ऑपरेशन सिंदूर पर ऑल पार्टी डेलीगेशन में शामिल हुई टीएमसी, युसुफ पठान की जगह लेंगे अभिषेक बनर्जी
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केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। इस संसदीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर पर बने डेलीगेशन में टीएमसी पार्टी से शामिल होने वाले नेता को लेकर विवाद छिड़ गया था। पहले सांसद यूसुफ पठान का नाम केंद्र की तरफ से पेश किया गया था, लेकिन पार्टी की तरफ से सवाल उठाए जाने पर अब अभिषेक बनर्जी के नाम पर मुहर लग गई है।
टीएमसी ने क्या कहा?
टीएमसी ने 'एक्स' पर लिखा, 'हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक पहुंच के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को नामित किया है।'
तृणमूल ने आगे कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए, अभिषेक बनर्जी का प्रतिनिधिमंडल से जुड़ना दृढ़ विश्वास और स्पष्टता दोनों लाता है। उनकी उपस्थिति न केवल आतंकवाद के खिलाफ बंगाल के दृढ़ रुख को दर्शाएगी, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की सामूहिक आवाज को भी मजबूत करेगी।
यूसुफ पठान के नाम पर सियासत
इससे पहले जब केंद्र की तरफ से यूसुफ पठान के नाम का ऐलान किया गया था तब सीएम ममता बनर्जी ने यह बात साफ कर दी थी कि प्रतिनिधिमंडल में पार्टी की तरफ से कौन शामिल होगा, इसके लिए नाम जानने के लिए पार्टी से नहीं पूछा गया। उन्होंने केंद्र सरकार को लेकर कहा, वो अपने आप सदस्य का नाम तय नहीं कर सकते। यह उनकी पसंद नहीं है, पार्टी फैसला करेगी।
इसी के साथ जिस समय यूसुफ पठान का नाम सामने आया तभी अभिषेक बनर्जी का भी बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था, केंद्र को विपक्ष के साथ चर्चा करके यह तय करना चाहिए था कि कौन सा प्रतिनिधि भेजना है। बनर्जी ने कहा, केंद्र सरकार तृणमूल के प्रतिनिधि का फैसला कैसे कर सकती है? उन्हें यह तय करने के लिए विपक्ष के साथ चर्चा करनी चाहिए थी कि कोई पार्टी कौन सा प्रतिनिधि भेजेगीठ
59 सदस्यों वाला डेलिगेशन दुनिया को देंगे भारत का संदेश
इस 59 सदस्यों वाले डेलिगेशन में 51 नेता और 8 राजदूत हैं। एनडीए के 31, कांग्रेस के 3 और 20 दूसरे दलों के हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। वहां ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख रखेगा। डेलिगेशन कब रवाना होगा, फिलहाल इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, डेलिगेशन के 23 या 24 मई को भारत से रवाना होने की बात कही जा रही है। इस डेलिगेशन को 7 ग्रुप में बांटा गया है। हर ग्रुप में एक सांसद को लीडर बनाया गया है। प्रत्येक ग्रुप 8 से 9 सदस्य हैं। इनमें 6-7 सांसद, सीनियर लीडर (पूर्व मंत्री) और राजदूत शामिल हैं। सभी डेलिगेशन में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि को रखा गया है। चाहे वह राजनेता हो गया राजदूत हो।
इन नेताओं को मिली कमान
कांग्रेस सांसद शशि थरूर को अमेरिका सहित 5 देश जाने वाले डेलिगेशन की कमान सौंपी गई है। ग्रुप 1 की कमान भाजपा सांसद बैजयंत पांडा, ग्रुप 2 की जिम्मेदारी भाजपा के रविशंकर प्रसाद, ग्रुप 3 JDU के संजय कुमार झा, ग्रुप 4 शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे, ग्रुप 5 शशि थरूर, ग्रुप 6 डीएमके सांसद कनिमोझी और ग्रुप 7 की जिम्मेदारी एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के हाथ है।
8 hours ago