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पहलगाम अटैक पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर ने अपनी ही सरकार को घेरा, पूछ लिया ये सवाल

#danish_kaneria_angry_on_pahalgam_terrorist_attack

जम्मू कश्मीर की पहलगाम घाटी में मंगलवार को आतंकवादियों ने खूनी खेल खेला। इस आतंकी हमले में 28 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना की पूरी दुनिया निंदा कर रही है। पहली बार किसी पाकिस्तान क्रिकेटर ने इस मामले मे चुप्पी तोड़ी। आतंकवादियों की कायराना हरकत के बाद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को लताड़ लगाई है।

पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए दुख जताया है। इसके साथ उन्होंने पीएम शहबाज शरीफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कनेरिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, 'अगर सच में पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी है। आपने अपनी सेना को क्यों अचनाक हाई अलर्ट पर रख दिया है। क्योंकि सच क्या है आप जानते हैं। आप आतंकियों को पालते हैं और रखते हैं। आपको शर्म आनी चाहिए।

दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान के लिए साल 2000 में टेस्ट में डेब्यू किया था। दानिश पाकिस्तान के सबसे सफल स्पिन गेंदबाज में से एक रहे हैं। हालांकि, टीम में धर्म के नाम पर भेदभाव और फिक्सिंग कांड के कारण उनका करियर जल्दी समाप्त हो गया। इसके साथ ही दानिश ने अब पाकिस्तान छोड़ दिया है। वह अपने परिवार के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गए हैं। दानिश कई मौकों पर पाकिस्तान क्रिकेट और भारत के खिलाफ पाकिस्तान की तरफ से कायराना आतंकी हमले का खुलकर विरोध कर चुके हैं।

पहलगाम हमले के बीच भारत ने किया मिसाइल परीक्षण, पाकिस्तान की “नींद” होगी हराम

#india_fire_mrsam_missile_after_pakistan_missile_test

भारत ने गुरुवार को आईएनएस सूरत युद्धपोत से मिसाइल की टेस्टिंग की है। टेस्टिंग सफल रही। सतह से समुद्र पर वार करने का सफल परीक्षण किया गया। भारत ने ये परीक्षण तब किया है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश गुस्से से भरा हुआ है। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान डरा हुआ है। जी हां, भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को कराची तट से दूर अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर अपनी तटरेखा पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था।

भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य की सटीकता से सफल परीक्षण किया।भारतीय नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी। भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक टारगेट किया।

भारतीय नौसेना ने एक्स पोस्ट में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 'ये हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक और मील का पत्थर साबित हुआ। आत्मनिर्भर भारत के लिए गर्व का क्षण है।'

आईएनएस सूरत, विशाखापत्तनम-क्लास डिस्ट्रॉयर श्रेणी का युद्धपोत है और इसे मेक इन इंडिया पहल के तहत बनाया गया है। यह जहाज आधुनिक रडार, सेंसर और हथियार प्रणालियों से लैस है। यह मिसाइल करीब 70 किमी तक के लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है। इसका इस्तेमाल भारत की तीनों सेनाएं- थल सेना, नौसेना और वायुसेना करती है। ये मिसाइल लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइलों को हवा में नष्ट करने की क्षमता रखती है। इसमें मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम लगाया गया। इसमें ट्रैकिंग और निशाना साधने की क्षमता है। यह मिसाइल प्रणाली भारत की वायु रक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है और देश की आत्मनिर्भरता को भी दर्शाती है।

बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान की ओर से मिसाइल टेस्ट किया गया था। पाकिस्तान ने भी अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए कराची के पास अरब सागर क्षेत्र में एक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया। पाकिस्तान ने इस परीक्षण के लिए नो-फ्लाई जोन घोषित किया था और इसकी आधिकारिक जानकारी पहले ही दे दी थी। यह परीक्षण ऐसे समय हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ा हुआ है।

पहलगाम हमले का जश्न मनाने की थी तैयारी? पाकिस्तान उच्चायोग में केक ले जाता दिखा कर्मचारी

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पूरी दुनिया पाकिस्तान के आतंक प्रेम को जानती है। पहलगाम में दहशतगर्दों ने जिस तरह नरसंहार किया उससे पूरा देश गमगीन है। भारत ही नहीं दुनियाभर के देश इस हमले की निंदा कर रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक हैरान कर देने वाले वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पाकिस्तान उच्चायोग का एक कर्मचारी केक अंदर लेकर जा रहा है। जिसे मीडियो वालों ने घेर लिया और सवाल पूछने लगे। इस पर शख्स ने चुप्पी साध रखी थी कुछ नहीं बोला।

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने कड़े फैसले लेते हुए पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। सरकार के फैसले के बाद गुरुवार सुबह पुलिस नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर से बैरिकेड्स हटाने पहुंची थी। इस दौरान उच्चायोग का एक कर्मचारी केक ले जाते नजर आया।

मीडिया ने जब कर्मचारी से केक ले जाने को लेकर सवाल किए तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। कर्मचारी से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान उच्चायोग में हमले का जश्न मन रहा है तो वह नीचे सिर करके केक लेकर उच्चायोग के अंदर चला गया।

पाकिस्तान दूतावास में केक लेकर जाने को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान खुश है। सच्चाई क्या है ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन पाकिस्तान कर्मचारी का जवाब न देना कई सवाल खड़े करता है।

बता दें कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार शाम को कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की एक आपात बैठक बुलाई गई थी। सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए गए है। इसी के तहत नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा। इसी तरह भारत भी इस्लामाबाद में स्थित अपने सैन्य सलाहकारों और पांच सहायक कर्मचारियों को वापस बुलाएगा। दोनों देशों के उच्चायोगों की कुल कर्मचारि‍यों की संख्या को 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जो 1 मई तक प्रभावी किया जाएगा।

मिट्टी में मिलाने का वक्त आया', बिहार से पीएम मोदी का पाकिस्तान को कड़ा संदेश

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पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार से पूरे देश को बड़ा संदेश दिया। पहलगाम हमले में 28 लोगों की जान गंवाने के बाद पीएम मोदी का बिहार के मधुबनी जिले में पहला संबोधन था।उन्होंने कहा कि पहलगाम के आतंकियों को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा। पीएम मोदी ने मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर कई परियोजनाओं की शुरुआत की और कुछ सेमी-हाई-स्पीड रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई। साथ ही जनसभा को संबोधित किया।

कल्‍पना से भी बड़ी सजा मिलेगी-पीएम मोदी

जनसभा में मोदी ने पहले पहलगाम में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी फिर भाषण की शुरुआत की। पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कह दिया कि देश के दुश्मनों ने भारत की आत्‍मा पर हमला करने का दुस्‍साहस किया है। मैं साफ कह रहा है, जिन्‍होंने ये हमला किया है, उन आतंकियों और इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्‍पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। अब आतंकियों की बची कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।

भारत हर आतंकी को ढूंढकर सख्त सजा देगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि इंडिया के स्प्रिट को आतंकवाद से नहीं तोड़ा जा सकता है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति आतंक के आकाओं की कमर तोड़ कर रहेगी। दोस्तों आज हम बिहार से पूरी दुनिया को कह रहे हैं कि भारत हर आतंकी को ढूंढ निकालेगा और उन्हें सख्त से सख्त सजा देंगे। हम आतंक को किसी भी हालत में नहीं सहेंगे।

पहलगाम में जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने अपनी बात शुरू करने से पहले 22 अप्रैल को जिन लोगों की जान गई, उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लोगों से कुछ पल मौन रखने की प्रार्थना की। पीएम ने कहा कि 22 अप्रैल को कश्‍मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्‍यथित है। सब दुखी हैं। सभी पीड़ित परिवारों के साथ देश खड़ा है। जिन परिवारजनों का इलाज चल रहा है, वे जल्‍द स्‍वस्‍थ हों, इसका प्रयास भी सरकार कर रही है। इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा, भाई तो किसी ने जीवनसाथी खोया। ये सभी अलग अलग जगहों से थे।

भारत के एक्शन से तिलमिलाया पाकिस्तान, पीएमओ ने बुलाई एनएससी की बैठक

#shehbazsharifcallednscmeeting

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत की ओर से पहले ही संदेश दिया जा चुका है “आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को लगातार पनाह दी जा रही है। एक बार फिर पहलगाम मे हुए हमले के बाद सीमा पार से लिंकेज सामने आया है। जिसके बाद सरकार जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित कर दी, अटारी चेक पोस्ट बंद किया, पाकिस्तानी नागरिकों के SAARC वीजा रद्द किए, और दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटाने का फैसला लिया। यही नहीं भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट बी रद्द कर दिया गया है। इस बातों से तिलमिलाए पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई है।

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने देर रात एक पोस्ट में एनएससी बैठक के बारे में जानकारी दी। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक्स पर किए गए एक पोस्ट में बताया कि नेशनल सिक्योरिटी इस बातचीत का अहम टॉपिक होने वाला है। उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री मोहम्मद शाहबाज शरीफ ने आज शाम को भारत सरकार के बयान पर प्रतिक्रिया देने के लिए गुरुवार सुबह 24 अप्रैल को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक बुलाई है।"

इधर, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के को लेकर दिल्ली में 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। ये मीटिंग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होगी। सर्वदलीय बैठक में हमले के बाद के हालात, सुरक्षा उपायों और आगे की रणनीति पर बातचीत होगी। जिसमें तमाम दलों के नेता शामिल होंगे।

हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें

इससे पहले बुधवार शाम को कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक में अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए।

बैठक में यह बताया गया कि इस हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें हैं। यह हमला उस समय हुआ, जब केंद्रशासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुए थे और क्षेत्र आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है।

सीसीएस ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए कई कड़े कदम

हमले की गंभीरता को देखते हुए सीसीएस ने कई कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया और पाकिस्तान को साफ संदेश दिया। इन फैसलों में सिंधु जल संधि रद्द करना, भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग में राजनयिकों की संख्या में कटौती, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के आदेश समेत कई निर्णय लिए गए। पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित किया गया है।

अब “डिजिटल स्ट्राइक”, भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट सस्पेंड, पहलगाम अटैक के बाद एक और एक्शन

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पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन में हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट की देश में पहुंच को रोक दिया है यानी पाकिस्तान सरकार का एक्स हैंडल भारत में नहीं दिखेगा और ना ही उसके कोई पोस्ट नजर आएंगे। हालांकि पाकिस्तान और भारत के बाहर अन्य देशों में यह अकाउंट एक्टिव दिखेगा। इसे भारत की तरफ से “डिजिटल स्ट्राइक” माना जा रहा है।

इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में भारत ने पाकिस्न पर पांच कड़े प्रहार किए है।

सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है और अटारी चौकी को बंद किए जाने का फैसला लिया। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

इस बीच सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे।सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय बुधवार को लिया गया और राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विभिन्न दलों से संपर्क किया। राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डालने वाली किसी भी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जैसा कि 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद या 2020 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान देखा गया था। इससे संकट के समय में राष्ट्रीय एकता की तस्वीर पेश होती है और विपक्षी नेताओं को सरकार तक अपने विचार पहुंचाने और आधिकारिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

सिंधु सर्जिकल स्ट्राइक", अब पानी की बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान!

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भारत ने पहलगाम हमले पर पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया है। पहलगाम में हुए टेरर अटैक बाद बुधवार को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी की बैठक हुई। इस बैठक में पहलगाम आतंकी हमले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले किए हैं। तमाम फैसलों में एक बड़ा फैसला भारत और पाकिस्‍तान के बीच हुए सिंधु जल समझौता 1960 के निलंबन का है।

पाकिस्तान में खेती हो या पीने का पानी या फिर बिजली उत्पादन, जिसका बड़ा हिस्सा इसी पानी पर निर्भर है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। यही वजह है कि भारत का यह कदम "पानी की सर्जिकल स्ट्राइक" के रूप में देखा जा रहा है।

सिंधु जल संधि क्या है?

भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे के दौरान जब पंजाब को विभाजित किया गया तो इसका पूर्वी भाग भारत के पास और पश्चिमी भाग पाकिस्तान के पास गया। बंटवारे के दौरान ही सिंधु नदी घाटी और इसकी विशाल नहरों को भी विभाजित किया गया। लेकिन इससे होकर मिलने वाले पानी के लिए पाकिस्तान पूरी तरह भारत पर निर्भर था। आजादी के बाद से ही सिंधु जल बंटवारे को लेकर दोनों मुल्कों में कई तरह की दुविधापूर्ण स्थिति पैदा होने लगी थी। इसे दूर करने के लिए 65 साल पूर्व 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ।

इस संधि में विश्व बैंक मध्यस्थ था। इस संधि पर कराची में 19 सितंबर 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। संधि ने निर्धारित किया कि सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों के जल को भारत और पाकिस्तान के बीच कैसे साझा किया जाएगा।

क्या है संधि का प्रावधान

संधि के मुताबिक, सिंधु, झेलम और चिनाब को पश्चिमी नदियां बताते हुए इनका पानी पाकिस्तान के लिए तय किया गया। जबकि रावी, ब्यास और सतलुज को पूर्वी नदियां बताते हुए इनका पानी भारत के लिए तय किया गया। इसके मुताबिक, भारत पूर्वी नदियों के पानी का, कुछ अपवादों को छोड़कर, बेरोकटोक इस्तेमाल कर सकता है। वहीं पश्चिमी नदियों के पानी के इस्तेमाल का कुछ सीमित अधिकार भारत को भी दिया गया था। जैसे बिजली बनाना, कृषि के लिए सीमित पानी। इस संधि में दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर बातचीत करने और साइट के मुआयना आदि का प्रावधान भी था। इसी संधि में सिंधु आयोग भी स्थापित किया गया। इस आयोग के तहत दोनों देशों के कमिश्नरों के मिलने का प्रस्ताव था। संधि में दोनों कमिश्नरों के बीच किसी भी विवादित मुद्दे पर बातचीत का प्रावधान है।

पाकिस्तान ने तोड़ा भारत का सब्र

1960 में हुए सिंधु जल समझौते के बाद से भारत और पाकिस्तान में कश्मीर मुद्दे को लेकर तनाव बना हुआ है। हर प्रकार के असहमति और विवादों का निपटारा संधि के ढांचे के भीतर प्रदत्त कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से किया गया है। इस संधि के प्रावधानों के अनुसार सिंधु नदी के कुल पानी का केवल 20% का उपयोग भारत द्वारा किया जा सकता है। जिस समय यह संधि हुई थी, उस समय पाकिस्तान के साथ भारत का कोई भी युद्ध नहीं हुआ था। उस समय परिस्थिति बिल्कुल सामान्य थी, पर 1965 से पाकिस्तान लगातार भारत के साथ हिंसा के विकल्प तलाशने लगा, जिस में 1965 में दोनों देशों में युद्ध भी हुआ और पाकिस्तान को इस लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा। फिर 1971 में पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध लड़ा, जिसमें उसको अपना एक हिस्सा खोना पड़ा, जो बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। तब से अब तक भारत के खिलाफ पाकिस्तान आतंकवाद और सेना दोनों का इस्तेमाल कर रहा है। मगर भारत ने फिर भी इन नदियों का पानी कभी नहीं रोका।

पाकिस्तान की लाइफलाइन है सिंधु नदी

सिंधु नदी पाकिस्तान की लाइफलाइन है। सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब जलधारा को माना जाता है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूमकर यह नदी दक्षिण-पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है। इस नदी का अधिकांश भाग पाकिस्तान को ही मिलता है। साथ ही, घरों में पीने के पानी से लेकर कृषि के लिए इस नदी का अधिकांश पानी ही इस्तेमाल किया जाता है। इसके अतिरिक्त इस नदी पर पाकिस्तान की कई महत्त्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाएं हैं। ऐसे में इस नदी को पाकिस्तान की राष्ट्रीय नदी का भी दर्जा प्राप्त है। अब आप समझ लीजिए कि अगर भारत ने ये पानी रोक दिया तो क्या होगा? पाकिस्तान पानी की बूंद-बूंद के लिए तड़पेगा।

अब दर्द से कराह उठेगा पाकिस्तान, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने चलाया चाबुक

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आतंकियों को पनाह देने वाला और “हिंसा में हंसने” वाला पाकिस्तान अब कराह उठेगा। पहलगाम आंतकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जबरदस्त एक्शन दिखाया है। पीएम मोदी सऊदी अरब का दौरा रद्द करके वापस दिल्ली लौटे और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीएस की अहम बैठक की। इस बैठक में सरकार ने आतंकवाद पर चोट देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले किए हैं। सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता को रोक दिया है। इसके अलावा भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर एक मई तक उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी। मिस्री ने कहा, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक हुई। सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

सीसीएस बैठक में लिए 5 कड़े फैसले

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए सीसीएस ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया-

• 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।

• एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।

• पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।

• नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।

• भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों देशों से 5-5 सहयोगी स्टाफ भी हटाए जाएंगे। विदेश सच‍िव ने बताया क‍ि राजनयिक स्टाफ की संख्या घटाई जाएगी। दोनों हाई कमीशनों में स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। यह बदलाव 1 मई 2025 तक प्रभावी होगा।

पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा

-सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है, जो उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। भारत का यह कदम "पानी की सर्जिकल स्ट्राइक" के रूप में देखा जा रहा है।

-अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा।

-पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा से रोकने और मौजूदा SPES वीजा निरस्त करने से पाकिस्तान का क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) में प्रभाव कमजोर होगा। यह कदम पाकिस्तान से भारत में संदिग्ध व्यक्तियों की घुसपैठ को रोकने में प्रभावी हो सकता है

- 48 घंटे का अल्टीमेटम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है।

- पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा। यह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है।

पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार का एक्शन जारी, आज सर्वदलीय बैठक में क्या होगा फैसला?

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरा देश बदला मांग रहा है। मंगलवार को हुए इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई। इस घटना को लेकर बुधवार को पीएम मोदी के नेतृत्व में सीसीएस की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान पर तगड़ा एक्शन लिया गया। पाकिस्तानी राजदूत को देर रात तलब किया गया। वहीं, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गुरुवार यानी आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक

केंद्र सरकार पहलगाम आतंकी हमले पर राजनीतिक नेताओं को जानकारी देने और इस मामले पर उनकी राय जानने के लिए गुरुवार शाम को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से स्थिति पर महत्वपूर्ण अपडेट देने की उम्मीद है।

क्या अब होगी सैन्य कार्रवाई?

सूत्रों ने बताया कि राजनाथ के साथ सीडीएस व तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुखों की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा सकने वाले सैन्य कदमों पर चर्चा हुई। बाद में राजनाथ ने इन कदमों की जानकारी सीसीएस बैठक में पीएम मोदी व अन्य मंत्रियों के साथ साझा की। राजनयिक कदमों के अलावा पाकिस्तान को जल्द ही किसी सैन्य कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।

राहुल गांधी ने बैठक में होंगे शामिल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तमाम नेता अपने कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं। पीएम मोदी के सऊदी यात्रा बीच में छोड़कर भारत वापस आने का बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी अमेरिका यात्रा बीत में खत्म कर दिल्ली वापस लौट आए हैं। राहुल गांधी आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे।

राहुल के भारत वापस लौटने की जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दी। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा बीच में ही छोड़ दी है।

28 लोगों की दर्दनाक मौत

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। 28 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को 'हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा' हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं।

मजहब पूछकर गोली मारी क्‍योंकि उन्‍हें लगता है मुसलमानों को..., पहलगाम हमले पर रॉबर्ट वाड्रा का बयान

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कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम हमले पर अजीब बयान दिया है। गांधी परिवार के दामाद ने पहलगाम हमले को भारत के मुसलमानों से जोड़ दिया है।उन्होंने कहा है कि देश में हिंदू-मुस्लिम हो रहा है, इससे मुसलमान असहज महसूस कर रहे हैं और यही कारण है कि पहचान पूछकर आतंकवादी हत्याएं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र के लिए भी संदेश है कि देश का मुसलमान और अल्पसंख्यक कमजोर महसूस कर रहा है।

देश में मुसलमानों के खिलाफ माहौल-वाड्रा

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि इस हमले में जान गंवाने वालों 28 लोगों के प्रति मैं अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं। साथ ही विवादित बयान देते हुए कहा कि देश में जो मुसलमानों के खिलाफ माहौल बना हुआ है, उसकी वजह से ये हमला हुआ। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि ये बहुत कमजोर तरीका उन्होंने अपनाया है, निहत्थे लोगों पर वार करना गलत है। मुझे हमेशा लगा है, ये मेरी सोच है, कांग्रेस या मेरे परिवार की नहीं है, लोगों से मैं सीखता हूं। जो गलत हो रहा है मुसलमानों के साथ।

हिंदू-मुस्लिम नहीं रोका गया तो...

रॉबर्ड वाड्रा ने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि मुसलमानों को मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोक दिया जाता है या फिर मस्जिदों का सर्वे हो रहा है कि कोई मूर्ति मिल जाए, जो संभल में हो रहा है। अगर आप बाबर या फिर औरंगजेब की बात करते हैं तो अल्पसंख्यकों को दुख लगता है। इनको लेकर राजनीतिक होती है और रोक लगाई जाती है। धर्म और राजनीति को अलग होना चाहिए। अगर इसे नहीं रोका गया तो ये जो आतंकी हमला हुआ है, वो होता रहेगा। क्योंकि सबूत है कि उन्होंने आईडी देखकर गोली मारी। उन्हें मारना है या छोड़ना है, वो कहां से होता है। उनकी सोच है कि मुसलमानों को दबाया जा रहा है।

पीएम को एक संदेश है- वाड्रा

वाड्रा ने कहा कि ऐसी घटनाओं से आतंकी संगठनों को यह लग सकता है कि हिंदू, मुसलमानों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहचान देखकर लोगों को मारना, प्रधानमंत्री को एक संदेश है। वाड्रा के अनुसार, यह इन संगठनों को महसूस कराता है कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। पहचान देखकर और फिर किसी को मारना, यह पीएम को एक संदेश है, क्योंकि मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक कमजोर महसूस कर रहे हैं।