अमेरिकी धरती से शशि थरूर ने आतंकवाद पर दुनिया को दिया संदेश, बोले-भारत बुरी ताकतों के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा
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भारत ने पाकिस्तान की करतूत से पूरी दुनिया को वाकिफ कराने का अभियान शुरू किया है। इसी मिशन के तहत पाकिस्तान को बेनकाब करने अमेरिका पहुंचे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया कि कैसे देश पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही कांग्रेस सांसद ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए भारत के कदम की सराहना भी की। अमेरिका से दुनिया को संदेश दिया कि भारत अपने उपर हमला करने वाली बुरी ताकतों के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा।
सीमापार से फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भारत के पक्ष को वैश्विक स्तर पर रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर में दौरा कर रहा है। शशि थरूर की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के लोगों से आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ आपसी एकजुटता और मजबूती के साथ खड़े होने का आह्वान किया। उन्होंने 9/11 मेमोरियल के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि 9/11 मेमोरियल का दौरा इस बात की याद दिलाता है कि अमेरिका की तरह भारत भी आतंकवाद का शिकार है। उन्होंने कहा, हम भारत में भी उन्हीं जख्मों से पीड़ित हैं, जिनके निशान आज आप इस मार्मिक स्मारक में देख रहे हैं। हम एकजुटता की भावना से आए हैं, हम एक मिशन पर भी आए हैं।
वे भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र की लालसा रखते हैं-थरूर
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और अपने लोगों को 21वीं सदी की दुनिया में लाने के लिए अकेले रहना पसंद करेंगे, लेकिन दुख की बात है कि पाकिस्तानियों के लिए हम एक यथास्थितिवादी शक्ति हो सकते हैं, लेकिन वे नहीं हैं... वे भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र की लालसा रखते हैं और वे इसे किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहते हैं। यदि वे इसे पारंपरिक तरीकों से हासिल नहीं कर सकते हैं, तो वे इसे आतंकवाद के जरिए हासिल करने के लिए तैयार हैं, और यह स्वीकार्य नहीं है।
अब कठोर और चतुराई से प्रहार करने का समय-थरूर
थरूर ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, मैं सरकार के लिए काम नहीं करता। मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं, लेकिन मैंने खुद कुछ दिनों के भीतर भारत के एक प्रमुख अखबार में एक लेख लिखा, जिसमें कहा गया कि अब कठोर और चतुराई से प्रहार करने का समय आ गया है और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने ठीक यही किया।
2015 के वाकये का जिक्र
2015 के वाकये का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा, जनवरी 2015 में भारतीय एयरबेस पर हमला हुआ था और हमारे प्रधानमंत्री ने इससे पिछले महीने में पाकिस्तान का दौरा किया था। इसलिए जब यह हुआ, तो वे इतने हैरान हुए कि उन्होंने वास्तव में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को फोन किया और कहा, आप जांच में शामिल क्यों नहीं होते? आइए पता लगाते हैं कि यह कौन कर रहा है।
इस विचार से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान के आतंक की कल्पना करें कि पाकिस्तानी जांचकर्ता भारतीय एयरबेस पर आएंगे, लेकिन, लेकिन वे आए और वे वापस पाकिस्तान चले गए और कहा, ये सब भारतीयों ने खुद किया है। मुझे डर है कि हमारे लिए, 2015 उनके लिए सही व्यवहार करने, सहयोग करने और वास्तव में यह दिखाने का आखिरी मौका था कि वे आतंकवाद को खत्म करने के लिए गंभीर हैं, जैसा कि उन्होंने हर बार दावा किया था।
11 hours ago