"गांव की समस्या, गांव में समाधान": उप मुख्यमंत्री मौर्य की ग्राम चौपाल पहल से गांवों में तेजी से हो रहा समस्याओं का समाधान
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास को नया आयाम देने के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में एक अनूठी पहल -"ग्राम चौपाल" - को पूरे प्रदेश में प्रभावी ढंग से संचालित किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत हर शुक्रवार को प्रत्येक विकास खंड की दो ग्राम पंचायतों में चौपालों का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है - गांव की समस्या का समाधान गांव में ही।
सरकार खुद जनता के दरवाज़े तक पहुँच रही है। इन ग्राम चौपालों में न सिर्फ ग्रामीणों की व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान हो रहा है, बल्कि सार्वजनिक मुद्दों, योजनाओं की प्रगति, और परियोजनाओं की निगरानी भी की जा रही है। चौपालों से पहले ग्रामों में विशेष सफाई अभियान भी चलाया जाता है और इनके आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री मौर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम चौपालों का आयोजन सुनियोजित और पारदर्शी तरीके से किया जाए, और इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के नए पात्र लाभार्थियों के चयन में भी अहम भूमिका निभाई जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पात्र लाभार्थियों के चयन की समय सीमा 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 30 अप्रैल 2025 कर दी गई है।
ग्राम्य विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले शुक्रवार को प्रदेश की 1335 ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालों का आयोजन हुआ, जिनमें 3069 प्रकरणों का समाधान मौके पर ही कर दिया गया। इस दौरान 3326 ब्लॉक स्तरीय अधिकारी/कर्मचारी और 5830 ग्राम स्तरीय कर्मचारी उपस्थित रहे। इन चौपालों में 67,000 से अधिक ग्रामीणों ने भाग लिया।
आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग, जी.एस. प्रियदर्शी के अनुसार, जनवरी 2023 से अब तक 1.36 लाख से अधिक ग्राम चौपालों का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें 90 लाख 57 हजार से अधिक ग्रामीणों ने सहभागिता की है और 4 लाख 97 हजार से अधिक समस्याओं का निस्तारण किया गया है।
यह पहल प्रदेश सरकार के "जनभागीदारी से जनकल्याण" के विज़न को धरातल पर साकार कर रही है।
Apr 28 2025, 11:34