकार, शिक्षिका, लेखिका और मां हैं। वह सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं और अपने चिकित्सा कौशल, जनसेवा और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के लिए जानी जाती हैं।




Rajveer Singh’s Bold Step to Support Kashmir: ‘Rajveer X India’s Luxury Drive’ to Proceed with Srinagar Visit Despite Recent Tragedy







May 31 2025, 17:15
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1.4k