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भारत के एक्शन से तिलमिलाया पाकिस्तान की गीदड़भभकी, शहबाज शरीफ ने कहा- किसी भी हालात से निपटने को तैयार

#pahalgamattackshehbazshariffirst_reaction

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम हमले में इस्लामाबाद की भूमिका को लेकर भारत के आरोपों का जवाब दिया है। अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह पहलगाम आतंकी हमले की "तटस्थ और पारदर्शी जांच" के लिए तैयार हैं। हालांकि शरीफ ये बात भी कहने से नहीं चूके कि उनका देश किसी भी दुस्साहस के लिए तैयार है।

पहलगाम आतंकी हमले की जांच की अपील

शहबाज शरीफ भारत के आरोपों को नकारते हुए कहा कि ये आरोप बिना किसी विश्वसनीय जांच और साक्ष्य के लगाए गए हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहाउन्होंने कहा कि भारत की तरफ से आरोप लगाने का सिलसिला बंद होना चाहिए और पहलगाम आतंकी हमले की जांच की अपील की।

एक-एक इंच की जमीन की रक्षा करेंगे-शरीफ

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, हम किसी भी तटस्थ, पारदर्शी जांच में भाग लेने के लिए तैयार है। शांति हमारी प्राथमिकता है। हम अपनी अखंडता और सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेंगे। शहबाज शरीफ ने जोर देकर कहा कि हमारी सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा हम पाकिस्तान की एक-एक इंच की जमीन की रक्षा करेंगे।

भारत आरोप-प्रत्यारोप का खेल बंद करे-शरीफ

शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत आरोप-प्रत्यारोप का खेल बंद करे और इस बात पर जोर दिया का भारत की किसी भी कार्रवाई का सामना पूरी ताकत से किया जाएगा। पाकिस्तान सेना प्रमुख की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शहबाज ने कहा, 'पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन उसकी इस इच्छा को कमजोरी न समझा जाए।' उन्होंने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका तो पूरी ताकत से जवाब देंगे।

पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव

पहलगाम हाल के वर्षों में कश्मीर में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक का गवाह बना। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले सुंदर बैसरन घाटी में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी। भारत, जिसने परोक्ष रूप से आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, ने दंडात्मक उपायों की झड़ी लगा दी और राजनयिक संबंधों को कम कर दिया। सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अलावा, भारत ने पाकिस्तानियों को वीजा जारी करना रद्द कर दिया है और वाघा-अटारी सीमा को बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की है और भारतीय स्वामित्व वाली और संचालित एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सरेआम बेइज्जती, संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद ने लगाई फटकार

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। परिषद के सदस्यों ने आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले आयोजकों, आरोपियों और वित्तपोषकों की जवाबदेही तय करने की बात कही है।साथ ही सभी देशों से अपील की कि वह इस मसले पर अपने-अपने स्तर पर सहयोग दें। इस बयान को पाकिस्तान के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान आए दिन कश्मीर का राग सुरक्षा परिषद में अलापता रहता है।

सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को एक प्रेस बयान जारी कर पहलगाम हमले की निंदा की, जिसमें कहा गया, सुरक्षा परिषद के सदस्य 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की सबसे कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई घायल हुए।

आतंकवादी को बताया घृणित कृत्य

बयान में कहा गया है कि सभी प्रकार के आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरे में से एक हैं। यूएनएससी सदस्यों ने पीड़ितों के परिवारों और भारत और नेपाल की सरकारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त की और घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने इस ‘घृणित आतंकवादी कृत्य’ के अपराधियों, आयोजकों, फंडिंग करने वालों और स्पॉन्सर्स को न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

सभी देशों से संयुक्त राष्ट्र की अपील

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने साफ कहा है कि आतंकवाद किसी भी रूप में, कहीं भी, और किसी की ओर से भी किया जाए, वह अपराध है और किसी भी हाल में उचित नहीं ठहराया जा सकता। परिषद ने दोहराया कि इसकी कोई भी वजह या प्रेरणा इसे जायज नहीं बना सकती। यूएनएससी ने सभी देशों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ मिलकर कार्रवाई करें। सुरक्षा परिषद ने जोर दिया कि हर देश को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए।

वेटिकन पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पोप को दी श्रद्धांजलि, आज अंतिम संस्कार में होंगी शामिल

#presidentmurmuarrivedtoattendfuneralofpopefrancis

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति के साथ अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू, राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष जोशुआ डि'सूजा भी गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रपति के अकाउंट से किए गए एक पोस्ट में बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वेटिकन सिटी में सेंट पीटर के बेसिलिका में परम पावन पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि भारत ने पोप के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मुर्मू वेटिकन सिटी की दो दिनी यात्रा पर हैं।

88 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

पोप का 21 अप्रैल को 88 साल की उम्र में स्ट्रोक और हार्ट फैलियर से निधन हुआ था। अपनी मृत्यु से एक दिन पहले पोप फ्रांसिस ने ईस्टर संडे के लिए मौन आशीर्वाद दिया। उन्होंने एक बयान जारी कर गाजा समेत दुनिया भर में चल रहे संघर्ष पर बात की और शांति की अपील की। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा गया था। शुरक्रवार शाम को अंतिम दर्सन के बाद उनके ताबूत को बंद कर दिया गया। पोप का अंतिम संस्कार आज किया जाएगा। अंतिम संस्कार में दुनियाभर के नेता और आम लोग जुटेंगे।

ट्रंप समेत 50 राष्ट्राध्यक्ष अंतिम संस्कार में होंगे शामिल

वेटिकन ने गुरुवार को कहा कि कम से कम 130 विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने की पुष्टि की है, जिसमें 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 राजघराने शामिल हैं। जिन राष्ट्राध्यक्षों और राजघरानों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, उनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के प्रिंस विलियम, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, स्पेन के राजा फेलिप VI और रानी लेटिजिया और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा शामिल हैं।

वेटिकन में नहीं दफनाया जाएगा पोप का शव

पोप फ्रांसिस को वेटिकन में नहीं दफनाया जाएगा। वे एक सदी से भी ज्यादा वक्त में वेटिकन के बाहर दफन होने वाले पहले पोप होंगे। आमतौर पर पोप को वेटिकन सिटी में सेंट पीटर्स बेसिलिका के नीचे गुफाओं में दफनाया जाता है। लेकिन पोप फ्रांसिस को रोम में टाइबर नदी के दूसरी तरफ मौजूद सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका में दफनाया जाएगा।

पोप ने सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका में अपने दफन होने का बात का खुलासा दिसंबर 2023 में किया था। उन्होंने बताया था कि वे मैगीगोर बेसिलिका से खास जुड़ाव महसूस करते हैं। वे यहां वर्जिन मैरी के सम्मान में रविवार की सुबह जाते थे। सांता मारिया मैगीगोर में 7 अन्य पोप को भी दफनाया गया है। पोप लियो XIII आखिरी पोप थे जिन्हें वेटिकन से बाहर दफनाया गया था। उनकी मृत्यु 1903 में हुई थी।

रक्तपात से अभी नहीं भरा पाकिस्तान का मन, बिलावल ने जहर उगला, कहा-सिंधु में या तो पानी बहेगा या खून

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खून-खराबे और हिंसा से पाकिस्तान का मन अभी भरा नहीं है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से बिगड़े बोल बोले जा रहे हैं। भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इन कदमों में सबसे तगड़ा रहा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला। इससे पाकिस्तान बुरी तरह बौखला उठा है और उसके नेता गीदड़ भभकियां देने लगे हैं। अब बिलावल भुट्टो का बयान सामने आया है। बिलावल ने सिंधु नदी में भारत के लोगों का खून बहाने की बात कह दी है।

...तो उसका खून बहेगा-बिलावल

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा है कि सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान का है और अगर कोई इसे छीनने की कोशिश करेगा तो उसका खून बहेगा। एक रैली में बिलावल ने कहा, ‘सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा। या तो इस नदी से हमारा पानी बहेगा, या फिर उसका खून।

पाकिस्तान की फौज हर हमले का जवाब देने को तैयार-बिलावल

बिलावल युद्ध की गीदड़भभकी देने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ इस आधार पर सिंधु के पानी की मिल्कियत नहीं तय कर सकता कि उसकी आबादी ज्यादा है। भुट्टो ने कहा कि हर पाकिस्तानी सिंधु का पैगाम लेकर दुनिया को बताएगा कि दरिया पर डाका मंजूर नहीं। दुश्मन की नजरें हमारे पानी पर हैं। बिलावल भुट्टो ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की फौज हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि देश के चारों प्रांत एकजुट होकर भारत के हर मंसूबे का करारा जवाब देंगे। बिलावल के मुताबिक, चार प्रांत चार भाइयों जैसे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामला उठाएंगे

बिलावल ने भारत की घोषणाओं, खासकर आईडब्ल्यूटी के बारे में, की भी कड़ी निंदा की और कहा कि वे न केवल अवैध हैं बल्कि मानवता के खिलाफ हैं। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, हम आपके साथ खड़े होंगे और न केवल सड़कों पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का मामला उठाएंगे और भारत के फैसले का मुंहतोड़ जवाब देंगे।

भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर में लंबा तनाव…,पहलगाम हमले पर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत को दुनियाभर के देशों का समर्थन मिल रहा है। अमेरिका और रूस जैसे ताकतवर देश आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की बात कर रहे हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर बयान दिया है। कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए उन्होंने इसे 'बुरा हमला' कहा। उन्होंने माना कि कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है।

ट्रंप ने यह बात उस समय कही जब वे रोम जाने के लिए एयर फोर्स वन विमान में सवार थे। साथ ही पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को बुरा बताया। एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच तनाव लंबे समय से चल रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों पक्ष इस मुद्दे को सुलझा लेंगे।

भारत और पाकिस्तान के बहुत करीब-ट्रंप

कश्मीर में हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने जवाब दिया, मैं भारत के बहुत करीब हूं और पाकिस्तान के भी बहुत करीब हूं, जैसा कि आप जानते हैं। और कश्मीर में वे एक हजार साल से लड़ रहे हैं। कश्मीर एक हजार साल से चल रहा है, शायद उससे भी अधिक समय से। कल का (आतंकवादी हमला) बहुत बुरा था, वह बहुत बुरा था, जिसमें 30 लोग मारे गए।

दोनों नेता खुद सुलझा लेंगे तनाव-ट्रंप

साथ ही ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद पर कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच सीमा पर 1,500 सालों से तनाव रहा है। यह नया नहीं है। लेकिन मुझे भरोसा है कि भारत और पाकिस्तान इसे किसी तरह से सुलझा लेंगे। मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। वे इसे किसी न किसी तरह से खुद ही सुलझा लेंगे।

पहले भी कर चुके हैं आतंकी हमले की कड़ी निंदा

जब ट्रंप ने पूछा गया कि क्या वे दोनों नेताओं से संपर्क करेंगे, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करके आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने इस जघन्य हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने में भारत को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया था। प्रधानमंत्री मोदी से बात करने से पहले ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में हमले को लेकर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने लिखा, कश्मीर से बेहद परेशान करने वाली खबर आई है। आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।

पहलगाम आतंकी हमला मामले में कांग्रेस ने बदला रूख, सरकार से पूछे ये पांच सवाल

#congressraisesquestionsonsecurity_lapse

पहलगाम हमला मामले में कल तक सरकार के साथ खड़ी ने अब सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कांग्रेस ने सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने कहा है कि इस हमले से पूरा देश आहत है। मगर कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब देश की जनता चाहती है।

कांग्रेस ने सरकार से पूछे 6 सवाल

कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स पर घटना के बाद का वीडियो पोस्ट करते हुए सरकार से कई सवाल पूछे। कांग्रेस ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमला कई सवाल खड़े करता है...सुरक्षा में चूक कैसे हुई? इंटेलिजेंस फेल कैसे हुआ? आतंकी बॉर्डर के अंदर कैसे आए? 28 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? क्या गृह मंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे? क्या PM मोदी इस चूक की जिम्मेदारी लेंगे?

सरकार को सपोर्ट देने की कही थी बात

इससे एक दिन पहले ही सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'इस हादसे में बहुत से निर्दोष लोग मारे गए हैं, हम सभी ने मिलकर कहा है कि देशहित में सरकार जो भी एक्शन लेगी हम सब एक हैं और हम उन्हें सपोर्ट करेंगे। वहां जो हादसा हुआ है, हम उसकी निंदा करते हैं, हमें देश को पैगाम देना है कि हम सब एक हैं।

मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश, पहलगाम के पीड़ितों से मिलकर बोले राहुल

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को श्रीनगर में पहलगाम हमले में घायल लोगों और उनके परिजन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि इस घटना को अंजाम देकर आतंकवादियों ने भाइयों से भाइयों को लड़ाने के लिए किया है। आतंकी कितनी भी कोशिश कर लें, हम उन्हें हरा देंगे। हर भारतीय एकसाथ है। राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंल के नेता फारूक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की।

नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा- राहुल गांधी

कांग्रेस के एक्स अकाउंट से राहुल गांधी की पीड़ितों से मुलाकात करते हुए तस्वीरें साझा कर लिखा गया कि पहलगाम में हुई आतंकी घटना मानवता पर प्रहार है, मोहब्बत और भाईचारे को मिटाने की एक शर्मनाक कोशिश है। आतंक के खिलाफ हम सभी एकजुट हैं। हमें साथ मिलकर इन नफरती ताकतों को करारा जवाब देना होगा।

सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने एक मत से इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस वक्त एक साथ खड़ा है। ये वारदात भाई को भाई से लड़ाने के लिए हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सरकार जो कदम उठाएगी, हम उसके साथ हैं।

मुख्यमंत्री और एलजी से की मुलाकात

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बताया कि सीएम उमर अब्दुल्लाह से मिलकर हालत की जानकारी ली है। एलजी से भी मुलाकात की और उन्होंने मुझे जो कुछ हुआ उसके बारे में जानकारी दी और मैंने उन दोनों को आश्वासन दिया कि मेरी पार्टी और मैं उनका पूरा समर्थन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने श्रीनगर में पार्टी नेताओं के साथ भी बैठक की।

इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन का निधन, 84 साल की आयु में ली अंतिम सांस

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन का शुक्रवार को बेंगलुरु में निधन हो गया। बेंगलुरु स्थित आवास पर उन्होंने 84 साल की आयु में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका पार्थिव शरीर 27 अप्रैल को अंतिम दर्शन के लिए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) में रखा जाएगा।

पूर्व इसरो प्रमुख के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया। पीएम मोदी ने कहा कि के कस्तूरीरंगन ने इसरो में बहुत परिश्रम से काम किया और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए भारत हमेशा डॉ. कस्तूरीरंगन का आभारी रहेगा।

कस्तूरीरंगन सबसे लम्बे समय तक इसरो चीफ के पद पर कार्यरत रहे हैं। वह 10 साल तक इसरो के चेयरमैन रहे। इसके अलावा कस्तूरी रंगन के सरकारी नीतियों के फार्मूलेशन में भी योगदान दिया। डॉ कस्तूरीरंगन ने 27 अगस्त, 2003 को रिटायरमेंट से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग में भारत सरकार के सचिव के रूप में 9 वर्षों से अधिक समय तक काम किया।

कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में इसरो ने रचा इतिहास

डॉ. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में इसरो ने भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के सफल प्रक्षेपण और संचालन सहित कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की। डॉ. कस्तूरीरंगन ने जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) के पहले सफल उड़ान परीक्षण की भी देखरेख की। उनके कार्यकाल में आईआरएस-1सी और 1डी सहित प्रमुख उपग्रहों का विकास और प्रक्षेपण और दूसरी और तीसरी पीढ़ी के इनसैट उपग्रहों की शुरुआत हुई। इन प्रगति ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में मजबूती से स्थापित कर दिया।

इसरो के अध्यक्ष बनने से पहले डॉ. कस्तूरीरंगन इसरो उपग्रह केंद्र के निदेशक थे, जहां उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इनसैट-2) और भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रहों (आईआरएस-1ए और आईआरएस-1बी) जैसे अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष यान के विकास का नेतृत्व किया। उपग्रह आईआरएस-1ए के विकास में उनका योगदान भारत की उपग्रह क्षमताओं के विस्तार में महत्वपूर्ण था।

एनईपी मसौदा समिति के अध्यक्ष रहे

इसरो के पूर्व प्रमुख महत्वाकांक्षी नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को तैयार करने वाली मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था।

2003 से 2009 तक रहे राज्यसभा सदस्य

कस्तूरीरंगन 2003 से 2009 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। भारत के तत्कालीन योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दी थीं। कस्तूरीरंगन अप्रैल 2004 से 2009 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, बेंगलुरु के निदेशक भी रहे थे।

अमेरिका के लिए 30 सालों से करते आ रहे ये गंदा काम...पाकिस्तान ने कबूली आतंकियों को पनाह देने की बात

#pakistandefenceministeradmitspakbackedterrorists

पाकिस्तान आतंकवादियों का सबसे सुरक्षित पनाहगाह है ये तो पूरी दुनिया जानती है। अब खुद पाकिस्तान ने आतंकवाद पर बड़ा कबूलनामा किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया है कि पाकिस्तान, दशकों से आतंकवादी समूहों को समर्थन करने, सहायता करने और उन्हें फंड देने में शामिल रहा है। लाइव टीवी पर पाक के मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए आतंकवाद को फैलाता रहा है। यह टिप्पणी भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख की पुष्टि करती है, यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।

तीन दशक से पश्चिम के लिए कर रहे गंदा काम- आसिफ

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच ब्रिटेन स्थित स्काई न्यूज को ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान 30 वर्षों से ज्यादा समय से अमेरिका के लिए यह "गंदा काम" कर रहा है।"स्काई न्यूज पर इंटरव्यू के दौरान आतंकवादियों को धन मुहैया कराने में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर जब ख्वाजा आसिफ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए करीब तीन दशकों से यह गंदा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का यह फैसला एक "गलती" थी और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को इसके लिए दोषी ठहराना अनुचित है, क्योंकि वह पश्चिमी देशों के निर्देश पर काम कर रहा था

अमेरिका ने भी आतंकवादियों को "प्रॉक्सी" के रूप में इस्तेमाल किया- आसिफ

आसिफ ने कहा कि अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में शामिल नहीं होते और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता। इसके अलावा आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराने के लिए अमेरिका के फैसलों को लेकर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि बड़ी शक्तियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना सुविधाजनक है, जिसने 80 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ उनकी तरफ से युद्ध लड़ा था। आज के ये सभी आतंकवादी, वाशिंगटन में रो रहे थे और खाना खा रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि अमेरिका ने भी अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए आतंकवादियों को "प्रॉक्सी" के रूप में इस्तेमाल किया।

लश्कर-ए-तैयबा पर ख्वाजा आसिफ का दावा

भारत के साथ युद्ध की बात करने वाले ख्वाजा आसिफ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा अब खत्म हो चुका है। उन्होंने माना कि अतीत में इस आतंकी संगठन के पाकिस्तान से कुछ संबंध थे, लेकिन अब यह संगठन मौजूद नहीं है।

भारत पर लगाया साजिश का आरोप

ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि अगर लश्कर से निकले किसी संगठन ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है, तो यह भारत की साजिश हो सकती। आरिफ ने कहा कि उनकी एजेंसियों का मानना है कि यह काम भारत ने ही किया है। बड़े देश इस क्षेत्र में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए पाकिस्तान को दोष देना आसान समझते हैं।

हर बार आरोपों को नकारता रहा है पाक

भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा है। भारत में दर्जनों आतंकवादी हमले हो चुके हैं और हर आतंकी हमले में पाकिस्तान शामिल रहा है। हालांकि पाकिस्तान हमेशा से भारत के आरोपों को नकारता रहा है और सबूत मांगता रहा है। जबकि पाकिस्तान में दर्जनों आतंकवादी संगठन एक्टिवेट हैं। कई आतंकी संगठनों के खिलाफ तो यूनाइटेड नेशंस ने प्रतिबंध लगाए हैं। पाकिस्तान ने कश्मीर में जिहाद फैलाने और भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल प्रॉक्सी के तौर पर किया है। पहगाम में हुए आतंकी हमले की भी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के ही एक शैडो संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। इस हमले में 26 लोग मारे गये हैं।

केंद्र ने वक्फ अधिनियम कानून का किया बचाव, सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा

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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून का बचाव कया है। केन्द्र ने वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल किया है। वक्फ कानून में लाए गए संशोधनों का बचाव करते हुए, केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा धर्म और संपत्ति के आधार पर चुनौतियों की सुनवाई के दौरान प्रावधानों पर किसी भी अंतरिम रोक के खिलाफ तर्क दिया। सरकार ने कहा है कि अदालत वक्फ मामले पर अंतरिम रोक न लगाते हुए पूरी सुनवाई कर अंत में कोई फैसला ले।

याचिकाओं में लगाए गए सभी आरोपों को नकारा

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने सर्वोच्च अदालत में हलफनामा दायर किया है जिसमें अदालत में दायर याचिकाओं में लगाए गए सभी आरोपों को नकारा है। केंद्र ने कहा कि याचिकाएं इस झूठे आधार के साथ लगाई गई हैं कि संशोधन धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों को छीन लेंगे। सुप्रीम कोर्ट विधायी क्षमता, अनुच्छेद 32 के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर कानून की समीक्षा कर सकता है। संसदीय पैनल की ओर से व्यापक, गहन, विश्लेषणात्मक अध्ययन के बाद संशोधन किया गया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता के खिलाफ याचिकाओं को खारिज करने की मांग की।

संसद से पारित कानून पर रोक लगाना ठीक नहीं

केंद्र ने अधिनियम के किसी भी प्रावधान पर रोक लगाने का विरोध करते हुए कहा, कानून में यह स्थापित स्थिति है कि संवैधानिक अदालतें किसी वैधानिक प्रावधान पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोक नहीं लगाएंगी। अदालतें मामले पर अंतिम रूप से निर्णय लेंगी। सरकार ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के पास संवैधानिकता को जांचने की ताकत है लेकिन संसद ने जिस कानून को पारित किया है, उस पर रोक लगाना ठीक नहीं है।

'वक्फ-बाय-यूजर' पर बोली सरकार

केंद्र ने कहा कि वक्फ-बाय-यूजर को वैधानिक संरक्षण से वंचित करने से मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को वक्फ बनाने से वंचित नहीं किया जा सकता है। यहां एक जानबूझकर, उद्देश्यपूर्ण और भ्रामक कहानी बहुत ही शरारती तरीके से बनाई गई है, जिससे यह धारणा बनाई गई है कि जिन वक्फों ('वक्फ-बाय-यूजर' सहित) के पास अपने दावों का समर्थन करने के लिए दस्तावेज नहीं हैं, वे प्रभावित होंगे। यह न केवल असत्य और गलत है, बल्कि जानबूझकर इस अदालत को गुमराह करने वाला है।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ?

इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने 'वक्फ बाय यूजर' को हटाने, वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने और विवादित सरकारी भूमि पर वक्फ की स्थिति निर्धारित करने के मामले में कलेक्टर की शक्तियों पर चिंता जताई थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अधिनियम के कुछ प्रावधानों को चिह्नित करते हुए कहा था कि हम आम तौर पर चुनौती के इस चरण में किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं, जब तक कि असाधारण परिस्थितियों में ऐसा न हो। यह एक अपवाद प्रतीत होता है। हमारी चिंता यह है कि अगर वक्फ-बाय-यूजर को गैर-अधिसूचित किया जाता है, तो इसके बहुत बड़े परिणाम हो सकते हैं।