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पिकनिक की खुशियां मातम में बदली : डेम में डूबा रेलवे का जूनियर इंजीनियर, दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के दौरान हुआ हादसा

बिलासपुर- जिले के कोटा क्षेत्र स्थित कोरी डेम में पिकनिक मनाने गए रेलवे कर्मचारी की डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान सतेंद्र सिंह के रूप में हुई है, जो बिलासपुर रेलवे विभाग में जूनियर इंजीनियर (JE) पद पर पदस्थ था और अंबिकापुर का रहने वाला था।

मिली जानकारी के अनुसार, सतेंद्र सिंह अपने चार दोस्तों के साथ रविवार को कोटा के कोरी डेम पिकनिक मनाने पहुंचा था। इसी दौरान नहाते समय वह गहरे पानी में चले गया और डूब गया। उसके साथी तत्काल पुलिस को सूचना देने पहुंचे।

सूचना मिलने पर कोटा पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी एसडीआरएफ (SDRF) टीम को दी गई। फिलहाल, गोताखोरों की मदद से सतेंद्र सिंह की तलाश की जा रही है। घटना के बाद मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है और मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई है।

महुआ शराब बनाने वालों पर बड़ी कार्रवाई: आबकारी विभाग ने छापेमारी कर 250 लीटर शराब और 20 क्विंटल लहान किया नष्ट

दुर्ग- लंबे समय से अवैध महुआ शराब के निर्माण और बिक्री को लेकर लोगों की शिकायतें सामने आ रही थी। अब ‘सुशासन तिहार’ के तहत मिले आवेदनों के आधार पर आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

पाटन क्षेत्र के तीन अलग-अलग स्थानों पर कलेक्टर और आबकारी अधिकारियों के निर्देश पर छापामार कार्रवाई की गई। सबसे बड़ी कार्रवाई रानीतराई थाना क्षेत्र के घोरारी गांव में हुई, जहां आबकारी निरीक्षक अरविंद साहू के नेतृत्व में टीम ने वर्षों से चल रहे अवैध शराब निर्माण पर नकेल कसी।

टीम ने छापेमारी कर 250 लीटर महुआ शराब और 20 क्विंटल महुआ लहान जब्त कर मौके पर ही नष्ट कर दिया। गांव में 15 अवैध भट्ठियां भी मिलीं, जिन्हें मौके पर ही ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि, कार्रवाई की भनक लगते ही आरोपी मौके से फरार हो गए। इस संबंध में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

इसी तरह एक अन्य मामले में सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदन पर कार्रवाई करते हुए ग्राम गाड़ाडीह में आरोपी नैनदास के कब्जे से 53 पाव मसाला मदिरा जब्त की गई। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।

ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक से लूट, नकाबपोश बदमाशों ने रास्ता रोककर दिया वारदात को अंजाम

कोरबा-  जिले में आपराधिक वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक सप्ताह पहले ही कटघोरा-अंबिकापुर नेशनल हाइवे में ट्रक के चालक और परिचालक से लूट की घटना सामने आई थी, जिसकी जांच अभी पूरी भी नहीं हो पाई थी कि उसी इलाके में एक और लूट की वारदात हो गई। कटघोरा थाना क्षेत्र के छुरीकला निवासी दयाशंकर भारिया, जो ढेलवांडीह के अटल व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स में ग्राहक सेवा केंद्र संचालित करते हैं, उनसे बीती रात करीब 81 हजार रुपये की लूट हो गई।

जानकारी के मुताबिक, हर दिन की तरह बीती रात करीब 8 बजे जब वे अपने केंद्र को बंद कर बाइक (क्रमांक CG 12 BK 4206) से घर लौट रहे थे, तभी कटघोरा बाइपास मार्ग स्थित अमरैया चिमनीभट्टा पुल के पास दो नकाबपोश बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। जिसके बाद बदमाशों ने पहले दयाशंकर की बाइक रोकी, फिर उनसे मारपीट कर 60 हजार रुपये नगद, लैपटॉप, दो बायोमैट्रिक डिवाइस सहित कुल 81 हजार रुपये का सामान लूटकर फरार हो गए। पूरी वारदात कुछ ही मिनटों में अंजाम दी गई और आरोपी मौके से भाग निकले। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।

साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई: KYC के नाम पर 26 लाख का चूना लगाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़

बिलासपुर- जिले के रेंज साइबर थाना ने लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 3 अंतरराज्यीय ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों से ओटीपी लेकर उनके खातों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने तीनों शातिर ठगों को ओडिशा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दीपापल्ली से गिरफ्तार किया है।

बैंक अधिकारी बन KYC अपडेट के नाम पर करते थे जालसाजी

पुलिस के मुताबिक सकरी के रहने वाले पीड़ित जॉनसन एक्का ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि एक आरोपी ने उन्हें कॉल कर खुद को बैंक अधिकारी बताया और KYC अपडेट के नाम पर ओटीपी हासिल किया। इसके बाद उनके खाते से लोन लेकर कुल ₹26,74,701 की ठगी की गई। शिकायत पर थाना सकरी में अपराध क्रमांक 936/2024 धारा 61(2), 317(5), 318(4), 111(4), 323 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।

इस तरह से आरोपियों तक पहुंची पुलिस

जांच में यह सामने आया कि आरोपी फर्जी सिम कार्ड और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोलते थे और उन्हीं खातों में लोन की राशि ट्रांसफर कराकर रकम निकालते थे। साइबर पोर्टल पर की गई रिपोर्ट और बैंक स्टेटमेंट के आधार पर संदेहियों की पहचान की गई। पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेकर विशेष टीम को ओडिशा रवाना किया। वहां उलूंडा थाना स्टाफ की मदद से आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी गई। कृष्णा लूहा को मौके से भागने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया। इसके बाद कृष्णा की निशानदेही पर बाकी आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए तीनों आरोपी

बता दें कि गिरफ्तार आरोपियों में ओडिशा के सोनपुर जिले के रहने वाले कृष्णा लूहा (उम्र 42 वर्ष), गुलेख कुम्हार (उम्र 40 वर्ष) और राउरकेला के रहने वाले पंकज कुमार खैतान (उम्र 44 वर्ष) का नाम शामिल है। तीनों आरोपियों को 23 मई 2025 को विधिवत गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद अब उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर बिलासपुर लाया गया और माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि इस कार्रवाई में अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेन्द्र जायसवाल, अति. पुलिस अधीक्षक (क्राइम) अनुज गुप्ता, सीएसपी सिविल लाइन निमितेश सिंह (रा.पु.से.) के मार्गदर्शन तथा प्रभारी रेंज साइबर थाना बिलासपुर निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक रविशंकर तिवारी, सहायक उप निरीक्षक सुरेश पाठक, आरक्षक चिरंजीव कुमार और विजेंद्र मरकाम का विशेष योगदान रहा।

पीएम आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बनाने में छत्तीसगढ़ देश में 5वें स्थान पर, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार जैसे राज्यों से बेहतर है स्थिति

रायपुर-  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई पीएम आयुष्मान वय-वंदना योजना से 70 वर्ष व अधिक आयु के नागरिकों को निः शुल्क इलाज मिल रहा है। छत्तीसगढ मे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में राज्य के 3 लाख 60 हजार से अधिक 70 वर्ष व अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बन चुके हैं। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ पूरे देश में वय वंदना कार्ड बनाने के मामले में पांचवें स्थान पर पहुँच गया है। इस मामले में राज्य ने राजस्थान, महाराष्ट्र , ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों से आगे निकलकर कीर्तिमान रच दिया है ।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में विशेष अभियान चलाकर लगातार आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिससे कि कोई भी पात्र वरिष्ठ नागरिक योजनांतर्गत् निःशुल्क इलाज लाभ पाने से वंचित ना रह जाए। जिलों में आयुष्मान वय-वंदना पंजीयन हेतु विभिन्न शासकीय विभागों के अतिरिक्त, सामाजिक संस्थाओं, पेंशनर संथाओं, शियान-सदन, वरिष्ठ-जन कल्याण संघों, वृद्धाश्रमों, निजी आवासीय सोसायटियों, इत्यादि से लगातार संपर्क कर शिविर लगाए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि, कोई भी व्यक्ति जिसके माता-पिता या अन्य सदस्य यदि 70 वर्ष व अधिक आयु के हैं एवं उनके पास आधार कार्ड उपलब्ध है तो वे नजदीकी शासकीय चिकित्सालय, सी.एम.एच.ओ./ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय या शासकीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं या टोल फ्री टेलीफोन नंबर 104 पर बात कर अधिक जानकारी ले सकते हैं। व्यक्ति चाहे तो गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान भारत एप व आधार फेस आई.डी. एप डाउनलोड कर आधार वेरीफिकेशन से अपना सामान्य आयुष्मान कार्ड या घर के वरिष्ठ सदस्य का आयुष्मान वय-वंदना कार्ड दोनों पंजीयन स्वयं भी कर सकता है। उल्लेखनीय है कि माह अक्टूबर 2024 से देश में प्रारंभ वय-वंदना कार्ड पंजीयन में राज्य में नवंबर के बाद तेजी से कार्य किया जा सका है।

राज्य शासन द्वारा 6 जिलों जहां 60 प्रतिशत से अधिक आयुष्मान वय-वंदना कार्ड पंजीयन कवरेज कर लिया गया है, को “वय-मित्र” जिलों के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत् इन जिलों में वरिष्ठ नागरिकों को जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ‘वय-मित्र स्वास्थ्य परीक्षण शिविर’ का आयोजन, ‘मोबाइल मेडिकल यूनिट’ के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन, आयुष्मान-आरोग्य मंदिर में टेली-मेडिसीन व मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग व प्रत्येक बृहस्पतिवार ‘सियान-जतन शिविर’ का आयोजन, आयुष पद्धति से इलाज की सुविधा, मोतियाबिंद जांच, इत्यादि विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

PM आवास योजना के पैसे से बनाना था घर, किसी ने खरीदी बाइक तो किसी ने रचा ली शादी, अब जिला प्रशासन ने दिया अल्टीमेटम

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। जहां केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का गलत इस्तेमाल होने का खुलासा हुआ है। 2016 से 2023 तक जिले में करीब 59,523 घरों की मंजूरी मिली थी, लेकिन इनमें से 3600 मकान आज भी अधूरे पड़े हैं। इसकी असली वजह जानने जब जिला पंचायत की टीम ने डोर-टू-डोर सर्वे कराया, तो नतीजे चौंकाने वाले थे।


मकान की जगह बाइक और शादी!

सर्वे में पाया गया कि कई लोगों ने सरकार से मिली राशि को मकान निर्माण में लगाने के बजाय बाइक खरीदने, शादी समारोह खर्च करने जैसे गैरज़रूरी कामों में उड़ा दिया। कुछ लोगों ने घर बनाने की शुरुआत की भी, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर ज्यादा जमीन पर निर्माण कर डाला, जिससे बजट बढ़ गया और घर अधूरा रह गया।

कुछ लोग हुए गायब, कुछ कानूनी पेंच में फंसे

कई लाभार्थी पैसा लेने के बाद दूसरे राज्यों में पलायन कर गए, तो कुछ ऐसे भी हैं जो अपने अधूरे मकान को पूरा करना चाहते हैं, मगर कानूनी अड़चनों में फंसे हुए हैं। कहीं नामिनी तय न होने से अगली किश्त अटक गई है, तो कहीं लाभार्थी की मृत्यु हो चुकी है।

अब एक्शन मोड में आया जिला प्रशासन, दिया अल्टीमेटम

अब जनपद और जिला पंचायत की टीम ऐसे लोगों से सीधे संपर्क कर रही है। जो लोग मकान पूरा करना चाहते हैं, उन्हें तकनीकी मदद दी जा रही है। वहीं जिन लोगों ने जानबूझकर इस योजना का दुरुपयोग किया है, उन्हें पहले महिला स्व-सहायता समूहों के ज़रिए समझाया जा रहा है कि वे निर्माण पूरा करें। अगर फिर भी नहीं माने, तो रिकवरी नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सरकार की योजना गरीबों को छत देने की है, लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही और गैरजिम्मेदार रवैये ने इस नेक पहल को पटरी से उतार दिया है। अब देखना ये होगा कि अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए लोग खुद आगे आते हैं या फिर प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़ेंगे।

झीरम हमले की बरसी पर गरमाई सियासत : कांग्रेस ने स्मारक की बदहाली पर उठाए सवाल, भाजपा ने नक्सलियों से हमदर्दी का लगाया आरोप

जगदलपुर- छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की दरभा घाटी में हुए झीरम नक्सली हमले को 12 साल बीत चुके हैं, लेकिन वह खौफनाक मंजर आज भी लोगों के जहन में जिंदा है। 25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए इस भयावह हमले ने राज्य की राजनीति और समाज को झकझोर कर रख दिया था। हमले में कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, विद्या चरण शुक्ल सहित कुल 31 लोगों की जान गई थी, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस त्रासदी की 12वीं बरसी पर रविवार को कांग्रेस नेताओं ने लालबाग स्थित झीरम घाटी शहीद मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लेकिन इस श्रद्धांजलि सभा के बीच स्मारक की बदहाल स्थिति को लेकर सियासत भी गरमा गई, जहां कांग्रेस ने भाजपा और नगर निगम पर लापरवाही के आरोप लगाए, वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर नक्सलियों के प्रति नरमी बरतने का आरोप मढ़ते हुए पलटवार किया।

कांग्रेस ने लगाए लापरवाही के आरोप

जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने भाजपा और नगर निगम पर निशाना साधते हुए कहा कि 25 मई 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस शहीद मेमोरियल का लोकार्पण किया था। लेकिन महज तीन साल में ही यह स्मारक जर्जर हालत में पहुंच चुका है। दो महीने से वादा किया जा रहा है कि स्मारक की मरम्मत होगी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। जब हम नाराज़गी जताने पहुंचे, तो टूटे हिस्सों को पर्दों से ढक दिया गया। यह शहीदों का अपमान है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य

भाजपा ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

वहीं भाजपा की तरफ से जगदलपुर महापौर संजय पांडे ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जो लोग तिरंगा यात्रा में शामिल नहीं होते, वही आज शहीदों के सम्मान की बात कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की सरकार में नक्सलियों को 5 साल अपनी ताकत बढ़ाने में समर्थन मिला है। जब भाजपा की सरकार बनी, तब 400 से ज़्यादा नक्सलियों को मारा गया और जब कार्रवाई हुई, तो कांग्रेस को दर्द होने लगा। उन्होंने कहा कि शहीद मेमोरियल को संवारने का कार्य नगर निगम कर रही है, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिन नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं की हत्या की, उन्हीं के साथ कांग्रेस खड़ी दिखती है।

महापौर संजय पांडे

राजधानी में दिनदहाड़े लाखों की उठाईगिरी, शातिर ने लिफ्ट के बहाने किया हाथ साफ, जांच में जुटी पुलिस

रायपुर-  राजधानी रायपुर में दिनदहाड़े उठाईगिरी की बड़ी वारदात सामने आई है. मोबाइल दुकान में काम करने वाले कर्मचारी के बैग से अज्ञात आरोपी ने 2.5 लाख रुपए पार कर दिए. गिनती करने पर पैसे कम मिले तब कमर्चारी ने खमतराई थाना पहुंचकर शिकायत की. पुलिस ने अज्ञात आरोपी मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मिली जानकारी के अनुसार, कर्मचारी अपने बैग में वसूली के कुल 5 लाख रुपए रखकर जा रहा था. रास्ते में एक व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी और इसी दौरान बेहद चालाकी से बैग से 2.5 लाख रुपये का बंडल लूटकर फरार हो गया. जब कर्मचारी ने पैसे गिनने शुरू किए, तब उसे रकम कम होने का पता चला, जिससे चोरी की आशंका हुई. इसके बाद वह खमतराई थाने पहुंचा और मामले की शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से चोर की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में बस्तर के नवाचारों की खुलकर सराहना

रायपुर-  राजधानी दिल्ली स्थित अशोक होटल में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन मॉडल, नवाचारों और जनभागीदारी आधारित योजनाओं ने विशेष पहचान बनाई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा प्रस्तुत बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे अभिनव आयोजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया। बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने प्रस्तुतीकरण की शुरुआत राज्य में सुशासन की संस्थागत पहल से की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ का गठन कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। ‘अटल मॉनिटरिंग पोर्टल’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से योजनाओं की निगरानी की जा रही है, जिससे शिकायतों का समाधान निर्धारित समय में संभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर ईमानदारी व संवेदनशीलता से लागू करना है।

बैठक में केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को छत्तीसगढ़ में ग्रामसभा, जनसंवाद और तकनीक के माध्यम से आमजन तक पहुँचाया गया है।

बैठक का सबसे प्रेरक क्षण तब आया जब मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम पर विशेष प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेलोगे इंडिया, जीतोगे इंडिया’ मंत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने इसे धरातल पर साकार किया है। बस्तर ओलंपिक अब सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति बन चुका है — जिसने युवाओं के हाथों से बंदूकें छीनकर गेंद, भाला और तीर थमा दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों से 1.65 लाख प्रतिभागियों ने भाग लिया। तीन चरणों — विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित यह प्रतियोगिता 11 पारंपरिक खेलों जैसे तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी, दौड़, रस्साकसी आदि पर केंद्रित थी। चार श्रेणियों — जूनियर, सीनियर, महिला और दिव्यांग — में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।

मुख्यमंत्री साय ने दोरनापाल के पुनेन सन्ना का उदाहरण साझा किया, जो कभी नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्र से थे, पर आज व्हीलचेयर दौड़ में पदक जीतकर पूरे समाज के लिए प्रेरणास्तंभ बन गए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह आयोजन केवल खेल नहीं, बल्कि बस्तर की आत्मा का उत्सव है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर पंडुम उत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने न केवल आदिवासी संस्कृति, लोककलाओं और परंपराओं को संरक्षित किया, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय मंच भी प्रदान किया। इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों की 1,885 ग्राम पंचायतों के 1,743 सांस्कृतिक दलों और 47,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। लोकनृत्य, गीत-संगीत, हाट-बाजार, पकवान प्रतियोगिताएं जैसे विविध रंगों से सजा यह उत्सव बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक को जोड़ते हुए बस्तर की एकता, पहचान और विकास का प्रतीक बन गया। सरकार द्वारा 2.4 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस आयोजन ने उत्सव और खेल के माध्यम से सकारात्मक भविष्य की नई चेतना जगाई है।

बैठक में जिन राज्यों को अपनी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण का अवसर मिला, उनमें छत्तीसगढ़ का ‘बस्तर मॉडल’ बेहद प्रभावशाली रहा। जनभागीदारी, संस्कृति और विकास के इस अनोखे मेल ने सभी को प्रभावित किया। बैठक में सुझाव दिया गया कि जनभागीदारी व सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित ऐसे मॉडल्स को अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन पहलों को अनुकरणीय बताते हुए सुझाव दिया कि ऐसे नवाचार, जो समाज की जड़ों से जुड़ते हों और विकास की दिशा तय करते हों, उन्हें विस्तार दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ के ‘बस्तर मॉडल’ को जिस तरह सराहा गया, उसने यह स्पष्ट किया कि जनसहभागिता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और विकास के समन्वय से किस तरह दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी बदलाव की मजबूत नींव रखी जा सकती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का किया जिक्र

रायपुर-   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने मन की बात की 122वीं कड़ी में देश के सामने अपनी बातों को रखा। मन की बात की ये कड़ी छत्तीसगढ़ के लिए काफी खास रही। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि जिस दंतेवाड़ा में कभी माओवाद चरम पर था, वहां आज शिक्षा का परचम लहरा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ में हुए बस्तर ओलंपिक और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में साइंस लैब के बारे मे जिक्र किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों में साइंस का पैशन है और वो खेलों में भी कमाल कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने बस्तर क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा है कि इस तरह के प्रयासों से पता चलता है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग कितने साहसी होते हैं। इन लोगों ने तमाम चुनौतियों के बीच अपने जीवन को बेहतर बनाने की राह चुनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे यह जानकार भी बहुत खुशी हुई कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में दंतेवाड़ा जिले के नतीजे बहुत शानदार रहे हैं। करीब पंचानबे ( नाइंटी पाइव) प्रतिशत रिजल्ट ये जिला 10वीं के नतीजों में टॉप पर रहा, वहीं 12वीं की परीक्षा में इस जिले ने छत्तीसगढ़ में छठा स्थान हासिल किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से बस्तर क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे बदलाव हम सभी को गर्व से भर देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा मन की बात की 122वीं कड़ी में बस्तर क्षेत्र और दंतेवाड़ा का जिक्र करने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की सरकार प्रधानमंत्री के विकसित भारत के नक्शे कदम पर चल रही है और विकसित छत्तीसगढ़ इस अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाएगा।