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‘नगर सुराज संगम’ के समापन सत्र में बोले मुख्यमंत्री – जनता का विश्वास, आपके अच्छे कार्यों का इनाम है

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से शहरों में सुराज के लिए काम करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि आपके शहर की जनता ने आप पर विश्वास कर शहर के विकास और जन सुविधाएं विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। आप लोग इस अवसर का सदुपयोग करें, निष्ठा और जवाबदेही के साथ अपने कर्तव्यों को निभाएं। अच्छा काम करने वालों को जनता लगातार अपना आशीर्वाद देकर आगे बढ़ने का मौका देती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज शाम नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम-सह-कार्यशाला ’’नगर सुराज संगम’’ के समापन सत्र में ये बातें कहीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों और नगरीय प्रशासन विभाग के मैदानी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शहरों को सुंदर, स्वच्छ और सुविधापूर्ण बनाने की महती जिम्मेदारी आप लोगों के कंधों पर है। इस कार्यशाला में आप लोगों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के साथ ही विभाग की कार्यप्रणाली, योजनाओं व अधिनियमों की जानकारी मिली है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी स्वयं दो घंटे तक मार्गदर्शन दिया है। इस कार्यशाला से नगरीय प्रशासन एवं विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आपके ज्ञान में वृद्धि हुई होगी और यह आपको ज्यादा कुशलता से अपने कार्यों को अंजाम देने में मददगार होगा। श्री साय ने उम्मीद जताई कि इस नगर सुराज संगम से लौटकर हमारे जनप्रतिनिधि अपने-अपने शहरों में सुराज लाने के लिए सक्रियता से काम करेंगे।

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न नगरीय निकायों के चुनाव में अनेक जनप्रतिनिधि पहली बार निर्वाचित होकर आए हैं। उनके लिए विभाग द्वारा दो दिनों के इस प्रबोधन कार्यक्रम-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के पहले दिन राज्य के सभी नगर निगमों के कुल 228 प्रतिनिधि शामिल हुए जिनमें महापौर, सभापति, एमआईसी सदस्य, आयुक्त और वरिष्ठ अभियंता शामिल हैं। वहीं आज दूसरे दिन प्रदेशभर की नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के 477 प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया जिनमें नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी और अभियंता शामिल हैं। इस तरह कुल 705 जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शहरों के विकास का रोडमैप साझा किया गया है। अगले पांच वर्षों की कार्ययोजना पर संवाद के साथ ही बुनियादी सुविधाओं से लेकर संसाधनों के सुप्रबंधन के उपायों पर विमर्श किया गया है।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने कार्यशाला के समापन सत्र में अपने स्वागत संबोधन में बताया कि नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ दो दिनों तक शहरों के विकास और नागरिकों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विस्तार से चर्चा हुई है। कार्यशाला के माध्यम से नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का ओरिएंटेशन किया गया है। विभिन्न सत्रों में प्रबोधन से निकायों की कार्यप्रणाली, योजनाओं और प्रशासकीय प्रक्रियाओं को लेकर नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मन में बेहतर समझ बनी है। नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक आर. एक्का और राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ शशांक पाण्डेय सहित नगरीय प्रशासन विभाग और सुडा के अधिकारी भी कार्यशाला में मौजूद थे।

रायपुर पुलिस ने किया हत्या का खुलासा, दो महिलाएं भी शामिल… ये थी हत्या की वजह

रायपुर-  तिल्दा नेवरा थाना क्षेत्र के ग्राम बेमता में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं, को गिरफ्तार किया है. मृतक लक्ष्मण उर्फ राजू भट्ट की पत्नी रौशनी शर्मा इस हत्या की मुख्य योजनाकर्ता निकली. हत्या का कारण मृतक का शराब पीकर परिवार में बार-बार झगड़ा करना बताया गया.

रौशनी शर्मा ने अपने पुत्र ऋषि शर्मा के जरिए मध्यप्रदेश के कटनी निवासी उमाशंकर शर्मा और मुकेश शर्मा को बुलाया. इन दोनों ने मृतक को बेमता ले जाकर शराब पिलाई और मौका पाकर उमाशंकर ने चाकू से गले पर वार कर उसकी हत्या कर दी, फिर चेहरे पर पत्थर मारा. हत्या के बाद दोनों मध्यप्रदेश फरार हो गए थे.

पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर तिल्दा नेवरा पुलिस और ए.सी.सी.यू. की संयुक्त टीम ने जांच शुरू की. मृतक की पत्नी और पुत्र के बयानों में विरोधाभास मिलने पर उनसे सख्ती से पूछताछ की गई. अंततः रौशनी, उसकी मां कुसुम शर्मा और पुत्र ऋषि ने उमाशंकर और मुकेश के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाना स्वीकार किया.

पुलिस ने फरार उमाशंकर और मुकेश को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल चाकू, पत्थर और एक दोपहिया वाहन जब्त किया गया. प्रकरण में थाना तिल्दा नेवरा में अपराध क्रमांक 175/25, धारा 103(1), 3(5) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया गया.

पूछताछ में महिला अरोपी मृतक की पत्नी रौशनी शर्मा ने बताया कि मृतक लक्ष्मण उर्फ राजू भट्ट शराब पीने का आदी था प्रतिदिन शराब पीकर उसके तथा उसेक पुत्र के साथ लड़ाई झगड़ा करता था जिससे वह अत्यधिक परेशान रहती थी. जिस पर उसके द्वारा अपनी माता महिला आरोपी कुसुम शर्मा को इस संबंध में बताया गया जिस पर दोनो के द्वारा अपने पुत्र के माध्यम से महिला आरोपी रौशनी शर्मा के साथ मध्यप्रदेश कटनी निवासी उमाशंकर शर्मा एवं मुकेश शर्मा को बुलाया गया एवं उनके साथ मिलकर मृतक की हत्या करने की योजना बनाई एवं दिनांक घटना को योजाना के अनुसार उमांशकर शर्मा एवं मुकेश शर्मा द्वारा मृतक लक्ष्मण उर्फ राजू भट्ट को ग्राम बेमता ले गये वहां सभी शराब पिये एवं मौका पाकर उमाशंकर शर्मा द्वारा मृतक लक्ष्मण उर्फ राजू भट्ट के गले में चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दिये तथा उसके चेहरे पर पत्थर पटक दिये थे.

गिरफ्तार आरोपी: 

  • उमाशंकर शर्मा (31 वर्ष), कटनी, मध्यप्रदेश. 
  • मुकेश शर्मा (31 वर्ष), सिवनी, मध्यप्रदेश. 
  • ऋषि शर्मा (20 वर्ष), ढिंढोरी, मध्यप्रदेश. 
  • रौशनी शर्मा (36 वर्ष), तिल्दा नेवरा. 
  • कुसुम शर्मा (60 वर्ष), ढिंढोरी, मध्यप्रदेश.
सेंट्रल जेल में विचाराधीन कैदी की मौत, परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

रायपुर- रायपुर की केंद्रीय जेल से एक चौंकाने वाला सामने आया है, जिसने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 302 के मामले में केंद्रीय जेल में बंद विचाराधीन कैदी की मौत हो गई है. आरोप है कि तीन महीने से बीमार चल रहे विचाराधीन कैदी मोहम्मद सदाफ़ को समय पर इलाज नहीं मिला, जिससे उसकी जान चली गई. मामले में परिजनों ने जांच की मांग की है.

मृतक के भाई राजा ने बताया कि पिछले तीन महीने से सदाफ़ की तबीयत खराब थी. उसे सीने में लगातार दर्द की शिकायत रहती थी और वह कई बार जेल प्रशासन से इलाज की गुहार लगाता रहा. राजा ने आरोप लगाया कि हमने कई बार जेलर से मिलकर इलाज की मांग की, लेकिन सिर्फ गैस की दवा देकर टाल दिया गया. उसे मेकाहारा जैसे बड़े अस्पताल में इलाज की जरूरत थी, लेकिन जेल प्रशासन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई.

परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते उचित इलाज मिलता, तो मोहम्मद सदाफ़ की जान बचाई जा सकती थी. फिलहाल, जेल प्रशासन ने मृतक के शव को परिजन को सौंप दिया है.

हाईवे पर महिला से दिनदहाड़े लूट, दो आरोपी गिरफ्तार, तीसरा अभी भी फरार

मुंगेली- दिनदहाड़े हाईवे -130 (बिलासपुर-रायपुर रोड) पर महिला से पर्स लूट की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को मुंगेली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वारदात के बाद से फरार चल रहे तीन लुटेरों में से दो को दबोचने में पुलिस को सफलता मिली है, जबकि तीसरे की तलाश जारी है.

जानिए पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, घटना 29 अप्रैल की है, जब रायपुर जिले की रहने वाली महिला ईश्वरी कैवर्त अपने बेटे के साथ एक्टिवा से बिलासपुर से तिल्दा लौट रही थी. शाम करीब 4:50 बजे चंद्रखुरी ओवरब्रिज के पास एक बिना नंबर की पल्सर बाइक पर सवार तीन युवकों ने तेज रफ्तार में बगल से आकर महिला के हाथ से पर्स छीन लिया और भाग निकले. पर्स में 21,000 रुपये नकद, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और अन्य सामान थे.

एसपी ने किया था विशेष टीम का गठन

शिकायत के बाद मुंगेली पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल (भा.पु.से.) के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा एवं डीएसपी पथरिया नवनीत पाटिल के मार्गदर्शन में साइबर सेल और थाना सरगांव की संयुक्त टीम ने तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर सूचना के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ़्तार किया.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

  1. विकास यादव (19 वर्ष), निवासी ग्राम अमने (थाना कोटा), वर्तमान निवासी ग्राम डिघोरा थाना हिर्री, बिलासपुर
  2. मंजित जांगड़े (19 वर्ष), निवासी ग्राम डिघोरा, थाना हिर्री, बिलासपुर

लूट के रकम को आपस में बांट लिया था

पूछताछ में दोनों ने जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि छीने गए 21,000 रुपये को आपस में बाँट लिया था और मोबाइल मंजित के पास रखा था. बरामदगी में 4,950 रुपये नकद, छीना गया ओप्पो मोबाइल फोन और वारदात में प्रयुक्त पल्सर मोटरसाइकिल शामिल है. अन्य दस्तावेजों को उन्होंने घटनास्थल के पास खेत में फेंक दिया था.दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है. फिलहाल तीसरा आरोपी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीम जुटी हुई है.

RTE Admission 2025-26 : निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए पहले चरण की लॉटरी प्रक्रिया पूरी, 33 जिलों में 9194 बच्चों में से 6583 का हुआ चयन

रायपुर- राज्य में शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से चल रही लॉटरी प्रक्रिया के तहत मंगलवार को पहले चरण के दूसरे दिन 10 जिलों की लॉटरी निकाली गई. इससे पहले सोमवार को 23 जिलों की लॉटरी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है.

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा रायपुर में आयोजित इस लॉटरी प्रक्रिया में कुल 1113 निजी स्कूलों में 7953 सीटों के लिए लॉटरी निकाली गई. इन सीटों के लिए 9194 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें दस्तावेज सत्यापन के बाद 6583 आवेदन पात्र पाए गए.

प्रदेश में कुल 6628 निजी स्कूल पंजीकृत हैं, जिनमें आरटीई के तहत 52,007 सीटें आरक्षित हैं. इस वर्ष 33 जिलों से 1,05,372 आवेदन प्राप्त हुए हैं. लोक शिक्षण संचालनालय ने लॉटरी प्रक्रिया के पहले चरण को पारदर्शी और कंप्यूटराइज्ड तरीके से पूरी कर ली है.

पहले चरण में इन जिलों की निकाली गई लॉटरी

कपड़े के लिए दो बहनों में हुआ विवाद, मां ने फटकार लगाई तो 13 साल की बेटी ने लगा ली फांसी

कोरबा- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से दुखद खबर सामने आई है. कपड़े को लेकर दो सगी बहनों में विवाद होने पर मां ने दोनों बेटियों को फटकार लगाई. इसके बाद 13 वर्षीय एक बेटी ने फांसी लगाकर जान दे दी. यह मामला कुसमुंडा पुलिस थाना क्षेत्र के आनंद नगर का है.

प्रियांशी जायसवाल ने घर में फंदा बनाकर खुदकुशी की है. वहीं अस्पताल की लापरवाही भी सामने आई है, मेमो मिलने में विलंब होने के कारण 17 घंटे बाद बच्ची का पोस्टमार्टम हुआ है. पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.

रमेश जयसवाल ने बताया कि प्रियांशी आठवीं कक्षा में पढ़ाई करती थी. पढ़ाई-लिखाई में वह काफी होशियार थी, लेकिन उसका गुस्सा भी काफी तेज था. इस बात का अंदाजा नहीं था कि प्रियांशी इस तरह से घातक कदम उठा लेगी.

अधेड़ और युवती की एक ही फंदे से लटकी मिली लाश, इलाके में सनसनी, जांच में जुटी पुलिस

धरसींवा- बेमेतरा जिले के चटवा गांव से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां रायपुर के धरसींवा निवासी एक 50 वर्षीय अधेड़ और 19 वर्षीय युवती की लाश एक ही फंदे से पेड़ पर लटकी हुई मिली है. दोनों के शव एक साथ मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है.

यह मामला बेरला थाना क्षेत्र का है. जानकारी के अनुसार, मृतक रामजी साहू धरसींवा के कूंरा गांव में गिफ्ट सेंटर संचालित करता था. मृतिका भी कुछ वर्षों से उसी गिफ्ट सेंटर में कार्यरत थी. रामजी की पत्नी कूंरा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है.

बेरला थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने चटवा गांव के एक पेड़ पर दो शव लटके हुए देखा और घटना की सूचना पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी मशीन की सहायता से शवों को पेड़ से नीचे उतरवाया गया. प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है. हालांकि, घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. आत्महत्या के कारणों को लेकर जांच जारी है.

जांच में यह बात सामने आई है कि मृतक रामजी साहू और युवती 3 मई को घर से निकले थे. 4 मई को धमधा में उन्हें एटीएम से पैसे निकालते हुए देखा गया, जिसके बाद उन्होंने एक नई साइकिल भी खरीदी. इसके बाद से दोनों लापता थे. जिसके बाद आज सुबह दोनों के पेड़ पर एक साथ लटके हुए मिले. फिलहाल, पुलिस मामले दर्ज कर इसकी गहराई से जांच कर रही है.

रिटायर्ड फौजी के घर चोरों ने बोला धावा: लाखों के आभूषण और नकदी पर किया हाथ साफ, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

जगदलपुर- देश की सीमाओं पर सालों तक डटकर सेवा करने वाले एक पूर्व फौजी के घर को चोरों ने अपना निशाना बना लिया। घटना 3 और 4 मई की दरम्यानी रात की है, जब पल्ली नाका क्षेत्र में स्थित रिटायर्ड फौजी सोनू सिंह के सूने मकान में सेंधमारी हुई। चोर घर से करीब 25 तोला सोने के जेवरात और ₹20,000 नकद लेकर फरार हो गए।

घटना के समय सोनू सिंह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में नाइट ड्यूटी पर थे और उनकी पत्नी व बच्चे मायके गए हुए थे। अगली सुबह जब वह घर लौटे, तो दरवाजा टूटा हुआ और अलमारी का सामान बिखरा पड़ा था, जिसे देख उनके होश उड़ गए।

पुलिस पर लापरवाही का आरोप

पीड़ित सोनू सिंह ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना तत्काल डायल 112 पर दी गई, लेकिन पुलिस ने करीब 24 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की। यही नहीं, एफआईआर में केवल उन्हीं आभूषणों का ज़िक्र किया गया जिनकी रसीदें सोनू सिंह दिखा पाए। बाकी गहनों को “अनवेरिफाइड” बताकर नकार दिया गया। पुलिस का दावा है कि कुल 15 तोला सोना चोरी हुआ है, जबकि पीड़ित सोनू सिंह का कहना है कि चोरी गए गहनों की कुल मात्रा 25 तोला है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने पुराने सोने के रेट के अनुसार आभूषणों का मूल्यांकन किया, जबकि वर्तमान कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के करीब है।

मामले में बस्तर एएसपी माहेश्वर नाग ने कहा, “चोरी की जांच चल रही है, बहुत जल्द चोर पकड़े जाएंगे और सामान वापस मिलेगा।”

अवैध विज्ञापन बोर्ड लगाने वालों की खैर नहीं, आचार्य इंस्टीट्यूट पर लगा 50 हजार का जुर्माना, 24 घंटे के भीतर भुगतान करने के निर्देश

बिलासपुर- अवैध विज्ञापन बोर्ड लगाने वालों की अब खैर नहीं है। निगम का उल्लंघन करने पर बिलासपुर नगर निगम ने आचार्य इंस्टीट्यूट पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। आचार्य इंस्टीट्यूट ने नगर निगम से अनुमति लिए बिना ही शहर के बिजली और स्ट्रीट लाइट के खंभों के साथ ही अन्य सार्वजनिक स्थलों में अपने इंस्टीट्यूट का विज्ञापन बोर्ड लगाए थे। इंस्टीट्यूट द्वारा होर्डिंग्स, बैनर,पोस्टर के माध्यम से अपने संस्था का प्रचार प्रसार किया जा रहा था. इस पर निगम ने कार्रवाई की है।

संस्था की ओर से बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स बनवाकर खंभों, सार्वजनिक स्थलों के साथ सरकारी संपत्तियों का उपयोग विज्ञापन के लिए किया जा रहा था। आचार्य इंस्टीट्यूट को भेजे नोटिस में निगम ने कहा है कि आपके द्वारा नगर पालिक निगम बिलासपुर क्षेत्रांतर्गत शहर के विभिन्न चौक चौराहों, पेड़-पोधों एवं शासकीय संपत्तियों में बिना नगर निगम के अनुमति के अवैध रूप से विज्ञापन होर्डिंग्स /विज्ञापन बोर्ड / फलैक्स/बैनर लगाकर विज्ञापन कार्य किया जा रहा है, जो विज्ञापन (पंजीयन एवं विनियमन) आदर्श उपविधि 2012 का सरासर उल्लंघन है तथा शासकीय / सार्वजनिक संपत्तियों को विरूपित करने का कार्य किया गया है।

आचार्य इंस्टीट्यूट को जारी आदेश में कहा गया है कि आपके द्वारा बिलासपुर शहर के शासकीय/ सार्वजनिक संपत्तियों पर लगाए गए सभी अवैध विज्ञापन होर्डिंग्स /विज्ञापन बोर्ड/फलैक्स/बैनर को नगर निगम ने अपने संसाधन / श्रमिकों के माध्यम से हटाया है, जिसके लिए आपके उपर 50 हजार रुपए की जुर्माना राशी लगाई जाती है। नगर निगम ने भविष्य में फिर नियमों का उल्लंघन नहीं करने कहा गया है। साथ ही 24 घण्टे के अंदर जुर्माना राशि निगम कोष में जमा करने कहा गया है अन्यथा संस्थान को सील करने एवं अन्य विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

प्रतिष्ठित वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय अधिवक्ता बने भुवन ऋभु

रायपुर- प्रख्यात बाल अधिकार कार्यकर्ता व अधिवक्ता भुवन ऋभु को वर्ल्ड लॉ कांग्रेस में वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन ने प्रतिष्ठित ‘मेडल ऑफ ऑनर’ पुरस्कार से सम्मानित किया. ऋभु यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान पाने वाले पहले भारतीय अधिवक्ता हैं. इस वर्ल्ड लॉ कांग्रेस में 70 देशों के 1500 से ज्यादा विधिक क्षेत्र के दिग्गजों व 300 वक्ताओं ने हिस्सा लिया, जहां दुनिया की इस सबसे पुरानी ज्यूरिस्ट एसोसिएशन ने कानूनी हस्तक्षेपों और जमीनी लामबंदियों के जरिए बच्चों और उनके अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में दो दशक से जारी संघर्षों और उपलब्धियों के लिए भुवन ऋभु को सम्मानित किया. यह कांग्रेस डोमिनिकन रिपब्लिक में 4 से 6 मई के बीच संपन्न हुई.

वर्ष 1963 में स्थापित वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन दुनिया के विधिवेत्ताओं की सबसे पुरानी संस्था है जिसने न्याय के शासन की स्थापना में अपने योगदान के लिए विंस्टन चर्चिल, नेल्सन मंडेला, रूथ बेडर गिन्सबर्ग, स्पेन के राजा फेलिप षष्टम्, रेने कैसिन और कैरी कैनेडी जैसी ऐतिहासिक हस्तियों को सम्मानित किया है. भुवन ऋभु के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में दायर 60 से ज्यादा जनहित याचिकाओं के नतीजे में कई ऐतिहासिक फैसले आए हैं जिसने देश में बाल अधिकार व बच्चों की सुरक्षा का पूरा परिदृश्य बदल दिया है. वे वैश्विक विस्तार की ओर अग्रसर नागरिक समाज संगठनों के दुनिया के सबसे बड़े कानूनी हस्तक्षेप नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के संस्थापक हैं.

पुरस्कार स्वीकार करते हुए भुवन ऋभु ने कहा, “न्याय की लड़ाई में बच्चों को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. कानून उनकी ढाल और न्याय उनका अधिकार होना चाहिए.” डोमिनिकन रिपब्लिक के श्रम मंत्री एडी ओलिवारेज ऑर्तेगा और वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जेवियर क्रेमाडेस ने उन्हें ‘मेडल ऑफ ऑनर’ प्रदान किया. इस अवसर पर डोमिनिकन रिपब्लिक की महिला मंत्री मायरा जिमेनेज भी उपस्थित थीं.

कानूनी हस्तक्षपों और पैरोकारियों से भुवन ऋभु भारत की बाल संरक्षण व्यवस्था में बदलाव के एक प्रमुख सूत्रधार रहे हैं. उन्होंने बाल विवाह, बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल श्रम और बाल यौन शोषण के विरुद्ध कानूनी मुहिमों और जमीनी कार्रवाइयों का नेतृत्व किया है. उनके सतत प्रयासों के नतीजे में भारत में बाल विवाह के खात्मे की दिशा में प्रणालीगत सुधार देश को 2030 तक देश से इस कुप्रथा के अंत के लिए निर्णायक बिंदु की ओर ले जा रहे हैं. वे 2030 तक दुनिया से बाल विवाह के खात्मे के लिए वैश्विक आंदोलन में भी अग्रणी किरदार हैं.

ऋभु के संघर्षों और उपलब्धियों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए डब्ल्यूजेए के अध्यक्ष जेवियर क्रेमाडेस ने कहा, “भुवन ऋभु का दृढ़ता से मानना है कि न्याय लोकतंत्र का सबसे मजबूत खंभा है और उन्होंने पूरा जीवन देश में व पूरे विश्व में बच्चों और यौन हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए समर्पित कर दिया है. उनके प्रयासों ने लाखों-महिलाओं और बच्चों को बचाने के साथ ही एक ऐसा कानूनी ढांचा निर्मित किया है जिससे आने वाली पीढ़ियां भी सुरक्षित रहेंगी. यह पुरस्कार कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बच्चों के लिए एक निरापद और बेहतर दुनिया बनाने के उनके प्रयासों का सम्मान है.”

एक राष्ट्रीय अभियान का वैश्विक असर

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के संस्थापक भुवन ऋभु की जनहित याचिकाओं और कानूनी हस्तक्षपों का असर ये है कि आज देश में बच्चों के खिलाफ अपराध की रोकथाम और अभियोजन के तरीकों में आमूल बदलाव आया है. ऋभु की सर्वोच्च न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर 60 से भी अधिक जनहित याचिकाओं पर ऐतिहासिक फैसले आए हैं. वर्ष 2011 में उनकी जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैफिकिंग को संयुक्त राष्ट्र के प्रोटोकाल के अनुरूप परिभाषित किया. इसी तरह 2013 में गुमशुदा बच्चों के मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला आया.

भुवन ऋभु ने ऑनलाइन और असली जीवन, दोनों में बाल यौन शोषण के विरुद्ध कानूनी और नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. इसमें एक याचिका पर बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार संबंधी सामग्री (सी-सीम) को डाउनलोड करने, देखने को अपराध घोषित करने का फैसला भी शामिल है. उन्होंने बाल बलात्कार के मामलों में अपराधियों की सजा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी बदलावों और देश से बाल विवाह की समाप्ति के लिए कानूनी रूपरेखा तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाई है.

ऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन : टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज” में बाल विवाह के खात्मे के लिए पिकेट रणनीति के रूप में एक समग्र खाका पेश किया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में जारी दिशानिर्देशों में एक व्यापक मार्गदर्शिका के तौर पर मान्यता दी.