कौन हैं तपन कुमार डेका जिसपर मोदी सरकार ने जताया भरोसा? आईबी प्रमुख के तौर पर एक साल का सेवा विस्तार
#ib_director_tapan_deka_gets_one_year_service_extension
केंद्रीय खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के निदेशक तपन डेका को एक साल का अतिरिक्त सेवा विस्तार मिला है। केंद्र सरकार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर तपन कुमार डेका का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। यह फैसला मंगलवार को लिया गया। अब वह जून 2026 तक इस पद पर बने रहेंगे। यह उनका दूसरा विस्तार है। इससे पहले जून 2024 में डेका को एक साल के लिए सेवा विस्तार दिया गया था। वे 2022 से खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख हैं। केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच ये फैसला लिया है।ा लिया है।ा लिया है।
कार्मिक मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने यह फैसला लिया है। तपन कुमार डेका, IPS (HP:88) अब 30 जून, 2025 के बाद भी IB के डायरेक्टर बने रहेंगे। यह विस्तार FR 56 (d) और अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16 (1A) के प्रावधानों में रियायत के आधार पर दिया गया है। सरकार ने कहा है कि वे 30 जून, 2025 से आगे भी या अगले आदेश तक इस पद पर बने रहेंगे।
आतंकवाद से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट
इंटेलिजेंस ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो में लगभग दो दशक तक काम किया। इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख बनने से पहले यानी साल 2022 के पहले आईपीएस तपन डेका इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऑपरेशंस डेस्क के प्रमुख थे। उन्हें आतंकवाद से जुड़े मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है। इस्लामिक कट्टरपंथ और आतंकवाद से जुड़े मामलों में भी उनकी गहरी समझ है।
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में खुफिया अभियानों के माहिर
तपन डेका को सत्ता और खुफिया हलकों में "संकटमोचक" के रूप में जाना जाता है। वे विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में खुफिया अभियानों के माहिर माने जाते हैं। डेका ने आईबी की ऑपरेशंस विंग का दो दशकों से अधिक समय तक नेतृत्व किया और 2008 के 26/11 मुंबई हमलों के दौरान जवाबी कार्रवाई की जिम्मेदारी भी निभाई। वे 2000 के दशक में देशभर में विस्फोटों को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के खिलाफ अभियानों का नेतृत्व कर चुके हैं। 2019 में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद असम में भड़की हिंसा के दौरान भी डेका को वहां की स्थिति संभालने के लिए तैनात किया गया था।
8 hours ago