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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ सुनी ‘मन की बात’ की 121वीं कड़ी

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 121वीं कड़ी का श्रवण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मन की बात’ को जनजागरण और राष्ट्र निर्माण का एक सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम देशवासियों को सकारात्मक दिशा प्रदान करने और जनभागीदारी को बढ़ावा देने का अद्वितीय मंच है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार और संदेश आज पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। ‘मन की बात’ के माध्यम से देश के कोने-कोने में हो रहे नवाचारों, सामाजिक पहलों और सकारात्मक परिवर्तनों की जानकारी आमजन तक पहुँचती है, जिससे पूरे समाज में जागरूकता और ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल प्रेरणा देता है, बल्कि समाज में सक्रिय भागीदारी और रचनात्मक परिवर्तन को भी प्रोत्साहित करता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बार ‘मन की बात’ में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थापित विज्ञान केन्द्र की विशेष रूप से सराहना की है। उन्होंने इसे प्रदेश के लिए गर्व का विषय बताते हुए प्रधानमंत्री के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि आज भारत के युवा तेजी से साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इलाके, जो कभी पिछड़ेपन और हिंसा के लिए पहचाने जाते थे, अब नवाचार के केन्द्र बन रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थापित विज्ञान केन्द्र की सराहना करते हुए कहा कि जहाँ कभी हिंसा और अशांति का साया था, वहाँ आज बच्चे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दंतेवाड़ा का विज्ञान केन्द्र आज पूरे देश का ध्यान आकर्षित कर रहा है, जहाँ बच्चों को थ्री-डी प्रिंटर, रोबोटिक कार जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से परिचित कराया जा रहा है। बच्चों का तकनीक के प्रति यह जुड़ाव भारत के उज्ज्वल भविष्य की दिशा को दर्शाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विज्ञान और नवाचार के प्रति देश के युवाओं में बढ़ता आकर्षण भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दंतेवाड़ा का विज्ञान केन्द्र अब वैज्ञानिक चेतना और नवाचार का केन्द्र बन रहा है, जो विशेषकर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को विज्ञान, तकनीक और नवाचार की दुनिया से जोड़ने का प्रेरक माध्यम बन गया है। प्रधानमंत्री द्वारा की गई यह सराहना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए एक उत्साहवर्धक संकेत है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों से संवाद करते हैं और देश भर में हो रहे सकारात्मक प्रयासों को साझा कर एक प्रेरक वातावरण तैयार करते हैं।

इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष सौरभ सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'मन की बात' कार्यकम में दंतेवाड़ा विज्ञान केन्द्र की प्रशंसा छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्र, जो कभी हिंसा के लिए जाने जाते थे, आज विज्ञान और नवाचार के प्रतीक बन रहे हैं। प्रधानमंत्री जी की सराहना से प्रदेश के बच्चों और युवाओं को विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलेगी। यह छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
— मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय


रायपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 11 लाख की ठगी के मुख्य आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार

रायपुर- रायपुर रेंज साइबर थाने ने साइबर अपराधों के खिलाफ ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली से तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा के निर्देश पर की गई, जिन्होंने साइबर अपराधियों के खिलाफ तकनीकी साक्ष्य एकत्र कर उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया था.

प्रकरण की शुरुआत तब हुई, जब रायपुर के डॉ. प्रकाश गुप्ता ने थाना आमनाका में शिकायत दर्ज की कि शेयर ट्रेडिंग और मुनाफे के नाम पर उनके साथ 11 लाख रुपये की ठगी की गई. इस शिकायत के आधार पर थाना आमनाका में अपराध क्रमांक 433/24, धारा 420, 34, 467, 468, 471 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया. मामले की जांच रायपुर रेंज साइबर थाने को सौंपी गई. प्रारंभिक जांच में चार आरोपियों—पवन सिंह, गगनदीप शर्मा, राजवीर सिंह, और संदीप रात्रा (सभी दिल्ली निवासी) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था.

ऑपरेशन साइबर शील्ड: दिल्ली में छापेमारी

आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश पर साइबर थाने ने तकनीकी विश्लेषण के जरिए मुख्य आरोपियों की पहचान की. इसके बाद एक विशेष पुलिस टीम दिल्ली रवाना हुई. दिल्ली में तीन अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें मुख्य आरोपी हिमांशु तनेजा (29 वर्ष), गणेश कुमार (37 वर्ष), और अंकुश (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया.

छापेमारी के दौरान पुलिस ने प्रकरण से संबंधित दस्तावेज, फर्जी आधार कार्ड, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर, और साइबर अपराधी से अर्जित रकम से खरीदे गए मकान व फ्लैट की जानकारी जब्त की. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे फर्जी कंपनी के नाम पर बैंक खाते खोलकर फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए रकम विदेश भेजते थे, जिसे बाद में वापस प्राप्त कर लिया जाता था.

आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई

पुलिस ने साइबर अपराध से अर्जित रकम से खरीदी गई संपत्तियों के दस्तावेज प्राप्त किए और उन्हें अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है.

किन-किन लोगों को किया गिरफ्तार ?

  • हिमांशु तनेजा (29 वर्ष), पता: 11/07, शालीमार बाग, थाना शालीमार बाग, वेस्ट दिल्ली. 
  • गणेश कुमार (37 वर्ष), पता: जनकपुरी, बी-01, वेस्ट दिल्ली; वर्तमान पता: मकान नंबर आर.जेड.बी. 153, डाबरी एक्सटेंशन, ईस्ट दिल्ली. 
  • अंकुश (26 वर्ष), पता: हाउस नंबर 57, डेयरी वसंत कुंज, मसूदपुर, साउथ वेस्ट दिल्ली.


ओपन परीक्षा में 10वीं का पेपर लीक, 3 अधिकारी निलंबित…

गरियाबंद- फिंगेश्वर विकासखंड के लोहरसी परीक्षा केंद्र में ओपन स्कूल की परीक्षा के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है. 12वीं कक्षा के गृह विज्ञान विषय की परीक्षा में गलती से 10वीं कक्षा का प्रश्न पत्र बांट दिया गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए उप संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ ने कार्रवाई करते हुए तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

निलंबित अधिकारियों में केंद्राध्यक्ष नारायण सिंह चंद्राकर, सहायक केंद्राध्यक्ष तुलसी राम यादव और जिला प्रतिनिधि ऑब्जर्वर नीतू शाह शामिल हैं. निलंबन अवधि के दौरान सभी को जिला शिक्षा कार्यालय गरियाबंद में उपस्थिति देने के निर्देश दिए गए हैं.

देखें आदेश की कॉपी:

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जहां रजिस्ट्री के साथ ही भूमि रिकॉर्ड होगा अपडेट, मंत्री ओपी चौधरी बोले- जनता को भ्रष्टाचार से मिलेगी मुक्ति

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में भूमि पंजीयन और राजस्व नामांतरण प्रक्रिया में ऐतिहासिक सुधार करते हुए देश में एक नई मिसाल कायम की है. छत्तीसगढ़ अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां रजिस्ट्री के तुरंत बाद भूमि रिकॉर्ड अपने आप अपडेट हो जाएगा और हस्ताक्षरित प्रति भी तत्काल प्रदान कर दी जाएगी.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस बदलाव को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि जमीन पंजीयन के संबंध में विभाग द्वारा 10 नए कदम उठाए गए हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी परिवर्तन राजस्व विभाग के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए लागू किया गया ऑटो म्यूटेशन सिस्टम है. पहले रजिस्ट्री हो जाने के बाद भी नामांतरण के लिए लोग सरकारी दफ्तरों पटवारी, आरआई, तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाते थे और उन्हें कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था.

इस समस्या के समाधान के लिए रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर और भुइयां सॉफ्टवेयर के इंटीग्रेशन का एक महत्वपूर्ण तकनीकी कार्य पूरा किया गया है. इसके आधार पर अब रजिस्ट्री होते ही ऑटो म्यूटेशन हो जाएगा. डिजिटल सिग्नेचर युक्त प्रति भुइयां सॉफ्टवेयर में अपलोड हो जाएगी और वह डिजिटल साइन की गई प्रति व्हाट्सएप के माध्यम से क्रेता और विक्रेता को प्राप्त भी हो सकेगी.

इस तरह का क्रांतिकारी परिवर्तन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार ने राजस्व मंत्री और पंजीयन विभाग के मंत्री के रूप में मिलकर सुनिश्चित किया है. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि वास्तविक सेल्स में ऑटो म्यूटेशन करने वाला और हस्ताक्षरित प्रति तत्काल इलेक्ट्रॉनिक मोड से प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य हमारा छत्तीसगढ़ होगा. इससे सरकारी ऑफिसों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि जनता को भ्रष्टाचार से भी मुक्ति मिलेगी. साथ ही आम जनता को पारदर्शिता में वृद्धि का लाभ मिलेगा.

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्व नामांतरण में ऐतिहासिक सुधार

1. छत्तीसगढ़: देश का पहला राज्य

रजिस्ट्री के बाद तत्काल भूमि रिकॉर्ड अपडेट करने वाला देश का पहला राज्य. रजिस्ट्री के बाद भूमि रिकॉर्ड की हस्ताक्षरित प्रति तत्काल प्रदान करने वाला भी पहला राज्य.

2. स्वचालित नामांतरण प्रणाली लागू

रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होते ही राजस्व अभिलेखों (भुइयां सॉफ्टवेयर) में स्वतः नए क्रेता का नाम अपडेट हो जाएगा.

3. रजिस्ट्री और राजस्व सॉफ्टवेयर का इंटीग्रेशन

पृथक मॉड्यूल बनाकर रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर और भुइयां सॉफ्टवेयर को आपस में जोड़ा गया है.

4. भू-राजस्व संहिता में संशोधन

नामांतरण को रजिस्ट्री से जोड़ने हेतु आवश्यक कानूनी संशोधन किए गए हैं.

5. भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी में कमी

संपत्ति की डुप्लीकेट बिक्री और भूमि संबंधी धोखाधड़ी पर रोक लगेगी. न्यायालयों में भूमि विवाद व मुकदमेबाजी में उल्लेखनीय कमी आएगी.

6. नामांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा

नागरिकों को पटवारी और तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी. प्रक्रिया त्वरित, पारदर्शी और सरल बनेगी.

7. लंबित नामांतरण प्रकरणों का समाधान

वर्तमान में लंबित हजारों नामांतरण प्रकरणों का तेजी से निपटारा संभव होगा.

8. रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा

त्वरित नामांतरण से रियल एस्टेट क्षेत्र में विश्वास बढ़ेगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

केंद्रीय राज्य मंत्री, डिप्टी सीएम और विधायकों की मौजूदगी में 37 करोड़ रुपए के निर्माण और विकास कार्यों का हुआ भूमिपूजन और लोकार्पण

मुंगेली- जिले के मदकूदीप स्थित अष्टभुजी गणेश मंदिर परिसर में 36 करोड़ 97 लाख रुपए से अधिक की राशि के विभिन्न निर्माण व विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया गया. इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में सभी नागरिकों से सहयोग की अपील की.

इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि हमारी सरकार क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मार्च को क्षेत्र को करोड़ों रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात दी है. गरीबों के लिए पक्के मकान निर्माण, राशन वितरण और स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय निर्माण जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं. नारी सशक्तिकरण के लिए भी विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं. रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं सड़कों, रेलवे लाइनों और एयरपोर्टों के विस्तार के जरिए क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं को मजबूती दी जा रही है।


पूरी की जा रही है मोदी की गारंटी

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है, तब से प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम किया जा रहा है, विकास के जो काम रूके हुए थे, उसे पूरा किया जा रहा है. मदकूद्वीप मांडूक्य ऋषि का आश्रम है. इसका सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व है. साथ ही यहां की वनस्पतियां कई प्रकार की औषधियों से भरपूर है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास और गौरव को आगे बढ़ाने लगातार प्रयास करेंगे. उन्होंने विभिन्न निर्माण व विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण के लिए क्षेत्रवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी. साथ ही राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मद से क्षेत्र के विकास के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की।

मदकूद्वीप का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व- विधायक कौशिक


बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि मदकूद्वीप का ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व है. यहां मांडूक्य ऋषि का आश्रम है. इसका संरक्षण होना चाहिए. साथ ही गौ संवर्धन के लिए भी विशेष प्रयास होना चाहिए. उन्होंने करोड़ों रुपए के भूमिपूजन और लोकार्पण के लिया उप मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा सलफा-चुनचुनिया मार्ग निर्माण के साथ मदकू द्वीप में रेस्ट हाउस के जीर्णाेद्धार की मांग की. जांजगीर लोकसभा क्षेत्र की सांसद कमलेश जांगड़े ने विकास कार्यों के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि इस स्थान को राष्ट्रीय मंच पर स्थान मिले और पर्यटन के रूप में स्थापित हो. उन्होंने समाज में एक व्यापक जनजागृति लाने और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया।


इस जगह पर हुआ है सत्यमेव जयते का उद्घोष

संत श्री रामरूपदास महात्यागी ने बताया कि मदकूद्वीप का प्राचीन नाम मांडूक्य द्वीप था, यहीं पर मांडूक्य ऋषि ने मुण्डकोपनिषद की रचना की है. इसी उपनिषद में ‘‘सत्यमेव जयते’’ का उद्घोष हुआ है, जो कि भारत का राष्ट्रीय वाक्य है. कलेक्टर कुन्दन कुमार ने जिले के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और युवाओं को कौशल विकास प्रदान करने के साथ ही शासन की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को दिलाना अपनी प्राथमिकता में बताया. उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जिले के विकास के लिए जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, उसके लिए वे सतत प्रयास करेंगे.

इन दिग्गज नेताओं का रहा जमावड़ाइस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी, भाटापारा के पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल, जिला पंचायत सदस्य अम्बालिका साहू ,अफ़सरो में पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद रहे.

36 करोड़ 97 लाख रुपए का भूमिपूजन और लोकार्पणकार्यक्रम में 36 करोड़ 97 लाख 28 हजार रुपए निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया, इनमें 36 करोड़ 65 लाख 11 हजार रुपए का भूमिपूजन तथा 32 लाख 17 हजार रुपए का लोकार्पण शामिल है. लोक निर्माण विभाग मुंगेली संभाग अंतर्गत 284.84 लाख रुपए की लागत से 3.50 किलोमीटर सरगांव से खपरी सड़क मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 375.23 लाख रुपए की लागत से 3.60 किलोमीटर बैतलपुर मदकू मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 446.32 लाख रुपए की लागत से 4.44 किलोमीटर करही से चुनचुनिया मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 2170.36 लाख रुपए की लागत से 12 किलोमीटर सरगांव से साकेत मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण किया जाएगा.

इसके अलावा 117.49 लाख रुपए की लागत से 1.40 किलोमीटर परसदा से केवईया मार्ग का निर्माण कार्य, 150.40 लाख रुपए की लागत से 1.75 किलोमीटर लमती से मचहा मार्ग का निर्माण कार्य, 75.23 लाख रुपए की लागत से ग्राम कंचनपुर में हाईस्कूल भवन निर्माण कार्य, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मुंगेली अंतर्गत 12.66 लाख रुपए व 7.94 लाख रुपए की लागत से मदकूद्वीप में पचरी निर्माण कार्य, 19.64 लाख रुपए की लागत से मदकूद्वीप में रिटेनिंग वॉल एवं पिचिंग कार्य और 05 लाख रुपए की लागत से मदकूद्वीप में सीसी रोड का भूमिपूजन किया गया. इसी तरह मंडी समिति अंतर्गत 32.17 लाख रुपए की लागत से मदकूद्वीप में 1 कवर्ट शेड, सीसी रोड निर्माण और इंटरलाकिंग कांक्रीट ब्लाक का लोकार्पण किया गया.र्पण किया गया.

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ै.

जानिए पाक के रक्षा मंत्री ने अपने बयान में आखिर क्यों किया छत्तीसगढ़ का जिक्र

रायपुर- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत के खिलाफ बयान दिया है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ का भी जिक्र किया है. पाकिस्तानी मीडिया से चर्चा के दौरान आसिफ ने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है और भारत के भीतर ही विभिन्न राज्यों में सरकार के खिलाफ बगावत हो रही है. इसी सिलसिले में उन्होंने छत्तीसगढ़ का उल्लेख करते हुए राज्य में जारी नक्सली हिंसा को ‘बगावत’ बताया.

ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत के नागालैंड, मणिपुर और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में लोग “दिल्ली की सरकार” के खिलाफ हथियार उठा रहे हैं और अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इस सब से कोई लेना-देना नहीं है और भारत को अपने भीतर की समस्याओं के लिए किसी और को दोष नहीं देना चाहिए।


क्या कहा ख्वाजा आसिफ ने?

मीडिया से चर्चा के दौरान ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान का इससे कोई ताल्लुक नहीं है, यह पूरी तरह से भारत के भीतर की स्थिति है. उनकी ‘सो-कॉल्ड रियासतों’ में बगावतें हो रही हैं नागालैंड से लेकर कश्मीर, साउथ में छत्तीसगढ़ और मणिपुर तक. इन सभी जगहों पर दिल्ली की सरकार के खिलाफ लोग अपने हुकूक (अधिकार) मांग रहे हैं.

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भारत की ‘हिंदुत्व वाली सरकार’ अल्पसंख्यकों जिसमें मुसलमान, ईसाई और बौद्ध का शोषण कर रही है, जिसके चलते ऐसी गतिविधियां बढ़ रही हैं. आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी सूरत में आतंकवाद का समर्थन नहीं करता और भारत को अपने आंतरिक मुद्दों के लिए दूसरों को दोष देना आसान लगता है.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने आतंकवाद पर भी मानी गलती

ख्वाजा आसिफ का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब हाल ही में एक ब्रिटिश मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने कबूल किया कि पाकिस्तान पिछले 30 सालों से आतंकवादियों को समर्थन और प्रशिक्षण देता आ रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यह सब अमेरिका और पश्चिमी देशों के इशारे पर किया और अब इसकी कीमत चुका रहा है.

आसिफ ने कहा कि अगर हमने सोवियत यूनियन के खिलाफ युद्ध में भाग न लिया होता और 9/11 के बाद जो हालात बने, वे न बने होते, तो आज पाकिस्तान का रिकॉर्ड साफ होता.

अपहरण और हत्या के मामले में दोषियों की आजीवन कारावास की सजा बरकरार, हाईकोर्ट ने कहा- शव की बरामदगी अनिवार्य नहीं

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने मामले में स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि भले ही मृतक का शव बरामद नहीं हुआ हो, लेकिन साक्ष्यों की पूरी श्रृंखला अभियुक्तों की संलिप्तता की पुष्टि करती है. यदि हर मामले में शव की बरामदगी पर जोर दिया जाएगा तो आरोपी हत्या के बाद शव को नष्ट करने का हर संभव प्रयास करेगा और सजा से बच सकता है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच ने चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, दुर्ग द्वारा 24 फरवरी 2021 को दिए गए निर्णय को सही ठहराया है.

मृतक हरिप्रसाद देवांगन के पुत्र आनंद देवांगन ने 18 जनवरी 2019 को नेवई थाना में अपने पिता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई. जांच के दौरान आरोपियों आकाश कोसरे और संजू वैष्णव की गिरफ्तारी हुई. पूछताछ में उन्होंने हरिप्रसाद का अपहरण कर उसकी हत्या करने और फिर खोरपा गांव के पास खेत में भूसे से उसका शव जलाने की बात स्वीकार की. अभियोजन पक्ष ने अपना पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित किया. आरोपियों के कथन के आधार पर घटनास्थल से मृतक से संबंधित वस्तुएं जैसे जली हुई हड्डियां, टिफिन बॉक्स, आभूषण और व्यक्तिगत सामा बरामद किए गए. इन अवशेषों की फॉरेंसिक और डीएनए जांच करवाई गई. लेकिन डीएनए प्रोफाइल स्पष्ट रूप से नहीं मिल सकी.

फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने गवाही दी कि बरामद हड्डियां मानव की थीं और लगभग 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति की थीं, जो मृतक की उम्र के अनुकूल थीं. अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों की गवाही कराई, जिनमें जांच अधिकारी अमित कुमार बेरिया, फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. स्निग्धा जैन और अनुपमा मेश्राम शामिल थे. अभियुक्तों के वकीलों ने तर्क दिया कि दोषसिद्धि प्रत्यक्ष साक्ष्य या चश्मदीद गवाहों के अभाव में टिकाऊ नहीं है, और मृतक की पहचान भी प्रमाणिक रूप से स्थापित नहीं हो सकी. उन्होंने यह भी कहा कि जब्ती की गई वस्तुएं सार्वजनिक स्थानों से प्राप्त हुईं, जहां किसी का भी पहुंचना संभव था, और इन वस्तुओं या अपराध में प्रयुक्त वाहन की विधिसम्मत पहचान नहीं कराई गई.

कोर्ट ने डीएनए की पुष्टि न होने के बावजूद यह पाया कि अभियोजन पक्ष अपहरण, डकैती और हत्या की घटनाओं की एक ऐसी सुसंगत श्रृंखला प्रस्तुत करने में सफल रहा, जिससे यह साबित होता है कि अभियुक्त ही इस अपराध में दोषी है इसलिए अपील खारिज कर दी गई और निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा गया.

छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को नई रफ्तार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निवेशकों को दी बड़ी सौगात…

रायपुर- छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। निवेशकों को विभिन्न आवश्यक स्वीकृतियां और सेवाएं अब तय समय-सीमा में प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही, कई नई सेवाओं को छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत अधिसूचित भी कर दिया गया है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और निवेशकों का विश्वास मजबूत होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए देश का सबसे अनुकूल राज्य बनाना हमारी प्राथमिकता है। औद्योगिक विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित होंगे। हमारी सरकार निवेशकों को त्वरित, पारदर्शी और जवाबदेह सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है।

राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड द्वारा जारी आदेश के अनुसार, खतरनाक तथा अन्य अपशिष्ट प्रबंधन के तहत अनुमति प्रदान करने के लिए 60 दिन, बायो-मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति के लिए 60 दिन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु स्वीकृति के लिए 30 दिन और निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति के लिए भी 30 दिन की समय-सीमा तय की गई है। इसी तरह नदी या सार्वजनिक जलाशयों से जल दोहन हेतु अनुमति 300 दिनों में प्रदान की जाएगी, जबकि जल आपूर्ति एजेंसी से जल की अनुपलब्धता का प्रमाण पत्र 90 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा।

भवन निर्माण से संबंधित पांच चरणों जैसे भवन योजना स्वीकृति, परिवर्तन या पुनरीक्षण की अनुमति, ध्वस्तीकरण एवं पुनर्निर्माण की अनुमति, प्लिंथ स्तर स्वीकृति तथा अधिभोग/पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए अधिकतम 45 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है। इसी प्रकार लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना हेतु पंजीकरण, नवीनीकरण और निरीक्षण के लिए 45 दिन का समय तय किया गया है। स्टार्टअप इकाइयों के पंजीकरण के लिए भी 45 दिन की समय-सीमा तय की गई है।

इसके अलावा, निवेशकों की सुविधा केंद्र और निवेश प्रोत्साहन एजेंसी द्वारा प्रश्नों का प्रत्युत्तर 7 दिनों में तथा प्रश्नों और शिकायतों का निराकरण 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। सेवा क्षेत्र की इकाइयों के प्रश्नों का समाधान भी 7 दिनों में और शिकायतों का निराकरण 15 दिनों में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि निवेशकों की सुविधा के लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण और सेवाओं का समयबद्ध निपटारा छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है। हमें विश्वास है कि इससे छत्तीसगढ़ देश के औद्योगिक नक्शे पर और अधिक तेजी से अपना स्थान बनाने में सफल होगा।

गौरतलब है कि अब तक जिन सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित नहीं किया गया था, उन्हें इस आदेश के माध्यम से अधिसूचित माना जाएगा। यह आदेश राज्य में लागू हो चुका है। छत्तीसगढ़ शासन का यह प्रयास औद्योगिक विकास के क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाने की दिशा मे मददगार साबित होगा।

बागियों पर भाजपा एक्शन : समीर पैकरा और उपेंद्र बहादुर को थमाया नोटिस, 7 दिन के अंदर मांगा जवाब

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बागियों पर एक बार फिर एक्शन लिया है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ समीर पैकरा और उपेन्द्र बहादुर ने चुनाव लड़ा था। दोनों बागियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं 7 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है। 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. जिसमें समीरा पैकरा को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर नोटिस जारी किया गया है. साथ ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद पर अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर उपेंद्र बहादुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. दोनों बागियों से 7 दिन के अंदर जवाब पेश करने के लिए कहा गया है। जवाब नहीं मिलने पर पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया जाएगा। 

तेंदूपत्ता घोटाला मामला : जेल में रहेंगे निलंबित IFS अशोक पटेल, कोर्ट ने 28 अप्रैल तक भेजा पुलिस रिमांड पर

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित तेंदूपत्ता बोनस घोटाले मामले में गिरफ्तार किए गए निलंबित डीएफओ (वनमंडलाधिकारी) और आईएफएस अधिकारी अशोक पटेल को आज आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने सुनवाई के बाद अशोक पटेल को 28 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है.

बात दें कि EOW ने अशोक पटेल को 2 दिन पहले ही पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था. पूछताछ के बाद अब एक बार फिर उन्हें पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.

क्या है तेंदूपत्ता बोनस घोटाला?

आरोप है कि वर्ष 2021-22 में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता बोनस वितरण के दौरान लगभग 7 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता हुई. यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को अप्रैल-मई 2022 में वितरित की जानी थी, लेकिन राशि के आहरण के बावजूद आदिवासी संग्राहकों को भुगतान नहीं किया गया. जब इस मामले की जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को हुई, तो उन्होंने जनवरी 2025 में कलेक्टर सुकमा और सीसीएफ को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की.

शिकायत के बाद कलेक्टर और वन विभाग ने अलग-अलग जांच समितियां गठित की. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्राहकों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें तत्कालीन डीएफओ सुकमा अशोक पटेल की भूमिका सामने आई. प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. इसके बाद से एसीबी और ईडब्ल्यू की संयुक्त टीम सुकमा और कोंटा क्षेत्र में तेंदूपत्ता प्रबंधकों पर निगरानी बनाए हुए है.