*उर्स की पहली शाम शहीदों के नाम समर्पित : सलमान चिश्ती*
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पहलगाम में शहीद को हुए लोगों के लिए 2 मिनट का रखा गया मौन
गोरखपुर। हजरत बाबा मुबारक खान शहीद (र.अ) के सालाना उर्स व मेला के मौके पर अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन सैयद सलमान चिश्ती ने अजमेर दरगाह शरीफ से गिलाफ़ पेश किया और हमारे भारत देश में अमन प्यार और एकता के लिए दुआ में शामिल पीठाधीश्वर गोस्वामी सुशील महाराज जी ललित रेड्डी और दरगाह कमेटी के अध्यक्ष इकरार अहमद के साथ सभी जायरीनों (श्रद्धालुओं) ने आतंकवाद और दहशतगदो के खिलाफ आवाज बुलंद करके पहलगाम जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में शहीदों के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया और घायलों के परिवार के लिए दुआ भी की गई।
आपको बताते चले कि अजमेर से आये सैय्यद सलमान चिश्ती ने उर्स की पहली शाम को पहलगाम हमले के मद्देनजर शहीदों के नाम समर्पित किया।
उर्स के मौके पर यादगारे स्मारिका का भी विमोचन हुआ
सूफी संतों की सरजमी से हमेशा अमन व शांति का पैगाम जाता रहा है हर जरूरतमंद अपनी मुरादों को लेकर बाबा की दरगाह पर आते हैं इस ऐतिहासिक दरगाह के बगल में ईदगाह दी है ईदगाह पर लगने वाली मेल को देखकर मुंशी प्रेमचंद ने अपनी ईदगाह कहानी लिखी थी। सूफिज्म की शुरुआत से लेकर ऐतिहासिक यादों को संजोना के लिए इस मलिक का भी विमोचन अतिथियों ने किया।
देर रात तक देशभक्ति गीतों की सजी रही क़व्वाली महफ़िल
दरगाह मुबारक खान शाहिद कि उर्स के मौके पर अंतर्राष्ट्रीय कव्वाल सलीम जावेद और शरीफ परवाज ने पहलगाम में हुई आतंकी घटना में शहीद हुए लोगों को अपनी खिराजे अकीदत ( श्रद्धांजलि) पेश करते हुए देश भक्ति कव्वाली पढ़ी गई और हिंदू मुस्लिम एकता को जोड़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय कव्वाली मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं के दिल में देशभक्ति की भावना को प्रेरित किया देर रात तक कव्वाली की महफिल सजी रही।
उर्स के मौके पर मंच पर दिखा सर्वधर्म संसद
सर्वधर्म संसद के पीठाधीश्वर गोस्वामी सुशील महाराज जी ने दरगाह मुबारक खान शहीद के उर्स व मेला के मौके पर कौमी एक जेहती की मिसाल पेश करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकास कार्यों की तारीफ की उन्होंने कहा कि गोरखपुर में आया हूं यहां की जो तस्वीर दिख रही है वाकई में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिल रही है इस मंच पर सभी धर्म संप्रदाय के लोग एक साथ आज भी मौजूद। पहलगाम में हुई आतंकी घटना पर उन्होंने कहा कि इसे किसी एक मजहब से जोड़ करना देखा जाए। यहां इंसानियत का खून हुआ। दहशत गर्ग का कोई धर्म मजहब नहीं होता।
वरिष्ठ समाजसेवी जी लैलेश रेड्डी ने कहा कि हिंदुस्तान की खूबसूरती है कि यहां पर सभी धर्म संप्रदाय के लिए एक साथ मिलकर रहते हैं दरगाह के उर्स के मौके पर वह तस्वीर यहां देखने को मिल रहा है।
सैयद सलमान चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का पैगाम है कि मोहब्बत सबसे नफरत किसी से नहीं। पहलगाम में हुई घटना की हम मजम्मत ( विरोध) करते हैं।
दरगाह मुबारक दरगाह कमेटी के अध्यक्ष इकरार अहमद नायब सदर शमशीर अहमद,सरपरस्त हाजी खुर्शीद खान ,हाजी कलीम फ़र्ज़न्द,सैय्यद शहाब, अहमद हसन,रमजान खान, कुतुबुद्दीन खान, हमजा खान,अब्दुल्ला, इरशाद बग्गी, पार्षद समद गुफरान समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
Apr 27 2025, 20:01